Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
10-17-2018, 11:37 AM,
#31
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
किसी ने सच कहा है कि, अपने जवान हो रहे बच्चों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए. दुनिया में क्या सही और क्या ग़लत है, हमारे जवान हो रहे बच्चे इस बात को सही तरीके से समझ नही पाते…..और जो बाहर से उन्हे पता चलता है, वही उनके लिए सही होता है…..ऐसा वो सोचते है. अब उस दिन विमला भाभी और उसके बीच में एक अजीब सा रिस्ता बनने लगा था…उस दिन जब विमला भाभी उसे अपने घर ले गयी. तो क्या हुआ वही में बताने जा रही हूँ…..उस दिन जब नाजिया विमला भाभी के घर गयी तो,नाजिया विमला भाभी के रूम में बैठी हुई थी. उनका बेटा बाहर हाल में टीवी देख रहा था….

विमला भाभी ने अपने कपड़ो को प्रेस करते हुए नाजिया से कहा……”नाजिया देख ना क्या जमाना आ गया है, आज कल किसी पर कोई भरोसा नही किया जा सकता…..”

नाजिया: क्यों क्या हुआ आंटी जी…..

विमला: अब देखो ना…..ये जो हमारी पड़ोसन मीना है ना ?

नाजिया: हां क्या हुआ उससे…..?

विमला: अर्रे होना क्या है उसे……कल से घर से लापता है…..

नाजिया: क्या ?

विमला: हां और नही तो क्या….मुझे तो पहले से ही पता था कि यही होने वाला है…

नाजिया: पर हुआ क्या मीना आंटी को ? और आप को क्या पता है……

विमला: अर्रे कुछ नही अपने यार के साथ भाग गयी है……अपने घर वाले को छोड़ कर….

नाजिया: आप को कैसे पता…..

विमला: नाजिया बताना नही किसी को…..मेने एक बार पहले भी विजय (मीना के हज़्बेंड ) और उसकी माँ सीमा को ये बात बताई थी कि, उनकी बहू के चाल चलन ठीक नही है….पर वो माँ बेटा उल्टा मुझ पर ही बरस पड़े…..कहते है कि, मुझे दूसरे के घरो में तान्क झाँक करने की आदत है……और में अपने काम से काम रखा करूँ….उनके घर में मुझे दखल देने की ज़रूरत नही है…..अगर मेरी बात पहले मान लेते तो, आज मोहल्ले वालो के सामने यूँ जलील तो ना होना पड़ता……

नाजिया: पर आप को पहले कैसे पता चल गया आंटी ?

विमला: अर्रे क्या बताऊ तुम्हे नाजिया…..एक दिन में दोपहर को अपनी छत पर सूखे कपड़े उतारने के लिए गयी थी…..तब मेने पहली बार उस लड़के को छत पर देखा था….. जब मेने विजय की माँ से पूछा तो उसने कहा कि, ऊपेर के रूम में किराए पर रह रहा है…मेने भी ज़्यादा ध्यान नही दिया….पर फिर एक दिन और मेने उनकी बहू मीना को छुपते हुए, उसके रूम में जाते हुए देखा, तो मेरा दिमाग़ ठनक गया….मेने उन दोनो पर नज़र रखनी शुरू कर दी……

एक दिन मुझे याद है, तब शायद विजय टूर पर गया हुआ था……और उसकी माँ सीमा बाहर गयी हुई थी किसी काम से……तो मेने उन दोनो को उस लड़के कमरे के बाहर बरामदे में रंग रलियाँ मनाते हुए देख लिया था….अब तुम्हे क्या बताऊ नाजिया मेने जो देखा….मुझे तो देखते ही शरम आ गयी….

नाजिया: (नाजिया के दिल की धड़कने भी विमला की बातें सुन कर बढ़ने लगी थी) क्या क्या देखा आप ने….?

विमला: जाने दे, तुम्हारी उम्र नही है इन्नसब बातों के बारे में जानने की …..कही ग़लती से तूने कही मुँह खोल दिया, तो सारा मोहल्ला मेरा ही कसूर निकालने लग जाएगा….

नाजिया: नही आंटी में नही बताती आप बताओ ना क्या देख आप ने…..

विमला: पक्का ना…..नही बतायेगी ना….?

नाजिया: हां नही बताउन्गी……

विमला: तो उस दिन जब में ऊपेर छत पर गयी तो, मेने देखा कि दोनो उस लड़के के रूम के बाहर बरामदे में खड़े हुए थे….दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस रखा था….मीना ने उस समय मॅक्सी पहनी हुई थी….और उस लड़के ने मीना को अपनी बाहों में उठा रखा था….और वो भी किसी कंजरी की तरह उसकी कमर में अपनी दोनो टाँगें लपेटे हुए थी. उसकी मॅक्सी उसकी कमर तक ऊपेर चढ़ि हुई थी…..”हाए-2 नाजिया मेने आज तक किसी को ऐसे करते नही देखा….वो तो उसकी खड़े-2 ही ले रहा था….और वो कमीनी भी उसकी गोद में चढ़ि हुई, अपनी कमर हिला-2 कर उसे दे रही थी……
विमला की बातें सुन कर नाजिया का दिल जोरो से धड़कने लगा….बुर की फांके कुलबुलाने लगी… और ऐसे धुनकने लगी, जैसे उसकी बुर में ही उसका दिल धड़क रहा हो….”हाए आंटी क्या खड़े खड़े ही, वो भी गोद में उठा कर…..” नाजिया ने धड़कते हुए दिल के साथ कहा…. “हां और नही तो क्या…..आज कल ये सब नये फॅशन है….” विमला उठ कर नाजिया के पास आकर बेड पर बैठ गयी…..”पर आंटी ऐसे खड़े होकर कैसे कर सकते है….”

विमला: अर्रे तूने अभी तो कुछ देखा ही नही है…..आज कल के लोग तो पता नही क्या क्या करते है…..तुम देख लोगी तो तोबा कर उठोगी……

नाजिया: क्या….पर आप ने सब कहाँ देखा….क्या अंकल भी आपके साथ…..?

विमला: चुप कर बदमाश एक मारूँगी हां….

नाजिया: फिर बताओ ना, अगर अंकल ऐसे नही करते तो आपको कैसे पता कि क्या क्या करते है.?

विमला: हाए मुई हमारी किस्मत में कहाँ ये सब….ये तो आज कल के लौन्डे लौंडिया करते है. तुम्हारे अंकल को तो देखा है ना……कितने सुस्त से रहते है..जब से उन्हे डाइयबिटीस हुई है, थोड़ा सा काम करते ही थक जाते है….साँस फूलने लग जाती है…..

नाजिया: तो फिर आप ने कहीं ना कही तो देखा होगा…….

विमला: अर्रे वो आती है ना ब्लू फिल्म उसमे देखा है….

नाजिया: ब्लू फिल्म वो क्या होता है…..?

विमला: अर्रे वही जिसमे औरतों और आदमियों को सेक्स करते दिखाया जाता है….कमाल है तुम्हे नही पता…..वरना आज कल के बच्चे तोबा….पैदा बाद में होते है, और उनको सब पहले से ही पता होता है…..

नाजिया: आपका मतलब पॉर्न मूवीस ?

विमला: हां वही….तूने देखी है….?

नाजिया: नही बस सुना है….स्कूल में मेरी एक फ्रेंड है. उसके घर पर कंप्यूटर है और इंटरनेट लगा हुआ है….उसने बताया था.

विमला: सिर्फ़ सहलियाँ ही है…या अभी तक कोई बाय्फ्रेंड भी बनाया है….?

नाजिया: (शरमाते हुए) नही आंटी जी….

विमला: अर्रे तू तो ऐसे शर्मा रही है……जैसे सच में तेरा कोई बाय्फ्रेंड हो…..सच-2 बता ना है क्या कोई…..? देख मुझसे क्या छुपाना………..में भी तुम्हारी सहेली जैसी हूँ….

नाजिया: नही आंटी सच में कोई नही है……

विमला: अच्छा चल ठीक है…..में तेरी बात मान लेती हूँ…..पर अगर कभी तेरा कोई बाय्फ्रेंड बने तो मुझे बताना…..देख जमाना बहुत खराब है…..बाहर कुछ ग़लत मत कर देना….मुझे बताना…..में तुम्हारी मदद करूँगी…..

नाजिया: सच्चा आंटी…?

विमला: (विमला को खटक गया कि, नाजिया उस से झूठ बोल रही है…..क्योंकि नाजिया मुँह से कुछ और बोल रही थी…..पर उसका चेहरा कुछ और बोल रहा था…)हां और नही तो क्या….देख हम दोनो हमेशा सहेलयों की तरह रहे है……और आगे भी ऐसे ही रहेंगे…..

नाजिया: ठीक आंटी जी……..अगर मेरे लाइफ में कोई आया तो में आपको ज़रूर बताउन्गी….

विमला: वैसे नाजिया जो तुम्हारे घर में नया किराए दार आया है क्या नाम है उसका ?

नाजिया: जी राज….

विमला: हां राज बहुत हॅंडसम है……तेरा क्या ख़याल है….

नाजिया: होगा मुझे उससे क्या…..?

विमला: नही में तो वैसे ही पूछ रही थी……..वैसे तुम तो इतनी खूबसूरत हो…..तुम्हारा जिस्म तो कयामत है……उसने तुम्हारे साथ कभी ट्राइ नही किया फ्रेंडशिप करने को…?

नाजिया: नही आंटी…….मेने उसकी तरफ कभी ध्यान ही नही दिया….

विमला: फिर तो तू बड़ी मासूम है…..घर में इतना जवान और हॅंडसम लड़का है…..और तू कह रही कि, तुझे उसमे कोई इंटेरेस्ट नही है….काश तेरी जगह में होती…..(विमला ने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा…..)

नाजिया: अच्छा आंटी जी एक बात पुच्छू…?

विमला: हां बोल ना….

नाजिया: अगर वो लड़का आपसे सेट्टिंग करना चाहता हो तो क्या आप उससे कर लेंगी…?

विमला: (नाजिया की बात सुन कर थोड़ा हैरान हो गयी) चुप कर में तो वैसे ही बोल रही थी.

नाजिया: नही आंटी प्लीज़ सच बताए……

विमला: पहली बात तो ये की मेरी किस्मत ऐसी कहाँ कि, वो मुझे लाइन मारे…और दूसरी बात जब वो तेरे जैसी लड़की को देख कर तुझ पर नही लाइन मार रहा तो मेरे को खाक मारेगा….

नाजिया: ओह्ह आंटी क्यों आप में क्या बुराई है…..आप तो हमारे मोहल्ले में सबसे सुंदर औरत हो……

विमला: पता नही मुझे और वैसे भी वो भला मुझ पर क्यों लाइन मारने लगा…..और अगर ऐसे हुआ तो सच कहती हूँ कि में तेरी जैसी मूरख नही हूँ…..मौका हाथ से नही जाने दूँगी हाहाहा हा……

नाजिया: पर अभी तो आप कह रही थी कि, मुझे उसके साथ फ्रेंडशिप कर लेनी चाहिए…बहुत चालाक हो आप आंटी…..अब खुद की सेट्टिंग करने के बारे में सोचने लगी…..

विमला: देख नाजिया यार….ये जिंदगी है ना बार-2 नही मिलती…तो क्यों ना इसका ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लिया जाए….और वैसे भी क्या फरक पड़ता है….अगर वो मेरे साथ भी कर लेगा….

नाजिया: (काँपती हुई आवाज़ में) क्या करलेगा…..

विमला: सेक्स और क्या…..उसका क्या बिगड़ जाएगा…….और तेरा भी क्या बिगड़ जाएगा….अर्रे मेने ऐसी-2 ब्लू फिल्म देखी है…..जिसमे एक पत्नी अपनी बहनों के साथ अपनी पति को शेर करती है. और अपनी पति से ही अपनी बहनों को चुदवाती है….फिर वो कॉन सा तेरा पति है…..और में कॉन सी तेरी बेहन हूँ…..

नाजिया: क्या सच में होता है ऐसे……

विमला: चल तुझे में एक मूवी दिखाती हूँ……

ये कह कर विमला ने अपनी अलमारी खोली, और उसमे से एक सीडी निकाल कर नाजिया की तरफ बढ़ाई…..

नाजिया: ये ये क्या है आंटी……

विमला: वही जिसे तुम पॉर्न कहती हो….देखनी है तो देख लो…..में बाहर सन्नी का होम वर्क करवा कर आती हूँ….

