Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
10-30-2019, 11:59 AM,
#11
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
रचना ने मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगी मैं भी उसके होंठ चूसने लगा वो पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उसके होंठ चूस रहा था फिर उसे किस करते हुए मैं उनकी टी शर्ट पे से उसके बोबे दबाने लगा वो मुझे चूमे जा रही थी फिर मैंने उसकी टी शर्ट के नीचे से अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा वो और ज्यादा उत्तेजित हो गई फिर हम दोनों बेड पे गिर गए, रचना अभी भी मेरे होंठ चूस रही थी फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और उसे किस करते हुए उनकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा फिर थोड़ी देर तक उसकी चूत सहलाने के बाद मैं उसके ऊपर लेट गया हम लगातार एक दुसरे को किस कर रहै थे तभी मम्मी ने आवाज लगाई और हम दोनों अलग हुए हम दोनों ने एक दुसरे को देखा मुझे बहुत नशीला सा लग रहा था मेरा सर हल्का हल्का घुमने लगा था" मैंने कहा "थैंक यू मत बोलो रचना आई लव यू बोलो " वो मुस्कुराते हुए बोली "धत ....."

मैं अपने होंठ उनकेउसके पास ले जाने लगा उसने बोला "भैया नहीं मम्मी आ जाएगी " मैं दूर हो गया मम्मी की वापस आवाज आई और रचना मम्मी के पास चली गई खाना बनवाने। मैं बहुत खुश था क्योंकि रचना भी अब मुझसे प्यार करने लग गई थी उसके पास होने से उसको छूने से उनकी बदन की खुशबू से ही मुझे कुछ होने लग जाता था तभी रचना ने मुझे किचन में आवाज दी मैं अंदर गया तो रचना आटा गूंथ रही थी और मम्मी बाहर दूध लेने गई थी मैंने पीछे से रचना को देखा वाइट स्कर्ट रेड टी शर्ट उन्होंने अभी तक अपनी स्कूल की ड्रेस चेंज नहीं की थी मैंने कहा "क्या हुआ रचना " वो बोली "भाई जरा एक लोटा पानी भर के रख दे यहाँ " मैंने पानी भर के रख दिया और रचना को पीछे से पकड़ के उसके कान के पास किस किया और बोला "रचना एक किस दो ना " रचना बोली "पागल हो क्या मम्मी आ जाएंगी" मैंने कहा "वो तो बाहर है प्लीज दो ना" और ये कहते हुए मैंने उनको पीछे से टाइट पकड़ लिया और उस से चिपक गया वो बोली "छोड़ ना भैया " लेकिन मैंने उन्हें नहीं छोड़ा


मैंने कहा "पहले किस दो" उसने कहा "अभी तो दी थी रूम में" मैंने कहा "वापस दो ना तुम्हारे होंठ है ही इतने मीठे" वो मुस्कुराते हुए बोली "अरे साइड में तो आओ मुंह पीछे कैसे घुमाऊं भैया " मैंने उसे घुमा लिया और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए रचना मुझे किस करने लगी और मैं भी उसके नरम मुलायम होंठो को चूसने लगा उसके होंठ चूसते चूसते मैं उसकी टी शर्ट पे से उनके बोबे सहलाने लगा उन्हें दबाने लगा तभी उसने मेरे होंठ छोड़ दिए और बोली "बस अब बाकी बाद में " मैंने कहा "क्या रचना बस इतना सा " वो मुस्कुराते हुए बोली "हाँ इतना सा चल जाओ अब यहाँ से " और मैं भी मुस्कुराते हुए बाहर आ गया थोड़ी देर बाद मम्मी अंदर आई मम्मी बोली "अरे रचना ये स्कूल की ड्रेस तो चेंज कर ले इसी में काम कर रही है क्या " रचना बोली "अरे रेहने दो ना मम्मी कल तो वैसे ही छुट्टी है स्कूल की और फिर तो ये नेक्स्ट हाउस डे पे काम आएगी " मम्मी बोली "हाँ फिर भी चेंज कर ले वाइट स्कर्ट है ख़राब हो जाएगी " रचना बोली "हाँ मम्मी नहाउंगी अभी वेसे भी तो चेंज कर लूंगी " मैं उनकी बात सुनके सोचने लगा रचना नहाने वाली है मैं उसको नंगी नहाते हुए देखूं या उसके साथ ही मैं भी नहा लूं मैं यही सब सोच रहा था इतने में रचना मेरे पास बैठ गयी और बोली "क्या सोचरहै हो भैया " मैंने धीरे से कहा "तेरे साथ साथ नहाने की सोच रहा हूँ " रचना मैं नहला दूं क्या उसने कहा "रहने दो कोई जरुरत नहीं है " मैंने कहा "क्यों रचना " तो वो मुस्कुराते हुए धीरे से बोली "मुझे नहलाते नहलाते आप कुछ और ही करने लग जाओगे " मैंने कहा "क्या करने लग जाऊंगा" वो बोली "चुप रहो आप " मुझे रचना से ऐसी बातें करने में बहुत मजा आ रहा था उस से ऐसी बातें करते हुए मेरा लंड टाइट खड़ा हुआ था इतने में मम्मी का फोन बजा मम्मी फोन उठाने बेडरूम में गयी

