Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
06-14-2019, 12:54 PM,
#1
Star  Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
इंट्रोडक्शन:-----
विजय सिंह अभी गुजर चुके है हीरो के पापा।
माता -- कौशल्या देवी उम्र 47 वर्ष
बहन--- रीटा सिंह उम्र 29 वर्ष तलाक सुधा अपने पति से अलग होकर हीरो के घर पर ही रहती है। बहुत सुंदर और एक मस्त लड़की है। मस्त फिगर लिए हुए जो देखे घायल हो जाये।
मंझली बहन--- उम्र 22 वर्ष किरण , एक मदमस्त अल्हड़ कुँवारी लड़की को जो पूरा दिन घर मे रहकर घर को संभालती है।
छोटी बहन-- रानी 17 वर्ष 6 महीने दसवीं कक्षा की छात्रा। पूरे परिवार की जान लाडली । अभी अभी जवान हुई तितली सी घूमती रहती है पूरा दिन।
घर मे एक ड्राइवर रोशन 45 वर्षीय और उनकी वाइफ रोशनी 37 वर्षीय (मस्त औरत रंग थोड़ा काला लेकिन मस्त औरत है सेक्स की भूखी)भी रहती हैं जोकि खाना साफ सफाई करती है घर मे।
हीरो--- संजय सिंह उम्र 20 वर्ष ।
विजय लड़कियों की ज्यादा पढ़ाई लिखाई पर तवज्जो नही देते थे इसलिए रीटा और किरण दसवीं तक पढ़ कर पढ़ाई छोड़ दी अपनी मर्जी से।
एक दबंग युवक जिसका पढ़ाई में मन नही लगता। पूरा दिन कॉलेज से बाहर मटर गस्ती करना । बीऐ पहली साल में है जैसे तैसे 12 क्लास पास की है इसने।
पापा विजय सिंह पिछले वर्ष गुजर गए कार एक्सीडेंट में । वो भी एक दबंग इंसान थे । इनकी गांव में 50 एकड़ जमीन है जिनकी बदौलत इनके पास अछि दौलत जमा कर रखी है। शहर में काफी प्लाट और दुकाने है जिनसे अछि रकम किराये के रूप में आती है।
शहर से थोड़ा बाहर एक पाश कॉलोनी में विजय ने अपना तीन मंजिल मकान बनाया है। निचली मंजिल पर पांच कमरे है रसोई स्टोर और बाहर गार्डन । मकान के पिछले हिस्से में नोकरो के लिए दो रूम सेट है। जिसमे रोशन और रोशनी रहती है। ऊपर तीन कमरे और स्टोर और उसके उप्पर दो कमरे । तीनो मंजिल पर बाथरूम और टॉयलेट बनवा रखा है। एक सीढ़ी पीछे से सर्वेंट क्वाटर के पास से उतरती है जिसपर दरवाजा लगा है । विजय ने नीचे बेसमेंट में भी कुछ रूम बना रखे है लेकिन वहा नीचे जाने वाली सीढ़ियों पर लॉक लगा था। जिसकी चाभी विजय के गुजरने के बाद कहा है किसी को नही मालूम।
पापा की मौत के बाद संजय ने सब प्रोपर्टी को संभाल लिया था और थोड़ा अपने परिवार की तरफ भी सतर्क हो गया।
संजय ने कॉलेज छोड़ दिया और कोर्स पोंडेंस से पढ़ाई शुरू कर दी।
शहर से बाहर अपने एक खाली घर को उसने अपने मौज मस्ती के लिए तैयार करवा लिया।
शहर में अपनी दुकान में खुद का व्यापार शुरू कर लिया जिसमे घरेलू जरूरत और गारमेंट का काम था। दुकान पर काम करने के लिए दो लड़के( संपत और राजन) और तीन लडकिया (मोना, मंजू, सुमन) रख ली।
कहानी आगे संजू की जुबानी आगे बढ़ेगी। कुछ जगह पर थर्ड वौइस् में।
बेसिकली कहानी इन्सेस्ट ही रहेगी कुछ जगह पर adultry रहेगी।.
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06-14-2019, 01:11 PM,
#2
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
सरोज ने मुझे उस लड़की का नंबर बताया जैसे ही मैने नंबर देखा तो मेरे पैरों तले जमीन निकल गयी। मैने पूछा कि सरोज तुम कैसे जानती हो इस लड़की को, तो उसने बताया कि ये उसकी फसबूक फ्रेंड है और अभी कुँवारी है और सेक्स करना चाहती है।
मैंने तुरंत सरोज की कॉल काटी और मनोज को फोन किया और बोला कि तुरंत लैपटॉप ले कर आये। मुझे अर्जेंट काम आ गया है।
मनोज ने रिक्वेस्ट की एक दिन रुक जाओ लकिन मैंने आज ही लेपटॉप देने को बोला।
वो उसी जगह लेपटॉप ले कर आ गया। मैंने पूछा कि कोई बात हुई लड़की से उसने मना किया।
मैंने लेपटॉप लिया और घर आ गया। ओर रूम में आकर हिस्ट्री चेक की लेकिन वास्तविकता में मनोज की कोई बात नही हुई लड़की से।
वो नंबर मेरे ही घर का नंबर था जोकि पापा ने मम्मी को लेकर दिया था।
वो फ़ोन घर पर ही रहता था और कोई भी यूज़ कर लेता था।
अब मुंझे पता लगाना था कि वो लड़की कौन हैं।
सरोज की बात के अनुसार वो किरण या रानी दोनो में से हो सकती थी।
मेरी जानकारी में सिर्फ रीटा दी के पास ही अपना मोबाइल था या फिर घर वाला मोबाइल।
किरण या रानी के पास मोबाइल नही था।
पहले पापा और अब मैने दोनों को मोबाइल अलाऊ नही किया था।
मैंने हिस्ट्री से वो fb id निकाल ली और उस पर एक फेक id से रिक्वेस्ट भेज दी शमशेर के नाम से।
मैं बहुत बैचैन था कि यहा मै लड़कियों को चोदता फिरता हूँ और मेरे घर की लड़की ही चुदना चाहती है।
ये आदमी की फितरत है कि खुद कुछ भी करे लेकिन घर का मामला आते ही गांड जलने लगती है।
वैसे ही मेरे साथ हो रहा था।
मैं भगवान को सुक्रिया अदा कर रहा था कि मुझे समय से पता चल गया नही तो खुद ही अपनी बहन को अपने दोस्त से चुदवा बैठता।
मैं अपनी सोच में डूबा था कि रानी मेरे रूम में आ गयी
क्या कर रहे हो भैया,
कुछ नही, मैं बोलै
रानी- भैया आपसे कुछ बात करनी थी।
हां बोलो क्या बात है- मैं बोला
भैया स्कूल का टूर जा रहा है नैनीताल मैं भी चली जाऊ?
रानी की बात सुनते ही मैंने उसको गौर से देखा, एक मस्त जवान होती लड़की जिसकी छोटी में अभी अभी उभार आये है, गांड थोड़ा बाहर लकीन हरकत वही बच्चों वाली। क्या ये हो सकती है वो। मैं मन मे सोचने लगा।
बोलो न भैया क्या जाऊ में टूर पे।
मैं अपने खयाल से बाहर आया और पूछा , और कौन कौन जा रहा है
भैया मेरी सभी सहेली जा रही हैं और 5 टीचर जाएंगे दो मेल और तीन हमारी मैड़म है। रानी ने जवाब दिया
क्या लड़के भी जा रहे है तुम लोगो के साथ,मैं ने पूछा
नही भैया सिर्फ लडकिया ही जा रही है, लड़के अलग टूर पर जा रहे है--रानी

मैं ने कल बताने को बोला और रानी बाहर चली गयी।
मैं फिर आपनि सोच की दुनिया मे खो गया।
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई ,मैंने दरवाज़ा खोला, रोशनी थी वो अंदर आ गई।

मैं अपने लैपटॉप पर fb देख रहा था।

मेरा मन रोशनी को देख कर मचल गया । मैं अपनी परेशानी भूल गया। काले ब्लाउज और सफ़ेद साड़ी में वो बड़ी ही बेहतरीन माल लग रही थी।

वो अभी भी बेहद खूबसूरत और जवान थी।

जब वो मेरे कमरे में आई तो उसके स्तन मुझे उसके ब्लाउज से झांकते हुए दिखे।
उसके उभारों में इतनी गोलाई थी कि मैं उनमें ही खो गया।
और भूल गया कि मैं अभी किस परेशानी में हु।

किसी नदी के मचलते पानी की तरह ही उसका बदन था.. बिल्कुल लचीला.. हर तरह के सांचे में ढल जाए मानो…

मुझे तो उसने अपनी खूबसूरती का कायल ही कर दिया था।

जब मेरी नज़र उसके ब्लाउज से झांकते स्तनों को निहार रही थी.. तब रोशनी की नज़रें मुझे ये चोरी करते देख चुकी थीं और वो मेरे इरादे भांप गई थी।
इसलिए उसने अपने साड़ी का पल्लू ठीक किया और मुँह घुमा कर झाड़ू लगाने लगी..
लेकिन फायदा क्या??
अब मुझे उसके चूतड़ नज़र आ रहे थे।

क्या उभरे हुए चूतड़ थे उसके.. मैं तो देखते ही मानो पागल हो गया था।

मैंने अपना मन बना लिया था की रोशनी के साथ कुछ न कुछ हो ही जाए।

उसके बदन की मादक नक्काशी ने मानो मेरे मन में कई मीनार बांध दिए थे।

मैं अपने लण्ड को शांत नहीं कर पा रहा था पर फिर रोशनी भी तो इंसान ही है ना उसे भी वही सारी चीजें मिली हैं जो दूसरी लड़कियों के पास हैं और फिर उसके इतने सुन्दर और इतने गठीले जिस्म को देख कर किस का मन नहीं होगा उसे गन्दा करने को…
मुझे अपने लण्ड को आज फिर उसकी चूत में डाल कर पवित्र करना था..
मेरे तन्नाए हुए लौड़े को रोशनी की जवानी का रस चखना ही था।
ऐसा लगता था कि अब मेरे इस लंड का यही उद्देश्य रह गया था।
मैने उठकर बाहर देखा कि कोन क्या कर रहा है।
सभी अपने अपने कमरे में थे।

रोशनी मेरे कमरे से निकल कर जाने लगी थी।


मैंने आव देखा न ताव और पीछे से जा कर उसके स्तनों को पकड़ कर चूचियाँ अपनी मुट्ठी से भींचने लगा।
अपना लण्ड उसकी गांड को चुभाने में मज़ा आ रहा था.. उसने तनिक विरोध किया तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से रोक लिया और चूमने लगा, धीरे से उसे अपनी तरफ घुमाया और तेज़ी से उसके वक्षों को ब्लाउज से आज़ाद किया।

उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

वो मुझे रोकने लगी तो मैंने उसे कहा- चुप रहो और मज़ा लो।

मैंने धीरे से उसकी साड़ी ऊँची कर अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी।

मैं उसे नंगा करने लगा.. तो वो बोली- कोई देख लेगा…संजू
वो विरोध करने लगी..
उसका विरोध मैं निरंतर अपने होंठों को उसके होंठों पर चिपका कर रोक रहा था।

वो नंगी हो चुकी थी और अब चुदने का मन भी बना बैठी थी।

मैं उसे नंगी ही अपने बिस्तर पर ले गया और उसके बदन को गद्दा समझ उस पर चढ़ गया।

उसकी चूचियाँ मानो जैसे आइसक्रीम का स्वाद दे रही थीं।

मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को छेड़ना शुरू किया और फिर उसने भी मेरा लण्ड मुँह में लेकर बहुत देर तक चूसा।

एक बार तो मैं उसके मुँह में ही झड़ गया..

फिर मैंने धीरे से अपने लण्ड को रोशनी की चूत के मुहाने पर रख कर अन्दर सरकाया और धीरे-धीरे चुदाई आरम्भ की..

