Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
07-15-2017, 01:17 PM,
#51
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
प्राची ने देख की राज का फोन चार बार बजा और चारों बार उसने कोई
जवाब नही दिया. जब आखरी बार फोन बजा उस समय राज पानी मे था
और उसने फोन टवल पर छ्चोड़ दिया था... प्राची के दिल मे आया की
वो उठा ले लेकिन उसने उठाया नही... ज़रूर वो औरत कुछ ज़्यादा ही
उतावली हो रही है.. उसने सोचा.. दोपहर से चौथा फोन है....
जब घंटी बजनी बंद हो गयी तो उसने उत्सुकता वश फोन उठा लिया
की शायद उसपर उसका नाम लिखा हो की तभी राज आ गया.

"राज तुम्हारा फोन फिर बाज रहा था.." कहकर उसने फोन राज को
पकड़ा दिया.

राज ने फोन पर नंबर देखा और मुस्कुरा पड़ा.

"क्या उसी औरत का फोन था?" प्राची ने पूछा.

"हां" उसने जवाब दिया.

"लगता है की वो तुम्हारे लिए पागल हो गयी है... कौन है वो?"

वो दोनो अकेले थे और राज को विश्वास था की उनकी बात कोई नही सुन
रहा है... "वो म्र्स सहगल है." राज ने कहा.

"तुम्हारा मतलब है सोनू की मम्मी." उसने चौंकते हुए कहा.

"हन वही"

"में विश्वास नही करती." प्राची ने अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा.

"में सच कह रहा हूँ... तुम चाहो तो नंबर देख सकती हो."
कहकर राज ने फोन प्राची के सामने कर दिया जिसपर म्र्स सहगल और
उसका नंबर छापा था.

"में तुम पर विश्वास नही करती... शायद उसने घर पर सोनू के
लिए कोई पार्टी रखी होगी और इसीलिए तुम्हे याद कर रही होगी... या
फिर उन्हे तुमसे कोई काम होगा." प्राची ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए
कहा.
अपनी बात को साबित करने के लिए राज ने अपने फोन की वाय्स मैल को
ओं किया और फोन प्राची को पकड़ा दिया.

प्राची फोन को कन से लगाए उसमे से आती आवाज़ को सुनने
लगी, "हे... में बोल रही हून... में तुमसे तुरंत मिलना चाहती
हून.... " मेसेज को सुन प्राची का मुँह खुला का खुला रह गया...
उसने फोन वापस राज को पकड़ा दिया.

"अब तो तुमने अपने कानो से सुन लिया ना... में सच कह रहा था ना."

प्राची को अब भी अपनी कानो से सुनी आवाज़ पर विश्वास नही हो रहा
था.... वो खुद काफ़ी सेक्सी और चुदसी लकड़ी थी... उसके चेहरे पर
एक शैतानी मुस्कुराहट आ गयी... उसने राज से कहा, "में तुम दोनो
को साथ साथ देखना चाहती हून."

"ख्य....तुम क्या चाहती हो?" राज ने चौंकते हुए कहा.

"में तुम्हे उस औरत को चोद्ते हुए देखना चाहती हून. आवाज़ से तो
वो काफ़ी सेक्सी और चुदसी लगती है.. लगता है की उसे तुम्हारा मोटा
लंड काफ़ी पसंद आ गया है." प्राची ने कहा.

प्राची की बात सुनकर राज का चेहरा खुशी से खिल उठा.. उसे महसूस
हुआ की वो महक को इस खेल मे और आगे बढ़ा सकता है.. "मेरे पास
इससे भी बेहतर तरीका है.. तुम हमारे साथ शामिल हो सकती हो...
हम तीनो साथ साथ चुदाई करेंगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा."

प्राची भी खुश हो गयी, "हन ये ज़्यादा अक्चा रहेगा... चलो अभी
चलते है."

"ठीक है." राज ने जवाब दिया.
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07-15-2017, 01:17 PM,
#52
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
दोनो ने अपने बाकी के दोस्तों को अलविदा कहा और राज की गाड़ी की और
बढ़ गये. रास्ते मे राज प्राची को चिढ़ा रहा था और उससे कह रहा
था की वो म्र्स सहगल को उसकी चूत चूसने के लिए कहेगा. प्राची ने
उससे कहा की उसे नही लगता की म्र्स सहगल उसकी चूत चूसेगी.

"शर्त लगावगी... में जैसा कहूँगा वो वैसे ही करेगी." राज ने
कहा, "सिर्फ़ तुम मुझे उससे बात करते सुनती रहना."

राज ने प्राची से महक का नंबर लगाने को कहा, प्राची ने नंबर
लगाकर फोन राज को पकड़ा दिया.

