Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 02:59 PM,
#21
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
अब जब तक राज मेरी भाभी को चोदने नहीं आया, मेरी रंडी भाभी मुझसे रोज अपनी चूत चटवाती और अपना रस मुझे पिलाती, यानी उसने मुझे अपना नोकर बनाकर रख दिया था और रोज ही अपनी चूत का रस मेरे मुँह में भर देती, या ऐसे कहूँ की अब ये मेरी भाभी का और मेरा रोज का काम था। कभी-कभी वो मुझे चाटकर ठंडा कर देती, और कभी-कभी हम दोनों उस प्लास्टिक के लण्ड से एक दूसरे को चोद देते थे। दो महीने तक ऐसे ही चलता रहा। भाभी राज से चुदवाती रही और इधर मुझसे चुदवाती रही और मुझे चोदती रही। 

पर एक दिन मैं कालेज़ नहीं गई तो मैं घर ही थी, और मोम के जाने के बाद अपने रूम में बैठी थी और पीसी पर गाने सुन रही थी। तभी भाभी मेरे रूम में आई तो मैंने देखा कि वो पूरी नंगी थी बस हाई हील थे उनके पैरों में। वैसे अक्सर मोम के जाने के बाद भाभी घर में नंगी रहती और मुझे भी नंगी ही रखती थी। 

भाभी मुझसे बोली-क्या कर रही है मेरी कुतिया रंडी? 

मैं बोली-आपकी कुतिया गाने सुन रही है। 

भाभी बोली-“पायल मेरी ननद, आज कुछ नया करते हैं…” 

मैं बोली-क्या करोगी भाभी? 

भाभी बोली-“साली मालकिन बोल मुझे, नहीं तो तेरी माँ चोद दूँगी मैं…” 

मैं-“जी मालकिन, बोलो क्या करोगी नया?” क्योंकी मुझे खुद को इतना मजा आता था की मैं बता नहीं सकती। 

भाभी ने मुझे जल्दी से नंगी होने का हुकुम दिया। मैंने जीन्स टाप पहना था, उतार दिया और ब्रा और पैंटी भी निकालकर रख दी। 

भाभी मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी। मुझे मेरे बेड पर लेकर लेट गई। भाभी ने मुझे चूम ना शुरू कर दिया, और मैंने भाभी को। कभी वो मुझे चूम ती तो कभी काटती और मैं कभी उसको चूम ती और काटती। फिर हम 69 में आकर दोनों एक दूसरे की चूत को चाटने लगे। 

मुझे बहुत मजा आता था चूत चाटने और चटवाने में। हम एक दूसरे की चूत को हराने में लगे थे, कुछ देर बाद हम दोनों की चूत ने लावा छोड़ दिया। हम दोनों ने एक दूसरे की चूत को सॉफ किया और दोनों एक दूसरे को बांहों में भरकर लेट गये। कुछ देर ऐसे ही लेट रहे। 

भाभी ने मुझे हुकुम दिया-“मेरी ननद कुतिया, एक ड्रिंक हो जाए?” 

मैं बोली-“जी मालकिन” क्योंकी भाभी ने मुझे वाइन पीना सिखा दिया था, तो मैं और भाभी वाइन का शिप लेने लगे। एक-एक पेग लगाकर एक दूसरे के चिपके हुए बेड पर लेटे थे। 

तभी भाभी बोली-“अरे पायल, मेरी कुतिया बनकर तूने मुझे खुश कर दिया। अब मुझे एक नई कुतिया की तलाश है। त मेरी मदद करे तो मुझे नई कुतिया मिल जाएगी…” 
मैं बोली-क्या मदद करूं मालकिन? 

भाभी बोली-“साली देख, तेरी माँ यानी मेरी सास माँ विजय अंकल से चुदवाती है, क्यों ना हम इसे रंगे हाथ पकड़ें और उसे भी अपने ग्रुप में शामिल करें?” 
पर मैं बोली-“छीछी मालकिन, ये बहुत गंदा है। कोई माँ अपनी बेटी के साथ ऐसा कैसे करेगी?” 

भाभी बोली-“रंडी है साली, वो सब करेगी। तू बस साथ दे मेरा और सुन, तुझे भी लण्ड की जरूरत है…” 

भाभी ने मेरे मन की बात बोल दी थी क्योंकी लेस्बो में वो मजा कहां है जो कोई लण्ड दे सकता है। मैंने बोला-“पर कैसे?” 

तो उन्होंने मुझे अपना एक प्लान बता दिया और मैं उनके साथ राजी हो गई। प्लान के मुताबिक पहले माँ को हम दोनों को अपने ग्रुप में चोदना है। फिर विजय अंकल से माँ की चुदाई अपने सामने करवानी है और बाद में हम दोनों भी विजय अंकल के लण्ड का मजा लेंगे। 

मैं बोली-“फिर राज का क्या होगा?” क्योंकी राज का लण्ड विजय अंकल से एक इंच लंबा और मोटा था। मैं चाहती थी की मेरी चुदाई विजय अंकल से ना होकर, राज से हो या कोई और मस्त मोटे लण्ड से मैं अपनी चूत का उर्द्घाटन करवाऊूँ। 

उसके बाद भाभी बोली-“राज से तो तू कभी भी चुद लेना दिन में…” 

पर मैं अकेले नहीं चुदना चाहती थी, क्योंकी राज का हलब्बी लण्ड मैं देख चुकी थी और मुझे पता था की यदि राज ने अकेले में चोदा मुझे तो मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा देगा और मेरी चूत को फाड़ देगा, क्योंकी वो बहुत बड़ा चोद था। मुझ पर कोई रहम नहीं करेगा और चूत , मुँह और गाण्ड तीनों को फाड़ देगा। 

इसलिए मैंने भाभी को बोला-“मालकिन, मैं पहले राज के लण्ड चुदुन्गी तो आप वहीं रहेगी, नहीं तो राज मेरी और गाण्ड को फाड़कर रख देगा…” क्योंकी मैं अब तक भाभी से बहुत कुछ सीख चुकी थी, या ये कहो मैं पूरी एक रंडी बन चुकी थी। जब तक रात को चूत का रस ना निकाल दूं , तो मुझे नींद नहीं आती थी। 

तो भाभी ने मुझे बोला-“ठीक है, तुमको राज के लण्ड से चुदवा दूँगी । पर अपनी इस मालकिन की बात तुम्हें माननी होगी…” 

मैं बोली-“मुझे मंजूर है मालकिन…” 

फिर उन्होंने मुझे बोल दिया-“पहले मम्मी को अपने ग्रुप में शामिल करते हैं और उसकी चुदाई करते हैं। फिर तुम राज से चुदना और मैं विजय अंकल से। बाद में हम सभी एक साथ चुदेंगे…” 

अब हमारा प्लान तय हो चुका था। प्लान के मुताबिक पहले माँ को फाँसना था। तो हमने ये तय किया की आज के बाद माँ और विजय अंकल पर पूरी नजर रखी जाए और मैं और भाभी दोनों ही तैयार हो गये। 

उसके कुछ दिनों बाद मैं घर में अकेली थी और भाभी मार्केट गई हुई थी की तभी विजय अंकल आ गये और मुझसे बोले-“कैसी हो बेटा?” 
मैं-ठीक हूँ अंकल। 

विजय-बेटा, तुम्हारी मम्मी आए तो उनको बोलना की शाम को आज मुझसे मिले। 

मैं समझ गई की इसके लण्ड में उफान आ रहा है। मैंने कहा-जी ठीक है। 
और विजय चले गये। उसके बाद भाभी आ गई और मैंने भाभी को बता दिया की अंकल आए थे। 

भाभी बोली-“बस हो गया काम, यानी आज अंकल मम्मी की चुदाई करेंगे।…” मेरी और भाभी की चूत गीली होने लगी और हम एक दूसरे को मजा देने लगे और कुछ ही देर में हम ठंडे हो गये और बात करने लगे। 

भाभी बोली-आज मम्मी फिर से विजय की रंडी बनेगी और हमको आज उसे हर हाल में रंगे हाथों पकड़ना है…” 

मैं-“ठीक है मालकिन, जैसा आप कहो…” और हमने उसकी चुदाई देखने के लिए उसके कमरे की खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया। अब हम शाम होने का इंतेजार करने लगे। 
शाम हुई मम्मी आई, तब मैं बोली-“वो अंकल आए थे…” 

मम्मी-कौन से अंकल? 

मैं बोली-विजय अंकल। 

ये सुनकर तो मम्मी एकदम खुश हो गई और बोली-क्या कहा? 

मैं-आपको बुला रहे थे, मिलने को बोला है आपको। 

मम्मी बोली-“ठीक है मैं, मिल लूँगी …” और मम्मी चाय पीने लगी। 
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03-31-2019, 02:59 PM,
#22
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भाभी ने मुझे अपने रूम में बुलाया और मुझे एक वाय्स रिकॉर्डर (स्पाई-कैम वाला पेन) दिया, और बोली-“ये लो माइक, मोम के हैंड-बैग में छुपा आओ…” 

मैं चुपचाप गई और मोम के हैंड-बैग की साइड वाली जेब में डाल दिया और वापस आ गई। 

मोम चाय पीने के बाद बोली-“पायल बेटा, माँ अंकल से मिलकर आती हूँ …” 

पर ये क्या? मेरा और भाभी के प्लान का पहला हिस्सा फेल हो गया। मोम हैंड-बैग लेकर ही नहीं गई बस अपना मोबाइल लेकर चली गई। 

मुझे और भाभी को कुछ नहीं स झ रहा था की क्या करें? फिर भाभी ने मुझे बोला-“कोई बात नहीं, चुदेगी तो इसी रूम में…” और भाभी ने वो स्पाई-कैम वाला पेन लिया, चालू करके देखा और उसे खिड़की के पदे के पीछे रख दिया और कुछ देर रिकॉर्डिंग करके ले आई रूम में। मुझे पीसी ओन करने को बोला और देखा की सही से रिकॉर्डिंग हो रहा है या नहीं? हमने देखा कि इस रिकॉर्डिंग में मोम का पूरा बेड दिख रहा है, यानी अब हमलोग तैयार थे अपनी मोम की चुदाई लीला को रिकॉर्डिंग करने के लिए, तो हम खुश हो गए। 

भाभी बोली-“आज तो मजा आ जाएगा मम्मी की चुदाई लीला देखकर…” 

फिर मैंने भी हाँ में हाँ मिलाई। 

भाभी बोली-“इसे अभी नहीं बाद में रखेंगे, जब मोम सोने जाएंगी तब। अभी से तो पूरा रिकॉर्डिंग नहीं होगा…” 

मैं बोली-“ठीक है, पर ये लाई कहां से हैं आप?” 

