Chudai Story मौसी का गुलाम
10-12-2018, 12:54 PM,
#41
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मैंने चुन्टी में निपल पकडकर खींचे और मसले भरसक हचक हचक कर ललिता की गान्ड मारी और आख़िर कसमसा कर ललिता की आँतों में बड़ी गहराई में अपना वीर्य उगलता हुआ झड गया मेरे झडते ही मौसी भी झडी और फिर उठ कर मेरे सामने खिसककर आ गयी और अपनी चुनमूनियाँ मुझे चूसने को दे दी

जब मैंने अपना झडा लंड ललिता की गुदा में से खींच कर निकाला तो मैं इतना तृप्त था जितना काफ़ी दिनों में नहीं हुआ था ललिता को मैंने पूरे दम से चाहे जैसा भोगा था और सब मेरी मौसी की सहायता से इसलिए मैंने बड़े प्यार और पूजा के भाव से उसके पैर लिए

ललिता का गान्ड का छेद चुद कर खुल गया था और लाल लाल कुचले फूल जैसा लग रहा था उसपर एक भी कतरा वीर्य नहीं नज़र आया क्योंकि मैंने बहुत गहराई में उसे स्खलित किया था ललिता धीरे से उठाकर कपड़े पहनने लगी उसके मम्मे भी मसले जाने से लाल हो गये थे निपल लंबे हो गये थे वह कराहती हुई बोली "हाय दीदी, इसने तो मुझे किसी काम का नहीं छोड़ा अभी पूरा घर का काम बाकी है कैसे करूंगी?"

उसने कपड़े पहने और मेरे पास आकर मुझे लिया "इतना हचक हचक कर छोड़ना तूने कहाँ से सीखा मुन्ना? ज़रूर दीदी ने सिखाया होगा" चलते चलते वह टाँगें फैला कर चल रही थी जैसे गान्ड में दर्द हो रहा हो इतनी बेरहमी से गान्ड मारी जाने के बावजूद वह काफ़ी खुश लग रही थी वह काम करने लगी और मैं और मौसी आकर बेडरूम में सो गये मौसी ने ललिता से कहा कि वह जाते समय दरवाजा बंद कर दे

ललिता को अपनी गान्ड पर हुए अत्याचार के बावजूद इस मैथुन में बड़ा मज़ा आया था इसलिए अब वह रोज सारी दोपहर हमारे साथ बिताने लगी एक दो घरों का काम भी इसलिए उसने छोड़ दिया मौसी ने भी उसकी तनखा बढ़ा दी

हाँ पहले उसने सॉफ कह दिया कि हफ्ते में दो तीन बार से ज़्यादा वह गान्ड नहीं मरवाएगी, और वह भी मक्खन से चिकना करने के बाद ही मैं चोदून्गा ऐसा वादा जब मैंने किया, तभी वह तैयार हुई चाहता तो मैं था कि उसकी टाइट गान्ड रोज मारूं पर सच उसे इतना दर्द होता था कि मैं उसकी शर्त मान गया

करीब करीब रोज मेरी, मौसी की और ललिता नौकरानी की चुदाई दोपहर को होती थी छुट्टियाँ खतम होने के पहले मुझे ललिता की लड़की रश्मि को चोदने का भी मौका मिला यह मौसी की ही करामात थी

एक दिन मैं ललिता पर चढ कर उसे चोद रहा था मौसी की चुनमूनियाँ ललिता ने अभी अभी चुसी थी इसलिए झडी हुई मौसी सिर्फ़ पास में बैठकर अपनी तृप्त चुनमूनियाँ सहलाती हुई हमें देखकर मज़े ले रही थी मैंने अचानक तैश में आकर झुककर ललिता का एक मम्मा मुँह में ले लिया और चूसने लगा ललिता सिहर कर बोली "चूस बेटे चूस, बहुत अच्छा लगता है पर काश मैं तुझे अपनी चूची से दूध पिला सकती मेरी बेटी की तरह अगर मेरे थनो में दूध होता तो क्या मज़ा आता मुन्ना!"

फिर वह मौसी की तरफ मुड कर बोली "दीदी, आप को मालूम है ना, रश्मि अभी आठ महने पहले ही माँ बनी है, और इतना दूध निकलता है उसकी चूचियों से कि पूछो मत, मैं तो सोच रही हूँ कि निकाल कर बेचने लगूँ" और अपने इस मज़ाक पर वह ज़ोर से हँसने लगी

मौसी की आँखें चमकने लगीं उसने पूछा "बच्चे को दूध तो पिलाती होगी रश्मि, फिर दूध क्यों बचता है?" ललिता ने कहा कि बच्चा रश्मि की सास के पास है और इसलिए रश्मि का दूध बच जाता है

मौसी ने ललिता से कहा कि वह एक दिन रश्मि को साथ ले आए "राज को दूध पीला देगी, उस बेचारे का बहुत मन होता है चूची चूसने का मेरी चूची चूसता है तो मुझे भी लगता है कि काश, मेरे थनो मे दूध होता!" किसी जवान औरत के स्तन का दूध पीने की कल्पना ही मुझे इतनी मादक लगी कि मैं कस के ललिता को दूने जोश से चोदने लगा

क्रमशः……………………
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#42
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---20

गतान्क से आगे………………………….

