Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
10-30-2017, 02:25 PM,
#11
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
गतान्क से आगे..................
चोद चोद के प्यास बजा दूंगा तेरी
इतना चोदुंगा चाहे जान चली जाए मेरी .......
अब तू कुछ चिंता मत कर मेरी सोनी
अब कुछ गलती मुझसे नहीं होनी .....
चोद चोद का अब चोदु में बन गया हूँ
तेरी हसीं चूत का गुलाम में बन गया हूँ ....
चोद चोद कर तेरी चूत का भोसड़ा में बना दूंगा .....
तेरी चूत में ही रहने का घर में बना दूंगा .......


मैं ने उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो वो मेरे उपर गिर गये. मैं ने प्यार से उनके गले मे बाँहे डाल दी और बोली, अगर मेरी चूत की हालत खराब होती है तो खराब होने दे आख़िर आप की डॉक्टरी किस काम आय गी आप चुदाइ के बाद फिर दवाई लगा दीजिए गा. वसीम साहिब ने मेरी बात सुनकर प्यार से मेरे होंटो को चूम लिया और बोले, यानी तुम चुदे बगैर नही मानो गी. मैं हँसी और बोली, हा नही मानू गी जब तक आप ट्रेन की तरहा ज़बरदस्त तरीके से मेरी चुदाइ नही कर दे गे. क्यूँ के मेरे अंदर ये आग आप ने ही लगाई है और ये आप को ही भुजानी है. वसीम साहिब भी मेरी बात सुनकर हँसे और बोले, सोच लो मेरी जान बाद मे मत रोना के मेरी चूत फाट गई है. मैं मुस्कराई और बोली, नही रोउंगी बस आप मेरी चुदाइ करे. ये कह कर मैं ने उन्हे ज़ोर से बींच लिया और अपने होन्ट उनके होंटो से मिला दिए. अब वसीम साहिब भी कुछ नही बोले और वो मेरे बोसे का साथ देने लगे. फिर जब वसीम साहिब उठ कर अपने कपड़े उतारने लगे तो मैं उन्हे रोकती हुई बोली, नही वसीम साहिब आप के कपड़े मैं उतारू गी. वसीम साहिब मेरी बात सुनकर मुस्करा दिए. वसीम साहिब इस वक़्त पॅंट और बन्यान पहने हुए थे. मैं ने उठ कर पहले तो उनका बानयन उतारा फिर मैं ने उनकी पॅंट का बॉटन और ज़िप खोली और उनकी पॅंट नीचे करदी. मैं ने घोटनो के बल बैठ कर उनके दोनो पावं से पॅंट निकाल दी. अब वासी साहिब सिर्फ़ अंडरवेर मे थे. उनका अंडरवेर काफ़ी फूला हुआ था. मैं ने अपनी नज़रे उठा कर वसीम साहिब के चेहरे को देखा तो वो मुस्करा रहे थे. मैं भी मुस्कराई और उनकी अंडरवेर के उपर हाथ फेरने लगी.


मेरे हाथ फेरने से अंडरवेर के अंदर उनका लंड मचलने लगा और अंडरवेर की क़ैद से आज़ाद होने की कोशिश करने लगा. मुझे उनका मचलता हुआ लंड बोहत अछा लग रहा था और मैं ने अपना मुँह आगे कर के उनका लंड अंडरवेर के उपर से ही अपने मुँह मे ले लिया. मुझे बोहत माज़ा आया और मैं अंडरवेर के उपर से ही उनका लंड चूसने लगी. काफ़ी देर उनका लंड चूसने के बाद मैं ने उनकी अंडरवेर नीचे कर दी. अंडरवेर उतरते ही उनका लंड ऐक दम से उछल कर पूरा खड़ा होगया और किसी नाग की तरहा झूमने लगा. मुझे उनके लंड पर बोहत प्यार आरहा था इसलिए मैं ने अपने दोनो हाथो से उनका लंड पकड़ लिया और उनके लंड की टोपी से अपने होन्ट मिला दिए. मैं ने उनके लंड की टोपी का ऐक तवील किस लिया फिर जब मैं ने अपने होन्ट हटाए तो टोपी के सोराख से मनी का ऐक शफ्फाफ कतरा निकल आया. मैं ने अपनी ज़बान से वो कतरा उनकी पूरी टोपी पर फैला दिया और उनकी टोपी मुँह मे लेकर चूसने लगी. मुझे वसीम साहिब का लंड चूसने मे बोहत माज़ा आरहा था और वसीम साहिब को भी माज़ा आरहा था और इसी लिए उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी. वो कहने लगे, आअहह सोनिया डार्लिंग तुम तो बोहत हॉट और सेक्सी हो ऐसी चुसाइ तो आज तक किसी ने नही की आआअहह. वसीम साहिब से अपनी तारीफ सुनकर मैं खुश होगई और फिर मैं मज़ीद जोश के साथ उनका लंड चूसने लगी. फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता उनका लंड अपने मुँह मे अंदर बाहर करने लगी और फिर मे तेज़ी के साथ उनका लंड अपने मुँह मे अंदर भर कर के माज़े से चूसने लगी. मैं ने 10 मिनिट तक उनका लंड चूसा. मेरे चूसने से उनका लंड मज़ीद सख़्त होगया था. फिर मैं ने उनका लंड मुँह से निकाला और बेड पर लेट कर बोली, वसीम साहिब अब आप अपने लंड से मेरी चूत को फाड़ डाले. वसीम साहिब ने आकर मेरी दोनो टाँगे उठाई और मोड़ कर मेरे पेट से लगा दी फिर उन्हो ने झुक कर अपना लंड मेरी चूत के सोराख पर रखा और बोहत तेज़ झटका मारा. पहले ही झटके मे उनका लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स गया .
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10-30-2017, 02:26 PM,
#12
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गई. वसीम साहिब ने पूछा, क्या बोहत दर्द हुआ है मेरी जान. मैं मुस्कराई और बोली, नही वसीम साहिब ये तो माज़ा है दर्द नही आप मेरे चीखने की परवाह ना करे और खूब तेज़ झटके मारे. वसीम साहिब ने अपना लंड टोपी तक बाहर निकाला और वापिस ऐक झटके से जड़ तक मेरी चूत मे घुस्सा दिया. उनका ये झटका पहले झटके से ज़ियादा ज़ोरदार था और मेरे हलक़ से पहले से ज़ियादा तेज़ चीख निकली. वसीम साहिब बोले, सोनिया कही तुम्हारी चीखे तुम्हारे मा बाप तक ना पहुच जाए. मैं मुस्कराई और बोली, आप बेफिकर होकर मुझे चोदे ये कमरा कोने पर है और 2न्ड फ्लोर पर है अम्मी अब्बू निचले फ्लोर पर हैं मेरी चीखे नीचे नही जासकती आप बस तेज़ तेज़ झटके मारे. मेरी बात से वसीम साहिब का डर निकल गया के मेरी चीखे नीचे जाएँगी और फिर उन्हो ने खूब तेज़ रफ़्तारी के साथ मेरी चुदाइ शुरू करदी और मैं माज़े और दर्द से तड़पने लगी. वसीम साहिब ने सुबह 6 बजे तक खूब तेज़ी के साथ मेरी चूत और गंद की चुदाइ करी.


