Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
07-26-2019, 02:10 PM,
#71
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
कम्मो तो मुझ पर अपना सब कुछ लुटाने, सबकुछ न्यौछावर करने को प्रस्तुत ही थी; कमी तो मेरी तरफ से थी कि मैं इतनी बड़ी दिल्ली में कोई एकांत कोना नहीं तलाश पा रहा था. ऐसी बेबसी का सामना मुझे पहले कभी नहीं करना पड़ा था. कम्मो मुझसे चिपकी हुई चुपचाप थी, वो बेचारी कहती भी तो क्या.

मैं उसे अपने से चिपटाए हुए उसके धक धक करते करते दिल की धड़कन महसूस करता रहा.

“अंकल जी, क्या आप यहां से मेरे साथ मेरे घर नहीं चल सकते? मम्मी पापा तो खेतों में निकल जाते हैं सुबह ही; मैं सारे दिन घर में अकेली ही रहती हूं.”
उसने मुझे अपना प्रस्ताव दिया.
“देख कम्मो, मुझे तुम्हारे घर चलने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन तुम्हारी आंटी, मेरी बहूरानी अदिति को ये बात अजीब लगेगी कि मैं तुम्हारे गांव क्यों जा रहा हूं. वो जरूर मेरा तुम्हारा साथ जाना इस बात से जोड़ कर देखेगी कि तुम आज दिन भर मेरे साथ अकेली थीं. कम्मो, उसका दिमाग बहुत तेज है वो बात समझ जायेगी.” मैंने उसका दूध मसलते हुए कहा.
“हां अंकल, आपकी ये बात तो सही है आपकी” वो धीमे से बोली.
“तू दिल छोटा मत कर ,मैं बाद में आऊंगा तेरे घर. अब हम लोग व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर तो जुड़े ही रहेंगे न!” मैंने उसे दिलासा दी.

“अंकल जी, आओ तो जल्दी ही आना; क्योंकि डेढ़ दो महीने बाद मेरी शादी होने वाली है; उसके बाद कोई पक्का नहीं कि मैं मिल भी सकूंगी या नहीं; लड़की जात की मजबूरियां तो आप समझते ही होगे” वो अपनी एक अंगुली से मेरे सीने पर कुछ लिखती हुई सी बोली. मैंने देखा उसकी आंखें नम थी.
“हां कम्मो, मैं समझता हूं सब. मैं जल्दी से जल्दी आने की कोशिश करूंगा.” मैंने कहा.

“अंकल जी, मेरा पास भाटइसएप और फेसबुक तो है ही नहीं. आप बना के जाना मेरे फोन में!” वो बोली.
“ठीक है कम्मो, मैं अभी चलकर सब बना दूंगा.” मैंने उसे चूमते हुए कहा और और उसका हाथ अपने लंड पर रख कर दबाने लगा. एक बार तो कम्मो ने अपना हाथ हटाने का प्रयास किया भी पर मैंने उसे सख्ती से अपने लंड पर दबा दिया. दिल तो कर रहा था कि मैं अपना लंड बाहर निकाल कर खड़ा लंड पकड़ा दूं कम्मो को; कम से कम यही सुख हासिल हो जाए मेरे लंड को; लेकिन टैक्सी में मैं इतनी हिम्मत नहीं जुटा सका. क्योंकि ड्राईवर मिरर में से कभी कभी हम पर नजर डाल रहा था. पर जितना सावधानी पूर्वक हम लोग मजा ले सकते थे वो तो लेते ही रहे और एक दूसरे के अंगों को छूते मसलते रहे.

साढ़े छः के क़रीब हम लोग वापिस धर्मशाला पहुंच गये. दुकानों की बत्तियां जल उठीं थीं. सर्दियों के मौसम में यूं भी शाम बहुत जल्दी होने लगती है. धर्मशाला पहुंचे तो देखा खूब चहल पहल हो रही थी. बहूरानी के चाचा जिनके लड़के का ब्याह था वो सबको तैयार होने का निर्देश दे रहे थे की जल्दी जल्दी तैयार होजाओ सब लोग कि साढ़े सात बजे बारात चढ़नी है क्योंकि रात दस बजे के बाद डी जे बजना मना था.
लेकिन जैसे कि होता है कोई भी उनकी बात पर ज्यादा ध्यान देता नज़र नहीं आ रहा था.

हमारे पहुँचते ही अदिति बहूरानी हमारे पास आ गयी और कम्मो के हाथ से बैग्स लेकर देखने लगी की क्या क्या लाये थे. कम्मो की वो दोनों ब्रा पैंटी तो मैंने अपने पास पैंट में छुपा रखीं थीं.

फोन और कम्मो के सूट बहूरानी को पसंद आये और उसने मेरी इस बात की तारीफ़ भी की कि मैंने कम्मो को कपड़े दिलवा दिए थे और अपना रिवाज निभा दिया था; अब वो बेचारी क्या जाने कि कम्मो की मचलती उफनती जवानी ने भी अपनी रीति निभा दी थी मेरे संग.

“अंकल जी फोन चला के तो देखो कैसा है?” कम्मो बोली और फोन का डिब्बा मुझे दे दिया.
मैंने फोन को बड़े प्यार से अनबॉक्स किया और बैटरी डाल कर ऑन कर दिया.

फोन अच्छे से चलने लगा तो मैंने फिर उसमें जरूरी सेटिंग्स भी कर दीं. फोन का स्क्रीन लॉक भी कम्मो के फिंगर प्रिंट्स लेकर सेट कर दिया; अब कम्मो का फोन कम्मो के सिवाय और कोई नहीं खोल सकता था.
इस सेटिंग से कम्मो बहुत खुश हुई कि उसकी मर्जी के बिना कोई उसका फोन देख नहीं सकता था; इसके बाद मैंने कम्मो को और जरूरी बातें भी समझा दीं और अपने सामने फोन खोलना बंद करना सब सिखा दिया.

फिर कम्मो का एक फोटो लिया मैंने और कम्मो को सेल्फी लेना भी सिखाया. फिर फोन में सिम कार्ड डाल दिया. सिम चालू हो चुकी थी तो मैंने कम्मो के पुराने फोन से उसके कॉन्टेक्ट्स भी सेव कर दिए और फोन को डायल करना, कॉल रिसीव करना वगैरह सब सिखा दिया. इसके बाद मैंने कम्मो का जीमेल अकाउंट बना कर फेसबुक, व्हाट्सएप्प भी बना दिया और उसे अपनी फ्रेंड बना लिया.
Reply
07-26-2019, 02:10 PM,
#72
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
इसके साथ साथ मैंने सारे एकाउंट्स के पासवर्ड्स एक कागज़ पर साफ़ साफ़ लिखकर कम्मो को दे दिए कि अगर कभी वो भूल जाय तो कागज़ से देख सकती है.
इतना सब होने के बाद कम्मो छोटे बच्चे की तरह खुश थी.

इतना सब होने के बाद मैंने कम्मो की वो ब्रा पैंटी अकेले में चुपके से उसे दे दी जिसे उसने झट से अपने बैग में छिपा के रख लीं. इसके बाद कम्मो की एक पप्पी लेना तो बनता ही था सो मैंने दायें बाएं देख कर कम्मो को अपने आगोश में ले लिया; उसके पुष्ट स्तन मेरे सीने से पिस गये और झट से चार पांच चुम्में उसके गालों और होठों पर जड़ दिए.
वो कसमसा कर रह गयी.

“अंकल जी आप भी न. अभी किसी की नज़र पड़ जाती तो?” वो बनावटी गुस्से से बोली. फिर मैंने उसके दोनों दुद्दुओं को झट से दबोचा और निकल लिया वो अरे अरे ही करती रह गयी.
सात बजे के क़रीब वो डी जे वाला आ गया और बारात जल्दी निकालने को बोलने लगा; बोला कि दस बजे के बाद डी जे बजाना सख्त मना है आप लोग फिर कुछ मत कहना.
अदिति के अंकल जी भी सबको जल्दी जल्दी रेडी होने को बोल रहे थे; पर कोई सुने तब न. जैसा कि सभी शादी ब्याह में होता ही है. साढ़े सात के बाद ही सबने हिलना डुलना शुरू किया और तैयार होने लगे.

