Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-16-2019, 12:11 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ख़ान भाई और घर वालो के जाने के बाद सोनिया मेरे पास आई,,,,,इतना सब कुछ हो गया तूने
मुझे बताया क्यूँ नही सन्नी,,,

मैं बताना चाहता था लेकिन मैं तुझे और बाकी लोगो को ख़तरे मे नही डालना चाहता था


इसमे ख़तरे वाली क्या बात,,तू इतना अच्छा काम कर रहा है उन लोगो को सज़ा दिलवा रहा है
जो इतना घटिया काम करते है,,,,,घर वालो को ना सही कम से कम मुझे तो बता सकता
था ना,,,,मैं तेरी हेल्प कर सकती शायद इसमे,,,,वैसे अब भी देर नही हुई,,,अगर मैं
किसी भी तरह तेरी हल्प कर सकती हूँ तो मुझे बता सन्नी,,,,मैं भी तेरा साथ देना
चाहती हूँ इस सब काम मे,,,,

नही सोनिया मैं तुझे अपने साथ शामिल नही कर सकता,,,,वैसे भी मैं तुझे हर्ट नही
होने दे सकता,,,,लेकिन फिर भी अगर तू मेरी हेल्प करना चाहती है तो प्ल्ज़्ज़ कविता के
घर से बाहर नही निकलना ,,,कॉलेज भी नही जाना,,और जब जाना हुआ तो मुझे कॉल
करके जाना,,,जब तक मैं साथ नही हूँ तुम दोनो के तुम दोनो घर से बाहर कदम भी नही
रखना,,,,,


लेकिन सन्नी,,,मुझे भी तेरी हेल्प,,,,,अभी सोनिया फिर से बोलने लगी तो मैने उसको चुप
करवा दिया,,,,,,,बस अब मुझे इसके बारे मे कोई बात नही करनी,,,तुम चलो कविता के
घर मैं भी चलता हूँ तुम लोगो के साथ,,,,,


सोनिया कुछ नही बोली और कविता के साथ जाके कार मे बैठ गयी,,,फिर हम लोग वहाँ से
चल पड़े,,,कविता और सोनिया आगे सूरज भाई की कार मे और मैं भुआ की कार मे पीछे पीछे


कविता के घर पहुच कर हम लोग बहुत थक चुके थे,,एक तो गाँव से इतनी दूर तक ड्राइव
किया था और अब घर आके वो सब देखने को मिल गया जिसके बारे मे सोचा भी नही था,,,

कविता के घर पहुचे तो सूरज भाई और कामिनी भाभी भी बहुत परेशान थे क्यूकी न्यूज़
पर भी वो सब दिखा रहे थे जो आज मेरे घर पर हुआ था,,,,,

वो लोग भी मेरे से इस बारे मे बात करना चाहते थे लेकिन मैं कुछ नही बोला और खाना
ख़ाके सूरज के बाप के रूम मे जो अभी खाली था ,,वहाँ जाके सो गया,,,,लेकिन नींद
कहाँ थी आँखों मे,,,,मेरे घर मे 2-2 पोलीस वालो का खून हुआ था,,,,मेरा पूरा परिवार
ख़तरे मे था,,,ऐसी हालत मे मुझे भला नींद कैसे आ सकती थी


बेड पर लेट कर सोचने लगा कि अब क्या करना चाहिए,,,,कैसे अपने प्लान को अंजाम दिया
जाए ,,,,क्यूकी जो प्लान पहले बना था अब उस प्लान पर काम नही कर सकते थे क्यूकी अब
शायद अमित और उसके बाप को मेरे पर शक़ हो गया था,,,,जब तक ये पक्का नही होता कि उन
लोगो को मेरे पर शक़ है या नही आगे कुछ भी करना मुमकिन नही था,,,यही सब सोच रहा
था कि दिमाग़ भारी हो गया,,,,तभी करण का फोन आ गया,,,,,


करण,,,,,,,,,,,हेलो सन्नी भाई आ गया तू,,,अभी पता चला ख़ान भाई से की तू गाँव से
वापिस आ गया है,,,,मुझे बताया क्यूँ नही जाते टाइम,,,,

सनी,,,,,,,अबे क्या बताता ,,,,तू तो बात ही नही कर रहा था मेरे से,,,,कितना ट्राइ किया
तेरा फोन भी ऑफ था,,,,

करण,,,,सौरी भाई थोड़ा परेशान था मैं बस,,,,लेकिन वो सब छोड़ बता घर वाले कैसे
है,,सब ठीक है ना,,,,और तू कहाँ है,,,,

सन्नी,,,,,, सब ठीक है करण,,,घर वाले भी और मैं भी,,,,घर वाले तो गये ख़ान भाई
के साथ और मैं कविता के घर पर हूँ,,,,तू बता कैसा है,,,,सब ठीक तो है ना तेरी
तरफ,,,,वहाँ तो कोई पंगा नही हुआ ना,,,,

करण,,,,,,नही भाई हम सब ठीक है कोई पंगा नही हुआ,,,,बस फिर भी थोड़ा परेशान
हूँ मैं,,,,

सन्नी,,,,,,क्या परेशानी है बता मुझे,,,,,,,

करण,,,,,,,,,,,,नही भाई अभी नही बता सकते तुम कल घर आना फिर बताउन्गा,,,,इतना
बोलकर उसने फोन काट दिया,,,,

साला इतनी मुश्किल से नींद आने लगी थी इसने फिर टेन्षन मे डाल दिया मुझे,,,खैर बड़ी
मुश्किल से आँख लगी थी,,इतना थक जो गया था और जब सुबह उठा तो 10 बज रहे थे,,


सुबह भी सूरज भाई और कामिनी भाभी की बातों से बचना था इसलिए कविता को बोलकर
नाश्ता अपने रूम मे ही मंगवा लिया और नाश्ता करके जल्दी से वहाँ से चला गया,,,

अभी घर से निकला ही था की ख़ान भाई का फोन आ गया,,,,ख़ान भाई चाहते थे कि हम
लोगो को अब सुमित को बाहर ले आना चाहिए ,,लेकिन मैने ख़ान भाई को मना कर दिया क्यूकी
पहले मुझे इस बात का पूरा विश्वास होना चाहिए था कि अमित और उसका बाप मेरे पर शक़
नही कर रहे ,,,,क्यूकी अगर वो मेरे पर शक़ कर रहे थे तो प्लान चेंज करना पड़ सकता
था,,,,इसलिए मैने ख़ान भाई को 2-4 दिन रुकने को बोला,,,,

फिर मैं चल पड़ा करण के घर की तरफ,,,,,


करण के घर पहुँचा तो थोड़ा डर गया,,,,वहाँ एक लाल बत्ती वाली कार खड़ी हुई थी और
साथ मे कुछ लोग गन्स लेके खड़े हुए थे,,,,,मैं डर गया कहीं अमित का बाप तो नही आ
गया करण के घर,,,,,लेकिन जैसे ही घर के अंदर गया देखा कि सब लोग समान पॅक कर
रहे थे,,,,तभी करण की नज़र पड़ी मेरे पर और वो भाग कर मेरे गले लग गया,,,,


भगवान का लाख लाख शूकर है तू ठीक है सन्नी भाई,,,,

अबे मैं तो ठीक हूँ लेकिन तुम लोग समान क्यूँ पॅक कर रहे हो,,,,मैने ये बात पूछी
थी करण से लेकिन जवाब कहीं और से मिला मुझे,,,,


ये लोग करण के पापा के पास जा रहे है,,,,,इतनी बात बोली थी रितिका के बाप ने जो मेरे
पीछे की तरफ सोफे पर बैठा हुआ था,,,,,

अमित और उसका बाप बहुत ख़तरनाक लोग है सन्नी बेटा,,,,मैं नही चाहता कि मेरी बेटी,,
दामाद या उसके ससुराल वालो को कोई नुकसान हो इसलिए मैं इन लोगो को करण के पापा के
पास भेज रहा हूँ जब तक ये पंगा सॉल्व नही हो जाता,,,,


सन्नी भाई मैं तुझे अकेला छोड़ कर नही जाना चाहता भाई,,,,ये जंग हम लोगो ने मिलकर
शुरू की है मैं तुझे ऐसे अकेले बीच मे छोड़कर नही भाग सकता,,,,कारण थोड़ा
उदास होके बोला,,,,


अबे तुझे किसने कहा मैं अकेला हूँ,,,,मेरे साथ ख़ान भाई है,,,,और जिसके साथ एक
पठान है एक मुसलमान है उसको किसी और की भला क्या ज़रूरत,,,,और वैसे भी तेरी अब
शादी हो गयी है तेरा पहला काम अपनी पत्नी की सुरक्षा करना है,,,और वैसे भी मैं
अपने घर वालो को सुरक्षित जगह भेज चुका हूँ और तेरे घाल वाले मेरे लिए पराए थोड़ी
है,,,,ये भी तो मेरी फॅमिली है,,,,मैं तो खुद चाहता हूँ कि तुम लोग कहीं दूर चले
जाओ,,,,ये तो अच्छा हुआ कि रितिका के पापा ने मेरी टेन्षन दूर करदी तुम लोगो को यहाँ से
भेजने की,,,,तो कब जाना है,,,


तभी शिखा मेरे पास आके रोने लगी,,,,,सन्नी तूने सब मेरी वजह से किया और अब मैं ही
तुझे छोड़कर भाग रही हूँ यहाँ से,,,,मुझे नही जाना इन लोगो के साथ मुझे यहीं
रहना है,,,,,इतना बोलकर वो रोती हुई मेरे गले लग गयी,,,

चुप कर पगली कहीं की,,,,तू भी मेरे लिए शोभा और सोनिया जैसी है,,,जब उन लोगो को
मैने यहाँ से दूर भेज दिया तो तुझे कैसे यहाँ रहने दे सकता हूँ,,,चल अब चुप
कर ,,,,और वैसे भी तुम लोग कॉन्सा हमेशा के लिए जा रहे हो,,,मैं जल्दी ही सब कुछ
ठीक कर दूँगा और फिर तुम लोगो को वापिस बुला लूँगा,,,मेरा भी दिल नही लगना तुम लोगो
के बिना,,,,,


अच्छा अब बता करण जाना कब है,,,,कितने बजे की फ्लाइट है और कब है,,,,


कल सुबह की फ्लाइट है सन्नी भाई,,,,6 बजे की,,,,

फिर तो अभी निकलना होगा,,,पॅकिंग हो गयी क्या,,,,

तभी अलका आंटी बोली,,,,हाँ सन्नी बेटा सारी पॅकिंग हो गयी,,,,

तो चलो चलते है,,,,अभी निकले तो रात 8-9 बजे तक देल्ही पहुँच जाएँगे,,और 11 बजे
तक ऐर्पोट,,,,वैसे भी ऐर्पोट रोड पर बहुत ज़ाम होता है,,,,,तो चलो अब देर किस बात
की,,,,,,


फिर हम लोग वहाँ से चल पड़े,,,,करण अपनी कार मे रितिका के साथ और मैं अपनी कार मे
शिखा और अलका आंटी के साथ,,,,,वैसे तो एक ही कार मे चले जाना था लेकिन समान बहुत
था इसलिए 2 कार मे गये हम लोग,,,,

रितिका का बाप साथ नही गया ,,क्यूकी उसको डर था वो साथ गया तो कहीं कोई देख ना ले
किसी को पता नही चल जाए कि रितिका और करण देश छोड़कर जा रहे है
Reply
07-16-2019, 12:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रास्ता करीब 8-9 अवर्स का था,,,इसी दौरान अलका और शिखा डर को ख़तम करने के लिए
थोड़ी मस्ती करना चाहती थी,,वैसे भी आज आखरी बार मस्ती करनी थी मेरे साथ फिर
तो इन लोगो ने चले जाना था,,,,,लेकिन अलका और शिखा मे से किसी को भी ठीक से कार
चलानी नही आती थी इसलिए मैं उनकी चुदाई नही कर सका लेकिन 8-9 अवर्स की ड्राइव मे
उन लोगो ने 4 बार मेरा लंड चूसा था,,,,मैं भी सारी टेन्षन भूल कर कुछ एंजाय करना
चाहता था वैसे भी इतने दिन से लंड से पानी नही निकला था लंड भरा हुआ था पूरा का
पूरा और जब लंड से 4 बार पानी निकल गया तो दिमाग़ और जिस्म थोड़े हल्के हो गये,,,,


हम लोग 10 बजे के करीब ऐर्पोट पहुँच गये ,,


तभी करण बोला ऑश शिट,,,,,गड़बड़ हो गयी सन्नी भाई,,,,,


क्या गड़बड़ हो गयी करण भाई,,,,,,


भाई रितिका के डॅड ने बोला था टिकेट सुबह 6 बजे के है लेकिन टिकेट तो कल शाम 6 बजे
के है,,हम लोग ग़लती से बहुत जल्दी आ गये है,,,,,

तो अब क्या करना है कारण भाई,,,,,

करना क्या है,,,होटल चलते है और कल 1-2 बजे आ जाएँगे ऐर्पोट और अब कॉन्सा दूर जाना
है ये ऐर्पोट के पास ही बहुत अच्छे अच्छे होटेल है,,,,


करण ठीक कह रहा था कल शाम 6 बजे की फ्लाइट है तो हम लोग इतना टाइम ऐर्पोट पर
तो नही बिता सकते थे,,,,,,इसलिए हम लोग होटेल मे चले गये,,,,


करण ने 2 रूम बुक करवाए,,,,अलका ,,शिखा और रितिका तो अपने रूम्स मे चली गयी लेकिन
करण मुझे लेके होटेल बार मे चला गया,,,,

अबे यहाँ क्यूँ लेके आया है करण,,तुझे पता है मैं ड्रिंक नही करता,,,,,,


सन्नी भाई तू नही करता लेकिन मैं करने लगा हूँ हल्की हल्की ड्रिंक और आज तो वैसे
भी मूड बड़ा ऑफ है मेरा आज मत रोक मुझे प्लज़्ज़्ज़,,एक तो तेरे से दूर जाने का गम है
मुझे और उपर से इस बात का गुस्सा भी है कि मैं तुझे अकेले छोड़कर भाग रहा हूँ
यहाँ से,,,तू मेरा दोस्त कम भाई ज़्यादा है और तूने शिखा दीदी की वजह से ये पंगा शुरू
किया था और अब तू अकेला रह जाएगा मेरे बिना,,,,मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है इस बात
पर सन्नी भाई,,,,


मैने तुझे पहले भी बोला था करण कि मैं अकेला नही हूँ ख़ान भाई मेरे साथ है और
रही बात तेरी तुझे मेरे से ज़्यादा अपनी बीवी का साथ देना है,,,भूल मत अब तेरी शादी
हो चुकी है,,,,


फिर हम लोग करीब 2 अवर्स वहीं बार मे बैठे रहे और बातें करते रहे,,,,फिर हम
लोग भी रूम की तरफ चल पड़े,,,,

काफ़ी देर बार मे बैठने के बाद हम लोग उठकर अपने रूम की तरफ चले गये,,,


रूम तक पहुँचे तभी करण बोला,,,,ओके भाई तुम जाओ अंदर और मैं चला माँ और शिखा
के पास,,,,,


अबे तू माँ और शिखा के पास क्यूँ जा रहा है ,,,उन लोगो को सोने दे तू मेरे साथ सोजा इस
रूम मे,,,,

अरे सन्नी भाई आज माँ और शिखा के साथ मस्ती का फुल मूड है अपना,,,आज सारी रात माँ
और शिखा की चुदाई करूँगा मैं,,,,वैसे भी रितिका के होते मैं माँ और शिखा की चुदाई
नही कर सका काफ़ी टाइम से,,,,

अबे तो आज कॉन्सा कर पाएगा तू माँ और शिखा की चुदाई,,लगता है तुझे शराब चाढ़ गयी
'है और तू भूल गया है कि आज भी रितिका अलका आंटी और शिखा के साथ है उस रूम मे
मैने इतना बोला और उसकी हालत पर हँसने लगा,,,,,