भाभी बोली-“मार्केट से लाई हूँ मम्मी की चुदाई लीला रिकॉर्डिंग करने के लिए…” 

मैं बोली-भाभी आप तो बहुत तेज हो। 

भाभी बोली-“चल अभी काम करते हैं, इसे त रख दे…” और हम काम करने लगे। 

फिर मम्मी के जाने के बाद हम खाना बना रहे थे और मम्मी भी आ चुकी थी, पर मम्मी अब खुश दिख रही थी। 

भाभी ने मुझसे बोला-“आज बहुत खुश ये रंडी मम्मी…” 

मैं-“अपने यार से जो मिलकर आई है। साली उसको रात का टाइम देकर आई होगी…” फिर हमने खाना खाया और मम्मी ने भी खा लिया। 

फिर मैं, भाभी और मम्मी हाल में बैठके टीवी देखने लगे। हम आपस में बात कर रहे थे और मोम भी हमारे साथ टीवी देख रही थी। 

तभी मोम बोली-“बेटा मैं सोने जा रही हूँ …” 

मैं बोली-“क्या मम्मी इतनी जल्दी? थोड़ी देर टीवी देखो ना…” 

मोम बोली-“क्या बोरिंग मूवी आ रही है…” और मोम खड़ी होकर जाने लगी। 

मैं और भाभी बोली-“मम्मी अच्छा बैठो मैं आपका दूध ले आती हूँ …” और भाभी किचेन में चली गई और मुझे आवाज दी। 

मैं गई तो भाभी बोली-“जल्दी से स्पाई-कैम लेकर आ…” 

मैं गई और ले आई, और सीधा किचेन में भाभी को दे दिया। 

भाभी ने मम्मी से कहा-“मम्मी दूध अभी पिओगी या आपके रूम में रख दूं ?” 

मम्मी-“रजनी बेटा, रूम में रख दो…” कहकर बाथरूम की तरफ चली गईं। 

भाभी रूम में गई और कैम को छुपा आई और मैं बाहर आकर टीवी देखने लगी। उसके बाद मोम बाथरूम से बाहर आईं तो उन्होंने एक पारदर्शी रेड कलर की नाइटी पहन रखी थी, जिसमें से मोम की 36” साइज की चुचियाँ दिख रही थीं। मोम ने नीचे ब्रा-पैंटी पहनी थी, जिसमें उसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ बहुत टाइट दिख रही थीं। 

शायद मोम सेक्स के बारे में सोच रही होंगी। फिर मोम ने रूम को बंद क लिया। 

हम भी जल्दी से टीवी बंद करके अपने-अपने रूम में चले गये। 

मैं रूम में जाते ही नंगी हो गई और पीसी को ओन किया, भाभी की चुदाई वाला वीडियो देखने लगी। और चूत को सहलाने लगी। मैं कुछ देर में झड़ गई और लेट गई। अब बस रात को अंकल का इंतेजार करने लगी की कब अंकल आएंगे और कब मैं उनकी लाइव चुदाई देखूँगी? शायद यही सोच-सोचकर मेरी चूत फिर से पतनया रही थी और मैं गीली चूत को देखकर खुश हो रही थी। मैं अपनी चूत में बार-बार उंगली घुसाकर अपना कामरस पी रही थी और बगल वाले रूम में शायद भाभी भी यही सब कर रही होंगी। 

करीब रात को 11:00 बजे हमारा मेनगेट खुला तो अंकल आ गये। 

तभी भाभी ने मुझे काल किया और बोली-“साली लाइट बंद करके रूम में चुपचाप बैठ। हाँ, अंकल आ गये हैं, मम्मी हमको चेक करने आ सकती हैं…” 

मैंने जल्दी से पीसी बंद किया। बिना पैंटी और ब्रा के लोवर और एक ढीली सी टी-शर्ट पहनी और चादर ओढ़कर सो गई। करीब आधे घंटे बाद मोम आई मेरे रूम में और मेरी चादर हटाकर देखा, मुझे हिलाया तो मैं कुछ नहीं बोली। मोम समझी मैं सो रही हूँ और वापस चली गई। 
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03-31-2019, 02:59 PM,
#23
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
फिर 12:00 बजे भाभी मेरे रूम में आई और मुझसे बोली-“पायल…” 

मैं बोली-हाँ। 

भाभी बोली-खड़ी हो। 

मैंने चादर हटाई तो देखा-ये क्या? भाभी तो एकदम नंगी थीं। मैंने पूछा -“आप नंगी क्यों हो?” 

भाभी बोली-“वहां तेरी मम्मी भी नंगी है और यहां मैं। अब चल चुदाई का लाइव शो देखते है…” 

मैं खड़ी हुई और जल्दी से बिना बोले नंगी हो गई, और हम धीरे से मम्मी की खिड़की के पास गये और अंदर का नजारा देखने लगे। 

***** ***** 
मैं और भाभी दोनों एकदम नंगी ही थी और बाहर मोम के रूम के पास गए और खिड़की से अंदर झांकने लगे। अंदर रूम में लाइट जल रही थी। अब हम बिल्कुल बेफिकर थे, क्योंकी मोम रूम से बाहर नहीं आ सकती थीं, क्योंकी अंकल उनके रूम में थे और चुदाई करने वाले थे, तो हम, मैं और भाभी, दोनों नंगे ही देखने लगे। 

हमारी सोच-सोचकर ही चूत गीली होने लगी थी की मम्मी विजय अंकल का लण्ड लेंगी और हमको आज देखने में मजा आएगा। मैं और भाभी दोनों खिड़की के पास आ गये और बाहर हाल की लाइट भी बंद थी, बस मम्मी के कमरे की लाइट ओन थी। हमने धीरे से खिड़की का पर्दा हटाया और साइड में से अंदर का नजारा देखने लगे। 

मैं और भाभी ने जब अंदर का नजारा देखा तो हम दोनों ही चकित हो गए और एक दूसरे की शकल देखने लगे अंदर मम्मी बस ब्रा-पैंटी में थी, उनकी रेड नाइटी बेड के नीचे पड़ी थी। 

विजय अंकल मम्मी के साइड में बैठे थे जो लोवर और टी-शर्ट में थे, और सामने एक टेबल पर वाइन की बोतल रखी थी। अंकल मम्मी की चुचियों को सहला रहे थे और उनके गोरे-गोरे पेट पर हाथ फेर रहे थे। अंकल ने फिर मोम को अपनी तरफ खींचा, उनके ऊपर टूट पड़े और उनको होंठों को चूस ने लगे, और मेरी मोम भी उनका साथ देने लगी। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। मम्मी ने विजय अंकल के शरीर को रगड़ना शुरू कर दिया और विजय अंकल ने मम्मी के शरीर को रगड़ना शुरू कर दिया। 

(यहां मम्मी के बारे में फिर से बता देती हूँ । मेरी मम्मी का नाम रागिनी है, उम्र 41 साल, रंग गोरा, फिगर 36-32-34 का है और वो बस 35-36 साल की लगती हैं) 

अब मुझे पूरा यकीन हो चुका था मेरी माँ रागिनी एक रंडी है, पता नहीं कितने लोगों से चुदवाती है? मुझे शक था की ये साली नौकरी के बहाने चुदवाती है, तभी साली इतनी सज-धज कर आफिस जाती है और लोगों का लण्ड लेती है। पर मैं आज रियल में उनको रंडी के रूप में देख रही थी। 

फिर विजय अंकल ने उनकी कमर को रगड़ना शुरू किया तो मम्मी कांप उठी और धीरे से बोली-“आराम से करो ना… बच्चे घर में सो रहे हैं। पहले तो बस बेटी ही थी अब बह भी है। तुम समझा करो… विजय यार, अब ये सब घर में नहीं हो सकता है, कहीं बाहर जगह का इंतेजाम करो ताकि खुलकर मजा ले सकें…” 

विजय अंकल-“रागिनी यार, बाहर जगह सेफ नहीं है किसी को पता चला तो बहुत बदनामी होगी, और फिर घर में बस दो ही लोगों को पता लगेगा, बाहर तो सबको पता लगेगा…” 

माँ बोली-“यार घर में बेटी ने देख लिया, बहू ने देख लिया तो आफ़त हो जाएगी। और तुम हो की बस जब देखो लण्ड खड़ा किए घूम ते रहते हो…” 

विजय बोल-“क्यों तुम्हारी चूत बिना चुदे रह सकती है क्या?” 