ललिता मेरी इस हरकत पर हँसती हुई बोली "देखो दीदी, कैसा मचल गया दूध का नाम सुनकर असल में सब मर्द मन ही मन ऐसा ही सोचेते हैं बड़ा होकर भी दूध पीने की इच्छा मन से नहीं जाती! कल ही रश्मि बेटी को ले आती हूँ, पर दीदी वह भी काम करती है एक जगह, उसे छुट्टी लेनी पडेगी, तनखा कट जाएगी बेचारी की"

मौसी ने कहा कि उसका काम छुडवा दे और रोज साथ ले आया कर मौसी उसकी तनखा अलग से देने को भी राज़ी हो गयी

ललिता मुस्करा पडी एक तीर से उसके दो निशान लग गये थे बेटी को भी हमारे कामकर्म में शामिल होने का मौका मिल गया और तनखा भी मिली उसे खुश देखकर मौसी ने पूछा "ललिता, अब खुश है ना? चल अब सच सच बता अगर बच्चा नहीं पीता तो आज कल उस दूध का क्या करती है? फेक देती है?"

ललिता बड़ी शैतानी से मुस्कराते हुए बोली "नहीं दीदी, फेकूँगी क्यों इतना बढ़िया माल? मैं पी जाती हूँ" यह उल्टी गंगा बहने की बात सुनकर, कि एक माँ अपनी बेटी का दूध पीती है, मैं ऐसा मचला कि एक जोरदार धक्का ललिता की चुनमूनियाँ में मारकर स्खलित हो गया

मौसी ने भी ललिता की रसती चुनमूनियाँ चूसकर उस मिश्रण को बड़े चाव से निगला और फिर ललिता से पूरी कहानी सुनाने को कहा आज वह भी मूड में थी इसलिए सब बताने को तैयार हो गयी

हम दोनों को ललिता की कहानी सुनते सुनते यह पता चला गया कि ललिता और उसकी बेटी रश्मि, दोनों लेस्बियन थीं और उनका आपस में चक्कर बहुत दिनों से चल रहा था इसी कारण रश्मि अपनी माँ के पास ही रहती थी और पति के घर नहीं वापस जाना चाहती थी

यह चक्कर तब से चल रहा था जब से रश्मि जवान हुई थी ललिता का पति शराबी था और कब का घर छोड़ कर भाग गया था चुदाई की प्यासी ललिता अपनी किशोर कमसिन बेटी की ओर आकर्षित हुई और उसे बड़ा आनंद हुआ जब रश्मि भी इस नाजायज़ संबंध के लिए आसानी से तैयार हो गयी उसे भी अपनी माँ बहुत अच्छी लगती थी दोनों का काम संबंध इतना पनपा की ललिता को फिर से शादी करने की इच्छा ही नहीं हुई उसकी बेटी उसकी हर ज़रूरत पूरी करती थी उधर रश्मि भी शादी नहीं करना चाहती थी
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#43
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
पर परिवार वालों के दबाव में आकर उसे रश्मि की शादी करना पडी उसने पहले ही रश्मि के ससुराल वालों को कह दिया कि शादी के बाद भी ज़्यादातर उसकी बेटी उसी के पास रहेगी, बस कभी कभी अपने पति के यहाँ जाएगी दहेज भी उसने खूब दिया इसलिए ससुराल वाले भी आसानी से मान गये रश्मि का पति वैसे भी दुबई में नौकरी करता था इसलिए यहाँ रहता ही नहीं था बस, रश्मि शादी के बाद भी अक्सर अपनी माँ के यहाँ ही रहती

रश्मि की सास को पोते की चाह थी और उसके आग्रह पर आख़िर रश्मि बच्चा जनने को राज़ी हो गयी उसने अपनी सास से यह मनवा लिया कि बच्चे का पालन पोषण सास ही करेगी बच्चे को जन्म देकर और तीन माह पाल पोस कर वह उसे अपनी दादी के यहाँ छोड़कर खुशी खुशी माँ के यहाँ लौट आई और उनका लफडा फिर चालू हो गया

माँ बेटी की यहा विकृत मादक यौनकता सुनकर हम सब ऐसे उत्तेजित हो गये कि तीनों ने मिलकर फिर एक बार जोरदार चुदाई की आख़िर ललिता रश्मि को कल लाने का वायदा करके दो घंटे बाद घर वापस गयी

दूसरे दिन हम दोनों बड़ी बेसब्री से ललिता और रश्मि का इंतजार कर रहे थे अचानक फ़ोन आया और मौसी को कुछ घंटे के लिए ज़रूरी काम से एक संबंधी के यहाँ जाना पड़ा वह जल्दी से तैयार हो गयी और जैसे ही ललिता रश्मि के साथ आई, मुझे उनके सुपुर्द करके मेरा चुंबन लेकर चल पडी

जाते जाते ललिता को हिदायत दे गयी "पहले घर का काम ख़तम करो ललिता रानी और फिर मेरे भांजे के साथ जो करना है वह करो उसे खिला पिला देना, मैं तब तक वापस आ ही जाऊन्गी हाँ इसे मस्त रखना, हो सके तो ज़्यादा झडाना नहीं" जाते जाते वह बड़े गौर से रश्मि को देख रही थी लगता है कि रश्मि उसकी निगाह में भर गयी थी

