Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
11-24-2017, 02:16 PM,
#11
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
राज ने जय की हाँ में हाँ भरते कहा- “अरे आराम से हाथ आई है दोनो अब घर पे आई है तो चुदेगी जरूर। 

मै तो बेटी की माँ को चोदुन्गा तू गुलनार को ले अपने नीचे। जय, तू रुक इधर, मै तेरा भाड़ा और टिप पूछ के
आता हूँ मेमसाब से…”

राज घर में आया तो देखा गुलनार बाथरूम गयी थी। गुलबदन चेयर पे बैठी थी। राज ने पूछा- “मेमसाब, जय
को कितने पैसे और टीप दू बोलो आप…”

बेशर्मि से गुलबदन ने अपना पललु हटाते हुए कहा- “तुमको जितना जी में आए उतना भाड़ा देना और जय से बोल
कि जो टीप चाहीए उससे खुद आके ले जाना…” टीप ले जाना कहते वक़्त गुलबदन ने बाथ रुम की तरफ इशारा
किया .

गुलबदन की बेशर्मी देखके राज पास आया और मम्मे मसलते हुए बोला- “वैसे जय भी मस्त मौला है, अगर आप
कहो तो उसे भी बुलाऊँ रात के लिए .... हम दोनों आप दोनों को रात भर चोद सकते है। वैसे भी जय आपकी
वो टीप को चोदे बिना नही रहने वाला मेमसाब…”

गुलबदन ने जवाब नही दिया बस हलकी सी स्माइल करते राज का लंड पकड़ा।

ब्रा में हाथ डालके, मम्मे दबाते राज बोला- “मेमसाब, वैसे हम दोनों मर्दों के लिए आप जैसी मुस्लिम चूत ही मस्त है,पूरी रात मुस्लिम चूत और गाण्ड मारते रहेगे तेरी बहनचोद…”

एक बार गुलबदन की मुस्लिम चूत सहलाके राज ने जाके जय को घर में बुलाया। जय तांगा बाँधने गया तब तक
राज अंदर आया और गुलबदन के मम्मे मसलते हुए बोला- “मेमसाब, जय कहता है कि बेबी को रात भर के लिए
दे दो हमारे बिसतर पे तो उसे भाड़ा और टिप दोनो मिल जाएँगे गुलबदन के निप्पल से खेलते राज आगे
बोला- “मेमसाब वो कहता है उसे वो कमसीन बदन वाली गुलनार की मुस्लिम चूत चाहीए रात भर के लीए…”

अचानक राज को तरसाने के इरादे से गुलबदन बोली- “क्या बकते हो… वो तो अभी बच्ची है, कमसीन है, जय
जैसे हैवान को कैसे ले पाएगी… और मस्त मर्द जाने ऐसे कह रहे हो जैसे उसकी माँ और बहन के साथ सोया हो
जय…”

राज निप्पल को भिचते हुए बोला- “अरे काहे की बच्ची है… देखा नही उसके मम्मे तुम्हारे इतने बढ़े हुये है, जरूर साली चुदवाती होगी किसी से। बहनचोद, लड़की का जिस्म ऐसा तब बनता है जब मर्द उसे बड़ी मस्ती से मसलके चोद रहा हो। बोल ना जय को बुलाऊँ क्या …”

निप्पल को हथेली, में रगड़ने से गुलबदन को अच्छ लगा पर वो बोली - “उसको मुझे चोदने को बुलाना हो तो बुलाओ, तू
और जय मिलके जैसे चोदना हो मुझे चोदो, मै तुम को नही रोकुगी लेकिन अगर उसने गुलनार को छुआ तो मै
उसकी माँ चोद डालूगी समझा…”

गुलबदन की बात से गुस्सा होके राज ने उसका पल्लू उतारते हुए उसकी दोनो नंगी चूचीयां जोर से दबाके बोला-
“साली ऐसा कहती है तू… अरे नही साली तुम माँ बेटी के साथ सोएंगे, साली रात भर हम हिंदू मर्दों से चुदेगी… समझी साली हरामी… साली गाली नही देना समझी रंडी औरत…” यह कहते राज ने गुलबदन को खड़ी करते हुए, एक झापड़ मारते उसकी साड़ी खोलना शु रु किया
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11-24-2017, 02:16 PM,
#12
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
राज का गुस्सा और झापड़ खाके गुलबदन समझी कि अगर राज को ज़्यादा अपोज किया तो कुछ गलत हो
जाएगा पर फिर भी वो बोली- “राज तुम दोनो मुझे मिल कर जितना चाहीए उतना चोदो लेकीन प्लीज मेरी
कमसीन बेटी को कुछ मत करना, वो अभी नादान है, तुम जैसे मर्दों को सहन नहीं कर सकेगी…”

राज ने गुलबदन की साड़ी निकाल फेंकी। गुलबदन अब पेटीकोट में थी और ब्लाउज बदन से लटक रहा था। 

मुट्ठी में उसकी मुस्लिम चूत दबाते राज बोला- “क्या रे साली रंडी, तेरी बेटी कौन सी सती सावित्री है कि उसे कुछ नही करू…
तेरी माँ की चूत, साली मैने बोला ना, तेरी बेटी भी जरूर चुदवाती होगी जो उसका बदन इतना भर गया है। और
तेरी बेटी को छुआ और चोदा तो क्या उखाड़ लेगी साली मादरचोद तू हमारा…”

चूत मुट्ठी में दबाने से गुलबदन को झटका लगा और उसने राज का हाथ अपनी मुस्लिम चूत पे दबाते, चूत को हाथ पे
रगड़ते कहा- “प्लीज उसको नही कुछ करना, तुम दोनों चाहो तो रात भर मुझे जैसा चाहे चोदो लेकीन मेरी बेटी
को कुछ मत करना…”

राज कुछ जवाब दे इसके पहले जय घर में आया। गुलबदन की हालत और राज के करनामे देखके जय
बोला- “अरे मेरा भाड़ा लेने आया था तू अंदर और इसको नंगा क्यों किया … और वो तेरी बेटी कहां है साली जिसको चोदके मै मेरी टीप वसूल करने वाला हूँ…” यह कहते जय गुलबदन की चूची मसलने लगा।

तब राज बोला- “जय, आओ अंदर आज रात के लिए दो रंडीयां है यह माँ बेटी। इनको चोदके हम दोनों
हमारा भाड़ा और टीप वसूल करेगे…” राज उसकी मुस्लिम चूत रगड़ रहा था। गुलबदन बेशर्म बनके उन हिंदू मर्दो से अपना जिस्म मसलवा के मज़े ले रही थी।

