Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
09-05-2019, 02:23 PM,
#61
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
ऐसा कहते हुए मेरी गांड में राज अंकल ने अपना लंड रख दिया और फिर बहुत सारा अपना थूक निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दिया. अंकल ने मेरी गांड के छेद पर अपने लंड को जैसे ही रखा, मुझे ऐसा लगा जैसे बिजली का करंट मेरे बदन पर दौड़ गया हो. सच में इनका लंड राजीव अंकल से दोगुना मोटा और लम्बा है. मुझे न जाने कैसा अहसास हो रहा था कि तभी एकदम से राज अंकल मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे. उनका लंड इतना मोटा और लम्बा था कि अन्दर जा नहीं रहा था. उन्होंने जैसे ही दबाव बनाया, मुझे बेहद दर्द होने लगा और राज अंकल का लौड़ा गांड से फिसलकर बाहर हो गया.
तब राज अंकल अपने लंड को हाथ से पकड़ कर गांड की छेद पर सैट किया और जैसे ही उन्होंने पूरी ताकत से अन्दर घुसाया, मुझे बहुत दर्द होने लगा. मैंने समाली अंकल का लौड़ा मुँह से निकाल दिया और जोर से चिल्लाने लगी. मैं बोली- मुझे मत करो.. जाने दो, मैं मर जाऊंगी, मेरे पीछे बहुत दर्द हो रहा है.. ओहह मम्मी … तू कहाँ है.. मुझे बचा ले इन हरामियों से.तभी राज अंकल मेरे को बोले- अब तो तेरे दर्द होगा ही साली रंडी.. तुझे आज बताते हैं.फिर वे मुन्ना अंकल को बोले- मुन्ना इतनी जोर इसके दूध दबाओ कि इसके दूध पिचकारी छोड़ दें.. दबा जमकर इस कुतिया के दूध.. इसको चिल्लाने दो.. अब साली रंडी मुहल्लावालों को जगा रही है. अब इसको चारों तरफ से दर्द दो.. सेक्स और चुदाई में दर्द का ही मजा है.
इतना सुनते ही मुन्ना अंकल जो मेरे दोनों दूधों के बीच में लंड फंसा के दूध को चोद रहे थे. उन्होंने अब अपना लंड दूधों के बीच से निकाल कर दोनों हाथों से मेरे मम्मों को पकड़कर पूरी ताकत से कस कर दबाया. वे मेरे मम्मे इतनी ज़ोर से दबाने और मसलने लगे कि मैं दर्द के मारे बहुत जोर से चिल्लाने लगी, रोने लगी.
तभी पड़ोस के घर से आवाज आई- अबे तुम्हारी बीवी है.. साले जैसे चोदना है चोदो.. पर हम लोगों को सोने दो और तू भी सुन ले.. अपने मर्द से डलवा चाहे गांड मरवा.. पर रंडियों जैसे चिल्ला मत.. तू ही बस अकेली नहीं चुदवाती.. दो घंटे से हो गया.. कुतिया सोने नहीं देती.
तब राज अंकल बोले- देख सोनू, मैं बोल रहा था न तुझे कि ऐसे चिल्ला रही है तो पड़ोसी भी उठ जायेंगे. सोते में तो बहुत गांड मरवाने का तेरा मन हो रहा था, फुल चुदासी थी.. खुद से लंड ढूंढ कर डलवाने को मरी जा रही थी. अब क्या हो गया! नयी लड़की की चूत और गांड में सबके दर्द होता ही है.. और इसी दर्द में ही तो असली मज़ा है. पर है तू अल्टीमेट सोनू.. सच में तेरी गांड में लंड डालना मतलब दुनिया में इससे बड़ा आनन्द दूसरा कुछ है ही नहीं.. ले सोनू साली रंडी.. और ले मेरा लौड़ा अपनी गांड में..
अब राज अंकल जमकर पूरी ताकत से मेरी गांड को चोदने लगे. इधर चूत में जगत अंकल भी अपने लंड की स्पीड इतनी ज्यादा बढ़ा दी. मुझे लगा कि मैं अब मरी, तब मरी.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैं चिल्लाए जा रही थी, लगातार रो रही थी. पर उन चारों को कोई फर्क नहीं पड़ा, न ही कोई उनको यह ख्याल आया कि छोटी सी लड़की है, अभी जवानी में कदम रख रही है.. तो इसे आराम से चोदें. मैं जितना चिल्लाती, जितना रोती.. उतना ही उन चारों को मजा आ रहा था, उतना ही और जोश में आकर मुझे चोद रहे थे.
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09-05-2019, 02:23 PM,
#62
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक की मेरी चुत चोदन कहानी में आपने जाना था कि राज अंकल जमकर पूरी ताकत से मेरी गांड को चोदने लगे थे. उधर चूत में जगत अंकल भी अपने लंड की स्पीड इतनी ज्यादा बढ़ा दी. मुझे लगा कि मैं अब मरी, तब मरी.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैं चिल्लाए जा रही थी, लगातार रो रही थी.अब आगे..
तभी जगत अंकल ने समाली अंकल को कहा कि अरे समाली भाई.. तुमने संध्या के मुँह से अपना लंड बाहर क्यों निकाल लिया.. मस्त तो चूस रही थी और आवाज भी नहीं कम निकल रही थी. डालो कुतिया के मुँह में लंड.. ऐसी मस्त लड़की शायद ही कभी मिले.. देखो न कैसे मस्त चिल्ला रही थी. मेरी बीवी भी सुहागरात रात में नहीं चिल्लाई, जैसे ही मैंने अपनी बीवी की चूत में अपना लंड डाला था, साला झट से घुस गया था. साली शादी के पहले ही न जाने कितनों से ही चुदवा चुकी होगी. सुहागरात रात में ही उसकी चूत की सील टूटी ही मिली थी. और चूत क्या.. मेरी बीवी की पूरी फैलकर भोसड़ा हो गई थी.
समाली अंकल हंस कर बोले- ठीक बोल रहे हो जगत.. संध्या जैसी खूबसूरती और सेक्सी लुक वाली लड़की तो हो ही नहीं सकती.. वो भी इतना फ्रेश माल नहीं मिलेगा चोदने को. मेरी शादी जब हुई थी, तब मेरी उम्र उन्नीस साल की थी.. मेरी बीवी मुझसे भी कम उम्र की थी, पर तब भी साली चुदी चुदाई आई थी. पहले पांच छः महीने झूठ बोली कि पहले मर्द आप हो, मैं बोला कि सील तो पहले से टूटी थी सच बता.. नहीं तो छोड़ दूंगा तुझे.. और सच बोलेगी तो हमेशा साथ रखूंगा, तब उसने बताया था कि एक मेरे सगे मामा का लड़का है, उसने सील तोड़ी थी और फिर मेरे भाई का दोस्त वो बहुत बार चोदा. आज ये संध्या ही मिली है, जिसकी चूत और गांड से खून निकलते देखा है.

तब जगत अंकल बोले- बिल्कुल सही बोल रहे हो भाई.. बहुत ही गजब की आइटम है ये संध्या.. बहुत बहुत ज्यादा ही मजा आ रहा है.
