Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
09-05-2019, 01:49 PM,
#21
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं उसकी बातें सुने जा रही थी. मैंने सोचा कि यह लड़का इतनी उम्र में यह सब सेक्सी वीडियो सेक्सी कहानियां पढ़ता है, मैं तो इससे बड़ी हूं.मैंने उससे पूछा कि तेरा दोस्त कौन सी कक्षा में है?वो बोला- हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते हैं.फिर मैं बोली- तेरा दोस्त कहां है.तो बोला- गांव में है.मैं बोली- उसको भी बुला ले, फिर हम तीनों मिलकर यह खेल खेलते हैं.
वो बोला- मौसी, मैं तुम्हें बताऊं कि हम वीडियो देख कर जब मुठ मारते हैं. उस वक्त एक उसकी चाचा की लड़की निकिता है, उसके बारे में वह मुझे चुदाई के लिए बोलता है.. और मैं उसको तुम्हारे बारे में बोलता हूँ कि मेरी एक मौसी संध्या है. उसकी चुदाई करने में बड़ा मजा आएगा.. किसी दिन चुदाई का मजा लेंगे.मैंने आश्चर्य से पूछा- क्या तुम सच कह रहे हो?
वो बोला- हां सच कह रहा हूँ संध्या कि हम दोनों दोस्त वीडियो सेक्सी देखकर सिर्फ तुम्हें चोदने की बात करते हैं. यदि तुम सच बोल रही हो तो मैं अपने दोस्त नीरज को अभी बुला लूं.मैं चुदास से भर उठी और बोली- हां चल फोन लगा और बोल कैसे भी जल्दी से आधे घंटे के अन्दर मेरे घर पहुंच जाए.
तभी पीयूष ने मेरे फोन से अपने दोस्त को फोन लगाया और बोला कि जल्दी से मेरी ननिहाल में आ जा, आज तुझे अपनी सेक्सी मौसी संध्या की मस्त मस्त चिकनी चूचियां दबाने को दिलवाता हूं और भी बहुत कुछ आकर पा जाएगा. मैंने संध्या को पटा लिया है और फिर दोनों मस्त मिलकर चोदेंगे.
मैं उसकी बातें सुनकर बिल्कुल हैरान रह गई कि इतना छोटा लड़का कितनी सेक्सी बातें करता है, इसको चुदाई लंड चुत सबका पता है.फिर पीयूष फोन पर बोला कि मैंने बोला था ना कि मैं तुझे संध्या मौसी की चूत दिलाऊंगा, अब तुम भी अपनी कजिन निकिता की चुत दिलाने का इंतजाम कर लो. आज मैं अपना वादा आज पूरा कर रहा हूं, तुम भी अपना वादा पूरा करना.यह कह कर उसने फोन काट दिया. मुझसे बोला कि संध्या मेरा दोस्त नीरज आ रहा है.
मैंने उससे कहा- तुम इतने छोटे हो और ऐसा लगता है कि बिल्कुल जवान मर्द हो गए हो. तुम्हें सब पता है और मुझसे पूछे बिना तुम अपने दोस्त से मेरी चुत दिलवाने और मेरे साथ सोने का वादा कर आए.. तुम तो साले बहुत बड़े वाले हो.. मैंने तो सोचा था कि तुम्हें कुछ पता ही नहीं होगा, पर तुम तो मुझसे ज्यादा और सब जानते हो.
तभी मेरे पास को पीयूष आया और बोला- आज तुम मेरी बीवी हो.. जो मैं बोलूं, तुमको वही करना है.यह कह कर वो मुझसे आकर लिपट गया.
Reply
09-05-2019, 01:49 PM,
#22
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी बहन का लड़का पीयूष मुझे चोदने के लिए एकदम तैयार हो उठा था और उसने मेरी चूत के लिए अपने एक दोस्त को बुला लिया था. इसके बाद वो मुझको चोदने के लिए आगे बढ़ा.अब आगे..
तभी मेरे पास को पीयूष आया और बोला- आज तुम मेरी बीवी हो.. जो मैं बोलूं, तुमको वही करना है.यह कह कर वो मुझसे आकर लिपट गया और मेरे होंठों को उसने पहली बार किस किया. जैसे ही उसने मेरे होंठों को चूमा, मुझे भी जरा अजीब सा लगा. मैंने होंठों पर रेड कलर की लिपस्टिक लगाई थी, पूरी लिपस्टिक पीयूष के होंठों में लग गई.
तभी मैंने उससे क हा कि देखो तुम्हारे होंठ लाल हो गए हैं.यह सुन कर वो मुस्कुराया और फिर से बहुत जोर से मेरे होंठों को चाटने लगा. उसकी गर्म सांसें मेरी गर्म सांसों से टकराने लगीं. उसने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया.वो बोला कि तुम वास्तव में बहुत सेक्सी हो संध्या.. आज बड़ा मजा आने वाला है.यह कहते हुए वो मेरे सीने को समीज के ऊपर से ही चूमने लगा.
मैं बोली- इससे पहले तुम कभी किसी लड़की के साथ सोये हो?तो मेरा भानजा बोला- नहीं, संध्या आज पहली बार ही मैंने तुम्हें चूमा है. आज तुम पहली लड़की हो, जिसे मैंने टच किया है. पर जबसे मुझे इसकी जानकारी हुई है, मैंने हमेशा से सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचा है. संध्या तुम मेरी मौसी हो, पर जब तुम नहाती हो या सोती हो, मैं तुम्हारी जांघों और दूधों को देखता रहता हूं. सच मैं तुम बहुत सेक्सी लगती हो. मैंने कई ब्लू फिल्म के वीडियो देखे हैं. उस वक्त भी संध्या मैंने सिर्फ तुम्हें ही चोदने का सोचा है.
इतना कहकर पीयूष में मेरे दूधों को समीज के ऊपर से ही दबाने लगा और बोला- संध्या तुम आज मेरी बीवी हो, अभी मेरा दोस्त आ रहा है. फिर जैसे मेरा दोस्त आ जाएगा, हम दोनों मिलकर तुम्हें बहुत चोदेंगे, तुम बहुत सेक्सी माल लगती हो. हम दोनों तुमको ठीक वैसे ही चोदेंगे, जैसे अंग्रेजी फिल्मों में विदेशी करते हैं. हम दोनों तुम्हें आगे पीछे से एक साथ चोदेंगे. तुम आज अपनी सुहागरात एक साथ 2 पतियों से मनाना. बताओ चलेगा संध्या?

मैं उससे लिपट गई और बोली- तुम बहुत मस्त हो पीयूष, मुझे तेरे जैसा ही पति चाहिए.