पीने वालों ने अपनी अलग ही महफ़िल जमा रखी थी एक कमरे में. मैं भी नहा कर अपना सूट, टाई डाल के तैयार हो गया और एक पटियाला पैग डाल के कुर्सी पर बैठ के आराम से चुस्कियां लेने लगा.

लेडीज वाले एरिया में सब महिलायें सज संवर रहीं थीं, उनकी बातों से सुना कि सर्दी होने के बावजूद कोई भी लेडी स्वेटर या कोट पहनने को तैयार नहीं थी. मैंने सोचा कि अगर ये कोट, स्वेटर वगैरह गर्म कपड़े पहन लेंगी तो फिर इनके जेवर, इनके कपड़े, इनके बूब्स इनकी जवानी कैसे दिखेगी सबको?
मैंने तमाम सर्दियों के शादियाँ अटेंड की हैं और सभी में देखा है कि कितनी भी तेज सर्दी हो, ठंडी हवाएं चल रहीं हों पर ये महारानियां गर्म कपड़े कभी नहीं पहनेंगी चाहे बीमार पड़ जायें बाद में.

बाहर डी जे बजने लगा था और बारात का माहौल जमने लगा था. बड़ी उम्र की महिलायें, नव यौवनाएं, ताज़ी ताज़ी जवान हुयीं छोरियां, कमसिन कच्ची कलियां सब की सब झिलमिल झिलमिल कर रहीं थीं. मेरी बहूरानी अदिति कुछ ज्यादा ही क़यामत ढा रही थी. उसने महारानियों के जैसी भारी भरकम एंटीक डिजाईन का सोने का जड़ाऊ नेकलेस और मैचिंग कंगन और कान के पहन रखे थे, साड़ी ब्लाउज भी वैसा ही राजकुल की स्त्रियों के जैसा आलीशान था.
बहू को वो रूप देखकर मुझे अपने लंड के मुकद्दर पर फ़ख्र हुआ कि इस शानदार जिस्म की मलिका की चूत को मेरा लंड अनगिनत बार भोग चुका था. पहनने ओढ़ने के हिसाब से सभी लेडीज का लगभग यही हाल था. सब की सब एक से बढ़ कर एक हुस्न की परियां नजर आ रहीं थीं.

अपनी कम्मो भी कोई कम सितम नहीं ढा रही थी. नहाई धोई कम्मो ने पीले कलर का कुर्ता और नीचे ढीली ढाली चूड़ीदार सफ़ेद सलवार पहन रखी थी; ये पीले और सफ़ेद रंग का कॉम्बिनेशन बहुत ही अच्छा फबता है इन कुंवारियों के बदन पर. कम्मो का दुपट्टा उसकी छातियों की बजाय गले में लिपटा था जिससे उसके दिलकश स्तनों का जोड़ा उसके सीने पर बहुत ही मस्त और लुभावना लग रहा था; हो सकता है उसने वही ब्रा और पैंटी पहन ली हो जिसे मैंने आज उसे गिफ्ट में दिया था, पर मैं निश्चित तौर पर कोई अंदाजा नहीं लगा सका.

कम्मो के खुले हुए घने काले बाल उसके कंधों पर बिखरे हुए थे और उसने कुछ आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी पहन रखी तो जो उसके सौन्दर्य में चार चांद लगा रही थी. आंखों में गहरा काजल डाल रखा था उसने!
अगर शोर्ट में कहूं तो कम्मो हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की छोटी बहन जैसी लग रही थी; बिल्कुल वैसी ही कद काठी, वैसा ही जानलेवा जोबन, वैसा ही सलवार कुर्ता, वैसी ही सुन्दर और यौवन के जोश से लबालब.

मैंने कम्मो को इशारे से पास बुलाया तो वो मेरे साथ सकुचाती सी आ खड़ी हुई; मैंने उसके हाथ से उसका नया फोन लेकर अपनी और कम्मो की कई सेल्फी लीं.
“कम्मो तू बहुत ही सुन्दर लग रही है, सब में सुन्दर. सच में!” मैंने कहा

“ह्म्म्म, रहने दो अंकल जी. क्या फायदा अब!” उसने कह कर सूनी सूनी आँखों से मुझे देखा और सिर झुका कर खड़ी रही. उसका ‘क्या फायदा अब’ कहना मुझे भीतर तक चीर गया, जैसे मेरे पुरुषत्व और पुंसत्व पर सवालिया निशान लगा गया. ऐसी बेचारगी का सामना मुझे जीवन में कभी पहले महसूस नहीं करना पड़ा था. मैं समझ रहा था कि वो इमोशनल हो रही थी; चाहत का जो जज्बा, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर आज दिन में रेस्टोरेंट में सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे सब तरह से समर्पित हो ही गयी थी कि जो करना है कर लो, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह और कर भी क्या सकती है.

मैं कम्मो से कुछ और कहने ही वाला था कि अदिति बहूरानी मेरी ओर आती दिखाई दी साथ में उसके चाचा जी भी थे.
Reply
07-26-2019, 02:24 PM,
#73
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
मेरी पुत्र वधू की भतीजी कम्मो मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन कोई मौक़ा नहीं मिल रहा था तो वो निराश हो चुकी थी.

मैं कम्मो से कुछ और कहने ही वाला था कि अदिति बहूरानी मेरी ओर आती दिखाई दी साथ में उसके चाचा जी भी थे.
“भाई साब, मैं आपको एक कष्ट देना चाहता हूं, अगर आप अन्यथा न लें तो?” अदिति के चाचा जी बोले.
“अरे कैसी बात करते हैं. आप तो आदेश दें मुझे. बताएं क्या करना है?” मैंने विनम्रता से कहा.

“देखिये बारात तो तैयार ही है और निकलने ही वाली है. आपको सिर्फ एक काम करना है कि बारात निकलने के बाद सारे कमरे आपको लॉक करने हैं बस. यहां चौकीदार रहता है बाकी वो देखता रहेगा, ये लीजिये चाभियां!” अदिति के चाचाजी बोले और चाभियों का गुच्छा मुझे थमा दिया.

“आप बेफिक्र रहें. सबके निकलने के बाद मैं सारे कमरे लॉक करके बारात में शामिल हो जाऊंगा, कोई कीमती सामान तो नहीं रखा है न?” मैंने उन्हें आश्वस्त किया और चाभियां उनसे ले लीं.

“अरे ऐसा कोई कीमती सामान नहीं है, पर सब जगह ताला तो लगाना ही पड़ेगा न!” उन्होंने कहा और अदिति को साथ लिए निकल लिए.

कम्मो मेरे पास ही खड़ी थी. अचानक मेरे दिमाग की ट्यूबलाइट भक्क से जल उठी. अब पूरी धर्मशाला मेरी थी. मैंने कम्मो के सामने चाभियों का गुच्छा लहराया तो उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से मुझे देखा.
“अरे अब जगह ही जगह है अपने पास!” मैंने हंस कर कहा. मेरी सारी दुविधा, सारी भव बाधा किसी ने हर ली थी.
“मतलब?” वो बोली.

“देख कम्मो, अब मना मत करना प्लीज. बारात के यहां से निकलते ही मुझे सारे कमरे लॉक करके चाभियां अपने पास रखनी हैं फिर सारे कमरे हमारे; हम कुछ करें, यहां पर कोई देखने टोकने वाला नहीं रहेगा” मैंने खुश होकर कहा.
“अच्छा, और शादी में नहीं जाना क्या? कोई हमें पूछेगा तो क्या होगा?” वो बात को समझते हुए बोली.

