Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
07-15-2017, 01:11 PM,
#31
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--10

"मेरे पति एक घंटे मे घर पहुँचने वाले हैं और हमारे पास
उसके लिए इतना वक़्त नही है." महक थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.

"इसका मतलब है की तुम्हारे पास चुदाई के लिए वक़्त नही है लेकिन
तुम मेरा लंड तो चूस ही सकती हो." राज ने कहा

पता नही क्यों महक को राज का इस तरह गंदे शब्दों का प्रयोग
करना अचका लगता था, उसकी बात सुनकर ही उसके बदन मे सनसनी
मच गयी.

"में ये नही कर सकती है, आज तक मेने ऐसा नही किया है और
मेरे पति एक घंटे मे आने वाले है." महक ने कहा.

"तुमने ब्लू फ़िल्मे तो ज़रूर देखी होगी, और में जानता हूँ की तुम
बहोत जल्दी सब कुछ सिख जाती हो.... देखो तुम कर सकती हो और
हमारे पास समय भी बहोत है." कहकर राज ने अपनी पॅंट के बटन
खोले और अपीनी पॅंट और अंडरवेर को नीचे खिसककर अपने खड़े
लंड को बाहर निकाल लिया.

"अब इस गाउन को खोल दो और आकर मेरे लंड को चूसो." राज ने कहा.

"तुम समझते क्यों नही, हम नही कर सक्ते...्उम पकड़े जाएँगे."
उसने विरोध करते हुए कहा

"ठीक है अगर आज तुम मुझे अपने लंड को तुम्हारे मुँह मे डाल
तुम्हारे मुँह को चोदने नही दोगि तो में चला जौंगा और आज के
बाद फिर कभी तुम्हारे पास नही अवँगा." राज ने कहा.

राज उसे छ्चोड़ कर चला जाएगा इस ख़याल ने ही महक को अंदर से
कमजोर कर दिया. वो उसके लंड को फिर अपनी चूत मे महसूस करना
चाहती थी. जिस तरह उस दिन उसकी चूत ने पानी छोडा था वो उसी
तरह चूड़ा कर अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाना चाहती थी. और
अगर वो चला गया और फिर कभी उसके पास नही आया तो उसकी चूत
की प्यास कौन बुझाएगा ये सोचते हुए उसने अपना गाउन खोल दिया.

राज उसके नंगे बदन को घूरने ओरना. वो पहली बार उसके नंगे शरीर
को देख रहा था. माना उसका बदन उन जवान लड़कियों जैसा कसा हुआ
नही था जिन्हे उसने आज तक चोद था लेकिन इस उमर मे भी उसने अपने
बदन को काफ़ी संभाल कर रखा था. आज भी जो उभर और कटाव
महक के शरीर मे थे वैसे बड़ी मुश्किल से किसी जवान लड़की मे
दीखाई देते थे. उसकी चुचियाँ उम्र के वजह से थोडी ढीली थी
लेकिन उसे फिर भी पसंद आ रही थी.

ठीक है अब यहाँ आकर मेरे लंड को चूसो." राज ने उससे कहा.

एक बार फिर राज की इस गंदी बातों ने उसके बदन मे झुरजुरी पैदा
कर दी. वो उसके पास आई और उसके सामने घूटने के बाल बैठ गयी.
उसने उसके ख़ाके लंड को अपने हहतों मे पकडा और अपना मुँह उस पर
रख दिया. फिर अपने मुँह को खोल उसके लंड को अपने मुँह मे लिया.

जिस तरह उसने फ़िल्मो देखा था उसी तरह उसके लंड पर अपना मुँह
उपर नीचे करने लगी. उसने महसूस किया की उसका लंड और लंबा और
तन रहा उसके मुँह मे. थोडी ही देर मे उसका लंड किसी लोहे की सलाख
की कर तन गया और वो जोरों से उसके लंड को चूसने लगी. पहले तो
उसे लगा था की वो लंड नही चूस पाएगी लेकिन अब उसे मज़ा आने
लगा था और वो बड़े प्यार और मन से उसके लंड को चूस रही थी.

राज ने उसके गीले बालों को पकडा और और उसके सिर को सीध मे कर
उसके मुँह मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

"म्र्स सहगल तुम तो बहोत अक्चा लंड चूसना जानती हो, क्या सही मे
तुमने इसके पहले कभी लंड नही चूसा?" राज ने उसके मुँह मे धक्के
मरते हुए पूछा.

महक ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और अपने इस नये खेल का
मज़ा लेने लगी. उसका ये कहना की वो बहोत अक्चा लंड चोस्ती है, ने
उसे और खुश कर दिया और वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रही
थी. कभी उसके लंड को अपने गले तक लेती तो कभी अपनी जीब से
जोरों से भींच लेती. लंड चूस्टे चूस्टे उसने अपना एक हाथ नीचे
लेजकर अपनी चूत पर रखतो देखा क उसकी चूत उत्तेजना मे गीली हो
गयी थी. वो अपनी चूत को जोरों से मसल्ने लगी.

"अपनी चूत को मसलना और साथ मे मेरे लंड को चूसना तुम्हे अक्चा
लग रहा है ना म्र्स सहगल?

"हाआं छोओओशो मेरे लंड को ईशी तरह ऑश हां मेरा छूटने वाला
है."

महक ने कभी किसी के लंड के पानी का स्वाद चखा नही था, "इसका
छूटने वाला है.... है में क्या करूँ... क्या ये मेरे मुँह मे पानी
चोद देगा.....' सोचते हुए उसने घबराकर राज की तरफ देखा.