चुदाइ ख़तम हो जाने के बाद मे खुशी के मारे वसीम साहिब से लिपट गई और बोली, वसीम साहिब मैं आप की बोहत शूकर गुज़ार हूँ आप ने मेरी ज़िंदगी को माज़े से भरपूर कर दिया है. मैं पागल थी जो आप पर गुस्से कर रही थी आप ने तो मुझ पर एहसान किया है मुझे ऐक भरपूर लाज़्जत से रूबरू करवाया है मैं आप का ये एहसान सारी ज़िंदगी नही भूलूंगी और आज आप ने मुझे चोद कर अपना गुलाम बना लिया है. वसीम साहिब मेरी बाते सुनकर मुस्कराए और उन्हो ने मुझे प्यार से चूम लिया और बोले, मेरी जान तुम मेरी गुलाम नही बालके मेरे लंड की रानी हो और जहा तक एहसान की बात है तो मैं ये एहसान रोज़ करता रहूँगा . वसीम साहिब की बात पर मैं हंस पड़ी और मैं ने उन्हे चूम लिया. उसके बाद मैं अपने कमरे मे आकर सोगई. सुबह जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 10 बज रहे थे. मैं जल्दी से नहा कर नीचे आई तो वसीम साहिब नाश्ता करते हो मिले शायद वो भी अभी उठे थे. अब्बू ऑफीस जा चुके थे जब के अम्मी और शार्फ़ो बाबा किचन मे थे. मैं वसीम साहिब को देख कर खुशी से मुस्कराई और मैं ने आगे बढ़ कर उन्हे किस कर लिया. फिर जब मे वसीम साहिब के साथ नाश्ता कर रही थी तो अम्मी भी आगई. अम्मी के सामने वसीम साहिब मुझ से कहने लगे, सोनिया बेटी क्या तुम मुझे हयदेराबाद की सैर नही कर्वाओ गी. मैं ने अम्मी को देखा तो अम्मी कहने लगी, सोनिया वसीम साहिब की ज़िमेदारी तो तुम्हारे अब्बू ने तुम्हे ही दी है और अब ये तुम्हारे मेहमान हैं इसलिए इनकी सारी मेहमानदारी तुम ने ही करनी है और अब तुम्हारे मेहमान ने घूमने की फरमाइश करी है तो ये तुम्हारा फ़र्ज़ है के अपने मेहमान की फरमाइश पूरी करो. अम्मी की बात सुनकर मैं खुश होगई और मैं ने अम्मी से कहा, अम्मी आप बेफिकर रहे मैं अपने मेहमान की मेहमान नवाज़ी मे कोई कसर ना छोड़ूँगी. ये कह कर मैं वसीम साहिब को देख कर मुस्कराने लगी तो वसीम साहिब भी मुस्करा दिए.


नाश्ता करने के बाद मे वसीम साहिब के साथ कार मे बैठ कर चल दी. कार मे ही ड्राइव कर रही थी जब के वसीम साहिब मेरे जिस्म के साथ मस्तियाँ कर रहे थे. मैं मुस्करा कर बोली, वसीम साहिब कही ऐसी जगह चलते हैं जहा आप मेरी खूब ज़बरदस्त तरीके से चुदाई कर सके क्या ख़याल है किसी होटेल मे चले? वसीम साहिब बोले, अगर तुम को कोई अतराज़ ना हो तो यहा मेरा ऐक दोस्त है मुझे उस से कुछ काम था वाहा वो काम भी होजाय गा और तुम्हे चोदने के लिए मुझे ऐक पार्ट्नर भी मिल जाय गा मैं ज़रा ट्रेन की याद ताज़ा करना चाहता हूँ अगर तुम्हे अतराज़ नही हो तो? मैं मुस्कराई और बोली, अरे वसीम साहिब मैं अतराज़ करने वाली कोन होती हूँ जो आप बोलेंगे वो ही होगा आख़िर आप मेरे मेहमान हैं और मेहमान की हर ख्वाइश को पूरा करना मेज़बान का फ़र्ज़ होता है. मेरी बात सुनकर वसीम साहिब मुस्कराने लगे और बोले, वाइज़ मैं ने घर से निकलते वक़्त तुम से पूछे बगैर ही अपने दोस्त को फोन कर दिया था के मैं वाहा किस काम से आरहा हूँ. वसीम साहिब की बात सुनकर मैं ने उनकी तरफ देखा तो वो बोले, किया तुम्हे बुरा लगा? मैं मुस्कराई और बोली, नही वसीम साहिब बुरा लगने की कोई बात ही नही है, ये तो आप का अपना पन है जो मुझे बोहत अछा लगा, और जहा तक आप के दोस्त की बात है तो आप ने मुझे कुछ काबिल समझा है जब ही तो मुझ से पूछे बगैर अपने दोस्त को बोल दिया, और जहा तक बात चुदाई की है आप अकेले मुझे चोदे या अपने दोस्त के साथ मिल कर मुझे किया अतराज़ होना है,
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10-30-2017, 02:26 PM,
#13
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
मेरी बात सुनकर वसीम साहिब मुस्कराने लगे. फिर मैं ने वसीम साहिब के कहने पर कार ऐक प्लाज़ा मे रोक दी. वसीम साहिब के दोस्त का फ्लॅट 6थ फ्लोर पर था. हम लिफ्ट के ज़रये 6थ फ्लोर पर पहुँचे. फिर ऐक फ्लॅट के सामने रुक कर वसीम साहिब ने बेल बजाई. थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खोला और ऐक 60 साला शाकस की शकल नज़र आई. मुझे वो शख़्श जाना पहचाना महसूस हुआ. उस शख़्स ने मुझे गोर से देखा और और वो आगे बढ़ कर वसीम साहिब से गले मिला. गले मिलने के बाद वसीम साहिब ने हम दोनो का इंट्रोडक्षन करवाया, सोनिया ये मेरे बोहत अच्छे दोस्त हैं अस्घर साहिब और फिर वो अस्घर से बोले, और अस्घर ये हैं मेरी हयदेराबाद मे मेरी मेज़बान सोनिया. मैं ने हेलो कह कर अस्घर साहिब से हाथ मिलाया तो उसने मुस्करा कर मेरा हाथ ज़ोर से दबाया और वसीम साहिब से बोला, यार तेरी मेज़बान तो बोहत खूबसूरत है आज तो माज़ा आजाए गा. ये कह कर उसने मुझे लिपटने की कोशिश करी तो वसीम साहिब हंस कर बोले, अबे अंदर तो चल अंदर आराम से माज़े करना पूरा दिन है हमारे पास. वसीम साहिब की बात सुनकर अस्घर साहिब ने हंसते हो मुझे छोड़ दिया. फिर हम तीनो अंदर आगाय और अस्घर साहिब ने दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर अस्घर