“अरे तू ध्यान से तो सुन पहले. तुझे भी सब लेडीज के साथ बारात के साथ निकल जाना है. सब लोग डी जे पर नाचते हुए जायेंगे. यहां से ताला लगा कर मैं भी बारात में शामिल हो जाऊंगा.” इतना कह कर मैंने उसके ओर देखा.
“फिर?” उसकी संदेह भरीं नज़रें उठीं.

“अरे सुन तो सही, इस तरह हम सब बारात के संग संग चलेंगे. डांस वांस करके फोटो खिंचवा के हम लोग धीरे से बारात के पीछे होते जायेंगे और फिर चुपके से निकलकर यहीं धर्मशाला में आ जायेंगे. चाभियां तो मेरे पास ही हैं अब. धर्मशाला सुनसान रहेगी, हमें कोई देखने टोकने वाला नहीं होगा और हम मजे से दो घंटे तक तूतक तूतक तूतिया … आई लव यू करेंगे.” मैंने प्रसन्न होकर कहा.

“अच्छा, और कोई पूछेगा कि कम्मो कहां गयी तो, किसी ने आपको ही पूछ लिया तो फिर क्या होगा?”
“तू पगली है, अरे बारात में किसी को क्या होश रहता है कि कौन कहां है. आधे से ज्यादा लोग दारु पी कर टुन्न हैं वे तो डांस करेंगे और नोट उड़ायेंगे, लेडीज को भी नाचने और फोटो खिंचाने से ही फुर्सत नहीं होगी. ऐसे में किसी को क्या होश रहता है कि कौन कहां हैं. तू अपना फोन स्विच ऑफ करके रखना मेरा फोन ऑन रहेगा. हम लोग धर्मशाला में आराम से एक डेढ़ घंटे रुकेंगे, इतनी देर में मैं तुझे अच्छे से अपनी बना लूंगा; हम लोग निपट कर फिर वापिस बारात में शामिल हो जायेंगे; अरे किसी को कुछ पता नहीं चलने वाला कि कौन आया कौन गया.” मैंने उसे प्यार से समझाया.

“फिर भी. अंकल जी, मेरी हिम्मत नहीं है इतना करने की. रहने दो आप तो. आपको आना हो तो मेरे गांव ही आ जाना बस और वहीं पर आराम से बिना किसी डर के करना जो करना हो!” उसने अपना फैसला सुनाया.
“अरे तू ठीक से समझ तो सही. लड़की वालों के यहां तक बारात पहुँचते पहुँचते कम से कम दो घंटे तो लगेंगे ही. इतने में हम मिल लेंगे; एक दूसरे में समा जायेंगे और अपनी इच्छा पूरी करके वापिस लौट कर शादी में शामिल हो जायेंगे. अरे किसी को किसी की खबर नहीं रहती ऐसे माहौल में. बस तू थोड़ी सी हिम्मत तो कर!” मैंने उसका डर दूर करने का प्रयास किया.
Reply
07-26-2019, 02:24 PM,
#74
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
“ठीक है अंकल जी. कुछ गड़बड़ हुई तो आप संभालना बस!” वो समर्पित भाव से बोली.
“अरे कम्मो बेटा, तेरी इज्जत की परवाह मुझे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी है, तू बिल्कुल भी फिकर न कर. मैं तुझ पर कोई आंच नहीं आने दूंगा.”

उसने सहमति में सिर हिलाया और दौड़ कर लेडीज के झुंड में शामिल हो गयी. इस तरह कम्मो चुदने को राजी हो गयी.

अब मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. बात ही खुशी की थी उन्नीस बरस की गांव की कड़क जवान हसीन लौंडिया राजी खुशी अपनी चूत देने को तैयार थी तो कौन खुशी से पागल न हो जाय. सबसे पहले मैंने अपना बैग खोल कर सेक्स वर्धक गोली निगल ली; ऐसी दवा मैं हमेशा अपने साथ इसी प्रकार की इमरजेंसी के लिए रखता हूं; हालांकि सामान्य तौर पर इसकी जरूरत नहीं पड़ती लेकिन जब लड़की ‘चोदना’ हो तो अपना हथियार भी भीषण युद्ध के लिए तैयार होना चाहिये ताकि सामने वाली से अपना लोहा मनवा सके और कामयुद्ध को निर्णायक रूप से जीत सके; ऐसा न हो कि मेरे लंड के नाम पर बट्टा लगे. जवान लड़की की गर्मी जब तक उसकी चूत के रास्ते से न निकल जाए और उसकी चूत चरमरा न उठे तब तक उसकी चूत चुदाई मांगती है.

इतना सब करने के बाद मैं प्रसन्नचित्त होकर धर्मशाला के बाहर आ गया. घोड़ी सजी खड़ी थी और वो डी जे वाला फिर से कुड़कुड़ करने लगा था कि दो किलोमीटर दूर बारात जानी है कम से कम दो घंटे तो लगेंगे ही पहुँचने में और आठ यहीं बज चुके है.
अदिति के चाचा जी ने जैसे तैसे सबको हांक कर बारात साढ़े आठ तक दूल्हा निकासी करवाई और बारात निकल सकी, बहूरानी का भाई घोड़ी चढ़ चुका था और आगे आगे बारात में लोग नाचते हुए चलने लगे थे.

सबके जाने के बाद मैंने सारे कमरे लॉक किये और बाहर निकला. केटरिंग वाले बन्दे भी निकल लिए थे सब जगह सुनसान हो गया था. मैं बाहर निकलने ही वाला था कि धर्मशाला का वृद्ध चौकीदार मेरे सामने हाथ फैलाये आ खड़ा हुआ.
“साब कुछ इनाम, बख्शीश मिल जाती तो …” इतना कह कर उसने अपना फैला हुआ हाथ तीन चार बार अपने माथे से लगाया साथ में उसके मुंह से देशी दारु का भभका छूटा.

मेरे मन में भी एकदम विचार जागा कि इस चौकीदार का तो कुछ करना ही पड़ेगा नहीं तो जब मैं कम्मो को लेकर अभी यहां वापिस आऊंगा तो ये देख लेगा और कुछ गड़बड़ भी कर सकता है फिर.
“ये लो बाबा. और कुछ चाहिये तो बोलो” मैंने पचास का नोट उसकी तरफ बढ़ाते हुए पूछा.
“साब, दो घूंट और मिल जाती तो रात आराम से कट जाती; ठंड बहुत होती है रात में!” वो बोला.
“तूने पी तो रखी है अब और क्या पियेगा?” मैंने थोड़ा डांट कर कहा.
“साब छै बजे पी थी ठेके पे जाके, अब वो तो कबकी उतर गयी.” वो हंसते हुए बोला.

मैंने उसे रुकने का बोला और वापिस रूम खोल कर अपने बैग में से सिग्नेचर व्हिस्की का क्वार्टर निकाल के लाया.
“तू अपना गिलास ले के आ जल्दी” मैंने चौकीदार को बोला तो वह लगभग दौड़ता हुआ अपनी झोपड़ी में गया और गिलास ले आया. मैंने आधी व्हिस्की उसके गिलास में उंडेल दी.
“ले ऐश कर!” मैंने उसे कहा तो उसने गिलास माथे से लगाया और हाथ जोड़ दिये.

“और सुन, मेन गेट अन्दर से बंद नहीं करना. मैं अभी लौट के आता हूं. मुझे यहीं सोना है आज!” मैंने चौकीदार से कहा.
“जी साब, मैं इन्तजार करूंगा आपका!” वो बोला.
“अरे तू इन्तजार मत करना. मेरा कोई पक्का नहीं मैं कब लौटूं. तू तो दारु पी के सो जा आराम से.” मैंने उसे समझाया.
“ठीक है साब फिर आप बाहर का ताला लगा के चाभी ले जाओ अपने साथ!” उसने मुझे राय दी.

