Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
06-16-2018, 12:04 PM,
#1
Tongue  Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
दोस्तो एक कहानी और शुरू कर रहा हूँ . वैसे तो कहानी इतनी अच्छी भी नही है पर टाइम पास है मुझे लगा जब तक कोई ढंग की कहानी नही मिल जाती तब तक टाइम पास ही कर लिया जाए यही सोच कर ये कहानी पोस्ट करना शुरू कर रहा हूँ . मेरी पिच्छली कहानी पर आपके रिप्लाई बहुत कम मिले थे . अगर इस कहानी का भी ये ही हाल रहा तो फिर मुझे यहाँ से राम राम करनी पड़ेगी . अब आप सोनम की ज़ुबानी कहानी आनंद लीजिए

हेलो, मैं हूँ सोनम शर्मा.आइ आम टेल्लिंग उ वन ऑफ माइ इन्सिडेंट्स...सो बताना कैसा लगा.

हमारा अब एग्ज़ॅम्स का टाइम है.मैने तो पूरा साल पढ़ाई नहीं की.और अब मुझे डर लग रहा है कि पास कैसे हूँगी.लेकिन मुझे ख़याल आया कि मैं अपने टीचर से क्यूँ ना कह कर देखूं.उसकी ड्यूटी भी है हमारी क्लास में और उनकी काफ़ी चलती है . वो पहले भी नकल करवा चुके हैं.वो हमे ट्यूशन भी पढ़ा ते हैं.वैसे तो मैने ज़्यादा उनसे ट्यूशन क्लासस नहीं ली है ..लेकिन अब पेपर पास होने की वजह से मैं रेग्युलर्ली जाने लगी.मैं रोज़ यही सोचती कि अपनी सिफारिश डाल दूं उन्हे.लेकिन मेरा दिल डरता कि कहीं वो बुरा ना मान जाएँ और मेरा रोल नंबर ना कॅन्सल करवा दें. एक दिन मेरा सबर टूट गया.मैने पूरा मन बनाया कि आज तो मैं जाकर कहूँगी है .मैने उस दिन सेक्सी ड्रेस पहनी.मैने वाइट टॉप और ब्लू जीन्स पहन के ट्यूशन गयी ताकि सिर मेरे शरीर पर रहम खा कर मेरी मदद करें और मैने जब सब बच्चे ट्यूशन से चले गये तो मैने उनसे पूछा कि……….

मे—-सर आप से इक बात करनी है
सर—-हंजी बेटा बताओ
मे—— सर आप बुरा तो नहीं मानोगे ना.
सर–बेटा बच्चों का बुरा नहीं मानते
मे—सर मैं आपसे यह कहना चाहती हूँ कि आपको पता है कि मैं पढ़ाई में थोड़ी कमज़ोर हूँ और मैं शायद पास भी ना हो पाऊँ…..इसलिए….
सर—हां बोलो बेटा क्याअ.
मे– सर आप मेरी कुछ मदद कर दोगे
सर—-बेटा मैने नोट्स पूरे तयार करवा दिए हैं ना
मे——-सर वो नहीं आप….मुझे नकल करवा देंगे ना मुझे डर लगने लगा…
सर-यह तुम क्या कह रही हो………नहीं मैं ऐसा नहीं करूँगा..
मे——सर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………ये मेरे फ्यूचर का स्वाल है सर.प्लीज़
सर-नहीं यह ग़लत है ……..नो प्लीज़
मैने सोचा ऐसे बात नहीं बनेगी तो मैने कहा
मे—-सर आप जो मर्ज़ी मुझसे करवा लीजिए….मैं सब करने को तयार हूँ……प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ पर आप मुझे पास करवा दीजिए. प्लीज़ सर मैं जान भुज कर सर के पैरो में गिरी थी और उनकी पेंट को पकड़ा हुआ था ताकि मेरा नरम हाथ उनकी बॉडी को महसूस हो
मे—-सर प्लज़्ज़्ज़्ज़.आप जो काम कहेंगे मैं करूँगी.
सर- सोच लो…..
मे-सर जो मर्ज़ी……….प्लीज़
सर—बुरा तो नहीं मनोगी.
मे—-सर जो मर्ज़ी काम..बॅस मुझे पास करवा दो.
सर—-तुम मुझे खुश कर दो
मैं समझ गयी.
मे—–सर आपका मतलब
सर—-देखो मैं ज़बरदस्ती नहीं करता
मे–ठीक है सर..लेकिन मुझे पास ज़रूर करवा देना
सर–बिल्कुल मेरी बेटी..
सर की पत्नी घर पर नहीं थी
सर-बेटी मेरे पास आओ.
मैं सर के पास चली गयी.
सर–बेटा मुझे खुश करना शुरू करो........
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06-16-2018, 12:04 PM,
#2
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
मैं तो पास होने के लिए कुछ भी कर सकती थी इसलिए मैने सबसे पहले सर के सामने अपने मम्मो को दबाया..गोल-गोल सर देखते ही रह गये….फिर मैने अपनी फुद्दि के उपर हाथ फेरा..और अपनी टाँगों को कभी चौड़ा किया और कभी बंद करके सर को दिखाया फिर मैं अपनी सबसे अच्छी चीज़ गान्ड दिखाने के लिए घूम गयी..और मैने थोड़ी कोड़ी हो कर गान्ड का मुँह सर की तरफ किया और अपनी गान्ड को मसला….सर से रहा ना गया…..वो अपने हाथ फैलाने लगे. मैने फिर अपने होंठ सर के होंठों पर रख दिए..और गपा-गॅप चूसने लगी.उम्म्म्म हमारी ज़ीब फेविकोल की तरह एक दूसरे से जुड़ी रही..सर एक लड़की की ज़ीब का सारा मीठा रस पीने लगे और मैं भी सर की ज़ीब अपने अंदर खीचने लगी. सर मेरे मम्मो को गोल-गोल दबाने लगे.मैने सर को कस के पकड़ा हुआ था और रस्पान कर रही थी और सर ने भी अपना हाथ मेरी गान्ड के उपर फेरना शुरू कर दिया ….हम ने कुछ देर तक एक दूसरे का शरीर मसला और चुंम्मा-चाटी की. सर मेरे दोनो चुतड़ों को मसल रहे थे और मेरी बूँद के छेद पर उंगली डाल रहे थे.सर मेरी बूँद का छेद अपने हाथों से खोलने की कोशिश कर रहे थे फिर सर ने मेरे कपड़े धीरे -धीरे खोलने शुरू किए

सिर -बेटी यूआर वंडरफुल…क्या जवानी है मेरी बेटी …क्या मम्मे है तेरे…
यार मैं भी गरम हो गयी थी .मैने कहा सर मेरा पूरा जिस्म आपका है……जो मर्ज़ी कीजिए .एक-एक चीज़ चुसिये...

