bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-01-2019, 05:54 PM,
#41
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना(मन में सोचते हुए): शराब इंसान को क्या बना देती है, शायद शराब के नशे में बिहारी काका उस दिन सब भूल गये. फिर उसे बिहारी पर दया भी आई कि कैसे एक नौकर अपनी उमर और इज़्ज़त की परवाह ना करते हुए एक लड़की से उसके मालिक से शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा था ताकि उसका मालिक ठीक हो जाए. आशना ने सोचा शायद बिहारी काका ने वीरेंदर को शादी करने पर मजबूर किया होगा पर वीरेंदर ही नहीं माना होगा. इस लिए काका को यह सब करना पड़ा. 

अपने दिल मैं बिहारी को माफ़ करके आशना वीरेंदर के रूम की तरफ चल दी. आशना ने नॉक किया तो वीरेंदर की आवाज़ आई. काका: बस दो मिनिट, बाथरूम मे था, कपड़े पहन रहा हूँ. आशना हैरान रह गई कि वीरेंदर खुद ही टाइम पर उठ गया है. थोड़ी देर बाद वीरेंदर ने दरवाज़ा खोला तो सामने खड़ी आशना के मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर हैरान रह गया. उस वक़्त आशना सचमुच किसी अप्सरा के कम नहीं लग रही थी. गोल चेहरा, बड़ी बड़ी हिरनी जैसे आँखे, चमकता हुआ बेदाग गोरा चेहरा, शीलनी गुलाबी होंठ और सिर के बालों पर कही कहीं पानी की बूंदे, वीरेंदर तो मंत्रमुग्ध होकर उसे देखता ही रहा. 

आशना(मन मैं सोचते हुए): शायद जनाब का दिल रात को मेरे सोए चेहरे को देख कर भरा नहीं जो अब यहीं बुत बन गये. 

आशना: ज़मीन पर आइए राजकुमार वीरेंदर शर्मा. 

वीरेंदर एक दम हड़बड़ा गया और बोला: तुम तो तैयार भी हो गई. 

आशना: मैं तो कब की तैयार हूँ, जनाब हैं कि अभी तक सो रहे थे. 

वीरेंदर: नहीं ऐसा है कि रात को नींद अच्छी नहीं आई, बार बार नींद टूट रही थी. 

आशना कमरे मे अंदर आ जाती है और ट्रे टेबल पर रख देती है. आशना सोचने लगती है "जनाब को रात को नींद कहाँ से आएगी, चोर जो है मन में". सो जाते तो वो कैसे कर सकते थे जो दो दिन से कर रहे हैं. 

वीरेंदर आशना को चुप देखता हुए सोचता कि वो आशना से किस तरह माफी माँगे और उसे कैसे यकीन दिलाए कि बीना के साथ जो भी किया उसपर उसका कोई कंट्रोल नहीं था. उसके साथ अक्सर होता है जब भी उसके लिंग में तनाव आता है और वो जानवर बन जाता है. वीरेंदर को पता था कि आशना इस बात को नहीं मानेगी और ना ही कभी समझ पाएगी. वो तो उसे ही ग़लत मानेगी क्यूंकी डॉक्टर. बीना तो उसकी मोम की फ्रेंड है और अब वो भी उनको माँ की तरह ही मानती है. 

फिर भी वीरेंदर ने हिम्मत करके कहा: आशना मुझे तुमसे कुछ बात करनी है. 

आशना चौंक कर अपने ख़यालो से बाहर आती है. आशना ने चाइ का कप वीरेंदर को दिया और एक खुद ले लिया. 

आशना: पहले मुझे अपना जिम दिखाओ. दोपहर को जब घूमने जाएँगे तो जितनी मर्ज़ी बातें कर लेना. आशना को लगा कि शायद वीरेंदर उस से कल के सवाल का जवाब माँगेगा इसलिए उसने उसे टाल दिया. आशना का जवाब सुनकर वीरेंदर का मन थोड़ा हल्का हुआ. उसे लगा कि शायद आशना उसे माफ़ कर देगी. उसने मन मे ठान लिया कि आज कुछ भी हो जाए आशना से माफी माँग कर वो उसे प्रपोज़ कर ही देगा.

चाइ पीने के बाद दोनो जिम मे पहुँच गये. वीरेंदर ने बिहारी को नाश्ते मे आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया और बिहारी सीधा किचन मे चला गया लेकिन इस बार वो जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर निकला उसने मूड कर पीछे से आशना की लहराती और बलखाती हुई गान्ड को देख कर हवा मे एक चुम्मि उछाल दी. 

बिहारी जैसे ही आशना के पास से सिर झुका कर गुज़रा तो आशना के दिल मे उसके लिए इज़्ज़त और भी बढ़ गई. उसने मन में सोचा कि बेकार ही उसने बिहारी के बारे मैं ग़लत सोचा.उसे क्या मालूम था कि बिहारी जैसा कमीना आदमी कभी सुधर ही नहीं सकता. 

आशना: वीरेंदर आपने तो अपने लिए आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया पर मैं क्या खाउन्गी. 

वीरेंदर: क्यूँ?? तुम परान्ठे नहीं खाती क्या??. 

आशना: परान्ठे! ईयीई. कितना फॅट होता है उनमे. मैं मोटी हो जाउन्गी. 