मैं भी रश्मि को घूर रहा था ललिता यह देखकर मुस्कराने लगी माल ही ऐसा था पहली नज़र में तो रश्मि एक सीधी सादी जवान नौकरानी जैसी दिखती थी जैसी घर घर में होती हैं उम्र करीब बीस बाईस होगी वह ललिता जितनी ही उँची थी पर बदन ज़्यादा भरा पूरा था एक सादा सफेद ब्लओज़ और गुलाबी साड़ी उसने पहन रखी थी चेहरा आकर्षक और सुंदर था और होंठ मोटे मोटे रसीले थे नाक में वह नथ पहने थी

गौर से देखने पर रश्मि की रेशम जैसी चिकनी साँवली त्वचा, और गठे बदन की खूबसूरती दिखती थी उसके स्तनों का विशाल आकर उसकी साड़ी और चोली में से भी सॉफ दिखता था वह नौकरानियाँ पहनती हैं, वैसी सस्ती नुकीले शंकु जैसी ब्रेसियर पहने थी और वे तन कर खड़े शंकु उसकी साड़ी के आँचल में से भी उभर आए थे
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#44
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
लंबे घने बालों की उसने फूल गूँध कर वेणी बाँध ली थी कमर काफ़ी मुलायम और थोड़ी फूली हुई थी, मुलायाम माँस का एक टायर उसकी कमर के चारों ओर बन गया था जैसा अक्सर गर्भवती होने के बाद औरतों का होता है कूल्हे भी अच्छे बड़े बड़े और चौड़े थे नितंब तो मानों बड़े रसीले तरबूज थे

उसे देखकर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया ललिता मेरी इस दशा पर हँसने लगी "क्यों मुन्ने राजा, मज़ा आ गया सिर्फ़ रश्मि को देखकर? अभी तो कुछ देखा भी नहीं, किया भी नहीं, आगे क्या करोगे मुन्ना?" ललिता ने फिर रश्मि से कहा कि जल्दी जल्दी घर का काम निपटा ले मैं उनके पीछे पीछे मम्त्रमुग्ध होकर घूमने लगा रश्मि से बात करने का तो मुझे अभी साहस नहीं हो रहा था, कुछ शरमा रहा था बस मैं उसे घूरे चला जा रहा था हाँ, ललिता को बार बार चिपटकर मैं उसे चूमने की कोशिश कर रहा था

ललिता बर्तन धो रही थी तब मैं उससे चिपक कर खड़ा था उसने एक दो बार बड़े लाड से मुझे चुंबन दिया पर जब मैं उससे लिपट कर उसके चुतडो पर अपना लंड निकर के नीचे से ही घिसने लगा तो उसने महसूस किया कि मेरा कितना जम कर खड़ा है रश्मि मेरे यह कारनामे देखती हुई हँसते हुए अपना काम कर रही थी

ललिता ने अचानक काम बंद किया, हाथ धोए और मुझे पकडकर खींचती हुई एक कुर्सी तक ले गयी मुझे उसमें ज़बरदस्ती बिठा कर उसने रश्मि से कहा "बेटी, ज़रा दीदी की दो ब्रा ले आ, उनकी अलमारी से यह हरामी लडका मानेगा नहीं, अभी झड जाएगा, और दीदी मुझे ही डान्टेगी इसे बाँध कर रखना पड़ेगा, जैसे दीदी कभी कभी करती है" दोनों ने मिलकर पहले मुझे नंगा किया और फिर कुर्सी से कस कर मेरे हाथ पाँव बाँध दिए

मेरे जैसे असहाय किशोर को अपने कब्ज़े में पाकर दोनों खुश थीं मेरा लंड अब तक तन्ना कर उछल रहा था, मैं वासना से पागल सा हो रहा था साली बदमाश ललिता ने जानबूझ कर मेरी उत्तेजना और बढ़ाने के लिए झुककर मेरे लंड का चुंबन लिया और चूसने लगी झडने की कगार पर लाकर उसने छोड़ दिया और मेरी दशा पर खिलखिलाते हुए मुझे वैसा ही छोड कर दोनों अपना काम निपटाने लगीं

उनका काम खतम होने में घंटा लग गया, तब तक मैं तडपता रहा बीच बीच में मुझे और तरसाने को ललिता अपनी बेटी को लाती एक बार तो मेरे सामने खड़ा करके उसने पूरे दो मिनट रश्मि को बाँहों में भरकर उसके चूतड़ दबाते हुए उसका गहरा चुंबन लिया

आख़िर उनका काम खतम हुआ और मेरे पास आकर वे दोनों बारी बारी से मुझे चूमने लगीं ललिता ने तो कस के मेरे होंठ चूसे और मेरे गले में अपनी जीभ डाल दी रश्मि ने बड़े प्यार से बड़ी बहन जैसे मेरा चुंबन लिया, पहले हौले हौले और फिर खूब देर तक मेरे होंठ चूसे वो जानबूझकर मेरे मुँह में अपनी लार छोड़ रही थीं दोनों का मुखरस बड़ा मीठा था और उसमें से पान की खुशबू आ रही थी

