Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
09-17-2018, 02:12 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
बूढ़ा बड़े मज़े के साथ मेरी थाइस को मज़े ले ले कर सहला रहा था. थोड़ी ही देर मे उसने अपने एक हाथ को मेरी कमर पर रख दिया और मेरी कमर को भी बड़े धीमे धीमे से सहलाने लग गया था. उसे लग रहा था कि मैं सो रही हू और कही जाग ना जाउ इस लिए वो पूरी एहतियात बरत रहा था. थोड़ी ही देर बाद मेरी थाइस और कमर सहलाने के बाद वो बोहोत धीरे धीरे से मेरी साडी को उपर उठाने लगा. मैने हल्की सी चोर निगाह से देखा कि उसका रिक्षन क्या है वो कर क्या रहा है. पर जैसे ही मेरी नज़र दोबारा से उसके 3” के लिंग पर गयी तो मेरी हँसी निकलते निकलते रह गयी. 3” इंच के लिंग से मेरे साथ सेक्स करने के सपने देख रहा है ये सोच कर मैं मन ही मन मुस्कुराने लग गयी.

मैने जब एक नज़र चोर निगाह से उसकी तरफ देखा तो वो पूरी तरह से डरा हुआ था. उसने डरते हुए अपने कांप-काँपते हाथो से मेरी साड़ी को मेरी थाइस तक कर दिया. साड़ी हटने के बाद वो फिर से बड़े धीमे धीमे से मेरी थाइस को सहलाने लग गया. वो जिस तरह से मेरी थाइस को सहला रहा था मुझे मेरे पूरे शरीर मे गुदगुदी सी होने लग गयी थी. पर मज़ा भी खूब आ रहा. थोड़ी देर मेरी नंगी थाइस पर हाथ फिराने के बाद वो अपने हाथ को वहाँ से हटा कर मेरे ब्लाउस पर ले आया और अपने हाथो से मेरे उरोज को हल्के हल्के पुश करने लग गया. थोड़ी देर तक ब्लाउस के उपर से हाथ फिराने के बाद वो ब्लाउस के बटन को खोलने की कोसिस करने लगा. 

उसके हल्के हल्के उरोज दबाने से मुझे मज़ा तो आ रहा था पर डर भी लग रहा था कि कही वो मेरा ब्लाउस ना उतार दे. क्या मुझे सोने का नाटक जारी रखना चाहिए या उसे डाँट देना चाहिए क्यूकी उसकी हिम्मत और भी ज़्यादा बढ़ती जा रही थी. पर वो जिस तरह से मेरे उरोज दबा रहा था स्लोली स्लोली मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था. इस लिए मैने सोचा कि ब्लाउस के बटन खोल कर वो हल्का हल्का दबा लेगा जिस से मुझे कोई ज़्यादा परेशानी नही. वैसे भी थोड़ी ही देर मे स्टेशन आने वाला है. 

बूढ़े ने थोड़ी ही देर मे मेरे ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए और उन्हे दोबारा से हल्के हल्के सहलाने लग गया. मैं भी अपनी आँखे बंद किए उसकी इस हरकत का मज़ा लेने लग गयी. थोड़ी ही देर मे उसने उरोज सहलाते सहलाते मेरे एक उरोज को ब्रा के उपर से ही सक करने लग गया. मैं तो बुरी तरह से हड़बड़ा गयी. एक तो मेरा ब्लाउस गीला था और उपर से वो मेरे उरोज को सक कर रहा था मैं तो मज़े की एक नयी दुनिया मे खोती जा रही थी. पर मुझे पता था ये सब ग़लत है जो कुछ भी हो रहा है अगर किसी ने मुझे या इसे देख लिया तो हम दोनो के ही लिए मुसीबत हो जाएगी. इस लिए मैने अपनी आँखे वापस खोल कर उसको डाँट दिया.

“ये क्या बदतमीज़ी है. दूर हटो मुझ से” बोहोत धीमे से बोल कर मैने उसे अपने से दूर धकेल दिया

बूढ़ा मेरी इस हरकत से बुरी तरह से घबरा जाता है. और डर के मारे मुझसे दूरी बना लेता है पर थोड़ी ही देर मे वो फिर से शुरू हो जाता है. वो एक दम से मेरे आगे गिडगीडाने लग गया..

“देखो तुम अगर मुझे करने दोगि तो तुम्हारा कुछ नही घिसेगा. एक बार करने दो ना. थोड़ी तो दया करो.” वो इतनी बुरी तरह से मेरे पैर पकड़ कर गिडगीडा रहा था कि मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैं क्या करू. 

