Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
12-27-2018, 12:12 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
गाँव की नेहा से नेह conti..........................



अब लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद में भी झड़ने वाला था और कुछ ही पलों में एक तेज़ आवाज़ ‘आआआःह्हआआ’ के साथ मेरे लण्ड ने भी नेहा की चूत में पिचकारी चलानी शुरू कर दी और मैं निढाल होकर नेहा के ऊपर गिर पड़ा।

नेहा भी एकदम चित पड़ी थी।

अब आगे…

कुछ देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे, फिर मेरे फोन में 4 बजे का अलार्म बज गया, अब मैं नेहा के ऊपर से जल्दी से उठा और नेहा भी बैठ गई।

नेहा के बैठते उसकी चूत से खून ओर वीर्य दोनों बाहर निकलने लगे और बेड के पास फर्श पर टपक गया।

नेहा की चूत और उसके मम्मे बुरी तरह से लाल हो गए थे, उसकी चूत सूज गई थी, मैंने नेहा की चूत को कपडे से साफ कर दिया और उसने मेरे लण्ड को चाटकर साफ कर दिया।

जब नेहा उठी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था, मैं उसे सहारा देकर उसकी छत पर छोड़ आया और अपने कमरे में जैसे ही वापस आया तो बेड देखकर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई।

बेड की चादर बुरी तरह से खून में सन गई थी।

मुझे लगा कि अब तो मैं गया…

तभी मेरी नज़र बेड के पास रखी टेबल पर गई जहाँ वाटर कलर रखे हुए थे।

मैंने रेड कलर को एक ग्लास पानी में घोल कर बेड पर डाल दिया और लेट गया।

फिर में सरदर्द का बहाना करके दोपहर के 12 बजे तक सोता रहा।

उस दिन नेहा भी कॉलेज नहीं गई थी क्योंकि उसे बुखार हो गया था।
उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।

अब मैं बहुत खुश था क्योंकि जिससे पूरी गली के लड़के बात करने तक को तरसते थे, मैंने उसकी चूत मार ली थी।

अब मेरा मन उसकी गांड मारने के लिए करने लगा था।

अब ऐसे ही पूरा दिन गुज़र गया और रात के 8 बजे में ॠतु को पढ़ाने के लिए उनके घर गया।

तो जाते ही आंटी ने पूछा- रात को तू छत से ही चला गया था क्या?

मैंने बोला- जी आंटी!

वो बोली- ठीक है।

मैं फिर ऊपर वाले कमरे में चला गया, वहाँ नेहा लेटी हुई थी और ॠतु पढ़ रही थी।

मुझे देखकर नेहा बैठ गई।

मैंने नेहा से पूछा- क्या हुआ?

वो बोली- कुछ नहीं, बस रात सर्दी से बुखार हो गया।

मैं जोर से हँस पड़ा और बोला- इतनी गर्मी में सर्दी से बुखार हो गया?

और फिर ऋतु भी हँस पड़ी।

अब मैंने ॠतु को पढ़ाना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद आंटी ने नीचे से ॠतु को आवाज़ दी और नेहा की दवाई ले जाने के लिए बोला।

ॠतु नीचे चली गई, मैंने नेहा से कहा- क्यों, रात मज़ा आया या नहीं?

वो बोली- पहले तो मैं दर्द के मारे मर ही गई थी लेकिन बाद में बहुत मज़ा आया।

तो मैं बोला- आज रात को फिर आ जाना, क्या पता हम कल रहें, ना रहें?

इतना कहते ही उसने मेरा मुँह बंद कर दिया और बोली- आज तो कह दिया, अब कभी मत कहना… अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं भी ज़िंदा नहीं रहूँगी।

मैंने उसे कहा- पूरी रात मेरे कमरे का दरवाज़ा खुला रहेगा, एक बजे तक आ जाना…

वो बोली- ठीक है।

फिर मैं ऋतु को पढ़ा कर अपने घर आ गया और नेहा के आने की प्रतीक्षा करने लगा।

12.30 बजे नेहा मेरे कमरे में आ गई।

नेहा के आते ही मैं उस पर टूट पड़ा, उसे बुरी तरह से चूमने लग गया, उसका शरीर बुखार की वजह से अब भी गर्म था।

अब मैंने नेहा को पीछे बेड पर लिटा दिया और उसके मुँह में अपनी जीभ डालकर चूसने लगा, उसके चूचे कमीज के ऊपर से ही दबाने शुरू कर दिए।

5 मिनट बाद मैंने उसका कमीज उतार दिया और अब वो मेरे सामने ब्रा में थी।

मैंने उसके मुम्मे चूसने और दबाने शुरू कर दिए।

नेहा भी मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूचों पर जोर जोर से दबा रही थी और सिसकारी भर रही थी।

उसके चूचे फूल कर कड़े हो गए थे।

अब मैंने उसकी ब्रा भी उतार फेंकी, उसके चूचे मुझे आज कल से बड़े दिख रहे थे, मैं उनका निप्पल मुँह में लेकर चूसने लग गया।



अब नेहा और भी तेज़ सिसकारी लेने लगी थी, उसके चूचों से हल्का सफ़ेद पानी निकलने लगा था, जिसे में बड़े चाव से पी रहा था।

अब मैं उसके कान के पीछे और गर्दन पर किस करने लग गया, नेहा तो पागल सी होती जा रही थी।

फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी और एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाने लग गया ओर एक हाथ से उसकी चूत को।

मैंने उसकी पैंटी भी उतार फेंकी जो गीली हो गई थी, उसकी चूत भी सूजी हुई थी।

मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में जैसे ही डाली, वो कराह उठी।

फिर मैंने धीरे धीरे ऊँगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को चाटने लग गया।

फिर मैंने उसकी गांड भी चाटनी शुरू कर दी।

अब नेहा मादक आवाज़ें निकाल रही थी और मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा कर बोल रही थी- जान खा जाओ मेरी चूत को आआज्ज…

फिर हमने पोजीशन बदली और 69 की पोजीशन पर आ गए, अब वो मेरे लण्ड की मुट्ठ मार रही थी और अपने होंठों से चूस रही थी।

अब मैं उसकी चूत और गांड दोनों को चाट रहा था और उसके चूचों को भी मसल रहा था, उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था जिसे मैं चाट रहा था।

अब मैंने एक हाथ उसके चूचे से हटाकर एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी।

नेहा के मुख से ‘ऊऊम्मम्मह्ह्ह्ह् ऊऊम्मम्मह्ह्ह्ह् ! की आवाज़ आ रही थी।

मैंने नेहा को घोड़ी बनने को कहा तो वो उठी और घोड़ी बन गई।

नेहा मुझ से बोली- जान धीरे से करना, कल बहुत दर्द हुआ था।

मैं बोला- ठीक है, आज पीछे से करूँगा, थोड़ा दर्द होगा, पर सह लेना… बाद में कल से भी ज्यादा मज़ा आएगा।
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12-27-2018, 12:12 AM,
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गाँव की नेहा से नेह conti..........................


वो बोली गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है, मुझे मेरी सहेली ने बताया था।

मैंने कहा- मैं धीरे से करूँगा।

मैंने अपनी ऊँगली पर खूब सारी वैसलीन ली, और उसकी गाँड में अंदर तक अच्छी तरह से लगा दी।
थोड़ी अपने लंड पर भी लगा ली।

जैसे ही मैं धक्का लगाने की कोशिश करता, वैसे ही नेहा आगे को हो जाती, कितनी ही बार ऐसा हुआ।

फिर मैंने उसे बेड से नीचे उतार कर झुकने को कहा, वो झुक गई।

मैंने उसे कस के पकड़ लिया और लण्ड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर सही तरह टिका कर जोर से दबाया, जैसे ही मेरा सुपाड़ा अंदर गया, नेहा चीख पड़ी- आआआआईईई ‘मेरी गांड फट गई, छोड़ दो मुझे, मुझे नहीं मरवानी गांड !

मैं उसके ऊपर झुक गया और उसकी कमर गर्दन और कान को चूमने लग गया।

थोड़ी देर में नेहा का दर्द कम हो गया और इसी बात का फायदा उठाते हुए मैंने एक धक्का जड़ दिया।



अबकी बार मेरा लण्ड आधे से ज्यादा उसकी गांड में उतर गया, नेहा रो पड़ी और वो रोते हुए कह रही थी- छोड़ दो प्लीज, मुझे छोड़ दो!

तभी मैं बोला- बस हो गया, अब नहीं होगा दर्द !

मैं उसे लगातार किस किये जा रहा था और उसकी चूची दबा रहा था।

जब नेहा रो रही थी तो मैं यह सोच कर बड़ा खुश था कि मेरे लण्ड में इतना दम है।

फिर मैंने उसे बातों में लगाये रखा और अपना लन्ड धीरे धीरे उसकी गांड में सरकाता रहा।

जब मेरा लंड उसकी गांड में जड़ तक पहुँच गया गया, तब मैं कुछ देर रुका।

उधर नेहा की आँखों से आँसू लगातार टपक रहे थे, कुछ देर में उसका दर्द कम हो चला था।

अब मैंने अपना लण्ड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरु कर दिया।

शायद अब उसे भी मज़ा आने लगा था और उसने अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी थी।

उसे दर्द तो अब भी हो रहा था पर अब उसके मुख से हल्की ‘आआआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह ‘की आवाज़ भी निकलने लगी थी और मैंने अब अपने धक्कों की रफ़्तार कुछ बढ़ा दी थी।

और कुछ ही देर में नेहा का दर्द बिल्कुल गायब हो गया, वो कूल्हे उठा कर मेरा साथ देने लगी।

अब उसके मुख से निकलने वाली आवाज़ें तेज़ होने लगी थी, वो कह रही थी- फाड़ दे मेरी गांड को साले ! और जोर से कर, और जोर से, !

अब मैं भी पूरी ताक़त से धक्के मार रहा था पर नेहा ने तो एक बात रट ही ली थी- और जोर से… और जोर से!

अब मैं थक चुका था तो मैं बेड पर लेट गया और उसे अपने ऊपर आने को कहा।

वो मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठकर अपनी कमर उचकाने लगी।

अब मैंने उसके दोनों चूचों को चूसना और दबाना शुरू कर दिया।

नेहा तो मानो सातवें आसमां पर थी और उसकी मादक आवाज़ें निकल रही थी- आआःह हआआ उम्म्म उम्म्म ऊओह्ह्हू !!

उसने भी मेरे ऊपर चुम्बन की बौछार कर दी थी।

अब मेरा वीर्य निकलने वाला ही था इसलिए अब मैं नेहा के ऊपर आ गया।

मैंने अपना लण्ड उसकी गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया।

उसकी चूत इतनी गीली हो गई थी कि एक ही बार में मेरा आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में फच्च से चला गया और फिर में धक्के लगाता रहा।

अब कमरे में ‘फच्च फच्च’ की आवाज़ें गूंजने लगी थी और नेहा भी अपनी मोहक आवाजों के साथ मेरा पूरा साथ दे रही थी।

तभी मेरा लण्ड उसकी चूत में एकदम फूल गया, मेरे शरीर में खिंचाव के साथ मेरे लण्ड ने उसकी चूत में वीर्य की बौछार करनी शुरु कर दी।

इसी के साथ नेहा की भी चीख निकल पड़ी और उसका शरीर भी एकदम अकड़ गया।
वो मुझ से इस तरह से चिपक गई जैसे चमगादड़ दीवार पर चिपक जाती है।

हम दोनों एक साथ ही झड़ गए और मैं नेहा के ऊपर कुछ देर तक ऐसे ही पड़ा रहा।

फिर मैंने नेहा की चूत से अपना लण्ड निकाल लिया, नेहा मेरे लण्ड को चूसने लग गई और मेरे लण्ड पर लगा सारा कामरस अच्छी तरह से साफ़ कर दिया और अपनी चूत भी साफ़ कर ली।

और मैंने उसकी गांड पर लगा खून भी साफ़ कर दिया।

नेहा को खड़ा होने में भी दिक्कत हो रही थी, मैंने ही उसे सहारा देकर खड़ा किया फिर मैंने उसकी गाण्ड, जो सूज गई थी, पर बोरोलीन लगाई और उसे एक दर्दनिवारक की गोली देकर उसके कमरे तक उसे छोड़ कर आ गया।

अपने कमरे में आकर मैंने अपना लण्ड देखा जो छिल गया था, मैंने उस पर भी बोरोलीन लगाई और सो गया।

उसके बाद हमारी चुदाई का कार्यक्रम लगभग रोज़ चलने लगा और करीब एक साल तक हमने खूब जमकर चुदाई की जिसकी वजह से हमारी हर रात को सुहागरात मनती थी।

उसके बाद नेहा की शादी हो गई।

नेहा मेरे साथ फ़ोन पर अब भी बातें करती है, कहती है- चुदाई को जो सुख मेरी जान तूने मुझे दिया, उसे दुनिया का कोई भी मर्द मुझे नहीं दे सकता।

अब नेहा के एक 3 साल का लड़का और 1 साल की लड़की भी है, और जब भी वो गाँव में आती है तो मैं भी गाँव में चला जाता हूँ!
आज भी अगर हमें चुदाई करने का मौका मिलता है तो हम चूकते नहीं हैं।
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12-27-2018, 12:12 AM,
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दूधवाली का हुस्न 


कुछ दिन शिवानी के साथ बिताने के बाद उसके पापा का ट्रान्सफर हो गया और वो सपरिवार दूसरे शहर चले गए।
तब मैं अकेला रह गया और नई-नई चूतों के सपने देखने लगा।

तभी मैंने एक दिन अपनी दूध वाली आन्टी की लड़की देखी।

वो दिखने में एकदम मस्त थी.. उसका रंग साफ था और उसकी छवि बहुत ही अच्छी थी।
उसका फिगर 32-26-34 का था।
उसके होंठ एकदम गुलाबी थे और दोस्तों उसकी पिछाड़ी तो एकदम मस्त थी..
जब वो मटक-मटक कर चलती थी तो किसी का भी लण्ड सलामी देने लगता।

आप ये सोच रहे होंगे कि मैं उससे मिला कैसे.. तो मैं आपको बताता हूँ।

एक दिन दूध वाली आन्टी को बुखार आ गया.. तो उनकी जगह उनकी लड़की दूध देने आई।

मैं तो बहुत दिनों का प्यासा था। मैं उसे घूर कर देखने लगा।

मैंने उससे पूछा- आन्टी नहीं आईं।

तो उसने कहा- मम्मी को बुखार आ गया और पापा नौकरी पर चले गए.. इसलिए मैं आ गई।

मैंने उससे उसका नाम पूछा.. उसने अपना नाम काजल बताया और वो चली गई।

मैं बहुत खुश था। मैं नई चूत के सपने देखने लगा। उस दिन मैंने उसके बारे में सोच कर दो बार मुठ मारी और अगले दिन का इन्तजार करने लगा।

अगले दिन वो फिर आई.. मैं तो पहले से तैयार था।

दोस्तों क्या मस्त माल लग रही थी वो.. उसने लाल रंग का सलवार-सूट पहना हुआ था.. जो उस पर बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने उससे कहा- आज तुम बहुत सुन्दर लग रही हो।

उसने ‘थैंक यू’ कहा और मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी।

मेरा तो उसको देखते ही लण्ड तम्बू बनकर लोअर से बाहर झाँकने लगा। मैंने उसे छुपाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने वो देख लिया।

उसके चेहरे पर मुझे अजीब से भाव दिखाई दिए। फिर वो शरारत से हँस कर दूध देकर जाने लगी।

मैंने ना चाहते हुए भी उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया। वो छूटने का नाटक करने लगी।

मैंने उससे कहा- तुम मुझे अच्छी लगती हो..

मैं उसे होंठों पर चुम्बन करने लगा।

पहले तो उसने थोड़ा विरोध किया लेकिन बाद मैं वो मेरा साथ देने लगी। मैं उसे गोद में उठा कर कमरे में ले आया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसके विरोध न करने से ये तय हो चुका था कि उसका मन भी चुदने का था।

हम दोनों एक-दूसरे को चुम्बन करने लगे। मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया.. उसने कच्छी नहीं पहनी थी। साली की चूत भी सफाचट थी।

मैंने उससे पूछा- आज ही साफ़ की?

वो मुस्कुरा कर बोली- हाँ.. तुम्हारे ही लिए की।

मैं उसकी बात सुन कर मस्त हो गया और उसका कुरता भी उतार दिया।

नीचे ब्रा भी नहीं थी।

उसके ठोस मम्मे देख कर मैं शिवानी की चूचियाँ भूल गया।

मैंने उसके आम जैसे मम्मों को चूसने के लिए अपना मुँह आगे को बढ़ाया और उससे कहा- आज मुझे अपना ही दूध पिला दो।

उसने कुछ नहीं कहा.. बस वो शरमा गई।

फिर मैं उसके स्तनों को चूसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं एक हाथ से उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत गीली हो चुकी थी।

मैंने उससे लण्ड चूसने को कहा.. लेकिन पहले तो उसने शर्मा कर मना कर दिया, पर मेरे थोड़ा कहने पर वो मान गई।

फिर वो मेरे लण्ड को चूम कर चूसने लगी और मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था।
उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.. वो मेरे लण्ड को मजे से चूस रही थी।

लगभग 10 मिनट के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया उधर उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।

फिर हम ऐसे ही लेटे रहे। मैं उसके स्तनों से खेल रहा था।

मैं फिर से दूसरे राउंड के लिए तैयार था। मैंने उसे उठाया और उसके चूतड़ों के नीचे दो तकिए लगा दिए।

मैं लण्ड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा..

