Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
10-17-2018, 11:35 AM,
#21
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
रुक्मणी बाहर चली गयी…..उसने बाहर जाकर गेट खोला, और गेट पर खड़ी होकर इंतजार करने लगी..थोड़ी देर में राज की बाइक उसके घर के सामने थी….जैसे ही राज ने रुक्मणी को देखा तो उसने अपनी बाइक अंदर कर ली…रुक्मणी ने अंदर से गेट बंद किया…..”ज़्यादा तकलीफ़ तो नही हुई तुम्हे घर ढूँढने में….” रुक्मणी ने गेट बंद करने के बाद पूछा….
राज: जी नही…..(रुक्मणी उस समय सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में थी….उसके ब्लाउज के ऊपेर के दो हुक खुले हुए थे…..जिससे उसकी 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आने को उतावली हो रही थी…..राज के लंड में ये देखते ही सरसराहट होने लगी)

रुक्मणी भी राज की नज़र को ताड़ गयी…..वो मुस्कुराते हुए बोली…..”चलो अंदर चलो…. यही खड़े-2 देखते रहोगे क्या……” रुक्मणी जान गयी थी कि, उन दोनो को राज को सिड्यूस करने में ज़्यादा टाइम नही लेगगा…..रुक्मणी उसे साथ लेकर हाल में पहुँची….रुक्मणी का घर सच में बहुत बड़ा था….घर के सामने एक लॉन था……और पीछे की तरफ स्विम्मिंग पूल था….रुक्मणी के ससुर बहुत बड़े जागीरदार हुआ करते थे…..अपनी ढेर सारी दौलत और जायदाद वो रुक्मणी के पति के नाम कर गये थे…..

रुक्मणी ने उसे सोफे पर बैठाया……और कहा कि वो बैठे वो अभी आती है “जी वो अनीता जी कहाँ है…..” राज ने रुक्मणी से पूछा….” अनीता चेंज करने गयी है….अभी आती है…..” ये कह कर रुक्मणी किचिन में चली गयी….और फिर कोल्ड्रींक ले आई…..राज को कोल्ड्रींक देने के बाद बोली……”तुम बैठो में भी चेंज करके आती हूँ…..” जैसे ही रुक्मणी गयी…..राज ने वियाग्रा की एक गोली निकाली, और कोल्ड्रींक के साथ निगल ली…..थोड़ी देर बाद रुक्मणी बाहर आई…..तो राज के मुँह से सीटी निकल गयी…रुक्मणी ने रेड कलर का बाथरोब पहना हुआ था….. उसकी जाँघ राज को सॉफ दिखाई दे रही थी…..

रुक्मणी: ऐसे क्या देख रहे हो….?

राज: वो वो कुछ नही…..आप बहुत खूबसूरत लग रही है…..

रुक्मणी: अच्छा वैसे तुम्हे मुझ में क्या खूबसूरत लगता है….?

राज: जी सब कुछ….

रुक्मणी: अच्छा तो फिर सब कुछ देखना भी चाहते होगे…..

राज: जी अगर आप मौका दें तो……

रुक्मणी: (राज के पास आकर अपना एक पैर उठा कर उसकी जाँघ पर रखते हुए) राज आज तुम्हे ऐसे मोके मिलेंगे…..जो शायद दोबारा ना मिले….मेरी पायल उतारो ना….

राज को ऐसे आशा नही थी…..ये तो खुला-2 आमंतरण था…..राज थोड़ा नर्वस हो गया…उसने काँपते हुए हाथों से रुक्मणी की पायल उतारी….रुक्मणी ने फिर दूसरा पैर वैसे ही, उसकी जाँघ पर रख दिया….इस बार उसके पैर की उंगलियाँ सीधा उसके लंड को छू गई….राज का लंड उसके पाजामे में तुनकि मारने लगा…..राज ने वो पायल भी उतार दी….”घबराओ नही राज……आज की रात तुम्हारे लिए यादगार होने वाली है…..अभी तुम्हे और भी कई सर्प्राइज़ मिलने है…..चल आजा” ये कह कर रुक्मणी आगे चलने लगी……

राज खड़ा हुआ, और रुक्मणी के पीछे जाने लगा….रुक्मणी उसे घर के पीछे स्विम्मिंग पूल की तरफ ले गयी……वहाँ एक लंबी से चेर पर अनीता लेटी हुई थी….उसने भी महरूण कलर का बाथरोब पहना हुआ था……उसने अपनी एक टाँग लंबी कर बिछाई हुई थी, और दूसरी को घुटने से मोड़ा हुआ था….”ओह्ह्ह राज आओ हम तुम्हारा ही वेट कर रही थी…..यहाँ बैठो….”रुक्मणी ने उसे अपने पास बैठा लिया…. और उसकी जाँघ को सहलाते हुए बोली….” राज क्या लोगे…..”

राज: जी वैसे मुझे तो दूध बहुत पसंद है…..ताज़ा निकला हुआ, पर आप जो भी पीला दें वो में पी लूँगा…..

अनीता: अर्रे वाह भाई तुम तो बहुत चन्ट हो बातें बनाने में……

राज: जी बनाने में ही नही…..करने में भी चन्ट हूँ…..

अनीता: क्यों रुक्मणी लगता है आज की रात यादगार होने वाली है…..

रुक्मणी ने पास में टेबल पर रखी वाइन केए बोतल से एक ग्लास में वाइन डाल कर राज को दी. और फिर अपने और अनीता के लिए एक -2 पेग बनाया….तीनो साथ में बैठ कर वाइन पीने लगे…. अनीता ने दो तीन सीप लिए….और अपने ग्लास को टेबल पर रख कर खड़ी हो गयेए….” चलो पूल में चलते है…..उफ्फ बहुत गरमी है यहाँ पर…..” ये कहते हुए, उसने अपने बाथरोब केए बेल्ट को खोला, और बाथरोब उतार दिया….राज केए आँखे एक दम से चोंधया गयेए. ऊसे अनीता का फिगर देखते ही, जूलीया केए याद आ गयी…..

रत्ती भर भी कम नही था, अनीता का बदन….वैसे ही बड़े-2 तने हुए मम्मे, वैसे ही बाहर की तरफ निकली हुई गान्ड रेड कलर की ब्रा और वीशेप रेड कलर की पैंटी में कहर ढा रही थी…..अब अनीता अगर जूलीया अन्ना थी, तो रुक्मणी कहाँ से लिसा अन्ना से कम थी…..रुक्मणी ने भी अपना बाथरोब उतार दिया….उसने नीचे ब्लॅक कलर की ब्रा और ब्लॅक कलर की ही वीशेप पैंटी पहनी हुई थी…..अपने आप को इन दोनो गजब की सेक्सी औरतों के बीच पाकर राज का लंड उसके पाजामे में कुलाँचे भरने लगा…..”अब तुम किसकी वेट कर रहे हो….चलो कपड़े उतारो…..” राज एक दम चोन्का और खड़ा होकर अपनी टी-शर्ट उतार दी. पर उसे याद आया कि, उसने नीचे अंडरवेर नही पहना तो वो एक दम से रुक गया….

अनीता: क्या हुआ राज कोई प्राब्लम है…..?

राज: जी वो मेने नीचे अंडरवेर नही पहना…….

अनीता: हंसते हुए, तो यहाँ कॉन सा कोई तुम्हे देख रहा है….सिर्फ़ हमारे सिवा….यार कोई बात नही आजा…..रुक्मणी ने अपना और अनीता के पेग को उठाया, और स्विम्मिंग पूल में उतर गयी….स्विम्मिंग पूल में सिर्फ़ कमर तक ही पानी था……राज ने सोचा साला ये तो सीधे चुदाई का निमत्रण है…..ऐसा मौका हाथ से नही जाने देना चाहिए…..राज ने अपना पयज़ामा भी उतार दिया….नर्वस होने के कारण उसका लंड लटक गया था…..राज अपने झूलते हुए, लंड को लेकर स्विम्मिंग पूल में उतर गया……जैसे ही राज पूल के अंदर आया, तो रुक्मणी उसके पास आ गयी…..और उसके होंटो पर अपना ग्लास लगाते हुए, एक जाम इस नयी दोस्ती के नाम….राज ने एक सीप लिया, और मुस्कुरा कर रुक्मणी की तरफ देखा…. अनीता भी राज के पास आई, और उसने भी अपने ग्लास को राज के होंटो की तरफ बढ़ा दिया. रुक्मणी राज के चौड़ी छाती को अपने एक हाथ से सहला रही थी…..राज ने अनीता के ग्लास से भी एक सीप लिया….


राज ने पूल के किनारे पड़े हुए अपने ग्लास को पकड़ा, और फिर धीरे-2 सीप करने लगी. अनीता और रुक्मणी दोनो अपने एक-2 हाथ से राज के चौड़े सीने को सहला रही थी….अनीता बीच -2 में अपने हाथ को नीचे उसके पेट की ओर लेजाती, तो कभी रुक्मणी उसकी जाँघो को अपने हाथ से सहलाने लग जाती….राज का लंड अब धीरे-2 फिर से अपनी औकात में आने लगा था…..अनीता ने जब राज के लंड को खड़ा होते देखा, तो उसकी आँखो में चमक आ गयी….उसने इशारे से रुक्मणी को नीचे की और देखने को कहा…..और रुक्मणी की बुर भी राज के लंड को देख कर कुलबुलाने लगी……..

अनीता: रुक्मणी चलो ना अब खाना खाते है……बहुत हो गया…..

रुक्मणी: हां चलो ना….

तीनो पूल से बाहर आए, और रुक्मणी ने राज को एक टवल दिया…..राज ने अपनी कमर पर टवल लपेटा…..और फिर अपने कपड़े उठा लिए…..रुक्मणी ने वहाँ पर बने हुए बाथरूम में जाकर अपनी गीली पैंटी और ब्रा उतार दी……फिर रुक्मणी और अनीता ने अपने बाथरोब पहने और घर के अंदर के तरफ जाने लगी…..अंदर आकर तीनो ने वैसे ही खाना खाया. शराब और शबाब का नशा अब तीनो पर हावी होने लगा था…..दोनो औरतें अब खुल कर बाथरोब में छुपे हुए अपने बदन का राज को दीदार कराने लगी थी….

राज का तो बुरा हाल हो चुका था…..लंड ठुमकी पे ठुमकि मार रहा था……”तो राज बाबू आपने कहा था कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड नही है…..” अनीता ने रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……”जी नही है……” राज ने भी रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……

रुक्मणी: तो प्यार के खेल में अभी अनाड़ी हूँ…..?

राज: जी हां प्यार के खेल में हूँ……पर मस्ती के खेल में नही…..

औराधा: ओह्ह अच्छा फिर तो तुम बड़े छुपे रुस्तम निकले…….यार रुक्मणी मेने कहा था ना अपने राज बाबू जितने भोले दिखते है , उतने है नही…..

राज: यार ये आप बार-2 मेरे नाम के पीछे बाबू क्यों लगा रही हो…..

अनुर्धा: क्यों तुम्हे अच्छा नही लगता…..

राज: नही बिल्कुल नही…..और वैसे भी हम अब दोस्त है…..आप मुझे राज बुला सकती है.

रुक्मणी: वैसे तुम कह रहे थे कि, तुम मस्ती करने में अनाड़ी नही हो…..हमे भी तो पता चले कि तुमने कहाँ और किसके साथ मस्ती की है…..

राज: छोड़िए वो बातें अब पुरानी हो गयी है….अगर आप कहे तो आज रात भी खूब मस्ती हो सकती है……

रुक्मणी: अच्छा….(रुक्मणी अपनी चेर से उठी, और बड़ी ही अदा के साथ चलते हुए राज के पास आई, और अपनी एक बाँह को राज के गले में डाल कर राज की गोद में बैठ गयी) तो जनाब आज मस्ती के मूड है…..(रुक्मणी ने अनीता की और देख कर मुस्कुराते हुए कहा)

राज: हां मूड में तो हूँ…..पर अगर आप कहे तो….

रुक्मणी: हां खूब पता चल रहा है तुम्हारे मूड का….(रुक्मणी ने अपनी गान्ड के नीचे चुभते हुए राज के लंड को महसूस करके कहा…..)

राज: वो कैसे….?

रुक्मणी: वो कैसे…..तुम्हारा हथियार जो अभी मेरे हिप्स पर चुभ रहा है….

राज: तो क्या इरादा है…..?

रुक्मणी: यार राज आज की रात हम यहाँ मस्ती करने के लिए तो इकट्ठे हुए है…..
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10-17-2018, 11:35 AM,
#22
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
ये कहते हुए रुक्मणी राज की गोद से खड़ी हुई, और राज का हाथ पकड़ कर उसे बेड रूम की तरफ ले जाने लगी…..अनीता भी उसके पीछे रूम में आ गयी…..रुक्मणी ने रूम में पहुँच कर राज को बेड पर धक्का दे दिया.....और अनीता ने पीछे से रूम के डोर को लॉक कर दिया….
रुक्मणी बेड पर चढ़ि, और राज के ऊपेर झुकते हुए बोली…..”तो राज जी ज़रा हमे भी बताए कि, आप क्या-2 जानते है……” दूसरी तरफ अनीता भी बेड पर राज के दूरी तरफ करवट के बल लेट गयी…..और राज के चौड़े सीने पर एक हाथ से सहलाते हुए, अपनी टाँग उठा कर राज की टाँगों पर रख दी…

..”जी सब जानता हूँ…..” राज ने अपने दोनो तरफ लेटी हुई मस्त चुदैल औरतों को देख कर कहा…..”अनु तुम्हे मॅंगो फ्लेवर बहुत पसन्द है ना…..” रुक्मणी की ये बात सुन कर राज चोंक गया….अब साला मॅंगो फ्लेवर बीच में कहाँ से आ गया….राज ने मन ही मन में सोचा…..