राज ने उसकी आँखों मे छुपी घबराहट को देख लिया, "डरो मत में
तुम्हारे मुँह मे नही छोड़ूँगा, तुम पहली बार लंड को चूस रही
हो.... तुम्हारे मुँह मे पानी छोड़ने के कई और मौके आएँगे."
Reply
07-15-2017, 01:11 PM,
#32
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
राज की बात सुनकर उसका दिल खुशी से झूम उठा. यानी की राज उसके
पास एक नही कई बार आएगा और उसे इस नये खेल के साथ उसकी चूत
की भी प्यास बुझाएगा. उसने अपनी नज़रें नीची की और ज़ोर ज़ोर से
उसके लंड को चूसने लगी. वो साथ साथ अपनी चूत को भी जोरों से
मसल रही थी. उसकी चूत उबाल खाने लग रही थी.... जीतन वो ज़ोर
से रगड़ती उतान ही छूटने के नज़दीक पहुँच रही थी.

राज ने देखा की वो जोरों से लंड चूस्टे हुए अपनी चूत को भी जोरों
से मसल रही है. वो फिर महक से बात करने लगा, "तुम्हारा
छूटने वाला है ना म्र्स सहगल....? हां खेलो अपनी चूत से ....
हां छूटा लो अपनी चूत का पानी.. हां रागडो इसे....."

राज की बातों ने उसे और उत्तेजित कर दिया और उसकी चूत ने पानी
छ्चोड़ दिया. वो जोरों से सिसकना चाहती थी लेकिन मुँह मे लंड होने की
वजह से सिर्फ़ एक गहरी अया भर के रह गयी.

राज ने बहोत देर से अपने आपको रोक रखा था किंतु जब उसने देखा की
महक की चूत पानी छ्चोड़ चुकी है तो उसने अपने लंड को महक के
मुँह से बाहर निकाल लिया.
"अपनी चुचियों को थोड़ा उपर करो... माइयन इस पर अपना पानी
छोड़ूँगा." राज ने कहा.

महक अची तरह अपने घूटनो पर हो गयी और अपनी चुचियों को
नीचे से पकड़ उपर को उठा दी. राज ने अपने लंड को पकडा और उसकी
चुचियों की और मुँह कर मूठ मारने लगा. वो ज़ोर ज़ोर से अपने लंड
को मुठिया रहा था की फेली पिचकारी ठीक महक की चुचियों पर
गिरी.... फिर वीर्या की दूसरी पिचकारी उसकी चुचियों के बीच मे
गिरी... आख़िर उसके लंड से एक एक बूँद उसकी चुचियों पर गिर गयी.

राज ने महक की और देखा. वो वीर्या से भरी अपनी चुचियों को पकड़े
उसे ही देख रही थी... उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी और खुशी
झलक रही थी....

महक ने जब राज से कहा था की उसने पहले कभी नही किया था तो
उसे लगा था की वो ऐसे ही काम चलौ लंड चूस देगी... लेकिन जिस
तरह से उसने यूस्क लंड को चूसा था वो खुश हो गया था. उसने अपने
कपड़े ठीक काए और दरवाज़े की और बढ़ गया.

"फिर मिलते है.." कहकर वो दरवाज़े के बाहर निकाल गया.

महक वहीं बैठी उसे दरवाज़े से बाहर जाते देखती रही. उसने अपनी
चुचियों की तरफ देखा जो वीर्या से भरी हुई थी. उसने अपनी
चुचियों को चोद और अपनी उंगली वीर्या पर घूमा अपनी छाती पर
मलने लगी. फिर अपनी उंगली को मुँह मे ले वीर्या को चखने
लगी.. 'ह्म बुरा नही है...'

उसने देखा की वीर्या उसकी छाती से नीचे बह रहा है.. उसने एक बार
फिर अपनी उंगली को वीर्या से भरी और अपने निपल के चारों और
रगड़ने लगि...ओह्ह्ह्ह कितना अछा लग रहा है.. वो अपने आपसे कह
उठी.

अब उसे उंगलियों की ज़रूरत नही थी. वो अपनी गर्दन झुका और अपनी
चुचियों को उपर कर उस पर से वीर्या को चाटने लगी.
'राज मुझे ऐसा करते देखेगे तो ज़रूर उसे अक्चा लगेगा.' वो
ब्दद्बूदा उठी..

उसे विश्वास नही हो रहा था की जो कुछ उसने आज तक किया नही था..
आज वही सब बातें उसे आक्ची लग रही थी... वो सब उसके ख़याल मे
आ रही थी जैसे की किसी जवान लड़की के आती है..... ऑश राज ने
ये कैसा जादू कर दिया था उस्पर.ऊस्के अंदर की किन भावनाओं को उसने
जगा दिया था.. किस आग को हवा दे दी थी... पर जो भी हो अब वो इस
खेल को रोकना नही चाहती थी. इन्ही ख़यालों मे खोई वो अपनी
चुचियों पर से वीर्या को चाट्ती रही.

उसे फिर से नहाना था, वो खड़ी हुई तभी उसे बाहर कुछ आवाज़ सी
सुनाई दी. उसने खिड़की से बाहर झाँका तो देखा की एक टॅक्सी घर के
बाहर आकर रुकी थी. ओह्ह उसके पति घर आ गये थे... डर के मारे
उसने जल्दी से दरवाज़ा बंद किया और बाथरूम मे भाग गयी.
Reply
07-15-2017, 01:11 PM,
#33
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--11

महक अपने बाथरूम मे शोवेर के नीचे खड़ी नहा रही थी. वो उन
निशानो को मिटाने की कोशिश कर रही थी जो थोडी देर पहले हुए
हादसे मे उसके बदन पर गिरे थे. तभी उसके पति ने बाथरूम का
दरवाज़ा खोल अपने आने के बारे मे उसे बताया.