सर ने मेरे उपर के अंगों को कपड़ों से आज़ाद कर दिया और मेरे मम्मे देखने लगे.
सर–वाहह बहुत अच्छे है गोल-गोल…..आज तो बहुत चुसूंगा
सर जल्दी चूसिए सर अब रहा नहीं जाअताअ.
सर ने मेरे एक मम्मे को मसला और दूसरे को जीब का मज़ा देने लगे…अब तक तो मेरी चूत भी गीली होने लगी थी.. मैं भी मज़ा ले रही थी.. सर ने मेरे मम्मों को बच्चों की तरह बहुत देर तक चूसा और उन्हे लाल कर दिया….मेरे निपल्स भी लाल कर दिए. फिर उन्होने अपने कपड़े उतारे और मेरे भी सारे उतार दिए उनका लंड इतना लंबा भी नहीं था और ना ही इतना छोटा .मुझे चुदाई का मन हो रहा था…

मे–सर—प्लीज़ आजाइये मेरे पास मेरी फुद्दि मारिए सर..प्लीज़ मेरी चूत मारिए…
सर—– क्या फुद्दि है तेरी. सर ने अपना थूक मेरी फुद्दि पर लगाया और थोड़ा अपने लौडे पर और मेरी फुद्दि के उपर मुँह में रख दिया…..अहह मैने कहा सर जल्दी से एक ही धक्का मार कर अंदर डाल दीजिए.सर मुझे कोई दर्द नहीं होगा…मेरी सील पहले ही टूट गयी है..

सर ने एक ही धक्के में अपना लुल्ला मेरी फुद्दि के अंदर परवेश करा दिया….अंदर जाते ही वो घस्से मारने लगे………….अह्ह्ह्ह सोनम तेरी फुदीईइ……..हां-हाआँ……

मुझे भी उनका लॉडा अपनी फुद्दि के अंदर अच्छा लग रहा था…सर प्लीज़……और मारिए मेरी सर और मारिए मेरी…..अपनी ज़िंदगी की सारी प्यास भुजाइए…सर मेरी फुद्दि मारो अहह बहुत माज़ा आ रहा है सर.

सिर का लॉडा मेरी फुद्दि के अंदर रगड़ खा-खा कर मुझे भी मज़ा दे रहा था और खुद भी बहुत मज़ा ले रहा था. मैने कहा सर हर एक पोज़ बना लीजिए यह फुद्दि आपको सारा मज़ा देगी…सर ने मेरी टाँगें अपने कंधों पर रखी और अपने पूरे ज़ोर के साथ मेरी फुद्दि को चोदने लगे…….उनका पूरे का पूरा लॉडा अंदर फुद्दि से मिल रहा था…

मैं आँखें बंद करके मज़े से अपनी इज़्ज़त लूटा रही थी.. अहह सर..अह्ह्ह्ह सर……आप बहुत मज़ा दे रहें है सर ने काफ़ी देर तक मेरी इज़्ज़त लूटी.. फिर उनका लॉडा जावब देने ही वाला था कि उन्होने वो बाहर निकाला और मेरे पेट के उपर अपना माल प्रेशर से निकाल दिया..अहह..सोनममम आयो.हाआनननाना उनका गरम-गरम माल मेरे पेट पर पड़ा रहा….

सर—-सोनम मेरी एक इच्छा है 
मे—–बोलिए सर 
सर—मेरा लंड तुम मुँह मे लेकेर चूसो.प्लीज़…..मेरी पत्नी भी नहीं मानती..तुम प्लीज़ अपने मुँह मे मेरा लंड लेकर मेरा माल पीओ…….
मे–सर मैं आपके चुप्पे तो मार दूँगी लकिन माल नहीं पीउन्गी प्लीज़
सिर—प्लीज़ बेटी……….देखो पास ज़रूर करवाउन्गा

मे—ओके सर फिर मैं नीचे झुकी और उनका बैठा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. सर मज़े में पागल होने लगे….सर का लंड पहली बार किसी ने मुँह में लिया था…. सोनम….ज़ोर-ज़ोर से चूसो……………ज़ोर-ज़ोर से चूसूऊ……..अहह.हाआँ…….टोप्पाआ अंदर तक लेकर जाऊओ…हां राअनीीईई.. उनका लंड फिर से फौलाद की तरह तन गया और मैं ज़ोर-ज़ोर के चुप्पे देती रही..सर भी अपनी कमर हिलाकर मेरे मुँह में अपना लंड अंदर-बाहर करते रहे..मैं गोली की तरह लुल्ला चाट रही थी……थूक लगा लगा कर उनका लॉडा गीला कर दिया था…….

मैं कभी पूरा लॉडा अंदर लेकर 1 मिनट रुकती और फिर झटके से बाहर निकालती….सर को यह बहुत मज़ा दे रहा था.फिर सर ने कहा बेटा….माल आने वाला है…तभी मेरे मुँह में लंड की धार आई .

सर—अह्ह्ह्ह्ह्मेरे बच्चे…….अहह ……..अंदर ही रखना लुल्ल्लाआ….अह्ह्ह्ह उन्होने अपना सारा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया मेने उल्टी करके माल बाहर फेक दिया.. सर मदहोश होकर बेड पर गिर पड़े.मेरा अभी तक पानी नहीं निकला था..मैं एक दम उठ कर सर के उपर जाकर बैठ गयी. उनका लॉडा मेरी फुद्दि को टच करने लगा..मैं घस्से लगाने लगी…उनका लुल्ला फिर से तनने लगा. मैं ज़ोर-ज़ोर से अपनी फुद्दि को उनके लौडे पर रगड़ने लगी..उनकी पॉवेर फिर वापस आ गयी अब मैने उनका लंड अपनी फुद्दि के अंदर डाला…और उछलने लगी….उनको मज़ा आने लगा….

मैं भी अपनी फॅवुरेट पोज़िशन में थी….जिसमे मेरा पानी जल्दी निकल जाता है…..मैं कस-कस के उपर उछलने लगी..वो भी मेरी गान्ड को पकड़ कर मुझे लौडे की हसीन सैर करने लगा…अहह बहुत माज़ा आ रहा था…उनका तीसरी बार था इसलिए उनको थोड़ा टाइम लगेगा पर मैं भरी जवानी में अपने सर के लुल्ले के उपर नाच रही थी….मुझे थोड़ी देर बाद कोई भी होश ना रही….

सर–अह्ह्ह्ह मेरी फुद्दि फाड़ डालो..अहह लुल्ला अंदर तक डालो. चीर दो ……मेरी फुदीईइअह्ह बाद में सर तेज़ी से उपर नीचे करने लगे…मेरा शरीर आकड़ गया और मेरी फुद्दि से पानी झरने के तरह बाहर निकला. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.. सर को भी मेरी फुद्दि का गरमा गरम पानी लौडे के उपर महसूस हुआ.. मैं मज़े में मदहोश हो गयी थी.मैं बेसूध होकर पड़ी रही…सर मेरी जवानी लूट ते गये……….

