Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
12-14-2017, 12:40 AM,
#1
Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
दोस्तो आपकी खिदमत में पेश है एक और छोटी सी कामुक कहानी . दोस्तो ये कहानी मेरे उन दिनो शुरू होती है जब मैं उम्र में बहुत छोटा था फिर उम्र के साथ साथ जैसे जैसे मुझे समझ आता गया कि सेक्स होता क्या है मैने सेक्स के भरपूर मज़े लिए . तो चलिए मित्रो चलते हैं मेरी उन दिनो की यादों के सफ़र पर.......... यह जून के महीने के दिनों की बात है, जब मैं मुश्किल से 15 साल का था .. 
मैं अपनी चाची के घर गया हुआ था, छुट्टियों के दिनों में रहने के लिए .. मेरी चाची का घर, हमारे घर से थोड़ी ही दूर था .. मेरी चाची का घर, एक डबल स्टोरी था .. 
मेरी चाची के दो बेटे हैं – अमित और सुमित .. अमित की उम्र, मुझसे लगभग 4 साल बड़ी है और सुमित मुझसे 2 साल बड़ा है .. 
ऊपर पहले फ्लोर पर, मेरी चाची का पूरा परिवार रहता था .. नीचे ग्राउंड फ्लोर पर, एक आगे वाला कमरा ऐसे ही खाली रहता था और अंदर के कमरे उन्होंने रेंट पर दिए हुए थे, एक परिवार को .. 
उनके किरायेदार के परिवार में पति और पत्नी दोनों काम करते थे और उनकी 3 बेटियाँ थीं .. तीनों की उम्र लगभग 20, 18 और 16 की होगी .. जो उनकी 20 साल की बेटी थी, डॉली और उनकी 18 साल की बेटी थी, ललिता उन दोनों से काफ़ी दोस्ती थी हमारी .. 
हम लोग, साथ में खेला करते थे .. 
छुट्टियों के दिनों में हम लोग, मेरी चाची के नीचे वाले आगे वाले कमरे में जाके बैठ जाते थे .. 
वहाँ पर मेरे भाई, अपने कुछ आस पास के दोस्त को भी बुला लेते थे .. 3–4 लड़के और 3–4 लड़कियाँ .. 
सब लोग नीचे रूम में आ जाते थे और वो डॉली और ललिता भी आ जाती थीं .. उसके बाद फिर, वो सब लोग एक दूसरे के कपड़े उतारते थे और फिर एक दूसरे को चुम्मियाँ करते थे .. पूरे नंगे होकर .. 
उस टाइम, मैं बहुत छोटा था तो मुझे समझ नहीं आता था की वो क्या कर रहे हैं ..
मैंने अपने भाई सुमित से पूछा – तुम लोग क्या कर रहे हो … ?? 
तो वो बोला – इसको “चुदाई” बोलते हैं … 
फिर, मैंने पूछा – उससे क्या होता है … ?? 
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … बस मुझे चुम्मी करने में और लड़कियों के बूब्स दबाने में मज़ा आता है और अमित भैया बोलते हैं की ऐसे ही लड़की गर्भवती होती है … 
मैंने उससे पूछा – तो क्या यह सारी लड़कियाँ, गर्भवती हो जाएँगी … ?? 
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … तू अमित भैया से पूछ ले … मुझे तो बस, करने में मज़ा आता है … 

मैं देख रहा था और मेरी आँखों के सामने, वो सारे लड़के सारी लड़कियों को चुम्मियाँ कर रहे थे और उनके बूब्स से खेल रहे थे ..
सबकी उम्र लगभग 18 – 20 के आस पास थी – लड़कों और लड़कियों की .. 
बस मेरा भाई, सुमित और मैं थोडे छोटे थे .. 
मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था .. 
बस ऐसे ही, मैं हैरान होकर देख रहा था उनको .. 
उनका वो रूम काफ़ी बड़ा था .. 
उसमें एक डबल बेड, एक सोफा और एक फोल्डिंग पलंग भी रखा था .. 
फिर एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करने और उनके बूब्स दबाने के बाद, मेरे अमित भैया ने रिंकी (उनके साथ जो लड़की थी) उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगे .. 
मुझे वो बहुत गंदा लगा और मैंने सुमित को बोला – सुमित मुझे नहीं बैठना यहाँ पर … मैं जा रहा हूँ … दरवाज़ा खोल दे … 
सुमित बोला – पागल मत बन … दरवाज़ा नहीं खुलेगा … तू देख तो सही … मज़ा आएगा … 
मैं फिर, चुप करके बैठ गया .. 
मैंने रिंकी का चेहरा देखा तो रिंकी का चेहरा पूरा लाल हो गया था और लग रहा था की उसे बहुत मज़ा आ रहा है .. 
ऐसे ही बाकी सब लड़के लड़कियाँ भी अलग अलग पोज़िशन में प्यार कर रहे थे .. 
जैसे सुमित भी मीनू (उसके साथ जो लड़की थी) के बूब्स चूस रहा था और दबा रहा था .. 
एक दूसरा उनका दोस्त जय, अपने साथ वाली लड़की की चूत में अपना लण्ड डाल के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था .. 
मैं परेशान था और मैंने सुमित से पूछा – ओये.. यह लड़की के ऊपर लेटा हुआ है और इतनी ज़ोर ज़ोर से क्यूँ उछल रहा है… ??
तो सुमित बोला – कहते हैं, ऐसे करने में बहुत मज़ा आता है .. लण्ड को चूत के अंदर डाल के ..
मैंने उससे पूछा – क्या तूने किया है, कभी … ?? 