फिर वे दोनों मेरे सामने खडी हो गयीं ललिता बोली "चल बेटी, दीदी आती है तब तक हम तो आपस में मज़ा कर लें, तू कल जल्दी सो गयी, मुझे मौका ही नहीं दिया" दोनों अब एक दूसरे के कपड़े उतारने लगीं ललिता मुझे आँख मार कर बोली "मुन्ना, हर रात चुदाई करने के पहले हम दोनों माँ बेटी ऐसे ही एक दूसरे के कपड़े उतारती हैं धीरे धीरे, मज़ा ले लेकर"

क्रमशः……………………
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#45
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---21

गतान्क से आगे………………………….

साड़ियाँ और चोली तो तुरंत उतार दी गईं ललिता जो उनके नीचे कुछ नहीं पहनती थी, अब मादरजात नंगी थी उसके निपल खड़े हो गये थे और जांघें भी गीली थीं, साली बहुत गरमी में थी रश्मि अब ब्रेसियर और पैंटी में थी उसका अर्धनग्न गोल मटोल शरीर तो ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी कच्चा चबा जाऊ ख़ास कर के उसकी नुकीली शंकु जैसी ब्रेसियर में उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ समा नहीं रही थीं रश्मि की जांघें भी मोटी मोटी और चिकनी थीं पिंडलियों पर हल्के बाल थे

ललिता ने भी मानों मेरे मन की बात जानकर कहा "राज बेटे, रश्मि अभी अभी माँ बनी है ना, इसलिए देख क्या मस्त गोल मटोल हो गयी है, बड़ी स्वादिष्ट है, आज तू खुद ही चख कर देख लेना"

रश्मि की चड्डी के बीच के पत्ते के दोनों ओर घने काले बाल निकल आए थे इतनी बड़ी झांतें थीं की कच्छी में छूप नहीं रही थीं उसकी चड्डी सामने से गीली भी थी और चुनमूनियाँ की भीनी भीनी खुशबू कमरे में फैल गयी थी रश्मि मेरे पास आई और मुझे चूमते हुए कहने लगी "बोलो मेरे राजा भैया, पहले दूध पिएगा अपनी दीदी का या चूत चूसेगा?"

इन दो मस्त चीज़ों में से क्या चूमू यह मैं सोच रहा था तभी दुष्टा ललिता बोली "अभी कुछ मत दे उसे बेटी, पहले अपनी प्यासी माँ के साथ थोड़ा मज़ा कर ले, यह कहीं भागेगा थोड़े"

ज़मीन पर बैठते हुए उसने रश्मि को भी नीचे खींच लिया और चूमने लगी जल्द ही दोनों चुड़ेलें खिलखिलाकर हँसते हुए एक दूसरे को लिपटकर खूब चूमते हुए प्यार से कुश्ती खेलने लगीं ऐसा वह अपनी चुदासी और बढ़ाने को कर रही थीं रश्मि जल्द ही गरम हो गयी और सिसकने लगी "अम्मा, चल चूस ना अब, तंग मत कर, जल्दी मेरी चूत चूस ले"

ललिता ने रश्मि की पैंटी में से उभर कर दिख रही उसकी फूली चुनमूनियाँ को उंगली से सहलाया और रगडने लगी रश्मि ऐसे हाथ पैर मारने लगी जैसे मरने को हो आख़िर ललिता को अपनी बेटी पर दया आ गयी और उसने खींच कर रश्मि की चड्डी निकाल दी उसे उसने सूंघ कर देखा और फिर उठ कर मेरे पास आई पैंटी उसने मेरे सिर पर ठंड में पहनने वाली टोपी जैसे इस तरह पहना दी कि चड्डी का सामने का भाग मेरे मुँह पर रहे बोली "मुन्ना, ज़रा सूंघ के देख, क्या माल है मेरी बेटी की चुनमूनियाँ में"

वह वापस जाकर अपनी चुदैल बेटी के सामने उलटी दिशा में लेट गयी और जल्द ही माँ बेटी एक मस्त सिक्सटी नाइन के आसन में बँध गयीं कराहने, हँसने, चूसने और चाटने की आवाज़ों से कमरा गूँज उठा रश्मि अभी भी ब्रेसियर पहने थी इसलिए दो लिपटी हुई औरतों का वह दृश्‍य, एक पूरी नंगी और एक सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई, बड़ा ही मादक था मैंने अपने मुँह के सामने वाला रश्मि की चड्डी का भाग सूँघा और फिर उतावला होकर उसे मुँह में लेकर चूसने लगा उस ज़रा से स्वाद से ही पता चल गया कि रश्मि की चुनमूनियाँ क्या रसीली होगी
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#46
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
कुछ देर बाद वे अपने मुँह पोछती हुई अलग हुईं ललिता बोली "रश्मि बेटी, तेरी चूत तो आज ज़्यादा ही रसीली है, लगता है इस चिकने छोकरे को देखकर तू और मस्त हो रही है"