जगत अंकल करीब 5 से 7 मिनट से चूत को चोद रहे थे और राज अंकल दूसरे मर्द हैं, जो राजीव अंकल के झड़ने के बाद गांड को चोद रहे थे. अब पता नहीं कैसे ये चमत्कार या जादू होना शुरू हुआ कि मेरी गांड का दर्द तो पूरा ही गायब हो गया और चूत का जो बहुत दर्द था, वो भी कम होने लगा. फिर धीरे-धीरे दो मिनट में पूरा दर्द गायब हो गया. मम्मी की कसम.. ये सब एक एक शब्द सही है वैसा का वैसा ही लिख रही हूं, जैसा हुआ है.
मुन्ना अंकल का दूध जोर से दबाना भी अब अच्छा लगने लगा. एक बात दिल से बोल रही हूं कि दर्द तो गायब हुआ, ये ठीक बात है पर उसके बाद जो जादू हुआ वो मैंने भी सोची नहीं थी. मेरी चूत और गांड दोनों जगह ऐसी आग लगी, ऐसा कुछ हुआ कि बता नहीं सकती. पूरा बदन अब अकड़ने लगा और जिस्म का एक एक अंग टूटने लगा. जिन लौड़ों के जरा से घुसने से दर्द हो रहा था, वे ही लंड अब छोटे लगने लगे और अपने आप मजा महसूस होने लगा, मेरा मन करने लगा कि हर जगह लंड घुस जाए और जमकर अन्दर डाल कर मुझे मसल दें. जमकर पूरी ताकत से मुझे चोदें.
अब मैं मदहोश हो चुकी थी. मुझे कुछ भी न समझ आ रहा था, न ही कोई लिहाज रह गया था. बिल्कुल पागलपन हवश का मुझमें सवार हो चुका था. अब मेरे मुँह से अपने आप ही कुछ भी निकलने लगा. मैं गन्दी गालियां और बहुत गन्दी बातें सब बकने लगी.
मैंने समाली अंकल का लौड़ा मुँह से निकाल कर कहा- राज, बहुत मस्त गांड चोदता है तू.. और जोर से रगड़ कमीने.. पूरा लंड अन्दर डाल, जितना दम हो.. पर जल्दी कर.. और तेजी से चोद साले हरामी मादरजात.
मेरे मुँह से गालियां सुनते ही समाली अंकल बोले- अब संध्या पागल हो गई. लड़की जब सेक्स की इस सिचुएशन में आ जाती है, तब उसे सम्हालना असंभव हो जाता है. अब देखो राज अंकल से तुम राज हो गए.. और आप से तू.. अब हम सबको मस्त सेक्सी गालियां मिलेगी संध्या से.
जगत अंकल बोला- हर मर्द लड़की से गंदी गालियां और बातें सुनने को तरसता रहता है, पर संध्या तूने यह गंदी गालियां और बातें कहाँ से सीखीं?मैं बोली- मेरे मुहल्ले में सब लेडीज या जेंट्स एक दूसरे को बहुत गंदी गालियां देते हैं. मेरी मम्मी खुद ही बहुत गन्दी गन्दी गालियां देती हैं और बहुत सी बातें सेक्सी कहानियां पढ़कर मैंने भी सीखा है.तब राज अंकल बोले- संध्या, तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
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09-05-2019, 02:23 PM,
#63
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
फिर मेरी बदनसीबी रही कि अचानक मुझे बाहर जाना पड़ा, तो उसको चोद नहीं पाया था.यह बात तब की है सोनू जब तू पैदा भी नहीं हुई थी. तब सिर्फ तेरी बड़ी बहन पैदा हुई थी. तेरी मम्मी अपनी ज़वानी के टाइम की सबसे सेक्सी कुतिया रही है. इसी गांव में अपनी बहन के यहाँ महीने महीने भर रूकती थी और तेरी मौसी भी तेरी मम्मी के आशिकों तेरी मम्मी को चोदने वालों से परेशान हो जाती थी. पर तेरी मम्मी के यहाँ रहने से तेरी मौसी के घर में फ्री में बहुत सारा सामान आ जाता था, इसलिए वो भी चाहती थी कि तेरी मम्मी यहीं रहे. क्योंकि हर कोई कुछ न कुछ लेकर ही मिलने आता था इसलिए तेरी मौसी खुश रहती थी. यहीं इसी गांव में कम से कम तीस से ज्यादा लोगों ने तेरी मम्मी को चोदा है और कुछ लोग आस पड़ोस के गांव के लोग भी किसी न किसी के द्वारा मिले हैं. दो तीन ठेकेदार और सेठ तो मानिकपुर से तक आके तेरी मम्मी की ले चुके हैं. तेरी मम्मी अपने टाइम की बहुत खुली सेक्सी लेडी है.. पर बिना लिए कुछ छूने नहीं देती थी, बहुत लालची भी थी. मैंने सुना है कि तेरे पापा ने तेरी मम्मी को दो तीन बार रंगे हाथों पकड़ा है.. बता तू?
मैं बोली- हाँ अंकल आप सच बोल रहे हो. मेरे घर में ऐसा ही माहौल है मम्मी तो अभी भी भले इतनी एज हो गई. लोग आते मम्मी के लिए हैं, पर घर में मुझे देख कर सबकी निगाहें मुझमें अटक जाती हैं.मुझसे पहले मेरी बड़ी बहनों पर पर भी उनकी लार टपकती थी. अब उन दोनों की शादी हो चुकी, तो वो लोग अपने ससुराल में हैं. पापा तो मुंबई में ही रहते हैं.. साल में एक बार दस पन्द्रह दिन के लिए आती हैं. भाई कभी घर में एक मिनट के लिए भी नहीं आता है, तो अभी घर में मैं और मम्मी ही रहते हैं.भाई तो घर में रहता नहीं, पर भाई से दोस्ती करके उसके दोस्त सब मेरे घर में ही भीड़ लगाये रहते हैं. सब मेरे लिए ही मेरे भाई के दोस्त बनते हैं.मम्मी की पुरानी आदतों के कारण से सब मेरे घर को वेश्यालय ही समझते हैं. चाहे कम उम्र के हों.. या उम्रदराज मर्द.. सब मुझे उसी नजर से देखते हैं. सबको बस मेरे साथ सोना है, इसी के जुगाड़ में रहते हैं. यहाँ तक की मेरे सगे करीबी रिश्तेदार भी सब बस मुझे चोदना चाहते हैं. यह बिल्कुल सत्य है. पापा भी जब आते हैं और मम्मी से जब लड़ाई होती है तो सब पुरानी बातें बोल देते हैं.. और मम्मी को मुहल्लावालों को सुनाकर या उनके सामने ही वेश्या कह देते हैं. एक दो बार तो गुस्से में पापा मुझे या भाई सबको कह चुके हैं कि मुझे नहीं पता कि ये मेरी संतानें हैं, मुझे तो लगता है कि किसी और की हैं.
समाली अंकल लंड सहलाते हुए बोले- सही कह रही है तू.
मैं अपनी मस्ती में बोले जा रही थी:
अभी दो साल से मैं बड़ी होने लगी तो सबकी नजर अब मुझ पर ही है. मेरे घर में ऐसा ही माहौल है, इसलिए मैं भी वैसी ही हो गई. मेरा मन और कहीं नहीं लगता.. सारा दिन रात सिर्फ सेक्स के बारे में सोचती रहती हूं. कई बार तो इतना मन करने लगता है कि क्या बताऊं.. यही सच्चाई है.
