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Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
तस्वीर का रहस्य
लेखक - पराग-प्रेरणा
कहते हैं की रिश्तों की डोर को टाइट पकड़े रहना चाहिए वरना वो छूट जाती है। यह कहानी इन्हीं रिश्तों की डोर की है। यह कहानी है पराग की। आगे की कहानी पराग की जुबानी।
मेरा नाम पराग है और 28 साल का हूँ। मेरी शादी प्रेरणा से 5 साल पहले हुई थी और मेरा अभी एक साल का बेटा भी है। मैं एक कंपनी में जाब करता हूँ और प्रेरणा हाउसवाइफ है। मैं और मेरी वाइफ की हाइट 5'8" इंच है और दोनों ही फिट बाडी के है। प्रेरणा एकदम गोरी चिट्टी है और थोड़ी देर भी धूप में रह जाए तो स्किन लाल पड़ जाती है।
बच्चा होने के बाद जरूर प्रेरणा के मुम्मे कुछ फूलकर बड़े हो गये थे और वजन 4-5 किलो बढ़ गया था पर फिर भी वो बहुत फिट थी। हम लोगों ने एक सोसाइटी में घर खरीदा और उसमें शिफ्ट हो गये। हम दोनों ही बहुत खुश थे की लाइफ बहत सही जा रही थी। मेरी जाब की वजह से हम यहां रह रहे थे, वरना हम दोनों के ही पेरेंट्स दूसरे शहर में रहते हैं।
धीरे-धीरे प्रेरणा की दोस्ती पड़ोसियों से होने लगी मगर मैं क्योंकी आफिस में ही रहता हूँ तो इतनी अच्छी जान पहचान नहीं थी। सोसाइटी मीटिंग से मेरी हेलो हो जाती थी।
प्रेरणा की हमारी एक पड़ोसन नैना से अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। हालांकी मैं कभी मिला नहीं था। वो लोग दोपहर में ही मिलते थे, जब मैं घर पर नहीं होता था।
प्रेरणा हमेशा नैना के साथ ही शापिंग पर जाती थी और खाली टाइम में आपस में गप्पे भी लड़ाती थी। दोपहर में जब भी मैं वाइफ प्रेरणा को फोन करता तो पता चलता की या तो वो नैना के घर होती या फिर नैना हमारे घर पर होती थी।
एक दिन सोसाइटी में फंक्सन था। प्रेरणा साड़ी पहनकर तैयार हो गई थी। हालांकी वो साड़ी इतना नहीं पहनती थी पर आज फंक्सन था तो उसने पहन ली थी। प्रेरणा ने मुझे हमारे बेटे को तैयार करने का आदेश दिया और मुझे बोल गई की उसको नैना से कुछ काम है तो वो थोड़ी देर में आ रही है।
मैं अपने बच्चे को तैयार कर ही रहा था और 5-10 मिनट के बाद डोरबेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला। प्रेरणा वापिस आ गई थी पर उसकी शकल उतरी हुई थी। मैं कुछ पूछता उसके पहले ही वो भागती हुई बेडरूम में चली गई। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और दरवाजा बंद करके अपने बेटे को जूते पहना दिए।
देर हो रही थी और जब दो मिनट तक प्रेरणा बाहर नहीं आई तो मैं खुद बेडरूम में देखने गया की वो क्या कर रही है? मैंने देखा की वो बेड पर उल्टा लेटी हुई है और सुबकते हुए रो रही थी। उसकी साड़ी साइड में हो चुकी
थी और उसकी गोरी कमर दिख रही थी। ब्लाउज के ऊपर उसकी गोरी नंगी पीठ भी दिखाई दे रही थी।
मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए पूछा- “तुमको क्या हुआ है?"