रश्मि मुस्करा कर मेरी ओर खा जाने वाली नज़र से देखते हुए बोली "चलो ना माँ, मैं इस मुन्ना को चोदना चाहती हूँ"

ललिता बोली "पहले इसे कुछ खिला पिला दे बेटी, भूखा होगा बेचारा, अब इस लडके को ज़्यादा मत तडपा" मुझे वैसे ही बँधा हुआ उन्होंने एक गुड्डे की तरह उठाया और लाकर बिस्तर पर पटक दिया

रश्मि की ब्रेसियर की दोनों नोकें अब गीली हो गई थीं ललिता बोली "दूध टपक रहा है तेरा, अब पिया नहीं तो सब बेकार जाएगा बेटी" रश्मि की नज़र अब मेरे लंड पर थी वह झुक कर उसे चूसने लगी ललिता ने उसे रोकना चाहा जब रश्मि ने एक ना सुनी तो उसे सावधान करते हुए ललिता बोली "बेटी, धीरे चूस नहीं तो यह झड जाएगा" रश्मि ने अनसुना करके मेरा पूरा शिश्न मुँह में भर लिया और गन्ने जैसा चूसने लगी

ललिता ने उसकी इस हरकत पर मुस्काराकर आख़िर हार मान ली और मेरे मुँह पर चढते हुए बोली "राज राजा, यह भूखी है, अब चूस के ही छोडेगी, चल तब तक तू मेरी चूत चूस ले" उसकी गीली चुनमूनियाँ में मुँह छुपा कर मैं चूसने लगा रश्मि ने उधर ऐसा ज़ोर से मुझे चूसा कि ललिता की चुनमूनियाँ में ही एक हल्की चीख निकालकर मैं झड गया

रश्मि ने ऐसे मेरा वीर्य निगला जैसे आइसक्रीम हो बूँद बूँद निकालकर ही उसने मुझे छोड़ा उठकर एक तृप्ति की डकार लेकर उसने अपनी माँ का चुंबन लिया "अम्मा, बहुत मज़ा आया, तू सच कहती थी, इस बच्चे की मलाई में जादू है" ललिता ने शायद पहले ही उसे हमारे चलाने वाले कामकर्म के बारे में सब बता दिया था अब तक ललिता मेरे मुँह में झडकर मुझे अपनी चुनमूनियाँ का पानी पिला चुकी थी वह नीचे उतरी और रश्मि मेरे होंठों को वासना से चूसने लगी

तब तक ललिता ने अपनी बेटी की ब्रेसियर उतार दी थी उसकी बड़ी बड़ी तोतापरी आमों जैसी चुचियाँ ब्रेसियर से ही अपने वजन से डोलने लगीं उनके बीच में रश्मि का मंगलसूत्र फंसा हुआ था जो उसने नहीं उतारा था उनके मोटे मोटे भूरे निपलो से अब सफेद बूँदें टपक रही थीं ललिता ने एक निपल मुँह में लिया और चूसने लगी मैं गुस्से से चिल्ला उठा मेरे हिस्से का दूध कोई पी जाए यह मुझे सहन नहीं हो रहा था "रश्मि, मुझे पीने दे ना, देख तेरी अम्मा ही पिए जा रही है" अब तक ललिता ने दूसरा निपल मुँह में ले लिया था

रश्मि ने हँसकर मुझे शांत किया "घबरा मत भैया, माँ तो बस इसलिए चूस रही है कि टपकाना बंद हो जाए नहीं तो इसे तो दिन रात मेरा दूध मिलता है अभी अभी सुबह पेट भर पिलाया था मैंने इसे"

ललिता अपने होंठ चाटते हुए सीधी हुई और मेरे लंड को चूमते हुए बोली "अब इसे खड़ा कर जल्दी जिससे मेरी बेटी इसे चोद सके जब चोदने लायक हो जाएगा तो तुझे चोदते हुए फिर अपना दूध पिलाएगी" दोनों मिलकर मेरे लंड को खड़ा करने में जुट गयी साली चुदैलो ने मेरे लाख कहने पर भी मेरे हाथ पैर नहीं खोले, उन्हें एक बँधे हुए किशोर से खेलने में इतना मज़ा आ रहा था जैसे बच्चों को गुड्डे से खेलने में आता है

मेरा लंड अब काफ़ी कड़ा हो गया था ललिता उसे अपनी चुनमूनियाँ में घुसेड कर मुझपर चढ बैठी और चोदने लगी "पहले मैं चोदती हूँ अपने प्यारे मुन्ना को बेटी, तू तब तक इसे अपनी चुनमूनियाँ तो चटवा" ललिता ने मुझे चोदते चोदते ही रश्मि को मेरे मुँह पर चढ़ने में सहायता की रश्मि की चुनमूनियाँ मौसी की तरह घने बालों से घिरी थी इसलिए उसने उंगलियों से बाल बाजू में करके फिर अपने भगोष्ठ मेरे होंठों से लगाए

मैंने उस रसीली मसालेदार चुनमूनियाँ को खूब चूसा अलग टेस्ट था पर रस बहुत था, पानी की तरह बह रहा था आख़िर जवान छोकरी थी जीभ भी मैंने अंदर डाली बड़ी मुलायम चुनमूनियाँ थी पर थोड़ी ढीली थी, अभी अभी आठ महने ही तो हुए थे उसे बच्चा जने