तभी पीयूष ने मेरी लैगी के अन्दर हाथ डाल दिया और बोला कि मैंने तुम्हारी चूत आज तक नहीं देखी.. मेरा बहुत मन करता है.ऐसा कहते हुए जैसे ही उसने मेरी पैन्टी के ऊपर से चूत को छुआ, मैं बिल्कुल और कसके उससे लिपट गई, मैं बोली- क्या तुम मुझे मार ही डालोगे.उसने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही दबा दिया.
तभी एकदम से किसी ने दरवाजा खटखटाया.मैं बोली- अपने कपड़े पहन जल्दी से.. और जा दरवाजा खोल, तेरा दोस्त तो नहीं आ गया. तब तक मैं अन्दर जाकर अपने कपड़े ठीक करती हूं.पीयूष गया, दरवाजा खोला और वहीं से बोला- मौसी, लाल जी मामा आए हैं.
लाल जी मेरी मौसी का बेटा है, वह मेरे बराबर का है… वह मुझसे बहुत मजाक और नटखट बातें करता रहता है. पर उसके साथ कभी भी मेरे इस तरह के सेक्सी संबंध नहीं बने थे. पर मैंने सोचा कि अगर आज अकेले हैं तो आज उसे भी कोशिश करके इस खेल में शामिल करूंगी.
मैं बोली- ठीक है.मैं बाहर आ गई और बोली- अरे लाल जी, तू कब आया?वह छोटा सा बैग लिए था, उसने उसे रखा और बोला- अभी बस चला ही आ रहा हूं संध्या.
मैं बोली- चल बैग रख दे और फिर हाथ मुँह धोले.. तू थक गया होगा, आज मैं तेरी पूरी थकान दूर कर दूंगी. मैं और पीयूष गुड्डा गुड्डी की शादी का खेल खेल रहे थे, तुम भी आ जाओ, मिलकर खेलते हैं. अभी पीयूष का एक दोस्त भी आ रहा है, वो भी साथ ही खेलेगा.
लालजी को अभी कुछ पता नहीं था, तो मैंने सोचा कि इसे कैसे पटाया जाए कि ये भी चुदाई के खेल के लिए तैयार हो जाए. मुझे मन में डर भी लग रहा था कि कहीं ये राजी न हुआ और किसी से बता न दे, पर मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.
तभी मैं जल्दी से बोली कि जल्दी से हाथ मुँह धो लो और फिर तैयार हो जाओ. मैं भी तैयार होने जा रही हूं और पीयूष भी तैयार हो जाएगा. अपन तीनों गुड्डा गुड्डी के खेल को खेलेंगे, बता लालजी तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है ना?लालजी बोला- नहीं संध्या मुझे बहुत पसंद है.. मैं भी खेलूंगा.
यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं बोली- ठीक है, मैं तैयार होने जा रही हूं.. तू भी तैयार हो जाओ.लालजी बोला- ठीक है संध्या, मैं तैयार हो जाता हूं.मैं बोली- तुम्हें दूल्हा बनना है, तो तुम अपने अच्छे कपड़े पहन लेना और अच्छे से तैयार हो जाओ.
लालजी ने पूछा- संध्या दुल्हन कौन बनेगी?मैं बोली- लालजी दुल्हन मैं बनूंगी और कौन बनेगी?लालजी बोला- तब ठीक है संध्या.. तो आज गुड्डा गुड्डी के खेल में मैं और तुम दुल्हा-दुल्हन बनेंगे, वाह मजा आ जाएगा.
लालजी की यह बात सुनकर मैं खुश हो गई और सोचा ये तो पहले से ही लगता है कि पट गया है.
Reply
09-05-2019, 01:49 PM,
#23
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
लालजी बोला कि पहले यह बताओ कि पीयूष क्या बनेगा?तो मैं बोली- यह देवर बन जाएगा.. या चलो पीयूष को भी दूल्हा बना देते हैं.तो लाल जी बोला कि अरे तो इसके लिए दुल्हन कहां है?मैं बोली- अरे मैं ही तुम दोनों की दुल्हन बन जाऊंगी.. थोड़ी देर की ही तो बात है खेल में सब चलता है.लालजी बोला- बिल्कुल ठीक बोल रही हो संध्या कोई दिक्कत नहीं.
थोड़ी देर में ही लालजी की आवाज आई कि मैं तैयार हो गया हूँ.पीयूष भी बोला- मौसी, मैं भी तैयार हो गया हूँ.मैं बोली- मुझे थोड़ा टाइम लग लग रहा है.मैंने तभी लाल जी को आवाज दी कि लालजी अन्दर आना, मेरे को थोड़ी तेरी हेल्प चाहिए.
तो लालजी आ गया, मैं पेटीकोट में थी और ब्लाउज का पीछे बटन बंद करना था. मैंने कहा कि लालजी थोड़ा पीछे का बटन बंद कर दो, मुझसे नहीं हो रहा.
ये कह कर जैसे ही मैं सामने घूमी तो एकदम से लालजी मुझे देखता ही रह गया. मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मेरा पूरा नंगा पेट, खुली नाभि और ब्लाउज में उभरे हुए चूचे देख कर कोई भी पागल हो जाता.मैंने देखा कि वह बिल्कुल ही एकटक मुझे घूरे जा रहा था.
मैंने पूछा- लाल जी क्या हुआ?तो उसने कहा- संध्या, तुम तो बिल्कुल हीरोइन लग रही हो, बहुत सुंदर हो तुम.. और एक बात बोलूं, बुरा ना मानना!मैं बोली- कुछ भी बोलो आज मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूंगी.तो लालजी बोला- संध्या तुम बहुत बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हो और दिखती भी हो.. सच में मुझे अगर तुम्हारे जैसी दुल्हन मिल जाए तो मेरी जिंदगी बन जाए.मैं बोली- लाल जी आज मैं तुम्हारी दुल्हन बन ही रही हूं, फिर अगर तुम्हें इतनी खुशी मिलेगी तो हम ऐसा खेल रोज खेल लिया करेंगे. खेल में ही सही तुम्हारे अरमान पूरे तो हो ही जाएंगे.लालजी बोला- ठीक कह रही हो संध्या.
तभी मैंने एकदम से निगाह डाली तो लाल जी के पैंट की ज़िप के पास उसका लंड फूल कर खड़ा हो गया था. फूला हुआ लंड अलग दिख रहा था. वह हाथ से अपने खड़े लंड को दबाने की कोशिश करने लगा.मैं बोली- लालजी इधर आओ जरा.जैसे ही मेरे पास आया, वह मुझे घूरने लगा और बोला कि संध्या तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.मैं बोली कि लालजी तुम्हारी यह पैंट के जिप के अन्दर क्या है? इतना अलग बहुत फूला सा क्या है?