"में बस दो मिनिट मे आई." उसने जवाब दिया.

महक ने फिर साबुन की टिकिया उठाई और अपने शरीर पर मलने
लगी. जब उसके हाथ उसकी चुचियों पर पहुँचे तो वो उन्हे अची
तरह सब्बुं के झाग से मलने लगी, फिर अपने साबुन से भर हाथ
अपनी चूत पर ले गयी और मसल्ने लगी. एक बार फिर मीठी सी लहर
उसके बदन मे दौड़ गयी. वो उस समय को याद करने लगी जब राज का
लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था और वो अपनी चूत को मसल
रही थी. छूट मसल्ते मसल्ते उसके मुँह से सिसकारी निकाल पड़ी.

अचानक उसे याद आया की उसका पति बाहर कमरे मे है, उसने जल्दी से
अपने बदन को धोकर पौंचा. वो एक रोब पहन बाहर आने लगी तो
उसे लगा की राज के ख़यालों से ही उसकी चूत गीली हो चुकी थी.

महक जब अपने बेडरूम मे पहुँची तो देखा की उसका पति कपड़े उत्तर
रहा था. उसे देख वो बीच मे ही रुक गया और उसे चूमने के लिए
उसकी और बढ़ा. महक ने भी अपना रोब खोल दिया. वो घूर कर महक
को देखने लगा, ऐसा नही था की उसने उसे इस तरह पहले कभी नही
देखा था, लेकिन वो एक हफ्ते से घर से बाहर था और वो उसे चोदने
के लिए बेताब था.

उसने महक को अपनी बाहों मे भरा और चूमने लगा. थोडी देर
चूमने के बह उसने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके बदन को चूमने
लगा. महक भी उसका साथ देने लगी और उसे चूमने लगी. थोडी देर
तक दोनो एक दूसरे के शरीर से खेलने के बाद उसका पति उसकी टांगो
को फैला उस पर चढ़ गया.

उसका पति ने एक हुंकार भरते हुए अपने लंड को उसकी चूत मे डाल
दिया उर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा. महक शनिवार की शाम
की घटना को याद करने लगी जब राज ने किचन मे उसकी चूत को
चोदा था. उसकी चूत गरम होने लगी थी और शरीर मे उत्तेजना
बढ़ने लगी थी. आज कई सालों मे पहली बार उसे पति के साथ चुदाई
करते हुए अक्चा लग रहा था.

उसकी चूत ने उबाल खाया ही था की उसने देखा की उसक पति ने एक
झटका देते हुए उसकी चूत मे पानी छ्चोड़ दिया था. उसने उसे चूमा
और कहा की वो नहाने जा रहा है.

बरसों की तरह आज एक बार फिर उसका पति उसे तड़प्ता हुआ छ्चोड़ कर
चला गया था, उसकी चूत हमेश की तरह आज फिर प्यासी रह गयी
थी......

महक बिस्तर पर झल्लाई हुई लेती थी. उसके पति का वीर्या अभी भी
उसकी चूत से बह रहा था. वो अपनी चूत का पानी छुड़ाना चाहती थी
और अभी इसी वक्त झड़ना चाहती थी.... वो जोरों से अपनी चूत को
मसल्ने लगी. दूसरे हाथ से वो अपनी चुचियों को भींचने लगी.

वो ख़यालों मे फिर राज को याद करने लगी... किस तरह उसका लंड
उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था... वो किस तरह उसके साथ गंदी
बातें कर उसे गरमा रहा था ....उसके वीर्या के स्वाद को याद कर
रही थी जो उसने अपनी ही चुचि पर से चाता थ......उसक अंदर
की गर्मी भदने लगी थी और वो जोरों से अपनी चूत और चुचि को
मसल्ने लगी. अपने कुल्ह उठा अपनी चूत को अपने ही हाथों पर दबाने
लगी...... चूत मे उबाल बढ़ने लगा था की उसे बाथरूम का दरवाज़ा
खुलने की आवाज़ सुनाई दी.
Reply
07-15-2017, 01:12 PM,
#34
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--11

महक अपने बाथरूम मे शोवेर के नीचे खड़ी नहा रही थी. वो उन
निशानो को मिटाने की कोशिश कर रही थी जो थोडी देर पहले हुए
हादसे मे उसके बदन पर गिरे थे. तभी उसके पति ने बाथरूम का
दरवाज़ा खोल अपने आने के बारे मे उसे बताया.

"में बस दो मिनिट मे आई." उसने जवाब दिया.

महक ने फिर साबुन की टिकिया उठाई और अपने शरीर पर मलने
लगी. जब उसके हाथ उसकी चुचियों पर पहुँचे तो वो उन्हे अची
तरह सब्बुं के झाग से मलने लगी, फिर अपने साबुन से भर हाथ
अपनी चूत पर ले गयी और मसल्ने लगी. एक बार फिर मीठी सी लहर
उसके बदन मे दौड़ गयी. वो उस समय को याद करने लगी जब राज का
लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था और वो अपनी चूत को मसल
रही थी. छूट मसल्ते मसल्ते उसके मुँह से सिसकारी निकाल पड़ी.

अचानक उसे याद आया की उसका पति बाहर कमरे मे है, उसने जल्दी से
अपने बदन को धोकर पौंचा. वो एक रोब पहन बाहर आने लगी तो
उसे लगा की राज के ख़यालों से ही उसकी चूत गीली हो चुकी थी.