साहिब हमे लेकर ड्रॉयिंग रूम आगाये. ड्रॉयिंग रूम मे ऐक आदमी पहले से मोजूद था और वो हमे देख कर खड़ा होगया. उस आदमी की उमर भी 55 या 60 साल होगी. अस्घर साहिब ने उस आदमी का इंट्रोडक्षन करवाते हो वसीम साहिब से कहा, ये मेरे दोस्त तनवीर हैं और मैं ने आप की इजाज़त के बगैर ही इनको बुला लिया है अगर आप की मेज़बान को कोई अतराज़ है तो ये अभी चले जाएँगे. अस्घर साहिब की बात सुनकर वसीम साहिब मुझ से बोले, सोनिया तुम क्या कहती हो. मैं मुस्कराई और बोली, अब तनवीर साहिब वापिस जाएँगे गे तो मुझे अछा नही लगे गा वैसे भी ऐक से भले 2 और 2 से भले 3. ये तो और अछा है के मेरे माज़े मे और इज़ाफ़ा होजाए गा. मेरी बात पर तीनो मुस्करा दिए. फिर अस्घर साहिब बोले, हा वसीम केसे शुरू करना है. वसीम साहिब के कहने से पहले मैं बोली, अस्घर साहिब केसे शुरू करने से क्या मतलब मैं आप लोगो के सामने हूँ मुझे पकड़ कर नंगा करे और टूट पड़े मुझ पर. मेरी बात पर तीनो हंस दिए और फिर वो असल मे मुझ पर टूट पड़े. थोड़ी देर मे ही मैं उन तीनो के सामने नंगी पड़ी थी और वो तीनो भूके कुत्तों की तरहा मेरे जिस्म को चूमने और काटने लगे. काफ़ी देर तक वो तीनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे. मेरे जिस्म का ऐक भी हिस्सा ऐसा नही था जहा उन तीनो के होन्ट ना लगे हो. फिर मैं ने बारी बारी तीनो के लंड चूसे. मुझे बोहत खुशी होरही थी क्यूँ के उन तीनो मे से किसी का लंड भी 8 इंच से कम नही था. वसीम साहिब का लंड 9 इंच लंबा था अस्घर साहिब का लंड 8 इंच लंबा था जब के तनवीर साहिब का लंड सब से बड़ा और क्यूँ उनका लंड 9.5 इंच लंबा था. सब से पहले उन तीनो ने मुझे अकेले अकेले चोदने का फ़ैसला किया और फिर सब से पहले वसीम साहिब मुझे चोदने के लिए मेरे पास आगाये. वसीम साहिब ने मुझे डोगी स्टाइल मे खड़ा किया और पीछे से अपना लंड ऐक झटके से मेरी चूत मे घुस्सा दिया. वसीम साहिब का झटका बोहत ज़ोरदार था और मेरी तेज़ सिसकारी निकल गई. मैं खुशी से बोली, बोहत खूब वसीम साहिब बोहत तेज़ झटका मारा है आप ने. वसीम साहिब ने अपना लंड वापिस टोपी तक बाहर निकाला और तेज़ी के साथ वापिस मेरी चूत मे घुस्सा दिया और फिर वो तेज़ी के साथ झटके मारने लगे और मैं लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ लेने लगी. वसीम साहिब ने बोहत तेज़ी के साथ 20 मिनट मेरी चूत मारी और 15 मिनिट मेरी गंद और फिर वो मेरी फरमाइश पर अपने लंड की मनी मेरे मुँह मे निकाल कर फारिग होगये. फिर वसीम साहिब हटे तो अस्घर साहिब ने मुझे लिटाया और मेरी टाँगों को अपने कंधों पर रख कर अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया और मेरी चुदाइ शुरू करदी. अस्घर साहिब का लंड वसीम साहिब से ऐक इंच छोटा था मगर उनका लंड वसीम साहिब से मोटा था और इसी लिए मुझे बोहत माज़ा आरहा था. अस्घर साहिब ने 10 मिनिट तक मेरी चूत को चोदा फिर वो डोगी स्टाइल मे मेरी गंद मारने लगे. अस्घर साहिब के मोटे लंड से अपनी गंद मरवा कर मुझे बोहत माज़ा आरहा था इस लिए मैं ने फरमाइश करी के वो मेरी गंद ही मारते रहे. मेरी फरमाइश पर अषगर साहिब ने पूरे 30 मिनिट तक मेरी गंद मार मार कर मेरी गंद को सुजा दिया. अब तनवीर साहिब की बारी थी. तनवीर साहिब का लंड दोनो से लंबा और मोटा था और मैं दिल ही दिल मे डर रही थी और खुश भी होरही थी के मुझे दर्द के साथ बोहत माज़ा भी मिलने वाला है. और फिर तनवीर साहिब ने मुझे माज़े के सातवां आसमान पर पहुचा दिया. तनवीर साहिब ने मुझे पूरे ऐक घंटे तक कुत्तों की तरहा चोदा. तनवीर साहिब से चुदवा कर मैं पसीने पसीने होगई थी. चुदाई का ऐक दौर ख़तम होजाने के बाद हम चारों ने नंगे ही खाना खाया फिर खाना खाने के बाद उन तीनो ने ऐक साथ मुझे चोदने का फ़ैसला किया. पहले तनवीर साहिब नीचे लेट गये और मैं उनके उपर कमर के बल लेट गई. तनवीर साहिब ने अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया. फिर वसीम साहिब अपना लंड मेरी मेरी चूत मे डाल कर मेरे उपर लेट गये. अब मैं तनवीर साहिब और वसीम साहिब के दरमियाँ सॅंडविच बन गई थी. अस्घर साहिब मेरे मुँह की तरफ आए और उन्हो ने अपना लंड मेरे मुँह मे डाल दिया. फिर तीनो ने ऐक साथ झटके मारने शुरू कर दिए. ऐक साथ 3 मर्दों से चुदवाने का ये मेरा पहला तजुर्बा था और मुझे इस मे बोहत माज़ा आरहा था. आज पहली बार मुझे अंदाज़ा होरहा था के चुदाई मे कितना माज़ा है. मैं इन तीनो के लिए मुफ़्त का माल थी इस लिए वो तीनो मुझे बेदर्दी के साथ चोद रहे थे. फिर शाम 7 बजे तक उन तीनो ने चोद चोद कर मेरे जिस्म का जोड़ जोड़ दुखा दिया. फिर हम चारों ऐक साथ नहाए और नहाने के दोरान भी उन तीनो ने मुझे ऐक ऐक बार चोदा.

क्रमशः........................
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10-30-2017, 02:26 PM,
#14
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
गतान्क से आगे..................

