Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
10-15-2018, 10:51 PM,
#11
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
आज मैं बहुत उत्तेजित था, असली ठुकाई तो कुच्छ एक्सपीरियेन्स होने के बाद ही होती है और आज मैं कविता को खूब तगड़े तरीके से चोदने के मूड मे था, जैसे तैसे दिन गुजरा और रात को कविता काफ़ी मेकप करके मेरे कमरे मे आ गई, मेरा लंड पहले से ही तना हुआ था और जब मैने कविता को बाहो मे भर कर उसके भारी चुतडो को दबोचा तो मज़ा आ गया,

मैं बेतहाशा कविता के होंठो को चूमते हुए कभी उसकी मोटी गान्ड मसल रहा था और कभी उसके मोटे मोटे दूध दबा रहा

था, कुछ अनुभव के कारण मैण चुदाई बड़े इतमीनान से करना पसंद करता था इसलिए मुझे कविता के कपड़े उतारने मे

अभी कोई जल्दी नही थी, मैने उसे बगल मे लिटा लिया और उसके रसीले होंठो को चूमते हुए कहा

सोनू- कितनी खूबसूरत हो तुम और उस पर तुम्हारा यह भरा हुआ बदन बड़ी बड़ी औरतो के जैसा हो गया है,

कविता ने झट से मेरे लंड को अपने हाथो मे दबोच लिया और मेरे गालो को चूमते हुए कहने लगी अब बताओ कैसे आपने

मम्मी को चुद्ते हुए देखा था,

सोनू- अरे जानम मोम डॅड के रूम मे एक खिड़की थी उसके छेद से अंदर का सारा नज़ारा नज़र आता था बस उसी छेद से

मैने मम्मी को पूरी नंगी पापा से चुद्ते हुए देखा था,

कविता- शुरू से बताओ ना तुम्हे कैसे लगा कि दोनो चुदाई कर रहे है,

सोनू- मोम को मैने किचन से तेल की शीशी लेजाते हुए देखा तो मुझे कुच्छ शक हुआ और मैं चुपचाप उनकी खिड़की के उस छेद से अंदर झकने लगा, पापा पूरे नंगे बेड पर बैठे हुए थे और उनका लंड तना हुआ था, फिर मम्मी ने पहले अपनी

साड़ी उतारी और फिर ब्लाउज पेटिकोट उतार दिया, क्या बताऊ डार्लिंग ब्रा और पैंटी मे मम्मी का भरा हुआ गोरा बदन कितना मस्त लग रहा था,

वह धीरे से पापा के करीब आई तो पापा ने उसे अपनी गोद मे बैठा लिया, मम्मी पापा के लंड को दबाने लगी और

पापा मम्मी के गुलाबी भरे हुए गालो को चूमते हुए उसकी मोटी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर भर कर दबोचने

लगे,

कविता मेरी बात सुन कर मेरे लंड को कस कस कर दबा रही थी और मैं भी उसकी मोटी जाँघो को और उठी हुई गदराई गंद को दबा दबा कर उसे बता रहा था,

कविता- फिर क्या हुआ,

सोनू- फिर पापा ने मम्मी को बेड पर झुका दिया और जब मैने पैंटी मे कसे हुए मोम के भारी भरकम गोरे गोरे

चूतड़ देखे तो लगा मेरा पानी निकल जाएगा, पापा ने जैसे ही मम्मी की पैंटी नीचे सर्काई हे क्या नज़ारा था, मम्मी की

गुदाज मोटी गान्ड और उसकी गान्ड का भूरा छेद और उसके नीचे बिना बालो की बड़ी बड़ी फांको वाली मस्त फूली चूत और उसके बीच की गहरी दरार देख कर मैं तो पागल हुआ जा रहा था,

कविता- बहुत अच्छी लग रही थी आपको अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और चूत,

सोनू- कविता की साड़ी को उपर करके मैने उसकी चिकनी मखमली जाँघो को दबाते हुए पीछे से उसकी पैंटी मे हाथ डाल कर

उसके भारी चुतडो को खूब कस कर दबोचते हुए कहा, हाँ रानी क्या बताऊ मोम की मस्तानी गंद और बड़ा सा फूला हुआ

भोसड़ा देख कर मैं तो मस्ती मे डूब चुका था,

कविता- उसके बाद पापा क्या कर रहे थे,

सोनू- फिर पापा ने बड़े प्यार से मोम की मोटी गान्ड को सहलाया और कस कर दबाते हुए उसकी मोटी गान्ड की दरार मे अपना मूह डाल दिया और अपने मूह से कभी मोम की गान्ड और कभी उसकी फूली हुई चूत दबा रहे थे,

कविता- क्या कह रहे हो पापा अपने मूह को मम्मी की गान्ड मे घुसा रहे थे,

सोनू- हाँ और फिर उन्होने मोम की गान्ड और चूत की फांको को फैला कर अपनी जीभ से मम्मी की गान्ड और चूत को उपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया,

मेरा हाथ कविता की पैंटी के उपर से पीछे की तरफ से उसकी फूली चूत का जायज़ा ले रहा था और मुझे पता चला कि कविता की पूरी पैंटी चूत रस से गीली हो चुकी थी,
Reply
10-15-2018, 10:51 PM,
#12
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कविता- हे राम क्या पापा सच मुच मम्मी की गान्ड और चूत को अपनी जीभ से चाट रहे थे, मुझे तो लगा कि पुराने लोग

चाटने का काम नही करते होंगे,

सोनू- अरे पागल बिना चूत चाटे और बिना लंड चूसे भी कभी चुदाई होती है क्या, हम लोग तो कुच्छ भी नही करते जितना

पुराने लोग करते थे, तुझे क्या लगता है ये लोग बस लंड चूत मे डाल कर हिला लेते है,

दुनिया का हर आदमी औरत की चूत देखते ही उसे चूमने का मन करता है, हाँ यह अलग बात है कि कोई कोई थोड़ा बहुत चाटता है और कोई कोई चूत को इस कदर चाटता है जैसे उसको पूरी खा जाना चाहता हो, तेरे बाप ने भी तेरी मा की चूत खूब चूसी होगी और तेरी मा ने भी तेरे बाप के लंड को खूब दबा दबा कर चूसा होगा,