"कैसी हो मेरी छीनाल रॅंड..... बहोत ही अछा मेसेज भेजा था
मज़्ज़ा आ गया सुनकर.... वियसे तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है... में
अपने एक दोस्त को साथ मे ला रहा हूँ... हन.. तुम्हे बहोत मज़ा
आएगा... हम वहाँ 20 मिनिट मे पहुँच जाएँगे... तब तक तुम
तय्यार हो जाओ... में चाहता हूँ की तुम मैं दरवाज़ा खुला रखो और
जब हम वहाँ पहुँचे तो तुम पूरी तरह नंगी होकर हमारा इंतेज़ार
करो.. " कहकर राज ने फोन बंद कर दिया.

"वाउ वो तुम्हे इस तरह की बातें करने देती है... कुछ बोलती
नही." प्राची ने चौंकते हुए पूछा.

"अरे बातें करने देती है.. वो खुद भी ऐसे ही बोलती है.. उसे
बहोत मज़ा आता है और वो बहोत उत्तेजित और गरम हो जाती है."
राज ने जवाब दिया.

"लगता है की बहोत ही चुदसी और गरम औरत है." प्राची ने कहा.

जब दोनो महक के घर का दरवाज़ा खोल अंदर दाखिल हुए तो महक
राज के कहे अनुसार दीवान पर नंगी लेती हुई थी. वो सिर्फ़ लेती ही
नही थी बल्कि उसने अपनी टाँगे पूरी तरह फैला रखी थी और अपनी
तीन उंगली अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.

जब महक को उनके आने की आहत सुनाई पड़ी तो वो बिना उनकी और देखे
बोली, "तो लड़कों तुम लोग तय्यार हो इस गरम और शानदार चूत को
चोदने के लिए."

तभी उसकी नज़र प्राची पर पड़ी तो वो चौंक पड़ी.. उसे तो किसी
लड़के की उमीद थी..... उसने तुरंत अपनी चूत से अपनी उंगलियाँ
बाहर निकाल लि....तभि उसे याद आया की ये लड़की तो उस दिन शाम को
उसके घर पार्टी मे भी आई थी..... वो डर गयी.

राज ने महक के चेहरे से उड़ते रंग को देख लिया... वो तुरंत
बोला... "घबराईए मत म्र्स सहगल... प्राची किसी से कुछ नही
कहेगी.. बस ये भी हमारे साथ इस खेल मे शामिल हो हमारे साथ
खेलना चाहती है."

खेलना चाहती है? महक की कुछ समझ मे नही आया... उसने सुना
और पढ़ा तो था की दो औरतें आपस मे सेक्स करते है.. सामूहिक
चुदाई भी होती है.. लेकिन ये सब उसके लिए नया था.. क्या वो इन
दोनो को साथ ये सब कर पाएगी... उसकी कुछ समझ मे नही आ रहा
था वो वैसे ही अपनी टाँगे फैलाए दीवान पर लेती रही.

प्राची भी महक को इस तरह देख डांग रह गई थी.. ये सही था की
उसने अपने कॉलेज की कुछ लड़कियों के साथ सेक्स किया था लेकिन महक
एक शादी शुदा औरत थी और उससे उमर मे भी काफ़ी बड़ी थी.. वो
महक के नज़दीक खड़ी हो कर उसे घूर्ने लगी. महक के नंगे बदन
को देख उसके बदन मे भी गर्मी बढ़ रही थी.

प्राची आगे बढ़ कर महक के नज़दीक आई और उसके सामने ज़मीन पर
घुटनो के बाल बैठ गयी.... वो महक की गुलाबी चूत को देखने
लगी.. चूत के बॉल अची तरह से तराशे हुए थे और उत्तेजना से वो
फूली हुई भी थी.. वो अपनी उंगलियाँ उसपर फिरने लगी. चूत से
बहते रस की वजह से चूत चमक रही थी.. प्राची अपने आपको रोक
ना पाए और उसने झुक कर उसे चूम लिया.

"तुम्हारी चूत बहोत सनडर है." वो बस इतना ही कह पाई. इससे
पहले की महक कुछ कह पति प्राची उसकी चूत पर अपनी जीब रख
चाटने लगी.

महक की समझ मे नही आया की वो क्या कहे और करे... वो उसे रोकना
चाहती थी... लेकिन प्राची की जीब उसकी चूत पर उसे इतनी आक्ची लग
रही थी.. साथ ही उसे मज़ा भी बहोत आ रहा था....

प्राची को पता था की वो क्या कर रही है... वो अपनी जीब को उसकी
चूत पर फिरणते फिरते उसकी पंखुड़ियों को अपने मुँह मे भर
चूसने लगी.. फिर उसकी चूत को उसने अपनी उंगलियों से फैलाया और
अपनी जीब को त्रिकोण का आकर दे अंदर फिरने लगी...