माँ बोली-नहीं यार, पर अब अब बच्चे भी घर में होते है तो टेन्शन होती है। 

अंकल बोले-“मेरी रानी ठीक है आगे से बाहर ही करेंगे पर आज की रात तो मेरी रंगीन करो…” फिर माँ को बोले-“मेरी रागिनी रानी, चलो अपने इस यार को अपने हाथों से वाइन पिलाओ…” 

माँ खड़ी हुई और बोतल में से वाइन डालकर विजय अंकल को दे दी। 

अंकल पीने लगे और माँ को बोले-“रानी तू बहुत सॉलिड माल है, इस उम्र में भी तेरी चूत की आग बहुत तेज है। आज की लौंड्डया तो साली बस टाइम पास करती हैं…” 

माँ बोली-“क्यों, कोई लौंड्डया चोदकर आए हो क्या?” 

विजय बोला-“अभी कुछ दिन पहले एक लौंड्डया को पैसे में चोदा था साली में कुछ खास मजा नहीं आया…” 
माँ बोली-कितने में लाए थे रंडी को? 

विजय बोला-20000 रूपये में पूरी रात के लिए, हम दो लोग थे। 

माँ बोली-तभी अपनी इस रानी को भूल गये। उसके लिए 20000 रूपये और मेरे लिए बस कुछ नहीं? जाओ मैं नहीं देती तुमको अपनी…” 

विजय अंकल शिप लेते हुए-“अरे नाराज क्यों होती है, तुझे भी दे दूँगा …” 

माँ बोली-इतने सालों से चोद रहे हो, कभी मेरी इक्षा तो पूछ ते नहीं हो? और उस रंडी को इतनी पैसे दे दिए। 

अंकल बोले-“वो रंडी है सबसे चुदवाती है। त मेरी रानी है। ठीक है, तुझे भी दे दूँगा …” और माँ को पकड़ लिया और बेड पर लेकर पड़ गये, और माँ को चूमने लगे कभी होंठों पर कभी गालों पर कभी पेट पर तो कभी कंधों पर। फिर अंकल माँ के ऊपर आ गये और माँ को किस करते रहे। 

माँ उनका किसी रंडी के जैसे साथ देती रही, उसके बाद विजय अंकल की टी-शर्ट और लोवर माँ ने निकाल दिया और अंकल को नीचे लेटाकर माँ उनको चूमने लगी। माँ और विजय अंकल इसी तरह एक दोनों को किस करते रहे। करीब 20 मिनट तक ये प्रोग्राम चलता रहा। 
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03-31-2019, 02:59 PM,
#24
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माँ उनका किसी रंडी के जैसे साथ देती रही, उसके बाद विजय अंकल की टी-शर्ट और लोवर माँ ने निकाल दिया और अंकल को नीचे लेटाकर माँ उनको चूमने लगी। माँ और विजय अंकल इसी तरह एक दोनों को किस करते रहे। करीब 20 मिनट तक ये प्रोग्राम चलता रहा। 

और बाहर मेरा भाभी का, और हम ये देखते रहे कि अंदर विजय अंकल के कच्छे में तंबू बन गया था और फिर उन्होंने माँ की 36” साइज की चुचियों को आजाद कर दिया, यानी उनकी ब्रा को खोल दिया। माँ की चुची हाए राम इतनी बड़ी? मेरी तो देखते ही आँखे फट गई। 

माँ की चुची के निपल एकदम काले और बड़े-बड़े थे, 1-1 इंचे के निपल थे। अंकल ने माँ के निप्पलो को मुँह में लेकर चूस ना शुरू कर दिया, कभी एक को तो कभी दूसरे को मुँह में लेकर चूस ते। माँ भी अब धीरे-धीरे गरम होने लगी थी, माँ भी उनका पूरा साथ दे रही थी। 

और बाहर से मैं और भाभी अंदर का नजारा ले रहे थे, हम भी अपनी चूतों को गीला कर चुके थे। मैं भाभी के आगे खड़ी थी और भाभी मेरे पीछे थी। मुझे अपनी चूत पर कुछ महसूस हुआ तो देखा की भाभी का हाथ था। मैं पीछे देखने लगी तो भाभी का चेहरा एकदम लाल था और भाभी ने मेरी चूत में दो उंगली घुसा दी। मैं कुछ ना बोली बस मेरे मुँह से हल्की सी आऽऽ निक ली। 

अंदर माँ की सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई-“ओह्ह… विजय चूसो आआह्ह…” विजय अब माँ की चूत को पैंटी के ऊपर से घिसने लगे। 

और बाहर मेरी चूत की भाभी चुदाई कर रही थी, और अंदर माँ की अंकल। विजय अंकल ने माँ की पैंटी को निकाल दिया और उनकी बड़ी चूत और गोरी मोटी जांघों को चूम ना शुरू कर दिया, और चूम ते-चूम ते उन्होंने माँ की चूत को चाटना शुरू कर दिया। और माँ बस “अह्ह… मुउह्ह… ओह्ह… मरी… विजय चाटो और चाटो बहुत मजा आ रहा है ऊऊह्ह…” 

अंकल माँ की चूत को चाट रहे थे, और माँ उनका सिर अपनी चूत पर दबा रही थी। 

अंकल जोर-जोर से उनकी चूत को चाट रहे थे। उसके बाद विजय अंकल ने माँ को छोड़ दिया और बोले-“रागिनी रानी, क्या सारा मजा अकेले ही लेगी?” 

माँ बस मुश्कुरा दी और विजय अंकल को अपने पास लेटा लिया और उनका अंडरवेर निकाल दिया। जैसे ही माँ ने उनका अंडरवेर निकाला तो उनका काला मोटा लण्ड जो 7” इंच लम्बा था, बाहर आ गया। 

मैं बस देखती रही की माँ इतने बड़े लण्ड चुदवाती है और मन था की अंदर जाकर इसको मैं अपनी चूत में ले लूँ और भाभी को भी चुदवा दूं , और मैं भी आज पूरी रंडी बन जाऊँ। अपनी माँ के सामने सबसे चुदवाऊूँ। पर मैं बस देखती रही, और भाभी धीरे-धीरे मेरी चूत से खेल रही थी। 

अंदर माँ अंकल के लण्ड को चाटने लगी और माँ ने धीरे से अंकल के लण्ड की चमड़ी को पीछे किया तो उनका लण्ड का सुपाड़ा एकदम लाल बाहर आ गया। 

मुझे मजा आया की वाह क्या लण्ड है? काश, मैं भी इसे चूस पाती। 

तभी भाभी ने उंगली बाहर निकाल ली, मुझे खिड़की से हटा दिया, और धीरे से मेरे कान में बोली-“रंडी सारा का सारा तू देखेगी क्या अपनी माँ की चुदाई? और मुझे पीछे कर दिया। फिर बोली-“साली मेरी चूत में बहुत तेज खुजली हो रही है…” खुद दीवार के सहारे बैठ गई और मुझे आगे आने को बोला। 

मैंने अपनी टांगे चौड़ी की और आगे आ गई। भाभी नीचे बैठी थी और मेरी चूत को उंगली से चोदना और चाटना शुरू कर दिया। 

मैं भाभी के सिर को पकड़कर अपनी चूत में घुसाने लगी। अंदर माँ विजय अंकल का लण्ड चूस और चाट रही थी। माँ के थूक के कारण विजय अंकल का लण्ड मस्त चमक रहा था। अब अंदर माँ की और बाहर मेरी चूत की चुदाई हो रही थी। मैं खुद की चीखों पर पूरा कंट्रोल कर रही थी, ताकि मेरी माँ को पता ना चले की उनकी चुदाई का नजारा हम देख रहे हैं। 
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03-31-2019, 02:59 PM,
#25
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
उसके बाद विजय अंकल ने माँ को बोला-“मेरी लव, तेरी चूत का रस भी मुझे पिला दे…” और अंकल ने माँ को बेड के किनारे कर लिया और उनकी मोटी-मोटी जांघों को चौड़ा करके उनकी चूत को चाटने लगे। माँ को भी अपनी चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। 

बाहर मुझे अपनी छोटी सी प्यासी चूत को चटवाने में मजा आ रहा था। 

माँ खुलकर विजय के साथ मजा ले रही थी, यानी पूरी रंडी की तरह कर रही थी-“बस्स ओह्ह… विजय और तेज चाटो उह्ह… चाटो अह्ह… ह्म् म्म्म… मेरे राजा चाटो अह्ह… खा जाओ मेरी चूत को… विजय अब चोद भी दो मुझे…” 

विजय अंकल 5 मिनट तक चूत का रस पीते रहे और फिर माँ को छोड़ दिया और अंकल अपने लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगे। 

तो माँ को इशारा किया की इसे गीला करो और माँ बेड के किनारे बैठ गई, और अंकल का लण्ड गप्प से मुँह में लेकर चूस ने लगी। और जितना हो सकता था लण्ड मुँह में ले रही थी, अंकल के लण्ड को पूरा थूक से गीला कर दिया। फिर खुद बेड पर लेट गई और टांगे चौड़ी कर दी। माँ की नंगी टांगे बेड पर हवा में झूल रही थी बस उनके पैरों में उनकी पायल थी थी। मेरी माँ एक पूरी रंडी लग रही थी। 

बाहर मेरी चूत को भाभी चाट और उंगली से चोद रही थी। 

तभी विजय अंकल ने अपना लण्ड माँ की चूत पर टिका दिया और जैसे ही लण्ड माँ की चूत पर टिका तो माँ के मुँह से “आह्ह’ निकल गई ऊह्ह विजय। और अंकल माँ की चूत पर लण्ड को रगड़ने लगे। उनकी चूत बहुत बड़ी थी, शायद मेरा पूरा हाथ उनकी चूत में चला जाए। अंकल लण्ड को चूत पर घिस रहे थे और फिर अंकल ने माँ की चुची को पकड़ा और जोर से झटका दिया, तो अंकल का लण्ड पूरा चूत में घुस गया। 