नहाने के बाद तनवीर साहिब चले गये क्यूँ के उनको किसी काम से जाना था जब के मैं और वसीम साहिब खाने के लिए रुक गये. खाना खाने के दोरान मे अस्घर साहिब से बोली, अस्घर साहिब ऐसा लगता है जेसे मैं आप से पहले भी कही मिल चुकी हूँ. मेरी बात सुनकर अस्घर साहिब मुस्कराए और बोले, सोनिया शायद तुम्हे याद ना हो मगर मैं तुम्हे देखते ही पहचान गया था आख़िर मैं तुम जेसी खूबसूरत लड़की को भूल सकता हूँ. मैं बोली, हमारी मुलाक़ात कहा हुई है? अस्घर साहिब मुस्कराए और बोले, मैं और जब्बार (जब्बार मेरे अब्बू का नाम है) कॉलेज मे ऐक साथ पढ़ते थे खैर हम दोनो बोहत आछे दोस्त तो नही थे पर अच्छी सलाम दुवा थी. 2 साल पहले मेरी बेटी की शादी थी और तुम अपने बाप के साथ आई थी और मैं अब सोच रहा हूँ के तुम्हारे बाप से दोस्ती बढ़ानी पड़े गी. मैं मुस्कराई और बोली, हा हा अस्घर साहिब क्यूँ नही और आज आप ने मुझे चोद कर जो माज़ा दिया है मैं ये माज़ा आप से फिर लेना चाहती हूँ. अस्घर साहिब ने मेरी कमर मे हाथ डाल कर मुझे अपनी तरफ घसीटा और बोले, मेरी जान फिर कभी क्यूँ मैं वो माज़ा तो अभी देने को तय्यार हूँ. मैं मुस्कराई और बोली, अस्घर साहिब देर बोहत होगई है अम्मी अब्बू परेशान होरहे होंगे और आप के घर वाले भी तो आने वाले होंगे. अस्घर साहिब हँसे और बोले, मैं यहा नही रहता हूँ ये फ्लॅट तो मैं ने इसी काम के लिए ले रखा है. अस्घर साहिब की बात सुनकर मैं मुस्करा दी और फिर वसीम साहिब बोले, सोनिया मूड तो मेरा भी होरहा है चोदने का तुम ऐक ऐक बार हम दोनो से और चुदवा लो. मैं ने घड़ी की तरफ देखा जो रात के 8 बजा रही थी. वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, तुम फिकर ना करो तुम्हारे बाप को मैं संभाल लूँगा. मैं मुस्कराई और बोली, अगर ऐसी बात है तो मुझे कोई अतराज़ नही है. मैं जो कपड़े पहन चुक्की थी अस्घर साहिब और वसीम साहिब ने मुझे फिर नंगा कर दिया और खुद भी नंगे होगये. फिर अस्घर साहिब और वसीम साहिब ने मुझे ऐक ऐक बार के बजाय 2, 2 बार चोदा. फिर जब मैं और वसीम साहिब घर पहुँचे तो रात के 10 बज गये थे. अब्बू ऑफीस से आचुके थे और परेशान होरहे थे. हमे देखते ही अब्बू वसीम साहिब से बोले, यार वसीम कहा रह गये थे मैं तो बोहत परेशान होरहा था. वसीम साहिब हँसे और बोले, अरे यार इस मे परेशान होने की क्या बात है. तुम्हारी बेटी मुझे हयदेराबाद की सैर करवा रही थी फिर रास्ते मे गाड़ी खराब होगई इसलिए देर होगाई और फिर सोनिया मेरे साथ थी तो परेशानी की क्या बात थी. अब्बू वसीम साहिब की बात सुनकर बोले, यार तेरी बात तो ठीक है पर परेशानी तो थी ना. वसीम साहिब हँसे और बोले, अरे जेसे सोनिया तेरी बेटी है वैसे ही मेरी बेटी है अब ये अपना चेहरा सही कर और जा कर आराम कर और हमे भी आराम करने दे बोहत तक गये हैं हम दोनो. अम्मी ने खाने का पूछा तो हम ने मना कर दिया के खाना खा कर आए हैं. फिर जब वसीम साहिब उपर अपने कमरे मे गये तो मैं भी पीछे पीछे उनके कमरे मे चली गई और जाकर उनसे लिपट गई और बोली, अछा तो जनाब अब मैं आप की बेटी जेसी हूँ. मेरी बात सुनकर वसीम साहिब ने मेरे होंटो को चूमा और बोले, मेरी जान कहने से क्या फ़र्क़ पड़ता है वैसे तुम हो तो मेरी बेटी के बराबर और वैसे अगर तुम मेरी बेटी भी होती तो फिर भी मैं तुम्हे चोद देता. मैं मुस्कराई और बोली, ऐसे केसे चोद देते. वसीम साहिब ने मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर गिराया और अपने कपड़े उतारते हुए बोले, ऐसे चोद देता जेसे मैं तुम्हे अभी चोदुन्गा. मैं लेटी होई मुस्कराने लगी. अपने कपड़े उतारने के बाद वसीम साहिब ने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मुझ पर चढ़ कर लेट गये. थोड़ी देर बाद ही मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ कमरे मे गूँज रही थी और वसीम साहिब तेज़ी के साथ अपना लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर कर रहे थे. मुझे पता था के अम्मी, अब्बू या शार्फ़ो बाबा मे से कोई भी रात मे उपर नही आता इस लिए मैं बेफ़िक्र थी और हम ने अंदर से दरवाज़ा भी लॉक करना ज़रूरी नही समझा था. अभी वसीम साहिब को मुझे चोदते हो 20 मिनिट ही हुए थे के दरवाज़े पर खटका हुआ तो हम दोनो चौंक पड़े और फिर इस से पहले हम कुछ समझते के दरवाज़ा खुला और शार्फ़ो बाबा कमरे के अंदर आ गये.