तो वो मुझसे बोला – नहीं … मैंने कभी लड़की के अंदर, अपना लण्ड नहीं डाला … अमित, भैया मना करते हैं की 18 के ना होने तक चूत में नहीं डाला जाता … जब मैं 18 का हो जाऊंगा, तब डालूँगा … अभी मैं लड़की के ऊपर लेट के, ऐसे ही धक्के मार लेता हूँ, अपना लण्ड उसकी चूत पर ऊपर से टच करके … और मेरा पानी निकल आता है … उसमें भी बहुत मज़ा आता है … 
असल में, अब मुझे भी यह सब देखने में मज़ा आ रहा था .. 
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12-14-2017, 12:40 AM,
#2
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
मैंने सुमित से पूछा – क्या मैं इसके बूब्स दबा के देखूं … ?? 
सुमित ने कहा – ठीक है … करके देख … 
मैंने उसके बूब्स पकड़े और उन्हें हाथ में ले के महसूस करने लगा .. 
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था .. 
मेरे लण्ड में कुछ कुछ हो रहा था पर फिर भी उन्हें धीरे धीरे दबाने में मज़ा आ रहा था .. 
मैंने अमित भैया की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर हंस रहे थे और रिंकी को चोद रहे थे .. 
मुझे शरम आ गई और मैंने उसके बूब्स छोड़ दिए .. 
उसके बाद सुमित ने लड़की को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर लेट गया और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगा .. 
मैंने देखा उन सब के लण्ड, मेरे लण्ड के मुक़ाबले में बहुत बहुत बड़े थे .. 
मुझे लगा मेरा लण्ड तो इतना छोटा है, जाएगा ही नहीं अंदर .. 
फिर मैं चुप चाप बैठ कर, उन्हें देख रहा था .. 
थोड़ी देर बाद, वो सब लोग फ्री हो गये .. 
मैंने देखा, वो सब पसीने से गीले हो चुके थे .. 
उन्होंने तोलिये से अपना बदन पोंछा और फिर, वहीं बैठ गये .. 
हम लोग फिर ऐसे ही, कुछ कुछ खेल खेल रहे थे .. 
उसके बाद, जब थोड़ी शाम हुई .. 
5 बजे के आस पास, सब लोग अपने घर चले गये ..
कुछ 2 – 3 बार मैंने देखा, यह सारा खेल और उसके बाद मैं अपने घर आ गया .. 
अब मालूम नहीं क्यूँ मेरा बार बार मन होता था की मैं किसी को सेक्स करते हुए देखूं .. 

मैं टीवी पर किस करते हुए देखने से ही, उतेज्ज़ित हो जाता .. 
उसके बाद मैं टीवी पर सिर्फ़ स्टार मूवीज देखा करता था, उनमें कुछ चुम्मी के दृश्य देखने के लिए .. 
वो देखने के बाद .. 
मैं भी अपने बेड पर उल्टा लेट जाता और फिर अपना लण्ड बाहर निकालता लोवर से और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगता ..
ऐसे ही धीरे धीरे, समय बीतने लगा .. 
अब सबके स्कूल खुल गये थे तो मौका नहीं मिल पाता था, मिलने का .. 
मैं सुमित से जब भी मिलता, तब सेक्स के बारे में ही पूछा करता था क्यूंकी अमित भैया से पूछने में मुझे अजीब लगता था क्यूंकी वो बहुत बड़े थे .. 
सुमित ने मुझे कुछ किताबें दी, जिनमें बहुत सारी नंगी लड़कियों के चित्र थे चुदाई करवाते हुए .. 
मुझे वो किताबें, बहुत मस्त लगी .. 
मुझे नहीं पता था की ऐसी किताबें भी आती हैं .. 
उन्हें लेकर, मैं खुश हो गया क्यूंकी स्टार मूवीज पर वो नहीं दिखाते थे जो मैं देखना चाहता था .. 
दिन ऐसे ही, बीत रहे थे .. 
मैं किताबें देखता और फिर बेड पर उल्टा लेट के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार के अपना पानी निकाल लेता … 
अब धीरे धीरे, मेरा लण्ड भी बड़ा होने लगा था .. 
यह देख कर, मुझे बहुत अच्छा महसूस होता था ..

उस वक़्त, मेरी उम्र 17 की होगी और मैं 12 वी क्लास में आ गया था .. 
मेरी एक पड़ोसन थी .. 
उसका नाम – कांता था .. 
हम दोनों बहुत ज़्यादा करीब थे, बचपन से ही .. 
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12-14-2017, 12:40 AM,
#3
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
हमेशा से हम दोनों साथ में ही खेलते थे, साथ में स्कूल जाते थे और साथ में ही रहते थे पूरा दिन .. 
उसके माता-पिता भी नौकरी करते थे .. 
वो हमारे कॉलेज की “सबसे खूबसूरत लड़की” थी .. 
बहुत सारे लड़के, उसके पीछे थे .. 
पर, वो किसी भी लड़के को भाव नहीं देती थी .. 
वो मुझसे 2 साल बड़ी थी और हमारे ही कॉलेज में थी .. 