उसने झट से वहां हाथ रख लिया. मैंने उसका हाथ पकड़ा और जैसे ही मैंने खुद अपना हाथ रखा, वह पैन्ट के ऊपर से ही बहुत बड़ा सा लगा.
मैं बोली- तुम्हारा यह क्या है? बिना झिझक के बोलो, मुझे साफ़ सुनना है.लालजी बोला कि बुरा तो नहीं मानोगी?मैं बोली- बिल्कुल नहीं.. तुम बोलो.लालजी बोला- अरे संध्या मैं बोल नहीं सकता तुमसे, क्या बताऊं?
मैं उसके और नजदीक चली गई. अब उसके और मेरे बीच में सिर्फ एक अंगुल का फासला था. मेरी सांस उसकी सांसों से टकराने लगी. मैं बिल्कुल उसके जिस्म के करीब हो गई.तभी वह बोला कि संध्या मुझे कुछ हो रहा है.मैं बोली- क्या?लालजी बोला कि मुझे आज के लिए माफ करना संध्या और तू मौसी या किसी से कुछ बता तो नहीं देगी?
मैं समझ गई कि यह बहुत डर रहा है. मैं बोली- अभी थोड़ी देर में हमारी शादी हो जाएगी, हम दोनों पति-पत्नी बन जायेंगे. भले ही खेल में ही सही, पर आज तू लालजी मेरा होने वाला पति है, फिर भी इतना डर रहा है. कह दे जो कहना है और कर ले जो करना है. मैं आज की कोई बात किसी से नहीं बताऊंगी.जैसे ही मैंने उससे यह कहा, लालजी बोला- सच संध्या किसी से नहीं बताएगी, तू बहुत अच्छी है.ये कह कर वो एकदम से मुझसे लिपट गया और बोला- तुम बहुत अच्छी हो आई लव यू संध्या..
तभी उसका जो लंड था, मेरी जांघों में बहुत कड़ा सा होकर चुभने लगा. मुझे लगा कि यह तो बहुत बड़ा लंड है. मैंने अपने हाथ से उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ लिया और पूछा- यह इतना बड़ा क्या है, अब तो बता दे लालजी?लालजी बोला- अब यह तेरा है, खुद ही देख ले.
पता नहीं मुझे भी क्या हो गया था, मैंने लालजी के पैंट की ज़िप खोली और अन्दर हाथ डाल कर अंडरवियर में पहुंचा दिया. अन्दर एकदम से कड़क, बहुत मोटा और लम्बा लोहे के जैसा सख्त लंड मेरे हाथ में लगा. इतना गर्म लंड कि जैसे आग में डाल कर गर्म किया गया हो.
Reply
09-05-2019, 01:49 PM,
#24
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं जान गई कि लालजी का लंड खड़ा हो गया है, पर इतना बड़ा कैसे हो गया. यही जानने का बहाना करते हुए मैंने उसके लंड को पैंट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल लिया और उसके मूसल लंड को लंड को जोर से दबा दिया. जैसे ही अपने हाथ से लंड को दबाया, लालजी तड़प उठा और कसके मुझसे लिपट गया.
उसने सीधे ही मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे जमकर चूमने लगा. इससे मुझे बहुत अजीब सी गुदगुदी सी होने लगी. मेरा हाथ अपने आप लालजी के लंड में चलने लगा और मैं हाथ से लंड को मुठ मारने के अंदाज में रगड़ने लगी.
इधर लालजी बिल्कुल अकड़ा जा रहा था. जल्द ही वो हांफने लगा. तभी लालजी ने अपने दोनों हाथ मेरे दोनों मम्मों पर रख दिए और ब्लाउज के ऊपर से ही मम्मों को दबा दिया. मुझे एकदम अलग सा महसूस हुआ और मैं और जोर से उससे चिपक गई. लालजी अब जोर जोर से मेरे ठोस मम्मों को दबाने लगा. इधर मैं नीचे उसका लौड़ा और जोर से रगड़ने लगी.
तभी लालजी अपना एक हाथ मेरे नाभि में चलाने लगा, मेरे अन्दर बहुत अजीब सी हलचल होने लगी. इतने में धीरे से उसने अपना हाथ पेटीकोट के ऊपर से ही मेरी चूत के ऊपर रख दिया और पेटीकोट के ऊपर से, जहां मेरी चूत थी, उस जगह को ज़ोर से दबाने लगा और वहीं अपना हाथ रगड़ने लगा. अब मुझे बिल्कुल मदहोशी छाने लगी. मैं बिल्कुल मदहोश हो गई और कसके लालजी से चिपक गई. तभी मैंने लाल जी के होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और जमकर चूसने लगी.
मुझसे अब बिल्कुल गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी. मैं कुछ बोल भी नहीं रही थी. तभी लालजी थोड़ी देर में पेटीकोट को ऊपर खींचने लगा और उसने मेरे पेटीकोट को मेरी कमर तक चढ़ा दिया. फिर अपना हाथ मेरे नंगी जांघों से चलाते हुए मेरी पैंटी की इलास्टिक खींचकर अन्दर घुसा दिया. जैसे ही लाल जी का हाथ अन्दर गया, उसने बिल्कुल से सीधे ही अपनी हथेली को मेरी चूत पर रख दिया और कसके चूत दबाने लगा. मैं बिल्कुल सिमट के चिपक गई थी कि तभी लालजी ने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी. अब तो मैं बिल्कुल उछल पड़ी और कसकर लाल जी के होंठ काट दिए, साथ ही लाल जी की बांहों में मैं प्यासी मछली की तरह मचलने लगी.
लालजी ने उंगली को चूत में डाला ही था कि इतने में पीछे कमरे से उसी कमरे में पीयूष आ गया और सामने आके खड़ा हो गया. वो हम दोनों को देखने लगा.
लालजी थोड़ा झिझकते हुए डरा, तो मैं उससे बोली- कुछ नहीं लालजी, पीयूष को सब पहले से पता है. पीयूष.. तुम भी आ जाओ अब इस खेल में.