फिर उन्होने मेरी भोसड़ी के अंदर ही अपना लुल्ला खाली किया ….वाहह सोनम…..तेरी फुदी तो मैं रोज़ मारूंन्ं….वाहह मज़ा आ गयाआ.फिर थोड़ी देर बाद मैं उठी और फिर से कपड़े डाल कर सेट हो गयी..सर भी ..तयार हो गये…………मैने पूछा सर.
मे—सर मेरा काम हो जाएगा ना…

सर-1 स्ट डिविषन बेटा …..1स्ट डिविषन..
मे –सर मैं 1स्ट डिविषन लेकर आपको पार्टी देने ज़रूर आउन्गी
सर—-बेटा ज़रूर आना बेटा ….ज़रूर आना

अब तो मुझे एग्ज़ाम्ज़ का इंतेज़ार है.. ताकि मैं पास हो जाऊ. 
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06-16-2018, 12:04 PM,
#3
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
उफफफफफ्फ़ आख़िर वो एग्ज़ॅम के दिन आ ही गये......कल मेरा एग्ज़ॅम है और मैं कुछ तो पढ़ लूँ ताकि वहाँ कुछ लिख भी दूं. लकिन साला दिमाग़ में तो तब आएगा ना अगर सारा साल कुछ पढ़ा होगा. और वैसे भी सर हैं ना मेरे .वहाँ ही रहेंगे और मेरी हेल्प करेंगे.....वादा जो किया है उन्होने.....और इतनी सेक्सी रिश्वत भी ली है ना. मुझसे पढ़ा नही जा रहा था तो मैने अपने बाय्फ्रेंड को कॉल की और उसके मस्त मस्त बातें करनी लगी.
बाय्फ्रेंड- हां जान तैयारी हो गई कल के एग्ज़ॅम की?
मे- यस जानू रिविषन भी कर ली. बस कल क्वेस्चन्स ईज़ी आ जाए तो मज़ा आ जाएगा.
बाय्फ्रेंड- अरे ज़रूर आएँगे....
मे- थॅंक्स जान..और बताओ क्या कर रहे थे?
बाय्फ्रेंड-तुझे याद कर रहा था मेरी रानी...और बताओ फ्रेश होने का मूड है?
मे- बिल्कुल जान...पढ़ पढ़ के बोर हो गई हूँ...फ्रेश कर दो ना मुझे


बाय्फ्रेंड- तो आजा ....बोल क्या पहना है?
मे- पाजामा और टी-शर्ट...
बाय्फ्रेंड-और अंदर?
मे- कुछ भी नही यार...
बाय्फ्रेंड- उफफफ्फ़ क्या बात है.....फिर तो गरम है तू पहले से ही
मे- हां जान आजाओ मेरी प्यास बुझा दो...
बाय्फ्रेंड- आ गया जान.....चल अब पाजामा नीचे कर दे और फुद्दि मे उंगली डाल मेरे नाम की
मे- यह लो जान पाजामा नीचे कर दिया और उंगली ले ली अंदर पूरी
बाय्फ्रेंड- हइईई चोद अब अपनी फुद्दि को...सोच मैं चोद रहा हूँ....
मे- हां जान...आइ लव यू .....
बाय्फ्रेंड- आइ लव यू टू.....मैने भी कच्छा खोल लिया और अपने लंड पे तेरे नाम की मूठ मार रहा हूँ
मे- वाउ मेरी जान मारो....मेरी फुद्दि के बारे में सोच के मूठ मारो
बाय्फ्रेंड- हां यही कर रहा हूँ....अहह.......अहह
मे---हां जाआअँ......मेरी फुद्दि गीली हो गई है और पानी छोड़ने के लिए तरस रही है
बाय्फ्रेंड- निकाल दे साली....इधर मैं भी कंट्रोल से बाहर हो रहा हूँ
मे-----अहह ज़ाआआअँ......अहह
बाय्फ्रेंड------यह ले.....अहह......साली......सोनम आइ लव यू कुत्ति....
मे- आइ लव यू कुत्ते......अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
ऐसी ही 2-3 घंटे गंदी गंदी बातें करने के बात मुझे नींद आने लगी और मैने उसे गुड बाइ कह दिया..

नेक्स्ट डे.....

मैं सुबह मस्त नहा धो के तैयार हुई और मैं पहुँच गई स्कूल आधा घंटा एग्ज़ॅम से पहले. मैने देखा आधे से ज़्यादा स्टूडेंट्स आ चुके थे. मैने अपना रूम देखा और रोल नंबर चेक कर लिया. मेरा रूम नंबर6 में एग्ज़ॅम था और रो लास्ट वाली थी और सेकेंड लास्ट बेच था. मैं फिर बाहर आ गई और सर को ढूँडने लगी. मुझे क्लर्क ऑफीस में सर बातें करते नज़र आए और मैने उन्हे बुलाया.

मे- सर एक्सक्यूस मी सर. 
सर- हंजी बेटे कैसे हो? एग्ज़ॅम की तैयारी कैसी है?
मे- सर बस आपकी मेहरबानी होगी तो एग्ज़ॅम भी अच्छा होगा
सर- बेटा फिकर मत करो. मैं हूँ ना. तुम्हे फर्स्ट डिवीजन दिलवा कर ही दम लूँगा
मे- थॅंक्स सर....सर मैं आपको और भी खुश करूँगी..बस पास करवा दीजिए फर्स्ट डिवीजन के साथ
सर- बेटा पक्का.......बाकी तोड़ा सा ध्यान रखना.....सूपरिंटेंडेंट स्ट्रिक्ट आया है...जब वो दूसरे रूम में जाया करेगा तब मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूँ बच्चे
मे- सर प्लीज़ मेरा ख्याल रखना मुझे कुछ नही आता.....सर प्लीज़ सूपरिंटेंडेंट को मना लीजिए
सर- अरे वो बहुत स्ट्रिक्ट है .....बुड्ढ़ा है साला....मानता नही .....उसूलों की बात करता है....लेकिन आइ विल टेक केयर ऑफ युवर सेल्फ़...डॉन'ट वरी.
मे- सर थॅंक्स.....सर सिर्फ़ 15 मिनट रह गये है....
तभी बेल बज गई और सभी अपनी क्लासस में जाने लगे
सर- ऑल दा बेस्ट बेटा.....
मे- थॅंक्स सर......मैं भी फिर अपना पेन,पेन्सिल, एट्सेटरा सब लेके अपने रूम में आकर सीट पर बैठ गई और सोचने लगी कि कहीं वो सूपरिंटेंडेंट कुछ पंगा ना कर दे..
मैं अपनी साँसों को काबू में रखने की कोशिश कर रही थी और मेरे सामने 2 टीचर्स आन्सर शीट्स को खोल रहे थे . उनमे से एक मेल टीचर था और दूसरी फीमेल टीचर थी. मेल टीचर कुछ 30 का होगा और चेक वाली शर्ट और ब्लॅक फॉर्मल पेंट पहने हुए आवरेज बॉडी का मालिक था.उसको देखर मैं अंदाज़ा लगा सकती थी कि उसका लंड मोटा ज़रूर होगा. और टीचर 40-45 की होगी जो मस्त ब्लॅक कलर की टाइट पाजामी सूट पहन के आई थी जो उसके दूध से लेकर थाइस तक चिपक रहा था.उसके 38 के बड़े बड़े दूध थे और 40 की मस्त गान्ड होगी. उन्होने आन्सर शीट्स डिसट्रिब्यूट करनी स्टार्ट की और साथ साथ में इन्स्ट्रक्षन्स भी देते गये कि कैसे फिल करना है. 5-6 मिनिट्स में सब काम हो गया और तब उनके पास क्वेस्चन पेपर्स आ गये और मेरी आँखें बस टकटकी लगा कर देख रही थी कि कैसे उन्होने वो लिफ़ाफ़ा खोला और उनमे से क्वेस्चन पेपर्स निकाले. तभी मेल टीचर ने क्लॉक पे देखा और " आपका टाइम शुरू है" कहते हुए पेपर डिसट्रिब्यूट करने शुरू किए. हइई मेरे टेबल पर पेपर आते ही मैने जब उसे पढ़ा तो......
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06-16-2018, 12:04 PM,
#4
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
देखा कि मुझे तीन सेक्षन्स थे 40-40-20 मार्क्स के और मुझे सिर्फ़ पहले 2 सेक्षन्स में 1-1 क्वेस्चन आता था और वो भी 100% आक्युरसी से नही. मेरी तो फट गई. मेरी रोने वाली शक्ल हो गई थी.मैं 10-15 मिनिट्स हो गये थे तो मैं वो क्वेस्चन ख़त्म करने लगी जो मुझे थोड़ा सा आता था... तभी हमारे सर आए रूम में और हम से कहा कि बेटा एग्ज़ॅम ईज़ी है ना? 