उसके माता पिता भी बहुत ही रिज़र्व्ड थे और उसके ऊपर बहुत ज़्यादा पाबंदियाँ थीं .. 
कोई भी लड़का, उसके घर नहीं आ सकता था (मेरे अलावा) .. 
हम दोनों के परिवार में बहुत अच्छे तालुकात थे और हम दोनों भी बेस्ट फ्रेंड्स थे .. 
हम दोनों इतने करीब थे की हम हर कभी सेक्स की बातें करते थे और तो और हमने एक दूसरे को लगभग पूरा नंगा देखा था, जैसे उसने मुझे चड्डी में और मैंने उसे ब्रा और पैंटी में .. 
पर मालूम नहीं क्यूँ उस रात से पहले कभी भी हमारे बीच, ऐसी कोई भावना नहीं आई .. 
जनवरी के महीने की बात है .. 
उसकी परीक्षा चल रही थी .. 
उसके माता पिता को एक रिश्तेदार की शादी, अटेंड करने जाना था .. 
तो शाम को लगभग 8 बजे, उसकी मम्मी मेरे घर आई और मेरी मम्मी से बोली – कांता, घर में अकेली है … कल उसका एग्ज़ॅम है और हम लोगों को बेहद ज़रूरी शादी अटेंड करने जाना है … वो पढ़ाई कर रही है इसीलिए जा नहीं सकती, हमारे साथ … आप विजय को हमारे घर भेज दो, उसके साथ बैठने के लिए … हम लोग 11 – 12 बजे तक, वापिस आ जाएँगे …
मेरी मां ने कुछ नहीं बोला और आसानी से मान गई क्यूंकी यह पहली बार नहीं था की हम दोनों ऐसे अकेले बैठ रहे थे .. 
जब भी मेरे घर से कोई जाता था तो वो मेरे घर आ जाती थी और उसके घर से कोई जाता था तो मैं उसके घर चला जाता था .. 
फिर, मैं उसके घर चला गया .. 
आंटी ने बोला – बेटा, डिनर बना के रख दिया है .. 
मेरे पसंदीदा “राजमा चावल” थे .. 
कुछ टाइम बाद आंटी, अंकल और उनकी छोटी बेटी शादी में चले गये ..
मैं और कांता, लिविंग रूम में बैठे थे .. 

मैंने कांता से पूछा – कल, कौन सी परीक्षा है … ?? 
उसने बोला – इंग्लीश की … 
कांता ने उस टाइम जीन्स और टॉप पहन रखा था क्यूंकी थोड़ी देर पहले ही वो ट्यूशन से आई थी और कपड़े चेंज नहीं किए थे, अभी .. 
कांता हमेशा घर में, टॉप और शॉर्ट्स पहन के रहती थी .. 
थोड़ी देर, हम दोनों ऐसे ही बैठे थे .. 
मेरा मन टीवी देखने का हो रहा था पर कांता पढ़ाई कर रही थी इसीलिए मैंने टीवी चालू नहीं किया और मैं वहाँ पड़ी कॉमिक्स पड़ने लगा .. 
थोडा समय, ऐसे ही निकल गया .. 
लगभग 9 बजे के आस पास, मेरी माँ आई वहाँ पर और पूछा – क्या कर रहे हो… ?? खाना लगा दूं क्या, अगर भूख लगी हो तो… ??
कांता ने मुझसे पूछा – भूख लगी है क्या … ?? 
मैंने बोला – नहीं … अभी तो नहीं … 
तो कांता ने मेरी माँ को बोला – आंटी, अभी भूख नहीं है हमें … आप चिंता मत करो … भूख लगेगी तो हम खुद ही ले कर खा लेंगे … खाना तो बना हुआ ही है … 
फिर, मेरी मम्मी चली गई .. 
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12-14-2017, 12:40 AM,
#4
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
लगभग 15 मिनट बाद, कांता उठी सोफा से और बोली – मैं चेंज करके आती हूँ … 
मैंने कहा – ठीक है … 
फिर वो, दूसरे रूम में चली गई … 
संयोग से, उसके उस दूसरे रूम में दरवाजा नहीं था .. 
सिर्फ़, परदा था .. 

लगभग 30 सेकेंड्स के बाद, कांता बाहर लिविंग रूम में आई और बोली – कपड़े ले जाना तो भूल ही गई … 
उसकी अलमारी, लिविंग रूम में ही थी .. 
उसने उस समय टॉप पहन रखा था, जो उसके कंधे से थोड़ा सा नीचे तक आ रहा था.. 
उसकी नीली पैंटी भी “लो वेस्ट जीन्स” में साफ साफ दिख रही थी .. 
मैं एकटक, उसे देख रहा था .. 
कुछ अलग तो नहीं लगा क्यूंकी वो पहली बार नहीं था, जब मैंने उसे पैंटी में देखा है .. 
फिर जैसे वो अलमारी से कपड़े निकालने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उसकी गाण्ड की दरार पर पड़ी .. 
उसकी गाण्ड, बहुत ही मस्त लग रही थी .. 
एकदम, “गोरी और चिकनी” ..
उसकी गाण्ड को देख कर, मुझे उन्हीं किताबों वाली लड़कियों की याद सताने लगी .. 
फिर अचानक, वो मेरी तरफ मूडी और मुझे देख कर स्माइल पास की .. 
मैंने कोई भाव नहीं दिया और चुप चाप बैठा रहा .. 
उसके बाद वो रूम में चली गई, चेंज करने ..
कुछ ही सेकेंड्स बाद, वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई .. 
मैं डर गया और भाग के अंदर रूम में गया ..
मैं जैसे ही उसके रूम पर पहुंचा, मैंने देखा की वो “पूरी नंगी” खड़ी है डरी सहमी हुई सी .. 
मैंने पहली बार, उसे नंगा देखा था .. 
मैं उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा .. 
फिर अचानक, मुझे होश आया और मैंने उससे पूछा – क्या हुआ … ?? 
वो बोली – बेड के नीचे चूहा है … 
मुझे भी उस टाइम, चूहा से बहुत डर लगता था .. 
मैं भी डर के मारे, बेड पर चढ़ गया .. 
तो वो बोली – बेवकूफ़ … इसको भगा ना … झाड़ू या डंडा, ले कर आ … 
फिर मैं हिम्मत करके, लिविंग रूम में जाके झाड़ू लेकर आया .. 
वो अभी भी बेड पर चढ़ कर, नंगी खड़ी हुई थी .. 
मैं भी बेड पर चढ़ गया और झाड़ू से डरा के, चूहा को भगा दिया .. 
चूहा के भागने के बाद होश आया तो देखा की वो अभी भी बिल्कुल नंगी थी, मेरे सामने .. 
मैं उसके “गोल गोल बूब्स” को देख रहा था, जो की ज़्यादा बड़े नहीं थे .. पर फिर भी, बहुत ही सुंदर लग रहे थे .. 
एकदम “गोल और गोरे गोरे और गुलाबी रंग” के अनार के दाने, जैसे निप्पल ..
अभी हम बेड पर बैठे हुए हंस ही रहे थे, उस चूहा पर की अचानक से बाहर कोई आवाज़ हुई .. 

