Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 02:56 PM,
#11
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
पायल-भाभी, आप आज बहुत खुश दिख रही हो क्या बात है? आज तो भैया भी नहीं हैं, फिर खुश कैसे? 

रजनी-क्या यार, तेरे भाई का नाम मत ले उसके कहां बस की है प्यार करना मेरे जैसे हाट लड़की को। 

पायल-क्यों क्या कमी है मेरे भाई में, जो आपको प्यार नहीं कर सकते? अब पायल ने भाभी के मन की बातू जा नना शुरू कर दिया। वो सब जान ना चाहती थी उससे की आज जो लड़का दिन में चोदकर गया कौन था? 

रजनी-कमी ही कमी है उसमें तो, बस नाम का पति है काम का नहीं। 

पायल-काम का नहीं मतलब? 

रजनी-देख पायल शादी के बाद लड़की को माँ बनाने के लिए सेक्स की जरूरत होती है पर तेरे भाई को सेक्स में इंटरेस्ट नहीं है और मुझे सेक्स की बहुत जरूरत होती है। 

पायल-ओह्ह भाभी… भाई तो करते होंगे सेक्स आपके साथ तो? 

रजनी-यार करते हैं, मगर उनमें दम नहीं है जो मुझे माँ बना सके, उनका वो छोटा सा है। 

पायल-वो क्या भाभी? सब बताओ मुझे की आप क्या कहना चाहती हो? 

रजनी-यार उनका लण्ड बहुत छोटा है और खड़ा होने के बाद 4½ या 5 इंच का होता है और जो चूत में डालते ही झड़ जाता है, और मैं तड़पती रहती हूँ बिस्तर पर। 

पायल-तो भाभी, आपको भाई से बात करनी चाहिए इसके बारे में। 

रजनी-कोई फ़ायदा नहीं है तेरे भाई से बात करने में, क्योंकी लण्ड का साइज तो बढ़ना है नहीं और मुझे वो लण्ड बिल्कुल पसंद नहीं है। 

पायल-फिर भाभी आप क्या करोगी? क्या आप और भाई कभी माँ पापा नहीं बन सकते? 

रजनी-ऐसी बात नहीं है मेरी रानी, सब ठीक हो जाएगा। पर तेरा भाई मेरी बात माने तो। 

पायल-कैसी बात? और कौन सी बात मानेंगे भाई जो तुम माँ बन जाओगी? 

रजनी-देख पायल, तुम मेरी दोस्त जैसी हो तो मैं तुमको बता देती हूँ कि तेरे भाई के बस की नहीं है मुझे माँ बनाना। 

पायल-तो भाभी फिर आप कैसे माँ बनोगी? 

रजनी-देख यार, इसके लिए मुझे किसी और लड़के की जरूरत होगी, जो मुझे चोदे और माँ बना दे। पर तेरा भाई खुद तो मर्द है नहीं और मेरी बात मानेगा नहीं, तो ऐसा नहीं हो सकता। 

पायल-भाभी, आप होश में तो हो? क्या बकवास कर रही हो? कोई अपनी बीवी को किसी और से कैसे चुदने दे सकता है? 

रजनी-हाँ मुझे पता है, इसलिए तेरे भाई से बात नहीं की। और साला वो तो नामर्द है और मुझे ठीक से चोद नहीं सकता पर शादी कर ली कुत्ते नै। नामर्द है वो। 

पायल-भाभी, आप भाई को गाली मत दो, मेरा भाई अच्छा है समझी। 

रजनी-हाँ जानती हूँ कितना अच्छा है? अब तू जा और मुझे सोने दे, मैं बहुत थकी हुई हूँ । 

पायल-“ठीक है, आज कुछ ज्यादा ही थकी लग रही हो…” पर मैंने उसे एक बार भी शक नहीं होने दिया की आज मैंने उसकी चुदाई देखी है और वीडियो भी बनाया है। 

फिर पायल अपने रूम में आ गई और दरवाजा लाक करके अपना पीसी ओन किया और मोबाइल को अपने पीसी से कनेक्ट किया, भाभी की चुदाई का वीडियो पीसी में डाल दिया, और देखने लगी। मैं वीडियो को देखकर कर फिर से गरम होने लगी, मेरी आँखों के आगे बार-बार राज का गधे जैसा लण्ड घूम रहा था और मैं खुद पर कोई कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। और मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी। 

अब मेरी चूत से मेरी जवानी भी फूट रही थी। 32” साइज की मेरी चुची और मेरे पिंक निपल लाल हो चुके थे। मैंने अपनी दराज़ से एक पेंसिल निकाली और चूत में घुसाने लगी। धीरे-धीरे मैंने उसे पूरा घुसा लिया और अंदर बाहर करने लगी। फिर मैं झड़ गई और बिस्तर पर नंगी ही पड़ी रही और जैसे-तैसे करके पीसी को बंद किया और बेड पर लेट गई। 

और मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरी आँख लग गई और सो गई। सुबह आँख खुली तो 6:00 बज रहे थे और मैं पूरी नंगी चादर में लिपटी हुई थी। मैं खड़ी हुई, कपड़े पहने और बाहर आई तो देखा कि तो माँ उठ चुकी और काम में लगी थी, और भाभी किचेन में थी। 

मैं फ्रेस हुई और रूम में आ गई और पढ़ने लगी पर मेरा मन बार-बार उसी वीडियो पर अटका था। करीब दो घंटे तक मैं इसी सोच में पड़ी रही। पर मन नहीं था और फिर भाभी ने मुझे आवाज दी और नाश्ते के लिए बुलाया, मैं बाहर गई तो देखा नाश्ता तैयार था। 

मैंने मम्मी और भाभी ने नाश्ता किया और मैं फिर मम्मी के साथ मिलकर घर का काम करने लगी। कुछ दिन ऐसे ही बीत गये। कभी-कभी मैं उस चुदाई का वीडियो देख लेती और मजा लेती। और मेरी भाभी अब ज्यादा दिन बिना चुदाई के नहीं रुक सकी। एक दिन शाम को भाई घर पे आया। 

और मैंने सोचा क्यों ना आज भाई और भाभी की चुदाई देखी जाए, पर रात को मम्मी के उठने का डर भी था। फिर मैंने सोचा जो होगा देखा जाएगा, आज भाई का लण्ड देखती हूँ की भाभी सही कहती है झूठ ? तो मैंने सोचा आज कुछ भी हो मुझे देखना ही है। मैं रूम में आ गई और सबके सोने का इंतेजार करने लगी। अब मैं रात को 11:00 बजे उठी और बाहर आई। पहले मोम के रूम को देखा तो बंद था। मैं फिर बाहर आई और भाई के रूम में खिड़की से झांकने लगी अंदर की तरफ। 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#12
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पर अंदर बस नाइट-लैम्प जल रहा था और भाई बेड पर लेटे हुए थे और भाभी बैठी हुई थी और टीवी देख रही थी। करीब मैं एक घंटे तक इंतेजार करती रही। फिर भाई खड़े हुए और भाभी को पकड़ने लगे, तो भाभी ने उनको दूर कर दिया, और खड़ी हो गई और दराज़ खोलकर ड्रिंक की बोतल निका ली और ड्रिंक करने लगी। भाई भी खड़े हो गये और ड्रिंक करने लगे। 

फिर भाई ने भाभी को पकड़ा और किस करने लगे, पर भाभी मन से साथ नहीं दे रही थी, उन्होंने उनको हटा दिया और बेड पर आकर लेट गई और बोली-“मुझे सोने दो, मुझे मत गरम करो, तुम्हारे बस का कुछ नहीं है, तुम्हारा लण्ड छोटा है, और तुम मुझे सही से नहीं चोद पाते हो…” 

तो भाई बोला-“क्या यार रजनी, अब लण्ड छोटा है तो क्या करूं? आज पूरी कोशिस करूंगा तुमको सही से चोदने की…” 

भाभी बोली-“नहीं, तुम नहीं चोद सकते हो मुझे। तुम्हारे छोटे लण्ड से तो अच्छा, मैं उंगली करके शांत कर लूँगी खुद को…” 

भाई ने फिर उनको बोला-“अच्छा… पर मेरा लण्ड शांत कर दे…” 

तो भाभी बेमन से उनके साथ किस करने लगी और भाभी और भाई ने एक दूसरे को नंगा कर दिया। भाई बस अंडरवेर में था और भाभी पूरी नंगी थी। भाई भाभी को किस कर रहा था, 

फिर चुची से खेलने लगा। भाभी अब धीरे-धीरे गरम हो रही थी। भाई ने 5 मिनट तक चुची को चूसा होगा बारी-बारी से, और फिर भाभी की चूत को चाटने लगा। 

इधर अब भाभी भी गरम हो रही थी, वो भी सिसकारियां लेने लगी-“आआऽ उम्म्म्म… ओह्ह… चाटो ऊह्ह… अह्ह…” 

और भाई उसकी चूत को चाट रहा था। फिर भाई ने भाभी की चूत से मुँह उठा लिया और अपना अंडरवेर भी उतार दिया। नाइट लैंप की रोशनी कम थी। फिर भाई ने भाभी को लण्ड चूस ने को बोला, तो भाभी उनके ऊपर आ गई। भाई का सिर मेरी तरफ होने के कारण मैं लण्ड नहीं देख पा रही थी। 

भाभी और भाई दोनों एक दूसरे के अंगों को चूस चाट रहे थे। फिर कुछ देर बाद भाई-“अह्ह… ओह्ह… चुस्स रजनीऽऽ ओह्ह… जोरन से ओह्ह…” और झड़ गये। 

भाभी उठ खड़ी हुई और साइड में आ गई और बोली-“बस हो गया तेरा ना? बोला था मुझे गरम मत कर, अब मेरी चूत को शांत कौन करेगा? 