“तुम पागल हो गये हो. इतना मार खाने के और मेरे समझने के बाद भी तुम्हे अकल नही आई.” मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए कहा.

वो एक बार फिर से बुरी तरह से घबरा रहा था. अभी तक जितनी बार मे किसी के साथ इस तरह से हुई थी हर बार मेरी हालत डरी हुई होती थी पर इस बार बिल्कुल उल्टा था मैं ठीक थी और बूढ़ा मेरी जगह पर डरा हुआ था. उसके चहरे पर दया और घबराहट के मिले जुले भाव सॉफ दिखाई दे रहे थे. मैने एक नज़र फिर से उसकी तरफ देखा उसका 3” इंच का लिंग उसके हाथ मे था और वो उसे सहला रहा था.

“मैने तुम्हे अपनी सारी कहानी सुना दी. क्या तुम्हे मेरी कहानी सुन कर ज़रा भी दया नही आ रही है .” बूढ़े ने फिर से मेरे आगे गिडगीडा कर रोनी सी आवाज़ मे कहा.

वो जिस तरह गिड-गीडा कर मेरे आगे मुझसे रिक्वेस्ट कर रहा था मुझे उसकी हालत पर दया आ गयी इस लिए मैने उस से पूछा कि “मैं क्या कर सकती हू ?”

“तुम क्या नही कर सकती हो.. तुम सब कुछ कर सकती हो. उपर वाले ने तुम्हे वो चीज़ दी है जिसके बल पर तुम कुछ भी कर सकती हो कुछ भी करवा सकती हो” बूढ़े ने मुझे मक्खन लगाते हुए कहा.

“ऐसा कुछ नही है. उपर वाले ने कुछ भी नही दिया है. तुम्हे मेरे पास कोन सी जादू की छड़ी दिख गयी जो तुम ये बात बोल रहे हो” मैने भी अपनी तारीफ सुन कर थोड़ा बन ते हुए उस से पूछा.

“जादू की च्छड़ी ही दी है तुम्हे. और वो जादू की च्छड़ी है तुम्हारी खूबसूरती जिसके बल पर तुम कुछ भी कर सकती हो. किसी को भी अपनी उंगली पर नचा सकती हो.” बूढ़े ने फिर से एक बार अपनी चिकनी चुपड़ी बातो से मुझे अपने जाल मे फँसाने की कोसिस की.

“ह्म्म..!! पर तुम मुझसे क्या चाहते हो ?” मैने उसकी पूरी बात सुनते हुए कहा.

“कुछ नही.. बस थोड़ी सी दया मेरे उपर कर दो. अपनी इस खूबसूरती का रस थोड़ा सा मुझे भी चखा दो” बूढ़े ने इस बार थोड़ा खुल कर बोलते हुए कहा.

“क्या मतलब है तुम्हारा ? तुमने क्या मुझे ऐसा वैसा समझ रखा है?” मैने उस पर फिर से थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा.

“नही !! मेरा मतलब वो नही है. पर अगर तुम मेरा थोड़ा भला कर दोगे तो तुम्हारा तो कुछ कम नही होगा पर मेरा जीवन धन्य हो जाएगा” 

हम दोनो ही बोहोत धीमी आवाज़ मे बात कर रहे थे ताकि किसी को सुनाई ना दे और मैं बीच बीच मे ये भी देख रही थी कि कोई हमारी तरफ तो नही देख रहा है क्यूकी उसे तो कोई फरक पंडा नही था फरक मुझे ही पंडा था. मैं उसकी बात सुन कर कुछ नही बोलती. पर उसका लिंग देख कर और उसकी सुनाई हुई कहानी सोच कर मुझे बड़ी हैरानी होती है. क्यूकी अमित, मुकेस, संजय और रामकुमार के लिंग का साइज़ याद करके मैं सोच मे पड़ गई. क्या ये मुमकिन है कि इसकी बीवी को इसके 3” इंच के लिंग के साथ सेक्स करके मजा आता होगा ? क्यूकी जब से मैने अमित के साथ सेक्स किया था तो ये महसूस किया था कि जैसे ही उसका लिंग मेरी योनि की गहराई मे जितना ज़्यादा जाता था मुझे उतना ही ज़्यादा मज़ा आता था. ये बात समझ मे ही नही आ रही थी और उपर से वो मेरे आगे जिस तरह से गिडगीडा रहा था मुझे उस पर तरस आ गया. और वैसे भी कुछ ही देर मे स्टेशन आने वाला था इस लिए मैं उसे हां बोल दिया क्यूकी मुझे पता था कि कुछ भी ऐसा वैसा होने से पहले ही मेरा स्टेशन आ जाएगा और मैं उतर जाउन्गि.