वीरेंदर: अगर थोड़ी सी मोटी हो भी गई तो ज़्यादा अच्छी लगोगी. 

आशना: जी नहीं मैं तो ऐसे ही ठीक हूँ, पहले ही काफ़ी मोटी हूँ. 

यह सुनते ही वीरेंदर ने आशना के पेट की तरफ देखा और बोला: इतनी पतली कमर है तुम्हारी और तुम कहती हो कि तुम मोटी हो. 

आशना: पतली !!! अरे पहले तो यह 22" थी अब शायद 24" की तो हो ही गई होगी. 

वीरेंदर:मैं नहीं मानता, 20"-22" से तो बिल्कुल भी ज़्यादा नहीं लगती. 

आशना ने वीरेंदर को अपनी कमर की तरफ घूरते हुए पाया तो उसने शरमा कर दूसरी तरफ मूह फेर लिया. 

आशना: अच्छा चलो अब, जल्दी से एक्सररसाइज़ कर लो और तैयार होकर नाश्ता कर लो, फिर पूरा दिन मुझे घुमाना भी तो है. 

आशना-वीरेंदर दोनो जिम पहुँचे. जिम क्या, हर तरह की बड़ी बड़ी मशीनो से घिरा एक बहुत बड़ा हॉल था. पूरा हाल काफ़ी वेंटिलेटेड और हाइगियेनिक था. इतनी मशीन्स देखने के बाद तो आशना हैरान रह गई. 

आशना: आप सारी मशीन्स यूज़ करते हो. 

वीरेंदर: अभी 10-12 दिन पहले तो मैं 2-3 घंटे डेली वर्काउट कर ही लेता था. 

आशना: बाप रे, इतना टाइम? किसी बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन्षिप में हिस्सा लेना है क्या.

वीरेंदर(ठहाका मारते हुआ): बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की कभी सोची नहीं पर अब तुमने आइडिया दिया है तो ज़रूर सोचूँगा. 

आशना: जी नहीं, आप बस अपनी सेहत का ख़याल रखें और कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है. 

वीरेंदर: मेरी सेहत का ख़याल तो तुम्हें ही रखना है. 

आशना ने चौंक कर वीरेंदर की तरफ देखा तो वीरेंदर झट से बात पलट कर बोला: क्यूँ?? डॉक्टर. ही तो अपने पेशेंट्स की सेहत का ख़याल रखते हैं. 

आशना बस मुस्कुरा दी और आँखें झुका कर हां मे हामी भरी. 

वीरेंदर: तुमने तो नहा भी लिया वरना मैं तुम को भी दो तीन एक्सरसाइज़ज़ सिखा ही देता. 

आशना: ना बाबा ना, इतनी भारी मशीनो को तो दूर से ही प्रणाम. मैं तो फिट रहने के लिए कभी कभी योगा कर लेती हूँ. 

वीरेंदर: ओह हो तो मेडम जी "बाबा रामदेव " जी की फॅन हैं. 

आशना यह सुन कर हँसने लगी. 

आशना: आपको देख कर लगता नहीं था कि आप इतनी बातें बनाना भी जानते हैं. 

वीरेंदर: बातें बनाना तो बहुत आती हैं इस बंदे को मगर कभी कोई मिला ही नहीं सुनने वाला. 

आशना: वाला या वाली?? 

वीरेंदर: कुछ भी समझ लो. 

आशना: अच्छा, चलो अब मैं आ ही गई हूँ तो सारी बातें मुझे ही बता देना.

वीरेंदर: जो हुकुम सरकार. 

आशना: अच्छा तुम एक्सररसाइज़ कर लो मैं किचन मे जाकर अपने लिए कुछ लाइट सा बना लेती हूँ. तुम भी जल्दी से आ जाना. 

वीरेंदर: बस आधे घंटे मैं बंदा आपके सामने हाज़िर होगा. बड़े दिन बाद एक्सररसाइज़ करनी है तो थोड़ा ही करूँगा ताकि बॉडी थोड़ी खुल जाए. 


आशना जिम से सीधा किचन मे आ गई. बिहारी काका किचन मे बाय्ल्ड पटेटोज को मेश कर रहे थे. 

आशना: काका क्या कर रहे हो. 

काका ने बिना उसकी तरफ देखे जवाब दिया. काका: दबा रहा हूँ........... मेरा मतलब आलू उबाल गये हैं इन्हे मसल रहा हूँ.
Reply
02-01-2019, 05:54 PM,
#42
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना ने एक बार बिहारी की बात पर गौर किया और फिर सिर झटक कर उसकी बात कान से निकाल दी. 

आशना: देसी घी में बनाना वीरेंदर के लिए परान्ठे. इतनी कसरत करते हैं तो शरीर को घी भी तो चाहिए और वैसे भी बीमारी की वजह से काफ़ी कमज़ोर भी हो गये हैं. 

बिहारी: बहुत घी है उनके अंदर, तभी तो इतनी कसरत करनी पड़ती है उन्हे. 

आशना बिहारी की बात सुनकर सोच में पड़ जाती है. उसे लगता है शायद बिहारी जानता नहीं कि किसी के साथ कैसी बात की जाती है, वो उसे गँवार समझ कर उस की डबल मीनिंग बातों को लाइट्ली लेने लगती है. 