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

उसकी ‘आह.. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.. ह्हाआआऐईईई’ मुझे और ताकत दे रही थी।

मैं अपनी रफ़्तार से कहीं ज्यादा रफ़्तार रख कर उसे चुदाई की शांति दे रहा था और वो और कामुक होती जा रही थी।

उसकी चुदाई की आग का वहशीपन बढ़ता ही जा रहा था।

मैंने भी अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी वासना को ठंडा किया। कुछ देर उपरान्त झड़ने के बाद हम दोनों नंगे पड़े रहे।
चुदाई का नशा उतरते ही मेरे मन मे फिर वही खयाल आया कि कौन है वो?
मेरे मन मे आईडिया आया कि रोशनि पूरा दिन घर पर रहती है शायद इसको कुछ मालूम हो।
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06-14-2019, 01:12 PM,
#3
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
ये नहीं था कि मैं कोई बहुत ही शरीफ लड़का हु। लेकिन ये जरूर था कि मैंने कभी अपनी मा और बहनों की तरफ गलत नजर से नहीं देखा था। बाकी जो मिली जहाँ मिली चोद डाला चाहे वो 55 साल की बुढ़िया ही क्यों ना हो, मेरे पास माफी नहीं थी। ये था मेरा लाइफ स्टाइल।
मेरी सेक्स गुरु मेरी घर की नोकरानी रोशनी है जिसने सबसे पहले मुझे अपने लण्ड से खेलते देखा जब मैं दसवीं में था। उस दिन रोशनी ने मुझे डरा कर मेरे लण्ड से खेलना शुरु किया जिसका चस्का मुझे ऐसा लगा की मैं ही उसपर भारी पड़ गया। रोशनी ने मुझे सेक्स के बारे में मास्टर बना दिया। मेरे लोडे की मालिश करके उससे मजबूत बना दिया। मैं अब अपने लोडे से किसी को भी संतुष्ट कर सकता हु।

ये आज से एक साल पहले की बात है जब मेरे पापा की मृत्यु ही गयी । मेरे परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट गया। अब मैने ही उनको संभाला मैं ने कॉलेज छोड़ दिया। अब मेरा एक कालेज का दोस्त जो कि मुझे सबसे ज्यादा नजदीक था जिसका नाम मनोज था लेकिन था जरा लोवर मिडिल क्लास से लेकिन एक बात जो उसकी सबसे अच्छी थी वो ये थी कि वो जब भी कोई नई लड़की फँसाता मुझे जरूर बताता। और जब खुद उसे चोद लेता तो मुझे भी उस लड़की की चुत जरूर दिलाता, क्योंकी मैं ही तो उसे लड़कियों पे खर्च के लिए पैसे दिया करता था। तो फिर वो मुझसे कैसे दगा करता।


अब तक हम कोई 4 के करीब लड़कियों को मिलकर चोद चुके थे जिनमें से एक को मैंने सेट किया था और बाकी 3 को मनोज ने। क्योंकी वो तीन भी उसी की कालोनी की थीं। एक दिन वो मेरे पास बैठा किसी सोच में गुम था और मैं उसी को देख रहा था कि कब इस साले की सोच खतम हो और ये साला मुझे कुछ बताए लेकिन जब मैंने देखा कि उसकी सोच खतम होने में ही नहीं आ रही है।

तो मैंने उसकी कमर पे एक धाप मारते हुये उससे कहा- “साले, कहाँ गुम हो गया है गान्डू की औलाद?”

मनोज अपने हाथ को पीछे की तरफ मोड़कर अपनी कमर को मलते हुये बोला- “यार, कितनी बार कहा है तुझसे कि हाथ का मजाक मत किया कर..."

मैं- साले कब से तेरे पास बैठा तुझे देख रहा हूँ लेकिन तुम हो कि उदास उल्लू की तरह पता नहीं किन सोचों में गुम हो।

मनोज- यार, मैं सोच रहा था कि तेरे साथ बात किस तरह शुरू करूं कि तूने अपना ये हथौड़े जैसा हाथ मुझे मार दिया।

मैं- साले गान्डू, ऐसी कौन सी बात है जो करने के लिए तुम्हें सोचना पड़ रहा है। हम दोनों दोस्त हैं और वो भी पक्के वाले और ‘हाहाहाहा' करके हँसने लगा।

मनोज- यार एक लड़की का नम्बर मिला है, सरोज से। मैंने उससे बात भी की है और मजे की बात ये है कि वो सेक्स में भी इंटरेस्ट रखती है। लेकिन मिलना भी नहीं चाहती। तो मैं सोच रहा था कि अगर मैं उससे फेसबुक का आई.डी. या स्काइप आई.डी. ले लूं। लेकिन मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं कि नेट केफे में थोड़ा टाइम पास कर लिया करूं और उसके साथ सेटिंग कर सकें।

मैं- हरामी, तुझे मैंने पहले कब मना किया है। वैसे नाम तो बता उस परी चेहरा का, बाकी सारी टेंशन मेरी है। तू फिक्र ना कर मैं करता हूँ कुछ इसका भी तेरे लिए।

मनोज- यार, अभी तक नाम तो मुझे भी नहीं पता, बस मैं उसे फूल जी कहकर बुलाता हूँ।

मैं- अच्छा चल ऐसा कर, तू चल मेरे साथ मेरे घर। मैं तुम्हें दो दिन के लिए अपना लैपटाप दे देता हूँ। अगर बात बनती नजर आई तो ठीक है, वरना छोड़ देंगे साली को और देखेंगे।

मनोज मेरी बात सुनकर मेरे साथ चल दिया और मैंने उसे अपने घर से कुछ दूर रोक और अपना लैपटाप दे दिया, तो वो खुश हो गया और फिर वहाँ से निकल गया। मैं कभी भी अपने दोस्तों को अपने घर नही लाया था। बाहर ही उनसे मिलता था। फिर मैं भी वापिस अपने रूम में आ गया। क्योंकी आज मैं जरा जल्दी घर
आ गया था। इसलिए मुझे अपने रूम में जाता देखकर रीटा दी ने कहा- “संजू क्या बात है, आज दुकान नहीं गये तुम? तबीयत तो ठीक है ना?”

जी दीदी, बस सर में दर्द हो रहा था इसीलिए घर वापिस आ गया हूँ..” और इतना बोलते हुये मैं अपने रूम में घुस गया और दरवाजा बंद करके सरोज (वो लड़की जिसे मैंने सेट किया था लेकिन अब वो मेरे साथ मनोज की भी रखेल थी) को काल की और उसके काल पिक करते ही मैंने उससे उस लड़की का पूछा जिसका नम्बर पूछा।
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06-14-2019, 01:12 PM,
#4
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
रोशनी मेरे काफी करीब थी और विस्वास लायक भी।
मैने इशारे से रौशनी से मेरी बहनों की जानकारी हासिल करनी चाही।
रोशनी ने बताया कि रीटा दीदी काफी कामुक है लेकिन किसी के साथ अफेयर नही कर सकती
किरण दीदी के बारे में भी ऐसे ही विचार थे उसके।
रानी के बारे में कुछ डाउट किया रोशनी ने शायद स्कूल में कोई लड़का हो।
मैंने रोशनी से अब से तीनों पर नजर रखने को कहा।
रोशनी ने मुझे कहा कि मैं ठीक कर रहा हु जो जल्दी ही अपनी बहनों की सुध ले ली। मेरी मटरगस्ती के चक्कर मे वो भी काफी बिगड़ सकती है।
फिर रोशनी बाहर चली गयी और अपने रूम में जाकर नहाकर आयी।
और रात का खाना तैयार किया। खाना रोशनी और किरण दीदी ही बनाती थी। मैं भी फ्रेश होकर मम्मी के पास जाकर बात करने लगा। मैं ने मम्मी से भी बातो ही बातों में बहनो पर ध्यान देने को बोला। फिर मैं मम्मी से उठकर उप्पर रीटा दीदी के रूम में चला गया।
नीचे तीन कमरों में मम्मी ,किरण और रानी रहती थी।
रीटा दीदी उप्पेर सेकंड मंजिल पर रहती थी।
मैंने तीनो फ्लोर पर एक एक रूम सेट किया हुआ था अपना। जहा दिल करे रुक जाता था ज़्यादातर थर्ड फ्लोर वाला रूम ही यूज़ करता था।
जैसे ही मैं रीटा दीदी के रूम के सामने पहुचा उनका दरवाज़ा खुला था। मैं अंदर चला गया। दीदी शायद नहा कर आई थी। और टॉवल में थी।

रीटा दीदी 29 साल की खूबसूरत नैन नक्श और शरीर वाली, स्वाभाव से थोड़ा मुंहफट और कामुक लड़की थी. खूबसूरत थी और गुस्सैल भी; 5 फुट 5 इंच लम्बाई, इकहरी काया, गोरा गुलाबी रंग, काली आँखें, गुलाबी होंठ, 34″बी कप साइज़ के स्तन; 28″ कमर. 36″ नितम्ब!

24 वर्ष की उम्र में रीटा दीदी की शादी हो गयी. पति के साथ रीटा सेक्स की दुनिया की सैर कर रही थी और अपने मदमस्त यौवन को जम कर लुटा रही थी. पति पैसे वाला और सीधा था. जवान रीटा अपने ग़ुस्सैल रवैये से अपने पति पर हावी रहती थी और मनचाहा काम लेती थी. रात में किसी बिगड़ैल जंगली घोड़ी की तरह पति से लगातार घण्टों सेक्स करती थी.
मेहनती और काबिल पति की वजह से जल्दी ही रीटा के पास लाखों का बैंक बैलेंस भी हो गया था. खूब खुश थी रीटा।
पर अचानक…
जैसे रीटा दीदी की खुशियों को किसी की नजर लग गई
धीरे धीरे रीटा और जीजा जी के बीच मनमुटाव होने लगे कारण मुझे मालूम नही था अभी तक।
फिर झगड़ा काफी बढ़ने पर पापा ने दोनो का तलाक करवा दिया।
और रीटा दीदी वापिश हमारे साथ रहने लगी।
मैंने खुद को थोड़ा छुपा लिया और दीदी को कपड़े बदलते हुए देखने लगा। मैंने रीटा दीदी को देखा. वो एक कोने में खड़ी अपने कपड़े बदल रही थी. उसे सफ़ेद ब्रा में देख कर मुझे अच्छा लगा. रीटा दीदी की पीठ मेरी तरफ थी. पहले के मुकाबले वो काफी गदराई लग रही थी. झीनी जॉर्जेट की सफ़ेद ब्रा में रीटा की बॉडी का पूरा शेप समझना आसान था. फिर दीदी ने सफेद ब्लाऊज पहना और एक छोटी सी पैंटी। और उप्पेर पेटोकोट पहन ली।
मैंने गौर किया कि रीटा दीदी के चूतड़ चौड़े और भारी हो गए थे. 29 साल की इस जवान औरत रीटा के करीब 40 इंच के टाइट, चौड़े, गदराए, चर्बी चढ़े भारी नितंबों को उसकी छोटी सी पैंटी संभाल पाने में असफल हो रही होगी. ऊपर चिकनी पीठ और उस पर सफेद ब्लाउज, उसके अंदर दिखती रीटा
की ब्रा. शायद कोई इम्पोर्टेड ब्रांडेड ब्रा थी.

तलाकसुदा होने पर भी इतनी डिज़ाइनर और ब्रांडेड ब्रा? मैं सोच में डूब गया.