महक को इतना मज़ा आ रहा था की उसने अपनी टाँगे और फैला दी.....
प्राची भी उसका इशारा समझ जोरों से उसकी चूत चूसने लगी और
साथ ही अपनी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगी...

महक तो प्राची के सिर को पकड़ अपनी चूत पर दबाना चाहती थी
लेकिन वो डर गयी की कहीं प्राची अपना मुँह ना हटा ले.. इसलिए उसने
सोफे पर पड़े कुशन को उठा अपने सीने से भींच लिया.
"ऑश ओ हां चूसो तुम कितनी आछी हो हां और चूसो मेरा
छूटने वाला हाई.. खा जाओ मेरी चूत को" महक जोरों से सिसकने
लगि..ऽउर उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.

महक और प्राची की रास लीला देख कर राज पूरी तरह गरमा चुका
था.. उसका लंड तन कर खड़ा हो गया.... उसने अपनी पॅंट और
अंडरवेर उत्तर दी.. और अपने लंड को महक के मुँह के सामने कर
दिया.
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07-15-2017, 01:18 PM,
#53
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक ने उसके लंड को अपनी मुति मे लिया और अपना मुँह खोलते हुए
अंदर ले चूसने लगी... वहीं प्राची अभी भी उसकी चूत को चाट
रही थी साथ ही अपनी उंगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी. महा इतनी
जोरों से और तेज़ी से राज को लंड को चूस रही थी जैसे की कोई
सड़क छाप रंडी अपने ग्राहक के साथ करती है....

राज ने महक के बलों को पकड़ा और अपने लंड को और तेज़ी से उसके
मुँह के अंदर बाहर करणते लगा... "हाँ मेरी प्यारी रांड़ ऐसी ही
चूसो ...में तुम्हारे मुँह को चॉड्टा हूँ तो तुम्हे अछा लगता है
है ना? ज़रा प्राची को सीख़ाओ और बताओ की शादी शुदा औरतें
कैसे किसी जवान लाओडे खा लंड रंडी की तरह चूस्टी है... ऐसे ही
ज़ोर ज़ोर से चूसो...

महक जोरों से सिसकते हुए राज का लंड चूज़ जा रही थी.. उसके
लंड को मुति मे भर मसल रही थि...तभि उसने देखा की प्राची ने
उसकी चूत चूसने चोद दी और उसे लंड चूस्ते देख रही है....
इससे वो और उत्तेजित हो गयी.... प्राची की तरफ देखते हुए वो राज के
लंड और अपने गले तक लेकर जोरों से चूसने लगी. उसने देखा की
प्राची ने अपनी पनटी उत्तर दी थी और अपनी चूत मे दो उंगली दल
अंदर बाहर कर रही थी.

"प्राची ये रांड़ लंड अछा चूस्ति है..्ऐ ना?" राज ने पूछा.

"हां बहोत अक्चा और इसे मज़ा भी बहोत आता है चूसने मे."
प्राची ने जवाब दिया.

"अगर तुम इससे गंदी गंदी बातें करोगी तो इसे और अछा लगेगा...
इससे कहो की ये कितनी बड़ी छीनाल है... कितनी अची रांड़ है." राज
ने उससे कहा.

"हां राज बहोत ही बड़ी छिनाल है.. देखो तो लंड तो ऐसे चूस
रही है जैसे दिन भर की खुराक चूस रही हो... ." प्राची ने
कहा.

प्राची फिर महक की तरफ घूमी और उससे बोली,

"छीनाल रांड़ तुझे लंड चूसना अछा लगता है ना.. ठीक किसी
आइस्क्रीम कॅंडी की तरह चूस्ति हो है ना?"

"म्‍म्म्मममम्म" महक लंड को बिना अपने मुँह से निकले जवाब दिया.

"जब ये लंड तुम्हारी जीब से होते हुए गले तक अंदर बाहर होता है
तो तुम्हे बहोत अछा लगता है ना?" प्राची ने फिर पूछा.

महक फिर पहली की तरह जवाब दिया और राज के लंड को चूस्ति
रही. प्राची की ये गंदी बाटीएन उसे और उत्तेजित कर रही थी.

"अपने मुँह से बोलो..." प्राची ना थोड़ा ज़ोर देते हुए कहा, "बताओ
मुझे की तुम कितनी बड़ी रॅंड हो और तुम्हे लंड चूसने मे कितना
मज़ा आता है."