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10-30-2017, 02:26 PM,
#15
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
अंदर का मंज़र देख कर वो हेरान रह गये जब के वसीम साहिब घबरा कर मेरे उपर से उतर गये और मैं भी घबरा गई थी. शार्फ़ो बाबा धोती और कुर्ते मे थे और मैं ने उनकी धोती मे होने वाली हलचल सॉफ महसूस कर ली. शार्फ़ो बाबा पहले तो हेरान हुए फिर हम दोनो को उन्हो ने घबराया हुआ देखा तो उन्हे गुस्सा आगेया और वो गुस्से से बोले, यहा ये क्या होरहा है क्या मैं अभी जाकर साहिब को बताऊ आप लोगो की हरकत के बारे मे. मैं ने सॉफ महसूस किया के शार्फ़ो बाबा के गुस्से मे कड़क पन नही है और उनकी नज़रे मेरे खूबसूरत और सेक्सी जिस्म पर जेसे अटक सी गई थी. वसीम साहिब जो पहले घबरा गये थे अब संभाल कर बोले, तुम यहा क्या कर रहे हो ये मेरा और सोनिया का आपस का मामला है. शार्फ़ो बाबा गुस्से से बोले, ठीक है मैं ये आप दोनो का मामला साहिब को बता देता हूँ फिर वो खुद ही निपट लेंगे . शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर तो मेरी रूह ही फ़ना होगई जब के वसीम साहिब बोले, तुम नमार्द हो जब ही जाकर ये बात जब्बार को बताओ गे अगर तुम मर्द होते तो अभी आकर सोनिया को चोद देते. नमार्द की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा को गुस्सा आगेया और वो बोले, वसीम साहिब मैं नमार्द नही हूँ मगर मैं सही और ग़लत की पहचान रखता हूँ सोनिया को मैं ने बेटी की तरहा पाला है तो मैं सोनिया के साथ ऐसा केसे कर सकता हूँ. वसीम साहिब हँसे और बोले, ये सब बहाने हैं अपनी नमार्दी छुपाने के लिए और सोनिया तुम्हारी बेटी तो नही है ना अगर तुम मर्द हो तो सोनिया को चोद कर दिखाओ जेसे मैं चोद रहा था और सोनिया मेरी बेटी की उमर की है मैं ने तो ये नही सोचा जो ठीक लगा वो किया. शार्फ़ो बाबा बोले, वसीम साहिब आप मुझे भटका रहे हैं. वसीम साहिब ने कहा, मैं भटका नही रहा हूँ बलके तुम्हारी असलियत बता रहा हूँ के तुम नमार्द हो. वसीम साहिब की बातों से मैं ने अंदाज़ा लगा लिया था के वो क्या करना चाहते हैं और इसी लिए अब मैं भी डर की केफियत से बाहर आगाई थी. शार्फ़ो बाबा ने कहा, आप चाहे जो कहे पर मेरा और सोनिया बेटी का रिश्ता नाजायज़ होगा. वसीम साहिब हँसे और बोले, कुछ देर का रिश्ता नाजायज़ नही होता अगर तुम मर्द हो तो सोनिया को चोदो वरना यहा से चले जाओ. ये कह कर वसीम साहिब ने डोगी स्टाइल मे होने को कहा तो मैं डोगी पोज़िशन मे आगई. वसीम साहिब ने मेरे पीछे से आकर अपना लंड मेरी चूत मे घुस्साया और ऐक ज़ोरदार झटका मारा. वसीम साहिब का झटका बोहत ज़ोरदार था और मेरे हलक़ से बे इकतियार तेज़ सिसकारी निकल गई. मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारी ने शार्फ़ो बाबा को बेचैन कर दिया और उनकी धोती कुछ और तन गई. वसीम साहिब ने ऐक तेज़ झटका और मारा और मुस्कराते हो शार्फ़ो बाबा से बोले, देखो मर्द ऐसे चोदते हैं मगर तुम जेसे नमार्द ऐसा नही कर सकते. अब वसीम साहिब के ताने शार्फ़ो बाबा की बर्दाश्त से बाहर होगये थे और उन्हो ने ऐक दम से अपनी धोती खोल कर फीँक दी और उनका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड ऐक झटके से पूरा का पूरा खड़ा होगया. शार्फ़ो बाबा बोले, बस बोहत होगया अब मैं बेज़्जती बर्दाश्त नही कर सकता आज मैं साबित कर दूँगा के मैं नमार्द नही हूँ और तुम से अछी तरहा सोनिया को चोद कर दिखाउन्गा. ये कह कर शार्फ़ो बाबा करीब आगाये तो वसीम साहिब ने मुस्कराते हो मुझे चोदना बंद कर दिया और मुझ से अलग होगये. गुस्से की वजा से शार्फ़ो बाबा का चेहरा लाल होरहा था और उन्हो ने बेदर्दी के साथ ऐक ही झटके मे अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दिया. शार्फ़ो बाबा का झटका बोहत ही ज़ोरदार था और मैं ये झटका बर्दाश्त नही कर पाई और मैं चीखती हुई गिर पड़ी. शार्फ़ो बाबा ने मुझे दोबारा चारों हाथ पेरो पर खड़ा किया और पहले से भी ज़ियादा ज़ोरदार झटका मारा. शार्फ़ो बाबा के झटके के ज़ोर से मैं फिर चीखी और गिर पड़ी. अब के शार्फ़ो बाबा ने मुझे उठाया नही बलके वो कुछ और मेरे उपर झुक आए और खूब तेज़ी के साथ झटके मार कर मुझे चोदने लगे. शार्फ़ो बाबा का लंड पत्थर की तरहा ठोस और सख़्त था. मुझे दर्द तो बोहत होरहा था मगर उस से भी ज़ियादा माज़ा आरहा था. मैं बुरी तरहा से चीख रही थी सिसक रही थी और शार्फ़ो बाबा खूब तेज़ी के साथ मेरी चुदाइ कर रहे थे. वसीम साहिब ऐक तरफ खड़े अपनी कामयाबी पर मुस्करा रहे थे. शार्फ़ो बाबा ने 15 मिनिट तक मेरी चूत को फाडा फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गंद मे घुसा दिया और खूब तेज़ी के साथ झटके मारते हुए मेरी गंद मारने लगे. फिर शार्फ़ो बाबा ने 20 मिनिट तक मेरी गंद और फिर वो अपने लंड की मनी मेरी गंद मैं छोड़ कर फारिग होगये. 35 मिनिट की चुदाइ ने ही मेरे जिस्म का जोड़ जोड़ दुखा दिया था और मैं नीचे लेट कर लंबे लंबे सांस लेने लगी. शार्फ़ो बाबा उठ कर खड़े होगये और वसीम साहिब से बोले, अब बताओ मैं मर्द हूँ या नमार्द? वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, शार्फ़ो बाबा आप पूरे मर्द हैं बलके ऐक मज़बूत मर्द हैं मैं तो पहले ही जानता था मगर मैं तो आप को नमार्द बोल कर जोश दिला रहा था. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा चोन्के और बोले, क्या मतलब है आप का? वसीम साहिब मुसकराए और बोले, मतलब ये के मैं चाहता था के आप गुस्से मे आकर सोनिया को चोद दे. शार्फ़ो बाबा को अब भी बात समझ नही आई और वो बोले, मगर आप ऐसा क्यूँ चाहते थे? वसीम साहिब ने कहा वो इस लिए के आप मेरे और सोनिया के बारे मैं अपने साहिब को ना बता सकैं और मैं खूब माज़े से सोनिया की चुदाई कर सकू. ये कह कर वसीम साहिब मुस्कराने लगे. अब शार्फ़ो बाबा भी मुस्कराए और बोले, यानी आप ने मुझे जोश दिला कर अपने आप को सेव किया है. वसीम साहिब शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर हँसे और बोले, तो किया मैं ने ग़लत किया है. शार्फ़ो बाबा ने ऐक नज़र मुझे देखा और फिर वसीम साहिब से बोले, मगर वसीम साहिब बिचारी सोनिया बेटी का हशर नशर होगया है.