कविता- मूह बनाते हुए, हाँ हाँ ठीक है मान लिया अब आगे बताओ फिर क्या हुआ,

सोनू- कुछ देर तक पापा मोम की चूत और गान्ड के छेद को चाटते रहे फिर उन्होने तेल की शीशी लेकर मोम की गान्ड के छेद मे लगाना शुरू कर दिया और मोम मीठी मीठी कराह के साथ अपनी गान्ड मटकाने लगी, पापा तेल मे अपनी उंगली डुबो डुबो कर मोम की गान्ड के बड़े से सुराख मे तेल लगा लगा कर अपनी उंगली पेल रहे थे,

कविता पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और मुझसे कहने लगी सोनू लंड डाल दो ना,

सोनू- अभी से, इतनी जल्दी ना करो मज़ा नही आएगा,

कविता- अच्छा पापा मम्मी की गान्ड मे तेल क्यो लगा रहे थे, क्या वह पिछे से मम्मी की गान्ड मे लंड डालते है,

सोनू- नही डालते तो नही देखा लेकिन मेरे हिसाब से वह मज़ा लेने के लिए ऐसा करते थे,

कविता- मुझे तो लगता है आपकी मम्मी ने ही कहा होगा उनसे अपनी गान्ड मे तेल लगा लगा कर उंगली पेलने को, उनकी गान्ड है भी बहुत मोटी, खूब खुजलाती होगी इसीलिए उंगली डलवा रही थी,

सोनू- कविता की गान्ड के छेद को सहलाते हुए हो सकता है वैसे भी मुझे मोटी मोटी गान्ड वाली औरतो की गान्ड दबाने मे

बड़ा मज़ा आता है,

कविता- जानती हू तभी तो दिन मैं तुम अपनी मम्मी की ही गान्ड कैसे घूर घूर कर देख रहे थे,

सोनू- कब,

कविता- अच्छा, जब वह झाड़ू लगा रही थी तब आप उनकी गान्ड खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे कि नही,

सोनू- मुस्कुराते हुए, कविता की गान्ड को दबा कर, क्या करू रानी ऐसे मोटे मोटे चुतडो को देखने का मोका मुझसे

छूटता नही है,

कविता- तुम बहुत कमिने हो अपनी मम्मी की गान्ड तुम्हे इतनी अच्छी लगती है, जब तुम पापा को मम्मी की गान्ड सहलाते हुए देख रहे थे तो ज़रूर यह सोच रहे होंगे कि काश पापा की जगह मैं मम्मी के ऐसे भारी भरकम चुतडो को सहला और दबा पाता,

सोनू- बड़ी समझदार हो गई है मेरी रानी,

कविता- सोनू अब रहा नही जाता अब प्लीज़ लंड डाल दो ना, बस एक बार मुझे कस कर अपने मूसल से ठोक दो उसके बाद चाहो तो सारी रात मेरी गाण्ड और चूत सहलाते रहना,

सोनू- कविता तुम अच्छी तरह जानती हो कि पहले मुझे तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हारी चूत और गान्ड चाटना है वह भी

आधे घंटे तक उसके बाद ही मैं तुम्हारा मस्त भोसड़ा मारूँगा,

कविता- प्लीज़ आज नही आज तो वैसे ही ऐसा लग रहा है कि मेरा पानी छूट जाएगा, आज सीधे लंड से चोद दो कल जितना कहोगे मैं तुम्हे उतना अपनी चूत पिलाउन्गि, तुम कहोगे तो तुम्हारे मूह मे अपना भोसड़ा खोल कर बैठ जाउन्गि,

हम दोनो बाते करते हुए एक दूसरे को बुरी तरह मसल रहे थे और लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे,

सोनू- अच्छा पहले वह बात तो पूरी हो जाने दे फिर लंड डालता हू,

कविता- नही अपना लंड डाल कर मुझे बात भी बताते रहो और मेरी चूत भी मारते रहो,

सोनू- अच्छा बाबा चल पहले पूरी नंगी हो जा और फिर क्या था कविता ने पड़े पड़े ही अपने सारे कपड़े खोल दिए और अपनी मस्त जाँघो को उठा कर उपर फैला दिया और अपना मस्त फूला हुआ भोसड़ा मेरी तरफ करके कामुक चेहरा बनाते हुए कहने लगी, अब आओ भी कितना देर कर रहे हो,

क्रमशः.............................................
Reply
10-15-2018, 10:51 PM,
#13
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कमीना पार्ट - II Incest--5

सोनू- पहले अपनी गंद के नीचे तकिया तो लगा तभी तो तेरे इस मस्त भोस्डे की मस्त ठुकाई होगी,

कविता- तकिया गंद के नीचे रखते हुए, देखो बहुत दिन हो गये है ज़रा आराम से करना, जाओ पहले तेल लगा लो अपने लंड

पर फिर अंदर डालो, मैने अपने लंड पर तेल लगा लिया और कविता की चूत मे धीरे से अपना लंड अंदर उतार दिया और धीरे

धीरे धक्के मारने लगा,

कविता- ओह सोनू कितने दिनो के बाद मेरी चूत को लंड नसीब हुआ है, आग लगे तुम्हारी ऐसी नौकरी को अब मैं तुम्हे नही जाने

दूँगी, और दिन रात तुमसे ऐसे ही चुदवाउन्गि,

सोनू- मेरी रानी फिकर मत कर अब जल्दी ही मैं तुझे यहाँ से अपने साथ ले जाउन्गा और फिर रोज तेरी चूत मारूँगा, तू नही जानती

अकेले रह रह कर लंड हिलाने के सिवा कोई चारा भी नही रहता है और तू तो मेरे लंड को जानती है इसको कितनी ही चूत मिल जाए

अगले दिन बराबर खड़ा हो कर चोदने के लिए मचलने लगता है, अब तो बस बसी बड़ी रंडियो की चूत सोच सोच कर मूठ

मारने के अलावा कोई कम नही बचा है,

कविता- ओह आ आह थोड़ा तेज तेज करो ना,

सोनू- आराम से रानी अभी तेज तेज मार दूँगा तो कहेगी रुक जाओ रुक जाओ मेरा निकलने वाला है,

कविता- अच्छा नही कहूँगी अब थोड़ा तेज तेज धक्के मारो और मेरे दूध भी दबाओ ना,

मैं कविता के मोटे मोटे दूध को दबाते हुए गहरे धक्के उसकी चूत मे मारने लगा और वह अपनी गंद उठा उठा कर

मेरे धक्को का जवाब देने लगी, ओह ओह आ आ आ सोनू प्लीज़ प्लीज़ रुक जाओ रुक जाओ,

मैं कविता की बात सुन कर और तेज उसकी चूत ठोकने लगा और उसने मेरे हाथ को अपने दूध से एक दम से हटाते हुए कहा,