अनीता: हां यार बहुत पसंद है…….

रुक्मणी: तो उस ड्रॉयर में तेरे लिए कुछ है….जा निकाल कर ले आ……

अनीता उठी, और ड्रॉयर खोलने लगी…..उसमे आमरस की बोतल पड़ी हुई थी…..उसे देख कर अनीता की आँखों में चमक आ गयी….अनीता बोतल को लेकर बेड पर आकर बैठ गयी….उसने एक बार रुक्मणी की ओर मुस्कराते हुए देखा….तो रुक्मणी ने राज के टवल को पकड़ कर खेंचा. पर टवल राज के वजन से दबा हुआ था…..राज ने खुद ही अपना टवल अपने बदन से अलग कर फेंक दिया….राज का 8 इंच से लंबा और 4 इंच मोटा मुनसल जैसा लंड झटके खाते हुए फूंकारने लगा….जिसे देख दोनो रांडो के मुँह से सिसकारी निकल गयी….”आह रुक्मणी ये तो बहुत तगड़ा घोड़ा है……..” अनीता ने राज के लंड को देखते हुए कहा……

रुक्मणी: हां सच यार साले ऐसे घोड़े की तो सवारी करने में मज़ा है…..आज तो अपनी किस्मत खुल गयी…..यार राज पहले पता होता कि, तू अपनी टाँगों के बीच इतना लंबा घोड़ा छुपाए हुए है, तो पहले दिन ही तुमसे से चुदवा लेती…..

ये कहते हुए रुक्मणी ने हाथ बढ़ा कर राज के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. और उसके लंड के आगे की चमड़ी पीछे की तरफ सरकी, तो राज के लंड का सुपाडा लाल टमाटर की तरह चमकने लगा…..जिसे देख कर दोनो की बुर कुलबुलाने लगी…..रुक्मणी ने जल्दी से आमरस की बोतल खोली, और राज के लंड के ठीक ऊपेर लाते हुए, उस पर रस टपकाने लगी. ठंडे रस को अपने लंड पर गिरता महसूस करके राज एक दम से सिसक उठा…..”क्या हुआ राज बाबू…..?” रुक्मणी ने राज को सिसकते हुए देख कर कहा…..”आहह बहुत ठंडा है” राज ने रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा…..

रुक्मणी: थोड़ा सा इंतजार करो….अभी देखना अब तुम्हारे इस लंड को कितनी गरमी मिलने वाली है…..

राज का लंड पूरी तरह से आमरस से भीग गया….अनीता ने बोतल बंद की, और उसे नीचे रख कर राज की जाँघो के पास मुँह करके पेट के बल लेट गयी…..दूसरी तरफ ठीक वैसे ही रुक्मणी भी, लेट गयी……अनीता राज के लंड पर झुक गइेव…..और अपने होंटो को राज के लंड के मोटे सुपाडे पर लगा दिया….राज मस्ती से सिसक उठा….आज तक उसके लंड को किसी ने नही चूसा था…..फातिमा वो पहली औरत थी…..जिसे राज ने चोदा था…..राज ने अनीता के खुले हुए बालो को कस्के पकड़ लिया….अनीता ने इस बात का बुरा नही माना. और अपने होंटो को राज के लंड के सुपाडे के चारो तरफ कस्ति चली गयी…..

थोड़ी ही देर में राज के लंड का सुपाडा अनीता के मुँह में था, और वो उसे अपने होंटो से दबा-2 कर चूसने लगी…..दूसरी तरफ लेटी रुक्मणी ने भी देर ना की, और अपनी जीभ और होंटो से राज के लंड के नीचले हिस्सो को चाटने लगी…..राज के लंड को अब दोहरी मार पड़ रही थी….राज का लंड एक दम अकड़ गया था….राज ने अपने दूसरे हाथ से रुक्मणी के खुले हुए बालो को पकड़ लिया….दोनो औरतें राज के लंड पर कुतियों की तरह टूट पड़ी….अनीता तो राज के लंड को चूसने में मगन थी…..और रुक्मणी कभी राज के लंड की लंबाई पर अपनी जीभ फिराती, तो कभी के राज के बॉल्स को पकड़ कर मुँह में भर कर चूसने लगती….

राज आँखें बंद किए हुए जन्नत सा मज़ा ले रहा था…..रुक्मणी और अनीता जिस जोशीले अंदाज़ में राज के लंड को चूस चाट रही थी……देखने से लग रहा था…..जैसे सामने किसी पॉर्न मूवी का सेसेन चल रहा हो…..थोड़ी ही देर में राज का लंड दोनो के थूक से सन गया….जैसे ही अनीता ने राज के लंड को मुँह से बाहर निकाला, रुक्मणी ने उसे अपने मुँह में भर लिया…….पक-2 गलप -2 जैसी आवाज़ें पूरे रूम में गूंजने लगी…. “रुक्मणी यार बहुत मज़ा आ रहा है…..आज तक ऐसे जवान लंड का स्वाद नही चखा…..”

रुक्मणी: (राज के लंड को मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से हिलाते हुए) हां सच अनु मेने भी ऐसे लंड को कभी नही चूसा, मज़ा आ गाया यार…..दिल करता है रोज इस के चुप्पे लगाऊ…..(ये कहते हुए उसने फिर से राज के लंड को मुँह में भर लिया….और चूसना शुरू कर दिया….)

रुक्मणी का बेड रूम चुदाई की आवाज़ों से भर गया था…..”अनु बोल पहले तू इस लंड की सवारी करेगी “ रुक्मणी ने राज के लंड मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से हिलाते हुए कहा….तो अनीता बिना कुछ बोले उठ कर बैठ गयी…..उसने अपना बाथरोब निकाल कर फेंक दिया……दूसरी तरफ रुक्मणी ने भी अपना बाथरोब उतार कर फेंक दिया…दोनो राज की बगलो में लेट गयी, और उसके ऊपेर झुक गयी……दोनो की बड़ी-2 गुदाज चुचियाँ राज के चेहरे के ऊपेर झूलने लगी….जिसे देख राज की आँखों में चमक आ गयी…..रुक्मणी के निपल कुछ ज़्यादा ही लंबे और मोटे थे….देख कर ऐसा लग रहा था…..जैसे चीख-2 कर कह रहे हो….आओ हमे मुँह में भर कर निचोड़ लो…..राज ने भी एक पल की देर ना की, और

अपने सर को थोड़ा सा ऊपेर उठा कर रुक्मणी की चुचि के निपल को मुँह में भर लिया….रुक्मणी राज के ऊपेर झुक गयी…..और अपनी चुचि को और ज़्यादा राज के मुँह में ठेल दिया….राज ने भी उसकी चुचि और निपल को अपने होंटो में दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया….”अहह हाआँ चूस्सो राज अहह बहुत अच्छा लग रहा है……” और उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर राज के लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया….दूसरी तरफ लेटी, अनीता राज के बॉल्स के साथ खेलने लगी…..राज ने कभी सोचा ना था कि, ये दोनो औरतें उसे इतना मज़ा देंगी……रुक्मणी की चुचि को थोड़ी देर चूसने के बाद उसने चुचि को मुँह से बाहर निकाला, और अनीता की तरफ देखा….

अनीता ने अपनी एक चुचि को हाथ में पकड़ कर अपने निपल को और नोकदार बनाते हुए, उसे राज के मुँह से सटा दिया….राज ने भी मुँह खोल अनीता की चुचि को मुँह में भर लिया……और चूसना शुरू कर दिया…..अनीता की मस्ती में आँखे बंद होने लगी….उसका हाथ राज के चौड़े सीने पर तेज़ी से घूमने लगा….दूसरी तरफ लेटी, रुक्मणी उठ कर राज के ऊपेर आ गयी….और अपने घुटनो को राज की कमर के दोनो तरफ रख कर बैठते हुए राज के लंड को हाथ से पकड़ लिया…..और अपनी बुर की फांको पर जैसे ही उसने राज के लंड के सुपाडे को रगड़ा, तो वो एक दम से सिसक उठी….”आह राज तेरा लंड तो बहुत गरम है साले….” रुक्मणी की आवाज़ सुन कर अनीता ने भी अपने मम्मे को उसके मुँह से बाहर निकाला…..और राज के सर की तरफ जाकर उसके सर के दोनो तरफ अपने घुटनो को बेड पर रखा.

जिससे अनीता की बुर ठीक राज के मुँह के ऊपेर आ गयी….अनीता रुक्मणी दोनो एक दूसरे की तरफ फेस करके राज के ऊपेर बैठी हुई थी….अनीता ने अपनी बुर के होंटो को फेलाते हुए, अपनी बुर के दाने (क्लिट) को दिखाते हुए कहा…..”राज ये है औरतों की ट्रिग्गर. जानते हो….ये औरतों का सबसे सेन्सिटिव पार्ट होता है….” राज आँखें फाडे अनीता की गुलाबी बुर के छेद और दाने को अपने आँखो के 4 इंच के फँसले पर देख रहा था….”चलो अब तुम्हारी बारी है हमें मज़ा देने की…..इसे चूसो…..”

राज: पर मेने कभी ऐसा नही किया है….(राज ने अजीब सा चेहरा बनाते हुए कहा)

रुक्मणी: अर्रे चाट ले….इस रस का स्वाद पाने के लिए तो कई मर्द तरसते रह जाते है….

अनीता: देखो राज ये वो चीज़ है……जिससे हर लड़की और औरत पिघल जाती है….एक बार तुमने किसी के बुर या दाने को चूस लिया…..तो लड़की खुद ब खुद तुम्हारे लंड के नीचे आ जाएगी……मेरे बात याद रखना…..

राज ने बेमन से अनीता की बुर के छेद पर अपने होंटो को लगा दिया….कुछ पलों के लिए राज को थोड़ा अजीब सा लगा…..पर जैसे ही उसने अनीता की बुर के छेद पर अपने होंटो को लगाया, तो अनीता का पूरा जिस्म कांप उठा…..उसकी कमर झटके खाने लगी….”आहह राज ओह अहह सीईईईईईई अहह उमाआ ओह राज ईससस्स सक मी….अह्ह्ह्ह” राज को समझते देर ना लगी कि अनीता जो कह रही है….वो एक दम सच है… अपने ऊपेर अनीता को यूँ तड़पता देख कर उसने अनीता की बुर के दाने को अपने होंटो में भर कर और ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया…..अनीता एक दम से मचल उठी…..

अनीता: ओह्ह्ह्ह राज अह्ह्ह्ह अहह सच में बहुत अच्छा लग रहा है…..हाई मेरी फुद्दि आह ओह सीईइ हइईई….

दूसरी तरफ राज को अपना लंड किसी गीली और गरम चीज़ में घुसता हुआ महसूस हुआ….”आह राज तेरा लंड तो सच में बहुत मोटा है रे…..अह्ह्ह्ह मेरी फुद्दि ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..” रुक्मणी धीरे-2 राज के लंड पर अपनी बुर को दबाती जा रही थी….और राज के लंड का मोटा सुपाडा रुक्मणी की बुर के अंदर उसकी दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाने लगा था…..रुक्मणी का जिस्म अपनी बुर की दीवारो पर राज के लंड की रगड़ को महसूस करके थरथरने लगा…..उसने अपने आप को किसी तरह से संभालते हुए, अनीता के कंधो पर हाथ रख दिया…..जो उस वक़्त राज के मुँह के ऊपेर बैठी उससे अपनी बुर चुसवा कर मस्त हो चुकी थी…..”हाईए अनु ये लौडा तो नाभि तक अंदर आ जा रहा है.