गुलबदन जय के हाथ में अपना एक मम्मा दबाके बोली- “देखो जय, तुम राज को समझाओ। यह मेरी बेटी है ना,
उसको तुझसे चुदवाना चाहता है। राज को बोलो कि गुलनार को तुमसे चुदवाने की जीद छोड़ दे। गुलनार अभी बच्ची है, सहन नहीं कर पाएगी बेचारी तेरा लंड। मुझे पता है कि तू उसे चोदने के बाद राज उसे चोदेगा। गुलनार अभी
इतनी अनुभवी नही कि तुम जैसे दो बड़े लंड वाले मर्द को सहन कर सके। अगर कुछ हो गया तो लेने के देने
हो जायेंगे, है ना जय…”

कुछ सोच के राज को आँख मारते जय बोला- “अरे राज, जाने दे ना उसे। यह रंडी गुलबदन है ना हमारे पास,
आज रात इसको चोदते है ना जी भरके…”

जय का इशारा राज ने पकड़ा पर गुलबदन ने नहीं।
गुलबदन की मुस्लिम चूत मसलते राज बोला- ठीक है जय, जैसा तू कहे। वैसे तेरी बेटी है कहां साली रंडी…”

उन दोनो के जवाब से खुश होके गुलबदन बोली कि गुलनार फ्रेश होने गयी है। तब जय ने राज से बाहर आने को
कहा और गुलबदन से कहा कि वो अपना तांगा घर छोड़ के आ रहा है। राज और जय घर के बाहर आये। बाहर आके जय बोला- “अरे राज, साले बाद में लेंगे ना बच्ची को भी, मेरा लंड भी बच्ची के लिए खड़ा है…”

राज बोला- ठीक है जय, लेकीन साली यह मेडम की माँ की चूत, बहनचोद को ऐसा चोद डालंगे आज कि
साली चल नही पाएगी रांड़ साली । कुछ भी करके आज रात में ही इन माँ-बेटी को एक साथ एक दूसरे के सामने चोदेगे…”

हँसते हुए जय बोला- “तू भी बड़ा हरामी है राज। गुलनार को बेटी-बेटी बोल के उसे चोदने की तमन्ना रख रहा है साले। वैसे राज, वो बच्ची कैसे है… मेरा तो बहुत दिल है उसपे साली का बलात्कार कर दूंगा अगर प्यार से न मानी तो .....................



राज ने जवाब दिया- “जय बच्ची तो मस्त माल है, एकदम कमसीन, भरा हुआ जिस्म है साली का, लेकीन
माँ और मस्त है। साली स्टेशन पे झुक-झुक के मेरा लंड देख रही थी और मुझे पटाने के लिए लड़की को
अकेली भेज दिया टैकसी लाने। क्या मम्मे और गांड है साली की। यह दोनों माँ बेटी एकदम मस्त माल है।

मै माँ के साथ ऐयाशी करता हूँ, उसकी कमसीन बेटी को तू चोदेगा तो तेरी भी ऐश होगी आज जय…”
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11-24-2017, 02:16 PM,
#13
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राज और जय डिसाइड करते है कि राज गुलबदन को बहुत ह्यूमिलेट करके बेरहमी से चोदेगा जिसकी वजह से गुलबदन बहुत चिल्लाएगी और उसकी आवाज सुनके गुलनार देखेगी कि उसकी माँ राज से चुदवा रही है। अपनी माँ को एक रंडी जैसे राज से चुदवाते देख, वो भी गरम हो जाएगी और उसके बाद भले गुलबदन उसे मना करे पर फिर भी गुलनार जय के साथ चुदवाने को तैयार होगी और जय से अपनी माँ के सामने चुदवा लेगी।

दोनो बात कर रहे थे और उधर गुलनार फ्रेश होके बाहर आई। गुलबदन अपनी साड़ी और कपड़े ठीक कर रही, थी जब गुलनार बाहर आई। गुलनार को देखके गुलबदन ने उसे पास बुलाया। गुलनार जब पास आई तो गुलबदन बोली,- “देखो बेटी, आज तुम बाहर सो जाना, अंदर मत सोना…”

गुलनार हैरान होके बोली- ठीक है मम्मी, लेकीन तू मुझे बाहर सोने को क्यों बोल रही है… एक तो अंजान जगह है
और मुझे बाहर अकेले सोने में डर लगेगा…”

गुलबदन जरा नाराजी और गुस्से से बोली- “गुलनार, मुझे राज और जय की नजर कुछ ठीक नही लगती। मैने
तुझे मना किया था ना कि इतने टाईट कपड़े मत पहनना…”

गुलनार जरा डर के बोली- सॉरी, मम्मी, लेकीन अगर तुम अकेली अंदर सोई तो कुछ मालूम नहीं है ना… तुम कहो
तो हम चले जाते है यहां से…”

चले जाने की बात से गुलबदन जरा थम सी गयी। गुलबदन को राज का लंड चाहिये इसलीए यहां आई थी और
बिना उससे चुदे जाने वाली नही थी, इसलीए कुछ सोचके वो बोली - “मेरा क्या करेगे साले। नही गुलनार अब रात
को इस वक़्त कहां जयांगे हम माँ बेटी… अच्छा सुन, इधर आ…”

गुलनार जब गुलबदन के पास आई तो गुलबदन बोल,- “अपनी यह टी-शर्ट और यह जो इतनी टाईट ब्रा पहनी है, उसको निकाल ताकी तेरा यह जिस्म ऐसा भरा-भरा ना दीखे उन मवालियों को…”

गुलनार अंदर जाके अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतारके एक कुरता और नीचे सलवार पहन के बाहर आई। लूज कुरता में अपनी बेटी को देखके, गुलबदन उसके पास जाके, गुलनार के मम्मे टच करते बोली- “हाँ अब देख कैसे तुम्हारे यह दीखाई नही देते है। उन दोनों की नजर बार-बार तुमहारे सीने पे थी इसलीए मैने तुझे यह लूज कुरता पहनने को कहा समझी…”

गुलनार अपने मम्मे पे अपनी माँ का टच पाके हैरान हुई। जबसे ताँगे में जय ने उसके मम्मे दबाए थे वो मदहोश हुई थी। उसे जय का हाथ अपने मम्मे पे चाहीए था, पर जब जय उसके मम्मे दबा रहा था तब उसने बहुत नाटक किया था अब जय ना जाने कहां चला गया था।