पीयूष बोला- अभी नहीं संध्या, पहले तुम अच्छे से तैयार हो जाओ, दुल्हन बन जाओ.. अपन गुड्डा गुड्डी की शादी और अपनी शादी का खेल पहले पूरा करें. फिर सुहागरात में यह सब करेंगे. तुम्हें ऐसे देखकर मुझे बहुत कुछ होने लगा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा. तुम बहुत सेक्सी हो संध्या.. तुम प्लीज़ अब थोड़ा रुक जाओ, ये सब अच्छे से करेंगे.

मेरी यह कामरस से भरपूर वासना से सराबोर कर देने वाली चुदाई स्टोरी पर आप कमेन्ट जरूर करे
Reply
09-05-2019, 02:16 PM,
#25
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक की मेरी इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि मेरी मौसी का लड़का लाल जी भी मुझसे पट गया था और हम दोनों चूमा चाटी में लग गए थे. मैं उसके लंड की मुठ मारने लगी थी और वो मेरी चुत रगड़ने लगा था. इसी बीच पीयूष भी हमारे साथ शामिल हो गया. उसने मुझसे पहले खेल शुरू करने का कहा तो मैंने उससे अपनी चुदास जाहिर करते हुए पहले एक बार सेक्स करने करने की कह दी.
अब आगे..
तब मैं बोली- ठीक है पीयूष, पर अभी मेरा बहुत दिल कर रहा है… बस 5 मिनट के लिए आ जाओ या इंतजार करो. मुझे कुछ हो रहा है पहले जल्दी से कर लो मुझे, फिर तुम्हारा दोस्त भी आ रहा है, तो जैसे ही वह आएगा अपन तीनों खेल शुरू करेंगे, फिर सुहागरात वाला खेल भी खेलेंगे.

तब जाकर पीयूष बोला- ठीक है जैसा तुम बोलो, मेरा भी तुम्हें देख कर बहुत मन करने लगा है. ये कहते हुए पीयूष अपना पैन्ट खोलने लगा.मैं बोली- पूरा पैंट मत उतारो, कोई आ गया तो खेल खराब हो जाएगा.पीयूष बोला- आने दो.. बस 5-10 मिनट की तो बात है.. चलो जल्दी जो भी है कर लेते हैं.
ऐसा कहकर पैंट उतार कर पीयूष सिर्फ अंडरवियर में आकर मेरे पीछे से चिपक गया और बोला कि संध्या थोड़ी देर के लिए पेटीकोट पूरा उतार दो.मैं बोली- तुम ही खोल दो.वह बोला- लालजी मामा, आप थोड़ा 2 मिनट रुक जाओ.
लालजी रुक गया, पीयूष मेरे पेटीकोट की गांठ को खोलने लगा, साथ ही मेरी नाभि को भी चूमने लगा.वो बोला- संध्या, तुम बहुत बड़ी सेक्सी आइटम हो, आज तक इतनी सेक्सी नाभि और ब्लाउज में इतने मस्त चूचे मैंने आज तक नहीं देखे, तुम्हारी कमर बहुत सेक्सी है.यह कहते हुए उसने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट नीचे खिसक कर गिर गई.
अब मैं लालजी और पीयूष के सामने सिर्फ ब्लाउज और पैंटी में खड़ी थी. उधर लालजी का लौड़ा ज़िप से बाहर निकला था, वह बहुत ही बड़ा और बड़ा मोटा भी था.
इतने में लालजी ने भी अपने पैन्ट का बेल्ट और बटन खोल कर पैन्ट को नीचे उतार दिया और टीशर्ट भी उतार दी. वो नीचे बनियान नहीं पहने था तो लालजी सिर्फ अब अंडरवियर में मेरे सामने हो गया.पीयूष भी अंडरवियर और ऊपर शर्ट में था, तो वह भी अपने शर्ट की बटन खोलने लगा और उसने भी शर्ट को उतार दिया.
इसके बाद पीयूष ने अपना अंडरवियर उतार फेंका, उसका लंड लंबा था, पर पतला था, पीयूष नया लड़का था, पर लालजी मेरे बराबर का था. मैं दोनों के लंड की तरफ देखने लगी.तभी लालजी बोला- तुमने हिंदी ब्लू फिल्म मोबाइल में देखी है?तो पीयूष बोला- सारा दिन लालजी भैया यही करता हूं.
तब लालजी बोला- फिर तो ठीक है.. मैं भी पोर्न फिल्म बहुत देखता हूं, आज मैं संध्या की गांड मारूंगा और चोदूंगा. संध्या की गांड चूत से भी ज्यादा जबरदस्त है. क्या मस्त सेक्सी चिकनी उठी हुई गांड है.. अहहह आहहहह.. मैं बहुत लकी हूं जो आज इस मौके पर आ पहुंचा. पीयूष तुम आगे से इसकी चूत में लंड डाल लेना.. चलो दोनों शुरू हो जाते हैं.लालजी बोला- संध्या, चल हम दोनों का लौड़ा चूस, जैसे फिल्मों में अंग्रेजों के लंड लड़की चूसती हैं.
लाल जी ने अपना अंडरवियर उतार दिया और पूरा नंगा हो गया.मेरी आंख में बिल्कुल अलग सा सेक्स का नशा चढ़ गया था. वे दोनों आए और मुझसे लिपट गए. लाल जी बोला- अब यह तेरी पैन्टी उतारते हैं संध्या.. मुझे तेरी चूत देखनी है.
वह मेरी पैंटी उतारने लगा. जैसे ही पैन्टी नीचे खिसकाने लगा, नीचे मेरी कुंवारी चूत दिखी तो लालजी ने सीधे मेरी चूत में अपने होंठ रख के चुम्मी ले ली.वो बोला- आह बहुत मस्त खुशबू है संध्या तेरी चूत की.. उंहहहह ओह..
लालजी बोला- संध्या तुम बताओ कि तुम्हें प्रॉब्लम तो नहीं होगी क्योंकि तीन तीन नए लड़कों को झेल लोगी.. उनसे चुदाई करवा लोगी?मैं बोली- मुझे तो दो से चुदवाने का मन तो पहले से ही था.. तुम आ गए तो अब देख लूँगी यार. पहले तो सिर्फ मैं और पीयूष खेल रहे थे, फिर उसने अपने दोस्त का बताया, तो मैं ही बोली कि पीयूष को कि बुला ले अपने दोस्त को, इतने में तुम आ गए. मैं जो सेक्स की कहानी पढ़ती हूं और जो मैंने मैगजीन देखी है, उसमें एक लड़की एक बार में तीन चार पांच मर्द तक से एक साथ करवा लेती है और बहुत इंजॉय करती है. इसलिए मेरा भी ऐसा करने का बहुत मन होने लगा, मैंने सोचा भी नहीं था ये सब.. बस अब मुझे पागल कर दो और जो भी मेरे अन्दर हो रहा है, उसे शांत कर दो.