सोनू रुक जाओ नही तो मैं अभी निकाल दूँगी, मैं उसकी बात सुन कर अपने लंड को रोक लिया और उसके रसीले होंठो को चूसने लगा 5

-10 सेक. बाद मैने फिर से लंड को और गहराई तक डालना शुरू कर दिया और उसकी गंद के नीचे दोनो हाथ ले जाकर उसे अपने

हाथो मैं उठा कर उसकी चूत मारने लगा,

कविता- सोनू अब मुझसे नही रहा जाता अगर मैं ज़रा भी हिली तो मेरा निकल जाएगा,

सोनू- अच्छा चल एक बार निकाल लेते है क्योकि बहुत दिनो की प्यास है ना इसलिए जल्दी ही पानी छूटने के कगार पर आ चुका और

और फिर मैने कविता की चूत मे ताबड़तोड़ धक्के मारते हुए पानी निकाल दिया और कविता मुझसे बुरी तरह चिपक कर हफने लगी,

कुछ देर पड़े रहने के बाद मैं बाथरूम से वापस आया तब तक कविता बिस्कुट और नमकीन खाने लगी, मैं उसे देख

कर मुस्कुराया, क्यो कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो हम सब ने खाना खाया था,

कविता मेरी मुस्कुराहट देख कर समझ गई मैं क्यो मुस्कुरा रहा था और अपना मूह बना कर कहने लगी, इसमे मेरी कोई

ग़लती नही है तुम मेरी ठुकाई ही इस कदर करते हो कि मुझे करने के बाद भूख लग आती है,

सोनू- हाँ तो खा ले ना मैने कब मना किया है,

कविता- मुस्कुराते हुए, एक बार मे ही मस्त कर देते हो तुम दुबारा की इच्छा ही नही रह जाती, आख़िर कहाँ से सीखा है तुमने

इतनी मस्त तरीके से चुदाई करना,

सोनू- मम्मी को देख देख कर

कविता- मुस्कुराते हुए, मैं देख रही हू अपनी मम्मी की गंद और भोसड़ा सोच सोच कर तुम कुछ ज़्यादा ही तेज तेज ठोकने

लगते हो,

पता नही अगर उनकी गंद और फूला हुआ भोसड़ा पा जाओ तो किस कदर उनकी गंद और भोसड़ा ठोकोगे,

तभी कविता ने मेरे लंड को देखा और उसे फिर से दबाते हुए कहा देखो अभी झाड़ा है और अपनी मम्मी की मोटी गंद और

चूत याद करते ही कैसा डंडे जैसा तन गया है,

सोनू- क्या करू रानी मोम की मोटी गंद और चूत को सोचते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है उपर से तू मुझसे मेरी मम्मी की

नशीली चूत और गुदाज गंद की बात करती है तो एक अलग ही मज़ा आने लगता है,
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#14
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कविता- चुदने के बाद बहुत खुश दिख रही थी और कहने लगी, रुक जाओ मैं ज़रा खा लू फिर मुझे आगे बताना और क्या क्या

किया पापा ने मम्मी के साथ, और फिर कविता खाने मे लग गई और मैं टीवी के चॅनेल बदलने लगा, थोड़ी देर बाद कविता और

मैं फिर से एक दूसरे के करीब आकर चिपक गये,

कविता- अच्छा यह बताओ जब तुमने अपनी मोम को चुद्ते देखा तो सबसे अच्छा नज़ारा कौन सा लगा जिसे तुम कभी भूल नही

पाते हो,

सोनू- डार्लिंग जब मोम अपनी दोनो टाँगे हवा मे उठा कर अपनी जाँघो को फैला कर डॅड को दिखाती और चाटने को कहती वह

नज़ारा यानी उनका वह फूला हुआ चिकना भोसड़ा देख कर मैं पागल हो जाता था, औरत की कमर से लेकर जाँघो तक के बीच

का जो फैलाव होता है वह बहुत ही आकर्षित करता है और उस पर जब औरत अपनी मोटी मोटी चिकनी जाँघो को फोल्ड करके जब अपनी

मस्त चूत दिखती है उस समय वह देखने लायक नज़ारा रहता है,

कविता- उस समय तुम्हारा भी मन करने लगा होगा कि काश अपने डॅड की जगह तुम अपनी मों के मस्त भोस्डे को चाट रहे

होते,

सोनू- हाँ यह तुमने सच कहा और फिर मैने कविता की मोटी गंद को दबाते हुए उसे अपनी बाँहो मे भर लिया और फिर से

एक मस्त चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया,

सुबह सुबह कविता नहा धोकर मंदिर चली गई थी और मोम फर्श पर पोछा लगा रही थी,

सोनू- मा तूने तो फर्श बिल्कुल चिकना कर दिया,

रति- मुस्कुराते हुए अपने साड़ी के पल्लू से अपने माथे का पसीना पोछती है और उसके मोटे मोटे तंदुरुस्त दूध उसके लाल

ब्लाउज से आधे से ज़्यादा बाहर की तरफ निकले आ रहे थे, हाँ बेटा चिकनाहट तो बहुत हो रही है पर तू संभाल कर चलना

कही फिसल ना जाना,

मेरा हाथ एक बार को तो मोम के मोटे मोटे खरबूजे देख कर अपने आप लंड पर चला गया जिसे मोम ने भी देख लिया फिर

मैने मुस्कुराते हुए कहा मोम ऐसी चिकनाहट पर तो कोई भी फिसल जाए,

रति भी आज ऐसा लग रहा था जैसे खूब चुदासि हो और कहने लगी...