तभी वो भी मेरी बात पर हँसने लगा और बोला,,,,नही भाई इतनी भी नही पी मैने,,आज
रितिका माँ और शिखा के पास नही है,,,क्यूकी आज वो इस रूम मे है,और तेरा इंतजार कर'
रही है,,,,,,,

मैं उसकी बात से थोड़ा चोंक गया,,,,रितिका यहाँ इस रूम मे ,,,क्यूँ ,,,और मेरा इंतजार
क्यूँ कर रही है वो,,,,


सन्नी भाई आज मेरा दिल कर रहा था तुझे तोहफा देने को तो मैने तुझे तोहफा दे दिया,वो
भी रितिका के रूप मे,,,,

अबे तू होश मे तो है,,क्या बोल रहा है,,,


हां भाई मैं पूरी तरह होश मे हूँ,,,,तूने मेरी बेहन की इज़्ज़त खराब होने से बचा
ली इसलिए मेरी तरफ से रितिका तेरे लिए एक रात का तोहफा है,,,,और वैसे भी वो खुद एक
बार तेरे साथ हमबिस्तर होना चाहती है,,,,वो तो कब्से ट्राइ कर रही थी तेरे पर,,,उसने
मुझे बताया भी था ,,वो समझती थी वो खूबसूरत है और बड़ी आसानी से तुझे राज़ी करलेगी
अपने साथ सोने के लिए लेकिन मैने उसको बता दिया था कि तू मुझे कभी धोखा नही दे
सकता,,,और तूने कभी धोखा दिया भी नही सन्नी भाई,,,मुझे इस बात की खुशी है,,,,


तेरे कहने पर रितिका ने मेरे से शादी की,,,,,तूने उसकी शादी मेरे से करवा कर उसको और
मुझे ज़िंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया था फिर तेरे कहने पर रितिका ने अपनी लाइफ का पहला
सेक्स मेरे साथ किया और अपनी चूत की सील मेरे से खुलवा कर मुझे ज़िंदगी का सबसे बड़ा
तोहफा दिया जबकि वो पहला सेक्स तेरे साथ करना चाहती थी,,,,तुझसे चूत की सील खुलवाना
चाहती थी,,,,लेकिन तूने उसकी बात नही मानी और उसने मेरे साथ पहला सेक्स कर लिया,,,,


अब मैने उसकी चूत की सील तो खोल दी है लेकिन गान्ड को छुआ तक नही,,,अब वो अपनी
गान्ड मे पहला लंड तेरा लेना चाहती है,,,,,बस एक रात ही सही वो तेरे साथ हमबिस्तर
होना चाहती है,,,,

उसी के कहने पर मैने टिकेट को कल सुबह की जगह कल शाम के टाइम की करवा लिया था


जा भाई ऐश कर आज रात रितिका के साथ और मैं चला माँ और शिखा के पास,,,,जा भाई
अंदर जा,,,,,मैं अंदर जाते हुए थोड़ा डर रहा था लेकिन करण ने मुझे धक्का दे दिया
अंदर और खुद वहाँ से चला गया,,,,


ये बात नही कि मैं रितिका के साथ सेक्स नही करना चाहता था ,,मैं तो कब्से मरा जा
रहा था उसको चोदने के लिए लेकिन मैं करण को धोखा नही देना चाहता था लेकिन आज
तो करण ने खुद रितिका मेरे सामने पेश की थी ,,ऐसा मौका मैं हाथ से कैसे जाने दे
सकता था,,,,कितने दिन से चुदाई नही की थी किसी की और आज तो सील पॅक गान्ड मिलने
वाली थी वो भी रितिका की,,,,और वैसे भी रास्ते भर अलका और शिखा ने मेरा लंड चूस
चूस कर मुझे पागल कर दिया था,,,,लेकिन लंड चूसने से निकलने वाली पानी और चूत
की चुदाई के बाद निकलने वाले पानी मे बहुत फ़र्क था,,,मैं चूत की चुदाई करके पानी
निकालना चाहता था,,,,और आज तो मुझे चूत के साथ साथ इतनी खूबसूरत लड़की की सील
पॅक गान्ड मिल रही थी,,,,यही बात सोच सोच कर लंड ने ओकात मे आना शुरू कर दिया
था,,,




करण चला गया अपने रूम की तरफ और मैं आ गया अपने रूम मे ,,,मैने रूम का दरवाजा
बंद किया और अंदर चला गया,,,रूम मे हल्की लाइट जल रही थी,,,,मैने थोड़ा आगे जाके
देखा तो दंग रह गया,,,,अंदर बेड सुहागरात की सेज की तरह सज़ा हुआ था,और रितका
बेड पर दुल्हन की ड्रेस मे घूँघट ओढ़ कर बैठी हुई थी,,बेड पर वाइट कलर की बेड
शीट बिछि हुई थी और उसपे गुलाब की पत्तियाँ पूरे बेड पर बिखरी हुई थी और रितिका रेड
कलर के दुल्हन के लीबाज़ मे बैठी थी,,उसने घुटनो को मोड़ कर अपना सर घुटनों के
बीच अपने हाथों पर रखा हुआ था,,,मैं उसके करीब जाने ही लगा तभी डोर बेल बजी
और मेरा ध्यान रितिका से हट गया और मैं डोर की तरफ गया तो देखा एक बंदा हाथ मे दूध
का ग्लास लेके खड़ा हुआ था,,,,

सर ये गरम दूध औरडर किया था मेडम ने,,,,मैने उसके हाथ से दूध का ग्लास पकड़ा तो
दरवाजा खुला होने की वजह से उस आदमी का ध्यान भी अंदर की तरफ गया तो सुहागरात का
बेड और उसपे बैठी हुई दुल्हन को देख कर वो बंदा खुश हो गया,,,


मैने दूध का ग्लास पकड़ा और अंदर जाने लगा तभी वो बंदा बोला,,,,

साहिब केसर वाला दूध है,,,,

मैने कुछ नही बोला और फिर से पलट कर अंदर जाने लगा तो बंदा फिर बोला,,

साहिब बादाम भी है दूध मे,,,,

मैने फिर कोई बात नही बोली और वापिस रूम मे जाने लगा तो बंदा फिर बोल पड़ा,,,

साहिब दूध गर्म है जल्दी पी लेना कहीं ठंडा नही हो जाए,,,,

मुझे मन ही मन बड़ा गुस्सा आया साले पर,,,साले तुझे दूध की पड़ी है और अंदर से गरम
होके उबल उबल कर मेरा क्या हाल हो रहा है तुझे क्या पता,,,,तभी मैने उसको पॉकेट से
निकाल कर कुछ पैसे दिए तो वो हंसता हुआ वहाँ से जाने लगा तो बोला,,,,,साहब पता होता
तो थोड़ी शिलाजीत भी लेके आता साथ मे,,,,,

मैने कोई जवाब नही दिया और जल्दी से अंदर आके दरवाजा बंद कर लिया,,,मैने दूध का
ग्लास जाके टेबल पर रखा और बेड पर जाके रितिका के पास बैठ गया,,,,वो अभी भी सर को
झुका कर बैठी हुई थी,,,,,


मैं पास बैठा हुआ सोचने लगा कि सला इसने तो सब इंतेज़ाम किया हुआ है सुहागरात का
बेड भी सज़ा लिया,,दुल्हन का लीबाज़ भी पहन लिया और अब गरम दूध भी आ गया,,सही
बोला था इसने मुझे एक बार कि ये कैसे भी अपनी ज़िद्द पूरी करके ही दम लेती है,,और आज
इसने ये साबित भी कर दिया,,,,

अब अगर ये तैयार है ,,,करण तैयार है तो मुझे क्या प्राब्लम है,,,इतना सोचते हुए मैं
आगे बढ़ा और रितिका के हाथ पर अपना हाथ रख दिया,,,,उसने जल्दी से अपने हाथ को पीछे
कर लिया,,,फिर मैने उसके घूँघट को पकड़ा और हल्के से उपर उठा दिया,,,उसने अपने सर
को घुटनों मे दबाया हुआ था ,,,,मैने दोनो हाथों से उसके सर को दोनो तरफ से पकड़ा और
उपर उठा दिया,,,,,

उसके चहरे पर हल्की स्माइल थी लेकिन शरम से आँखें बंद थी उसकी,,उसने हल्का मेक-अप
किया हुआ था,,,,गुलाब जैसे गुलाबी होंठों पर हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक और आँखों मे
हल्का काजल जो आँखों से हल्का बाहर की तरफ निकला हुआ था,,,वो दुल्हन के लीबाज़ मे
बहुत ही खूबसूरत लग रही थी,,,,

मैने उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और दिल ही दिल
मे सोचने लगा कि हाइ अल्लाह कोई इतना भी खूबसूरत हो सकता है क्या,,ऐसा लगता था जैसे
खुदा ने उसको फ्री टाइम मे बड़ी ही नज़ाकत से बनाया था कोई जल्दी नही थी खुदा को,,उसने
हर एक अंग को बड़ी शिद्दत से तैयार किया था,,ख़ास कर उसके चहरे को ,,,इतनी भोली भाली
लग रही थी वो कि मेरे होश ही उड़ गये थे उसको देख कर,,,,,


मैं उसकी तरफ बड़े प्यार से नज़रे टिका कर देख रहा था तभी कुछ देर बाद उसने अपनी
आँखें खोली और जब मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो जल्दी से आँखें बंद करली उसकी
इसी अदा ने मुझे आगे बढ़ने के लिया जोश पैदा कर दिया,,,मैने आगे बढ़ कर उसके लिप्स पर
हल्की किस करदी फिर एक के बाद एक 15-20 किस करदी उसके लिप्स पर,,,,फिर पीछे होके उसकी
तरफ देखने लगा,,,,,तभी उसने फिर से आँखें खोली और टेबल पर पड़े हुए दूध के
ग्लास की तरफ इशारा किया,,,,

मैं उसकी बात समझ गया और आगे बढ़ कर दूध का ग्लास उठा लिया,,,दूध अब तक थोड़ा
ठंडा हो गया था,,,,मैने दूध का ग्लास उठाया और उसकी तरफ देखते हुए थोड़ा दूध
पी लिया,,,फिर ग्लास की उसकी तरफ कर दिया,,,,उसने शरमा कर ना मे सर हिला कर मुझे
दूध पीने से मना कर दिया लेकिन मैं नही माना,,मैने दूध के ग्लास को उसके होंठों
के पास किया तो उसने अपने होंठों को थोड़ा खोल कर ग्लास को मुँह से लगाया और हल्का दूध
पी लिया,,,,फिर मैने ग्लास अपने होंठों से लगाया और थोड़ा दूध पीके ग्लास वापिस उसके
होंठों की तरफ कर दिया,,,,,इस बार उसने मना नही किया बस शर्मा कर मेरी तरफ देखते
हुए थोड़ा सा दूध पी लिया तभी थोड़ा सा दूध उसके लिप्स से बहता हुआ उसकी चिन की
तरफ बढ़ने लगा,,,,उसने हाथ उठा कर अपनी चिन से दूध सॉफ करने की कोशिश की लेकिन
मैने उसका हाथ पकड़ लिया और आगे बढ़ के अपनी ज़ुबान से उसके लिप्स से बहने वाले दूध को
चाट गया,,,,मेरी इस हरकत से वो थोड़ा थरथरा गयी और बहक गयी,,,,

मैं फिर से ग्लास को मुँह से लगाया और थोड़ा दूध पीके ग्लास को वापिस उसके करीब किया और
उसने दूध पीने के लिए अपने लिप्स को खोला तो मैने जानभूज कर दूध का ग्लास कुछ
ज़्यादा ही उपर उठा दिया जिस से थोड़ा सा दूध उसके लिप्स पर गिर गया और वहाँ से बहता
हुआ उसकी चिन पर आ गया और वहाँ से बहता हुआ उसकी गर्दन से होता हुआ उसके बूब्स की लाइन
की तरफ बहने लगा,,,,,मैने आगे बढ़ के फिर से उसकी चिन और गर्दन से दूध चाटने की
कोशिश की तो इस बार वो मेरी हरकत को पहले ही भाँप गयी और शरमा कर चेहरा दूसरी
तरफ कर लिया और अपने दोनो हाथों को क्रॉस करके अपने बूब्स को कवर करते हुए अपने दोनो
हाथों को अपने शोल्डर पर रख दिया जिस से उसकी गर्दन और बूब्स मेरे से कवर हो गये,,
Reply
07-16-2019, 12:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने उसने हाथों को उसके बूब्स से हटाने की कोशिश की लेकिन वो थोड़ा ज़ोर लगाने लगी और
इसी ज़ोर आज़माइश मे मेरे हाथ से दूध का ग्लास छूट कर बेड पर गिर गया लेकिन अब मुझे
उस दूध की फ़िक्र नही थी मुझे तो उस दूध की फ़िक्र थी जो उसके लिप्स से बहता हुआ उसके
बूस्ब् की लाइन मे चला गया था,,,,उस एक कतरा दूध के लिए मैं 1000 लीटर दूध जाया
करने को तैयार था,,,,

मैने फिर से उसके हाथों को पकड़ा और थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसके हाथ उसके बूब्स से हट गये
वैसे भी मेरे ज़ोर के आगे उसका क्या ज़ोर चलना था,,,उसके हाथ उसकी गर्दन और बूब्स से हट
गये तो मैने आगे बढ़ के उसकी गर्दन से दूध चाटने की कोशिश की तो उसने अपने जिस्म को बेड
पर पीछे की तरफ झुका दिया और बेड पर लेट गयी,,मैने उसके हाथों को अपने हाथों मे
पकड़ा हुआ था,,जैसे जैसे वो बेड पर पीछे की तरफ गिरती गयी वैसे वैसे मैं उसके उपर
गिरता गया,,,,


वो बेड पर पीठ के बल लेट चुकी थी और मैं उसके उपर लेट चुका था,,,उसके दोनो हाथ
मेरे हाथों मे पकड़े हुए बेड की दोनो तरफ खुल कर बिच्छ चुके थे,,,मेरा ध्यान उसकी
गर्दन और बूब्स की लाइन पर टिका हुआ था,,,,अब तक दूध तो हल्का सूख चुका था लेकिन
उसकी गर्दन दूध की वजह से गीली हो चुकी थी और उसकी गोरी गर्दन और बूब्स का उपर
का हिस्सा हल्की रोशनी मे भी चाँद की तरह चमक रहा था,,,,मैने कोई देर किए बिना
अपने सर को नीचे की तरफ झुका दिया और अपनी ज़ुबान को उसके बूब्स की लाइन पर टिका दिया
और उसकी बूब्स की लाइन को चाट-ता हुआ उपर की तरफ बढ़ने लगा,,मेरी इस हरकत से उसकी हालत
खराब हो गयी थी,,उसका बदन अकड़ने लगा था ,,मैं बूब्स की लाइन को चाट-ता हुआ उपर की
तरफ बढ़ रहा था और उसकी गर्दन अकड़ती जा रही थी इस वजह से उसकी चिन थोड़ी उपर
उठ गयी थी ,,जब तक मैं बूब्स की लाइन से गर्दन को चाट-ता हुआ उसकी चिन तक पहुँचा
उसकी चिन उपर की तरफ उठ चुकी थी,,,उसकी गर्दन अकड़ चुकी थी,,,मैने पल भर की
देर नही की और उसकी चिन को चाट-ते हुए अपने मुँह मे भर लिया और हल्के से चूसने लगा,



वो तोड़ा झटपटा रही थी,,कसमसा रही थी,,अपने हाथों को मेरे हाथों से छुड़वाने की
कोशिश कर रही थी ,,उसकी लगा था मैं ऐसा करने से उस को छोड़ दूँगा लेकिन वो पगली
नही जानती थी कि उसकी यहीं हरकते मुझे और ज़्यादा गर्म कर रही थी,,,