मैंने मेन गेट का ताला चाभी लेकर बाहर से गेट बंद किया और निकल लिया. अब मैं बिल्कुल निश्चिंत महसूस कर रहा था; सारी बाधाएं दूर हो गयीं थीं. बस अब तो ‘कम्मो की कुंवारी चूत और मेरा लंड’ मैंने खुश हो कर सोचा और जेब से क्वार्टर निकाल कर तीन चार तगड़े घूंट नीट ही गले से उतार लिए और खाली क्वार्टर वहीं फेंक कर तेज कदमों से बारात में शामिल होने चल दिया.
Reply
07-26-2019, 02:24 PM,
#75
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
बारात में डी जे के कानफोडू गानों पर लोग नाचते हुए चल रहे थे. मेरी बहूरानी और कम्मो दोनों भी खूब जम के डांस कर रहीं थीं; मैंने जेब से रुपये निकाल कर उन दोनों के ऊपर से न्यौछावर कर बैंड वालों को दे दिये.
Image

बहूरानी ने देखा तो उसने खुश होकर मुझे अपने होंठों से चूमने का इशारा किया. कोई पंद्रह मिनट बाद जब सब लोग अपनी अपनी धुन में मस्त हो गये तो मैंने कम्मो को लौटने का इशारा किया; आंखों ही आंखों में हमारी बात हुई और हम धीरे धीरे बारात के पीछे और पीछे होते चले गये और मौका देख कर स्पीड से धर्मशाला की ओर वापिस चल पड़े.

धर्मशाला में अंधेरा ही था क्योंकि सारी बत्तियां मैंने जानबूझ कर बुझा दी थीं. मैंने मेन गेट खोला और भीतर दाखिल हुआ. चौकीदार के कमरे में अंधेरा छाया था. जरूर वो टुन्न होकर सोया पड़ा होगा.
मेरे पीछे कम्मो भी आ गयी. हम लोग दबे पांव चलते हुए एक कोने वाले कमरे तक गये और उसे खोल कर अन्दर चले गये और फिर मैंने भीतर से दरवाजा बंद करके बत्तियां जला दीं. फिर सारी खिड़कियां बंद करके फर्श पर चार पांच गद्दे एक के ऊपर एक बिछा कर बढ़िया मोटा बिस्तर चुदाई के लिए तैयार कर लिया और कम्मो का हाथ पकड़ कर उसे बिस्तर पर गिरा लिया और उसे दबोच कर मैं उसके ऊपर चढ़ बैठा.

“हाय राम सबर तो बिल्कुल नहीं है आपको!” कम्मो कमरे में चारों ओर देखती हुई बोली.
“मेरी जान कल से तो सबर किये हुए हूं; कितने पापड़ बेलने के बाद तू हाथ आई है अब!” मैंने उसे प्यार से चूमते हुए कहा.

“हां वो तो मैं कल ही आपकी नज़रें देख कर समझ गयी थी कि आपकी नज़र मुझ पर है लेकिन ये पता नहीं था कि बात यहां तक पहुंचेगी.” वो धीरे से बोली.

सूट पहने हुए कम्मो का आलिंगन करने में मज़ा नहीं आ रहा था सो मैंने अपनी टाई निकाल दी और कोट भी उतार डाला. कम्मो के गले से दुपट्टा निकाल कर उसके मम्में सहलाते हुए उसे चूमने लगा, उसके शहद से मीठे होंठ चूसने लगा और सलवार के ऊपर से ही उसकी जांघें सहलाते हुए मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुँचने लगा.

ऐसा थोड़ी देर तक करने से ही वो सुलगने लगी उसकी सांसें भारी होने लगीं और उसकी बांहें मुझे कसने लगीं. कड़क जवान छोरी थी सो जल्दी गर्म होनी ही थी.
“अंकल जी जल्दी करो जो करना हो. कोई आ जायेगा!” उसने वही पुराना राग अलापा.
Image

“कम्मो मेरी जान … कोई नहीं आने वाला. तू सब कुछ भूल कर इन पलों का मज़ा ले; ऐसा हसीन मौका और समय ज़िन्दगी में बार बार नहीं मिलता!” मैंने उसे कहा और अपनी शर्ट और बनियान भी उतार कर फेंक दी.

कम्मो ने मेरे सीने को कुछ देर तक निहारा और फिर उठ कर मेरी छाती से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर गहरी गहरी सांस लेने लगी, फिर वहीं पर दो तीन बार चूम लिया.
Reply
07-26-2019, 02:24 PM,
#76
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं कम्मो को धर्मशाला के कमरे में ले आया था.

“कम्मो मेरी जान … कोई नहीं आने वाला. तू सब कुछ भूल कर इन पलों का मज़ा ले; ऐसा हसीन मौका और समय ज़िन्दगी में बार बार नहीं मिलता!” मैंने उसे कहा और अपनी शर्ट और बनियान भी उतार कर फेंक दी.
Image

कम्मो ने मेरे सीने को कुछ देर तक निहारा और फिर उठ कर मेरी छाती से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर गहरी गहरी सांस लेने लगी, फिर वहीं पर दो तीन बार चूम लिया.
मैंने उसका मुंह ऊपर उठाया और उसके होंठों का रसपान करने लगा. मेरी जीभ कम्मो के मुंह में घुसने की कोशिश करने लगी. उधर मेरा हाथ उसकी ब्रा में घुस चुका था और उसके फूल से कोमल उरोजों से खेल रहा था फिर जल्दी ही उनसे खिलवाड़ करने लगा. उसके काबुली चने जैसे निप्पलस को मैं चुटकी से दबाने, मरोड़ने लगा.

मेरे ऐसे करने से कम्मो की चूत की चुदास और प्यार की प्यास जग उठी थी सो उसने अपना मुंह खोल दिया और मेरी जीभ भीतर ले ली. उस देहाती बाला के मुखरस का स्वाद बेमिसाल था जिसे उचित शब्द देना मेरे बस में नहीं है. हमारी जीभें कितनी ही देर तक आपस में गुटरगूं करती रहीं, लड़ती झगड़ती रहीं और फिर वो हट गयी और लेट कर अपनी अपना मुंह अपनी हथेलियों से छिपा लिया और गहरी गहरी सांसें भरने लगी.

वो अपना मुंह हथेलियों से ढके सीधी लेटी थी, उसके उन्नत उरोज सांसों के उतार चढ़ाव के साथ उठ बैठ से रहे थे; दोनों पैर अलग अलग से फैले थे जिससे उसकी मांसल जांघों का वो फैलाव उसके बदन की कामुकता को और प्रबलता से दर्शा रहा था.

इस समय उसकी चूत पैंटी के भीतर कैसी लग रही होगी; चूत की दरार खुली होगी या दोनों लब आपस में चिपके होंगे? इस बात का फैसला मैं नहीं कर सका. जो होगा जैसा होगा अभी सामने आ जाएगा ऐसा सोचते हुए मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खींच कर खोल दिया और इसके पहले कि वो कुछ रियेक्ट करे मैंने सलवार ढीली करके सामने का हिस्सा नीचे सरका दिया.

मेरी गिफ्ट की हुई पैंटी उसकी फूली हुई चूत पर डेरा डाले थी. यह मैं क्षणमात्र के लिए ही देख सका कि कम्मो ने घबरा कर अपनी सलवार झट से ऊपर कर ली और उसे कसके मुट्ठी में पकड़ लिया.

मैंने जोर लगा कर सलवार छुड़ाने का प्रयास किया तो उसने अब दोनों हाथों से उसे पकड़ लिया और इन्कार में गर्दन हिलाने लगी.
“अरे छोड़ तो सही गुड़िया रानी!” मैंने कहा.
“ऊं हूं…” उसकी गर्दन फिर इनकार में हिली.
“अरे छोड़ दे कम्मो, एक बार देखने तो दे. तू तो मेरी प्यारी प्यारी गुड़िया रानी है न!” मैंने बहुत ही मीठी आवाज में उसे मक्खन लगाया.
“नहीं अंकल जी, मुझे शर्म आती है.”
Image
“अरे तो फिर कैसे क्या होगा सलवार तो उतारनी ही पड़ेगी न?”
“मुझे नीं पता वो सब!” उसने जिद की.
“अरे मान जा बेटा, देख टाइम खराब मत कर बेकार में. अभी काम बहुत है करने को और समय कम है.” मैंने उसे याद दिलाया.