फ़िर मैंने देखा कि दीदी अपने हाथों से अपनी चूचियाँ सहला रही थी, उसके चेहरे के भाव देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं भी अब अपने लंड को सहला रहा था।
मैं फ़िर से अंदर देखने लगा। मुझे यकीन नहीं हो रहा था दीदी ऐसे भी कर सकती है। तन मैंने सोचा कि हर लड़की के अंदर कामुकता तो होती ही है, उसे सेक्स की चाहत होती है।
फ़िर उसने अपने चूतड़ों को सहलाया। फ़िर दीदी ने आपने को ठीक किया और मुड़ी।

मैं बाहर से अचानक अंदर गया, वो ब्लाऊज पेटीकोट पहन कर जैसे ही मुड़ी स्तब्ध हो गयी, मैंने अपने लंड को सहलाया, उसने मेरे लंड के तरफ़ देखा और दीदी साड़ी की ओर जाने लगी, मैं भी दीदी के पीछे पीछे गया, फ़िर मैं हिम्मत करके दीदी के कंधे पर हाथ लगाने लगा, दीदी तौलिये से बाल सुखाने लगी थी।
मैंने कहा- दीदी, लाओ मैं पीछे से बाल सुखा देता हूँ।

फ़िर मैं तौलिये से दीदी के बाल सुखाने लगा। मैं बीच बीच में दीदी की नंगी गोरी पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर दीदी की बगल से हाथ फिराते फिराते मैं उनकी चुची पर ले गया। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूं. दीदी ने मुझे नहीं रोका तो फ़िर मैं दीदी की चुची को दबाने लगा। दीदी दिखावे के लिए मेरे हाथ हटाने लगी लेकिन मैंने दीदी को पकड़ा और उसके स्तनों को दबाने लगा।
वो मदहोश होने लगी। मैं दीदी के नंगे पेट पर भी हाथ फिराने लगा।

दीदी की कामुकता जागृत होने लगी. मैंने अपने मन मे ठान लिया कि अगर मेरे घर की लड़कियों को अगर सेक्स की भूख है तो वो भूख मैं शांत करुगा और अपने परिवार को बाहर सड़क पर नही जाने दूंगा।
सब अचानक से हो रहा था कभी सपने में भी नही सोचा था कि मैं बहन के साथ ऐसा करुगा। दीदी भी जैसे मेरा ही इंतज़ार कर रही थी।
मैंने अपनी एक उंगली दीदी की नाभि में घुसा दी. और अपना एक हाथ दीदी के पेटीकोट के नाड़े के अंदर घुसाने लगा. नाड़ा ज्यादा कसा नहीं था तो मेरा हाथ पेटीकोट के अंदर चला गया. दीदी ने पेंटी पहनी हुई थी लेकिन बहुत छोटी सी, दीदी की चूत का छोटा सा हिस्सा ही पेंटी से ढका हुआ महसूस हो रहा था.

मैं पेंटी के ऊपर से चूत सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पेंटी के अन्दर डाल दिया, मैं दीदी की चूत को सहलाने लगा, दीदी गर्म हो चुकी थी। यह सब मैं दीदी के पीछे खडा हो कर ही कर रहा था. फ़िर मैं दीदी की गर्दन को चूमने लगा, दीदी पीछे चेहरा घुमा कर मुझे चूमने लगी। मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। दीदी घूम कर मेरे सामने आ गई और मेरे लंड को जम कर दबाने लगी.
और फ़िर वो नीचे बैठ गई, मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरा 8 इंच लंबा लंड बाहर निकाल लिया.

दीदी तो मेरा मोटा लंड को देख कर जैसे पागल सी हो गई, वो बोली- भाई यह मोटा लंड अगर मेरी चूत में घुस गया तो मैं तो मर जांऊगी।
मैंने कहा- मेरी प्यारी दीदी, पहले इसे मुँह में तो ले कर चूसो!
दीदी बड़े प्यार से मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे मुँह से आवाज़ आने लगी- सिसकारियां निकलने लगी- ओह दीदी, अच्छा लग रहा है… पूरा लंड मुंह में ले लो ना!

तभी दीदी की आवाज आई- क्या सोच रहे हो?
मैं चौंक कर अपने ख्यालों से बाहर आया- कुछ नहीं दीदी… कुछ नहीं बस ऐसे ही.
मुझे अपने ऊपर बहूत शर्म आई कि मैं ये सब क्या सोच रहा था. ख्यालों में ही दीदी की चुत सहला दी और दीदी को लंड चुसवा दिया.
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06-14-2019, 01:12 PM,
#5
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
मैं एकदम से दीदी के रूम से बाहर आकर ऊप्पर मेरे रूम में चला गया।
अभी जो भी मेरे मन मे खयाल आये थे उनपर विचार करने लगा । रीटा दीदी को भी शायद मर्द की जरूरत थी। अब मैने अपने सपने को सच करने की सोच लिया था कि अगर दीदी को अगर सेक्स की तलब होगी तो मैं उसको पूरा करुगा।
उनकी जिंगदी में बाहरी किसी भी आदमी को नही आने दूंगा।
लेकिन पहले मुझे मेरे घर मे उसको ढूंढना था जोकि बाहर सेक्स करने वाली थी। उसके लिए मैने अपनी बहनों के और करीब जाने की सोचने लगा और प्लान बनाने लगा।
सब सोचकर में नीचे आ गया। सब खाने के लिए बैठे थे और रोशनी और किरण दीदी खाना परोस रही थी।
मैं भी जाकर अपनी जगह बैठ गया। रीटा दीदी मेरे सामने बैठी थी और अजीब नजरो से मुझे देख रही थी।
मैं उनको इग्नोर करके खाना खा कर वापिश ऊपर अपने रूम में आ गया । और सिगरेट पीने लगा।
कुछ देर बाद मै बिस्तर पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा।रात को मुझे नींद में प्यास लगि तो मैं ने देखा कि आज दीदी शायद पानी रखना भूल गयी थी 11:30 बजे थे जब मैने समय देखा तो। मैं उठा और बाहर आकर निच्चे पानी के लिए जाने लगा तो दीदी के रूम के सामने से गुजरा तो मैंने देखा कि उनके रूम की लाइट जल रही है। मैं ने दरवाजे के की होल से देखा अंदर दीदी बेड पर न्नगी लेटी अपनी चुत में उंगली कर रही थीं। उनकी लाल फुली हुई चुत देखकर मेरा लण्ड सलामी देने लगा।
तभी मुझे लगा कि नीचे कोई जगा है तो मैं वहाँ से हट गया और निच्चे चला गया।
जब में रसोई में पहुचा तो देखा कि मम्मी थी जोकि फ्रीज के पास खड़ी थी और फ्रीज में कुछ देख रही थी।
मेरी आहत पाकर मम्मी ने पीछे मुड़कर देखा और मुझे देखकर चौक गयी।
मम्मी--संजू सोया नही अभी तक। यहा क्या कर रहा है
मैं--- मम्मी प्यास लगी थी तो पानी लेने आया था शायद आज दीदी पानी रखना भूल गयी होगी।
मम्मी साइड हट गई। मैने पानी की बोतल ली और पानी पीने लगा। मम्मी वही पास ही खड़ी थी।
मम्मी ने मैक्सी डाली हुई थी और नीचे से ऐसे लग रहा था कि अंदर उन्होंने कुछ नही पहना हुआ है।
उनकी मोटी मोटी चुचिया मैक्सी में साफ दिख रही थी।
मैंने देखा कि मम्मी अपने हाथ मे कुछ लेकर मैक्सी की आड़ में छुपा रही है। मैंने पानी पिया और बोतल लेकर ऊपर आने लगा । मम्मी भी अपने रूम में चली गयी। मैं वापिश नीचे आया और मम्मी के रूम में झांकने लगा।
मम्मी बेड पर लेट् चुकी थी और अपनी मैक्सी ऊपर उठा ली थी नीचे से वो बिल्कुल नंगी थी । उनकी चुत सफाचट थी बाल का नामोनिशान नही था। फिर मैंने देखा की उनके हाथ मे एक लंबा मोटा खीरा था और वो अपनी चुत में गुसाणे लगी।
बिल्कुल सीधा और मोटा … एक बार मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा, मेरे लंड की तरह ही मोटा और लंबा था जोकि मम्मी की जरूरत को पूरी करने वाला था। उसको चुत के अंदर बाहर करने के बाद मम्मी को चुदाई वाली फीलिंग आ रही थी, यही सोच कर मम्मी खुश हो रही थी। उसी खुशी में उस खीरे को मम्मी चुत से निकाल कर अपनी जीभ से चाटने लगी, जैसे कि वह खीरा न हो लंड ही हो।

चाटते हुए मम्मी अपने मुँह को खोल कर खीरे को चूसने लगी जैसे मानो उस लंड रूपी खीरे को ब्लो जॉब दे रही हो।
उत्तेजना में खीरे को मुँह में से निकालकर अपने जांघों पर रगड़ने लगी। उसका वह ठंडा स्पर्श मम्मी की उत्तेजना और बढ़ाने लगा। मैंने खड़े खड़े ही अपने लण्ड को बाहर निकाला और मुठियाने लगा और मम्मी खीरे को चुत पर रगड़ने लगी। जैसे जैसे उसको मम्मी चुत पर घिस रही थी मुझे अलग ही उत्तेजना महसूस हो रही थी।

वह खीरा मुझे पागल करने लगा था, मैं सोचने लगा कि खीरे को हटाकर अपना लण्ड मम्मी के हाथों में दे दु।
धीरे से मम्मी मैक्सी को चुत से अलग करके खीरे को अपने चुत की दरार पर घिसने लगी, अब मम्मी को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया। और अपने पैर फैलाकर खीरे को अपनी चुत के अंदर दबाने लगी तो मेरे रोंगटे खड़े होने लगे। उसी प्रयास में मम्मी ने अपनी मैक्सी ऊपर उठायी,

अब खीरे का रास्ता साफ था मम्मी ने पैर फैलाकर एक हाथ से अपनी चुत की दरार को खोल दिया और दूसरे हाथ से खीरे को अपनी चुत में घुसाने लगी।
“आहऽऽऽ… ऊई माँऽऽऽ… हम्म…”
खीरा चुत में घुसते ही उसके ठंडे स्पर्श की वजह से मम्मी सिसक उठी, धीरे धीरे उसको चुत में घुसाते वक्त मम्मी को काफी उत्तेजना महसूस हो रही थी। पिछले काफी समय से मम्मी की चुत में लंड नहीं घुसा होगा और खीरा लंड से थोड़ा मोटा था तो अंदर जाते वक्त मम्मी की चुत को फैला रहा था, मैं भी कामज्वर से पागल हो रहा था।

धीरे धीरे मम्मी ने आधे से ज्यादा खीरे को अपनी चुत में घुसाया, फिर चुत को सिकोड़ते हुए अंदर खीरे को लण्ड की तरह महसूस किया। यह आईडिया मुझे पहले क्यों नहीं आया था कि मम्मी भी लण्ड को तरस रही होगी। वह खीरा से अपनी चुत को लंड वाली फीलिंग दे रही थीं।
मम्मी बेड के नीचे दोनों पैरों को करीब लाते हुए खड़ी हुई और खड़े खड़े दाये पैर की उंगलियों पर खड़ी हुई, फिर एड़ी को नीचे लाते हुए बांयें पैरों की उंगलियों पर खड़ी हुई, मम्मी की जांघें एक दूसरे से रगड़ने लगी थी पर उस खीरे के मम्मी की चुत की दीवारों से घिसने से अजीब से सुरसुराहट हुई। न चाहते हुए मम्मी अपनी आँखें बंद करते हुए दोनों पैरों से कदमताल करने लगी- दाहिने बायें… दाहिने बायें …

उस वजह से खीरा चुत की दीवारों पर घिसते हुए अजीब सा सुख दे रहा था मम्मी को। पैर करीब होने से वह मम्मी की चुत के दाने को भी रगड़ खा रहा होगा , कदम ताल की वजह से खीरा धीरे धीरे नीचे की ओर सरक रहा था और अंत में चुत से सटक कर जांघों से नीचे गिर गया।

मम्मी ने नीचे झुकते हुए उसको उठा लिया, बलब की रोशनी की वजह से खीरे पर लगा मम्मी की चुत का रस चमक रहा था। मम्मी फिर से उसे अपने चुत में घुसा कर कदमताल करने लगी,
तभी किसी ने मेरे कंधे को थपथपाया
मैंने पीछे देखा तो किरण दीदी खड़ी थी।
मेरी तो हालत खराब हो गयी, एक तो मैं मम्मी के रूम के बाहर चोरी से खड़ा था और उप्पर से मेरा लंड खड़ा और वो भी मेरे हाथ में, वो बोली क्या कर रहा था और उसकी निगाहें मेरे लंड पर थी.