जैसे ही भाभी नीचे आई तो भाई खड़ा हो गया और उनका लण्ड मुझे दिखा। उनका लण्ड छोटा और पतला था भाई जल्दी झड़ गये तो लण्ड उनका लटक गया था। भाभी अभी बेड पर नंगी लेटी थी, और भाई साइड में लेटे थे उनका लण्ड किसी बच्चे के लण्ड जैसा था। मैंने सोचा भाभी सही कह रही थी पर भाभी गरम हो चुकी थी तो वो चूत में दो उंगली घुसाकर उंगली कर रही थी। इधर भाई आराम से लेटे थे। आज मुझे पहली बार मेरे भाई पर उनका लण्ड देखकर गुस्सा आ रहा था। 

भाभी ने भाई को बोला की उनको शांत करे। भाई ने भाभी की चूत में उंगली डाली और चोदने लगा और चाटने लगा। कुछ ही देर में भाभी-“आऽ ओह्ह… साले नामर्द्नर्द्द ओह्ह… चाट…” जैसी आवाज आने लगी। 

अब भाई का लण्ड फिर से खड़ा हो गया, लण्ड पूरा टाइट था जो मुश्किल से 4-5 इंच का था। उसने भाभी की चूत में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा। 

भाभी तो बहुत गरम हो चुकी थी और भाई को गाली दे रही थी-“साले हिजड़े भैन के लौड़े, जब तेरे बस की नहीं है तो माँ के लौड़े की ही क्यों? भैनचोद मुझे और ये क्या? 

भाई 10 मिनट में फिर से भाभी की चूत में झड़ गये और भाभी तो अभी एक बार भी नहीं झड़ी थी। भाई निढाल होकर पड़ गये और उनका लण्ड सिकुड़ गया। भाभी को बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, उसने भाई को साइड में किया और बोली-“भोसड़ी के अब इस चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा? साला हिजड़ा कुत्ता…” और भाई को साइड में कर दिया और खुद चूत में उंगली करने लगी। 

भाभी दो उंगली डालकर उंगली करती रही करीब 10 मिनट में भाभी की ज्वाला फूट पड़ी और झड़ गई फिर भाभी लेटी रही और मैं भी रूम में आकर सो गई। 

***** 
अगले दिन सुबह भाई को जाना था तो वो चले गये। फिर मैं भाभी और मम्मी ही रह गये थे घर में। कुछ दिन ऐसे ही निकलते रहे, और मैं भाभी का वीडियो देखकर उंगली से आग बुझाती रही। 
और उधर भाभी राज से चुदती रही। भाभी कोई भी मोका नहीं छोड़ती थी। यदि मैं कालेज़ जाती तो वो राज को घर में बुलाकर चुदवाती, और घर में रहती तो खुद बाहर जाकर राज से चुदवाती। चुदाई के कारण मेरी भाभी बहुत सेक्सी हो गई थी, और मस्त फिगर हो गया था। 

मैं भाभी की कई बार चुदाई देख चुकी थी, और सोचती काश, राज जैसा लौड़ा कोई मेरी चूत को फाड़ दे, पर डर भी लगता था और कंट्रोल करती थी। पर उस दिन जब मैं कालेज़ गई हुई थी और जल्दी वापस गई, करीब दिन के दो बज रहे थे, तो मैंने सोचा की भाभी अकेली ही होंगी, तो मैं जल्दी घर आ गई। और जैसे ही उनके रूम के पास गई तो देखा की भाभी किसी से बात कर रही हैं। 

मैंने अंदर जाकर देखा तो राज और भाभी आपस में बातें कर रहे थे। मुझे देखकर राज घबरा गया और मेरी भाभी भी। उनके रूम में घुसते ही मुझे पता चल गया की उनकी चुदाई अभी-अभी खतम हुई है, क्योंकी बेड की चादर में सिलवटें थीं, और रूम से लण्ड और चूत के पानी की महक आ रही थी। 

भाभी ने मेरा परिचय राज से करवाया और बोली-“ये मेरा दोस्त राज है आज ही कई दिनों बाद आया है तो मिलने आ गया। हम कालेज़ में साथ पढ़े थे…” 

पर मुझ कोई इंटरेस्ट नहीं था और मैं रूम में आ गई और कपड़े बदलने करने लगी। मैं घर पर अक्सर छोटे कपड़े पहनती हूँ जैसे स्कर्ट और टाप। 

उस दिन मैंने एक छोटी स्कर्ट पहन ली, जो बस मेरे घुटनों तक थी और ऊपर से बस एक टी-शर्ट डालकर बैठ गई। तभी मेरे रूम पर नाक हुई तो मैंने बोला-कौन है? 
तो बाहर से भाभी की आवाज आई-मैं हूँ , रूम खोलो…” 

मैंने रूम खोल दिया। 

भाभी बोली-“क्या हुआ, मेरे रूम में आ जाओ?” 

मैं कुछ देर तक सोचती रही और फिर भाभी के रूम में चली गई। वहां जाकर देखा तो राज जा चुका था। बस अब मैं और भाभी थी तो मैंने भाभी से पूछा -कौन था ये? 

भाभी ने मुझे बताया की ये मेरा दोस्त है, बाहर नोकरी करता है, आज शहर में आया तो मुझसे मिलने आ गया। 

मैं बोली-“भाभी, इस लड़के को मैंने कहीं देखा है…” 

भाभी थोड़ा सा डर गई। 

अब मैं भाभी से सब कुछ उनके मुँह से सुनना चाहती थी। तो मैंने पूछा -“इनको मैंने एक दिन बस स्टैंड के पास देखा था, और कई बार देख चुकी हूँ । मुझे लगता है ये यहीं का है…” 
भाभी बोली-“नहीं, ऐसी बात नहीं है। ये इसी शहर का है और नोकरी के कारण दूर रहता है। आज ही आया था तो मिलने आ गया…” 

अब मैंने बोला-“भाभी अगर इनको मिलना ही था तो शाम को भी आ सकता था अभी क्यों? और मेरे आते ही चला क्यों गया? सच बोलिए भाभी कौन है ये?” 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#13
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भाभी अब थोड़ा सा डर गई और बोली-“पायल यार, वो केवल मेरा दोस्त है और बस केवल मिलने को आया था…” 

पर मैंने जोर देकर पूछा -“फिर जब मैं आई तो आपके रूम में आपकी बेड के चादर में इतनी सलवटें कैसे? और आपने चादर क्यों बदली? और आपके रूम से कैसी महक आ रही थी?” 

तो भाभी और डर गई। 

मैं बोली-“देखो भाभी, मुझे तो शक है की कहीं आपका और उस लड़के का कोई चक्कर तो नहीं है?” 

मेरा इतना कहना की भाभी ने मेरे मुँह पर एक जोरदार चांटा मारा और बोली-ये क्या बकवास कर रही है तू ? 

मैं बोली-“तो आने दो मम्मी को, शाम को सब बता दूँगी की दिन में भाभी किसी लड़के से मिलती है…” 

उसके बाद मेरे और रजनी भाभी के बीच जो हुआ बहुत ही गुस्से वाला था। पर मेरी रंडी रजनी भाभी ने मुझे मुझे लड़की होने का एहसास करा दिया था। और मेरी चूत की आग को भड़का दिया। उस दिन जो हुआ मैं यहां खुलकर ब्यान कर रही हूँ । 

फिर रजनी भाभी ने मुझे एक और जोर से चांटा मारा और मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी। 

मैं-“साली मुझे मारती है तू ? आने दे मोम को और भाई को सब बता दूँगी , मैं तेरी सारी कहानी बताउंगी और तुझे सबक सिखाउंगी…” 

रजनी भाभी बोली-“बता देने अपनी मम्मी को और अपने भाई को और क्या बतायेगी तू की मैं किसी लड़के से मिलती हूँ ?” 

मैं बोली-“आज तेरी सारी हरकतें मम्मी को बता दूँगी , और अभी भाई के पास काल भी करूंगी और तेरी सारी बात बताउंगी…” 

भाभी-“हाँ, जा बता दे साली रंडी… पर मैं उससे पहले तुझे आज ऐसा मजा दूँगी कि तू याद रखेगी मुझे हमेशा…” 

मैं डर गई-“क्या करेगी मेरे साथ तू ? रंडी साली कुतिया है तू चुदक्कड़ मेरे घर में रंडी है तू …” 

रजनी भाभी बोली-“हाँ साली बोल ले जितना बोलना है आज तू । तेरी माँ को और तुझे अपने यार से नहीं चुदवाया तो तो मेरा नाम भी रजनी नहीं…” 

मैं अब पूरे गुस्से में थी और रजनी भाभी से लड़ने लगी-“साली तूने मेरे घर को गंदा किया है, तुझे आज बदनाम कर दूँगी …” 

रजनी भाभी बोली-“साली कुतिया हिजड़े की बहन है तू … तू मुझे बदनाम करेगी साली? और मैं रंडी हूँ तो तेरी माँ क्या है? और तू क्या है?” 

पायल-मेरी माँ को गाली मत दे। 

फिर मुझे मेरी भाभी ने मुझे बेड पर ही पकड़ लिया और मेरे ऊपर बैठ गई। 

मैं बोली-हटो मेरे ऊपर से नहीं तो अच्छा नहीं होगा? 

रजनी भाभी बोली-चुप साली, मेरी ननद रानी आज तुझे बताती हूँ की चूत में जब आग लगती है तो कैसा लगता है? 

और मैं उसका विरोध करने लगी। पर मेरी भाभी पूरी पागल हो चुकी थी और बहुत तेज गुस्से में थी। 
मैं बोली-हटो मेरे ऊपर से और मैं धक्का देने लगी। 

पर भाभी ने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए। उस समय मैं बस एक टी-शर्ट और छोटी स्कर्ट में थी। मैंने नीचे से ब्रा नहीं पहनी थी, क्योंकी घर में मैं ब्रा नहीं इश्तेमाल करती हूँ । 

रजनी भाभी-साली कुतिया, आज तेरे जैसी रंडी ननद के साथ मजा करने में मजा आएगा। साली बहुत घमंड है ना तुझे अपनी माँ पर, और खुद पर। 

मैं लगातरह उसका विरोध कर रही थी। उसके बाद भाभी को नहीं पकड़ पा रही थी। 

भाभी का गुस्सा बहुत तेज था। उसने मेरे हाथ छोड़े और मेरे गाल पर 3-4 चांटे मारे, जिसके कारण मैं रो पड़ी और आूँस आ गये। मैं बोली भाभी-“प्लीज़… मुझे छोड़ दो…” 

पर भाभी तो बहुत गुस्से में थी, बोली-“साली आज तुझे नहीं छोड़ूँगी , तेरे भाई का बदला तेरे से लूँगी । तूने मुझे रंडी बोला है तो आज इस रंडी को भी देख ले…” और भाभी ने मेरी 32” साइज की चुची को जोर से दबा दिया। 

और मैं जोर से चीख पड़ी। मैं भाभी के नीचे थी। फिर मैं भाभी से छूटने की कोशिस करने लगी। 