वो मचलने लगी और कहने लगी- जल्दी डालो ना प्लीज.. अब मत तड़फाओ.. डाल दो न..

मैंने पोजीशन सैट की और लण्ड को उसकी चूत पर लण्ड लगा कर अन्दर की ओर हल्का सा धक्का लगाया।
लण्ड का सुपारा उसकी चूत में चला गया, उसके मुँह से हल्की सी कराहने की आवाज आई।

मैंने दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया.. अब वो दर्द से छटपटाने लगी और लण्ड को निकालने की कोशिश करने लगी। मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और चूसने लगा। उसकी आँखों से आंसू आने लगे।

मैं कुछ देर तक रुका रहा.. जब वो कुछ नार्मल हुई.. तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।

लगभग 7-8 मिनट के बाद वो दूसरी बार झड़ गई।
मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और कुछ देर बाद वो फिर से अकड़ गई.. उसी के साथ उसने मुझ कस कर पकड़ लिया.. और वो झड़ गई। फिर वो निढाल होकर शान्त हो गई।
कुछ और झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और उसी के ऊपर गिर गया।
हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे फिर हम फ्रेश हुए और फिर वो चली गई।

फिर वो अगले 5 दिनों तक रोज आई और हम ऐसे ही चुदाई करते रहे।

फिर जब कभी उसे मौका मिलता.. वो दूध देने के बहाने आ जाती और हम चुदाई करते।

कुछ महीने बाद उसकी शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई।

अब मैं फिर से अकेला हो गया और नई चूत को खोजने में लग गया।
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12-27-2018, 12:15 AM,
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गावं की दास्तान




हेलो दोस्तो मेंरा नाम रॉक्सी है में दिल्ली की रहने वाली हूँ में कॉलेज की स्टूडेंट हूँ ग्रेजुयेशन कर रही हूँ मेंरी उम्र 21 साल है में दिखने में काफ़ी सेक्सी हूँ मेंरी क्लास का हर एक लड़का मुझे चोदने के लिये बेताब रहता है। क्या करू में हूँ ही इतनी चुदकड़ मैने 18 साल की उम्र में ही अपनी चूत मरवा ली थी अपने बॉयफ्रेंड से।
उसके बाद तो बहुत से बॉयफ्रेंड बने और सब से चुदाई का सिलसिला चलता रहा जो बॉयफ्रेंड मुझे चोदता उसे मेंरे जिस्म की लत लग जाती और उसका दिल मुझे बार बार चोदने का करता मेंरी चुचिया 38 की है है बड़े बड़े ब्राउन निपल है पतली कमर और 36 की गांड छोटे छोटे कपड़े पहना मुझे अच्छा लगता है क्योकि उसमें मेंरा फिगर साफ नज़र आता है मेंरे पापा एक बिजनेसमैन है हमारी एक फैक्ट्री है मेंरी माँ एक हाउसवाइफ है में मेंरे घर की इकलोती लड़की हूँ तो मुझे पूरी आज़ादी है तो अब में स्टोरी पर आती हूँ।
एक दिन की बात है में कॉलेज से घर आई। आकर में डाइनिंग टेबल पर बेठ गई। वहाँ मैने देखा की किसी की शादी का कार्ड पड़ा हुआ है मैने माँ से पूछा की ये कार्ड किसकी शादी का है माँ ने कहाँ बेटी तेरे चाचा जी की लड़की की शादी है उसका कार्ड है कल हम सब गावं जा रहे है में खुश हो गई और माँ को कहाँ की में मार्केट जा रही हूँ शॉपिंग करने और मैने माँ से पैसे लिये और मार्केट चली गई में सबसे पहले पार्लर गई वहाँ जाकर मैने अपने हाथों और टांगो पर वेक्स करवाई और एक दम चिकनी हो गई और अपना हेयर स्टाइल बनवाया और फेशियल करवाया फिर में कपड़े लेकर घर आ गई माँ ने भी जाने की सब तैयरियां कर ली थी। हम सब शादी से एक हफ़्ता पहले जा रहे थे ताकि शादी में हाथ बटा सके और हमने सामान पेक कर लिया ऐसे ही तैयरियो में रात हो गई। पापा भी आ गये और हम सब रात को डिनर करके सो गये।
अगली सुबह में 8 बजे उठी और तैयार होने लगी क्योंकी हम 9 बजे घर से निकलने वाले थे में 8:30 बजे नहा धोकर तैयार हो गई थी मैने कट स्लीव पीले कलर की टी शर्ट डाली हुई थी जिसमें मेंरे बूब्स रॉकेट की तरह बाहर की तरफ खड़े हुऐ थे और नीचे मैने केफरी डाली जो मेंरे घुटनो के ऊपर तक थी केफरी पूरी टाइट थी जिसमें मेंरी गांड गोल और बाहर की तरफ निकली हुई थी में एकदम पटाके की तरह लग रही थी। फिर माँ और पापा भी तैयार हो गये थे और हम सब अपनी कार से गावं के लिये रवाना हो गये हमारा गावं सिटी से काफ़ी दूर है जिसमें लगभग 4 घंटे का रास्ता है। में बहुत बोर हो रही थी तो मुझे पता नही कब नींद आ गई और में सो गई जब मेंरी नींद खुली तो मैने पापा से पूछा की पापा हम कहाँ तक पहुँच गये है तो पापा ने जवाब दिया की हम पहुँच चुके है। में ये सुनकर खुश हो गई 10 मिनिट बाद हम अपने गावं वाले घर पहुँच गये उस घर में मेंरे चाचाजी (उम्र 40 साल) और ताई जी (उम्र 50 साल) रहते थे और शादी मेंरे चाचा जी की लड़की की थी। गावं वाला घर बहुत ही बड़ा था बिल्कुल किसी हवेली की तरह। हम घर के अंदर आये तो देखा की ताई जी और चाचाजी हमारा स्वागत करने के किये खड़े थे माँ और पापा पहले चाचाजी से मिले फिर चाचाजी की नज़र मुझ पर गई मैने उन्हे देखा और स्माइल करते हुये उन्हे नमस्ते करा चाचाजी ने हेरान होते हुये कहाँ अरे रॉक्सी तुम तो बहुत ही बड़ी हो गई हो और समझदार भी और मुझसे गले मिले जब वो मेंरे से गले मिले तो मेंरी चुचिया उनकी छाती पर टच हुई मुझे लगा की अंजाने में हुई है तो मैने इस बात को यही छोड़ दिया फिर हम ताई जी से मिले वो भी मुझे देख कर बोले इतनी सी थी जब तू यहाँ से गई थी और आज इतनी बड़ी हो गई है हमारी रॉक्सी पापा को देखते हुये कहाँ बहुत समझदार है तेरी बेटी पापा ने गर्व से कहाँ तो फिर बेटी किसकी है और सब हँसने लगे।
फिर हम बाकी के रिश्तेदारो से मिले और ऐसे ही रात हो गई हम सब काफ़ी थके हुए थे तो हमें नींद आ रही थी और हम रात का डिनर करके सो गये अगली सुबह में 9 बजे उठी देखा की सब तैयारियो में लगे हुये है फिर में नहाने चली गई में बाथरूम में गई वहाँ जाकर कपड़े उतारे और नंगी हो गई और नहाने लगी मैने साबुन को अपने बूब्स पर लगाना शुरू किया और फिर बाकी सब जगह पर धीरे धीरे में नीचे की तरफ आई जब मैने साबुन को चूत पर लगाया तो मेंरी चूत में खुजली होने लगी और उसमें आग लगने लगी जैसे मेंरी चूत मुझसे कह रही हो की रॉक्सी डाल इसमें कुछ शांत कर मुझे। और में गरम होने लगी थी मैने अपना हाथ अपनी चूत पर मसलना शुरू कर दिया और सेक्स की दुनिया में खो गई चूत में बहुत झाग उठ रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था फिर मुझसे रहा नही गया और में ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत में उंगलियां करने लगी और दूसरे हाथ से अपनी चुचियो को मसलने लगी और लंबी लंबी साँसे लेने लगी जिससे आअहह सिसकारियां निकलने लगी मैने अपनी आँखें बंद की हुई थी में ये सोच रही थी की ये उंगली नही किसी का लंड है और कोई मुझे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा है 10 मिनिट के बाद मेंने अपना पानी छोड़ दिया और शांत हो गई और नहा कर अपने कपड़े पहन कर बाथरूम से बाहर गई मेंने हरे कलर की स्कर्ट डाली और ऊपर टी शर्ट डाली मेंरी गांड बहुत ही बाहर की तरफ दिखाई दे रही थी। फिर में माँ के पास जाकर फूलों की माला बनाने लगी।
तकरीबन 45 मिनिट के बाद मुझे याद आया की मेंरी गीली पेंटी बाथरूम में ही रह गई है जो नहा कर उतारी थी में झट से उठी और बाथरूम में अपनी पेंटी लेने गई मेंने जैसे ही अपनी पेंटी को हाथ में लिया तो में चोक हो गई ओह्ह्ह्ह माइ गोड।मेंरी पूरी पेंटी वीर्य ( लंड का पानी ) से भीगी हुई थी और वीर्य मेंरे हाथों में चिप चिप करने लगा था में सोचने लगी की ये किसका काम हो सकता है कौन है जो मेंरी चूत मारना चाहता है में कन्फ्यूज़्ड थी की ऐसा काम कौन कर सकता है मेंने फिर अपनी पेंटी को धोया और साफ की और बाहर गई। जब में बाथरूम के बाहर आई तो बाहर चाची खड़ी थी मेंने चाची से पूछा चाची मेंरे नहाने के बाद बाथरूम में कौन आया था चाची से कहाँ पता नही बेटी क्यो क्या हुआ। मेंने कहाँ कुछ नही बस ऐसे ही पूछ रही हूँ तभी चाची की लड़की आई (जिसकी शादी थी वो बोली) अभी अभी में गई थी और मुझसे पहले पापा गये थे। मेंने कहाँ ओके। फिर में सोचने लगी की शायद ये काम चाचा ने किया हो लेकिन में हेरान थी की चाचा ऐसा क्यो करेंगे। कुछ भी कन्फर्म नही था। फिर में वहाँ से चली गई मेंरी निगाहें चाचा को ढूंड रही थी लेकिन वो कही नज़र रही आ रहे थे फिर में वापिस माँ के पास चली गई और काम करने लगी घर के काम करवाते करवाते पता ही नही चला की कब शाम हो गई है। उन दिनो बहुत गर्मियां थी तो काम करते हुये पसीना आ रहा था और मुझे तो कुछ ज़्यादा ही आता था क्योकी सेक्स बहुत था मुझमें मेंरी सारी टी शर्ट पसीने से मेंरे जिस्म के साथ चिपक गई थी और टी शर्ट के बाहर से ब्रा की शेप साफ नज़र आ रही थी वहाँ सब मर्दो की नज़र मेंरे पसीने से भरे बदन पर थी।
रात के 8 बज चुके थे और गर्मी भी बहुत थी तो माँ ने मेंरी हालत देखते हुये कहाँ की जाओ एक बार दुबारा नहा आओ तुम्हे बहुत पसीने आ रहा है में भी मान गई और बाथरूम में चली गई वहाँ में दुबारा नहाई लेकिन इस बार मेंने अपनी ब्रा बाथरूम में ही टाक दी और सिर्फ़ टी शर्ट और स्कर्ट डाल कर बाथरूम के बाहर आ गई क्योकी में देखना चाहती थी मेंरे बाद बाथरूम में अब कौन जायेगा इसलिये में पास वाली सीडियों के पीछे छिप गई और देखने लगी। 10 मिनिट बाद चाचा जी बाथरूम में गये और 20 मिनिट बाद बाहर आये और चले गये में भाग कर बाथरूम में गई। जब मेंने जाकर अपनी ब्रा को देखा तो में समझ गई की ये काम चाचा जी का ही है। मेंरी ब्रा पूरी तरह से वीर्य से भीगी हुई थी और ब्रा में से बहुत तेज गंद आ रही थी जब मेंने अपनी ब्रा को सूघां तो वीर्य की सुघंद मेंरे दिमाग़ में चड़ने लगी और में गरम होने लगी में ब्रा की गंद को फील करने लगी और मुझमें सेक्स चड़ने लगा फिर मेंने अपनी टी शर्ट उतार दी और उस वीर्य से भरी ब्रा को पहन लिया जब गीली गीली ब्रा मेंरे सूखे चुचो पर लगी तो मेंरी सिसकारी निकल गई। फिर मेंने वो ब्रा उतारी और जो वीर्य मेंरे चुचो पर रह गया उसे मैने मल दिया फिर मेंने ब्रा की गंद को सूंघा और उसे चाटने लगी वीर्य का टेस्ट बहुत ही नमकीन था लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मेंने अपनी पेंटी को नीचे किया और अपना हाथ स्कर्ट में डाल कर अपनी चूत में तीन उंगलियां देनी शुरू कर दी और अपनी चूत को चोदने लगी 10 मिनिट के बाद मेंरा पानी निकल गया जो मेंने अपनी ब्रा में छोड़ दिया और शांत हो गई। मेंने सोचा अगर चाचा जी का वीर्य इतना मस्त है तो चाचा जी का लंड भी बड़ा मस्त होगा और चाचा जी भी मुझे चोदना चाहते है क्यो ना उनके साथ चुदाई करके खूब आनंद ले लिया जाये बस अब एक इशारा बाकी था जो मुझे चाचा को देना था।
फिर में अपनी ब्रा को धोकर बाथरूम के बाहर आ गई। सीडियो के पास चाचा खड़े होकर मोबाइल पर किसी के साथ बात कर रहे थे। और में उन के पास से गुजर रही थी जब में गुजर रही थी तो मेंने चाचा को तिरछी नज़रों से देखा और ब्रा की तरफ इशारा करके स्माइल दी। चाचा फोन पर बात करते हुये मुस्कुराऐ और शर्मा कर मेरी और देखने लगे और में वहाँ से चली गई जाते हुये जब मेंने पीछे पलट कर देखा तो चाचा जी मेंरे हिलते हुए चुतडो को देख रहे थे। में समझ गई थी की चाचा का लंड बहुत ही प्यासा है। रात को लेडीस संगीत था और हम सब खाना खाने क बाद तैयार हो गये मेंने ल़हंगा और चोली डाली जो काफ़ी मॉडन लुक में थी मेंने ल़हंगा कमर से काफ़ी नीचे बांधा हुआ था और चोली बहुत ही छोटी थी सिर्फ़ बूब्स ही ढके थे बाकी सब नंगा दिख रहा था मेंने हल्का हल्का मेंकअप किया और बालों को खुला छोड़ दिया जब मेंने शीशे में अपने आप को देखा तो में सविता भाभी जितनी सेक्सी लग रही थी फिर हम सब हवेली के आँगन में गये और डांस करने लगे मेंने देखा की चाचा मुझे खड़े होकर देख रहे है फिर डी.जे. वाले ने जलेबी बाई का गाना चला दिया और मेंने चाचा की तरफ सेक्सी नज़र से देखा और अपनी कमर और गांड को गोल गोल घुमा कर स्टेप किया जैसा मल्लिका शेरावत ने इस गाने में किया था और चाचा मुस्कुराने लगे फिर मेंने चाचा की लड़की जो मेंरे साथ डांस कर रही थी मेंने उसे कहाँ की क्या बात चाचा जी डांस नही करते क्या। उसने कहाँ करते है रॉक्सी में अभी उन्हे लेकर आई। वो चाचा के पास गई और उन्हें डांस करने के लिए कहाँ पहले चाचा ने मना किया लेकिन दुबारा कहँने पर वो मान गये और डांस करने लगे जब चाचा डांस करने लगे तब बच्चे बूढ़े जवान सारे डांस करने लगे जिससे काफ़ी भीड़ हो गई चाचा डांस करते हुये मेंरे पास गये। हम दोनो एक दूसरे के सामने डांस करने लगे अचानक ज़्यादा भीड़ के कारण मुझे पीछे से धक्का लगा और में चाचा से लिपट गई और चाचा का हाथ मेंरी गांड पर चला गया ये सब सिर्फ़ 2 सेकेंड में हुआ और किसी को कुछ पता नही चला क्योकी सब डांस कर रहे थे और में झट से चाचा से दूर हुई और डांस फ्लोर से बाहर आकर खड़ी हो गई और चाचा भी मेंरे साथ आकर खड़े हो गये और बोले रॉक्सी तुम डांस तो कमाल का करती हो किसी से ट्रैनिंग ली है या अपने आप सीखा है।
मैं बोली जी अपने आप सीखा है सब कुछ चाचा जी………..गुड मुझे भी सीखना है सीख़ाओगी..?? मैं ………..क्यो नही चाचा जी कौन सा डांस सीखना है आपको..? चाचा जी मेंरी तरफ आँख मारते हुये बोले वही अप डाउन और आगे पीछे वाला डांस मैं शर्मा गई और बोली वो डांस सबके सामने नही होता चाचा मेंरे करीब आये और मेंरे कान में बोले हवेली का सबसे पीछे वाला कमरा खाली है में वहाँ तुम्हारा इन्तजार कर रहा हूँ और चले गये में मन ही मन में बहुत खुश हो गई की आज मेंरी चूत में लंड जाने वाला है फिर में 10 मिनिट के बाद सबसे नज़रे चुरा कर हवेली के सबसे पीछे वाले कमरे में चली गई और उस कमरे में कोई नही आता जाता था क्योकि वो हवेली के दूसरी साइड में था। में हवेली के पीछे गई वहाँ चाचा उस कमरे के बाहर खड़े थे और में कमरे के अंदर चली गई और चाचा ने इधर उधर देख कर रूम को अंदर से बंद कर दिया मेंने चाचा से पूछा आप क्या चाहते हो…?? और चाचा ने जवाब दिया में तुम्हे करीब से देखना चाहता हूँ में कुछ जवाब देती उससे पहले उन्होने अपना हाथ मेंरी चोली में डाल दिया चोली में हाथ डालते ही उन्होने मेंरे बूब्स दबाने शुरू किये और निपल पर चिमटी भरने लगे। मेंने कहाँ ये क्या कर रहे है उनसे कहाँ अब रहने दो रॉक्सी मुझे पता है की तुम क्या चाहती हो और उन्होंने अपना पजामा सरका दिया और मेंरे हाथ में अपना लंड दे दिया।
उनका लंड काफ़ी मोटा था और 8” इंच लंबा था उस तने हुये लंड को देखकर मुझे नही रहा गया मेंने अपने चाचा जी के लंड को सहलाना शुरू किया और कहाँ आप को करीब से देखना है तो देख लीजिए पर मुझे बदले में कुछ चाहिये। में उठ कर खड़ी हो गई और अपना ल़हँगा और चोली ऊतार दिया मेंरे चाचा जी ने दोनो हाथ से मेंरे बूब्स को दबाया और पागलो के जैसे चूसने लगे फिर एक हाथ से मेंरी पेंटी को उतारा और मेंरी चूत पर ले जा कर उसमें दो उंगली डाल दी मेंरी चूत गीली हो गई थी। फिर चाचा जी बोले ओहो रॉक्सी तू तो बहुत खुश हो गई है मेंने कहाँ में तो तब से खुश हूँ जब से आपने अपना माल मेंरी ब्रा और पेंटी में छोड़ा था। चाचा ने कहाँ क्या करू जानेमन तेरे जिस्म की खूशबू ने मुझे प्यासा कर दिया था और उन्होंने मुझे बेड पर धकेल दिया और अपने कपड़े उतार दिये मुझे फिर इशारा किया अपने उपर आने को हम दोनो 69 पोज़िशन में थे उन्होंने मेंरी चूत चाटना शुरू किया और एक उंगली मेंरी गांड में डाल दी लगता है चाचा को बहुत मजा आ रहा था। में उनका 8′ इंच लंबा लंड चूसने लगी लंड चूसते हुये अम्म्म हम कहँ रही थी इतने में उन्होंने मुझे उठाया और कहाँ चल डोगी स्टाइल बना लो हम डोगी स्टाइल में थे उन्होंने एक ही झटके में मेंरी चूत में अपना लंड डाल दिया मेंरा पूरा सिर हिल गया 8 इंच का लंड मेंरी चूत में पूरा चल गया था।
मेंने आजतक इतना लंबा लंड नही लिया था फिर चाचा ने दोनो हाथ से मेंरे बूब्स पकड़ लिये और झटके देने शुरू कर दिया। 2-3 धीरे धीरे झटको के बाद उन्होंने ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू किया मेंरे मुहँ से सिसकारियो की बारिश हो रही थी। में चूदते हुये कहँ रही थी। आहह चाचा रहम मत खाओ मेंरी चूत पर फाड़ दो मेंरी चूत फिर उन्होंने मुझे 25 मिनिट तक वैसे ही चोदा में तो दो बार झड़ गई थी फिर चाचा ने अपना लंड निकाल दिया और कहाँ और झुको में समझ गयी की वो क्या करना चाहते है उन्होंने मेंरी कमर कस कर पकड़ी और अपना मोटा लंड मेंरी गांड पर रख कर थोड़ी थूक लगाई और धक्का मारा उस एक धक्के में उनका 8” इंच लंबा लंड मेंरी गांड में चला गया था और मेंरी चीख निकल गयी उन्होंने एक हाथ से मेंरा मुहँ पकड़ लिया और दूसरे से मेंरे बूब्स और कहाँ साली कुत्ती की बची आज तुझे ऐसी जन्नत मिलेगी जो किसी ने कभी नही दी होगी मेंने कहाँ हाँ बहनचोद चोदो मुझे चोद चोद कर रंडी बना दो मुझे अम्म अहह!
उन्होंने अगले 15 मिनिट तक मेंरी गांड मारी फिर लंड निकाल कर मुझे पकड़ा दिया मेंरा सिर पकड़ कर अपने लंड के पास लाये मेंने उनका लंड अपने हाथ में लेकर मुहँ में डाल दिया। उनका लंड बहुत गरम हो गया था और में कुत्ती की तरह चाचा का लंड चाट रही थी और चूस रही थी 5 मिनिट तक लंड चाटने के बाद चाचा का गरम गरम वीर्य निकला जिसे मेंने पानी की तरह पी लिया और उनके लंड को चाट कर साफ किया और में चाचा से बोली चाचा प्लीज मुझे अपनी रंडी बना लो में तुम्हारी रखेल बनना चाहती हूँ और जम कर अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ तुमसे आइ लव यू चाचा चाचा हँसते हुये बोले साली आ गई ना ओकाद पर चल अब दुबारा मेंरा लंड खड़ा कर और उसके ऊपर अपनी चूत रख कर नाच बड़ा शोक है ना तुझे नाचने का चल नाच छिनाल की बची और मेंने फिर चाचा का लंड अपने हाथ में ले लिया और अपनी जीभ से चाटने लगी और लंड खड़ा कर दिया। फिर चाचा को लेटा दिया और उनके उपर चढ़ कर अपनी चूत में लंड डाल कर उझलने लगी और अपनी चूत मरवाने लगी और चाचा बोले रॉक्सी नम्बर वन रंडी है तू। मज़ा आ गया आज से में तुझे अपनी रंडी रखैल बनाता हूँ और चुदाई के बाद हम दुबारा लेडीस संगीत में शामिल हो गये शादी से पहले जितने भी दिन हम चाचा के घर रहे चाचा ने रोज मुझे चोदा और खूब मज़े दिये
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12-27-2018, 12:15 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
बुआ की गांड