मैने उसके हाथों को थोड़ा कस्के पकड़ा हुआ था और उसकी चिन को मुँह मे भरके चूस और
चाट रहा था,,,फिर वापिस उसकी गर्दन को चाटने लगा और कभी बूब्स के उपर की तरफ
उसकी छाती पर ज़ुबान फिराते हुए साथ साथ हल्की-हल्की किस करने लगा,,वो बस लेटी हुई
झटपटा रही थी लेकिन अब हल्की हल्की आहें भरना शुरू कर दिया था उसने,,,कुछ देर
गर्दन और बूब्स के उपर के हिस्से को चाटने के बाद मैने अपने सर को उपर उठा दिया और उसकी
तरफ देखने लगा,,,,,


मैं कुछ पल ऐसे ही रुका रहा ,,तभी उसने अपने चेहरे को सीधा किया और हैरात से मेरी
तरफ देखने लगी,,,वो सोच रही थी कि मैं रुक क्यूँ गया,,,लेकिन जैसे ही उसने चेहरे मेरी
तरफ किया मैं उसके होंठों की तरफ बढ़ने लगा ,,,उसने जल्दी ही अपने फेस को टर्न कर
लिया ,,,,मैने भी कोई जल्दबाज़ी नही की और अपना चहरे उपर उठा लिया और उसकी तरफ देखने
लगा,,,,,,कुछ पल बाद उसने फिर अपने चहरे को सीधा किया और मेरी तरफ देखने लगी,,,


मैं भी उसकी तरफ देखता रहा,,वो कुछ बेचैन थी ,,आँखों ही आँखों मे मेरे से पूछ
रही थी कि मैं रुका क्यूँ हूँ,,क्यूँ उसको तडपा रहा हूँ,,,मैं भी आँखों ही आँखों मे
उसको जवाब दिया कि जो कुछ हो रहा है हम दोनो की मर्ज़ी से हो रहा है,,और अगर अपनी मर्ज़ी
से वो मेरा साथ देगी तभी मैं कुछ करूँगा,,,,वो मेरी बात समझ गयी और अपने सर को ना
मे हिलाने लगी और मुझे बताने लगी को वो मेरा साथ नही देगी,,,,उसको शरम आ रही है

लेकिन मैं भी कमीना था,,,मैं कुछ नही कर रहा था बस उसकी तरफ देखते जा रहा था
,,तभी कुछ पल बाद उसने शरमा कर अपने सर को हां मे हिला दिया और मुस्कुरा कर अपनी
आँखें बंद करदी और मुझे ये बता दिया कि वो मेरा साथ तो देगी लेकिन उसको शरम आ रही
है,,,,,मुझे यही अदा तो अच्छी लगती है लड़कियों की,,,उनकी रज़ामंदी होनी चाहिए लेकिन
अगर रज़ामंदी के साथ साथ हल्की हल्की शरम भी हो तो क्या कहने,,,,



उसने शरमा कर अपने सर को हां मे हिला दिया और मुस्कुरा कर अपनी आँखें बंद करदी उसकी
इस हरकत से मैं थोड़ा खुश हो गया और उसके होंठों की तरफ बढ़ने लगा,,,कुछ ही पल मे
मेरे होंठ उसके होंठों को टच कर गये,,,उसके कोमल कोमल होंठों का गर्म गर्म एहसास
अपने होंठों पर पाके मेरे जिस्म को एक हल्का सा झटका लगा जो लंड मे हल्का हल्का तनाव
पैदा करने लगा,,,,लंड हल्का हार्ड हो चुका था,,,,जैसे ही मेरे लिप्स उसके लिप्स पर लगे
मैने लंड को भी उसकी चूत पर रगड़ दिया,,,


उसने अपनी रज़ामंदी दिखा दी थी इसलिए जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठों को टच किए
उसने अपने होंठों को हल्का सा खोल दिया और मैने उसके होंठों को अपने होंठों मे जकड
लिया और चूसना शुरू कर दिया,,,,वो थोड़ा झिझक रही थी लेकिन हल्का हल्का रेस्पॉन्स
ज़रूर दे रही थी,,,मेरी ज़ुबान उसके मुँह मे थी तो कुछ पल बाद उसने भी अपनी ज़ुबान को
मेरे मुँह मे डाल दिया,,,लेकिन सिर्फ़ कुछ पल के लिए ही,,मैं समझ गया था वो थोड़ी परेशान
है इसलिए मैने उसको ज़्यादा तंग नही किया और हल्के हल्के उसके होंठों को चूस्ता गया,वो
जितना भी रेस्पॉन्स दे रही थी मेरे लिए काफ़ी था,,,

कुछ देर उसके होंठों का रसपान करने के बाद मैं उसके उपर से उठ गया जबकि वो ऐसे ही
लेटी हुई गर्म गर्म उखड़ती हुई साँसे ले रही थी,,उसका पूरा बदन हल्के हल्के काँप रहा
था,,,मैने उठकर अपनी टी-शर्ट निकाल दी ,,नीचे बनियान नही थी इसलिए मेरा उपर का
हिस्सा टी-शर्ट निकलते ही नंगा हो गया,,,,,मैने उसके हाथों को पकड़ा और उसको वापिस बेड
पर बिठा दिया,,,,उसने मेरे जिस्म पर एक नज़र डाली और आँखें बंद करली,,,मैने आगे बढ़ कर
उसके शोल्डर पर से उसकी चुनरी पकड़ी और बड़े प्यार और नज़ाकत से उसकी चुनरी को उसके जिस्म
से अलग करके बेड पर साइड मे रख दिया,,,,उसकी आँखें अभी भी बंद थी,,मैने आगे बढ़ कर
फिर से उसके लिप्स पर हल्की किस की और उसकी कमीज़ को हाथ पे पकड़ लिया और उतरने लगा
उसने थोड़ी जद्दोजहद की लेकिन जल्दी ही हार मान गयी और अपनी रज़ामंदी दिखाते हुए अपने
हाथ हवा मे थोड़ी उपर उठा लिए,,,,मैने उसकी कमीज़ को भी उतार कर बेड पर रख दिया
लेकिन जैसे ही मैं उसकी ब्रा की तरफ बढ़ा उसने अपने हाथों से अपनी ब्रा को पकड़ लिया



लेकिन मैं नही माना और अपने हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हुक्स को खोल
दिया और फिर उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग करने लगा तो उसने अपनी ब्रा को थोड़ी कस कर
अपने हाथों मे पकड़े रखा,,,,मैने भी कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही की और उसके होठों पर किस
करने लगा ,,मुझे लगा शायद वो किस करने के बाद अपने हाथो से ब्रा को अलग कर लेगी


लेकिन उसने ऐसा नही किया,,,मैने उसको किस करते हुए उसको वापिस बेड पर लेटा दिया और उसके
पेट और कमर पर हाथ घुमाने लगा,,,मैं उसके बूब्स को भी अपने हाथों मे महसूष करना
चाहता था लेकिन उसने अपने हाथों से अपनी ब्रा को पकड़ा हुआ था और अपने बूब्स को भी कवर
किया हुआ था,,,

Reply
07-16-2019, 12:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
खैर मैं उसको किस करता गया और अपने हाथों से उसके पेट और कमर को सहलाता गया,,कुछ
देर बाद मैं उसके होंठों से दूर हुआ और उसके पेट पर अपने होंठ रख दिए उसके बूब्स
से थोड़ा नीचे और किस करते हुए उसके कमर से होता हुआ नीचे उसकी चूत की तरफ बढ़ने
लगा ,मेरे दोनो हाथ उसकी कमर के दोनो तरफ से उसकी कमर को हल्के हल्के दबा दबा कर
सहला रहे थे,,,मैं किस करता हुआ उसके पेट से नीचे की तरफ आ रहा था फिर जब
मैं उसकी चूत के पास उसकी सलवार तक पहुचा उसकी साँसे और भी ज़्यादा तेज हो गयी,मैने
अपने हाथों को उसकी सलवार के पास किया और उसकी सलवार के नाडे को पकड़ लिया,,मेरे ऐसा
करते ही उसने जल्दी से अपने बूब्स और ब्रा से अपने हाथ हटा लिए और मेरे हाथ को पकड़
लिया और सलवार के नाडे को मेरे हाथों से छुड़वाने लगी,,मैने कोई जल्दबाजी नही की और
उसके सलवार के नाडे को छोड़ दिया लेकिन ऐसा करते ही मैने अपने हाथ उसकी ब्रा की तरफ
बढ़ा दिए जो अभी तक बूब्स पर टिकी हुई थी ,,उसने भी जल्दी से अपने हाथ वापिस ब्रा पर
रखे और ब्रा को पकड़ लिया,,,वो बहुत तेज बनने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं भी कम
नही था,,,मैने फिर से अपने हाथ उसकी सलवार के पास किए और उसकी सलवार के नाडे को
पकड़ने ही वाला था कि उसने मेरे हाथ पकड़ लिए,,,

उसने मेरे हाथों को अपने हाथों मे पकड़ा हुआ था और मेरे हाथ उसकी ब्रा की तरफ बढ़ने
लगे लेकिन वो थोड़ा ज़ोर लगा रही थी और मेरे हाथों को अपने बूब्स और ब्रा से दूर कर रही
थी इसलिए मैं अपने हाथों को उसकी सलवार की तरफ ले गया,,,,वो समझ गयी कि एक तरफ तो
मैं जाके रहूँगा इसलिए उसने मेरे हाथों को अपने बूब्स की तरफ बढ़ा दिया और जब मेरे हाथ
उसके बूब्स तक पहुँच गये उसने अपने हाथों को बेड पर रख लिया,,,,,मैने भी एक ही पल
मे अपने हाथों से उसकी ब्रा को पकड़ा और उसके हाथों से निकालते हुए ब्रा को उसके जिस्म से
अलग कर दिया और साइड मे रख दिया,,,,वो मेरी तरफ देख रही थी और मैं उसके नंगे हो
चुके छोटे छोटे बूब्स की तरफ,,,,,,,,,,

उसके बूब्स इतने भी छोटे नही थे लेकिन मुझे बड़े बड़े बूब्स की आदत हो गयी थी
जैसे रेखा के बूब्स,,,,माँ के बूब्स,,,अलका आंटी के बूब्स,,,यहाँ तक कि शिखा और शोभा
दीदी के बूब्स भी रितिका के बूब्स से बहुत बड़े थे,,,,इसलिए मैं इसके बूब्स को छोटा
समझता था,,,,

वो मेरी तरफ देख रही थी और मैं उसके नंगे हो चुके बूब्स की तरफ देख रहा था ,,
तभी वो शरमा गयी थोड़ा घबरा गयी और अपने हाथों से अपने बूब्स को कवर करने लगी
लेकिन मैने ना मे सर हिला कर उसको ऐसा करने से मना कर दिया ,,उसने भी वापिस अपने
हाथों को बेड पर रख दिया,,,,मैं कुछ देर उसके बूब्स को देखता रहा फिर नीचे होके
उसके एक बूब को मुँह मे भर लिया,,,मेरे ऐसा करते ही उसके मुँह से एक हल्की अहह
निकल गयी,,,,मैने उसके बूब को मुँह मे भर लिया और चूसने लगा और साथ ही उसके दूसरे
बूब को अपने हाथ मे पकड़ कर हल्के हल्के मसल्ने लगा,,उसके बूब्स ज़्यादा बड़े नही थे
लेकिन काफ़ी मस्त थे ,,मस्ती मे उसके बूब्स की हल्के ब्राउन कलर की डुंड़िया काफ़ी हार्ड हो
चुकी थी मैं उसके बूब्स को चूस्ता हुआ उसकी डुंदीयों पर ज़ुबान फिराने लगा और साथ ही
साथ उसकी डुंदीयों को हल्के हल्के काटने लगा,,,कभी मैं उसके एक बूब को चूस्ता काट-ता
चाट-ता और कभी दूसरे को,,,,कुछ देर उसके बूब्स को चूसने काटने और मसल्ने के बाद मैं
अपना एक हाथ बूब से उठा कर नीचे चूत की तरफ ले गया,,,,पहले तो वो मुझे मना कर
रही थी चूत तक जाने से लेकिन अब बूब्स चूसने की मस्ती मे वो काफ़ी हद तक गर्म हो
चुकी थी और अब मुझे नही रोक रही थी,,,,


मेरा हाथ उसकी सलवार तक गया और मैने कोई देर किए बिना उसकी सलवार के नाडे को खोल
दिया,,,नाडा खुलते ही मेरा एक हाथ उसकी सलवार के अंदर चला गया और मैने उसकी पेंटी के
उपर से उसकी चूत को अपने हाथ पर महसूस करना शुरू कर दिया,,,,उसकी पेंटी चूत से
निकले पानी से पूरी तरह गीली हो गयी थी ,,मैने उसकी चूत को पेंटी के उपर से अपनी एक
उंगली से सहलाना शुरू कर दिया ,,उसकी पेंटी चूत के पानी से गीली हो गयी थी इसलिए मेरी
उंगली उसकी पेंटी पर चूत के उपर फिसलती जा रही थी वो भी उसकी चूत की लाइन के
बीच मे,,,,उसकी साँसे तेज हो गयी थी,,जिसम काँपने लगा था ,,तभी उसके हाथ मेरे सर
पर आ गये और मेरे सर को बड़े प्यार से सहलाने लगे,,,मैं समझ गया कि अब ये पूरी तरह
से मेरे क़ाबू मे आ चुकी है,,,,वो दोनो हाथों से मेरे बालों मे उंगलियाँ घुमा रही थी
और मेरे सर को हल्के हल्के अपने बूब्स पर दबा रही थी,,,,



अब मैने अपनी एक उंगली को उसकी पेंटी की एक तरफ से उसकी पेंटी मे घुसा दिया और उसकी
चूत तक पहुँचा दिया कुछ ही पल मे मेरी उंगली पूरी तरह गीली हो गयी थी और उसकी
चूत तक पहुँच गयी थी ,,मैने कोई देर किए बिना उंगली को एक बार उसकी चूत मे पूरा
अंदर तक घुसा दिया,,,,,ऐसा करते वो हल्की उछल गयी ,,,मैने उंगली को चूत से निकाला
और अपने मुँह के करीब कर लिया फिर उंगली को नाक से लगा कर सूंघने लगा ,,एक अजीब ही
नमकीन और खट्टी खट्टी मदहोश करने वाली खुश्बू आ रही थी उसकी चूत के पानी से जो
मुझे पूरी तरह गर्म करने के लिए काफ़ी थी,,,जब मैं उसकी चूत के पानी से सराबोर हो
चुकी अपनी उंगली को सूंघ रहा था वो मुझे बड़ी गौर से देख रही थी उसके देखते ही
देखते मैने उंगली को मुँह मे भर लिया और उसकी चूत के पानी को चाटने लगा,,,उसकी चूत
का स्वाद भी हल्का हल्का खट्टा था,,,,एक दम नुंबू के आचार जैसा,,,उसने मेरे ऐसा करते
मुझे हँसके देखा और मेरे सर को सहलाने लगी,,,,,


अब मेरे से रहा नही गया और मैं जल्दी से उठा और उसकी टाँगों के पास जाके एक ही पल मे
उसकी सलवार को पकड़ा और उसकी टाँगों से अलग कर दिया ,,,वो मेरी इस हरकत से थोड़ी हैरान
होके मुझे देखने लगी इस से पहले वो कुछ कहती या कुछ करती मैने उसकी पेंटी को भी
पकड़ा और नीचे उतार कर उसकी टाँगों से अलग करके साइड मे रख दिया,,,मैने ये सब इतनी
जल्दी मे किया कि वो थोड़ी डर गयी,,,,,वो अब मेरे सामने एक दम नंगी थी,,,मैं उसकी चूत
को बड़े प्यार से देख रहा था,,उसने चूत की तरफ घूरते हुए मुझे देखा तो अपनी टाँगों
को आपस मे जोड़कर चूत को मेरे से छुपा लिया,,,,,उसको लगा शायद ऐसा करने से मैं रुक
जाउन्गा,,,लेकिन मैं तो पूरी तरह पागल हो गया था उसकी चूत की खुश्बू से और उसकी चूत
से निकलने वाले पानी के स्वाद से,,,,,