तभी भाभी बोली-“साली तेरी चुची तो बहुत टाइट है, कुतिया आज तुझे बताती हूँ की रंडी क्या होती है?” और भाभी ने मेरे बाल पकड़े और मेरे होंठों को मुँह में लेकर चूस ने लगी, और एक हाथ से मेरी चुची को मसलने लगी…” 

मैं छटपटाने लगी। भाभी के मुँह से वाइन की महक आ रही थी। भाभी 5 मिनट तक मेरे होंठों को चूस ती रही और मैं नीचे बस हाथ पैर चलाती रही और रोती रही। फिर भाभी ने मुझे छोड़ दिया और खड़ी होकर अपने रूम को लाक कर लिया अंदर से। और बोली-“साली, अब कहां भागेगी त ? आज तेरी जवानी का रस मैं पीउँगी…” और मुझे गुस्से से देखने लगी, 

उनकी आँखों में वासना थी और मैं सोच भी नहीं सकती थी की भाभी मेरे साथ इतना सब कुछूकर सकती है? उसके बाद भाभी ने अपना मोबाइल लिया, और मुझसे बोली-“साली रंडी, तू जिस माँ की धमकी दे रही है ना, उसको बोल देना आज, पर उससे पहले मैं तुझे रंडी बना दूँगी । साली कुतिया, हराम की औलाद है तू , तेरी माँ भी रंडी है, और तू भी बनेगी…” अब वो मुझे और मेरी माँ को गालियाँ दे रही थी। 

मैं अभी बेड पर पड़ी हुई आूँस बहा रही थी, क्योंकी आज मेरी चुची को पहली बार किसी ने दबाया था। फिर भाभी खड़ी हुई तो मैं बोली-“भाभी प्लीज़… मुझे छोड़ दो, मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी । मुझे माफ़ कर दो…” 

पर भाभी नहीं मानी और बोली-“चुप साली, तेरे जैसी ननद को मैं कैसे छोड़ दूं ? आज तुझे लड़की होने का सुख मिलेगा और बोल देना तेरी रंडी माँ को…” कहकर भाभी बेड पर गई और मेरी दोनों टांगों को पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ खींचा। 

मैं उनके आगे हाथ जोड़ने लगी-“प्लीज़ भाभी, छोड़ दो मुझे। मैं तुम्हारी बहन जैसी हूँ प्लीज़…” 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#14
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं बार-बार रजनी भाभी के आगे हाथ जोड़ रही थी। पर रजनी भाभी खड़ी-खड़ी हँस रही थी और गुस्से में मुझे देख रही थी। उसके बाद भाभी मेरे पास आई और मेरे बाल पकड़कर मुझसे बोली-“मेरी ननद रानी, आज तो तुझे रंडी बना दूँगी …” और मुझे किस करने लगी। 

मैं बेड पर पड़ी थी और भाभी नीचे खड़ी थी। वो बस एक नाइट में थी और उसके बाद भाभी ने मुझे छोड़ दिया। अब मेरा बिल्कुल भी साहस भी नहीं था की मैं कुछ बोलूं , क्योंकी भाभी पूरी तरह से मुझ पर हावी थी, और मुझे एक नोकर के जैसे ट्रीट कर रही थी, जैसे वो मालकिन और मैं उसकी कुतिया होऊूँ। भाभी को मुझ पर कोई रहम नहीं आ रहा था। बस वो तो आज मुझे रंडी बनाने पर तुली हुई थी। उसके बाद भाभी ने अपनी अलमारी खोली और उसमें से दुपट्टा निकाला और बेड पर आ गई और मेरे ऊपर साइड से मेरे पेट पर बैठ गई। 

मैं कुछ समझती उससे पहले ही भाभी ने मेरे दोनों हाथ को सीधा करके बांध दिया और नीचे बेड के किनारे से बांध दिया। अब मैं भाभी के चंगुल में पूरी तरह से फँस चुकी थी। मैं भाभी को कुछ नहीं बोल रही थी पर वो पूरी तरह से पागल हो चुकी थी और मैं बस चुपचाप लेटी रही। 

उसके बाद भाभी ने मुझे छोड़ दिया और फिर खड़ी होकर भाभी गई और अलमारी खोली और ड्रिंक की बोतल निकालकर ड्रिंक करने लगी। भाभी मुझसे बोली-“साली रंडी, पियेगी क्या?” 

मैं कुछ नहीं बोली। 

भाभी मेरे पास आई और जोर से मेरी चुची को मसला तो मैं चीखी-“औउह्ह… भाभी प्लीज़्ज़… छोड़ दो…” 

भाभी बस मुश्कुरा रही थी और बोली-रंडी पियेगी क्या? 

मैं बोली-नहीं, गंदी है ये…” और मैंने मुँह फेर लिया। 

फिर भाभी एक गिलास में डालकर लाई और मेरे ऊपर बैठ गई, मेरे बाल पकड़े और अपनी तरफ खींचा और जबरदस्ती मुझे पिलाने लगी। मैं नहीं मानी। तो उसने मेरे बाल छोड़ दिए और और मेरी टाप के अंदर हाथ डाला, और चुची को मसलने लगी जोरो से। 

मुझे बहुत तेज दर्द हुआ मैं चिल्लाई-“भाभी प्लीज़्ज़ छोड़ दो मुझे, हाथ जोड़ती हूँ । माँ बचाओ मुझे इससे…” 

भाभी बोली-“साली मेरी हर बात मान जा तो मज़ा आएगा, नहीं तो ऐसे ही चीखेगी कुतिया के जैसे। बोल पियेगी जो पिलाउंगी?” 

मैं दर्द से मरती क्या नहीं करती। मैंने हाँ किया। 

तो भाभी ने मुझे सिर पकड़कर उठाया और मेरे मुँह से गिलास लगाया और ड्रिंक पिला दी। बड़ी कड़वी लगी, मुझे उल्टी सी आने लगी, पर मजबूरी में पी गई। फिर भाभी ने पटक दिया बेड पर भाभी ने गिलास साइड में रख दिया और मेरे ऊपर लेट गई और धीरे-धीरे मुझे किस करने लगी। 

मैं बोली-भाभी, प्लीज़ छोड़ दो मुझे। 

वो बोली-“साली हरामन रंडी, मेरी नोकरानी है त । आज जो मेरे मन में होगा वो करूंगी, और मैं तेरी भाभी नहीं, मैं तो आज मालकिन हूँ , समझी? और ऐसे ही एक दिन तेरी माँ को भी अपनी नोकरानी बनाउंगी। साली बहुत सज-धज के जाती है कुतिया आफिस…” 

मैं बोली-“भाभी प्लीज़ मेरी माँ पर रहम करो, उसे गाली मत दो। वो बहुत अच्छी है…” 

भाभी बोली-“साली त कुछ नहीं जानती तेरी माँ के बारे में, पूरी रंडी है वो। चुदवाती है हरामन दूसरों से…” 

मैं बोली-“भाभी, आप ये क्या बोल रही हो?” 

भाभी बोली-“रुक साली, मुझे पता है त कुतिया विश्वास नहीं करेगी?” और खड़ी होकर अपना मोबाइल लाती है और मुझे दिखाती है। 

मैं देखना नहीं चाहती थी की क्या दिखा रही है? 

उसके बाद रजनी भाभी ने मुझे दिखाया और बोली-“देख रंडी तेरी माँ को, कैसे लण्ड चूस रही है…” 

उसने मुझे कुछ ऐसे पिक दिखाए जो बहुत गंदे थे। उसमें मेरी माँ मेरे पड़ोस में रहने वाले अंकल, जिनका नाम विजय था, का लण्ड चूस रही है। मैंने देखते ही अपनी आँखे शर्म से बंद कर ली। 

तो भाभी बोली-अब बोल रंडी साली, तेरी माँ रंडी है या मैं? 

मैं अब बिल्कुल होश में नहीं थी और शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पा रही थी। मुझे बहुत शर्म आ रही थी। मैं बोली-“भाभी, ये फेक पिक भी हो सकती है?” 

भाभी बोली-“रंडी और देख त …” फिर उसने मुझे एक वीडियो दिखाना शुरू किया। 

जिसमें रागिनी विजय अंकल का लण्ड ले रही थी। विजय अंकल एक नामी हस्ती थे और मेरे पापा के अच्छे दोस्त भी हैं कई बार घर आते हैं। उनका खुद का बिजनेस है, उनकी वाईफ और बच्चे यहां नहीं रहते हैं, वो किसी और शहर में रहते हैं। विजय अंकल का लण्ड मेरे पापा के लण्ड जैसा 7 इंच का था और मोटा भी था। मेरी माँ उस वीडियो में खूब चुदवा रही है, और विजय अंकल भी खूब चोदू रहे हैं। 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#15
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं अब सब कुछ भूल चुकी थी और मैं वासना में बहने लगी थी, और आँखों की शर्म के कारण बस देखून हीं रही थी। पर उस वीडियो ने मुझे हिलाकर रख दिया। मैं मेरी मम्मी को बहुत अच्छी मानती थी पर ये क्या देख रही थी? मैं बस शर्म में डूबी जा रही थी और मेरी चूत वासना में। समझ में नहीं आ रहा था की क्या किया जाए? पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी। 

तभी मेरी भाभी ने मुझे गाल पर किस किया तो मेरी आँखे खुली और बोली-“अब बोल रंडी? त मुझे इस रंडी की धमकी दे रही थी ना साली, कहे तो तेरी माँ को ही बदनाम कर दूं और साथ में तुझे भी…” 

मैं बोली-“भाभी प्लीज़… ऐसा कुछ मत करना नहीं तो हमारी इज्जत कुछ नहीं रहेगी…” 

भाभी ने अपना मोबाइल साइड में रख दिया और बोली-“देख मेरी ननद रानी, आज तू मेरी पर्सनल कुतिया है। घर में जैसा मैं कहूँगी वैसा करेगी, नहीं तो तेरी माँ की ये पिक और वीडियो सबको दिखा दूँगी , उसके बाद तुझे रंडी की औलाद और तेरी माँ को रंडी कहा जाएगा…” 

मैं बोली-ठीक है भाभी। 

भाभी बोली-“साली, तू मेरी गुलाम है। जैसा कहूँगी वैसा करेगी और मैं अकेले में तेरी भाभी नहीं नहीं। तू मुझे मालकिन कहेगी। समझी कुतिया? नहीं तो तेरी चूत में आग लगा दूँगी …” 

मैं बोली-ठीक है। 

फिर भाभी बोली-चल कुतिया, अब आराम से लेटी रह। मुझे तेरे जिस्म का मजा लेने दे…” और भाभी ने अपना मोबाइल चालू किया और सामने रख कर उसने वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी थी, और मुझे बोली-“साली रंडी कहूँ , या कुँवारी या रंडी माँ की बेटी जैसे तू भी चुदवा चुकी। 

अब मुझे भाभी की बातें बहुत जलील कर रही थी। मैं कुछ नहीं बोली। 
भाभी बोली-साली रंडी गूंगी है क्या? माँ की लौड़ी जवाब दे? 