मेरे पापा के फ्रेंड कमलेश अंकल जो स्कूल में टीचर हैं, वही मुझे घर में टयूशन पढ़ाते थे. वे मुझे मम्मी के कहने पर पढ़ाने आते थे. उनका मम्मी से चक्कर था, यह सबको पता था. वह मुझे स्कूल की किताबों की जगह सेक्स की कहानियों की पुस्तकों को ला ला कर पढ़ने को देते और मैगज़ीन जिसमें चुदाई की फोटो रहती थी, वो दिखाते और मेरे नीचे उंगली डालकर अन्दर बाहर करते. मौका मिलते ही नीचे हो कर मेरी चूत चाटने लगते. फिर उसी समय पहली बार उन्होंने मुझे अपना लंड भी चुसवा दिया था.
फिर तो वे कभी भी मेरे बदन में थोड़ी सी हरकत करके मुझे उत्तेजित करके तुरत मेरे मुँह में लंड डाल देते और जल्दी जल्दी मुँह में अन्दर-बाहर करके अपना लंड रस पिला देते थे. फिर तो ये उनकी लगभग हर दिन की आदत हो गई थी. जब तक मुझे लंड न चुसवा लें, टीचर जी मेरे घर से नहीं जाते थे.
मान लो मम्मी या कोई घर में हैं, उनको मौका नहीं मिल रहा है तो पढ़ाने के बहाने से तीन चार, पांच घंटे तक बैठे रहते थे. जैसे ही पांच मिनट का भी मौका अकेले होने का मिला, झट से मेरे मुँह में लंड डाल कर चुसवा लेते, फिर जाते.सच कहूं तो एक दो महीने मुझे अजीब लगा, पर मजा आने लगा था. फिर दो महीने रोज यही करते करते मेरी आदत हो गई और सच बता रही हूं कि वो जैसे मेरे पास आते, मैं उनका लंड पैन्ट से निकाल कर मुँह में लेकर चूसने लगती.
दो से ढाई साल तक मैं उनका लंड, किसी दिन वो न आएं, तब छोड़ कर.. लगभग हर दिन उनका लंड चूसा है. जब स्कूल के एग्जाम का लास्ट पेपर था, तब पहली बार उन्होंने मुझे घोड़ी बना कर मेरी गांड में अपना लंड डाला था और बेदम चुदाई की थी गांड की. उस दिन मम्मी लोग सब दूसरे पड़ोसी गांव में निमंत्रण में गई थीं. उस दिन दर्द के मारे मैं इतना ज़ोर ज़ोर से रोई और चिल्लाई थी कि बता नहीं सकती हूं. पन्द्रह बीस मिनट बाद बेहोश भी हो गई थी, फिर भी न जाने कितनी देर तक वो मेरी गांड को चोदते रहे. वो मेरी पहली चुदाई थी, वो भी गांड की.
उसके बाद कमलेश सर एक महीने नहीं आए. गर्मी की छुट्टियां भी थीं. उसके बाद बीच में एक दो दिन आए तो मुझे यही बोल के गए कि मैं एक महीने नहीं आऊंगा.. पर संध्या जब भी तुम्हें, जिससे भी मौका मिले चुदवा लिया करना. जीवन में इससे जरूरी कुछ नहीं है, न ही इससे ज्यादा मज़ा किसी चीज में है. संध्या तुम अब मस्त हो गई हो, तुम अब फुल चुदवाने लायक हो, कोई भी हो चाहे, सगा भाई भी हो.. लंड लेने का मौका नहीं छोड़ना. आज कल ये सब चलता है.. कहानियों में भी तुम रिश्तों में चुदाई की कहानी भी पढ़ ही चुकी हो. कैसे बाप से बेटी, भाई से बहन चुदवाती है.
जब भी न्यूज पेपर में ऐसी खबर आती कि किसी भाई ने अपनी बहन या किसी पापा ने अपनी बेटी से शारीरिक रिश्ता बनाया.. तो वो न्यूज पेपर लाकर मुझे जरूर पढ़ाते और मम्मी को भी दिखाते कि देखो आज ये बात कितनी साधारण हो गई है.
सच में मेरे को मेरे घर के माहौल और कमलेश सर ने ऐसा बना दिया था. फिर सच बात तो यह है कि इसके लिए कोई कमलेश सर जिम्मेदार नहीं, मेरी मम्मी जैसी हैं.. वैसी ही तो मैं होऊंगी. कमलेश सर ने जब पहले दिन मुझे सेक्सी कहानियों की बुक पढ़ने को दी और फिर नंगी मैगजीन दी, तो मैंने खुद ही ले ली और पढ़ना भी शुरू कर दिया, एक बार ऐतराज नहीं किया, न ही किसी को बताया. भले ही मैं बहुत छोटी थी पर फिर भी मुझे वो सेक्सी कहानियां पढ़ना बहुत ही अच्छा लग रहा था. उस तरह की फोटो देखना, मुझे अपने कक्षा के सिलेबस की बुक्स से ज्यादा सेक्सी कहानियां पढ़ने में इंटरेस्ट अपने आप रहता था. मेरे अन्दर ही सेक्सी फीलिंग है, मैं बनी ही ऐसी हूं. गॉड ने मुझे बनाया ही ऐसा है. यही मेरी सच्चाई है. अंकल मैंने आपको सब सच बता दिया.
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09-05-2019, 02:23 PM,
#64
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अभी तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी सबसे पहली गांड चुदाई से लेकर अब तक अपनी सारी दास्तान सभी अंकल लोगों को सुना दी थी.अब आगे..
यह मेरी बात सुनकर सभी चारों अंकल बोले- वोहहह माई गॉड संध्या तेरी सच्चाई गजब की है यार.. तेरी लाइफ का सच बहुत इंटरेस्टिंग है. सच है तुझे भगवान ने तभी इतनी खूबसूरत और इतनी सेक्सी बनाया है. तू सेक्स की जीती जागती मूरत है.. तू सिर्फ सेक्स के लिए बनी है संध्या.. और सच है इससे ज्यादा मज़ा और किसी में नहीं है. तेरा चुदवाने का चिल्लाने का दर्द का रोने की हर अदा लाजवाब है.
तभी राज अंकल ने जोर से मेरे बालों को खींच कर अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड में पेल दिया और बोले- संध्या तुम रंडी बनोगी, सच बता?मैं बोली- हाँ राज.. जो बना सकता है तू सब बना दे. मैं अभी लगभग बारह पन्द्रह दिन यहीं रूकी हूं, तब तक तो तुम लोगों की हूं.

जगत अंकल भी मेरी चूत में बहुत जोर जोर से धक्का मारने लगे और गंदी गालियां देने लगे. वे बोले- तू संध्या, पन्द्रह दिन के लिए जब तक यहाँ है, तब तक हम लोगों की रखैल बन जा साली.. तुझे चुदाई के मजे भी देंगे और मालामाल करके भेजेंगे. बोल क्या बोलती है?मैं बोली- पक्का … चल बन गई तुम लोगों की पन्द्रह दिन की रखैल.. देखती हूं कितना मज़ा कराएगा और तुम सब मुझे कितना मालामाल करोगे, पर उसके लिए मेरी मम्मी को भी तुम लोगों को विश्वास में लेना होगा. उन्हें भी कुछ दे देना. पर ऐसे देना कि उन्हें जरा भी शक न हो कि तुम लोग मुझे चोदते हो या चुदवाते हो.