“अच्छा पहले बत्ती बुझा दो फिर जल्दी से!” वो अपना फैसला सुनाती हुई सी बोली.
“अरे यार तू भी न… बेटा अँधेरे में क्या मजा आयेगा, कुछ भी नहीं दिखेगा?”
“आ जायेगा, नहीं आयेगा तो मत कीजिये कुछ, जाने दो मुझे. हमें कुछ नहीं करवाना है आपसे न कुछ दिखाना है आपको, बस!” कम्मो अभी भी जिद पर अड़ी थी.
“मान जा बेटा, तू तो मेरी अच्छी सी प्याली प्याली गुड़िया रानी है न!”
“नहीं नहीं नहीं … मुझे जाने दीजिये बस या फिर अंधेरे में कर लो!” वो अपनी जिद पर अड़ी रही.

“यार तू भी अजीब है. सारे दिन से ललचा रही है, कुछ भी करने को तैयार थी. अब क्या हो गया तेरे को आखिर. एन टाइम पर के एल पी डी करने पर तुली है?”
“क्या क्या … मैं क्या के डी एल पी कर रही हूं?” उसने तुनक कर पूछा.
“अरे के डी एल पी नहीं के एल पी डी, मतलब खड़े लंड पर धोखा दे रही है तू!”
“अंकल देखो, मैं कोई धोखा नहीं दे रही आपको, मुझे शर्म आती है उजाले में बस. आप बत्ती बुझा दो फिर जल्दी से करो जो करना है.” उसने मुझे अपनी तर्जनी दिखा कर कहा.

मैं कम्मो की बात भी समझ रहा था; गांव के संस्कार थे न. छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत न दिखाने की सोच के ही आई लगती थी. मैंने भी मन ही मन तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला न झुलाया तो मेरा भी नाम नहीं. आखिर अँधेरे में क्या ख़ाक मज़ा आयेगा. जब तक इसकी मदमस्त जवानी के दर्शन न मिलें, इसकी चूत और मम्में देखने का मज़ा न मिले तो फिर चूत मारने का मजा ही क्या.
Reply
07-26-2019, 02:25 PM,
#77
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
इतना सोच के मैंने कम्मो की सलवार नीचे सरकाने की फिर से कोशिश की पर उसे दोनों हाथों से ताकत से पकड़ रखी थी. फिर मैंने दूसरी तरकीब की; उसकी सलवार को पकड़े पकड़े ही मैंने अपने बीच की उंगली से सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को कुरेदना शुरू किया. दूसरे हाथ से उसके स्तन दबा रहा था. मुझे पता था कि अभी मेरी उंगली इसकी चूत में हाय तौबा मचाएगी तो ये अपनी सलवार क्या अपनी पैंटी भी खुद उतार के देगी मुझे; आखिर अपनी चूत की खुजली कब तक सहन कर सकेगी.

जैसा कि होना ही था. कामदेव ने अपना पुष्पबाण चला ही दिया और कम्मो अपनी एड़ियाँ रगड़ने लगी. उसकी आँखों में अनुनय विनय का भाव आ गया और सलवार पर उसकी पकड़ स्वयमेव ढीली पड़ गयी और उसने सलवार छोड़ कर अपने हाथ ऊपर कर दिए. सलवार ढीली पड़ते ही मेरी उंगली अब और आराम से उसकी चूत का जायजा लेने लगी. उसके मम्मे कड़क हो गये थे और चूचुकों ने अपना सिर उठा लिया था और वे मेरी छाती के नीचे पिसने को मचलने लगे थे. नीचे उसकी चूत भी पक्का प्रेमाश्रु बहा रही होगी.

“अंकल जी देर हो रही है देखो बारात पहुँचने वाली होगी!” उसने कमजोर सी आवाज में कहा उसकी आवाज में वो दृढ़ता वो आत्मविश्वास नहीं था अब. उसकी बात मैंने अनसुनी की और अपनी उंगली की रफ़्तार और तेज कर दी; उसकी चूत की चिपचिपाहट और गीलापन अब मुझे अच्छे से महसूस होने लगा था.

“अंकल जी क्यों सताते हो मुझे. अच्छा लो कर लो जैसे आपको करना हो!” उसने हथियार डाल दिए.

मैं अब उसके ऊपर लेट गया और फिर से उसके होंठ चूसने लगा; वो मेरी पीठ बेसब्री से जल्दी जल्दी सहलाने लगी फिर वो अपने हाथ नीचे की तरफ ऐ गयी और अपनी सलवार उसने खुद और नीचे सरका दी.
“लो अंकल जी, देख लो जो देखना है कर लो अपने मन की जी भर के. मुझे पूरी बेशर्म बना देना आप तो!” कम्मो समर्पित भाव से बोली.
“कम्मो, कितनी प्यारी प्यारी है न तू. मुझे पता था कि तू मेरा दिल नहीं तोड़ेगी.” मैंने प्यार से उसे चूमते हुए कहा; मैं नहीं चाहता था खुद को हारी हुई समझे. उसके स्त्रीत्व का नारीत्व का, उसकी गरिमा का आदर सम्मान बनाए रखना मेरी जिम्मेवारी थी. जबकि मैं जानता था कि वो अपनी चूती हुई चूत से हार कर अपनी सलवार नीचे खिसकाए पड़ी थी.
Image
“कम्मो बेटा एक बात और मान ले जल्दी से!” मैंने कहा तो उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से मुझे देखा.
“ये कुर्ता और उतार दे. बाकी तो मैं कर लूंगा.” मैंने उसे अत्यंत प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा.
“अच्छा ये लो, आज आप मुझे पूरा बेशर्म बना कर ही छोड़ना.” वो बोली और अपने हाथ ऊपर उठा दिए.

मैंने झट से कुर्ता नीचे से पकड़ा और उसे निकालने लगा. मेरे हाथ उसके सीने की गोलाइयों से रगड़ खाते हुए ऊपर चले गये और उसका कुर्ता उतार लिया और उसे तह करके वहीं साइड में रख दिया.

शमीज तो उसने पहनी ही नहीं थी. मेरी गिफ्ट की हुई ब्रा में उसके मांसल दूध जैसे मेरी ही राह तक रहे थे. उसके सुडौल कंधों पर ब्रा के स्ट्रेप्स बहुत अच्छे लग रहे थे. ब्रा के दोनों कप जैसे किसी स्तूप की तरह शान से खड़े थे.
“कम्मो ये ब्रा भी उतार दो अब”
“क्यों, क्या मुझपे अच्छी नहीं लगी ये?”
“अरे बेटा, वो बात नहीं है. तू तो इसमें बहुत सुन्दर लग रही है पर इसे उतारना तो है ही ना नहीं तो मैं दूध कैसे पियूंगा ?”
“तो अभी तक दूध पीते बच्चे हो आप, क्यों?”
“हां… और भूख भी लगी है मुझे!”
“हम्म्म्म तो ये लो पी लो!” कम्मो ने कहा और अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया.

हुक खुलते ही ब्रा के स्ट्रेप्स तेजी से उछल गये. और उसके पके तोतापरी आम जैसे विशाल गुलाबी मम्में मेरे सामने उजागर हो गये. मैंने बिना देरी किये उन्हें दबोच लिया और बारी बारी से चूसने लगा. उधर कम्मो मेरे सिर को थपकी दे दे के ममत्व भाव से सहलाने लगी.

वासना की आग में मैं भी जलने लगा था अब मैंने कम्मो का गला, कान की लौ, गाल सब के सब चूम डाले और नीचे की ओर होकर उसके सपाट सुतवां पेट को चूमते चूमते उसकी नाभि में अपनी जीभ घुमाने लगा. मेरा ऐसे करते ही कम्मो को गुदगुदी हुई और उसकी हंसी छूट गयी; बिल्कुल बच्चों जैसी निश्छल, उल्लासपूर्ण खिलखिलाहट उसके मुंह से फूट पड़ी और उसके मोतियों से चमकते दांत ट्यूबलाइट की तेज रोशनी में दमक उठे.