अनीता: आह तो साली ले ले ना पूरा का पूरा अंदर अहह मेरी तो फुद्दि बुरी तरह से फुदक रही है….अह्ह्ह्ह राज चुस्स्स ना……

रुक्मणी ने अब धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करते हुए राज के लंड पर अपनी बुर को पटकना शुरू कर दिया था……राज का लंड कुछ ही पलों में रुक्मणी की बुर के पानी से भीग कर चिकना हो गया, और तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा……”अहह साला ऐसा लौडा नही लिया मेने आज तक अपनी फुद्दि में अहह ओह्ह्ह्ह ओह अनु मेरी चूत आहह फटने वाली है……….राज भी अब तेज़ी से अपने लंड को ऊपेर की तरफ उछालने लगा. रुक्मणी की बुर में राज का लंड फ़च-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर होने लगा…
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10-17-2018, 11:36 AM,
#23
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
रुक्मणी ने अपने सामने राज के फेस के ऊपेर बैठी अनीता को अपनी बाहों में जाकड़ लिया…और अनीता के होंटो को अपने होंटो में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अनीता भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी…दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के होंटो को चूसने लगी….ये देख राज ने अनीता की बुर के दाने को अपने होंटो में और ज़ोर-2 से दबा कर चूसना शुरू कर दिया….अनीता एक दम से मचल उठी…..उसने अपने होंठो को रुक्मणी के होंटो से अलग किया….”ओह राजर आह राज मेरी फुद्दि आह हइई ओह्ह्ह्ह सीईईईईईईई उंह राजरररर ले मेरी फुद्दि के पानी का स्वाद चख अह्ह्ह्ह ओह”

अनीता की बुर से पानी बह निकला. वो काँपते हुए झड़ने लगी….और थोड़ी देर बाद निढाल होकर राज की बगल में लूड़क गयी….रुक्मणी ने भी अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर नीचे हुए उछालते हुए राज के लंड पर उछलना शुरू कर दिया…और थोड़ी देर बाद ही रुक्मणी की बुर ने भी राज के लंड पर पानी छोड़ना शुरू कर दिया….रुक्मणी भी राज के ऊपेर लूड़क गयी…..तीनो आपस में लिपटे हुए थोड़ी देर तक अपनी सांसो को दुरस्त करते रहे.. “ओह्ह्ह राज तूने तो कमाल ही कर दिया…..में अभी मूत कर आती हूँ….” ये कह कर अनीता बेड से उठ कर बाथरूम में चली गयी…..और मूतने के लिए बैठ गयी….अभी कुछ ही पल हुए थे कि, उसे बाहर से रुक्मणी के तेज सिसकने की आवाज़ आई….

अनीता: साली रांड़ लगता है फिर से लंड बुर में ले लिया है…

अनीता मूतने के बाद हाथ धो कर बाहर आई तो उसने देखा, कि रुक्मणी बेड पर कुतिया की तरह अपनी गान्ड पीछे की ओर निकाल कर अपनी कोहानियों को बिस्तर पर टिकाए हुए थी…और राज बिस्तर पर अपने घुटनो को मोड़ कर कुतिया बनी रुक्मणी के ऊपेर चढ़ा हुआ था… राज का लंड रुक्मणी की गान्ड के छेद में बुरी तरह फँसा हुआ था……”आह राज धीरे ओह्ह्ह्ह तेरा लौडा तो मेरी गान्ड ही फाड़ देगा…..हाई मर गयी में….” पीछे खड़ी अनीता ये सब देख कर मुस्कुराते हुए बेड पर चढ़ि…..और राज की पीठ को सहलाते हुए बोली…..”शाबाश राज बाबू…..अब बजा दे साली की गान्ड का ढोल…..पूरे घर में उसकी गान्ड बजने का ढोल सुनाई देना चाहिए…..”

रुक्मणी: अह्ह्ह्ह चुप कर साली……जब तेरी गान्ड में घुसेगा ना इसका लौडा तब देखना ऐसी बातें दिमाग़ में आती है कि नही….ओह्ह्ह्ह मारा डाला री….”

राज का अभी आधा लंड ही रुक्मणी की गान्ड में उतरा था….और रुक्मणी को दर्द की तेज लहर अपनी गान्ड में महसूस होने लगी थी…..राज धीरे-2 अपना आधा लंड ही रुक्मणी की गान्ड के अंदर बाहर करने लगा…….”राज बाबू ऐसे मज़ा नही आएगा….हमारी रुक्मा को.. ज़ोर से चांप साली की गान्ड को देख फिर कैसे इसकी गान्ड फटने की आवाज़ आती है…..राज अनीता की तरफ मुस्कुराते हुए देखता है….”तुम क्यों फिकर कर रही हो मेरी जान…..तुम्हारी गान्ड का ढोल भी आज बजा दूँगा….

अनीता: ओह्ह्ह राज ये साली तेरा लौडा छोड़े तब ना …..पहले इसकी गान्ड फाड़…..

राज अब नॉर्मल स्पीड से रुक्मणी की गान्ड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था….थोड़ी देर बाद रुक्मणी को मज़ा आने लगा….और उसने भी अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया….”अहह ओह हइई राज और तेज मार मेरी गान्ड पूरा का पूरा घुसा दे अपना लौडा…..कर ले अपने दिल के अरमान पूरे ओह्ह्ह्ह….में भी देखू कि कितनी अकड़ है तुम्हारे लंड में” आह अहह…….राज अब पूरी ताक़त के साथ अपना मोटा मुनसल जैसा लंड रुक्मणी की गान्ड के छेद में अंदर तक पेलने लगा…..और रुक्मणी भी किसी मन्झि हुई रंडी की तरफ अपनी गान्ड को पीछे की तरफ राज के लंड पर फेकने लगी…..
राज ने रुक्मणी की गान्ड को चोदते हुए, एक दम से अपने लंड को पूरा बाहर निकाला. तो उसने देखा कि, रुक्मणी की गान्ड का छेद और आसपास का हिस्सा एक दम लाल हो चुका था….और अगले ही पल उसने फिर से अपने लंड को एक ही बार में रुक्मणी के गान्ड के छेद में पेल दिया. जैसे ही राज के लंड का मोटा सुपाडा रुक्मणी की गान्ड के छेद के अंदर की तरफ हवा को दबाते हुए बढ़ा…..और जड तक अंदर घुसा…..तो हवा गान्ड के छेद से पूर्र की आवाज़ करते हुए, बाहर निकली…..जिसे सुनते ही रुक्मणी की गान्ड और फुद्दि के छेद में सरसराहट दौड़ गयी……”सीईईईई राज ओह्ह्ह्ह तूने तो कमाल ही कर दिया ह अब मार मेरी गान्ड और ज़ोर से अह्ह्ह्ह ओह हां ऐसे ही सबाश मेरे शेर ओह्ह्ह्ह और तेज फाड़ दे राज फाड़ दे मेरे गान्ड ओह्ह्ह्ह ओह्ह…..”

राज अब बिना किसी परवाह के रुक्मणी की गान्ड में अपना लंड तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था….और बीच -2 में रुक्मणी की गान्ड में से हवा बाहर निकल कर पररर-2 की आवाज़ करती…और राज की जाँघ रुक्मणी के मोटे चुतड़ों के साथ टकराते हुए थप-2 की आवाज़ करती….जो रूम के अंदर गूंजने लगी….थोड़ी ही देर में रुक्मणी को अपनी गान्ड और बुर के छेद में सरसराहट बढ़ती हुई महसूस हुई, और फिर रुक्मणी की बुर ने अपना लावा उगलना शुरू कर दिया….रुक्मणी आगे की तरफ लूड़क गयी….राज का लंड रुक्मणी की गान्ड से बाहर आकर हवा में झटके खाने लगा…..

दूसरी तरफ अनीता ये सब देखते हुए अपनी बुर को रगड़ रही थी….जैसे ही उसने रुक्मणी का काम होते देखा,उसने राज को बाथरूम में जाकर अपना लंड धो कर आने को कहा…..राज बेड से उठ कर बाथरूम में चला गया…..और अपना लंड धो कर बाहर आया…और जैसे ही बेड पर चढ़ा, अनीता ने उसे बेड पर धक्का दे कर लिटा दिया. राज का लंड वियाग्रा के असर के कारण अभी भी आकड़ा हुआ था…..जैसे ही राज पीठ के बल लेटा, अनीता भूखी कुतिया की तरफ राज के ऊपेर चढ़ गयी….और जोशीले अंदाज़ में राज के लंड को पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर टिका दिया…..और गॅप से राज के लंड पर अपनी बुर को दबाते हुए बैठ गयी…..एक ही पल में राज का लंड रुक्मणी की बुर की गहराइयों में समा चुका था…..

अनीता: ओह्ह्ह्ह राज तेरा लौडा तो सच में बहुत बड़ा है सीईईईईई हाई कमीना नाभि तक पहुँच गया है…….

राज: क्यों तुम्हे अच्छा नही लगा…..

अनीता: (झुक कर राज के होंटो को चूमते हुए) ओह्ह्ह्ह राज अच्छा पूछा मत यार ऐसा लौडा पाने के लिए नज़ाने कितने ख्वाब देखे है…..काश कि तुम 10 साल पहले मिले होते ओह्ह्ह राज, जवानी में तुम्हारे जैसे लंड वाले लड़के से चुदने का मज़ा ही कुछ और होता.

राज: तो अब आप कॉन सा बूढ़ी हो गयी हो…..

अनीता: अर्रे मेरी जान तेरी उम्र का मेरा बेटा है…..बूढ़ी नही तो जवान कहाँ से हूँ….

अनीता ने अपने हाथों को राज की चौड़ी छाती पर रखा, और अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया….राज का लंड अनीता की पनियाई हुई बुर में रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा….दो बार झाड़ चुकी रुक्मणी अपनी नशीली आँखों से उन दोनो को देख कर फिर से सरूर में आने लगी थी….राज अनीता की बुर में अपना लंड पेलते हुए, उसकी गान्ड को अपनी हाथों से दबा -2 कर मसलने लगा….ये देख रुक्मणी अनीता के पीछे आ गयी……”राज चल इस साली रांड़ की गान्ड को खोल दे……मैं इसकी गान्ड को नरम कर दूं….फिर इसकी गान्ड का ढोल भी बजाना है…..”
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10-17-2018, 11:36 AM,
#24
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
राज ने अनीता की गान्ड को दोनो तरफ से पकड़ कर फेला दिया…..जैसे ही अनीता की गान्ड का छेद रुक्मणी की आँखो के सामने आया, रुक्मणी ने अपनी जीभ अनीता की गान्ड के छेद पर लगा दी……”सीईईईईईई रुक्मा अहह ओह्ह्ह मेरीई जान क्या कर रही है….ओह्ह्ह्ह सक मी ओह ईसस्स…….” नीचे लेटा राज अनीता की मस्ती भरी सिसकारियाँ सुन कर और जोश में आ गया…..और अपनी कमर को तेज़ी से ऊपेर की ओर उछालने लगा….राज का लंड एंजिन के पिस्टन की तरह अनीता की बुर के अंदर बाहर होने लगा…..”ओह्ह्ह राज अह्ह्ह्ह धीरे ऊहह सीईईईई हाईए स उम्म्म्मममह ओह्ह्ह राज मेरी जान” अनीता अब एक दम मस्त हो चुकी थी…..उसने झुक कर फिर से राज के होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसना शुरू कर दिया……उसके मुँह से उंघह जैसी सिसकारियों की आवाज़ आने लगी……

और फिर उसका बदन एक दम ऐंठने लगा….बदन का सारा खून उसे अपनी बुर की तरफ दौड़ता हुआ महसूस हुआ, और अगले ही पल अनीता की बुर से गाढ़े लैस्दार पानी की धार बह निकली, अनीता बुरी तरह काँपते हुए झड़ने लगी….और फिर राज के ऊपेर निढाल होकर गिर पड़ी…..रूम में एक दम से सन्नाटा सा छा गया…..थोड़ी देर बाद राज ने अनीता को अपने ऊपेर से उठा कर नीचे लेटा दिया….और उसकी गान्ड के नीचे एक तकिये को लगा कर उसकी गान्ड ऊपेर उठा दी…..रुक्मणी ने पहले ही, उसकी गान्ड के छेद को अपनी जीभ और उंगलियों से चोद कर नरम कर दिया था…..

राज ने जैसे ही अपने लंड के सुपाडे को अनीता की गान्ड के छेद पर रख कर दबाया, तो राज के लंड का सुपाडा अनीता की गान्ड के छेद को फेलाता हुआ, अंदर की ओर फिसल गया….जैसे ही राज के लंड का सुपाडा अनीता की गान्ड के छेद में घुसा तो अनीता की आँखे फेल गयी…..साँसे मानो अटक गयी हो……”राज चिंता करने की ज़रूरत नही है. सबाश मेरे शेर फाड़ दे इस रांड़ की गान्ड को भी….” रुक्मणी ने नीचे झुक कर , राज के बॉल्स को सहलाते हुए कहा…….अनीता पथराई हुए आँखों से राज को देख रही थी…..और अगले ही पल राज ने एक जोरदार झटका मारा…..”हइई मर गयी री… कमीने फाड़ दे नाअ मेरी गान्ड ओह बहुत जलन हो रही है…..हाए माँ…..”

राज: अभी तो शुरुआत है मेरी जान…आगे -2 देखो तुम्हारी गान्ड के आज कैसे चिथड़े उड़ते है…..(ये कहते हुए राज ने एक बार और करारा झटका मार कर अपना पूरा का पूरा लंड अनीता की गान्ड के छेद में चांप दिया…….)

अनीता के चेहरे पर दर्द के भाव उभर आए….पास बैठी रुक्मणी का दिल उसके लिए पिघल गया….उसने झुक कर पहले अनीता की बुर की फांको को फैलाया, और उसके बुर के मोटे अंगूर जैसे दाने को बाहर निकाल कर अपने मुँह में भर लिया…..जैसे ही अनीता की बुर का दाना रुक्मणी के मुँह में गया…..अनीता एक बार फिर से सिसक उठी….उसने रुक्मणी के बालों को कस के पकड़ लिया…..”अहह चाट साली मेरी चुत ओह्ह्ह रुक्मणी चाट ले मेरी बुर ओह्ह्ह्ह देख तेरी सहेली की चूत ने आज कितना रस बहाया है…..”