गुलनार को सलवार कुर्ते में देखके गुलबदन बोली,- “ठीक है यह कपड़े, इन कपड़ो में तेरा जिस्म कितना उभरा हुआ है समझती नहीं । गुलनार, तू ही अपने आपको देख, कितना भरा हुआ है तेरा बदन…” यह कहते दुबारा गुलबदन ने गुलनार के मम्मे पे हाथ घुमाया।
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11-24-2017, 02:17 PM,
#14
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
असल में गुलबदन गुलनार को गर्म कर रही, थी, ताकी अगर जय या राज उसे चोदने जाए तो गुलनार उनको नहीं
रोकेगी। राज के लंड के लिए गुलबदन अपनी बेटी तक को जय से चुदवाने को तैयार थी। गुलनार ने माँ का हाथ
हटाते कहा- “ओह मम्मी, अब मै 21 साल की हूँ, बदन तो भरेगा ही ना मेरा…”

गुलबदन जरा स्माइल करते बोली- “हाँ मालूम है कि तेरा बदन भरेगा, लेकीन मेरा बदन कभी ऐसा नहीं भरा था
जब मै तुम्हारे उमर की थी तब…”

अपनी माँ को अच्छा जवाब देते गुलनार बोली- “नही था तेरा बदन ऐसा भरा मम्मी जब तू हमारे उमर की थी…”

गुलबदन हँसते बोल,- “तुझे क्या लगता है मेरा ऐसा रहा होगा… मेरा सीना इतना उभरा नही था 21 की उमर में ।
पता नही तुम आजकल की लड़कीयां क्या करते हो… अभी शादी भी नही हुई और तुमको 34 की साइज की ब्रा छोटी होती है। गुलनार, यह अच्छा किया तूने कि ब्रा नही पहना। इससे रात में अच्छी नींद आएगी तुमको…”


गुलनार भी अब रंग में आते बोली- “ओह मम्मी , मै ऐसा कुछ नही करती हूँ जैसा तुमको लगता है। मेरा सीना तो
अपने आप बढ़ गया तो मै क्या करू बोलो… मम्मी, तू क्या पहन के सोने वाली है…”

अपनी बेटी का चहेरा सहलाते गुलबदन बोली - “मैने कब कहा कि तूने ऐसा वैसा कुछ किया है… हो जाता है कीसी-कीसी का
सीना इतना बड़ा बिना कुछ कीए। मै तो यही साड़ी और शाल पहन के सो जाऊँगी…”

गुलनार बोली- “ठीक है मम्मी, अब मैं जाऊँ सोने बाहर…”

गुलबदन ने उसे जाने को कहा और गुलनार सोने बाहर गयी। गुलबदन चेयर पे बैठके आने वाली रात की चुदाई के बारे में
सोचने लगी और कुछ टाइम बाद राज रूम में आया पीछे वाले डोर से।

अंदर आते ही राज ने गुलनार के बारे में पूछा तो गुलबदन बोली- “गुलनार बाहर वरांडा में सोने गयी है। लेकीन राज,
मेरी बेटी की क्या बात करता है। गुलनार तो तेरी बेटी जैसी है ना…”

गुलबदन के सामने खड़े होके राज बोला- “अरे साली, ऐसी बेटी है तो हम उसको भी चोद डाले। क्या मस्त माल है तेरी बेटी गुलबदन। चल अब नंगी हो ना साली। तू क्या तेरी बेटी को ऐसे कपड़े पहनने से तू मना नही करती क्या… कैसे रंडी दिखती है वो उन कपडो मे…”

राज को जरा चिढ़ाते हुए गुलबदन बोली- “तुम लोग हमे रंडी क्या कहते हो सेयेल … हमारा बदन ऐसा है तो तुम्हारे लंड टाईट होते है, वरना उनमे कहां जान थी। राज, मेरी गुलनार उन कपड़ो मे रंडी नहीं, परी जैसी दिखती है उन कपड़ो मे समझे…”

गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “हाँ साली,तुम जैसी रंडियो का बदन देखकर ही जान आई ना इसमे… और अब यह हमारे लंड तुमको कैसे चोदते हे देखती जा रंडी मुस्लिम चूत। गुलबदन, तू क्या स्टेशन पे बार-बार मेरी लुंगी के अदंर देख रही थी साली… यह माना की तेरी बेटी परी लगती है उन कपड़ो मे पर यह भी उतना ही सच है कि उस परी को आज मैं या जय चोदेगे। सालि धंधेवालि दिखती है तेरी परी बेटी ऐसी कपड़ो मे और आज तेरी बेटी को लंड का स्वाद चखा देंगे हम… चल मादरचोद, अब जल्दी नंगी हो जा रंडी मुस्लिम चूत…”

गुलबदन खड़ी हुई और उसकि साड़ी गिर गयी। पेटिकोट ना पहनने से गुलबदन अब खुले बलाउज, ब्लैक ब्रा और पैंटी मे खड़ी होके बोलि- “सलवार कमीज मे तेरे को वो रंडी दिखती है क्या साले…”
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11-24-2017, 02:17 PM,
#15
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
एक हाथ से गुलबदन की गांड पे थप्पड मारते, दूसरे से उसकि चूत मसलते हँसते राज बोला- “अच्छा सालि चल अब खड़ी रहते हुए हमारे सामने अपनी पैंटी उतार। सालि रंडी, बोल ना स्टेशन पे क्या देख रही थी तू… और हाँ, सालि यह बता यह बेटी तुम्हारे पती की ही है या किसी दूसरे की पैदाइश है सालि छीनाल… सालि ने अभी सलवार कमीज पहनी है, नहीं तो वो टाईट स्कर्ट मे ही थी ना… वैसे भी रंडी की बेटी रंडी ही दिखेगी ना…”

हँसते हुए राज ने पैंटी के ऊपर से एक उंगलि गुलबदन की मुस्लिम चूत मे घुसाई। अपनी चूत पे उंगलि रगड़ने से अच्छा लगा गुलबदन को और वो बोलि- “आआआः आह बताती हूँ, स्टेशन पे तेरी लुंगी से तेरा लंड दिख रहा था उसे देखके मै गरम हुई और इसलिए तुम्हारे साथ आके, तुझसे चुदवाने का फैसला किया मैने राज। और क्या मतलब है तेरा कि, मेरी बेटी किसी दूसरे की पैदाइश है… क्या गुलनार मेरी जैसी नहीं दिखती राज…”