और माँ तो बस सिसकार पड़ी-“ओह्ह… विजय आराम से अह्ह…” 

अंकल माँ के ऊपर लेट गये। माँ विजय अंकल के नीचे थी। मुझे बस अब विजय अंकल की बड़ी सी गाण्ड दिखाई दे रही थी। माँ ने अपनी दोनों टांगों को विजय अंकल के चूतड़ों पर टिका दिया और कस लिया। विजय अंकल माँ के होंठों को चूस ने लगे और हाथों से चुचियों को दबाने लगे। मेरी मम्मी की चूत में विजय अंकल का लण्ड पूरा घुसा हुआ था। 

और बाहर मेरी भाभी ने मेरी चूत को अपनी जीभ और उंगली से चाट-चाटकर मुझे पागल कर दिया था। मैं बस वहां खड़ी दोनों तरफ से मजा ले रही थी, एक हाथ से मेरी चुची के निपल को सहला रही थी। तभी अचानक मेरा शरीर अकड़ गया और मैंने भाभी को कसकर अपने पैरों में भींच लिया और मेरी चूत से मेरा रस निकल गया। 

मैं चीखना चाहती थी पर खुद के मुँह को अपने हाथ से बंद कर लिया और भाभी को हटाकर वहीं बैठ गई और भाभी ने मुझे छोड़ दिया और उनकी उंगली और मुँह पर मेरी चूत का गाढ़ा-गाढ़ा सा पानी लगा हुआ था। भाभी ने मुझे आराम से लेटा दिया और अपनी उंगली मेरे मुँह में दे दी। मैंने उनकी उंगली चाट ली और मैं खुद की चूत का रस पी रही थी, जो मुझे बड़ा स्वादिष्ट लगा। बाद में मैंने उनके चेहरे से अपना पानी चाटा और होंठों को किस करने के बाद मैं वहीं लेटी रही। 

भाभी फिर से खड़ी होकर अंदर का नजारा देखने लगी। मेरे शरीर में जान नहीं थी कि मैं देख सकूँ । बस वहीं लेटी हुई अपनी हाँफती सांसों पर कंट्रोल कर रही थी। भाभी अंदर देख रही थी। मुझे पीछे से भाभी की मस्त गाण्ड दिखाई दे रही थी। 

अब अंदर मेरी मम्मी की चुदाई शुरू हो चुकी थी। मेरे कानों में बस अंदर से आ रही आवाज आ रही थी। मैं लेटी हुई सुन रही थी। अंदर से मम्मी की सिसकारी गूँज रही थी और भाभी अंदर का नजारा ले रही थी। 

अंदर से मम्मी-“ओह्ह… विजय अह्ह… चोदो मुझे… मुझे चोदो, बहुत तेज… और जोर से चोदो… बहुत दिन हो गये मेरे को चुदे हुए अह्ह… विजय पेलो मुझे जोर से… चोदो फाड़ दो मेरी चूत अह्ह… ऊओह्ह…” 

विजय अंकल भी उनका साथ दे रहे थे-“हाँ मेरी रागिनी, ले खा मेरा लण्ड तेरी चूत में… आज मजा आ गया… रागिनी मेरी रानी ले और ले खा मेरा लण्ड आआऽऽ ह्म् म्म्म…” और दोनों एक दूसरे को हराने में लगे थे। 

करीब 5 मिनट बाद मैं खड़ी हुई तो अंदर देखने लगी। 

भाभी धीरे से बोली-“देख रंडी कैसे चुद रही है?” 

मैं-“हाँ भाभी…” 

भाभी बोली-“साली चुदक्कड़ है तेरी माँ और त भी… मजा आएगा अब तो मुझे। अब मैं जो चाहे वो करूंगी तुम दोनों माँ बेटी के साथ…” 

मैं बोली-“भाभी जो करना हो करो पर मेरी चूत को लण्ड से चुदवा दो, अब रुका नहीं जाता…” उसके बाद मैं अंदर देख रही थी। 

भाभी ने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर ले गई और बोली-“अपनी उंगली से मुझे ठंडा कर…” 

मैं भाभी की चूत में 3 उंगली घुसाकर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगी और अंदर देख रही थी। अंदर बेड पर मेरी रंडी माँ और विजय अंकल की चुदाई चल रही थी और माँ सिसक रही थी-“विजय अह्ह… विजय चोद मुझे जोर से… फाड़ मेरी चूत को, बहुत खुजली हो रही है…” और माँ गाण्ड उठा-उठाकर साथ दे रही थी। 

फिर विजय अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला। उनका लण्ड देखते ही मेरी भाभी का शरीर अकड़ गया, मेरे हाथ को अपनी चूत में भींच लिया और उनकी चूत से उनका कामरस निकल गया। मैं जल्दी से नीचे बैठी और चूत का पानी पीने लगी, चाटने लगी, और उनकी चूत को चाटकर उनके पानी का मजा ले रही थी। चूत को चाटने के बाद खड़ी हुई।

रूम के अंदर देखा तो मेरी माँ बेड के किनारे कुतिया बनी हुई है, उनकी मोटी गाण्ड मुझे सॉफ दिख रही थी, और अंकल पीछे से लण्ड पेल रहे थे और उन्हों ने अपने हाथों से उनके बाल पकड़े हुए थे और मेरी माँ को चोद रहे थे और कमरे से टप्प-टप्प की आवाज आ रही थी। 

तभी माँ की सिसकारियां बढ़ने लगी और जोर से-“ओह्ह… विजय चोद मुझे… मेरे राज्जा जोर से चोद मुझे… घुसा पूरा लण्ड… और तेज्ज़ ओह्ह… फाड़ मेरी चूत को, आज निक ल्ल्ल मेरी चूत की गमी, भर दे अपना रस्स अह्ह… हुउऊउ… अम्म्म्म… चोद मेरी भोसड़ी को ओह्ह…” 

और विजय अंकल-“ले मेरा लण्ड… रागिनी मेरी रानी क्या चोदती है ओह्ह… रागिनी ओउउह्ह… रागिनी…” 

और तभी मेरी रन्डी माँ बोली-“ओह्ह… विजय मैं आ रही हूँ , जोर से चोद अह्ह… ओह्ह… घुसा पूरा ओह्ह… माँ …” और माँ की एक तेज चीख निक ली ‘ऊह्ह’ और वोबेड पर लेट गई् लण्ड फच की आवाज से बाहर आ गया। लण्ड पर मम्मी की चूत का कामरस लगा हुआ था। 
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03-31-2019, 03:00 PM,
#26
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
अब माँ बेड पर पेट के बल लेटी हुई थी, उनकी गाण्ड और चूत अब मुझे दिख रही थी। तभी विजय अंकल ने उनके चूत ड़ों पर हल्के से चपत लगाई और माँ सिसकी-“हाँ आराम्म से विजय…” 

अंकल ने माँ के दोनों चूत ड़ों को पकड़ा और चौड़ा कर दिया। 

मम्मी-विजय क्या कर रहे हो प्लीज़ रूको ना कुछ देर? 

विजय माँ की चूत में उंगली घुसाने लगे और उनका पानी बाहर निकालने लगे। जब उन्होंने अपनी उंगली माँ की चूत से निकाली तो उंगली पूरी तरह से गीली थी। उन्होंने माँ की गाण्ड के छेद पर उंगली रखी और रगड़ने लगे। और फिर माँ के दोनों छेदों को चौड़ा दिया, और उनकी गाण्ड के छेद को थोड़ा सा खोलकर उसने थूक दिया। 

मम्मी बोली-विजय रूको ना कुछ देर। 

पर अंकल तो कुछ सुन ही नहीं रहे थे। 

बाहर मैं और भाभी एक-एक बार अपनी चूत को बहा चुके थे और टाइम भी बहुत हो चुका था। मैं भाभी से बोली-“चलो ना भाभी यहां से रूम में…” 

भाभी बोली-क्या हुआ? 

मैं-“भाभी चूत में खुजली हो रही है। 

भाभी बोली-“चुप रंडी साली, यहां खड़ी होकर अपनी माँ की चुदाई देख…” 

मैं बोली-“पर चूत का क्या करूं? रंडी जो हूँ मैं इसकी…” 

भाभी बोली-“रुक त यहीं और मैं आती हूँ …” कहकर भाभी अपने रूम में चली गई। 

मैं अंदर का नजारा देखने लगी। अंदर विजय अंकल ने एक तकिया लिया और माँ की चूत के नीचे लगा दिया, जिससे माँ की मोटी गाण्ड चौड़ी हो गई और उनकी गाण्ड का छेद दिखाई दे रहा था, जो काला था और बहुत बड़ा भी। मैं तो सब देखकर चकित हो गई कि मेरी माँ इतनी बड़ी चुदक्कड़ है। अंकल ने अपने लण्ड को माँ की गाण्ड के ऊपर टिका दिया। 

तभी भाभी आ गई थी उनके हाथ में प्लास्टिक का लण्ड था। मुझे देते हुए बोली-“ले रंडी, इसे चूत में घुसा ले…” 

मैं बस अंदर देखने में लगी हुई थी। भाभी ने ढेर सा थूक उस लण्ड पे लगाया। मेरी चूत गीली होने के कारण उसको आसानी से अंदर डाल दिया, और मेरे पीछे खड़ी होकर उसे अंदर बाहर कर रही थी। फिर अपने एक हाथ से मेरी चुची को मसलना शुरू कर दिया। 

अंदर विजय अंकल ने मेरी मम्मी की गाण्ड पर अपना लण्ड टिका या और और धीरे-धीरे अंदर घुसाना शुरू कर दिया।