मैं उठा और बेड से नीचे जाके घुटनो के बल उसकी टाँगों के बीच मे ज़मीन पर बैठ
गया और अपने दोनो हाथों से उसकी टाँगों को पकड़ा और दोनो तरफ खोलते हुए उसको अपने करीब
खींच लिया,,,ये सब इतनी तेज़ी मे किया मैने कि वो थोड़ा डर गयी और सर उठा कर मुझे
देखने लगी,,मैने भी एक पल उसकी तरफ देखा और फिर ध्यान किया उसकी चूत की तरफ,,
उसकी चूत एक दम गुलाबी रंग की थी उसपे रेशम जैसे हल्के हल्के ब्राउन कलर के बाल
थे ,उसकी चूत के लिप्स ज़्यादा बड़े नही हुए थे अभी क्यूकी करण से उसकी शादी हुए अभी
कुछ ही दिन हुए थे और जब उसकी शादी हुई थी उसकी चूत सील पॅक थी ,,करण का लंड
भी लंबा ज़रूर था लेकिन बहुत पलटा था,,इसलिए रितिका की चूत ज़्यादा खुली नही थी
अभी तक,,,मैं कुछ पल उसकी चूत को घूरता रहा फिर दोनो हाथों से उसकी चूत के
छोटे छोटे होंठों को पकड़ा और उसकी चूत को खोल कर अंदर के गहरे गुलाबी हिस्से को देखा
,,मेरी हालत बहुत खराब हो गयी थी मेरे से अब रुका नही जा रहा था मैने उसकी चूत को
खोला और जल्दी से अपने मुँह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया,,वो एक दम से पीछे हटने
लगी तो मैने उसको दोनो हाथों से उसकी गान्ड से पकड़ा और उसकी चूत को अपने मुँह पर दबा
लिया और चूत के दोनो होंठों को मुँह मे भरके चूसने लगा,,,,मैं उसकी चूत पर ऐसे किस
करने लगा जैसे कुछ देर पहले उसके होंठों पर कर रहा था,,,,


वो मचलती जा रही थी और खुद को मेरे से दूर करने की कोशिश कर रही थी बेड पर इधर
उधर पलट रही थी लेकिन मैने उसको उसकी गान्ड के करीब से कस कर पकड़ा हुआ था और उसकी
चूत को चाट-ता जा रहा था,,,,कुछ ही देर मे उसकी सिसकियाँ शुरू हो गयी,,,,अहह
आहह हहययययययईई ऊऊऊओह मैं समझ गया कि अब ये कहीं नही जाने
वाली इसलिए मैने उसकी गान्ड से अपनी पकड़ थोड़ी कमजोर की और अपने हाथ वापिस उसकी चूत
पर ले आया और फिर उसकी चूत के दोनो होंठों को साइड मे करके उसकी चूत को खोल दिया और
अंदर के गहरे गुलाबी हिस्से पर अपनी ज़ुबान घुमाने लगा,,,,वो बस सिसकियाँ लेती जा रही
थी और तेज़ी से हाँफ रही थी,,,,
Reply
07-16-2019, 12:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसकी चूत को करीब 10-15 मिंट से चाट और चूस रहा था तभी उसके बदन ने तेज़ी
से झटके मारने शुरू कर दिए मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली हो गयी है इसलिए मैं
थोड़ा पीछे हट गया और उसकी चूत के उपर वाले हिस्से पर तेज़ी से उंगली के साथ मसल्ने
लगा तभी वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेती हुई पानी बहाने लगी लेकिन वो सिर्फ़ पानी ही नही
था वो इतनी मस्त हो गयी थी कि उसका पेशाब निकल गया था,,,आज पहली बार ऐसा हुआ था
कि मैने किसी का पेशाब निकाल दिया था चूत को चाट चाट कर,,,उसके पेशाब की बौछार
मेरी छाती पर होने लगी कुछ छींटे मेरे मुँह पर भी पड़े लेकिन ज़्यादा पेशाब मेरी
छाती पर गिरा,,,,,,जब उसका पेशाब ख़तम हुआ तो मैं उठकर बेड पर बैठ गया और बेड
से अपनी टी-शर्ट उठाकर अपनी छाती पर लगे हुए उसके पेशाब को सॉफ करने लगा,,,वो बस
तेज़ी से साँसे लेती हुई मेरी तरफ देख रही थी,,,,,


मैं खड़ा हो गया और उसकी तरफ देखते हुए अपनी पेंट उतारने लगा,,,मेरी पेंट उतर गयी और
मैं नंगा हो गया क्यूकी अब मेरी आदत नही रही थी अंडरवेार डालने की पेंट के नीचे,,जब
पेंट उतर गयी और मैं नंगा हो गया तो मेरा बड़ा मूसल पूरी ओकात मे आ चुका था ,,जब
उसकी नज़र मेरे मूसल पर पड़ी वो थोड़ा हैरान होके एक टक मेरे मूसल की तरफ देखने
लगी ,,,लेकिन तभी वो और भी ज़्यादा हैरान हो गयी क्यूकी मैने अपने मूसल पर थोड़ा थूक
लगा लिया था और उसकी चूत की तरफ़ बढ़ने लगा था,,,वो अभी झड कर हटी थी और मैं
फिर से उसकी चूत की तरफ जा रहा था इसलिए वो डरी हुई थी,,,,,मैने लंड पर थूक
लगाया और बेड पर टाँगे खोल कर बैठ गया,,,,इस से पहले वो कुछ बोलती या करती मैने
उसको कमर से पकड़ा और अपनी टाँगों के बीच मे खींच लिया,,वो मुझे रोकना चाहती थी
लेकिन अब बहुत देर हो गयी थी ,,मैने उसको अपने करीब किया और लंड को पकड़ कर उसकी
चूत पर रखा और फिर उसकी कमर से पकड़कर एक ही झटके मे आधा लंड उसकी चूत
मे उतार दिया,,,,


मैं ये सब प्यार से करना चाहता था लेकिन काफ़ी दिन से चूत नही मारी थी और अब रितिका
जैसी हॉट लड़की थी सामने तो मैं खुद पर क़ाबू नही कर सका,,,,लंड पर थूक लगा था
और चूत अपने ही पानी से गीली और चिकनी हो चुकी थी जैसे ही लंड रख कर मैने धक्का
दिया लंड पहली बार मे आधा अंदर घुस गया और उसके मुँह से एक चीख निकल गयी ,,शायद
उसको दर्द हुआ था और उसको एहसास था पहले से कि इतना बड़ा मूसल उसकी चूत मे जाएगा तो
उसको दर्द होगा इसलिए चीखने से पहले ही उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिए थे जिस से
उसकी चीख रूम तक ही सीमित रही थी,,,,,मैने उसकी चीख पर ज़्यादा ध्यान नही दिया और
फिर से एक झटका मारा तो लंड थोड़ा और अंदर खिसक गया और इस बार चीख पहले से थोड़ी
तेज थी और उसको पता था मैं दूसरा झटका मारने वाला हूँ इसलिए उसने मुँह से हाथ हटा
कर मुझे रोकने की कोशिश की तो चीख इस बार पूरे रूम मे गूँज गयी थी,,,,इस बार
उसकी चीख से मेरा ध्यान उसके चेहरे की तरफ गया तो मैं थोड़ा परेशान हो गया उसके फेस
पर हल्का डर था और उदासी के साथ परेशानी भी थी,,उसकी आँखों मे हल्का पानी था,उसकी
तरफ देख कर मुझे अपनी ग़लती का एहसास हुआ और मैं ऐसे ही रुक गया,,,


हालाकी रितिका करण से चुद चुकी थी लेकिन मेरे मूसल के लिए अभी भी उसकी चूत किसी
सील पॅक चूत से कम नही थी ,,उसकी टाइट चूत मे मेरा लंड पूरा कॅसा हुआ था ऐसे
लग रहा था मैने दोनो हाथों मे अपने लंड को मजबूती से पकड़ा हुआ है,,,


मुझे मेरी ग़लती का एहसास हुआ तो मैं रुक गया था,,मैने उसके चेहरे की तरफ देखा तो
मेरे रुकने से उसकी परेशानी थोड़ी कम हो गयी थी,,,उसके माथे पर पसीना था उसने अपने
हाथों से पसीना सॉफ किया और मेरी तरफ गुस्से से देखा,,,मैने हँसके उसकी कमर से अपने
हाथ उठा लिए और अपने कान पकड़ लिए और उसको सौरी बोला,,,उसको कुछ राहत महसूस हुई
और मेरी सौरी और कान पकड़ने की वजह से वो थोड़ा मुस्कुराइ,,,,मैने हाथ उसके बूब्स पर
रखे और हल्के हल्के उसके बूब्स को मसल्ने लगा ताकि उसका ध्यान चूत के दर्द से हट जाए
और ऐसा ही हुआ,,,,मैं करीन 1-2 मिनिट ऐसे ही रुका रहा और उसके बूब्स मसलता रहा ,,
फिर मैने एक हाथ को उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत के उपरी हिस्से को सहलाने लगा
जब उसकी सिसकियाँ शुरू हुई तो मैने अपनी कमर को हल्के हल्के आगे पीछे करना शुरू कर
दिया,,,मेरा एक हाथ उसके बूब पर और एक हाथ उसकी चूत के उपर था और मैं हल्के हल्के
अपनी कमर को आगे पीछे करके जितना भी लंड अभी तक उसकी चूत मे गया था उसी से उसको
चोदने लगा था,,,,,




करीब 3-4 मिनिट तक एक ही स्पीड पर चोदने के बाद जब उसकी सिसकियाँ थोड़ी तेज हुई और
मेरा लंड भी पूरा उसकी चूत मे चला गया तो मैने अपनी स्पीड थोड़ी तेज करदी,,,,


आहह सुउुउउन्न्नययययययी ऊउरर्ररर तीएजज़्ज़्ज काआर्रूऊऊ आहह भ्हुत्त्त माजा
एयेए राहहा हाइी सुउन्नययी ,,,हईए भ्हउुूथत् माज्जा आ र्रहहा हाइी,,आअहह और्र तीज
सुउन्नयययी आआहह और्र तीएजज़्ज़्ज हहयइईई

मज़ा आ रहा है ना भाभी,,,,मैने बड़े प्यार से पूछा,,,,,,

हां सनियी भुउउत्त्त माज्जा आ र्रहहा पीहल्ली तू तुउन्नी जान नीककाल दी थ्हीइ
लीक्किन्न आब्ब्ब भ्हुत्त् माज्जाअ आ र्रहहाअ हहाइईइ ,,टीर्रा मूसाआल्ल क्कररान्ण की
लुउन्ड्ड़ सी भ्हुत्त्त मूटता हाइईइ सुउन्नयययी मार्र डाअल्ला तहा पीहल्ली टुउन्नईए


मैने फिर पूछा ,,,,,मज़ा आ रहा है ना भाभी,,,,,

हाआन्न सयनायीयी बूल्लाअ नाआ भ्हुत्त्त्त ंमाज़्जाअ एयेए र्रहहाअ हहाइईइ,,,


तो सन्नी मत बोलो ना मुझे,,,,देवर बोलो,,,,,फिर देखना और मज़ा आएगा,,,,,


हान्ं दीएव्वार्र्र ज्जििीइ आईसीए हहिईिइ छूद्दूओ आपपनन्िईिइ बाब्ब्भहिी कूऊव बभ्हुउट
माज्जाअ आ र्राहहाअ हाइईइ द्डीववाररर ज्जिि हयइईई म्माररररर गयइी इट्त्न्नाआअ
ंमाज़्जा द्ड़ीग्गाअ तुऊउ आग्गार्रर प्पीहल्ली पपाटता हूत्तताअ टूऊ त्तीररी ससी आपनीी
छूटतत कििई सीआल्ल ख़्हुउल्लववाननी कीईइ ज़ििदड्ड कब्भीी न्ना कारतीी आक्च्छा हहूउआ
सीआलल्ल्ल काररंण नी ख़्हूल्लीी आग्गार्र तूऊ खहोलता तू मार हिी डाल्लटता मुउज़्झहहे


ज़िद तो फिर भी की आपने भाभी मेरे साथ एक रात के लिए हमबिस्तर होने की और वो ज़िद आज
अपने पूरी भी करली,,,,देख लिया बहुत ज़िद्दी हो आप,,,अब एक ज़िद मेरी भी है,,जब तक
मैं थक नही जाता या अपनी मर्ज़ी से रुकता नही मुझे रुकने को मत बोलना भाभी,,,,


हईीई दीव्वार्र ज्जिि आप्प्प्प टूऊ जान नीककाल द्दूवगगी मीरीईइ पल्लज़्ज़्ज़्ज़ ज़ििदड ना
कारंना,,,,, रुउक्क जांाअ म्मीररी क़हन्नी पीरर,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ देवार्र जीिीइ,,,

अरे भाभी डरो नही मैं इतना भी ज़ालिम नही,,,,,,इतना बोलकर मैने भाभी को कमर से
पकड़ा और तेज़ी से भाभी को चोदने लगा,,,जितनी तेज मेरी स्पीड थी उतनी तेज भाभी की आवाज़
थी उतनी तेज भाभी की सिसकियाँ थी जो पूरे कमरे मे गूँज रही थी और साथ साथ गूँज
रही थी रूम मे पकच पकचह की आवाज़ जो मेरी स्पीड के साथ तेज होती जा रही थी,भाभी
की चूत पेशाब की वजह से गीली थी और अब चूत ने मस्ती मे हल्का पानी बहाना भी शुरू
कर दिया था इसीलिए गीली चूत पर लंड की टक्कर से पाआककचह पकचह की आवाज़ काफ़ी
तेज हो चुकी थी,,,,,


मैं रितिका की कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था और वो बस लेटी हुई तेज़ी
से सिसकियाँ ले रही थी,,,,,,कुछ देर बाद मैने लंड को चूत से निकाला और खुद बेड पर
लेट गया और रितिका को अपने उपर आने को एशारा किया,,,वो थोड़ी डरी सहमी हुई मेरे उपर
आ गयी,,,मैं समझ गया था ये अभी नयी नयी खिलाड़ी है इसलिए मैने उसका साथ देने के लिए
उसकी कमर से पकड़ा और खुद के उपर करके उसकी चूत को लंड के करीब किया और लंड को
चूत पर रखकर उसकी कमर को लंड पर दबा दिया जिस से लंड चूत मे घुस गया फिर
उसकी क्मर को पकड़ कर उपर नीचे करके उसको अपने लंड की सवारी करवाने लगा ,,लेकिन उसको
इस सब मे थोड़ी मुश्किल हो रही थी इसलिए मैने उसकी कमर को रोक दिया और उसकी हल्का उपर
उठा दिया और खुद नीचे से उसकी चूत की चुदाई करने लगा,,,,वो मेरी हरकत से थोड़ी खुश
हो गयी और शरमा भी गयी क्यूकी वो समझ गयी थी कि मैं जान गया हूँ वो अभी नयी खिलाड़ी
है,,,इसके बदले मे उसने अपने सर को नीचे किया और मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,,काफ़ी
देर मैं ऐसे ही उसके लिप्स को किस करता हुआ उसकी चुदाई कर रहा था फिर मैं उसको ऐसे
ही गोद मे उठाकर बेड पर खड़ा हो गया,,,,उसका वजन ज़्यादा नही था वो बहुत दुबली पतली
थी इसलिए मुझे कोई परेशानी नही हुई उसको गोद मे उठाने मे,,,
Reply
07-16-2019, 12:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं बेड पर खड़ा हो गया और उसको गान्ड से पकड़ कर गोद मे उठा लिया उसने भी अपने हाथ
मेरे गले मे डाल दिए ,,,मेरा लंड अभी भी उसकी चूत मे था बाहर नही निकला था ,बेड
पर खड़े होते ही मैने उसको गान्ड से पकड़ कर उपर नीचे उछालना शुरू कर दिया अब तक
वो भी मेरा साथ दे रही थी और अब भी देने लगी थी,,,उसने अपने हाथों को मेरे गले मे
डाल दिया था और खुद को मेरे गले के सहारे उपर नीचे करने लगी थी,,,,उसके बूब्स मेरी
छाती पर रगड़ खा रहे थे ,,वो बहुत खुश थी पूरी मस्ती मे थी ,,,,उसकी खुशी उसके
चहरे से सॉफ पता चल रही थी,,,