महक जब अपने बेडरूम मे पहुँची तो देखा की उसका पति कपड़े उत्तर
रहा था. उसे देख वो बीच मे ही रुक गया और उसे चूमने के लिए
उसकी और बढ़ा. महक ने भी अपना रोब खोल दिया. वो घूर कर महक
को देखने लगा, ऐसा नही था की उसने उसे इस तरह पहले कभी नही
देखा था, लेकिन वो एक हफ्ते से घर से बाहर था और वो उसे चोदने
के लिए बेताब था.

उसने महक को अपनी बाहों मे भरा और चूमने लगा. थोडी देर
चूमने के बह उसने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके बदन को चूमने
लगा. महक भी उसका साथ देने लगी और उसे चूमने लगी. थोडी देर
तक दोनो एक दूसरे के शरीर से खेलने के बाद उसका पति उसकी टांगो
को फैला उस पर चढ़ गया.

उसका पति ने एक हुंकार भरते हुए अपने लंड को उसकी चूत मे डाल
दिया उर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा. महक शनिवार की शाम
की घटना को याद करने लगी जब राज ने किचन मे उसकी चूत को
चोदा था. उसकी चूत गरम होने लगी थी और शरीर मे उत्तेजना
बढ़ने लगी थी. आज कई सालों मे पहली बार उसे पति के साथ चुदाई
करते हुए अक्चा लग रहा था.

उसकी चूत ने उबाल खाया ही था की उसने देखा की उसक पति ने एक
झटका देते हुए उसकी चूत मे पानी छ्चोड़ दिया था. उसने उसे चूमा
और कहा की वो नहाने जा रहा है.

बरसों की तरह आज एक बार फिर उसका पति उसे तड़प्ता हुआ छ्चोड़ कर
चला गया था, उसकी चूत हमेश की तरह आज फिर प्यासी रह गयी
थी......

महक बिस्तर पर झल्लाई हुई लेती थी. उसके पति का वीर्या अभी भी
उसकी चूत से बह रहा था. वो अपनी चूत का पानी छुड़ाना चाहती थी
और अभी इसी वक्त झड़ना चाहती थी.... वो जोरों से अपनी चूत को
मसल्ने लगी. दूसरे हाथ से वो अपनी चुचियों को भींचने लगी.

वो ख़यालों मे फिर राज को याद करने लगी... किस तरह उसका लंड
उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था... वो किस तरह उसके साथ गंदी
बातें कर उसे गरमा रहा था ....उसके वीर्या के स्वाद को याद कर
रही थी जो उसने अपनी ही चुचि पर से चाता थ......उसक अंदर
की गर्मी भदने लगी थी और वो जोरों से अपनी चूत और चुचि को
मसल्ने लगी. अपने कुल्ह उठा अपनी चूत को अपने ही हाथों पर दबाने
लगी...... चूत मे उबाल बढ़ने लगा था की उसे बाथरूम का दरवाज़ा
खुलने की आवाज़ सुनाई दी.
Reply
07-15-2017, 01:13 PM,
#35
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
'नही अबी नही...." उसने सोचा, "में अभी नही कर सकती वो सुन
लेगा.... मुझे देख लेगा.... क्या सोचेगा मेरे बारे मे...." सोचते
हुए महक ने अपनी चुचि और चूत को मसलना बंद कर दिया. पहले
से भी ज़्यादा खिज आ रही थी उसे अपने आप पर. ' रात को सोने से
पहले में एक बार ज़रूर उनसे चड़वौनगी." उसने सोचा.

करीब एक घंटे बाद खाना खाकर दोनो बिस्तर पर लेट सोने की
तय्यरी कर रहे थे. महक की चूत अभी भी प्यासी थी, उसकी चूत
मे खुजली मच रही थी. वो पति की चादर मे घुस गयी और उससे
सट्टे हुआ अपना हाथ उसकी जाँघो के बीच रखते हुए उसके मुरझाए
हुए लंड पर रख दिया.

वो तो अपना सिर चादर के अंदर कर उसके लंड को अपने मुँह मे ले
चूसना चाहती थी, और तब तक चूसना चाहती थी की उसका लंड
खड़ा नही हो जाता और फिर उसपर चढ़ चोदना चाहती
थी......... ...... लेकिन उसे पता था की उसके पति को शायद ये
अक्चा ना लगे और शायद उसे कुछ शक़ होने लगे की जो काम उसने
इतने बरसों मे नही किया था आज अचानक क्या हो गया... इसलिए सिर्फ़
उसके लंड को मसल्ने लगी जिससे की वो फिर से खड़ा हो जाए.

"जान क्या कर रही हो?..... अभी नही.... मूड नही है...." कहकर
उसके पति ने उसका हाथ अपने लंड पर से हटा दिया.

इससे महक की झल्लाहट और बढ़ गयी, एक गहरी सांस लेकर उसने
करवट बदली और मुँह घूमा कर सोने की कोशिश करने लगी. करीब
एक घंटे बाद भी जब उसे नींद नही आई तो वो उठी और हॉल की
तरफ बढ़ गयी. उसने टीवी देखने का मन बना लिए जिससे की तक कर
उसे नींद आ जाए.

महक को टीवी देखते थोडी ही देर हुई थी की उसके सेल फोन की घंटी
बाज उठी... उसने घड़ी की तरफ देखा.. 12.30 बाज चुके थे... इतनी
रात गये कौन फोन कर सकता है... उसने सेल फोन मे देखा और
राज के नंबर को पहचान गयी. जहाँ उसका मन खुशी से झूम उठा
वहीं उसके बदन मे डर की भी लहर छा गयी
"हेलो?"

"क्या पहन रखा है मेरी जान?" जवाब आया.