ऐसा लग रहा था, जैसे रोड पर किसी का आक्सिडेंट हुआ है .. 
उसके बेड के बिल्कुल बगल में, एक खिड़की थी .. 
वो इतनी हाइट पर थी की मुझे खिड़की से बाहर देखने के लिए, उठ कर बैठना पड़ता था .. 
मैं खिड़की से बाहर देखने के लिए, अपनी घुटनों पर बैठा था और बाहर देख रहा था .. 
कांता, मेरे पीछे बैठी थी .. 
अचानक से वो मेरे पीछे आकर, मुझसे चिपक गई और खिड़की से बाहर देखने लगी .. 
उसने अभी भी, कुछ नहीं पहना था .. 
उसके चिपकने से, मेरा लण्ड कड़क हो रहा था .. 
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12-14-2017, 12:41 AM,
#5
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
मैं फिर भी बाहर ही देख रहा था, खिड़की से.. 
उसके गाल मेरे गालों पर रगड़ खा रहे थे और उसके नरम नरम बूब्स, मेरी पीठ पर .. 
मैंने गौर किया की वो थोड़ा आगे पीछे मूव हो रही थी ताकि उसके बूब्स, मेरी पीठ से रगड़ खाए .. 
मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और अचानक से, उसके हाथ मेरी जीन्स के बटन पर गये और उसने मेरी जीन्स का बटन खोल दिया .. 
मैंने उससे पूछा – यह क्या कर रही है… ?? 

उसने कुछ जवाब नहीं दिया और झटके से, मेरी जीन्स की ज़िपर भी खोल दी .. 
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था .. 
वो लगातार अपने बूब्स रगड़ रही थी, मेरी पीठ से .. 
धीरे धीरे, उसने मेरी गर्दन पर और मेरे गालों पर चुम्मी करना और जीभ से चाटना शुरू कर दिया ..
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था .. 
मैंने कोशिश की मैं मूड जाऊं पर उसने मुझे बोला की ऐसे ही बैठा रह .. 
मेरी पीठ, उसकी साइड थी .. 
मैं वैसे ही बैठा रहा .. 
उसका हाथ अब मेरी चड्डी के अंदर, मेरे लण्ड को सहला रहा था जो अब बिल्कुल कड़क हो गया था .. 
थोड़ी देर ऐसे ही पोज़िशन में, वो मेरे साथ चुम्मा चाटी करती रही और मेरे लण्ड से खेलती रही जो अब कड़क हो चुका था .. 
मेरा लण्ड पहले, इतना कड़क और बड़ा कभी नहीं हुआ था .. 

उसके बाद फिर, उसने मुझे बोला मुड़ने के लिए .. 
मैं जैसे ही मुड़ा, वो मेरे चेहरे पर चुम्मियाँ करने लगी .. 
मुझे मज़ा आ रहा था और तभी मेरी नज़र, उसके बूब्स पर पड़ी .. 
मैंने चुम्मी करते करते, उसके बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे मसलने लगा .. 
उसके बाद फिर, वो मेरे होंठों को चूसने लगी और हम दोनों चुंबन करने लगे .. 
चुंबन करते करते, उसने अपनी जीभ मेरी मुंह में डाल दी जिसको मैंने ज़ोर से काट लिया .. 
बहुत मज़ा आ रहा था, पहली बार करने में .. 
अब मुझे सब कुछ धीरे धीरे समझ आ रहा था की आख़िर अमित भैया और सुमित को यह सब, इतना पसंद क्यूँ है .. 
वो एहसास ही ऐसा था, जिसको शब्दों में बयान नहीं कर सकते .. 
फिर उसने, मेरी टी शर्ट उतार दी .. 
मेरी टी शर्ट उतारने के बाद, उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे सीने पर सब जगह चूमने लगी .. 
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था और वो सारे किताबों के पोज़ और पोज़िशन्स, मेरी आँखों के सामने आ रहे थे .. 
उसके बाद मेरे पूरे बदन पर किस करते करते, वो मेरी कमर तक आई और उसने मेरी जीन्स और चड्डी दोनों एक साथ नीचे खिसका दिए .. 
मैं एक ग्राहक की तरह, बस उसकी सेवा का लुफ्त उठा रहा था .. 

बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था .. 
उसके बाद, उसने मुझे मेरे पैरों को फैलाने को बोला .. 
मेरे पैरों को फैलाने के बाद, वो मेरे पैरों के बीच में आ गई .. 
उसके बाद नीचे झुक कर उसने मेरा लण्ड, अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी .. 
यह एक ऐसा अनुभव था, जो मैं काफ़ी सालों से महसूस करना चाहता था .. 
वो एक एक्सपर्ट की तरह, मेरे लण्ड को चूस रही थी .. 
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ..
सो वो मेरे लण्ड को एक एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अपना लण्ड चुसवाने में .. 
यह पहली बार था की कोई लड़की मेरा लण्ड चूस रही थी .. 
थोड़ी देर वो लण्ड चूसती रही और मैं एंजाय करता रहा .. 
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12-14-2017, 12:41 AM,
#6
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
अचानक से मुझे महसूस हुआ की मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने उसका मुंह पकड़ा और अपने लण्ड से दूर करने लगा .. 
उसने मुझसे पूछा – क्या हुआ … ?? 
मैंने कहा – मेरा पानी निकलने वाला है … 
इस पर वो बोली – कोई बात नहीं … मुझे चाहिए सारा … मेरे मुंह पर निकाल दे … 
उसके बाद, मैंने अपना पानी उसके मुंह के अंदर ही पूरा का पूरा और कुछ उसके चेहरे पर छोड़ दिया .. 
वो बहुत मज़े से चाट रही थी, उसको पर मुझे बहुत ही अजीब और गंदा सा लग रहा था .. 
कोई कैसे पी सकता है, पानी जो निकला है पेशाब के छेद से .. 
पर, मैं कुछ नहीं बोला क्यूंकी मुझे भी मज़ा आया था ..
उसके बाद, हम दोनों ने खाना खाया .. 
हमें बहुत भूख लगी थी .. 

खाना खाने के बाद, वो बोली – मैंने तो तुझे संतुष्ट कर दिया … अब तू मुझे कब खुश करेगा … ?? 
मैंने पूछा – मैं क्या करूँ … ?? मुझे तो कुछ नहीं आता … 
तो वो बोली – चिंता क्यूँ कर रहा है … मैं बताती हूँ … तू कर … 
मैंने कहा – ठीक है … 
उसने मुझे बोला – मुझे चुम्मियाँ दे, पूरे बदन पर .. 
उसके बाद, वो पूरी नंगी बेड पर लेट गई .. 
मैं उसके बगल में लेट गया और उसके चेहरे पर किस करने लगा .. 
उसके पूरे चेहरे को मैंने चूमा और उसके होंठों को काफ़ी देर तक चूसा .. 
तब तक उसने, मेरा हाथ पकड़ के अपनी नंगी चूत पर रख दिया और बोली – मेरी चूत को सहला .. 
मैं उसके बदन पर सब जगह चुम्मियाँ कर रहा था और अपनी उंगलियों से उसकी चूत को सहला रहा था .. 
उसकी चूत, बिल्कुल “गुलाबी” थी और “क्लीन शेव्ड” थी .. 
उसकी चूत के मुहाने पर मेरा हाथ पहुँचते ही, मेरी उंगली गीली हो गई उसके पानी से .. 
फिर, मैं थोड़ा नीचे होके उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके निपल्स को काटने लगा .. 
वो मेरा “पहला एक्सपीरियेन्स” था और मैं आपको बता भी नहीं सकता की मुझे कितना अच्छा लग रहा था .. 
उसके बाद फिर काफ़ी देर तक मैंने उसके दोनों बूब्स से खेला, उनको ज़ोर से दबाया, मसला, सहलाया, चूमा और काटा भी .. 
उसके मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थीं और उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था ..
हम दोनों की साँसें, बहुत ज़ोर ज़ोर से चल रही थीं .. 
उसको इतना उतेज्ज़ित देख के मेरा भी लण्ड एक बार फिर से खड़ा हो गया था .. 
अब उसके बूब्स से होते हुए, मैं उसके सपाट पेट पर आ गया और उसकी नाभि पर चुम्मी करने लगा .. 
वो मुझसे बोली – साले झूठे … तू तो बोल रहा था, तुझे कुछ नहीं आता … तू तो ऐसे कर रहा है जैसे पता नहीं, कितना एक्सपीरियेन्स हो … 
मैंने स्माइल पास की और उसे बताया – मैंने खुद कभी कुछ नहीं किया पर देखा है, बहुत कुछ .. 

तो वो बोली – कोई बात नहीं … आज, खुद भी कर ले … 
मैं फिर उसकी नाभि पर लीक करने लगा .. 
मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी .. 
उससे उसको, बहुत मज़ा आ रहा था .. 
फिर मैं उसकी कमर पर, उसकी जांघों पर, उसके पैरों पर सब जगह चूमने और चाटने किया .. 
उसके बाद मैं चुप करके, बेड पर बैठ गया .. 
वो बहुत ज़्यादा उतेज्जित हो चुकी थी .. ..
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12-14-2017, 12:41 AM,
#7
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
वो बोली – क्या हुआ … ?? बैठ क्यूँ गया … ?? 
मैंने कहा – अब क्या करना है, मुझे नहीं पता … 
उसने बोला – जैसे मैंने तेरा लण्ड चूसा है, ऐसे तू भी मेरी चूत को चाट अपनी जीभ से … 
मैंने उसको तुरंत बोला – नहीं, मैं नहीं चाटूंगा … मुझे अच्छा नहीं लगता … यहाँ से तुम, पेशाब करती हो… 
उसने मुझसे बोला – वाह रे, नबाब … अपना तो सारा पानी, मुझे पेप्सी की तरह पीला दिया और मेरी चूत गंदी लग रही है … भोसड़ी के, ना जाने कितने लड़के मरते हैं मेरी चूत चाटने को … चूत चाटना तो दूर, मेरी “मूत” भी खुशी खुशी पी लें … चल चाट ना … अच्छा लगेगा तुझे … चल ट्राइ तो कर … अगर अच्छा ना लगे तो मत करियो … ठीक है … 
मैंने कहा – ठीक है … 
मैं फिर उसकी पैरों के बीच में लेटा और अपना चेहरा, उसकी चूत तक लाया और चाटने लगा .. 
मुझे बहुत अजीब सा टेस्ट लग रहा था .. 
बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और बहुत अजीब सी महक आ रही थी .. 
मेरा मन तो बहुत हुआ हटने का पर फिर मैंने उसकी सिसकारियाँ सुनीं और महसूस किया की वो कितना ज़्यादा एंजाय कर रही है .. 
मेरे मन में आया की उसने मुझे भी संतुष्ट किया है तो मुझे इसको ऐसे नहीं छोड़ना चाहिए .. इसीलिए, मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा .. 
उसकी चूत का सारा पानी मेरे लिप्स पर, गालों पर और नाक पर लग गया था .. 
धीरे धीरे करके, मुझे भी मज़ा आने लगा उसकी चूत को चाटने में .. 
अब बस मेरा मन हो रहा था की मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दूं .. 