“ठीक है..!!! मैं तुम्हे को-ऑपरेट करने को तैयार हू पर एक शर्त है.. तुम्हे जो कुछ भी करना है सिर्फ़ उपर से ही करोगे.”
Reply
09-17-2018, 02:12 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
मेरी बात सुन कर पहले तो बोहोत खुस हो गया पर मेरी पूरी बात सुन कर उसका चेहरा थोड़ा सा लटक गया. लेकिन को-ऑपरेट करने की बात सुन कर वो बोहोत खुस हो गया. उसने मेरी बात पूरी होती ही अपने एक हाथ को मेरी कमर पर दूसरे को मेरी थाइस पर रख दिया और फिर से बड़े आराम आराम से सहलाने लग गया. इस बार बार उसके हाथो मे एक अजीब ही किस्म का जलवा था जो उस जलवे को मेरे शरीर पर यूज़ कर रहा था. उसके हाथ मेरी थाइस पर इस तरह से चल रहे थे कि मुझे अपनी योनि गीली होना महसूस होने लग गयी. और उसका दूसरा हाथ मेरी कमर पर तो कभी मेरे नितंब पर घूम रहा था.

थोड़ी देर तक यूँ ही हाथ घुमाने के बाद उसने अपने एक हाथ को वापस मेरे उरोज पर रख दिया और उसे धीरे धीरे और फिर थोड़ा तेज तेज मसल्ने लग गया. मेरे मुँह से उसके इस तरह तेज़ी से उरोज मसलने की वजह से आह निकलने लग गयी. उसका एक हाथ मेरी थाइस सहलाते हुए मेरी योनि के उपर आ गया और सारी के उपर से ही वो मेरी योनि को सहलाने लग गया जिस वजह से ना चाहते हुए भी मेरी योनि ने तेज़ी के साथ पानी बहाना शुरू कर दिया.

मुझे बोहोत मज़ा आने लग गया था. एक बात जो अब तक मैने महसूस कि वो ये कि हर आदमी के हाथो मे अलग अलग किस्म का जादू होता है. मैने अपनी मस्ती मे क्या खो गयी उसने अपने हाथ को पीछे ले जा कर मेरी ब्रा का हुक खोल दिया जिस वजह से मेरी ब्रा पूरी तरह से खूल गयी. मैने उसे फॉरन अपने से दूर कर दिया. 

“मैने तुमसे मना किया था ना जो कुछ भी करना है उपर ही उपर कर लो पर तुमने ने मेरी बात नही मानी” मैने उसे फिर से डाँट ते हुए कहा.

“ग़लती हो गयी मुझे माफ़ कर दो. पर मैं क्या करू कपड़े के उपर से ज़रा भी मज़ा नही आ रहा है.” उसने फिर से गिड गीडाते हुए कहा. 

बात तो वो सही कह रहा था. मुझे भी ब्रा के उपर से उरोज दब्वाने मे उतना मज़ा नही आ रहा था और ब्रा भी से पानी भीगी हुई थी इसलिए वो थोड़ा चिपक रही थी. और असल बात तो ये थी कि मैं खुद भी यही चाह रही थी कि वो मुझसे खुद कहे कि मैं ब्रा उतारना चाहता हू. क्यूकी औरत कोई भी हो मन सबका होता है सेक्स करने का पर वो कभी अपने मुँह से नही कहती है कि मैं सेक्स के लिए तैयार हू वो सामने वाले का ही वेट करती है कि वो उससे अपने और उसके दोनो की मन की बात कहे.

कब उसने मेरी छाती से मेरी ब्रा को अलग कर दिया मुझे पता ही नही चला. और मेरी ब्रा को अपने हाथ मे पकड़ कर वो बोला कि “आज बोहोत दिनो बाद हाथ मे आई है. सालो हो गये हाथ मे लिए हुए’’ कह कर उसने मेरी ब्रा को चूमा और वही अपनी बगल मे ही रख लिया.

ब्रा के हटते ही मेरे दोनो उरोज ब्लाउस के बटन खुले होने की वजह से बाहर आ कर झाँकने लग गये. उसने बिना देर किए मेरे एक उरोज को अपने हाथ मे पकड़ लिया और दूसरे पर अपना मुँह लगा लिया. वो किसी छोटे बच्चे के जैसे मेरे उरोज पर अपना मुँह लगा कर उसे सक कर रहा था. 