अब दो उंगलि से गुलबदन की चूत रगड़ते राज आगे बोला- “लुंगी के नीचे मेरा लंड देखके तुम्हारे दिल मे इच्छा हुई सालि मुझसे चुदवाने की, पर मैने जब तुझे ट्रेन से उतरते देखा तभी से मेरा लौड़ा तेरी मुस्लिम चूत चोदने को खड़ा हुआ रंडी… कैसे आँखे फाड़-फाड़ के देख रही थी हमारे लंड को तू हरामी मुस्लिम चूत, है ना… पहले बोली गंदा कुली है और अब मुझसे ही चुदवाने आई ना रंडी औरत… रही तेरी बेटी की बात, तो हाँ तुम्हारे जैसे दिखती तो है लेकिन तुम्हारे पति की तुम्हारे नंगे बदन की मेहनत का नतीजा नही लगती है वो…”

अपनी चूत पे बढ़ रहा राज की उंगलियो के जोर से गुलबदन सिसकारियाँ भरते बोली- “क्या इच्छा और क्या बकते हो… तुम क्या समझते हो… मै कौन हूँ और मेहनत वेहनत क्या बकते हो… और तू कैसे बोल रहा है कि गुलनार हमारे पती की बेटी नहीं बल्की किसी दूसरे मर्द की बेटी है राज…”

राज ने जब पैंटी के नीचे हाथ डालके गुलबदन की मुस्लिम चूत मे उंगलि डालि,, तब उसे ऐसा लगा कि गुलबदन की चूत उसकि उमर के हिसाब से बहुत टाईट थी। राज के खीलवाड़ से गुलबदन के निप्पल टाईट हो गये और उसके होंठ थोड़े खुल गये थे। खटिया पे गुलबदन को बिठा कर, उसके सामने खड़ा रहके अपना लंड उसके मुँह पे घुमाते राज बोला- “सालि चल यह ले मेरा लौड़ा और अब चूसना शु रु कर रंडी। उफफफ़ सालि क्या टाईट चूत है तेरी। लगता है तेरा पती ज्यादा नहीं चोदता तुझे … इसलिए मुझे लगा कि यह गुलनार तुम्हारे पती ने तुझे चोदके निकाली हुई बेटी नहीं है समझी… ऐसे ही अंदाजा लगाया मैने… वैसे किस की बेटी है यह असल मे… और यह बता तू मुझसे चुदवाने क्यो तैयार हुई। चल अब बोल क्या करेगी हमारे इस लंड से…”

गुलबदन ने जीभ धीरे से बाहर निकालके, राज का लंड पकड़ते, उसकि टोपी चाटके कहा- “गुलनार मेरी बेटी है राज, मै सच कह रहि हूँ। रही बात तुझसे चुदवा लेने की, तो एक तो मैं बहुत दिन से प्यासी हूँ, तेरा यह मस्त लौड़ा देखा तो तुझसे चुदवाने की इच्छा हुई। तू भी जिस हिसाब से मुझसे बात कर रहा था, मुझे अच्छा लगा। तूने मेरे मम्मे दबाए, डबल मिनिंग की बात की और गुलनार के बाहर जाने के बाद जो सीधे-सीधे हम माँ बेटी को चोदने की बात की उससे मै और ज़्यादा फीदा हुई तुझपे और इसलिए मै तुझसे चुदवाने को तैयार हुई। अच्छा यह बता- जय को मेरी गुलनार के बदन मे क्या पसंद आया…”

राज बोला- “अरे रंडी, बोल ना क्या करेगी हमारे खड़े लंड का… यह पता है कि गुलनार तेरी बेटी है, लेकिन किसको चढ़ाया था अपने नंगे बदन पे और किसका लौड़ा अपनी मुस्लिम चूत मे लेके चुदाई की तो यह बेटी पैदा हुई यह तो बोल। किसका बिस्तर गरम किया था इस लड़की को जनम देने के लिये… गुलबदन, जय को गुलनार की गांड पसंद आई है बहुत और आज रात मे तेरी बेटी को पीछे से पकड़ के गुलनार की गांड पहले मारने वाला है जय। वैसे भी जय के लौड़े को लड़की की गांड चोदने में बड़ा मजा आता है। गुलबदन क्या तेरी बेटी चुदाई है किसी से… मुझे लगता है कोई लौड़ा उसकि मुस्लिम चूत चोदता होगा जरूर नहीं तो ताँगे मे जय से इतना मसल के ना लेती तेरी रंडी बेटी, है ना…” 
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11-24-2017, 02:17 PM,
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RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
राज गुलबदन के दोनो निप्पल्स जोर से पिंच करने लगा तो गुलबदन जरा दर्द से चील्लाते बोलि- “ओह ओह्ह्ह्ह्ह धीरे मसलो ना हमारे निप्पल। ज्यादा दर्द मत दो, मै सच बता रही हूँ। सुनो मै बताती हूँ, मेरा ड्राइवर था रोहित। उसने एक ही, बार मे फीट कर दिया मुझे, उसने मुझे चोदके गुलनार को मुझमे डाल दिया था और मुझे पता नहीं कि गुलनार ने अभी तक चुदाई की है या नहीं राज…” यह कहते गुलबदन ने राज का लंड सहलाना शुरू किया। राज को सच बताने से राज अब उसे ज्यादा दर्द नहीं देगा ऐसा उसने सोचा, पर हरामी राज ने लंड गुलबदन के मुँह मे घुसाते, उसके हलक तक डालते,हुए मम्मे दबोचते, निपल खींचते हुए कहा- “मतलब क्या सालि, डीटेल मे बोल क्या हुआ… रोहित ने कैसे तुझे फिट किया, सब ठीक से बता…”

राज का लौड़ा धीरे-धीरे करके पूरा चूसने के बाद गुलबदन ने मुँह से निकालते कहा- “उफफफ़, जरा आराम से दबा ना मम्मे, और निपल क्यों खींच रहा है इतना… आअहह मेरे ड्राइवर रोहित ने मेरा बलात्कार किया था। अहह इसलिए तो गुलनार आई। मै अपनी सहेलि के घर लोनावला जा रही थी, जब मै झाडीयो मे पीशाब करने गयी, तब उसने मेरा बलात्कार किया था। आआआः आ आश उसके बाद उसने 3-4 बार महीने मुझे चोदा और बाद मे नौकरी छोड़के दुबई चला गया। अहह आश माँ, प्लीज आराम से कर ना राज…”