इतना ही मैंने कहा कि तभी लालजी बोला- यहां कुछ बिछाने के लिए होगा.तो मैंने कहा- हां, वहां देख नीचे एक रजाई रखी है, उसे बिछा ले, फिर झाड़ देना.
लालजी ने रजाई को लाकर वहीं फर्श पर बिछा दिया और मुझसे बोला- चल संध्या, तू रजाई में लेट जा, आज तुझे चोद चोद कर पागल कर दूंगा.वो मेरी कमर पर हाथ रख कर एक हाथ मेरे ब्लाउज में से दूध दबाते हुए मुझे दो कदम पर बिछी रजाई पर ले गया. वो बोला- संध्या तू बहुत सेक्सी माल है, मैंने कभी सोचा नहीं
Reply
09-05-2019, 02:16 PM,
#26
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
लालजी मेरे होंठ चूमते हुए रजाई में पकड़ कर मुझे लिटाने लगा. जैसे ही मैं सीधी लेटी तो पीयूष बोला- अब सुन संध्या.. हम तीनों बहुत गंदी गालियां और गंदी बातें करेंगे.. इसी में बहुत मजा आता है. जैसे स्टोरी में या फिल्म में होता है.मैंने भी कहानी में माँ भैन की गालियां देते हुए चुदाई की स्टोरी को पढ़ा था. मैंने हां में सिर हिलाया और बोली- मुझे भी ऐसा ही मन करता है.
लालजी और पीयूष दोनों मेरे साथ बिस्तर में लेट गए. मुझे बीच में लिटा दिया और दोनों अगल-बगल लेट गए. अब मेरे बदन पर सिर्फ ब्लाउज था और मैं पूरी नंगी थी. मेरे सामने तरफ पीयूष बैठ गया और पीछे लाल जी दोनों मेरे बदन से चिपक गए. दोनों के लंड मेरी जांघों में चुभने लगे.
तभी पीयूष बोला- मामा, आज यह हम दोनों की बीवी है. ऐसा संध्या ने खुद बोला हुआ है.तब मैं बोली- हां, दो की नहीं तीन की बीवी हूं.. तुम्हारे आने वाले दोस्त की भी हूँ, पर अभी तुम दोनों की हूं.तो लालजी बोला- संध्या तू अभी बीवी नहीं, तू अभी हमारी रंडी है.. बीवी जब शादी का खेल खेलेंगे तब बनेगी कुतिया.
मुझे यह बात जाने क्यों अच्छी लगी पीयूष भी बोला कि संध्या यह बहुत मस्त माल है साली.. अभी इसे हम रंडी बनाकर चोदेंगे.मैं लाल जी को बोली- लाल जी तुम बहुत मस्त मर्द हो!और पीयूष को कहा- एक बार अपने दोस्त को और जल्दी से फोन लगा दे भोसड़ी के.
पीयूष ने फोन उठाया और अपने दोस्त को लगाया. वह बोला- बस रास्ते में हूं 10 से 15 मिनट में पहुंच जाऊंगा.लालजी बोला- जब तक उसे टाइम लगेगा आने में.. अपन एक राउंड चुदाई का कर देंगे.
बस उन दोनों एक साथ मुझे चूमना शुरू कर दिया. लालजी मेरे पीछे तरफ आके मेरे पैर की एड़ी से मुझे चूमने लगा और चाटने लगा. पीयूष मेरे माथे से शुरू हो गया. पहले मेरे माथे को फिर मेरी आंखों को फिर मेरे नाक को चूमने लगा.
पीयूष बोला- संध्या, तेरी नाक बहुत सेक्सी है.. इतनी सेक्सी नाक और अच्छी बनावट की मैंने किसी हीरोइन की भी आज तक नहीं देखी.. लगता है संध्या तेरे नाक में लंड डाल दूं.
वो नाक चूसता रहा, चूमता रहा. ये बात हर कोई कहता है कि मेरी नाक बहुत खूबसूरत और बहुत ज्यादा सेक्सी लगती है. फिर उसने मेरे होंठों को चूमा और चूसने लगा. मैं बहुत गर्म होने लगी. मैंने पूरा मुँह खोल दिया तो पीयूष मेरी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगा और अपने होंठों से चूसने लगा. मैं भी पीयूष की जीभ को चूसने लगी और उसके होंठों को अपने दांतों से काटने लगी. मैंने उसे ज़ोर से कस के अपनी बांहों में दबा दिया.
तभी लालजी मेरे पीछे से जांघों को चूमते हुए मेरे पीछे गांड के छेद तक पहुंच गया और अपनी जीभ को जैसे ही मेरी गांड में टच कराया, मैं बिल्कुल अकड़ गई. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, वह पूरी गांड को अपनी जीभ से चाटने लगा.
लालजी बोला- साली संध्या, तेरी गांड बहुत बहुत हॉट है.. भैन की लौड़ी क्या उठान है तेरे चूतड़ों के.. काश और पहले तुम मुझसे खुल जातीं तो हम आज तक में हम दोनों कितनी बार मस्त चुदाई कर चुके होते, पर कोई बात नहीं तुमसे सेक्सी कोई नहीं है.. बहुत हॉट हो. तुम्हारी गांड को संध्या जो भी देखेगा, वह भोसड़ी का पागल हो जाएगा और तुझे चोदे बिना नहीं रह पाएगा.
मुझे लाल जी की यह बात बहुत अच्छी लगी. फिर लालजी मेरी पूरी गांड को मस्ती से चाटता रहा और वो मेरी गांड के छेद में अन्दर तक जीभ घुसाए दे रहा था. मैं उछल उछल पड़ती थी, जाने क्या हो रहा था, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.
इधर अब मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही पीयूष मेरे मम्मों को जोर से अपने हाथों से दबाने लगा. पहली बार मुझे दूध दवबाने से इतना अच्छा लग रहा था.
मैं बोली- अओह.. पीयूष और जोर से दबाओ न साले दबा और जोर से.. उंहहह आहहहह..लालजी बोला- पीयूष, संध्या का ब्लाउज खोल दे. अब ब्लाउज का कोई काम नहीं.
Reply
09-05-2019, 02:16 PM,
#27
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
पीयूष ब्लाउज के बटन खोलने लगा और जैसे ही ब्लाउज की बटन खुले, अन्दर मैंने कुछ नहीं पहना था, तो दूध बिल्कुल नंगे हो सामने आ गए.पहली बार पीयूष और लालजी ने मेरे खुले नंगे मम्मों को देखा, दोनों ने लगभग एक साथ कहा- आह.. संध्या क्या मस्त बूब्स हैं तुम्हारे.. क्या गजब कड़क चूचे हैं, बहुत सेक्सी रांड हो.