काका: वीरेंदर ने शादी क्यूँ नहीं की, अब तो उनकी उमर भी काफ़ी हो गई है. 

बिहारी: पता नहीं बिटिया, पर जब से छोटे मालिक के परिवार के साथ वो हादसा हुआ है वो काफ़ी टूट गये हैं. पहले तो फिर भी मेरी बात सुनते थे पर जब मैने उनको शादी के लिए ज़ोर देना शुरू किया तो वो मुझसे भी कम ही बात करते है. अब तो ऐसा है कि वीरेंदर बाबू सिर्फ़ कम होने पर ही मुझसे बात करते हैं. 

आशना: लेकिन इस से तो कोई हल नहीं निकलेगा. 

बिहारी: मैं जानता हूँ बिटिया. इसी लिए उस दिन परेशान होकर नशे मे तुमसे ऐसी बात कर बैठा. मालिक की यह हालत अब मुझसे देखी नहीं जाती. मुझे तो यह लगता है कि वीरेंदर बाबू शायद ही कभी शादी करेंगे. 

आशना: ऐसा क्यूँ??. 

बिहारी: सुना है कि वीरेंदर बाबू किसी लड़की से प्यार करते थे, उस लड़की ने इन्हे धोखा दे दिया तब से वीरेंदर बाबू अकेले ही जिए जा रहे हैं और अंदर ही अंदर घुटे जा रहे हैं. 

आशना: काका, क्या अपने उस लड़की को देखा था? 

बिहारी: अब इतना याद तो नहीं लेकिन यहीं पास में ही रहती थी. काफ़ी छोटी थी जब मैने उसे देखा था. फिर वो अपनी पढ़ाई करने कहीं चली गयी और उसके बाद तो कहीं मिली भी होगी तो मैं नहीं जानता. आशना बिहारी की बातें सुनकर अंदाज़ा लगाती है कि बिहारी को इस मामले में ज़्यादा पता नहीं होगा. 

आशना: लेकिन कभी ना कभी तो उन्हे शादी करनी ही पड़ेगी ना. आज नहीं तो कल उन्हे सहारे की ज़रूरत तो पड़ेगी ना. 

बिहारी: मैने लाख समझाया पर वीरेंदर बाबू है कि टस से मस नहीं होते. इसी लिए उस दिन वीरेंदर बाबू को तुमसे अच्छी तरह से बात करते देखा तो मैं रह नहीं पाया और तुम्हारे सामने इस तरह का प्रस्ताव रखा. मैं जानता हूँ कि किसी भी लड़की के लिए इस तरह का प्रस्ताव मानना बहुत मुश्किल है. मगर मैं समझता हूँ कि एक औरत को चाहिए ही क्या. दो वक़्त की रोटी और रहने को छत. मुझे पता है कि तुम बहुत महत्वाकान्छि लड़की हो मगर मैं यह भी जानता हूँ कि वीरेंदर बाबू का ख़याल तुमसे ज़्यादा और कोई नहीं रख सकता. 

आशना, बिहारी की इस बात से चौंक जाती है. आशना: वो कैसे?. 

बिहारी ने बात संभालते हुए कहा डॉक्टर. जी ने बताया के तुमने खुद ज़िद करके वीरेंदर बाबू की देख-भाल करने के लिए अपना नाम उन्हे सुझाया है. भगवान करे तुम एक बहुत अच्छी डॉक्टर. बनो.

आशना सोचती है कि डॉक्टर. बीना को शायद बिहारी से झूठ बोलना पड़ा होगा ताकि बिहारी को कोई शक़ ना हो. 

आशना: वो तो ठीक है काका पर हमे कुछ तो करना ही होगा. 

बिहारी: देखो बिटिया, इतने सालो मे वीरेंदर बाबू की ज़िंदगी में कोई लड़की नहीं आई तो इतना तो तय है कि वीरेंदर बाबू किसी भी लड़की को अपने पास फटकने भी नहीं देंगे.तुम इस घर में इसलिए हो क्यूंकी तुम एक डॉक्टर. हो, तो फिर बताओ भला वीरेंदर बाबू की ज़िंदगी मे तुम्हारे सिवा कोई लड़की कैसे आ सकती है. 

आशना को भी बिहारी की बातों मे सच्चाई लगी. 

बिहारी: बेटी मेरी बात ग़लत ज़रूर है पर इसके अलावा मुझे कोई और रास्ता नज़र नहीं आता. हो सके तो मेरी बातों को अब ठंडे दिमाग़ से सोचना. 

तभी वीरेंदर घर में एंटर होता है. वीरेंदर: काका ऑरेंज जूस लाओ, बहुत पसीना निकल रहा है. 

आशना ने किचन से ऑरेंज जूस ग्लास मे डाल कर हाल मे बैठे वीरेंदर की तरफ बढ़ाया जो की आँखें बंद करके चेर पर टेक लगाए बैठा था. आशना के प्रफ्यूम की खुश्बू से उसने आँखें खोली तो सामने आशना को खड़ा पा कर मुस्कुराते हुए बोला. लगता है आप ने मेरी आदतें बिगाड़ने की ठान ही ली है. 

आशना: मैं कुछ समझी नहीं. 