“तुम्हारे दूध का टेस्ट तो बोहोत अच्छा है इतना टेस्टी तो मेरी बीवी के दूध का भी नही था.” उसने मेरे उरोज को मुँह मे लेकर चूसने के बाद कहा और फिर दूसरे वाले उरोज को भी मुँह मे ले कर सक करने लग गया. उसके सक करने का स्टाइल ऐसा था कि मुझे मेरे पूरे शरीर मे कंप-कंपी महसूस होने लगी. वो मेरे निपल को मुँह मे लार जैसे बिना दाँत वाला बच्चा चबा चबा कर दूध पीता है. वैसे ही वो भी मेरे निपल को सक कर रहा था.

उसने इसी बात का फ़ायदा उठा कर कर मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी 3” इंच के छोटे से लिंग पर रख दिया. निपल चूस्ते चूस्ते ही उसका हाथ मेरी साड़ी के अंदर से मेरी थाइस को सहलाते सहलाते हुए मेरी योनि तक आ गया. उसके हाथ को अपनी योनि पर महसूस करते ही. मैं बुरी तरह से हॅड-बड़ा गयी.. मुझे हॅड-बडाता हुआ देख कर उसने अपना हाथ फ़ौरन वहाँ से हटा लिया. और वापस से मेरी थाइस को सहलाने ला गया. पर वो मेरी थाइस सहलाते सहलाते वो बीच बीच मे अपने हाथो को मेरी योनि पर ले जाता और मेरी योनि के उपर भी अपना हाथ फिरा देता.

“एक बात कहूँ.” बूढ़े ने अपने मुँह को मेरे मुँह के एक दम करीब लाते हुए कहा. उसका मुँह अपने इतने करीब महसूस करते ही मुझे उसके मुँह से आती हुई गंदी सी स्मेल महसूस हुई. पर मैने उसके मुँह से आती हुई बदबू को नीग्लेट करते हुए उसकी बात को सुन कर कहा 

“क्या..!!!” मुझे लगा कि वो अब मुझसे अपने लिंग को सहलाने के लिए कहेगा. क्यूकी उसने मेरे हाथ को अपने लिंग पर रख तो लिया था पर मैने कुछ किया नही था. 

“मेरी बीवी भी बिल्कुल तुम्हारी तरह ही करती थी. उसे आदमी और औरत के रिश्ते के बारे मे कुछ नही पता था इस लिए वो कुछ करती नही थी. हर बार मुझे ही कहना पड़ता था. मुझे लगा कि गाँव की अनपढ़ लड़की है इस लिए वो कुछ नही जानती है पर तुम्हे देख कर अब समझ मे आ रहा है कि सब औरत एक सी होती है. पता सब को होता है कि क्या करना है पर करती कुछ नही है” बूढ़े ने अपनी बात कह कर अपने हाथ को मेरी थाइस से घूमाते हुए योनि पर ले जाकर पैंटी के अंदर से अपनी एक उंगली मेरी योनि मे घुसा दी.

उसने अपनी उंगली एक ही झटके मे इस तरह से अंदर कर दी कि मेरे पूरे शरीर मे दर्द की सी एक लहर दौड़ गयी. जिस वजह से मेरे मुँह से हल्की सी आह निकल गई. पर उस दर्द मे भी एक अलग मज़ा था. दर्द के कारण मेरी आँख खुल गयी और जब बाहर की तरफ देखा तो स्टेशन बिल्कुल नज़दीक आ गया था जहाँ मुझे उतरना था इस लिए मैने उसे अपने से अलग होने को बोल दिया और अपने सब कपड़े ठीक करने लग गयी..
Reply
09-17-2018, 02:12 PM,
RE: Hindi Porn Kahani तड़पति जवानी
बूढ़ा मुझसे दूर हो गया था और दूसरी सीट पर जा कर बैठ गया था. मैने अपने पूरे कपड़े ठीक किए और शांति से स्टेशन आने का इंतजार करने लग गयी. मैं अपने मन ही मन मे सोच रही थी कि मैं क्या थी और क्या हो गयी. मैं मनीष के साथ साथ खुद को भी धोका दे रही हू. समझ मे ही नही आ रहा था कि मैने जो किया वो सही किया या ग़लत या जो कुछ भी मेरे साथ हो रहा था वो सही है या ग़लत कुछ भी समझ मे नही आ रहा है…..
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

“ये सब क्या बकवास है” मनीष ने डायरी को टेबल पर ज़ोर से पटकते हुए थोड़ा गुस्से से चिल्लाते हुए कहा.