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10-30-2017, 02:26 PM,
#16
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
वसीम साहिब ज़ोर से हँसे और बोले, ये तो होना ही था लोड्‍े की नीचे आकर कों बच पाया है वैसे आप फिकर ना करे सोनिया के बारे मे, आप इस से पूछे के मैं अब तक इस को किस किस तरहा चोद चुक्का हूँ वैसे ये तो बताए के आप कमरे मे आए क्यूँ थे. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा ने अपने माथे पर हाथ मारा और बोले, लो मैं चुदाई के चक्कर मे भूल ही गया के आप को साहिब ने बोलाया था. शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर वसीम साहिब बोले, अछा मैं तुम्हारे साहिब से मिल कर आता हूँ जब तक आप यही रहिए गा क्यूँ मैं चाहता हूँ के आज रात सोनिया की चुदाई मे आप मेरा साथ दे. वसीम साहिब की बात सुनकर शार्फ़ो बाबा ने खुश होकर सर हिला दिया. फिर वसीम साहिब तो कपड़े पहन कर कमरे से चले गे जब के शार्फ़ो बाबा मेरे पास आकर बैठ गये. उन्हो ने मेरी चूत को देखा जो सूजी हुई थी और वो बोले, सोनिया बेटी क्या बोहत दर्द होरहा है. मैं शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर मुस्करा दी और बोली, नही बाबा दर्द केसा मुझे तो आप की चुदाई से बोहत माज़ा आया है. शार्फ़ो बाबा बोले, बेटी मुझे अभी तक यही फील होरहा है के मैं ने तुम्हारे साथ ग़लत किया है और मैं ने तो तुम्हे अपनी गौद मे खिलाया है और फिर तुम्हारी और मेरी उमर मे कितना फ़र्क़ है. शार्फ़ो बाबा की बार सुनकर उठ कर बैठ गई और बोली, उमर से किया फ़र्क़ पड़ता है बाबा बस आदमी का लंड मज़बूत होना चाहिए और आप का लंड तो किसी जवान आदमी से भी ज़ियादा मज़बूत है और रही बात गौद मे खिलाने की तो आप ये समझे के आप मुझे चोद कर अपना हक़ वसूल कर रहे हैं मुझे पालने पोसने का हक़ और अब आप ज़ियादा ना सोचिए और अब मैं आप को ये बताती हूँ के वसीम साहिब ने मुझे किस किस तरहा और किस किस से चुदवाया है. फिर मैं ने शार्फ़ो बाबा को ट्रेन मे अपने रेप से लेकर अस्घर साहिब के घर मे होने वाली अपनी ज़बरदस्त चुदाई तक सब कुछ बता दिया. मेरी चुदाई की ज़बरदस्त दास्तान सुनकर शार्फ़ो बाबा का लंड फुल खड़ा होगया और झटके खाने लगा. शार्फ़ो बाबा ने कहा गैर लोगो के यार दोस्त तुम्हे चोद रहे हैं और यहा मैं अब तक सिर्फ़ हाथ पर ही गुज़ारा कर रहा था. शार्फ़ो बाबा की बात सुनकर मैं हंस पड़ी और बोली, शार्फ़ो बाबा अब आप को कभी मूठ नही मारनी पड़े गी आप का जब दिल चाहे मुझे चोद लीजिए गा मैं आप को कभी भी मना नही करूँगी. अगर बाहर के लोगो से मैं चुदवा सकती हूँ तो आप का हक़ तो सब से ज़ियादा है आप तो इस हक़ पर मुझे पकड़ पकड़ कर चोद सकते हैं. शार्फ़ो बाबा अपना लंड मसलते हुए बोले, फिर मुझे मेरा हक़ दो मेरा लंड फुल मस्ती मे है. मैं मुस्कराई और बोली, मैं अभी इसकी सारी मस्ती निकाल देती हूँ. ये कह कर मैं झुकी और मैं ने अपने मुँह मे शार्फ़ो बाबा का लंड ले लिया और वो चुसाइ लगाई के शार्फ़ो बाबा ने 20 मिनिट बाद ही मेरे मुँह मे फाइयर कर दिया. मैं माज़े से उनके लंड से निकलने वाली मनी पी गई. मैं ने अछी तरहा से चाट चाट कर शार्फ़ो बाबा का लंड सॉफ किया और फिर दोबारा उसे मुँह मे लेकर चूसने लगी. 5 मिनिट बाद ही उनका लंड साँप की तरहा फनकारियाँ मारने लगा. मैं ने उनका लंड मुँह से निकाला और लेटते हो बोली, शार्फ़ो बाबा आओ और मुझे चोद कर अपना हक़ वसूल कर लो. शार्फ़ो बाबा ने मेरी टाँगे उठा कर अपने कंधों पर रखी और अपना लंड मेरी चूत पर मसलने लगे. फिर इस से पहले शार्फ़ो बाबा अपना लंड मेरी चूत मे घुसाते के कमरे का दरवाज़ा खुला और वाहा वसीम साहिब खड़े नज़र आए. वो मुस्कराते हुए कमरे आए और दरवाज़ा लॉक करते हुए बोले, वाह शार्फ़ो बाबा अकेले अकेले ही माज़े हो रहे हैं. शार्फ़ो बाबा हँसे और बोले, वसीम साहिब आप को किस ने माना किया है आप तो मेहमान हैं और मेहमान का हक़ ज़ियादा होता है. ये कह कर शार्फ़ो बाबा हटने लगे तो वसीम साहिब ने उन्हे रोकते हुए कहा, अरे आप क्यूँ हट रहे हैं आज तो पूरी रात हम दोनो मिल कर सोनिया की चुदाई करेंगे . फिर शार्फ़ो बाबा ने अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया और फिर वो इसी तरहा मुझे गौद मे उठा कर खड़े होगये. फिर पीछे से आकर वसीम साहिब ने अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया और उसके बाद दोनो ने खूब ज़ोर-ओ-शोर से झटके मार कर मुझे चोदना शुरू कर दिया और मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ कमरे मे गूंजने लगी. दोनो ने मेरी सुबह 5 बजे तक खूब छुदाई करी फिर शार्फ़ो बाबा तो कमरे से चले गये जब के मैं वसीम साहिब से लिपट कर सो गई

क्रमशः........................
.........
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10-30-2017, 02:26 PM,
#17
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
गतान्क से आगे..................