राज की अव्वाज़ सुनते ही वो झूम उठी और अंजनी खुशी मे उसके निपल
तन खार खड़े हो गये और उसकी चूत मे चीटियाँ रेगञे लगी. उसे
याद आया की उसका पति बगल के कमरे मे ही सोया हुआ है.... वैसे
तो वो गहरी नींद सोता था लेकिन नही वो चाहती थी की उसे कुछ पता
चले.

"तुम इस समय इतनी रात को क्यों फोन कर रहे हो... तुम्हे पता है
ना की मेरे पति घर मे ही है..." उसने कहा.

"तो धीरे धीरे जवाब दो ना. .... चिल्लाने की क्या जर्रोरत है.."
उसने जवाब दिया, "हां अब बताओ मेरी छीनाल रांड़ ने क्या पहन रखा
है?"

राज हद से आगे बढ़ रहा था... लेकिन उसे इस तरह की बातें आची
लगने लगी थी वो उसे माना भी तो नही कर सकती थी.... उसने धीरे
से प्यार से जवाब दिया...." सिर्फ़ नाइट गाउन."

"ओह्ह्ह अक्चा? उसने पूछा, "क्या तुम्हारे पति ने तुम्हे इन्ही कपड़ों मे
चोडा था.?"

"नही.... जब तुम चले गये और में शवर से निकाली तब उसने
मुझे चोडा था..." उसने जवाब दिया.

"बड़ी छिननल हो तुम? उसने उसके साथ खेलते हुए कहा, "पहले तो
तुमने मेरे लॉड को चूसा और फिर मुझे अपना वीर्या तुम्हारी कूचियों
पर डालने दिया और फिर थोडी देर बाद ही पति से चुडा लिया."
Reply
07-15-2017, 01:13 PM,
#36
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"हां" महक ने शरमाते हुए जवाब दिया. राज की ये गंदी बातें उसे
और उत्तेजित कर रही थी... चूत गीली हो चुकी थी और उसे रस
उसकी जाँघो तक बह रहा था......... उसने उसे अभी छिनाल कहा था
और वो गुस्सा होने की बजाई उसकी बात सुनकर उत्तेजित हो गयी थी....
ये लड़का तो उसे बिना चोदे ही उसका पानी छुड़वा देगा...."

"उसने तुम्हारी जमकर चुदाई की की नही?" उसने फिर पूछा.

"हां" उसने झूट बोला.

"क्या तुम्हारी चूत ने पानी छोडा?" उसने पूछा.

"नही" उसने धीरे से कहा.

"फिर तो उसने त्म्हरी जाम कर चुदाई नही की है ना?"" उसने फिर
पूछा.

महक शरम के मारे कोई जवाब नही दे पाई, एक अंजान लड़के से
कैसे कहती की हर रात उसका पति उसे चोदता तो है लेकिन उसकी प्यास
नही बुझा पता है.... वो सिर्फ़ हुम्म कर के रह गयी.

"अगर तुम्हारा पानी नही छूटा तो फिर उसे चोदना नही आता, में
सही कह रहा हूँ ना?"

उसने फिर कोई जवाब नही दिया और चुप चाप अपनी गर्म साँसे फोन के
रेसीएवेर पर छोड़ती रही.

"जान मेरी मेने एक सवाल पूछा है... उसका जवाब दो ना... देखो
मेने तुम्हे छोडा तो तुम्हारी चूत ने पानी चोदा... तुम्हारे पति
तुम्हारी चूत का पानी नही चूड़ा पाया इसका मतलब है की वो तुम्हे
ठीक से नही चोद्ता.... में सही कह रहा हूँ ना? इसका मतलब ये
यही के तुम्हारे पति के मुक़ाबले में तुम्हारी आक्ची चुदाई करता
हूँ." उसने आत्मविश्वास से कहा.

महक जानती भी थी और महसूस भी कर चुकी थी की राज उसके पति
के मुक़ाबले कहीं बेहतर चुदाई करता था.... और राज भी ये बात
जान चुका था.... पर वो ये बात राज से ये बात कबूल करना अपने
पति से बेवफ़ाई करने जैस होगा इसलिए वो फोन पकड़े चुप चाप
बैठी रही..... इस उमीद मे की राज इस विषय को बंद कर वापस
अपनी हरकतों पर आ जाए उससे गॅंड गंदी बातें करे.

"अगर तुम मेरी बात का जवाब नही देना चाहती हो..तो हमारे बीच
और कोई बात करने को कुछ नही बचा है... जब तुम्हे लगे की तुम
जवाब दे सकती हो उस दिन मुझे फोन कर लेना..." उसने बड़ी बेरूख़ी
से कहा.

"ऩही.. नही फोन मत रखना.." वो फोन लगभग चिल्ला पड़ी. तभी
उसे एहसास हुआ की उसकी आवाज़ सुनकर कहीं उसका पति ना जाग
जये.....इस्लिये वो फोन पर धीरे से बोली.... "हां तुमने मुझे
मेरे पति से कहीं ज़्यादा अकचे तरीके से चोदा ये बात मनती हूँ."

"ये हुई ना बात मेरी छिनाल रंडी... मुझे विश्वास नही होता की तुम
इतनी छीनाल भी हो सकती हो... एक दिन मे इतनी बार... पहले में....
फिर पति के साथ... फिर वापस मेरे साथ फोन पर.. तुम्हे रंडी
बनना अच्छा लगता है ना?" उसने फिर आत्मविश्वास से कहा.

महक की समझ मे नही आया की राज की बात का क्या जवाब दे लेकिन
हां उसने महसूस किया की उसे इन सब मे मज़ा आ रहा है और वो सही
मे छिनाल बनने मे आनंद आ रहा है. बहोट कुछ खोया है उसने
अपनी जिंदगी मे अब वो एक छीनाल बनकर.... एक रंडी की तरह जिंदगी
के मज़े लूटना चाहती है.. राज ने उसकी सोई हुई बावनाओं को जगा
दिया था... जो कुछ उसने एहसास कराया था उसमे अलग ही आनंद छिपा
था.....