सभी ने कहा हां....लकिन मैने हां में सर नही हिलाया और उनकी तरफ रोंदू शक्ल से देखने लगी. फिर वो मेरे पास आए और पूछा कि एग्ज़ॅम कैसा है. मैने कहा सर मुझे आता नही कुछ भी तो सर ने कहा अच्छा और मेरे टेबल पर चुपके से एक चिट छोड़ दी. मैने भी जल्दी से वो चिट छुपा ली . फिर सर ने कहा मैं वापिस आउन्गा थोरी देर में अगर कोई प्राब्लम हुई तो बताना. मैने चिट में देखा तो वहाँ सेक्षन ए के आन्सर्स थे. मैने जल्दी से नकल मारनी शुरू कर दी. मेरे रोंदू चेहरे के बगीचे में अब खुशियों के फूल खिल गये थे. मैं मज़े से कर रही थी आन्सर्स, 

अभी मैने 1 ही आन्सर अच्छे से किया कि सूपरिंटेंडेंट सर अंदर आ गये. मैने देखा कि वो सफेद रंग के बालों वाले, स्ट्रिक्ट फेस एक्सप्रेशन्स, और आवरेज शरीर में रुआबदार सी पर्सनॅलिटी वाले थे. उन्होने पहले टीचर से बात की और फिर राउंड लगाने लगे. मैने जब देखा कि वो मेरे पास आ रहे है तो मैने चिट छुपा ली और लिखने की आक्टिंग करने लगी. वो मेरे पास 10 मिनिट्स रुके और मैं बस लिखने की आक्टिंग कर रही थी और मन में सोच रही थी कि हइईई साला हरामी कब जाएगा. और डर रही थी कि कहीं इसे शक़ तो नही हो गया...लेकिन फिर वो चला गया और मैं फिर से मस्त होके नकल मारने लगी. मैने पूरा सेक्षन ए ख़त्म कर लिया और फिर मैं सर का इंतेज़ार करने लगी.तभी सर जल्दी से अंदर आए और मुझे 4-5 चिट्स दे दी और चले गये. इतनी चिट्स थी मुझे डर लग रहा था कि कहीं सूपरिंटेंडेंट ना आ जाए तो मैने 1 चिट रख ली और बाकी को एक ऐसी जगह छुपा लिया जहाँ कोई नही ढूँढ सकता था. मैने लिखना स्टार्ट किया लेकिन तभी साला सूपरिंटेंडेंट आ गया और मेरे बेंच के पास आकर खड़ा हो गया और मुझसे कहा कि लिखो...अब मैं चिट को देखे बिना कैसे लिखती. मैं डर गई और मुझे पसीना आने लगा था...तो सूपरिंटेंडेंट ने टीचर्स से कहा कि इसे नेक्स्ट रूम में भेजो .....यह अभी मेरे पास बैठकर एग्ज़ॅम करेगी. मैं तो डर गई.....मेरी गान्ड फट गई थी. मैने बहुत मनाया लेकिन कोई बात नही बनी और मैं वहाँ चल पड़ी. 

सूपरिंटेंडेंट ने एक रूम में मुझे बिठाया और लिखने को कहा.मैने जब कुछ नही लिखा तो उसने कहा
स- मुझे पता है यू आर चीटिंग. अब मुझे चिट्स दे दो नही तो आइ विल कॅन्सल युवर एग्ज़ॅम
मे- सर प्लीज़ ऐसा मत करना. सर मैने नकल नही मारी. सर प्लीज़ ट्रस्ट मी
सूपरिंटेंडेंट - मुझे ईडियट मत समझो....आइ हॅव सीन यू चीटिंग फ्रॉम दा चिट्स....नाउ टेल मी व्हेयर आर दे?
मे- सर प्लीज़्ज़.....मैने कोई चीटिंग नही की.....सर प्लीज़्ज़.....
सूपरिंटेंडेंट - लगता है तुम ऐसे नही मनोगी तो ठीक है आन्सरशीट दो......मैं चीटिंग केस लिखता हूँ......
मे- सर नही......प्लीज्ज़्ज़.......सर नही प्लीज़्ज़्ज़्ज़्ज़......सर हां मैने चीटिंग की है.....
सूपरिंटेंडेंट - तो मुझे चिट्स दे दो......प्लीज़ बी फास्ट
मे- सर लकिन मैने वो सीक्रेट प्लेस में छुपाई है......
सूपरिंटेंडेंट - आइ डॉन;ट नो एनितिंग,,,,,मुझे वो चिट्स चाहिए ऑर आइ विल टेक वेरी स्ट्रिक्ट आक्षन ऑन यू
मे- मैने सोचा अब क्या करूँ......फिर मेरा दिमाग़ ने थोड़ा शैतानी सोचा.......मैने कहा शायद ये सूपरिंटेंडेंट भी काबू में आ जाए.......
मैने कहा-"ओके सर.....मैने अभी देती हूँ......"

वो मुझे देख रहा था तो मैने शर्ट में हाथ डाला( मैने वाइट शर्ट और ग्रे स्कर्ट पहनी थी..इट्स माइ स्कूल ड्रेस) और अपनी वाइट ब्रा के अंदर धीरे धीरे हाथ डाला और अपना राइट वाला दूध थोड़ा सा बाहर निकाला जिससे उसको मेरे ब्राउनि से निपल्स आराम से नज़र आ रहे होंगे और मेरा आधा मोटा दूध उसकी नज़रो में बस गया होगा. मैने फिर थोड़ा और नीचे की ब्रा और 3 चिटज़ निकाली लेकिन तब तक उसे मेरा पूरा राइट वाला दूध 5-6 सेकेंड्स के लिए दिख गया होगा. पक्का उसको बहुत मज़ा आया होगा मेरा गोरा चिटा मोटा दूध देख कर, उसका दिल करता होगा कि मेरे दूध को मसल मसल के चूसने को.....आइ म श्योर ....फिर मैने शर्ट जब बंदकरके उसकी तरफ देखा तो उसका चेहरा अब मुझे तोड़ा नरम लग रहा था. मैने कहा सर ये 3 चिट्स हैं और 2 और हैं.
सूपरिंटेंडेंट - (बड़ी नरम सी आवाज़ में) वो भी दे दो बेटा.......
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06-16-2018, 12:04 PM,
#5
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
मैं तब घूमी और आराम से अपनी स्कर्ट को उपर उठाया और मेरे मोटे-मोटे चूतड़ जो ब्लॅक पैंटी में जकड़े हुए थे वो उसे दिखाए. और मैने धीरे से अपनी पैंटी नीचे की और अपने पूरी गान्ड नंगी कर दी......मैने मन में सोचा कि पक्का अब उसका लंड पत्थर की तरह तन गया होगा.......फिर मैने अपने दोनो हाथों से अपनी नर्म गान्ड को खोला. मैने उतनी चौड़ी की गान्ड जितनी कर सकती थी और उसमे फसाई हुई 2 चिट निकाली..हइईए मेरी गान्ड के टाइट छेद को देखकर उसके मूह में तो पानी आ गया होगा ना....यह सब करते हुए मेरा डर गायब हो चुका था और मुझे यकीन था कि अब सूपरिंटेंडेंट शायद पट जाएगा......फिर मैने पैंटी उपर कर ली और सर की चिट्स उनके हाथ में रखने लगी....मुझे यकीन था कि वो मुझे अब छोड़ देगा ....लेकिन

सूपरिंटेंडेंट - तुम यहाँ रूको मैं यह चिट्स लेकर ऑफीस जा रहा हूँ और फिर तुम्हारे उपर चीटिंग केस बनाएँगे.....
मे- नही सर प्लीज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़....सर ऐसा मत कीजिए सर..........
लेकिन वो साला बुड्ढ़ा मेरी आन्सर शीट और चिट्स लेकर रूम से बाहर निकल गया और मैं वहीं खड़ी उदासी में डूबी हुई रोने लगी....अब क्या होगा यार...