मम्मी का कसमसाना शुरू हो गया और बोली-“आराम से विजय, तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा और बड़ा है, दर्द होता है गाण्ड में…” 

विजय अंकल हँस दिए और बोले-“रागिनी बहुत बार अपनी गाण्ड में ले चुकी हो, लेकिन तेरी गाण्ड आज भी मेरे लण्ड को खड़ा कर देती है…” कहकर माँ की चुची का पकड़ा और जोर से झटका दिया तो विजय अंकल का लण्ड पूरा माँ की गाण्ड में घुस गया। 

माँ बस बेड पर उल्टी पड़ी चीखी-“ओह्ह… विजय दर्द होता है, आराम्म से घुसा…” 

विजय अंकल ने चुचियों को दबाना शुरू कर दिया और उनकी कमर पर किस करना शुरू कर दिया। अब वहां मेरी माँ की गाण्ड की चुदाई हो रही थी और बाहर मेरी चूत की चुदाई। हम दोनों माँ बेटी लण्डों से खेल रही थीं। बस माँ असली लण्ड से और मैं नकली लण्ड से चुद रही थी। 

उसके बाद विजय अंकल ने धक्के देना शुरू कर दिया और मुझे बस विजय अंकल की गाण्ड दिखाई दे रही थी और ठप-ठप की आवाज आ रही थी। 

फिर माँ की सिसकारियां शुरू हो गई और माँ -“ओह्ह… विजय चोद… भर दे अपना रस्स… हाँ चोद मुझे, तुमने तो मेरी गाण्ड फाड़ दी अह्ह… ओह्ह… माँ ऽ क्या लण्ड है… विजय चोदकर फाड़ दे मेरी गाण्ड को आअह्ह… मेरे रज्जा मजा आ रहा है… चोद लगा दम्म्म… जोर से चोदो…” 

विजय अंकल भी-“ऊह्ह रागिनी क्या मस्त है तू ऽ ले खा मेरा लण्ड ओह्ह…” 

और फिर उनकी चुदाई ऐसे ही 10 मिनट तक चलती रही। माँ बेड पर पड़ी-पड़ी लण्ड गाण्ड में लेती रही। तभी विजय अंकल बोले-“रागिनीऽ मेरा आने वाला है…” और अपनी पूरा स्पीड में धक्के देने लगे। 

माँ बोली-“मेरे, विजय मेरी चूत में भर दे अपना रस… हाँ विजय भर दे ना अपना रस…” 

विजय अंकल ने फट से लण्ड निकाला और माँ को सीधा लेटाकर लण्ड मम्मी की चूत में पेल दिया और बोले-“ले खा मेरा रस ऊऊह्ह रागिनीऽ मेरी रानी…” और अंकल भी झड़ गये और माँ के ऊपर ही पड़ गये। माँ ने उनको कसकर पकड़ लिया और दोनों बहुत तेज-तेज हाँफ रहे थे और एक दूसरे से को कसकर पकड़े हुए थे। 

बाहर मैं फिर से झड़ने के करीब आ चुकी थी। पर भाभी ने मुझे चोदना बंद कर दिया और लण्ड बाहर नीकाल कर बोली-“बाकी काम अपने रूम के कर लेना रंडी…” 
मैं बस कुछ नहीं बोली। मुझे भाभी के ऊपर बहुत तेज गुस्सा आ रहा था की साली नखरे दिखा रही है, और चुपचाप अंदर देखने लगी 

***** ***** 
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03-31-2019, 03:00 PM,
#27
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
अंदर मम्मी और विजय अंकल एक दूसरे से चिपके हुए थे। कुछ देर दोनों ऐसे ही पड़े रहे और उनका लण्ड मम्मी की चूत से बाहर आ गया, वो माँ के ऊपर से हटकर साइड में लेट गय। मम्मी की चूत से विजय अंकल का पानी बाहर आ रहा था, जिसे माँ ने अपनी उंगली से निकाला और मजे लेकर चाटने लगी, और बोली-“मेरे विजय, मजा आ गया तुमसे चुदकर, पर मेरे मुँह की प्यास नहीं बुझाई मेरे राजा…” 

विजय अंकल ने उनकी चूत में अपनी दो उंगली घुसा दी और बाहर निकाली तो बहुत सारा पानी लगा हुआ था, और माँ के मुँह में दे दी। 

माँ मजे ले-लेकर चाटने लगी और बोली-“विजय बहुत टेस्टी है तुम्हारा रस…” और फिर माँ खड़ी हुई और अंकल का लण्ड मुँह से चाटकर सॉफ किया और खुद की चूत को अपनी पैंटी से सॉफ किया, और अंकल को बोली-“विजय ड्रिंक बनाऊूँ क्या?” 

अंकल ने हाँ में सिर हिलाया। फिर माँ ने उनको ड्रिंक दी और खुद उनके बगल में लेट गई। अंकल ने ड्रिंक लेकर माँ को बाहों में ले लिया और बोले-क्यों मेरी रानी, मजा आया? 

मम्मी बोली-“विजय ये भी कोई पूछने की बात है? तुमसे चुदने में बहुत मस्त मजा आता है, मैं जन्नत में पहुँच जाती हूँ , जब तुम अपने इस लण्ड से मुझे चोदते हो। तुम बहुत मजे से चोदते हो, मुझे बहुत मजा आता है…” 

फिर अंकल ने उनके होंठों को चूस ना शुरू कर दिया। उसके बाद दोनों एक दूसरे को ऐसे ही बाहों में लेकर लेटे रहे। मैं और भाभी बाहर ही खड़े रहे। 

फिर भाभी बोली-“चल अब सो जाते हैं। इनकी चुदाई तो पूरी रात ऐसे ही चलेगी। हमारा काम तो हो गया। फिर मैं और भाभी अपने-अपने रूम में जाकर लेट गये। 

मुझे आगे नहीं पता की क्या हुआ? मेरी माँ के पास से विजय अंकल कब घर गये और कितनी बार चोदा मेरी रंडी मम्मी को, पता नहीं। 

पर मैं रूम में जाकर बेड पर बैठ गई और भाभी के बारे में सोचने लगी, साली रंडी ने मुझे अधूरा छोड़ दिया। मैंने फिर से पीसी को ओन किया और भाभी की चुदाई वाला वीडियो देखना शुरू कर दिया। मैं 5 मिनट में फिर से गरम हो गई और खुद की चूत को सहलाने लगी। मैं भाभी की चुदाई का वीडियो देखती रही और खुद की चूत को रगड़ती रही। मैंने खुद की चूत को दो बार ठंडा किया और अपना रस खुद अपनी उंगलियों से चाटा। मैं इतनी थक चुकी थी कि बेड पर नंगी ही सो गई और पीसी ओन छोड़ दिया। मुझे पता नहीं कब नींद आई। 

सुबह आँखे तब खुली, जब मम्मी ने रूम के दरवाजे पर खटखट किया। उस समय 8:00 बज रहे थे। मैं जल्दी से खड़ी हुई, खुद की हालत को सही किया, पीसी को ऑफ किया और कपड़े पहनकर बाहर आई। 

मम्मी बोली-आज कालेज़ नहीं जाना है क्या? 

मैं बोली-नहीं, आज मन नहीं है और आज कुछ पढ़ाई भी नहीं होगी। 

मेरी मोम उस समय तक नहा धो चुकी थी और एक लाइट येल्लो साड़ी में थी, बहुत मस्त लग रही थी, उनके चेहरे पर एक मुश्कान थी, और फिगर जो बूढ़ों के लण्ड को भी खड़ा कर दे। 

मैं बाथरूम गई, फ्रेश हुई, नहा धोकर बाहर आई तो 9:00 बज रहे थे। मम्मी अपने आफिस जाने की तैयारी कर रही थी और भाभी मम्मी के लिए खाना बना रही थी। 

मैं नाश्ता करने लगी और बाद में अपने रूम में आ गई। तभी मेरी भाभी आई और बोली-“साली यहां मत बैठ, जाकर वो स्काई-पेन ला रंडी, मम्मी के कमरे से। नहीं तो मोम लाक करके चली जाएगी…” 

मैं बोली-“तुम क्या कर रही थी जो अभी तक नहीं लिया तुमने?” 

वो बोली-“मैं भी आज लेट उठी हूँ , मुझे कोई मोका नहीं मिला काम के कारण। अब तू जा और लेकर आ, मैं मम्मी को काम में बिजी करती हूँ …” 

मैं बाहर आई और हाल में बैठ गई। 

भाभी ने मम्मी को बोला-“मम्मी, जरा यहां आना…” 

मम्मी बोली-क्या हुआ रजनी बेटा। 

भाभी बोली-“मम्मीजी वो आपका लंच बाक्स का एक बाक्स नहीं दिख रहा है…” 

मम्मी बोली-यहीं होगा, देख लो। 

मैं बोली-“मोम शायद आपके रूम में हो…” 

मोम बोली-जाओ जाकर देख लो और जल्दी करो। आज तुम दोनों लेट उठी हो और मुझे लेट मत करो। 

मैं जल्दी से मोम के रूम में घुसी वो स्काई-पेन उठाया और अपनी लोवर की जेब में रखकर बाहर आ गई। तभी भाभी बोली-“पायल, यहां आओ जरा…” 

मैं किचेन में गई और बोली-क्या हुआ भाभी? 

भाभी बोली-लो कर दिया पैक दूसरे लंच-बाक्स में खाना, मम्मी को दे दो…” 

मैंने मम्मी को लंच-बाक्स दिया और मोम खड़ी होकर अपने रूम में गई। 5 मिनट बाद बाहर आई और अपने रूम को लाक करके आफिस चली गई। मैं गेटे बंद करके अंदर आ गई। 

भाभी बोली-देख ले गई है या नहीं रंडी? कहीं बाहर ही खड़ी हो वो? 