प्रेरणा उठकर बैठ गई। उसका पल्लू तो वैसे ही उसके कंधे से उतर चुका था और ऊपर से सिर्फ ब्लाउज में वो मेरे सीने से लिपटकर रोने लगी। वो कुछ बोलते हुए सुबक रही थी और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, क्योंकी वो अपना सेंटेन्स ही पूरा नहीं कर पा रही थी।
मैंने उसको शांत होकर अच्छे से बताने को बोला। पर तभी डोरबेल बाजी और मैं प्रेरणा को चोदकर दरवाजा खोलने गया।
दरवाजा खुलते ही एक सुंदर सी युवती सामने खड़ी थी। उसने भी ठीक वैसी ही साड़ी पहनी थी जैसी अभी प्रेरणा ने पहनी थी। मैं उसको आश्चर्य से देखता रह गया क्योंकी मैंने उसको पहले कभी देखा नहीं था।
उस युवती ने बताया की वो नैना है और प्रेरणा के बारे में पूछने लगी। मैंने उसको बेडरूम की तरफ इशारा करकर बोला- "प्रेरणा बेडरूम में है..."
मैं साइड में हो गया और वो दनदनाते हुए मेरे बेडरूम की तरफ बढ़ी। मैं उसको पीछे से देखता ही रह गया। पीछे से वो एकदम मेरी वाइफ प्रेरणा की तरह ही लग रही थी, वही हाइट और लगभग वोही हेल्थ। बच्चा होने से पहले प्रेरणा जैसी थी एकदम वैसी ही नैना दिख रही थी। शायद प्रेरणा से 4-5 किलो वजन कम रहा होगा। उसके कूल्हे अच्छे से मटक रहे थे, जब वो चलती हुई जा रही थी।
आज तक प्रेरणा के मुँह से नैना के बारे में सुना था, आज देख भी लिया। प्रेरणा की ही तरह वो 26 साल की युवती थी। प्रेरणा के जितनी गोरी तो नहीं थी पर काफी गोरी थी। मैं उसके मटकते कूल्हे ही देख रहा था की मेरे पीछे के दरवाजे से एक भारी आवाज सुनाई दी।
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RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मैंने मुड़ कर देखा तो वह एक ६ फ़ीट का आदमी अच्छे से तैयार खड़ा था। उसने थोड़ा मुस्कुराते हुए अपना हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया और अपना नाम मिहिर बताया। मैंने भी उसको अपना नाम पराग बताया। मिहिर मेरी ही उमरा का था, अच्छी ख़ासी बॉडी बना राखी थी। अवाज तो उसकी दमदार थी ही। उसने बताया की वो नैना का हस्बैंड हैं और हमारे पड़ोस के फ्लैट में रह्ता है। एक बार तो मैं झेंप गया क्यों की अभी अभी मैं उसकी ही बीवी को पीछे से घूर रहा था, क्या पता उसने देख लिया होगा। मैंने भी उसको मुस्कुराते हुए अंदर आने को कहा। उसको अंदर लेकर मैंने दरवाजा बंद कर लिया।
मिहिर: आई ऍम रियली सॉरी पराग, मेरी एक ग़लतफ़हमी की वजह से प्रेरणा को प्रॉब्लम हो गायी।"
पराग: "कैसी ग़लतफ़हमी! मैं समझा नहीं"
मिहिर: "ओहः, प्रेरणा ने तुम्हे अभी तक बताया नाहि। वो दरअसल प्रेरणा अभी हमारे घर आयी थी, मुझे पता नहीं था। उसने नैना की तरह ही साड़ी पहनी थी तो पीछे से उसको देख मुझे लगा की वह नैना खड़ी हैं और मैंने उसको पीछे से जाकर पकड़ लिया। वो नाराज हो गयी और मेरे घर से चली गायी।"