मैं चुप चाप चेयर पर बैठ गई और सोचने लगी कि अब तो मेरा कैरियर गया.मेरी कितनी बदनामी होगी. मोम-डॅड को क्या मूह दिखाउन्गी. हाए सब मेरी इन्सल्ट करेंगे. तभी सूपरिंटेंडेंट सिर आए और मुझे कहा
सूपरिंटेंडेंट - बेटा देखो, मैं तुम्हारी चिट्स लेकर ऑफीस में जाने वाला था लेकिन मुझे ख्याल आया कि शायद तुम्हे एक मौका दिया जाना चाहिए, क्यूंकी इससे तुम्हारा कैरियर ख़त्म हो सकता है
मुझे एक दम काफ़ी सुकून मिला और मैने कहा

मे- सर थॅन्क्स......सर प्लीज़्ज़ गिव मी वन चान्स सर.....नेक्स्ट टाइम मैं कभी चीट नही करूँगी.. आइ प्रॉमिस सर.
सूपरिंटेंडेंट - ठीक है मैं तुम्हे चान्स देता हूँ. लेकिन यह चान्स तुम्हे ऐसे नही मिलेगा
मे- सर प्लीज़ बताओ....कैसे मिलेगा चान्स.....सर आइ विल डू एनितिंग....
सूपरिंटेंडेंट - सोच लो फिर मुकरना मत नही तो मैं चिट्स लेकर चला जाउन्गा ऑफीस में
मे- सर मैने सोच लिया है....आप बॅस मुझे बोलिए....आइ विल डू एनितिंग
सूपरिंटेंडेंट - तो फिर मुझे खुश कर दो...बस इतना सा काम है
सर ने ऐसा कहा और मुझे आँख मार दी
मुझे तो थोड़ा शॉक लगा कि सर ने मुझे ऐसा कहा और वो भी इतने स्ट्रिक्ट सर ने.....ऐसा कैसे हो गया....

मे- सर ठीक है...लेकिन सर पक्का ना...अगर मैं आपको खुश कर दूं तो आप मुझे चान्स देंगे ना
सूपरिंटेंडेंट - बेटा चान्स भी दूँगा और एग्ज़ॅम में पास भी करवा दूँगा
मे- ओह सर थॅंक्स आ लॉट......सर आइ एम रेडी/
सूपरिंटेंडेंट - तो ठीक है बेटा अभी मैं उपर हॉल में जा रहा हूँ वहाँ तुम मेरे पीछे आ जाना 5-10 मिनट के बाद ताकि किसी को शक ना हो.
मे- यस सर....सर आप बहुत अच्छे हो....
सूपरिंटेंडेंट - आइ नो...तो चलो मिलते है रूम में
सर फिर उपर चले गये और मैं बहुत खुश हुई . मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतर गया था और मैं चाहती थी कि सर को इतना खुश कर दूं कि वो बॅस देखते रह जाएँ.
मैं 7-8 मिनट के बाद उपर आ गई और मैने हॉल का डोर खोला तो वहाँ सिर्फ़ सर थे और कोई नही था. मैने डोर लॉक कर दिया अंदर से. उस हॉल में 2 विंडोस थी जो प्लेग्राउंड वाकई साइड प्रूफ थी इसीलिए हमे कोई देख नही सकता था. 
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06-16-2018, 12:05 PM,
#6
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
मैं सर के करीब आई और एकदम से सर को कस के हग कर लिया. सर ने मेरे कान में कहा
सूपरिंटेंडेंट - बेटा यू आर सो स्वीट आंड हॉट. 
मे- सर आप ने चिट्स क्यूँ नही दी ऑफीस में?
सूपरिंटेंडेंट - बेटा उससे क्या फ़ायदा होता...तुम रोती और तुम्हारा कैरियर खराब होता, मुझे क्या मिलता और मैं चाहता था कि हम दोनो को फ़ायदा हो.....
मे- बिल्कुल सही सर. अपने बिल्कुल सही सोचा

फिर मैं कुछ बोलती उससे पहले ही सर ने मुझे कमर से कस के आगे को खीचा और मेरे दोनो होठ अपने होठों के बीच खीच लिए.

हाई वो बुड्ढ़ा साला मेरी जवान जवानी के होठों के रस को अपनी ढलती हुई उमर की जीभ के साथ मस्त तरीके से पी रहा था. उसने मेरी जीब को अपने मूह के अंदर तक खीचा और मज़े से 5-10 मिनट तक चूस्ता रहा. हाई मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था. में यह भूल गई थी कि मेरे साथ 10 मिनट पहले क्या हो रहा था. मैं तो बॅस एक नये आगोश में समाती जा रही थी. 

फिर मैने भी अपनी तपती जवानी को ठंडा करने के लिए उसके मूह में अपनी जीब को ज़ोर ज़ोर से डालने लगी. मैं पूरा ज़ोर लगा कर उसके मूह के अंदर की सीमा तक अपनी रस भरी जीब को पहुँचा रही थी. पता नही कितने पल ऐसे ही वो मेरा रस पीता गया और मैं उसे पिलाती गई. फिर उसने मेरे मूह में अपनी जीब डालकर अपना रस चुस्वाया. मैं कमसिन अदा से उसकी जीब को चूस्ति गई, चूस्ति गई और बस चूस्ति गई. जब अच्छे से मूह का स्वाद चख लिया तो फिर मैने सर को एक हल्के से धक्के के साथ बेंच की सीट पर गिरा दिया और सर की पेंट की ज़िप वाली जगह को देखने लगी. मैने पाया कि मेरी जवानी की रोशनी से उनके ढलते शरीर में नई सुबह आ गई है और उनका लंड एक उँचे टावर की तरह तंन गया है. मैने जब उसके उपर हाथ रखा तो एहसास हुआ कि यह तो काफ़ी मोटा और लंबा है. हाथ लगाते ही मेरे शरीर में एक आग सी जाग उठी. मैने धीरे से सर की पेंट की ज़िप खोल रही थी और सर को बार बार देख रही थी. सर तो बॅस आँखें बंद करके आँहे भर रहे थे. 
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06-16-2018, 12:05 PM,
#7
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
मैने जब ज़िप खोली तो काले रंग की अंडरवेर में उनका लंड इस तरह से टाइट्ली चिपका हुआ था मानो कभी भी फाड़ कर बाहर निकल आएगा. मैने धीरे से उस लंड के उपर पड़ी काली छाया को उतारना शुरू कर दिया और सर का मोटा और लंबा लंड धीरे धीरे मेरे सामने नंगा होता चला गया. 