यह कहते हुए पीयूष ने ब्लाउज को उतार फेंका. मैं अब बिल्कुल पूरी तरह नंगी हो चुकी थी. मेरे बदन में एक भी कपड़ा नहीं था. उन दोनों ने भी अपने बनियान उतार फेंकी. अब हम तीनों पूरे नंगे हो चुके.
इतने में लालजी मेरे सामने तरफ हाथ करके एक उंगली मेरी चूत में रखकर अन्दर जैसे ही घुसाने लगा. मैं चीख उठी, मैं बोली- आह.. अब मुझसे नहीं बर्दाश्त हो रहा, तुम दोनों ने क्या कर दिया कि मैं मदहोश हो गई.इधर एक हाथ से लालजी और एक हाथ से पीयूष मेरे मम्मों में चलाने लगे, दोनों एक एक चूचे को दबा रहे थे.
तभी मैं अपने हाथ उधर करके उन दोनों के लंड को ढूंढने लगी. मैंने पीयूष का लंड पकड़ा और हाथ से रगड़ने लगी. इतने में लाल जी ने अपनी उंगली मेरी चूत में घुसा दी. दर्द से मैंने जोर से पीयूष का लौड़ा दबा दिया.वह चीख उठा- क्या कर रही है संध्या रंडी क्या लंड तोड़ देगी.. माँ की लौड़ी.उधर लालजी बोला- ले मादरचोद संध्या.. पहले मेरा लंड चूस.वो पीयूष को बोला- पीयूष तू संध्या की चूत को चाट.. बहुत टेस्टी है.. बहुत गर्म है, देखना तेरी जीभ ना जल जाए.
लालजी ने मेरी पीठ को चाटते हुए मेरे मुँह के सामने अपना लंड ला दिया. उसका बहुत ही बड़ा लंड था. मेरे हाथ की कलाई के बराबर मोटा और आठ इंच लंबा लंड मेरे मुँह के सामने आ गया. मैंने उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया. जैसे ही लालजी के लंड के सुपारे की चमड़ी को नीचे खींचा उसका लाल गुलाबी आंवला जैसा सुपारा मेरे सामने आ गया. मैंने सुपारे को ऊपर नीचे किया. उसके लंड की एक बहुत ही अजीब सी खुशबू मेरे नाक में समा गई.
तभी नीचे पीयूष मेरी चूत को अपने जीभ से चाटने लगा, तो मैं एकदम जोश में लालजी का लौड़ा अपनी जीभ से चाटने लगी. लालजी मेरे बाल पकड़ कर अपना लौड़ा मेरे मुँह में घुसाने लगा. लालजी का लंड इतना मोटा और बड़ा था कि वो एक बार में मेरे छोटे से मुँह में घुस ही नहीं रहा था.
मैं बोली- लालजी इतनी कम उम्र में तेरा लंड इतना बड़ा कैसे हो गया? कुछ दवाई खाता है क्या.. या लंड की मालिश करता है?
Reply
09-05-2019, 02:17 PM,
#28
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक आपने इस कामुक कहानी में पढ़ा था मैं अपने भांजे पीयूष और मौसी के बेटे लाल जी के साथ एकदम नंगी होकर चुदाई के पहले का मजा ले रही थी.लाल जी का लंड बहुत बड़ा था जिसे देख कर मैंने उससे पूछा कि तेरा लंड इतना बड़ा कैसे हो गया? क्या कोई दवा लेता है?अब आगे..
तो लाल जी बोला- हां संध्या, मेरा एक दोस्त है, वह लंड बड़ा करने कैप्सूल लाया था. हम दोनों ने दवा खाई है. हम दोनों का उस दवा से 3 महीने में मतलब केवल 90 दिन में जस्ट डबल हो गया है.
मैं बोली- तेरे दोस्त का क्या नाम है?
उसने बताया- अंकित शुक्ल नाम है.. और वह बहुत मस्त हॉट सेक्सी लड़का है, अंकित का लंड तो मेरे से भी मस्त है, तुझे उससे चुदना हो तो बता, मैं बुला लूंगा. वो दो-तीन दिन में आ जाएगा. जब तक मैं यहां हूं, उतने दिन के अन्दर वो तेरी टांगों के नीचे होगा.
मैं पूरी मदहोशी में डूबी हुई थी, मुझमें हवस का मानो पागलपन सवार था. मैं चुत में पीयूष की जुबान का मजा लेते हुए बोली- ठीक है बुला ले उसे.. चाहे जिसको भी बुला ले.. मेरा चुदने का बहुत मन कर रहा है.. मैं सबसे रंडी बन कर लंड घुसवा लूंगी.
जैसे ही मैंने कहा, उसने एक हाथ से मोबाइल लिया और अपने दोस्त को फोन लगा दिया.वो बोला- अंकित, तू यहां मेरी मौसी के यहां कल या परसों में आ सकता है क्या?उसने पूछा- क्या काम है?

लालजी बोला- बहुत मस्त माल दिलवाऊंगा.. ऐसी हॉट लड़की कि तूने सपनों में भी ना सोचा होगा, हीरोइन भी कुछ नहीं लगती उसके सामने, जो ब्लू फिल्म में तू देखता है, वो लड़कियां उसके पैरों के बराबर भी नहीं हैं. इतनी सेक्सी और हॉट है माल, तू उसे देखेगा तो पक्का पागल हो जाएगा यार.उसने बोला- पहले उसकी फोटो तो दिखा तो लालजी बोला- आकर ही नंगी करके देख लेना.
अंकित पूछा- कुछ तो बता कि कौन है यह तो बता?लालजी बोला- किसी से बोलना नहीं, मैं अभी तेरी उससे बात भी करा देता हूँ. वह मेरी मौसी की लड़की संध्या है, वह मेरे घर आती है.. तूने देखा ही होगा.अंकित बोला- हां याद है संध्या का.. पर वह तो अभी छोटी है.. हां है तो बहुत सुंदर.. भले छोटी थी, पर तेरी मौसी की बेटी संध्या की सुंदरता की सभी बातें करते थे.. मुझे सब याद आ गया.लालजी बोला- वो अब एक नंबर की माल हो गई है.