थोड़ी देर, मैं उसकी चूत ऐसे ही चाटता रहा और फिर उसने मुझे बोला कि मैं अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डाल कर, अंदर बाहर करूँ ..
उसने मुझे बोला – मैं अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल कर अंदर बाहर, ऊपर नीचे करूँ .. 
अब उसकी चूत, बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी .. 
मैंने उसको बोला – चूत के अंदर उंगली को नहीं, लण्ड को डालते हैं .. 
वो बोली – मुझे मालूम है पर अभी मुझे लगता है, हम दोनों इसके लिए तैयार नहीं हैं .. इसीलिए, अभी हमें ऐसे ही एक दूसरे को संतुष्ट करना है .. 
यह सुन कर, मुझे थोड़ा बुरा लगा पर फिर भी पता नहीं क्यूँ मैं कुछ प्रतिक्रिया नहीं कर पा रहा था .. 
मेरा बहुत मन हो रहा था की मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डालूं .. 
वो भी समझ गई तो उसने मुझे बोला – देख, तू अभी लण्ड अंदर डालने के लिए, छोटा है .. तरीके से अंदर जाएगा भी नहीं और मुझे भी खून निकलेगा तो दिक्कत हो जाएगी … 
जब उसने “खून” का नाम लिया तो मैं डर गया .. 
उसके बाद, मैं सामान्य हो गया और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल के अंदर बाहर, ऊपर नीचे करने लगा .. 
उसकी चूत इतनी गीली हो रही थी की मेरी उंगली टच करते ही, अपने आप अंदर घुस गई .. 
फिर थोड़ी देर, मैंने उसे ऐसे ही उंगली से चोदा और मेरा लण्ड बेचारा अपने आप ही बैठे बैठे सो गया .. 
थोड़ी देर बाद, उसने बोला की उसका पानी निकल गया और वो खुश हो गई है .. 
उसके बाद, फिर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए .. 
उस टाइम, लगभग 11 बज रहे थे .. 
वो कपड़े पहनने के बाद, उसी रूम में पढ़ने बैठ गई और मैं लिविंग रूम में आकर टीवी देखने लगा .. 
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12-14-2017, 12:41 AM,
#8
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
थोड़ी देर बाद, उसके माता पिता आ गये और फिर मैं अपने घर चला गया .. 
वो मेरी लाइफ का “पहला एक्सपीरियेन्स” था .. 
उसके बाद भी हम दोनों काफ़ी दिनों तक ऐसे ही, एक दूसरे को ऐसे ही चुम्मा चाटी और उंगली से उतेज्ज़ित करते रहे पर वो चाहती थी की शादी से पहले वो “कुँवारी” रहे, इसीलिए हमने चुदाई नहीं की .. 
लगभग 1 साल तक ऐसे ही चलता रहा और उसके बाद उसके पापा का ट्रान्स्फर हो गया और वो लोग आगरा शिफ्ट हो गये ..
उसके बाद थोड़े दिनों तक कभी कभी उसके फोन आया करता था तो हम सामान्य बात कर लिया करते थे .. 
फिर धीरे धीरे, उसके फोन आना बंद हो गये और समय के साथ हमारा लिंक टूट गया ..
समय अपनी रफ़्तार से निकलता जा रहा था.. 
वक़्त का पहिया चलता रहा और मैं कॉलेज में आ गया और यह उस टाइम की बात है जब मैं तीसरे सेमेस्टर में था और मेरी छुट्टियाँ पड़ी थीं, जून के महीने में .. 
मेरी उम्र, लगभग 19 साल की थी .. 
कांता के चले जाने के बाद, मैं बहुत उदास हो गया था क्यूंकी मेरी छुट्टियाँ हो गई थी और आस पास मेरे और कोई दोस्त नहीं थे .. 
मेरे पापा की एक कज़िन रहती थी, अलीगढ़ में .. 
उनकी बेटी की ग्रेजुएशन पूरी हुई थी और वो लगभग, 21 साल की थी .. 
उसका नाम पायल था .. 
मैं अब तक, उन लोगों से कभी नहीं मिला था .. 
ग्रेजुएशन करने के बाद, अब मेरी कज़िन (पायल) को मथुरा आना था क्यूंकी वो मथुरा में किसी कॉलेज से “एम बी ए” करना चाहती थी .. 
तो एक दिन शाम को पापा घर आए और उन्होंने बताया की अलीगढ़ से पायल आ रही है और हमारे साथ रहेगी, कुछ दिन .. 
कहते हैं, 19 साल की ऐसी उम्र होती है की लड़की का नाम सुनकर ही अंकुर फूटने लगते हैं .. 
मैं एक्ससाइटेड था, उसे देखने के लिए पर तब भी ऐसे कुछ विचार नहीं आए थे, उसके लिए .. 
मैं बस सोच रहा था की वो आ जाएगी तो मेरी छुट्टियाँ आराम से निकल जाएगी … 
आख़िरकार, वो दिन आ गया जिस दिन वो आ रही थी .. 
मैं और मेरे पापा उसको स्टेशन से पिक करने गये थे तो मैंने देखा की उसके साथ उसकी मम्मी भी आई हैं .. 
मुझे मालूम नहीं क्यूँ अच्छा नहीं लगा, उसकी मां का आना .. 
मुझे क्या पता था की उसकी मम्मी का आना ही, मेरे लिए इतना मददगार होगा ..
खैर, उन दोनों को लेके हम लोग घर आ गये और साथ में सबने डिनर किया .. 
मेरे घर में, 3 बेडरूम्स हैं .. 
जिसमें से एक में मेरे माता पिता, दूसरे में मेरे दादाजी और तीसरे में मैं सोता था .. 
मेरे रूम में एक डबल बेड था और काफ़ी बड़ा था इसीलिए मेरे रूम में सोने की कोई दिक्कत नहीं थी ..
और इधर, पायल अकेली नहीं थी, उसके साथ उसकी मम्मी भी थीं इसीलिए शायद किसी को कोई दिक्कत भी नहीं हुई की वो दोनों मेरे रूम में सोएं … 
मैं थोड़ा शर्मिला टाइप का हूँ इसीलिए अभी तक मेरी पायल से कुछ भी बात नहीं हुई थी पर मैं उसकी मम्मी से अच्छे से बात कर रहा था और ऐसे ही कुछ कुछ हँसी मज़ाक कर रहा था .. 
यहीं पर, पायल की मम्मी के आने से मेरी मदद हो गई .. 
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12-14-2017, 12:41 AM,
#9
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
अगर, उसकी मम्मी नहीं आती तो हो सकता है उसको मेरे रूम में सोने को नहीं मिलता और हाँ अगर उसकी मम्मी नहीं होती तो शायद उससे बात करने में मुझे 10 दिन लग जाते .. 
खैर, मैं पायल की मम्मी से बातें करता और पायल सुन रही थी और साथ साथ में खुद भी कुछ कुछ बोल रही थी और रिप्लाइ कर रही थी .. 
ऐसे ही बातें करते करते 1 दिन में, मेरी और पायल की अच्छे से बात होने लगी ..
2–3 दिन, ऐसे ही बीत गये .. 
सारा दिन पायल अलग अलग कॉलेज में जाती, अपनी मम्मी के साथ और फिर शाम को ही वापिस आती .. 
ऐसा कुछ ख़ास हुआ नहीं, इन दिनों .. 
लगभग 4–5 दिन के बाद, हमें पायल के घर से कॉल आया की पायल दीदी की दादी बीमार हैं तो जल्दी से पायल की मम्मी को वापिस अलीगढ़ भेज दो .. 
पायल की मम्मी, अगले ही दिन वापिस अलीगढ़ चली गई .. 
उनके अलीगढ़ जाने के बाद, शायद किसी को ऐसा ध्यान नहीं रहा की पायल अब अकेली है, उसके सोने की जगह चेंज करनी चाहिए और वो मेरे रूम में ही सोने लगी .. 
मज़े की बात तो ये थी की उसने भी कुछ नहीं कहा ..
उल्टा जब उसकी मम्मी सोती थी, तब पायल पूरा नाइट सूट पहन कर सोती थी पर अब उसकी मम्मी के जाने के बाद पायल एक पतली सी नाईटी पहन लेती थी, जिसके बटन आगे से ही थे .. 
अब तो वैसे भी हमारी बहुत अच्छे से बात होती थी और हँसी मज़ाक होता रहता था .. 
रात को जब वो चेंज करने के बाद आती थी, तब मैं बस उसे ही देखता रहता .. 
बहुत ही, सेक्सी फिगर था उसका .. 
उसके बूब्स और गाण्ड इतने बड़े थे की उसकी नाईटी भी छुपा नहीं पाती थी, उसके “कातिलाना जिस्म” को .. 
शायद उसको यह मालूम था की मैं उसके जिस्म को देखता हूँ तभी वो ज़्यादा से ज़्यादा अपना फिगर दिखाया करती थी और जान बूझकर बार बार मुझे छूआ करती थी, बहाने से .. 
उसका फिगर था ही इतना सेक्सी की मैं क्या करता ..
आप समझ लीजिए, गुड़िया के दोनों बूब्स के बराबर पायल का एक बूब था जबकि थी वो उतनी ही, दुबली पतली .. 
दोस्तो, क्या आपने सोचा है हम लड़कों के लण्ड तो साले लगभग एक जैसे ही होते हैं .. 
थोडा सा बस, लंबाई और मोटाई का फ़र्क होता है पर हर लड़की के बूब्स, गाण्ड, निप्पल सब अलग अलग होते हैं यहाँ तक की चूत की शेप और चूत के लिप्स तक अलग अलग होते हैं ..
गौर कीजिएगा किसी के निप्पल भूरे, किसी के काले और बहुत कम के गुलाबी ..
हाँ पर गाण्ड बहुत ही कम चिकनी और गोरी मिलती है .. 
ज़्यादातर फुंसी, और साँवली सी मिल पाती है .. 
गोरी चिकनी और गोल गाण्ड, मैने बहुत कम ही देखी है ..