अब मुझे माजरा समझ में आया की प्रेरणा क्यों रोते हुई आयी थी। जैसा की मिहिर ने बताया था उसके हिसाब से तो यह ग़लत-फ़हमी की वजह से हुआ था। प्रेरणा ने बेवजह इसको सीरियसली ले लिया होगा।
पराग: "ओहः, इसलिए वो नाराज होकर घर आयी थी। उसको भी ग़लतफ़हमी हो गयी होगी। मैं उसको समझा देता हूँ"
मिहिर: "मुझे बहुत बुरा लग रह है। मैं नैना को साथ लेकर आया की वो प्रेरणा को समझाये। मैंने पहले कभी प्रेरणा को देखा नहीं था, वर्ना शायद यह प्रॉब्लम नहीं होता"
पराग: "कोई बात नाहि, दोनों ने एक जैसे कपड़े पहने थे और पीछे से दोनों एक जैसी दिखती हैं"
ताभी नैना मेरे बेडरूम से बाहर आयी और उसने मिहिर को बुलया। फिर वो दोनों मेरे बेडरूम में चले गए। दरवाजा बंद था तो मैं इन्तेजार करने लाग। २-३ मिनट्स के बाद मैंने सोचा मैं भी अंदर जाता हूँ और प्रेरणा को समझाता हू। मैं बेडरूम की तरफ बढ़ने ही वाला था की तभी नैना बेडरूम से बाहर आयी और दरवाज बंद कर मुस्कुराते हुए हेलो बोल कर मेरी तरफ बढी। मैने अब नैना को सामने से भी स्कैन करना शुरू किया। वो लगभग प्रेरणा की ही तरह हेल्थ में थी। सिर्फ एक बड़ा डिफरेंस था की प्रेरणा के मुम्मे नैना के मुकाबले कुछ बड़े थे। प्रेरणा को बच्चा होने से पहले जो साइज़ उसके मुम्मो का था वोही साइज अभी नैना के मुम्मो का था। इसके अलावा दोनों में कोई ज्यादा फर्क नहीं था। नैना ने मेरे पास आकर मुझे बताया की अब प्रेरणा ठीक हैं और शांत है। मिहिर उस से बात कर माफ़ी मांग रहा है। फिर नैना मुझसे मेरा हाल चाल पूछने लगी की इतने दिन यहाँ होने के बाद भी हम लोग पहली बार मिल रहे है।
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RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मै सोचने लगा की मेरे बेडरूम में मेरी बीवी किसी गैर मर्द के साथ अकेली है। यह बात नैना को अजीब क्यों नहीं लग रही है। मुझे थोड़ा डर था की जिस मर्द ने थोड़ी देर पहले मेरी बीवी को पकड़ लिया था वो अभी उसके साथ अकेला है। मै नैना को बोलै की मैं अंदर देख कर आता हूँ की कुछ प्रॉब्लम तो नहीं है। मैं आगे बढ़ता उसके पहले ही नैना की नाजुक मुलायम उंगलियो ने मेरी कलाई को पकड़ लिया। नैना की उंगलियो का मुझे पर पहला स्पर्श एक जादू सा कर गया और मैं वही रुक गया। नैना ने मुस्कुराते हुए कहा की उन दोनों के बीच मिस अन्दरस्टण्डींग हैं तो उन दोनों को ही सोलव करने देते है न। मुझे उसकी समझदारी की बात अच्छी लागि, वो एक सुलझि हुई महिला लग रही थी पर मैं प्रेरणा का रोता हुआ चेहरा याद कर थोड़ा चिंतित भी था। तभी बेडरूम का दरवाजा खुला और हँसते हुए मिहिर बाहर आया। उसने एक हाथ से प्रेरणा का हाथ थाम रखा था और उसको लेकर बाहर आया। खुशी की बात यह थी की प्रेरणा रो नहीं रही थी और उसके चेहरे पर एक हलकी सी स्माइल थी। मैंने भी चैन की साँस ली। मिहिर ने डिक्लेअर किया की अब सब ग़लतफ़हमी दूर हो चुकी हैं और प्रेरणा ने उसको माफ़ कर दिया है।