मैं बोली-भाभी, आज तक कुछ भी नहीं किया। 

भाभी ने जोर से मेरे निपल्स को मसल दिया और बोली-“साली मालकिन बोल मुझे, भाभी नहीं…” 

मैं बोली-मालकिन अभी तक कुँवारी हूँ । 

भाभी बोली- तू बहुत लकी है की आज त अपनी अपनी जवानी का पहला मजा लड़की से लेगी। 

मैं डर गई की पता नहीं क्या करेगी? 

फिर भाभी मेरे ऊपर आ गई और मेरे होंठों को चूस ने लगी। मैं बेमन से उसका साथ दे रही थी। 

उसके बाद भाभी ने मेरी 32” साइज की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया, और मैं बस चुपचाप लेटी यह सोच रही थी की जब चुदना ही है तो खुलकर मजा लो। पर मुझे डर भी था की क्या होगा मेरा? और मेरी चूत भी अब पूरी तरह वासना में बह रही थी। उसके बाद भाभी ने मेरी टी-शर्ट को निकालकर ऊपर कर दिया, बाहर नहीं आया क्योंकी मेरे हाथ बंधे थे और मैं ऊपर से नंगी थी, और बेड पर पड़ी थी। 

भाभी ने मुझे चूमना शुरू किया और मुझे किस करने लगी। वो कभी मेरे होंठों को तो कभी गालों को किस करती और मुझे गरम करने लगी। मैं बस उसके नीचे पड़ी थी और कुछ नहीं कर रही थी फिर भी मेरा मन बहुत खराब हो रहा था।

फिर भाभी ने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू किया तो मैं भी अपनी जवानी को कब तक रोक सकती थी। मैं भी अब वासना में बहने लगी, मेरे ऊपर वासना हावी होने लगी, और मुझे कुछ-कुछ होने लगा। नीचे मुझे बहुत गीला-गीला महसूस हो रहा था, मन कर था की आज भाभी के साथ खुलकर मजा लूँ पर शर्म के कारण कुछ बोल नहीं पाई। 
तो मैंने सोचा बस लेटकर मजा लेती हूँ , कौन सा इसके पास लण्ड है, जो मुझे चोदेगी बस लेस्बो सेक्स करेगी। उसके बाद भाभी ने मुझे कंधे के ऊपर किस करना शुरू किया। 
तो मैं सिसकने लगी-“ओह्ह… उह्ह… मुऊउउ अह्ह… भाभी क्या कर रही हो?” और धीरे-धीरे बोलने लगी। पर मेरा बोलना गलत हुआ। 

भाभी को बुरा लगा उसने नीचे से मेरी टांगों को मोड़ा और जोर से चांटा मेरे चूतड़ों पर मारा, और बोली-“साली रंडी, मजा ले पूरा , और मैं तेरी भाभी नहीं हूँ । तूने मुझे रंडी कहा था साली, मैं तेरी मालकिन हूँ और त मेरी कुतिया। मुझे मालकिन बोल या मेडम नहीं तो चूत से पहले तेरी गाण्ड को फाड़ दूँगी …” 

मैं धीरे से बोली-जी मालकिन। 

और भाभी मुझे मेरी चुची के आप-पास किस करने लगी। भाभी यानी अब मालकिन बन चुकी थी और मैं उसकी कुतिया यानी गुलाम, और वो मेरी गोरी-गोरी चुची पर चाटने लगी और फिर निप्पलो को मुँह में लेकर चूस ने लगी। 

जैसे ही मेरी मालकिन भाभी ने मेरे निपल को मुँह में लिया मेरी साँस हिल गई, और मैं सिसकार पड़ी-“ओह्ह… ओउउ मुउउह्ह… मालकिन्न्न्न् मैं गई ओह्ह… माँ मैं गईई मालकिन्न्न…” और मेरी चूत ने अपना सारा रस बाहर फैंक दिया और मेरी जांघें पूरी तरह से गीली हो गई। 

भाभी बोली-“साली कुतिया रंडी इतनी जल्दी झड़ गई अभी तो बहुत नखरे दिखा रही थी और अब मजे लूट रही है…” कहकर भाभी मेरे निप्पलो को मुँह में लेकर चूस ने लगी। वो मेरे निप्पलो से खेल रही थी कभी मेरे निप्पलो को चूस ती तो कभी काटती। मुझे दर्द भी हो रहा था तो मजा भी आ रहा था और मैं एक बार फिर से वासना के भंवर में फँसती जा रही थी। 

पर मेरी मालकिन भाभी मेरे 32” की साइज की चुची के निपल्लों को चूस रही थी और मजा ले रही थी और बार-बार मेरी चुचियों पर चांटे मार कर मुझे दर्द देती। और फिर मुँह में लेकर चूस ती तो मजा आता तो दर्द कम करती। वो अपने दांतों से मेरी चुचियों पर लव बाइट के निशान बनाकर मुझे दर्द दे रही थी। उसका हर बार काटना मुझे उत्तेजित कर रहा था। 

और मैं सिसकार उठी-“ओह्ह… मलकीईन्न्न प्लीज़्ज़ उह्ह… मुउह्ह… चूसो मजा आ रहा है…” 

फिर भाभी ने करीब ऐसे ही 15 मिनट तक मेरे निप्पलो को चूसा और मेरी दोनो चुचियों को लाल कर दिया काट-काट कर, और अपने दांतों से निशान बना दिए। अब मेरी भाभी पूरी जंगली हो चुकी थी और उन निशानों पर मुझे मारती तो दर्द होता, और मजा भी आता। मेरा गोरा जिस्म ऊपर से भाभी के काटने और चांटों के कारण लाल हो चुका था। भाभी के काटने के कारण मेरे निपल कट चुके थे और उनमें खून भी उतर आया था। 

उसके बाद भाभी खड़ी हुई और मुझे बोली-“रंडी मजा आया?” 

मैं शर्मा गई। 

तो भाभी ने मेरे बाल पकड़े और बोली-“बोल ना कुतिया, माँ की लौड़ी…” 

मैं बोली-जी मालकिन आया, पर दर्द हो रहा है। 

भाभी बोली-“रंडी है तू साली, दर्द तो अभी बहुत होगा तुझे, तूने मुझे चांटा मारा था उसका बदला लूँगी अभी…” 

फिर एक गिलास में ड्रिंक डाली और पी गई और मेरे पास आई और मेरी दोनों टांगों को पकड़ा, सीधा कर दिया, और मेरे घुटनों के पास बैठ गई। मैं ऊपर पूरी नंगी थी। भाभी ने धीरे-धीरे मेरे घुटनों तक की स्कर्ट को ऊपर किया तो मेरी दूध सी गोरी जांघों को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई, और वो उनको सहलाने लगी। 

भाभी मेरी बिना बालों वाली दोनों गोरी-गोरी जांघों को चूमने लगी, और किस करने लगी। मैं भी अब बस मजा ले रही थी, मेरी शर्म अब जा चुकी थी और मैं आँखे बंद करके भाभी मालकिन के एहसास का मजा ले रही थी, और सिसिया रही थी। उधर हमारी रासलीला मोबाइल में रिकॉर्डिंग हो रही थी, और मैं बस भाभी का साथ सिसकार के दे रही थी-“ओह्ह… भाभीऽऽ अओउउ…” 

उसके बाद बाकी काफ़ी देर तक मेरी चिकनी गोरी जांघों को चाटती रही और मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ती रही। मैं बस आँखे बाद किए-“उम्म्म्मम मुऊउउ और माँ ऽ अह्ह… अह्ह… ओह्ह… मालकिन चाटो…” और बस सिसकारती रही। मेरी मालकिन भाभी ने मेरी जांघों पर कई जगह काट लिया था, जिसके कारण मेरी गोरी जांघों पर उसके दांतों के निशान पड़ गये थे और मेरी गोरी जांघें लाल हो गई थीं। 

फिर भाभी मुझे किस करती हुई ऊपर आई और होंठों को चूस ने लगी। मेरी पैंटी बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी। भाभी ने अपना एक हाथ मेरी पैंटी में घुसाया और चूत के दाने को रगड़ दिया। मैं पूरी तरह काप उठी-“ओह्ह… अह्ह… भाभीऽऽ…” पर इतना बोलती की तभी एक चांटा मेरी लाल चुची पर पड़ा और जोर मसल दिया चुची को। 

मैं चीख उठी-“ओह्ह… माँ …” 

तभी भाभी बोली-“साली रंडी कुतिया, मालकिन बोल बहन की लौड़ी, भाभी नहीं भाभी मालकिन… नहीं तो आज तुझे रांड़ बना दूँगी …” 

मैं-“जी भाभी मालकिन…” 

और भाभी ने मेरे होंठों को चूस ना शुरू कर दिया। फिर भाभी ने मेरे हाथ खोल दिए तो मुझे बहुत आराम मिला। 

हाथ खोलते ही मैं भाभी के बेड पर से खड़ी हो गई, और बोली-“भाभी मालकिन प्लीज़… अब मुझे छोड़ दो…” 

भाभी बोली-अरे मेरी रंडी ननद, तू आज से मेरी कुतिया है। जो कहती हूँ कर वरना अब तेरा वीडियो है मेरे पास…” 

मैं बोली-“प्लीज़ मालकिन, मुझे छोड़ दो। मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है…” 

भाभी बोली-“ठीक है रांड़, तुझे छोड़ देती हूँ और ये वीडियो मेरे यार राज को भेज देती हूँ …” 