मैने पहले तो लंड पे से अपना हाथ हटाया और उसके सवाल का जवाब तो मेरे पास था पर उसे क्या बोलता मैने अपनी टीशर्ट से लंड ढकते हुए।
मेरी तो वॉट लग गयी थी क्यूकी किरण ने मुझे रंगे हाथ पकड़ा था अब वो मम्मी से बोलती और मेरी तो वाट लगने वाली थी.
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06-14-2019, 01:12 PM,
#6
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
मेरे मुह से कुछ अल्फाज नही निकले। मै अपना मुह झुकाये खड़ा रहा थोड़ी देर और दीदी मुझे घूरती रही।
फिर मैं वहा से निकल लिया और अपने रूम में आ गया
मेरे और दीदी के बीच कोई बात नही हुई।
मैं आकर बेड पर लेट गया और सोचने लगा कि मेरे घर मे सभी सेक्स की आग में जल रहे है क्या?
दीदी और मम्मी की काम ज्वाला मै देख चुका हूं, आगे बाकी दो बहनों का क्या देखना पड़ेगा । और सोचने लगा कि अगर दीदी ने सुबह मम्मी को बता दिया कि मैं उनके रूम में झांक रहा था तो मुझे क्या जवाब देना है
आँख बंद करते ही मेरी नजरो के सामने मम्मी का नँगा बदन दौड़ने लगा और अपने लण्ड को सहलाने लगा।
आज पहली बार अपनी मा को याद करके मुठ लगाई।
और नींद की आगोश में चला गया
सुबह रोशनी ने मुझे जगाया और एक मस्त लण्ड चुसाई का मजा दिया।
मैं फ्रेश होकर नीचे आया। अंदर ही अंदर मेरी गांड फटी पड़ी थी कि अगर किरण दी ने मम्मी को बोल दिया होगा तो अब क्या बनेगा मेरे साथ।
नीचे पहुचा तो रानी डाइनिंग टेबल पर बैठि थी और रोशनी और किरण रसोई में। मम्मी और रीटा दी दिखाई नही दिए। मैं भी रानी के पास जाकर बैठ गया।
उठ गए भैया किरण की आवाज आई।
मैने जैसेतैसे जवाब दिया हाँ दी।
नास्ता रेडी है लगा दु।
हां दी
दिदी नार्मल बात कर रही थी उनकी बातो से लगा ही नही की वो नाराज है।
दी ने नास्ता लगा दिया और मैं फटाफट नास्ता करके बाहर गार्डन में निकल आया।
मैं फिर से अपनी उदेड भून में जुट गया। कैसे अपनी फैमिली को सेक्स की दुनिया मे गुसने से बचाऊ।
अगर मेरी बहन बाहर चुदने लग गयी तो मैं क्या करुगा।
जल्द से जल्द मुझे मालुम करना था कि कौन है वो जो बाहर सेक्स करना चाह रही है।
तभी रानी भी मेरे पास आ गयी और अपनी टूर की पूछने लगी।
क्या जाना जरूरी है रानी--- मैंने पूछा
भैया सभी फ्रेंड जा रही है---रानी
मैंने अचानक से सवाल किया -- रानी क्या तुमारा कोई बॉयफ्रेंड भी है?
रानी मेरे सवाल को सुनकर मुझे आश्चर्य से देखने लगी।
भैया आपको कैसे लगा कि मेरा बॉयफ्रेंड भी होगा।
मैंने जो पूछा उसका जवाब दो सचाई से-- कुछ सख्त लहजे में बोला।
रानी का फेस उतर गया और आँखों मे नमी आ गयी।
और बोली " नही भैया मैंने कभी किसी लड़के से दोस्ती तो दूर बात भी नही की है।" आपको ऐसा क्यों लगा कि मैं बाहर किसी लड़के से दोस्ती की है।
मैंने माहौल को संभालने के लिए बोला--- अरे गुड़िया तुम तो सीरियस हो गयी। मैं तो ऐसे ही मजाक कर रहा था कि कहि कोई तुमारा बॉयफ्रेंड हो और तभी टूर के लिए कह रही हो।
नही भैया सच्ची सिर्फ गर्ल टूर है
मैंने उसको इजाजत दे दी टूर पर जाने की और वो खुशी से मुझसे लिपट गयी। उसकी नन्ही नन्ही छातियया मेरे सीने से बिच गयी। मुझे एक करेन्ट सा लगा। आज तक कभी भी मेने अपनी फैमिली के बारे में गंदा नही सोचा था लेकिन दो दिन में मेरा पूरा नजरिया ही चेंज हो गया था।
रानी की बातों से लगा नही की उसके मन मे सेक्स जैसी कोई बात है।
तभी मेरे ध्यान आया कि घर वाले फोन में वौइस् रिकॉर्ड है मैं तुरन्त उठा और अंदर जाकर फ़ोन उठाया और वौइस् रेकॉर्ड एक्टिवेट कर दिया।
और बाहर आ गया । बाहर आकर मनोज को फ़ोन किया और पूछा कि क्या प्लान है।
उसने मुझे मेरे बाहर वाले रूम पर मिलने को बोला।
मैं अपनी बाइक से रूम पर पहुच गया। मेरा ये मकान काफी अलग था मार्किट से । शहर के बीच मे होने पर भी काफी सुनसान ही रहता था। आसपास काफी कम रिहाईश थी।
मेरे पहुचने के 20 मिनेट बाद मनोज भी आ गया।
और आते ही मुझे गालिया देने लगा--- साले गांडू अपने लैपटॉप को गांड में दे ले। अछि सेटिंग हो रही थी बीच मे अपनी माँ चुदवा ली।
मन मे सोचते हुए देख साला मेरे लेपटॉप से मेरी ही घर की चुत चोदना चाहता है।
"गांडू क्यो भड़क रहा है अर्जेंट काम हो गया था इसलिए मंगवा लिया था। साले लेपटॉप न सही फोन पर तो बात की होगी तूने।" मैने कहा।
मनोज-- नही यार फ़ोन पर ज्यादा बात नही हुई। डरती है कहती है कि फ़ोन पे बात पॉसिबल नही है।
मैं---- मसेज से बात कर ले । क्या वो बाहर आ सकती ह मिलने को।
मनोज-- हां आना चाहती है लेकिन पहले ऐतबार करना चाहती है।
मैं सोचने लगा अगर इस गांडू को मालूम चल गया कि वो लड़की मेरे परिवार से है तो क्या बोलेगा।
मेने कहा कि अभी मेसेज करे उसको और बात करे तो वो बोला कि वो सिर्फ रात में ही बात करती है और गर दिन में करनी हो तो खुद मैसेज करती है।
फिर बात बदल कर सरोज का प्रोग्राम सेट करने की बोला। उसने सरोज को फ़ोन किया और मिलने को बोला तो उसने बताया कि उसको महीना हुआ है तो नही मिल सकती।
तभी मुझे घर के नंबर से फ़ोन आया । मम्मी थी फ़ोन पर और घर आने को बोला।
मैं घर के लिए निकल गया और घर पहुच गया।
मम्मी ने कहा कि मेरे मामाजी का फ़ोन था कि उनके लड़के की सगाई है तो सबको बुलाया है।
मेरी मामाजी से नही बनती थी तो मैंने मना कर दिया और मम्मी को बोला कि आप चले जाओ।
मैंने रोशन चाचा को काल करके बुलाया और बोला कि मम्मी रीटा दी और किरण को मामाजी के यहा ले जाये। रानी को कल टूर पर जाना था तो वो भी नही गयी।
मामाजी का घर 60 किलोमीटर दूर था यहा से तो शाम को ही मम्मी और दोनो दीदी निकल गए गांव के लिए।
घर पर मैं रोशनि और रानी रह गए।
मैं मम्मी के जाते ही बाहर निकल आया और मनोज के साथ ड्रिंक का प्रोग्राम बनाया।
जब हम ड्रिंक कर रहे थे तो मनोज टॉइलेट चला गया था तो पीछे से उसका फ़ोन बजा। मैं फ़ोन पर जो नंबर फ़्लैश हो रहा था उसको देख कर चौक गया। वो मेरे घर का नम्बर था । फ़ोन तो मम्मी ले गयी है साथ तो फ़ोन कोन कर रहा है।
मैंने काल पिक की और थोड़ा आवाज चेंज करके हैल्लो किया जैसे मनोज काल अटेंड करता है। उधर से फुसफुसाने की आवाज आई । आवाज इतनी धीमे थी कि लग रहा था कि बोलने वाली नही चाहती थी कि उस्की आवाज कोई सुने।
धीरे से उसने हेलो किया और बताया कि वो सहर से बाहर जा रही है और आज रात को बात करेगी । फोन चालू रखना। और फ़ोन काट दिया।
मेरा दिमाग बन्ना गया साला मैं यहा उनकी चुदाई रोकना चाहता हु और वो वहा जो कोई भी है चुत फैलाये बैठी है।
तभी मनोज आ गया और पूछा कि किसका फ़ोन था तो मैने नंबर दिखा दिया
उसने नंबर देखते ही पूछा की क्या कह रही थी।
मैं बोला कि आवाज साफ नही आई तो कुछ समझ ही नही आया क्या बोल रही थी।
उसने कहा किस्मत ही चुतीया है अब फ़ोन भी नही कर सकता साली ने मना किया हुआ है।
मैं अपनी ही सोच में था कि रात को गर फ़ोन आया तो मे क्या करुगा।
इनका प्रोग्राम सेट हो ज्यायेगा और मनोज ने मुझे नही बताया तो मैं क्या करुगा।
क्या करूँ मैं अब?
बस मैंने ड्रिंक खत्म की और वहाँ से चलने लगा। तो मनोज ने कुछ देर रुकने को बोला और अपने फ़ोन से एक मैसेज किया किसी को ।
तभी उसका फोन कि रिंग होने लगी उसने नंबर दिखाया मेरे ही घर का नंबर था। वो बात करने लगा कुछ देर बात करने पर बोला की वो शहर से बाहर गयी है और रात को फ़ोन करेगी।
मैं पूरी तरह से हिल गया और घर आ गया।
मेरा माइंड अपसेट था मैं कुछ भी नही कर पा रहा था
मैं घर आ गया । रोशनी मेरा इंतज़ार कर रही थी । उसने खाने का पूछा तो मैने मना कर दिया।
रानी अपने रूम में थी। मैं अपने रूम में चला गया । कुछ देर में रोशनी मेरे रूम में आ गईं।
मैंने उसको बाँहों में भर लिया मैंने उसको कसकर पकड़ लिया और उसके बूब्स को दबाने लगा | वो मुझसे कहने लगी आराम से कहि भागी नही जा रही हु। फिर मैं उसको किस करने लगा और उसकी चुचियों को मसलने लगा | मैंने उसकी साडी निकाल दी | वो ब्लाउस और पेटीकोट में और भी सेक्सी लग रही थी |

मैंने उसको उठाया और ले जाकर बेडपर पटक दिया और उसकी बूब्स को मसलने लगा | फिर मैंने उसके ब्लाउस को निकाल दिया और उसकी ब्रा भी निकाल दी | अब उसके बूब्स मेरे सामने थे मैं उनको चूसने लगा | मैं उसकी घुंडियों को मसल रहा था | वो गरम होने लगी थी | वो मेरे लंड को सहला रही थी मैंने अपना लंड खोलकर उसके मुहँ पर रख दिया | वो मेरे लंड से खेलने लगी और मेरे लंड को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | मुझे बहुत आनंद प्राप्त हो रहा था | मुझे लग रहा था की जैसे मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ | फिर मैंने उसके मुहँ को चोदना सुरु किया और उसके मुहँ में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा | मैंने उसकी मुहँ को 20 मिनट तक चोदा और मैं उसके मुहँ में ही झड गया | उसका पूरा मुहँ मेरे वीर्य से भर गया | वो मेरा सारा माल पी गयी |