"हां मुझे तुम्हारे साथ इन सब बातों मे मज़ा आता है... में
तुम्हारी छिनाल रांड़ हूँ..." शब्द तो उसके मुँह से निकाल रहे थे
लेकिन असर उसकी चूत पर हो रहा था
Reply
07-15-2017, 01:13 PM,
#37
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--12

"क्या तुम्हारी चूत गीली हो चुकी है?" उसने पूछा.

"हां किसी खुली नाल की तरह बह रही है." उसने भी शरम करते
हुए जवाब दिया.

"क्या तुम्हारी चुचियाँ कठोर हो चुकी है... तुम्हारे निपल खड़े
हो गये है?" उसने कहा.

"ऑश हाआं" उसने एक गहरी सांस लेते हुए कहा.

"अपनी चुचियों को गाउन से बाहर निकाल कर अपने निपल को भींचो."

जैसा राज ने कहा उसने वैसे ही किया और उसके मुँह से इस्कारी फूट
पड़ी, 'म्‍म्म्ममममममममम. "

"अपनी उंगली अपनी चूत मे डालो."

महक ने अपने गाउन को अपनी जाँघो पर से खिसकाया और अपन उंगली को
अपनी चूत मे अंदर तक घुसेड दिया..."ओह" एक कराह निकाल पड़ी
उसके मुँह से.

"अब अपनी उंगली से अपनी चूत को चोदो."

उसने अपनी उंगली को थोड़ा बाहर निकाला और फिर उसे अंदर तक घुसा
दिया... वो इसी तरह अपनी उंगली को अंदर बाहर कर अपनी चूत को
चोदने लगी. उसकी सिसकारिया सुन कर वहाँ राज का लंड तन कर खड़ा
हो चुका था. उसने अपने लंड को अपनी अंडरवेर से बाहर निकाला और
उसे मसल्ने लगा.

"मेरा लंड तन कर खड़ा हो चुका है और में इसे जोरों से मसल
रहा हूँ... में जानता हूँ अगर तुम मेरे पास होती तो मेरे लंड को
ज़रूर चूसना पसंद करती...."

"ऑश हाआं हाआं." उसने जवाद दिया, अपने मुँह मे गरम लंड के
एहसास ने उसकी चूत को और गरमा दिया.. उसकी चूत मे जोरों से
खुजली मचने लगी और वो और ज़ोर से अपनी उंगली अंदर बाहर करने
लगी. उसकी सिसकारियों की आवाज़ फोन पर और बढ़ने लगी.

'हां.. में यही चाहता हूँ की तुम अपनी चूत को अपनी उंगली से
तब तक चोदति रहो जब तक की तुम्हारी चूत पानी ना छ्चोड़ दे."

इन गंदी बातों ने महक की चूत की आग और भड़का दी थी.. वो अब
अपनी एक उंगली की बजाई दो उंगली चूत मे डाल कर अंदर बाहर करने
लगी... उसकी चूत मे उबाल बढ़ रहा था.... उसने अपनी सिसकियों को
रोकने के लिए अपना चेहरा वहाँ पड़े एक तकिये मे छुपा लिया और ज़ोर
से सिसकते हुए उंगली अंदर बाहर करने लगी... तभी उसकी चूत ज़ोर
से कड़ी और पानी छोड़ने लगी...

अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पाते हुए उसने फोन पर कहा, "ओह राज
मज़ाअ आ गया....."

राज अभी भी अपने लंड को मसल रहा था... वो उसकी सिकियों को फोन
पर सुन रहा था.. वो भी अपने लंड को पानी छुड़ाना चाहता था
लेकिन अभी उसका लंड तय्यार नाहुआ था.. वो और जोरों से अपने लंड को
मसल्ने लगा और महक से बोला.

"मुझसे बात करो और मेरे लंड का पानी छुड़ाने मे मेरी मदद करो."
उसने महक से कहा.
Reply
07-15-2017, 01:13 PM,
#38
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट आ गयी... वो याद करने
लगी किस तरह राज ने उससे फोन पर बात करते हुए उकसाया था....

"काश इस समय में तुम्हारा लंड चूस रही होती." उसने कहा. "क्या
में तुम्हारा लंड चूसों?"

"हां" उसने जवाब दिया. राज को महक की ये सेक्सी बातें सुनकर मज़ा
आने लगा और वो अपने लंड को ज़ोर से घिसने लगा.

महक को भी इस नये खेल मे मज़ा आने लगा....."में तुम्हारा लंड
चूसना चाहती हूँ... अपनी जीएब तुम्हारे लंड पर घूमना चाहती
हूऊं... और जब तुम्हारा पानी छूटने वाला हूऊ तो में चाहती
हूँ की तुम मेरी चुचियों को अपने रस से नहला दो."

महक की मीठी और सेक्सी आवाज़ ने जादुई असर किया राज पर और उसका
लंड झटके मारने लगा. उसकी गोलैईयों मे उबाल तेज होने लगा.

महक उस लम्हे को याद करने लगी जब शाम को राज ने उसकी चुचियों
को अपने वीर्या की पिचकारी से नहलाया था. वो उसी लम्हे को राज के
साथ इस समाय बाँटना चाहती थी.

"तुम्हे पता है जब तुम मेरी चुचियों पर अपना मदन रस चिड़क कर
चले गये तो में तुम्हारे जाने के बाद उस रस को चट्टी रही.
तुम्हारे वीर्या का स्वाद बहोत अक्चा है." उसने कहा.