रति- बेटा अभी तूने असली चिकनाहट देखी ही कहाँ है इससे भी चिकने चिकने फर्श होते है जिस पर चलते ही अच्छे अच्छे फिसल

जाते है, और फिर मोम खड़ी हो गई और उसका गुदाज उठा हुआ पेट और गहरी नाभि पूरी तरह मेरे सामने आ गई और मेरा लंड

पेंट के अंदर पूरी तरह तन चुका था, ऐसा लग रहा था कि मोम को पूरी नंगी करके उनसे कस कर चिपक जाओ और खूब उनके

मसल पेट और गहरी नाभि को उनके मोटे मोटे बोबे दबाते हुए चुसू चाटू, मोम का बदन पसीने मे भीग गया था और

उनकी बगल और ब्लाउज गीला हो चुका था,

सोनू- जानबूझ कर मोम की आँखो के सामने ही उनके मोटे मोटे दूध को देखता हुआ, मोम आप तो पूरी गीली हो रही है,

रति- मुस्कुराते हुए, क्या करू बेटे कुच्छ औरतो मे कुछ जल्दी ही गीलापन आ जाता है,

सोनू- मोम आप तो कुछ ज़्यादा ही गीली लग रही है,

रति- इधर उधर देखती हुई, क्या करू मैं तो रोज ही इसी तरह गीली हो जाती हू, और फिर मोम मेरे पाजामे के उठे हुए तंबू को

बड़ी हसरत भरी निगाहो से देखती हुई, ला अपना पाजामा उतार कर मुझे दे दे देख कितना गंदा हो रहा है ला मैं धो देती हू,
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#15
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
मैं तो जैसे इंतजार मे ही था और मैने जल्दी से अपना पाजामा उतार दिया, मेरा लोड्‍ा पूरी तरह तो खड़ा नही था लेकिन इतना बड़ा

और मोटा ज़रूर लग रहा था कि अच्छी अच्छी औरतो का ईमान डगमगा जाए, मोम मेरे अंडरवेर के बड़े से उभार को देखती

ही रह गई और जैसे ही मैने उनकी नज़रो को पकड़ा उन्होने इधर उधर नज़रे कर ली, मैने पाजामा उन्हे देकर टॉवेल लगा लिया

और मोम बाथरूम की ओर चली गई तभी कविता भी मंदिर से लॉट आई, आते ही साली कमिनि ने मेरे टॉवेल मे तने लोड्‍े को अपनी

मुट्ठी मे मुस्कुराते हुए कस कर जाकड़ लिया और कहने लगी,

कविता- लगता है मा जी का गदराया बदन देख कर खड़ा हुआ है,

सोनू- अरे नही जानेमन यह तो तुम्हारी मस्त मटकती गंद देख कर तन गया था,

कविता- आँखे दिखाती हुई, ज़्यादा बनो मत मैं सब जानती हू कितने कामीने हो तुम, तभी पिछे से मा आ गई जो कि केवल

पेटिकोट को अपने दूध तक ढके हुए नहाने की तैयारी मे थी,

क्रमशः.......................................
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#16
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कमीना पार्ट - II Incest--6

रति- कविता ज़रा अलमारी से साबुन निकाल कर दे तो, कविता उसे साबुन देने लगी तब मा ने कहा, बेटे दीवाली के बाद 8-15 दिन की

छुट्टी ले ले हम लोग अपने गाँव चलते है मेरे मैके मे भैया की लड़की की शादी है और कविता का पिहर भी पास ही है तो

वह भी घूम आएगी और तेरे ताऊ के बड़े लड़के मनोहर की बीबी को भी लड़का हुआ है तो उसके नामकरण मे भी शामिल हो

जाएगे,

सोनू- ठीक है मा मैं छुट्टी की अपलिकेशन दे देता हू, दीवाली के दिन कविता ने बहुत ही खूबसूरत साड़ी पहनी हुई थी और बिल्कुल

दुल्हन की तरह सजी हुई थी, हालाकी मोम भी काफ़ी सजी धजी थी, काफ़ी खुशी का महॉल था और घर मे काफ़ी मिठाइया बनाई

जा रही थी, रात को मेरा कविता के साथ मस्त चुदाई करने का मूड था और यह बात वह भी भली भाँति जानती थी कि सोनू मुझे

इतनी सजी धजी देख कर ज़रूर खूब मस्त ठुकाई करेगा,

और इसी लिए वह बार बार मोम के सामने मुझे देख कर मुस्कुरा रही

थी और शायद मोम भी समझ रही थी कि आज मेरा बेटा खूब तबीयत से उसकी बहू को चोदने वाला है जब भी मोम थोड़ा

इधर उधर होती मैं कभी कविता के बोबे मसल देता कभी उसकी मोटी गंद दबा देता और वह मुझसे छितक कर मुस्कुराते

हुए दूर भाग जाती,

तभी कविता किचन मे खड़ी थी और मैने देखा मोम बाहर बरामदे मे है और मैने पिछे से

कविता के मोटे मोटे दूध को खूब कस कर पकड़ कर दबाने लगा और तभी मैने देखा मोम ने मुझे उसके दूध

दबाते देख लिया और एक दम से मोम से मेरी नज़रे मिली और मैं चुपचाप बाहर आ गया और कविता भी यह देख कर हल्के

हल्के मुस्कुराती हुई फिर से काम मे लग गई,

रात को पूजा के बाद दीवाली के पटाखे आधी रात तक फोड़ते रहे और खूब मिठाइयो का मज़ा लिया और फिर मैं और कविता खाना

खाने के बाद बेड पर आ गये,

कविता ने बताया कल आपकी छीनाल मौसी भी आ रही है,

सोनू- मुस्कुराते हुए, बेचारी को छीनाल क्यो बोल रही हो,

कविता- मेरे पति से रात भर अपनी चूत दबवाती रही तो उन्हे छीनाल ना कहु तो क्या कहु,

सोनू- उस बेचारी को क्या पता कि उसके भतीजे ने रात भर उसकी फूली हुई चूत को दबाया था,

कविता- मूह बनाते हुए, चलो हटो भी, पक्की छीनाल है तुम्हारी मौसी, ऐसा हो नही सकता कि कोई मर्द रात भर किसी औरत की

चूत मर्दन करे और उसे पता भी ना चले,

सोनू- कविता की फूली हुई चूत को उसकी पैंटी के उपर से दबाता हुआ, अब चोदु रानी मौसी को अब तो तुम्हारी चूत दबाने और मरने का टाइम हो गया और और फिर मैने कविता को अपनी बाँहो मे भर लिया..............