"बहोट मज़ा आता है... मुझे मोटा और लंबा लंड चूसने मे बहोत
अक्चा लगता है.. जब लंड गले मे हलाक से टकरा कर अंदर बाहर
होता है तो में तो जैसे पागल हो जाती हून.. जब तुम ऐसी बाटीएन
करती हो तो मेरी चूत मे चिंतियाँ रेंगने लगती हो... वापस मुझसे
कहो... मुझे अपनी रॅंड बना लो.. फिर से मुझे रांड़ छीनाल
कहो... " महक ने कहा.

प्राची को विश्वास नही हो रहा था की कोई औरत ऐसे शब्द भी मुँह
से निकाल सकती है.. उसकी बातें सुन वो खुद बहोत गरमा गयी.. वो
तेज़ी से अपनी चूत मे उंगली अंदर बाहर करने लगी.

"हां छीनाल आज की रात में तुम्हे अपनी रांड़ बनौँगी... " प्राची
ने उसके तरफ देखते हुए कहा, "मेरी रांड़ ज़रा मेरे पास आना और
मुझे दीखाना की क्या तुम चूत भी इतनी ही अची तरह चूस्ति हो
जितनी अची तरह से लंड चूस रही हो." कहकर प्राची ने महक के
सिर को पकड़ उसे राज के लंड पर से हटा दिया.
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07-15-2017, 01:18 PM,
#54
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--17

प्राची ज़मीन पर सोफे का सहारा लेकर बैठ गयी और अपनी टाँगे
फैला महक के सिर को अपनी चूत पर जूहका दिया, "अब मेरी चूत
चूसूओ समझी."

महक की समझ मे नही आया की वो क्या और कैसे करे.... किसी चूत
चूसना तो दूर उसने तो आज तक किसी लड़की या औरत चूत को छुआ
भी नही था... आख़िर मान पक्का कर उसने अपना चेहरा प्राची की
चूत पर झुका दिया.

ठीक उसके नाम की तरह प्राची की चूत से आती महक उसे मदहोश
कर रही थी.. उसने अपनी जीब निकाली और उसकी चूत को चाटने
लगी... फिर उसकी चूत की पंदखुड़ियों को अपने होहटों मे फँसा
चूसने लगी... प्राची के मुँह से सिसकारी निकाल पड़ी... उसके सिसकी
सुन वो अपनी जीब को जोरों से उसकी चूत पर घिसने लगी.

साली बूढ़ी रॅंड चूवस मेरी चूत को चूस ऐसे ही चूस." प्राची
सिसकते हुए बोली.

महक पूरे मान से उसकी चूत को चूसने लगी.... उसकी खुद की चूत
मे आग लगी हुई थी..... उसे चूत चूसने मे मज़ा आ रहा था....
वो ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को मुँह मे भर चूसने लगी. उसकी चूत को
अपनी उंगलियों से फैलते हुए उसने अपनी जीब अंदर घुसा दी.. और
फिर जीब को अंदर बाहर कर उसे चोदने लगी.

प्राची वैसे कई लड़कियों से अपनी चूत चूस्वा चुकी थी लेकिन
महक जिस तरह उसकी चूत को चूस रही थी उसे बहोत मज़ा आ रहा
था और उसकी चूत पानी छोड़ने के लिए तय्यार थी. उसने देखा की राज
अपने लंड को मसालते हुए उन दोनो को ही देख रहा था... तभी उसके
मान मे एक ख़याल आ गया.

"चल रांड़ अपनी गॅंड को हवा मे उठा दे... तुझे राज का लंड अपनी
गॅंड मे चाहिए है ना?"

प्राची की चूत चूस्ते हुए वो घुटनो के बाल हो कर अपनी गॅंड हवा
मे उठा दी.

राज का लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा था... वो महक के पीछे
आया और अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया.... थोड़ी देर लंड को
अंदर बाहर करने के बाद उसने जब देखा की लंड महक की चूत के
रस से पूरी तरह गीला हो गया है.. तो उसने लंड को बाहर निकाला
और उसकी गॅंड के छोटे छोटे छेड़ पर रख दिया. धीरे धीरे
धक्के लगते हुए उसना पूरा लंड उसकी गॅंड मे घुसा दिया.

दर्द के मारे उसके मुँह से कराह निकाल पड़ी.. लेकिन मुँह प्राची की
चूत पर दबा होने से वो सिर्फ़ 'गुणन्ं' कर के रह गयी. उसकी चूत
वैसे ही झड़ने वाली थी उसपर गॅंड मे लगते धक्कों ने उसे और
उत्तेजित कर दिया.... वो ज़ोर ज़ोर से प्राची की चूत चूसने लगी...
राज उसकी कुल्हों को पकड़ तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा
था.

महक की चूत पूरे तूफान पर थी... उसने अपने कूल्हे पीछे खिसका
उसके लंड को और अंदर तक अपनी गॅंड मे ले लिया.... और उसकी चूत
ने पानी छोड़ा तो उसका बदन जोरों से कांप उठा.