फिर मैंने उसके बूब्स पर किस किया और उसकी नाभि पर किस करते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया | मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा | वो एक दम पागल सी होने लगी | फिर मैने उसकी पैंटी निकाल दी | उसकी चूत पर बाल नहीं थे शायद आज ही बना कर आई थी | मैंने उससे पूछा की क्या तुमने झांटे आज ही साफ़ की है | उसने कहा नहीं कल साफ़ की थी | फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी वो मचल उठी | मैंने धीरे-धीरे उँगली अन्दर-बाहर करने लगा | उसके मुहँ से अह्हह्ह् ओह्ह्ह्ह उम्म्मम्म इस्सस अह्ह्ह ओह्ह्ह इश्ह्ह्ह की आवाजे निकलने लगी थी | मैं और जोर से उँगली करने लगा वो थोड़ी देर बाद झड गयी |

मैंने उसकी चूत को साफ़ किया और उसकी चूत को चाटने लगा | वो मुझसे कहने लगी की कब तक तडपाओगे मुझे अब लंड डाल भी दो मैंने कहा की अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है | फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी | वो तड़पने लगी और कहने लगी बस करो अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है | अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो | मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा फिर एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया उसकी चीख निकल गयी | मैंने धक्के लगाने सुरु किये और उसको चोदने लगा | वो जोर से चिल्ला रही थी चोदो मुझे और जोर से चोदो आह्ह्ह्ह उम्ह्हह्ह मजा आ रहा है फाड़ दो मेरी चूत ओह्ह्ह इश्ह्ह्ह इम्म्म्म आज तक इतना मजा मुझे मेरे पति से भी नहीं मिला | उसकी ऐसी बातें सुन कर मैंने धक्के और तेज कर दिए | पूरे कमरे में फ़च्छ फच फ़च्छ की आवाजे आ रही थी | मैंने उसकी लगभग 20 मिनट तक चूत मारी फिर वो झड गयी |

पर मेरा लंड अभी नहीं झड़ने वाला था मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा वो मना करने लगी और कहने लगी की मैं गांड में तुम्हारा लंड नहीं लूंगी मेरी गांड फट जाएगी | तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मैंने उसे समझाया की आज दर्द नहीं करुगा मैं आराम से करूंगा पर वो फिर भी नहीं मानी | मैंने कहा मैं आज जरूर तेरी गांड मारूंगा आराम से मुझे तेरी गांड मारने दे फिर वो मान गयी | मैंने उसकी गांड पर थोडा तेल लगाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया | उसकी गांड बहुत टाइट थी मेरा लंड अन्दर नहीं घुस रहा था मैंने बहुत जोर लगाया तब जाकर मेरा लंड अन्दर घुसा | वो तड़पने लगी और कहने लगी इसे बहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है | मैं थोडा रुका और उसकी चुचियों को सहलाने लगा | फिर मैंने और धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा | थोड़ी देर बाद वो शांत हो गयी | अब वो भी अपनी गांड उचका कर मेरा साथ दे रही थी | मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर से धक्के लगाने लगा वो आह्ह्ह ओह्ह्ह्ह और जोर से मारो मेरी गांड फाड़ दो इसे कहकर चिल्ला रही थी | फिर मै उसकी गांड में ही झड गया |

मैंने उससे कहा की चलो हम साथ में नहाते है | हम दोनों बाथरूम में पहुंचे मैंने शावर सुरु किया और उसके शरीर को मसलने लगा | वो भी मेरे पूरे शरीर को सहला रही थी | मैं धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत में ऊँगली डाल दी वो फिर गरम होने लगी | वो अपने घुटनों पर बैठ गयी और मेरे लंड को चूसने लगी | उसने मेरा लंड चूसकर फिर खड़ा कर दिया और वो मुझसे कहने लगी की मेरी चूत में लंड डाल दो अबकी बार मैंने उसको झुकाया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा मैं जोर से धक्के लगा रहा था और वो भी अपनी तरफ से धक्के देकर मुझसे अपनी चूत मरवा रही थी फिर मैं बाथरूम की फर्श पर लेट गया | और उससे मेरे ऊपर बैठने को कहा उसने मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट किया और उछल-उछल कर मुझसे चूत मरवाने लगी | फिर मैंने उससे कहा की तुम थोडा सा अपने पैरो पर झुक कर कड़ी हो जाओ उसने ऐसा ही किया | फिर मैं नीचे से जोर-जोर धक्के लगाने लगा | मैंने इस बार लगभग उसकी 25 मिनट तक चुदाई की फिर वो झड गयी | मैं धक्के लगाता रहा और थोड़ी देर बाद मैं भी झड गया | उसके बाद हम दोनों ने स्नान किया और अपने कपडे पहने | और बेड पर आकर एक दूसरे से चिपक कर सो गए।
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06-14-2019, 01:12 PM,
#7
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
सुबह जब उठा तो मैं अकेला ही सो रहा था। रोशनी जा चुकी थी। मैं उठा और फ्रेश होकर नीचे आया तो रोशनी रसोई में नास्ता बना रही थी। मैने रानी को पूछा तो मालूम चला कि रूम में अपने टूर की पैकिंग कर रही है। मैं उसके पास चला गया तो देखा कि उसने गुलाबी टीशर्ट और लेगी डाली हुई है और झूके हुए अपना बैग पैक कर रही ही।
मैं रूम में गया और रानी के देखने लगा। रानी ने मुझे देख कर बोली कि भैया उठ गए आप। जल्दी से नास्ता कर लो और फिर मुझे स्कूल छोड़ आओ।
मैंने उसको 5000 हजार रुपये दिए और अपना टूर एन्जॉय करने को बोला वो बहुत खुश हो गयी और मुझे गालो पर किश कर दिया।
मैं बाहर आया और नास्ता करने बैठ गया।
नास्ता करके रोशनी को घर लॉक करके रहने को बोला और बाइक लेकर रानी को स्कूल छोड़ने चला गया।
स्कूल में 15 लड़कियां और 3 लेडीज टीचर और 2 male टीचर थे जोकि एक बस में सब लड़कियों को बैठा रहे थे। बाकी लड़कियों के पापा मम्मी टीचर से बात कर रहे थे। मैं भी टूर के बारे में जननकारी ले ने लगा।
जानकारी ले के संतुष्ट होकर में वापिश अपने स्टोर पर आ गया। वहा के स्टाफ से काम की जानकारी ली और अपने केबिन में बैठ गया ।
तभी दो लड़के मुझसे मिलने के लिए आये।
संपत ने मुझे पूछा और उनको अंदर भेज दिया। वो सिक्योरिटी कैमरे और सिस्टम के लिए आये थे । उन्होंने अपने प्रोडक्ट के कैटलॉग और उपयोगिता बताई। मेरे मन मे अचानक एक विचार आया और मैने उनसे शॉप और घर पर कैमरे लगवाने के लिए बोला और सब जानकारी ली उन कैमरों के एक्सेस में अपने मोबाइल में ले सकता था। मैंने उनसे अच्छे क़ौलटी के कैमरे के बारे में बोला। शॉप और घर में टोटल 16 कैमरे का लगवाने की बात हुई । उन लड़कों को एक अच्छा आर्डर मिल गया था। मैंने उनसे विस्वास में लेकर हिडन कैमरे के बारे में जानकारी ली । और 5 हिडन कैमरे भी मंगवा लिए।
लड़को ने अगले दिन सब कैमरे फिट करने को बोला और एडवांस लेकर चले गए। मैं अब संतुष्ट था कि भाविष्य में अपने घर और स्टोर पर नजर रख सकता हु कहि से भी।
दोपहर बाद में अपने शहर वाले दूसरे मकान पर गया और मनोज को बुला कर पूछा कि क्या रात को बात हुई लड़की से?
मनोज बोला कि बात तो हुई पर ज्यादा क्लियर नही हो पाई । वो बहुत उत्सुक चुदने को लेकिन बदनामी से डरती है। वो सेफ रहना चाहती है।
मेने पूछा कि क्या उसने अड्रेस बताया तो उसने मना किया।
फिर हम वहा से अपने अपने घर आ गए।
घर पर रोशनी मेरा ही वेट कर रही थी। उसने खाना तयार कर रखा था। हम ने साथ मे खाना खाया और नीचे रूम में ही सो गए।
वो मेरे पास नंगी ही लेटी थी । मैं सोच में गुम था कि उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ ।
मैंने उसको बताया कि मै अपनी बहनों के लिए टेंसन में हु।
मुझे लग रहा है कि शायद मेरी बहनो में से कोई एक बाहर गलत संगत में है।
रोशनी मेरी बात सुनकर हैरत में मुझे देखने लगी।
अचानक रोशनी ने मुझे एक बात बोली जिसको सुनकर में उछल पड़ा।
रोशनी ने कहा कि मेरी घर मे सभी औरते अकेली और जवान है मम्मी समेत । और हर औरत की अपनी जरूरत होती है उनमें सेक्स भी होता है। उनकी इच्छाएं उनको बाहर जाने पर मजबूर कर सकती हैं।
रोशनि बोली कि जैसे मैं उसकी जरूरत पूरी करता हु और वो बाहर नही जाती कहि यही अपनी सभी इच्छा मुझसे पूरी करती है। अगर मैं उससे सेक्स न करु तो वो भी शायद बाहर जाकर अपनी जरूरत पूरी करे।
इसलिए मुझे अपनी फैमिली की जरूरत घर मे ही पूरी कर दु। अगर कोई भी इच्छा हो तो मेरी जानकारी में पूरी करवाऊं। सबके लिए अच्छा रहेगा।
मैं पूरी फैमिली में अकेला मर्द हु और अब पूरा परिवार मुझे ही सम्भालना है। जिनकी शादी हो सके उनकी शादी कर दु और जिनकी न हो सके अभी उनको मैं संभालू।
मैं रोशनी की बात समझ चुका था कि अब मुझे ही कुछ करना होगा बस मुझे पता लगाना था कि कौन कौन मेरे परिवार में बाहर जा सकती है। अगर घर मे अपने से ही मज्जा लेती है तो कोई प्रॉब्लम नही लकीन बाहर अगर चुदाई करवाती है तो उससे अच्छा मैं ही उनकी जरूरत पूरी करू।
उसके बाद मैंने रोशनी के होंठ में अपने होंठ रख दिए उसने भी मेरे होंठ में अपने होंठ रख दी और मेरे होंठ को चूसने लगी | मैं भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ को चूसने लगा | हम दोनों ने करीब 10 मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूसे थे | उसके बाद मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दिया और उसकी सलवार भी उतार दी | अब हम दोनों आधे नंगे ही एक दुसरे के समाने लेटे थे | अब मैं उसके दूध को ब्रा के ऊपर से ही दूध दबाने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे हाँथ को सहलाने लगी |

फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया | अब मैं उसके दूध को अपने हाँथ में ले कर चूसने लगा दबाते हुए | वो भी मजे लेते हुए आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ कर के सिस्कारिया लेने लगी | मैं उसके दूध को जोर जोर से दबाते हुए चूस रहा था और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर के बाल को सहला रही थी | कुछ देर के बाद मैंने उसे मेरा लंड चूसने को कहा तो वो अपने घुटने के बल बैठ कर मेरे लोअर और अंडरवियर को उतार दिया | अब वो मेरे लंड को हाँथ में ले कर हिलाते हुए चाटने लगी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए आन्हे भर रहा था | फिर उसने लंड को चाटने के बाद मेरे लंड को अपने मुंह में ले ली और उसे जोर जोर से चूसने लगी | मैं भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हए मजे ले रहा था |