रति- अगले दिन अरे कविता मौसी को फोन करके पूछ ले कि वह भी गाँव जाएगी क्या

कविता- नही मा जी मैने कल ही उनसे पुछा था वह 1 महीने बाद आएगी और वैसे भी

सोनू ने 3 सीट रिज़र्व करवा ली है और वह कह रहे थे कि हमे छोड़ कर वापस आ जाएगे

ज़्यादा छुट्टी नही मिली है

आज मुझे कुच्छ शॉपिंग करना थी और मैं मार्केट मे घूम रहा था तभी मेरी नज़र कुछ

फॅन्सी ब्रा और पैंटी पर पड़ी कुछ तो ऐसी थी जिनको पहनने के बाद पिछे से औरतो की

गंद की गुदा पर बस एक डोरी रहती थी और पूरी गंद नज़र आती मुझे वह बड़ी अच्छी लगी

और मैने सोचा कविता जब इसे पहन कर मेरे सामने आएगी तो कितना अच्छा लगेगा

बस फिर क्या था मैने एक ब्लू और एक रेड कलर की ब्रा और पैंटी ले ली, घर पहुच कर

कविता को दिखाई तो वह मुझे मुस्कुराकर मुक्का मारते हुए कहने लगी

कविता- लगता है आज कल आपका दिन भर लंड खड़ा रहता है तभी तो इन सब चीज़ो पर इतना ध्यान रहता है.

सोनू- अब मुझे पहन कर भी दिखओगि या बाते ही बनाती रहोगी.

कविता- नहा कर पहनूँगी और फिर कविता मुस्कुराती हुई अंदर चली गई और मैं उसके

मटकते चुतडो को देखता रह गया,

मैं बैठ कर न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा तभी कविता नहा कर मंदिर की ओर चली गई

और मैं वापस पेपर पढ़ने लगा रत को कविता को ब्लू कलर की पैंटी मे देख कर

मस्त हो गया और उस रात मैने उसके चुतडो को खूब दबोच दबोच कर सहलाया, कविता

को चोदने के बाद मैने टीवी ऑन कर ली और देखने लगा, कविता सो चुकी थी और मुझे

नींद नही आ रही थी सो मैने सोचा कोई अडल्ट फिल्म देखी जाए और मैने डीवीडी पर पॉर्न

मूवी लगा दी कुछ ही देर मे मेरा मौसम फिर बन गया और मैं कविता की नंगी गंद पर

हाथ फेरते हुए अपना लंड सहलाने लगा, हालाकी कविता सो चुकी थी लेकिन वह उस पैंटी मे

बहुत मस्त लग रही थी और उसे पूरे चूतड़ नंगे नज़र आ रहे थे, मैने थोड़ी देर अपने लंड

को सहलाया और फिर सोचा अब मूत कर सो जाना चाहिए इसलिए मैं बाथरूम की ओर चल दिया,

पापा 3 दिन के लिए बाहर गये हुए थे और मेरी नज़र जैसे ही मोम के कमरे पर पड़ी उनके रूम

की लाइट ऑन थी, मैने घड़ी देखा तो उस समय रात के 2 बज रहे थे मैने सोचा मोम लाइट चालू

करके सो गई होगी और मैने धीरे से उनके रूम की विंडो के पास जाकर देखा तो एक दम से चौंक गया,

मोम मेरी लाई हुई रेड कलर की पैंटी पहन कर ड्रेसिंग टेबल के सामने नंगी खड़ी थी और बार बार

पैंटी के उपर से कभी अपनी फूली हुई चूत को दबा दबा कर देखती और कभी पीछे घूम कर अपनी

भारी गंद जो की उसकी पैंटी मे नही समा रही थी को देखने लगती, मोम के इतने भारी भरकम गोरे

गोरे चुतडो को देखते ही ऐसा लगा जैसे मेरा लंड पानी छोड़ देगा, वाकई मे पैंटी तो सही मायने

मे मोम के उपर ज़्यादा अच्छी लग रही थी, मेरा तो लंड यह सोच सोच कर फटा जा रहा था कि मेरी

मा मेरी लाई हुई पैंटी को पहन कर मेरे सामने नंगी खड़ी है,
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#17
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
वाकई मे मा के चूतड़ कविता से भी डबल थे

कविता तो मा के सेक्सी बदन से आधी नज़र आती थी और वह लाल रंग की पैंटी उनकी गंद मे इस कदर फसि हुई थी

कि मैं देख कर मस्त हो गया, तभी मोम मिरर के सामने से बेड की तरफ गई और उसकी मस्तानी चाल देख कर

मेरे लंड की नसे तन कर इतनी फुल गई जैसे अभी फट पड़ेगी, तभी मा बेड पर लेट गई और लाइट ऑफ कर दी,

मुझसे रहा नही जा रहा था और मैं कविता के पास जाकर उसकी गंद को अपने लंड से दबा कर लेट गया और फिर

ना जाने कब नींद आ गई

सोनू- कविता तुम्हारी ब्लू पैंटी बहुत अच्छी लग रही थी आज रेड वाली पहनना

कविता- हस्ते हुए अरे मैं तो आपको बताना ही भूल गई वह पैंटी तो मा जी ने ले ली है

उन्हे वह पैंटी बहुत पसंद आई है कल ही उन्होने वह पैंटी पहन ली थी,

सोनू- अरे मैं तुम्हारे लिए लाया था तुमने मोम को क्यो दे दी,

कविता- मुस्कुराते हुए अरे तो क्या हो गया मा जी पर वह पैंटी बहुत अच्छी लग रही थी,

सोनू- तूने देखी है मोम को पहने हुए

कविता-मेरा लंड पकड़ कर मसल्ते हुए, हाँ और तुम देख लेते तो अपनी मोम की मोटी गंद

मारने के लिए तड़प उठते, बहुत सेक्सी नज़र आ रही थी उसमे,

सोनू- अच्छा बहुत भारी चूतड़ है क्या मोम के

कविता- अरे तुम्हारा तो बस उनकी गंद की दरार मे मूह डाल कर चाटने का मन होने लगता

उस रात कविता ने काफ़ी गरम बाते की और फिर हम लोग गाँव चल दिए वहाँ से कविता अपने मयके चली

गई और मैं गाँव मे ही रुक गया

मेरी एक चाची जिसका नाम सविता था वह मा से मिलने के लिए आई, रंडी बड़ी मोटी गंद की मालकिन थी

बिल्कुल मा की तरह, उसकी मा से बनती भी बहुत थी उपर से नाभि के नीचे साड़ी बाँधने के कारण उसका

गुदाज पेट भी बिल्कुल मा की तरह ही नज़र आता था क्योकि मा भी साड़ी काफ़ी नीचे बाँधती थी मा के उभरे

हुए पेट को देख कर उसकी फूली चूत की कल्पना करना बड़ा आसान था, जैसे ही चाची झुकी उसके बाहरी चुतडो

पर मेरी निगाहे टिक गई लेकिन मुझे नही पता था कि मा मेरी नज़रो को ही देख रही थी, चाची की मोटी गंद को