राज पूरी उत्तेजना मे अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था ....उसके
कुल्हों पर चपत जमाते हुए वो उसकी गॅंड मारने लगा ...जब उसके लंड
ने पानी छ्चोड़ दिया तो उसने लंड बाहर निकाल लिया....
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07-15-2017, 01:18 PM,
#55
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
प्राची को भी चूत चूसवाने मे बहोत मज़ा आ रहा था उसकी चूत
भी पानी छोड़ना चाहती थी... लेकिन उसे महक के साथ गंदी बातें
करने मे बहोत आनंद आ रहा था.. वो एक बार फिर शुरू हो गयी.

"रांड़ ज़रा अपनी तरफ देख... तेरी गॅंड से राज का वीर्या कैसे तपाक
रहा है.... और तुम्हारा मुँह मेरी चूत मे घुसा हुआ है.... तू
सही मे रंडी है... चूस मेरी चूत को जोरों से चूस... हाआँ
जोरों से चूवस रुकना मत.... ऑश हाआँ चूस जोरों से चूवस खा
जा मेरी चूत को.... ओह भगवान.." और जैसे किसी नदी बाँध खुल
जाता है उसकी चूत पनी पर पानी छोड़ने लगी.

जैसे ही प्राची की चूत का रस महक के मुँह मे घुसा वो चटकारे
लेकर उसे पीने लगी.. अपनी जीब घूम घूमा कर चाटने लगी...
थोड़ी ही देर मे वो निढाल हो कर ज़मीन पर पसार गयी... और अपना
सिर प्राची की जांघों पर रख किसी बची की तरह अपनी साँसे
संभालने लगी.

"मुझे पता है की ये तुम्हारा पहला मौका था की किसी लड़की की चूत
चूसने का लेकिन तुमने अछा कम किया... मुझे लगता है की हमे
जल्दी ही मिलना पड़ेगा जिससे में तुम्हे और बहोत कुछ सीखा सकूँ."
प्राची ने महक से कहा.
"शुक्रिया तुम बहोत आक्ची हो." महक ने कहा.

थोड़ी ही देर मे राज और प्राची अपने अपने कपड़े पहन जाने को तय्यार
थे.... जब वो जाने लगे तो प्राची महक के नज़दीक आई और उसके
कान मे फुसफुसा, "मेरी प्यारी रॅंड हम जल्दी ही मिलेंगे... मेरे
कुछ दोस्त है जो तुमसे मिलना चाहेंगे." फिर उसे आँख मारते हुए वो
राज के साथ चली गयी.

* * * * * * * * * *

थोड़े दिन बाद महक का पति फिर एक बार सहर के बाहर चला
गया... महक अपने आप को बहोत अकेला महसूस कर रही थी.... क्तचें
के टेबल पर बैठे वो अपने साथ बीती घटनाओं को याद कर रही
थी.... वो अपने इस नई अनुभव को..ऽने नई दोस्तों के राज को किसी
के साथ बाँटना चाहती थी... लेकिन डरती थी की कहीं उसका ये राज़
उसके पति को ना पता चल जाए... फिर खड़े हो कर वो अपने कमरे
मे आ गयी और कुछ रिपोर्ट तय्यार करने लगी जो उसे क्लब मे रजनी को
देनी थी.

थोड़ी देर बाद वो रिपोर्ट तय्यार कर ही रही थी की दरवाज़े पर
दस्तक हुई.. उसने दरवाज़ा खोला तो देख की रजनी खड़ी थी.

"यहाँ से गुज़र रही थी तो मेने सोचा की रिपोर्ट क्यों ना में ही
लेती जाती जायों नही तो तुम्हे क्लब आने की तकलीफ़ उतनी पड़ती."
रजनी ने कहा.

"बहोट अछा किया... आओ अंदर आओ.." महक ने कहा... "तुम सोफे पर
बैठो में रिपोर्ट लेकर आती हून." कहकर वो अपने कमरे मे चली
गयी.

लौटकर महक ने रजनी को कोफ़ी के लिए पूछा जिसके लिए उसने हन
कर दी.. कॉफी पीते हुए दोनो बातें करने लगी.

बातों के दौरान महक ने देखा की रजनी ने एक छोटी स्कृत पहन
रखी और उसकी पतली और चिकनी टाँगे सॉफ दीखाई दे रही
थि....Mएहक की आँखे उसकी टाँगों के बीच खो गयी...