Image

उसकी सलवार का नाड़ा तो खुला ही पड़ा था सो मैंने सलवार उतारने का उपक्रम किया तो कम्मो ने तुरंत अपनी कमर उठा दी और उसका सफ़ेद चूड़ीदार मैंने निकाल कर फिर उसे अच्छे से तह करके बगल में रख दिया; आखिर उसे अभी इसे ही तो पहन कर शादी में जाना था. अब मैंने उसके दोनों अमृत कलश के चूचुकों को चिकोटी से हौले हौले दबाते हुए उसकी जांघें पूरी तन्मयता से चाटने लगा.
Reply
07-26-2019, 02:25 PM,
#78
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
मैं पहले भी बता चुका हूं कि मुझे अपनी संगिनी की नग्न जांघें चाटने में विशेष आनन्द आता है तो मैं कम्मो रानी के दोनों मम्में कसके दबोचे हुए उसके घुटनों से ऊपर चूत के आस पास सब जगह चाट डाला. फिर उसकी पिंडलियां भी चूम चाट डालीं और पांव की उंगलियां भी अपने मुंह में भर कर चुभलाने लगा, तलवे भी चाटने लगा.

प्यासी कम्मो इतना सब कैसे सहन करती सो उसने गद्दों को अपनी मुट्ठी में भर लिया और अपनी चूत बार बार ऊपर उठाने लगी. अभी तक मैंने उसकी चूत को जरा भी नहीं छेड़ा था.

“अंकल जी, मुझे अजीब सा लग रहा है, मेरे पैरों से कमर तक जैसे चीटियां रेंग रहीं है और पैंटी में खुजली मची है.” वो सिसियाते हुए बोली.
“बेटा, यही तो होना था. अभी देखना तेरी चूत की खुजली मैं अपने लंड से खुजाऊंगा तुझे तभी चैन पड़ेगा, मेरा लंड लोगी न अपनी चूत में?” मैंने उसकी जांघ पर चिकोटी काट कर कहा.
“धत्त, कैसे कैसे गंदे बोल बोलते हो आप भी ना, लाज शरम तो है नहीं आपको. पराई लड़की का भी कोई लिहाज नहीं आपको तो?”
“कम्मो मेरी जान, अब तू पराई थोड़े ही है. बस थोड़ी से कसर रह गयी है फिर तू पूरी तरह से मेरी हो जायेगी, बस जरा सी देर और!” मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से चूत की दरार में उंगली फिराई.
“तो जल्दी जल्दी कर दो ना जो कुछ रह गया हो, मुझसे नहीं रहा जा रहा अब.” तो बेसब्री से बोली.

“कम्मो रानी, ये नयी ब्रा पैंटी पहन के अच्छा किया तूने. मस्त लग रही है तेरे बदन पर!” मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत मसलते हुए कहा.
“अंकल जी, मुझे पता था आप कोई न कोई जुगाड़ जरूर फिट कर लोगे. ऐसी ही कोरी कोरी तो मुझे जाने नहीं दोगे. तो मैंने सोचा कि आपसे ही इनका उद्घाटन करवा कर आपकी कीमत ही वसूल करवा दूं!” वो बड़े ही सेक्सी अंदाज में बोली और मुझे प्यार से चूम लिया.
Image
“वाह बेटा, क्या बात कह दी तूने. मजा आ गया. तू सच में बहुत प्यारी है.” मैंने इस बार उसकी पैंटी में अपना हाथ घुसा दिया और उसकी नंगी चूत मुट्ठी में भर ली और उसकी झांटों में अपनी उँगलियों से कंघी करने लगा. उसकी मुलायम चूत मुझे कचौरी की तरह फूली फूली सी महसूस हुई.
“सीsss स्स्स्स … धीरे; बाल खिंचते हैं.” वो कसमसाकर बोली.

अब मुझसे भी सब्र नहीं हो रहा था. मेरा लंड तो कब का खड़ा खड़ा परेशान हो रहा था और कपड़ों से आजादी चाह रहा था. लेकिन सबसे जरूरी मुझे कम्मो की चूत देखना थी पहले. कुंवारी लड़की की चूत देखे हुए एक ज़माना बीत गया था. मैंने उसकी पैंटी नीचे की तरफ सरकाई और कम्मो ने अपनी कमर उठा कर पैंटी उतर जाने दी. ज्यों ही उसकी पैंटी उतरी उसने झट से चूत को अपने हाथों से ढक लिया; अब लाज तो इतनी जल्दी नहीं उतरती न.

मैंने उसके हाथ चूत पर से हटा दिए जिन्हें उसने थोड़ी सी ना नुकुर के बाद हटा लिया और उसकी चूत अब मेरे सामने अनावृत थी.
कम्मो मेरे सामने मादरजात नंगी लेटी थी. ट्यूबलाइट की तेज रोशनी में उसका जवां हुस्न मेरे तन मन में हाहाकार मचाने लगा. मैं उसके बगल में बैठा हुआ उसे निहारने लगा. कम्मो ने तो आंखें बंद कर लीं थीं. बेदाग़ हुस्न की मलिका निकली कम्मो रानी; उसके चिकने बदन पर मुझे एक भी तिल या और कोई दाग नज़र नहीं आया, खूब भरा भरा सा पुष्ट बदन था उसका. गांव की मेहनतकश लड़कियों के जिस्म में मजबूती और मांसपेशियों का सौन्दर्य अलग ही छलकता है.

मैंने उसके चेहरे को बार बार चूम डाला और उसके पैरों के पास जा बैठा और उसकी पिंडलियां पकड़ कर पांव ऊपर उठा कर घुटने मोड़ दिए.

अब उसकी चूत का तिकोना खुल कर स्पष्ट रूप से मेरे सामने था; कम्मो ने एक बार फिर से अपनी चूत हाथों से ढकने की व्यर्थ सी कोशिश की पर मैंने उसके हाथ हटा दिए और चूत पर अपने हाथ रख दिए और उसे सहलाने लगा. उसकी चूत पर झांटों का ऊबड़ खाबड़ सा जंगल उगा हुआ था; झांटों के बाल कहीं एकदम छोटे छोटे जिनके बीच से खाल भी दिखती थी कहीं झांटें थोड़ी सी बड़ीं बड़ीं थीं.
Image
“कम्मो ये तेरी चूत के बाल ऐसे ऊबड़ खाबड़ से छोटे बड़े कैसे हैं?” मैंने चूत को सहलाते हुए पूछा.
“अंकल जी, हमारे पास कोई बाल काटने का साधन तो है नहीं. घर में एक पुरानी सी कैंची है वो भी ठीक से चलती नहीं. आते समय उसी कैंची से जैसे बने काट लिए थे.” वो बोली.
मैं उसकी बात समझ रहा था. गांव की छोरियों, औरतों के साथ ये बड़ी दिक्कत है कि उन्हें अपनी चूत के बाल साफ़ करने के लिए प्रॉपर सामान नहीं मिलता. न हेयर रिमूविंग क्रीम, न रेजर ब्लेड. गांव के ज्यादातर पुरुष भी अपनी शेविंग नाई से ही कराते हैं और ब्लेड रेजर वगैरह घर में नहीं रखते. तो मैंने कम्मो से वादा किया कि मैं उसे कल जाने से पहले हेयर रेमूविंग क्रीम और नयी कैंची ला कर दूंगा ताकि वो अपनी सुहागरात के लिए अपनी चूत को चिकनी चमेली बना सके.
Reply
07-26-2019, 02:25 PM,
#79
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
मैंने उसके हाथ चूत पर से हटा दिए और उसकी चूत अब मेरे सामने अनावृत थी. कम्मो मेरे सामने मादरजात नंगी लेटी थी. ट्यूबलाइट की तेज रोशनी में उसका जवां हुस्न मेरे तन मन में हाहाकार मचाने लगा.
फिर मैंने कम्मो की चूत का जायजा लिया, उसकी चूत का चीरा खूब लम्बा था और बुर के होंठ भी खूब भरे भरे से गद्देदार थे. उसकी पुष्ट कदली जांघों के बीच उसकी चूत का नजारा बेहद शानदार था. चूत का भी अपना निराला सौन्दर्य, निराला वैभव और शान होती है. जिससे हम जन्म लेते हैं जिसके पीछे सारी उमर भागते हैं. जिसके आनन्द के सामने सब सुख फीके हैं उसका रूप भी आनंददायक तो होना ही चाहिए.