हेल्लो दोस्तो कैसे हो आप सब
बात उन दिनो की है जब मैं अपने गाँव गया हुआ था अपनी बुआ के पास जो की मेरे पापा से 8 साल बड़ी थी और उनकी उम्र 45 साल थी और उनके 2 लड़कियाँ भी थी जो एक 17 साल की और दूसरी 19 साल की थी दोनों शादी लायक थी पर अभी शादी नही हुई थी और दोनों ही बहुत खूबसूरत थी उन दोनों के लाल लाल गाल उठे हुये बोबे और फूली हुई गांड देख कर क़िसी के लंड मे भी पानी आ सकता था फिर मैं तो पक्का मादरचोद था। अभी तक मैने सिर्फ़ 2 ही चूतो का मज़ा लिया है वो भी मम्मी और चाची की तब से मेरे मन में बड़ी उम्र वाली को ही देख कर ख़ुशी मिलती है जब भी किसी 35 से ऊपर की औरतों को देखता हूँ बस यही जी करता है की यहीं पलट कर अपना लंड इसकी चूत में डाल दूँ.
मुझे लड़कियों को देखना भी अच्छा नहीं लगता था और जैसे की मेरी आदत थी तो मैं बुआ से ज़्यादा हँसता बोलता था जबकि बुआ की लड़कियों से बहुत ही कम बोलता था पर एक बात मैने नोट की थी बुआ की दोनों लड़कियाँ अक्सर कॉलेज से देर से आती थी और मुझे ये जानते देर ना लगी की वो दोनों बाहर के लड़को से पटी हुई है और दोनों ही मुझमे इंटरेसटेड थी दोनों ही मुझे बहुत गौर से देखती थी मैं वहाँ आँगन मे ही नहाता था और जब भी मेरी नज़र रीना या मीना से टकराती तो उन्हे अपने सामने ही ताकता हुआ पाता और कभी कभी तो रीना मुझसे रगड़ती हुई निकल जाती और कभी कभी धक्का भी मार देती थी मैं कोई ना समझ नही था जो समझ ना पाता पर फिर भी मैने कोई इंटरेस्ट नही दिखाया और मेरा पूरा ध्यान बुआ की तरफ ही था.
मेरे मन में हमेशा उनकी नंगी जांघे और बड़ी बड़ी चूचियों मे ही उलझा रहता और एक दिन तो ग़ज़ब ही हो गया हुआ ये की दोनों लड़कियाँ कॉलेज गयी हुई थी घर मे मैं और बुआ ही थे और उनके पति शहर गये हुए थे 15 दिनो के लिये तब मैं बैठा हुआ मूवी देख रहा था और बुआ नहा रही थी तब ही वो नहा कर बाहर निकली और वो सिर्फ़ टावल में ही थी उनकी टावल में से घुटनो के ऊपर गोरी गोरी चिकनी जाँघ साफ नज़र आ रही थी और टावल ऊपर से चूचियों के थोड़ा सा ही ऊपर था हालाकिं बुआ बस मेरे रूम से निकल कर अपने रूम में ही गयी थी और इस ज़रा सी देर में ही मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैं पूरी तरह जोश मे आ गया मैने सोचा आज चोद ही डालू साली को जो होगा देख लेंगे और मैं उनके रूम की तरफ बड़ा ही था की दरवाजा खुला पाया और धीरे से अंदर देखा तो बुआ अपनी टावल ऊतार कर पूरी तरह से नंगी थी और अपना एक पैर पलंग पर रख कर पोछ रही थी. इस तरह से उनका पूरा नंगा शरीर मेरी आँखों के सामने था. मैने उस वक़्त उन्हे चोदने का ख्याल दिल से निकाल दिया और अंदर का नज़ारा देखने लगा पैर पोछने के बाद बुआ अपनी चूचि को टावल से रगड़ने लगी उनकी चूचि एकदम लाल हो रही थी.
मैं अपना हाथ लंड पर रख कर सहलाने लगा और ऊपर नीचे करने लगा जब बुआ ने चूची रगड़ कर सूखा दी और अलमारी की तरफ बड़ी और तब मैने पहली बार उनकी गांड देखी वाह क्या गांड थी ऐसी तो मेरी मम्मी और चाची की भी नही थी. इनकी गांड मारने में तो बहुत मज़ा आयेगा और मैं ये सोच कर ही खल्लास हो गया और फिर बुआ ने ब्रा निकाल कर पहनी फिर उसी की मेंचिंग की पेंटी भी पहन कर पूरे कपड़े पहन कर मेरे रूम मे आ गयी उनके बाल अभी भी गीले थे और इस रूप में वो बहुत सुंदर लग रही थी. मैं एकटक उन्ही को देख रहा था तब वो बोली की लल्ला ऐसे क्या देख रहे हो मैने कहाँ बुआ आज आप बहुत सुंदर लग रही हो मेरे मुहँ से ऐसी बात सुनकर पहले तो वो एकटक मेरा चेहरा देखती रह गयी और फिर शरमाकर बोली हट अब भला मैं सुंदर कहाँ अब तो मैं बूढी हो गयी हूँ लड़कियाँ शादी लायक हो चुकी है उनको क्या पता की मुझे बड़ी उम्र की औरतें ही पसंद थी खैर उस दिन बात वहीं ख़त्म हो गयी और दूसरे दिन रात को आख़िर मैने एक फूलप्रूफ प्लान बना ही लिया बुआ को चोदने का जब दूसरे दिन दोनों लड़कियाँ कॉलेज गयी तब मैं बुआ से ये कह कर बाहर गया की अभी आता हूँ.
एक काम निबटा कर मुझे पता था की ठीक 10 बजे वो टॉयलेट जाती है पर मैं बाहर जा कर चुपके से अंदर घुस आया और टॉयलेट मे बैठ गया और दरवाजा भी नही बंद किया मुझे पता था की अभी बुआ बस आती ही होगी और मैने अपने लंड को पूरी तरह से खड़ा कर रखा था और उसका रुख़ भी इस तरह कर रखा था की दरवाजा खोलते ही उनको मेरे लंड का दीदार पूरा पूरा हो और तभी बुआ के आने की आहट हुई और मैं संभल कर बैठ गया तब ही बुआ आई और मुझे नंगा देख कर सकपका गयी और उनकी नज़रे पूरी तरह से मेरे तने हुए लंड पे टिक गयी थी जोकि पूरा 9″ इंच का किसी साँप की तरह फंनफना रहा था तब ही वो तुरन्त वहाँ से हट गयी और मैं लूँगी बाँधता हुआ बाहर आया तब बुआ ने कहाँ बेटा तू तो बाहर गया हुआ था फिर अचानक? तब मैने कहाँ की बुआ बहुत ज़ोर की पेसाब लगी हुई थी। तब वो बोली की बेटा दरवाज़ा तो बंद कर लेना चाहिये मैने कहाँ की इतनी ज़ोर से पेसाब लगी थी की हडबडाहट मे बंद करना भूल गया तब बुआ ने कहाँ कोई बात नही वो तो अच्छा हुआ बेटियाँ कॉलेज गयी है और किसी ने तुमको उस हालत मे नही देखा वरना मज़ाक़ उड़ाती और ये कह कर वो फ्रेश होने चली गयी और मैं आगे की रणनीति बनाने लगा जब वो आई तब मैने कहाँ की बुआ मैं नहाने जा रहा हूँ और फिर बाथरूम मे गया और सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया मगर मुझे नहाना कहाँ था तो मैने बहुत ज़ोर से डोंगा पटका और चिल्लाने लगा तभी बुआ बाहर आई और बोली की बेटा क्या हुआ तू चिल्ला क्यों रहा है तब मैने कहाँ बुआ मेरा पैर फिसल गया है बहुत दर्द हो रहा है तब बुआ ने कहाँ बेटा दरवाजा खोल मैने कहाँ नही बुआ मैं नंगा हूँ और आप क्रीम दे दो मैं लगा लूँगा तब बुआ ने कहाँ बेटा तू दरवाजा तो खोल मैं देखती हूँ क्या हुआ और मैने थोड़ा नाटक करने के बाद दरवाजा खोल दिया मैं पूरा नंगा था और वहीं ज़मीन पर पैर फैला कर बैठा हुआ था तब बुआ आई और मेरे पैर को देखने लगी बोली कहाँ चोट आई है मैने जांघों की तरफ इशारा किया तब वो घुटनों के ऊपर हाथ रखती हुई बोली यहाँ पे? मैने कहाँ जी वो बहुत परेशान दिखाई पड़ रही थी मुझे तकलीफ़ मे देख कर और मैं मज़े ले रहा था तब उन्होने कहाँ बेटा तू रूम मे चल कर आ तब देखती हूँ और पहले अपनी कच्ची तो पहन ले मुझे शरम आ रही है.
मैने कहाँ दर्द बहुत हो रहा है बुआ पहले तेल या क्रीम लगा दीजिए तब मैने उनकी बात रखने के लिये अपनी लूँगी लपेट ली और उनका सहारा लेता हुआ रूम की तरफ बडने लगा और उनकी चूचि को अपने सीने से दबाता जा रहा था पर उनकी ज़रा भी परवाह नही थी वो तो बस मेरे लिए परेशान थी थोड़ी देर बाद बेड पर लेटने को बोली और मेरे पैर पर मालिश करने लगी मैने धीरे से अपनी लूँगी एक तरफ सरका दी और मेरा लंड उनके नरम हाथ का स्पर्श पा कर तन चुका था तब ही मैं कराहने लगा तब बुआ ने घबरा कर पूछा क्या हुआ बेटा? मैने कहा वहाँ बहुत दर्द हो रहा है मैने अपने लंड के बिल्कुल करीब इशारा किया और लूँगी को पूरी तरह हटा दिया अब बुआ ने मेरे लंड के पास हाथ रखते हुए मालिश करना शुरू कर दी मैने देखा वो अपनी आँखों से मेरा तना हुआ लंड देख रही थी और मैं मज़े ले रहा था तब ही मैने कहाँ बुआ अब कुछ राहत मिल रही है प्लीज ज़रा ये भी दबा दीजिए और बोली ये तो तेरी बीबी ही दबायेगी लल्ला मैने कहाँ आप दबा देंगी तो क्या हो जायेगा तब वो बोली तू समझता क्यों नही मैं तेरी बुआ हूँ मैं ऐसा नही कर सकती तब मैने उनका हाथ अपने लंड पे रखते हुए कहाँ अब दबा भी दीजिए मुझे तकलीफ़ हो रही है.
मै मज़े लेने के लिये नही कहँ रहा और फिर बुआ अपने हाथ को शरमाते हुए लंड पे भी फिराने लगी अब उनका चेहरा भी लाल हो रहा था और उनकी आँखों मे भी लाल डोरे तैर रहे थे मैं समझ रहा था की अब पटरी पे आ रही है बुआ मैने भी अब अपना हाथ उनकी चूचि पे रख दिया वो एकदम से पीछे हट गयी और आँखे दिखाते हुये बोली लल्ला ये क्या बतमीज़ी है तब मैने कहाँ बुआ सॉरी मैं बहक गया था प्लीज आप मालिश कीजिये और वो फिर से मालिश करने लगी अब मेरा लंड पूरा ताव मे आ चुका था और मैं समझ रहा था की अब ये भी मना नही करेगी चुदवाने मे मैने धीरे से बुआ के होठ चूम लिये तब बुआ थोड़ा सा शरमाई और फिर मुझे धकेलने लगी मगर मैने उन्हे पकड़ कर अपनी गोद में बैठा लिया और उनकी बड़ी बड़ी चूचि को दबाने लगा वो आआआआआः आआआआआआआआआः करने लगी तब मैने उनकी ब्लाउज खोल दी और ब्रा भी उतार कर फेक दी उनकी चूचि के निपल को होठ के बीच मे रख कर दबाने लगा और उनके पेटीकोट के अंदर ले जाकर उनकी जानदार चूत पे फिराने लगा अब वो भी गरमा गयी थी उनको भी मज़ा आने लगा था मैने उनका पेटीकोट भी उतार दिया और अब वो पूरी तरह से नंगी हो गयी और अपने हाथ से अपनी चूचि और जांघों से अपनी चूत को छिपाने का असफल प्रयास कर रही थी पर नाकाम हो रही थी मैने अपने गरम होठों को उनकी चूत पे रख कर एक जोरदार चुंबन लिया तब वो सिसक कर पड़ी.
वो मेरे लंड पे मालिश कर रही थी तब ही मैने उनकी चूचि ब्लाउज के ऊपर से दबाई तो वो उछल पड़ी और दूर हट गयी और कहने लगी लल्ला क्या बात है आज बहुत बतमीज़ी कर रहे हो तब मैने कहाँ बुआ जी ग़लती हो गयी अब नही करूँगा मैं डर गया था पर इरादा तो उनकी चूत मारने का पक्का था वो फिर से लंड सहलाने लगी और मेरे लंड को बहुत चाव से देख भी रही थी जिसे मैं बखूबी समझ रहा था और वो चुदासी भी हो गयी है इसका भी मुझे पता था पर वो शर्माने का नाटक कर रही थी मैने कहाँ बुआ जी आपकी एक पप्पी ले लू तब उन्होने मना कर दिया पर मैने फिर भी उनके होठ पे अपने होठ रख दिये और वो मुझे पीछे की तरफ धक्का देने लगी मगर मैं उनके नरम होठों को चूसता ही रहा फिर मैने उनकी ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बोबो पे हाथ रखा और सहलाने लगा वो अब भी विरोध कर रही थी पर मैं उनके होठ चूसता हुआ उनकी चूचि को ज़ोर ज़ोर से दबाता जा रहा था तब ही मैने झटके से उनकी ब्लाउज उतार दी अब बुआ अपनी दोनों चूचि को हाथ से छिपाने लगी पर मैने अपना मुहँ उनकी चूचि पे रख दिया और अपनी ज़बान निकाल कर उनकी चूचि को चूसने लगा अब भी वो मुझे पीछे की तरफ धकेल रही थी पर मैने भी अपना काम जारी रखा और अब तो मै अपने हाथ को उनके पेटीकोट के अन्दर ले जाने लगा तब वो बोली की लल्ला अब रहने दे ये अच्छी बात नही है।
मैं तेरी बुआ हूँ तब मैने कहाँ साली जब मैने अपनी माँ को नही छोड़ा तो तू क्या है आज तुझे भी अपने लंड से चोदकर तेरी चूत का मज़ा लेना है तब मेरी बात सुनकर बुआ ने कहा क्या बात कर रहा है तू भाभी को चोद चुका है? मैने कहा हाँ अब तो माँ खुद ही अपनी चूत फैला कर मुझसे जब तक चुदवा नही लेती उसको नींद ही नही आती और उसने पड़ोस की चाची को भी मुझसे चुदवाया है मेरी बाते सुनकर बुआ का विरोध कुछ हद तक कम हो चुका था और अब वो नॉर्मल हो रही थी।
मैने मौके का फायेदा उठाया और उनका पेटीकोट कमर तक उठा दिया तब वो कहने लगी बेटा ज़रा आराम से कहीं फट ना जाये तब मैने कहा किसकी बात कर रही हो? चूत की या पेटीकोट की बुआ हँसने लगी और बोली की लगता है तुझे तेरी माँ ने पूरा ट्रेंड कर दिया है तब मैने कहा बुआ अब तो मुझे माँ की और आपकी तरह ही औरतों के साथ ही चूत का खेल खेलने मे मज़ा आता है तब बुआ ने कहा … बेटा असली मज़ा तो हम ही लोगों मे होता है कुँवारी लड़कियाँ भला कहाँ चुदा पाती है और फिर तेरा लंड भी तो इतना बड़ा और मोटा है इससे तो अच्छी अच्छी चुदकड़ भी पानी मांग जायेगी और ये कह कर मेरे लंड पे खुद ही हाथ रगड़ने लगी और अब मैं आराम से उनकी चूचि चूस रहा था और दोनो हाथ से सहला भी रहा था जब मैं उनकी निपल को मुहँ मे दबा कर खीचता तो उनकी सिसकी निकल जाती वो बोल पड़ी आआआहह आहह साले पी जा सारा दूध और अपने हाथ से अपनी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे मुहँ मे ठेलने लगी और अपने सीने का ज़ोर मेरे मुहँ पे देने लगी अब तो मेरी चाँदी ही चाँदी थी।
मैने उनकी चूचि चूसते हुये उनकी चूत की तरफ हाथ बडाना शुरू किया और थोड़ी देर बाद ही घने बालों के बीच उनकी गुफा मिल गयी मैने कहाँ बुआ आपकी झाँटो ने तो छेद को ऐसे छुपाये हुये है जैसे की पेड़ किसी गुफा को छुपाते है तब वो हंस पड़ी और बोली साले मादरचोद गुफा बहुत घनी है इसमे तो तू भी अपने लंड समेत समा जायेगा और मैं अपने हाथ को उनकी झाँटदार चूत पे सहलाने लगा और थोड़ी देर बाद ही बुआ अपनी चूत को उभारने लगी और अब वो इतना गरमा गयी थी की खुद ही मुझे चोदने को बोलने लगी आआहह आआआहह इसस्स्स्सस्स ऊऊऊफफफफ्फ़ लल्ला अब रहा नही जा रहा जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे डालो बहुत खुजली हो रही है मैने इतना सुनते ही उनकी चूत को फैलाया और दोनों टाँगों को चीर दिया यहाँ तक की उनकी दोनों टांगे काफ़ी हद तक एकदम सीधी हो गयी थी जिससे उनकी चूत का मुहँ खुल गया था और उनकी टाँगों को और ज़्यादा फैलाते हुए मैं उनकी चूत की तरफ झुकने लगा तब वो बोली साले हरामी टांगे इतनी फैला कर क्या खुद अंदर चूत मे घुसने की तैयारी कर रहा है।
तब मैने कहाँ की बुआ अभी चुप रहो और देखती जाओ आज तुम सारी जवानी की चुदाई भूल जाओगी इस तरह से चोदुगा तुम्हे और मैने उनकी फैली हुई लाल और उभरी हुई चूत पर अपना मुँह रख दिया और अपनी ज़बान से उनकी चूत सहलाने लगा बुआ सीसी कर बोली आआआहह लल्ला क्या कर दिया आआआहह हाययययी बहुत गुदगुदी हो रही है आआआहह और मैं अपनी ज़बान से उनकी चूत को काटने लगा और फिर बुआ ने कहाँ क्या ऐसा भी किया जाता है? आज तक मेरे पति ने कभी भी ऐसा मज़ा नही दिया आआअहह बेटा तू तो कमाल का है वाआअहह चूस और ज़ोर से चूस आआअहह साले हरामी चाट मेरी चूत को तब ही मैने अपनी ज़बान को उसकी चूत मे घुसेड दिया और बुआ उचक पड़ी आआआअहह क्या कर रहा है हरामी मैं कहती हूँ अब मान जा नही तो मैं झड़ने ही वाली हूँ आआआहह और मुझे पता था की अब बुआ झड़ने वाली है तब मैं अपनी ज़बान को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगा और थोडी देर मे ही बुआ मेरे मुँह मे ही झड़ गयी और मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूत पे दबाने लगी और फिर झड़ने के बाद वो शान्त हो गयी और एक तरफ लेट गयी बोली की बेटा तूने तो बिना लंड डाले ही ज़न्नत का मज़ा दे दिया जब लंड मेरी चूत मे डालेगा तब तो स्वर्ग ही नज़र आ जायेगा मैने उनको अपना लंड पकड़ाते हुए कहाँ साली खुद तो चुसकर झड़ गयी और मेरा लंड अब कौन चूसेगा? और उनके मुँह मे अपना लंड ठेलाने लगा तब वो बोली लल्ला नही ऐसा ना करो मुझे घिंन आती है।
तब मैने कहाँ बुआ मज़ा लो आज मेरे शाही लंड का और उनके मुहँ को अपने लंड को उनके होठ पे रख दिया तब वो झीझकते हुये लंड पे अपनी ज़बान फेरने लगी और मैने ज़ोर से अपनी उंगली उनकी चूत मे डाली जिससे वो चीखने के लिये जैसे ही मुँह खोला मैने अपना लंड मुहँ मे घुसेड दिया और धक्के लगाने लगा थोड़ी देर बाद ही उन्हे मज़ा आने लगा और अब वो बड़े प्यार से मेरा लंड मुँह मे चूसने लगी और मैं उनके मुँह को ही चूत समझ कर धक्के लगाने और थोड़ी देर बाद में उनके मुँह मे खलास हो गया वो मेरे रस को चूसने लगी।
बुआ की 2 जवान और खूबसूरत लड़कियाँ भी मुझसे चुदवाना चाहती थी और वो दोनों कभी कभी मुझे अश्लील इशारा भी करती थी पर मैं नज़रअंदाज़ कर देता दूसरे दिन बुआ खुद ही अपनी चूत लेकर आई रात को और अब तो वो भी मेरी तरह ही खुल कर बात करती थी वो मेरी लूँगी खीचते हुए बोली की लल्ला कल तो तूने आग लगा कर छोड़ दिया था पर आज तो तुझे मेरी चूत की प्यास बुझानी ही पड़ेगी मैने उनकी झांटो भरी चूत पे अपने हाथ से फैला कर एक चुम्मा ले लिया मेरी बुआ सिसक पड़ी आआआआअहह राजा तेरे साथ चुदवाने मे यही तो मज़ा आता है की तू पूरा मज़ा देकर चोदता है जबकि तेरे फूफा खाली टांगे उठा कर चोदना जानते है। बस कभी कभी तो वो कपड़े भी नही उतारते बस ऐसे ही ऊपर से चोद देते है। मैने अपनी जीभ उनकी चूत मे घुसेड दी और चाटने लगा थोड़ी देर बाद ही उनकी चूत से बल बला कर पानी निकल आया और मैने अपना एक हाथ उनकी भारी और उभरी हुई गांड पर फेरने लगा तब वो चिहुक पड़ी और बोली की लल्ला इरादा क्या है मैने कहाँ जब से तेरी गांड देखी है मैने तब ही सोच लिया था की तेरी गांड ना मारी तो कुछ नही किया।