रुक्मणी ने भी अनीता की बात सुनते हुए उसकी बुर के छेद पर अपना मुँह लगा दिया, और उसकी बुर की फांको और छेद को चाटते हुए, उसकी बुर से निकल रहे गाढ़े लैस्दार पानी को चाटने लगी…..उसने अनीता की बुर को चाटते हुए राज को धक्के लगाने का इशारा किया. और राज ने धीरे-2 अपना लंड बाहर निकाल कर अंदर पेलना शुरू कर दिया.. राज का लंड पूरी तरह फँसता हुआ अनीता की गान्ड के छेद के अंदर बाहर हो रहा था. कुछ ही पलों में अनीता भी अपने रंग में आ गयी……अब राज का लंड जब उसकी गान्ड के छेद में अंदर बाहर होता, तो उसके बदन में मस्ती की लहर दौड़ जाती……

अनीता: ओह्ह्ह्ह राज य्स्स फक मी आस ओह फदद्ड़ दे मेरी गान्ड ओह्ह ह ह अह्ह्ह्ह्ह

राज: अहह ले साली मेरा लौडा अपनी गान्ड में आह आह आह….

राज ने भी ऐसे कस-2 के शॉट्स लगाए, कि अनीता की गान्ड में सुरसुराहट दौड़ने लगी…अब राज अपना पूरा लंड बाहर निकाल -2 कर अनीता की गान्ड में पेल रहा था. और अनीता की बुर का पानी और रुक्मणी का थूक बह कर राज के लंड को गीला कर रहा था…..एक बार फिर से वही पर्र्ररर-2 की आवाज़ पूरे रूम में गूंजने लगी….जिसे सुन कर दोनो की बुर की धुनकि बज उठी….ख़ासतोर पर अनीता की बुर कुलबुलाने लगी…..

और वो अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह राज अहह अहह सीईईईई करते हुए झड़ने लगी….राज ने भी अपनी रफ़्तार को चरम तक पहुँचा दिया….जिससे बेड के चरमराने की आवाज़ भी गूंजने लगी….”ओह्ह्ह्ह राज अंदर मत झड़ना….हमें तुम्हारे लंड के पानी का स्वाद चखना है….” राज ने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला, और खड़े होते हुए, अपने लंड को हिलाने लगा, रुक्मणी ने जल्दी से घुटनो के बल बैठते हुए, राज के लंड को अपने हाथ में ले लिया, और उसके लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फेरते हुए, उसके लंड के मूठ मारने लगी. अनीता भी रंडी के तरह राज के बॉल्स को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी…कुछ ही पलों में राज के लंड के नसें फूलने लगी….

और फिर जैसे ही दोनो रंडियों को अंदाज़ा हुआ कि, राज के लंड से अब वीर्य निकलने वाला है, दोनो ने अपना मुँह खोल लिया, और फिर राज के लंड से वीर्य की लंबी-2 पिचकारियाँ निकलने लगी, जो सीधा जाकर दोनो के मुँह और मम्मों पर गिरने लगी…..शमीर के लंड से इतना पानी निकला कि दोनो के मम्मे पूरी तरह से सन गये…..फिर राज झड़ने के बाद बेड पर लेट गया…..उस रात तीनो सुबह 3 बजे तक चुदाई का खेल खेलते रहे…..और सुबह 3 बजे सोए, फिर सुबह रुक्मणी ने राज और अनीता को 8 बजे उठाया, राज ने अपने कपड़े पहने और घर की तरफ चला गया….जैसे ही उसने घर पहुँच कर डोर बेल बजाई, तो नजीबा ने डोर खोला, और राज ने बाइक अंदर करी, और दुआ सलाम के बाद ऊपेर चला गया,

ऊपेर जाने के बाद राज फ्रेश हुआ, और नाश्ता करके फिर से स्टेशन पर पहुँच गया….जब राज वहाँ पहुँचा तो रुक्मणी और अनीता भी आ चुकी थी….तीनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा पड़े…..दोस्तो मैं उस वक़्त नही जानती थी कि, राज किस रास्ते पर चल पड़ा है….और जान भी कैसे सकती थी…..जब दो चुदेल और प्यासी औरतें एक जवान लड़के को अपनी हवस की आग बुजाने का ज़रिया बनाती है तो उसका असर उस जवान लड़के पर क्या होता है, ये आने वाले दिनो में आपको पता चलेगा…


उस दिन जब राज रात को घर आया, तो नाजिया घर पर नही थी….विमला भाभी उसे अपने साथ अपने घर ले गयी थी, कि क्यों कि वो घर पर अकेली थी, उनके पति और बेटा विमला भाभी के पापा के पास गये हुए थे……इसलिए वो नाजिया को अपने साथ घर पर ले गयी थी. नाजिया को आज रात वही सोना था….जब राज ने नाजिया का पूछा तो, मेने उसे बताया कि, आज नाजिया विमला भाभी के घर पर सोएगे…..ये सुन कर राज के चेहरे पर कोई भाव ना देख कर मुझे बहुत हैरानी हुई…..

राज ऊपेर चला गया, और फ्रेश होकर नीचे खाने के लिए आया….जब से नाजिया विमला आंटी के घर गयी थी….तब से ये सोच-2 कर के, आज मैं और राज फिर से घर में अकेले है, और राज ज़रूर मेरी फुद्दि मारेगा…..मेरा बुरा हाल था….चुनमुनियाँ शाम से कुलबुला रही थी. पर राज आज जैसे किसी और ही दुनियाँ में था…..उसने खाना खाया, और बिना कुछ बोले ऊपेर चला गया….में उसके हाथों को स्पर्श को पाने के लिए तरस कर रह गयी…..मेने सोचा था कि, जब राज को पता चले गा कि आज हम दोनो अकेले है, तो वो मुझे अपनी बाहों में कस्के खूब प्यार करेगा….पर ऐसा कुछ ना हुआ……

मेने भी ज़्यादा ज़ोर ना दिया….और बर्तन सॉफ करके अपने रूम में जाकर लेट गये. पर रात तो जैसे मुझे काटने को दौड़ रही थी….मेरा पूरा बदन सुलग रहा था….दिल चाह रहा था कि, राज अभी आकर मुझे बाहों में जाकड़ कर मेरे बदन को पीस दे…..और बुर की धुनकि तो सुबह से ही बज रही थी…..जब मुझसे बर्दास्त ना हुआ तो, मैने ऊपेर जाने का फैंसला किया….प्यासे को ही कुँए के पास जाना पड़ता है…..और इस वक़्त मेरे बदन की प्यास सिर्फ़ राज और उसका लंड ही बुझा सकता था……

में बेड से नीचे उतरी, और पैरो में चप्पल डाल कर ऊपेर की तरफ चल दी, मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था….सोच रही थी कि, राज क्या सोचेगा……कि में कितनी चुदासी हूँ….जो खुद अपनी फुद्दि चुदवाने ऊपेर आ गयी…..शरम के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था…पर चूत कहाँ शरम करने दे रही थी….में ऊपेर पहुँची, तो मुझे छत के दूसरे तरफ बने हुए बाथरूम में कुछ आवाज़ सुनाई दी….राज बाथरूम में था…..में राज के रूम में जाकर उसके बेड पर पैर नीचे लटका कर बैठ गयी…..थोड़ी देर बाद राज के कदमो की आहट रूम की तरफ बढ़ती हुई सुनाई दी तो मेने अपने सर को झुका लिया….और धड़कते हुए, दिल के साथ उसके अंदर आने का इंतजार करने लगी…..
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10-17-2018, 11:36 AM,
#25
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
थोड़ी देर बाद राज अंदर आया तो, मेने हल्की से नज़रे उठा कर उसकी तरफ देखा, तो वो सिर्फ़ अंडरवेर पहने हुए था….मेने फिर से नज़रें झुका ली, राज ने एक बार मेरी तरफ देखा, पर ना तो वो मुझे देख कर कुछ बोला और ना ही हैरान हुआ…..शायद वो समझ गया था कि, में उसके रूम में क्या कर रही हूँ……राज ने बेड के पास रखे टेबल लॅंप को ऑन किया, और मेन लाइट ऑफ कर दी, फिर टवल उठा कर अपने हाथ पोन्छते हुए मेरे सामने आकर खड़ा हो गया…..वो मेरी तरफ ही देख रहा था….पर कुछ बोल नही रहा था…और ना ही मेरी हिम्मत हो रही थी कि, में उससे कुछ बात कर सकूँ…..

राज ने एक हाथ से टेबल लॅंप की रोशनी को बेड की तरफ कर दिया….और फिर से अपने हाथों को टवल से पोंछते हुए बोला…..”उतरो….” मेने चोंक कर उसकी तरफ देखा, तो उसने फिर से हल्की सी मुस्कुराहट के साथ कहा….”अपनी सलवार उतारो….” उसकी बात सुनते ही मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा….और ना जाने मुझे क्या हो गया था…पता नही राज ने मुझ पर क्या जादू कर दिया था कि, मेने वैसे ही बैठे-2 अपनी कमीज़ के नीचे से हाथ डाल कर अपनी सलवार का नाडा खोलना शुरू कर दिया….मेने सलवार का नाडा खोलते हुए एक बार राज की तरफ देखा तो वो अपने अंडरवेर के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था….मेने अपनी सलवार उतार कर बेड के एक तरफ रख दी…..

राज ने भी एक झटके में अपना अंडरवेर उतार फेंका, और फिर नीचे झुक कर मेरी टाँगों को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया…..जिसके कारण में पीछे की तरफ लूड़क गयी…राज ने मुझे टाँगों से खींच कर बेड पर सीधा लिटा दिया….और मेरी टाँगों को खोल कर जाँघो के बीच में आ गया….उसने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ और मेरी बुर की फांको पर रगड़ते हुए, अपनी एक उंगली को मेरी बुर के छेद के बीच में घुसाया, और बोला…..”नजीबा तुम्हारी बुर तो पहले से ही लार टपका रही है……”

राज की बात सुन कर में बुरी तरह से झेंप गयी, और उसकी चौड़ी छाती में मुक्का झाड़ दिया. और उसने मेरे मुक्के के जवाब में अपने लंड को मेरी बुर में एक धक्के के साथ पेल दिया. “सीईईईई हाईए सामीएर ओह उंह अहह” में सिसक कर उससे चिपक गयी……राज ने झुक कर मेरे होंटो को अपने होंटो में भर लिया, और तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए, मेरे होंटो को चूसने लगा…..में मस्ती के सागर में गोते खाते हुए, उसके नीचे मचल रही थी….और वो मेरी टाँगों को उठा कर लगतार अपना मुन्सल मेरी बुर में चला रहा था…..उसके लंड की रगड़ मुझे अपनी बुर की दीवारो में बहुत सुखद अनुभव दे रही थी….मेरे हाथ खुद ब खुद उसके पीठ पर कसते चले जा रहे थे…..

मेरी गान्ड बेकाबू होकर अपने आप ऊपेर की ओर उछलने लगी थी…..10 मिनिट की चुदाई में ही में सतावें आसमान में उड़ रही थी…..और फिर मेरी बुर में तेज संकुचन होने लगा…..और मेरी बुर ने राज के लंड के टोपे को चूमते हुए, उस पर अपना प्यार भरा रस न्योछावर करना शुरू कर दिया….राज भी चन्द और झटकों के बाद मेरी बुर में ही झड़ने लगा…..और फिर थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपेर से हट कर बगल में लेट गया…..झड़ने के बाद मुझे बेहद सकुन मिल रहा था….शाम से जिस के लिए तड़प रही थी… उस एक चीज़ ने मुझे 10 मिनिट्स में दुनियाँ भर की जन्नत दिखा दी थी…..

थोड़ी देर बाद जब मेने राज की तरफ देखा, तो वो आँखें बंद किए हुए लेटा हुआ था…और लंबी-2 साँसे ले रहा था….हम दोनो के बीच कोई बात नही हुई, शायद वो सो गया था. में बेड से नीच उतरी, और अपनी सलवार पहन कर नीचे आ गयी……नीचे आकर मैं बेड कर लाइट गयी……भले ही सेक्स और वासना के नशे में ये सब कुछ कर रही थी….पर दिल के एक कोने में ये ख़याल आ रहा था कि, यही मेरा वजूद है….मैं राज में अपना प्यार ढूँढ रही थी. पर राज के लिए शायद में सिर्फ़ सेक्स करने की ज़रूरत हूँ…..क्या राज मुझे मेरे बदन के लिए चाहता है….और मैं भी क्या से क्या बन गयी हूँ...

ये बात किस शादीशुदा औरत को शोभा देती है, कि आधी रात को किसी जवान लड़के के कमरे में जाए, और उसके एक बार कहने पर अपनी सलवार उतार कर उसके सामने अपनी टांगे और बुर खोल कर उससे चुदवा ले, और उसके वीर्य से भरी बुर और बच्चेदानी को लेकर वापिस आ जाए…ये मैं क्या कर रही हूँ…..ये सब क्यों कर रही हूँ….वो तो जवान लड़का है….आज यहाँ कल पता नही कहाँ….और तुम नजीबा….तुम क्यों उसके पीछे बदनाम होना चाहती हो…..