अभी तक उसके बलों का जुड़ा बना हुआ था तो मैने एक हाथ उसकी गान्ड से उठा लिया और उसके
बालों के जुड़े को खोल दिया ,,जुड़ा खुलते ही उसके लंबे और काले बाल उसके उपर नीचे
होते जिस्म के साथ लहराने लगे थे,,मैं अपने हाथ को उसके बालों मे घुसा दिया और उसके
सर को अपने करीब करके उसके लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया और एक हाथ से उसकी गान्ड को
उपर नीचे उछालने लगा,,,हम लोग करीब 30-35 मिनिट से चुदाई कर रहे थे,,,वो एक बार
झड चुकी थी इसलिए इतना टाइम लगा रही थी और मैं एक नयी चूत की मस्ती मे था इसलिए
इतना टाइम लगा रहा था,,लेकिन अब मस्ती चरम सीमा पर पहुँच गयी थी क्यूकी मैने उसको
तेज़ी से उपर नीचे उछालना शुरू कर दिया था और उसने भी अपने नाख़ून मेरी पीठ पर चुभो
कर मुझे बता दिया था कि वो झड़ने वाली है,,,,तभी तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए उसने अपने
लिप्स को मेरे लिप्स से दूर कर लिया और आहें भरते हुए चूत से पानी बहाना शुरू कर दिया


जैसे ही उसकी चूत से पानी निकल गया मैने उसको नीचे बेड पर लेटा दिया,,,वो तेज़ी से
साँसे ले रही थी और अब मेरा भी होने वाला था इसलिए मैं उसके करीब घुटनो के बल
बैठ गया और अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए पानी को उसके मुँह पर निकालने लगा तो उसने
मुँह दूसरी तरफ कर लिया मैं समझ गया इसको ये अच्छा नही लगेगा और जल्दी से लंड को उसके
पेट पर ले गया और लंड ने स्पर्म की पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया और देखते ही देखते
उसका पेट मेरे लंड के पानी से भर गया,,,,,मैं भी थक गया था और थक कर उसके साथ
ही बेड पर लेट गया,,,,

कुछ देर हम लोग ऐसे ही लेटे रहे फिर रितिका उठी और बाथरूम मे चली गयी और खुद को
सॉफ करके वापिस आजे बेड पर लेट गयी लेकिन अब उसने टवल से खुद को कवर किया हुआ था
,,मैं अभी भी नंगा ही था,,,,वो मेरे पास आके ऐसे ही लेट गयी और अपना हाथ मेरी चेस्ट
पर रख दिया,,,पहले तो हल्के हल्के मेरी चेस्ट को सहलाती रही लेकिन जैसे ही मैने हँसके
उसकी तरफ देखा तो उसने मेरे मुँह पर एक थप्पड़ लगा दिया,,,ज़्यादा ज़ोर से नही लेकिन हल्के
से भी नही,,,,,


ओउक्चह मार क्यूँ रही हो भाभी,,,,कुछ ग़लत किया क्या मैने,,,,मैने इतना हँसके बोला तो
रितिका ने एक और थप्पड़ लगा दिया,,,,,,

इतना बुरा हाल कर दिया मेरा और बोलता है कि मैने कुछ ग़लत किया क्या,,,थोड़ा आराम से नही
कर सकता था क्या,,,,इतना दर्द तो शादी वाले दिन भी नही हुआ जब करण ने सील खोली थी
मेरी,,,,अच्छा हुआ तेरे से सील नही खुलवाई,,,,मैने तेरे को अच्छा लड़का समझा था सन्नी
लेकिन मुझे नही पता था तू इतनी बुरी चुदाई करता है,,,,

अरे भाभी क्या बोल रही हो,,,क्या आपकी चुदाई करके मैं बुरा बन गया अब,,,आप ही तो खुद
चुदवाना चाहती थी मेरे से,,,,आपकी ज़िद थी एक बार मेरे साथ हमबिस्तर होने की और अब
जब मैने आपकी ज़िद्द पूरी काद्री तो मैं बुरा हो गया,,,,


मैने कब कहा तू बुरा है सन्नी,,,तुझे पता है जब मैं तेरे पर लाइन मारती थी तो इसके
बारे मे करण को सब पता था,,,,मुझे लगा था मैं तुझे सिड्यूस कर लूँगी मना लूँगी
लेकिन करण को नही लगता था,,,,उसको नही लगता था तू उसको धोखा देगा और करण सही था


,,तू करण से बहुत वफ़ादार था इसी बात ने मुझे तेरे और ज़्यादा करीब कर दिया,,मैने
सोचा नही था कि शादी के बाद मैं तेरे साथ ये सब करूँगी लेकिन पता नही तूने अपनी
अच्छी आदतों से मुझपे क्या जादू कर दिया कि मैने अपने ही पति से बोल दिया कि मुझे उसके
बेस्ट फ्रेंड से किसी गैर मर्द से चुदना है और उसने भी एक बार मुझे मना नही किया,ये
सब हुआ क्यूकी तू बहुत अच्छा है सन्नी,,,,करण के साथ भी और मेरे साथ भी,,,,लेकिन तू
बहुत बुरा भी है,,,,,बहुत बुरी और जबरदस्त चुदाई करता है,,,,मुझे तो अब डर लगने
लगा है कि तूने मेरी चूत का इतना बुरा हाल कर दिया तो अब गान्ड को तो फाड़ ही देगा तू
,,कसम से बहुत डर लग रहा है मुझे,,,,चूत की तो सील खुली हुई थी लेकिन अब गान्ड
तो सील पॅक है,,,,,हयी रे जान निकाल देगा तू मेरी,,,,डर लग रहा है,,,


नही भाभी ऐसी बात नही,,,,मुझे चूत मारे बहुत टाइम हो गया था और उपर से आप जैसी
इतनी खूबसूरत भाभी मेरे सामने थी नंगी ,,,मैं बस कुछ पल के लिए होश खो बैठा
था ,,मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मैं सपना देख रहा हूँ,,और वैसे भी आप जैसी
लड़की का मेरे साथ होना सपने से कम नही,,,,आप जैसी लड़की के साथ सेक्स करने के लिए कोई
किसी का क़त्ल भी करने को तैयार हो जाएगा,,,,

सच मे सन्नी,,,क्या मैं इतनी खूबसूरत लगती हूँ तुझे,,,,,

मुझे ही नही भाभी करण को भी,,,,वो बहुत प्यार करता है आपसे,,,,मुझे आपके साथ ये
सब करना अच्छा नही लग रहा था,,लेकिन मैं क्या करता मैं मजबूर था अपने लंड की वजह
से,,,,पहले भी आप बहुत ट्राइ करती थी मेरे पर लेकिन मैं पता नही क्यूँ दूर हो जाता था
आपसे,,,मेरा दिल तो बहुत करता था फिर भी पता नही क्यूँ,,अगर आप करण की गर्लफ्रेंड ना होती तो
मैं कभी मना नही करता,,,,

सच मे सन्नी,,,,,क्या तू मुझे मना नही करता अगर मैं करण की गर्लफ्रेंड ना होती तो,,,

अरे मुझे पागल कुत्ते ना काटा था जो इतनी खूबसूरत लड़की खुद सामने से चलके मुझे
अपने साथ लाइफ का पहला सेक्स करने को बोल रही है और मैं मना कर देता,,,नेवेर भाभी

अच्छा अभी तूने बोला कि तूने काफ़ी टाइम से किसी की चूत नही मारी इसलिए तू बहक गया
था मजबूर था,,,वैसे अब तक तू कितनी लड़कियो की चूत मार चुका है,,,,

पता नही भाभी ,,आज तक गिनती नही की कभी,,,,मैने शरारती अंदाज मे बोला तो भाभी
ने हल्के से एक और थप्पड़ मार दिया मुझे,,,,

वैसे है तू पक्का खिलाड़ी सन्नी,,,,,काफ़ी तजुर्बा है तुझे,,,,वैसे सुना था कारण से
लेकिन आज खुद देखा तो मान गयी मैं,,,तू भी पक्का खिलाड़ी है और तेरा बड़ा मूसल तो
तेरे से भी बड़ा खिलाड़ी है,,,

वैसे भाभी आप भी कम नही हो,,,,पूरा साथ दिया अपने मेरा,,,,और अब तो अब चूत लंड
गान्ड जैसे वर्ड़ भी यूज़ करने लगी हो,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मेरी बात सुनके भाभी शरमा गयी,,,,,वो क्या है ना सन्नी करण जब भी चुदाई करता है
साथ साथ हल्की हल्की डर्टी टॉक भी करता है,,,उसी से आदत हो गयी मुझे,,और वैसे भी
डर्टी टॉक करते हुए चुदाई करने का अलग ही मज़ा है,,,,

हां सही बोला भाभी अपने,,,,,,तो इसी बात पर एक बार और हो जाए,,,,

इतनी भी क्या जल्दी है,,,आज पूरी रात हम लोगो की है,,,,


बस आज की रात भाभी,,,दोबारा कभी नही आओगी क्या अपने देवर सन्नी के पास,,,,,,,


नही सन्नी,,,,एक रात की ज़िद थी मेरी वो पूरी हो रही है,,दोबारा तेरे पास आउन्गी या नही
ये तो टाइम ही बता सकता है,,मैं उसके बारे मे कुछ नही बोल सकती,,,,


अरे भाभी क्या मज़ाक कर रही हो,,,एक बार जो चूत सन्नी के लंड का स्वाद चख लेती है
उसको नशा हो जाता है सन्नी के लंड का,,,,चलो मैं ज़्यादा ज़ोर नही डालता आप पर,,टाइम
विल टेल भाभी,,,,,लेकिन आज रात तो अपनी है ना,,,,आज की रात मे इतनी चुदाई करूँगा
आपकी की आप कम से कम 5-7 दिन करण को अपने पास भी नही आने दोगि,,,,


इतना बोलकर मैने फिर से भाभी के सर को अपने पास किया और फिर शुरू हो गयी हम दोनो
की प्यार भरी किस,मैने भाभी के जिस्म पर लिपटे हुए टवल को अलग कर दिया और भाभी
को नंगी कर दिया,,,पहले की चुदाई मे भी भाभी ने मेरा साथ दिया था इसलिए दोबारा से
जब हम लोगो ने मस्ती करनी शुरू की तब भी भाभी मेरा साथ देने को पूरी तरह तैयार थी
और जैसे ही भाभी के जिस्म से टवल अलग हुआ भाभी मेरे उपर चढ़ गई और मुझे किस करते
हुए मेरे सर को प्यार से सहलाने लगी,,,,मेरे हाथ भी भाभी की पीठ पर चले गये और
मैने भी भाभी की पीठ को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया,,,पहले भाभी थोड़ा शर्मा
रही थी घबरा रही थी लेकिन अब भाभी मेरे से भी ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गयी थी और बहुत ही
मजेदार तरीके से मुझे किस करती जा रही थी,,,,मेरे हाथ भाभी की पीठ को प्यार से
सहला रहे थे फिर मैने अपने हाथों को पीठ से नीचे करते हुए उनकी गान्ड पर रख
दिया,,,हाथ गान्ड पर जाते ही मैने अपने दोनो हाथों से गान्ड को हल्के से खोला और गान्ड
के सूराख पर एक उंगली से हल्की हल्की जाँच करने लगा,,उनकी गान्ड सच मे सील पॅक थी


मैने एक उंगली अंदर डालने की कोशिश की तो एक उंगली भी अंदर नही जा रही थी,,,मैने
भाभी के लिप्स से अपने लिप्स को दूर किया और अपने हाथ की एक उंगली को अपने मुँह मे भरके
चूस कर थूक लगा लिया और अपने हाथ को वापिस भाभी की गान्ड की तरफ लेके जाने लगा
तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने मुँह से थोड़ा थूक मेरे हाथ पर उंगलियों के
उपर थूक दिया,,मेरी उंगलियाँ थूक से सराबोर हो गयी थी,,,भाभी ने बहुत ज़्यादा थूक
लगा दिया था मेरी उंगलियों पर,,,,भाभी की भी पता था थोड़े थूक से कुछ नही होने
वाला,,,,,


मैने वापिस भाभी को किस करना शुरू किया और अपने हाथ को जिस पर भाभी ने थूक दिया
था उस हाथ को भाभी की गान्ड पर ले गया और सारे थूक को भाभी की गान्ड के होल पर
मलने लगा,,,,गान्ड का होल भी थोड़ा चिकना हो गया था और उंगलियाँ भी चिकनी थी थूक
की वजह से,,,मैने दूसरे हाथ से गान्ड के होल को थोड़ा खोला और एक उंगली भाभी की
गान्ड मे घुसा दी जो आराम से एक ही बार मे पूरी अंदर चली गयी,,,मैं कुछ देर भाभी की
गान्ड को एक उंगली से हल्के हल्के चोदता रहा फिर एक और उंगली घुसा दी भाभी की गान्ड
मे ,,,लेकिन अब तक मेरा हाथ थोड़ा सूख गया था,,,भाभी ने मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी
गान्ड से हटा कर अपने मूह से फिर थूक दिया मेरे हाथ पर,,,,हाथ पर थूक लगते ही
मैने जल्दी से हाथ को गान्ड पर रखा और एक ही बार मे 2 उंगलियाँ घुसा दी भाभी की
गान्ड मे जो आराम से घुस गयी,,,,मैने उंगलियों को गोल गोल घुमा कर भाभी की गान्ड मे
अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,


कभी देर तक भाभी और मैं किस करते रहे और मैं भाभी की गान्ड को 2 उंगलियों से
चोदता रहा,,,,भाभी ने कई बार मेरे हाथ की उंगलियों पर थूक लगाया था,,,कुछ देर
बाद मेरा हाथ फिर सूखने वाला हुआ तो मैने उंगलियों को गान्ड से निकाला और भाभी के
मुँह के पास किया तो भाभी जल्दी से मेरे उपर से उतर गयी और अपने फेस को मेरे लंड की
तरफ करके अपने घुटनो को मेरे सर के दोनो तरफ करके अपनी चूत को मेरे मुँह के उपर
कर दिया,,,जिस से हम दोनो 69 की पोज़िशन मे आ गये,,,,भाभी ने जल्दी से मेरे लंड को
पकड़ कर मुँह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया,,,मैने भी भाभी की चूत को अपने
मुँह से लगा लिया और हाथ पर थूक लगा कर भाभी की गान्ड मे फिर से 2 उंगलियाँ घुसा
दी और फिर से 2 उंगलियों से भाभी की गान्ड को चोदने लगा,,,काफ़ी टाइम से हम ऐसे ही एक
दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चूस और चाट रहे थे साथ साथ मैं भाभी की गान्ड मे उंगली
भी कर रहा था,,इसी दौरान मेरे हाथ जब भी सूख जाता मैं उसपे थूक लगा लेता,,,