देखते हुए अनायास मेरा हाथ अपने लोड्‍े पर चला गया और मैने अपना लोड्‍ा मसल्ते हुए चाची की गंद को जी भर

कर देखा लेकिन जैसे ही मेरी नज़र मा पर पड़ी हमारी नज़रे मिल गई और मैं सकपका गया और डर गया लेकिन मा

के चेहरे पर एक अजीब चमक और हल्की मंद मुस्कान देख कर ना जाने क्यो मेरा लंड झटके मारने लगा लेकिन मैं

जल्दी से वहाँ से उठ कर चला गया और फिर पूरा गाँव घूम कर रात को ही हर लोटा

रात को मा ने मेरे पसंद का खाना बनाया था खाना खाने के बाद

रति- सोनू ज़रा इधर आ

मा ज़मीन पर बिस्तेर लगा कर लेटी हुई थी और उसकी साड़ी उसके घुटनो तक थी पेर उसने मोडे हुए थे मैं तो उसकी

गोरी गुदाज पिंदलिया देख कर मस्त हो गया मेरी आँखे उस वक़्क्त और भी लाल हो गई जब मैने देखा कि मा की आँखे

बहुत कामुक नज़र आ रही थी

रति- सोनू बेटे ज़रा पेर दबा दे बड़ी अकड़न सी महसूस हो रही है, मैं तो जैसे इंतजार मे ही था मैने झट से

उसके पेरो को अपने हाथो मे थाम कर धीरे धीरे दबाने लगा,

रति- आह बड़ा अच्छा दबा रहा है सोनू बड़ा आराम मिल रहा है, मैं मा की गोरी गोरी टॅंगो को खूब मसल मसल

कर दबा रहा था और उसकी साड़ी के अंदर झाँकने की कोशिश कर रहा था, मा बड़े गौर से मेरा चेहरा देख रही

थी,

रति- सोनू थोड़ा उपर तक दबा ना, सबसे ज़्यादा दर्द तो जाँघो मे हो रहा है,

मेरा हाथ मा की मोटी मोटी गुदाज जाँघो तक पहुचा और मैने मा की मखमली चिकनी जाँघो को कुछ इस तरह से

दबाया जैसे कोई मर्द अपनी बीबी की मोटी जाँघो को उसे चोदने से पहले सहलाता और दबाता है मेरे रग रग मे

मस्ती भर गई और मा ने भी आँखे बंद कर ली लेकिन तभी मादरचोद चाची ना जाने कहाँ से आ तपकी और सारा

मज़ा किरकिरा हो गया

सविता- मुस्कुराते हुए क्या हो रहा है सोनू अपनी मा की बड़ी सेवा कर रहा है तू, कभी अपनी चाची के भी हाथ

पाँव दबा दिया कर,

मैने देखा उस समय मा का भी चेहरा मुरझा सा गया था जैसे उसकी मेहनत पर पानी फिर गया हो,

रति- आ सविता हो गया खाना पीना

सविता- हाँ दीदी हो गया तभी तो मैने सोचा कि तुम्हारे पास ही जाकर थोड़ी देर गप्पे मारती हू,

सोनू- मा मैं सोने जाउ
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#18
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
रति- ठीक है बेटा

मैं वहाँ से उठ कर अपने कमरे मे आ गया तभी मेरे मन मे आया कि क्यो ना चाची और मा की बाते सुनू देखे

दो मस्त घोड़िया आधी रात मे क्या बाते करती है मैं अपने रूम मे ना जाकर मा के कमरे के बाहर ही चुपचाप

खड़ा हो गया,

सविता- रति के भारी चुतडो पर चिकोटी काटते हुए, क्यो दीदी इतनी रात तक जाग रही हो लगता है भैया की

याद आ रही है,

रति- मुस्कुराते हुए, भैया की याद ना आएगी तो क्या इतनी रात को तेरी याद सताएगी

सविता- दीदी जब चूत फूली होती है तब अपने जवान बेटे से पेरो की मालिश ना करवाया करो कही उसने जंघे

दबाते दबाते चूत दबा दी तो लेने के देने पड़ जाएगे,

रति- मुस्कुरकर बनावटी गुस्सा दिखाते हुए, अरे कुछ तो शरम कर सविता वह मेरा बेटा है,

सविता- जानती हू तुम्हारा बेटा है पर यह क्यो भूल जाती हो कि उसकी शादी हो चुकी है और अब तो वह रोज तुम्हारे

और मेरे जैसी औरत को नंगी करके चोद्ता है,

रति- चल अब चुप कर

सविता- अच्छा दीदी एक बात बताओ जब इन जवान लड़को से अपने पैर दबबाते है तो यह भी सोचते होंगे कि जाँघो

के उपर कैसी मस्त फूली हुई चूत होगी,

रति- क्यो नही सोचते होंगे और फिर सोनू तो शादीशुदा है वह तो सब जानता है कि औरत की चूत कैसी रहती है,

सविता- मुस्कुराते हुए, यही तो मैं कहना चाहती हू दीदी की जवान लोंडे से अपनी जंघे मत दब्वाया करो कही जोश

मे आकर तुम्हारी चूत दबा दी तो

रति- मुस्कुराते हुए, दबा देगा तो तेरे कौन से बाल झाड़ जाएगे, मेरा बेटा है मेरी चूत दबा भी देगा तो तेरा क्या

बिगड़ जाएगा,

मा की बाते सुन कर मैं तो एक दम मस्त हो रहा था और कान लगा कर दोनो की बाते सुन रहा था, मेरा लंड पूरी औकात

मे आ चुका था,

सविता- मूह बनाते हुए, भला मेरा क्या बिगड़ेगा मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी,

रति- मुस्कुराते हुए इस बार सविता के चुतडो को दबाते हुए, लगता है देवेर जी के लोड्‍े मे अब वो धार नही बची

इसीलिए तू दिनभर पनियाई फिरती है

सविता- अरे दीदी अब क्या बताऊ, लंड डालते ही पानी छोड़ देते है यह उनकी रोज की आदत हो गई है,

रति- तो फिर तू क्या करती है

सविता- क्या करूँगी बस चूत सहला कर सो जाती हू

रति- कुछ सोचते हुए, हूँ

सविता- दीदी तुम्हे तो भैया खूब कस कस कर ठोकते होंगे ना

रति- मूह बनाते हुए अरे कहाँ रे उनका भी वही हाल है जो तेरे मरद का है, तेरा कम से कम रोज डालने की कोशिश