खैर, अब पायल हमारे घर में इतना अड्जस्ट हो गई थी की मेरी मम्मी को सफाई करने में मदद करती थी और बाकी के कामों में भी .. 
एक दिन की बात है, मैं अपने रूम में बैठा टीवी देख रहा था तो वो मेरे रूम में आकर सफाई करने लगी .. 
उसने मुझसे बोला – विजय, पिलो कवर दे दे और बेड से उठ जा … शीट और पिलो कवर धोने के लिए डालने हैं … 
मैं उस टाइम, उठने के मूड में नहीं था .. 
तो मैंने मना कर दिया की मैं नहीं उठ रहा .. 
थोड़ी देर बाद, ले लेना .. 
कुछ टाइम तक तो वो मांगती रही पर मैं नहीं उठा .. 
आख़िरकार, एक “नॉटी स्माइल” पास करते हुए उसने बोला – सोच ले, या तो तू प्यार से दे दे शीट वरना मैं खुद ही ले लूँगी … 
मैंने कहा – जो मर्ज़ी करो … मैं नहीं उठ रहा … 
इतना कहने की देर थी की वो मेरे बेड पर आकर चढ़ गई .. 
मैं बेड पर उल्टा (पीठ के बल) लेटा हुआ था और टीवी देख रहा था .. 
मुझे अंदाज़ा नहीं था की वो क्या करना चाहती है .. 
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12-14-2017, 12:41 AM,
#10
RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
वो अचानक से मेरे पास आई और मैं जैसे उल्टा लेता हुआ था, मेरे ऊपर आके लेट गई वैसे ही, मेरी पीठ पर .. 
मैंने पूछा – पायल, यह क्या कर रही हो … ?? 
उसने हंसते हुए कहा – तेरा “रेप” कर रही हूँ … जो मर्ज़ी कर, मैं नहीं उठने वाली … 
उसके बूब्स मुझे अपनी पीठ पर दबते हुए, महसूस हो रहे थे और शायद मैं उसको एंजाय भी कर रहा था .. 
उसको शायद लगा की ऐसे मैं उठ पड़ूँगा तो वो मुझसे बोली – क्या हुआ … ?? अभी भी नहीं उठेगा क्या … ?? 
तो मैंने भी नॉटी स्माइल पास करते हुए बोला – अब तो बिल्कुल ही नहीं उठ सकता … पूरा रेप करवा के ही उठूंगा, अब तो … 
वो हँसने लगी और उसका हाथ मेरी पैंट की तरफ गया .. 
उसने मेरे लण्ड को जीन्स के ऊपर से हाथ लगा के देखा तो वो अभी तक कड़क नहीं था .. 
यह देख के वो उठ गई और बोली – चल छोड़ … छोड़ दिया तुझे … तू तो अभी भी बच्चा है … 
यह सुनकर मुझे ऐसे लगा, जैसे शायद वर्ल्ड कप हारने के बाद अपनी क्रिकेट टीम को लगा होगा ..
मैं उदास हो गया और चुप चाप उठ के बाहर लिविंग रूम में चला गया .. 
अब सुबह से लेकर रात तक, मैं पायल को इग्नोर कर रहा था ..
उसने बहुत बार मुझसे बात करने की कोशिश की पर मैंने नहीं करी .. 
मुझे लग रहा था की मैं ऐसा करूँगा तो वो मुझे मनाएगी और फिर क्या पता मेरी किस्मत जाग जाए .. 
रात हो गई और सब लोग सोने चले गये .. 
मैं पहले से अपने रूम में जाकर लेटा हुआ था की इतने में पायल रूम में आ गई .. 
मुझे लग रहा था की चाहे पूरा दिन नहीं पर कम से कम रात को तो मुझे मनाएगी ही और फिर मैं उससे जो मेरा मन करे, करने को बोलूँगा .. 
पर इधर तो उल्टा ही हुआ, वो मेरे रूम में आई और पिलो उठा के बाहर जाने लगी .. 