मैं फिर से बाहर गई और देखने लगी। मुझे मेरी मम्मी गली के किनारे जाती हुई दिखी। मैं अंदर आई और बोली-“गई मम्मी आफिस…” 

भाभी बोली-“चल दरवाजा लाक कर दे…” और मैंने कर दिया। फिर मुझसे पूछा -“रंडी वो स्काईपेन लिया या नहीं रूम से?” 

मैं-ले लिया भाभी। 

भाभी खुश हो गई और बोली-“साली कुतिया मजा आया रात को तेरी मम्मी की चुदाई देखकर? मेरा तो मन कर रहा है की राज को बुला लूँ और जोरदार चुदाई करवाऊूँ अपनी चूत की और गाण्ड की आज…” 

मैं बोली-भाभी मैं कहा जाऊँ? 

फिर भाभी बोली-मेरी रंडी रानी तुझे भी चुदवा दूं तू कहे तो? 

मैं बोली-“नहीं, मुझे नहीं चुदना उससे…” और हम फिर अपने-अपने रूम में चले गये। 

भाभी ने मुझसे वो स्काईपेन ले लिया था और मैं अपने रूम में अपनी स्टडी करने लगी। उसके बाद दिन में करीब 12:00 बजे भाभी मेरे रूम में आई। मैं उस समय स्टडी कर रही थी तो भाभी को देखते ही बोली-“भाभी क्या हुआ?” 

भाभी बोली-क्या कर रही हो रंडी ननद? 

मैं बोली-बस स्टडी कर रही हूँ । 

भाभी बोली-चल ना साली बंद कर स्टडी को, तेरी माँ की चूत चुदाई का प्रोग्राम फिर से देखते हैं…” 

मैं बोली-क्या भाभी। तुम भी जब देखो बस चुदाई के लिए तैयार रहती हो। 

भाभी बोली-साली रंडी, रात को बहुत लण्ड माँग रही थी, अब क्या हुआ? 

मैं बोली-रात की बात कुछ और थी और अभी की कुछ और। 

भाभी बोली-“साली नखरे ना कर ज्यादा, मुझे ये वीडियो देखना है तेरी रंडी माँ का साली। नहीं तो मैं अपने यार राज के पास जाकर देख लूँगी , और सोच ले तेरे साथ देखूँगी तो तू देखेगी और राज के साथ देखूँगी तो राज भी देखेगा इसको…” 

मैं बोली-“ठीक है भाभी…” और किताब को बंद करके रख दिया। 
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03-31-2019, 03:00 PM,
#28
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
फिर पीसी को ओन किया और फिर पीसी से उस स्काईपेन को कनेक्ट करके मैंने उस वीडियो को अपने पीसी में सेव कर लिया और स्काईपेन में से मिटा दिया, ताकि साली किसी और को ना दे सके। फिर मैंने वो भाभी को वापस दे दिया और बोली-“लो भाभी…” 

भाभी बोली-क्या हुआ? 

मैंने कहा-मैंने इसमें सेव कर लिया है। 

भाभी बोली-साली रंडी चालू कर ना, बहुत मन हो रहा है तेरी माँ की चुदाई देखने का। 

मैंने शुरू कर दिया और हम दोनों उसे देखने लगे। 

***** ***** 
मैं और मेरी भाभी, हम दोनों मेरे रूम में बैठे हुए अपनी मम्मी की चुदाई को देख रहे थे। तब भाभी ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसके नीचे उन्होंने बैकलेश ब्लाउज़ पहना था। मैंने उस समय सूट और लेगी पहनी हुई थी। हम दोनों वीडियो देखने में मगस ल थे और हमारी चूतें अब गरम होने लगी थीं। मैंने भाभी की ओर देखा तो भाभी भी मुझे देख रही थी। 

भाभी बोली-क्या हुआ मेरी कुतिया? 

मैं बोली-आपकी कुतिया की चूत में खुजली हो रही है और कुतिया की चूत रात से लण्ड के लिये तड़प रही है। 

भाभी बोली-देख ना साली तेरी माँ की गाण्ड कितनी मस्त है? क्या बड़े-बड़े चूतड़ है रंडी के? 

मैं बोली-“हाँ भाभी, मम्मी के चूत ड़ और चुचियाँ मस्त हैं तभी तो विजय अंकल इतने मजे से चोद रहे थे। मैं चाहती हूँ कि कोई आपकी इस कुतिया को भी कोई ऐसे ही कसके चोदे…” 

भाभी बोली-“मेरी रंडी कुतिया, तुझे तो बस मैं चोदूं गी अपने प्लास्टिक के लौड़े से…” और ये कहते हुए मेरी चुची को दबा दिया। 

मैं ओह्ह… भाभी कर उठी। 

भाभी बोली-क्यों लण्ड की जरूरत है तेरी चूत को? 

मैं बोली-“हाँ भाभी…” 

भाभी बोली-“रुको कुछ दिन तुम…” कहकर भाभी ने मुझे बाहों में ले लिया। हमारे कपड़े खुल गये और हम एक दूसरे को संतुष्ट करने लगे। भाभी मेरी चूत को चाटने, काटने लगी और मैं भाभी की, और हम झड़ गये, और ऐसे ही नंगे सो गये। हमने 2-2 बार खुद की चूतों का पानी निकाला था और सो गये थे। 

साम को 4:00 बजे मैं उठी तो भाभी मेरे बगल में नंगी सो रही थी। मैंने उनको उठाया और फिर हम बातें करने लगे। भाभी बोली-“मेरी रंडी, मुझे तुझसे कुछ खास बात करनी है। देख तू मेरी कुतिया है और मेरी ननद भी। तू मेरी बात को मना नहीं करेगी…” 

मैं बोली-भाभी आप बोलो तो सही, मैं आपके हर काम के लिए तैयार हूँ । 

उसके बाद भाभी बोली-“देख तुझे कोई एतराज हो तो मुझे बता देना…” 

मैं बोली-“भाभी सेन्टी मत हो और बात बताओ…” 

भाभी बोली-“यार राज का बर्थ-डे है, मैं उसको गिफ्ट देना चाहती हूँ , ऐसा गिफ्ट जिससे राज खुश हो जाए और मुझे कभी भूले नहीं…” 

मैं बोली-“इसमें क्या है दे दो कोई अच्छा सा गिफ्ट?” और मैंने पूछा -उसका बर्थ-डे कब है? 

भाभी बोली-15 जून को (15 जून 2015 की बात कर रही है ) 

मैं-ओके। 

भाभी बोली-देख यार, उसने पार्टी रखी है एक मस्त उसमें जाना है मुझे और मैं सुबह ही आउंगी, क्योंकी राज के बर्थ-डे में मैं पूरी रात उसकी बीवी बनकर रहती हूँ और वो मुझे चोदता है। पर अब मैं नहीं जा सकती, क्योंकी मम्मी नहीं मानेगी। तो तुम मेरी हेल्प करोगी ना? और तुम तो जानती हो की तुम्हारे भाई का लण्ड मुझे खुश नहीं कर सकता, तो मैं राज से चुदवाती हूँ …” 

मैं बोली-“भाभी क्या यार, तुम तो मेरी गुरु हो सेक्स की और तुम मेरी मालकिन हो, मैं तो तुम्हारी नोकरानी हूँ , तो तुम्हारी हेल्प तो करूंगी ही, पर मुझे भी कुछ चाहिए?” 

भाभी बोली-क्या लेगी तू ? 

मैं बोली-“समय आने दो ले लूँगी …” फिर मैंने भाभी से कहा-“और हाँ, मैं तुमसे जो माँगूंगी तुम मना नहीं करोगी…” 

भाभी बोली-“ठीक है दे दूँगी , पर मैं उस दिन तुम्हारी हेल्प से ही जा सकती हूँ । तो तुम मेरी हेल्प करोगी और मैं पूरी रात उसके फ्लैट में रहूँ गी…” 

मैं बोली-ठीक है, मैं हेल्प करूंगी। 

भाभी ने मुझे हग किया और जोर से मुझे किस की और बोली-“मेरी रंडी तुझे मैं एक दिन ऐसा सरप्राइज़ दूँगी की तू खुश हो जाएगी…” 

मैं बोली-“आपकी रंडी हूँ जो करना है करो, बस मुझे चुदाई के बिना मत छोड़ो…” और मैं फिर बोली-“भाभी, अपने साथ माँ भी होती तो कितना मजा होता?” 