वीरेंदर: डॉक्टर. आप भूल रही हैं कि आप बस कुछ दिन ही मेरी देखभाल के लिए आई हैं, सोचिए जब आप चली जाएँगी तो मेरा क्या होगा. यह सुनकर आशना को वास्तविकता का आभास हुआ. वो तो वाकई यहाँ कुछ दिनो के लिए ही आई है. 

आशना: अच्छा तो अब आप मुझे जल्दी से यहाँ से भेजना चाहते हैं. 

वीरेंदर:क्यूँ, आप नहीं जाना चाहती क्या?

वीरेंदर के इस सवाल से आशना के दिल की धड़कनें बढ़ गई और उसे कुछ जवाब देते ना बना.

आशना ने बात बदलते हुए कहा. बाद की बात बाद मे करेंगे मिस्टर. वीरेंदर, आप जल्दी से फ्रेश होकर नीचे आ जाइए, काका ने आपका नाश्ते की तैयारी पूरी कर दी है. जल्दी से जाइए और जल्दी से आकर गरम गरम नाश्ता कर लीजिए. 

वीरेंदर: आज तो हमे आपके हाथ के परान्ठे ही खाने हैं. बना दोगि तो पेट भर कर खा लेंगे वरना आज तो पूरा दिन उपवास और इतना कह कर वीरेंदर सीडीयाँ चढ़ने लगा. 
Reply
02-01-2019, 05:54 PM,
#43
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना जूस का खाली ग्लास उठाकर किचन की तरफ चल दी. किचन के बाहर खड़े मंद मंद मुस्कुराते हुए बिहारी काका को देख कर उसके कदम वही रुक गये. 

बिहारी: लगता है अब मेरी नौकरी ख़तरे में आ गई है.चलो भाई हम कोई और काम कर लेते हैं. आज तो आप ही बना कर खिला दो वीरेंदर बाबू को देसी घी के परान्ठे. आशना सिर झुकाए किचन मे घुस गई. 

बिहारी ने दरवाज़े के पास खड़े होकर ही कहा"आज इतने सालों बाद छोटे मालिक खुश दिख रहे हैं, भगवान इनकी खुशी को नज़र ना लगाए". बिहारी चला गया अपना जाल बिछाकर और आशना भी मुस्कुराती और शरमाती हुई वीरेंदर के लिए देसी घी के परान्ठे बनाने लगी.आशना सोच रही थी कि अगर भैया इसी मे खुश हैं तो भगवान ऐसा करना कि उनकी खुशी को सच में नज़र ना लगाना. 

सुबह लिए हुए सारे डिसिशन आशना को बेबुनियाद लगने लगे और वो एक प्रेमिका की तरह अपने प्यार के लिए दिल लगा कर नाश्ता तैयार करने लगी. वीरेंदर ने उंगलियाँ चाट चाट कर परान्ठे खाए और आशना की खूब तारीफ की. आशना ने अपने लिए नाश्ते में दूध और बिस्किट लिए. वीरेंदर की तारीफ से आशना का चेहरा शरम से गुलाबी हो गया था. वो वीरेंदर से ढेर सारी बातें करना चाहती थी मगर जैसे ही वो वीरेंदर की तरफ देखती शरम से उसकी आँखें झुक जाती. आशना ने कई बार हिम्मत करके वीरेंदर को कुछ कहने के लिए उसके चेहरे की तरफ देखा पर हर बार वो शरमा जाती. नाश्ता करने के बाद वीरेंदर तैयार होने उपर चला गया और आशना भी अपने रूम मे जाकर अपने मेकप को फाइनल टच देने लगी. 

करीब 9:45 पर दोनो इकट्ठे ही सीडीयों से उतर रहे थे. वीरेंदर ब्लू जीन्स और ब्लॅक ब्लेज़र मैं काफ़ी स्मार्ट लग रहा था. अंदर से पहनी हुई वाइट टी-शर्ट भी उसपर काफ़ी जच रही थी . आशना ने आँखों ही आँखों मे वीरेंदर की लुक्स की तारीफ की.

बिहारी काका ने आशना की तरफ देख कर उसके आगे हाथ जोड़ कर उस से प्रार्थना की, जैसे कह रहे हों कि "सब ऐसा ही चलने दे", जिसे आशना ने अपनी दोनो आँखे झुका कर स्वीकार किया.जैसे ही आशना -वीरेंदर बाहर निकले, बिहारी खुशी से झूम उठा. 

बिहारी: साली बहुत भोली है रे यह तो इसकी लेने मैं बहुत मज़ा आने वाला है. काश वीरेंदर इसकी गान्ड छोड़ दे मेरे लिए. मैं तो अभी से परेशान हूँ कि यह तो चीख चीख कर सारा घर उठा लेगी. बिना तैल के ही चोदुन्गा मैं तो इसकी गदराई मांसल गान्ड.

वीरेंदर गाड़ी निकाल कर गेट पर पहुँचा जहाँ आशना उसका वेट कर रही थी. आशना के पास पहुँच कर वीरेंदर ने गाड़ी की ब्रेक लगाई और गियर न्यूट्रल करके हॅंडब्रेक लगा दी. वो झट से अपनी खिड़की खोल कर बाहर निकला और आशना की तरफ जाकर उसकी तरफ का डोर खोल दिया. 