मुन्ना अंकल और राज अंकल बोले- तेरी मम्मी की चिंता तू छोड़ दे.. उसको क्या पटाना है, वो तो पटी हुई है. संध्या तेरी मम्मी को तो दस हजार रुपए दे दूं तो वो खुद तुझे चुदवाई करवाने ले आएगी और हजार दो हजार दे दूंगा तो वो खुद चुदवा लेगी. पर अब वो ढल चुकी है.. चालीस पैंतालीस साल की हो गई.. उसका सब ढीला हो चुका है मजा नहीं आएगा. और तू तो एकदम करारी माल है संध्या.. तू तो इस समय पूरी दुनिया की सबसे सेक्सी खूबसूरत आइटम है. तुझे पूरे 15 दिन जमकर चोदेंगे, तू अब आज से हम लोगों की रखैल है और पन्द्रह दिन के लिए इस जगत अंकल की तू बीवी भी है. इसलिए अब तेरे लिए सब कुछ करेंगे. संध्या तू बहुत मस्त माल मिल गई है. तेरे लिए तेरी मम्मी को भी पटा लेंगे, चाहे कुछ भी करना पड़े, कितना भी देना पड़े.
तभी जिनका मकान था, संमाली अंकल, वे बोले- यार राज, मैं तो उतना खुला नहीं हूं, तू तो रिश्तेदार है संध्या की मम्मी का.. और इसकी मम्मी तो तुम्हारी पुरानी सेटिंग भी है, तो इसकी मम्मी को जितना देना पड़े, मैं दे दूंगा. संध्या की मम्मी को भी कैसे भी पर पटा ले कि उसे जो लेना है, ले ले.. पर इसे हीं भी आने-जाने से मना नहीं करे. वो भी हम लोगों के साथ ख़ास तौर से न रोके.राज अंकल बोले- बिल्कुल.. डन.. मैं ये कर लूंगा. चलो अभी जमकर संध्या को रगड़ कर चोदते हैं. आज जैसा अपन किये हैं, वैसे रोज नहीं हो पाएगा. जब तक इसकी मम्मी अपने कान्फीडेन्स में नहीं आएगी.
इधर बातें चल रही थीं, मुझे जगत अंकल आगे से और राज अंकल पीछे से पकड़ कर चोदे जा रहे थे और मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. मैंने ऐसी भयानक जोश में.. मदहोश हो रही थी. मैं तुरंत ही समाली अंकल का लौड़ा पकड़ कर उसे अपने हाथों से रगड़ने लगी, तो वो और कड़क होने लगा.
समाली अंकल बोले- आह साली क्या लंड तोड़ डालेगी संध्या.. इतने जोश में है तू?मैं बोली- हाँ अंकल मैं बहुत बेचैन हो रही हूं.. कुछ ऐसा करो और करवाओ कि मेरे बदन की आग और प्यास बुझ जाये.. मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
तभी मुन्ना अंकल फिर से मेरी छाती में दोनों टांगों को इधर उधर करके चढ़ गए और मेरे दोनों दूधों को कस के अपने हाथों से पकड़ कर दोनों दूधों के बीच में अपना लंड घुसा दिया. इससे मैं समाली अंकल को जकड़ कर लिपट गई और उनके होंठों को चूसने लगी.
तभी नीचे जगत अंकल मेरी चूत में बहुत जोर जोर से धक्का लगाने लगे और बोले- वोहहह संध्या गजब की चूत है तेरी बेहद टाइट और गर्म.. मैं पागल हुआ जा रहा हूं.. क्या बताऊं रे.. तूने आज पागल कर दिया.. मुझे बुढ़ापे में जवानी का अहसास करा दिया और जन्नत का मज़ा दे दिया.. लाइफ में पहली बार मैं पन्द्रह बीस मिनट तक चोद पाया हूं. अब संध्या तेरे बिना नहीं रह पाऊंगा, तू मेरा सब ले ले.. पर मेरी बीवी बन जा.
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09-05-2019, 02:23 PM,
#65
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं बोली- पन्द्रह दिन की तो तेरी बीवी बन ही चुकी हूं.. बोल तो दिया है अब आगे के लिए मम्मी से बात कर लेना.जगत अंकल बोले- पर तेरी मम्मी कैसे मानेगी.. मैं पैंसठ साल का हूं और तू ज्यादा से ज्यादा होगी तो 18 साल की. तेरे मेरे बीच में पैंतालीस पचास साल का अंतर है.. पर मैं तुझे और तेरी मम्मी के नाम पूरी अपनी जायदाद लिखा दूंगा. करोड़ों का तो मेरा घर है और जमीन कार सब अलग सब दे दूंगा और तुझे फुल आजादी.. चाहे जहाँ जा चाहे, जिससे चुदवा. संध्या.. कुछ बात जमा, मैं तो तुझे देख कर और चोदकर तेरा दीवाना हो गया हूं, तेरे बिना रह पाना अब मुश्किल है.
मैं बोली- अंकल, तेरी उम्र से मुझे कोई दिक्कत नहीं है और किसी लड़की को उम्र से कोई प्राब्लम नहीं होती. बस लड़की को अगर कुछ चाहिए, तो वह है संतुष्टि.. अभी भी तेरे लंड में बहुत दम है.. तू बहुत मस्त चोदता है. मैं बिल्कुल पागल हो गई और तूने अंकल मुझे बहुत दर्द भी दिया, बहुत रुलाया तेरा लौड़ा बहुत कड़क है. मुझे आज तक ऐसा दर्द नहीं हुआ. मैं तेरे साथ रहने को तैयार हूं.
मुझे खुद पता नहीं था कि मैं क्या बोल रही हूं.
तभी जगत अंकल बोले- ओ मेरी जान संध्या, अब मुझे अंकल कहना छोड़ दे तू.. मुझे डार्लिंग जान या पति बोल. एक बार अपने मुँह से मुझे पति बोल.मैं फुल जोश में थी तो बोली- हाँ मेरे राजा.. मेरे पति तू बहुत मस्त है और जोर से घुसा.. फाड़ दे अपनी बीवी संध्या की चूत..
जगत अंकल फुल जोश में आकर बहुत अपनी कमर उठा उठा कर जोर जोर से चोदने लगे. अब मेरी चूत और गांड दोनों जगह से फच फच की आवाज आने लगी.
इतने में जगत अंकल बोले- संध्या अब मेरा लौड़ा तेरी चूत फाड़ने वाला है.. तू कुतिया मादरचोदी.. तेरी मां चोदूं साली रंडी ओहहहह.. तू जन्नत का मज़ा देती है.. उंहहह ऊंहहह..
इस तरह की आवाज जगत अंकल जोर जोर से निकालने लगे और फिर मुझे कस के पकड़ कर बोले- संध्या मेरी बीवी.. आह.. मैं झड़ने वाला हूं.. मेरा काम तमाम हो रहा है..
वे मेरे कंधे को जोर से पकड़ कर मुझसे लिपट गए और बेहद गर्म गर्म वीर्य अंकल का मेरी चूत में भर गया.