मैंने मन भर के चूसा और तब तक ललिता ने चोद कर मेरा लंड फिर तन्ना दिया दोनों ने अपनी जगहें बदल लीं रश्मि की ढीली ढाली गीली चुनमूनियाँ में मेरा लंड ऐसा समाया कि मुझे पता ही नहीं चला रश्मि जब मुझे चोदने लगी तो ललिता ने उसे समझाया "ढीला है ना बेटी, बच्चा छोटा है अभी पर तू भी तो अपना भोसडा लेकर आई है ज़रा कस ले अपना भोसडा, चुनमूनियाँ सिकोड और फिर चोद"

रश्मि ने अपनी चुनमूनियाँ सिकोडी तो ऐसे मेरे लंड को पकड़ा कि मैं सुख से सिहर उठा मैंने नहीं सोचा था कि उसकी ढीली चुनमूनियाँ इतने ज़ोर से मेरे लंड को पकड़ सकती है मेरे आश्चर्य पर मुस्काराती हुई ललिता बोली "तंदुरुस्त मेहनती बेटी है मेरी, चूत को कसना जानती है"

क्रमशः……………………
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#47
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---22

गतान्क से आगे………………………….

जैसे जैसे मैं चुदता गया, मेरी वासना बढ़ती गयी, मैं भी नीचे से चुतड उछाल कर उसे चोदने की कोशिश करने लगा रश्मि ने मेरे इस उतावलेपन पर धमकी दी "अगर झडा तो दूध नहीं पिलाऊंगी साले, घंटे भर चोदना है मुझे" ललिता उसके बाजू में बैठकर उसे चूमते हुए उसके स्तन मसलने लगी साली अपनी उंगली से अपने क्लिट को सहलाती हुई दो उंगलियाँ चुनमूनियाँ में डालकर मुठ्ठ भी मारने लगी मुझसे ना रहा गया "ललिता बाई, चूत मुझे चूसने दे ना, मुठ्ठ क्यों मारती है?"

सुख से सिसकती हुई वह बोली "नहीं बेटे, मुझे इसमें भी मज़ा आता है, मैं तो उंगली से ही करूँगी, दो दिन हुए सडका लगाए" पर मुझ पर तरस खा कर बीच बीच में वह अपनी उंगलियाँ चुनमूनियाँ से निकालकर मुझे चटाने लगी

पर अपनी बेटी पर वह ज़्यादा मेहरबान थी एक बार मुठ्ठ मार कर वह पलंग पर रश्मि के सामने खडी हो गयी और अपनी चुनमूनियाँ उसके मुँह में दे दी रश्मि बड़े प्यार से अपनी माँ की चुनमूनियाँ चूसते हुए मुझे चोदती रही वह भी बदमाश अपनी माँ की तरह एक्स्पर्ट थी, मुझे झडने के कगार पर लाकर अपनी चुनमूनियाँ ढीली कर देती और उस बड़े भोसडे में घर्षण ना मिलने से मैं फिर झडने से बच जाता

आधे घंटे मुझे तडपा तडपा कर चोदने के बाद और रश्मि के कई बार स्खलित होने के बाद आख़िर उन्होंने मेरी भूख बुझाने का निश्चय किया ललिता ने मेरे कंधे के नीचे दो बड़े तकिये रखकर मेरा सिर उँचा किया और रश्मि मेरे उपर झुक गयी उसके मम्मे अब मेरे मुँह के उपर लटक रहे थे

साली ने फिर मुझे तडपाना शुरू किया निपल मेरे मुँह के पास लाती और जब मैं वह मुँह में लेने को करता तो हँस कर दूर हो जाती ललिता ने मुझे मुँह खोलने को कहा और फिर रश्मि की चूची दबाकर कुछ दूध की बूँदें मेरे मुँह में निचोड़ दीं इतना मीठा और मादक दूध था कि मैं उसे फटाफट पी गया मेरे इस उतावलेपन पर दोनों को मज़ा आ गया

रश्मि ने आख़िर मुझ पर तरस खाया और झुक कर एक चूची मेरे मुँह में दे दी उसके चमडीले लंबे निपल को चूसता हुआ मैं उस अमृत जैसे मीठे दूध को घुन्ट घुन्ट पीने लगा रश्मि ने आवेश में आकर ज़ोर लगाकर करीब आधी चूची मेरे मुँह में भर दी मैं आँखें बंद करके मदहोश होकर अपने बचपन के बाद के पहले दुग्धपान का मज़ा लेता रहा जब रश्मि ने देखा कि मैं ठीक से पी रहा हूँ तो वह फिर मुझे चोदने लगी पर मुझे जता दिया "राज भैया, झडना मत, नहीं तो दूध पिलाना बंद कर दूँगी"
Reply
10-12-2018, 12:54 PM,
#48
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मैं बच्चे जैसा पीता रहा और अपनी चुदासी के जोश में रश्मि और ज़्यादा चूची मेरे मुँह में ठूँसती गयी जब तक करीब करीब पूरा मम्मा मेरे मुँह में नहीं भर गया ललिता ने कुछ देर मेरा दुग्धपान देखा और फिर रश्मि को लिपटाकर अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया गहरे चुंबन में बँधी वे दोनों मुझे भोगती रहीं अब रश्मि की चुनमूनियाँ में चलते मेरे लंड के 'पा~म्सी-पा~म्सी-पा~म्सी' की आवाज़ के अलावा कमरे में सन्नाटा था मैं स्वर्ग में था पर उस असहनीय सुख से कोई मुझे बचाए यही प्रार्थना मैं कर रहा था