झुकके गुलबदन की मुस्लिम चूत को उंगलि से चोदते, उसका एक निपल चबा के राज बोला- “वाह, मतलब तुझे हिंदू लंड पसंद है रंडी… सालि तभी मै बोलू ऐसी मस्त बेटी तेरा चुतीया पती कैसे दे सकता है। कैसा लगा उसका लौड़ा… गालियां देके चुदाई कीया ना… क्या हुआ ओह माँ करने का छीनाल… स्टेशन पे तो सती सावित्री बन रहि थी लेकिन मेरा लौड़ा देखा और औकात पे आई ना हरामी…”

आहे भरते गुलबदन बोल,- “नहीं राज, ऐसा नहीं कि मुझे हिंदू लंड पसंद था या है, हाँ यह बात है कि हिंदू से चुदवाने मे एक अलग मजा आता है। इसलिए जब स्टेशन पे पहले तेरा नाम समझी और बाद मे लंड देखा तो तुझसे चुदवाने को तैयार हुई…”

रोहित का लौड़ा तो एकदम मस्त था, उसने मुझे काफी चोदा और जब वो चला गया तो मुझे बड़ा खराब लगा। उसके तगड़े लंड की बहुत आदत पड़ गयी थी मुझे। पर जब गुलनार पैदा हुई, उसके बाद मैने कभी दूसरे लंड से अपनी चूत नही चुदवाइ रोहित जाने के बाद तू पहला गैर मर्द है जिसको मैने इतने पास आने दिया। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत जोर से मत दबा मेरे मम्मे, नहीं तो ढिले हो जाएँगे ......:

अपनी दोनो हथेलियो से गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “मम्मे ढीले हो गये तो क्या हुआ… सालि होने देना ढीले, अब और कितने मर्दो को दिखाना है अपना नंगा बदन और किससे मसलवाने है मम्मे रंडी… तुमहारेपती को मालूम है कि गुलनार उसकि बेटी नहीं है वो… सालि गोटीयां भी चूस मेरी और गांड भी सहला। मुझे जरामजा तो दे हरामी, सिर्फ क्या हमारे नीचे सोने आई है क्या रंडी…”
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11-24-2017, 02:17 PM,
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RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
गुलबदन पूरा लौड़ा मुँह मे लेते चाटने लगी और अपने मम्मे अपने आप दबाते, राज को देखते अपनी जीभ उसके लंड के बेस से टाप तक ले जाते चाटने लगी। बेंच पे लेटी गुलबदन के सर के दोनो साइड खड़े रहते उसका मुँह ऊपर से अपने लंड से चोदते राज बोला- “अरे सालि तुझे मेरा लौड़ा कितना पसंद आया बता तो मुझे…आआअहह बिलकुल रंडीयो जैसे चूस रही है और चूस ना सालि…”

राज की झांट के बालो को भी अपनी जीभ से साफ करते गुलबदन बोलि- “आअहह आहह कितना लंबा और मोटा है तेरा लंड राज। तुम्हारे इस लंड को खूब चुसूंगी, चाटूँगी और फिर उसके बाद तुमहारे नीचे सोकर, तुमहारे इस लंड से अपनी गरम मुस्लिम चूत, जैसे तू चाहेगा वैसे चुदवा लूँगी राजा। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उश्श्शमम आहह क्या खुशबू है तुम्हारी झांट की राज, मजा आ रहा है तुम्हारी झांट चाटने मे…”

गुलबदन के मुँह मे अपनी गोटीयां देके, उसकि चूचीयां बहुत जोर से दबाते राज बोला- “यह हुई ना सच्ची रंडी जैसी बात मादरचोद। सालि तू देख आज कैसे मस्ती से तेरी मुस्लिम चूत और गांड मारता हूँ रंडी चूत। सालि अब मेरा लंड पूरा हलक तक ले सालि। आज तुझे और तेरी बेटी को चोदके ही यहां से जाने दुंगा, तू मुझसे चुदेगी और तेरी बेटी की गांड जय मारेगा। सालि रोहित से भी बड़ा और मोटा है क्या मेरा लौड़ा रंडी…”

राज का लंड हलक तक लेकर चूसने के बाद, गुलबदन ने राज की गांड के पास चाटके कहा- “अहह आश हाँ राज, तेरा लंड रोहित के लंद से भी मोटा और लंबा है आहह… तुम्हारे लंड जैसा काला मोटा नाग मैने आज तक नही देखा। ऐसे काले मोटे नाग को अपनी मुस्लिम चूत के बिल मे लेने मे बड़ा मजा आएगा मुझे राज…”

उलटा घूम के, गुलबदन की चूत को अच्छे से चाटने के बाद उसमे उंगलि करते राज बोला- “हाँ सालि, तू, तेरी बेटी और तेरी जैसी रंडी औरत हम जैसे मजदूर कि झांट की रखैल ही हो समझी क्या… सालि वैसे तेरी बेटी को भी बुला ना अंदर उसको भी चोद डालता हूँ। बहनचोद, क्या माल दिख रही थी स्टेशन पे। यह तो पक्का है कि आज गुलनार को चोदने को जय कुते जैसे चढ़ेगा गुलनार पे और उसकि गांड मारेगा। अब गुलबदन रंडी, चाट मेरी गंड चाटके उसे भी पूरा साफ कर समझी…”

गुलबदन की जीभ अब राज की झांट साफ करके, उसकि गोटीयां और लंड चाटने के बाद, राज की गांड तक पहुँची और अब राज की गांड चाटके साफ करने लगी।

अच्छे से राज की पूरी गांड चाटके गुलबदन बोलि- “ क्या खुशबू है तुम्हारी, गान्ड की राज,बिलकुल रोहित की गांड जैसी। जैसे तुझे अच्छा लग रहा है मुझसे तेरी गांड चटवा लेना वैसे उस हरामी को भी अच्छा लगता था। साला हर बार जब मुझे चोदने आता तो अपनी गांड चाटके लेता। राज, मुझे पता है कि गुलनार को बिना चोदे आज तुम लोग नही जाने दोगे। पर अब मुझे उसकि परवाह नाही। अहह राज, उफफपफ़ मै अब ज्यादा तड़पना नही सहन कर सकती इसलिए मुझे चोदो, चोद चोदके मेरी मुस्लिम चूत और गांड का भोसड़ा बनाओ राज…”