तो करता है, पर ये तो 4-5 साल से इन चीज़ो से दूर हो गये है अब महीने मे एक आध बार चोद्ते है वह भी 2-4

मिनिट के लिए और फिर झाड़ जाते है,

सविता- तो फिर दीदी तुम क्या करती हो

रति- मुस्कुराते हुए, मुझसे तो रहा नही जाता है, मैं तो चूत मे कुछ डाले बिना रह ही नही पाती हू इसलिए कुछ

ना कुछ डाल कर कम से कम आधा घंटा करना पड़ता है नही तो मुझे तो नींद ही नही आती,

सविता- दीदी वह तो ठीक है मैने भी कई बार ऐसा किया लेकिन दीदी लंड जैसा मज़ा नही मिलता है,

रति- हाँ वह तो है लंड की बात ही अलग होती है और फिर रति ने एक लंबी अंगड़ाई ली और कहा सविता आज तो बहुत

थक गई हू अब नींद आ रही है

सविता- ठीक है दीदी मैं भी चलती हू बहुत रात हो गई है,

सविता चाची के जाने के बाद मा सो गई और मैं उन दोनो की रसीली बाते सोचता हुआ आकर लेट गया, पर मेरे मन मे

एक इच्छा ज़रूर जाग्रत हो गई थी वह थी चाची और मा को खूब कस कस कर ठोकने की

सुबह उठ कर चाइ पीने के बाद जैसे ही मैं सविता चाची के घर गया और घर के अंदर घुसा आँगन के एक

कोने का नज़ारा

देख कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई सविता चाची पूरी नंगी खड़ी होकर नहा रही थी, हे उसके मोटे मोटे

गोरे गोरे भारी भरकम चुतडो को देख कर तो मैं पागल हो गया

कितने सुडोल और चौड़े थे उनके चूतड़, देख कर ऐसा लग रहा था कि जाकर उनकी मोटी गंद पर ज़ोर दार थप्पड़

मारु और उनके चुतडो को चौड़ा करके अपना लंड पेल दू, तभी सविता चाची की नज़र मुझ पर पड़ गई और वह एक

दम से मुझे देख कर अपना पेटिकोट उठा कर उसे अपने सीने से लगा लिया मैं जैसे ही पलट कर जाने को हुआ तभी

चाची ने मुझे आवाज़ देकर रोक दिया
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#19
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
सविता- अरे सोनू कहाँ जा रहा है बैठ ना मैं तो नहा चुकी हू

चाची के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कुराहट थी और बार बार वह मेरे पेंट मे बने तंबू को देख रही थी मैं भी

उसे छोड़ने के लिए लालायित था इसलिए मैं भी चाह रहा था कि वह मेरा तंबू अच्छे से देख ले,

सविता- अपना पेटिकोट पहनते हुए मुस्कुराकर कहने लगी, संजू तूने मुझे नंगी तो नही देखा

उसकी इस बात से मेरा लंड ऐसे उछल पड़ा जैसे पेंट फाड़ कर बाहर आ जाएगा,

मैने हसरत भरी निगाहो से उसे देखता हुआ कहने लगा नही चाची ऐसी कोई बात नही है

सविता- मुस्कुराते हुए, मुझे तो लगा कि तू बहुत देर से खड़ा खड़ा मुझे नंगी देख रहा था,

सोनू- हस्ते हुए नही चाची ऐसी कोई बात नही है,

सविता- ले मेरी चोली की गाँठ तो बाँध दे ज़रा

सविता चाची मेरे बिल्कुल करीब आकर मेरी तरफ अपनी पीठ करके घूम गई उसकी चिकनी पीठ और गोरी कमर और उसके

भारी चूतड़ मुझे पागल किए जा रहे थे मैं उसकी चोली बाँधने लगा तभी सविता चाची ने थोड़ी सी अपनी गंद

मेरी तरफ कर दी जिससे मेरा लंड उनके पेटिकोट के उपर से उनकी गंद को छु गया,

सविता- सच बता सोनू तूने मुझे नंगी देख लिया था ना,

सविता चाची के बार बार नंगी शब्द कहने से मेरा लंड अब कुछ ज़्यादा ही तनटना गया था मुझसे रहा नही गया

और मैने उनकी गंद मे अपने लंड का दबाव थोड़ा बढ़ा कर कहा हाँ चाची मैने आपको पूरी नंगी देखा है, मेरा

हाथ चोली बाँधने की बजाय उनकी पीठ सहला रहा था और वह अपनी गंद का ज़ोर मेरे लोड्‍े पर लगाए हुए थी,

सविता- तुझे शरम नही आई अपनी मा समान चाची को नंगी देखते हुए,

सोनू- वो चाची ग़लती से मेरी नज़र आप पर पड़ गई,

सविता- ऐसे ग़लती से फिर तो तूने अपनी मा को भी नंगी देखा होगा,

सोनू- हाँ चाची कई बार देखा है,

सविता- अपने होंठ अपने दांतो से काटते हुए अपनी गंद सोनू के लोड्‍े पर दबा कर कहती है, हाँ अब तो तू बड़ा हो

गया है तेरी शादी हो चुकी है अब तो तू रोज ही अपनी बीबी को नंगी देखता होगा,

सोनू- अपने लंड को चाची की गंद मे दबाते हुए, हाँ चाची रोज ही देखता हू, बिना नंगी देखे मुझे नींद ही

नही आती,

सविता- नंगी देख कर क्या करता है, सविता की आवाज़ मई कपकपाहट थी,

सोनू- सविता की गर्दन पर मूह रख कर चूमते हुए अपने होंठो को उसके कान के पास ले जाकर धीरे से कहता है,

चाची नंगी देख कर फिर चोद्ता हू,इतना कह कर सोनू अपने हाथ से सविता चाची की मोटी गंद को थाम कर लंड

उसकी गंद मे रगड़ देता है,

सविता- सीसियाते हुए, तूने तो मुझे भी नंगी देखा है तो अब क्या करेगा,

सोनू- सविता चाची के गले को चूमता हुआ उसकी गदराई गंद को अपने हाथो मे भर कर, चाची अब मैं तुम्हे

चोदुन्गा,

सविता- एक दम से पलट कर सोनू से चिपक जाती है और पागलो की तरह उसके होंठो को चूमते हुए उसके खड़े