मुझे बहुत अजीब गुदगुदी सी लगी. जैसे ही जगत अंकल ने मेरी चूत में पूरा लंड रस डाल दिया, मैं भी जोश में आकर आएं बाएँ बकने लगी.
‘आहह वोहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊंहहह मेरे राजा बहुत मस्त है तू.. आह.. मेरे कमीने पति मादरचोद.. मार दिया साले..’ मैं भी जगत अंकल से लिपट गई. करीब दो मिनट वे मुझसे लिपटे रहे. फिर उनका लंड चूत में ही सिकुड़ गया और बहुत छोटा हो गया, तब जगत अंकल ने मुझे छोड़ा और उठ गए.
राज अंकल बोले- समाली… जगत जी का तो काम तमाम हो गया है. अब आप आ जाओ.. और सम्हालो सोनू की चूत को.. लंड पेल कर फुल मजा लो और आप भी सोनू को भी सेटिस्फाई करो.ये कहते हुए राज अंकल तेजी से मेरी गांड को चोद रहे थे.
समाली अंकल बोले- यार राज तू एक काम कर.. तू इसके आगे आजा और संध्या की चूत में अपना लंड डाल ले.. मुझे सिर्फ इसकी गांड मारनी है. मुझे संध्या की गांड बहुत ज्यादा पसंद है. वैसे तू मुझे गलत मत समझना, मैं सच बोलूं तो मुझे भी गांड मारना ही पसंद है यहाँ तक की मैं लड़कों की गांड भी पैसे देकर मारता हूं. सच कहूं तो गांडू ही हूं. यह मेरी आदत बन चुकी है और संध्या की गांड भी तो लाजवाब है. मैंने आज तक ऐसी गांड नहीं देखी, जो इतना उठान लिए हुए हो.राज अंकल बोले- ठीक है अंकल आ जाओ.. मैं तो इस मस्त सोनू की गांड काफी देर से चोद रहा हूं. अब इसकी चूत का भी मजा ले लेता हूं. पर सच तो ये है कि मेरा सोनू की गांड छोड़ने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा.. उंहहह अंकल बहुत गजब की गांड है.. सच में आ जाओ आप.
फिर राज अंकल ने अपना लंड मेरी गांड में से निकाल लिया और उठकर मेरे आगे तरफ आकर मेरी दोनों टांगों को चौड़ा किया और मेरी नाभि को चाटने चूसने लगे. मुझे फिर से बहुत गुदगुदी होने लगी. फिर वे अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगे, मेरी चूत बहुत चिपचिपा रही थी. जगत अंकल के लंड रस अभी अभी मेरे चूत में छोड़ा था इसलिए एकदम मलाई से भरी हुई चूत थी.
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09-05-2019, 02:24 PM,
#66
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
राज अंकल बोले- सोनू क्या गजब की आइटम है तू.. बनाने वाले ने तेरा पूरा बदन न जाने कितनी फुर्सत से बनाया होगा.. तेरी चूत बिल्कुल गुलाबी सुर्ख है.
ये कह कर राज अंकल ने मेरी चूत में अपना मुँह रख दिया. पहले वे चूत सूंघने लगे, फिर मेरी चूत में अपना मुँह रख कर चूमने लगे. उन्होंने मेरी चूत को बहुत किस किया. फिर राज अंकल मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी और पागलों की तरह चाटने लगे.मैं पागल हुई जा रही थी और मेरे हाथों की रेंज पर सिर्फ मुन्ना अंकल थे. तो मैंने उन्हें पकड़ कर खींच लिया और उनके होंठों को चूमने लगी. साथ ही मैंने अपनी जीभ मुन्ना अंकल के मुँह में डाल दी.. और मुन्ना अंकल को कस के अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उधर मेरे पिछवाड़े में समाली अंकल ने आकर, मेरे कूल्हों को अपने हाथों से पकड़ा और सहलाने लगे.. फिर मेरे कूल्हों को फैला कर मेरे पिछवाड़े को चूमने लगे और जीभ से चाटने भी लगे. धीरे-धीरे मेरे कूल्हों पर अपने हाथों से थप्पड़ मारने लगे.
अंकल बोले- संध्या तू क़यामत है यार.. सच में तेरी गांड से मस्त गांड दुनिया की किसी मॉडल की भी नहीं होगी, न किसी हीरोइन की होगी. मैंने इतनी खूबसूरत लड़की की इतनी मस्त गांड कभी नहीं देखी. अब तक मैंने अपने देश की और विदेशी लड़कियों की गांड चुदाई वाली कई ब्लू फ़िल्में देखी होंगी.. पर संध्या तेरे जैसी गांड नहीं देखी.. तू फिल्मों में चली जाए, तो आज हिरोइन बन जाएगी. आह.. क्या मस्त उठान है तेरी गांड की..
यह कहते हुए मेरी गांड को समाली अंकल चाटने लगे और मेरी गांड के छेद पर अपनी जीभ डाल दी. उनकी खुरदरी जीभ का अहसास पाते ही मैं उछल पड़ी और गरम होकर मुन्ना अंकल का लौड़ा ढूंढने लगी.मुन्ना अंकल बोले- क्या हुआ संध्या, मेरा लौड़ा चाहिए क्या?मैं बोली- हाँ अंकल … अंकल मुझे अपना लंड दे दो.मुन्ना अंकल ने झट से अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया, मैं मुन्ना अंकल के लंड को जोर से पकड़ कर कस के रगड़ने लगी. मुन्ना अंकल भी इस हरकत से हाँफने लगे और अपने हाथों से मेरे दूधों को दबाने लगे.
तब राज अंकल बोले- सोनू, तुझे अब जन्नत का मज़ा लेना है तो बोल?मैं बोली- राज, अब तू कुछ भी यार.. बस इतना ज़ोर से कर कि मैं बिल्कुल बेहोश हो जाऊं.. मेरी प्यास बुझा हरामी मादरचोदो कुत्तों.. साले तुम तीन तीन मर्द लगे हो और मैं तड़प रही हूं.. तीनों छक्के हो क्या भड़वे साले.. ओहहह राज कुछ स्पेशल कर यार!तब राज अंकल बोले- ये सोनू हम तीनों को छक्का बोली.. साली मादरचोदी को चलो दिखा दो अपनी मर्दानगी.. निकालो इसकी चीख. अब तो इस साली कुतिया को बेदर्दी से हम तीनों एक साथ चोदेंगे. मुन्ना तू अपना लंड इसके मुँह में डाल और फ्रेंच चुदाई कर इसके मुँह की.. समाली अंकल अब सीधे इसकी गांड में अपना लंड टिकाओ और मैं सोनू की चूत में जोर से पेलता हूं.
तीनों ने ओके कहा और मुन्ना अंकल मेरे मुँह में अपना लंड रख कर अपने लंड को मेरे होंठों से रगड़ने लगे.
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09-05-2019, 02:24 PM,
#67
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक इस मस्त सेक्स स्टोरी में आपने जाना कि राज अंकल मेरी चुनौती से भड़क कर कहने लगे थे कि अब तो इस साली कुतिया को बेदर्दी से हम तीनों एक साथ चोदेंगे.