मैंने मुग्ध होकर उसकी चूत को चूम लिया. फिर मैंने धीरे से उसकी चूत का चीरा दोनों ओर उंगलियां रख के खोल दिया; भीतर जैसे रसीले तरबूज का गहरा लाल गूदा भरा हुआ था; उसकी चूत का दाना मटर के आकर का फूला हुआ सा था और भीतरी होंठ मुश्किल से तीन अंगुल लम्बे रहे होंगे. मैंने उसके लघु भगोष्ठ भी खोल दिए और उन्हें चूम लिया. कम्मो की चूत के भीतरी कपाट बड़े अदभुत लगे मुझे; भीतरी भगोष्ठों के किनारों पर गहरी काली रेखा सी थी जैसे किसी गुलाबी नाव के किनारों पर काजल लगा दिया हो या जैसे हम आंख में अपनी निचली पलक पर काजल लगाते हैं तो आंखों की शोभा और बढ़ जाती है; ठीक उसी अंदाज में कम्मो की चूत शोभायमान हो रही थी.

“कम्मो, कितनी प्यारी प्यारी मस्त चूत है तेरी; इसे चख कर तो देखूं जरा!” मैंने कहा और अनारदाना चाटने लगा.
Image
कम्मो की चूत की बास बहुत ही कामोत्तेजक लगी मुझे; मैंने उस गंध को गहरी सांस लेकर अपने भीतर तक समा लिया और दाने के नीचे नाव की गहराई में अच्छे से जीभ घुसाकर लप लप करके चाटने लगा. बिल्कुल मलाई कोफ्ता या रसमलाई के जैसी नर्म गर्म रसीली चूत थी कम्मो रानी की.

“छी अंकल जी … वहां गन्दी जगह मुंह क्यों लगा रहे हो?” उसने प्रतिवाद किया. लेकिन मैंने उसकी बात अनसुनी करते हुए उसकी चूत चाटना जारी रखा और साथ में उसके दोनों दूध भी दबाता मसलता रहा. जल्दी ही उसकी चूत से रस की नदियाँ बहने लगी और उसके निप्पलस कड़क हो चले. अब वो बुरी तरह मस्ता चुकी थी, मेरा मुंह उसकी चूत के ऊपर था तो उसने अपने दोनों पैर मेरी पीठ पर रख दिए और उन पर एड़ियाँ रगड़ने लगी, साथ में मेरे बाल पकड़ कर खींचने लगी.

Image
“अंकलल्ल जीईईई …” उसके मुंह से निकला और उसने मिसमिसा कर अपनी चूत जोर से उठा कर मेरे मुंह पर दे मारी … एक बार … दो बार … फिर तीसरी बार.
“अब आ जाओ जल्दी से!” कह कर उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरा सिर जोर से हिलाया. हालत तो मेरी भी खराब हो रही थी. मुझपर उस गोली का भरपूर असर हो चुका था और लंड कबसे तैयार खड़ा था और चड्डी में दबा आजादी मांग रहा था.

“आया हुआ ही तो हू मेरी जान …” मैंने कहा और अपना मुंह उसकी चूत से हटा कर उसे दबोच लिया और चूत रस से गीले अपने होंठों से उसके गाल चूमने लगा.
“उफ्फ अंकल … मेरा मुंह भी गन्दा कर दिया न आपने!” उसने शिकायत की और मुझे परे धकेलने लगी.

“अच्छा अब जो करना हो जल्दी कर लो बहुत देर हो गयी वैसे भी; कहीं आंटी जी मुझे न ढूंढ रहीं हों!” वो व्यग्रता से बोली.
“अरे बेटा तू टेंशन न ले बिल्कुल. मैं अदिति को जानता हूं अच्छे से; वो तो मजे से ठुमके लगा रही होगी.” मैंने कहा.

“फिर भी जल्दी कर दो अब आप तो … मुझे पता नहीं कैसा कैसा लग रहा है.”
“क्या कर दूं मेरी जान?” मैंने उसके दोनों दूध कसके दबोचे.
“मुझे अपना बना लो जल्दी से!” कम्मो ने मेरे गले में अपनी बाहों का हार डाल के मुझे अपने से चिपटा कर बोली.

फिर मैं उसके ऊपर से उतर गया और अपनी पैंट उतार डाला और अपनी चड्डी भी फुर्ती से उतार दी. मेरा लंड आजाद होकर हवा में लहराया और उसने कम्मो को दो बार जम्प लगा कर सलाम ठोंका.
“अरे बाप रे इतनाआआ… बड़ा लौड़ा?” मेरा लंड देख कम्मो चकित होकर बोली; भय और आश्चर्य उसके चेहरे पर साफ़ झलक रहा था और वो डर कर थोड़ा पीछे हो गयी.
“और ये मोटा भी कित्ता ज्यादा है.” कम्मो मेरी तरफ देख शिकायत से बोली जैसे बड़ा मोटा लंड होने में मेरी कोई गलती हो गई हो.

मैंने कम्मो का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखने की कोशिश की पर वो आनाकानी करने लगी लेकिन मैंने जबरदस्ती उसे लंड पकड़ा ही दिया.
“कितना काला सा है ये देखने में ही डरावना लगता है और गर्म की कितना हो रहा है.” कम्मो बोली.
उसकी मुट्ठी में मेरा लंड जैसे ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा था.
मैंने कम्मो के हाथ पर अपना हाथ रखकर लंड को ऊपर नीचे किया जिससे मेरा सुपारा बाहर निकल आया. फिर मैं उसके दूसरे हाथ की उंगली अपने मुंह में घुसा के चूसने लगा.

“देख कम्मो, तुझे लंड को ऐसे चूसना है!” मैंने उसकी उंगली जोर से चूसी और छोड़ दी फिर जोर से चूसी और उसे समझाया.
“नहीं मैं नहीं मुंह लगाऊँगी इसे!” वो बोली.
मुझे पता था कि वो यही कहेगी तो मैंने उसकी चूत को उंगली से छेड़ना शुरू किया और दाना दबा कर हिलाने लगा. उसकी चूत में आग तो पहले से ही लगी थी मेरे ऐसे करने से वो और भी धधक उठी.

“अब और मत सताओ अंकल कुछ और करो जल्दी से!” वो जलबिन मछली की तरह तड़प कर बोली.
“तो फिर चूस ना लंड को जल्दी से, तभी तो करूंगा ना… बेटा ये एक रस्म होती है जो तू निभा दे जल्दी से!” मैंने उसे चूमते हुए कहा.
“ठीक है अंकल, सिर्फ एक बार चूसूंगी. फिर मत कहना कुछ!” वो मजबूर होकर बोली.
“ठीक है गुड़िया रानी, चूस दे जल्दी से!”

फिर मैं उसके ऊपर हुआ और लंड खोल कर सुपारा बाहर निकाल कर उसके गालों और होंठों पर घिसा. उसने अपनी आंखें कसकर मींच लीं.
“लो अब मुंह खोलो!” मैंने लंड से उसके मुंह पर पटक कर दो तीन बार नॉक किया. उसने डरते हुए मुंह खोल दिया और सुपारा चाट के मुंह में भर लिया और कोई आधे मिनट तक चूसती रही.
Image
मेरा मन तो किया कि लंड को उसके मुंह में और भीतर तक ठेल दूं पर मैंने वो इरादा फिर कभी के लिए पोस्टपोन कर दिया. थोड़ी देर बाद उसने लंड से मुंह हटा लिया और अपने दुपट्टे से मुंह पौंछ डाला.