नैना बोली की अब हम सब लोग नीचे फंक्शन अटेंड करने जाते है। मैंने प्रेरणा को साड़ी चेंज करने को बोला ताकि फिर कोई कन्फूज़न ना हो क्यों की दोनों ने शेम साड़ी पहनी थी। प्रेरणा वापिस बेडरूम में चेंज करने गायी। मैंने उनको बोला की उन्हें इन्तेजार करने की जरुरत नहीं हैं और वो आगे बढ, हम लोग थोड़ी देर में ज्वाइन कर लेंग। मिहिर और नैना फिर मेरे घर से चले गए। प्रेरणा साड़ी बदल कर बाहर आयी और मैंने उसकी ख़ैरियत पुछी। फिर हम दोनों अपने बच्चे को लेकर नीचे सोसाइटी के फंक्शन में गए। फंक्शन में मेरी मिहिर से अच्छे से बात हुयी। वो एक छोटा मोटा बिज़नेस करता है। नैना एक हाउस वाइफ है। मुझे वो दोनों अच्छे इंसान लग रहे थे। दोनो बड़े सलीक़े से समझदारी भरी बातें कर रहे थे। मेरी मिहिर से अच्छी सी दोस्ती हो गयी थी। नैना और प्रेरणा भी हमारे साथ ही थे तो नैना से भी काफी बातें हुयी।
फंक्शन के बाद हम घर आये और बच्चे को सुलाने के बाद प्रेरणा बेडरूम में आयी। वो अभी गम्भीर लग रही थी। मैंने उसको कारण पुछा।
पराग: "क्या हुआ, तुमन तो मिहिर को माफ़ कर दिया न, अब क्यों टेंशन में हो?"
प्रेरणा: "माफ़ नहीं करती तो क्या करती? वो तो घुटनो के बल बैठ गया और मेरा पैर पकड़ माफ़ी माँगने लाग। बोला की जब तक मैं माफ़ नहीं करुँगी वो मेरा पैर नहीं छोडेगा"
पराग: "ऐसा क्या हो गया की तुम उसको माफ़ी माँगने पर भी माफ़ नहीं कर रही थी। एक ग़लती ही तो हुई थी एक जैसी साड़ी पहने होने से"
प्रेरणा: "मुझे अभी भी यकीन नहीं की वो एक ग़लती थी या जान बूझकर कर की गयी कोशिश थी"
पराग: "पूरी बात बतओ, क्या हुआ था"
प्रेरणा: "मैं वह नैना से मिलने गयी थी। उसने मुझे अंदर लिया और किचन में कुछ काम होने का बोल कर मुझे ड्राइंग में वेट करने को बोल। मैं वहां खड़ी थी की अचानक से मिहिर ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया और मुझे ओह डार्लिंग क्या लग रही हो बोला"
पराग: "हां तो यह ग़लतफ़हमी हो सकती हैं न!"
प्रेरणा: "तुम रहने दो, तुम नहीं समझोेंगे l शादी को ५ साल हो गए हैं, वो अभी भी नैना को डार्लिंग क्यों बोलेगा? तुम तो नहीं बोलते अब! शादी एक दो साल बाद ही तुमने प्यार भरे नाम बोलना बंद कर दिया था। उसको पता था की मैं वह खड़ी हूँ इसलिए मुझे डार्लिंग बोला था"
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RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
प्रेरणा इस सवाल पर भडक गयी और मेरा हाथ उसके पेट से हटा दिया और मैं जो उस से चिपका हुआ था तो मुझसे दूर हो गयी।
उसका ऐसा रिएक्शन देख कर मैं भी हैरान रह गया। वो सच में उस घटना से बहुत आहात हुई थी। मैने थोड़ा इन्तेजार करना ठीक समझ।