करीब 8-10 मिनिट बाद हल्की हल्की मस्ती करने के बाद भाभी मेरे जिस्म से नीचे उतर
गयी और घुटनो को बेड से लगा कर अपने सर को नीचे बेड से लगा कर और गान्ड को उपर उठा
कर कुटिया की तरह झुक गयी,,,मैं समझ गया था कि भाभी गान्ड मरवाने को तैयार है
क्यूकी अब तक भाभी ने मेरे लंड को भी चूस चूस कर थूक से सराबोर कर दिया था
मेरा लंड एक दम चमक रहा था भाभी के थूक की वजह से,,,मैं भी जल्दी से उठा और
अपने लंड को भाभी की गान्ड के होल पर रखा और हल्का ज़ोर लगाया लेकिन कोई फ़ायदा नही
हुआ ,,मेरा लंड एक साइड मे फिसल गया,,,,मैने कुछ थूक अपने हाथ पर लगाया और भाभी
की गान्ड पर लगा दिया और वापिस लंड को भाभी के गान्ड के होल पर रखा और हल्के से ज़ोर
लगाया नही इस बार भी कोई फ़ायदा नही हुआ,,मैने की बार कोशिश की ज़्यादा से ज़्यादा थूक
लगा कर भाभी की गान्ड मे लंड पेलने की लेकिन हर कोशिश नाकाम रही,,,मुझे हल्का
गुस्सा आ रहा था और शायद भाभी को भी,,,,तभी भाभी उठी और अपने पर्स से एक बॉडी
लोशन की शीशी निकाल कर मुझे दी और खुद वापिस झुक कर कुतिया बन गयी,,,

मैने बॉडी लोशन की शीशी खोली और खूब सारा बॉडी लोशन भाभी की गान्ड के होल पर
लगा दिया और उंगलियों से गान्ड के होल को खोल कर लोशन को भाभी की गान्ड मे भी भर
दिया और अच्छी तरह उंगलियाँ घुमा कर होल को हर तरफ से चिकना कर दिया,,भाभी की
गान्ड बहुत ज़्यादा टाइट थी लेकिन ये लोशन काफ़ी चिकना था,,लोशन की चिकनाई की वजह
से 2 उंगलियाँ बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी,,,,फिर मैने अपने हाथ से बॉडी लोशन
को अपने लंड पर भी लगा लिया और लोशन वाली शीशी को साइड पर रख दिया और फिर से अपने
लंड को पकड़ा और भाभी की गान्ड पर टिका दिया और हल्के से ज़ोर लगाया तो लंड की टोपी
भाभी की गान्ड मे घुस गयी तभी भाभी की हल्की चीख निकल गयी,,,

हयीईईई आअररामम्म सी सुउन्नयी दार्र्द्द हूटता हाइईइ,,,,मर गयइी माआआअ

मुझे पता था भाभी की गान्ड टाइट है और मेरा मूसल इतने आराम से नही जाने वाला लेकिन
अब मैं टोपी को बाहर नही निकालना चाहता था क्यूकी अगर टोपी को बाहर करता तो दोबारा
अंदर डालने पर भाभी फिर तड़प उठती,,,,इसलिए मैने लंड की टोपी को गान्ड के अंदर ही
रहने दिया और अपने एक हाथ को भाभी की कमर की एक साइड से उनके पेट के नीचे से करते
हुए उनकी चूत पर ले गया और उनकी चूत को सहलाने लगा और साथ ही भाभी को हल्के से
अपने साथ सटा भी लिया क्यूकी अगर मैं एक और झटका मारता तो पक्का था भाभी ने आगे की
तरफ बढ़ने की कोशिश करनी थी और मैं उनको अब रोक भी सकता था,,,मैने भाभी की
चूत को एक हाथ से सहलाना शुरू किया और दूसरे हाथ से बेड पर पड़ी हुई लोशन की शीशी
उठा ली और शीशी को लंड पर उल्टी करके दबा दिया जिस से शीशी से लोशन की एक धार
सीधी लंड पर गिरी ,,मैने शीशी को वापिस बेड पर रखा और हाथ से लोशन को लंड पर
मल दिया और फिर कमर को आगे करके लंड को हल्के से और ज़्यादा गान्ड मे घुसाने की कोशिश
की,,,,,एक तो लंड पर खूब सारा लोशन लग गया था उपर से लंड की टोपी पहले से भाभी
की गान्ड मे थी और साथ साथ मैं भाभी की चूत को भी सहला रहा था इसलिए भाभी को
ज़्यादा दर्द नही हुआ,,,,जो थोड़ा बहुत दर्द होना था वो चूत को सहलाने से मिलने वाली मस्ती
की वजह से नही हुआ ,,,अब मेरा लंड 2-3 इंच तक भाभी की गान्ड मे घुस गया था ,,,
Reply
07-16-2019, 12:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने ज़्यादा लंड को अंदर करने की कोशिश नही की बस इतने ही लंड से हल्के हल्के बहुत
स्लो स्पीड मे आगे पीछे करने लगा साथ साथ तेज़ी से भाभी की चूत को सहलाने लगा ताकि
अगर थोडा बहुत दर्द हो भी तो उसका पता नही चले भाभी को,,,,भाभी की गान्ड इतनी
ज़्यादा टाइट थी कि मेरा लंड पूरी तरह से फँसा हुआ था उनकी गान्ड मे ,,,मुझे ऐसे लगा
मैने कस कर अपने लंड को मुट्ठी मे दबाया हुआ है,,,,,लेकिन इतने लंड से भी मुझे मज़ा
बहुत आ रहा था,,,,मैं हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करने लगा करीब 3-4 मिनिट तक
मैं अपने 2-3 इंच से भाभी की गान्ड को चोदता रहा फिर भाभी ने पलट कर मेरी तरफ
देखा और लंड को आगे खिसकाने का एशारा किया,,,,,भाभी का इशारा मिलते ही मैने एक हाथ
से थोड़ा सा और लोशन लंड पर लगाया और अच्छी तरह लंड पर मल दिया और दोनो हाथों से
भाभी की कमर को पकड़ा और लंड को हल्का ज़ोर लगा कर गान्ड मे और ज़्यादा अंदर तक घुसाने
लगा,,,मेरे दोनो हाथ भाभी की कमर पर थे इसलिए चूत पर कोई मज़ा नही मिल रहा था
भाभी को,,,,इसलिए भाभी ने अपने सर को बेड से लगा लिया और अपने हाथ को अपनी चूत पर
ले गयी और खुद ही चूत को सहलाने लगी,,,,,क्यूकी भाभी को भी पता था जब लंड और ज़्यादा
अंदर तक जाएगा तो थोड़ा बहुत ही सही दर्द तो होगा ना,,इसलिए भाभी खुद ही अपनी चूत
को सहलाने लगी ताकि दर्द का पता नही चले,,,,,मेरे हल्के ज़ोर लगाने से लंड करीब आधे
से ज़्यादा भाभी की गान्ड मे घुस गया ,,,,


मैने आधे लंड से ही भाभी की गान्ड को चोदना शुरू कर दिया,,,करीब 5-6 मिनिट बाद
मैने देखा कि भाभी की सिसकियाँ थोड़ी तेज हो गयी थी,,,,लेकिन मैं हैरान था भाभी
के दोनो हाथ बेड पर थे और भाभी ने अपने जिस्म को बेड से उपर उठाया हुआ था,इसका मतलब
था भाभी का हाथ उनकी चूत पर नही था लेकिन अगर उनका हाथ उनकी चूत पर नही था तो
क्या भाभी को गान्ड मे मस्ती आने लगी थी,,,,,मैं जो सोच रहा था वो सही था,,क्यूकी
भाभी ने अपने हाथों को बेड से लगा कर खुद को उपर उठा कर अपनी गान्ड को हल्के हल्के
आगे पीछे करना शुरू कर दिया था,,,,मैं समझ गया कि अब भाभी को भी गान्ड मे मज़ा
आने लगा इसलिए मैने स्पीड थोड़ी तेज करदी और उधर भाभी भी अपने गान्ड को आगे पीछे
करने लगी,,,


भाभी दर्द कम हुआ या नही,,,,,मज़ा आने लगा क्या,,,,

हान्णन्न् सयनायीयी आब्ब्ब्ब दार्र्द्द्द नाहहिि हाइईइ ,,,साकच्छ मईए तुउन्नी दार्र्द्द न्ह्ही
कििय्या,,पीहल्ली हहूउआ था तहोड़दा दार्र्द्द जबब्ब तीरा मूस्साल्ल उउउननदीर्र ग्यया
था लीक्कीिईन्न्न आब्ब्ब बील्लककूउल्ल बहीी दार्द्ड़ नाहि हाइी ,,,,एब्ब तूओ माजा एयेए
राहा हाइईइ,,,,अहह हह ऊऊऊऊहह


सच मे भाभी मज़ा आ रहा है क्या,,,,,

हान्न्न स्युवन्नीयीईयी माज्जा आ राहहा हाइी,,,,मुउज़्झे दरर्र तहा क्कीी भ्हुत्त दर्द्द्द्द
हूग्गा लीक्किन्न तुउन्नी सब्ब सांबभाल्ल्ल लिइय्या ,,,,

तो क्या भाभी स्पीड थोड़ी तेज कर दूँ अब,,,,,

नहिी नाहहिि सुउन्न्नयययी ऐसी हिी हाल्ल्कीइ हाल्लक्कििई स्पपीड़द्ड पीर्र काररू आग्गर्र
स्पीदड़ टीज़्जज्ज्ज्ज काररननीी हुउई मायन्न ख़्हुद्धह काँम्माररर क्कूव टीज्जिई सीए
अग्गीए पीिकच्ची काररन्ना ष्हुउररूउ कारर डुउननगइइ ,,लीक्किंन अब्भीी नाहहिि प्लज़्ज़्ज़्ज़
अब्भीईिइ एआसे हहिि चूदूऊ म्मूउज़्झहही,,,,,

तो मुझे सन्नी नही देवर जी बोलो भाभी,,,वरना स्पीड तेज कर दूँगा,,,,,


नाहहिि नाहहिि ससुउन्नययी ऐसा जुऊल्लंम मात्ट काररन्ना आपपननीी बभ्भीी पीरर


फिर से सन्नी ,,मैने कहा ना देवर जी बोलो,,,,,

आअकचा अcछा बब्बा ग्गल्ल्ल्त्ती हो गयइ ,,,डीवीर जीिीइ ऐसे हिी द्द्ढ़हीररी
द्ड़हीररी छ्ूदूओ आपपनन्ी बब्भिि ककूऊ ,,,,स्पपीडड़ तीज कार्रकक्क्की जुऊल्लम
मॅट कारन्ना डीवीर जीि,,,,

ठीक है भाभी,,,लेकिन बताओ मज़ा आ रहा है ना,,,बोलो कितन मज़ा आ रहा है,,,


बहुत मज्जा आ राहहा हाइईइ द्दीवीरर जीिीइ ऐसी हिी छूद्दू अपपननीी बब्भिि
क्कीिई गाणन्ंदड़ कूऊ औरर्र मसत्तिीई सी छ्ूदूऊ अप्प्पननीी भभीी कूऊव


फिर कुछ 3-4 मिनिट मैने स्पीड तेज नही की और ऐसे ही भाभी को चोदता रहा,,लेकिन जब
मज़ा ज़्यादा आने लगा भाभी को तो भाभी ने खुद ही अपनी गान्ड को थोड़ा तेज़ी से आगे पीछे
करना शुरू कर दिया,,,भाभी का इशारा मिलते ही मैने भाभी की कमर को कस कर पकड़ा और
भाभी की हिलती कमर के साथ एक झटका लगा दिया और लंड पूरा भाभी की गान्ड मे घुस
गया,,,,भाभी की हल्की चीख निकल गयी और भाभी ने कमर हिलाते हुए पीछे मूड के मुझे
गुस्से से देखा तो मैं हँसके भाभी को आँख मार दी,,,,,,


फिर मैने अपने पूरे लंड से भाभी को चोदना शुरू कर दिया,,,भाभी बस सिसकियाँ लेती
जा रही थी और मुझे तेज़ी से चोदने को बोलती जा रही थी,,,अब तक मेरी भी स्पीड काफ़ी
तेज हो चुकी थी लेकिन भाभी मुझे और तेज करने को बोलने लगी,,मैने थोड़ा लोशन और
लगाया अपने लंड पर और स्पीड तेज करदी,,,अब भाभी वापिस सर को बेड पर रख कर लेट
गयी और अपने हाथ से अपनी चूत मे उंगली करने लगी,,,मैं समझ गया कि अब भाभी को ज़रा
भी दर्द नही हो रहा है और अब भाभी शायद झड़ने वाली भी है,,क्यूकी मैं 20-25 मिनिट
से भाभी की गान्ड मार रहा था,,भाभी ने अपनी चूत पर उंगली करते हुए तेज़ी से आहहें
भरना शुरू कर दिया तो मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी क्यूकी मैं भी भाभी के साथ ही
झड़ना चाहता था,,,और ऐसा ही हुआ,,करीब 3-4 मिनिट बाद भाभी लंबी लंबी आँहे भरती
हुई झड गयी और मैं भी तेज़ी से भाभी की गान्ड मारता हुआ भाभी की गान्ड मे झड गया,,


जब मेरा सारा पानी भाभी की गान्ड मे निकल गया तो मैने अपने लंड को भी भाभी की गान्ड
से निकाला और बेड पर गिर गया और भाभी की बगल मे लेट गया,,,,भाभी भी मेरी तरफ पीठ
करके लेट गयी,,,,भाभी की गान्ड मेरी तरफ थी तो मैं भाभी की गान्ड से निकलने वाले
अपने लंड के पानी को देख राह था जो भाभी की गान्ड से निकल कर बेड पर गिर रहा था


कुछ देर हम लोग ऐसे ही लेटे रहे,,,,ना भाभी कुछ बोली और ना मैं,,हम दोनो अपनी अपनी
सँसू पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रहे थे,,,,,


जब भाभी की हालत ठीक हुओ भाभी मेरी तरफ पलट गयी,,,,,,


क्यू भाभी मज़ा आया ना गान्ड मरवा कर अपने देवर से,,,,,मैने हँसके भाभी से पूछा तो
भाभी थोड़ा शरमा गयी,,,,,


हां देवेर जी बहुत मज़ा आया,,,इतना मज़ा कभी चूत मे नही आया,,,,मैं तो खा-म-खा डर
रही थी कि दर्द होगा गान्ड मे लेकिन इतना भी दर्द नही हुआ,,,,अच्छा किया तूने खूब सारा
लोशन लगा लिया था,,,मुझे तो डर था कि ये मूसल चूत मे आसानी से नही गया तो भला
टाइट सील पॅक गान्ड मे कैसे जाएगा लेकिन लोशन ने अपना काम कर ही दिया,,,ग़लती हो
गयी कि चूत मे लंड डालने से पहले लोशन नही लगवाया मैने तेरे से,,,

कोई बात नही अब दोबारा चूत मार लूँगा लोशन लगा कर,,,मैने इतना बोला और हँसने लगा


नही नही,,,,चूत तो मैं कभी भी मरवा लूँगी करण से तुम बस आज रात मेरी गान्ड का
ठीक से ख्याल रखो सन्नी,,,बस पूरी रात मेरी गान्ड मारो क्यूकी गान्ड मे बहुत ज़्यादा मज़ा
आता है,,चूत से भी कहीं ज़्यादा मज़ा,,,,


मैं भाभी की बात सुनके हँसने लगा,,,,,फिर उस रात मैने 3 बार और भाभी की गान्ड
मारी भाभी ने फिर उस रात मुझे चूत नही मारने दी ,,हालाकी भाभी की चूत भी काफ़ी
टाइट थी लेकिन फिर भी मैं भाभी की गान्ड ही मारता रहा क्यूकी मुझे भी गान्ड मे ही
ज़्यादा मज़ा आ रहा था,,,

पूरी रात मैं रितिका भाभी की चुदाई करता रहा,,,हम लोग सुबह करीब 6 बजे सोए थे
और जब आँख खुली तो मैं बेड पर अकेला था,,टाइम करीब 11 बजे का हो गया था,,मैं उठा
और बाथरूम मे चला गया,,,फ्रेश होके अपने रूम से निकलकर अलका आंटी और शिखा के रूम
की तरफ चला गया,,वहाँ जाके देखा तो सब लोग ऐर्पोट जाने के लिए तैयार हो गये थे,,