गुलबदन की इस हालत पे खुश होते हुवे राज ने उसकि गांड और चूत मे उंगली डालते कहा- “हाँ चोदुंगा तुझे रडी, पूरी रात बाकि है अब। तुझे पूरी रात भर चोदुंगा। तेरी मुस्लिम चूत चोदुंगा, गांड मारूँगा और झड़ने के बाद, लौड़ा खड़ा करने को तुम्हारे मुंह मे डालुगा रांड़…”

फिर एक बार राज ने अपना लंड गुलबदन के मुँह मे डाला जिसे गुलबदन पूरे जोश से चूसने लगी।

राज गुलबदन की चूत चाटके बोला- “सालि बिलकुल रंडी जैसे चुसती है तू। कितने मर्दो का लौड़ा चूसा है अब तक तूने छीनाल… सालि जवान बेटी को बारीश मे सुलाया है और इधर तू रंडी जैसी हमारे गरम लंड से चुदवाने वालि है। अहह और चूस मेरा लौड़ा हरामी रंडी मुस्लिम चूत…”
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11-24-2017, 02:17 PM,
#18
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
गुलबदन दिल लगा के राज का लंड चूसने लगी। कमरे मे उन दोनों की ऐयाशी बड़ी मस्ती मे चल रही थी। वो दोनो यह भी भूल गये कि गुलनार बाहर थी और उनकि आवाज गुलनार सुन सकती थी। और हुआ भी वैसे ही था गुलनार ने वाइट सलवार कमीज पहनी थी, नीचे ना ब्रा पहनी थी उसने और ना पैंटी। उसे जब राज के कमरे से उसकी माँ गुलबदन और राज की कुछ अजीब सी आवाज आई तो उसने झांक के अंदर देखा। खीड़कि से गुलनार ने जो नजारा देखा उससे तो उसके होश ही उड़ गये।

गुलनार ने देखा उसकी माँ जिसे वो अब तक सती सावित्री मान रही, थी, वो गुलबदन एकदम रंडी कि तरह एक आवारा कुली का लंड चूस रही थी। उसने यह भी देखा कि कैसे उसकि माँ उस हिंदू राज का लंड और गान्ड चाट रही थी। राज चाहे जितनी भी गालियां क्यो ना दे, कितनी बेरहमी से उसको क्यो ना मसले, कितना भी बेइ€ज़त क्यो ना करे, गुलबदन को और मजा आ रहा था। अपनी माँ की रंडीगिरी, राज की बाते, माँ की चूचीयां, चूत और गांड की टाइटनेस देखकर गुलनार गरम हुई।

अंदर के सीन ने उसे इतना गर्म कर दिया कि उसे इस बात का भी पता नहीं चला कि वो बारीश मे खड़ी थी वाइट सलवार पहन के जीसकि वजह से उसका सारा ड्रेस उसकि बाडी से चीपक गया था और उसकि चूचीयां किसी को भी दिख सकती थीं। वो अंदर का सीन देखकर और अपनी मम्मी का फीगर देखकर अपने आप आह भरने लगी और अपने मम्मे दबाने लगी।

उसे यह भी मालूम पड़ा है कि आज तक वो जिसे अपना बाप समझ रही थी वो उसका बाप नहीं है बल्की वो किसी ड्रायवर की औलाद थी।

गुलबदन का राज के साथ रंडी जैसा बिहेवियर देखके गुलनार भी गरम हुई और वो अपनी दोन टाँगो मे चूत दबाके मम्मो से खेलने लगी। गुलनार जब अपने मम्मे दबा रही थी और अपना जिस्म खुद मसल रही थी तब बिना कोई आवाज किए, उसके अंजाने मे जय पीछे आके खड़ा हुआ। एक कमसीन लड़कि, बारीश मी भीगे कपडो मे खड़ी राज के कमरे मे झाँक के क्या देख रही है यह सोचते जय जब अंदर का नजारा देखता है तो वो भी खुश हो गया। अपनी रंडी माँ को राज का लौड़ा चूसता देख गुलनार भी गरम हो गयी और इससे जय का काम और आसान हो गया।

जय ने अंदर बाहर का नजारा देखके चुपचाप गुलनार के पीछे आके खड़े होते हुए कहा- “गुलनार क्या देख रही हो अंदर… अपनी माँ को राज से चुदवाते देख रही हो… और यह क्या अपना बदन खुद क्यो सहला रही हो, मै हूँ ना गुलनार तेरा यह मस्त जिस्म मसलने, और उसे चोदने के लिये…” यह कहके जय ने गुलनार को पीछे से दबोचते, उसकी गांड पे अपना लंद रगड़ना शु रु करते और उसके मम्मे दबाते हुए कहा- “देख सालि तेरी माँ कैसे राज का लौड़ा और गांड चाट रही है… तू भी चाटेगी ना मेरा लौड़ा ऐसे गुलनार…”

अचानक आई जय की आवाज़ से पहले गुलनार जरा डर गयी पर उसने जय को अपना जिस्म मसलने से रोका नहीं। एक तो ताँगे मे ही उसकि हरकते उसकि माँ का उसके मम्मे छूना और अभी अपनी माँ की ऐयाशी देखके उसका खून गरम हुआ था।

जय की गंदि बाते और उसको मसलने से गुलनार को अच्छा लग रहा था और वो बोलि- “जय, मेरी माँ ऐसी नहीं थी, पर लगता है राज चाचा का ‘वो’ देखके उससे रहा नहीं गया होगा। मै तेरा ‘वो’ नही चूसूंगी, क्योंकी तुम लोगो का बहुत बड़ा होता है, देखो वो अंदर मे राज चाचा का कितना बड़ा है जो माँ बार,-बार, चाट कर मुँह मे ले रही है…”

इधर जय ने गुलनार की कमीज ऊपर की। गुलनार ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उसके नंगे मम्मे जब जय के हाथ लगे तो जय उन्हे दबाने लगा। अपने दूसरे हाथ से जय ने सलवार का नाड़ा खोला। सलवार गीली होने से गुलनार की टांग में चिपक गयी थी। जय ने गुलनार की वो गीली सलवार खींचके पूरी नीचे की। 