भाभी बोली-“रंडी तू देखती जा, तेरी माँ और तू कैसे एक दूसरे की चूत चाटोगी। मैं ऐसा चक्कर चलाउंगी कि तेरी माँ का यार तुझे तेरी माँ के सामने चोदेगा…” 

उसके बाद अब हम दोनों प्लान करने लगे की कैसे माँ को फँसाया जाए? वीडियो हम बना चुके थे पर हम दोनों डरते थे की कहीं मम्मी विजय के साथ मिलकर हमको ही ना फँसा दे। फिर भी हम माँ की हर हरकत पर नजर रखने लगे। ऐसे ही 15-20 दिन में हमने माँ की 2-3 वीडियो और बना ली और माँ के मोबाइल से विजय अंकल का नंबर भी ले लिए और इधर राज का बर्थ-डे भी आ रहा था। 

भाभी ने मुझे फिर से याद दिलाया और और मेरे एग्जाम हो चुके थे और हालीडे चल रही थी, तो मैं सारा दिन घर में ही रहती थी और भाभी के साथ पॉर्न मूवीस देखती और लेसबो सेक्स करती। ऐसे ही दिन गुजर रहे थे। उधर माँ मस्त होकर विजय अंकल का लौड़ा लेती और पापा आते तो पापा का लौड़ा लेती। मेरी रंडी भाभी अपनी चूत की प्यास राज से बुझाती और मैं अपनी उंगलियों से। 

लेकिन अब मैं इतनी ज्यादा चुदासी हो चुकी थी की मैं बस किसी का भी लण्ड लेना चाहती थी। मैं हर समय बस एक दमदार लण्ड की तलाश में रहती, जो मुझे बिस्तर में अच्छे से मसल सके। लेकिन अब सबके लण्ड देख कर तो चेक नहीं कर सकती थी। मैं बस कभी-कभी लड़कों का भीड़ में अपनी चूत या गाण्ड पर से छूकर के मजा लेती और कभी-कभी हाथ भी फेर देती। मुझे बहुत मजा आता। मैं बस अपनी हालीडे का मजा ले रही थी। 

फिर एक दिन भाभी ने मुझे बोला-“पायल यार, कुछकर राज का बर्थ-डे है परसों का और मुझे जाना है…” 

तो मैंने कहा-आप चिंता मत करो…” 

फिर शाम को मम्मी आई तो मैंने मम्मी को बोला-“मम्मी मेरी दोस्त लोग दो दिनों के लिए घूम ने जा रहे हैं, क्या मैं भी उनके साथ जा सकती हूँ ? 

मोम बोली-कब जाना है? और कौन कौन जाएगा? 

मैं बोली-मोम कल जाएंगे शाम को। 

मोम बोली-ठीक है, चले जाना। 

मैं बोली-मोम, क्या भाभी को भी ले जाऊँ? 

मोम बोली-बेटा घर में कौन रहेगा? और फिर रहोगे कहां? और ऐसे ही मुझे टालने लगी। 

मैं बोली-मोम, भाभी भी अकेली घर में बोर हो जाएंगी तो मैं और भाभी साथ-साथ घूम आएंगे और रही घर की तो विजय अंकल को बोल देंगे की दिन में ध्यान रखेंगे घर का, क्योंकी वो हमारे पड़ोस में ही रहते हैं। 

तो मोम के चेहरे पर मुश्कान आ गई। क्योंकी मेरा तीर सही निशाने पर जाकर लगा था। मोम बोली-“ठीक है चले जाना और अपना ध्यान रखना…” 

तो मैं मोम के गले लग गई और मोम को थैंक्स बोला। मोम की बड़ी-बड़ी चुचियाँ मेरी छाती से टकरा गई। मैं खुश हुई और रूम में आ गई और वहां से भाभी के रूम में गई, और भाभी को बोली-“भाभी हो गया आपका काम। एक नहीं दो दिन तक हम बाहर रहेंगे…” 

भाभी खुश हो गई और मैं अपने रूम में आ गई। दूसरे दिन मैं अपने रूम में लेटी थी। भाभी आई मेरे पास और बोली-“पायल तूने मेरा काम कर दिया?” 

मैं बोली-भाभी बस आपकी खुशी में मेरी खुशी है, और मैं आपकी रंडी हूँ …” 

भाभी बोली-“लेकिन एक समस्या है? तुम मेरे साथ चलोगी तो वहां पर मैं तुमको कैसे लेकर जाऊँ?” 

मैं बोली-“भाभी मैं भी चलूंगी पार्टी में…” 

भाभी ने मना कर दिया, और भाभी बोली-“वहां पार्टी बहुत गंदी होगी। उसने मुझे बताया की पार्टी में सभी ड्रिंक करते हैं, एक दूसरे के साथ डान्स करते हैं, चिपकते हैं…” 

मैं बोली-ऐसी भी कोई पार्टी होती है? 

भाभी बोली-वहां ऐसी हो होती है बस उसमें कुछ ही दोस्त आते हैं। 

पर मन ही मन में बहुत खुश हुई की मजा आएगा। ऐसी पार्टी में तो एक साथ कई लण्ड मिलेंगे। पर मन में डर भी था की कहीं साले जबरदस्ती मुझे चोद ना दें। मैं बोली-“ठीक है, पर तुम राज से बात कर सकती हो। शायद वो मुझे रुकने का कहीं और इंतेजाम कर दे…” 

भाभी बोली-“ठीक है, मैं ट्राइ करती हूँ …” 

उसके बाद भाभी ने राज को काल किया और बात करने लगी तो भाभी ने राज को बताया की यार हम आज ही आ रहे हैं, तुम्हरे फ्लैट पर। 

राज बोला-आ जाओ कोई प्राबलम नहीं है। 

भाभी बोली-पर यार मेरी ननद भी मेरे साथ है, उसके बिना मैं घर से नहीं आ सकती। 

राज बोला-ठीक है, ले आओ उसे भी। आज अपने साथ रह लेगी कल उसका कहीं और इंतेजाम कर दूँगा । 
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03-31-2019, 03:00 PM,
#29
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
भाभी बोली-ठीक है मेरे राजा, मैं आज ही शाम को आ रही हूँ । तुम कहां मिलोगे? 

राज बोला-“जहां तुम कहो, पर आने से पहले खुद को सॉफ कर लेना नीचे से…” 

भाभी बोली-अच्छा यार, तुम चिंता मत करो। मैं शाम को 6:00 बजे घर से निकलुन्गी तो बस स्टैंड पर आकर तुमको काल करूंगी, तो लेने आ जाना, क्योंकी मैं गाड़ी नहीं ला सकती। 

राज बोला-ठीक है, मैं आ जाऊँगा। और हाँ अपनी ननद को भी ले आना साथ, मैं कर दूँगा कल कुछ ना कुछ उसके लिए। आज की रात तो हमारे साथ रुक जाएगी…” और काल काट दिया। 

भाभी ने मुझे तैयार होने को बोला। मैंने अब पैकिंग कर ली और भाभी ने भी कर ली थी। शाम को 6:00 बजे मोम आई तो हमने बोला की मोम हम जा रहे हैं। 
मोम बोली-ठीक है, आराम से जाना और आराम से आना। 

मुझे पता था की मोम हमारे जाने के बाद विजय अंकल के साथ चुदेगी। फिर भी हम घर से आ गये। भाभी ने घर से निकलते समय एक हल्की पीली साड़ी बांधी हुई थी और उसके ब्लाउज़ तो सारे डीप-कट वाले थे, जिनमें बस पीछे से एक छोटी सी पट्टी होती है बस, बाकी कमर पूरी नंगी दिखती है। और मैंने उस समय एक ब्लैक टाप और नीचे रेड जीन्स पहनी हुई थी। 

हम घर से निक ले, आटो लिया, बस स्टैंड पहुँचे। वहां से राज को काल किया। राज आया और हमें अपने फ्लैट पर ले गया। उसका फ्लैट शहर से बाहर था, शांत जगह थी, आस-पास कम ही मकान थे, जो थे वो कुछ दूरी पर थे। 

राज हमें अंदर ले गया और बैठा दिया। मैं और भाभी राज के घर के हाल मेंबैठे थे। फ्लैट क्या बस दो रूम का मकान था, जिसमें एक रूम को बेडरूम और कामान हाल था, आगे छोटा सा हाल टाइप की जगह थी और एक रूम और था यानी कुल मिलाकर दो रूम और एक छोटा सा हाल था। हम बैठे थे। राज ने हमें पानी दिया और फिर मैं और भाभी राज से बात करने लगे, 7:00 बजे से ऊपर का समय था। 

राज ने खाने का ऑर्डर होटल से किया और बोला-“आज कुछ बाहर का खाते हैं। दूसरे रूम में अभी हमने देखा नहीं था क्या है उसमें? उसके बाद राज ने अपने फ्रिज से बीयर की बोतल निकाली और गिलास में डालकर हमें ऑफर की। 

भाभी ने गिलास ले लिया और मुझे भी दे दिया और हम पीने लगे। अब हम तीनों बीयर पी रहे थे और बात कर रहे थे। भाभी ने पूछा -“यार राज। कल कौन-कौन आएगा पार्टी में?” 
राज बोला-“कुछ खास दोस्त और उसने उनके नाम बताए और कल का सारा प्रोग्राम बता दिया। 
***** 

उसके बाद राज ने बोला-“कल बस रात को 10:00 बजे तक पार्टी होगी। उसके बाद तुम और मैं ही रहेंगे घर में, और कोई नहीं होगा और तेरी ननद पायल मेरी एक दोस्त मुश्कान के घर चली जाएगी, वो अकेली रहती है रेंट पर…” 

भाभी खुश हो गई, बोली-“ठीक है…” 

और राज ने सारा प्रोग्राम समझा दिया। 

पर मैं बोली-“क्यों भाभी, क्या मुझे पार्टी में एंजाय करने का मोका नहीं मिलेगा? 

राज बोला-“तुम अभी बच्ची हो, ऐसी पार्टी में तुमको सब छेड़ेंगे तो तुम खुश नहीं रहोगी…” 

मैं बोली-“नहीं, मुझे पार्टी में रहना है, और मैं ज़िद करने लगी…” 

राज बोला-ठीक है, पर एक शर्त होगी? तुमको कोई छेड़े या किस करे तो तुम किसी को मना नहीं करोगी। क्योंकी पार्टी का रूल होता है कि अकेली लड़की को सब पटाकर अपनी रात की पार्टनर बनाना चाहते है। तो तुम अकेली ही रहोगी तो कुछ भी हो सकता है। ओके?” 