जब मैने घुटनों तक अंडरवेर उतार दी तो सर का लंड सीधा तना हुआ मेरी आँखों के सामने था. वाहह इस उमर में भी इतना मोटा और सख़्त लंबा लंड और हवस का इतना जुनून, जिसे देखकर मेरी चढ़ती जवानी की मस्त चूत भी गीली होने लगी थी. मैने अपने हाथों से उसको जैसे ही स्पर्श किया तो सर के मूह से हहशह की आवाज़ निकली और सर का वो मज़ा उनके शरीर में कंपन्न से मैं महसूस कर सकती थी.मैने अपने दोनो हाथों से उनके मोटे लंड को सहलाना शुरू किया जो काले और सफेद बालों से नीचे से ढका हुआ था.फिर मैने धीरे धीरे सर के लंड को अपने मुख के अंदर ले जाना शुरू किया. जैसे ही मेरे कोमल होठों ने सर के लंड के उपर वाले नरम हिस्से को छुआ तो "हइईई मेरी बेटी" की आवाज़ सर के मुख से निकली...मैने फिर 4-5 सेकेंड्स में ही सर का पूरे का पूरा लंड अपने मूह में ले लिया था और उपर से नीचे तक गीला कर दिया था. फिर मैने सर के लंड को लॉलीपोप की तरह चूसना स्टार्ट कर दिया और अपने एक हाथ से सर के बॉल्स को सहलाती गई.....10 मिनट तक चुप्पे मारने के बाद सर ने कुछ इशारा किया और मैं रुक गई. .....

सर उठे और मेरी तरफ आए और मुझे मेरी मोटी गान्ड से पकड़ कर उठा लिया और दीवार के साथ लगा दिया. एक दम से मेरी शर्ट और ब्रा को मेरे शरीर से अलग कर दिया और ना जाने कब मेरे लेफ्ट मोटे दूध के निपल्स को सर ने अपने मूह में ले लिया.....हाईए कैसे यह मेरी दादा की उमर का बुड्ढ़ा एक चढ़ती जवानी वाली लड़की की चुची पी रहा है. मेरे होश गुम हो रहे थे. सर मेरे दोनो दूध को एक एक करके मस्त मस्त चूस रहे थे और मैं बॅस....उफफफफ्फ़....हइईईई....ओह्ह्ह्ह गॉड.....ही कर सकती थी. मेरे मोटे-मोटे गोरे रंग के दूध को वो अपनी मर्ज़ी से मसल रहा था और निपल्स को खीचे भी जा रहा था. हइईई बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था मुझे.अब मुझे इतनी ठरक चढ़ चुकी थी कि मैने अपने हाथों से अपने दूध को पकड़ा और सर के मूह में ठूँसने लगी....अहह.....कितना मज़ा आ रहा था....

साला बुड्ढ़ा आधे घंटे पहले मेरे उपर रौब जमा रहा था और अब मैं इसको अपने अपने इशारों से नचा सकती हूँ..मेरे दोनो निपल्स को चूस चूस कर लाल कर दिया उसने......मेरा पूरा मम्मा मूह में लेने की कोशिश करता रहा और अपने दाँतों से निप्पल्स पर हल्का सा दर्द भी दे रहा था वो......फिर मैने कहा 

मे- सर हमे टाइम का भी ध्यान रखना चाहिए ना....3 घंटे का पेपर है और 1 घंटे से कम रह गया है.
सूपरिंटेंडेंट- हां बेटा....चल अब इस आग को पूरी तरह से भुजा दे......
मैं फिर सर के साथ लिपट गई 

सर ने मेरे सारे कपड़े अलग कर दिए और मैं बिल्कुल रूम में नंगी हो गई.हइईए मेरी कमसिन चूत जिसके उपर बिल्कुल छोटे से बाल थे सर की आँखों को मज़ा दे रहे थे. शर्म तो जैसे मुझसे कोसों दूर चली गई थी. सर ने अपनी सिर्फ़ शर्ट रहने दी और नीचे से बिल्कुल नंगे हो गये. फिर सर ने मुझे बेंच की सीट पर लिटा दिया और मेरी टाँगों को खोल दिया. हाईए अब मैं अपने सूपरिंटेंडेंट सर से चुदने वाली थी यार. सर ने अपना मोटा लंड मेरी चूत के उपर रखा तो 

मे- सर प्लीज़.....ऐसे मत कीजिए....कॉंडम डाल लीजिए
सर- लेकिन बेटा उससे मज़ा नही आएगा....मुझे तेरी ऐसे ही मारनी है
मे- सर नही.....मैं प्रेग्नेंट नही होना चाहती....सर प्लीज़
सर- बेटा आइ नो तुम बहुत एक्सपीरियेन्स्ड हो....तुम्हे अच्छी तरह पता है बाद में क्या करना है जिससे तुम प्रेग्नेंट नही हो सकती.....
मे- सर प्लीज़्ज़......सर कॉंडम के साथ ठीक रहेगा
सर- बेटा तुम्हे पास होना है ना......
मे- हंजी सर
सर- तो मुझे ऐसे करने दो....बहुत अच्छे नंबरों से पास होगी तू बेटी
मे- ओके सर.....जैसी आपकी मर्ज़ी

सर ने फिर मेरी गीली चूत के उपर अपना लंड रखा और एक ही झटके में....पूरे का पूरा अंदर घुसा दिया.......अहह..........एक करेंट सा लगा और मुझे सर का मोटा लंड अपनी फुद्दि के अंदर महसूस हुआ....
मे- हइईए.....अहह
सर- उफफफफफफ्फ़....क्या चुत्त्त्त्त्त्त है....वाहह.....
मे- हाई सर.....आराम से चोदो सर.....आराम से
सर- ओह मेरी बेटी.....तू मस्त है यार....क्या गर्म है तू
सर मेरी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहे थे.....और हम एक दूसरे से बिल्कुल लिपटे हुए थे.....मैं भूल चुकी थी कि मैं कहाँ हूँ और बस लंड का स्वाद चख रही थी. सर अब पागलो से मेरी चूत ठोक रहे थे. बहुत ज़्यादा तेज़ी से मेरी इज़्ज़त लूट रहे थे मेरे सर.....मैने सर की आँखों में देखा तो वो बस हवस के मारे लाल हो चुकी थी और उनका पसीना यह बता रहा था कि मेरी चूत की गर्मी उनको अंदर से ठंडा कर रही है और बाहर से तपा रही है. हइईईई......लंड बहुत मज़ा दे रहा था मुझे.......
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06-16-2018, 12:05 PM,
#8
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
पचह........पचह की आवाज़ से रूम की खामोशी टूट रही थी और हमारी सेक्सी आवाज़ें इसे और मज़ेदार बना रही थी. जब मेरा पानी निकलने लगा तो मैने सर को कस के पकड़ लिया और उन्हे चूमने लगी.......अहह.......अहह......की आवाज़ के साथ मैने अपना पानी निकाल दिया था पर सर मुझे चोदे जा रहे थे.....चोदे जा रहे थे और कस कस के मेरी इज़्ज़त लूट रहे थे. फिर सर ने कहा मेरी बेटी अब तैयार हो जा.....मेरा निकलने वाला है....मैने सर के होठों को चूमा और सर से हां का इशारा किया और कस के पकड़ लिया.....सर ने फिर और तेज़ी से झटके मारे और चोदने लगे.....बेंच की चर्र्र्ररर चर्र्र्र्र्ररर की आवाज़ के साथ मेरी चूत को अपने लंड की मार रहे थे सर. फिर मुझे सर के लंड में एक हरकत महसूस हुई और तभी सर ने अपना माल पिचकारी की तरह मेरी चूत में निकलना शुरू कर दिया........