वो मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियां लेंने लगा | उसने मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसा था | फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी | मैं उसे वहीँ लेटा कर उसकी चूत को चाटने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपनी गांड हिलाने लगी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से रगड़ रगड़ के चाटने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी | कुछ देर उसकी चूत चाटने के बाद मैंने उसकी टाँगे चौड़ी की और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया | अब मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी | मैं उसकी चूत को जोर जोर से चोदने लगा उसके दूध दबाते हुए और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारियाले रही थी | कुछ देर उसकी चूत को चोदने के बाद मैं उसकी चूत के ऊपर ही झड़ गया |

उसके बाद मैंने उससे कहा मेरा लंड फिर से चूसो और उसने वैसा ही किया | अब मेरा लंड फिर से तैयार हो गया और उसकी गांड के अन्दर घुस गया | वो भी मज़े से सारी रात चुदी और आज देर तक सोती रही मुझसे चिपक कर ।
अगले दिन मैंने अपना प्लान स्टार्ट किया और स्टोर और घर पर कैमरे लगवा दिए। 4 हिडन कैमेरे घर तीनो बहनो और मम्मी के रूम में छुपा करऔर एक रोशनी को बिना मालूम चले उसके क्वार्टर में लगवा दियाऔर एक स्टोर पर लगवा दिया। बाकी ओपन कैमरे थे । एक ताले वाले को बुला कर घर के सब लॉक चेंज करवा दिए और सबकी मास्टर key बनवा ली।

अब मैं अपनी मम्मी और बहनो की वापिश आने का वेट करने लगा।
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06-14-2019, 01:12 PM,
#8
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
तीन दिन बाद मां और दीदी वापिश आ गए । मैं अपने मिशन पर लग गया । और तीनों पर नजर रखने लगा। मैं अब घर मे थोड़ा सख्त भी रहने लगा सबको मेरे व्यवहार से थोड़ा अचरज हुआ। लेकिन कोई कुछ भी नही बोली।
मुझे दो दिन में ये मालूम चला कि मम्मी और रीटा दीदी दोनो ही अपनी प्यास हस्तमैथून से बुझाती है लेकिन कोई ऐसा हिंट नही मिला कि गैर मर्द से तालुक हो। मैंने पहले थोड़ा रीटा दी के साथ ओपन होने का सोचा।
“मैं खाना लगा रही हूँ.” सभी बाहर आ जाओ ,कह कर मुस्कुराते हुए किरण दीदी किचन में चली गयी.

दीदी और रोशनी ने खाना लगाया, हम सबने ने खाया, खाना खाते खाते मैं रीटा दीदी के सेक्सी बदन को, उनकी चूचियों को ही घूरे जा रहा था, दीदी भी मेरी इस हरकत को नोटिस कर रही थी.
हमने खाना खत्म किया और वही हाल में बैठकर टीवी देखने लगे।

कुछ देर बाद रीटा दीदी अपने रूम में सोने चली गयी. मैं बस अब रीटा के जवान बदन को बिल्कुल नंगा देखना चाहता था. मैं भी कुछ देर बाद ऊप्पर चला गया।
मेरे पास ज्यादा समय नहीं था अब… मैं बंद दरवाज़े से सट कर खड़ा हो गया और रीटा के पूरी नंगी होने के सही टाइम का अंदाज़ा लगाने लगा. लोअर उतारा होगा.टीशर्ट उतर गयी होगी… अब रीटा सिर्फ ब्रा और पैंटी में होगी.पैंटी भी उतार दी होगी. ब्रा खोल रही होगी.
अब एक गदराई जवान खूबसूरत लड़की नंगी हो चुकी होगी.
यही वक़्त है. 1… 2… 3…
मैंने मास्टर key से झटके से दरवाज़ा खोल दिया.

मेरे होश उड़ गए…. रीटा बेड पर अपनी जाँघें फैलाए पड़ी थी, उसने टॉप पहना हुआ था मगर लोअर उतारा हुआ था, पेंटी नीचे सरकी हुई थी और अपनी चूत में एक खीरा अंदर बाहर कर रही थी.

मुझे देखते ही दीदी चिल्लाई- ये क्या बदतमीज़ी है? नॉक करना नहीं आता तुम्हें?
अपनी पैंटी ऊपर करते हुए बोली रीटा दीदी.
“सॉरी… वेरी सॉरी…” मैं सकपका गया, मैं तो बस आपके साथ बात करने आया था।
अपने को संभाला और वही खड़ा हो गया।
वैसे दीदी आप ये क्या कर रही थीं।
अब दीदी को सांप सूंघ गया। और वो अपनी चुत छुपाने लगि।
मैं हल्का सा मुस्कराया और बोला कि कंटिन्यू दी, एन्जॉय योरसेल्फ।

रीटा थोड़ा मुस्कुरा कर बोली- अब कहा जा रहा है, आ बैठ …
रीटा दीदी को मुस्कुराती देख मेरी जान में जान आई मैं कुछ बोल पाता कि वो फिर बोल पड़ी- देखो… घबराओ मत, मुझे भी आज किसी की जरूरत है… कितने समय से बस इस खीरे से मास्टरबेट कर रही हूँ. आज तुम यहाँ हो तो… समझ गए ना? पर किसी से कुछ कहना नहीं… समझे. अगर मेरी मदद करोगे तो मुझे घर से बाहर नही जाना पड़ेगा ।
ये क्या हो रहा है मैं सोचने लगा। जो काम मे चाह रहा था खुद से ही बन रहा है
मैंने हाँ में सिर हिलाया.

रीटा ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी बड़ी गांड को मटकाते हुए मुझे बगल में बैठा लिया. रीटा ने रिमोट से ए सी चालू किया और मुझे बिस्तर के ऊपर धक्का दिया. मैं गिरा और पूरी नंगी रीटा मेरे ऊपर आकर चढ़ गई और मेरे होंठों को चूमने लगी.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए, मैंने पहले रीता की चूत पर पैंटी के ऊपर से ही किस किया, उसमें से हल्की सी खुशबू आ रही थी जो मुझे उत्तेजित करने के लिए काफी थी.
मैंने अपनी उँगलियों से पेंटी एक तरफ सरका के अपनी जीभ जैसे ही चूत पर लगाई, रीटा कराह उठी. उसने मेरी पैन्ट खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे मुख में लेकर कुल्फी की तरह होंठों से चूसने लगी.

इधर मैंने दीदी की चूत में जीभ से चाटा और उधर रीटा दीदी ने मेरा आधा लंड अपने मुख में भर लिया. मैंने दीदी की पैंटी पूरी उतार दी और अपनी एक उंगली रीटा की गांड के छेद पर रख दी और उसे दबाते हुए चूत को चाटने लगा.
रीटा ने मेरे आधे लंड को हाथ से पकड़ा हुआ था और बाक़ी का आधा लंड अपने मुंह में लेकर जोर जोर से चूस रही थी.

आनन्द के मारे मेरे तो होश उड़ चुके थे, रीटा दीदी को चोदने का जो सपना मैं कुछ देर पहले ख्यालों में देख रहा था, वो अब साकार जो होने को था!

रीटा मेरे लंड के चुस्से लगाती रही और मैंने दीदी की गोरी चूत को चाट कर लाल कर दिया था. मैंने रीटा दीदी की गांड में उंगली कर कर के उसे ज्यादा उत्तेजित कर दिया था, अब हम दोनों भाई बहन रियल सेक्स के लिए एकदम तैयार थे.

रीटा दीदी ने मेरे लंड को मुख से निकाला और बोली- चल भाई, अब दे दे अपनी दीदी को असली चुदाई के स्वर्ग का आनन्द! बहुत तड़प रही हु। जिस दिन से तुम्हे रोशनी को चोदते देखा है उस दिन से तुमारा लण्ड अपनी चुत में घुसवाना चाहती थी। आज मौका मिला है।
मैं उठा अपने पूरे कपडे उतारे, इतनी देर में दीदी ने अपने सारे कपडे उतार दिए थे, दीदी ने बिस्तर पर लेट कर अपनी दोनों टाँगें खोली और चूत का फाटक मेरे सामने खोल के रख दिया.

रीटा दीदी की की चूत मेरी नज़रों के सामने थी जिसको मैं अभी कुछ पला पहले चाट चाट कर गर्म कर चुका था, मेरे चाटने से पूरा चूत लाल हुई पड़ी थी.
रीटा दीदी ने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट किया.

मैं नीचे झुका और रीटा दीदी के होंठों पर अपने होंठ लगा दिये, रीटा के होंठ चूसते हुए मैंने अपने कूल्हों से एक झटका दिया तो मेरा लंड बिना किसी मुश्किल के दीदी की चूत के अन्दर आधा घुस गया.
रीटा दीदी चुदाई के मामले में पूरी अनुभवी थी, चूत में लंड घुसते ही वो मुझे और भी सेक्सी तरीके से चूमने लगी. हम दोनों की जीभ एक दूसरे से लड़ने लगी थी.

तभी मैंने एक और झटका मारा और इस दूसरे झटके में मेरा लंड पूरा मेरी दीदी की चूत में था.
मैंने एक मिनट तक लंड को चूत के अंदर ऐसे ही रहने दिया, ऐसा करने से मुझे बड़ा मजा आ रहा था, दीदी की गर्म चूत मेरे लंड को दबा रही थी.
अब मैं धीरे धीरे लंड को दीदी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा. दीदी की गीली चूत में लंड हिलाना बड़ा मजेदार था.

रीटा दीदी सिसकारियाँ भर रही थी, कराह रही थी- चोद मेरे भाई… जोर जोर से मेरी प्यासी चूत को चोद! उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर जोर से! बहुत मजा आ रहा है.
“ये लो… ये लो… पूरा मजा लो दीदी, ये ले लो अपने भाई का लंड अन्दर तक!” मैं भी कस कस के अपना लंड दीदी की चूत में ठोक रहा था. भी बहन की जांघों के आपस में टकराने से कमरे में फच फच पट पट की आवाजें रीटा दीदी और मेरी चुदासी आवाजों से मिक्स हो रही थी.
“अह्ह्ह ऊऊऊह अह्ह्ह ह्ह…’ दीदी की चुदास, कामुकता बढ़ रही थी.

मैंने रीटा दीदी के मांसल कंधों को अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया और दीदी को जोर से चोदने लगा. रीटा दीदी की साँसें उखड़ चुकी थी. और दीदी ने तभी मेरे लंड पर चूत के होंठों का दबाव बना दिया.
दीदी झड़ने को थी, एक लम्बी सांस के साथ मैंने भी अपना पानी दीदी की झड़ रही चूत में निकाल दिया. रीटा दीदी की चूत ने मेरे लंड पर जकड़ बनाये रखी और वो भी मेरे साथ झड़ गई!
मेरे वीर्य की एक एक बूंद की दीदी की गर्म चूत में निकल गयी और तब दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ्त से आजाद किया. मैंने लंड बाहर निकाला और दीदी के चेहरे को देखा, उनकी आँखों में संतुष्टि के भाव थे और मैं तो खुश था ही अपनी दीदी को चोद कर! संतुष्ट कर दिया।