और मैंने रचना को अपनी बाँहों में जकड लिया और उसके होंठ चूमने लगा रचना ने मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसे चूमता रहाउसके नरम होंठ चूसता रहा तभी मम्मी की बात करने की आवाज आने लगी और मैंने जल्दी से रचना को छोड़ दिया जैसे ही मैंने उसे छोड़ा वो बोली "ओए पागल है क्या भैया आप अगर मम्मी देख लेती तो, बस मौका ही ढूंढता रहते है कभी फंस जाएँगे अपन " मैंने कहा "तो रचना तू किस देती ही नहीं हो कभी" तो वो बोली "लालची इन्सान ज्यादा लालच मत कियाकरो कभी मम्मी ने पकड़ लिया ना तो दोनों फंस जाएँगे बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी" मैं उसकी बात सुनके हँसने लगा फिर वो उठ कर जाने लगी
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10-30-2019, 11:59 AM,
#12
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मैंने पूछा "कहा जा रही हो रचना " वो बोली "नहाने जा रही हूँ" मैंने कहा "मैं भी चलू क्या" वो बोली "चुप करो " मैंने कहा "प्लीज रचना मुझे तुझे नहाते हुए देखना है" वो बोली "नहीं" मैंने कहा "क्यों रचना " उसने कहा "बस ऐसे ही" और वो रूम में चली गयी मैं सोचने लगा की रचना मेरे साथ थोडा थोडा खुलने तो लग गयी है लेकिन उसे शर्म आ रही है मुझसे शायद अभी भी मैं वहीँ बैठ गया और सोचने लगा की आगे क्या किया जाए थोड़ी देर बाद रचना नहा के आई उसको देखते ही मैं पागल हो गया नहा के उसने ब्राउन कलर का वी नेक का टॉप और क्रीम कलर की कैप्री पहनी थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी गीले गीले ढीले से बाल जिन्हें उसने क्लिप से बांध रखा था गले में पतली सी चेन कान में छोटे छोटे टोप्स ब्राउन कलर का टॉप जो उसके बदन से चिपका हुआ था उसके चिपके हुए टॉप में से उसके मोटे मोटे नरम बोबे बाहर की तरफ निकलते हुए बहुत ही सेक्सी शेप बना रहै थे उसके गोरे चिकने चमकते हाथ उसके नीचे उनकी क्रीम कलर की कैप्री वो मेरे सामने घूम रही थी तो उसे देख देख के मैं पागल हुए जा रहा था फिर वो बॉडी लोशन की बोतल लेके मेरे सामने बैठ गयी और अपने हाथ में लोशन लेके अपने हाथों पे लगाने लगी मैं उसे लोशन लगाते हुए देख रहा था और उसकी खूबसूरती को निहार रहा था और वो भी बीच बीच में मुझे मुस्कुराते हुए देख रही थी


हाथों पे लोशन लगाने के बाद वो पैरों पे लोशन लगाने के लिए झुकी और उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर की एक झलक दिखी रचना ने ब्राउन टॉप के अंदर वाइट कलर की शमीज और उसके अंदर वाइट कलर की ब्रा पेहैन रखी थी पूरे रूम में उनके बदन की डियो की और लोशन की खुशबू महक रही थी फिर लोशन लगा के उन्होंने बोतल साइड में रखी और मुस्कुराते हुए अपनी आईब्रो ऊपर करके मुझे इशारा किया मैंने उस से कहा "रचना बहुत सेक्सी लग रही हो यार" वो बोली "अच्छा मुझे तो पता ही नहीं था" और हसने लगी हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देख रहै थे तभी मम्मी आई और बोली "नहा ली रचना " उसने कहा "हाँ मम्मी " मम्मी बोली "चलो तुम दोनों खाना खा लो" रचना बोली "पापा को आ जाने दो मम्मी साथ में खाते है " मम्मी ने कहा ठीक है फिर मम्मी रूम में चली गयी और थोड़ी देर बाद उन्होंने रचना को रूम में बुला लिया मैं वहीँ बैठा बैठा अपने लंड पे हाथ फेरने लगा और वो सीन याद करने लगा जब रचना झुकी थी और उनकी वाइट ब्रा मुझे दिखी थी मैं बस यही सोच रहा था की रचना की ब्रा मैं उतारूंगा ,आज रात को जब हम दोनों रूम में अकेले होंगे तब तो चुदाई करनी पड़ेगी। में ये सोच ही रहा था तब ही रचना वंहा किसी काम से आई और उसने मुझे अकेले बैठा देखा तो


उस ने मुझ पर थोडा सा पानी फेंका और हँसने लगी मैं उसके पीछे भागा और उसे पकड़ लिया और उसके गुदगुदी करने लगा वो मुझे खुद से छुड़ाने लगी फिर उसने मेरे हाथ पे काट लिया मैंने उसे छोड़ दिया फिर वो मुझे पकड़ने लगी मैं भाग के बेडरूम में चला गया बेडरूम में मम्मी कुर्सी पे बैठी थी टीवी देख रही थी मम्मी के कुर्सी से पहले आगे की तरफ डबल बेड था मैं भाग के डबल बेड पे चढ़ गया रचना ने मुझे पकड़ के बेड पे लिटा दिया और मेरे ऊपर क्रोस लेग करके बैठ गयी और मुझे गुदगुदी करने लगी रचना की पीठ मम्मी की तरफ थी मम्मी भी हमें देख के हंस रही थी रचना मेरे गुदगुदी करे जा रही थी मेरे हाथ रचना के कंधों पे थे रचना झुक के मुझे गुदगुदी कर रही थी मुझे उसके ब्राउन टॉप के लटके हुए गले में से उसकी वाइट ब्रा दिख रही थी बहुत ही सेक्सी शेप बन रहा था रचना की ब्रा का ,उसके झुके होने के कारण उनके बोबे भी थोड़े से लटके हुए थे एक दम से मैंने अपने दोनों हाथ रचना के कंधों पे से हटा के उसके दोनों बोबो पे रख दिए और उसके बोबे दबाने लगा और एक नजर से मम्मी को देखने लगा मम्मी टीवी देख रही थी और मैं रचना के बोबे दबा रहा था जब भी मम्मी का मुंह घूमता मैं अपने हाथ दीदी के कंधो पे रख देता इस तरह से मैं रचना के बोबे दबाने लगा हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहै और मैं रचना के बोबे दबाता रहा थोड़ी देर बाद पापा आ गए