आज से पहले उसके दिल मे कभी किसी औरत को लेकर ख़याल नही आया
था लेकिन जबसे प्राची के साथ जो कुछ हुआ था उसका दिल सब कुछ
सोचने लगा था... वो सोचने लगी की रजनी की चूत कैसी लगती
होगी.. उसकी चूत पर कितने बॉल होंगे... या फिर उसने अपनी चूत
सफाचत की हुई होगि....वो सिर्फ़ सोच भर से ही गर्माती जा रही
थी..

"कहाँ खो गयी महक...?" उसे रज़ीनी की आवाज़ सुनाई दी.

महक की सोच टूटी, "माफ़ करना रजनी.... तो तुम क्या कह रही थी?"

"ये क्या हो गया है तुम्हे आजकल," रजनी ने पूछा, "में देख रही
हूँ की क्लब मे भी आजकल तुम बात बात पर कहीं खो जाती हो."

महक की समझ मे नही आया की वो क्या जवाब दे... वैसे वो दिल से
तो अपने राज़ को किसी के साथ बाँटना चाहती थी... लेकिन दिल ही दिल
मे उसे डर भी लग रहा था... वो अपने सीने मे इस बोझ को ज़्यादा दिन
नही धो सकती थी.. और अगर कोई उसकी मजबूरी और परिस्थिति को
समझ सकता था वो सिर्फ़ रजनी थी.. उसकी समाज मे इज़्ज़त भी थी और
लोग उसे बहोत मानते भी थे.... फिर थोड़ी देर सोच कर उसने धीरे
से कहा.

"रजनी जो में तुम्हे बताने जा रही हून.. क्या इस बात को तुम अपने
तक ही रख सकोगी....?"
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07-15-2017, 01:18 PM,
#56
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"हां क्यों नही... " रजनी ने उससे वाडा क्या, वो समझ रही थी आज
फिर उसे किसी के बारे मे कुछ जानने को मिलेगा.. पर उसे उमीद नही
थी की महक उससे खुद के बारे मे बात करेगी.

"आज कल मेरा किसी के साथ चक्कर चल रहा है." महक ने कहा.
उसे लगा की उसके सीने से ढेर सारा बोझ उत्तर गया. कुछ मिनिट तक
शांत रहने के बाद उसने रजनी को बताया की कैसे उसीके बेटे के
दोस्त ने उसे बहकाया और वो कैसे अपनी जिस्मानी कमज़ोरियों के आगे
बहकति चली गयी... राज कितना अक्चा प्रेमी है.. उसकी हर ज़रूरत
और इक्चा का कैसे ख़याल रखता थ....कैसे उसने उसे वो सब कुछ
सीखया और बताया जो उसका पति इतनी साल की शादी शुदा जिंदगी
मे भी नही सीखा पाया.

महक की बात सुनकर रजनी तो चौंक गयी उसे तो विश्वास ही नही हो
रहा था की.... महक जैसे सीधी और शादी शुदा औरत का अपने से
आधे उमरा के लड़के के साथ जिस्मानी संबंध.... ..वो सोचने लगी...
दोनो प्यार करते हुए कैसे लगते होगे... वो राज के बारे मे और जानना
चाहती थी... "मुझे सब कुछ बताओ.. कब कैसे और कहाँ ये सब
कुछ हुआ."

महक उसे शुरू से सब बताने लगी.. उसे एक एक बात खुल कर
बताई... फिर उसने बताया की किस तरह वो उसे गंदी गंदी बातें
कर उत्तेजित करता रहता है.

"जब वो तुमसे ऐसी बातें करता है तो क्या तुम्हे अक्चा लगता है?"
रजनी ने उसकी बात सुनकर पूछा.

"हां मुझे बहोत अछा लगता है.. कभी कभी तो उसकी बात सुनकर
में इतनी उत्तेजित हो जाती हून की क्या बतौन.' महक ने जवाब दिया.

"ऐसा क्या कहता है वो तुमसे..?" रजनी ने फिर पूछा.

"उसे मुझे छीनाल कहने मे बहोत मज़ा आता है.. कहता है की में
उसकी ब्यहता रॅंड हूँ... और सब बातों से में गरम हो जाती हून."

राज़ी महक की बाें सुनने मे वो सोफे पर थोड़ा आराम से बैठ गयी
थी और इतनी मशगूल थी की उसे पता ही नही चला की कब उसकी टाँगे
फैल गयी थी.. तभी महक ने उसे प्राची के बारे मे बताया.

"वो तो राज से भी बड़ी शैतान है.. वो बार बार मुझे छीनाल रांड़
बुलाती रही... में बता नही सकती की में कितना गरमा गयी थी..
उसकी नशीली आवाज़ सुनकर... फिर उसने मुझे उसकी चूत चूसने को
कहा जिसे मेने चूसा और मुझे बहोत अक्चा लगा..." महक ने
बताया.