यही सब उधेड़बुन मेरे दिमाग़ में चल रही थी कि, मैं अंजुम और नाजिया को भी धोका दे रही हूँ….जिस प्यार के लिए मेने अपना जिस्म राज को सोन्पा था….शायद वो मुझे राज से नही मिलने वाला है….पता नही मुझे कब नींद आई…..सुबह मैं 7 बजे जाग गई, मैं उठ कर फ्रेश हुई, और नाश्ता तैयार करने लगी….नाजिया भी आ गयी……नाजिया जल्दी से तैयार हुई, और फिर राज नाजिया और मेने एक साथ नाश्ता क्या….जैसे ही राज नाश्ता करके उठा तो उसने नाजिया से कहा…..” तुम्हे स्कूल जाना हो तो छोड़ दूं….” नाजिया ने राज की बात सुनते हुए, मेरी तरफ देखा….में उसे राज के सामने मना नही कर सकती थी……

इसलिए मेने हां में सर हिला दिया……”ठीक है में दो मिनिट में आता हूँ…तुम तैयार रहना..” ये कह कर राज ऊपर चला गया…..नाजिया ने अपना बॅग पॅक किया….और फिर वो राज की बाइक के पीछे बैठ कर चली गयी….दोस्तो अब राज नाजिया को अपने नीचे लिटाने की फिराक में था…और उन दोनो के बीच जो भी हुआ था….वो बाद में मुझे नाजिया से पता चला था….वही में यहाँ बयान करने की कॉसिश कर रही हूँ…..
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10-17-2018, 11:36 AM,
#26
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
उस दिन जब दोनो बाइक पर निकले, तो नाजिया के दिमाग़ में उस शाम की बातें घूम रही थी. जब राज ने उससे कहा था कि, उसके क्लास के लड़के उसे देख कर गंदे-2 कॉमेंट्स कर रहे थे….नाजिया जवानी की दहलीज पर खड़ी थी….और गंदा वर्ड भी उसे अंदर तक हिला जाता था….नाजिया ने राज की बाइक पर पीछे बैठे हुए कहा…..”उस दिन आप ने ये क्यों कहा था कि, वो लड़के जो भी मेरे बारे में गंदे कॉमेंट्स कर रहे थे….वो सही हैं….क्या में आपको ऐसी लड़की लगती हूँ…..”

राज: नही मेरा मतलब वो नही था….

नाजिया: तो फिर आपका मतलब क्या था…..अगर कोई बोले कि में एक चालू लड़की हूँ तो आप सच मान लोगे…..

राज: नही बिल्कुल नही….में किसी की कही हुई बातों पर यकीन नही करता….

नाजिया: फिर आप ने क्यों कहा कि, वो लड़के जो भी कह रहे थी सच कह रहे थे…

राज: हां सच कह रहे थे…वो तुम्हारे जिस्म के बारे में कुछ ग़लत वर्ड्स यूज़ कर रहे थे….पर उन्होने जो भी तुम्हारे फिगर के बारे में कहा एक दम सच कहा था….

नाजिया राज की बात सुन कर बुरी तरह शरमा गयी….दोनो में कुछ देर कोई भी कुछ ना बोला…..नाजिया का दिल जोरो से धड़क रहा था….उसका मन बार-2 गुदगुदा रहा था…..”वैसे क्या बोल रहे थे वो कमीने मेरे बारे में….” नाजिया का दिल अब राज से अपने बारे में सुनने को बेचैन होता जा रहा था…

.”वो कमीने जो भी बोल रहे थे, उसे छोड़ो में नही बता सकता”

नाजिया: क्यों…..?

राज: क्यों कि इस तरह तो में भी कमीना हुआ ना…?

नाजिया: आप क्यों मेने आप को थोड़े ही ना कहा है……

राज: कहा तो नही पर मुझे उनकी बातें सही लगी…..अगर तुम सुनोगी तो तुम्हे लगेगा कि में भी उनकी तरह ही कमीना हूँ….क्योंकि में भी उनके बातों को सच मानता हूँ….

नाजिया: तोबा में आपको ऐसा नही कह सकती…..

राज: चलो छोड़ो सब…तुम्ह ख़ामाखाँ परेशान होगी……

नाजिया: नही एक बार पता तो चले वो हरामजादे कह क्या रहे थे…..

राज: अभी नही….अभी तुम्हारा स्कूल आने वाला है……

थोड़ी देर बाद नाजिया का स्कूल आ गया……नाजिया ने एक बार राज की तरफ देख कर स्माइल की, और फिर स्कूल की तरफ जाने लगी…..”नाजिया तुम्हारा स्कूल ऑफ कितने बजे होता है…..”

नाजिया ने राज की तरफ मूड कर देखा और बोली…..”2:30 बजे……क्यों……”

राज ने एक बार गहरी साँस ली, और फिर हिम्मत करते हुए बोला….”मेरे साथ घूमने चलो गी…..”

जैसे ही राज ने नाजिया से ये बात कही…..नाजिया के दिल धड़कने बढ़ गयी…..आज तक नाजिया ने किसी लड़के की तरफ आँख भी उठा कर नही देखा था….”बोला ना चलो गी….”

नाजिया: (नर्वस होते हुए) अगर अम्मी को पता चला तो…..

राज: नही पता चलेगा….तुम 12 बजे छुट्टी लेकर आ सकती हो……

नाजिया ने हां में सर हिला दिया……”पक्का ना घर पर तो किसी को पता नही चलेगा…..” नाजिया तो खुद ही राज के साथ समय बिताने को बेताब थी…..पर शरम हया और घर मर्यादाएँ अभी तक उसे बाँधे हुए थे…..और नाजिया अब जब कि उसके सपनो का शहज़ादा उसे खुद साथ में चलने को कह रहा था, तो वो भला कैसे मना कर सकती थी….”

नाजिया: ठीक है में 12 बजे आ जाउन्गी….

राज: स्कूल में क्या बोलोगी…..

नाजिया: कह दूँगी कि तबीयत ठीक नही है…..

उसके बाद राज स्टेशन पर आ गया….राज ने 11 बजे तक वहाँ काम किया, और फिर वो उठ कर अनीता के पास चला गया…..”आओ राज बाबू…बैठो….कैसे हो ?

राज: में ठीक हूँ…..अनीता जी मेरा एक काम करेंगी…..?

अनीता: राज बाबू आपके लिए तो जान भी हाज़िर है…बोलिए क्या काम है..?

राज: अनु मुझे आज बहुत ज़रूरी काम है…और मुझे थोड़ी देर बाद निकलना है, क्या तुम मेरे जाने के बाद टिकेट काउंटर संभाल लोगी…..

अनीता: हां-2 क्यों नही….ये भी कोई बात है…..अर्रे आप जान माँग लो गे तो वो भी हम हंसते हुए देदेंगे…..

उसके बाद राज 11:30 पर आजमल से लीव लेकर नाजिया के स्कूल की ओर चल पड़ा….

राज ठीक 12 बजे नाजिया के स्कूल के बाहर पहुँच गया…थोड़ी देर वेट करने के बाद उसे नाजिया स्कूल से बाहर आती हुई नज़र आई, नाजिया ने स्कूल के गेट से बाहर आकर एक रिक्शे वाले को रोका और उस पर बैठ गयी…..राज सोच में पड़ गया कि, आख़िर माजरा है क्या…..जैसे ही रिक्शा चला, नाजिया ने उसे इशारा किया…..राज ने उस रिक्शे वाले के पीछे अपनी बाइक लगा दी…..थोड़ी दूर जाने के बाद रिक्शा रुक गया, राज ने भी थोड़े फँसले पर अपनी बाइक रोक ली….नाजिया ने रिक्शे वाले को पैसे दिए….और रिक्शे वाला चला गया….राज ने अपनी बाइक नाजिया के सामने जाकर रोक दी….नाजिया बिना कुछ बोले उसके पीछे बैठ गयी…

राज ने बाइक चलाई……पर राज को समझ नही आ रहा था कि, वो नाजिया को लेकर कहाँ जाए. “ कहाँ चले….” राज ने आगे रास्ते पर देखते हुए कहा……

.”कही भी जहाँ आप का दिल करे वहाँ ले चलिए”

राज: तुम्हे कोई ऐसे जगह पता है…..जहाँ पर हम दोनो अकेले कुछ देर तक बातें कर सकें.
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10-17-2018, 11:36 AM,
#27
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया का दिल राज की बातें सुन कर मचलने लगा…..नाजिया की कई सहेलियाँ थी…. जो अपने बाय्फ्रेंड के किस्से उसे सुनाया करती थी, कि कैसे उसके बाय्फ्रेंड ने उसे बाहों में भरा कैसे उसे किस की, कहाँ-2 हाथ लगाया….ये सब बातें सुन सुन कर नाजिया का दिल भी मचलने लगता था….पर नाजिया अपने ख़ूसट बाप अंजुम से डरती थी…..और ख़ास्स्तोर पर बदनामी के डर से भी वो लड़को से दूर ही रहती थी…..

नाजिया: जी पता नही ……पर मेरी एक सहेली ने बताया था कि, सहर के हाइवे पर एक बहुत बड़ा नॅशनल पार्क है…..जंगल टाइप है….पर बहुत सारे लोग वहाँ घूमने जाते है…..

राज: तो फिर वहाँ चले…..

नाजिया: जी…..

दोनो थोड़ी देर में ही शहर से बाहर आ चुके थे….रास्ता एक दम वीराना था…..और कुछ आगे जाने पर वो उस जंगल में पहुँच गये…..जैसे ही वो उस जंगल में पहुँचे, तो वहाँ राज को एक बाइक स्टॅंड नज़र आया….उसने नाजिया को नीचे उतरने के लिए कहा….नाजिया नीचे उतरी, और राज बाइक पार्क करने के लिए स्टॅंड में चला गया…..जैसे ही वो बाइक स्टॅंड पर पहुँचा तो उससे वाहा उसका एक क्लास मेट मिल गया…..उसने राज को देखते ही पहचान लिया…उसका नाम रवि था…..

रवि: (राज को पीछे से आवाज़ लगाता है) अर्रे राज तुम यहाँ ?

राज: (घूम कर रवि को देखते हुए) अर्रे रवि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो ?

रवि: कुछ नही यार, मुझे यहाँ पर पार्किंग का ठेका मिला है…..बस यही अपनी रोज़ी रोटी है. और तू सुना तू यहाँ क्या कर रहा है….

राज: यार मुझे रेलवे में जॉब मिल गयी है….और मेरे पोस्टिंग इसी शहर में है….

रवि: यार ये तो बहुत अच्छी बात है कि तुझे गवर्नमेंट जॉब मिल गये हैं…..और फिर पार्क में घूमने आए हो……

राज: हां यार आज फ्री था….सोचा चलो घूम आउ….

रवि: अकेले हो या कोई और भी साथ में है……

राज: हां यार मेरी फ्रेंड है साथ में….

रवि: ओह्ह हो नौकरी और छोकरी…..यार तुझे ये दोनो बड़ी जल्दी मिल गये…..भाई यहाँ पर घूमना तक तो ठीक है….पर ध्यान रखना यार पार्क में हर समय गार्ड गश्त करते रहते है..यहाँ पर फॅमिलीस आती है….इसलिए यहाँ पर वो बहुत सख्ती बरतते है……

राज: ओह्ह अच्छा….यार फिर तू किस दिन काम आएगा….

रवि: ह्म्म बेटा में तेरी बात समझ गया….चल तू भी क्या याद करेगा…..तू इस पार्किंग के पीछे वाले रास्ते से चले जाना…..यहाँ से और कोई नही जाता….आगे जाकर काफ़ी घना जंगल है. वहाँ पर कोई नही होता….

राज: थॅंक्स यार…..

रवि: इट्स ओके यार दोस्त हो इतना तो तुम्हारे लिए कर ही सकता हूँ….

उसके बाद राज ने बाइक पार्क की, और नाजिया को इशारे से आने के लिए कहा…..फिर वो नाजिया को लेकर रवि के बताए हुए रास्ते पर जाने लगा…..नाजिया उसके पीछे चलते हुए थोड़ा-2 घबरा भी रही थी….वो इस तरह पहली बार किसी लड़के के साथ अकेली थी…वो भी स्कूल बंक करके आई थी….एक और उसके दिल में राज के साथ समय बिताने की लालसा भरी हुई थी, और दूसरी ओर उसे ये डर सता रहा था कि, ये बात उसके घर में किसी को पता ना चल जाए.

दोनो 10 मिनिट तक बिना कुछ बोले चलते रहे……अंदर के तरफ जंगल घना होता जा रहा था….थोड़ी दूर और चलने पर दोनो को एक बेंच दिखाई दी….राज उसके ऊपेर जाकर बैठ गया….नाजिया भी साथ में ही बैठ गयी…..थोड़ी देर दोनो खामोश बैठे रहे….दोनो में से कोई बात नही कर रहा था…..नाजिया इधर उधर देख रही थी…..जैसे अपना ध्यान किसी बात से हटाने की कॉसिश कर रही हो…..पर एक जवान लड़की, जब किसी जवान लड़के के साथ ऐसे सुनसान माहॉल में हो तो, उसके दिल में कुछ-2 होने लगता है……

नाजिया: अब तो आप बता ही सकते हो….

राज: क्या…..?

नाजिया: वो मेरे बारे में क्या कह रहे थे……?

राज: छोड़ो तुम्हे बुरा लगेगा….

नाजिया: नही में बुरा नही मानती…..