ये बात सुनकर बुआ डर गयी और बोली बेटा ऐसी बात ना करो मैने आज तक गांड नही मरवाई है। और मेरी एक सहेली जिसका पति बिना उसकी गांड मारे सोता नही है वो बता रही थी की गांड मरवाने मे बहुत दर्द होता है जबकि उसके पति का लंड तो सिर्फ़ 6″ इंच का है और तेरा तो पूरा 9″इंच लंबा है। ना बाबा ना मैं तो गांड कभी नही मरवाऊँगी तुम चाहे जैसे भी मेरी चूत 4,6 बार चोद लो पर मैं गांड नही मरवाऊँगी मैने कहाँ नही बुआ आज तो तेरी गांड ही मारूँगा और मैने उन्हे बिस्तर पर धकेल दिया और उनके संभलने से पहले उनकी पीठ पर चढ़ गया और उनकी गांड को सहलाने लगा बुआ अभी बहुत ज़्यादा विरोध कर रही थी एक तरह से गिड़गिडा रही थी बेटा मैं हाथ जोड़ती हूँ मुझे जाने दो मेरी गांड मत फाडो बहुत दर्द होगा मगर मैं तो पूरा पागल हो चुका था।
उनकी गांड पर अपने हाथ से सहलाने लगा और कभी कभी चुटकी भी काट लेता था अब उनका विरोध कुछ कम हो रहा था पर वो बहुत डरी हुई थी और अपने ऊपर से मुझे हटाने की पूरी कोशिश कर रही थी तब ही मैने उनकी गांड पे बहुत ज़ोर से हाथ मारा और उनकी फूली हुई गांड लाल हो गयी तब मैने एक हाथ और मारा चटाआआअक की आवाज़ के साथ ही बुआ की चीख निकल पड़ी वो बोली लल्ला मार क्यों रहे हो मैने कहाँ तू चिल्ला बहुत रही है ना रंडी आज देख तेरी गांड का क्या हाल करता हूँ और मैने बहुत सारा थूक उनकी गांड पे थूक दिया और अपने लंड से सहलाने लगा उनकी लाल लाल गांड पे मेरा थूक बहुत अच्छा लग रहा था।
तब ही मैं उनके ऊपर से उठ गया और उनको किसी कुत्तिया की तरह दोनों हाथों और घुटनों के सहारे खड़ा किया और उनके पेट के नीचे 2 तकिये लगा दिये जिससे की मेरा धक्का खाने के बाद वो बेड पर ना पसर जाये और मेरा मज़ा किरकिरा न हो जाये तभी बुआ ने कहाँ लल्ला देख मैं आज ज़िंदगी मे पहली बार गांड मरवाने जा रही हूँ प्लीज धीरे धीरे अपना लॅंड घुसेड़ना और हो सके तो पूरा लॅंड ना घुसेड़ना मैने उनका मन रखने को कह दिया जी बुआ आप खामा खा डर रही है अगर आपको तकलीफ़ होगी तो मैं आधे लंड से ही काम चला लूँगा और उनकी गांड को अपने दोनों हाथ से चीर कर अपने लंड की टोपी को उनकी गांड के लाल छेद से भिड़ाया और एक धक्का मारा मेरा 3″ इंच लंड अंदर घुस गया बुआ की चीख निकल पड़ी आआआआहह उूउउइईईईईईईईई आआअहह मार डाला आआआआअहह निकालो साले मादरचोद बहुत दर्द हो रहा है आआआहह भोसड़ी के साले निकाल ले अपनी माँ की गांड मार लेना अहह और मुझे गुस्सा आ गया तभी मैने एक जोरदार धक्का मारा आहह आआहह बुआ ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और तब ही शायद उनकी दोनो लड़कियाँ भी कॉलेज से आ गयी थी जो पर्दे की आड़ से अपनी माँ को गांड मरवाता देख रही थी और मेरी नज़र भी उन पर पड़ चुकी थी पर उन दोनों को नही पता था की मैं उनको देख चुका हूँ।
मैं अपना काम जारी रखते हुए बुआ को जोरदार धक्के मार रहा था अब बुआ की आँख से आंसू निकल रहे थे और वो दर्द के मारे चिल्ला रही थी बोली साले भडवे माना नही और फाड़ ही दी मेरी गांड मैने कहाँ क्या अभी भी तकलीफ़ हो रही है तब बुआ ने कहाँ अब तो गांड फट ही गयी अब पूरी तरह ही फाड़ डाल मेरी गांड को उड़ा दे गांड की धज्जियाँ और फिर मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए अपने लंड को उनकी गांड मे जोर जोर से डालने लगा जिसे दोनों लड़कियाँ अपनी आँखें फाड़ कर देख रही थी और साथ ही मेरे लंड को बहुत भूखी आँखों से देख रही थी उसके बाद मैने उन दोनो लड़कियों की ना कहते हुये भी चुदाई की…!
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12-27-2018, 12:15 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
माँ को एक बार बेटी को कई बार

मेरा नाम अनिल है उम्र 24 साल। में एक टीचर हूँ मुझे सेक्स से प्यार है मुझे कुँवारी लड़कियो से सेक्स करना बिल्कुल भी पसंद नहीं। मुझे ज्यादा उम्र की आंटी बड़ी गांड वाली सेक्स मे जानकार आंटी मेरी हमेशा से पसंद रही है मुझे आंटीयो से सेक्स करना मजेदार लगता है मैने कई औरतो लड़कियो को चोदा है। थैंक्स फॉर ऑल आंटीस गर्ल्स मुझसे चुदवाने के लिये।