"वो मेरे वीर्या को छाती और उसे स्वाद अक्चा लगा"... इस ख़याल ने
ही राज के लंड को और उतेज़ित कर दिया और उसके लंड ने झटका खाते
हुए पिचकारी छ्चोड़ दी... एक लंबी धार ज़मीन पर गिरी फिर दूसरी
फिर तीसरी.... वो हुंकार भर कर अपने लंड का पनी छोड़ता रहा.

महक ने फोन पर उसकी हुंकार सुनी और उसे खुद पर गर्व होने लग
की उसने सिर्फ़ बात करके उसका पानी छुड़वा दिया ठीक उसी तरह जिस
तरह उसने उसकी चूत की प्यास बुझाई थी. राज की हुंकार और
सिसकारियाँ सुन कर उसे आनंद हो रहा था.

जब राज की साँसे थोडी संभली तो उसने फोन पर कहा, "अगली बार जब
तुम्हारा पति जब सहर के बाहर चला जाए तो मुझे फोन करना."
कहकर उसने फोन रख दिया.

महक ने भी फोन रख दिया और अपने कपड़े ठीक कर वहीं सोफे पर
लेट गयी. वो इतना थक चुकी थी की कब उसे गहरी नींद ने आ घेरा
उसे पता ही नही चला.

महक के पति को सहर के बाहर जाने मे अभी दो हफ्ते पड़े थे और
वो पागल हुए जा रही थी... उसकी चूत मे खुजली मची हुई थी...
एक आग लगी हुई थी... उसकी समझ मे नही आ रहा था की वो क्या
करे... उसने राज को फोन नही किया था... वो नही चाहती थी की
उसके पति को किसी प्रकार का शॅक हो या फिर वो पकड़ी जाए......

अपने पति के साथ वो पहले से कहीं उग्र हो गयी थी... हर समय वो
उसे किसी ना किसी अदा या हरकत से उत्तेजित करने लगी... लेकिन वो था
की जैसे उसे किसी चीज़ का असर ही नही होता था.. अपनी तड़पति बीवी
की भावनाओ को वो पढ़ नही पता था.. उसके बदन से निकलती आग को
वो एहसास नही कर सका.. और हर बार की तरह अपना मतलब निकाल वो
उसे तड़प्ता छ्चोड़ देता.
Reply
07-15-2017, 01:13 PM,
#39
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक अब रेग्युलर तौर पर हस्तमैथुन करने लगी थी.. और उसकी
चूत पानी भी छोड़ती थी... लेकिन कहाँ एक मोटा ताज़ा लंड और कहाँ
नाज़ुक मुलायम छोटी सी उंगलियाँ... उसे वो सुख प्राप्त नही होता था
जो उसने राज के लंड से महसूस किया था. उसे याद आती रहती थी वो
गंदी बातें जो राज ने उसके साथ के थी.. वो राज के साथ और उसके
लंड के लिए मारी जा रही थी.. पागल हो रही थी..

आख़िर एक दिन उसके पति ने ऑफीस से फोन कर कहा की वो उसका
सूटकेस पॅक कर दे क्यों की वो आज की रात टूर पर सहर के बाहर
जा रहा है. महक दिन भर उसका समान पॅक करती रही और सपने
देखती रही कब राज आएगा और उसकी ज़रूरतों को पूरा करेगा.

उसका पति शाम को घर आया और तुरंत ही एरपोर्ट के लिए रवाना हो
गया. उसने महक को बताया की इस बार हो सकता है की वो लंबे समय
के लिए टूर पर रहेगा. कहने को तो महक उसके ज़्यादा लंबे समय
तक बाहर रहेने के लिए नाराज़गी दीखी लेकिन दीमग मे सिर्फ़ राज
बसा हुआ था. उसने अपने पति को चूम कर विदा किया, और शायद वो
अभी तक टॅक्सी मे भी नही बैठा होगा की महक ने राज को उसके सेल
फोन पर मेसेज कर दिया उसका पति बाहर जा रहा है और वो रात
को आ सकता है.

फोन रखने के बाद वो तुरंत बाथरूम मे घुस गयी और तय्यार होने
लग गयी.... आज की रात अपने जवान प्रेमी की बाहों मे गुज़रने के
लिए.... उसके साथ सेक्स का हर वो खेल खेलने के लिए जो उसने आज तक
नही खेले थे. वो तय्यार होकर अपने प्रेमी का इंतेज़ार करने लगी.

आने वाले दो घंटे तक महक उसके फोन का इंतेज़ार करती रही. वो
हर आधे घंटे पर उसके वाय्स मैल पर मेसेज छोड़ती लेकिन राज का
फोन नही आया. आख़िर उसे विश्वास हो गया की राज आज की रात नही
आएगा. बदहवास सी वो अपने कमरे मे गयी और कपड़े बदल कर उसने
नाइट गाउन पहन लिया. वो हॉल मे आई और सोफे पर बैठ कर टीवी
देखने लगी. करीब 11.30 कब उसे नींद आ गयी उसे पता नही लेकिन
12.30 के करीब उसके दरवाज़े पर दस्तक हुई तो उसकी नींद टूटी. वो
दौड़ती हुई दरवाज़े की तरफ भागी की शायद राज हो.

ऐसा नही था की राज को महक के कॉल या मेसेज नही मिले थे,
लेकिन उसे महक को तड़पने मे मज़ा आ रहट था. वो जानता था की
जीतन वो तडपेगी उतनी ही वो उसके काबू मे रहेगी.. आख़िर उसने उसे
फोन करने का निस्चे कर लिया. रात के 12.00 बजे थे जब उसने
महक को फोन मिलाया...... ..