राज: देख लो मुझसे बाद में नाराज़ मत होना…..

नाजिया: नही होती…..

राज: वो कह रहे थे कि तुम्हारे वहाँ पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है……

नाजिया: मेरी चरबी और कहाँ……?

राज: अब में तुम्हे कैसे कहूँ….तुम बुरा मान जाओगी…..

नाजिया: में क्यों आपका बुरा मानूँगी….आप ने थोड़े ही ना कुछ कहा….

राज की बात सुन कर नाजिया को कुछ अंदाज़ा तो हो ही गया था…..और उसका दिल धड़क -2 करने लगा था….

”वो तुम्हारी गान्ड पर” राज ने जानबूज कर झेंपने का नाटक करते हुए कहा…

.”क्या “ नाजिया एक दम से चोंक उठी….उसे नही पता था, कि राज ऐसी वर्डिंग यूज़ करेगा…..

”हां वो कह रहे थे कि, तुम्हारी गान्ड पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है…”

ये बात सुनते ही, नाजिया का चेहरा लाल सुर्ख हो गया….उसने अपनी नज़ारे झुकाते हुए राज को कहा….”आप को तो ऐसे बोलने में शरम आनी चाहाए…वो तो है हीं कमीने”

राज: देखा मेने कहा था ना, तुम बुरा मान जाओगी. में इसी लिए तुम्हे नही बता रहा था. ठीक है अब में ऐसी बात नही करता……

नाजिया: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) मेने ये नही कहा, कि आप ग़लत बोल रहे हो….पर आप ऐसी वर्डिंग यूज़ तो ना करें…..

राज: अब मुझे जैसी वर्डिंग आती है, वैसे ही बोलूँगा ना….अगर तुम नही सुनना चाहती तो में नही बोलता…..

नाजिया राज की बात सुन कर चुप हो गयी…अपनी गान्ड पर चर्बी चढ़ने का ही सुन कर उसका दिल गुदगुदा उठा था….दिल बार -2 राज के मुँह से अपने बारे में सुनने के लिए गुदगुदा रहा था…..”अच्छा सॉरी…..में ही ग़लत हूँ….” नाजिया ने राज के गुस्से से भरे चेहरे को देखते हुए कहा…..”अच्छा क्या आप की कोई गर्लफ्रेंड है….” नाजिया ने राज की और देखते हुए बड़ी लालसा से पूछा….और धड़कते हुए दिल के साथ उसके जवाब का इंतजार करने लगी…..

राज भी अपने दिमाग़ के घोड़ो को तेज़ी से दौड़ा रहा था, कि वो नाजिया को क्या जवाब दे. ऐसा जवाब जिसे वो मुर्गी खुद ब खुद ही कटने को तैयार हो जाए…..

नाजिया: क्या हुआ, मेने कुछ ग़लत पूछ लिया क्या ?

राज: नही ऐसी बात नही है…..अब तुम्हे क्या बताऊ…..अगर मानो तो है भी और ना मानो तो नही है….

नाजिया: मतलब में कुछ समझी नही….

राज: हां मेरी गर्लफ्रेंड है……पर वो सिर्फ़ मेरी नही है….?

नाजिया: (हैरान होते हुए) ये कैसे हो सकता है…कि आपकी गर्लफ्रेंड किसी और की भी गर्लफ्रेंड हो ?

राज: गर्लफ्रेंड नही वो किसी की पत्नी है…..

नाजिया: क्या आप का चक्कर एक शादी शुदा औरत के साथ है….

राज: हम दोनो के बीच में कोई कमिट्मेंट्स नही थी….और वैसे भी मैं अब उससे नही मिलता….उसे अपने जिस्म की ज़रूरत और मुझे अपने जिस्म की पूरा करने का हम एक दूसरे के लिए ज़रिया भर थे…इससे से ज़यादा कुछ नही…तब में नादान था…..इसलिए में बिना कुछ सोचे समझे इतना आगे बढ़ गया…….
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10-17-2018, 11:36 AM,
#28
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया को तो जैसे अपनी सपनो की दुनियाँ मे आग में जलती हुई नज़र आने लगी…..पर राज का जादू नाजिया के सर पर इस क़दर चढ़ा हुआ था कि, वो राज को खोना नही छठी थी…. इसलिए उसने आख़िर कॉसिश करते हुए पूछा….”और अब उससे नही मिलते”

राज: नही……

नाजिया: और कोई गर्लफ्रेंड नही बनाई……

राज: नही….

नाजिया के दिल को राज की ये बात सुन कर थोड़ी तसल्ली हुई….इसका मतलब राज ने नादानी में सेक्स किया था….उसे उस औरत के साथ प्यार व्यार नही था…”अच्छा छोड़ो ये सब बातें….अब आप बताओ कि वो कमीने मेरे बारे में और क्या कह रहे थे…..”
राज ने नाजिया की तरफ देखा, और बोला…..”अर्रे नही बाबा अब नही बोलता में कुछ तुम फिर भड़क जाओगी…..” नाजिया अब राज की चटपटी बातों का मज़ा लेना चाहती थी…..ये उम्र ही होती ऐसी है…

राज: अब में कैसे कहूँ…..वो कह रहे थे कि तुम्हारे ये दोनो पहले से ज़्यादा बड़े हो गये है…..

राज ने अपनी आँखो से नाजिया की शर्ट में क़ैद कसे हुए बूब्स की तरफ इशारा किया….तो नाजिया का चेरा शरम से लाल हो गया…..उसने अपनी नज़रें नीचे झुका ली…..राज थोड़ी देर चुप रहा

…”और बताऊ वो और क्या कह रहे थे…..” नाजिया का दिल धक-2 करने लगा…नज़ाने अब राज उसे क्या बोल दे….साथ ही बुर की धुनकि भी बजने लगी….

.”बताऊ और बताऊ…..” नाजिया ने शरमाते हुए हां में सर हिला दिया….राज को समझते देर ना लगी, कि मुर्गी कटने के लिए बेताब हो रही है…..राज खिसक कर नाजिया के साथ बैठ गया….उसकी जाँघ नाजिया की जाँघो से टकराने लगी….नाजिया के बदन में झूर झूरी सी दौड़ गयी.

राज: पता है वो तुम्हारे बारे में और क्या कह रहे थे…..(थोड़ी देर खामोश रहने के बाद) वो कह रहे थे….कि ज़रूर तुम्हारी झान्टे भी आ गयी होंगी……

ये सुनते ही नाजिया का दिल मानो धड़कना ही भूल गया हो…..साँसे जैसे गले में ही अटक गयी हो….शरम और हया की जैसे कोई सीमा ही ना रही हो….पर अब बेचारी वो क्या बोलती….”राज के मुँह से ऐसे वर्ड सुन कर उसका पूरा जिस्म कांप गया था…उसने अपने आप को भोला दिखाते हुए कहा……”ये क्या होती हैं….”

राज: तुम्हे नही पता झान्टे क्या होती है…..

नाजिया ने ना में सर हिला दिया……

राज: अब में तुम्हे कैसे बताऊ……देखोगी ?

नाजिया का दिल जोरो से धड़कने लगा….राज जान चुका था कि, ये नयी जवान लौंडया भी मस्ती करने के मूड में आ चुकी है….पर नासमझी और नादानी और घर वालो की वजह से घबरा रही है….राज ने बिना नाजिया के जवाब का इंतजार किए बिना खड़ा हुआ, और इधर उधर देखते हुए, अपनी पेंट की ज़िप खोल दी….नाजिया का दिल धड़क-2 कर रहा था…..हाथ पैर काँपने लगे थे….राज ने ज़िप्प खोल कर अपने अंडरवेर के छेद को खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया….नाजिया ने सर झुका रखा था…इसलिए वो राज का लंड नही देख पा रही थी…..फिर उसने अपनी कुछ झान्टो को बाहर निकाला….और नाजिया के ठीक पास आकर उसके सामने खड़ा हो गया….

और अपनी काली लंबी झान्टो को हाथ से पकड़ कर दिखाते हुए बोला, “ये देखो इसे कहते है झान्ट…” नाजिया बेचारी नही जानती थी कि, उसके ना कहने पर कि, वो झांट क्या होती है नही जानती….राज अपना लंड निकाल कर उसे दिखा देगा…..जैसे ही नाजिया ने राज की तरफ नज़र उठाई….तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गये….उसकी आँखो के सामने राज का साढ़े 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड था….और वो अपने लंड को अपने हाथ से मुट्ठी में भर कर हिलाते हुए बोला…..”ये देखो इसे कहते है लौडा….और ये बाल देख रही हो….इसे कहते है झांट…”

नाजिया: हाए तोबा ये आप क्या कर रहे है…..

नाजिया ने फिर से नज़रें झुका ली….पर जवान लौंडिया 8 इंच के तने हुए लौडे को देख कर उसकी पैंटी के अंदर कुँवारी बुर में धुनकि बजने लगी थी….और बुर की फांके फडफडाने लगी थी…..राज एक बार मुस्कुराया…..और उसने अपने लंड को अंदर कर लिया.. “क्यों अच्छा नही लगा” राज ने फिर से नाजिया के पास बैठते हुए कहा….

.”आप बहुत बेशर्म हो….” नाजिया ने नीचे सर किए हुए शरमाते हुए कहा…..

राज: क्यों क्या हुआ ?

नाजिया: ऐसे भी कोई करता है क्या…..?

राज: तुम ने ही तो कहा था कि, तुम्हें पता नही झांट किसे कहते है…..वैसे एक बात कहूँ बुरा तो नही मनोगी….

नाजिया का मन अब और गुदगुदा देने वाली जवानी के रस से भरपूर बातें सुनने का कर रहा था. “अभी तक मेने आपकी किसी बात का बुरा माना है “

राज नाजिया का जवाब सुन कर मुस्कुरा उठा…..”वैसे तुम्हारे गान्ड पर सच में बहुत माँस चढ़ा है…..बहुत मस्त और मोटी है.”

नाजिया राज के मुँह से ऐसी बात सुन कर एक दम से चोंक गयी….”हाई आप ऐसी बात ना करिए मुझे शरम आती है….में ऐसी बातें नही करती…..”

राज: अच्छा वैसे तुम्हारी मस्त गान्ड देख कर मुझे सपना की याद आ गयी…..

नाजिया: ये सपना कॉन ?

राज: वही जिसके बारे में थोड़ी देर पहले तुम्हे बताया था……क्या मस्त गान्ड थी उसकी बिल्कुल तुम्हारी तरह, बाहर को निकली हुई, जब भी देखता था. दिल करता था….उसकी गान्ड को पकड़ कर मसल दूं…..जब में उसकी मारता था….तो साली की गान्ड से पादने जैसी आवाज़ आने लगती थी….

नाजिया: हाए हाए ये आप क्या बोल रहे है….आप को तो किसी लड़की से बात करना ही नही आता. बहुत गंदा बोलते हो आप…..

राज: अब ये क्या बात हुई….मेने कहा तो था कि, मुझे ऐसे ही बोलना आता है…और मेने सच में आज तक किसी लड़की से बात नही की, जो मुझे पता चलता कि किसी लड़की से कैसे बात करते है….

नाजिया: पर ऐसे भी नही बोलना चाहिए आप को…….

राज: अच्छा एक बात कहूँ मानोगी…..

नाजिया: क्या…..?

राज: पहले बताओ मानो गी….

नाजिया ने हां में सर हिला दिया…..राज का 8 इंच का तन्नाया हुआ मोटा लंड देख कर उसकी बुर की तो पहले से धुनकि बज रही थी…

.”तुम भी मुझे अपनी झान्टे दिखाओ ना” नाजिया के राज की ये बात सुनते ही, एक दम होश उड़ गये….वो बुत सी बनी उसको देखने लगी. “क्या हुआ नाजिया प्लीज़ दिखाओ ना….देखो अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो तो प्लीज़ दिखा दो ना…तुमने भी तो मेरी देख ली है…..बोलो तुम मुझे अपना दोस्त नही मानती….मानती हो ना”

नाजिया ने हां में सर हिला दिया….

.”तो फिर दिखाओ ना….”

नाजिया: नही मुझे डर लगता है…..

राज: कैसा डर….

नाजिया: किसी को पता चल गया तो…..?

राज: नही चलता किसी को पता….तुमने मेरी देखी किसी को पता चला….तुमने तो मेरा लंड भी देख लिया है……
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10-17-2018, 11:36 AM,
#29
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
नाजिया को समझ नही आ रहा था कि, वो क्या करे और क्या ना करे….एक तरफ राज ने उसे अपना दोस्त कह कर उसके दिल पर एक बड़ा वार किया था….प्यार की पहली मंज़िल दोस्ती होती है. शायद नाजिया के दिमाग़ में यही सब चल रहा था….पर दिमाग़ के एक कोने में डर भी था. “अगर आप ने किसी को बता दिया तो….” नाजिया ने अपना डर जाहिर करते हुए कहा…

राज: अब भला में क्यों बताने लगा…..प्लीज़ दिखा दो ना….अपने दोस्त की इतनी सी भी बात नही मान सकती…चलो मत दिखाओ…..में आगे से तुमसे कुछ नही कहूँगा….

राज ने फिर से उसे इमोशनली ब्लॅकमेन्ल किया…..”पक्का किसी को पता तो नही चलेगा….” राज बेंच से खड़ा हो गया…और इधर उधर देखते हुए बोला…..”मुझ पर भरोसा रखो नही पता चलेगा…..”