मैं बोली-नहीं, ये सब गलत है। मैं बोल दूँगी की मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड की ननद हूँ …” 

भाभी बोली-नहीं पायल, किसी को ये नहीं पता लगना चाहिए की तुम मेरी ननद हो। मैं नहीं चाहती ये सब। 

राज बोला-ठीक है, मैं कुछ अड्जस्ट कर दूँगा , पर कुछ तुमको सहना पड़ेगा। 

मैं बोली-“ठीक है…” और हम बीयर के मजे ले रहे थे। 

तभी खाना आ गया। हमने खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे। राज ने दूसरा रूम खोला जिसमें बेड लगे हुए थे। मैं और भाभी उसमें गये बाथरूम में जाकर कपड़े बदले और बेड पर लेट गये। मैं सो गई पर मुझे नहीं पता की भाभी नहीं सोएगी। 

रात को करीब एक बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की भाभी मेरे रूम में नहीं हैं। मैं खड़ी हुई और फिर बाथरूम में देखा, तो भाभी वहां भी नहीं थी, तो मैं समझ गई दूसरे रूम में होगी अपने यार के साथ। मैं बाहर आई तो राज के हाल में कोई नहीं था, पर साइड में दूसरे रूम की लाइट जल रही थी। 

मैं दरवाजे के पास गई और अंदर देखने की कोशिस करने लगी, पर अंदर देखने की कोई जगह नहीं थी, क्योंकी फ्लैट टाइप मकान था तो खिड़की पीछे की तरफ थी और वहां जाने का कोई रास्ता नहीं था। मैं दरवाजे के पास आई और नीचे से अंदर देखने लगी, पर कुछ दिख नहीं रहा था तो मैं वहीं से देखने लगी की कहीं कुछ दिख जाए कि अंदर क्या चल रहा है? पर कुछ नहीं दिख रहा था। बस बेड का नीचे का हिस्सा दिख रहा था और सामने दीवार के पास दो सोफे दिख रहे थे। 

आगे एक टेबल रखी थी, जिस पर पानी की बोतल और बीयर की बोतल रखी हुई थी। पर मुझे भाभी और राज नजर नहीं आ रहे थे, तो मैं सोचने लगी की घर में है या नहीं? इस रूम को मैंने अंदर से नहीं देखा था, क्योंकी मैं गेस्टरूम में सोई थी। और ये रूम राज का बेडरूम था। मैं अब अब ये सोच रही थी की अंदर क्या हो रहा होगा? और देखती रही नीचे। पर 20 मिनट तक मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया तो मैं हारकर दरवाजे के पास बैठ गई। 

तभी मुझे कुछ आवाज आई। मैं जल्दी से खड़ी हुई और भागकर रूम में आ गई, और चुपचाप बेड पर लेट गई। पता नहीं दोनों में से कौन बाहर आया? और हाल के कामन बाथरूम में गया और फिर से वापस रूम में चला गया, और दरवाजा बंद हो गया। 

मैं हिम्मत करके वापस दरवाजे पर गई और अंदर झांकने लगी नीचे से। मैंने देखा सामने सोफे पर राज बैठा हुआ था, शायद बाथरूम के बाद फ्रिज से बीयर लेकर गया होगा और सोफे पे बैठा बीयर पी रहा था। वो अंडरवेर और बनियान में बैठा बीयर पी रहा था। मैं देखने लगी। बीयर पीने के बाद खड़ा हुआ और बेड की तरफ गया और भाभी को उठाया और वापस वहीं सोफे पर बैठ गया और फिर से बीयर पीने लगा। 

कुछ देर बाद भाभी आई और उसके साथ बैठ गई। भाभी ने हल्के रेड कलर की ब्रा पैंटी पहनी हुई थी मतलब सॉफ था की अंदर चुदम-चुदाई हुई और सोने के बाद फिर उठे हैं और फिर से चुदाई की तैयारी कर रहे हैं। भाभी भी राज के साथ साइड में सोफे पर बैठ गई और बीयर पीने लगी और दोनों बात कर रहे थे। 
मैं अंदर देख रही थी। 
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03-31-2019, 03:00 PM,
#30
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
दोनों सोफे पे बैठे बातें कर रहे थे और बीयर पी रहे थे। उनकी बातें मुझे सॉफ सुनाई दे रही थीं, और जो बातें उनके बीच में हुई उनको सुनकर मैं चकित हो गई, क्योंकी अंदर जो बातें हो रही थी वो मेरे बारे में थी और मुझे इस पार्टी में इनके प्लान के मुताबिक ही बुलाया गया है, ना की मैं अपनी मर्ज़ी से आई हूँ । उन दोनों की बातों ने मुझे हिलाकर रख दिया और मैं पूरी तरह सदमे में थी और सोचने लगी की मेरी रंडी भाभी ने मुझे कहां फँसा दिया है? जो बातें उनके बीच में हुई-

राज-रजनी मेरी रानी, कल मेरा बर्थ-डे है तुमको याद है ना क्या करना है? 

रजनी-हाँ राज मुझे याद है। तुमने जैसा कहा मैंने वैसा ही किया है। 

राज-रजनी यार, तेरी ननद को हमपे शक था इसलिए इसे यहां बुलाया है। 

रजनी-राज तुम चिंता मत करो, मैंने उसे ऐसा फँसाया है की उसे कुछ समझ में नहीं आएगा। 

राज-रजनी यार तुम बड़े काम की खिलाड़ी हो, अपनी चुदाई के लिए अपनी ननद को ही इश्तेमाल कर रही हो। 

रजनी-राज बस ये सब मैं तुम्हारे लिए कर रही हूँ , और फिर वो भी जवान है, कहीं किसी और से चुदे इससे तो अच्छा है कि तुमसे चुदे और मुझे भी आराम से चुदने दे। 

राज-रजनी यार कहीं उसको शक ना हो जाए हम पर? 

रजनी-राज नहीं, वो सोचती है की मैं उसके कारण तुम्हारे बर्थ-डे पर आई हूँ पर उसे नहीं पता की उसे यहां मैं खुद लाई हूँ । 

राज-पर रजनी क्या वो मान जाएगी, कल पार्टी में चुदने के लिए? 

रजनी-अरे साली मानेगी क्यों नहीं? वैसे मैंने उसे सब सिखा दिया है, लेस्बो कर करके मस्त चुदवाती है तेरे दिए हुए लण्ड से। 

राज-रजनी, पर तुम जानती हो ना की मेरे लण्ड में और प्लास्टिक के लण्ड में कितना अंतर है? 

रजनी-“राज तुम चिंता मत करो, मैं उसे संभाल लूँगी । बस कल की पार्टी में और तुम्हारे बर्थ-डे पर कल मेरी तरफ से गिफ्ट होगा…” 

राज-रजनी, तू मेरी सबसे अच्छी रंडी है। साली तुझे चोदने में मजा आता है मुझे। 

रजनी-राज तू भी तो मेरा कुत्ता है साला, तेरा मूसल सा लण्ड मेरी चूत को मस्त मजे देता है और कल के बाद एक कुतिया और मिल जाएगी तुझे। 

राज-“रजनी तेरी ननद मस्त जवान है, साली उस दिन बहुत नखरे दिखा रही थी। कल साली को खूब चोदुन्गा …” और राज बीयर की बोतल से भाभी के चुची पर बीयर डालता है और चूस ने लगता है। 

रजनी-“राज अभी मन नहीं भरा क्या, मेरी चुदाई करके तेरे लण्ड का? जो साला फिर से चूस ने चाटने लगा। कल के लिए भी तैयार रहना है और हाँ कल पार्टी को जल्दी खतम करना। 10:00 बजे तक खतम कर देना। उसके बाद कल तेरे इस लण्ड की सेवा मेरी ननद कुतिया करेगी, मैं कुछ नहीं करूंगी…” 

राज-“हाँ मेरी रंडी, कल तेरी ननद मेरे लण्ड से खेलेगी। बस तू अब देखती जा कि मैं क्या करता हूँ ? तेरी ननद मेरी कुतिया होगी कल। रजनी बस कल तू अच्छे से तैयार कर देना, कल मेरी सुहगरात होगी तेरी ननद के साथ…” और दोनों हँसने लगे। 

मैं उनको फटी-फटी आँखों से देख रही थी। 

रजनी-“राज मेरे चोदू यार, साली को कल मस्त तैयार करूंगी। तेरे दोस्त अपनी-अपनी पार्टनर को छोड़ देंगे मेरी कुतिया के लिए। मैंने मस्त बना रखा है मेरी ननद को चुदाई में…” और भाभी राज के लण्ड को पकड़ लेती है और दोनों एक दूसरे को किस करने लगते हैं। 

यानी अब मुझे समझ में आ गया था की मुझे यहां क्यों लाया गया था? और मैं बस फटी आँखों से अंदर का नजारा देख रही थी, और सोच रही थी की क्या होगा कल मेरा? और भाभी और राज ने अपनी चुदाई शुरू कर दी, कुछ ही देर में दोनों नंगे हो गये। 

फिर राज ने भाभी को उठाया और बेड पर पटक दिया और उनकी चुदाई शुरू हो गई। अब बस सिसकारी गूँज रही थी और मेरे कान सुन्न थे। मैं चुपचाप खड़ी हुई और रूम में आकर बेड पर निढाल पड़ गई, और सोचने लगी क्या करूं? पर मैंने भी सोच लिया कि होगा जो देखा जाएगा। कल की पार्टी में मुझे यहीं रुकना है और राज से चुदना है। मैं अब ये तय कर चुकी थी की मेरी भाभी ने अपने फ़ायदे के लिए राज के साथ मिलकर मुझे फँसाया है, समय आने पर मैं राज और भाभी से बदला लूँगी और मैं सोचते-सोचते सो गई। 
***** ***** 
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