जैसे ही मुन्ना अंकल का लंड मेरे मुँह से लगा, मुझे मजा आ गया. गजब की महक थी मुन्ना अंकल के लंड की. उधर मेरी कमर को उठाकर कर मेरे पिछवाड़े को और ऊपर उठाकर कूल्हों को फैला कर समाली अंकल ने अपना लंड मेरी गांड के छेद में टिका दिया. इधर आगे से राज अंकल ने मेरी टांगों को चौड़ा कर एक टांग अपने कंधे पर चढ़ा ली और अपना लौड़ा मेरी चूत के छिद्र में ऊपर से रगड़ने लगे.
वे बोले- साली रंडी की लौंडिया, तू रंडी ही रहेगी. अब देख तुझे कैसा मजा चखाते हैं कुतिया.

इसके बाद तीनों एकदम से गुर्राते हुए कहने लगे- चलो घुसा दो एक साथ.. एक झटके में इस्सके हर छेद में अपने लंड.. तब इस रंडी संध्या को पता चलेगा कि हम छक्के हैं या मर्द हैं.उन तीनों ने एक साथ पूरी ताकत से इतने जोर से लंड पेला और अन्दर तक घुसा दिया. इतना करारा प्रहार हुआ था कि मुझे लगा कि मैं मर ही गई.. बेइंतहा दर्द हुआ.तीनों के लंड एक साथ घुसते ही मैं जोर से चिल्लाने लगी- कुत्तों.. साले जानवर हो क्या.. भड़वे साले ओहहहह आहहह मार ही डालोगे क्या?
मुन्ना ने पूरा लंड मेरे मुँह में भर कर ठूंस दिया. अब मेरी आवाज़ भी बन्द हो गई. इधर समाली अंकल का लौड़ा बहुत मस्त घुस रहा था. दो लोगों ने अभी अभी मेरी गांड चुदाई की थी, पर तब भी दर्द होने लगा. और नीचे में चूत में राज अंकल ने तो पता नहीं कौन सी स्टाइल से लंड डाला था, मेरी चूत में इतना दर्द हुआ कि लगा मर जाऊंगी.
फिर राज अंकल मुझे जमकर चोदने लगे. सबसे ज्यादा स्पीड समाली अंकल की थी. वे इतनी तेजी से लंड अन्दर बाहर कर रहे थे कि जैसे कोई मशीन लंड पेल रही हो.. या उनको बड़ी जल्दी हो.
समाली अंकल गांड मारते हुए बोले भी जा रहे थे- वोहह माई गॉड संध्या … तेरी गांड बहुत टाइट है और बहुत चिकनी भी है. मैंने कुछ लड़कों की भी गांड मारी और चालीस साल की औरत जो रंडियां हैं, उनकी भी गांड मारी.. सच बताऊं कम उम्र की नयी लड़कियों को भी फुसलाकर उनकी भी गांड चुदाई की. पर संध्या मेरी रानी … ऐसी मस्त उठी चिकनी गांड कभी नहीं चोदी. तेरी गांड चोदने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. मेरे दो करीबी दोस्त हैं, वो भी गांड के शौकीन हैं. साले बहुत बड़े रोड ठेकेदार हैं करोड़पति हैं, उनसे जरूर अपनी गांड चुदाई करवा लेना संध्या.. तेरी गांड पाकर वो कुछ भी कर सकते हैं. तू जो बोलेगी, उनसे तुझे और तेरी मम्मी दोनों को दिलवा दूंगा.. मेरा पक्का वादा है.
मैं मुन्ना का लंड मुँह से थोड़ा निकाल कर बोली- वाह समाली … तू बहुत मस्त गांड चोदता है साले.. और जोर जोर से धक्का लगा कमीने.. फाड़ दे मेरी गांड ऊंहहह उंहहह.. चोदू अंकल बहुत मस्त चोदता है तू.. चल मैं भी वादा करती हूं कि इन पन्द्रह दिन में जितनों से बोलेगा तू, सबसे गांड चुदवा लूंगी. दो की तो कोई बात ही नहीं है. बस तू मेरी मम्मी को बस कुछ ले देकर पटा लिया करना, जिससे तुम्हारे साथ जाने में रोके नहीं. पर ऐसे पटाना ताकि उन्हें ये शक भी न हो कि कुछ सेक्स जैसा कोई रिलेशनशिप है. बस तेरी छोटी नातिन हूं.. बेटी हूं.. मेरी मम्मी के सामने सब मेरे लिए ऐसे ही एक्टिंग करना.. आह.. अभी तो और जमकर चोदो.. मुझे बहुत गुदगुदी लग रही है.
अब तक मेरा सब दर्द गायब हो चुका था और मैं फुल जोश में अपनी कमर और गांड आगे पीछे उचका उचका कर चुदवा रही थी.
दोनों अंकल राज और समाली जमकर अन्दर बाहर कर रहे थे. राज अंकल बोले- सोनू, तू अपनी मम्मी की चिंता छोड़.. वह मुझ पर इतना विश्वास करेगी कि तुझे हम लोगों के साथ जहाँ चाहेंगे जाने देगी. वह ऐसा मानेगी कि जैसे तू अपने नाना के साथ जा रही है, यह मेरा वादा है. यह तू कल देख लेना सोनू कि तेरी मम्मी को कैसे विश्वास में लेना है, मुझे आता है.. और एक बात तुझे बताऊं.. एक आइडिया है, तू यह कर लेना.. तेरे लिए अच्छा होगा. मैं तेरी मम्मी की भी कल परसों में अपने किसी दोस्त या इन समाली अंकल से चुदाई करवा दूंगा. तू ठीक उसी समय एकदम से सामने आ जाना और अपनी मम्मी को चुदते हुए देख लेना. उसके बाद तेरी मम्मी कुछ नहीं कह सकेगी.
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09-05-2019, 02:24 PM,
#68
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तब मैं बोली- सच में अंकल क्या ऐसा हो सकता है? तब तो मेरे लिए बहुत अच्छा हो जाएगा, आपका यह एहसान मैं कभी भी नहीं भूलूंगी.. क्योंकि इससे मेरी आगे की लाइफ में थोड़ा क्या.. मुझे पूरी आजादी मिल जाएगी.तब राज अंकल बोले- चल तेरे लिए यह मैं करवा दूंगा और तुझे कभी भी अगर कुछ दिक्कत आई या तेरी मम्मी जान भी गई तो कुछ नहीं बोल पाएगी.
अब मैं बिल्कुल राज अंकल से लिपट गई- तू बहुत मस्त है राज.. तेरा कोई जवाब नहीं.. तू मेरी चूत को आज फाड़ दे! और हाँ, यह मम्मी वाला जो आइडिया दिया है, इस काम को जरूर करवा देना. मेरी मम्मी को एक बार मैं भी सामने से चुदते हुए देख लूं.. उनके बारे में सुनी तो बहुत है.. एक बार देखना भी चाहती हूं.राज अंकल बोले- आह.. सोनू लगता है अब मेरा काम तमाम होने वाला है. मैं झड़ने वाला हूं.. तेरे को बहुत चोदने का मन है.. तेरी चूत बहुत टाइट है. मैंने तेरी गांड को भी बहुत चोदा और अब लगता है कि तेरी चूत की रगड़ और गर्मी मेरा लौड़ा बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. अब मेरा रस निकलने वाला है, सोनू तू यह बता कि मेरा लंड रस चूत में लेगी या अपने मुँह में लेगी.. तू जैसा बोल?