अगली रात जब प्रेरणा बेडरूम में कपड़े समेटने में बिजी थी तब मैंने उसको बोला की मिहिर और नैना दोनों ठीक लगे मुझको और भरोसेमंद है। प्रेरणा ने कहा की नैना तो ठीक हैं पर मिहिर के बारे में नहीं बोल सकति, उसको मिहिर पर अभी भी शक है। मैंने मिहिर को डिफ़ेंड करने की कोशिश की। मैं प्रेरणा से सच जानना चाहता था। मैने आगे बढ़कर प्रेरणा को बोल ही दिया की मिहिर ने अपने दूसरे हाथ से कही उसके मुम्मे तो नहीं पकड़ लिए थे। प्रेरणा कपड़े समेटते हुए कुछ नहीं बोळी।
मुझे लग गया की मिहिर ने जरूर प्रेरणा के मम्मो से पकड़ा होग, वर्ना प्रेरणा इतना ओवर रियेक्ट नहीं करती। मैंने आगे बढ़कर प्रेरणा के कंधे पर हाथ रखा और उसको विश्वास में लेते हुए फिर पूछा की मिहिर ने उसको कहाँ से छुआ था।
प्रेरणा ने अपने मुम्मो पर हाथ रखते हुए कहा की यहाँ से पकड़ा था। (मेरे मन में गुस्सा भर गया, उस मिहिर ने मेरी बीवी के मुम्मो को पकड़ लिया था।)
पराग: "भले ही ग़लती से ही साहि, पर मिहिर ने गलत तो किया हैं, उसको तुम्हे यहाँ से नहीं पकडना चाहिए था"
प्रेरणा: "मुझे तो इसमें भी डाउट हैं की उसने ग़लती से पकड़ा होगा"
पराग: "तुम्हे ऐसा क्यों लगा?"
प्रेरणा: "अगर ग़लती से पकड़ा होता तो एक सेकंड में ही पता चल जाता न की मैं उसकी बीवी नैना नहीं हूं, उसने कुछ सेकण्ड्स तक मुझे नहीं छोड़ा था"
पराग: "मैंने नैना को भी पीछे से देखा था, वो एकदम तुम्हारी तरह ही लगती हैं"
प्रेरणा: "मैं पीछे की नाहि, आगे की बात कर रही हू। तुम तो फंक्शन में नैना को देख रहे थे, हम दोनों के मुम्मो के साइज में कोई फर्क नहीं हैं क्या!"
पराग: "हां तुम्हारे मुम्मे नैना के मुकाबले बड़े हैं"
प्रेरणा: "ऐसी चीजे बड़े ध्यान से देखते हो तुम!"
पराग: "अब यह चीजे थोड़े ही छुपती हैं, दीख ही जाती हैं सामने से"
प्रेरणा: "मिहिर को मेरे मुम्मे दबाने में और नैना के मुम्मे दबाने में फर्क महसूस नहीं हुआ होगा क्या? उसको एक सेकंड में छूटे ही पता लग गया होगा की मैं नैना नहीं थी, पर फिर भी वो ८-१० सेकंड तक कुचलता ही रह, जब की मैं चीख़ रही थी। मैंने उसको दूर किया तब जाकर उसने मुझे छोड़ा और सॉरी सॉरी बोलने लाग। फिर मैं भाग कर अपने घर आ गायी।"
पराग: "मैं उस से बात करता हूं, उसकी अच्छे से खबर लेता हूं। ऐसे लोगो को सही टाइम पर समझाना जरुरी हैं"
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RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
प्रेरणा: "इसलिए मैं तुम्हे पूरी बात नहीं बता रही थी। अभी तुम कुछ मत करो। आगे देखते हैं, अगर उसकी नीयत ख़राब हुई तो फिर पता चल ही जाएगा"
पराग: "सच में ग़लतफ़हमी भी हो सकती है। तुम्हे बच्चा होने के बाद से पिछले एक साल में तुमने मुश्किल से मुझे २-३ बार अपने मुम्मो पर हाथ लगाने दिया होगा। इतने टाइम में तो आदमी भूजल ही जाता हैं की उसकी बीवी के मुम्मो का क्या साइज है। उसके साथ भी ऐसा कुछ हुआ होगा"
प्रेरणा: "मैंने तुम्हे सिर्फ २-३ बार हाथ लगाने दिया? आये दिन तो तुम मेरी छति को दबाते रहते हो!"