“ये डायरी आप की बीवी की है. और ये डायरी हमे इस बूढ़े के पास से आप की बीवी के पर्स मे से मिली है” पोलीस स्टेशन मे बैठे हुए उस पोलीस वाले ने मेरी तरफ देखते हुए कहा...

“कौन है ये बूढ़ा ?” मनीष ने उस बूढ़े को देख कर गुस्से से घूरते हुए कहा.

"ये वही बूढ़ा है, जिसके पास से हमे आप की बीवी का पर्स मिला है." पोलीस वाले ने अपनी कुर्सी से खड़ा हो कर मनीष की तरफ बढ़ते हुए कहा..

मनीष ने एक नज़र उस बूढ़े को देखा और उसके नज़दीक जाने लगा.. 

"कहाँ से मिला तुम्हे ये बॅग ?" मनीष ने उस बूढ़े आदमी का गलेबान पकड़ कर चिल्लाते हुए कहा..

"छोड़िए… छोड़िए… मनीष जी.. क्या कर रहे है आप" पोलीस वाले ने मनीष को गुस्से मे देख कर उसे बूढ़े से अलग करते हुए कहा..

"आप हमे ये बताइए कि इस डायरी मे जो कुछ भी लिखा है क्या वो सच है ?" पोलीस वाले ने मनीष को कुर्सी पर बैठने के लिए इशारा करते हुए कहा.

"बिल्कुल झूट है ये सब.. मेरी निशा ऐसी नही है.. वो तो एक दम सीधी साधी मासूम लड़की है.. मुझे लगता है इस बूढ़े ने ही पैसे के लालच मे मेरी निशा को मार दिया है और कही से ये डायरी लिखवा कर निशा के बॅग मे रख दी है." मनीष ने अपनी भीगी हुई आँखो के साथ पोलीस वाले को बताते हुए कहा..

मनीष की हालत बोहोत बुरी होती जा रही थी रो रो कर… 

"संभलो अपने आप को मनीष.. रोने से कुछ नही होगा.. पोलीस अपनी तरफ से पूरी कोसिस कर रही है और जल्दी ही तुम्हारी पत्नी निशा का पता लगा लेगी.." पोलीस वाले ने मनीष को दिलासा देते हुए कहा "अच्छा एक बात बताओ जब आप अपनी पत्नी के साथ आखरी बार थे तो उनका बिहेवियर कैसा था.."

"कैसा बिहेवियर था मतलब… आप कहना क्या चाह रहे है.. मैने आप से कहा ना ये डायरी एक दम झूठी है.. इसका मेरी निशा से कुछ भी लेना देना नही है.." मनीष ने पोलीस वाले को सफाई देने वाले अंदाज मे कहा.

"अच्छा ठीक है.. अब आप जा सकते है.. अगर ज़रूरत पड़ी तो हम आप को दोबारा बुला लेगे.. और आप बे फिकर हो जाइए आप की पत्नी बोहोत ही जल्दी मिल जाएगी आप को" पोलीस वाले ने मनीष को दिलासा दिल कर वहाँ से जाने को कहा.. 

मनीष ने जाते हुए उस बूढ़े आदमी की तरफ गुस्से से घूर कर देखा और वहाँ से चला गया.


दोस्तो आप ये नही समझ पा रहे होंगे कि अभी तो निशा की बस मे बूढ़े के साथ मस्ती चल रही थी 
फिर अचानक मनीष कहाँ से आ गया पुलिस कहाँ से आ गई . तो दोस्तो दरअसल हुआ ये था कि जब निशा बूढ़े के साथ मस्ती कर रही थी तभी उस बस का एक्सिडेंट सामने आते हुए ट्रक से हो गया था और बस में आग लग गई थी . एक्सिडेंट इतना भयानक था कि निशा की मौत हो गई थी . निशा बेहोश हो गई थी इसलिए बस से नही निकल पाई और बस मे ही जल गई थी इसीलिए उसे पहचाना नही जा सका क्योंकि मनीष को एक्सिडेंट का पता नही था . जब निशा शाम तक नही आई तो उसने पोलीस में कॉम्पलेंट की तब जाकर उसे ये सब बातें पता चली . निशा की बॉडी की पहचान नही हो पाई थी इसीलिए सब उसे लापता ही समझ रहे थे 



दा एंड

समाप्त
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,301,389 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,443 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,702 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,330 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,078 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,987,526 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,797,965 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,520,137 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,827,181 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,316 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)