मैं बोली- राज मैं बहुत प्यासी हूं.. तुझे जहाँ मन पड़े, वहीं बौछार कर दे.. आह.. राज बहुत मस्त चोदता है.. मैं आज तेरे लौड़े की दीवानी हो गई हूं. तू ऐसा कर कि मेरी चूत में ही रस भर दे. मेरी चूत में पूरा जड़ तक लंड घुसा दे. अब मुझे भी बहुत कुछ अन्दर होने लगा है.
इतने में मेरे दोनों दूध जम के पकड़ कर राज अंकल जोर जोर से मेरी चूत में अपने लंड के धक्का मारने लगे और फिर देखते ही देखते दो मिनट के अन्दर राज के लंड से बहुत ज्यादा गर्म गर्म लावा मेरी चूत में भरने लगा. उधर मुन्ना अंकल भी मेरे मुँह में अपना लंड डाल कर पूरा अन्दर बाहर जोर से डालने लगे और करीब दस मिनट तक मेरे मुँह में मेरे अन्दर बाहर लंड करके मेरे मुँह को फ्रेंच स्टाइल में चोदता रहे.
मुन्ना अंकल बोले- संध्या, मैं भी अब झड़ने वाला हूं.. मेरे लंड का रस निकलने वाला है.फिर मेरे बाल पकड़ कर मुन्ना अंकल बोले- अरे साली कुतिया रंडी.. तू मुँह में क्या मस्त चुसाई करती है.. गजब लंड चूसती है, आह.. ले संध्या और ले.बस मेरे मुँह से फच फच की आवाज निकल रही थी. तभी मुँह में उनका भी गर्म गर्म लावा की तरह लंड रस आ गया.
मुझसे मुन्ना अंकल बोले- संध्या तू पूरा इसे पी जा.. आह.. लंड का माल बहुत टेस्टी और पौष्टिक होता है.. आह.. भैन की लौड़ी.. लंड जोर से चूस ले साली.. बहुत मजा आएगा.. और ले और चूस संध्या..
मुन्ना अंकल ने पूरा लंड रस गर्म गर्म मेरे मुँह में छोड़ दिया, सच में मेरा बहुत मन कर रहा था और यह आज पहली बार लंड का रस मुँह में निकला था जिसे मैं चाटने लगी, लंड चूसने लगी और पूरा माल पी गयी.मेरे मुँह में मुन्ना अंकल ने अपना लंड का रस छोड़ दिया था इसलिए वे ढीले पड़ गए. जब उनका लंड बिल्कुल छोटा हो गया तो मेरे मुँह से निकाल कर बाहर कर लिया और उठ कर अलग खड़े हो गए.
इधर राज अंकल मेरे ऊपर बिल्कुल मस्त होकर थक कर मेरे ऊपर लेटे पड़े हुए थे. उनका लंड अभी भी मेरी चूत में घुसा हुआ था. मैं कस के उनको पकड़े हुए उनके होंठों को चूसने लगी, चाटने लगी. मैं बोली- राज चोद साले.. और चोद.. क्या हुआ तुझे राज.. अभी मेरा मन बहुत कर रहा है.
तभी मुन्ना अंकल उधर पीछे दरवाजे के पास चौकीदार की तरह खड़े अंकित को बोले- अबे साले अंकित, उधर क्या ताक झांक कर रहा है.. कोई नहीं आएगा बेफ्रिक रह.. दो बजे रात को कौन आएगा बे, चल अब इधर आजा हम चार-पांच लोग भी इस चुदासी सेक्सी तेरी रिश्ते में बहन संध्या की प्यास नहीं बुझा पाए, तू जवान लड़का है.. उसको चोद ले जमके.. नहीं हम क्या मुँह दिखाएंगे कि तेरे सहित 6 मर्द तेरी बहन को संतुष्ट नहीं कर पाए. चल जल्दी से संध्या की चूत के मैदान में आजा.. और इसे चोद कर तू बहनचोद बन जा.
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09-05-2019, 02:24 PM,
#69
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तब अंकित बोला- मैं संध्या को चुदते हुए देख कर एक बार मुठ मार चुका हूं.. इसका चेहरे का एक्सप्रेशन बहुत गजब का है. मैंने आज तक कोई ऐसी ब्लू फिल्म में चुदाई नहीं देखी, जैसे यह संध्या चुदवाती है. मैं आ रहा हूं अंकल.राज अंकल बोले- हां आजा अंकित बेटा.. तू तो टेबलेट भी खाता है और लंड बड़ा करने की क्रीम भी लगाता है.. सुना है मैंने तेरा लंड बहुत मोटा और लम्बा है. जरा सोनू पर जोर आजमा, हम लोग भी देखें तेरे लौड़े में कितना दम है.
तभी अंकित ने अपने पूरे कपड़े मेरे सामने खोल दिए और नंगा हो गया. जैसे ही मैंने अंकित का लौड़ा देखा, मैं एकदम से चौंक गई. सच में बहुत ही बड़ा लंड था. वैसे तो मुझे पटा ही था कि अंकित का लंड बहुत बड़ा है. मुझे दो तीन महीने पहले एक बार लाल जी ने बताया था कि अंकित का लंड बहुत मोटा और बड़ा है. अंकित का लंड मेरे हाथ के बराबर मोटा और हाथ के बराबर ही लंबा था. और उस दिन बाथरूम में भी चूसा था. लेकिन खुल कर अभी देखा था.
पहले तो मैं एकदम से हिचक गई, पर मेरा बहुत मन कर रहा था तो मैंने अंकित को बोला- अंकित, तू बहुत मस्त है.. उस दिन तूने सुबह जो किया था, जो आग मेरे बदन में लगायी थी.. बस आज उसे बुझा दे, आज पूरी कर ले तू अपने मन की चाहत.. मेरा भी बहुत मन कर रहा है. अंकित आजा मेरे ऊपर.. मेरी बांहों में आके मेरे जिस्म में समा जा, ये जो अंकल लोग बोल रहे हैं कि अपनी बहन को चोद दे, लालजी मेरी सगी मौसी का बेटा है और तू उसके सगे बड़े पापा का बेटा है.. तो रियल भाई का ही रिश्ता हुआ.. आजा अंकित.. आज फाड़ दे अपनी बहन की चूत.. तू तो मेरा मस्त भाई है.
राज अंकल तभी मेरे ऊपर से उठ गए और अंकित को बोले कि अंकित आ सम्हाल अपनी बहन की चूत को.
अंकित मेरे पैरों तरफ से आया और सबसे पहले मेरे मेरे पैर के अंगूठे को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा और फिर उसने मेरी टांगों को चूमना शुरू किया. अंकित का ये एक अलग ही अंदाज निकला. वो ऊपर की ओर बढ़ा, तो मेरी जांघों को जीभ से चाटने सहलाने लगा.
मैं गुदगुदी के मारे तड़प उठी, फिर मेरी चूत को जैसे किस किया.. मेरे मुँह से निकल उठा- उहहह अंकित … बहुत मस्त है तू..