तो मैं डर गई और उसके पैरों में पड़ गई। 

उसके बाद भाभी बोली-“साली रांड़ कुतिया, चल हट यहां से। तू मुझे रंडी बोल रही थी ना? तेरी माँ मुझसे बड़ी रंडी है, और त उससे भी बड़ी बनेगी… साली कुतिया रांड़ बहन की लौड़ी, तूने मुझे चांटा मारा था बहन की लौड़ी। आज मैं तेरी चूत का वो हाल करूंगी की आगे तू बस लण्ड की भीख मांगती रहेगी…” कहकर भाभी ने मुझे धक्का दे दिया। 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#16
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं अब नीचे फर्श पर पड़ी थी, मेरे बदन पर बस एक छोटी स्कर्ट और अंदर पैंटी थी, ऊपर से मैं पूरी नंगी थी। फिर भाभी ने भाई की बेल्ट हाथों में ले ली और मुझसे बोली-चल रांड़ इधर आ। 

मैं खड़ी होने लगी तो बोली-“साली कुतिया के जैसे चलकर आ…” 

मैं कुतिया बन गई और चलने लगी। भाभी मालकिन सोफे पर बैठ गई और मैं चलकर उनके पास पहुँच गई। उसके बाद भाभी ने मुझे अपनी गाण्ड दिखाने को बोला, तो मैं घूम गई और गाण्ड उनके सामने कर दी। उन्होंने मेरी गाण्ड पर हाथ फेरा और जोर से बेल्ट से मारा। मैं कांप गई और आगे गिर गई, रोने लगी। 

भाभी बोली-बहन की लौड़ी, खड़ी हो और फिर से कुतिया बन, नहीं तो साली तेरी माँ चोद दूँगी इसी बेल्ट से…” 

मैं जल्दी से कुतिया बन गई और बोली-प्लीज़ भाभी मालकिन, मारो मत बहुत तेज दर्द हो रहा है…” 

भाभी के चेहरे पर मुश्कान थी और वो हँस रही थी। फिर भाभी मेरी गाण्ड को सहलाने लगी और मुझसे बोली-“चल कुतिया अपनी स्कर्ट खोल…” 

मैं चुपचाप खड़ी हो गई और अपनी स्कर्ट खोलकर निकाल दी। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में थी, जो गीली थी। भाभी ने मुझे अपने पास बुलाया तो मैं उनके पास गई। उन्होंने मेरी चूत पर हाथ फेरा। उनके हाथ का स्पर्श मुझे और गीला कर गया, और मैं सिसकी-“ओह्ह… भाभीइ मालकिन अह्ह…” 

भाभी का मुँह मेरी चूत के बिल्कुल पास था फिर उसने मुझे ऑर्डर दिया-“चल अब फिर से कुतिया बन जा…” 

मैं बन गई तो मेरे गले में बेल्ट डाल दी और मुझे अपनी तरफ खींचकर बोली-“चल रांड़, मालकिन के पैरों को चाट…” 

मैं चुपचाप उनकी बातें मान रही थी। इसलिए मैं उनके पैर चाटने लगी। धीरे-धीरे मैं ऊपर बढ़ने लगी। मेरी चूत पानी बहा रही थी। भाभी ने अपने पैर चौड़े कर लिए और मैं चाटते-चाटते उनकी मैक्सी को ऊपर करके, उनकी गोरी-गोरी जांघों को चाटने लगी। उनकी जांघों पर दांतों के निशान थे तो मैं देखकर सोची की साली रांड़ कुतिया ने अच्छे से चुदवाया है अपने कुत्ते हरामी यार से, और मुझसे क्या करवा रही है? 

मैं बोली-भाभी मालकिन, ये कैसे निशान हैं आपकी जांघों पर? 

भाभी बोली-“साली रांड़, बहन की लौड़ी, कुतिया अपनी मालकिन से सवाल पूछ ती है रंडी भोसड़ी की छिनाल?” और मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया। फिर बेल्ट को टाइट किया और मेरी गाण्ड पर बेल्ट के नुकीले हिस्से से जोर से मारा। 

मेरा मुँह उनकी जांघों में होने के कारण मैं चीख भी नहीं सकी, बस-“ उम्म्ह्ह्ह्ह ओह्ह…” करके मैं चुप हो गइ। 

भाभी बोली-“क्यों रंडी, पता चला किसके निशान हैं?” फिर अपनी टांगे चौड़ी कर ली और मुझे धक्का दिया। 

उनकी चूत गीली थी पर आज तक मैंने ये नहीं किया था तो मुझे बहुत घिन आ रही थी, चूत की महक बड़ी अजीब थी और उनका रस ना चाहते हुए भी मेरे होंठों पर लग गया, जो मुझे चाटना पड़ा, जो नमकीन था पर बुरा भी लगा और अच्छा भी। पर भाभी मालकिन के धक्के से मैं दूर गिर गई। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी और मेरे गले में बेल्ट का पट्टा डाला हुआ था और मैं पूरी एक नोकर के जैसे पड़ी थी। 

उसके बाद भाभी मालकिन खड़ी हो गई और अपनी नाइटी को एक झटके से उतारकर फैंक दिया और मेरे सामने अब वो बस एक छोटी से ब्लू पैंटी में थी। उनकी चूत से निक ला रस उनकी चूत को और पैंटी को गीला कर रहा था, जो मुझे सॉफ-सॉफ दिख रहा था। भाभी मालकिन के 34” साइज के चुचे पूरी तरह से टाइट खड़े थे, और गुलाबी निपल और गोरी चुचियाँ लाल दिख रही थीं। 

भाभी की चुचियों के ऊपर दांतों के निशान थे, और उनके उपरी हिस्से पर कई जगह लव बाइट के निशान बने हुए थे। भाभी ने अपनी चुची को अपने हाथों से रगड़ते हुए हुये मुझसे कहा-“साली खड़ी हो जा कुतिया रांड़…” और मैं खड़ी हो गई। 35 

अब भाभी मुझे बोली-“रंडी ड्रिंक करेगी?” 

मैं कुछ नहीं बोली। 

भाभी मालकिन मेरे पास आई, बेल्ट को पकड़ा और मेरे चुची पर मारते हुए बोली-“भोसड़ी की जवाब कौन तेरी रंडी माँ देगी, या गांडू भाई? बहन की लौड़ी, मैं तुझसे पूछ रही हूँ चुदक्कड़ हराम की औलाद…” 

मेरी चुची पर बेल्ट पड़ते ही जैसे मैं किसी गहरे सदमे से बाहर आई, कहा-“हाँ मालकिन जी, पीउँगी…” 

फिर भाभी बोली-“रांड़ साली मैं तेरी मालकिन हूँ तू मेरी रंडी कुतिया चल मालकिन के लिए ड्रिंक बना…” 

मैंने टबेल पर से बोतल ली और गिलास में डालकर भाभी मालकिन को देते हुई बोली-“लो मालकिन…” 

भाभी ने गिलास लिया और मेरी निपल को पकड़कर मसल दिया। 

मैं-“अह्ह… माँ ऽऽ क्या हुआ मालकिन?” 

मालकिन भाभी बोली-“रांड़ इसमें आइस कौन तेरा बाप डालेगा?” 

मैं-सारी मालकिन गलती से भूल गई। 

भाभी ने बोला-“तेरी भूल … साली तेरी माँ चोद दूँगी रंडी… चल आइस डाल इसमें…” 

मैं दो आइस क्यूब लेकर आई और डाल दिया। भाभी ने आइस डालने के बाद गिलास को हिलाया और सोफे पर बैठ गई और मुझे नीचे बैठने को बोला। मैं बैठ गई किसी कुतिया की जैसे। भाभी ने अपनी टांगे चौड़ी की और मुझसे बोली-“ले रांड़, आज अपनी भाभी मालकिन की चूत का रस पियेगी ड्रिंक के साथ-साथ…” 

मैं बस देखती रही। 
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03-31-2019, 02:57 PM,
#17
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
भाभी मालकिन से सारी ड्रिंक एक साथ पी ली और फिर से गिलास में ड्रिंक डाली और मुझसे बोली-“रंडी बैठी क्यों है? बहन की लौड़ी चूत कौन तेरा बाप चाटेगा या तेरी रंडी माँ ? बहन की लौड़ी चाट मेरी चूत को और पी मेरा रस…” 

मैं भाभी मालकिन गुस्सा देखते ही डर गई और तुरंत ही उनकी चूत के पास आ गई। भाभी ने मेरे बाल पकड़े और अपनी चूत पर मुँह दबा दिया। मैं पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगी। भाभी की चूत गीली होने के कारण उनका रस मजबूरी में पी रही थी। मुझे कुछ अजीब सा लगा, नमकीन सा टेस्ट था और मैं चाट रही थी। भाभी अपनी चुची को मसलने लगी और-“आआआअ साली रांड़ चाट अपनी मालकिन की चूत …” और मैं चाट रही थी। 

फिर भाभी ने मुझे अपनी पैंटी उतारने को बोला तो मैंने खुद की पैंटी निकाल दी। भाभी मेरी गोरी चिकनी चूत के देखते ही खुश हो गई और हाथ फिराकर बोली-“वाउ… मेरी रंडी ननद, क्या मस्त चूत है… तुझे तो कोई भी चोद देगा। साली इस सेक्सी चूत को आज मैं खा ही जाउन्गी…” 

मैं तो शर्मा गई। 

भाभी मालकिन ने मुझे देखा और कहा-“रंडी कैसे शर्मा रही है साली भोसड़ी की?” और फिर भाभी ने खुद की पैंटी उतारने को बोला। 

तो मैंने उनकी पैंटी उतार दी, उनकी चूत देखा तो एकदम गीली हुई लाल चूत थी, बहुत प्यारी चूत थी क्लीन सेव की हुई और बहुत गीली थी। मैं देखती ही रह गई। 

तभी भाभी मालकिन ने बोला-“अब चाट अपनी मालकिन की चूत । आज तुम मुझे खुश करो, मैं तुमको भी खुश कर दूँगी …” 

उसके बाद मैं भाभी की चूत को चाटने लगी। भाभी की चूत बहुत गीली और लाल थी, उनके चूत के दोनों होंट बाहर की तरफ थे। 

भाभी मुझसे बोली-“साली इन होंठों को चूस मुँह में लेकर…” 

मैं-“जी मालकिन…” और चूस ने लगी। 

भाभी सिसकने लगी-“आआऽऽ रन्डी, चुस्स मादरचोद आआऽ अह्ह… उम्म्म्म… बहन की लौड़ी…” और धीरे-धीरे चूत पर ड्रिंक डालने लगी। 