में आप लोगो को बोर नहीं करूगाँ। में अपनी स्टोरी सुनाता हूँ। हुआ यू की आज से 5 महीने पहले मैने करीब 10-11 दिन से चुदाई नहीं की थी। कोई जुगाड़ नहीं लग रहा था मुझे समझ में नहीं आ रहा था की क्या करूँ। तभी मुझे पता चला की यहाँ कुछ बंजारे लोग अपना डेरा डाले है में ये अच्छे से जानता था की इन फैमिली की औरते दिन मे भीख माँगने के साथ अपने ग्राहक सेट करती है और रात मे उनसे चुदवाती है जबकि उनके पति टेंट मे रह के झाड़ू बनाते है या खाना पकाते है अगले दिन सुबह। मैने तुरंत अपनी बाइक उठाई और उनके टेंट के पास पहुचं गया दूर से खड़े हो के सिगरेट पीते हुये। वहाँ मौजूद लडकियों और औरतो मे से अपने लायक औरत तलाश रहा था।

उनमे कई लडकियाँ थी जिनकी उम्र 12 या 13 साल थी लेकिन उनके स्तन इतने बड़े लग रहे थे साफ था की उनको कई मजबूत हाथो ने बड़ा किया था। में उनमे से कोई अपने लायक नही पा सका फिर भी मैने सोचा कोई भी हो यार अब तो चाहिये ही है मैने पास जाकर वहाँ खड़ी एक लड़की को बुलाया थोड़ी देर यहाँ वहाँ की बाते की फिर मैने ऑफर किया चलना है मेरे साथ लेती हो ले लेना वो बोली में अम्मा से पूछ के बताऊँगी। मैने कहाँ जल्दी से जाकर पूछो वो गई।

थोड़ी देर बाद वो आती दिखी लेकिन उसके पीछे पीछे से एक औरत आई। मेंरी उस पर नज़र पड़ते ही सोच लिया लड़की नहीं चाहिये। अब तो ये औरत चाहिये वो भरे जिस्म की औरत ऊँचे कद की बड़े बड़े स्तन मोटी गांड का अंदाज़ा तो उसको सामने से देख के ही लग रहा था वो पास आई मेरे से बोली क्या कह रहे थे ये अभी कही नहीं जायेगी। मैने लड़की की तरफ देख के कहाँ अरे तो जितने पैसे लगते हो उससे 100 ज़्यादा दूगां। लेकिन मुझे ये लड़की नहीं चाहिये। मुझे तू चाहिये वो एकदम से देख के बोली में, मैने कहाँ हाँ तुम वो बोली कहाँ चलना है मैने उसको अपने घर का पता दिया और 50 रुपये एड्वान्स के दिये वो बोली दोपहर मे आऊँगी अभी (उस लड़की के पापा) बापू के साथ दंवाई बनानी है रविवार को बाजार मे बेचने के लिए मैने ठीक है कहाँ और 1 बजे आ जाने के लिए कहाँ में वापस आ गया।

1 बज गये में दरवाजे के पास खड़ा होकर उसका इन्तजार कर रहा था लेकिन उसका पता नहीं था मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था मैने सिगरेट जलाई टाइम देखा ओर फिर से बाहर आया। तो मुझे वो लड़की आती दिखी मैने कहाँ चलो लड़की ही सही चूत तो मिलेगी पर उसके पीछे पीछे उसकी माँ आती दिखी में खुश हो गया वो मुझे देख के मेरे पास आ गई में उनको अंदर ले गया खिड़की दरवाजा लगा के उनको बेड मे बिठा के पानी के लिऐ पूछा उन्होंने मना कर दिया मैने पूछा देर क्यों कर दी वो बोली हम पढ़े लिखे नहीं है कई लोगो से पूछा तब जाकर आ पाये है में उन दोनो के बीच मे जाकर बैठ गया और दोनो की एक एक जाँघ पर अपना हाथ रख दिया। लेकिन उनके शरीर से बदबू आ रही थी। मैने कहाँ बाथरूम मे जाकर नहा ले वो लड़की को मैने कहाँ पहले तू जाकर नहा ले वो कपड़े नहीं लाई थी मैने अपने कपड़े देकर कहाँ ये पहन लेना वो नहाने जाने लगी और पूछने लगी कहाँ जाना है तो मैने जाकर उसको साबुन दिया बाथरूम दिखाया।

मैने कहाँ रूको और दौड़ के वापस आया अपना रेजर ब्लेड दिया कहाँ चूत के बाल हटा ले और उसके स्तन और गांड को अच्छे से साफ करना और जल्दी से नहाना वो हँसने लगी तो में वहाँ से उसकी अम्मा के पास आ गया उसकी अम्मा को देख के मैने उसके शरीर से आने वाली बदबू की परवाह नहीं की ओर पास मे जाकर स्तन दबाने लगा मैने पूछा कितने कमा लेती है वो बोली ग्राहक अच्छा मिल गया तो 200 या 300 रुपये मिल जाते है मैने कहाँ तुम लोगो का अच्छा है दिन मे चुदो तो पैसे लो और रात मे पति से चुदो तो…….. वो बोली नहीं ऐसा नहीं है रात मे हरामी पुलिस वाले आकर लडकियों को चोदते है और पैसे भी नहीं देते लड़की से मन नही भरा तो हम लोगो पर चढ़ जाते हे।

मैने कहाँ कोई बात नहीं मैने उसकी फटी हुई साड़ी उतारी नीचे से वो नंगी हो गई कुछ नहीं पहने थी मैने ब्लाउज भी उतार दिया उसका पूरा काला जिस्म मादक लग रहा था। उसका जिस्म सुडोल था। मैने उसकी चूत को देखा काली एकदम बालो से भरी थी जैसी भी थी लेकिन उसकी चूत अच्छी लग रही थी मैने सोचा जब तक लड़की नहा रही है। तब तक इसको चोद लेता हूँ वो सुंदर तो थी नही लेकिन उसके बदन का आकार लंड खड़ा कर रहा था में उसके उपर ही लेट गया स्तन को दबाने का मज़ा लेने लगा वो भी मज़ा ले रही थी मैने स्तन पर किस किया और फिर मैने अपने लंड को चूसने को कहाँ वो मुहँ में थोड़ा सा लंड भर के चूसने लगी में जोश मे आ रहा था मैने तुरंत कन्डोम लिया और लंड पर चड़ाया जब पलट के उसकी तरफ देखा तो वो टाँगे फैला के चूत खोल के चुदने के लिऐ तैयार थी बोली आओ मारो।

मैने लंड को पकड़ा और उसकी चूत मे लगाकर अंदर करता गया उसकी चूत मे मेरा सवा सात इंच का लंड आसानी से पूरा चला गया वो इतनी चूत चुकी थी की लंड की लंबाई शायद कम पड़ रही थी लेकिन जब मैने लंड को खीचके दोबारा झटका मारा तो उसकी सिसक शुरू हो गई तो मैने चुदाई शुरू कर दी में उसके स्तन दबाते हुये उसे चोद रहा था। ओ आआह्ह्ह्ह आह आहहहहहहः अहहहाः आआ करने लगी तो में और चोदने लगा मुझे अब कुछ कुछ मज़ा आने लगा था उसकी चूत के बाल मेरे लंड की जड़ के पास टकरा रहे थे तो मुझे गुदगुदी हो रही थी में चोद ही रहा था। तभी वो बोली गांड मारोगे मैने कहा हाँ मारनी है तुम्हे देखते ही मैने तुम्हारी गांड मारने के बारे मे सोच लिया था अच्छी मोटी गांड है तुम्हारी। वो उल्टी लेट गई उसकी गांड के पहाड़ जैसे कूल्हे मस्त लग रहे थे

मैने कुल्हो को फैलाया ओर गांड के छेद मे थूक दिया और लंड लगा के गांड मे डालने लगा। वहाँ भी आसानी से लंड घुस गया मैने उसकी गांड मारनी चालू कर दी वो सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स सस्ससा आ आ आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्सिससिसीसिस कहती रही में गांड मारता रहा…. मज़ा आ रहा था वो हाथ फैला के लेटी थी मैने पीछे से उसके हाथो को दबाया ओर पंपिंग स्टाइल मे गांड मारने लगा। वो हा अहहः अहहः हः हाही आ कह के मारो गांड मार… मार गांड कह रही थी। तभी उसकी लड़की आ गई मैने उसको देखा लोवर टी शर्ट मे गीले बालो मे तौलिया लपेटे खूबसूरत लग रही थी। वो चुदाई देख के शरमा गई उसकी अम्मा उसको बोली तू थोड़ी देर बैठ। में गांड मरवा लू तो वो हाँ कह के मुझे गांड मारते हुये गोर से देखने लगी मैने उसको दिखाने के लिऐ लंड को निकाला और एक ही बार मे लंड को अंदर किया तो वो ज़ोर से आहह चीखी लड़की मुस्कुराने लगी मैने जल्दी जल्दी अम्मा की गांड मारी और अपना पानी गांड मारते वक़्त निकाल दिया और तुरंत ही हट गया कन्डोम उतार के लंड को बाथरूम मे जाकर साफ किया वापस आया तो वो कपड़े पहन चुकी थी।

मैने कहा जा रही हो, वो हाँ बोली तो मैने उसको 100 का नोट दिया कहाँ बाकी में इसको दे दूगां। तो वो लड़की से बोली रज्जो जब इनका हो जाये तो सीधा आ जाना उसने हाँ मे सर हिलाया तो वो जाने लगी मैने तौलिया लपेटा और दरवाजे तक आया वो मुझसे बोली आराम से करना मैने हाँ कहा। वो चली गई। में दरवाजा बंद करके आया उसकी लड़की से कहाँ रज्जो तू अच्छी लगती है इन कपड़ो मे तो तू शहर की छोरी लग रही है वो हँसने लगी। मैने उसका लोवर उतारा तो चिकनी चूत थी में खुश हो गया और मैने कहाँ तुम्हारी चूत तो चिकनी हो गई मैने उसका लोवर ऊपर करके कहाँ। कुछ खायेगी वो हाँ बोली तो मैने उसको अपने पास रखे चिप्स के 2 पैकट दिये और एक बिस्कीट का पैकट दिया और टी.वी. चालू कर दी और नहाने चला गया उसने खा लिया पानी पिया तब तक में वापस आ गया।

मैने खुद को तौलिया से पोछा ओर नंगा ही उसके पास जाकर कहाँ इससे खेलो वो हाथ मे लेकर सहलाने लगी वो दोनो हाथो मे पकड़ कर सहलाने लगी लंड अपने आकार मे आने लगा था तब तक मैने उसकी टी शर्ट उतार दी नंगे स्तन खिल गये। मैने उनको मसलना चालू कर दिया मैने पूछा कितनी बार चुदाई की तुमने.. वो बोली याद नहीं पहले नहीं करवाती थी एक दो साल से करवाने लगी हूँ। मैने कहाँ तुम्हे किसने पहली बार चोदा था याद है वो बोली हाँ काका ने… मैने कहा कौन काका वो बोली बापू का भाई यानी की उसके चाचा ने… मैने कहा किसी ने कुछ नहीं कहा उसको… तो वो बोली नहीं यहाँ तो सब एक दूसरे की छोरी पकड़ते है

मैने उसको नंगा कर दिया और मैने उसकी जांघ को चूमना शुरु कर दिया। भरपूर जवान लड़की थी 17 साल की मैने उसको मस्त कर दिया चूम चूम के मैने उसको पलट के उसके छोटे छोटे कुल्हो को मुहँ मे भर के चूसा वो और चूम लो मज़ा आ रहा हे कहने लगी। मैने उसको पकड़ के पलटाया और चूत को मुहँ मे लेकर चूसने लगा वो आआईईईईई आ कहँती रही। मैने उसको लंड चुसवाया अम्मा जितने खराब तरीके से लंड चूस के गई थी। ये उतने ही अच्छे तरीके से चूस रही थी में जान रहा था की इसको नये लड़को ने चोद के ये सब सिखाया है उस लड़की ने मुझे जोश मे ला दिया था मैने तुरंत कन्डोम चड़ाया। उसको लेटा कर उसकी टाँगे अपने दोनो कंधो पे रखी आगे को होकर चूत के पास लंड किया और धक्का देने लगा लंड घुसने लगा वो आममामा आ आहः अहहाहा मममा कहने लगी। मैने और अंदर किया तो वो आ अहाहाः कहने लगी में काफ़ी जोश मे था तो शुरुआत से ही लंबे लंबे धक्के मारने लगा वो सीसी सिस सीसीसी आह आहा आहा हा आह कहती गई और में डालता रहा। में उसकी चूत को जल्दी जल्दी चोद रहा था गजब की लड़की थी यार कसम से ऐसा जोश चड़ाया था जो उसी को भारी पड़ रहा था।

मैने हालत खराब कर दी थी मैने उसको थका दिया था और 10 मिनिट बाद में खुद थक गया मैने पूरी ताक़त से पूरे दम से चुदाई की उसके मुहँ में मुहँ लगा के होठों को चूसते हुए जो चोदा उसको हिला के रख दिया मैने 4,5 लंबे धक्के मार के उसको जकड़ के लिपट गया वो भी मुझसे लिपट गई कुछ देर हम दोनो लिपटे पड़े रहे फिर अलग हुये। वो वैसे ही लेटी रही मैने पूछा कैसी लगी चुदाई वो हल्की सी मुस्कान लिये मुझे देखने लगी फिर बोली मज़ा आया, में खुश था। लेकिन अभी तो उसकी गांड मारनी थी। मैने उसको करीब आधे घंटे तक नंगा लेटाया फिर उसकी गांड मारने लगा छोटे छोटे कुल्हो के बीच की गांड मैने अपने लंड से जम के चोदी.. वो सिर्फ़ चिल्हाती रही मैं गांड मारता रहा। हालांकी वो गांड मरवा चुकी थी। लेकिन मेरा लंड शायद उसके लिए बड़ा था इसी कारण वो दर्द महसूस कर रही थी। लेकिन शायद में उस वक़्त कई दिनों की चुदाई की प्यास बुझाने मे भूल गया और जोर से चोद के माना। मैने उसकी गांड से लंड निकाल के पूरा वीर्य उसकी पीठ मे गिरा दिया।

उसने तौलिया से पोछा ओर थक के आराम से कपड़े पहन के लेट गई। थोड़ी देर बाद वो बोली अब में जाऊँगी। मैने उसको 500 रूपये दिऐ शायद उसको पहली बार इतने रुपये मिले थे। वो खुश हो गई मैने कहाँ अगर रात मे वो यही रुक जाये तो 500 रुपये और दूगाँ वो बोली अम्मा मारेगी मैने कहाँ तब तो तुम रुक जाओ अम्मा आयेगी तो उसको पैसे देकर लौटा दूगाँ। वो मान गई और सच मे थोड़ी ही देर मे अम्मा आ गई वो उसको डाटने लगी। मैने उसको कहा चिल्ला के बात मत करो ये पैसे लो आज रात इसको यही रहने दो वो कुछ सोचने लगी लेकिन 500 के नोट ने अपना दम दिखा दिया उसने कहा रज्जो रुकना है रज्जो हाँ बोली… तो वो चुपचाप चली गई मैने उसको ठीक ठाक कपड़े पहनाये शाम को घूमने ले गया खाया पीया घर आ गये वो काफ़ी खुश थी। वो बोली तुम अच्छे हो। मैने कहाँ तुम अच्छे से चुदी हो इसीलिए ये सब किया वो बोली अच्छा तो इस बार और मज़ा दूंगी चोद लेना ओर ऐसा ही किया उसने मुझे इतना मज़ा दिया की दिल खुश हो गया।

मैने रात में उसको ब्लू फिल्म दिखा के उन सब पोज़ मे चोदा वो इतनी मस्ती मे आ गई थी की अगर वो कोई नया पोज़ देखती तो उसी तरह से चुदवाने को कहती। में भी तो यही चाहता था उस रात मैने 2 बार उसको चोदा लेकिन मुझमे ताक़त ख़त्म हो गई थी हम रात मे 3:30 बजे लिपट के पति पत्नी की तरह सो गये। सुबह 9 बजे जागे मैने जागते ही उसको पकड़ लिया क्योकि में जब जगा तो वो मेरे लंड से खेल रही थी। मैने उसको फिर से चोद लिया वो बोल रही थी कितना चोदोगे। अब बहुत हो गया जबकि वो खुद चुद रही थी मैने उसको चोद दिया फिर ब्रश किया उसके बाद चाय बनाई और हम दोनों ने पी तब तक उसकी अम्मा आ गई। मैने फिर 500 रुपये दिये और किसी दिन फिर से आने को कह के जाने दिया करीब 1 हफ्ते बाद पूरी रात को उसने फिर से रंगीन किया उसके बाद वो चली गई और ऐसी गई की शहर से ही चली गई ये थी मेरी कहानी।
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12-27-2018, 12:15 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
आंटी की सोच