पराग: "सिर्फ एक ऊँगली लगाने को मुम्मा दबाना नहीं कहते हैं"
प्रेरणा: "बच्चा होने के बाद मेरे मुम्मो में दूध था, तुम्हे हाथ कैसे लगाने दू? मेरा दूध निकल जाता हैं और फिर कपड़ो पर दूध का दाग लग जाता हैं"
पराग: "दूध तो कुछ महीने बाद ख़त्म हो गया था, फिर भी तुमने मुझे अपने मुम्मे चुस्ने देना तो दूर की बाट, हाथ तक नहीं लगाने दिया"
प्रेरणा: "मुम्मो को हाथ लगाने से तुम्हे क्या मिल जायेगा! तुम्हारा जो मैं काम हैं चुदाई का वो तो तुम करते ही हो, उसमें तो कभी कोई कमी नहीं आयी न?"
पराग: "बात अभी मुम्मो को दबाने की हो रही है। एक साल में सिर्फ दो बार मुम्मो को दबाने दिया!"
प्रेरणा: "ठीक हैं, जब मेरा मूड होगा तब मैं तुम्हे हाथ लगाने दूंगी पर तुम ज्यादा नोचोगे नाहि, प्यार से पेश आओगे तभी हाथ लगाने दूंगी"
पराग: "और मुह से भी चुसने दोगी?"
प्रेरणा: "चूस भी लेना पर जब मैं बोलू तभी"
कब मेरा दिमाग रह रह कर वो मंजर बनाने लगा की कैसे मिहिर ने प्रेरणा को दबोचा होगा और इतनी देर तक मेरी बीवी के मुम्मो को मसला होगा। इस हक़ से तो काफी हद तक मैं भी मरहूम हूं। नैना के मुम्मे प्रेरणा जितने बड़े नहीं हैं तो मिहिर ने जरूर जान बूझकर यह ग़लतफ़हमी का खेल खेला होगा ताकि वो प्रेरणा के बड़े मुम्मो के मजे ले पाये और बच भी
जाये l फिर मैं खुद सोचने लगा की अगर मैं नैना के मुम्मे दबाऊंगा तो क्या मुझे नैना और प्रेरणा के मुम्मो में फर्क महसूस हो पायेगा या नहीं?
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इस तरह कुछ महीने निकल गए और नैना और प्रेरणा की दोस्ती इसी तरह चालती राहि। मुझे भी नैना के बारे में थोड़ा बहुत प्रेरणा से पता चल ही जात। प्रेरणा का भी सामना उसके बाद कभी मिहिर से नहीं हुआ। इस घटना का एक फायदा यह हुआ की अब हफ्ते में एक बार प्रेरणा मुझे अपने मुम्मो को दबाने देती मगर उसके गाउन और ब्रा सहित ही हाथ लगा पता था। कम से कम थोड़ी प्रोग्रेस तो हुई थी।
मैन कभी कभार सोसाइटी कंपाउंड में आते जाते मिहिर से मिल लेता था या बाहर वाक करते वक़्त वो मिल जाता तो थोड़ी बात हो जाया करती थी। उसने खुद थोड़े मजे लेकर मेरा थोड़ा फायदा तो कर ही दिया था, क्यों की प्रेरणा मुझे अब मुम्मे दबाने देती थी। दोपाहर में ऑफिस से जब भी मैं प्रेरणा को फ़ोन करता तो वो अधिकतर नैना के साथ ही पायी जाती। उन दोनों की दोस्ती बरकारार थी, एक बार मैंने प्रेरणा से बात करते हुए बैकग्राउंड में नैना के गाना गाने की आवाज भी सुनी। वो बहुत अच्छा गा रही थी तो मैंने प्रेरणा से पुछ ही लिया था की वो कौन गा रहा हैं, बहुत अच्छा गा रही है।
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