मुझे अब उनकी चूत चाटने में मजा आ रहा था और मैं पागल हुए जा रही थी, मुझे सब कुछ अच्छा लग रहा था। मुझे भाभी मालकिन से कोई शिकायत नहीं थी, और फिर ड्रिंक के कारण उनकी चूत को चाटने में और मजा आने लगा, मैं नशे में होने लगी तो मैं जोर-जोर से चाटने लगी। फिर मैं इतनी तेज चाटने लगी की भाभी की चूत को होंठों में भर लिया और काट लिया। 

मेरे काटने के कारण भाभी चीख पड़ी-“ओह्ह… रांड़ बहन की लौड़ीऽ छिनाल्ल मादरचोद भोसड़ी की…” और जोर से धक्का दिया तो मैं दूर चली गई। फिर भाभी खड़ी हुई, मेरे बाल पकड़े और मुझे सीधा लेटा दिया। फिर मेरे मुँह पर बैठ गई और मेरे दोनों पैरों को सीधा करके चौड़ा कर दिया, यानी मैं और भाभी मालकिन 69 की पोजीशन में थे, बस भाभी मेरे ऊपर और मैं नीचे थे, और मेरी चूत में एक साथ उसने दो उंगली घुसा दी। 

उंगली घुसते ही मैं चीख पड़ी-“हुउऊ माँ ऽ” पर मुँह भाभी मालकिन की चूत के कारण बंद हो गया था तो बस गुन्न्न- गुन्न्न कर रही थी, और भाभी मुझे अपनी दो उंगली से चोद रही थी। उसके बाद मुझे कुछ देर दर्द होता रहा। मैं नीचे दबी रोती और भाभी मेरे मुँह पर चूत रगड़ती रही। फिर मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी भाभी की चूत को जीभ से चाटने लगी। 

भाभी भी अब सिसकारने लगी-“ऊऊऊओ रंडी चाट साली छिनाल अह्ह… कुतिया जोर से चाट अपनी मालकिन की चूत और हराम्म की लौड़ी… चाट बहनचोद चाट अह्ह… अम्म्म्म… ओह्ह… मुऊउउ अह्ह… पी मेरा रस्स साली… नामर्द की भैन्न रन्डी, मेरी कुतिया…” भाभी पता नहीं क्या-क्या गालियाँ दे रही थी। 

और मैं चूत चाटे जा रही थी। भाभी बस चूत को मेरे मुँह पर रगड़ते हुए मुझे चोद रही थी। मैं भी सिसिया रही थी-“ओह्ह… मालकिन मेरी चूत … ओ माँ ऽ हुम्म माल्लकिन ओह्ह… मालकिन चोदो और चोदो… ओह्ह… मजा आ रहा है… भाभी मालकिन प्लीज़्ज़ जोर से…” और मैं भी अब उनका साथ दे रही थी। 

उसके बाद भाभी मेरे ऊपर खड़ी हो गई, मेरा पूरा मुँह उनकी चूत के रस से गीला हो चुका था, उनका मुँह मेरी चूत के रस से गीला था। फिर भाभी ने मेरे होंठों को चूस ना शुरू कर दिया तो मुझे और मजा आया, क्योंकी उनके मुँह से मेरी चूत का रस चूस ने में बहुत मजा आया, और मेरे मुँह से वो खुद का रस चाट रही थी। 

फिर भाभी ने मुझसे पूछा -“बोल रांड़, मज़्ज़ा आया?” 

मैं बस मुश्कुरा दी। 

भाभी बोली-“अब है त मेरी ननद रंडी, साली चुदक्कड़ है, त बहुत-बहुत चुदेगी, त बहुत से लण्ड लेगी इस चूत में…” 

मैं तारीफ सुनकर बस मुश्कुरा दी। फिर मैं बोली-“मालकिन और कोई हुकुम है अपनी इस रंडी कुतिया के लिए?” 

भाभी बोली-“हाँ मेरी कुतिया, आज से तू रोज मेरी चूत की मालीश करेगी ऐसे ही…” 

मैं बस हँस दी। 

भाभी ने कहा-“चल खड़ी हो…” और मुझे उठाकर सोफे पर बैठा दिया। 
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03-31-2019, 02:58 PM,
#18
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं और भाभी दोनों पूरी नंगी थी, हमें कोई शर्म नहीं थी। भाभी ने अपनी बेड का साइड बाक्स खोला और उसमें से एक प्लास्टिक का लण्ड निकाला और मुझे दिखाती हुई बोली-“देख रंडी, तेरा भाई मुझे इससे चोदता है। साले के खुद के बस की तो है नहीं तो इससे मेरी चूत को शांत करता है…” 

मैं देखती रही, उस प्लास्टिक के लण्ड का साइज 5” इंच लंबा और 2½ इंच मोटा था, उसको भाभी ने पैंटी की जगह बांध लिया और भाभी को अब लण्ड लग चुका था, यानी भाभी अब एक लड़के के जैसे मुझे चोदने को तैयार हो चुकी थी। 

भाभी बोली-“मुबारक हो मेरी रंडी कुतिया… आज तेरी चूत की सील टूट ने वाली है…” 

मैं थोड़ा डर गई की दो उंगली से इतना दर्द हुआ तो ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा। 

मैं भाभी से बोली-“प्लीज़ मालकिन, ऐसे ना घुसाओ। मेरी चूत में बहुत दर्द होगा…” 

भाभी मेरे पास आई और बोली-“साली अभी तो बहुत भौंक रही थी, और अभी तेरी बिना चुदे चूत फट रही है। साली रांड़, आज ही होगा दर्द फिर तो तुझे मजा आएगा, और रोज लण्ड माँगेगी तू फिर…” और मुझे किस करने लगी। 

फिर भाभी ने मुझे हुकुम दिया और बोली-“रंडी चूस अब इस प्लास्टिक के लण्ड को…” मैं सोफे पे बैठी थी, और भाभी ने उसे मेरे मुँह में दे दिया और आगे पीछे करने लगी। 

मेरे पूरे जिस्म पर भाभी के दांतों के निशान पड़ गये थे, और मेरा जिस्म गोरे से लाल हो गया था। अब भाभी ने मेरे मुँह को जोर-जोर से चोदना शुरू किया और मेरे बाल कसकर पकड़ लिए। मैं भी धक्के लगाने लगी। 

उसके बाद भाभी बोली-“साली रांड़, अपने थुक से पूरा गीला कर दे, नहीं तो आराम से तेरी चूत में नहीं घुसेगा…” 

मैं वैसा ही कर रही थी। उसके बाद भाभी मालकिन ने लण्ड को मुँह से निकाला और मेरी टांगों पकड़कर सोफे पर लिटा दिया। मेरा सिर सोफे के किनारे टिका था और गाण्ड बैठने वाले के हिस्से के किनारे पर थी। मेरी गोरी नंगी टांगे हवा में उठी हुई थीं। भाभी ने मेरी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगी। 

उसका चटना मुझे बहुत मजा दे रहा था और मैं सातवें आसमान पर थी। मैं सब कुछ भूल चुकी थी और बस वासना के सागर में डूब रही थी। भाभी मालकिन एक उंगली घुसाकर मेरी चूत को चाट रही थी बीच-बीच में मेरी चूत को जीभ से चोद रही थी। 

उसके बाद भाभी ने मुझसे बोला-“रंडी, अब देख तेरी चूत को कि कैसे ये लण्ड लेती है पूरा ?” 

मैं वासना में डूबी बस इतना ही बोली-“भाभी मालकिन बना दो ना रंडी। आज बहुत आग लगी है मेरी चूत में…” 

भाभी मालकिन ने मेरी उठी टांगों के नीचले हिस्से, यानी गाण्ड के पास चांटा मारा और बोली-“वाह… मेरी रंडी कुतिया, बहुत जल्दी आ गई चुदने की लाइन पर…” 
और मैं सिसकी-“आअह्ह… भाभी मालकिन चोद दे आज मुझे, बना दे रंडी मुझे आह्ह…” 

भाभी ने मेरी चूत पर थूक दिया और बोली-“ले रंडी, आज तेरी चूत की सील तोड़कर तुझे आजाद कर देती हूँ …” और भाभी ने मेरी दोनों टांगें पकड़कर उस प्लास्टिक के लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ने लगी। 

मैं बस सिसिया रही थी-“ओह्ह… भाभी मालकिन…” 

भाभी ने वो प्लास्टिक का लण्ड ऐसे बांध रखा था, जैसे कोई सच में लड़के का लण्ड हो, और मेरी चूत पर घिसने लगी। उसका घिसने का अंदाज मुझे और वासना में डुबो रहा था। 

भाभी उसे रगड़ रही थी, मेरी चूत का रस उसे गीला कर रहा था, भाभी ने अपने थूक से और गीला कर दिया। फिर भाभी ने उसे मेरी चूत के मुँह के ऊपर लेकर रख दिया और मेरी टांगों को कसकर पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसे चूत में घुसाने लगी। मेरे नंगे शरीर में एक तेज सिरहन की लहर आ गई और टांगे कांपने लगी और मीठे से दर्द का एहसास हुआ। भाभी का प्लास्टिक का लण्ड मेरी चूत के मुँह को खोलता हुआ अंदर घुस गया। मुश्किल से एक इंच घुसा होगा कि मुझे थोड़े दर्द का एहसास हुआ। 

फिर भाभी ने मुझे एक जोर से झटका दिया, तो भाभी का प्लास्टिक का लण्ड मेरी चूत फाड़ता हुआ अंदर घुस गया, और मैं कुछ नहीं कर सकी बस भाभी को कसकर पकड़ लिया और चीख उठी-“ओह्ह… भाभी बहुत दर्द हो रहा है… उईई माँ ऽ…” 

फिर भाभी ने उसे मेरी चूत में पूरा घुसा दिया था। 

और मैं बस चीखती रही, कमरे में मेरी चीख गूँज रही थी-“ओह्ह… माँ ऽऽ भाभी निकालोऽ इसे बार… बहुत दर्द हो रहा है…” 

भाभी मेरी चुची को हाथों से मसलने लगी और होंठों को मुँह में लेकर चूस ने लगी, और मैं गुन्न - गुन्न करने लगी। भाभी मेरे उपर पड़ी थी, मुझसे बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था। 
भाभी उसे निकाल ही नहीं रही थी और भाभी ने जोर-जोर से मेरी चुची को रगड़ना शुरू कर दिया था। मेरी चुची में दर्द हो रहा था, और निपल का बुरा हाल हो चुका था। पर आज मेरी भाभी ने मुझे अपनी रंडी बनाने की सोच रखी थी और वो बस मुझे किस कर रही थी, और मैं दर्द से बिलबिला रही थी। 