तो अंकित बोला- चल लालजी अब संध्या से बात करा.. तभी मैं मानूंगा, तू फेंकता बहुत है भोसड़ी के.. मुझे झूठ बोलकर बुला लेगा, कहीं मेरे साथ खड़े लंड पर धोखा हो जाए, इसलिए पहले उससे बात करा, तब मानूंगा.तभी लाल जी मुझसे बोला- ले संध्या, अंकित को तुमसे बात करनी है.. तभी वो मानेगा, अब तू ही बुला उसे, तेरे ही बुलाने से आएगा.मैंने फोन पकड़ लिया जैसे ही फोन पकड़ा कि उधर नीचे पीयूष जोर से मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी और मेरे मुँह से आह की आवाज निकल गई.
तो अंकित बोला- क्या हुआ?मैं बिल्कुल पागल हो गई थी, मुझे कुछ होश नहीं था. मैं बोली- हैलो अंकित बोल रहे हो?वह बोला- हां तुम संध्या हो?मैं बोली- हां संध्या हूं.
अंकित बोला- यह लालजी क्या बोल रहा है तुम्हारे लिए.. क्या यह सच है?मैं बोली- हां अंकित आ जाओ, मुझे तुमसे लंड घुसवाना है, यह लालजी तुम्हारे सामान की बड़ी तारीफ कर रहा है. मैं बहुत चुदासी हूं.अंकित पूछा- अभी क्या कर रही हो?मैं बोली- अभी मैं लालजी और पीयूष से चुदवाने जा रही हूं.सच में मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं क्या बोल रही हूं. बस फुल जोश में और सेक्सी मूड में थी.
अंकित बोला- तू तो बहुत बड़ी वाली हो गई संध्या, रंडी बन गई क्या?मैं बोली- हां तू कुछ भी समझ अंकित.. मैं रंडी ही हूं.. आ जा और चोद ले मुझे अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा, ले लालजी..
मैंने फोन उसे दे दिया तो लाल जी से अंकित बोला कि यार इसकी फोटो तो खींच ले और मुझे भेज, यह तो बहुत सेक्सी डॉल है, इसकी आवाज में इतनी प्यास है कि मेरा लंड अभी खड़ा हो गया है. तू अभी चोद रहा है क्या?लालजी बोला- हां अंकित, संध्या अभी बहुत चुदासी है.
अंकित बोला- सुन मैं अपने एक अंकल राघवेंद्र हैं, क्या उन्हें अपने साथ ले आऊं, उनसे मस्त लंड संध्या ने कभी देखा भी नहीं होगा और क्या तो उनका स्टाइल और स्टेमिना है चोदने का.. संध्या को बेहद मजा आएगा. वह मुझे हमेशा यह गोलियां देते हैं. ब्लू फिल्म वगैरह भी सब वही दिखाते हैं, हम दोनों आ जाएं? मेरे साथ आने के लिए एक साथी भी हो जाएंगा.लालजी ने मुझसे पूछा- संध्या अंकित के एक अंकल हैं, वही हम लोगों को सब देते हैं. बहुत सेक्सी अंकल हैं. वो बोलता है कि मैं साथ ले आऊं?
मैं उस समय होश में नहीं थी तो मैंने बोला- हां जिसको भी जिस जिसको लाना है, ले आओ.. मुझे बस अभी बड़े बड़े लंड घुसवाना है.. मेरा बहुत मन कर रहा है, लालजी तू हां बोल दे अंकित को.. बोल दे कि हां बुला लाए अपने अंकल को.
लालजी बोला- अंकित ले आ अंकल को.
Reply
09-05-2019, 02:17 PM,
#29
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अंकित ने बोला- कोई दिक्कत तो नहीं होगी?लालजी बोला- नहीं.. मैं यहां हूं कोई दिक्कत नहीं होगी.यह कहकर उसने फोन काट दिया.
लालजी ने अपना पूरा लंड मेरे अब मुँह में डाल दिया. उसका लौड़ा बहुत ही गर्म हो गया था. मैं उसे चूसने लगी, चाटने लगी. लाल जी मेरे बाल पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर करने लगा.
जैसे ही वो अपना पूरा लंड मेरे मुँह में डालता, मुझे खांसी आ जाती, मेरे गले में उसका लौड़ा अटक जाता. मैं एकदम से बहुत ही अधिक मदहोश हो चुकी थी. तभी लालजी गंदी गंदी गालियां देने लगा. वो बोला- साली छिनाल तू तो बहुत चुदवाती होगी यहां सबसे.. हर कोई तुझे चोदने के लिए पागल रहता होगा, संध्या भैन की लौड़ी तेरे से मस्त माल, तेरे से बड़ी छिनाल.. मैंने ब्लू फिल्म में भी नहीं देखी. मैं तुझे सबसे बहुत चुदवाऊंगा.
वो मेरे बाल पकड़कर बहुत जोर से खींच के अपना लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था, उधर नीचे पीयूष अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल कर चूत को चूस रहा था. उसने अपनी नाक भी चूत में मेरे घुसा दी और बोला- आह.. क्या महक है संध्या तेरी चूत की.. साली कुतिया संध्या..
वो बहुत जोर जोर से मेरी चूत को चाटने लगा. उधर ऊपर मेरे चूचों को अपने हाथों से लाल जी जोर से दबाने लगा, नीचे पीयूष मेरी चूत चाट रहा था. इधर मैं लाल जी का लौड़ा चूस रही थी.
इतने में जोर से दरवाजा खट खट हुआ. मैं बिंदास बोली- तेरा दोस्त आ गया पीयूष.. जा साले दरवाजा खोल कर अन्दर ले आ उस लंड को भी..तो लालजी बोला- मैं दरवाजा खोलने जाऊं..?मैं बोली- नहीं, पीयूष को जाने दे इसका दोस्त है…. जा जल्दी से उसको अन्दर कर ले पीयूष.. और फिर दरवाजा अन्दर से बंद कर देना.
तभी लंड हिलाता हुआ पीयूष दरवाजे की तरफ चलने लगा.मैं बोली- अरे बेवकूफ टावल तो लपेट ले.. ऐसे नंगा चला जाएगा क्या?
तो पीयूष ने सामने टंगी एक टॉवल को लपेट लिया और जाकर जैसे ही गेट खोला. मैंने सोचा कि यह पीयूष का दोस्त आ गया, पर 2 मिनट के अन्दर झटके से बस पीयूष की एक आवाज आई कि संध्या..!
और इतने में मेरे पड़ोस में रहने वाले अंकल आवाज़ लगाते उधर ही आते जा रहे थे, जहां मैं उस समय नंगी बिल्कुल बिस्तर में लेटी लालजी का लंड चूस रही थी और लालजी मेरे बूब्स को चूसने में लगा था.