ये कह कर विमला नाजिया के हाथ में सीडी थमा कर बाहर चली गयी….और हाल में सन्नी को उसके स्कूल का होम वर्क करने लगी…..नाजिया ने काँपते हुए हाथो से उस डिस्क को डीवीडी प्लेयर में और ऑर क्या…………उस डीवीडी में बहुत सारे थ्रीसम सेसेंस थी……अब नाजिया के हालत थी उसका अंदाज़ा आप भी लगा सकते होंगे….
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#32
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया का अब सेक्स के लिए नज़रया बदल गया था…..नज़ाने क्यों उसके दिमाग़ में अजीब -2 तरह के ख़याल आने लगी….वो वहाँ से उठ कर अपने घर आ गयी, और आते ही अपने रूम में जाकर बेड पर लेट गयी…उसे पता नही कब नींद आ गयी…..मेने शाम को नाजिया को उसके रूम में जाकर उठाया……..”नाजिया उठो ना कब तक सोती रहोगी…” मेरी आवाज़ सुन कर नाजिया उठ कर बैठ गयी…..”टाइम कितना हुआ अम्मी…..” मेने दीवार पर लगी घड़ी पर नज़र डाली…….”5 बज गये है.

नाजिया: क्या 5 बज गये…..”अबू आ गये क्या ?

में: नही अभी नही आए….तुम उठो और मुँह हाथ धो लो में चाइ बनाती हूँ……

नाजिया उठ कर चली गयी……उसके बाद कुछ दिन ख़ास नही हुआ….पर नाजिया के जेहन में अब हर समाए चुदाई का नशा सवार रहता था……राज से उस दिन चुदवाने के बाद अब उसे हर समय अपनी बुर में ख़ालीपन महसूस होने लगा था…..पर में इस बात से अंजान थी…. अंजुम अब ज़्यादातर राज के साथ ही घर वापिस आ जाते थे….और मुझे भी अब राज के लंड का ऐसा चस्का लगा था कि, मेरे दिन और रात बड़ी मुस्किल से कट रहे थे…..

अंजुम को घर वापिस आए हुए 15 दिन हो चुके थे…..राज तो अपना मन अनीता और रुकमनि के साथ बाहर बहला रहा था…..पर मेरा हाल बुरा था…..और वैसा ही कुछ हाल नाजिया का भी था…..भले ही में उसकी हालत से अंजान थी…..पर अब मुझे उसके चेहरे पर किसी चीज़ की कमी होने का अहसास होने लगा था……घर पर मुझे भी मौका नही मिल रहा था. इस दौरान एक ऐसी घटना हुई, जिसने फिर से हमारी ज़िंदगियों को बदल दिया….अनीता और रुक्मणी के अचानक से ट्रान्स्फर हो गये…….दोनो की पोस्टिंग अब लखनऊ में हो गयी थी……

क्योंकि अब अनीता और रुक्मणी दोनो राज की जिंदगी से दूर जा चुकी थी….इसलिए राज भी अब चूत के लिए बेचैन रहने लगा था…..पर घर पर अंजुम की माजूदगी में वो भी कुछ कर नही पा रहा था……पर पिछले कुछ दिनो में में फिर से नोटीस करने लगी थी कि, राज अब पहले की तरह मुझमे फिर से इंटेरेस्ट लेने लगा था…..वो कोई ऐसा मौका नही छोड़ता था……..जब में अकेली होती……वो कभी मुझे अकेले में पाकर बाहों में जाकड़ लेता. तो कभी मेरी सलवार के ऊपेर से मेरी फुद्दि को मसल देता….उसका ऐसा करना मेरे जिस्म की आग को और बढ़ा रहा था……..

दूसरी एक और घटना घटी….जिसने मेरे सोचने का नज़रया ही बदल दिया…..एक दिन मुझे किसी काम से विमला भाभी के घर जाना पड़ा….सुबह 11 बजे का समय था….अंजुम और राज दोनो जॉब के लिए निकल चुके थे……और नाजिया भी स्कूल गयी हुई थी….विमला भाभी एक दिन पहले मेरे घर आई थी…उन्होने नई नये सलवार कमीज़ खरीदे थे….और मुझे उसका डिजाइन बहुत पसनद आया था….मेने सोचा क्यों ना नाजिया के लिए भी ऐसे ही एक ड्रेस खुद सिला लाउ…..मेने घर का काम निपटाया, और अपने घर को बाहर से लॉक कर विमला भाभी के घर की तरफ गयी….जैसे ही में विमला भाभी के घर के बाहर पहुँची, तो देखा उनके घर का मेन गेट हल्का सा खुला हुआ था……

जो कि अक्सर बंद रहता था अंदर से. क्योंकि उनके पति के जॉब पर और उनके बेटे सन्नी के स्कूल जाने के बाद वो घर में अकेली होती थी…..इसलिए वो हमेशा डोर को अंदर से लॉक करके रखती थी…..इसलिए में बिना कुछ बोले अंदर चली गयी…..अंदर एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….उनके बेडरूम से कुछ आवाज़ आ रही थी…..विमला भाभी की ख़ुसनूमा आवाज़ सुन कर में उनके बेड रूम की ओर बढ़ी……और जैसे ही में उनके बेडरूम के डोर के पास पहुँची तो, 


मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी……विमला भाभी कंप्यूटर टेबल पर झुकी हुई थी….और उन्होने अपनी मॅक्सी को अपनी गान्ड तक उठा रखा था…. उनकी वाइट कलर की कॉटन पैंटी उनकी जाँघो तक उतरी हुई थी……और एक लड़का जो मुस्किल से *** साल का था….उनके पीछे खड़ा हुआ था….उस लड़के का लंड विमला भाबी की गोरी फुद्दि के लिप्स के दर्मियान फुद्दी में अंदर बाहर हो रहा था……और उस लड़के ने विमला भाभी के चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ा हुआ था….जिन्हे वो बुरी तरहा से मसल रहा था…..तभी विमला भाभी की मस्ती से भरपूर आवाज़ पूरे रूम में गूँज उठी…..

विमला: अह्ह्ह्ह जय ओह्ह्ह आह मुझे काम करना है……एक बार काम निपटा लेने दो फिर आराम से कर लेना जो करना है……

जय: आहह मासी मुझे सबर नही होता….में क्या करूँ…..जब भी आपकी मटकती गान्ड देखता हूँ, तो मेरा लौडा खड़ा हो जाता है….और सन्नी भी 2 बजे स्कूल से आ जाएगा मुझे आपकी फुद्दि मारने दो ना……आप ने तो कल मौसा जी से चुदवा लिया था ना…..

विमला: वो क्या खाक चोदता है मेरे राजा….उनका लंड तो ठीक से खड़ा भी नही होता… मुझे तो तेरे जवान लंड की लत लग गयी है…बस में आधे घंटे में काम ख़तम कर लूँगी फिर जितनी देर करना हो कर लेना……

पूरे रूम में फॅक-2 जैसी आवाज़ गूँज रही थी….विमला भाभी सिर्फ़ ऊपेर से मना कर रही थी…..वो पूरी मस्ती में थी…..और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेल कर जय के लंड पर पटक रही थी……तभी अचानक से मेरा हाथ बेड रूम के डोर से टकरा गया….आवाज़ सुन कर दोनो एक दम से चोंक गये…..जैसे ही विमला भाभी ने मुझे डोर पर खड़ा देखा. उनके चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया……उस लड़के की हालत और भी पतली हो गयी….उसने जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला, और अटेच बाथ रूम में घुस गया….विमला भाभी ने जल्दी से अपनी पैंटी ऊपेर की और अपनी मॅक्सी को ठीक किया……

विमला: नजीबा तुम तुम कब आई……

और फिर वो मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे ड्रॉयिंग रूम में ले गयी…और मुझे सोफे पर बैठाया……वो कुछ बोलना चाह रही थी…..पर शायद विमला भाभी को समझ नही आ रहा था कि, वो मुझसे क्या कहें….कैसे अपनी सफाई दें….

.”ये सब क्या है विमला भाभी….” मेने विमला भाभी के चेहरे की ओर देखते हुए कहा……
विमला: नजीबा यार किसी को बताना नही…..में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ…..तुम्हारे पाँव पड़ती हूँ…….वरना में कही की नही रहूंगी…..मेरा घर बर्बाद हो जाएगा…….प्लीज़ किसी को बताना नही…..तुम्हे सन्नी का वास्ता है……में बर्बाद हो जाउन्गी, अगर ये बात किसी को पता चली……

में: (विमला भाभी के हाथ को अपने हाथों में लेकर तसल्ली देते हुए) भाभी आप घबराओ नही. में नही बताती किसी को……पर ये सब है क्या……और वो लड़का कॉन है……..

विमला: में बताती हूँ….तुम्हे सब बताती हूँ……पर ये बात किसी को बताना नही…..तुम अभी अपने घर जाओ…..में थोड़ी देर में तुम्हारे घर आती हूँ……

विमला भाभी की बात सुन कर में बिना कुछ बोले वहाँ से उठ कर अपने घर आ गयी……और आते ही अपने रूम में बेड पर लेट गयी……थोड़ी देर पहले जो नज़ारा मेने देखा था…..वो बहुत ही गरम और उतेजक था…..एक **** साल का लड़का एक 35 साल की औरत को पीछे से उसके चुतड़ों से पकड़े हुए चोद रहा था….और विमला भाभी भी मस्ती में आकर अपनी गान्ड उसके लंड पर पटक रही थी…..मेरा बुरा हाल था….बुर में अंदर तक सनसनाहट हो रही थी…और बुर से पानी बह कर बाहर आकर मेरी पैंटी को भिगो रहा था…….

में करीब आधे घंटे तक वैसे ही लेटी रही…..सोच-2 कर गरम होती रही…..और अपनी सलवार के अंदर हाथ डाल कर पैंटी के ऊपेर से अपनी फुद्दि को मसल्ति रही…..करीब आधे घंटे बाद बाहर डोर बेल बजी…..में बदहवास सी खड़ी हुई, और बाहर जाकर गेट खोला….सामने विमला भाभी खड़ी थी….उसके चेहरे का रंग अभी भी उड़ा हुआ था…..मेने विमला भाभी को अंदर आने के लिए कहा….और फिर गेट बंद कर उन्हे अपने रूम में ले आई…..और वो अंदर आकर मेरे बेड पर नीचे पैर लटका कर बैठ गयी…..खोफ़ उनके चेहरे से सॉफ नज़र आ रहा था…मेने उन्हे चाइ पानी के लिए पूछा तो उन्हे ने मना कर दिया…..

में: विमला भाभी जो हुआ उसे भूल जाए…..अप समझे कि मेने कुछ देखा ही नही है… में ये बात किसी को नही बताउन्गी…..आप बेफिकर जो जाएँ…..

मेरी बात सुनते ही विमला भाभी की आँखें नम हो गयी…..अब मुझे ये तो नही पता कि ये आँसू सच में पछतावे के थे….या विमला भाभी मगर्मछि आँसू बाहर कर मुझे इमॉशानली ये मनवा लेना चाहती थी कि, में उनके इस गुनाह के बारे में किसी को ना बताऊ.

“नजीबा में जानती हूँ कि तुम ये बात किसी को नही बताओगी…..पर फिर भी मेरे मन में कही ना कही डर है…..इसलिए मुझे घबराहट हो रही है…..”

में: भाभी आप घबराएँ नही में नही बताती किसी को……. पर ये सब है क्या…..और वो लड़का तो आप को मासी बुला रहा था ना…..? क्या वो सच में आपका भांजा है…..?

विमला: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) हां वो मेरी बड़ी बेहन का बेटा है…….

में: (विमला की भाभी की बात सुन कर में एक दम से हैरान हो गयी) क्या….क्या सच कह रही है आप…..पर ये सब आप ने ये सब कैसे क्यों किया…..?

विमला: अब में तुम्हे क्या बताऊ नजीबा…..तुम इसे मेरी मजबूरी समझ लो या फिर मेरी ज़रूरत…..हालत ही कुछ ऐसे हो गये थे कि, में अपने आप को रोक नही पाई…..शादी के बाद हमारी सेक्स लाइफ कुछ सालो तक ठीक चली….पर सन्नी के पैदा होने के बाद हमारी सेक्स लाइफ कम होती गयी…..तुमने इनका (विमला भाभी के हज़्बेंड) का पेट तो देखा है ना…..दिन ब दिन वो मोटे होते चले गये…..फिर डाइयबिटीस की बीमारी के कारण इनमे और कमज़ोरी आती गयी…..शादी के 6 साल बाद ही हमारी सेक्स लाइफ ख़तम हो चुकी थी…….