“अब तो खुश हो गये न?” उसने मुझे उलाहना सा दिया.
मैं हंस कर रह गया.
“अच्छा अब जल्दी करो जो करना हो, बहुत टाइम ख़राब कर रहे हो आप!” वो बोली.
“तो फिर जल्दी लेट जा और अपनी चूत परोस दे लंड के सामने!” मैंने कहा.

कम्मो लेट गयी तो मैंने दो तकिये उसकी कमर के नीचे लगा दिए जिससे उसकी चूत अच्छे से उठ गयी. फिर मैंने उसकी चूत को खोल कर खूब चाटा जिससे वो और अच्छी तरह से गीली हो गयी. फिर उसकी टांगें उठा कर घुटने मोड़ दिए और लंड को उसकी चूत में चार पांच बार स्वाइप किया और उसके दाने पर लंड घिसा जिससे कम्मो झनझना गयी और आनन्द भरी किलकारी उसके मुंह से निकल पड़ी.
उसकी चूत का छेद स्वयमेव सांस लेता, कम्पन सा करता दिखाई दे रहा था.
Reply
07-26-2019, 02:25 PM,
#80
RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
“कम्मो बेटा, चूत कायदे से परोसी जाती है लंड के सामने!” मैंने कहा तो उसने असमंजस से मेरी तरफ देखा जैसे मेरी बात उसकी समझ न आई हो.
“देखो बेटा, लंड के स्वागत के लिए अपनी चूत पर अपने दोनों हाथ रखो और उंगलियों से इसका दरवाजा पूरी तरह खोल दो अच्छे से. कल तेरी शादी हो जायेगी और तू पराये घर चली जायेगी इसलिए सब सीख ले पहले ताकि तेरा पति खुश रहे तेरे से!” मैंने कहा तो मेरी बात सुनकर कम्मो की हंसी छूट गयी.

“लो अंकल जी, आप तो मुझे से सिखा पढ़ा कर भेजना ससुराल!” वो बोली और उसने अपनी बुर के होंठों को अपने हाथों से खूब अच्छे से खोल के चूत परोस दी मेरे फनफनाते लंड के सामने.
Image

अब मैंने अपने लंड को जन्नत का दरवाजा दिखाया और उसे एक हाथ से दबा लिया ताकि वो फिसले न; फिर मैंने कम्मो की आंखों में झांका. डर और आशंका की परछाईयाँ वहां तैर रहीं थीं.
“कम्मो, तैयार?”
“मेरा पहली पहली बार है अंकल जी!” वो बोली.
“बस थोड़ा सा चुभेगा; सह लेना. आवाज नहीं निकालना. ठीक है?”
उसने सहमति में सिर हिलाया और अपना निचला होंठ दांतों से दबा लिया.

मैंने लंड को हल्का सा चूत पर दबाया और कमर को जरा सा पीछे करके फिर पूरी ताकत से लंड उसकी धधकती चूत में धकेल दिया. कम्मो के मुंह से घुटी घुटी सी आवाज निकली लेकिन उसने अपनी बहादुरी का परिचय दिया और लंड का पहला वार झेल गयी अपनी चूत में. फिर मैंने एक बार और उसे अच्छे से अपनी ग्रिप में लिया और एक धक्का और … इस बार पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में धंस गया और मेरी झांटें उसकी झांटों से जा मिलीं.

कम्मो मेहनतकश लड़की थी तो वो दर्द को पी गयी. उसकी आंखों में आंसू छलछला उठे थे पर उसने ज्यादा हाय तौबा नहीं मचाई और जैसे तैसे खुद को संभाले रही.
कुंवारी बुर में लंड आराम से तो कभी घुसने वाला है नहीं जब तक जोर नहीं लगेगा चूत बिल्कुल भी जगह नहीं देगी. इसीलिए कहते हैं कि चूत को मारना पड़ता है, मारा जाता है लंड से तब कहीं जा के वो घुसने देती है लंड को.

कम्मो की चूत बेहद कसी हुई निकली उसकी चूत ने मेरे लंड को इस कदर कसके भींच रखा था कि जैसे किसी शेरनी के जबड़े में पहला शिकार फंसा हो. मैंने लंड को बाहर खींचना चाहा तो चूत लंड को ऐसे दबोचे थी कि पूरी की पूरी चूत ही लंड के साथ खिंच के बाहर की तरफ आने लगती थी. मैंने थोड़ा धैर्य रखना उचित समझा और रुक गया. कम्मो को चूमने पुचकारने दुलारने लगा. मेरे ऐसे प्यार जताते ही उसकी रुलाई फूट पड़ी.
आखिर थी तो कच्ची कली ही.

उसके चेहरे और माथे पर इतनी सर्दी में भी पसीना छलक उठा था. मैंने दुपट्टे से उसका माथा गाल सब अच्छे से पोंछ डाले और उसे अपने सीने से चिपका लिया और उसके बालों में हाथ फेरते हुए उसे छोटी बच्ची की तरह दुलारने लगा.
कम्मो की टाँगे अब दायें बाएं पूरी चौड़ाई में फैलीं हुईं थीं और उसकी चूत में मेरा लंड किसी खूंटे की तरह अडिग गड़ा हुआ था.

“अब कैसा लग रहा है मेरी बिटिया रानी को?” मैंने उसके दोनों मम्में दबोच कर उसके होंठ चूम कर पूछा.
“अंकल निर्दयी हो आप. दया ममता तो है नहीं आपके दिल में बिल्कुल!” वो भरे गले से बोली.
“नहीं बेटा, ऐसे नहीं कहते. मैं आराम से करता तो हो ही नहीं पाता. आई एम सॉरी बेटा!” मैंने उसे सांत्वना दी.
वो कुछ नहीं बोली चुप रही.

थोड़े ही समय बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे लंड पर चूत की पकड़ कुछ ढीली पड़ी है. मैंने धीरे से कोई दो तीन अंगुल लंड को बाहर की तरफ खींचा तो इस बार चूत साथ नहीं आयी. कम्मो का चेहरा भी अब कुछ शान्त नजर आ रहा था और उसकी सांसें भी नार्मल, व्यवस्थित रूप से चलने लगीं थीं.
मैंने लंड को अब अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. कम्मो के मुंह से कामुक कराहें निकलनें लगीं. जाहिर था कि उसे अपनी पहली चुदाई का मज़ा आने लगा था. इस तरह मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करता रहा. थोड़ी ही देर बाद उसकी चूत अच्छे से पनियां गयी और लंड सटासट इन आउट इन होने लगा.
Image
अब मैंने लंड को अच्छे से बाहर तक निकाल निकाल कर वापिस चूत में पेलना शुरू किया तो कम्मो को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी चूत उठा उठा कर मेरे लंड से लोहा लेने लगी. जल्दी ही चुदाई अपने शवाब पर आ गई और चूत लंड में घमासान मच गया. लंड अब बड़े मजे से गचागच, सटासट उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा था.

“कम्मो बेटा, मेरा लंड खाकर अब तू लड़की से औरत बन गयी अब तो मजा आ रहा है न मेरे लंड का?” मैंने उससे पूछा. वो कुछ नहीं बोली और उसने अपना मुंह मेरे सीने में छुपा लिया और अपनी उंगली से मेरी छाती पर कुछ लिखने लगी.
“तू डर रही थी न मेरे लंड से. अब यही लंड तुझे अच्छा लगने लगा है न!” मेरी बात सुन के कम्मो ने सिर हिला कर हामी भरी.

Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,408,733 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,095 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,194,904 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 903,217 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,602,866 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,036,905 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,878,591 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,812,109 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,939,966 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,435 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)