"मेरे भांजे को चोद रही हो दोनों मिलके! झड़ाया तो नहीं उसे?" मौसी की आवाज़ पर मुझे ज़रा धीरज बँधा कि अब तो मेरी कोई सुनेगा और मुझे झडने देगा ललिता चुंबन तोड कर खिलखिलाते हुए उठ बैठी "नहीं दीदी, आपके बिना कैसे झडाते इसे, अब आप जैसा बोलो वैसा करेंगे" रश्मि इतनी मस्ती में थी कि मौसी के आने के बाद भी मुझे चोदती रही, बस थोड़ा शरमा कर मौसी की ओर देखा और फिर उछलने लगी

मौसी ने मेरे मुँह में ठूँसा उसका उरोज देखा और समझ गयी कि मुझे दूध पिलाया जा रहा है खुश होकर रश्मि को चूमते हुई बोली "क्या मस्त चुदैल बिटिया है तेरी ललिता, बहुत प्यारी है एकदम सुंदर है आज तक इसे छिपाया क्यों मुझसे? पहले ही बता देती रश्मि बेटी, सारा दूध खतम कर दिया तूने या कुछ बचा है?"

ललिता अब तक मौसी को नंगा करने में जुट गयी थी "नहीं दीदी, बचा कर रखा है आप के लिए" मौसी ने भी बड़ी उत्तेजना से कपड़े उतार फेके और फिर रश्मि का दूसरा मम्मा हाथ में लेकर सहलाने लगी उसे उसने दबाया तो दूध निकलने लगा मौसी खुशी से उछल पडी "रश्मि बेटी, अभी इस चूची में दूध है, वाह मज़ा आ गया" और मौसी रश्मि का निपल मुँह में लेकर चूसने लगी

दो घुन्ट पीकर मौसी ने मुँह से चूची निकाली और प्यार से ललिता की कमर में हाथ डालकर बोली "साली, अब समझी तू क्यों अपनी बेटी के दूध की दीवानी है, इतना मीठा है जैसे शक्कर घुली हो, चल, वहाँ खडी खडी क्या कर रही है, मेरी चूत चूस" मौसी चढ कर पलंग पर मेरे बाजू में लेट गयी और फिर रश्मि का दूसरा स्तन मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगी ललिता अब तक खुशी खुशी अपनी मालकिन की चुनमूनियाँ चूसने में लग गयी थी

मौसी ने घुन्ट घुन्ट करके धीरे धीरे स्वाद लेकर बहुत देर रश्मि का दूध पिया मम्मा खाली होने पर ही उठी उसे क्या था, वह तो दूध पीते हुए मस्त अपनी नौकरानी से चुनमूनियाँ चुसवाकर झडने का भी मज़ा ले रही थी कितना भी समय लगे, उसे उसकी परवाह नहीं थी यहाँ मैं मरा जा रहा था! पर मौसी ने मेरा तडपना नज़रअंदाज़ कर दिया और रश्मि को मुझे चोदने में मदद करती रही आख़िर रश्मि पूरी तृप्त होकर निढाल होकर मेरे शरीर पर गिर पडी तभी मौसी ने उसकी चूची छोडी

जब रश्मि ने मेरा लंड अपने भोसडे से निकाला तो वह सूज कर लाल लाल गाजर जैसा हो गया था मौसी ने तुरंत झपटकर मेरे लंड पर लगे और पेट पर बह आए रश्मि की चुनमूनियाँ के पानी को चाटा और फिर ललिता को बधाई दी "ललिता रानी, तेरी बेटी की चुनमूनियाँ तो एकदम मस्त है, रस की ख़ान है, साली इसीलिए तू बचपन से इसकी चूत चूसती है रश्मि बेटी आ, मेरी बाँहों में आ जा, मैं भी तेरी माँ जैसी हूँ, अपनी मालकिन को भी अपनी चुनमूनियाँ चुसवा, अम्मा तो रात को भी चूस लेगी"
Reply
10-12-2018, 12:55 PM,
#49
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
रश्मि को बाँहों में भरकर मौसी उस की चुनमूनियाँ पर टूट पडी उसकी मोटी मोटी जांघें अलग कर के वह रश्मि की चुनमूनियाँ पर मुँह लगाकर उसमें से निकल रहे रस पर ताव मारने लगी रश्मि को भी मज़ा आ रहा था और गर्व का अनुभव हो रहा था कि उसकी माँ की मालकिन अपनी नौकरानी की बेटी की चुनमूनियाँ इतने चाव से चूस रही है