कुछ देर ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहने के बाद रीटा बोली- यार, बहुत दिन बाद चुदाई की आज… मजा आ गया… तुझे भी मजा आया ना?
मैंने हाँ में सर हिला कर दीदी की बात का जवाब दिया और वहीं नंगी दीदी के बगल में लेट गया।
मैंने दीदी से पूछा कि क्या आपका बाहर भी किसी से अफेयर है।
दीदी ने मना कर दिया वो बोली नही मैं तो बस खुद ही एन्जॉय कर लेती थीं। अभी कूछ दिन पहले तुम्हे और रोशनी को चुदाई करते देखा तो मन मे आया की घर मे ही जब मस्त लंबा लौडा है तो मैं क्यो प्यासी रहू।
अगर आज तुम नही आते तो मैं तुम्हे रोशनी के साथ सेक्स करते हुए पकड़ने वाली थी। और फिर तुमसे चुदती।
फिर हम दोनो आपस मैं बातें करने लगे मैंने रीटा से पूछा की आप अपने ससुराल को छोड़कर क्यूँ चली आई थी| दीदी बताने लगी की उसकी सास-ससुर उसे बहुत ही परेशान करते थे | वो मुझे ताने मारते थे की मैं मा नही बन सकती | दीदी कहने लगी की मेरे पति मुझे प्यार करते थे पर जब वो अपने मा बाप को न समझा सके। और दूसरी शादी के लिए बोलने लगे।अब मैं मा नही बन सकती तो उसमें मेरा क्या दोष,हर रोज की किचकिच थी ससुराल में तो मैं वहां रहकर क्या करती मुझे वहां बिलकुल अच्छा नहीं लगता था | इसलिए पापा ने मेरा तलाक करवा दिया। इतना कहकर दीदी फूट-फूट कर रोने लगी | मैंने दीदी को चुप कराने की कोशिस करने लगा | मैंने दीदी के आंसू पोछे और दीदी को शांत कराने की कोसिस करने लगा | मैंने दीदी को बहुत समझाया और फिर दीदी को शांत कराया | दीदी को चुप कराते समय हम दोनों फिर से बहुत नजदीक आ चुके थे | दीदी की गरम साँसे मुझे बहुत ही कामुक कर रही थी | मैं फिर से गर्म होने लगा। दीदी मेरे और करीब आ गयी दीदी ने कहा संजू तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो | मैंने भी दीदी से कहा की आप भी मुझे बहुत पसंद हो | फिर दीदी ने अपना हाँथ मेरे लंड पर रख दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी |

मैं समझ गया की दीदी मुझसे फिर चुदने के लिए तैयार थी | मैंने दीदी को अपनी बाँहों में भर लिया और किस करने लगा | मैंने दीदी को बिस्तर पर गिरा लिया और दीदी के बूब्स मसलने लगा | मैंने दीदी के बूब्स को मसलते हुए अपना एक हाँथ से उनकी चूत सहलाने लगा | दीदी मेरा पूरा साथ दे रही थी मैं उसके होंठो को चूमे जा रहा था | दीदी मुझसे कहने लगी की संजू मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ आज तुम मेरी प्यास बुझा दो मैं तुम्हारा बहुत एहसान मानूंगी | दीदी बहुत ही हॉट लग रही थी | दीदी के गोरे बूब्स बहुत ही टाइट थे | मैं दीदी के बूब्स को हिलाने लगा और दीदी के बूब्स को अपने मुहँ में ले लिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा | दीदी बहुत ही गरम होने लगी थी |दीदी की चूत बहुत ही मस्त थी | दीदी की चूत पर हलके-हलके बाल थे | मैंने दीदी की चूत में अपनी जीभ डाल दी और दीदी की चूत को चाटने लगा | वो मदहोश हो गयी मैं चूत में अपनी जीभ अन्दर-बाहर करने लगा | दीदी थोड़ी देर बाद झड झड गयी मैं उसका सारा रस पी गया और उसकी चूत को चाटकर साफ़ किया | फिर दीदी ने मुझे लिटा दिया और मेरा लंड देखकर दीदी बहुत खुश हुई दीदी ने मुझसे कहा की संजू तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहँ में डाल लिया और चूसने लगी | दीदी मेरे लंड को मस्ती से चुसे जा रही थी |

दीदी मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी जैसे की लोलीपॉप चूस रही हो | मैंने अपना लंड उसके मुहँ से निकाला और दीदी के बूब्स की नाली के बीच में डालकर उनके बूब्स को चोदने लगा | अब दीदी मुझसे कहने लगी संजू अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में बुझा दो मेरी चूत की प्यास , बहुत दिनों बाद इसे लंड मिला है | फिर मैंने दीदी की टांगे फैलाई और चूत पर अपना लंड रखा और एक झटके में चूत में डाल दिया | दीदी के मुहँ से आह निकल गयी | इससे पहले की दीदी और आवाजे निकालती मैंने दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिया और दीदी को किस करने लगा | मैं दीदी को किस किये जा रहा था और दीदी की चूत को चोदे जा रहा था | 20 मिनट तक मैंने उनकी चुदाई की फिर उनका पूरा शरीर अकड़ने लगा और दीदी ने मुझे कसकर अपनी बाँहों में भर लिया | मैं समझ गया की दीदी फिर से झड़ने वाली है | मैं और जोर से चोदने लगा फिर हम दोनों झड गए | उस रात मैंने दीदी की दो बार ओर चुदाई की दीदी मुझसे बहुत खुश थी। औऱ मैं भी।
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06-14-2019, 01:13 PM,
#9
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
सुबह होने से पहले ही रीटा दी ने मुझे अपने कमरे में भेज दिया। मैं बाथरूम जाकर अपने रूम में सो गया तो सुबह उठने में मुझे थोड़ी देर हो गई थी इसलिए किरण दी मुझे उठाने चली आई और उस वक़्त में ना तो नींद में था और ना ही में जाग रहा था. में बस अपनी दोनों आखें बंद करके लेटा हुआ था, लेकिन उस समय मेरा लंड उठकर मेरे उठने से पहले ही सलामी दे रहा था और वो मेरी अंडरवियर से बाहर निकलकर खंबे की तरह तनकर खड़ा था.

अब किरण दी आकर मेरे पलंग के पास आकर खड़ी हो गई और जब उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने धीरे से अपनी आँख को खोलकर देखा तो उस समय किरण मेरे तने हुए मोटे लंबे लंड को देखकर अपने दांतों तले अपनी उँगलियों को दबाते हुए कई देर तक लंड को निहार रही थी.

फिर वो धीरे से कमरे के बाहर चली गयी और उसने दरवाजा बंद कर दिया और वो कुछ देर बाद बाहर खड़ी होकर दरवाजे को खटखटाने लगी. मैंने वो आवाज सुनकर उठकर लंड को ठीक किया और दरवाजा खोला तो किरण बोली कि भाई क्या उठना नहीं है? और फिर में घड़ी की तरफ देखकर तुरंत फ्रेश होकर कपड़े पहनकर नीचे आकर रसोई की तरफ जाने लगा तो मुझे किरण और रोशनी की हल्की हल्की कुछ बातें सुनाई देने लगी और में वहीं पर खड़ा होकर उनकी वो बातें सुनने लगा.

फिर किरण कहने लगी कि आज तो गजब ही हो गया. फिर रोशनी उससे पूछने लगी कि ऐसा क्या हुआ किरण जिसकी वजह से तेरे चेहरे का रंग इतना उड़ा हुआ है और तू इतनी ज्यादा बैचेन दिख रही रही है? तब किरण ने कहा कि में जब आज सुबह सुबह संजू भाई को उठाने के लिए उनके कमरे में गयी थी तो मुझे उनकी मोटे लंबे तनकर खड़े लंड के दर्शन हो गये और में उनके लंड की मोटाई और लंबाई को देखकर तो एकदम दंग ही रह गयी. मुझे अभी भी वो सब अपनी आखों के सामने घूमता हुआ दिखाई दे रहा है.

अब रोशनी उसकी वो बातें सुनकर चकित होने का नाटक करते हुए उससे पूछने लगी कि क्या वाकई में उसका लंड इतना मोटा और लंबा था, जैसा तू मुझे बता रही है और कहीं तू मुझसे झूठ तो नहीं बोल रही है ना? अब किरण दी कहने लगी कि भगवान की कसम में आपसे एकदम सच सच कह रही हूँ और मैंने भी आज तक ऐसा दमदार लंड अपने अब तक के इस जीवन में गंदी फिल्मो में भी कभी नहीं देखा.

एक बार तो उसको देखकर मेरा मन हुआ था कि में उसको उसी समय अपने मुहं में लेकर आईसक्रीम की तरह चूस लूँ, लेकिन थोड़ा सा डर और संकोच की वजह से में आगे नहीं बढ़ी. अब रोशनी पूछने लगी कि क्या उसको पता है कि तू उसके लंड को निहार रही थी. उसने तुझे यह सब करते हुए देखा कि नहीं? तो किरण बोली कि नहीं वो तो उस समय बड़ी गहरी नींद में घोड़े बेचकर सो रहा था और उसका लंड उसकी अंडरवियर के अंदर से उठकर सवेरे की सलामी ठोक रहा था. जिसको में देखकर ललचा रही थी और में करती भी क्या?
उनकी बात सुनकर मेरे को झटका लगा कि रोशनी और किरण इतनी ओपन कैसे है। उस दिन पूछने पर रोशनी ने किरण को बिल्कुल भोली बताया था मैं समझ गया कि जरूर कुछ दाल में काला है। ये रोशनी भी कुछ जरूर छुपा रही है

जब में रसोई के अंदर घुसा तो वो दोनों शायद मेरी आहट को सुनकर चुप हो गई और फिर जब में नाश्ता कर रहा था तब किरण दी मेरी तरफ अपनी ललचाई नज़रों से देख रही थी और में उनके मन में चल रही सभी बातें उनके मेरे लिए अब बदले हुए विचार को पूरी तरह से समझ चुका था कि वो मेरे बारे के क्या और कैसा सोचती है? और फिर मैंने गौर किया कि उनका व्यहवार अब मेरे लिए धीरे धीरे बहुत बदलता जा रहा था, जिसका साफ मतलब यह था कि उनको अब मेरे लंड से अपनी चुदाई की बहुत ज्यादा जरूरत है, जिसके लिए वो अब मरी जा रही थी.
मैं अपनी ही सोच में गुम था कि क्या किरण ही मनोज से बात करती है और चुदने को बेकरार है। मैं अब पक्का सबूत पाना चाहता था फिर किरण से कुछ बात करता। अभी तक एक बात और थी कि घर मे किसी को भी सीसीटीवी कैमरे का मालूम नही चला। हिडेन का तो मतलब ही नही था।
मैं दो दिन से लगातार रिकॉर्डिंग चेक कर रहा था मुझे कुछ भी गलत नजर नही आया। मैं बहुत कंफ्यूज था कि हो क्या रहा है यहाँ। जो भी बात रोशनी और किरन में हुई उससे तो यही लगा कि किरण दी सेक्स के बारे में बहुत कुछ जानती है।

फिर अगली रात में जब में पेशाब करने उठा तो मैंने पीछे क्वाटर में देखा कि रोशन उस समय नशे में बिल्कुल धुत होकर क्वाटर की आँगन में पड़ी खाट पर पड़े हुए खर्राटे भर रहे थे । मैं पिछली सीढ़ियों से नीचे गया और जब में रोशनी के कमरे के पास पहुचा तो मुझे उनके कमरे से सिसकियों की आवाज सुनाई देने लगी, लेकिन उस समय मुझे इतनी ज़ोर से पेशाब लगा था कि में इसलिए बिना देर किए तुरंत सीधा वही बाथरूम में जाकर हल्का हुआ और जब में वापस उनके कमरे के पास से गुजर रहा था, तो मुझे फिर कुछ फुसफुसाहट और साथ में सिसकियों की आवाज़े सुनाई दी.

अब में उनके कमरे की खिड़की से जो कि उस समय थोड़ी सी खुली हुई थी, उससे मैंने अंदर की तरफ झाँककर देखा तो में वो सब कुछ देखकर एकदम दंग रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि वो मेरी बहन किरण और रोशनी उस समय एकदम नंग धड़ंग थी. ये हिस्सा कैमरे में नही आता था। रोशनी उस समय अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी और किरण उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रही थी, जिसकी वजह से रोशनी जोश में आकर सिसकियां भर रही थी. वैसे मुझे उन दोनों की चूत बहुत ध्यान से देखने पर भी साफ नहीं दिखाई दे रही, लेकिन हाँ मुझे किरण की गोरी गांड के दर्शन हो गए थे और दोनो कुछ देर तक चुसाई करके अपने को शांत किया और किरण वापिश पिछली सीडी से ही अंदर चली गई। ये देखने के बाद कुछ सोचकर में वापस अपने कमरे में आकर सो गया.