वीरेंदर: राजकुमारी जी अपने पावं इस नाचीज़ की गाड़ी पर रखकर इसे बेशक़ीमती बना दीजिए. 

आशना को वीरेंद्र की यह हरकत बहुत रोमांचित कर गई. वो मुस्कुरा कर गाड़ी मे बैठ गई और सोचने लगी कि वो तो पहले ही इस गाड़ी मे बैठ चुकी है जब वीरेंदर हॉस्पिटल मे था. वीरेंदर भी जल्दी से गाड़ी मे बैठ गया और आशना की तरफ देख कर बोला: तो कहाँ चलें?? 

आशना ने वीरेंदर की तरफ हैरानी से देखा और बोली: मुझे क्या पता?. मैं तो इस शहर में नयी हूँ. 

वीरेंदर उसकी बात सुनकर चौंक गया. 

आशना भी अपनी ग़लती ताड़ गई और झट से बोली: मेरा मतलब, पूरा दिन डॉक्टर. बीना के साथ हॉस्पिटल में रहकर मुझे ज़्यादा घूमने का मोका ही नहीं मिला इस शहर मे, मैं क्या बताऊ. 

वीरेंदर: तो फिर क्या किया जाए, घुमा तो मैं भी नहीं हूँ काफ़ी अरसे से. बस ऑफीस से घर और घर से ऑफीस. 

आशना: तो पहले आपके ऑफीस ही चलते हैं. 

वीरेंदर: थ्ट्स ग्रेट. तो चलो पहले वहीं चलते हैं, ऑफीस का काम भी देख लूँगा और फिर कहीं घूम भी लेंगे. इतना कह कर वीरेंदर ने गाड़ी ऑफीस की तरफ दौड़ा दी. 

आशना ने गाड़ी का सीडी प्लेयर ऑन किया तो जगजीत सिंग की ग़ज़ल बजने लगी "प्यार का पहला खत लिखने में वक़्त तो लगता है, नये परिंदो को उड़ने में वक़्त तो लगता है" 

आशना(वीरेंदर की तरफ देखते हुए): आपको ग़ज़ले पसंद हैं. 

वीरेंदर: तन्हाई मैं यही तो सहारा बनती हैं. इतना सुनकर आशना खामोश हो गई. 

थोड़ी देर बाद आशना ने सीडी पिलेइर बंद कर दिया. 

वीरेंदर ने सवालिया नज़रों से उसे देखा तो आशना बोली: अब आप तन्हा नहीं हैं और यह कह कर उसने अपने चेहरा सामने करके निगाहें झुका ली. कुछ देर गाड़ी में खामोशी छाइ रही. तभी वीरेंदर का मोबाइल बजा "कहता है पल पल तुमसे". वीरेंदर ने फोन की तरफ देखा तो बीना का नंबर. था. वीरेंदर के दिमाग़ में फॉरन कल वाली बात दौड़ गई. उसने ठान लिया था कि वो अब कभी बीना से बात नहीं करेगा. आख़िर आशना ने उसे माफ़ कर दिया है तो उसके लिए इतना ही काफ़ी था. (वीरेंदर यही समझता था कि आशना को उसके और बीना के बारे मे पता लग गया है).

आशना: कितनी देर से फोन बज रहा है उठाते क्यूँ नहीं. 

वीरेंदर:वो घड़ी चलाते वक़्त फोन पर बात करूँगा तो चालान हो जाएगा. 

आशना उसे देख कर मुस्कुरा दी और बोली लाओ मुझे दे दो.

वीरेंदर एक दम पशोपेश मे पड़ गया. अगर आशना ने बीना से बात कर ली तो उसका आज का दिन खराब हो जाएगा. अभी वो यह सब सोच ही रहा था कि फोन कट गया. वीरेंदर ने चैन की सांस ली और फोन डॅशबोर्ड पर रख दिया. अभी वीरेंदर की साँसें नॉर्मल भी नहीं हुई थी कि एक बार फिर से फोन बज उठा. आशना ने झट से फोन उठाया और पिक कर के अपने कानों से लगा लिया. वीरेंदर का कलेजा एक दम मूह को आ गया. 

आशना: हेलो.......... जी हां.........वो गाड़ी चला रहे हैं, आप बता दीजिए मैं उन्हें मेसेज दे देती हूँ................ थोड़ी देर बाद आशना ने फोन कट किया.आशना ने वीरेंदर की तरफ देखा, वीरेंदर को तो हार्ट अटॅक आने वाला था. पसीने की बूँदें उसके माथे पर उभर आई थी. इस से पहले कि वो कुछ बोलता, 

आशना बोल पड़ी: यह क्या हो रहा है? 

वीरेंदर को तो मानो काटो तो खून नहीं. 

वीरेंदर ना हिम्मत जुटा कर पूछ ही लिया: क्या? 

आशना: वकील साहब का फोन था, उन्होने कहा कि तुमने आज की अपायंटमेंट ली है दोपहर 1:00 बजे की.

इतना सुनते ही वीरेंदर की जान में जान आई. 

वीरेंदर:हां,हां वो याद आया आज तो उनसे मिलने जाना है, वो, वो मैं तो भूल ही गया था. 

आशना: आप ठीक तो हैं, पसीना क्यूँ आ रहा है आपको. 