जैसे उन अंकल ने आवाज दी कि कुल्हाड़ी कहां रखी है संध्या, कुल्हाड़ी लेने आया हूं.. कल मैं यहीं आंगन में रख गया था.
ये कह कर वे मेरे कमरे में झटके से आ गए. अंकल ने देखा कि मैं लाल जी का लंड मुँह में लिए चूस रही थी. अंकल आंख फाड़के देखने लगे.
मैंने झटके से लंड निकाला और बहुत डर गई. उन अंकल का नाम रोहण गर्ग था, वह आर्मी से रिटायर्ड थे. उनकी उम्र लगभग साठ से बासठ वर्ष की रही होगी. मुहल्ले के ज्यादातर लोग उन्हें चाचा कहते थे. मैं भी उन्हें चाचा ही कहती थी और वो मुझे संध्या कहते थे. उनका रोज हमारे घर आना जाना था. वह चाचा वहीं सामने खड़े रहे. मैं तुरंत इधर-उधर कपड़े देखने लगी, घबराहट में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, न कपड़े मिल रहे थे.
तभी चाचा ने लालजी को गाली दी- मादरचोद और कोई नहीं मिला तुझे? अपनी मौसी की लड़की, अपनी बहन को ही चोद रहा है.. बहनचोद घटिया इंसान साले.
लालजी तो डर कर नंगा ही उस कमरे से बाहर निकल गया. डर और घबराहट के मारे मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा था, कमरे में मुझे कुछ कपड़ा दिखाई नहीं दिया. उधर चाचा मेरे सामने खड़े मैं उनसे नज़रें चुरा रही थी, उनकी तरफ देखने की हिम्मत तो मुझमें थी ही नहीं. मैं उनकी तरफ अपना पिछवाड़ा करके खड़ी हो गई.
Reply
09-05-2019, 02:17 PM,
#30
RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
तभी चाचा बोले- संध्या तुम तो पूरी बड़ी हो गई हो.
इस समय उनको मेरी नंगी गांड दिखाई दे रही थी, अब जाकर सामने मम्मी का पेटीकोट मुझे नजर आया. जैसे ही उसे पकड़ने को बढ़ी और पेटीकोट को उठाया, तभी मुझसे पेटीकोट चाचा ने छीन लिया और बोली- तू ऐसे ही खड़ी रह संध्या, अब मुझसे क्या छुपा रही है, मैंने तेरा सब कुछ देख लिया.. वो भी बहुत अच्छे से देख लिया. आज तेरे मां-बाप भाई सबको बताता हूं तेरी ये करतूत कि तूने अपने मौसी के बेटे और बहन के लड़के से एक साथ दो लड़कों से मुँह काला करवा लिया जमकर चुदाई करवाई है.
मैं हाथ जोड़कर खड़ी हो गई और रोने लगी. ऐसा लग रहा था कि मुँह कैसे दिखाऊंगी अपने घर में, मैं बोली कि मुझसे गलती हो गई प्लीज किसी से नहीं बताना चाचा, नहीं तो मैं मर जाऊंगी, मुझसे गलती हो गई.मैंने चाचा के पैर पकड़ लिए.
तब चाचा बोले- नहीं कोई गलती नहीं हुई, तू इतना डर क्यों रही है संध्या? यह उम्र इसीलिए होती है, सब इस उम्र में करते हैं.यह कह कर वे एकदम से मेरी ओर घूरने लगे और मेरे सर पर हाथ रखकर बोले- रो और डर मत, मैं तुझे बचा लूंगा पर तुझे भी मेरा साथ देना होगा संध्या.बिना कुछ सोचे-समझे मैं बोली- चाचा मैं जिंदगी भर आप जो कहेंगे सब करूंगी, आपका पूरा साथ दूंगी गॉड प्रामिस, मम्मी की कसम चाचा, बस मुझे आज बचा लो और किसी को मत बताना बस.
चाचा बोले- फिर से सोच ले संध्या, मैं तुझे चोदूंगा और अपने दोस्त के साथ चोदूंगा.. क्योंकि तुझे दो मर्दों की जरूरत है, तू तो पागलपन कर देने वाली हद पार कर गई है..एकदम मस्त माल हो गई है तू.मैंने फिर कुछ ना सोचा-समझा और हां बोल दिया. मैं बोली- चाचा मुझे कोई दिक्कत नहीं है, बस ये आज की बात किसी को भी भी पता नहीं चले.
चाचा बोले- फिर डन.. वादा तुझसे संध्या कभी किसी को पता नहीं चलेगी आज की ये बात मैं तेरे साथ हूं.यह कह कर चाचा ने मुझे अपने गले से लगा लिया और बोले- सच बोलूं तुम्हें देखकर लगता है कि जैसे तू आसमान की परी है संध्या.
उन्होंने अपना हाथ धीरे से मेरे नीचे नंगी चूत में ले गए और बोले- यह तेरी चूत से रस बह रहा है, तू तो बहुत चुदासी हो रही है, चल जल्दी से तुम्हारी चूत को मैं साफ कर दूं और तुम्हें एक अलग सा मजा भी दे दूं.
मैं उस समय मजबूर थी, कुछ नहीं कह सकी चाचा से, पर मुझे उनकी ये बात बहुत अजीब सी लगी. वो बिल्कुल बुड्ढे थे, मैं छोटी सी लड़की थी, वो मुझसे उम्र में लगभग चालीस वर्ष के बड़े थे. चाचा ने मुझे उसी रजाई में बैठने को बोला. मैं झिझक रही थी क्योंकि वह मेरे बाबा की उम्र के थे, बहुत ही बड़े थे. मुझे थोड़ा नहीं बहुत बेकार सा लगा.
पर चाचा नहीं माने और मेरा हाथ पकड़ कर बोले- संध्या तू बैठ जा बस दो मिनट के लिए.. मुझे फिर जाना भी है.
मैं बोली- यह ठीक नहीं है चाचा, आप मुझसे बहुत बड़े हैं, मुझे छोड़ दीजिए, भगवान के लिए मेरे साथ ऐसा मत करिए. आपको चाचा सब कहते हैं तो मैं भी कहती हूं, पर आप मेरे पापा के चाचा हो, यानि मेरे बाबा हुए.. प्लीज मुझे छोड़ दो, मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूं.
चाचा बोले- चल छोड़ दिया पर आज तेरे बाप को ये सब तेरे कारनामे बताता हूं.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,303,624 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,628 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,152,479 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,866 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,946 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,988,353 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,799,513 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,525,715 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,828,883 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,486 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)