तुम तो अच्छे से जानती हो गी कि, बिना मर्द के प्यार के रहना कितना मुस्किल होता है…..पर में अपनी सारी ख्वाहिशें मार का जीती रही…..सन्नी की देख भाल में दिन का वक़्त तो कट जाता था. पर रात को बेड पर करवटें बदलती रहती थी…..इन्हे तो जैसे मेरी कोई परवाह ही नही थी…फिर सन्नी स्कूल जाने लगा…..और मुझे अकेला पन और खलने लगा…..फिर मुझे मेरे फ्रेंड्स से कुछ ब्लू फिल्म्स की सीडी मिल गयी….तो उन्हे देख कर मेरे अंदर की आग और भड़कने लगी….

में अपनी बुर को मसल कर अपनी बुर की आग को ठंडा करने की कॉसिश करने लगी. पर उससे भी कुछ फ़ायदा ना हुआ…..धीरे-2 वो सीडी पुरानी होकर बेकार हो गयी…..जिन्हे में घर पर अकेले होने पर देखती थी…..फिर एक दिन मेरी जिंदगी तब बदल गयी. जब जय हमारे यहाँ छुट्टियों में रहने आया….वो उस समय **** क्लास में था…..और गर्मियों के छुट्टियाँ थी. पति देव सुबह ही काम पर चले जाते….सन्नी के स्कूल में भी वकेशन शुरू हो गये थे…..सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. सन्नी और जय के घर में होने से मेरा भी दिल लगा हुआ था…..

पर एक दिन सब कुछ बदल गया……वो दिन मुझे आज भी अच्छे से याद है….सन्नी के पापा ऑफीस जा चुके थी……सन्नी को नाश्ता देने के बाद में जय को उठाने के लिए गयी. वो तब तक सो रहा था…..में जैसे ही रूम में गयी….मेने देखा कि जय बेड पर बेसूध लेटा हुआ था. और वो सिर्फ़ अंडरवेर में था…..उसका अंडरवेर सामने से उठा हुआ था….उसका लंड उसके अंडरवेर में बुरी तरहा तना हुआ था……मेरी तो साँस ही अटक गयी. उस दिन से पहले में जय को अपने बेटे जैसा ही समझती थी…..पर उसके अंडरवेर के ऊपेर से उसका तना हुआ लंड देख कर मेरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी…. उसका लंड पूरी तरह तना हुआ अंडरवेर को ऊपेर उठाए हुए था

में एक तक जवान हो रहे अपने भानजे के लंड को देख कर गरम होने लगी…..पता नही कब मेरा हाथ मेरी साड़ी और पेटिकॉट के ऊपेर से मेरी बुर पर आ गया…..और में उसके अंडर वेर में बने हुए उभार को देखते हुए अपनी बुर मसलने लगी…मेरी बुर बुरी तरह से पनिया गयी….मेरा बुरा हाल हो चुका था….तभी बाहर से सन्नी के पुकारने की आवाज़ आए. में होश में आई और बाहर चली गयी….जय दिन भर गर्मियों की वजह से निक्कर पहने रहता था. 
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#33
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
मेरे जेहन में बार-2 जय का वो अंडरवेर का उभरा हुआ हिस्सा आ रहा था…..उसी दिन दोपहर की बात है….सन्नी भले ही स्कूल जाने लगा था….पर वो अभी भी मेरा दूध पीने की ज़िद्द करता था…..बहुत मना करने पर भी वो कई बार ज़िद्द पर अड़ जाता, और मुझे उसे अपना दूध पिलाना पड़ता…..उस दिन भी पता नही क्यों सन्नी दोपहर के 1 बजे मेरा दूध पीने की ज़िद्द करने लगा…..

मेने उसे बहुत मना किया……पर वो नही माना….जय में और सन्नी उस समय एक ही रूम में बेड पर लेटे हुए थे…..बाहर बहुत तेज धूप और गरमी थी……और एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….मेन डोर पहले से अंदर से लॉक था.....रूम में खिड़कियों पर पर्दे लगे हुए थे….और डोर बंद था….बस सिर्फ़ टीवी की हल्की रोशनी आ रही थी…..जिस पर जय लो वॉल्यूम में कोई मूवी देख रहा था…..कूलर की ठंडी हवा गरमी से राहत दे रही थी…

सन्नी मुझे काफ़ी देर से तंग कर रहा था…..हार कर मेने उसे अपने पास लेटा लिया. और अपने ब्लाउज के बटान खोल कर अपना राइट साइड वाला बूब बाहर निकाला और सन्नी को दूध पिलाने लगी…..में सबसे लास्ट में दीवार वाली साइड पर लेटी हुई थी…..सन्नी बीच में था, और उसके आगे की तरफ जय लेटा हुआ था…..जय अब टीवी छोड़ कर मेरी ओर देख रहा था….सन्नी की पीठ जय की तरफ थी….और हम दोनो के फेस एक दूसरी की तरफ….जैसे ही सन्नी ने मेरे निपल सक करना शुरू किया…..मेरे पूरे बदन में झुरजुरी दौड़ गयी…

मेरी बुर में फिर से कुलबुलाहट होने लगी……मेने मस्ती वाले अंदाज़ में जय को पूछा जो कि मेरी तरफ देख रहा था…..”तुम तो अभी तक अपनी मम्मा का दूध नही पीते हो….?” मेरी बात सुन कर जय शरमा गया…..और उसने सर झुका कर ना में सर हिला दिया….मेने सन्नी के बालों में अपनी उंगलियों को घुमाते हुए कहा…..”देखो बेटा जय भैया भी बड़े हो गये है……..वो अब अपनी मम्मा का दूध नही पीते….अब तुम भी ना पिया करो…ग्लास में दूध पीया करो…….” पर सन्नी तो मेरा निपल सक करने में मगन था…जय चोर नज़रों से मेरी तरफ देख रहा था…….में जानती थी कि, उसकी नज़र मेरी चुचियों पर थी. 

और वो कभी टीवी की ओर देखता तो कभी मेरी ओर……थोड़ी देर में ही सन्नी गहरी नींद में सो चुका था…..मेने जय से कहा की वो टीवी बंद कर दे, और थोड़ी देर के लिए आराम कर ले, क्यों कि लाइट का पता नही कब चली जाए…..जय ने टीवी बंद कर दिया….अब कमरे में और अंधेरा हो गया था…..खिड़की के पर्दों से लाइट बहुत कम आ रही थी…..बहुत कम रोशनी थी रूम में

में: लगता है सन्नी तो सो गया…..?

ये कह कर मेने सन्नी के मुँह से अपनी चुचि बाहर निकाली, और उसे उठा कर दीवार वाली साइड पर कर दिया…..और खुद जय की तरफ फेस करके करवट के बल लेट गयी….और अपने मम्मे को ब्रा के अंदर डालने की कॉसिश करने लगी….में जान बुझ कर ऐसे कर रही थी कि, जैसे मुझे अपनी चुचि को ब्रा के अंदर डालने में तकलीफ़ हो रही हो……मेने जय की ओर देखते हुए कहा……”जय तुम्हे तो नही पीना…….?” जय मेरी बात सुन कर शरमा कर मुस्कुराने लगा…..मेने फिर से उससे पूछा…..”जय बोलो ना में इसे अंदर करने लगी हूँ….” मेने अपने मम्मे की ओर इशारा करते हुए कहा….जय हसरत भरी नज़रों से मेरी ओर देखने लगा….मेने इस बार अपने होंटो पर मुस्कान लाते हुए अपने पास आने का इशारा किया….

जय खिसक के मेरे करीब आ गया…….”बोल पीओगे मेरा दूध…..” मेने अपनी चुचि के निपल को पकड़ कर उसकी ओर देखते हुए कहा…..और उसने अपने गले का थूक गटाकते हुए हां में सर हिला दिया….में अपना एक हाथ उसके सर के पीछे ले गयी, और उसके सर को पकड़ कर अपनी चुचि की तरफ उसके फेस को पुश किया…..अपने दूसरे हाथ से अपने चुचि को पकड़ कर अपना निपल उसके मुँह के पास कर दिया…..उसने भी बिना कोई देर किए….मेरी चुचि के निपल को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया… मेने अपनी बाजू को उसके सर के नीचे से निकाल कर अपना हाथ उसके सर पर रखा, और उसे अपने चुचियों की ओर दबा दिया….

जय अब और खिसक कर मेरे साथ चिपक कर मेरी चुचि को चूसने लगा….एक बच्चे और जवान लड़के से अपनी चुचि चुसवाने में क्या फरक होता है…….वो मुझे मेरी बुर की हालत बताने लगी थी…….मेरी बुर की फांके फडफडाने लगी…..और मेरी बुर से पानी बह कर बाहर आने लगा था….में एक दम मस्त हो चुकी थी……मेने अपने दूसरे हाथ से धीरे-2 अपना पेटिकॉट ऊपेर उठा दिया….मेने उस समय नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी….और में नीचे हाथ डाल कर अपनी बुर को मसलने लगी….मेरे मुँह से हल्की -2 उंह उंह की आवाज़ आने लगी…..मुझे अहसास भी नही हुआ कि, कब जय ने मेरी उस चुचि को हाथ से पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया…जिसे वो साथ-2 में सक भी कर रहा था……

जैसे ही मेरा ध्यान इस ओर गया कि, जय मेरी चुचि को किसी मरद की तरह अपने हाथ से मसल रहा है…….तो मेरी बुर में तेज सरसराहट दौड़ गयी…..मेने उसके सर को अपनी बाहों में और कस के जाकड़ लिया….और अपनी एक उंगली अपनी बुर के अंदर डाल दी…..में अपनी सिसकारी को रोक नही पाई…”सीईइ उंह ओह जय….” 

जय मेरे सिसकने की आवाज़ सुन कर एक दम चोंक गया…….उसने मेरे निपल को मुँह से बाहर निकाला. जो उसके चूसने से एक दम तन कर फूला हुआ था. और मेरी वासना से भरी आँखों में देखते हुए बोला…….”मौसी क्या हुआ….” में उसकी बात सुन कर होश में आई, कि में ये क्या कर रही हूँ….अपने जिस्म की आग को ठंडा करने के लिए में अपनी ही बेहन के बेटे के साथ ये काम कर रही हूँ…..मेने अपने आप को संभालते हुए कहा…..”कुछ नही अब बस करो…..मुझे नींद आ रही है….” पर वो मुझसे कहने लगा कि “मासी प्लीज़ थोड़ी देर और दूध पी लेने दीजिए ना….बस 1-2 मिनिट” और उसने मेरे जवाब सुने बिना ही फिर से मेरे निपल को मुँह में भर लिया…..इस बार वो मेरे चुचि के काफ़ी हिस्से को मुँह में भर चुका था….

और मेरी चुचि को चूस्ते हुए, बाहर की तरफ खींचने लगा…..मेरे पूरा बदन थरथरा गया…..और मुँह से एक बार फिर से आ निकल गये…..इस बार उसने फिर से चुचि को मुँह से बाहर निकाला, और बोला “बोलो ना मौसी क्या हुआ…..” मेने काँपती हुई आवाज़ में सिसकते हुए उसे जवाब दिया…..” कुछ नही जय जल्दी कर मेरा बहुत बुरा हाल है…” उसने फिर से मेरी चुचि को मुँह से बाहर निकाला……और काँपती हुई आवाज़ में बोला….”कहाँ पर मौसी…..” अचानक से मुझे उसका लंड निक्केर के ऊपेर से मेरी नाभि में चुभता हुआ महसूस हुआ….तब तक वो फिर से मेरी चुचि को मुँह में भर चूसना शुरू कर चुका था…..

में इस क़दर मदहोश हो गयी कि, मुझे कुछ होश ना था…..मेने जय का एक हाथ पकड़ कर उसे नीचे लेजा कर अपनी टाँगों को फेलाते हुए अपनी बुर पर रख दिया…..जो एक दम पनियाई हुई थी…..जय मेरी समझ कही ज़्यादा तेज था…..जैसे ही मेने उसका हाथ अपनी बुर के ऊपेर रखा, उसने मेरी बुर की फांको के बीच अपनी उंगलियों को घुमाते हुए रगड़ना शुरू कर दिया….मेरा पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया….फिर उसने धीरे-2 से अपनी एक उंगली मेरी बुर में घुसा दी, और अंदर बाहर करने लगा……में एक दम से मदहोश होती चली गयी. वो मेरी बुर में उंगली अंदर बाहर करते हुए, मेरी चुचि को चूस रहा था….और वो धीरे-2 मेरे ऊपेर आ चुका था…..