मैं सदमे में था .. 
मैंने उससे पूछा – कहाँ जा रही हो … ?? 
वो बोली – मैं आज से बाहर लिविंग रूम में सोफे पर सोया करूँगी … 
मैंने पूछा – पर ऐसा क्यूँ … ?? 
तो बोली – क्या मतलब, यहाँ सोने का … 
तो बोली – क्या मतलब, यहाँ सोने का … तू तो मुझसे, बात कर ही नहीं रहा … 
मैंने हंसते हुए बोला – तो अभी क्या कर रहा हूँ … ?? 
इस पर, वो बोली – फिर, सुबह से मुझसे बात क्यूँ नहीं करी तूने … ?? तुझे बुरा लगा की मैं तेरे ऊपर आ के लेट गई … ?? 
मैंने कहा – नहीं, बिल्कुल भी नहीं … वो तो बहुत अच्छा लगा पर मैं बात इसीलिए नहीं कर रहा था क्यूंकी आपने मुझे बच्चा बोला … मैं बच्चा नहीं हूँ … अब बड़ा हो गया हूँ … मेरा इतना कहने की देर थी की वो वापिस बेड पर आकर बैठ गई और हँसने लगी …
पहली बार, उसकी हँसी में मुझे एक शरारत दिख रही थी .. 
मैं भी उसको देख कर शरमा रहा था .. 
मैंने उससे पूछा – हंस क्यूँ रही हो … 
तो वो बोली – चल बता … मैं कैसे मान लूँ की तू बड़ा हो गया है … ?? 
मैंने पूछा – क्या प्रूफ चाहिए, आपको … ?? 
तो वो आँख मारते हुए बोली – सबूत तो मैंने सुबह ही देख लिया … 
मैंने पूछा – क्या मतलब है, आपका … ?? 
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