रजनी को एक बार फिर विश्वास नही हुआ, "क्या तुमने उस लड़की की चूत
छाती और चूसी..?" रजनी ने पूछा. रजनी खुद कई बार ऐसा कर
चुकी थी लेकिन महक भी ऐसा कर सकती है इस बात पर उसे विश्वास
नही हुआ, "मेी विश्वास नही करती."

रजनी उसे सवाल किए जा रही थी और महक उसके जवाब दिए जा रही
थी.... तब उसने देखा की रजनी की टाँगे और फैल गयी.. उसकी नज़र
जांघों के बीच पड़ी तो वो चौंक पड़ी..... रजनी ने अंदर कोई
पनटी नही पहन रखी थी..... उसकी बिना बलों की चूत उसे सॉफ
दीखाई दे रही थी.

"रजनी तुमने अंदर पनटी नही पहन रखी है... सब दीखाई दे रहा
है." महक ने चौंकते हुए उससे कहा.

"में जब भी स्कर्ट पहनती हून तो अंदर पनटी नही पहनती...
लेकिन तुम मेरे स्कर्ट के अंदर झाँक कर क्या देख रही हो?" उसेन
महक को चिढ़ते हुए पूछा.

महक चोरी छुपे उसकी चूत को देख रही थी.. उसकी चोरी पकड़ी
गयी... उसने शर्मा कर अपनी नज़रे हटा ली.

"तुम सही मे छीनाल हो.. कोई मौका नही चूकती.." रजनी ने उसे फिर
चिढ़ते हुए कहा. महक की कहानी सुन राजनीन खुद गरमा गयी
थी.... उसने अपने आप को संभाला और मौका का फ़ायदा उठाने की
सोची...."महक क्या तुम मेरी चूत चूसना पसंद करोगी? कहकर वो
खड़ी हो गयी और अपनी स्कर्ट उपर उठा उसे अपनी चूत दीखने लगी.
Reply
07-15-2017, 01:19 PM,
#57
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
रजनी के पूछने की देर थी की महक की चूत मे जैसे करेंट लग
गया हो... वो बूकी नज़रों से रजनी की चूत को देखने लगी... उसके
मुँह मे लार तपाक पड़ी जैसे की बिल्ली को दूध देख कर टपकती है.

रजनी फिर सोफे पर बैठ गयी और उसने अपनी टाँगे पूरी तरह फैला
दी..... उसकी चूत की पंखुड़ियों मे हरकत हो रही थी.. महक
समझ गयी की रजनी भी उत्तेजित है.....उस्कि चूत फूल कर गुलाबी
हो गयी थी और उस मे से रस छूने लगा था.

"क्या सोच रही हो महक.... में जानती हून की तुम मेरी चूत
चूसना चाहती हो.... आओ मेरे पास आओ और मेरी चूत को चूसो."
रजनी ने कहा.

महक ने मुकुराते हुए अपना चेहरा जुहिकाया और उसकी चूत पर अपनी
जीब रख दी... उसकी चूत की महक प्राची की चूत से थोड़ी अलग
थी.. लेकिन उसे अची लगी..... वो अपनी जीब से उसे चाट कर उसका
स्वाद लेने लगी.... उसने उसकी पंखुड़ियों को मुँह मे लिया जो प्राची
से बड़ी थी... और जोरों से चूसने लगी... रजनी सिसकने लगी...
और वो भी उसे गंदी बातें करने लगी.

"शैतान औरत... चूस मेरी चूत को... चाट मेरे रस को... तुम
बहोत ही अची चूत चूस्ति हो."

शब्दों ने जैसे जाड़ो कर दिया हो... वो ज़ोर ज़ोर से रजनी की चूत
को चूसने लगी.... रजनी ने महक के ब्लाउस को खोल उसकी चुचियों
को आज़ाद कर दिया जिससे वो उनके साथ खेल सके......

"चूस हाआँ ऐसे ही चूस ...काश क्लब के और मेम्बेर आज यहाँ होते
और देखते की हमारी सीधी साधी महक कैसे मेरी चूत को चूस
रही है मेरे रस को पी रही है... तुम्हे चूत का रस अक्चा लगता
है ना?"

महक ने अपनी गर्दन को हिला कर रजनी को जवाब दिया.

रजनी को भी मज़ा आ रहा था.... वो महक के निपल को भींचने
लगी.... उसकी चूत पानी छोड़ने ही वाली थी लेकिन वो अपनी चूत
थोड़ी और देर चूसवाना चाहती थी.... वो उसकी जीब और मज़ा और
लेना चाहती थी..

"हां चूस और ज़ोर से चूस ऑश हां चूस और मेरी चूत का पानी
छुड़ा पी जा. तू सही मे रांड़ है." रजनी सिसक सिसक उसे उकसाने
लगी.