हेलो दोस्तो, आज में आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ कुछ महीने पहले हुई हैं मेरा नाम …………….. नाम में क्या रखा हैं सीधे कहानी पे आता हूँ ये कहानी मेरे और मेरी आंटी की हैं मेरी उम्र २५ साल हैं और मेरी आंटी की उम्र ३९ साल हैं मेरी आंटी सवाले रंग की पतले नाक बड़े बड़े दूध के गोले और बड़ी सी कुल्हे वाली एक औरत हैं। जिसे मैं सेक्स की देवी कहता हूँ क्यूंकी वो इतनी सेक्सी हैं की जो भी उन्हे देखेगा उनका लंड खड़ा हो जाएगा और ऐसा मान करेगा की रात भर बजाओ और रात भर बजाने के बाद भी लॅंड सबेरे बोलेगा बजा साली को बजा इतनी सेक्सी हैं। यारो बचपन से ही में और आंटी बहुत क्लोज़ रहे हैं हम हर तरह की बात करते हैं एक दूसरे के साथ मेरी आंटी के दो छोटे बच्चे हैं में अपनी आंटी को १८ साल की उम्र से ही बजाना चाहता हूँ पर मौका २५ साल की उम्र में मिला।एक बार अंकल को शादी में जाना था पर आंटी का मूड नही था तो वो बच्चे के साथ रुक गयी अंकल ने मुझे कहा था की तू अपनी आंटी का ख्याल रखना और सोने चला जाना में रात को सोने चला गया। हमने १०.३० बजे तक टीवी देखा फिर में सामने के रूम में सोने के लिए चला गया तो आंटी ने मुझे कहा तू यहा क्यूँ सो रहा हैं चल आ हम बेडरूंम में साथ में सोएंगे वैसे भी मुझे नींद नही आ रही वात भी करेंगे मे चला गया और जाकर बेडरूम में लेट गया आंटी ने कहा में साड़ी चेंज करके आती हूँ आंटी आई गाउन पहन कर उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया उनके बड़े बड़े दूध के गोले मोटी कूले खुले बॉल और कातिल हंसी मुझे पागल कर रही थी। मेरा लंड खड़ा हो गया था। दिल कर रहा था की अभी घुसा डू अपना लंड उनके मूह में और कहूँ की चूस साली कुतिया चूस मेरा लंड और ऐसे रात भर बजाऊं की चल भी ना पाए।

अगले दिन फिर आंटी लाइट बंद कर के आ गयी बेड पर हम दोनो बात करने लगे आंटी ने पूछा कोई तितली फसाई की नही कॉलेज में, मैने कहा आप तो मुझे जानती हैं मुझे इन सब मे कोई इंटरेस्ट नही हैं मैने आंटी से पूछा क्या शादी के बाद मज़ा आता हैं तो आंटी बोली ये तो किस्मत पर डिपेंड करता हैं मैने कहा किस्मत पे कैसे उन्होने कहा अगर शादी बड़े लंड वाले सो हो गयी तो मज़ा और अगर छोटे लंड वाले से हो गयी तो सज़ा मेने आंटी से पूछा तो आपको मज़ा आया की सज़ा मिली आंटी ने मुझे गुस्से से कहा चुप चाप सो जाओ बहुत सवाल पूछते हो में सो गया अगले दिन सुबह आंटी ने मुझे सॉरी कहा और बताया की मैने किसी और का गुस्सा तुम पर निकल दिया तुम फ्रेश हो के आओं में सब बताती हूँ। आंटी ने बताया की तुम तो जानते हो की मे शादी से पहले कभी सेक्स नही किया और शादी की रात जब पहली बार तुम्हारे अंकल के लंड को देखा तो डर गयी क्या बड़ा हैं पर मेरी ये ग़लतफमी दूर हो गयी शादी के कुछ दीनो बाद जब तुम्हारे अंकल ने मुझे ब्लू फिल्म दिखाई तो मुझे पता चला की तेरे अंकल का तो लंड सबसे छोटे लंड की श्रेणी मे आता हैं फिर मैने सोचा की सेक्स के बारे में जानकारी पता करूँगी मैने एक दिन अपनी पड़ोसन से पूछा की तुम्हारे पति का कितना बड़ा हैं तू उसने मुझे बताया की उनका ५.५ इंच का हैं मैने पूछ मज़ा आता होगा उसने कहा मत पूछ यार में उस दिन से ही ये जानना चाहती हूँ की बड़े लंड से कैसा लगता होगा मैने आंटी से पूछा अंकल का कितना बड़ा हैं तो उन्होने कहा ३.५ इंच का हैं और बता कर मेरे गले लग गयी मेरा तो लंड खड़ा हो गया। मन किया की साली को बजा डालूं पर क्या करता।

मैने एक तरकीब सोची उस रात को हम जल्दी सो गये और सुबह में उनसे पहले जाग गया फिर मैने अपने लंड को हिला हिला कर खड़ा कर दिया और मेरा लंड ८ इंच का खड़ा हो गया और चुप नंगा लेट गया आंटी उठी तो मेरे लंड को देख कर बोली हाए राम कितना बड़ा हैं। इसकी बीवी तो हमेशा मज़े करेगी और देखने लगी में चुप आँख बंद करके उनकी बात सुन रहा था आंटी से रहा नही गया और उन्होने मेरे लंड को पकड़ लिया उनके पकड़ते ही मुझे एक करेंट सा लगा फिर वो मेरे सुपाडे को उपर नीचे करने लगी और बोली हाय राम इसकी तो सील भी नही टूटी है मैं जाग गया मुझे देखते ही आंटी बिना बोले भाग गयी में भी वाहा से भाग गया और घर आ गया रात को ९.३० बजे आंटी का फोन आया की तुम सोने क्यूँ नही आ रहे अब तक, मेने कहा आ रहा हूँ और फिर मैं गया आज तो आंटी बहुत सेक्सी लग रही थी उन्होने जान बूझ कर ट्रॅन्स्परेंट गाउन पहना था और ब्रा नही पहनी थी जिसे उनके गोले बिल्कुल उभरे हुए लग रहे थे मेरा तो देख के ही खड़ा हो गया हम लोग बेडरूम में जाकर लेट गये और बात करने लगे आंटी ने पूछा मेरा एक काम करोगे मुझे एक बार देखना हैं की बड़े लंड का झटका कैसा होता हैं मेरी तो मुराद पूरी हो गयी थी समझो.

मैने कहा मेरी तो सील भी नही टूटी हैं आंटी ने कहा में सब कर दूंगी और तुम्हे पता भी नही चलेगा और मेरे हाथ को पकड़ कर अपने दूध के गोलो के उपर रख दिया मेने जैसे ही उनके गोलो को दबाया उनकी आ …….ह निकल गयी मैने उनके ब्रा खोल दिया और उनके गोलो को चूसने लगा उन्होने मेरे सारे कपड़े निकल दिए और मेरे लंड को देखने लगी मैने उनकी पेंटी उतार दी और उनकी गुफा देखकर बोला वाह क्या गुफा हैं आंटी ने कहा क्या नाग हैं घुसा दो मेरी गुफा में आंटी ने कहा मेरी गुफा को चाट कर चिकना बना दो ताकि नाग आसानी से घुस जाए मैने चाट चाट के गुफा को चिकना बना दिया आंटी ने मेरे लंड को मूह मे लिया और चूसा और कहा सील टूटने के बाद तुम्हे और भी मज़ा आएगा और मुझे भी आंटी ने कहा मेरी गुफा मे लंड घुसा दो और याद रखना जब तक वीर्य ना गिरे ठोकते जाना मैने कहा ठीक हैं उन्होंने कहा ठोकते वक़्त मेरी आँखो में देखते रहना मैने अपना लंड आंटी की गुफा में घुसा दिया और आंटी चिल्ला उठी आ……………………………उई……………ही …………………………………गयी…………….उई……….मा……ई…………………….आ………………………………उई…..इस……………………इस मैने तुरान लंड बाहर निकल दिया आंटी ने कहा क्यूँ लंड बाहर निकाला मैने कहा आपको दर्द हो रहा हैं इसलिए उन्होने कहा जितना दर्द होगा उतना ही मज़ा आएगा उन्होने कहा अब जब तक वीर्य ना निकले ठोकते रहो मेरी आँखो में देखते हुए मैने ठोकना सुरू किया और आंटी कहने लगी ……………………फाड़ दे गुफा को……………………………मार कासके मार………………………….उई……………….एस……………….ही राम…………मज़ा आगेया ………………….उई ……………….मार मुझे मार …………………….दे कस के पेल……………….उई और कुछ देर बाद में मेरा वीर्य गिर गया में अपने लंड को गुफा मे ही रहने दिया और आंटी के उपर लेट गया थोड़ी देर बाद जब लंड आंटी की गुफा से बाहर निकाला तो लगा जैसे कुछ जलन सी हो रही हैं देखा तो मेरी सील टूट चुकी थी में खुश हो गया आंटी भी मेरी टूटी सील देख कर खुश हो गयी और कहा अब और मज़ा आएगा और मेरे लंड को मूह मे लेकर चूसने लगी मेरे सुपाडे के पीछे के भाग को जैसे ही आंटी ने जीभ से चूसा मुझे ऐसा लगा इससे अच्छी चीज़ दुनिया मे कोई नही हैं। अब आंटी ने कहा तू लेट जा में तेरे लंड पे सवारी करूँगी में लेट गया आंटी मेरे लंड पे बैठ कर कूदने लगी मुझे भी मज़ा आ रहा था। कुछ देर तक ऐसे ही कूदने के बाद आंटी ने कहा आज मूज़े इतना मज़ा आ रहा हैं की क्या कहूँ, मैंने उस दिन आंटी को खूब बजाया और अगले दिन जब अंकल आए तो अंकल ने आंटी से पूछा की तुम लंगड़ा के क्यूँ चल रही हूँ तो आंटी ने कहा की कल एक पत्थर के उपर गिर गयी थी। और मुझे देखकर हँसने लगी इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम खूब सेक्स करते है।
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12-27-2018, 12:15 AM,
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अनाड़ी

में शर्मिला हीरो पटना बिहार से फिर स्टोरी लेकर आया हूँ. मेरी पहले की कहानी (भाभी की जमकर गांड मारी और मोसी के साथ मस्ती की) आपने पढ़ी होगी. अब में आपको बोर ना करके अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरे पड़ोस मे आशा नाम की औरत रहती हे. वो बहुत सेक्सी हे. मे उसको रोज देखता हूँ और सोचता हूँ की कब उसकी चुदाई करू. आशा का रोज हमारे घर आना जाना था. मे आशा को भाभी कह के बुलाता था. जब मे आशा को देखता था तो मेरे लंड तन जाता था. आशा के घर मे वो और उसका पति रहता था. एक दिन आशा का पति 1 हफ्ते के दिल्ली ऑफीस के काम से जाने वाला था .तो मेरी माँ ने मुझे कहा की पड़ोस मे रहने वाली भाभी के पति थोड़े दिनो के लिये बाहर जा रहे हे और तुझे वहाँ जाकर रहना है. क्योकी आशा भाभी को अकेले में बहुत डर लगता था. जैसे ही आशा भाभी के पति गये तो मे उनके घर चला गया. जैसे ही घर पे गया और घन्टी बजाई तो आशा भाभी ने दरवाजा खोल दिया और कहा साजन आप आ गये क्या मैने कहा हाँ भाभी मे आ गया और हम अंदर चले गये और मे टी.वी देखने लगा .

भाभी ने कहा की मुझे थोड़ा काम है तुम टी.वी देखो और मे आपना काम ख़त्म कर के आती हूँ. थोड़ी देर बाद आशा भाभी काम ख़त्म करके मेरे साथ टी.वी देखने बेठ गयी और हम दोनो बाते करने लगे . मेरे मन मे बार बार यही ख्याल आ रहे थी की कब आशा भाभी की चुदाई करू. रात को हम खाना खा के सोने चले गये पर मुझे नींद नही आ रही थी इसलिये मे टी.वी देखने लगा रात को 12 बजे डिस्क वाले ने ब्लू फिल्म लगाई तो मे वो देखने लगा और आशा भाभी सो रही थी. फिल्म के सीन देखकर मेरा लंड तन गया और मे मूठ मारने लगा मेरे लंड का साइज़ 7”इंच है. रात को एकदम से आशा भाभी की नींद खुल गई और टी.वी वाले रूम मे आई तो मुझे मूठ मारते हुये देख लिया और टी.वी मे ब्लू फिल्म को भी. मे डर गया और चुपचाप बेठ गया मेरी पेन्ट खुली हुई थी. आशा भाभी बोली की ये क्या कर रहे हो मे कुछ नही बोला और चुपचाप बेठा रहा. आशा भाभी मेरे लंड को देखती रही. आशा भाभी मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़ कर बोली की कितना मोटा लंड है इतना तो मेरे पति का भी नही. ये देखकर मेरी हिम्मत बड़ी और कहने लगा भाभी ये लंड आपके लिये है. आशा भाभी मेरी तरफ आई और मुझे किस करने लगी और मे भी उनका साथ देने लगा .

लंड को कस कर पकड़े हुये वो अपना हाथ लंड तक ले गयी जिससे सुपडा बाहर आ गया. सुपडे की साइज़ और आकार देख कर वो बहुत हैरान हो गयी. “बाबा कहा छुपा रखा था इतने दिन” उन्होने पूछा. मैने कहा, “यही तो था तुम्हारे सामने लेकिन तुमने ध्यान नही दिया. भाभी बोली, “मुझे क्या पता था की तुम्हारा इतना बडा होगा,.” मुझे उनके बिंदास बोलने पर आश्चर्य हुआ जब उन्होने “लंड” कहा और साथ ही मुझे बडा मज़ा आया. वो मेरे लंड को अपने हाथ मे लेकर खीच रही थी और कस कर दबा रही थी. फिर भाभी ने अपना पेटिकोट अपनी कमर के उपर उठा लिया और मेरे तने हुये लंड को अपनी जाँघो के बीच लेकर रगड़ने लगी. वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी ताकि मेरे लंड को ठीक तरह से पकड़ सके. उनकी चूचि मेरे मुँह के बिल्कुल पास थी और में उन्हे कस कस कर दबा रहा था. अचानक उन्होने अपनी एक चूचि मेरे मुँह मे डालते हुये कहा, “चूसो इनको मुँह मे लेकर.” मैने उनकी बायी चूचि अपने मुँह मे भर ली और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. थोडी देर के लिए मैने उनकी चूंचि को मुँह से निकाला और बोला, “में हमेशा तुम्हारे ब्लाउज मे कसी चूचि को देखता था और हैरान होता था. इनको छुने की बहुत इच्छा होती थी और दिल करता था की इन्हे मुँह मे लेकर चुसू और इनका रस पीऊँ. पर डरता था पता नही तुम क्या सोचो और कही मुझसे नाराज़ ना हो जाओ. तुम नही जानती भाभी की तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है?” “अच्छा तो आज अपनी तमन्ना पूरी कर लो, जी भर कर दबाओ, चूसो और मज़े लो में तो आज पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ जैसा चाहो वैसा ही करो” भाभी ने कहा.

फिर क्या था, भाभी की हरी झंडी पाकर में उनकी चूचियों को चूसने लगा. मेरी जीभ उनके कडे निपल को महसूस कर रही थी. मैने अपनी जीभ भाभी के उठे हुये कडे निपल पर घुमाया. मै दोनो बोबो को कस के पकड़े हुये था और बारी बारी से उन्हे चूस रहा था. में ऐसे कस कर चूचियों को दबा रहा था जैसे की उनका पूरा का पूरा रस निचोड लूँगा. भाभी भी पूरा साथ दे रही थी. उनके मुहँ से “ओह! ओह! आह! स, स! की आवाज़ निकल रही थी. मुझसे पूरी तरफ से सटे हुये वो मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रही थी और मरोड रही थी. उन्होने अपनी सीधी टांग को मेरे कन्धों के उपर चडा दिया और मेरे लंड को अपनी जाँघो के बीच रख लिया. मुझे उनकी जाँघो के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ. यह उनकी चूत थी. भाभी ने पेंटी नही पहन रखी थी और मेरा लंड का सुपडा उनकी झांटो मे घूम रहा था. मेरा सब्र का बाँध टूट रहा था.