रितिका मुझे बड़े प्यार से देख रही थी और मुस्कुरा रही थी जबकि अलका और शिखा थोड़ी
उदास थी,,,,,,फिर हम लोग ऐर्पोट की तरफ चल पड़े,,,,,कुछ ही देर मे हम ऐर्पोट पर
थे उन लोगो को अंदर भेज कर मैं वापिस अपनी कार के पास आ गया,,,तभी करण मेरे पीछे
पीछे मेरी कार के पास आ गया,,,,,


अरे इतनी भी क्या जल्दी है सन्नी भाई अपनी अमानत तो लेते जाओ,,,,मैने ये आवाज़ सुनी और पीछे
की तरफ देखा तो करण हाथ मे मेरा कॉलेज बॅग लिए खड़ा हुआ था,,,

साला मैं तो बॅग के बारे मे भूल ही गया था,,,,जिसकी वजह से सब पंगा हो रहा था,,

ओह्ह्ह्ह सौरी करण भाई मैं तो भूल ही गया था,,,मैने करण के हाथ से बॅग पकड़ा और
कार मे रख दिया,,,फिर करण के गले लग्के मिला

तो रात कैसी रही सन्नी भाई,,,,मज़ा आया या नही,,,,,करण ने हंसते हुए पोछा,


मैं कुछ नही बोला बस मुस्कुरा कर करण की तरफ देखने लगा,,,

करण भी हँसके मुझे देखने लगा,,,,थॅंक्स्क्स्क्स भाई कि तूने अच्छे से ख्याल रखा रितिका का
उसने बता दिया था मुझे कि तूने उसको ज़्यादा तंग नही किया,,,,,मुझे यकीन तो नही हो रहा
था उसकी बात पर क्यूकी मैं जानता हूँ तू चुदाई के मामले मे बड़ा कमीना है लेकिन फिर
भी मैं रितिका की बात मान गया,,,



अबे तेरी अमानत थी ना वो इसलिए बड़े प्यार से पेश आया मैं,,,ज़्यादा तंग भी नही किया और
ज़्यादा हर्ट भी नही किया,,,,,अगर कोई और होती वो भी सील पॅक गान्ड वाली तो माँ कसम
सुबह अपने आप बेड से उठके बाथरूम तक भी नही जा पाती,,,,रूम से बाहर आना तो दूर की
बात थी

मैने इतनी बात बोली तो करण और मैं दोनो हँसने लगे,,,,,

तभी करण फिर से मेरे गले लग गया,,,,,सौरी भाई मैं तुझे अकेले छोड़कर जा रहा हूँ
दिल तो नही कर रहा लेकिन क्या करो मजबूरी है,,,

अबे सौरी क्यू बोल रहा है,,,और मैने तुझे पहले ही कहा था कि मैं अकेला नही हूँ
ख़ान भाई है मेरे साथ,,तू मेरी फ़िक्र मत कर और अपनी फॅमिली के साथ जा,,,,वैसे मैं भी
यही चाहता हूँ क्यूकी जैसे मैने अपनी फॅमिली को इस सब से सुरक्षित कहीं दूर भेज
दिया है वैसे ही मैं चाहता हूँ तू और तेरी फॅमिली भी कुछ टाइम के लिए इस सब लफडे से
दूर चले जाए,,,,चल अब जा सब तेरा वेट कर रहे होंगे,,,,

एक बार फिर हम दोनो गले लगे और करण गया ऐर्पोट के अंदर और मैं कार लेके वहाँ से
चल पड़ा घर की तरफ,,,,,रात करीब 8-9 बजे मैं अपने शहर पहुँच गया लेकिन मैं
घर नही गया क्यूकी अभी वहाँ पोलीस की कुछ जाँच पड़ताल बाकी थी,,,

कविता के घर भी नही गया क्यूकी सूरज और कामिनी भाभी की बात का कोई जवाब नही देना
चाहता था मैं और उन लोगो ने सवाल पूछ पूछ कर तंग कर देना था मुझे,,,इसलिए घर
से थोड़ी डोर माल रोड पर एक होटेल मे रुक गया जहाँ से कॉलेज नज़दीक ही था मेरा,,




बहुत थका हुआ था इसलिए खाना ख़ाके सो गया,,,सुबह आँख खुली जब फोन बजने लगा था

कविता=======हेलो सन्नी

सन्नी======= हेलो कविता

कविता====== कहाँ है तू सन्नी ,,करण के घर पे है क्या,,,

सन्नी==== नही करण के घर पे नही हूँ कहीं और हूँ मैं,,तू बता इतनी सुबह क्यूँ फोन
किया,,,,

कविता==== कुछ नही सन्नी ,,आज से कॉलेज शुरू हो रहे है और सोनिया ज़िद कर रही है
कॉलेज जाने को,,,सोचा तुमको बता दूं क्यूकी वो रुकने का नाम ही नही ले रही,,,

सन्नी======== इट्स ओके,,,तुम दोनो आ जाओ कॉलेज कोई बात नही,,,मैं भी कॉलेज के पास ही
हूँ ,,बस 10 मिनिट मे पहुँच रहा हूँ कॉलेज,,,,

कविता ने बाइ बोलके फोन काट दिया मैं भी उठकर फ्रेश हुआ और कॉलेज की तरफ चल
पड़ा सोचा कि नाश्ता भी कॉलेज की कॅंटीन मे कर लूँगा,,,,,




सर्दिया थी इसलिए कॅंटीन वाले ने मेरे कहने पर टेबल बाहर धूप मे लगा दिए थे
मैं टेबल पर जाके बैठ गया और कॉफी के साथ सॅंडविच का मज़ा लेने लगा,,,



तभी सुरेश मेरे पास आके बैठ गया,,,,,



और क्या हाल चाल है सन्नी भाई,,,,आज कल नज़र ही नही आते,,,,और ना ही आपका दोस्त करण
नज़र आता है,,,,




नज़र क्या आना था सुरेश ,,,,कॉलेज तो आज शुरू हुआ है,,,,,मैने मुस्कुरा कर जवाब
दिया




अरे मेरा मतलब वो नही था भाई,,,,,मेरा मतलब था कि कल मैं करण के घर गया था तो
वहाँ लॉक लगा हुआ था,,,,फोन भी ट्राइ किया करण का,, रितिका का भी लेकिन फोन ऑफ था
दोनो का ,,,,क्या वो लोग कहीं घूमने गये है क्या,,,



पता नही मुझे सुरेश,,,हो सकता है हनिमून पर गये हो अब मुझे थोड़ी बता कर जाएँगे
कि हनिमून पर कहाँ जा रहे है वो लोग,,,,वैसे तू क्यूँ गया था करण के घर,,,



अरे भाई अपनी बेहन से मिलने और किस लिए,,,,और वैसे भी मुझे करण और रितिका से माफी
माँगनी थी,,,,शादी वाले दिन मैं कुछ ठीक तरह से पेश नही आया था उन लोगो के साथ
इसलिए कल घर पे मिलने गया था उन लोगो को,,लेकिन घर पर कोई नही था,,,



पता नही मैं तो खुद अपने गाँव गया हुआ था,,,कल ही वापिस आया हूँ,,,वैसे अगर करण
का फोन आया या कुछ पता चला तो मैं तुझे बता दूँगा,,,,



वो उठकर जाने लगा तभी अमित भी उसके पीछे वहाँ आ गया,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
बड़ा अफ़सोस हुआ सन्नी भाई आपके घर की खबर सुनके,,,,सुना है चोर आ गये थे आपके
घर पे और पोलीस वालो को भी मार दिया,,,,वैसे कुछ ज़्यादा नुकसान तो नही हुआ ,,,इतना
बोलते टाइम अमित के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी,,,



नही अमित भाई कुछ ज़्यादा नुकसान नही हुआ,,,


वैसे पोलीस वाले क्या कर रहे थे आपके घर पे सन्नी भाई,,,,अमित ने कुछ शक़ करते हुए
पूछा,,,,



वो पोलीस वाले राउंड-अप थे तभी उन लोगो ने किसी को दीवार से कूद कर अंदर जाते हुए
देखा था,,,,उनको शक हुआ तो वो भी अंदर चले गये और चोरों ने उनको गोली मार दी,लेकिन
मुझे समझ नही आता कि गोली की आवाज़ किसी ने सुनी क्यूँ नही,,,,,लगता है पिस्टल के आगे
साइलेनसर लगा रखा होगा चोरों ने,,,,



तभी सुरेश बोल पड़ा,,,,अरे वाह भाई लगता है आज कल के चोर भी समझदार हो गये है



सुरेश ने इतना बोला और अमित के साथ मिलकर हँसने लगा,,,



फिर वो लोग भी मेरे साथ बैठ गये और कॉफी औरडर करके कॉफी पीने लगे,,, तभी सुरेश
बोला,,,,,,,,थन्क्ष्क्ष्क्ष सन्नी भाई उस दिन तूने मेरी हेल्प की जो मुझे उठाकर आंब्युलेन्स मे
डाला,,,,,साला कोई आगे नही आया कॉलेज से एक तू ही आगे बढ़ा ,,,



इसमे थॅंक्स्क्स्क्स की क्या बात है सुरेश,,,,और वैसे भी मेरी कॉन सी तेरे से कोई दुश्मनी थी जो
मैं तेरी हेल्प नही करता,,,,तेरी जगह कोई और भी होता तो मैं उसकी हेल्प करने के लिए
आगे ज़रूर आता,,,,



सही बोला सन्नी भाई ,,हम लोगो मे कोई दुश्मनी नही है और अब तो हम लोगो की रिश्तेदारी
शुरू हो गयी है,,,,आख़िरकार तू मेरे जीजा का बेस्ट फ्रेंड है,,,तभी इतना बोलते हुए सुरेश
ने अमित को कुछ एशारा किया,,,,,



सुरेश का इशारा मिलते ही अमित बोल पड़ा,,,,,सौरी सन्नी भाई जो हम लोगो मे उस दिन झगड़ा
हुआ था,,,मुझे नही पता था कि शिखा करण की बेहन है,,,,पता होता तो मैं ऐसी वैसी
हरकत नही करता,,,,



मैं समझ गया था ये लोग चापलूसी कर रहे है और करते भी क्यूँ नही पोलोटिक्स से जो
संबंध रखते है,,,,,



इट्स ओके अमित भाई,,,,,मैं तो कबका भूल चुका उस बात को,,,मैने हंसते हुए बोला,,,



फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे,,,आज ये लोग मेरे साथ कुछ प्यार से पेश
आ रहे है,,,,लगता है इनको मुझ पर शक नही रहा अब क्यूकी मेरे घर से कुछ नही मिला
इन लोगो को,,,लेकिन फिर भी इन्पे यकीन करना सही नही था,,,क्यूकी ये बड़े कमिने थे
लेकिन एक बात ठीक हो गयी थी आज कि अगर इनको मेरे पर शक नही तो मेरी फॅमिली को भी
कोई ख़तरा नही इन लोगो से,,,



अच्छा अब हम लोग दोस्त है तो एक बात पूछ सकता हूँ क्या तेरे से मैं सन्नी,ये बात बोली
थी अमित ने



हां हां क्यूँ नही अमित भाई,,,एक क्या दो बातें पूछ सकते हो आप,,,,



तुझे पता है कि सुमित कहाँ छुपा हुआ है,,,या किसी को कोई बात करते सुना हो उसके
बारे मे,,,,



नही अमित भाई मुझे नही पता सुमित कहाँ है,,, पता होता तो मैं आपके पापा को बता
देता,,,,



अच्छा तो तुझे वो सीडीज़ कैसे मिली जो तूने मेरे बाप को दी,,,,



वो तो मुझे सुमित के घर से मिली थी,,,,



तो तुम जानते थे सुमित का घर कहाँ है,,,,,अमित ने शक करते हुए मेरी तरफ देखा और
ये सवाल किया,,,,




नही मुझे नही पता था,,,लेकिन जहाँ से सुमित अपने नशे का समान लेके आता था उसी एरिया
मे कुछ लोगो से पता चला था कि सुमित का घर कहाँ है,,,इसलिए मैं उसके घर की
तलाशी लेने चला गया था,,,,और वहाँ मुझे वो सीडीज़ मिल गयी थी,,,



वैसे अगर आप लोगो को सुमित की कोई खबर चाहिए तो आपको भी उसी जगह जाना चाहिए
जहाँ से वो नशे का समान लेके आता है,,,,शायद कोई दोस्त या जान पहचान वाला मिल जाए
सुमित का,,,,



मेरी बात सुनके अमित और सुरेश चुप हो गये और कॉफी पीने लगे,,


जब अमित और सुरेश की कॉफी ख़तम हुई वो लोग वहाँ से चले गये,,अमित गुस्से से कॅंटीन
वाले को बोलता गया,,,,,ओई छोटू सन्नी भाई का बिल भी मेरे अकाउंट मे डाल देना,


अमित की बात पर कॅंटीन वाला थोड़ा गुस्सा हो गया,,,,,,



मेरी कॉफी भी ख़तम हो गयी और मैं कॅंटीन वाले के पास चला गया,,,,,देखा भाई साले
भिखारी को,,,अपना पैसा दिया नही जाता और बोल रहा था आपका बिल भी उसके आकाउंट मे डालने
को,,,,,



तभी मैने पर्स मे से पैसे निकाले और उसको दे दिए,,,,,



चल ये पकड़ पैसे और गुस्सा थूक दे,,,सोच लेना किसी कुत्ते को महीना भर रोटी खिला
दी थी तूने,,,,,मेरी बात से कॅंटीन वाला खुश हो गया,,,,



लेकिन भाई मैं आपसे पैसे कैसे ले सकता हूँ मैं तो पहले से आपका क़र्ज़दार हूँ,,



वो क़र्ज़ा ऐसे ही खड़ा रहने दे वो अलग बात है और ये तेरी कॅंटीन के बिल का पैसा है
सो इसका हिसाब अलग है,,चल अब पैसे पकड़ वरना मैं तेरी कॅंटीन से कॉफी नही
पीऊँगा कभी,,,,,मेरी बात सुनके उसने चुप चाप पैसे पकड़ लिए



मैं वापिस आके उसी टेबल पर बैठ गया,,,क्यूकी ज़्यादा कुछ करने को था नही आज कॉलेज
मे ,,,,तभी सोनिया और कविता भी कॉलेज आ गयी,,,


कहाँ था तू 2 दिन से,,घर क्यूँ नही आया,,,पता है मैं कितनी परेशान हो गयी थी,,,ये
बात सोनिया ने गुस्से मे बोली और मेरे पास बैठ गयी,,,


वो मैं किसी दोस्त के घर पर था,,,

जूथ मत बोल,,,,करण के अलावा और कोई दोस्त नही तेरा और करण तो खुद घर पे नही है
कल उसके घर पर लॉक लगा देखा था हम लोगो ने,,,,और वैसे भी तू मेरे साथ तो झूठ
बिल्कुल भी मत बोला कर तुझे पता है मैं तेरा झूठ पल भर मे पकड़ लेती हूँ,,,


अरे बाबा ,,अच्छा,, अछा,,मैं दोस्त के घर पे नही था,,होटेल मे था,,,अब खुश



होटेल मे क्यूँ,,घर नही आ सकता था तू,,,,अब गुस्सा करने की बारी कविता की थी,,,क्या वो
तेरा घर नही जो तुझे होटेल मे रुकना पड़ा,,,,


अरे बाबा माफ़ करदो अब क्या बच्चे की जान लोगि तुम दोनो,,,मैं तो सूरज भाई और कामिनी
भाभी की बातों से बचने के लिए घर नही आया,,,,


ओह्ह सही कहा सन्नी,,,,मेरा भी दिमाग़ खा गये वो लोग सवाल पूछ पूछ कर,,,,अच्छा बता
नाश्ता किया या नही,,,,



हाँ अभी करके हटा हूँ,,,तुम लोग कुछ लोगि क्या चाइ या कॉफी



नो थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी,,,हम घर से नाश्ता करके आई है,,,,



वैसे ब्लॅकी अगर नाश्ता हो गया हो तो क्या क्लास मे चले,,या आज यहीं बैठकर टाइम पास
करना है,,,,,ये बात बोली सोनिया ने हंसते हुए तो कविता भी हँसने लगी