सुबह 9 बजे शार्फ़ो बाबा ने आकर हम दोनो को उठाया. मैं और वसीम साहिब नंगे ही सोगये थे. वसीम साहिब की आँख खुली तो उनका लंड भी अंगड़ाई लेकर खड़ा होगया. मैं ये देख कर मुस्कराई और मैं ने उनका लंड पकड़ लिया और बोली, वसीम साहिब आप का लंड भी आप के जागते ही खड़ा होगया है. वसीम साहिब ने मुझे लिपटा कर किस किया और बोले, मेरी जान इसे भूक लगी है और ये नाश्ता माँग रहा है. मैं हँसी और बोली, तो आप ने बिचारे को भूका क्यूँ रखा हुआ है करआईए ना इसे नाश्ता. मेरी बात सुनकर वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, अभी लो मेरी जान और ये कह कर वसीम साहिब ने मुझे झुका और अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी. मेरी चुदाई देख कर शार्फ़ो बाबा को भी जोश आगेया और उन्हो ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वसीम साहिब के साथ मेरी चुदाई मे शामिल होगे और फिर दोनो ने आधे घंटे तक मेरी ज़बरदस्त तरीके से चुदाई करी. चुदाई के बाद शार्फ़ो बाबा तो कपड़े पहन कर चले गये जब के वसीम साहिब मुझे गौद मे उठा कर बाथरूम मे ले आए और हम दोनो ऐक साथ बाथरूम मे नहाने लगे. वसीम साहिब मुझे साबुन मल रहे थे और वसीम साहिब को मैं और फिर जब मैं ने वसीम साहिब का लंड साबुन से रगड़ा तो वो फुल अकड़ गया. लंड के अकड़ते ही वसीम साहिब ने मुझे पकड़ लिया. मैं मुस्कराई और बोली, क्या आप का अभी तक दिल नही भरा. वसीम साहिब हँसे और बोले, मेरी जान तुम चीज़ ही ऐसी हो के तुम को जितना चोदता हूँ उतनी ही चोदने की ख्वाइश बढ़ती जाती है. अपनी तारीफ सुनकर मैं मुस्करदी जब के वसीम साहिब ने अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दिया और बातरूम मे ही मेरी चुदाइ शुरू करदी. फिर जब हम दोनो नीचे उतरे तो अब्बू और अम्मी हमारा नाश्ते पर इंतेज़ार कर रहे थे. नाश्ते के दोरान अब्बू ने वसीम साहिब से पूछा, यार क्या आज भी तुम दोनो का घूमने का प्रोग्राम है. वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, हा यार अभी मैं ने पूरा हयदेराबाद कहा देखा है. अब्बू ने कहा, मगर यार तुम्हे आज का प्रोग्राम कॅन्सल कर होगा बलके 3 या 4 दिन तक तुम्हे घर मे रहना होगा. अब्बू की बात सुनकर मैं और वसीम साहिब दोनो ही चोंक गये. वसीम साहिब ने कहा, क्या मतलब मैं समझा नही? अब्बू ने कहा, यार वो आज सुबह फोन पर हमे खबर मिली है के हमारे मुल्तान मे किसी रिश्ते दार का इंतिक़ाल होगया है और मैं और तुम्हारी भाभी को मुल्तान जाना है. मैं सोनिया को नही ले जाना चाहता और मैं चाहता हूँ के जब तक हम दोनो वापिस ना आए तुम सोनिया का ख़याल रखो. अब्बू की बात सुनकर मैं और वसीम साहिब दोनो ही खुश होगये मगर हम दोनो ने अपनी खुशी को ज़ाहिर नही होने दिया. वसीम साहिब आफ़सूस से बोले, यार बोहत दुख हुआ इंतिक़ाल का सुनकर मगर तुम जल्दी आने की कोशिश करना. अब्बू ने कहा, यार मैं देखूँगा के कब तक आसकू. फिर नाश्ते के बाद अम्मी और अब्बू ने तय्यरी की और चले गये.
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10-30-2017, 02:26 PM,
#18
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
अम्मी और अब्बू के जाते ही वसीम साहिब ने खुशी का नारा मारा और मुझे लिपटा लिया और बोले, मेरी जान अब तो किस्मत भी मेरा साथ दे रही है के मैं तुम्हे खूब दिल भर कर चोद साकू. मैं भी मुस्कराई और बोली, हा वसीम साहिब आप ठीक कह रहे हैं के किस्मत बार बार आप को मोका दे रही है मेरी चुदाई करने का. वसीम साहिब खुशी से बोले, मेरी जान अब तो जशन मनाने को दिल चाह रहा है के इन 3, 4 दिनो तक खूब मोज मस्ती होनी चाहिए. इतनी देर मे शार्फ़ो बाबा भी आगाये और वो भी बोहत खुश थे. वसीम साहिब ने कहा, सोनिया मे चाहता हूँ जब तक तुम्हारे मा बाप नही आजाते मैं अस्घर और तनवीर को यही बोला लूँ अगर तुम्हे अतराज़ ना होतो? मैं मुस्कराई और बोली, वसीम साहिब मैं ने पहले भी कहा था के मुझे कोई अतराज़ नही है जेसे आप को ठीक लगता है आप वेसा ही करो. वसीम साहिब ने फॉरन ही अस्घर साहिब को फोन किया और सारी बात बता दी और यहा आने को कहा. फोन पर कुछ दायर अस्घर साहिब की बात सुनकर उन्हो ने मुझ से कहा, सोनिया अस्घर कह रहा है के जशन शानदार तरीके से मनाना चाहिए और इसी लिए वो अपने कुछ दोस्तो को भी लाना चाह रहा है. मैं मुस्कराई और बोली, मुझे कोई अतराज़ नही है अस्घर साहिब जिस को भी लाना चाहे ला सकते हैं. ये बात वसीम साहिब ने अस्घर साहिब को बोल दी फिर उन्हो ने फोन बंद कर दिया. मैं शार्फ़ो बाबा से बोली, शार्फ़ो बाबा अगर आप भी किसी को बुलाना चाहे तो बिना झीजक बुला सकते हैं. शार्फ़ो बाबा ने कहा, मगर मेरे दोस्त तो मेरी ही तरहा मुलाज़िम टाइप ही होंगे. वसीम साहिब मुस्कराए और बोले, शार्फ़ो बाबा वो किसी भी टाइप के हो पर उन्हे मर्द होना चाहिए जो खूब जम कर छुदाई कर सकैं. शार्फ़ो बाबा ने कहा, अछा तो ठीक है मैं भी अपने यार दोस्तो को दावत दे देता हूँ. आधे घंटे बाद ही अस्घर साहिब तनवीर साहिब और उनके अलावा 6 और आदमियों के साथ घर पहुँच गये. इतनी देर मे मैं ने अपने कपड़े उतार कर बगैर ब्राज़ेर और अंडरवेर के अपनी नाइटी पहन ली थी जो इतनी छोटी थी के उस से सिर्फ़ मेरे कूल्हे ही छुप रहे थे. अस्घर साहिब ने मेरा सब से इंट्रोडक्षन करवाया तो उन सब लोगो ने मुझ से हाथ मिलाते वक़्त मेरे बूब्स को भी ज़रूर दबाया. फिर थोड़ी देर बाद शार्फ़ो बाबा भी अपने 5 दोस्तो को लेकर आगाए. शार्फ़ो बाबा के सब दोस्त शार्फ़ो बाबा से उमर मे छोटे थे.