और हम सब खाना खाने बैठ गए मैं और मेरी प्यारी बहन डाइनिंग टेबल पे एक तरफ बैठे थे और पापा और मम्मी हमारे सामने हम खाना खाने लगे खाना खाते हुए मैंने रचना की कैप्री पे से उनकी झांग पे हाथ रखा रचना ने जल्दी से मेरा हाथ हटा दिया मैंने वापस अपना हाथ रखा और उसकी झांग को सहलाने लगा वो चुप चाप खाना खाने लगी फिर मैंने टेबल के नीचे से उसका हाथ पकड़ा और उसे सहलाने लगा फिर धीरे धीरे मैंने उसका हाथ ले जाके अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पे रख दिया रचना थोडा सा खांसी और पानी पीने लगी उसने अपना हाथ छुडाना चाहा लेकिन मैंने उसका हाथ नहीं छोड़ा और उसके हाथ को पकडे हुए उसके हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ छुड़ाना बंद कर दिया मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और वो खुद अपने हाथ से लोअर पे से मेरा लंड सहलाने लगी और मैं अपने हाथ से रचना की कैप्री पे से उसकी चूत को सहला रहा था मैंने उसकी टांगें थोड़ी चौड़ी करने की कोशिश की ताकि मैं अच्छी तरह से रचना की चूत सहला सकू लेकिन रचना ने अपनी टांगें ज्यादा नहीं खोली वो बहुत ही सेक्सी सीन था सामने पापा मम्मी और हम दोनों भाई बेहैन एक हाथ से खाना खा रहै थे और टेबल के नीचे अपने दूसरे हाथ से एक दूसरे के लंड चूत को सहला रहै थे
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10-30-2019, 11:59 AM,
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थोड़ी देर बाद रचना ने अपना हाथ हटा लिया मैंने भी अपना हाथ हटा लिया हम सबने खाना खा लिया था अब मैं बस यही सोच रहा था की अब हम दोनों रूम में अकेले होंगे मैं अब रचना को और खोलना चाहता था और मैंने इसके लिए एक आईडिया भी सोच लिया थोड़ी देर बाद पापा मम्मी अपने रूम में चले गए और हम अपने रूम में आ गए रूम में आते ही मैंनेरचना को हग कर लिया वो भी मुझसे लिपट गई फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगा उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे बेड पे ले गया वो शर्माती हुई मेरे साथ साथ चलने लगी मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और उनके पास बैठ के उनसे कहा




"रचना मुझे तुझसे कुछ कहना है" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "मैंने पिछले दिनों मॉम और डैड को चुदाई करते देखा था तब ही से में मॉम को चोदना चाहता हु ये कहते हुए मैंने उसके टॉप के गले को खींचा और अंदर देखने लगा रचना ने चोंक कर कहा ,क्या भैया अब आप मॉम को भी ?में ने कहा " हा रचना मेने इन सबके लिए बहुत इंतजार किया है ,मॉम इतनी सेक्सी है की में अब उन्हें भी चोदना चाहता हु,बल्कि तुम दोनों को साथ साथ एक ही बेड़ पर चोदना चाहता हु ,रचना ने कहा भैया पहले लाइट बंद कर दो मुझे बहुत शर्म आ रही है" मैंने कहा "रचना अब शर्म की कोई बात नही है चल अभी इस बात को छोड़ मुझे अभी तुझे ढंग से देखना है" तो उसने कहा "अभी नहीं प्लीज लाइट बंद कर दे" मैंने कहा "ठीक है एक शर्त पे" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "तुम अपने हाथ से सहलाओगी" उन्होंने कहा "क्या" मैंने कहा "मेरा लंड" उसने धीरे से कहा "ह्म्म्म आप पहले लाइट बंद कर दे जल्दी" मैंने लाइट बंद की और बेड पे सहारा लेके बैठ गया और रचना को खुद से चिपका के अपनी बाँहों में भर के बिठा लिया रचना भी मुझसे चिपक के बैठ गयी और अपने हाथ से लोअर पे से मेरा लंड सहलाने लगी मैंने कहा "रचना तुम इतनी खूबसूरत हो की में बता ही नही सकता,तुम्हारी चूत तुम्हारे बोबे सभी लाजवाब है मैंने कहा "रचना सहलाती रहो ना मेरा लंड" रचना बोली "हाँ सहला तो रही हूँ" और वो मेरा लंड सहलाने लगी फिर वो बोली "मुझे दो तीन बार पता चला था जब आपने मेरे बदन पे हाथ फेरा था जब मैं सो रही थी" मैंने कहा "क्या रचना तुझको पता था तो उस रात कुछ बोला क्यों नहीं" वो बोली "क्या बोलती" फिर मैंने कहा "रचना तूने टेबल के नीचे अपनी टांगें क्यों नहीं खोली थी, ना आप अभी खोल रही हो ,मुझे सहलाने दो ना तेरी चूत" वो बोली "अरे समझा करो " मैंने कहा "क्या तुझको मजा नहीं अत जब मैं सहलाता हूँ तेरी चूत" तो वो बोली "वो बात नहीं है भैया प्रॉब्लम है " मैंने कहा 'क्या" वो बोली "डाउन हूँ" मैंने कहा "मतलब" तो वो बोली "अरे सिली पीरियड्स में हूँ" मैंने कहा "कैसे रचना शाम को जब मैंने तेरी पेंटी में हाथ डाला था तब तो कुछ नहीं था" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "अरे स्कूल से आके पैड हटा दिया था जलन हो रही थी"


मैंने पूछा "रचना तुम कौनसा पैड यूज़ करते हो" वो बोली "व्हिस्पर अल्ट्रा" मैंने कहा "रचना तू फ्री कब होगे" वो बोली "मंडे को" उनकी ये सब बातें सुन के मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसने सब कुछ मुझे बता दिया था मैं रचना को किस करने लगा फिर उसके टॉप पे से उनके बोबे दबाते हुए कहा "रचना लोअर के अंदर हाथ डालो ना अंदर से सहलाओ ना" उसने हाथ अंदर डाला और मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने रचना के टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा और वो मेरा नंगा लंड अपने हाथ से सहलाने लगी तभी लाइट चली गयी पंखा कूलर बंद हो गया मम्मी की आवाज आई "अरे रचना लाइट चली गई है तुम लोग हमारे रूम में आजाओ पता नहीं कब आएगी लाइट अब इन्वर्टर दो रूम का लोड नहीं ले पाएगा यहीं आजाओ दोनों " रचना बोली "हाँ मम्मी" वो उठने लगी मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला "बट रचना " वो बोली "चलो आ जाओ बाथरूम में, मैं आपको फ्री कर देती हूँ नहीं तो दर्द होगा और जल्दी कर फटाफट मम्मी कहीं अंदर ना आजाए" हम बाथरूम में गए बाथरूम में अँधेरा था कुछ दिख नहीं रहा था फिर रचना ने मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी मैं उसे किस करने के लिए आगे बड़ा वो बोली "किस नहीं आवाज होगी" वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिलाने लगी और मैंउसके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया उसने शमीज भी पेहैन रखी थी लेकिन शमीज बार बार नीचे आ रही थी रचना बोली "रुको " उसके हाथ मेरे लंड से हट गए थोड़ी देर बाद उसने वापस मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और बोली "अब कर लो " मैंने हाथ फेरा तो उसके खड़े हुए निप्पल मुझे टच हुए मैंने कहा "रचना तूने सब कुछ ...." इतने में वो बोल पड़ी "हाँ मैंने टॉप शमीज और ब्रा सब उतार दी है जल्दी करो "
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10-30-2019, 11:59 AM,
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मुझे यकीन ही नहीं हुआ की उस वक़्त रचना मेरे साथ बिलकुल नंगी थी ऊपर से उसने बस कैप्री पेहैन रखी थी वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था मैं भी रचना के नंगे बोबे दबाने लगा उसके बोबे दबाते हुए मैंने कहा "रचना मुंह में लो ना" वो बोली "आवाज होगी पता चल जाएगा लाइट नहीं है शांति है सब जगह" मुझे उसकी बात सही लगी वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसके नंगे बोबे दबा रहा था थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया रचना ने कहा "हो गया" मैंने कहा "हाँ " उसने पूछा "मजा आया" मैंने कहा "बहुत " वो बोली "चल अब बाहर जाओ जल्दी से कहीं मम्मी यहाँ न आ जाये बहुत देर हो गई और उनसे बोल देना मैं आ रही हू अभी" मैं बाहर निकला और पापा मम्मी के रूम की तरफ चल दिया