नही मुझे नही जाना क्लास मे तुम दोनो जाओ,,,,तभी सोनिया उठी और वहाँ से चली गयी जबकि
कविता बैठी रही मेरे पास,,,,,



तूने नही जाना क्या क्लास मे,,,,मैने कविता से पूछा,,,,


जाना तो है सन्नी लेकिन मुझे तेरे से कुछ बात करनी है,,,,वो मैं वो,,,

मैं जानता हूँ तूने क्या बात करनी है,,,तुझे लगता होगा कि सोनिया भी मेरे से प्यार करती
है तो शायद मैं तुमको भूल जाउन्गा या उतना प्यार नही करूँगा जितना पहले करता था तो
तुम मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो,,,मैं तुमसे भी उतना ही प्यार करता हूँ जितना कि
सोनिया से करता हूँ,,ये बात मुझे भी थोड़ी परेशान ज़रूर करती है कि अब क्या होगा मेरा
लेकिन मैं दिमाग़ पर टेन्षन नही डालता,,,तुम भी टेन्षन को दिमाग़ से निकाल दो और सब कुछ
टाइम पर छोड़ दो,,और सबसे बड़ी बात मेरे पर यकीन करो,,,,



मुझे तेरे पर पूरा यकीन है सन्नी,,,और मैं ज़रा भी परेशान नही हूँ,,,मैं तो बस ये
चाहती हूँ कि जो भी हो अच्छा हो,,किसी को किसी की वजह से कोई दुख ना हो,,तुझे तो पता
है हम लोग बचपन के दोस्त है,,,,जो भी हो हम लोगो की दोस्ती ख़तम नही होनी चाहिए
कभी,,,,,



ओके अब मैं चलती हूँ वो देख सोनिया दूर से खड़ी होके मुझे घूर रही है,,कविता के
बोलने पर मैने पीछे मूड के देखा तो सोनिया दूर खड़ी हम लोगो को ही देख रही थी


कविता उठकर जाने लगी तभी ना जाने मुझे क्या हुआ मैं भी उठ कर खड़ा हो गया और कविता
का हाथ पकड़ लिया,,,,



कविता थोड़ा डर गयी,,,ये क्या कर रहे हो सन्नी,,,छोड़ो मेरा हाथ सब लोग देख रहे है
,,हम कॉलेज मे है भूलो मत तुम,,,,




कॉलेज मे हूँ तभी तो हाथ पकड़ा है ,,,,कहीं अकेले मे होता तो कुछ और ही पकड़ लेता



कविता शरमा गयी,,,,छोड़ो बाबा मुझे शरम आ रही है देखो सब लोग घूर रहे है
सन्नी,,,प्ल्ज़्ज़ छोड़ो मुझे,,,,



अपने बाय्फ्रेंड के साथ खड़ी होके तुझे लोगो के देखने पर शरम आ रही है या सोनिया के
देखने से,,,,,,,



वो मैं वो ,,,नही सन्नी,,,,



उस से कुछ बोला नही गया तभी मैने उसको अपने करीब खींच लिया और गले से लगा लिया
वो एक दम सकपका गयी थी मेरी इस हरकत से,,,,देख तू मेरी गर्लफ्रेंड है और इस बात का अगर
लोगो को पता चलता है तो अच्छी बात है ना,,अब भला कब तक हम लोग छुप छुप कर मिलते
रहेंगे,,,,एक ना एक दिन तो सबको पता चलना ही है,,तो आज क्यूँ नही,,,पता लगने दो सबको
कि हम दोनो का चक्कर है,,



अच्छा बाबा लेकिन छोड़ो अब मुझे क्लास मे जाने को देर हो रही है,,सोनिया मेरा खून पी
जाएगी अगर मेरी वजह से क्लास मे लेट हो गयी,,,देखो वो अभी भी हम लोगो को ही देख
रही है,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने पीछे मूड कर देखा तो सोनिया खुश लग रही थी,,,तभी कविता ने आगे बढ़कर मेरे गाल
पर हल्की किस करदी और वहाँ से भाग गयी और जाते जाते बोलके गयी,,,,,तू मेरा बाय्फ्रेंड वाय्फ्रेंड कुछ
नही है ब्लॅकी ये बात सपने मे भी नही सोचना,,,,



मैं उसकी बात पे हँसने लगा और वो भी सोनिया के करीब जाके खुश होके मुझे देख रही थी
साथ मे सोनिया भी बहुत खुश थी,,,,फिर वो दोनो गयी क्लास मे और मैं वहीं बैठा रहा
टाइम पास करता रहा,,,,



तभी मुझे ख़ान भाई का फोन आया और मैने बात की उनसे,,,,उन्होने मुझे किसी से मिलने को
बोला और मैं कॉलेज से चल पड़ा उस शक्स को मिलने,,,,


मैं कार लेके चल पड़ा ख़ान भाई की बताई हुई जगह पर,,,ये जहग थी एक पॉलिटीशियन
का ऑफीस जो अमित के बाप की अपोजीशन पार्टी का लीडर था,,,,अमित के बाप का दुश्मन
था ये,,हालाकी अमित के बाप के बारे मे हमेशा कोई ना कोई बुरी खबर छपती ही रहती
थी अख़बार मे लेकिन इन जनाब के बारे मे कोई बुरी बात नही सुनी थी आज तक,,,यही सुना
था कि ये बहुत सॉफ सुथरे मंत्री है और लोगो की हेल्प क लिए हमेशा आगे रहते है शायद
इसलिए ख़ान भाई ने मुझे इनको मिलने को बोला था ताकि हम अपने दुश्मन के दुश्मन से हाथ
मिला ले ,,,,,,,,,,




मैं उसके घर के बाहर पहुँच गया और ख़ान भाई के बताए हुए नंबर पर फोन किया तो
सामने से एक लेडी से बात हुई मेरी,,,लेडी से बात करके फोन कट किया तो गेट पर खड़ा
हुआ एक आदमी मुझे अपने साथ अंदर ले गया,,,मैं चलते हुए इधर उधर देख रहा था ये
जगह भी बॉडी गार्ड्स से भरी हुई थी,,,,तभी वो आदमी मुझे एक ऑफीस मे ले गया,,


दरवाजा खुलते ही मैने देखा कि अंदर चेयर पर एक औरत बैठी हुई थी,,जो उमर मे कोई
35-40 के आस पास थी ,,,गोरा रंग था उसका,,बालों का जुड़ा किया हुआ था,,वाइट रंग की
साड़ी को बहुत ही सिंपल तरीके से बाँध रखा था उसने,,,ज़्यादा मेक-अप भी नही किया हुआ
था,,हल्की गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी बस,,,,



मेरे अंदर जाते ही उसने चेयर से उठकर मेरा वेलकम किया और मुझे सामने पड़ी चेयर पर
बैठने को बोला,,,,




मैं उसके सामने वाली चेयर पर बैठ गया और वो अपनी चेयर पर वापिस बैठ गयी,,,



तो तुम हो सन्नी जिसके बारे मे इनस्पेक्टर ख़ान ने बात की थी,,मेरा नाम मधु है,,




हेलो मधु मेडम,,, जी मेडम मेरा नाम सन्नी है और मुझे ख़ान भाई ने भेजा है,,,,




इनस्पेक्टर ख़ान तुम्हारे भाई है क्या,,,,उसने थोड़ा हैरान होते हुए पूछा,,,,,




जी नही लेकिन भाई से कम भी नही है,,,,दरअसल हम लोग एक ही रास्ते पर चल रहे है
और हम लोगो की मंज़िल भी एक है,,,तो साथ साथ सफ़र का मज़ा लेने क लिए हम लोग कुछ
ज़्यादा ही करीब हो गये है,,और अच्छे दोस्त बन गये या आप कह सकती हो अच्छे भाई बन गये,,




ये तो बहुत अच्छी बात है,,,,अच्छा अब ये बताओ कि तुम्हारे पास ऐसी क्या चीज़ है जिस से
तुम मिस्टर सेठी को कुर्सी से उतार सकते हो और मिट्टी मे मिला सकते हो,,,,,



( मिस्टर,सेठी अमित का बाप)




जी क्या बोला आपने मैं कुछ समझा नही,,,,कैसी कुर्सी और किसको मिट्टी मे मिलाना है,,,




अरे तुम्हारे पास कोई जानकारी है ना मिस्टर सेठी के खिलाफ ,,इनस्पेक्टर ख़ान ने बोला था मुझे
कि तुम लोगो को हमारी हेल्प चाहिए मिस्टर सेठी के खिलाफ,,,तुम कोई केस करने वाले हो मिस्टर सेठी
पर ,, ख़ान और तुमको लगता है कि सेठी अपनी पॉवेर और पैसे से जड्ज को खरीद सकता
है इसलिए ख़ान ने मुझे फोन किया था और बोला कि तुम लोगो को हम लोगो की हेल्प चाहिए



जी सही बात बोली आपने ,,,हम लोगो को आपकी हेल्प चाहिए,.,,,लेकिन हम लोगो के पास सेठी
के खिलाफ कोई सबूत नही है हम लोगो के पास सेठी के बेटे अमित के खिलाफ सबूत है
ख़ान भाई ने पूरी बात तो बताई होगी ना आपको,,



नही ख़ान ने कुछ नही बताया मुझे बस इतना बोला कि तुम मेरे पास आओगे और तुम ही बात
करोगे मुझसे,,,,,लेकिन ख़ान ने इतना बोला था कि इस से सेठी की कुर्सी भी जा सकती है



जी इतना तो नही पता मुझे लेकिन अपने बेटे अमित की वजह से वो लोगो मे बदनाम ज़रूर हो
जाएगा,,,,,बाकी कुर्सी जाएगी उसकी ये नही ये तो आप लोगो को बेहतर पता होगा,,,,



अच्छा तो बताओ क्या सबूत है तुम्हारे पास सेठी के बेटे के खिलाफ,,,ज़रा खुल कर बताओ
पता तो चले,,,,,


जी मेडम बताता हूँ,,,,,,,,आपको तो पता ही होगा कुछ महीने पहले ------- कॉलेज मे 2
लड़कियों ने ख़ुदकुशी की थी,,,मैं उसी कलाज का स्टूडेंट हूँ,,और सेठी का बेटा भी
उसी कॉलेज मे है,,,,,उन लड़कियों ने ख़ुदकुशी की थी सेठी के बेटे अमित से दुखी होके
लेकिन सेठी ने अपनी पवर का इस्तेमाल किया और प्रिन्सिपल के साथ मिलकर ये साबित कर दिया
था कि लड़कियाँ अपनी स्टडी की टेन्षन से दुखी थी तो उन्होने ख़ुदकुशी करली,,,पोलीस भी
कुछ नही कर पाई क्यूकी प्रिन्सिपल भी सेठी का चमचा है क्यूकी सेठी कॉलेज ट्रस्ट
फंड का चेर्मन है,,,बहुत पैसा दिया है उसने कॉलेज को और हमारे प्रिन्सिपल को भी,,,
लेकिन मेरे पास ऐसा सबूत है जिस से साबित हो जाएगा कि लड़कियों की ख़ुदकुशी की वजह
स्टडी नही बल्कि वो टॉर्चर था जो सेठी का बेटा करता था उनके साथ,,,,सेठी के बेटे ने
अपने दोस्तो के साथ मिलकर उन लड़कियों का रेप किया और फिर मरने पर मजबूर किया,,,क्यूकी
अगर वो ना मरती तो रोज उनका रेप होता ,,,ऐसी ज़िल्लत की ज़िंदगी गंवारा नही थी उन
लड़कियों को इसलिए उन लड़कियों ने ख़ुदकुशी करली,,,


मधु मेडम काफ़ी देर मेरी बात को ध्यान से सुनती रही फिर बोली,,,,अच्छा ऐसा क्या सबूत
है तुम्हारे पास कि जिस से तुमको लगता है तुम सेठी के बेटे को गुनहगार साबित कर सकते
हो,,,,क्यूकी वो लोग बहुत पवरफुल लोग है,,,उनसे जंग करो तो अपने हाथ मे एक से बढ़ कर एक
हथियार रखने होंगे तुमको,,,




अपने सही कहा मधु मेडम,,,,वो लोग बहुत पवरफुल है ,,,लेकिन मेरे पास जो हथियार है
उन लोगो के खिलाफ वो उन लोगो की पॉवर को मिट्टी मे मिला देगा,,,,,



अच्छा ऐसा कॉन्सा हथियार है तुम्हारे पास ,,,,ज़रा मुझे भी दिखाओ,,,पता तो चले कि
एक कॉलेज का स्टूडेंट किस हथियार की बदोलत इतनी बड़ी जंग लड़ने की तैयारी कर रहा है



मेरे पास उस रेप की वीडियो है मधु मेडम,,,और सेठी के बेटे का अपने दोस्त के साथ किया
हुआ इक़बालिया ज़ुल्म का वीडियो भी है




मेरी बात सुनके मधु का मुँह खुला का खुला रह गया,,,कुछ देर वो सोच मे पड़ गयी फिर
बोली,,,,कहाँ है वो वीडियो दिखाओ मुझे,,,,मैं अभी जाके मंत्री जी को दिखाती हूँ ,,वो
कुछ एग्ज़ाइट हो गयी थी,,,,,




इतनी भी क्या जल्दी है मधु मेडम,,,,और वैसे भी मैं आपको वो वीडियो दिखा सकता हूँ
लेकिन दे नही सकता,,,,मैने सॉफ लफ़ज़ो मे मना किया तो वो थोड़ा गुस्से हो गयी और मुझे
घूर्ने लगी,,,,



क्यूँ नही दे सकते मुझे वो वीडियो,,,क्या तुमको हम लोगो पर यकीन नही है क्या,,,,



जी नही मधु मेडम,,,मुझे आप लोगो पर बिल्कुल भी यकीन नही है,,,,आख़िर आप लोग भी
तो राजनीति के गंदे खेल मे शामिल हो,,,ये बात और है कि आपके मंत्री जी के बारे मे आज
तक कोई ग़लत खबर नही सुनी मैने कभी लेकिन फिर भी मैं आप लोगो पर यकीन तो नही
कर सकता ना,,,,वो कहते है ना,,,,साँप सामने हो और मंत्री तो पहले मंत्री को मारो क्यूकी
साँप का तो पता नही आपको डस्ता है या नही लेकिन मंत्री तो आपको ज़रूर डसेगा,,,,



अगर ऐसी बात है तो क्यूँ आए तुम यहाँ अगर हम लोगो पर यकीन नही तुमको,,,किसी और
की हेल्प क्यू नही लेते ,,,,,



ख़ान भाई की वजह से आया हूँ मैं यहाँ,,क्यूकी उनको आप लोगो पर यकीन है,,,वरना मैं
कभी नही आता,,,और वैसे भी जो सबूत है मेरे पास उनको लेके किसी भी दूसरी पार्टी के
मंत्री के पास चला जाउ तो वो हँसके मेरी हेल्प करने को तैयार हो जाएगा क्यूकी अमित को
सज़ा तो होके रहेगी और अमित की वजह से सेठी भी अपनी कुर्सी से हाथ धो बैठेगा और इस
सब से दूसरी पार्टी को बहुत फ़ायदा होगा,,,,,आपको हेल्प नही करनी तो ना सही,,,ओके मैं फिर
चलता हूँ फालतू मे आपका और अपना टाइम खराब किया मैने,,,,




मैने इतना सब कुछ अकड़ मे बोला और वहाँ से जाने लगा,,,,मैं झूठ मूठ ही वहाँ से
जाने लगा था क्यूकी मुझे इन लोगो की हेल्प की बहुत ज़रूरत थी,,मैं तो बस फालतू मे थोड़ा
नखरा कर रहा था,,,,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,418,089 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 535,118 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,198,440 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 905,840 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,607,105 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,040,992 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,885,092 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,836,252 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,948,647 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 277,234 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)