अंकित ने कहा- संध्या … मेरी बहना … मैं तेरी चूत की खुशबू से मस्त हो गया हूँ. इसकी महक बहुत ही मदहोश करने वाली है, मैं अब तक मैं ज्यादा तो नहीं, पर दस बारह लड़कियों को ही चोद चुका हूं. मैंने उन सबकी चूत चाटी थी. कुछ तो तेरे से भी छोटी उम्र की लड़की के संग भी मजा किया था.. पर ऐसी चूत की खुशबू और महक.. किसी की भी नहीं थी.
इतना कहते ही अंकित मेरी चूत को फैला कर ऐसे चाटने लगा कि मैं उत्तेजित हो कर उछल पड़ी. तभी समाली अंकल और तेजी से मेरी गांड में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगे.
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09-05-2019, 02:24 PM,
#70
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मेरी चूत चुदाई कहानी में आपने पढ़ा कि मेरा मौसेरा भाई अंकित मेरी चूत में जीभ पेल कर चूस रहा था और समाली अंकल मेरी गांड में लंड पेल कर पिल पड़े थे.अब आगे..
समाली अंकल बोलने लगे- साली कितना चुदवाती है संध्या.. अभी कमसिन उम्र में तू ऐसी है.. तो बीस इक्कीस साल में तो पूरी दुनिया तेरी गुलाम हो जाएगी.
अंकित ने मेरी चूत में भरा राज अंकल के लंड रस और उसी में मिला मेरी चूत रस को चाट चाट कर साफ़ कर दिया. वो बोला- आह.. कितना मस्त रस है तेरी चूत का.. मेरी जान संध्या.
फिर वो चूत छोड़कर मेरे नंगे पेट को चूमने लगा और मेरी नाभि में उंगली डाल कर ऐसा चूमा कि मुझसे रहा नहीं गया. मैंने चुदास से भर कर अंकित के बाल पकड़ लिए और बोली- और ऊपर आ अंकित मेरे होंठों को चूम यार.
अंकित बोला- जरा सब्र रख संध्या … तू इतनी खूबसूरत और सेक्सी है कि कोई तुझे सामने बैठा कर सारी उम्र बस देखता रहे.. तो उसे जन्नत का अहसास मिलेगा. और अगर तुझे कोई नंगी देख ले तो, फिर उसका कहना ही क्या.. और कहीं तेरे जिस्म को छूने को मिल जाए, चूमने को मिले.. मतलब जिंदगी में उसे और कुछ चाहिए ही नहीं.. और कहीं तू किसी मर्द को साथ में सोने को मिल जाए मतलब चोदने को मिल जाए तो उन मर्दों को फिर जीवन का असली मजा मिल गया.. और समझो उनको यहीं जन्नत मिल गई.. और उन मर्दों का जीवन सफल हो गया. तेरे जैसी खूबसूरत लड़की इतनी सेक्सी भी है, यह मैंने आज जाना है. तू बहुत बहुत सेक्सी है संध्या.. तेरा कोई जवाब नहीं. मैंने आज जब से तुझे चुदते देखा है, तब से मैं बिल्कुल तेरा दीवाना हो गया हूं. लालजी ने मुझे बताया था, पर मैंने उस पर यकीन नहीं किया था. आज देख कर जान गया कि लालजी ने जो बोला था, वह भी कम बोला था. तू तो उससे भी कहीं ज्यादा सेक्सी है.. बहुत स्टेमिना तेरे अन्दर है. अभी तेरे को पांच लोगों ने चोदा, फिर भी तू सेटिस्फाइड नहीं हुई. तू गजब है यार.. आज मुझे जन्नत मिल जाएगी.

यह कहते हुए सीधे मेरे दूधों को पकड़ कर अंकित जोर जोर से दबाने लगा. वो अपनी दोनों हथेलियों से मेरे दोनों दूध पकड़ के कस कर दबाता तो मेरी चीख निकल जा रही थी. फिर वो मेरे एक-एक दूध को पकड़ कर चूसने लगा. अंकित के दूध चूसने का ऐसा मस्त स्टाइल था कि मैं सी सी आहह आहह करने लगी. दूध चुसवाना हर लड़की को बहुत अच्छा लगता है.
जब अंकित दूध चूस रहा था तो उसकी छाती मेरे पेट से चिपक गई थी. उसका लंड मेरी जांघों के आसपास छू जा रहा था. कई बार तो अंकित का लंड मेरी चूत में छू जाता तो मैं बिल्कुल चहक उठती.
मैंने फिर अंकित को जोर से अपनी ओर खींच लिया और बोली- बहुत कमीना है तू.. साले मेरी जान लेगा क्या.. इतना तड़पा रहा है.. जल्दी अन्दर आ जा.
मैं जमके अंकित के होंठों को चूसने लगी चाटने लगी. अंकित भी मेरे होंठों को काटने लगा चाटने लगा और अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर मेरी जीभ को चूसने लगा और चाटने लगा.
मैं बिल्कुल पागल हो गई और बोली- अंकित, अब नहीं रहा जा रहा.. तू डाल दे अपना मस्त लंड मेरी चूत में.. मुझे चाहे जितना दर्द हो.. तुम पूरा लंड घुसाना और मुझे जम के चोदना.तब अंकित बोला- तुझे निराश नहीं करूंगा संध्या.. तू बिल्कुल चिंता नहीं कर.. तेरे पूरे सेक्सी खूबसूरत बदन में सबसे खूबसूरत सेक्सी तेरी यह प्यारी सी नाक है.. तेरी यह नाक बहुत ही हॉट लगती है. पहले जरा इसे चूस लूं चाट लूं. वो लिपटकर पकड़कर मेरी नाक को चाटने लगा, चूसने लगा. अंकित बहुत देर तक मेरी नाक को चूसता रहा, चाटता रहा.
अंकित ने समाली अंकल को कहा- अंकल जी, मेरी बहन संध्या की गांड और जोर जोर से चोदो.. मारो इसकी गांड.. जोर से डालो अपना पूरा का पूरा लौड़ा इसकी गांड में.. और जल्दी-जल्दी तेजी से अन्दर-बाहर करो.तब समाली अंकल बोले- हां.. बहुत मस्त गांड है तेरी बहन की यार.. साली को कब से चोद रहा हूं.. लेकिन मजा कम नहीं हो रहा है. आज मैं बताऊं पहली बार गोली खाकर चुदाई कर रहा हूं.. तभी तो 15 मिनट हो गए इसकी गांड चोदते, यह तो क्या चीज है.. साली थकती नहीं.. बस गांड रगड़वाए जा रही है. अब थोड़ी देर में मेरा बस होने वाला ही होगा क्योंकि इस टेबलेट का असर 20 मिनट तक ही रहता है.
तब अंकित ने मेरी टांगों को चौड़ा किया और चूत में अपने हाथ से थपकी दी और उंगली से फैला कर अपने लंड को जैसे ही रखा, तो इतना मोटा लंड बिल्कुल फिट नहीं हो रहा था.
तब अंकित बोला- संध्या तेरी चूत तो बहुत टाइट है, लालजी बोल रहा था कि तू बहुत चुदक्कड़ है.. तूने बड़े-बड़े लंड लील लिए है.. भले ही तू अभी छोटी है, पर तेरी तो चूत अभी भी लगती है.. जैसे वर्जिन लड़की हो.. तुम कुंवारी लगती हो.
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