अब घर मैं मेरे अलावा 14 आदमी थे. वसीम साहिब ने मुझ से कहा, सोनिया डार्लिंग आजाओ मेदान मे. मैं ने उठ कर अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी. मेरे नाइटी उतारने से सब बोहत जोश मे आगे और सब ने अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिए. इतने सारे लंड देख कर पहले तो मैं घबराई फिर सोचा जो भी है माज़ा आए गा. फिर सब ही ऐक साथ मुझे पर टूट पड़े और कमरे मे ऐक धमा चौकड़ी शुरू होगाई. मेरे जिस्म का ऐक भी हिस्सा ऐसा नही था जहा किसी की ज़बान का होन्ट ना लगे हो हो. आधे घंटे तक तो वो सब कुत्तों की तरहा मेरे जिस्म को चाटते रहे. फिर वसीम साहिब ने कहा के पहले सब सोनिया को अकेले अकेले चोदे गे और फिर 2, 2 के ग्रूप मे चुदाई का दोसरा दोर शुरू होगा और फिर तीसरा दोर 3, 3 के ग्रूप मे चुदाई का होगा.
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10-30-2017, 02:27 PM,
#19
RE: Desi Sex Kahani पापा के दोस्तो ने जम के पेला
वसीम साहिब का आइडिया सब को पसंद आया और फिर सब से पहली बारी भी वसीम साहिब की ही थी. वसीम साहिब ने 40 मिनिट तक मेरी खूब शानदार तरीके से चुदाई करी और मैं इस दोरान 4 बरतबा फारिग होई, दोसरा नंबर अस्घर साहिब का था और उन्हो ने मेरी 35 मिनिट तक चुदाई करी और मैं इस दोरान 2 मर्तबा फरीक हुई, तीसरा नंबर शार्फ़ो बाबा का था और उन्हो ने मेरी 50 मिनिट तक मेरी जम कर चुदाई करी और मैं शार्फ़ो बाबा से चुदवाते हुए 6 मर्तबा फारिग हुई, चोथा नंबर तनवीर साहिब था और उन्हो ने मेरी 45 मिनिट तक छुदाई करी और उन्हो ने मेरा 4 मर्तबा पानी निकाला. फिर इस के बाद सब ऐक ऐक कर के आते रहे और मेरी खूब छुदाई करते रहे. मुझे सब से ज़ियादा देर तक शार्फ़ो बाबा के ऐक पठान दोस्त ने चोदा. उसने मुझे पूरे 1 घंटे 20 मिनिट तक तेज़ी के साथ चोदा और चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को सूजा दिया. मेरी चुदाई का पहला डोर ख़तम होते होते रात के 12 बज गये. इन लोगो ने मेरी चुदाई सुबह 11 बजे शुरू करी थी यानी मैं ने मुसलसल 13 घंटों तक चुदवाया था. 13 घंटे की चुदाई के बाद मैं बुरी तरहा से थक चुक्की थी. वसीम साहिब ने मेरी बुरी हालत को देखते हुए कहा के अभी सोनिया को आराम करने दिया जाय ताकि ये सुबह तक फ्रेश होजाय और फिर हम सब मिल कर सुबह इस की दोबारा से चुदाई शुरू करेंगे . सब ने वसीम साहिब की बात से इत्तेफ़ाक़ किया. फिर हम सब ने खाना खाया और नंगे ही सोने के लिए लेट गये. सुबह 9 बजे तक हम सब उठ गये फिर नाश्ता करने के बाद मेरी चुदाई का दोसरा दोर शुरू हुआ. अब के बार वो लोग 2, 2 के ग्रूप मे मेरी चुदाइ करने लगे. वसीम साहिब ने कहा था के हर ग्रूप 1 घंटे तक सोनिया को चोदे गा. फिर मेरी चुदाई का दोसरा दोर ख़तम हुआ तो शाम के 5 बजने वाले थे. फिर हम सब ने खाना खा के थोड़ा आराम किया. और फिर शाम के 7 बजे मेरी चुदाई का तीसरा दोर शुरू होवा अब की बार वो लोग 3, 3 के ग्रूप मे मुझे चोद रहे थे. मेरी चुदाई का तीसरा दोर रात के 12 बजे ख़तम होना था मगर उन लोगो ने ये दोर 2 मर्तबा चलाया और उन लोगो ने मुझे सुबह 5 बजे तक मुसलसल खूब जम कर चोदा. फिर हम सब सोने के लिए लेट गये. फिर अम्मी और अब्बू वापिस ना आगाये वो लोग मुझे इसी तरहा चोदते रहे. अब्बू और अम्मी गये तो 2 या 3 दिन के लिए थे मगर वो लोग पूरे 10 दिन के बाद आए और पूरे 10 दिनो तक मैं इन 14 आदमियों से चुदवाती रही. अम्मी अब्बू के आने के बाद वसीम साहिब 2 वीक और हमारे घर मे रहे और इन 2 वीक के दोरान भी मेरी चुदाई का सिलसला जारी रहा. दिन मे वसीम साहिब अम्मी और अब्बू से कोई ना कोई बहाना कर के मुझे अस्घर साहिब के फ्लॅट मे ले आते जहा मैं वसीम साहिब और अस्घर साहिब से चुदवाती. कभी कभी अस्घर साहिब के दोस्त भी आजाते और वो भी मुझे वसीम साहिब और अस्घर साहिब के साथ मिल कर मुझे चोदते. रात मे तो वसीम साहिब और शार्फ़ो बाबा की हकूमत थी और पूरी रात वसीम साहिब और शार्फ़ो बाबा मुझे चोदते. अब जब के वसीम साहिब वापिस लाहोर जा चूक्के हैं तो अब मुझे सिर्फ़ शार्फ़ो बाबा चोदते हैं. कभी मोका मिलता हैं तो कभी शार्फ़ो बाबा अपने दोस्तो को बुला लेते हैं या फिर मैं अस्घर साहिब के फ्लॅट चली जाती हूँ और खूब चुदवाती हूँ. 1 वीक बाद मेरी छुट्टिया ख़तम होरहै हैं और मैं वापिस पढ़ने के लिए लाहोर जा रही हूँ मगर अब मैं यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टिल मे नही रहूंगी. लाहोर मैं मेरा वसीम साहिब इंतेज़ार कर रहे हैं और उन्हो ने मेरे लिए ऐक फ्लॅट का इन्तिजाम किया हैं जहा मुझे रहना हैं क्यूँ के अब वो अपने दोस्तो से भी मुझे चुदवाना चाहते हैं. अब मैं लाहोर जाने के लिए और वसीम साहिब के दोस्तो से चुदवाने के लिए बेकरार हून. मुझे लाहोर मे मुझे कोन कोन चोद्ता है और किस किस तरहा मेरी चुदाई होती है ये मैं आप लोगो को बाद मे बताउन्गि जब तक के लिए इजाज़त. बाइ आप लोगों को सोनिया की ये सेक्सी लाइफ की ये स्टोरी केसी लगी मुझे ज़रूर बताईएगा आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त..............
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