दूसरे दिन में सुबह उठने के बाद से ही अपनी दुकान पर था और फिर दोपहर को ही अचानक से जोरदार बारिश होने लगी, जो कि बहुत देर तक चलने के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी

फिर इतने में किरण मेरे लिए दोपहर का खाना लेकर आ गई वो पूरी तरह से भीग गयी थी और उसकी सलवार कमीज़ जो कि सफेद रंग की थी वो पानी में भीगने की वजह से उसके बदन पर चिपक गई थी, जिससे उसके कूल्हे और बूब्स बहुत ही मस्त शानदार और जानलेवा दिखाई दे रहे थे और जिसकी वजह से में बहुत चकित था. फिर मैंने उससे कहा कि किरण दी आप इतनी तेज बारिश में क्यों चली आयी? दीदी कहने लगी कि मैं सुबह भी बिना नास्ता किये ही घर से आ गया इसलिए मैं तुमारे लिए खाना लेकर आ रही थी।जब मैं घर से निकली तो उस समय बिल्कुल भी बारिश नहीं हो रही थी और तभी अचानक से आते समय रास्ते में ज़ोर से बारिश होने लगी.

में बहुत देर तक बारिश रुकने का इंतज़ार करती रही, लेकिन जब मैंने इतना इंतजार करने के बाद देखा कि बारिश अब रुकने का नाम नहीं ले रही है तो में यहाँ पर चली आई. फिर मैंने अपना मूड थोड़ा ठीक करते हुए कहा कि खैर चलो अब सबसे पहले तुम यह गीले कपड़े बदल लो नहीं तो तुम्हे जुकाम हो जाएगा और फिर दीदी दुकान के अंदर वाले केबिन में चली गयी. वहाँ पर दीदी को कोई कपड़े नहीं मिले, इसलिए दीदी वापस आ गई और बोली कि संजू अंदर तो मेरे पहनने के लिए कोई भी कपड़े नहीं है.

तब मैंने दीदी से कहा कि तुम एक काम करो अंदर से चेयर पर बड़ा टावल है वो लेकर
अपने को सूखा लो। तब तक मे मंजू को कहता हूं तुम्हे नई टीशर्ट और लेगी दे देगी। वो मेरे कहने पर टावल लेकर आई और मंजू ने उसको एक महीन कॉटन की शर्ट दे दिया और दीदी ने महीन शर्ट पहन ली थी और उस महीन शर्ट से दीदी के गोरे गोरे बूब्स मुझे साफ साफ दिख रहे थे और उस पर गहरे रंग के निप्पल भी मुझे साफ साफ दिखाई दे रहे थे और दीदी कुछ देर बाद मुझे खाना परोसने लगी.

फिर में दीदी से कहने लगा कि हम खाना बाद में खाएँगे पहले थोड़ा चाय पी लेते है और दीदी बोली कि हाँ ठीक है. तभी राजन चाय बना कर ले आया, चाय देते हुए राजन भी दीदी के बॉब्स को घुर रहा था और दीदी भी उसको अजीब नजरो से देख रही थी और हल्का हल्का मुस्करा रही थी। मेरी गांड फिर जलने लगी । साला दीदी को ये हुआ क्या है जो ऐसे बीहेव कर रही है। मन मे आ रहा था कि अभी साली को पटक कर चोद दु और इसकी आग को ठंडा कर दु। लेकिन में दुकान पर हंगामा नही करना चाहता था इसलिए खामोश रहा और राजन को टरका दिया वहा से।
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06-14-2019, 01:13 PM,
#10
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
किरण दीदी चाय पीते हुए अजीब सा व्यवहार कर रही रही और मुझे घुर रही थी मैंने उनसे खाना डालने को कहा और चेयर पर बैठ गया। मैं जितनी जल्दी हो सके उनको घर भेजना चाहता था। मैंने खाना खाया और पास के एक ऑटो चालक को दीदी को घर छोड़ने भेज दिया। दीदी ने मुझे अपसेट कर दिया था।
तभी मंजू आकर मुझसे बात करने लगी और हंसी मजाक शुरू कर दिया। बाहर फिर से बारिश स्टार्ट हो गयी। अब दुकान पर ग्राहकों का आना तो होना नही था तो मैंने संपत, राजन और मोना को गोदाम में ( माल को चेक करने और साफ सफाई करने) भेज दिया।
मंजू और सुमन वही खुला माल पैक करने लगी। मैं भी उनके पास चला गया।
फिर मंजू मेरे पास खड़ी होकर चाय पत्ती पेक करने लगी और मैं भी हेल्प करवाते हुए समय बिताने के लिए वजन करके थेली में चाय को भरने लगा. साथ में सुमन मोमबत्ती से प्लास्टिक की उन थेलियों को पेक करने लगी और इस दरमियाँ मेरा हाथ उसके कूल्हों पर करीब चार पांच बार लगा, लेकिन सुमन मुझसे कुछ नहीं बोली केवल वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी.

फिर मैंने जानबूझ कर एक बार अपनी तरफ से उसके एक कूल्हे पर दबाव डालते हुए उसको दबोच लिया, लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं बोली. इतने में एक बाहर एक कोने से बारिश का पानी नीचे तपक रहा था, जिसको देखकर सुमन अपनी साड़ी को ऊपर उठाकर वो पास में रखे एक स्टूल पर चड़ गयी और वो वहाँ पर बंध लगाने लगी.
उसका रंग थोड़ा सावला था । तब मुझे उसकी काली काली जांघे बहुत उत्तेजित करने लगी, जिसकी वजह से मेरा लंड तो अब पेंट के अंदर ही हरकते करने लगा था और फिर में कुछ देर बाद मौका देखकर धीरे से अपनी अंदरवियर को खोलकर केवल पेंट से बाहर लण्ड को लटका दिया। और कमीज को बाहर निकाल लिया अब मेरे अंदर हवस जग गयी थी और मुझे उसे ठंडा करने था। मैंने मंजू को भी गोदाम में भेज दिया हेल्प करने के बहाने। थोड़ी देर के बाद सुमन मेरे पास में आकर बात करने लग गयी, लेकिन कुछ देर बाद उसके बारे में सोच सोचकर अब मेरी हालत खराब होने लगी थी, क्योंकि सुमन उस समय मेरी तरफ प्यासी नजरो से देख रही थी। मेरी कमीज हट कर लण्ड बाहर लटकने लगा था और वो शर्ट भी मेरी कमर से बहुत ऊपर सरक गई थी और मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.

फिर बहुत देर तक में सिर्फ़ सुमन के बारे में ही सोच रहा था, लेकिन फिर मुझसे रहा ना गया और में अपना एक हाथ सुमन की गांड की तरफ सरकाते हुए अपनी दो उंगलियों से सुमन की उस साड़ी को मैंने हल्के से पकड़कर एक तरफ से उसकी कमर से और भी ज्यादा ऊपर तक कर दिया, जिसकी वजह से अब सुमन की काली काली मोटी गांड और बूब्स की झलक साफ दिखाई देने लगी थी. अब मेरी हालत कुछ ऐसी हो गयी थी कि में हिम्मत करके अपने पूरी हथेली से धीरे से सुमन की गांड को सहलाने लगा, लेकिन उसकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया कोई भी विरोध हलचल नहीं होने से मेरी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ गयी.

मैंने सही मौका देखकर अपनी कमर को आगे की तरफ सरकाते हुए उसकी गांड के पीछे हल्के से मेरे लंड को चिपका दिया । फिर धीरे धिरे उसका पेटीकोट उप्पेर उठा दिया। उसने अंदर पेंटी नही पहनी हुई थी। अब भी कुछ देर तक कोई भी हलचल को ना देखकर मैंने ढेर सारा थूक अपने लंड और उसकी गांड पर लगाकर उसकी गांड के छेद में रखकर लंड को थोड़ा सा दबाव दिया, तो मैंने महसूस किया कि अचानक से अब सुमन ने अपनी सांसे रोक ली और वो अपने मुहं से सईईईईई उूईईईईईईईई की दर्द भरी आवाज़े करने लगी और तब मैंने तुरंत अपने आप को वहीं पर रोक दिया में बिना हिले कुछ देर ऐसे ही खड़ा रहा. मुझे पता नहीं चला कि यह किस तरह की आवाज़ थी एक मिनट के बाद वापस सब कुछ पहले जैसा हो गया और अब मैंने देखा कि मेरा लंड पूरी तरह से सुमन की गांड के छेद के बीच में चिपका हुआ था.
मैं ये सब करते हुए सामने दीवार पर लगी हुई led में गोदाम के कैमरे की रिकॉर्डिंग भी देख रहा था। जहाँ संपत, राजन, मोना और मंजू समान इधर उधर कर रहे थे।

फिर तभी मैंने मन ही मन सोचा कि में इसकी गांड को बाद में मारूँगा पहले में इसकी चूत की चुदाई तो कर लूँ और फिर में अपने एक हाथ से लंड को थोड़ा नीचे करके चूत के मुहं पर अपने लंड को रखकर मैंने उसकी कमर को पकड़कर हल्का सा एक धक्का मारा तो उसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को चीरता हुआ चूत में समा गया और जैसे ही लंड का टोपा अंदर घुसा सुमन दर्द के मारे अपने मुहं से आह्ह्हह्ह्ह्ह स्सीईईईईइ माँ मर गई कहने लगी, लेकिन अब मेरी हालत ऐसी थी कि वो चाहे मन से कर रही हो या मेरे दबाव में कर रही हो, लेकिन में अब बिल्कुल भी रुकने वाला नहीं था और में उसको अब अपनी तरफ से हल्के हल्के धक्के मार मारकर उसकी चूत में अपने लंड को पूरा का पूरा अंदर डालकर उसकी चुदाई करने लगा और तब मैंने महसूस किया कि उसकी गरम गरमा चूत ने मेरे लंड को बड़ी ही मजबूती से जकड़ा हुआ था.

फिर में अपनी कमर को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा और तब मैंने महसूस किया कि अब उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था, जिसकी वजह से वो अपने मुहं से सिसकियां भरते हुए बोली उूउउफ्फ चोदो साहब आहहहह और ज़ोर से और ज़ोर से चोदो ऊईईईईईईई हाँ ज़ोर से धक्के मारो मुझे, क्योंकि काफी समय बाद मेरी इस चूत ने किसी का लंड खाया है ऊउफ़्फ़्फ़्फ़ सही में तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. तुम ऐसे ही धक्के देकर आज मेरी इस प्यास को बुझा दो और यह बात कहते हुए वो अपनी चूत को सिकुड़ने लगी और ज़ोर ज़ोर से हांफने लगी. धीरे धीरे वो ठंडी होने लगी, तो में तुरंत समझ गया कि वो अब झड़ चुकी है और फिर करीब 10-15 धक्को के बाद मेरे लंड ने भी उसकी चूत की गहराईयों में अपने लंड का रस डाल दिया. में उसकी चूत में झड़ गया और हम दोनों पसीने से लथपथ थे. फिर कुछ देर एक दूसरे से ऐसे ही चिपके रहे.

फिर तुरंत सुमन बाथरूम में जाकर आ गई और वो दोबारा मेरे पास में आकर बैठ गयी और मुस्कराने लगी। अब में थोड़ा रिलैक्स फ़ील कर रहा था। सुमन की निगाह भी सामने दीवार पर थी और वो इस तरह से उन चारों को काम करते हुए देख रही थी। सुमन को देखकर मेरा मन एक बार फिर से चुदाई का हो गया मैंने उसको दोबारा जमकर चोदा और उसने इस बार मेरा पूरा पूरा साथ दिया. हम दोनों को इस खेल में बड़ा मज़ा आया ।
सुमन ने चुदाई के मज़े लिए, जिसकी वजह से सुमन बहुत खुश थी, क्योंकि मैंने सुमन को अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था और उसकी चूत की प्यास को बुझा दिया था ।
मैं भी कुछ देर के लिए अपनी परेशानी भूल गया था और वही केबिन में चेयर पर ही सो गया।
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