में भाभी से बोला, “भाभी मुझे कुछ हो रहा और में अपने आपे मे नही हूँ, प्लीज़ मुझे बताओ में क्या करू?” भाभी बोली, “तुमने कभी किसी लड़की को चोदा है आज तक?” मैने बोला, “नही.” कितने दुख की बात है. कोई भी लड़की इसे देख कर कैसे मना कर सकती है. शादी तक ऐसे ही रहने का इरादा है क्या? में क्या बोलता. मेरे मुँह मे कोई शब्द नही थे. में चुपचाप उनके चेहरे को देखते हुये चूचि मसलता रहा. उन्होने अपना मुँह मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया और फुसफुसा कर बोली, “अपनी भाभी को चोदोगें? क्यों नही” में बडी मुश्किल से कह पाया. मेरा गला सुख रहा था. वो बडे मादक अंदाज़ मे मुस्कुरा दी और मेरे लंड को आज़ाद करते हुये बोली, “ठीक है, लगता है अपने अनाडी देवर राजा को मुझे ही सब कुछ सिखाना पडेगा.चलो अपनी चड्डी उतार कर पूरे नंगे हो जाओं.” में पलंग पर से उतर गया और अपनी चड्डी उतार दी. में अपने तने हुये लंड को लेकर नंगा अपनी भाभी के सामने खडा था. भाभी अपने रसीले होठों को अपने दातों मे दबा कर देखती रही और अपने पेटीकोट का नाडा खीच कर खोल दिया. “तुम भी इसे उतार कर नंगी हो जाओ” कहते हुये मैने उनका पेटिकोट को खींचा. भाभी ने अपना चूतड उपर कर दिया जिससे की पेटिकोट उनकी टांगो से उतर कर अलग हो गया. भाभी अब पूरी तरह नंगी होकर मेरे सामने चित पडी हुई थी. भाभी ने अपनी टांगो को फैला दिया और मुझे रेशमी झांटो के जंगल के बीच छुपी हुई उनकी रसीली गुलाबी चूत का नज़ारा देखने को मिला. नाइट लैंप की हल्की रोशनी मे चमकते हुये नंगे जिस्म को देखकर में उत्तेजित हो गया और मेरा लंड खुशी के मारे झूमने लगा. भाभी ने अब मुझसे अपने उपर चडने को कहा. में तुरंत उनके उपर लेट गया और उनकी चूचि को दबाते हुये उनके रसीले होठ चूसने लगा. भाभी ने भी मुझे कस कर अपनी बाहों मे कस कर जकड लिया और चुम्मा का जवाब देते हुये मेरे मुँह मे अपनी जीभ डाल दी. क्या स्वादिष्ट और रसीली जीभ थी. में भी उनकी जीभ को ज़ोर जोर से चूसने लगा. हमारा चुम्मा पहले प्यार के साथ हल्के मे था और फिर पूरे जोश के साथ.

कुछ देर तक तो हम ऐसे ही चिपके रहे, फिर में अपने होठ भाभी की नाज़ुक गर्दन पर रगड रगड कर चूमने लगा. फिर भाभी ने मेरी पीठ पर से हाथ उपर ला कर मेरा सर पकड लिया और उसे नीचे की तरफ किया. में अपने होंठ उनके होंठो से हटा कंधो को चूमता हुआ चूचि पर पहुँचा. में एक बार फिर उनकी चूचि को मसलता हुआ और खेलता हुआ काटने और चूसने लगा. उन्होने बदन के निचले हिस्से को मेरे बदन के नीचे से निकाल लिया और हमारी टागें एक-दूसरे से दूर हो गई. अपने दाएँ हाथ से वो मेरा लंड पकड कर उसे मुट्ठी मे बाँध कर सहलाने लगी और अपने बाएँ हाथ से मेरा दाहिना हाथ पकड कर अपनी टांगों के बीच ले गयी. जैसे ही मेरा हाथ उनकी चूत पर पहुँचा उन्होने अपनी चूत के दाने को उपर से रगड दिया. समझदार को इशारा काफ़ी था. में उनकी चूचि को चूसता हुआ उनकी चूत को रगडने लगा. “बाबा अपनी उंगली अंदर डालो ना?” कहती हुये भाभी ने मेरी उंगली अपनी चूत के मुँह पर दबा दी.

मैने अपनी उंगली उनकी चूत की दरार मे घुसा दी और वो पूरी तरह अंदर चली गई. जैसे जैसे मैने उनकी चूत के अंदर उंगली को आगे पीछे करता रहा और मेरा मज़ा बडता गया. जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत के दाने से टकराई उन्होने ज़ोर से सिसकारी लेकर अपनी जाँघो को कस कर बंद कर लिया और चूत उठा उठा कर मेरे हाथ को चोदने लगी. उनकी चूत से पानी बह रहा था. थोडी देर बाद तक ऐसे ही मज़ा लेने के बाद मैने अपनी उंगली उनकी चूत से बाहर निकाल ली और सीधा हो कर उनके उपर लेट गया. भाभी ने अपनी टाँगे फैला दी और मेरे फनफनाते हुये लंड को पकड कर सुपडा चूत के मुहँ पर रख लिया. उनकी झांटो का स्पर्श मुझे पागल बना रहा था, फिर भाभी ने हसं कर बोला, “अब अपना लंड मेरी चूत मे घुसाओ, प्यार से घुसाना नही तो मुझे दर्द होगा, अहह!” मेंने कभी ऐसा नहीं किया था इसीलिये शुरू शुरू मे मुझे अपना लंड उनकी टाइट चूत मे घुसाने मे काफ़ी परेशानी हुई. में जब ज़ोर लगा कर लंड अंदर डालना चाहा तो उन्हे दर्द भी हुआ. लेकिन पहले से उंगली से चुदवा कर उनकी चूत काफ़ी गीली हो गई थी. भाभी भी हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के मे लंड अंदर चला गया. इससे पहले की भाभी संभले, मैने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड जैसे चूत की जन्नत मे दाखिल हो गया. भाभी चिल्लाई , “उईईइ ईईईईईई ईईईई माआआ उहुहुहह ओह बाबा, ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नही, ! बडा जालिम है तुम्हारा लंड. मार ही डाला मुझे तुमने देवर राजा.” भाभी को काफ़ी दर्द हो रहा लगता है.

पहली बार जो इतना मोटा और लम्बा लंड उनकी चूत मे घुसा था. में अपना लंड उनकी चूत मे घुसा कर चुपचाप पडा था. भाभी की चूत फडक रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लंड को मसल रही थी. उनकी उठी उठी चूचि काफ़ी तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मैने हाथ बडा कर दोनो चूचि को पकड लिया और मुँह मे लेकर चूसने लगा. भाभी को कुछ राहत मिली और उन्होने कमर हिलानी शुरू कर दी. भाभी मुझसे बोली “बाबा शुरू करो, चोदो मुझे. ले लो मज़ा जवानी का मेरे राजा,” और अपनी गांड हिलाने लगी. में तो अनाडी था. समझ नही पाया की कैसे शुरू करूँ. पहले अपनी कमर को उपर किया तो लंड चूत से बाहर आ गया. फिर जब नीचे किया तो ठीक निशाने पर नही बैठा और भाभी की चूत को रगडता हुआ नीचे फिसल कर गांड मे जाकर फँस गया. मैने दो तीन धक्के लगाये पर लंड चूत मे वापस जाने की बजाई फिसल कर गांड मे चला जाता. भाभी से रहा नही गया और तिलमिला कर ताना देती हुई बोली, “ अनाडी का चोदना और चूत का सत्यानाश, अरे मेरे भोले राजा ज़रा ठीक से निशाना लगा कर डालो नही तो चूत के उपर लंड रगड रगड कर झड जाओंगे.” में बोला, “भाभी अपने इस अनाडी देवर को कुछ सिख़ाओ, जिंदगी भर तुम्हे गुरु मानेगां और लंड की दक्षिणा दूँगा.”

भाभी लम्बी सांस लेती हुई बोली, “हाँ बाबा, मुझे ही कुछ करना होगा नही तो देवरानी आकर कोसेगी की तुमने कुछ नही सिखाया.” मेरा हाथ अपनी चूचि पर से हटाया और मेरे लंड पर रखती हुई बोली, “इसे पकड कर मेरी चूत के मुँह पर रख दो और लगाओ धक्का ज़ोर से.” मैने वैसा ही किया और मेरा लंड उनकी चूत को चिरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. फिर भाभी बोली, “अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन पूरा नही. सुपडा अंदर ही रहने देना और फिर दोबारा पूरा लंड अंदर डाल देना, बस इसी तरह से करते रहो.” मैने वैसे ही करना शुरू किया और मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत मे अंदर-बाहर होने लगा. फिर भाभी ने स्पीड बडा कर करने को कहा. मैने अपनी स्पीड बडा दी और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगा. भाभी को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब देने लगी. लेकिन ज्यादा स्पीड होने से बार बार मेरा लंड बाहर निकल जाता. इससे चुदाई का सिलसिला टूट जाता. आख़िर भाभी से रहा नही गया और करवट लेकर मुझे अपने उपर से उतार दिया और मुझको झट से लेटा कर मेरे उपर चड गयी. अपनी जाँघो को फैला कर बगल में करके अपने गद्देदार चूतड रखकर बैठ गयी. उनकी चूत मेरे लंड पर थी और हाथ मेरी कमर को पकड़े हुए थी और बोली, “में दिखाती हूँ की कैसे चोदते है,” और मेरे उपर लेट कर धक्का लगाया. मेरा लंड घप से चूत के अंदर दाखिल हो गया. भाभी ने अपनी रसीली चूचि मेरी छाती पर रगडते हुये अपने गुलाबी होठ मेरे होठ पर रख दिये और मेरे मुँह मे जीभ डाल दी. फिर भाभी ने मज़े से कमर हिला हिला कर शॉट लगाना शुरू किया. और कस कस कर शॉट लगा रही थी मेरी प्यारी भाभी. चूत मेरे लंड को अपने मे समाये हुये तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझे लग रहा था की में जन्नत में पहुँच गया हूँ. अब पोज़िशन उल्टी हो गयी थी. भाभी मानो मर्द थी जो की अपनी माशुका को कस कस कर चोद रहा था. जैसे जैसे भाभी की मस्ती बड रही थी उनके शॉट भी तेज़ होते जा रहे थे. अब भाभी मेरे उपर मेरे कंधो को पकड कर घुटने के बल बैठ गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर हिला कर लंड को तेज़ी से अंदर-बाहर लेने लगी. उनका सारा बदन हिल रहा था और साँसे तेज़ तेज़ चल रही थी. भाभी की चूचिया तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझसे रहा नही गया और हाथ बडा कर दोनो चूचियो को पकड लिया और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा. भाभी एक जमे हुये खिलाडी की तरह कमान अपने हाथो मे लिये हुये थी और कस कस कर शॉट लगा रही थी.

जैसे जैसे वो झडने के करीब आ रही थी उनकी रफ़्तार बडती जा रही थी. कमरे मे पच पच की आवाज़ गूँज रही थी. जब उनकी सांस फूल गयी तो खुद नीचे आकर मुझे अपने उपर खीच लिया और टागों को फैला कर उपर उठा लिया और बोली, “में थक गयी मेरे राजा, अब तुम मोर्चा सभाल लो.”में झट उनकी जाँघो के बीच बैठ गया और निशाना लगा कर झटके से लंड अंदर डाल दिया और उनके उपर लेट कर दनादन शॉट लगाने लगा. भाभी ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकड लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतड उठा उठा कर चुदाई मे साथ देने लगी. में भी अब उतना अनाडी नही रहा और उनकी चूचि को मसलते हुये धका धक शॉट लगा रहा था. कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से गूंज पडा था. भाभी अपनी कमर हिला कर चूतड उठा उठा कर चुदा रही थी और बोले जा रही थी, “आह आअहह आह्ह्ह ऊओह ऊऊहह हाआआं हाई मेरे राजा मर गई रे, लल्ला चोद रे चोद. उईईईईईई मेरी माँ, फट गई रे आज तो मेरी चूत. मेरा तो दम निकाल दिया तूने आज. बहरा जालिम भी बोल रही थी. आह रे तुम्हारा लंड तो एक दम महीन मसाला पीस हे.बड़ा तड़पाया हे तूने मुझे ले ले मेरी भाभी अब ये लंड तुम्हारा ही हे अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह क्या जन्नत का मजा सिखाया हे तूने.

में तो तेरा गुलाम हो गया हूँ.”भाभी गांड उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी और में भी पूरे जोश के साथ उनकी चूचियों को मसल मसल कर अपनी भाभी को चोदे जा रहा था. भाभी मुझको ललकार कर कहँती, लगाओ शॉट मेरे राजा”, और में जवाब देता, “यह ले मेरी रानी, ले ले अपनी चूत मे”. “ज़रा और ज़ोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत मे मेरे राजा”, “यह ले मेरी रानी, यह लंड तो तेरे लिये ही है.” “देखो राजा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गयी, और ज़ोर से और ज़ोर से आआईईईई मेरे राजा. में गई रे,” कहँते हुये मेरी भाभी ने मुझको कस कर अपनी बाहों मे जकड लिया और उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा चोड दिया. अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और में बोला, “में भी आया मेरी जान,” और मेने भी अपना लंड का पानी चोड दिया और में हाफते हुये उनकी चूचि पर सिर रख कर कस के चिपक कर लेट गया. यह मेरी पहली चुदाई थी. इसीलिये मुझे काफ़ी थकान महसूस हो रही थी. में भाभी के सिने पर सर रख कर सो गया. भाभी भी एक हाथ से मेरे सिर को धीरे धीरे से सहलाते हुये दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी.

कुछ देर बाद होश आया तो मैने भाभी के रसेले होठों के चुंबन लेकर उन्हे जगाया. भाभी ने करवट लेकर मुझे अपने उपर से हटाया और मुझे अपनी बाहों मे कस कर कान मे फूस-फूसा कर बोली, “बाबा तुमने तो कमाल कर दिया, क्या गजब की ताक़त है तुम्हारे लंड मे.” मैने उत्तर दिया, “कमाल तो आपने कर दिया है भाभी, आज तक तो मुझे मालूम ही नही था की अपने लंड को कैसे इस्तेमाल करना है. यह तो आपकी मेहरबानी है जो की आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला.” अब तक मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांटो के जंगल मे रगड मार रहा था. भाभी ने अपनी मुलायम हथेलियो मे मेरा लंड को पकड कर सहलाना शुरू किया. उनकी उंगली मेरे अन्डो से खेल रही थी. उनकी नाज़ुक उंगलियो का स्पर्श पाकर मेरा लंड भी जाग गया और एक अंगडाई लेकर भाभी की चूत पर ठोकर मारने लगा. भाभी ने कस कर मेरे लंड को क़ैद कर लिया और बोली, “बहुत जान तुम्हारे लंड मे, देखो फिर से फड –फडाने लगा, अब में इसको चोदूगी.” हम दोनो अगल बगल लेटे हुये थे. भाभी ने मुझको लेटा दिया, और मेरी टांग पर अपनी टांग चडा कर लंड को हाथ से मसलने लगी. साथ ही साथ भाभी अपनी कमर हिलाते हुये अपनी झांट और चूत मेरी जाँघ पर रगडने लगी.

उनकी चूत पिछली चुदाई से अभी तक गीली थी और उसका स्पर्श मुझे पागल बनाये हुये था. अब मुझसे रहा नही गया और करवट लेकर भाभी की तरफ मुँह करके लेट गया. उनकी चूचि को मुँह मे दबा कर चूसते हुये अपनी उंगली चूत मे घुसा कर सहलाने लगा. भाभी एक सिसकारी लेकर मुझसे कस कर लिपट गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुये मेरी उंगली से चूदवाने लगी. अपने हाथ से मेरे लंड को कस कर ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रही थी. मेरा लंड पूरे जोश मे आकर लोहे की तरह सक्त हो गया था. अब भाभी की बेताबी हद से ज़्यादा बड गयी थी और खुद चित होकर मुझे अपने उपर खीच लिया. मेरे लंड को पकड कर अपनी चूत पर रखती हुई बोली, “आओं मेरे राजा, सेकेंड राउंड हो जाये. ”मैने झट कमर उठा कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ पूरा धँस गया. भाभी चिल्ला उठी और बोली, “जीओ मेरे राजा.., क्या शॉट मारा. अब मेरे सिखाये हुये तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फाड दो मेरी चूत को. ” भाभी का आदेश पाकर मे जोश मे आ गया और उनकी चूंचि को पकड कर भाभी की चूत मे लंड डालने लगा. उंगली की चुदाई से भाभी की चूत गीली हो गयी थी और मेरा लंड सटसट अंदर-बाहर हो रहा था. भाभी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब पूरे जोश के साथ दे रही थी. भाभी और मेने ऐसे ही सात दिन तक चुदाई की और बहुत मज़े किये…..
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12-27-2018, 12:16 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
एक अनोखी रात

बात आज से 2 साल पहले की हे उस वक्त मे मुल्तान मे एक कम्पनी मे जॉब करता था. मुझे कंपनी के काम से मुल्तान से बहवालनगर जाना था। मे घर से सुबह 8am पर निकला ताकि जल्दी वापस आ जाऊ. लेकिन वापसी पर देर हो गयी ओर मे रात को 9pm पर बहवालनगर से मुल्तान के लिय निकला। रास्ते मे एक जगह हमारी कार चलती चलती रुक गयी. उस को चेक किया तो पता चला के फेन बेल्ट टूट गई हे. उस वक्त रात के 11बजे थे। अब मे सोच रहा था कि रात यहीं सडक पर गुज़ारनी पड़ेगी। कुछ देर के बाद मुझे एक गाड़ी की लाइट नज़र आई तो कुछ उमीद होई के अब मसला हल हो जायगा। जब कुछ क़रीब होई तो पता चला के कोई ट्रॅक्टर आ रहा हे. ट्रॅक्टर वाला मेरी पास आ कर रुक गया ओर पूछने लगा साहब जी किया हुवा।

मेने बताया के मेरी गाड़ी का फेनबेल्ट टूट गया हे इस पर उसने मुझे ऑफर कीया के मे उस के घर पर रात गुजारु ओर सुबह गाड़ी ठीक करवा कर मुल्तान चला जायूं. मेरे पास इसके सिवा कोई रास्ता नही था. उसने मेंरी गाड़ी अपने ट्रॅक्टर के साथ जोड़ दी ओर मुझे अपने घर ले गया जो रोड के साथ एक गाव मे था। उसका नाम नॉवज़ था उसने घर मे अपनी माँ को आवाज़ दी. माँ एक मेहमान आया हे एक रूम से उसकी माँ निकली तो नॉवज़ ने कहा माँ खाने का बंदोबस्त कर उसकी माँ की उम्र 40 से 42 के दरम्यान होगी। सेहतमंद जिस्म ओर खूब बड़े बड़े मम्मे उसकी कुरती मे से नज़र आ रही थे. ब्रा दिलकश नज़ारा दे रही थी। उस की माँ ने खाना गर्म किया. हम दोनो ने खाना खाया उसके बाद नॉवज़ ने मुझे एक लूँगी ओर कुर्ता दिया. ओर कहा के आप सो जायेगा क्युकी मे खेतो मे पानी देने जा रहा हूँ ओर सुबह आऊंगा.