वीरेंदर: नहीं वो शायद बहुत दिन बाद गाड़ी चला रहा हूँ ना इसलिए शायद, वीरेंदर ने बात संभालते हुए कहा. 

आशना: गाड़ी ही चला रहे हो कोई बैल गाड़ी नहीं और इतना कह कर हंस दी. 

वीरेंदर भी थोड़ा नॉर्मल हो गया. 

आशना: वकील साहब से क्या काम है?? 

वीरेंदर: तुम सवाल बहुत पूछती हो, तुमसे जो शादी करेगा बेचारा ज़िंदगी भर तुम्हारे सवालो के जवाब ही देता फ़िरेगा. 

इतना सुनते ही आशना शरमा गई. वीरेंदर ने आशना को शरमाते हुए देखा तो बोला "वैसे वो बड़ा ख़ुसनसीब भी होगा". आशना ने झट से नज़र उठाकर उसकी ओर देखा. 

वीरेंदर ने नज़रें सामने करके जवाब दिया: तुम जैसी लड़की तो किसी की भी ज़िंदगी संवार दे. 
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#44
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना ने बात टालते हुए पूछा: आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया, आप वकील साहब से क्यूँ मिलना चाहते हैं? 

वीरेंदर आशना के ज़िद्दी स्वहबाव से हैरान रह गया. 

वीरेंदर: कोर्ट मॅरेज करनी है. 

आशना ने हैरानी से वीरेंदर की तरफ देखा. 

आशण ने काँपते होठों से पूछा: लड़की कॉन है? 

वीरेंदर: फिर से सवाल. 

आशना ने वीरेंदर की आँखों में देख कर पूछा"लड़की कॉन है". 

एक बार तो आशना का चेहरा देख कर वीरेंदर भी खो गया. 

वीरेंदर: लड़की नहीं मिली अभी तक कोई. 

आशना ने मुस्कुराते हुए कहा"क्या"? 

वीरेंदर: लड़की नहीं मिली अभी तक पर लगता है अब जल्दी ही मिल जाएगी. वीरेंदर ने उसे चिडाने के लिए कहा: क्या तुम मेरे लिए लड़की ढुंढोगी.


इतना सुनते ही आशना के दिल को धक्का लगा. वो खुश भी थी कि वीरेंदर शादी करना चाहता है लेकिन उसे दिल ही दिल मैं कही दुख भी हो रहा था कि वो खुद उसे ही अपने लिए लड़की ढूँडने के लिए बोल रहा है. आशना के चेहरे के भावों को देखता हुए वीरेंदर समझ नहीं पा रहा था कि आशना के दिल मैं क्या चल रहा है. उसे तो लगा कि शायद इस बात की रियेक्शन से पता लग जाएगा कि वो उस से प्यार करती है या नहीं मगर उसके चेहरे पर आते जाते भावों को वो समझ नहीं पा रहा था.

वहीं आशना यह सोच कर परेशान थी कि वो वीरेंदर को किसी और का होने भी नहीं देना चाहती हूँ और उसे बिना सच बताए अपना कर उसकी और अपनी नज़रों मैं गिरना भी नहीं चाहती थी. पता नहीं क्यूँ पर आशना के मन में यह बैठ गया था कि वीरेंदर को उसके अलावा कोई समझ ही नहीं सकता और ना ही कभी कोई उसे खुश रख पाएगा उसके बिना. 

लेकिन वो इस सच को भी नहीं नकारना चाहती थी के वीरेंदर उसका बड़ा भाई है. इसी सोच मैं कब ऑफीस आ गया, उसे पता ही नही चला. उसकी तंद्रा तो तब टूटी जब वीरेंदर ने घड़ी की ब्रेक लगाई और एंजिन ऑफ किया. आशना ने हड़बदा कर सीट बेल्ट खोली और डोर खोलकर घड़ी से नीचे उतर गई. सामने एक बड़ी सी बिल्डिंग और उस पर एक बड़ा सा बोर्ड लगा था "शर्मा एलेक्ट्रॉनिक'स वर्ल्ड".आशना वीरेंदर का इंतज़ार किया बिना ही बिल्डिंग में दाखिल होने लगी. वीरेंदर गाड़ी को पार्क करके शोरुम के सामने आया तो देखा आशना अंदर जा चुकी थी. 

वीरेंदर: यह लड़की भी ना, अजीब ही है. इसके मन मैं क्या है कैसे पता करूँ. यह सोचते सोचते वीरेंदर अंदर दाखिल हुआ. 