लंड को उसकी पेंट के उपर से पकड़ कर मसल्ने लगती है,

सोनू सविता चाची को अपनी बाँहो मे भर कर उसके मोटे मोटे दूध को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगता है और

उसके होंठो का रस पीने लगता है साथ ही सोनू अपने एक हाथ से सविता चाची की गंद को सहलाते हुए उसके

चुतडो की दरार मे अपना हाथ भर कर उसकी गुदा सहलाने लगता है,

क्रमशः....................................
Reply
10-15-2018, 10:52 PM,
#20
RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कमीना पार्ट - II Incest--7

सविता दो मिनिट बाद उसे खिचती हुई बिस्तेर पर ले गई और पेंट खोल कर लंड हाथ मे पकड़ कर मसल्ते हुए

कहने लगी हे सोनू कितना मोटा लंड है तेरा आज तो अपनी चाची की चुत मार मार कर लाल कर दे कितने दिनो से

ऐसे तगड़े लंड के लिए तरस रही हू, मैने चाची का पेटिकोट उतार दिया और उसकी फूली हुई चूत को अपनी हथेली

मे भरकर कस कर मसल्ते हुए कहा, क्या वाकई मेरा लंड बहुत मोटा है

सविता- हाँ रे इतना मोटा और बड़ा लंड तो मैने आज तक नही देखा, कसम से तेरा लंड अगर तेरी मा रति देख लेगी

तो वह तो इससे अपनी चूत मराने के लिए पागल हो जाएगी, इतना कहते ही चाची मेरी गोद मे चढ़ गई और मेरे लंड

को चूत पर अड्जस्ट करके एक धक्का मारा कि लंड उसकी फूली चूत को चीरता हुआ अंदर तक समा गया और चाची के मूह

से आह जैसी आवाज़ निकल गई,

सविता- हे सोनू कितना मोटा मूसल है तेरा कविता कैसे इसे लेती होगी, यह तो तेरी मा की भी चूत फाड़ देगा, सच

यह तो तेरी मा रति के मस्त भोस्डे के लायक है,

मैं लगातार चाची की चूत मे लंड पेल रहा था, मेरा जोश इसलिए दुगुना हो गया क्योकि चाची चुदने के साथ बार

बार मेरी मा रति के भोस्डे की बात कर रही थी और मेरी कल्पना मे मुझे मा नंगी नज़र आ रही थी,

सोनू- क्या मा का भोसड़ा सचमुच बहुत बड़ा और फूला हुआ है,

सविता- हाँ रे पर तू मुझसे क्यो पूछ रहा है तू तो कह रहा था ना कि तूने अपनी मा को भी नंगी देखा है,

आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सोनू- कस कस कर सविता चाची की चूत ठोकते हुए, हाँ नंगी तो देखा है पर भोसड़ा इस तरह पूरा खोल कर

नही देखा इसलिए अंदाज़ा नही है कि मा का भोसड़ा कैसा होगा,

सविता- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईई सीईइ अरे खूब उसकी चूत फूली रहती है वह भी किसी मोटे तगड़े लंड से अपनी चूत कुटवाना

चाहती है, तेरे बाप के लोड्‍े मे अब वह दम नही रहा ना इसलिए, और अगर कही उसे पता चल जाए कि तेरा मूसल

कितना तगड़ा है तो वह ज़रूर तुझसे अपनी चूत और गंद दोनो मरवा लेगी, तू नही जानता वह दिन भर पानी छोड़ती

रहती है बड़ी चुदासि है तेरी मा,

सोनू- पर मुझसे कैसे चुदवा सकती है आख़िर मेरी मा जो ठहरी,

सविता- अरे सब चुदवा लेगी, जब तुझसे अपनी मोटी मोटी जंघे दब्वा सकती है तो चुदवाएगि क्यो नही, और तू क्या

सोचता है क्या उसके पेर दर्द करते है जो तुझसे मसलवाती है, अरे उसकी चूत खूब पानी छोड़ती है इसलिए तुझसे

अपनी जंघे दब्वाति है और मज़ा लेती है उसका दिल करता है कि कोई मजबूत हाथो से उसको खूब मसले उसे खूब

दबाए और अपने तगड़े लोड्‍े से उसकी खूब चुदाई करे उसकी खूब जम जम कर चूत मारे

सोनू- तो जब वह जंघे दब्वाति है तो क्या उस समय उसका चुदने का मन होता है,

सविता- आह आह और तेज मार सोनू बहुत अच्छा लग रहा है, अरे वह तो अपना भोसड़ा खोले तेरे लंड के लिए तरस

रही है अब जब तू अपनी मा की जंघे दबाएगा तब धीरे से हाथ जाँघो से उपर लेजाकार उसकी फूली हुई चिकनी चूत

सहला देना फिर देखना वह अपनी जाँघो को और चौड़ा करके खुद ही अपना भोसड़ा और खोल देगी बस तू हल्के से उसका

भोसड़ा दबा देना इतने मे तो तेरी मम्मी तेरे सामने ही मूतने लगेगी, अब और तेज तेज मार मेरी बच्चेदानि पर अपने

लंड की ठोकर मार आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सी सीईईईईईईईईईईईई सीयी ऑश्फह माँ मर गई कितना मज़ा आ रहा है,

सोनू- चाची तुम्हारा भोसड़ा बड़ा मस्त है आज तो इसे चोद चोद कर फाड़ दूँगा, अब ज़रा घूम जाओ मैं पीछे से

तुम्हारी चूत मारूँगा,

इतना कहना था कि सविता घोड़ी बन गई और अपनी मोटी गंद उठाकर हिलाने लगी मैने तुरंत अपने लंड को कस

कर उसके मस्त भोस्डे मे पेल दिया और हाथ से उसकी गुदा और गंद सहलाते हुए उसकी चूत मारने लगा,

सोनू- चाची तुम्हारे चूतड़ बड़े मोटे और चौड़े है कोई भी इन्हे इस तरह नंगा देख ले तो उसका मन तुम्हारी

गंद मारने का होने लगेगा,

सविता- तेरी मा रति के चूतड़ मेरी गंद से भी ज़्यादा मोटे और चौड़े है, तू अपनी मा के चूतड़ ऐसे नंगे

देखेगा तो तेरा मन करेगा कि अपना मूह अपनी मम्मी की नंगी गंद मे भर कर उसे खूब अपने मूह से दबाए और चूमे,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,444,487 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,040 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,209,465 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 914,322 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,620,739 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,053,748 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,906,205 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,907,029 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,973,893 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,622 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)