मे---हइईए.......सर......गरम है.......
सर- अहह मेरी बेटी......ओह गॉड.....लेयययययी माल.......
सर जब तक पूरे खाली नही हुए तब तक मुझे कस के पकड़े रहे....और फिर जब थोड़ी देर के बाद इस हवस की आग को शांति मिली तो हम उठे और दोनो ने बातें करते हुए कपड़े पहने. मैने कहा
मे- सर प्लीज़ मुझे पास करवा दो ना सर.....
सर- बेटा मैं तुम्हे आन्सर शीट देता हूँ...तुम यहाँ बैठो और मैं तुम्हे आन्सर्स बताता हूँ सारे और तुम मज़े से लिखना जितना टाइम चाहिए ले लो बेटा.........
मे- थॅंक्स सर.......थॅंक यू वेरी मच........
मैने ऐसा ही किया और सर ने सारे आन्सर्स बता दिए और मैने मज़े से पूरा एग्ज़ॅम कर लिया......मुझे यकीन हो गया कि मैं इस एग्ज़ॅम में पास हूँ.......
मैं फिर सर को थॅंक्स किया और जब घर जा रही थी तो मुझे ख्याल आया कि अब दूसरे एग्ज़ॅम की बारी है.....उसमें क्लियर कैसे करूँगी....यह भी सोचना पड़ेगा..

घर जाकर मुझे बहुत चिंता हो रही थी कि मैं कैसे नेक्स्ट एग्ज़ॅम में पास हो पाउन्गी. मैने सोचा बस सर मदद कर्दे इस टाइम भी....प्लीज़ सर की ड्यूटी मेरे रूम में हो.....प्लीज़ गॉड.....मैने जितना हो सकता था उस रात याद किया और अपने बाय्फ्रेंड के साथ भी ज़्यादा बात नही की क्यूंकी मुझे कल की बहुत टेन्षन हो रही थी .
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06-16-2018, 12:05 PM,
#9
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
आख़िरकार नयी सुबह की शुरुआत हुई और मैं मस्त नहा धो के तैयार हो के एग्ज़ॅम देने चल पड़ी. मैं फिक्स्ड टाइम से 1 घंटा पहले ही पहुँच गई थी. मैने देखा कि सब स्टूडेंट्स लगभग आ गये है. आज का एग्ज़ॅम भी मुश्किल था. मैं सर को ढूँढने लगी लेकिन मुझे सर नही मिल रहे थे. सूपरिंटेंडेंट भी अभी देखाई नही दे रहा था. मेरे होश गुम थे.मैने चारो तरफ देखा तो मुझे एक साइड पे राहुल और नदीम देखाई दिए जो क्लास के टॉपर लड़के थे. मैने सोचा यह भी मेरी क्लास में ही होते है और राहुल तो बिल्कुल मेरी लेफ्ट साइड में होता है और नदीम मेरे आगे की एक सीट छोड़ कर. मैने कहा इनसे कुछ बात करती हूँ...शायद कुछ हेल्प कर दे.

मैं जल्दी से उनके पास गई और एकाएक रुक गई और मैने उनको बड़े ही प्यार से बुलाया
मे- राहुल आंड नदीम क्या हाल है?
राहुल- अच्छा है सोनम.
नदीम- वेरी गुड आंड आपका ?
मे- मेरा हाल तो यार बहुत बुरा है.......
राहुल- आरे क्यूँ क्या हुआ?
मे- यार क्या बताऊ मेरा रोने को दिल करता है राहुल
राहुल- अच्छा लेकिन क्या हुआ....एग्ज़ॅम की टेन्षन है?
नदीम मेरी तरफ ध्यान नही दे रहा था और नोटबुक से रटते लगाने में मुशरूफ था.
मे- हां यार बहुत ज़्यादा टेन्षन है राहुल.
नदीम- आरे यार प्लीज़ धीरे बोलो....मुझे पढ़ने दो...प्लीज़्ज़्ज़्ज़
राहुल- ओके यार तू पढ़ले यार....नही डिस्टर्ब करते तुझे...सोनम इधर आके बताओ किस क्वेस्चन में प्राब्लम है.

हम दोनो थोड़ा दूर चले गये नदीम से और वहाँ जाकर हमारी फिर से बात चीत शुरू हुई 
मे- यार क्या बताऊ मुझे कुछ नही होता.....मैं फैल हो जाउन्गी.....
और मैने रोना शुरू कर दिया.......र्र्र्र्र्र्ररराहुल्ल्ल्ल्ल्ल मैं फैल हो जाउन्गी.....
राहुल- अरे सोनम ऐसा नही कहते.....प्लीज़ मत रो यार....ऐसा नही होगा कुछ....तुमने कुछ तो याद किया होगा ना....एग्ज़ॅम ईज़ी आएगा देखना
मे- नहियीईई राहुल....मुझे कुछ नही आता......मैने कुछ याद नही किया.....मैं पक्का फैल हूँ इस एग्ज़ॅम में....आआआआआअ प्लीज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी हेल्प कर दो
राहुल- आरे मैं कैसे हेल्प करूँ यार,,,,,,
मे-- आआआआअ....मैं फैल हो जाउन्गी........मैं अपना मुँह छिपाकर रोने लगी.... और मैं भागकर सीढ़ियों से उपर के फ्लोर पर चली गई और वहाँ एक पिल्लर के साथ सटकर रोने लगी. 
तभी थोड़ी देर के बाद मेरे कंधों पर किसी ने हाथ रखा और जैसे ही मैने अपना मुँह घुमाया तो राहुल मेरे सामने था...
राहुल- प्लीज़ सोनम रोना बंद करो....ऐसे कुछ नही होगा.......
मे- नही राहुल.....मेरी इन्सल्ट हो जाएगी......और यह कहते ही मैं राहुल से गले लिपट गई और रोने लगी.......

ऐसी मस्त टाइट दूध और मोटी गांद वाली लड़की अगर किसी जवान लड़के से चिपक कर गले लगी हो तो कोई भी मर्द क्या नमार्द का भी लंड खड़ा हो जाएगा. राहुल भी थोरी देर के लिए रुका रहा. मुझे पता था वो मेरे कोमल से नरम नरम दूध जो उसके सीने से सटे हुए थे उनका मज़ा ले रहा था. तभी राहुल ने मेरे बालों पर हाथ फेरा और कहा 
राहुल- सोनम.....प्लीज़ मैं तुमहरे साथ हूँ .....फिकर मत करो....
मे- ओह्ह राहुल.....यू आर सो स्वीट.....प्लीज़्ज़ मेरी हेल्प कर देना....बदले में जो मर्ज़ी लेना मुझसे
राहुल- ओह रियली सोनम......सच में.....चाहे कुछ भी माँग लूँ.......
मे- ओह राहुल ......जो मर्ज़ी .....सब कुछ मेरा तुमहरा है