सामने आशना खड़ी होकर एक एक चीज़ को बड़े ध्यान से देख रही थी. वीरेंदर को देख कर उसका मेनेज़र फॉरन उसके पास आया और वो दोनो बातों में बिज़ी हो गये. आशना सारे शोरुम को बड़े गौर से देख रही थी. ग्राउंड फ्लोर को अच्छी तरह से देखने के बाद वो सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर चली गई. उसे वीरेंदर की होश ही नहीं थी. इतनी आधुनिक एलेक्ट्रॉनिक चीज़ें उसने कभी देखी ही नहीं थी. वो हर एक एक्विपमेंट को देख कर हैरान थी. उसे लगा वो किसी और ही दुनिया मैं आ गई है. चलते हुए उसकी नज़र एक पिंक लॅपटॉप पर पड़ी तो उसे छुए बगैर वो रह ना सकी. नीचे बैठा वीरेंदर उसे अपने सामने लगी सीसीटीवी स्क्रीन पर देख रहा था. उसने मेनेज़र को उस लॅपटॉप को पॅक करवाकर गाड़ी में रखने को कहा. उसके बाद तो आशना ने जिस चीज़ को हाथ लगाया वो गाड़ी में पॅक होती गई. गाड़ी में लॅपटॉप,डिजिटल कॅमरा, मोबाइल, एक बहुत ही खूबसूरत झूमर और पता नहीं क्या क्या लोड हो चुका था. करीब दो घंटे तक आशना पूरा स्टोर देखती रही और उसकी ब्यवस्था को मन मे बसती रही. उसके बाद आशना ग्राउंड फ्लोर पर आई तो वीरेंदर के कॅबिन मे चली आई. 

आशना: तुम जहाँ बैठे हो और मैं कब से तुम्हारा वेट कर रही थी कि तुम मुझे अपना शोरुम दिखाओगे. 

वीरेंदर: वो थोड़ा काम देखने लग गया था. 

आशना: अभी कुछ दिन नो काम, बस आराम. 

वीरेंदर: जो हुकुम. 

वीरेंदर: बैठो मैने चाइ मँगवाई है, आती ही होगी. चाइ पीकर निकेलते हैं, रास्ते मे वकील से भी मिल लेंगे. 

आशना: लड़की से बात हो गई क्या? 

वीरेंदर: हो जाएगी, जल्दी क्या है. 

आशना: बिल्कुल जल्दी है, आप मुझे उसका नंबर. दीजिए मैं अभी उस से बात करती हूँ. 

वीरेंदर: नंबर???.मेरे पास तो उसका नंबर. भी नहीं है.

आशना: ऐसा कैसे हो सकता है, तुम शादी करने वाले हो लेकिन जिस लड़की से तुम्हें शादी करनी है उस लड़की का नंबर. भी नहीं पता. 

वीरेंदर: उस से फोन पर बात करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी. 

आशना: अच्छा तो जनाब फेस- टू-फेस बात कर चुके हैं उस लड़की से. 

वीरेंदर:फेस टू फेस ही बात हुई है उस से, मोबाइल नंबर. का तो मैने सोचा भी नहीं.

आशना: यह तो कोई बात नहीं हुई, उस बेचारी से कभी कभी फोन पर भी बात कर ही लिया करो. 

वीरेंदर: नंबर से याद आया, मेरे पास तो तुम्हारा नंबर. भी नहीं है. 

आशना वीरेंदर के इस तरह की बात से शरमा जाती है. 

आशना: मेरा नंबर. क्या करोगे, उसी का नंबर. लो जिस से तुम शादी करने वाले हो. 

वीरेंदर:तुम अपना नंबर तो दो, उसका नंबर. लेके मैं तुम्हें दे दूँगा तुम खुद ही उस से बात कर लेना. 

यह सुनकर आशना को एक बार फिर झटका लगा, उसके दिल मैं आया कि शायद वीरेंदर किसी और ही लड़की के बारे मे बात कर रहा हो. 

वीरेंदर: अब जल्दी से दे दो. 

तभी पीयान चाइ लेकर आ गया. चाइ के दो कप और कुछ स्नॅक्स रखने के बाद पीयान चला गया. आशना ने एक कप उठाकर वीरेंदर की तरफ बढ़ाया "यह लीजिए". 

वीरेंदर: दीजिए. इतना कह कर वीरेंदर आशना की तरफ देखने लगा. 

आशना: अब क्या है? 

वीरेंदर: नंबर. दीजिए. 
आशना ने उसे अपना नंबर. नोट करवाया.वीरेंदर ने उसे अपने मोबाइल मे फीड कर लिया. 

आशना: अब उस लड़की से नंबर. लेके मुझे भी देना ताकि मैं उस से बात करके आपकी शादी की बात आगे चला सकूँ. 

वीरेंदर: अब तो उसका नंबर. मिल ही गया समझो. 

वीरेंदर के ऐसा कहने से एक बार फिर से आशना कन्फ्यूज़ सी हो गई. आशना वीरेंदर के मन को समझ नहीं पा रही थी और वीरेंदर भी इतने सालों से बुरे दौर से गुजरने के बाद अपने एमोशन्स को आशना के सामने रख नहीं पा रह था. 
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#45
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना भी एक बार कन्फ्यूज़ हो कर रह गई कि आख़िर उसे करना क्या चाहिए. वो जानती थी कि वीरेंदर के साथ रहके तो वो कभी भी सही निर्णय नहीं ले पाएगी. एक तो वीरेंदर की हालत और फिर घर पर बिहारी काका का दबाव. वो दवाब मे आकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी जिस से कि बाद मे उसे सारी उम्र पछताना पड़े. वो एक इनडिपेंडेंट लड़की थी, आज तक अपने सारे डिसिशन उसने खुद ही लिए. लेकिन इस बार उसकी हिम्मत भी जवाब देने लगी थी, आख़िर इतने नाज़ुक मामले में कॉन अपने होश नहीं खो देता. आशना को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे. एक बार के लिए उसके दिमाग़ मे आता कि उसे वीरेंदर को छोड़ कर चला जाना चाहिए और फिर वीरेंदर की हालत, उसका अकेलापन देखकर वो अपने मन मे परिवेर्तन लाते हुए सोचती "क्या हुआ अगर यह ग़लत है तो, अपने भाई के भले के लिए ही तो कर रही हूँ". इसी पशोपेश मे वो काफ़ी परेशान हो गई थी. 