करीब 10 मिनट तक भाभी ने मेरे होंठ चूसे और चुची को रगड़ा, जिसके कारण मेरी चुची में जलन हो रही थी और निपल लाल हो चुके थे। अब मेरे अंदर कोई ताकत नहीं थी कि मैं इस रंडी को पटा सकूँ । आज मेरी चूत की हालत खराब हो गई थी और मेरे शरीर ने मेरा साथ देना बंद कर दिया। मेरे शरीर पर कई जगह रंडी ने अपने दांतों से निशान बना दिए थे। मैं बंडल सी पड़ी थी, मेरे पैर भाभी की कमर के ऊपर थे और हाथों ने भाभी को कस रखा था। 

***** 
उसके बाद भाभी ने धीरे-धीरे अपनी गाण्ड को उठाना शुरू कर दिया, तो मेरी चूत में वो प्लास्टिक का लण्ड अंदर-बाहर होने लगा। पर मैं डर के मारे बिलबिला रही थी और मेरी चूत फट चुकी थी। मुझे ऐसा लगा की जैसे भाभी ने मेरी चूत में प्लास्टिक का लण्ड नहीं चाकू डाला हो, मेरी चूत से थोड़ा बहुत खून निक ला जो मेरी गाण्ड के छेद पर से होकर बह रहा था। 

पर भाभी पर वासना और बदले की भावना सवार थी और ऊपर से वो नशे में थी, मुझपर कोई रहम नहीं कर रही थी। फिर मुझे उस लण्ड से चोदना शुरू कर दिया, बीच-बीच में मेरे होंठों को चूस लेती और चुची को मसल देती। और एक मैं थी जिस पर वासना और कामदेव पूरी तरह सवार थे, हर दर्द सह रही थी और फिर कुछ ही देर में मुझे भी मजा आने लगा। तो मैंने भी अपनी गाण्ड उठाना शुरू कर दिया। 

जैसे ही भाभी को पता चला की मैं गाण्ड उठाने लगी हूँ तो भाभी ने धक्के की स्पीड बढ़ा दी और बोली-“ले रंडी साली, आज तक कोई लड़की ने प्लास्टिक के लण्ड से सील नहीं थोड़ी, आज त है जो प्लास्टिक के लण्ड से चुद रही है मादरचोदी ओह्ह… आज तेरी माँ को भी चोद दूँगी साली कुतिया… रंडी हो तुम दोनों माँ बेटी… बहन की लौड़ी नाजायज हो तुम दोनों भाई बहन…” 

मुझे भी उनकी गालियाँ असीम आनद दे रही थीं, और मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। मैं चाहती थी आज मुझे मेरी भाभी अच्छे से चोदे। मैं अब तय कर चुकी थी की मुझे अपनी जवानी का पूरा मजा लेना है, चाहे किसी से भी चुदना पड़े। 

फिर मैं भी अब सिसियाने लगी-“ऊओह्ह… भाभी… आह्ह… चोदो मुझे ओह्ह… मालकिन ओह्ह… फाड़ दे आज मेरी चूत … ओह्ह… मालकिन चोद मुझे… हाँ औरिर जोर से… बना दे रंडी आज्ज… थक्क गई उंगली घुसा-घुसाकर और तुम लोगों की चुदाई देख-देखकर ह्म् म्म्म… चोद मुझे और बना दे मेरी चूत का भोसड़ा… अह्ह माल्लकिन्न ओह्ह… घुसा पूरा एसे ही और फाड़ दे मेरी चूत … बहुत तड़पाती है…” 
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03-31-2019, 02:58 PM,
#19
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
भाभी मुझे धक्के पे धक्के दिया जा रही थी। मैं झड़ने ही वाली थी की अचानक भाभी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। 

मैं भाभी को देखते हुए बोली-क्या हुआ मालकिन, रुक क्यों गई? बाहर क्यों निकाल लिया?” 

भाभी बोली-“मेरी रंडी ननद, अब बोलो की कुतिया रंडी कौन? मैं या तू ?” 

तो मैं समझ गई की साली बदला ले रही है। मैं बोली-“प्लीज़ मालकिन, घुसा दो ना लण्ड चूत में…” 

भाभी बोली-“बोल मैं रंडी हूँ …” 

मैं बोली-“मैं हूँ कुतिया, मैं रंडी हूँ आपकी, आप मेरी मालकिन हो…” 

भाभी खुश हो गई और बोली-“बोल साली… मेरी माँ रंडी है…” 

मैं बोली-“मेरी माँ रंडी है, चुदवाती है दूसरों से…” 

भाभी बोली-“आज के बाद त मेरी रंडी है, जब कहूँगी जो कहूँगी करेगी, और घर में मेरे सामने नंगी रहेगी। मेरे यार से जब मैं चुदुन्गी तो उसका लण्ड चूस कर सॉफ करेगी…” 

मैं बोली-“आप जो कहोगी करूंगी, पर प्लीज़ अभी मुझे चोदो…” 

फिर भाभी ने लण्ड दोबारा घुसा दिया और धक्के देने लगी। मैं इतनी गरम थी कि भाभी से बोली-“भाभी चोदो मुझे… हाँ और तेज मालकिन… अऔह्ह… अम्म्म्म… मेरी भाभी मालकिन आह्ह… और घुसाओ ना फाड़ दो मेरी चूत , बना दो मुझे रांड़… मैं आपकी कुतिया हूँ … चोदो अपनी कुतिया रन्डी को…” 

भाभी मेरी चुची को जोर-जोर से रगड़ने लगी। 

मैं बस-“ओह्ह… ह्म् म्म्म…” और मैं अकड़ गई-“ऊह्ह भाभी मालकिन मेरी छूट गई ओह्ह… माँ ऽ” और मैं झड़ गई और जोर-जोर से हाँफने लगी। 

भाभी मुझे अभी भी चोदे जा रही थी और उनका प्लास्टिक का लण्ड फच-फच फक-फक की आवाज के साथ अंदर बाहर हो रहा था। फिर भाभी ने लण्ड निकाला और मेरी टांगों को चौड़ा करके मेरी चूत का रस चाटने लगी और बोली-“रंडी क्या टेस्टी है तेरी कुँवारी चूत का रस… ले रांड़ तू टेस्ट कर अपनी चूत का रस…” कहकर दो उंगली चूत में घुसाकर गीला करके मेरे मुँह में दे दी। 

मैं भाभी की उंगली चूस ने लगी। मुझे बहुत मजा आया अपनी चूत का रस पीकर। भाभी ने लण्ड खोला और मुझे दे दिया। मैं उसे देखकर खुश हो गई। क्योंकि वो गीला था तो मैं मुँह में लेकर चाटने लगी ‘म्म उह्ह’ और नीचे भाभी मेरी चूत चाट-चाटकर सॉफ कर रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे छोड़ दिया। टाइम देखा तो 4:00 बज रहे थे। मोम 6:00 बजे आती हैं। 

मैं बस सोफे पे पड़ी थी और भाभी नीचे चूत चाट रही थी। उसके बाद भाभी ने मुझे खड़ा किया और बोली-“रंडी तेरा तो हो गया, मेरी चूत को क्या तेरा बाप चोदेगा?” 
मैं बोली-“क्या करूं?” 

भाभी बोली-“जैसे मैंने तुझे चोदा वैसे तू मुझे चोद…” 

मेरे में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी तो मैं बोली-“भाभी, मुझसे नहीं होगा…” 

भाभी बोली-“चल साली रंडी, कुतिया माँ की लौड़ी, भाई भी गान्ड है साला और बहन भी… बस दोनों को लण्ड चाहिए, तुझे चूत में और तेरे भाभी को गाण्ड में… और तेरी माँ तुम दोनों से बड़ी छिनाल रंडी है साली, उसको भी लण्ड चाहिए…” 

मैं बोली-“मैंने कभी नहीं किया ऐसा…” 

भाभी बोली-“चुपचाप वो लण्ड उठा, जैसे मैंने बांध रखा था बांध ले… नहीं तो अभी तो सिर्फ़ चूत फटी है तेरी, मैं अभी गाण्ड भी फाड़ दूँगी रंडी…” 

मैं डर गई और फट से लण्ड बांध लिया और मैं खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी, लड़खड़ा गई और गिर गई। भाभी ने मेरे बाल पकड़े और अपनी चूत पर मेरा मुँह दबा दिया और बोली-“रंडी चाट इसे…” 

मैं चाटने लगी। कुछ देर ऐसे ही भाभी की चूत चाटती रही बैठी-बैठी ताकि कुछ आराम मिले। पर भाभी तो गरम हो रही थी, उसे लण्ड चाहिए था। मैं मरती क्या ना करती मैं खड़ी हुई, और भाभी से बोली-“मालकिन, क्या मुझे थोड़ी सी ड्रिंक मिलेगी?” 

भाभी बोली-“रंडी जा पी ले…” 

मैंने एक गिलास में डालकर पी ली और वापस भाभी के पास आ गई। भाभी सोफे पर लेट गई और अपनी टांगे उँची करके बोली-“ले साली कुतिया घुसा और शुरू हो जा, नहीं तो तेरी गाण्ड भी इसी लण्ड से फाड़ दूँगी …” 

मैंने भाभी की चूत पर लण्ड टिका या और धीरे-धीरे घुसाने लगी, पर कोई अनुभव नहीं था तो लण्ड चूत में नहीं घुसा पाई। भाभी ने मुझे उल्टा पटका और लण्ड को सीधा करके उसके ऊपर बैठ गई। मैं अब नीचे लेटी थी और प्लास्टिक का लण्ड भाभी की चूत में घुस गया था, और भाभी खुद ही उस लण्ड को अपनी चूत में लेने लगी। मेरी रंडी भाभी बड़ी कमाल लग रही थी, साली उछल-उछलकर लण्ड चूत में ले रही थी। मैं बस नीचे पड़ी हुई थी, उसका हर झटका मेरी चूत पर पर टकरा रहा था, जिससे मेरी चूत का दाना रगड़ रहा था। 

फिर भाभी दो मिनट तक ऐसे ही उछलती रही और मेरी चुची को अपने हाथों में लेकर खेलती रही और मुझे गालियाँ दे रही थी-“हाँ रंडी, माँ की लौड़ी कुतिया साली, अपनी गाण्ड उठा नीचे से और चोद अपनी मालकिन को…” 