मैं पापा मम्मी के रूम कि तरफ चला पड़ा मैं बहुत खुश था जब रचना ने अपने सारे कपडे अपनी ख़ुशी से उतार दिए वो भी मेरे लिए लेकिन मैं उनके बदन को हमेशा नंगा देखना चाहता था उन्हें पूरी नंगी निहारना चाहता था मैं चाहता था कि बस रचना हमेशा अपनी उँगलियों से मेरे लंड को सहलाती रहें और मैं उसके बोबे और चूत से खेलता रहूँ ये सब सोचते सोचते मेरा लंड वापस खड़ा होने लगा मैं रूम में गया मम्मी बोली "आजा रचना कहाँ है " मैंने कहा "मम्मी वो अभी आ रही है" मम्मी बोली "चल तू यहाँ सोजा पापा के पास मैं और रचना नीचे सो जाते है " लेकिन मैं रचना के साथ सोना चाहता था तो मैंने कहा "लेकिन मम्मी मैं नींद में फिर लातें मारूंगा तो पापा डिस्टर्ब होगे ना " तो मम्मी बोली कि "फिर कैसे करे सोने का " इतने में रचना रूम में आ गई और बोली "मम्मा भैया और मैं नीचे सो जाते है पापा और आप ऊपर सो जाओ" हम दोनों एक दूसरे को देख के मुस्कुरा रहै थे मम्मी बोली "बेटा फिर नीचे तुम लोगो को नींद नहीं आएगी ना" तो मैंने कहा "मम्मी जब लाइट आ जाएगी तो हम अपने रूम में चले जाएंगे" मम्मी बोली "ठीक है" हम दोनों नीचे लेट गए थोड़ी देर बाद मम्मी ने रूम की लाइट बंद कर दी लाइट बंद होते ही मैं रचना से चिपक गया

वो बोली "हाँ इसीलिए मेरे साथ सोना था न आपको " मैंने धीरे से कहा "हाँ रचना " और मैंने अपना हाथ रचना के टॉप के ऊपर से उनके बोबे पे रखा और उनके बोबे दबाने लगा वो बोली "फिर शुरू हो गयागए आप तो अभी अभी तो किया था" मैंने कहा "रचना तू हो ही इतनी सेक्सी के हमेशा तुझे प्यार करने कि इच्छा होती है"उस से बातें करते हुए मैं उसके टॉप पे से उसके बोबे दबा रहा था फिर मैं अपना हाथ उसके टॉप के नीचे से अंदर डालने लगा वो बोली " अब यहाँ पे भी सब उता रोगे क्या अगर मम्मी को जरा सी भी भनक लग गई ना तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी ऊपर ऊपर से ही कर लो " और मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर से निकाल लिया और रचना के टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा थोड़ी देर तक रचना के बोबे दबाने के बाद मैं अपना हाथ नीचे लेके जाने लगा और उसकी कैप्री पे से उसकी चूत को सहलाने लगा रचना ने अपने आप अपनी टांगें चौड़ी कर ली ताकि मैं उसकी चूत को अच्छी तरह से सेहला सकू रचना की पतली सी कैप्री पे से मुझे उसकी चूत अच्छी तरह से महसूस हो रही थी

मैंने उसकी चूत सहलाते हुए उस से पूछा "तेरा पैड कहाँ गया " उसने कहा "हटा दिया बहुत कम हो रही थी इसीलिए" मैंने उसकी चूत सहलाते हुए उस से कहा "रचना मुझे वेजिना लिक करनी है " उसने मेरे कान में कहा "अभी नहीं बाद में जब फ्री हो जाउंगी तब करना" मैं उसकी बात सुन के बहुत उत्तेजित हो गया मैंने करवट ली और मैं रचना के ऊपर लेट गया और उसके ऊपर लेट के उसको किस करने लगा वो भी मुझे किस कर रही थी लेकिन हम दोनों ही बहुत धीरे धीरे किस कर रहै थे ताकि कोई आवाज ना हो हम दोनों धीरे धीरे और बड़े ध्यान से एक दूसरे को किस करने लगे मैं रचना के होंठ चूस रहा था और रचना मेरे ,फिर मैं नीचे जाने लगा और रचना के टॉप पे से उसके बोबो पे स्मूच करने लगा उन्हें किस करने लगा उन्हें दबाने लगा मैंने उसके टॉप के ऊपर से हीउसके बोबे को अपने मुह में ले लिया रचना मेरे बालों में हाथ फेर रही थी और मैं उनके बोबे चूस रहा था मैंने उनका टॉप ऊपर करना चाहा

लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया मुझे उसकी बात याद आ गई और मैं वापस उसके टॉप के ऊपर से उनके बोबो पे स्मूच करने लगा फिर मैं नीचे गया और उसके पेट पे किस किया उसके पेट पे स्मूच किया फिर मैं और नीचे गया और रचना कि कैप्री पे से उसकी चूत पे किस करने लगा उसकी चूत पे अपने होंठ फेरने लगा
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10-30-2019, 12:00 PM,
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RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
रचना को बहुत मजा आ रहा था वो मेरे बालों को सेहला रही थी मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और उसकी कैप्री पे से उसकी पूरी चूत पे किस करने लगा और जल्दी जल्दी अपने होंठो से स्मूच करने लगा तभी रचना के मुंह से एक सिसकी निकल गई "स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ........." और मम्मी ने जल्दी से पूछा "क्या हुआ रचना " मैं फटाफट उनके ऊपर से उतर के साइड में लेट गया मम्मी ने लाइट जलाई और पूछा "क्या हुआ रचना " रचना बोली "कुछ नहीं मम्मी शायद चींटी खा गई" मम्मी बोली "इसीलिए केह रही कि नीचे नहीं सो पाओगे दिखा जरा मुझे " तभी रचना ने बात पलट दी वो बोली "अरे मम्मा शायद लाइट आ गई " मम्मी ने चेक किया और बोली अरे हाँ आ गई लाइट चलो अब तुम अपने रूम में चले जाओ और सो जाओ मैं बहुत खुश था हम दोनों अपने रूम में आये मैंने हमारे रूम का गेट थोडा सा ढलका दिया और उसके पीछे एक चेयर रख दी ताकि अगर कोई गेट खोले तो हमें पता चल जाए चेयर रख के मैंने जल्दी से रचना को पकड़ लिया और उसे टाइट हग कर लिया और उसे पकड़े हुए मैं उनकी कैप्री पे से उसके हिप्स को दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा आज रचना कि गांड मेरे हाथों में थी थोड़ी देर तकउसके हिप्स सहलाने के बाद मैंने उसे खुद से अलग किया और उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहै थे उसे किस करते हुए मैंने उनकी कैप्री पे से उसकी चूत सहलाना शुरू किया इस से रचना और ज्यादा उत्तेजित हो गई और मुझे कस के पकड़ के किस करने लगी उसकी आँखें बंद थी मैं उसे किस करते हुए उसकी चूत को उसकी कैप्री के ऊपर से सेहला रहा था फिर मैंने उसकी कैप्री के अंदर अपना हाथ डाल दिया और रचना कि पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसके होंठ छोड़े और घुटनों के बल नीचे बैठ गया और एक झटके में उसकी कैप्री नीचे कर दी अब रचना पेंटी में मेरे सामने थी उसकी गोरी चिकनी टांगें चमक रही थी उसने पिंक कलर की पेंटी पेहैन रखी थी मैंने उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे अपना हाथ फेरा फिर उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे किस करने ही वाला था कि उसने मेरा सर अपने हाथ से पकड़ लिया मैंने ऊपर देखा तो उसने कहा "अभी वहाँ गंदा है भैया बाद में करना" मैं मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखते हुए उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा


उसकी आँखें बंद हो गई मैं उसकी चूत सेहला रहा था औरउसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैं ऊपर उठा और इस बार रचना ने मुझे पकड़ लिया और मुझे किस करने लगी वो मेरे सामने अपने टॉप और पेंटी में थी वो मुझे किस करने लगी और मुझे किस करते हुए उन्होंने मेरे लोअर पे से मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी रचना को किस करते हुए उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा थोड़ी देर तक किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए हम दोनों एक दूसरे कि आँखों में देख रहै थे और रचना मेरा लंड सेहला रही थी और मैं उसकी चूत।

वो वाइट ब्रा और पिंक पेंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसने अपने बोबो को हाथों से ढक रखा था और उनकी आँखें बंद थी मैंने उनके दोनों हाथ पकड़ के अलग किये और उसकी गर्दन पे किस करने लगा और उसकी ब्रा पे सेउसके बोबे दबाने लगा फिर मैं स्मूच करते हुए नीचे गया और उसकी ब्रा पे से उसके बोबो को दबाने लगाउसे किस करने लगा फिर मैंने रचना कि ब्रा को ऊपर किया और उसके नंगे बोबे मेरी आँखों के सामने थे कितने प्यारे बोबे थे मेरी छोटी बहन रचना के मोटे मोटे गोरे गोरे नरम नरम और उनपे बहुत छोटे छोटे खड़े हुए उसके ब्राउन निप्पल मैंने रचना के नंगे बोबे पे अपने होंठ फेरे और उसके एक निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगा रचना मेरे बालों में हाथ फेरने लगी फिर मैं उसके दूसरे निप्पल को चूसने लगा रचना कि सांसें बहुत तेज चल रही थी उसके मुंह से सिसकियाँ भी निकल रही थी लेकिन वो उन्हें दबा लेती थी क्योंकि रात के टाइम रूम में आवाज गूँज सी रही थी रचना के दोनों बोबे चूसने के बाद मैं ऊपर हुआ अब वो कम शर्मा रही थीरचना को बहुत मजा आ रहा था वो मेरे बालों को सेहला रही थी मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और उसकी कैप्री पे से उसकी पूरी चूत पे किस करने लगा और जल्दी जल्दी अपने होंठो से स्मूच करने लगा तभी रचना के मुंह से एक सिसकी निकल गई "स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ........." और मम्मी ने जल्दी से पूछा "क्या हुआ रचना " मैं फटाफट उनके ऊपर से उतर के साइड में लेट गया मम्मी ने लाइट जलाई और पूछा "क्या हुआ रचना " रचना बोली "कुछ नहीं मम्मी शायद चींटी खा गई" मम्मी बोली "इसीलिए केह रही कि नीचे नहीं सो पाओगे दिखा जरा मुझे " तभी रचना ने बात पलट दी वो बोली "अरे मम्मा शायद लाइट आ गई " मम्मी ने चेक किया और बोली अरे हाँ आ गई लाइट चलो अब तुम अपने रूम में चले जाओ और सो जाओ मैं बहुत खुश था हम दोनों अपने रूम में आये मैंने हमारे रूम का गेट थोडा सा ढलका दिया और उसके पीछे एक चेयर रख दी ताकि अगर कोई गेट खोले तो हमें पता चल जाए चेयर रख के मैंने जल्दी से रचना को पकड़ लिया और उसे टाइट हग कर लिया और उसे पकड़े हुए मैं उनकी कैप्री पे से उसके हिप्स को दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा आज रचना कि गांड मेरे हाथों में थी थोड़ी देर तकउसके हिप्स सहलाने के बाद मैंने उसे खुद से अलग किया और उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहै थे उसे किस करते हुए मैंने उनकी कैप्री पे से उसकी चूत सहलाना शुरू किया इस से रचना और ज्यादा उत्तेजित हो गई और मुझे कस के पकड़ के किस करने लगी उसकी आँखें बंद थी मैं उसे किस करते हुए उसकी चूत को उसकी कैप्री के ऊपर से सेहला रहा था फिर मैंने उसकी कैप्री के अंदर अपना हाथ डाल दिया और रचना कि पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसके होंठ छोड़े और घुटनों के बल नीचे बैठ गया और एक झटके में उसकी कैप्री नीचे कर दी अब रचना पेंटी में मेरे सामने थी उसकी गोरी चिकनी टांगें चमक रही थी उसने पिंक कलर की पेंटी पेहैन रखी थी मैंने उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे अपना हाथ फेरा फिर उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे किस करने ही वाला था कि उसने मेरा सर अपने हाथ से पकड़ लिया मैंने ऊपर देखा तो उसने कहा "अभी वहाँ गंदा है भैया बाद में करना" मैं मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखते हुए उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा


उसकी आँखें बंद हो गई मैं उसकी चूत सेहला रहा था औरउसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैं ऊपर उठा और इस बार रचना ने मुझे पकड़ लिया और मुझे किस करने लगी वो मेरे सामने अपने टॉप और पेंटी में थी वो मुझे किस करने लगी और मुझे किस करते हुए उन्होंने मेरे लोअर पे से मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं भी रचना को किस करते हुए उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा थोड़ी देर तक किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए हम दोनों एक दूसरे कि आँखों में देख रहै थे और रचना मेरा लंड सेहला रही थी और मैं उसकी चूत।

वो वाइट ब्रा और पिंक पेंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसने अपने बोबो को हाथों से ढक रखा था और उनकी आँखें बंद थी मैंने उनके दोनों हाथ पकड़ के अलग किये और उसकी गर्दन पे किस करने लगा और उसकी ब्रा पे सेउसके बोबे दबाने लगा फिर मैं स्मूच करते हुए नीचे गया और उसकी ब्रा पे से उसके बोबो को दबाने लगाउसे किस करने लगा फिर मैंने रचना कि ब्रा को ऊपर किया और उसके नंगे बोबे मेरी आँखों के सामने थे कितने प्यारे बोबे थे मेरी छोटी बहन रचना के मोटे मोटे गोरे गोरे नरम नरम और उनपे बहुत छोटे छोटे खड़े हुए उसके ब्राउन निप्पल मैंने रचना के नंगे बोबे पे अपने होंठ फेरे और उसके एक निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगा रचना मेरे बालों में हाथ फेरने लगी फिर मैं उसके दूसरे निप्पल को चूसने लगा रचना कि सांसें बहुत तेज चल रही थी उसके मुंह से सिसकियाँ भी निकल रही थी लेकिन वो उन्हें दबा लेती थी क्योंकि रात के टाइम रूम में आवाज गूँज सी रही थी रचना के दोनों बोबे चूसने के बाद मैं ऊपर हुआ अब वो कम शर्मा रही थी
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10-30-2019, 12:00 PM,
#16
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैंने कहा "रचना हुक खोलो ना " वो अपने हाथ पीछे लेके गई और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया रचना कि वाइट ब्रा नीचे गिर गई मैं रचना के सेक्सी बदन को निहारने लगा अब वो मेरे सामने बस पेंटी में थी मैं उसके नंगे बोबे देख रहा था इतने मैं वो बोली "ऐसे मत देख ना मुझे शर्म आ रही है " मैंने कहा रचना तेरे बूब्स बहुत प्यारे है बहुत ही सेक्सी है" और ये केह के मैं अपने हाथों से उसके दोनों नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने उसका एक बोबा अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ से रचना कि पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों बोबे चूसे और फिर मैंने अपना हाथ रचना कि पेंटी में डालना चाहा लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली "भैया अभी नहीं ना और अब ज्यादा मत करो नहीं तो प्रॉब्लम होगी मुझे पेन भी हो रहा और अपन ने गेट भी ढलका रखा है अगर पापा मम्मी में से कोई भी उठा और उन्होंने देखा तो उन्हें शक ना हो जाए " मैंने उनसे कहा "ठीक है रचना लेकिन तू मुंह में लो ना मेरा "


उसने कहा "हम्म्म्म " और वो घुटनो के बल बैठ गई और मेरा लोअर नीचे किया मेरा खड़ा हुआ लंड उसके सामने था उसने पहले मेरा लंड अपने हाथ से सहलाया उसे ऊपर नीचे किया फिर उसे किस किया और फिर उसे अपने मुंह में ले लिया मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया आज मेरा लंड मेरी प्यारी बहन के मुंह में था मैंने देखा रचना बस पेंटी में बैठी थी और मेरा लंड उसके मुंह में था मुझे बहुत मजा आ रहा था वो मेरा लंड चूस रही थी मैंने रचना का क्लिप उसके बालों में से हटा दिया और उसके बाल खुल गए मैं उसके लम्बे घने खुले हुए बालों को सहलाने लगा रचना मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर ही कर रही थी मैं समझ गया कि रचना को लंड चूसना नहीं आता और वेसे भी मेरा लंड ही था जो उसने पहली बार चूसा होगा ये मुझे पता था वो मेरा लंड चूस नहीं रही थी बस उसे अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसे शायद नहीं पता था कि लंड कैसे चूसा जाता है लेकिन मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा लंड मेरी प्यारी बहन रचना चूस रही थी मेरा लंड उसके मुंह में था

उसके बाल मेरे एक हाथ में थे मैं थोडा सा नीचे हुआ और झुक के अपने दूसरे हाथ से रचना कि नंगे बोबे को पकड़ लिया और उसे दबाने लगा अब रचना मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके नंगे मुलायम गोरे बोबे दबा रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी रचना ने मेरा लंड अपने मुंह से निकाला और बोली "जब होने वाला हो तो बता देना " मैंने कहा "हाँ रचना लेकिन मुझे तेरे बूब्स पे निकालना है " वो मुस्कुराई और वापस मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं जल्दी जल्दी उसके बोबे दबाने लगा और वो समझ गई उसने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला और मुझे देखते हुए जल्दी जल्दी उसे हिलाने लगी ऊपर नीचे करने लगी और मैंने उसके बाल छोड़े और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बोबो को पकड़ लिया और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा और थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मेरा थोडा सा मुट रचना के चेहरे पे गया और बाकि उसके बोबो पे मेरा मुट निकलने के बाद भी वो मेरे लंड को हिलाती रही फिर वो उठी और हमने एक लम्बा सा किस किया फिर वो पलट के जाने लगी मैंने कहा "कहाँ जा रही हो रचना " वो बोली "साफ करने खुद को और कपडे पहनने ऐसे ही सो जाऊं और वो बाथरूम में चली गई .....रचना को में पहले चोद चूका था लेकिन तब मेने जबरदस्ती की थी और अब में उसके साथ चुदाई उसकी इच्छा के साथ आराम आराम से करना चाहता था। न जाने मुझे क्या सूझी की में कमरे से बहार निकला और मॉम के कमरे की तरफ चला ,लेकिन वंहा जाकर मुझे निराशा हुई ,शायद डैड आ गए थे और रूम अंदर से बंद था। मेने के होल में से अंदर देखा तो डैड मॉम को कह रहै