तभी मेरा ध्यान सन्नी की तरफ गया……कि सन्नी भी इस रूम में है…..मेने जय के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर पीछे की ओर धकेला…….तो मेरी चुचि उसके मुँह से बाहर आ गयी…….”जय सन्नी” जय ने सन्नी की तरफ देखा जो अभी गहरी नींद में था…..और फिर मेरी तरफ देखने लगा….उसकी उंगली अभी भी मेरी बुर में थी…..में नही चाहती थी कि सन्नी उठ जाए और हमे इस हालत में देख ले……नजीबा तुम तो जानती हो कि, हमारे घर में सिर्फ़ दो रूम है……एक ड्रॉयिंग रूम जो बाहर की तरफ बैठक में है…..और एक पीछे की तरफ मेरा बेड रूम जहाँ पर सब कुछ चल रहा था………..

फिर मुझे ख़याल आया कि सन्नी स्टोर रूम में कभी नही घुसता…….क्योंकि वहाँ पर काफ़ी समान भरा होता है…..और जब सन्नी कभी ज़िद्द करता है तो उसके पापा उसे ये कह कर डराते थे कि स्टोर रूम में भूत है, अगर तंग करोगे तो में तुम्हे वहाँ बंद कर दूँगा…. इस लिए मेने जय को धीरे से कहा कि, वो स्टोर रूम में जाए…..और वहाँ पड़े बिस्तर को नीचे ज़मीन पर ही बिछा लिए……में अभी थोड़ी देर में आती हूँ….

मेरी बात सुन कर जय खड़ा हुआ, और बाहर स्टोर रूम की तरफ चला गया….में धीरे से बेड से नीचे उतरी….फिर मेने अपने ब्लाउज जो कि आधा खुला हुआ था, उसे उतार दिया….फिर अपनी ब्रा उतारी, और फिर से ब्लाउज पहन लिया….मेने ब्लाउज के बटान बंद करने के लिए टाइम नही जाया किया….फिर रूम से बाहर आकर स्टोर रूम की तरफ चली गयी….जैसे ही में स्टोर रूम में पहुँची, तो देखा कि जय ने ज़मीन पर गद्दे बिछाए हुए थे….और वो करवट के बल उन पर लेटा हुआ था……मुझे देखते ही जय खड़ा हुआ, और मुझे पकड़ कर अंदर दीवार के साथ सटा दिया…….

उसने मेरे ब्लाउज के बाहर झाँक रही चुचियों को हाथो में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया…फिर उसने मेरी एक चुचि को मुँह में भर कर सक करना शुरू कर दिया…..”ओह्ह्ह जय हाआँ चुस्स ले मेरे बेटे हाई अपनी मासी के मम्मों को चूस ले बेटा…” मेने अपना पेटिकॉट पकड़ कर ऊपेर उठा लिया. और जय का हाथ पकड़ फिर से अपनी बुर पर रख दिया. “ओह्ह्ह जय देख ना मेरा कितना बुरा हाल है…..” जय ने मेरी बुर को मसलते हुए मुँह से चुचि को बाहर निकाला, और अपना निक्कर नीचे घुटनो तक सरका दी. और फिर मेरा हाथ पकड़ कर अपने तने हुए 6 इंच के लंड पर रख दिया…….

जय: मासी देखो ना मेरा भी बुरा हाल है…..

जैसे ही मेरे हाथ में जवान तना हुआ लंड आया…….में सब कुछ भूल गयी…..और फिर में नीचे झुकते हुए घुटनो के बल बैठी, और जय के लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाने लगी. उसके लंड टोपा एक दम लाल होकर दहक रहा था…..फिर मेने जय का हाथ पकड़ कर उसे खीचते हुए नीचे बिस्तर पर लिटाना शुरू कर दिया……और जय को अपने ऊपेर गिरा लिया. मेने अपनी टाँगों को नीचे से पूरा फेला लिया. और जय अब मेरी टाँगों के बीच में था. मेने उसके लंड को पकड़ कर अपनी दहाकति हुई बुर के छेद पर लगा दिया….

में: ओह्ह्ह्ह जय अपनी मासी की फुद्दि मार कर उसकी आग को ठंडा कर दे आज……

और फिर अपना हाथ उसके लंड से हटा लिया. और अपनी टाँगों को उसकी कमर पर लपेट लिया….जय ने धीरे-2 अपने लंड को मेरी बुर के छेद पर दबाना शुरू कर दिया…बरसो की प्यासी बुर जो एक जवान और तने हुए लंड के लिए तरस रही थी….जय के तने हुए लंड की गरमी को महसूस करके कुलबुलाने लगी…..मेने अपनी गान्ड को पूरी ताक़त से ऊपेर की ओर उछाला. जय का लंड मेरी बुर की गहराइयों में समाता चला गया…….

फिर तो जय ने भी आव देखा ना ताव उसने अपनी गान्ड को उठा-2 कर मेरी बुर के अंदर अपने लंड को पेलना शुरू कर दिया….वो किसी जवान मर्द की तरह मेरे मम्मों को मसलते हुए, अपने लंड को मेरी बुर के अंदर बाहर कर रहा था…..और फिर उसने मेरे होंटो पर अपने होन्ट रख दिए……मुझे अपने 1**** साल के भान्जे से अपने होंटो चुसवाने में शरम आने लगी……पर लंड की रगड़ बुर की दीवारो पर मदहोश कर देने वाली थी…..मेने भी शारी शरम हया छोड़ कर उसका साथ देना शुरू कर दिया….अपनी गान्ड ऊपेर की ओर उछाल कर उसके लंड को अपनी बुर की गहराइयों में लेने लगी…….

उसके 5 मिनिट के धक्कों ने ही मेरी बुर को पानी पानी कर दिया…….में झड कर एक दम बहाल हो गयी थी….थोड़ी देर बाद उसने भी अपना सारा पानी मेरी बुर के अंदर उडेल दिया……”नजीबा अब मेने तुम्हे सारी बात बता दी है…..प्लीज़ ये सब किसी से नही कहना. और हां तुम्हे जिंदगी में कभी मेरे ज़रूरत पड़े तो में तुम्हारे साथ हूँ. मुझसे एक बार कह कर देखना में तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ….”

उसके विमला भाभी मुझे अपनी चुदाई की दास्तान सुना कर चली तो गयी……पर मेरी बुर में आग और भड़का गयी थी……
पिछले दो महीने से जिस तेज़ी से मेरे जिंदगी में फेरबदल हो रहे थे……वो मेने अपनी पूरी जिंदगी में कभी नही देखे थी……राज का हमारे घर किरायेदार के टूर पर आना. और फिर उसे फातिमा के साथ सेक्स करते देखना, और फिर उसके लंड का गुलाम बन कर रह जाना. और फिर विमला भाभी का ये किस्सा….मेरी जिंदगी में इतना सब कुछ दो महीनो के अंदर हो चुका था. और यही सब सोचते हुए, ये अंदाज़ा लगाने की कॉसिश कर रही थी कि, आगे आने वाले दिनो में पता नही और क्या क्या होगा….

उस दिन के दो दिन के बाद की बात है…..नाजिया सुबह स्कूल चली गयी थी…..अंजुम उस दिन घर से थोड़ा जल्दी निकल चुके थे…..और राज भी जॉब पर जाने के लिए तैयार था….जैसे ही वो नीचे आया, तो उसने मुझसे अंजुम के बारे में पूछा, तो मेने उसे बताया कि, वो थोड़ी देर पहले ही निकल गये है……जैसे ही राज को पता चला कि अंजुम घर पर नही है. उसने मुझे बर्मडे में ही बाहों में भर लिया….और मेरे होंटो को चूसने लगा…..और साथ -2 मेरे चुतड़ों को सलवार के ऊपेर से मसलने लगा….

आज बहुत दिनो बाद मुझे राज की बाहों की गर्माहट मिल रही थी….में उसकी बाहों में जाते ही पिघलने लगी थी…..”ओह्ह्ह राज मुझे कहीं भगा कर ले चलो…..मुझे अब तुमसे एक पल भी दूर नही रहा जा रहा…..” राज ने मेरी आँखों में देखा, और मुस्कुराते हुए बोला….”मेरी जान चाहता तो में भी यही हूँ….पर में नही चाहता कि, मेरी वजह से तुम्हारा घर बर्बाद हो……थोड़ा सबर रखो…..हमे जल्द ही मौका मिलेगा….” ये कहते हुए उसने एक बार फिर से मेरे होंटो को सक किया, और जॉब के लिए चला गया….मेने मेन डोर बंद किया. और घर की सॉफ सफाई में लग गयी…..
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#34
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
घर का सारा काम निपटाने के बाद में घर में एक दम अकेली थी, दो दिन से विमला भाभी से भी बात नही हुई थी…इसलिए मेने अपने घर को लॉक किया, और विमला भाभी के घर की तरफ गयी….आज भी उनके घर का गेट खुला हुआ था….मेने इस बार गेट को नॉक करना सही समझा, और गेट नॉक किया…..विमला भाभी बरामदे में आकर बाहर देखने लगी, और मुझे गेट पर खड़ा देख कर बोली……”अर्रे नजीबा तुम वहाँ क्यों खड़ी हो अंदर आओ ना” में घर के अंदर आ गयी….विमला भाभी ने बाहर बरामदे में एक पलंग रखा हुआ था…विमला भाभी उस वक़्त पोन्छा लगा रही थी…..

में वही पलंग पर बैठ गयी…..”नजीबा आज क्या बात है….आज गेट नॉक क्यों कर रही थी. सीधे ही अंदर आ जाती…” मेने मुस्कुराते हुए विमला भाभी की ओर देखा और कहा…” भाभी वो मेने इस लिए गेट नॉक क्या था कि क्या पता आप किसी और ही काम में बिज़ी ना हों…” विमला भाभी भी मेरी बात सुन कर मुस्कुराने लगी….और पोन्छा लगाने के बाद गंदा पानी बाहर गली में फेंक कर गेट को लॉक किया, और बालटी को बाथरूम में रख कर मेरे पास आकर बैठ गयी….

विमला: नजीबा जय उसी दिन चला गया था….में आज घर पर अकेली हूँ……वैसे तुमने सही किया कि गेट नॉक कर दिया….हमें दूसरे के घर में जाने से पहले गेट तो नॉक कर ही लेना चाहिए…पता नही अंदर क्या देखने को मिल जाए…..और हमें भी ऐसे काम गेट बंद कर के ही करने चाहिए…..पर शायद तुम आज गेट बंद करना भूल गयी थी….

में: (थोड़ा सा हैरान होते हुए) क्यों क्या हुआ भाभी….?

विमला: अब इसमें मेरी कोई ग़लती नही है….देखो में तुम्हारे घर आई थी सुबह….तब तुम उस लड़के से अपनी गान्ड मसलवा रही थी…तुम तो बड़ी तेज निकली नजीबा…..घर में ही इंतज़ाम कर लिया हैं……..

विमला भाभी की बात सुन कर मेरा केलज़ा मुँह को आ गया….में फटी आँखों से विमला भाभी के चेहरे को देखने लगी….जिस पर एक अजीब सी मुस्कान छाई हुई थी…

.”अर्रे नजीबा घबराने की कोई बात नही है….अगर मुझे तेरे राज का पता चल गया तो क्या.. तुझे भी तो मेरे बारे में सब पता है….देख नजीबा में सब जानती हूँ कि, तूने जिंदगी में कभी सुख नही देखा…….मेने तो फिर भी अपने पति के साथ 2-3 साल अपनी सेक्स लाइफ एंजाय की है. पर तुझे तो शायद वो भी नसीब नही हुई……और तुझे अपनी जिंदगी जीने का पूरा हक़ है…तू घबरा नही…..

हम दोनो एक दूसरे को कितने सालो से जानती है….हम दोनो ने एक दूसरे का बुरे वक़्त में साथ दिया है…..और में यकीन से कहती हूँ कि हम दोनो के ये राज हम दोनो के बीच में ही रहेंगे..पर ये बता तूने उस हॅंडसम लड़के को पटाया कैसे…..

में: अब में आपको कैसे बताऊ भाभी बस ऐसे ही ईक दिन अचानक से सब कुछ हो गया.

विमला: अर्रे बताना कैसे है…..जैसे मेने तुम्हे अपने और जय के बारे में बताया. देख मेने अपनी कोई बात नही छुपाई तुझसे अब तू भी मुझे सब बता दे…..