नाजिया: अगर इधर कोई आ गया तो ?

राज: (इधर उधर देखते हुए, उसकी नज़र थोड़ी आगे घनी झाड़ियों पर पड़ती है….वो झाड़ियाँ कोई 10 फीट उँची जंगली घास की थी….) तुम उन झाड़ियों के बीच में चली जाओ….वहाँ ऐसे बैठना जैसे पेशाब करते हुए बैठते है…..में तुम्हारे पीछे आता हूँ….

नाजिया बिना कुछ बोले खड़ी हुई, और डरते हुए झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगी….राज वही खड़ा इधर उधर देख कर जायज़ा लेता रहा….तभी उसकी नज़र दूसरी तरफ की झाड़ियों पर लटक रही तिरपाल पर पड़ी….शायद किसी ट्रक के ऊपेर रखे समान को कवर करने वाली तरपाल का फटा हुआ टुकड़ा था….राज ने आगे बढ़ कर उस तिरपाल को उठाया….और उसे लपेट कर इधर उधर देखने लगा.

उसके दोस्त रवि ने बतया था कि इधर कोई नही आता… थोड़ी देर बाद वो भी झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगा….झाड़ियाँ बहुत घनी और उँची थी…..राज जगह बनाता हुआ आगे बढ़ा….तभी उसे नाजिया उकड़ू बैठी नज़र आई…..राज को देखते ही उसके फेस का रंग लाल सेब जैसा हो गया….राज उसके पास जाकर खड़ा हुआ, और उसने वहाँ की झाड़ियों को जल्दी से हटा कर थोड़ी जगह बनाई, और उस तिरपाल को बिछा दिया…नाजिया खड़ी होकर ये सब देख रही थी….

आगे क्या होने वाला है, ये सोच-2 कर उसकी बुर में तेज सरसाहट से होने लगी थी….राज तिरपाल पर घुटनो के बल बैठ गया….और नाजिया को पास आने का इशारा क्या…नाजिया धड़कते हुए दिल के साथ सहमी सी राज के पास आ गयी….”पक्का सिर्फ़ देखोगे ना…..प्लीज़ कुछ और मत करना….” उसने राज की और देखते हुआ कहा….

.”हन -2 कुछ नही करूँगा सिर्फ़ देखूँगा… जल्दी करो उतरो अपनी कच्छि…..” नाजिया फिर से बुरी तरह शरमा गयी…उसने अपनी स्कर्ट के अंदर नीचे से हाथ डाले, और अपनी वाइट कलर की चड्डी की इलास्टिक में उंगलियाँ फँसा कर धीरे-2 नीचे सरकाना शुरू कर दिया….

फिर उसने अपनी पैंटी निकाल दी….राज ने उसके हाथ में लटक रही पैंटी को पकड़ कर तिरपाल पर रख दिया….और उसे कमर से पकड़ कर बैठने को कहा….नाजिया सहमी सी डरते हुए नीचे अपने चुतड़ों के बल बैठ गयी….राज ने उसकी टाँगों को उसकी पिंडलयों से पकड़ कर फेला दिया…..और उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला….”अब दिखाओ भी……”

नाजिया ने अपने काँपते हुए हाथ से अपनी स्कर्ट को नीचे से पकड़ा और धीरे-2 ऊपेर करने लगी….नाजिया की गोरी चिकनी टाँगे और जाँघ देख कर राज का लंड उसकी पेंट में कुलाँचे भरने लगा.

और अगले ही पल राज का मुँह खुला का खुला रह गया…..नाजिया की कुँवारी गुलाबी बुर देखते ही राज का लंड झटके पे झटके खाने लगा….झांट तो दूर बाल का एक रोया भी नही था…एक दम चिकनी गुलाबी बुर…..दोनो फांके आपस में कसी हुई थी…..राज से रहा नही गया….उसने अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच रख कर फिरा दिया.

.”श्ह्ह्ह्ह उंह ये क्या कर रहे है राज आप…..” नाजिया ने लड़खड़ाती हुई आवाज़ में कहा…और राज का हाथ पकड़ कर हाथ हटाने की कॉसिश करने लगी…..राज ने धीरे-2 उसकी बुर की फांको के बीच अपनी उंगली रगड़ते हुए पूछा……

राज: इस पर तो एक भी बाल नही है…..बोल उस्तरे से सॉफ किया था…..या क्रीम से….

नाजिया को जवानी का ऐसा मज़ा पहली बार मिल रहा था….उसका पूरा बदन कांप रहा था.. उसके हाथ में इतनी ताक़त नही बची थी, कि वो राज का हाथ हटा पाए,…..”आह सीईईईई उईईइ मत करिए अहह” राज ने जैसे ही अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच में दबाया तो उसकी उंगली उसकी बुर के रस टपका रहे छेद पर जा लगी…..नाजिया का पूरा बदन थरथरा उठा.. “बोलो ना कैसे सॉफ की तुमने झांट…”

इस बार राज ने अपनी उंगली को सख्ती से रगड़ा तो नाजिया की बुर पिघल उठी…..”उईईइ माँ सीईईईई क्रीम से…..”

राज: क्यों……

नाजिया: (मस्ती में सिसकते हुए) वो दो दिन बाद मेरे मेनेसी आने वाली थी……इसलिए…..

तभी नाजिया को कुछ सरसराहट सुनाई दी….उसने अपनी आँखे खोल कर देखा, तो राज अपनी पेंट और अंडरवेर उतार रहा था….नाजिया ये देख कर एक दम से घबरा गयी…..”ये ये आप क्या कर रहे है…..सीईईई”

राज: कुछ नही मेरे जान तेरी बुर का उद्घाटन करने की तैयारी कर रहा हूँ……

नाजिया: नही ये ठीक नही प्लीज़ मुझे जाने दो…..

राज: प्लीज़ नाजिया एक बार…….

ये कहते हुए, राज घुटनो के बल नीचे झुक गया….और नाजिया की तमतमा रही लाल बुर की फांको पर अपना मुँह रख दिया….

.जवान लौन्डिया को जैसे ही जवानी का मज़ा मिला वो एक दम से पिघल गयी…..वो पीछे की तरफ लूड़क गयी….उसकी स्कर्ट उसकी कमर पर इकट्ठी हो गयी. “नही ओह्ह्ह्ह ईए आप हाईए सीईईईईईईईईई उंघह” नाजिया जैसी जवान लड़की के लिए ये सब बर्दास्त से बाहर था…..आज तक उसे किसी लड़के ने छुआ तक नही था….और कहाँ आज वो अपनी जवानी के अनमोल खजाने को राज के सामने खोल कर बैठी थी….

नाजिया की आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…..उसने सिसकते हुए दोनो हाथ से राज के सर को पकड़ लिया….और उसके फेस को पीछे करने की नाकाम कॉसिश करने लगी…नाजिया की बुर में तेज सरसराहट और मस्ती की लहरें दौड़ने लगी…..बुर फक फक करने लगी….आख़िर कार उसने बुर की आग के आगे हथियार डाल दिए…और बुरी तरह काँपते सीसियाते हुए, पीछे की तरफ लेट गयी….नाजिया की कमर अब उसके काबू में नही थी….रह रह कर उसकी कमर झटके खाती, और उसकी गान्ड ऊपेर की और उछल जाती….बुर से रसीला रस बह बह कर बाहर आने लगा..

राज ने नाजिया की बुर को चूस्ते हुए, उसकी शर्ट में क़ैद दोनो कबूतरों को पकड़ लिया, और धीरे-2 मसलने लगा….नाजिया ने एक दम से अपने हाथ राज के हाथों के ऊपेर रख लिए. पर राज नही रुका….उसने नाजिया की शर्ट के बटन एक-2 करके खोलने शुरू कर दिए….

.”सीईईई उमनघह सीईइ मत करईए नाआअ मुझीए कुछ हो रहा है….” नाजिया ने सिसकते हुए राज को हटाने के लिए कहा……और फिर जैसे ही राज ने नाजिया की शर्ट के बटन खोले, राज ने उसकी ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया…..नाजिया की 32 साइज़ की मोटी और कसी हुई चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी….एक दम सख़्त और तनी हुई चुचि पर हाथ लगते ही नाजिया फिर से सिसकारियाँ भरने लगी……

राज ने अपना मुँह नाजिया की बुर से हटाया…..और ऊपेर की ओर आते हुए, नाजिया के राइट साइड के मम्मे को मुँह में भर लिया….और उसके निपल को होंटो और जीभ से चुलबुलाने लगा….. नाजिया का बुरा हाल हो रहा था….नाजिया का पूरा जिस्म आग की तरह तपने लगा था…..राज अपने नीचे कुवारि लौंडिया के एक दम तने हुए मॅमन को देख कर पागल सा हो गया था. वो जितना अपने मुँह में उसकी चुचियों को भर सकता था….उतना भर कर ज़ोर-2 से उसके मम्मों को चूसने लगा…….

राज ने देखा कि, अब नाजिया पूरी तरह से गरम हो चुकी है…..उसने उसकी बुर से मुँह हटाया, और नाजिया की जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठ गया….उसने नाजिया की चिकनी टाँगों को अपने कंधो पर चढ़ाया…..और अपने लंड का मोटा सुपाडा उसकी बुर की फांको के बीच में दो तीन बार रगड़ा….जैसे ही नाजिया को अपनी बुर के छेद पर राज के लंड का गरम सुपाडे के स्पर्श का अहसास हुआ, नाजिया बुरी तरह से मचल उठी…..इससे पहले कि नाजिया कुछ कर पाती……राज ने नाजिया के कंधो को पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से नाजिया की बुर पर दबा दिया….गच की आवाज़ से राज के लंड का मोटा सुपाडा नाजिया की कुँवारी बुर को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा…..

इतना मोटा लंड का मोटा सुपाडा जैसे ही नाजिया की बुर की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुसा दर्द के मारे नाजिया एक दम से तड़प उठी….उसकी साँसे अटक गयी….मुँह ऐसे खुल गया…..जैसे उसकी साँस बंद हो गयी हों…..आँखे एक दम से पथरा गयी…..”घच-गच” फिर से दो बार और ये आवाज़ आई, और साथ ही राज का पूरा का पूरा लंड नाजिया की बुर की गहराइयों में उतर गया…”अहह अम्मी ओह” नाजिया एक दम से चिल्ला उठी….

पर अगले ही पल राज ने झुक कर नाजिया के रसीले नाज़ुक गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंटो को अपने होंटो में भर लिया….और उसके होंटो को अपने दाँतों से हलका सा चबाते हुए, चूसना शुरू कर दिया…..कुँवारी जवान लौंडिया के होन्ट और बुर दोनो का पा कर राज एक दम मस्त हो चुका था….”बस मेरी जान बॅस हो गया…..” राज ने ये कहते हुए, फिर से नाजिया के होंटो को चूसना शुरू कर दिया…..ताकि वो चीख भी ना सके….और फिर अपने मोटे मुन्सल जैसे लंड को अंदर बाहर करने लगा…..नाजिया ने दर्द के मारे राज के कंधो पर अपने नाख़ून गढ़ा दिए…..पर राज को कोई फरक नही पड़ा….वो अपने मुन्सल जैसे लंड को उस कुँवारी कली की बुर में पागलो की तरह पेलने लगा…..

राज ना रुका…..पर नाजिया का दर्द अब धीरे-2 कम होने लगा था….उसकी बुर अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी….लंड के सुपाडे की टाइट बुर की दीवारो पर हर रगड़ नाजिया को जन्नत की ओर लेजाने लगी….5 मिनिट बाद ही नाजिया ने मस्ती में आकर सिसकना शुरू कर दिया…और वो भी धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछालने लगी…..ये देख राज ने उसकी टाँगों को अपने कंधो के ऊपेर से उतारा, और अपना लंड बाहर निकाल कर एक झटके में उसे कुतिया की तरह घुटनो पर कर दिया….और फिर पीछे से अपना मुन्सल लंड उसकी बुर में पेल दिया. और फिर क्या था….राज के जबरदस्त झटको से उसका लंड नाजिया की बुर के अंदर बाहर होने लगा.
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10-17-2018, 11:37 AM,
#30
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
राज की मांसल जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-थप की आवाज़ करने लगी….राज ने अपना लंड अंदर बाहर करते हुए, नाजिया के दोनो चुतड़ों को फेला दिया. और उसकी बुर के पानी से भीगे उसकी गान्ड के छेद को अपनी उंगली से कुरेदने लगा…..नाजिया का पूरा जिस्म एक दम से कांप गया….चुदवाने में इतना मज़ा आता है…ये आज नाजिया को पता चल रहा था….और वो भी सिसकते हुए, राज के लंड को अपनी बुर की गहराइयों में महसूस कर रही थी….नाजिया का पूरा बदन ऐंठने लगा था….उसे अपने बदन का सारा खून बुर में इकट्ठा होता हुआ महसूस होने लगा…..”ओह्ह्ह्ह राज ईए मुझे क्या कर दियाअ आप ने स हाई में पागल ओह्ह्ह्ह राज……”

राज: क्यों क्या हुआ मेरी रानी….मज़ा नही आ रहा…..