मे दुसरे रूम में गया लुंगी ओर कुर्ता पहन कर लेट गया ओर उसकी माँ के बारे मे सोचने लगा के क्या चीज हे मोटी गांड ओर बरी बरी मम्मी मे उसको चोदने के बारे मे सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया. ओर मे अपने लंड को हाथ मे लेकर मसल रहा था. की अचानक उसकी माँ आ गयी ओर बोली के अगर पेशाब करना हो तो घर से बाहर चले जाना क्युकी गाव मे घर मे बाथरूम नही होते। मेने कहा हाँ जाना हे उसकी माँ जिसका नाम अनवरी था. उसने अब ब्लॅक कलर की लूँगी ओर कुर्ता पहना हुवा था. जिसमे से उसकी गांड ओर खूबसूरत लग रही थी। मुझे घर से बाहर ले गयी काफ़ी दुर जाने के बाद उसने मुझे एक तरफ़ जाने का इसारा किया के पेशाब उधर कर लूँ. मेंरा लंड उसकी गांड देख कर ही बेक़ाबू हो गया था. मे जब पेशाब कर के आया तो वो मेरे आगे चल रही थी ओर उस की गांड देख कर मेरा लंड झटके ले रहा था. तबी अचानक मेरा पेर फिसल गया ओर मे पीछे से उसके साथ जाकर लग गया ओर मेरा लंड उसकी लुंगी के उपर से उसकी गांड से टकरा गया. ओर मेने उसको गिरने से बचाने के लिय पकड़ लिया ओर मेरा हाथ उसके नरम नर्म मुम्मू से टकरा गये।

उसने भी मेरे अकडे हुय लंड को अपनी गांड मे महसूस कर लिया. मे डर रहा था के पता नही अब किया होगा खैर हम लोग घर आ गये उसने कहा के आप का लंड हर वक्त खड़ा रहता हे. मेने कहा नही कोई खास चीज़ देख लेतो खड़ा हो जाता हे. अनवरी बोली क्या खास चीज़ देख ली… मेने उसकी गांड पर हाथ लगाया ओर बोला इसको देख कर इस पर वो बोली तुम्हारे लंड को गांड चाहिय या चूत .. मेने कहा दोंनो इस पर उसने अपनी लुंगी खोली ओर मेरी लुंगी मे हाथ डाल कर मेरा लंड अपनी गांड के साथ लगा लिया ओर मे लंड को अपनी गांड से रगड़ने लगी। अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था ओर मेने पीछे से अपना लंड उसकी गांड मे टीका कर पकड लिया ओर उसके चुचीयो को दबाने लगा।

उफफफफफफफफ्फ़ हा…अ क्या टाइट मम्मे थे. इस उम्र मे उसके निप्पल तनी हुई थी. उसने ब्रा नही पहनी होई थी. मेने उसका कुर्ता उतारा ओर उसके बोबे को दबाने लगा ओर उसका जिस्म आग की तरह गर्म हो रहा था ओर सिसकारियाँ ले रही थी।

हू मरी आ.. फ्.. आई तो उसके खूबसूरत चुची देख कर मे उसके निप्पल चुसने को बेचेन होने लगा. उसने एक हाथ से अपना मम्मे को पकडा ओर मेरे मुह मे डाल कर बोली ले चुस इसको आज ताज़ा दूध पी… ओर मेने किसी भूखे बच्चे की तरह उसका निप्पल लेकर चुसने लगा. हाआआआआ किया मीठा मीठा मज़ा था. उसकी एक चूची मेरे मुह मे थी ओर दुसरा मेरे हाथ मे था. जिसकी वजह से वो बेक़ाबू हो रही थी ओर मुझसे अपना चूची खूब चुसवा रही थी। हाआअ चुऊऊऊस ओर जोर जोर से चुसो आज काफ़ी सालो के बाद इसको कोई चूस रहा हे. हा.. मज़्ज़ाआ.. अब मेने भी अपनी लुंगी ओर कुर्ता उतार दिया। उसने मेरा लंड हाथ मे पकडा तो खुशी से पागल हो गयी. मेरा 8इंच. का मोटा ओर सेहतमंद लंड उसने फॉरन अपने मुह मे डाल लिया ओर मेरी लंड को चुसने लगी ओर मे तो किसी ओर दुनिया मे पहुच गया ।

उफफफफफफफफ्फ़ हा..आअ.. ओर तेज़ चुस मेरे लंड को हा..आअ ओर पुरा अपने मुह मे ले वो मेरा लंड इस तरह चुस रही थी पता नही कब की भूखी हे. मेने उसको खड़ा किया ओर उसकी टांगो को खोला ओर नीचे बैठ कर उसकी लाजवाब चूत का नज़ारा करने लगा. उसकी उभरी हुई मोटी चूत जो लंड लेने के लिय बेकरार थी ओर गीली हो रही थी ओर गर्म होकर डबल रोटी हो रही थी. मेने अपनी ज़बान से उसकी चाटने लगा ओर अपनी ज़बान उसकी नर्म ओर गर्म चूत मे डाल दी ओर हाआआ.. म्म्म्म म ओर वो मेरे सर को अपने हाथो से अपनी चूत पर दबाने लगी ओर पागल होकर हाआआआआ चुऊवस मेरी चूत को इसका सारा रस पी ले हाअ उफफफफफफफफफफ्फ़ चुऊवस ओर उसकी चूत ने सारा पानी मेरी मुह मे निकाल दिया। फिर मे खड़ा हुआ ओर अपनी ज़बान उसके मुह मे डाल दी ओर वो भी अपनी चूत के पानी का मज़ा मेरी ज़बान चुस कर लेने लगी मेने उसकी ज़बान चूसी ओर खुब एक दुसरे को चुमा चाटा।अब वो पैर खोल कर लेट गई ओर कहने लगी पहले अपना लंड मेरी चूत मे डाल मे उसके उपर आया उसके पैर खोले ओर अपना 8इंच. का लंड उसकी चूत के अंदर किया ओर एक ही धक्का लगाया ओर मेरा 4इंच. लंड उसकी चूत के अंदर था ओर वो मझे मे सिसकारियाँ ले रही थी। उसने अपनी दोनो पैर मेरी कमर के साथ लपेट लिये थे ओर उसकी चूत ओर खुल गई ओर मेने थोडा सा ओर पुश किया ओर मेरा पूरा लंड उसकी गरम चूत मे उसकी बच्चेदानी को टच करने लगा ओर उसके मुह से हााआआ उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी चूत मार पूरा लंड मेरी चूत मे डाल।

चोद ओर जोर जोर से चोद आज छोड़ना नही मेरी चूत को हाआआआआआआआआअ मेरी जान तेरा लंड मेरी चूत को पसंद किया हे. चुऊऊऊऊओद इसको आज इसकी गर्मी अपनी लंड से निकल दे फाड़ दे मेरी चूत को हााआआ उफफफफफफफफफफफ्फ़ हााआआ मज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा ओर वो अपनी चूत को उपर नीचे करने लगी ओर मेरा लंड उसकी चूत मे अंदर बाहर होने लगा हाआआआआआआअ मुझे तो ऐसा लग रहा था के आज इसकी चूत मेरे लंड को खा जायगी। 15 मिनिट तक उसकी जम के चुदाई की अब मुझे उसकी गांड मारनी थी. मेने उसको घोडी बनाया उसके गोल गोल चूतड पर किस किया ओर उसकी गांड के सुराख को सहलाया. वो कहने लगी कि अभी गांड नही मारो मे तेल लेकर आती हूँ.. तेल लेकर आई ओर मेने उसको घोड़ी बना कर उसकी गांड के सुराख पर तेल लगाया ओर अपना लंड उसके सुराख पर रख कर आराम से धक्का दिया अभी मेरा लंड 2इंच. अंदर गया. वो दर्द से चीख पडी ओर कहने लगी पहली दफ़ा गांड मरवा रही हूँ आराम से।

मेने आहिस्ता आहिस्ता अपना पुरा लंड उसकी गांड मे घुसा दिया ओर जब मेरा मोटा ओर गर्म लंड उसकी गांड मे अंदर बाहर होने लगा तो उसको भी मज़ा आने लगा ओर वो भी अपनी गांड से दबा दबा कर मेरे लंड से अपनी गांड मरवा रही थी। ओर जोर जोर से अपनी चूतड आगे पीछे कर रही थी. हााआअ उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ म्म्म्म मममज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा अब उसकी टाइट गांड ने मेरी लंड को पकड लिया था ओर मेने पीछे से उसके बोब्स पकडे ओर उसके उपर चढ़ कर ज़ोर दार धक्के लगाये ओर उसकी गांड मे फ्री हो गया हाआआआआआआ ओर थकान से निढाल होकर मे उसके ऊपर लेट गया। उसकी गांड ओर चूत मारने के बाद मुझे पेशाब आ रहा था. उसने कपडे पहने ओर मेने भी हम लोग बाहर गये ओर दोनो ने एक दूसरे के सामने बैठ कर पेशाब किया।

मैंने किसी औरत को फर्स्ट टाइम पेशाब करते देखा ओर क्या नजारा था. दोस्तो केसी लगी आपको मेरी यह कहानी.?
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12-27-2018, 12:17 AM,
RE: Hindi Kamukta Kahani हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
नौकर से चुदी

मैं एक अपनी कहानी बताने जा रही हूँ. जो मेरे साथ हुई. मेरी शादी हुए 3 साल हो गये थे और मैं अपने पति के साथ नये सिटी मे आ गयी थी. उधर सब कुछ अरेंज करने मे काफ़ी टाइम निकल गया. अब मैने अपने पति राज से बोला की एक नोकर रख लो घर पे. वो मान गये और अपने पड़ोस मे ढूँढने लगे. एक मिल गया उसकी उम्र कुछ 28 की रही होगी मजबूत कद का और लंबे कद का मोहन नाम था उसका।

वो शाम को घर आया पति कहीं पर गये हुए थे और बोला था की मोहन शाम को घर आएगा तो मैं बात कर लू. मैने अपने 36 30 34 फिगर पे सारी डाली हुई थी और मेरा ब्लाउज कम गले का था. तभी घंटी बजी और मैने दरवाजा खोला तो देखा की मोहन खड़ा हुआ था और बोला मेडम मे मोहन. मे उसे अंदर ले आई और उसकी नज़र मेरे चुचियो पे ही थी. मैने देखा की वो तोड़ा झिझक रहा था। मैं उसे सभी काम समझा रही थी तभी नीचे झुकने से मेरा पल्लू नीचे गिर गया। और मेरे 36 ब्रेस्ट आधे बाहर नज़र आने लगे. वो उन्हे घूर के देख रहा था।

वो चला गया और अब जब राज ऑफीस मे होते थे तभी वो आता था और मेरी बॉडी को देखते देखते काम किया करता था. मुझे शुरू से ही पॉर्न फिल्म देखने की आदत थी कभी कभी राज के साथ भी देखती थी। एक बार मैने स्कर्ट डाली थी और उसके ऊपर शॉर्ट टॉप था. मे पॉर्न फिल्म देख रही थी. रूम मे और स्कर्ट ऊपर कर के अपनी चूत को मसल रही थी तभी वो आ गया अंदर और एक दम से मेरा पानी निकल आया। मैने स्कर्ट नीचे कर दी और कुछ बूंदे स्कर्ट पे गिर गई. उसने देखा और चला गया।

एक दिन मै लॉन मे घूम रही थी सारी पहनी थी मैने और मैं हमेशा से लो नेक ब्लाउस ही पहनती हूँ. तभी मैने देखा की मोहन बाथरूम मे सू सू कर रहा था और मैने उसका 8 इंच का लंड देखा और मन ही मन उछली. पति का मुश्किल से 6 इंच का होगा पता है। फिर मे अचानक उधर गयी और वो घबराकर उसे छुपाने लगा। फिर मैं उसे अपने साथ रूम मे ले गयी और बोली की तुमने जान बूझकर डोर खोला था की मैं देख लूँ। वो बोलने लगा की नही मेडम मैने सोचा आप अंदर होंगी. खैर मैने धोखे से अपना पल्लू गिरा दिया और बोला की अपने कपड़े उतारो वो मुस्कुरा दिया ओर नंगा हो गया. में उसके लंड को सहलाने लगी।
उसका लंड मोटा और काला था. उसने मेरी सारी और ब्लाउज उतार दिया और बेड पे लिटा कर चूमने लगा और एक हाथ से पेटिकोट भी उतार दिया। मेने पेंटी नही डाली थी. एक उंगली मेरे अंदर डाल कर चूत मे घूमाने लगा. मैं धीरे धीरे आवाज़ करने लगी वो बोला मेडम आपकी तो अभी भी टाइट है। मैने बोला मोहन तुम ढीली कर दो. उसने ब्रा के हुक खोल दिए। अब मैं उसके सामने एकदम नंगी थी. वो मेरी चुचियो को चूसने लगा और काट भी लेता था।

मैने बोला की मोहन आराम से करो पूरा दिन है अपने पास। फिर मैने उसका लंड लेकर चूसने लगी और कभी उसके लंड को दबाती और कभी उसके लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करती। 10 मिंनट तक चूसने के बाद सारा पानी मेरे मूह मे ले लिया और पी गयी. फिर हम लिपट के लेटे रहे। थोड़ी देर बाद फिर उसका लंड टाइट हो गया था. इस बार उसने मुझे लिटाया और मेरी टाँगे फैला कर अपना लंड मेरी चूत पे रख दिया और धक्के मारने लगा मैं चील्ला पड़ी की आआहह उ उ उई माँ आ…आ.. मोहन आराम से डालो। फिर वो बोला मेडम कुछ नही होगा सब ठीक हो जाएगा और एक ज़ोर का धक्का मारा ओर पूरा लंड अंदर आ गया मैं दर्द से तड़प उठी। फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला ओर फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पर फेरने लगा। मेरी चूत अब ओर गर्म ओ गयी. मेरी चूत उसके लंड को डालने के लिय बेताब हो रही ती। फिर मोहन ने आपना लंड मेरी चूत मे डाल दीया। उसने धक्के लगाने चालू किया और बोला मोना मेडम आप बड़ी मस्त हो. ओर अपने लंड को मेरी चूत मे अन्दर बाहर करने लगा। फीर उसने अपनी गति तेज कर दी। ओर मे उ उ उई ..उई माँ कर रही थी। और 20 मिनट तक उसने चुदाई की।

उसने सारा पानी अंदर ही डाल दिया. फिर हम दोनो 5 मिनट तक 69 मे लेटे रहे। मोहन मेरे चुचियो को दबा रहा था। फिर उसने कपड़े पहने और वो चला गया. अब में अपनी चूत को अपनी साड़ी से पोछने लगी। अब मैं घर पर नंगी भी होती हूँ। तो वो सारा काम करता है और हम चुदाई भी करते है। जब पति रात की शिफ्ट पे होते है तो वो आता है और हम सोते है. एक बार उसने अपने दोस्त से भी चुदवाया वो एक दिन मुझसे कहनें लगा की मेरा एक दोस्त हे उसे किसी को चोदने की बहुत मन है. लेकिन उसने कभी किसी ओरत को नही चोदा हे। मे उसको आप से चुदवाना चाहता हु। मेने मना कर दिया। मोहन बोला मान जाओ ना जान। मेने कहा की वो तुमारा दोस्त किसी से बोल दिया तो. वो बोला वो किसी से नही बोलेगा और मेने हां कर दी। फिर मोहन ओर उसके दोस्त ने दोनों ने मिलकर चोदा। में बेड पर नंगी लेटी रहती ओर दोनो एक एक करके मुझे चोदते। उन्होने मेरे फिगर को दबा दबा कर लटका दिया. ओर मेरी चूत को चोडी कर दी। फिर तो मोहन का दोस्त हर एक दो दिन मे आने लग गया. उसका नाम चंदु था। चंदू ओर मोहन कभी भी मुझे नंगा कर देते ओर फिगर को दबाते रहते. अंदर से रूम बंद कर मेरे ओर अपने कपडे उतार कर पुरे नंगे होकर टी.वी. या मूवी देखते थे।

ओर बहुत मस्ती करते ऐसा तक़रीबन 3 साल तक चला। उसके बाद अभी तक मुझे किसी दूसरे का लंड नही मिला।

और मुझे अभी तक किसी ऐसे लंड की तलाश है जो मुझे मस्त कर दें।
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