फिर विमला भाभी ने तब तक मेरे जान नही छोड़ी, जब तक मेने उन्हे सब कुछ डीटेल में नही बता दिया….”पर विमला भाभी अब अंजुम और नाजिया भी उस समय घर होते है, जब राज घर पर होता है…भाभी में कई दिनो से तड़प रही हूँ…..समझ में नही आ रहा क्या करूँ.”

विमला: तो में किस दिन काम आउन्गी…….तू ये बता कि वो घर वापिस कब आता है….

में: भाभी वो शाम को 5 बजे के करीब घर वापिस आता है…..

विमला: और अंजुम भाई साहब….?

में: उनका कोई पता नही……वैसे तो 7 बजे आते है…..पर कभी कभार रात को 8 -9 बजे भी आते है….जब कभी अपने किसी नशेड़ी दोस्त के साथ पीने बैठे होते है…..

विमला: अच्छा ठीक है, में आज शाम को तुम्हारे घर आउन्गी…….और नाजिया को अपने साथ बातों में लगा कर बैठी रहूंगी. तुम मौका देख कर उससे चुदवा लेना……

में: हाए तोबा विमला भाभी आप कैसे बोल रही है ये सब…..

विमला: तो क्या हुआ, यार सेक्स में इन सब से बातों से और मज़ा आता है…..

में: पर विमला भाभी कही कोई गड़बड़ हो गयी तो ?

विमला: में हूँ ना……तू फिकर ना कर….में संभाल लूँगी….

उसके बाद में घर आ गयी, रोज मरहा के काम निपटाने लगी….3 बजे नाजिया घर वापिस आई. मुझे आज बहुत बेचैनी सी महसूस हो रही थी कि, कही कोई गड़बड़ ना हो जाए. कही नाजिया को शक ना हो जाए….जैसे -2 5 बजने को हो रहे थे…..मेरा दिल रह-2 कर धड़क उठता….करीब 4:30 बजे विमला भाभी सन्नी को साथ लेकर हमारे घर आ गये…..और में नाजिया और विमला भाभी नाजिया के रूम में ही बातें करने लगी…..

करीब 5 बजे राज घर पर आ गये…..मेने जाकर मेन गेट खोला और उसके अंदर आने के बाद गेट लॉक कर दिया….राज सीधा ऊपेर चला गया….में फिर से नाजिया और विमला भाभी के पास आकर बैठ गये….हम थोड़ी देर इधर उधर के बातें करते रहे…..नाजिया साथ-2 सन्नी को उसका होमे वर्क भी करवा रही थी….थोड़ी देर बाद विमला भाभी ने मुझे इशारे से जाने के लिए कहा….”भाभी आप बैठते में ऊपेर से कपड़े उतार लाती हूँ….”

ये कह कर में रूम से बाहर आई, और ऊपेर जाने लगी…..मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. कि कही नाजिया ऊपेर ना आ जाए…..क्या पता विमला भाभी नाजिया को संभाल पाएँगी भी या नही. पर बुर में कई हफ्तों से आग लगी हुई थी…….में ऊपेर राज के रूम आई तो देखा के राज रूम में नही था…..में रूम से बाहर आई, और बाथरूम की तरफ जाने लगी….बाथरूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था…..मेने पास पहुँच कर राज को आवाज़ लगाई…….”राज आप अंदर है क्या “ 

में बाथरूम के डोर के बिल्कुल पास खड़ी थी…….अंदर से कोई जवाब नही आया…बस पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी….फिर अचानक से बाथरूम का डोर खुला, और राज ने बाहर हाथ निकाल कर मुझे अंदर खेंच लिया……में एक दम से घबरा गयी…..अंदर राज एक दम नंगा खड़ा था….उसका लंड हवा में झटके खा रहा था….उसके तने हुए 8 इंच के लंड को देख कर मेरी बुर में सरसराहट दौड़ गयी…..
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#35
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
राज: कब से तुम्हारी वेट कर रहा था…..कितना इंतजार करवाती हो तुम……

में: वो नीचे नाजिया है इस लिए ऐसे नही आ सकती थी…..

राज ने मेरी तरफ देखते हुए, मेरा हाथ अपने फूँकारते हुए लंड पर रख दिया. मेरा पूरा बदन उसके गरम लंड को अपनी हथेली में महसूस करते ही कांप उठा…..मेने अपना हाथ पीछे खेंचना चाहा तो राज बोल पड़ा…..”क्या हुआ मेरी जान चूत में लेते हुए तो शरमाती नही……तो फिर इसे पकड़ने में कैसा शरमाना….” उसने फिर से मेरे हाथ को अपने लंड पर रख दिया…..मेरी मुट्ठी अपने आप ही उसके लंड पर कस्ति चली गयी….और उसके होन्ट मेरे होंटो के करीब आते गये….

फिर जैसे ही उसने मेरे होंटो को अपने होंटो में दबोचा, वो पागलो की तरह मेरे होंटो को चूसने लगा…..मेरी बुर में तो जैसे उब्बाल आने लगा…..में उसकी बाहों में कस्ति चली गयी. उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरा नाडा खोल दिया….और फिर मेरे होंटो को छोड़ मेरी नेक मेरी चुचियों और फिर पैर से होते हुए नीचे जाँघो को चूमने लगा. और साथ ही उसने मेरी एक टाँग सलवार से बाहर निकाल दी…..

फिर वो खड़ा हुआ, मेरी वो टाँग जिसमे सलवार नही थी….उसे हाथ से ऊपेर उठा दिया…. मेरा पूरा बदन जैसे ही थोड़ा सा ऊपेर उठा…….उसने दूसरे हाथ को मेरी दूसरी टाँग के नीचे डालते हुए, मुझे हवा में उठा लिया, और मेरे कान में सरगोशी करते हुए, बोला. नजीबा मेरी जान अपने यार लौडा का पकड़ कर अपनी फुद्दि में डाल ले….में उसकी बाहों में हवा में उठी थी….मुझे इस पोज़ीशन में बहुत शरम आ रही थी….उसने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को दबोच रखा था…..मेने हाथ नीचे लेजा कर उसके लंड को पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर लगा दिया….राज ने बिना एक पल रुके मेरे चुतड़ों को दोबचाते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा……

राज का लंड मेरी फुद्दि के दीवारो को चीरता एक ही बार में पूरा का पूरा समा गया. “ओह्ह्ह राज आपने तो ही मार ही डाला अह्ह्ह्ह माँ…..” राज ने हंसते हुए, मेरे होंटो को चूमा और फिर अपने लंड को आधे से ज़्यादा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा….राज का लंड फॅक की आवाज़ से मेरी बुर की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ फिर से अंदर जा घुसा…. “आह राज धीरे करिए ना….” मेने अपनी बाहों को राज के कंधो के ऊपेर से उसकी पीठ पर कसते हुए कहा….मेरी चुचियाँ उसके चौड़े सीने में धँसी हुई थी…..

और उसका मोटा मुनसल जैसे लंड मेरी बुर की गहराइयों में समाया हुआ था…..”नजीबा क्या धीरे करूँ……” राज अब धीरे-2 मेरी बुर में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था.. “ओह्ह्ह राज धीरे करिए ना…..”

राज: क्या धीरे करूँ…….

में: (कसमसाते हुए) उम्ह्ह्ह्ह जो आप कर रहे है……..

राज: और में क्या कर रहा हूँ……

में: मुझे नही पता……(मेने शरमाते हुए अपने सर को राज के कंधे पर रख दिया)

राज ने मेरी गान्ड को दोनो तरफ से कस के पकड़ा और तेज़ी से अपने लंड को मेरी बुर में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..जब उसका लंड जड तक मेरी बुर में समाता, तो उसकी जांघें मेरे चुतड़ों से नीचे से टकरा कर थप-2 की आवाज़ करने लगती…राज के ताबडतोड धक्कों ने मेरी बुर की दीवारों को रगड़ कर रख दिया….मेरी बुर से पानी बह कर राज के लंड को भिगो रहा था….”ओह्ह्ह्ह राज हां आईसीई हीए चोदो मुझे मारो मेरी फुद्दि को आह फाड़ दो मेरी फुद्दि आज…अहह में कंजरी हूँ….अह्ह्ह्ह चोदो मेरी बुर को आह भर दो इसे अपने लंड के पानी से…..

राज: हां मेरी जान तेरी बुर को अपने लंड के पानी से भर दूँगा आज….

राज अब पूरी ताक़त से मुझे हवा में उठाए हुए चोद रहा था……में राज के लंड को अपनी बुर की गहराइयों में महसूस करके एक दम मदहोश हो चुकी थी कि, मुझे इस बात की परवाह भी नही रही कि, नीचे नाजिया भी घर में है….अब में भी अपनी गान्ड को आगे पीछे करने लगी थी….राज मेरे होंटो को चूस्ते हुए अपने लंड को पूरी रफतार से मेरी बुर की गहराइयों में पेल रहा था…..

में: हाईए राज मेरीए फुद्दि तो गयी हां ईए लो आ सीयी सीईईई उंह ईए लो मेरीईए फुद्दि ने पानी चोदा आ आह…..

राज: ओह्ह्ह नजीबा आ ईईए ली साली ईईए ली मेरीए लंड का पानी आहह आह आह

हम दोनो झड कर हाँफने लगे…..थोड़ी देर बाद राज का लंड सिकुड कर मेरी बुर से बाहर आ गया….राज ने मुझे नीचे उतारा. मेने जल्दी से अपनी सलवार पहनी और बाहर आ गयी…..जैसे ही में बाहर आई, तो मुझे विमला भाभी ऊपेर आती हुई नज़र आई…..विमला भाभी मेरे पास आई और बोली…..”यार नाजिया बार-2 पूछ रही थी कि, अम्मी को इतना टाइम क्यों लग गया ऊपेर…….और ऊपेर आने को हो रही थी….मेने उसे मुस्किल से रोका है……सॉरी यार”

में: कोई बात नही विमला भाभी आप जिस काम के लिए आई थी वो तो हो गया…..

विमला: क्या हो गया…..पर तू तो अभी बाथरूम से बाहर आ रही है…इतनी जल्दी….

में: (विमला भाभी के कान में फुसफुसाते हुए) में जब ऊपेर आई थी तो राज अंदर नहा रहा था….उसने मुझे अंदर ही खेंच लिया…..

विमला: बाथरूम में ही तेरी फुद्दि मार ली उसने कैसे……

में: (शरमाते हुए) वो मुझे ऊपेर उठा कर……..

विमला: क्या खड़े-2 ही तुझे उठा कर चोद दिया…..तेरी किस्मत वाह काश हमारी भी किस्मत ऐसी होती……

फिर हम दोनो नीचे आ गये….विमला भाभी कुछ और देर बैठी फिर वो अपने घर चली गयी. नाजिया मेरी तरफ थोड़ा अजीब नज़रों सी देख रही थी…..पर मेने कुछ जाहिर नही होने दिया.
दिन इस तरह गुजर रहे थे…..उस दिन के बाद मुझे फिर कभी मौका नही मिला….क्योंकि नाजिया को शायद शक था….पर वो भी श्योर नही थी….उसका रवैया मेरे से नॉर्मल था….इस दौरान में और विमला भाभी कुछ और ही ज़्यादा ही फ्रेंक हो गये थे….जब भी विमला भाभी हमारे घर आती या में उनके घर जाती तो हम सिर्फ़ सेक्स की ही बातें करते….मेने और विमला भाभी ने कई बार उनके घर में पॉर्न वीडियोस भी देखी……में किसी चुदेल रांड़ की तरह होती जा रही थी…….जिसे हर समय अपनी बुर में लंड चाहिए होता है….

इस दौरान मेरे और विमला भाभी के बीच इतनी नज़दीकया बढ़ गयी कि, हम दोनो लेज़्बीयन सेक्स करने लगी…….में विमला भाभी की और विमला भाभी मेरी बुर को चाट कर ठंडा करने लगी थी…पर लंड तो लंड ही होता है…..एक दिन में जब विमला भाभी के घर गयी तो, उन्हो ने बताया कि, उनके हज़्बेंड कल टूर पर जा रहे है….और परसो वापिस आएँगे….कल रात वो घर पर अकेली होंगी…..

विमला: यार नजीबा कल रात में यहाँ अकेली रहूंगी……यार अच्छा मौका है….तू राज को कल रात यहाँ बुला ले……हम दोनो खूब मस्ती करेंगे…..

में: (विमला भाभी की बात सुन कर एक दम चोन्कते हुए) क्या क्या कहा तुमने भाभी….