अंदर उसने पैंटी भी नही पहनी थी, यह देखके जय और खुश होते, गुलनार की नंगी मुस्लिम चूत सहलाते, बोला- “ऐसी नहीं थी मतलब… अरे तूने देखा ना कैसे रंडी जैसी तेरी माँ राज का लंड चूस रही है, उससे गालियां खाके भी खुश होके उसकी गांड तक चाट रही है… मादरचोद, एक नंबर की रंडी है तेरी माँ गुलनार। देख रही हो ना अपने आपको कमरे मे रख कर तुझे क्यों बाहर सुलाया बारिश में उसने… उसे राज से चुदवाना जो था गुलनार…”
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11-24-2017, 02:18 PM,
#19
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
गुलनार का एक हाथ पीछे अपने लंड पे रखते जय आगे बोला- “क्या बड़ा होता है हमारा गुलनार रानी… रानी उसे क्या बोलते है बताओ ना… तुझे पसंद आएगा मेरा चूसने मे… रानी तूने चूसा है क्या आज तक वैसा किसी मर्द का जो तेरी रंडी माँ अभी चूस रही है…”

अब गुलनार नीचे नंगी थी और जय उसके दोनोंमम्मे जोर जोर से दबा रहा था। अपने को जय ने करीब पूरा नंगा किया, लौड़ा हाथ में दिया, अपनी माँ के बारे में इतना गंदा बोलके, अपनी मुस्लिम चूत रगड़ते, अपना लंड भी हाथ में दिया यह सब सहते भी गुलनार ने उसे बिना रोके कहा- “आअहह यह क्या करते हो हमारे साथ तुम… जय, माँ को जो करना है करने दे, मुझे क्या उससे… पर तू यह क्या कर रहा है हमारे साथ… जय, मेरी माँ दिखने में है ही इतनी अच्छी कि कोई भी उसपे फिदा हो सकता है। तू मेरी माँ को देख तो, भले कुछ भी कर रही है राज चाचा के साथ लेकिन एक बात है माँ का फिगर बहुत सेक्सी है ना…”

गुलनार की चूत में उंगली डालके, उसकी गर्दन किस करते जय बोला- “बहनचोद, साली बोल ना, तेरी माँ राज का जो चूस रही है उसे क्या बोलते है… गुलनार, यह बात सच है कि तेरी माँ एकदम मस्त माल है, और कोई भी मर्द चाहेगा कि तेरी माँ उसका बिस्तर गरम करे, साली तेरी रंडी माँ की फिगर सच में मस्त है। चल हाथ पीछे करके मेरा लौड़ा पकड़ के बोल कि कैसा है मेरा लौड़ा… गुलनार तूने कभी हिंदू लंड को अपनी मुस्लिम चूत में लिया है…”

गुलनार भी जोश में आते हुए अब जय का लंड पकड़ते बोली- “मेरी माँ को राज अच्छा लगा और इसके लिए हम उसके घर आƒ गए, यह बात मै स्टेशन पे ही समझी, जब माँ बार-बार राज की लुंगी के नीचे देख रही थी। और जय अगर माँ इतनी सेक्सी है तो मुझे छोड़ दो और जाके उसकी ले लो अंदर, मुझे क्यों नंगी करके तंग कर रहे हो। आहह धीरे से उंगली डाल ना नीचे, क्यों इतना दर्द दे रहा है…”

गुलनार के निपल को हलके से चूमते जय बोला- “क्यों छोड़ दँ तुझे रानी… तेरी माँ से तू ज्यादा सेक्सी है और वैसे भी मुझे तुम्हारे जैसा कमसिन माल अच्छा लगता है चोदने में… जैसा तेरा यह जिस्म है, एकदम मस्त बदन है तेरा बिलकुल तुम्हारी, रंडी माँ के जैसा। राज बोल रहा था कि ताँगे में भी तेरी माँ राज के लंड से खेल रही थी और ताँगे में ही राज ने उसे कमर तक नंगी कर दिया था। तूने बोला नही रानी, क्या तूने कभी किसी का लंड चूसके बाद में उससे चुदवाया है या नहीं…”

जय के निपल किस करने से गुलनार को बड़ा अच्छा लगा और उसने आँखे बंद करके सिस्कारिया ली। जय के मुँह की तरफ अपना सीना बढ़ाते गुलनार बोली- “मैंने किसी का ना मुँह मे लिया और ना उसके साथ कुछ किया है ऊओह… कमसिन मतलब क्या… मेरीं माँ क्या नही है कमसिन जय…”

गुलनार के मम्मे किस करके जय ने अब उसकी सलवार उतारते हुए उसकी नंगी चूत में उंगली करनी शुरु की दूसरा हाथ गुलनार के दोनोंमम्मे दबा रहा था और जय का लंड गुलनार की नंगी गांड पे रगड़ते जय बोला- “नही गुलनार, तेरी माँ अब कमसिन नही। अब तेरी माँ एक पका हुआ फल है लेकिन तू कच्ची कली है और मुझे तुझ जैसी कच्ची कलियों को फूल बनाने में ज़्यादा मजा आता है। गुलनार तेरी माँ ने तुझे यहां बारिश में भेज दिया और खुद देख कैसे अंदर राज का लंड और गांड चाट रही है, एकदम रंडी है तेरी माँ तो। चल जाने दे तेरी माँ की चूत, मै तेरी गर्मी उतारता हूँ मेरे लंड से। तूने आज के पहले लौड़ा नहीं लिया है ना, तो आज मेरा लौड़ा चूस और बाद में देख तेरी, गांड और मुस्लिम चूत कैसे मारता हूँ मै गुलनार…”

“नही, मै वैसा कुछ नहीं करुँगी जैसा तू कह रहा है। मै अपने पती के पास कोरी कुवाँरी जाना चाहती हूँ। और यह सब तुम क्या बोलते हो गर्मी और यह सब अनाप-शनाप…” यह सब कहती हुए भी गुलनार जय का लंड सहला रही थी।
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11-24-2017, 02:18 PM,
#20
RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
गुलनार का यह नाटक देखके, जय उसके निपल मसलते बोला- “मतलब क्या तू गर्म नही हुई अंदर तेरी माँ की रंडीबाजी देखके… क्या तुझे नही लगता कि वैसे ही तुझे भी कोई लंड मिले चूसने… को गुलनार इतनी सती सावित्री मत बनो, आओ मुझे तुम्हारे जिस्म की पूजा करने दो अपने लंड से रानी, आओ हमारे पास। जरा अपनी रंडी, छिनाल माँ से कुछ सीख और चल ऐयाशी कर इस मजदुर के लंड के साथ गुलनार…”