राज जब महक के घर के बाहर पहुँचा तो उसने खिड़की से देखा की
महक सोफे पर लेती हुई थी और टीवी चल रहा था... और जब उसने
घंटी बजाई और जिस तरह से महक उठी और उसके चेहरे पर चमक
आई वो समझ गया की ये छीनाल अब सारी ज़िंदगी उसकी हो के रहेगी
महक ने दरवाज़ा खोला और उसे घर मे खींचते हुए दरवाज़ा बंद
कर लिया जिससे कोई पड़ोसी इस आधी रात को किसी मेहमान को उसके घर
मे आते ना देख ले.

"कितना इंतेज़ार कराया तुमने..... में तो सोची थी की तुम आओगे ही
नही." महक ने कहा.

दोनो अभी भी दरवाज़े पर ही खड़े थे.... लेकिन महक ना बिना
इंतेज़ार किए.... अपने घुटनो पर हुई और उसकी पॅंट के बटन खोलने
लगी.... फिर उसने उसकी पॅंट को नीचे खिसका दी और साथ मे उसके
अंडरवेर को भि.....ऽउर फिर सामने था उसका मन पसंद खिलोना
जिससे आज वो जी भर कर खेलना चाहती थी.... अपने मन की हर मुराद
पूरी करना चाहती थी... उसका लंड तन कर खड़ा हो रहा था.....
Reply
07-15-2017, 01:14 PM,
#40
RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक थोडी देर तक उसके लंड को देखती रही... जो उसके दिल की हर
धड़कन के साथ लंबा और मोटा हो रहा था..... जब वो पूरी तरह
तन कर खड़ा हो गया तो उसने उसे पकड़ लिया और अपने चेहरे पर
घिसने लगी..... फिर अपने मुँह को पूरा खोल उसने राज के लंड को
पूरा अंदर अपने गले तक ले लिया...... फिर अपने मुँह को उपर नीचे
कर उसके लंड को चूसने लगी...

महक ने एक हाथ से उसके लंड को नीचे गोलियों से पकडा और दूसरे
हाथ से उसकी गॅंड सहलाते हुए उसका लंड चूसने लगी. किसी भूकि
बाकची की तरह वो उसके लंड को चूस रही थी.

"मुझे लगता है की तुम मेरे लंड के लिए बहोत ज़्यादा भूकि हो?"
राज ने उसे चिढ़ाते हुए कहा.

महक ने उसके लंड को एक पल के लिए अपने मुँह से बाहर निकाला और
कहा, "हां बहोत ज़्यादा.'

राज देखने लगा की किस तरह एक 45 साल की औरत जो उसके दोस्त की मा
थी.... किसी छीनाल रंडी की तरह उसके लंड को गले तक लेकर चूस
रहित ही.... उसका मन तो किया की उसके सिर को पकड़ उसके मुँह को
चोदना शुरू कर दे... लेकिन वो चूस ही इतनी आक्ची तरह से रही
थी की उसे धक्के मारने की ज़रूरत ही महसूस नही हुई... वो दीवार
के सहारे खड़े हुए मज़े लेने लगा.

"तुम्हारा पति तुम्हारी चूत का ख़याल नही रखता है, है ना म्र्स
सहगल...? राज ने पूछा.

महक जानती थी की राज इस प्रशनि का उत्तर जानता है सिर्फ़ उसे
चिढ़ने के लिए ही पूछ रहा है इसलिए उसने कोई जवाब नही दिया.

"हाआं चूसो ऐसे ही चूसो तुम बहोट अछा लंड चूस्टी ःओओ... श
हां चूसो."

राज की बातें उसकी चूत मे लगी आग को और भड़का रही थी. उसने
अपना हाथ नीचे किया और अपने गाउन को उठा अपनी चूत पर रख
दिया. अपनी दो उंगलियों को अंदर दल वो अपनी चूत को उंगली से चोदने
लगी..... उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी..... वो चाहती
थी की राज आज की रात को याद रखे और भविष्या मे कभी उसे
इंतेज़ार ना कराए..... वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को अपने मुँह के अंदर
बाहर करने लगी.

महक ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूस रहित थी और साथ ही अपनी चूत
मे उंगल कर रही थी...... लंड चूस्टे चूस्टे उसे याद आया की
राज ने कहा था की वो उसके मुँह मे नही झदेगा.... उसने उसके लंड
को अपने मुँह से निकाला और राज से बोली..." में चाहती हूँ की इस बार
तुम मेरे मुँह मे अपना पानी छ्चोड़ो."

"कितनी बड़ी रंडी हो तुम? राज ना कहा, "अब तुम चाहती हो में अपने
लंड का पानी तुम्हारे मुँह मे छोड़ूं?"

"हां में तुम्हारे इस लंड अमृत का रस चखना चाहती हूँ," महक
उसके लंड को मसल्ते हुए बोली.

महक की बात सुनकर उत्तेजना मे उसका लंड उछाल पड़ा. राज ने उसके
बालों को पकडा और उसके मुँह को सीधा कर एक ही जाहतके मे अपना लंड
उसके मुँह मे घुसा दिया.... "ठीक है मेरी छीनाल रंडी अब मेी
तुम्हारे मुँह मे पानी छोड़ूँगा और तुम इस सारा का सारा पी जाना."

राज जितनी उससे गंदी बातें करता माहेक को उतना ही अक्चा लग रहा
था और उसकी चाहत और बढ़ने लगती... वो जोरों से अपनी चूत मे
उंगल अंदर बाहर कर रही थी... उसके मुँह से एक ज़ोर की आ निकाली
और उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया....
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,301,752 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,475 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,835 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,422 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,243 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,987,637 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,798,207 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,521,308 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,827,555 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,343 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)