विमला: वही जो तूने सुना…..देख यार में तेरी मदद कर रही हूँ….तो बदले में मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए….और वैसे भी तेरा कॉन से]आ उसके साथ कोई रिस्ता है….वो आज यहाँ कल कहीं और चला जाएगा…

में विमला भाभी की बात सुन कर सोच में पड़ गयी कि क्या करू….इतने दिनो बाद ऐसा मौका हाथ आया था….में उसे हाथ से जाने नही देना चाहती थी……”ठीक है भाभी में आपको कल दोपहर में सोच कर बता दूँगी कि क्या करना है….”

विमला: चल सोच ले….रोज रोज ऐसे मोके नही आएँगे…..

उसके बाद में अपने घर आ गयी….दिल और दिमाग़ दोनो में जंग चल रही थी….में सोचने लगी कि विमला भाभी कह तो ठीक रही है…जवान लड़का है, क्या भरोसा वो कल कहाँ हो. कल को अगर उसका तबादला हो गया तो ये दिन बार-2 नही आएँगे….नजीबा इन दिनो को जी भर कर के जी ले….शाम को जब राज वापिस आया तो मेने उसे सारी बात बताई….मेरे सामने राज ने शरीफ बनते हुए कहा कि, वो ये काम किसी और के साथ नही करेगा….पर मेरे एक दो बार कहने पर ही वो मान गया…..
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#36
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
अगले दिन सनडे था…..अंजुम ने रात को खाने में मुझे बताया कि, उनके मामा की मौत हो गयी है….और कल सुबह हमें उनके घर जाना है….शाम को हम 4-5 बजे तक आ जाएँगे…एक पल के लिए मुझे सब बेकार होता नज़र आया….पर ये सोच कर मन को तसल्ली मिली के शाम को तो हम वापिस आ ही जाएँगे…..अब कल के प्लान के मुताबिक अब राज को किसी बहाने से वही सहर में 8 बजे तक रुकना था. और विमला भाभी को मुझे अपने घर सोने के लिए अंजुम को कहना और मनाना था…..अगली सुबह अंजुम और में उनके मामा के गाँव के लिए निकल गये.

राज भी हमारे साथ ही घर से निकला था स्टेशन को जाने के लिए…..स्टेशन में हमे ट्रेन में चढ़ा कर वो अपने कॅबिन में चला गया…..अब मेरे पीछे राज जानता था कि, नाजिया घर पर अकेली है…..और में इस बात से अंजान थी कि, राज और नाजिया इतने करीब आ चुके है कि वो सेक्स भी कर चुके है…..में और अंजुम करीब 11 बजे उनके मामा के घर पहुँचे….पर हमें वहाँ देर हो गयी, और हमारी लास्ट ट्रेन मिस हो गयी….

मेने और विमला भाभी ने जो भी प्लान बनाया था……वो मुझे सब मिट्टी मिलता हुआ नज़र आ रहा था….मुझे समझ में नही आ रहा था कि, में क्या करूँ……उधर नाजिया घर पर अकेली थी. मेने नाजिया कभी रात भर के लिए अकेला नही छोड़ा था…..मुझे उसकी चिंता सताने लगी थी. मेने अंजुम से कहा कि, वो नाजिया को घर पर फोन कर दें…..और उसे बता दें कि, हम आज रात नही आ पाएँगे….कल सुबह आएँगे…..इसलिए वो विमला भाभी के यहाँ सो जाए….

मेरे जेहन में अजीब सा डर था….राज को लेकर….कहीं वो नाजिया के साथ कुछ ग़लत ना कर दे. इस बात से अंजान कि वो किस हद तक आगे बढ़ चुके थे….मेरी परेशानी समझते हुए अंजुम ने घर पर नाजिया को फोन क्यिया….और उसे बताया कि, ट्रेन मिस हो गयी है..इसलिए वो विमला भाभी के घर सो जाए….उसके बाद मेने अंजुम से मोबाइल लेकर विमला भाभी को फोन किया….और सारी बात बताई….और कहा कि, नाजिया को आज रात अपने घर सुला ले….और राज के आने पर उसे घर की चाभी दे दी…..

विमला भाभी ने मुझे निश्चिंत रहने के लिए कहा….मेने दिल ही दिल में शूकर किया कि, चलो विमला भाभी की वजह से मुझे नाजिया की फिकर नही करने पड़ेगी…..पर जो में सोच रही थी. शायद उससे भी बदतर होने वाला था….शाम के 5 बजे के करीब विमला भाभी हमारे घर जाने के लिए अपने घर से बाहर निकली…..ताकि वो नाजिया को साथ लेकर अपने घर आ सके….जैसे ही विमला भाभी अपने घर से बाहर निकली, तो उन्होने देखा कि राज बाइक पर था…थोड़ी देर बाद डोर ओपन हुआ, और राज ने बाइक अंदर कर डी…फिर डोर बंद हुआ…..

अब विमला भाभी तो थी ही ऐसी…..वो हर बात में कुछ ना कुछ उल्टा ज़रूर सोचती थी. वो तेज़ी से चलते हुए हमारे घर के पास आई, और डोर के पास ऐसे खड़ी होकर रिएक्ट करने लगी जैसे वो डोर नोक करने के बाद डोर खुलने का वेट कर रही हो….फिर उसने गली में इधर उधर देखा….और फिर थोड़ा सा आगे होकर गेट के पल्लों के बीच की झिर्री में अंदर झाँकने लगी…..

अंदर का नज़ारा देख कर विमला भाभी के होंटो पर एक कमीनी मुस्कान फेल गयी…अंदर राज ने नाजिया को गेट के कुछ ही फाँसले पर अपनी बाहों में भरा हुआ था….नाजिया और राज एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे…नाजिया अपने पैरो की एडियाँ उठाए हुए, राज से किसी बच्ची की तरह लिपटी हुई अपने होंटो को चुसवा रही थी….राज का एक हाथ नाजिया की सलवार के अंदर था…..और वो उसकी बुर को मसल रहा था….

नाजिया: ओह्ह्ह्ह राज ये आप ने मुझे क्या कर दिया है……

राज: ओह्ह नाजिया मेरी जान….बहुत दिनो बाद आज तुम मेरे हाथ आए हो…..

नाजिया: राज प्लीज़ हट जाओ….विमला आंटी आने वाली होंगी…अम्मी ने विमला आंटी को फोन करके बताया है कि वो आज घर नही आने वाली तो वो मुझे अपने साथ अपने घर सुला लें…

राज: ओह्ह ये क्या बात है……..साला आज इतना अच्छा मौका था…..

नाजिया: अब में क्या कर सकती हूँ…में तो खुद आप से मिलने के लिए तड़प रही थी….

तभी विमला भाभी ने गेट नॉक किया….राज और नाजिया दोनो हड़बड़ा गये…राज जल्दी से ऊपेर चला गया…..नाजिया ने अपने आप को ठीक किया और गेट खोला तो सामने विमला भाभी खड़ी थी….”नाजिया क्या कर रही थी…”

नाजिया: कुछ नही आंटी पढ़ रही थी….

विमला: अच्छा वो लड़का जो ऊपेर किराए पर रहता है आ गया क्या ?

नाजिया: जी….

विमला: कहाँ है वो ?

नाजिया: जी ऊपेर है…..

विमला: अच्छा एक काम कर तू जल्दी से उसके लिए चाइ बना दे…..में उसे छाई दे आती हूँ. और उसे बता दूँगी, आज तेरे अम्मी और अब्बू नही आएँगे और तुम मेरे साथ मेरे घर पर सोने जा रही हो…खाना वो होटेल में खा लेगा…..

नाजिया: जी ठीक है….

उसके बाद नाजिया ने चाइ बनाई, और विमला भाभी राज को चाइ देने ऊपेर चली गयी…राज अपने बेड पर बैठा कुछ सोच रहा था….विमला भाभी ने उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा “चाइ रखी है आपके लिए पी लेना….वो आज नजीबा और अंजुम भाई साहब नही आ पाएँगे….इसलिए नाजिया को में अपने साथ अपने घर ले जा रही हूँ….किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बता दो…..”

राज: जी कोई बात नही में मॅनेज कर लूँगा…..

विमला भाबी पलट कर जाने लगी…फिर वो रुकी और राज की तरफ पलटी….”वैसे राज नजीबा ने जो आज प्लान बनाया था. वो तो हाथ से गया…..पर अगर तुम चाहो तो रात को 9 बजे आ सकते है….में 9 बजे तक इंतजार करूँगी…..” विमला भाभी ने कॅटली मुस्कान के साथ राज की तरफ देखते हुए कहा…..

राज: पर नाजिया वो तो आपके घर ही जा रही है……

विमला: तुम उसकी फिकर ना करो…..तुम ठीक 9 बजे हमारे घर की बैठक के डोर के बाहर आ जाना….में उसका डोर अंदर से खुला छोड़ दूँगी…..बैठक में आने के बाद अंदर से डोर लॉक कर लेना…और वही बैठे रहने…जब नाजिया सो जाएगी..तो में वहाँ आ जाउन्गी….
Reply
10-17-2018, 11:37 AM,
#37
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
उसके बाद विमला अपने घर नाजिया को साथ लेकर चली गयी…..नाजिया विमला भाभी और सन्नी रूम में बैठे थे….शाम के 6 बज चुके थे….” नाजिया चल खाना बना लेते है….” विमला भाभी ने नाजिया को कहा….फिर नाजिया और विमला भाभी किचन में आ गये….और खाना बनाने लगी……”नाजिया एक बात पूछूँ…” विमला भाभी ने नाजिया की तरफ देखते हुए कहा..

नाजिया: जी आंटी……

विमला: तुम्हे राज कैसा लगता है….

नाजिया: (विमला भाभी की बात सुन कर घबराते हुए) जी पर आप ये सब क्यों पूछ रही हो…

विमला: चल अब नाटक करने से क्या फ़ायदा….में तुम्हे बता ही देती हूँ….जब में तुम्हारे घर आई थी….तब मेने गेट की झिरी से सब देख लिया था…..तू कैसे उससे अपने होंटो को चुसवा रही थी….और वो तेरी फुद्दि को सलवार के अंदर हाथ डाल कर मसल रहा था…

ये बात सुनते ही नाजिया का रंग एक दम से उड़ गया….उसका केलज़ा मुँह को आ गया. वो कभी विमला भाभी की तरफ देखती तो, कभी नीचे फरश की तरफ….. “तुझे ये सब करते हुए डर नही लगा…..बता अगर तेरी अम्मी और अब्बू को पता चल गया कि, तू उनके पीछे अपना मुँह काला करवाती फिरती है……तो वो तुझे जिंदा छोड़ेंगे….बोल बताऊ तेरी अम्मी को…..”

नाजिया की हालत रोने जैसी हो गयी थी…..उसकी आँखों से आँसू निकल कर उसके गालों पर आने लगे….नाजिया ने सुबकते हुए विमला भाभी का हाथ पकड़ लिया….और रुआंसी आवाज़ में बोली… “ प्लीज़ आंटी अम्मी को नही बताना…..वो मुझे माफ़ नही करेंगी….

विमला: (शिकार को अपने जाल में फँसता देख कर….)तुझे क्या यही लड़का मिला था नाजिया….क्यों क्या तूने उसके साथ ये सब…तुमने उसे रोका क्यों नही…..

नाजिया: आंटी में राज से प्यार करती हूँ…..

विमला: प्यार हुन्न्ं…….आने दे तेरी अम्मी को सब प्यार व्यार भूल जाएगी….

नाजिया: आंटी में आपके हाथ जोड़ती हूँ प्लीज़ आप अम्मी से कुछ मत कहना….

विमला: ह्म्म्म्म चल ठीक है नही बताती…..पर उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा….

नाजिया: जी आप जो कहेंगी में वो करूँगी……

विमला: सोच ले, वरना फिर मत कहना कि मेने तुम्हे मौका नही दिया और तुम्हारी अम्मी से तुम्हारी शिकायत कर दी….

नाजिया: नही आंटी ऐसे नौबत नही आएगी…..आप जो कहेंगी में वही करूँगी…..

विमला: तो फिर मेरी बात का सही सही जवाब देना….ये बता तूने राज के साथ सेक्स किया है क्या देख सच बोलना…वरना पता लगाने के मुझे और भी तरीके आते है…..
विमला की बात सुन कर नाजिया खामोश हो गयी…वो कुछ ना बोल पाई….विमला ने फिर से उससे पूछा पर नाजिया चुप रही…हार कार उसने नाजिया को दीवार से सटाते हुए कहा…”चल अपनी सलवार खोल…

नाजिया: क्या ?