चल नंगी हो भेन की लौड़ी ...!" शायद डैड ने बहुत ज्यादा शराब पी राखी थी ,मॉम ने तुरंत अपने सरे कपडे उत्तर दिए और वो बिलकुल नंगी हो गयी। डैड ने माँ से कहा आज में तेरी बीबी समझ कर चुदाई नही करूँगा बल्कि ये समझूंगा की तू एक रंडी है ,डैड ने कहा

..बोल भेन की लौड़ी बोल ....!तुझे मंजूर है,मॉम ने अपनी गर्दन हा में हिला दी। डैड ने फिर कुछ देर तक मॉम के होंट चुसे ,गाल चूमे फिर दोनों को कच कचा कर काट खाए !

" बोल रंडी ..तू मेरी रखेल है ..."

"चोद - चोद के तुझे हिरोइन से छिनाल रांड बना दूंगा ...चल भेन की लौड़ी मुह खोल
...!"
अपना लोडा मॉम के खुले मुह में आधा ठूंस दिया !
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10-30-2019, 12:01 PM,
#17
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
" बहुत दिनों से इसमें से पेशाब की बदबू आ रही है ...चाट कर साफ़ कर साली रांड
......

छिनाल कहीं की .... साली छिनाल इसे चूस ...कुत्ती ...पूरा
चूस ..!"
" साली शादी शुदा हो कर भी लोंडिया के जेसे जींस पहनती है ....चुतड मटका के
चलती है ....

गांड के छेद में ये खूंटा गाड कर गांड का होद बना दूंगा मादरचोद के ....साली
लंड की चट्टी ....

हलक तक अन्दर ले इसे पूरा झड तक मुह में जाना चाहिए ..वर्ना रंडी तेरा मुह फाड़
दूंगा ....साली

कुत्ते की मूत मादरचोद .....तेरी माँ का भोस्ड़ा में ये बम्बू फंसा दूंगा ...!"


मॉम ने डैड की बात सोच कर उनके चुचक कड़े हो गए मांसल चूचियां पूरी तरह से तन गई और चूत में बह
रहै पानी

का गाढ़ा पन और बढ़ गया !

कामुकता की ज्वालाउनकी योनि के भीतर दहकने लगी !

वह बौराये हुए डैड के मोटे काले विशाल लंड का आक्रमण अपनी चिपकी योनि के
छोटे से छेद

पर झेलने के लिए उत्तेजित थी !
डैड उनकी बड़ी बड़ी कठोर चुचियों को नोचते हुए से बोले :-"ये तो रंडीयों वाली
चूचियां है साली .....कितने हरामियों

को दूध पिलाई है ...अपने इन थनों से .....कुतिया ....?"

"चट्ट ...."
कठोर हाथों ने जब उन्होंने मॉम की चूचियां मसलना नोचना शुरू किया तो शायद मॉम को आज ही पता चला की
प्यार से

मसली गई चूचियां और हवस में नोची गई चुचियों में कितना बड़ा अंतर होता है !

प्यार से जब चूची मसली जाती है तो सिर्फ सनसनाहट होती है , पर जब हवस में चूची
दबोची जाती है तो

दुखती है .कल्लाती , टीस उठती है और चुचियों में दर्द कई दिनों तक बना रहता है
!

किसी पके फोड़े की तरह चुचिया दुखती और टपकती है कई दिनों तक !मेने नेट पर किसी कहानी में पड़ा था की

और जितने दिन तक चूचियां टपकती है स्त्री अपनी योनि को अपनी अंगुली से कुचल कर
शांत करती है !

ओरत को जितना कस कर चोदा जाता है उसका प्रति -प्रभाव

उतनी देर तक बना रहता है !
Reply
10-30-2019, 12:01 PM,
#18
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
" कभी किसी कमीने ने तुम्हे मूत्र स्नान कराया है या नहीं ...?" डैड ,मॉम की स्तन
की गुंडी को अंगुली के बीच ले कर बुरी तरह मसल कर बोले और फिर उन्होंने मॉम पर अपने पेशाब की धार छोड़ दी



मॉम दर्द से ऐसे छटपटा रही थी मानो किसी मछली को शीतल जल से निकाल कर किसी गरम
धरातल पर छोड़ दिया हो !

" ऐसा मत कीजिये .....आआइ ...में मर जाउंगी .....मम्मी ......अरे दर्द हो रहा
है .....उखड जायेंगे .....मन ...कहाँ हो ...

ऊऊऊऊऊ ....प्लीज धीरे दबाइए ...सीssss ... छोड़ दीजिये !"

" ऐसे केसे छोड़ दू .....शेर पंजा मरने के बाद मांस को भंभोड़ता है ...छोड़ता
नहीं है .....चल ...बेड पर

लेट साली .......मूत्र से नहला कर तुझे
.....++++.... बना दूंगा .....

रांड की माँ की भोसड़ी .....मादरचोद तू किसी रंडी माँ की ओलाद है .....और तेरे
बेटी होगी वो भी महा रंडी होगी ....!में डैड का ऐसा रूप देख कर हैरान था जो आज अपनी चुदाई में अपनी बेटी को भी रंडी कह रहै थे,मेरा लंड बुरी तरह तन्ना चूका था। इधर डैड ने

मॉम को बेड पर धक्का देकर उन पर चढ़ गए

सूं .....सर्रर्रर्र sssssssss ,

तनुमॉम की कंचन सी चमकती काया को अपने मूत्र से तर कर वो
अब तक मॉम की ब्रा और चड्डी फाड़ कर नोच चूका थे और मॉम के पुरे गदराये
शरीर को जगह जगह से नोच

और काट चुके थे ! मॉम की सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी उन्हें दर्द और
आनंद दोनों मिल रहै थे !

"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा है ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह
.......अरे .... ....आज मर जाउंगी ...