जोर से निपल मसलने से गुलनार को दर्द हुआ और उसने जय का हाथ निपल से हटाते कहा- “क्यों ना बनू मै सती सावित्री… क्या सती सावित्री बनना कोई गुनाह है… क्यों मै तुझसे वो सब करूँ जो अंदर माँ राज चाचा के साथ कर रही है… क्या मै रंडी हूँ… आह, मुझे छोड़ो ना जय, तुम्हारे इधर, हमारे सीने पे हमारे निपल मसलने से मुझे दर्द हो रहा है ना। कैसे जानवर जैसे हैवानी करते हो…”

गुलनार की बात का कोई असर जय पे नही होता। गुलनार के मम्मे दबाना उसने वैसे ही शुरु रखा। दबाने से गुलनार के मम्मे टाईट और निपल टाइट होने का अहसास जय को हो रहा था। गुलनार के जिस्म से खेलते जय बोला- “नही-नही गुलनार रानी, तू रंडी नही है, लेकिन यह जय आज तेरी कच्ची जवानी से खेलके तुझे रंडी बनाएगा अपनी, जैसे इस वक्त अंदर तेरी माँ राज की रंडी है। गुलनार और सुन, मै अपनी होनेवाली रंडी को जैसा चाहूँ वैसे इस्तेमाल करूँगा। तेरी माँ की मुस्लिम चूत, मादरचोद, तुझे दर्द हुआ तो मुझे क्या… आज तेरा यह कमसिन बदन दबाके, मसलके और चोदके तुझे मेरी रंडी बनाऊँगा। बोल बनेगी ना मेरी रंडी गुलनार तू…” 

यह कहते जय ने गुलनार की सलवार पूरी निकालके, उसका एक निपल चूसते आगे कहा- “गुलनार मै तो तुझे मेरी रंडी बनाना चाहता हूँ रानी और वो भी तेरी माँ के सामने तुझे रंडी बनाऊँगा मै। राज रंडी माँ को चोदेगा और मै रंडी बेटी को चोदूंगा। और बाद मे हम दोनो बारी-बारी तुम माँ बेटी को चोदेंगे हमारी रखैल बनाके। बोल मादरचोद रांड बनेगी ना तू हमारे हिंदू लंड की रांड़ अपनी माँ की तरह गुलनार…”

अपनी रंडी माँ का राज के साथ चल रहा खेल, गुलनार खिड़की से बड़ी मस्ती से देख रही थी। उस खेल को देखते गुलनार इतनी गर्म हुई कि उसने जय के हाथ नंगी होने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की। शाम को जबसे जय उससे खेलने लगा था तबसे उसे अपनी चूत में लौड़ा चाहीए था। आज अगर उसकी माँ ऐसी रंडीबाजी नही करती, तो गुलनार ही कुछ आइडिया करके जय या राज से चुदवाने वाली थी। गुलनार पहले से चुदवा रही थी इसलिए उसे लंड की सख्त जरुरत थी और यही वजह थी की वो जय के हाथ से नंगी होने में कोई शर्म महसूस नही कर रही थी।

उसका हाथ जय का लंड मसल रहा था और जब जय उसके निपल चूसता तो गुलनार सिस्कारिया भरते उसका मुँह अपने निपल पे दबके रखती। गुलनार कोई जवाब नही दे रही यह देखके आखीर में जय ने गुलनार को खिड़की से हटाया और अपनी पैंट उतारके अपना लंड उसके हाथ में दिया। जय का लंड देखके, खुश होते, गुलनार नंगी नीचे बैठके, पहले जय का लौड़ा प्यार से चूमते, अपने फेस पे घुमाया और फिर उसे चूसने लगी।

इधर बेटी वरँडा में नंगी होके जय का लंड चूस रही थी और तब अंदर माँ राज के साथ ऐयाशी करने में मस्त थी। राज जैसा चाहे वैसा गुलबदन से खेल रहा था। कमरे से उन दोनों की आवाज बाहर गुलनार और जय को अच्छे से सुनाई दे रही थी। उधर गुलबदन को डर था कि कही उसकी आवाज बाहर तो नही जा रही … नही तो उसकी आवाज और राज की गालियां गुलनार ने सुनी, और उसने अंदर देखा तो क्या सोचेगी गुलनार अपने माँ के बारे में गुलबदन ने जब यह बात राज से कही तो राज ने उसे खड़ा करके और उसकी चूत में दो उँगलियां घुसाके उसे विंडो के पास ले गया।

बाहर का सीन देखके गुलबदन हक्का-बक्का रह गयी। उसने देखा की जय ने गुलनार को नंगा किया था और गुलनार नंगी नीचे बैठके जय का लंड चूस रही थी। जय एक हाथ से उसके मम्मे दबाते, दूसरे हाथ से गुलनार का जिस्म सहलाते उससे गंदी बाते कर रहा था। गुलनार रोड पे नंगी होके उसका लंड चूसते, उसकी गालियां खाके खुशी-खुशी लंड चूस रही थी। गुलनार बड़ी मस्ती से जय का लंड चूस रही थी। गुलबदन ने यह सब देखा और यह भी सुना की जय और गुलनार उन दोनो के बारे में कैसे-कैसे गंदी बाते कर रहे थे और ऐसी गंदी बाते सुनके उसकी बेट, गर्म होके जय का लंड और मस्ती से चूस रही थी।

गुलबदन की मुस्लिम चूत में दो उँगलियां और उसके मम्मे दबाते राज भी बाहर का नजारा देखने लगा। राज को आज अपनी किस्मत पे नाज हुआ क्योंकि आज वो एक मुस्लिम माँ को चोदने वाला था और उसका दोस्त उसकी बेटी को चोदने वाला था। राज गुलबदन के मम्मे और जोर से दबाके बाहर का खेल देखते बोला- “देखा साली, जय क्यों नही आया वो… और मादरचोद मुस्लिम चूत, गुलनार ने तेरी यह ऐयाशी देखी और अब जय के हाथ आई तो देख जय ने कैसे तेरी बेटी को रोड पे नंगी करके, उससे अपना लंड चूसके ले रहा है। तेरी माँ की चूत, रंडी छिनाल, मै इधर माँ को चोद रहा हूँ और वो उधर जय तेरी बेटी को चोदने वाला है समझी साली रंडी गुलबदन…”
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