नाजिया: अहह सीईइ उंह उंघह बहुत आ रहा है…….

राज: और मारू क्या ?

नाजिया: ह्म्म्म्म मम

राज ने अपने झटको की रफ़्तार और बढ़ा दी…..अब राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में पूरी रफतार से अंदर बाहर हो रहा था….और फिर नाजिया का बदन एक दम अकड़ने लगा….बुर का सैलाब बाहर ज़लज़ला बन कर बह निकला…..और उसका पूरा बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा. राज भी टाइट बुर में ज़्यादा देर नही टिक पाया….और उसकी बुर के अंदर ही उसके लंड ने वीर्य की बोछार कर दी……

नाजिया झड़ने के बाद बुरी तरह हाँफ रही थी…..राज ने जैसे ही अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, नाजिया आगे की तरफ लूड़क कर उस तिरपाल पर लेट गयी…और गहरी साँसे लेने लगी…..राज कुछ देर वैसे ही घुटनो के बल बैठा रहा….और नाजिया के नरम और मांसल चुतड़ों को सहलाता रहा….जब नाजिया की साँसे कुछ दुरस्त हुई, तो उसे अहसास हुआ, कि ये उसने क्या कर दिया है…..जो भी हुआ वो नही होना चाहिए था…..पर अब बहुत देर हो चुकी थी…..जैसे ही उसे अपने चुतड़ों पर राज के हाथ का स्पर्श महसूस हुआ, तो वो उठ कर बैठ गयी….उसने एक बार राज की तरफ देखा, और फिर नीचे अपनी जाँघो में देखा, तो वो एक दम से घबरा गयी……

उसकी बुर की फांके उसकी बुर के गाढ़े पानी और राज के वीर्य और खून से सनी हुई थी….खून के कुछ धब्बे उस तिरपाल पर लगे हुए थे….नाजिया ये सब देख कर घबरा गयी. और उसकी घबराहट को राज एक पल में समझ गया…..”घबराओ नही….पहली बार ऐसा होता है….अब खून नही आएगा….इसे सॉफ कर लो…..”

नाजिया: ये आप ने ठीक नही किया राज…..

राज: अर्रे क्यों घबरा रही हो मेरे जान…..यही तो जवानी के मज़े लूटने का समय है. में तुम्हारा ख़याल रखूँगा ना….चलो इसे सॉफ कर लो……

नाजिया: किससे से करूँ…..?

राज ने नाजिया की पैंटी उठाई, और उसी से अपना लंड सॉफ करने लगा…ये देख नाजिया एक दम से बोल पड़ी…..”अब में क्या पहनूँगी…..” राज ने हंसते हुए अपने लंड को सॉफ किया, और फिर वो पैंटी नाजिया की तरफ बढ़ा दी, और बोला…..”क्यों स्कर्ट तो है ना….किसी को नही पता चलता….में तुम्हे घर वाली गली के बाहर छोड़ दूँगा….वहाँ से तुम पैदल चली जाना.”

नाजिया ने सर झुकाए हुए राज के हाथ से पैंटी ली, और अपनी बुर और जाँघो को ठीक से सॉफ किया…..नाजिया उसके सामने बेहद शरमा रही थी…..

नाजिया की गोरी चिकनी जाँघ और बुर देख कर एक बार फिर से राज का लंड झटके खाने लगा था. उसने अभी तक अंडरवेर और पेंट नही पहनी हुई थी…..राज का लंड फिर से खड़ा होने लगा था….तभी अचानक नाजिया की नज़र राज के झटके खा रहे लंड पर गयी…जिसे देखते ही उसके दिल की धड़कने फिर से बढ़ने लगी…..नाजिया एक दम से घबराते हुए खड़ी हो गयी…..और थोड़ा आगे चल कर अपनी स्कर्ट को ठीक करने के बाद, अपनी शर्ट के बटन बंद करने लगी……राज नाजिया की स्कर्ट में मटकते हुए उसके गोलमटोल चुतड़ों को देख कर पागल हो उठा….उसने जल्दी से अपनी अंडरवेर और पेंट पहनी, पर उसे जाँघो तक चढ़ा कर छोड़ दिया…और फिर अपनी पेंट को पकड़ कर नाजिया के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया…
नाजिया अपनी शर्ट के बूटों लगाने में मसरूफ़ थी कि, राज ने उससे पीछे से बाहों में भर लिया…और उसकी लंबी सुरहीदार गर्दन पर अपने होंटो को लगा दिया…..नाजिया एक दम से चोंक गयी….और राज के बाहों से निकालने की कॉसिश करने लगी….पर राज के होंटो के तपिश अपने नेक पर महसूस करके, वो एक दम से बेजान से हो गये….”सीईईईई उम्म्म्म आह क्या क्या कर रही है आप……”

राज: कुछ नही अपनी जान को प्यार कर रहा हूँ……(राज ने अपने होंटो को नाजिया के गर्दन पर रगड़ते हुए कहा….)

नाजिया: उंघ माआ सीईइ बस करें…..कोई देख लेगाअ अहह……

राज: (नाजिया के शर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए) ह्न्म्म्म यहंन कोई नही देखेगा….प्लीज़ मेरी जान मुझसे रहा नही जा रहा……आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.. प्लीज़ एक बार और दी दो ना…..? (राज लगातार नाजिया की चुचियों को मसलते हुए, उसकी गर्दन और गाल पर अपने होंटो को रगड़ रहा था….और नाजिया भी मस्त होती जा रही थी) प्लीज़ जान एक बार और दे दो ना…..

नाजिया: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क क क्या…….?

राज: ओह्ह फुद्दि तुम्हारी फुद्दि चाहिए……

नाजिया: हाए तोबा अहह कैसी बातें करते है आप……

राज: प्लीज़ जान मेरे लिए इतना भी नही कर सकती…प्लीज़ एक बार……

ये कहते हुए, राज ने नाजिया के स्कर्ट को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…..उसने नाजिया के स्कर्ट को उठा कर उसकी कमर पर फँसा दिया….और फिर अपने टाँगों को फेला कर अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे झुका, और नाजिया के कान में धीरे से कहा….

राज: नाजिया खोला ना….

नाजिया: लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क्या ?

राज: अपनी टांगे खोलो ना……

नाजिया: सीईइ नही कुछ हो गया तो…..

राज: में भला अपनी जान को कुछ होने दूँगा…..प्लीज़ नाजिया एक बार और कर लेना दो ना. तुम्हे मेरे कसम…..

नाजिया राज के प्यारी भरी चिकनी चुपड़ी बातों को सुन कर एक दम से पिघल गये….उसने लर्जते हुए अपनी टाँगों को खड़े खड़े फेला लिया…..राज ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर नाजिया की गान्ड से नीचे लेजाते हुए उसकी बुर के फांको पर रख कर अपने लंड के सुपाडे को नाजिया के बुर के छेद पर टीकाने की कॉसिश करने लगा….पर खड़े-2 उससे नाजिया की बुर के छेद तक अपने लंड को परेशान हो रही थी…….

राज: नाजिया तुम्हारी फुद्दि के छेद पर लंड लगा क्या……?

राज: ह्म्म मुझे नही पता…..

राज: बताओ ना…

नाजिया: नही….(नाजिया ने कसमसाते हुए कहा) 

राज: (नाजिया की बुर की फांको में अपने लंड को रग़ाड़ कर छेद को तलाशते हुए) अब…..

नाजिया ने फिर से ना में गर्दन हिला दी……और राज ने फिर से अपने लंड को अड्जस्ट किया. “अब” और जैसे ही राज के लंड का सुपाडा नाजिया की बुर के छेद से टकराया. नाजिया के पूरे बदन ने एक तेज झटका खाया….उसके होंटो पर शर्मीली मुस्कान फेल गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया…..”अब” नाजिया ने हां में सर हिलाते हुआ कहा……”ह्म्म्म ”

राज ने धीरे-2 अपने मुनसल लंड को ऊपेर की ओर बुर के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में धीरे-2 अंदर जाने लगा….लंड के सुपाडे नाजिया को अपनी बुर की दीवारो पर रगड़ मदहोश करती जा रही थी…..उसके पैर खड़े-2 कँपने लगी थी…..और आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी……राज ने नाजिया को थोड़ा सा दखा देकर ठीक एक पेड के नीचे कर दिया….और उसकी पीठ को दबाते हुए उससे झुकाना शुरू कर दिया. नाजिया ने अपने हाथों को पेड के तने पर टिका दिया…..और झुक कर खड़ी हो गयी….

नाजिया की बाहर की तरफ निकली गान्ड देख कर राज एक दम से पागल हो गया….उसने ताबड्तोड धक्के लगाने शुरू कर दिए…..राज की जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 का शोर कर रही थी…..और नाजिया बहुत कम आवाज़ में सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी….उसके पैर मस्ती के कारण काँपने लगी थी…..राज ने नाजिया की बुर से लंड बाहर निकाला, और फिर से एक झटके के साथ नाजिया की बुर में पेल दिया….नाजिया एक दम से सिसक उठी. राज ने फिर से अपने लंड को रफ़्तार से नाजिया की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 5 मिनिट बाद नाजिया और राज फिर से झड गये…..राज ने अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, और तरपाल पर पड़ी हुई पैंटी को फिर से उठा कर अपना लंड सॉफ करने लगा..

नाजिया उस पेड के तने से कंधे को टिकाए हुए, अपनी मदहोशी से भरी आँखों से ये सब देख रही थी…..राज ने अपना लंड सॉफ करने के बाद अपनी पेंट पहनी, और नाजिया के पास आकर झुक कर बैठ गया….और उसकी जाँघो को फेलाते हुए, उसकी बुर को पैंटी से सॉफ करने लगा. नाजिया बहाल सी ये सब देख रही थी…..फिर नाजिया ने अपने कपड़े ठीक किए, और दोनो घर की ओर वापिस चल दिए…..राज ने उसे घर से थोड़ा पहले ही उतार दिया…..बेचारी नाजिया अपनी स्कर्ट को पकड़े हुए धीरे-2 चलते हुए घर पहुँची….उसके मन में अजीब सा डर था….

जब मेने डोर खोला तो नाजिया को बाहर खड़ा देखा…..उसकी हालत कुछ बदतर सी नज़र आ रही थी…..”क्या हुआ नाजिया तुम ठीक तो हो ना? “ मेने नाजिया की ओर देखते हुए कहा….हां अम्मी ठीक हूँ बस थोड़ा सर में दर्द है…..” और फिर नाजिया घर के अंदर आई, और सीधा अपने रूम में जाने लगी…..”ठीक है, तुम फ्रेश होकर ड्रेस चेंज कर लो…..में चाइ बना देती हूँ….” उसके बाद नाजिया अपने रूम में चली गयी…..वहाँ से अपने कपड़े लेकर वो बाथरूम में घुस्स गयी……और सलवार कमीज़ पहन कर बाहर आ गयी…..

मुझे नही पता था कि, मासूम सी दिखने वाली नाजिया आज हमारे समाज में हवस का शिकार हो चुकी थी….खैर हम दोनो ने खाना खाया, और नाजिया अपने रूम में जाकर सो गयी…..वो कहते है ना….सेक्स का नशा जो भी इंसान एक बार कर ले, फिर तो जैसे उसे उसकी लत से लग जाती है…दिल के किसी कोने में उसे कुछ पछतावा भी था…..पर नाजिया जवान लड़की थी, घी में लेपेटी हुई उस रूई की तरह जिसे आग दिखाओ तो जल उठे…नाजिया भी अपनी उम्र के ऐसे ही मुकाम पर खड़ी थी……दूसरे तरफ राज भी जवानी के नशे में इतनी बुरी तरह बिगड़ चुका था….कि उसे कुछ होश नही था कि, वो किस राह पर चल निकला है…..

उसी दिन अंजुम भी घर वापिस आ गये……में नही जानती थी कि, नाजिया और राज के बीच इतना कुछ हो चुका है, नाजिया ने भी कुछ जाहिर नही होने दिया था….और मुझे पता चलता भी कैसे, में तो खुद अपनी चूत की आग को मिटाने के लिए राज की गुलामी करने लगी थी. पर अंजुम के वापिस आजाने के कारण मेरे और राज में बात चीत भी बहुत कम होने लगी थी….राज इस दौरान अपने लंड को शांत करने के लिए, रुक्मणी और अनीता के घर कई बार जाने लगा था….जिसका मुझे पता तक नही था…..

मेरा तो बुरा हाल था ही, पर नाजिया जैसी जवान लड़की जो एक बार लंड का स्वाद चख ले, और वो भी राज जैसे जवान लड़के के लंड का स्वाद जो किसी भी औरत की बुर का पानी निकाल सकता हो….उसकी बुरी हालत थी….नाजिया भी अक्सर राज को खा जाने वाली नज़रों से घुरती. पर ना तो नाजिया को मौका मिल पा रहा था, और ना ही मुझे….एक दिन की बात है…..उस दिन सनडे था….अंजुम और राज अपनी ड्यूटी पर जा चुके थे…..उस दिन विमला भाभी हमारे घर आई, और नाजिया को अपने साथ ले गयी…..अब नाजिया को दुनियाँ की वो बातें पता चलने वाली थी…..जिसका उसकी जिंदगी में बहुत गहरा असर होने वाला था……
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