महक को मज़ा आ रहा था.. वो और तेज़ी से अपनी जीब को चलाने
लगी... उसकी चूत को मुँह मे ले चूसने लगी... उसे प्राची की चूत
से ज़्यादा रजनी की चूत चूसने मज़ा आ रहा था..

महक खुद गरम हो गयी थी.. उसकी चूत मे खुजली मच रही थी..
रजनी की चूत चोस्टे हुए उसने अपना हाथ नीचे किया और अपनी चूत
को मसालने लगी.. रजनी ने ये देखा तो बोली.

"रंडी साली अपनी चूत से खेल रही है.. पहले मेरी चूत को
चूस.. उसे जोरों से काट छीनाल."

रजनी ने जैसा कहा महक वैसे ही करने लगी.. रजनी की चूत
झड़ने ही वाली थी.. उसने जोरों से महक के निपल को भींचने
लगी.. तभी उसकी चूत ने पानी चोद दिया.... महक का मुँह उसके
पानी से भर गया... पानी चोद्ते हुए रजनी काँपने लगी....

"हां छीनाल हाआँ मेरी चूत पानी छोड रही है... पी जा सारा
पानी ऑश सब पी जा."
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07-15-2017, 01:19 PM,
#58
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--18 लास्ट पार्ट

महक उसकी चूत को चूस्टी गयी.. चूस्ति गयी... आख़िर रजनी के
बदन की कपन बंद हो गयी... फिर वो उसकी चूत को चाट कर साफ
करने लगी.

रजनी को महक के साथ इस खेल मे मज़ा आ रहा था.. उसने थोड़ा और
आगे बढ़ने की सोची... और महक को अपनी चूत से हटा दिया.

"रंडी ज़रा अपने कपड़े खोल अपने बदन को तो दीखा?' रजनी ने जैसे
उसे हुकुम दिया.

महक को भी मज़ा आ रहा था और वो पूरी तरह गरमा चुकी थी...
जैसा रजनी ने कहा उसने वैसे ही किया ...वो अपनी चूत की गर्मी को
शांत करना चाहती थी... जब उसने अपने कपड़े उत्तर दिए तो रजनी ने
उसे सोफे पर लेटने को कहा... रजनी एक कुर्सी खींच कर उसके सामने
कुर्सी पर बैठ गयी.

"अपनी चूत मे उंगली डाल कर अपनी चूत को उंगली से चोदो.. में
देखना चाहती हूँ की पानी छोड़ती तुम्हारी चूत कैसी लगती है."
रजनी ने कहा.

"महक को भी खेल मे मज़ा आ रहा था... उसने जल्दी से अपनी तीन
उंगलियाँ अपनी पहले से गीली चूत मे घुसा दी... फिर उंगलियों को
अंदर बाहर करने लगी.. रजनी सामने बैठे सब देखती रही... वो
फिर उसे बातें करने लगी.

"छीनाल साली... मेरी चूत से अपने मुँह को भर कर अपनी चूत से
खेल रही है... छोड़ छोड़ अपनी चूत रंडी ... ये तो अछा है की
तुम्हारे पति को ये सब पता नही है... चल अब अपनी चूत का पानी
छुड़ा."

महक किसी रंडी की तरह रजनी की बातें सुन अपनी चूत मे ज़ोर ज़ोर
से उंगली अंदर बाहर करने लगी... उसे रजनी का इस तरह बात करना
अछा लग रहा था.... उसकी चूत उबाल खाने लगी.. अब वो भी रजनी
से वैसे ही बातें करने लगी...

"हां मुझे रंडी बनना अछा लगता है.. मुझसे किसी रंडी से बात
करती हो वियसे ही करो... मेरी चूत पानी छोड्णे वाली है... मुझे
रंडी कहो... बताओ में कैसी रंडी हूँ."

"तू बहोट बड़ी रंडी है. छोड दे पानी में तेरी चूत से बहते रस
को देखना चाहती हूँ." रजनी ने जवाब दिया.

इतना बहोत था.. महक का बदन ज़ोर से कांपा और उसकी चूत पानी
छोड़ने लगी... खुशी मे वो सिसक रही थी.... उसकी हालत देख रजनी
चौंक पड़ी थी... वो फटी आँखों से ये नज़ारा देखती रही.

जब महक का शरीर शांत हुआ तो रजनी कुर्सी पर से उठी और अपने
पेपर जो महक ने दिए थे उठा लिया और महक को चूमते हुए
बोली, "हम जल्दी ही आज से ज़्यादा वक्त निकाल ये सब फिर करेंगे.."
कहकर वो दरवाज़े की और बढ़ गयी.
तो दोस्तो कैसी लगी कहानी ज़रूर लिखिएगा
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