विमला: में जो बोल रही हूँ वो कर चल अपनी सलवार खोल……

ये कहते हुए विमला भाभी ने आगे बढ़ कर नाजिया की सलवार का नाडा पकड़ कर खेंच दिया…..और झटके के साथ उसकी सलवार उसकी जाँघो तक सरका दी….फिर उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी बुर को मसलने लगी…..फिर अपनी एक उंगली नाजिया की बुर के अंदर पेलने लगी…विमला भाभी की उंगली नाजिया के गीली बुर में फिसलती चली गयी….”हाईए मर जावां में तू तो उसका लंड भी अपनी फुद्दि में ले चुकी है…..कब तोड़ी उसने तेरी फुद्दि की सील…”

नाजिया: वो आंटी एक दिन घर पर ही…..

विमला: इसका मतलब तू उससे चुदवा चुकी है ना ?

नाजिया ने हां में सर हिला दिया….

विमला: और ये क्या तूने आपनी झांते क्यों बढ़ा रखी है….रात को जब राज तेरी बुर देखे गा तो उसे तेरी झान्टे पसंद आएँगी क्या ?

नाजिया: रात को में समझी नही….

विमला: चल ठीक है तो फिर सुन मेने राज को आज रात यहाँ बुलाया है….

नाजिया: (एक दम चोन्कते हुए) क्या ?

विमला: हाँ मेने उसे बुलाया है….वो रात को 9 बजे आएगा….अब मुद्दे की बात करते है… देख तू तो जानती है तेरे अंकल तो मेरी बुर की प्यास नही बुझा पाते…..इसलिए मुझे भी जवान लंड की ललक है…..आज में भी तेरे साथ उससे अपनी बुर की आग को ठंडा कर्वाउन्गी..

नाजिया: ये ये आप क्या बोल रही है आंटी……

विमला: वही जो तू सुन रही है….अगर तुझे मेरी बात नही माननी तो ठीक है में कल तुम्हारी अम्मी को सब बता दूँगी….

नाजिया: नही नही प्लीज़ आप अम्मी से कुछ नही कहना आप जो बोलेंगी वो में करूँगी…..

विमला: अच्छा चल अब पहले जल्दी से खाना तैयार करते है….फिर अपनी झान्टो को सॉफ करके राज के लंड के लिए तैयार करते है…..

फिर विमला और नाजिया ने जल्दी से खाना बनाया….और फिर दोनो ने एक दूसरे की बुर की झान्टो को सॉफ किया….8 बजे दोनो फुद्दियाँ लंड लेने के लिए मचलने लगी…राज भी बाहर खाना खाने चला गया….
रात के 9 बज रहे थे……नाजिया सन्नी के साथ विमला भाभी के रूम में टीवी देख रही थी…. और विमला भाभी अपनी बैठक के छोटे से दरवाजे से बाहर जो गली की तरफ खुलता है, उसके पास खड़ी होकर थोड़ा सा बाहर झाँक रही थी…..पर राज अभी तक नही आया था….गली में अभी भी काफ़ी लोग इधर उधर टहल रहे थे…गर्मियों के दिन होने के कारण लोग काफ़ी समय तक आते जाते रहते थे…..9: 30 तक विमला भाभी ने इंतजार किया, फिर दरवाजा बंद किया, पर कुण्डी नही लगाई, और अपने बेड रूम में चली गयी…..

सन्नी को नींद आने लगी थी…..वो सन्नी के पास आकर लेट गयी…उसने नाजिया को कहा कि, वो स्टोर रूम में जाकर नीचे ज़मीन पर बिस्तर लगा ले…..नाजिया उठ कर स्टोर रूम में चली गयी…थोड़ी देर में सन्नी गहरी नींद में जा चुका था….नाजिया भी वापिस रूम में आई, और विमला भाभी से कहा कि उसने बिस्तरा लगा दिया है…विमला ने नाजिया को वही जाकर लटने को कहा….नाजिया स्टोर रूम में चली गयी…..विमला बेड से खड़ी हुई, उसने अपनी कमीज़ को उतारा, और उसे रूम में टाँग दिया….

अब विमला सिर्फ़ सलवार और समीज़ में थी, नीचे उसने ब्रा और पैंटी नही पहनी हुई थी.. वाइट कलर की पतली सी समीज़ में उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही थी…वो उठ कर बैठक में गयी, और थोड़ा सा डोर खोल कर बाहर देखा, तो उसे गली के मोड़ से राज अपने घर की तरफ आता हुआ दिखाई दिया….रूम की लाइट ऑफ थी….जैसे ही राज डोर के सामने पहुँचा, तो विमला ने डोर खोल दिया….और राज के अंदर आने के बाद डोर बंद कर कुण्डी लगा दी….फिर विमला ने लाइट ऑन की…..
Reply
10-17-2018, 11:38 AM,
#38
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
सामने का नज़ारा देख राज के होश उड़ गये…..32 साल की एक गदराई हुई औरत उसके सामने सिर्फ़ समीज़ और सलवार पहने खड़ी थी….उसकी समीज़ में से उसकी चुचियाँ सॉफ झलक रही थी…..चुचियों के निपल देखते ही राज का लंड पेंट में झटके खाने लगा. वो विमला के पास गया….और उसके चेहरे के करीब अपने चेहरे को लेजा कर सरगोशी में बोला. “तो तुम चुदने के लिए पूरी तैयारी करके बैठी हो…..”

विमला: (मुस्कुराते हुए) यू लकी बस्टर्ड……क्या किस्मत पे हुए तूने लड़के….अभी तो तुम्हे पता ही नही मेने क्या-2 तैयारी की हुई, इस रात को यादगार बनाने के लिए….

राज ने विमला का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खेंचते हुए अपनी बाहों में भर लिया. विमला की बड़ी-2 गोलमोटल चुचियाँ राज के चौड़े सीने में धँस गयी….”आह सीईईई हाई मेरी जान निकल दी तूने छोरे….” विमला भाभी ने राज के गले में अपनी बाहें डालते हुए कहा…..”अच्छा तो मुझे भी तो पता चले कि, तुमने क्या क्या तैयारी कर रखी है…”

विमला: बताऊ…..?

राज: हां बताओ…..

विमला: (कामुक मुस्कान के साथ मुस्कुराते हुए) अंदर एक और चूत सज संवर कर तुम्हारे लंड का इंतजार कर रही है….

राज: क्या कॉन ?

विमला: (अपनी चुचियों को राज की छाती में रगड़ते हुए) नाजिया और कॉन……श्ह्ह अब तुम सोच रहे होगे कि मुझे कैसे पता ये सब कैसे हुआ है ना ? तो चलो में ही बता देती हूँ. आज जब तुम घर आए थे तब मेने गेट की झिर्री में सब देख लिया था..कैसे तुम उसकी बुर को मसल रहे थे…..फिर मेने नाजिया को धमकाया कि में उसकी शिकायत नजीबा से कर दूँगी… और उसे अपनी बात मानने पर मजबूर कर दिया….

राज: अच्छा जितना में सोचता था…तुम उससे कई गुना चालाक हो……बहुत चालू चीज़ हो तुम.

विमला: अज़ी चालू नही हूँ में….अब क्या करूँ……मेरी ये बुर लंड मांगती है….बस बुर के हाथों मजबूर हूँ…..चल अंदर चलते है….नाजिया भी चुदने के लिए मरी जा रही है तुमसे….

विमला और राज दोनो स्टोर रूम के तरफ जाने लगे….पहले विमला स्टोर रूम में दाखिल हुई, जिसमे ट्यूब लाइट जल रही थी…..विमला को देख कर नाजिया का दिल जोरो से धड़कने लगा….विमला ने बाहर खड़े राज को अंदर आने का इशारा क्या…..नाजिया नीचे ज़मीन पर बिछे हुए बिस्तर पर बैठी थी….उसने अपनी पीठ पीछे दीवार से सटा ली…फिर जैसे ही राज अंदर आया…नाजिया के दिल की धड़कने और तेज हो गयी…..

अंदर आते ही विमला ने राज को दीवार से सटा दिया…और खुद उसके सामने घुटनो के बल नीचे बिस्तर पर बैठ गयी….उसने राज के लोवर को पकड़ कर नीचे खेंचा, तो राज का 8 इंच का लंड बाहर आकर झटके खाने लगा….विमला के पीछे बैठी हुई नाजिया ये सब अपनी फटी आँखों से देख रही थी…..विमला ने राज के लौडे को अपनी मुट्ठी में भर लिया. और नाजिया की तरफ राज के लंड को देखते हुए बोली….. “हाईए देख कैसी शरमा रही है….जैसे पहली बार अपने यार का लंड देख रही हो…..” और फिर नाजिया की तरफ देखते हुए राज के लंड को तेज़ी से हिलाने लगी….विमला ने एक हाथ नाजिया की तरफ बढ़ाया जो उससे 2 फुट की दूरी पर दीवार से पीठ टिकाए हुए बैठी थी….विमला ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खेंचा….पर नाजिया आगे को नही हुई…

पर विमला भाभी ने फिर से उसे ज़ोर लगा कर अपनी तरफ खेंचा, और उसे अपने पास खेंचते हुए बैठा लिया…” क्या हुआ नाजिया तू पहली बार तो नही देख रही राज का लंड इतना क्यों शर्मा रही है…ले पकड़ इसे हाथ में….” विमला ने नाजिया का हाथ पकड़ कर राज के लंड पर रखना चाहा तो नाजिया ने अपना हाथ पीछे कर लिया, और ना में सर हिलाने लगी….”चल तेरी मर्ज़ी फिर बैठ कर देखती रह….”

विमला ने राज के लंड को छोड़ा, और अपनी समीज़ को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए अपने गले से निकल कर नाजिया की तरफ फेंक दिया….विमला भाभी की 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ ट्यूब लाइट की रोशनी में चमकने लगी…फिर विमला भाभी ने राज के लंड को पकड़ा और अपनी दोनो चुचियों के बीच में लेकर उसके लंड को रगड़ने लगी….राज ने नाजिया की तरफ देखा जो, चोर नज़रों से उनकी तरफ देख रही थी…..राज ने विमला भाभी के मम्मों को पकड़ कर अपने लंड को उनके मम्मों के बीच की गहरी घाटी में आगे पीछे करते हुए रगड़ना शुरू कर दिया….

दोनो के मुँह से आहह आहह ओ की जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी…जिन्हे पास बैठी नाजिया सुन कर गरम होने लगी थी…..राज पूरी मस्ती में विमला भाभी की बड़ी-2 गुदाज चुचियों के बीच अपने लंड को रगड़ रहा था….और विमला भाभी अपने सर को नीचे की तरफ झुकाए हुए राज के लंड के सुपाडे को देख रही थी….जो उसकी चुचियों के बीच से बाहर आता, और फिर से अंदर छुप जाता….विमला भाभी की बुर की फांके राज के लाल हो चुके लंड के सुपाडे को देख कर और फुदकने लगी….

फिर विमला भाभी ने अपने सर को और झुका कर राज के लंड के सुपाडे को अपने होंटो से चूम लिया….राज के बदन ने एक तेज झटका खाया….उसने अपने लंड को उसकी चुचियों से बाहर निकाला और विमला भाभी के सर को पकड़ कर अपने लंड के सुपाडे को उसके होंटो की तरफ बढ़ाने लगा….विमला भाभी ने अपना सर पीछे करना शुरू कर दिया….”आहह भाभी क्या हुआ चूसो ना इसे…..” विमला भाभी ने राज की आँखों में वासना से भरी नज़रों से देखा और फिर नाजिया की तरफ देखते हुए बोली….”ओह्ह्ह राज वैसे तो मेने आज तक किसी का लंड मुँह में नही लिया…पर तुम्हारे लंड की बात ही कुछ और है….तुम्हारे लंड का स्वाद तो में ज़रूर चखूँगी….”

ये कहते हुए विमला ने नाजिया की तरफ देखते हुए राज के लंड को अपने होंटो में भर लिया और अपने होंटो से राज के लंड के सुपाडे को पूरे जोश के साथ चूसने लगी….सामने का नज़ारा देख नाजिया की बुर फुदकने लगी…विमला भाभी अब किसी रांड़ की तरह राज का लंड चूस रही थी….राज का आधे से ज़्यादा लंड विमला के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था….और उसका लंड विमला के थूक से गीला होकर और चमकने लगा था….