राहुल- ओह सोनम......क्या बात है.....ऐसा कहते हुए उसने मुझे कस के गले लगा लिया....और मेरे मम्मों को पकड़ लिया और शर्ट के उपर से ही खूब मसला......और फिर मेरे होठों को अपने होठों में ज़ोर से पकड़ लिया और चूसने लगा......साथ साथ में उसने अपने हाथों से मेरे दोनो चुतड़ों के साइज़ को चेक किया.....अहह मज़ा आ रहा था लेकिन मैने तभी उसे अपने से अलग कर दिया.....
राहुल- प्लीज़ सोनम करने दो ना.......
मे- नही राहुल.....अभी नही ....बाद में पक्का करने दूँगी.....
राहुल- तो ऐसा करना जब एग्ज़ॅम में मैं पानी के लिए जाऊ बाहर तो तुम भी आ जाना थोड़ी देर के बाद......प्लीज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
मे- ठीक है राहुल.....लेकिन प्लीज़....मेरी हेल्प करना......मैं तुमको बहुत मज़े दूँगी
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06-16-2018, 12:05 PM,
#10
RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
फिर हम अपनी क्लासस में आ गये और एग्ज़ॅम शुरू हो गया.....ओह गॉड क्वेस्चन पेपर मिला तो मेरी गान्ड फट गई यार....कुछ भी नही आता था मुझे......मैने घूम के राहुल की ओर देखा तो राहुल ने हल्की से मुस्कुराहट से इशारा किया जैसे कह रहा हो कि मैं हूँ ना ..

आधा घंटा हो गया था....और मैने अभी कुछ भी नही लिखा था...जस्ट क्वेस्चन नंबर डाल कर बैठी थी...मैने देखा कि राहुल लगातार लिखे जा रहा था जिसे देखकर मुझे अजीब सा लग रहा था कि साले ने मुझे करवाना भी है या नही. फिर 10 मिनट के बाद वो बाथरूम का बहाना लगकर बाहर चला गया. मैं 5 मिनट बाद बाथरूम का ही बहाना लगाकर बाहर आ गई रूम के. मैं गर्ल्स बाथरूम में गई तो वहाँ राहुल छुप के बैठा था. उसने झट से मुझे कहा कि मैं एक रूम के अंदर आ आ जाऊ और डोर बंद कर दूं. मैने डोर बंद कर दिया और अंदर आ गई. उफफफफफफफफ्फ़ बाथरूम की गंदी गंदी स्मेल आ रही थी वहाँ....राहुल ने मुझे कस के अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था......

मे- राहुल ये क्या तुम तो मेरी कोई भी हेल्प नही कर रहे?

राहुल- अरे यार मुझे तो कर लेने दो.....मैने 2 सेक्षन्स कर लिए है..बस 2 रह गये हैं. अब जाकर तुम मुझे अपनी शीट दे देना और मेरी ले लेना. मैं तुम्हारा पूरा कर दूँगा और हम फिर से एक्सचेंज कर देंगे.
मे- ओह वाउ राहुल.....यू आर सो स्वीट...
फिर मैने राहुल के होठों के उपर होन्ट रखे और उसका एक ज़बरदस्त चुम्मा लिया. राहुल की पकड़ मेरे शरीर पर और कस गई.फिर राहुल ने मुझ दीवार से सटाया और पागलों की तरह मेरे लिप्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. मेरी जीब तक को खीच खीच कर अपने मुँह में लेने लगा. अहह.....मुझे तो अब मज़ा आने लगा था. मैने भी बड़ी बेशर्मी से उसके मुँह में अपनी जीब डालने लगी. मैं ज़ोर ज़ोर से उसके मुँह को अपनी जीब से चोदने लगी. उसके तो होश गुम हो गये. वो मदहोशी में खोने लगा था और उसकी आँखों में यह साफ दिखाई दे रहा था. अपने एक दूसरे के लिप्स को चूसने में कोई कसर नही छोड़ी और बहुत देर तक रस पीते गये.

फिर राहुल ने मेरी शर्ट उतारी और वाइट ब्रा को उपर उठाया तो मेरे गोरे गोरे मम्मे उसके सामने नंगे हो गये. हइईई....उसने अपने दोनो हाथों से मेरे दोनो मम्मों को पकड़ा और निपल्स को खीचा.......अहह.....हइईई राम मज़ा तो इतना आ रहा था कि बताया नही जा सकता था. 

राहुल- ओह माइ सोनम......कितने प्यारे मम्मे है तेरे.....मेरी जान प्लीज़्ज़ अपना दूध पिला मुझे...
मे- हां राहुल....पी लो दूध......यह लो चूसूऊऊओ ......जितना मर्ज़ी चूसो इनको.....
राहुल- ओह माइ बेबी........सुप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प......सुप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प
वो तो बसस्स प्यासे की तरह मेरे खड़े और तने हुए ब्राउन रंग के निपल्स को खीच खीच कर चूस रहा था.......थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था और ना सहने वाला मज़ाआअ भी आ रहा था.राहुल ने तो मेरे मम्मे चूस चूस के लाल कर दिए....उसके दाँतों के निशान मेरे मम्मों पर पड़ गये थे.....उसने मेरे इन कोमल दूध का अच्छे से इस्तेमाल किया......

फिर मैं नीचे झुकी और राहुल की पेंट खोल दी.....उसने ब्लू कलर की अंडरवेर पहनी हुई थी और मैने उसको जब नीचे किया तो वॉवववववववव......क्लीन शेव लंड मेरे सामने था.....वो भी पत्थर की तरह सख़्त......
मे- ओह राहुल.....क्या चीज़ है यह
राहुल- सोनम डार्लिंग तेरे लिए ही है.......जम के इसको चूस.......
मैने उसको प्यारा सा किस किया और एक ही झटके में मुँह में ठूंस लिया.......ह्म्म्म्म ममम यूम्मम्ममय्ययययययी....मजेदार सा टेस्ट आ रहा था......मैं उसको कस कस के चुप्पे देने लगी........
राहुल----ओह वॉवववववव.......सोनम डार्लिंग......क्या मज़ा देती है तू......और चूस.......
मैं ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रही थी उसके मस्त लंड को.......पूरे अंदर गले तक जा रहा था उसका लंड और मैं अपने गले तक ले रही थी उसे......बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर राहुल ने मुझे नंगा कर दिया पूरा और मेरी हल्के से बालों वाली फुद्दि के दर्शन किए...हम दोनो बिल्कुल नंगे हो चुके थे......
राहुल- ओह मेरी सोनम......क्या मस्त माल है तू.....क्या फुद्दि है तेरी जान.....और मस्त गांद.....मैं तो तुझे छोड़ूँगा नही........
राहुल बस इतना कहते ही मुझसे लिपट गया.....मैं गर्म हो गई थी......हम दोनो का नंगा जिस्म एक दूसरे को हवस की गर्मी से भिगो रहा था. फिर राहुल ने मेरी चूत पर हाथ रखा और मुझसे करेंट सा लगा......अहह राहुल.......ओह जान.........राहुल ने नीचे झुक कर मेरी फुद्दि को खोला और उसको किस किया.....मैं तो मज़े में बेहोश सी हो रही थी......फिर राहुल ने अपनी ज़ुबान को मेरी फुद्दि को खोलकर पूरा अंदर तक डाल दिया.हइईई राआाँ......मेरी तो हल्की सी चीख निकल गई.....क्या मज़ा आ रहा था मुझे.....मैं तो आँखें बंद करके इस मज़े को महसूष कर रही थी.....

राहुल ने पूरी मनमानी के साथ मेरी फुद्दि को चाटा और फिर मुझे अपनी गोदी में उठाकर अपना खड़ा लंड मेरी चूत में डाल दिया......

मैं-.अहह राहुल फट गई मेरी ........ 
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