मैं करीब करीब रोने को आ गया था मौसी से प्रार्थना करने लगा कि मुझे कोई झडाये मौसी पेट भर कर रश्मि का रस पी चुकी थी, उठ कर रश्मि की जांघों के बीच बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में लेकर कहने लगी "अब बता कौन यह लौडा लेगा? खूब चुदा लिया तुम दोनों ने, अब इस मस्त खड़े लंड से कोई गान्ड मरावाओ, गान्ड में यह मोटा लंड बहुत मज़ा देगा"

ललिता की तरफ जब उसने देखा तो वह मुकर गयी मेरे लंड से गान्ड मराते हुए उसे वैसे ही दुखता था इस हालत में तो वह कतई तैयार नहीं होती मैंने मन ही मन सोचा कि ललिता अगर मेरे लंड से गान्ड मराने में इतना घबराती है तो अगर मौसाजी का सोंटा देखेगी तो क्या करेगी शायद डर से मर ही जाएगी!

रश्मि गान्ड मरवाने को तैयार थी खुशी खुशी बोली "मैं मराती हूँ चलो बहुत दिन से गान्ड मराने की इच्छा है, अब इस छोकरे के प्यारे लंड से अच्छा लंड कहाँ मिलेगा?" वह पलंग पर ओंधी लेट गयी ललिता ने चाट कर और चूस कर अपनी बेटी की गुदा गीली कर दी और उधर मौसी ने मुँह में लेकर मेरा लंड गीला किया

मैं रश्मि पर चढ बैठा और अपना सुपाडा उसकी गान्ड में घुसाने लगा मौसी और ललिता ने मुझसे कहा कि ज़रा प्यार से धीरे धीरे मारूं पर मैं ऐसा उत्तेजित था कि कोई ध्यान नहीं दिया और ज़ोर से रश्मि की गान्ड में लौडा पेल दिया वह दर्द से कराह उठी पर मेरी दशा समझते हुए मुझे प्यार से बोली कि मैं उसकी परवाह ना करूँ, और घुसेड दूं पूरा लंड उसके चुतडो के बीच दो धक्को में ही मेरा लंड जड तक उन मोटे मोटे मुलायम चुतडो के बीच उतर गया

क्रमशः……………………
Reply
10-12-2018, 12:55 PM,
#50
RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---23

गतान्क से आगे………………………….

मैंने खूब हचक कचक कर बिना दया के उसकी गान्ड मारी साली चुदैल युवती दर्द के बावजूद मेरा गान्ड मराना सहती रही और उसे मज़ा भी बहुत आया गान्ड मारते मारते मैंने रश्मि के खाली हुए मम्मे भी खूब जोरों से मसले उधर ललिता और मौसी इस क्रीडा को देखते हुए सिक्सटी नाइन करने में जुट गयीं आख़िर जब मैं झडा तो चार घंटे की वासना शांत हुई

चुदाई खतम हो गयी थी ललिता और रश्मि कपड़े पहनने लगीं कल आने का वादा करके दोनों घर चली गयीं अब रोज यह मस्ती होने लगी मेरी हालत देखकर मौसी ने मेरे झडने पर राशन लगा दिया क्योंकि बाद में मौसी और मौसाजी के साथ भी तो मुझे चुदाई करना पड़ती थी

अब रोज रश्मि मुझे बच्चे जैसे दूध पिलाने लगी साथ ही हर तरह की चुदाई हमा चारों मिलकर दोपहर भर करते साली ललिता कितनी बदमाश थी और उसके दिमाग़ में कैसी कैसी सेक्स की बातें चलती थीं, यह मुझे एक दिन तब पता चला जब मौसी और रश्मि आपस में सिक्सटी नाइन कर रही थीं और मैं ललिता को चोद रहा था अचानक वह मेरे कान में फुसफुसाई "बेटा, मुझे मालुम है कि तू मौसी का मूत पीता है, मेरा भी पीकर देख ना कभी एकदम खारा मसालेदार जायकेदार पिलाऊन्गि तुझे"

मेरी आँखों में भर आई वासना से खुश होकर वह आगे बोली "मेरे घर आ ना कभी, तुझे चुनमूनियाँ का शरबत तो पिलाऊंगी ही, अपनी और रश्मि की गान्ड का हलुआ भी चखाऊंगी, एकदम गरमागरमा, खूब सारा, मज़े लेकर पेट भर खाना!"

मैं समझ गया कि वह क्या कहा रही है मुझे डर और घिन भी लगी और एक अजीब वासना भी मेरे मन में जागृत हो गयी साली ने सिर्फ़ बात कर के नहीं छोडी, धीरे धीरे मौसी को उकसाने लगी कि कभी अगर वह और मौसाजी बाहर जाएँ तो मुझे उनके पास छोड़कर जाएँ, वह और रश्मि मेरा पूरा खयाल रखेंगे रश्मि को भी मालूम था कि उसकी अम्मा क्या गुल खिला रही है वह रांड़ भी मेरी ओर देखकर मुस्कराती और अपनी आँखों से यह कहती कि बच्चे, हमारे चंगुल में अकेले फन्सो तो कभी, देखो तुम्हारे साथ क्या क्या करते हैं
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,471,467 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,153 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,220,257 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 922,612 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,636,617 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,066,748 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,927,288 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,979,520 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,001,887 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,070 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 14 Guest(s)