च .. ...मत करो ...मुझे छोड़ दो ....अब बस ....ई sssssss " मॉम की चीख
निकल गई जब उनकी इस बकवास पर
Reply
10-30-2019, 12:01 PM,
#19
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
डैड ने गुस्से से उसके झांघ पर चिकोटी काट ली !

दर्द से बिलबिला कर मॉम ने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !

माँ के गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद

डैड हवस उगलती आँखों से मॉम की चूत के पास !
छोटी सी , प्यारी सी ...चिपकी हुई ... बीच में एक चीरा जिसके बीच छुपा था

स्वर्गद्वार !





मॉम की चूत इस डैड के खड़े लंड को देख कर ख़ुशी से और डर से खूब पानी छोड़ रही थी !

गदराई हुई टांगों को चीर कर पूरी तरह से अलग कर डैड उनके बीच कुकरासन की
मुद्रा में आ बैठे

और मॉम की छोटी सी चूत को फाड़ कर खा जाने वाली निगाहों से घूरने लगे !

" आक्क ..थू ..sssss ."

डैड ने पसेरी भर लार मॉम की चूत पर थूक दिया !

थूक से मॉम की योनि पूरी सन गई !
उनकी योनि का छिद्र बार बार खुलता और बंद हो रहा था !

ये सोच कर की अब फटी की तब फटी !

डर के मारे उसका मूत निकलने को हो रहा था !

पर फटना तो था ही ...जो आज उसकी किस्मत में इश्वर ने लिख दिया था !
" आई ssssssss ....मम्मी ssssss ....."मॉम पूरी ताकत से चीख उठी !
आधा लंड उनकी चूत में घोंप चुके डैड बिना रहम किये फिर से थोडा बाहर खींच
कर वापिस पूरा मूसल

मॉम की चूत में उतार दिया था !

मॉम का मानो सांस रुक गया था और डैड के लोडे को वह अपनी पंसलियों में महसूस कर
रही थी !उनका

मुह खुल गया था आंसू बह रहै थे दर्द से पूरा बदन थरथरा रहा था !

पर इस सबसे बेखबर डैड उनके दोनों स्तनों को पकडे उसे हुमच हुमच कर पेल
रहा थे !

अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर दुसरे ही जठ्के में झड तक गुसा रहा था !
"उईईईई ....मेरी चूची .....मम्मी मर गई में ...सी sssssssss "
आई मम्मी .....मेरे निकल रहा है री .....अरे में झड जाउंगी ......आआआअ
....ह्ह्ह्ह्ह ....

में झड गई ...सी sssssss बस .....अब मत करो .....जलन हो रही है ...."

मॉम चूत -चोदु मंत्र को सुनकर और डैड के मूसल जेसे लंड से चूत का रेशा रेशा खोल
देने वाली चुदाई से खुद

झड़ने से ज्यादा देर रोक नहीं पाई और डैड की कमर में अपने पेरों की केंची
मार कर उससे कस के लिपट गई !

चूत से छूटते गरम गरम पानी की बूंदे और चूत का संकुंचन जो की डैड के लोडे को
पकड़ और छोड़ रहा था
किसी हांफते हुए कुत्ते की तरह एक चूची को मुह में भर कर उसकी घुंडी को
दांतों से चिभलाते

हुए मॉम की चूत में अपना इकठ्ठा किया हुआ वीर्य मूतने लगे !
Reply
10-30-2019, 12:01 PM,
#20
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
लोडे को अपनी चूत में फूलता पिचकता महसूस कर मॉम और कस कर डैड की चौड़ी
नंगी छाती से चिपक गई

मानो उसका एक एक बूँद वीर्य अपनी योनि में भर लेना चाहती हो !

कब तक देखते रहोगे ? आओ मेरे पास आओ, और मुझे चोदो. देख नही रहै हो मै कब से
अपनी चूत खोले चुदासी खड़ी हूँ. आओ पास आओ और अपने मोटे लंड से मेरी चूत को खूब
अच्छी तरह से रगड़ कर चोदो ."

डैड मॉम की ये बाते सुन कर चूत को जीभ से चाटने लगे . वो मॉम की चूत को पूरी अंदर तक चाट रहै थे , कभी
कभी उनकी जीभ मॉम की चूत के मटर -दाने को भी चाट लेती थी या फिर अपने दांतों में
लेकर धीरे धीरे से काट लेते थे ,मॉम
अपनी चूत चटाई से बिल्कुल पागल हो गयी और बड़बड़ाने लगी "आ आ आह हह हह मेरे
अनिल , बहुत मजा आ रहा है. चूसो, खूब जोर से चूसो ओ ऊ ओ ओऊ ओऊ ओह हह उ ऊह.
मॉम उनका सर पकड़ कर मुंह में अपनी चूत को चूतड उछाल उछाल कर रगड़ रही थी.
डैड की चूत चटाई से बिल्कुल पागल हो गयी थी

लंड पूरा का पूरा मॉम चूत में घुस गया. वो मस्ती में आकर चिल्ला पड़ी थी आ आ आह ह
हह ओ ओ ऊ ह हह हहा आ आ. हाय अनिल , बहुत अच्छे. पेलो मेरी चूत को, जोर से पेलो.
फाड़ दो मेरी चूत रानी को, आज सालों बाद इतनी हसींन चुदाई हो रही है इस छिनाल
चूत रानी की. साली को लंड लेने का बहुत शौक था. चोद दो, फाड़ दो आ अ आ आह ह
हह. उ ऊ उई ईई में ई ईएर ररर ई मम म माँ आया आ यी यी ममा अर्रो ऊऊ धक् कक्क के
ईई ज्जोर र से ई ई मम ममेरे ल न न ड ड वाल्ले "डैड कह रहै थे



साली, बड़ी जल्दी है तुझे ? चल घोड़ी बन जा साली रांड ! जल्दी कर ! मुझे तो
तुजसे ज्यादा जल्दी है ! रंडी, कब से सोच रहा था कि कब तुझे ऐसे चोदूँ !

. साली रंडी, तेरी गांड का तो आज मैं बुरा हाल बना कर छोड़ूंगा !

मॉम भी कहने लगी- हाँ कुत्ते ! कर ना !

और वो डैड का साथ देने लगी....डैड मॉम की चूत पर बहुत सा थूक लगा कर जोर जोर से चोदने
लगे । अब वो मजे से चुदने लगी ....और डैड को भी मजा आने लगा...... थोड़ी देर में डैड ने ढेर सारा वीर्य माँ की चूत में भर दिया ,इधर मारा लंड पुरे शवाब पर आ चूका था
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