मैं बस पड़ी थी। भाभी खड़ी हो गई तो उनकी चूत से लण्ड ‘फक’ की आवाज से बाहर आ गया और और मुझसे बोली-“चल खड़ी हो जा कुतिया…” 

फिर मुझे बेड पर ले गई मुझे, खुद लेट गई और अपनी टांगे चौड़ी कर दी और मुझे बोली-“ले रंडी चाट मेरी चूत को…” 

मैंने चाटना शुरू किया तो भाभी सिसिया पड़ी-“ओह्ह… सालीई कुतिया मादरचोद रांड़ भैन की लौड़ी चाट अपनी मालकिन की चूत …” और मुझे लण्ड घुसाने को बोली। 

मैंने लण्ड चूत पर टिका या और भाभी ने मदद की और चूत में ले लिया। फिर मुझसे बोली-“चोद मुझे इससे…” 

मैं झटके देने लगी ऊपर से। भाभी ने मुझे अपनी टांगों से मेरी गाण्ड पर कस लिया और मुझे जोर-जोर से झटके देने को बोली। 

उसके बाद मैं झटके देने लगी। भाभी तो बस फुल मूड में थी वो-“अह्ह… अम्म्म्म… जोर से साली ओह्ह माँ ऽ कुतिया रंडी, फाड़ अपनी भाभी मालकिन की चूत …” कहकर चुदवा रही थी। 

मैं बस झटके पे झटके दिए जा रही थी, 5 मिनट में मेरी हालत खराब हो गई। 

भाभी-“ओह्ह… रंडी मेरी ननद कुतिया औह्ह माँ ऽ और चोदो मुझे, मालकिन की चूत फाड़ दे आज ओह्ह… मालकिन की चूत भोसड़ी की चोद मुझे… हाँ और जोर से नामर्द की भैन…” और भाभी की सांसें हिल ने लगी। फिर भाभी एक झटके के साथ चिल्लाई-“आऽऽ मैं गई रन्डी…” और भाभी झड़ गई और मुझे कसकर पकड़ लिया और झड़ गई। 

मैं भी उनके ऊपर लेट गई। 10 मिनट तक मैं और भाभी ऐसे ही पड़े रहे। 
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03-31-2019, 02:58 PM,
#20
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
भाभी की चूत से बहुत सारा पानी निक ला। फिर मुझे खड़ा किया और भाभी ने लण्ड को चूत से निकालने को बोला। मैंने निकाला तो वो पूरा गीला था। भाभी ने मुझे खोलने को बोला। तो मैंने उसे खोल कर भाभी को दे दिया। भाभी की चूत बहुत गीली थी, जैसे कोई नदी बह रही हो। उनकी चूत से दूध की मलाई जैसा पानी आ रहा था, और लण्ड पर बहुत सारा लगा था। भाभी ने मुझे अपनी चूत चाटने का हुकुम दिया। मैं चाटने लगी और भाभी उस लण्ड को चूस ने लगी। मैं उनकी चूत को चाटकर उनका सारा रस पी गई और भाभी ने लण्ड सॉफ कर दिया। 

उसके बाद भाभी खड़ी हुई और मुझे नीचे बैठने को बोला। मैं घुटनों के बल बैठ गई। भाभी ने अपनी चूत को दो उंगली से खोला और जीभ घुसाने को बोला। मैंने जीभ अंदर डाली और भाभी ने मेरे बाल पकड़े और चूत में घुसाने लगी। फिर भाभी ओह्ह करके मूतने लगी। उनका मूत आते ही मैं हटने लगी। 

तो भाभी बोली-“रंडी एक बूँद भी बाहर नहीं गिरना चाहिए…” और मेरे मुँह में अपना मूत भरने लगी। 

मैं उनका मूत भी पी गई, जितना पिया गया। भाभी ने मूतने के बाद मुझे छोड़ दिया और मुझे बड़ा मजा अपनी मालकिन की चूत का रस और मूत पीकर। मैं बस मुश्कुरा दी। 
भाभी बोली-“साली चुदक्कड़ रंडी, अब से रोज तू मेरी चूत का रस और मूत पियेगी…” 

मैं बोली-जी मालकिन। 

फिर भाभी ने मुझे खड़ी करके मूतने को बोला, और खुद मुँह खोलकर बैठ गई। मैं उनके मुँह में मूतने लगी। मुझे बहुत गंदा लगा पर शरीर के एक कोने में कहीं मुझे ये अच्छा भी लगा। मैंने भाभी के मुँह पर मूत ना शुरू किया, भाभी पीने लगी और पी गई जितना पी सकी। उसके बाद मैं और भाभी वहीं नीचे ही एक-एक दूसरे को किस करने लगे, बैठकर नीचे। फर्श पर उनका और मेरा मूत पड़ा था, हमारे मुँह भी मूत से सने हुए थे, पर अजीब सा नशा था जिसके कारण हम किस कर रहे थे। फिर भाभी और मैं वही लेट गये और एक दूसरे से चिपके हुए थे। उसके बाद मैं सो गई। 

फिर भाभी ने मुझे 5:30 बजे उठाया और बोली-“रंडी खड़ी हो, सॉफ-सफाई कौन तेरी माँ करेगी आकर?” 

मैंने टाइम देखा तो 5:30 बज रहे थे। मैं जल्दी से खड़ी हुई और देखा की मेरी चूत सूजी हुई है, शरीर पर दांतों के निशान हैं। मैं जल्दी से बाथरूम गई और खुद को सॉफ किया, कपड़े पहने। जब मैं बाहर आई तो भाभी भी खुद को सॉफ करके मैक्सी पहन चुकी थी। मैंने एक टी-शर्ट और लोवर पहन लिया और भाभी के रूम को सॉफ किया। बेड की चादर बदल दी और भाभी से बोली-क्या मैं अब अपने रूम में जाऊँ? 

भाभी बोली-“हाँ रंडी जा, पर बता तो दे की मजा आया ना अपनी मालकिन से चुदवा के?” 

मैं बस भाभी के पास गई, उनकी चुची को जोर से भींचा और होंठों को किस किया और बोली-“हाँ भाभी मालकिन, रोज ऐसे ही अपनी इस कुतिया को चोदना…” 

बदले में भाभी ने मेरी गाण्ड को दबा दिया और मैं लगड़ाते हुए अपने रूम में आ गई और बेड पर लेट गई। मैं लेटे हुए सोच रही थी की क्या ये सही है, जो मैंने किया? और सोचते हुए पता नहीं कब सो गई फिर से। 

***** ***** 
उसके बाद रात को 8:30 बजे मोम मेरे रूम में आई और बोली-“पायल, क्या हुआ? उठो और खाना खा लो…” 

मैं खड़ी हुई और उठने लगी तो मुझे चूत में कुछ दर्द महसूस हुआ, तो मैं बोली-“मोम आप चलो, मैं आती हूँ मुँह हाथ धोकर…” 

मोम चली गई। मैं खड़ी हुई, लगड़ाते हुए बाथरूम गई। नीचे से चूत को देखा तो सूजी हुई थी, और लाल थी। मैं जैसे-तैसे करके बाहर हाल में आई और देखा मेरी भाभी किचेन में है, माँ हाल में बैठी टीवी देख रही है। मैं जाकर मोम के पास बैठ गई। 

मोम-“आज तो बहुत देर तक सोई तू ?” 

मैं-“मोम कुछ तबीयत खराब सी थी तो सो गई कालेज़ से आकर…” 

मोम-अभी तो ठीक है ना? 

भाभी ने मुझे देखा और एक मुश्कान दी, और मुझे गंदा इशारा किया। मैं मोम के साथ टीवी देखने लगी। बाद में हम तीनों ने मिलकर खाना खाया और मैं अपने रूम में चली गई। 
मैं बेध पर बैठी हुई थी की भाभी मेरे रूम में दूध लेकर आई और बोली-“ले रन्डी दूध पी ले, कुछ ताकत आएगी और कल के लिए तैयार रहना साली…” 
मैं बस मुश्कुरा दी और भाभी चली गई। मैं सोच रही थी की क्या कर रही हूँ मैं? मुझे खुद होश नहीं था, ना सही का पता था, ना गलत का, क्योंकी कल की एक सीधी-सादी लड़की आज एक रंडी बन चुकी थी। मैं ऐसे ही सोचते-सोचते सो गई। 

सुबह उठी, फ्रेश हुई। अब ना चूत में दर्द था ना शरीर में। मैं नहाकर खाना खाकर, कालेज़ जाने की तैयारी करने लगी।

9:00 बजे मेरी मोम आफिस चली गई और 10:00 बजे मैं अपने कालेज़। पूरे दिन कालेज़ में भी यही सोचती रही की भाभी ने सही किया या गलत? बार-बार मेरी चूत मुझे उत्तेजित कर रही थी और गीली हो रही थी। जैसे-तैसे दिन कटा, शाम को घर आई तो घर पर भाभी ही थी। 

मेरे आने के बाद भाभी बोली-“पायल मेरे रूम में आओ, मुझे कुछ बात करनी है…” 

मैं घबरा गई और अपने रूम से नहीं गई। 

तो कुछ देर बाद भाभी ही मेरे रूम में आ गई और बोली-“क्या हुआ ननद रानी, तुम आई क्यों नहीं?” 

मैं-“कुछ नहीं भाभी, बस कल से मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है…” मैंने झूठ बोल दिया ताकि आज ये कुछ ना करे। 

भाभी ने मेरे ऊपर हाथ रखा और सहलाते हुए बोली-“अच्छा… मेरी ननद रंडी, कल तो बहुत जोर-जोर से चिल्ला रही थी, चोदो मुझे चोदो… अब दर्द हो रहा है…” 

मैं बोली-“भाभी प्लीज़… आज कुछ नहीं करो…” 

भाभी बोली-“मैं कुछ नहीं करूंगी तेरे साथ, पर तू तो कर दे मुझे ठंडा। आज तो राज भी नहीं आया, वो भी शहर से बाहर गया है। अब तू ही है जो मुझे ठंडा कर सकती है। देख मेरी चूत कैसे गीली हो रही है चल चाटकर पानी निकाल दे…” 

मैं बोली-“नहीं, मेरा मन नहीं है…” 

भाभी बोली-“साली नखरे मत कर, नहीं तो तेरा वीडियो तेरी माँ को दिखा दूँगी और नेट पर डाल दूँगी …” 

मैं डर गई और चुपचाप भाभी को बोली-क्या करना है बोलो? 

भाभी बोली-“बस चूत को चाट दे और पानी निकाल दे…” 
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