फिर विमला भाभी ने राज के लंड को मुँह से बाहर निकाला, और अपने हाथ से हिलाते हुए नाजिया की तरफ देखते हुए, राज के लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ बाहर निकाल कर कुरेदने लगी…और आँखों ही आँखो में नाजिया को अपने पास आने का इशारा क्या…सामने चल रहा गरम नज़ारा देख नाजिया जैसे मंत्र मुग्ध सी होकर उसके पास खिंचती चली गयी..अब नाजिया विमला भाभी के बिल्कुल पास घुटनों के पास बैठी हुई थी…..
Reply
10-17-2018, 11:38 AM,
#39
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
विमला भाभी ने राज के लंड को हाथ में थामे हुए नाजिया से कहा…” ले तू भी चूस ले अपने यार का लौडा…” विमला भाभी की बात सुन कर नाजिया के दिल की धड़कने बढ़ गयी… और उसने ना में सर हिलाते हुए मना कर दिया….विमला भाभी ने मुस्कुराते हुए राज के लंड के सुपाडे के चारो तरफ अपनी जीभ को रगड़ा और बोली….”नाजिया देख ना राज का लौडा कितना मस्त है…..तू बहुत ख़ुसनसीब है कि, तेरा यार है राज….देख नाजिया आदमी के लंड को जितना प्यार तुम करोगी…..उतना ही उसका लंड तुम्हारी फुद्दि को ठंडक पहुँचाएगा….ले चूस ले….” और ये कहते हुए, विमला भाभी ने नाजिया का हाथ पकड़ राज के लंड पर रख दिया….

नाजिया अब पूरी तरह वासना से तड़प रही थी…उसने राज के लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया…और फिर राज की आँखों में झाँकने लगी….जैसे राज से पूछ रही हो अब क्या करूँ…राज ने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा, और फिर उसके प्यारे से चेहरे को अपने दोनो हाथों में लेकर उसके होंटो को अपने लंड के सुपाडे की तरफ झुकाने लगा…..नाजिया ने अपने होंटो खोल लिए, और राज के लंड को अपने होंटो में भर लिया….”ओह्ह्ह्ह नाजिया अह्ह्ह्ह” नाजिया के रसीले सर्द होंटो का स्पर्श अपने लंड पर महसूस करते ही राज एक दम से सिसक उठा…और नाजिया के सर को पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह में धकेलने लगा…


नाजिया अब पूरी तरह गरम और चुदासि हो गयी थी….उसकी पैंटी सलवार के अंदर उसकी बुर से निकल रहे पानी से एक दम गीली हो चुकी थी…..विमला भाभी मौका देखते हुए उसके पीछे बैठ गयी…..और नाजिया की कमीज़ को पकड़ कर धीरे-2 ऊपेर उठाने लगी….जैसे ही नाजिया को इस बात का अहसास हुआ कि, विमला उसकी कमीज़ उतारने जा रही है…उसने दोनो हाथों से अपनी कमीज़ को पकड़ लिया…..”क्या हुआ नाजिया शरमा क्यों रही हो….यहाँ पर कोई गैर तो नही है…तुम्हारा बाय्फ्रेंड राज ही तो है…..राज देखो ना ये कैसी शरमा रही है…”

राज ने नाजिया के मुँह से लंड निकाला और नीचे बैठते हुए नाजिया के हाथों को पकड़ कर कमीज़ से छुड़वा लिया…..विमला भाभी ने तेज़ी दिखाते हुए नाजिया की कमीज़ पकड़ कर ऊपर कर दी….और फिर गले से निकाल कर नीचे फेंक दी…..नाजिया ने थोड़ा सा विरोध किया. पर राज ने उसके होंटो पर अपने होंटो को रख कर सक करना शुरू कर दिया…और एक हाथ नीचे लेजा कर नाजिया की बुर के ऊपेर रख दिया….बुर पर राज का हाथ पड़ते ही नाजिया के बदन में करेंट सा दौड़ गया…..और अपनी बाहों को राज के गले में डालते हुए उसके बदन से चिपक गयी…..

पीछे विमला ने अपना काम जारी रखा और उसने नाजिया की ब्रा के हुक खोल दिए…जैसे ही नाजिया के जिस्म से ब्रा ढीली हुई, राज ने ब्रा के स्ट्रॅप्स को पकड़ उसके कंधो से सरकाते हुए, उसकी ब्रा को भी उसके बदन से अलग कर दिया….धीरे-2 नाजिया को लिटाते हुए राज उस पर सवार हो गया….और उसकी चुचि को मुँह में भर कर चूसने लगा…..नाजिया एक दम से सिसक उठी…..उसकी बुर में कुलबुलाहट होने लगी…..ये देख विमला भाभी की बुर भी और ज़्यादा लार टपका रही थी….उसने जल्दी से अपनी सलवार को उतार फेंका नीचे से वो बिल्कुल नंगी थी…..

और नाजिया की बगल में लेटते हुए उसने नाजिया के दूसरे मम्मे को मुँह में भर लिया…. अपने दोनो मम्मों को एक साथ चुस्वाते हुए नाजिया एक दम बहाल हो गयी……उसकी आँखे मस्ती में बंद होने लगी…..विमला भाभी ने नाजिया की चुचि को मुँह से निकाला और राज को नाजिया की सलवार उतारने के लिए कहा…..राज ने नाजिया की चुचि को मुँह से बाहर निकाला और नाजिया की सलवार का नाडा खोलने लगा…

विमला भाभी ने फिर नाजिया की चुचि को मुँह में भर कर सक करना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चुचि को मसलना शुरू कर दिया….”सीईईईई ओह्ह्ह्ह आंटी प्लीज़ आह मत करिए ना……” नाजिया ने मस्ती में सिसकते हुए विमला भाभी के सर को अपने बाहों में जाकड़ लिया….दूसरी तरफ राज नाजिया की सलवार और पैंटी दोनो उतार चुका था….लोहा एक दम गरम था….नाजिया की बुर पानी से एक दम भीगी हुई थी…चुदाई का स्वाद ली चुकी नाजिया एक दम मदहोश हो चुकी थी…और पिछले कई दिनो से तड़प रही थी…..
Reply
10-17-2018, 11:38 AM,
#40
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
सलवार और पैंटी उतारने के बाद जैसे ही राज नाजिया की टाँगों के बीच में आया. तो पूरी तरह गरम और मदहोश हो चुकी नाजिया ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर खुद ही ऊपेर उठा लिया…..ये देखते हुए विमला आंटी ने नाजिया को पकड़ कर उठाया. और खुद उसके पीछे आकर बैठ गयी….अपनी टाँगों को नाजिया की कमर के दोनो तरफ करके आगे की और सरकते हुए, उसने नाजिया को पकड़ कर अपने ऊपेर लेटा लिया…..

अब विमला भाभी नीचे लेटी हुई थी पीठ के बल और उसके ऊपेर नाजिया पीठ के बल लेटी हुई थी….नाजिया विमला भाभी की इस हरक़त से एक दम शरमा गयी थी….विमला भाभी ने अपने हाथों को नीचे की ओर लेजाते हुए, नाजिया की टाँगों को पकड़ कर ऊपेर उठा कर फेला दिया. जिससे नाजिया की बुर का छेद खुल कर राज की आँखो के सामने आ गया….नाजिया की टांगे तो विमला भाभी ने पकड़ कर ऊपेर उठा रखी थी….और राज ने विमला भाभी की टाँगों को फेला कर ऊपेर उठाते हुए अपनी जाँघो पर रख लिया….

अब नीचे विमला आंटी की बुर और ऊपेर नाजिया की बुर दोनो उनकी बुर से निकले हुए काम रस से लबलबा रही थी….अपने सामने चुदवाने के लिए तैयार दो-2 चुतो को देख राज से रहा नही गया…उसने अपने लंड के सुपाडे को नाजिया की बुर की फांको के बीच -2 रगड़ना शुरू कर दिया…”सीईईईईईईई अहह राज….” नाजिया ने सिसकते हुए अपने हाथो को अपने सर के नीचे लेजाते हुए विमला भाभी के सर को कस्के पकड़ लिया….और विमला भाभी ने नाजिया की गर्दन पर अपने होंटो को रगड़ना शुरू कर दिया…..

राज ने नाजिया की बुर के छेद पर अपना लंड टिकाते हुए धीरे-2 अपने लंड को आगे की ओर दबाना शुरू कर दिया….राज के लंड का मोटा सुपाडा जैसे ही नाजिया की टाइट बुर के छेद में घुसा, नाजिया का पूरा बदन कांप गया…..और वो मछली की तरह छटपटाने लगी… राज के लंड का सुपाडा नाजिया की बुर के छेद को बुरी तरह फैलाए उसके अंदर फँसा हुआ था…”हाई नाजिया अपने यार का लौडा अपनी बुर में लेकर मज़ा आ रहा है ना…” विमला आंटी ने नाजिया की चुचियों को मसलते हुए कहा….

नाजिया: सीईईईई उंह हां आंटी बहुत मज़ा आ रहा है हाईए आंटी रोज राज को यहाँ बुलाया करो ना……..

विमला: किस लिए बुलाया करूँ….

नाजिया: उंह जिसके लिए आज बुलाया है आंटी जी…..

विमला: तो ये बता दे आज किसके लिए बुलाया है….?

नाजिया: अह्ह्ह्ह बुर में लंड लेने के लिए अहह राज डालो ना…..

विमला: देख राज कैसे गिडगिडा रही है बेचारी…….डाल दे ना अपना लौडा साली की बुर में.

राज ने नाजिया की टाँगों को पकड़ कर और फैला कर एक ज़ोर दार धक्का मारा….लंड नाजिया की बुर की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा….”सीईईईईईई हाई राज ओह हां मारो….आ ह ओह सीईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह उईंह अम्मी अहह बहुत मज़ा आ रहा है…..” राज ने धीरे-2 अपने लंड को नाजिया की बुर के छेद के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. राज के झटको से नाजिया और विमला दोनो नीचे लेटे हुए हिल रही थी….करीब 5 मिनिट नाजिया की बुर में अपना लंड पेलने के बाद राज ने अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला और विमला की टाँगों को उठा कर बुर के छेद पर लंड को सेट करते हुए एक जोरदार धक्का मारा….”हइईए उफफफफ्फ़ राज धेरीए अह्ह्ह्ह ओह मर गइई में सन्नी के पापा ओह्ह्ह्ह फाड़ दी रे मेरी बुर……”

विमला: धीरे आह अहह धीरे कर ना ओह्ह्ह्ह…..नाजिया बोल ना राज को धीरे करे आह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह हाई रीए तेरे यार के लौडे ने मेरी भोषड़ी का कंचुबर बना दिया री…. रूम में थप-2 की आवाज़ गूंजने लगी….राज पूरी रफ़्तार से विमला की बुर की गहराइयों में अपने लंड ठोक रहा था…विमला राज के जवान लौडे को ज़यादा देर बर्दास्त नही कर सकती और सिसकते हुए झड़ने लगी…..”अह्ह्ह्ह अहईए आह ओह्ह्ह्ह राज मेरी फुद्दि हाए मेरी बुर पानी छोड़ने वाली आह अह्ह्ह्ह ओह्ह हो गयी हो गइई…नाजिया राज ने कर दी मेरी बुर ठंडी अहह अहह”

राज: अहह भाभी तेरी भोसड़ी सच में बहुत गरम है….आह मेरा भी निकलने वाला है..

विमला: रुक जा राज इस पर नाजिया का हक़ है……

राज ने अपने लंड को विमला की बुर से बाहर निकाला और नाजिया की बुर पर सेट करते हुए एक ज़ोर दार धक्का मार कर आधे से ज़्यादा लंड नाजिया की बुर में पेल दिया….दर्द और मज़े के कारण नाजिया का बदन एक दम से अकड़ गया….राज ने अपने लंड को पूरी रफ़्तार से नाजिया की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….विमला भाभी नाजिया के नीचे से निकल कर साइड में लेट गयी….और नाजिया की चुचि को मुँह में भर कर चूसने लगी….और दूसरी चुचि को राज ने मुँह में भर लिया….और हमच-2 कर चोदते हुए चूसने लगा…..
10 मिनिट बाद नाजिया की बुर ने अपने प्रेमी के लंड पर अपना प्यार बहाना शुरू कर दिया. और अगले ही पल राज ने भी नाजिया की बुर में अपने प्यार की बारिश कर दी….
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,444,771 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,057 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,209,611 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 914,404 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,620,878 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,053,891 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,906,416 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,907,581 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,974,128 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,644 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)