आशना-वीरेंदर चाइ पी कर वकील साहब के घर की ओर निकल गये. करीब 1:15 बजे उनकी गाड़ी वकील साहब के चेंबर के सामने खड़ी थी. आशना ने सामने बोर्ड पर नज़र डाली जहाँ लिखा था "सीनियर आड्वोकेट बी.एस. त्रिवेदी आंड असोसीयेट्स". 

वीरेंदर ने घड़ी रोक कर आशना से कहा: तुम यहीं बैठो मैं अभी आता हूँ. 

आशना: मैं भी चलती हूँ ना. 

वीरेंदर: अभी तुम्हारी ज़रूरत नहीं है.

आशना:तो मेरी ज़रूरत कब पड़ेगी??? यह पूछते हुए आशना का दिल धड़क रहा था.

वीरेंदर: जब तुम्हे विटनेस के रूप मे पेश करूँगा तब तुम चल सकती हो. 

वीरेंदर के इस मज़ाक ने आशना के मासूम दिल पर सूइयां चुभा दी और उसे लगा कि वीरेंदर उस के साथ सच मे फ्लर्ट कर रहा है. उसे लगा कि शायद वीरेंदर किसी और ही लड़की से प्यार करता है और उसी से शादी करना चाहता है. आशना मन मे सोचते हुए ही अपने आप से बातें करती रहती है, कभी वो वीरेंदर के लिए खुश होती तो कभी उसका मन खिन्न हो उठता. उसके सिर मे काफ़ी दर्द होने लगा. वो आँखें बंद करके सीट के साथ टेक लगा कर बैठ गई और पिछले दिनो हुए घटनाक्रम एक के बाद एक उसकी आँखों के सामने चलने लगे. अचानक आशना को कुछ याद आया. आशना ने जेब से मोबाइल निकाला और एक नंबर. डाइयल किया. कुछ देर बाद एक अलसाई सी आवाज़ आई: हेलो.

आशना: हाई प्रिया!!! 

वहाँ से एक दम चोन्कने की आवाज़ आई: आशना तू, कहाँ मर गई थी तू, तुझे पता है मैने कितनी बार तुझे कॉल करने की कोशिश की लेकिन तेरा फोन लगता ही नहीं था, अब तू कहाँ है. मुझे अभी आकर मिल और बता यह सब क्या हो रहा है. 

आशना: मेरी माँ, साँस तो ले और मुझे भी बोलने का मोका दे. 

आशना: पहले यह बता तू अभी कहाँ है? 

प्रिया: रूम मैं हूँ यार, कल नाइट की फ्लाइट थी अभी अभी सोई हूँ तूने कॉल कर दिया.

आशना: अच्छा चल ठीक तू सो जा और हां हो सके तो वेडनेसडे को लीव ले लेना, मैं वेडनेसडे को आ रही हूँ, फिर मिलकर ही तुझे सब बताउन्गी. 

प्रिया: बाइ, जल्दी आना मुझे तुझ से काफ़ी बातें करनी हैं. 

आशना: ओके, बाइ टके केर और आशना ने फोन काट दिया. 

प्रिया से बात करके आशना थोड़ा हल्का महसूस कर रही थी, प्रिया उसी के साथ फ्लाइट-अटेंडेंट थी और वो दोनो रूम पार्ट्नर भी थे. दोनो मे काफ़ी अंडरस्टॅंडिंग थी.आशना को जहाँ अभी एरलाइन्स जाय्न किए हुए केवल 7 महीने ही हुए थे वहीं प्रिया उस से 4 साल सीनियर थी. आशना और प्रिया एक दूसरे ही हर राज़ से वाकिफ़ थीं. आशना के भाई के बारे मे प्रिया के अलावा और कोई नहीं जानता था तो वहीं आशना भी जानती थी कि प्रिया ने इतने सालों मैं क्या कुछ किया है. प्रिया आशना की नेचर के बिल्कुल विपरीत, खुले अंदाज़ वाली मदमस्त हसीना और सेक्स को एंजाय करने वाली लड़की थी. इन दोनो मैं इतनी कैसी पट गई वो यह दोनो कभी समझ ही नहीं पाई. प्रिया का अफेर एरलाइन्स के ही पाइलट के साथ था. जब भी कभी प्रिया का ऑफ होता तो वो दोनो उस छुट्टी का खूब फ़ायदा लेते. आशना हमेशा अपनी ड्यूटीस उसी दिन रखवाती जिस दिन प्रिया ऑफ रखती. वो दोनो को मिलने का खूब मोका देती थी. 

प्रिया के बारे मैं सोचते सोचते आशना को वक़्त का पता ही ना लगा. उसे होश तो तब आया जब वीरेंदर गाड़ी मे बैठा और उसे देख कर बोला "मेरे बारे मे इतना मत सोचो, कहीं अपना दिल ना खो बैठो". आशना का चेहरा एकदम सुर्ख हो गया लेकिन फिर भी वो बोली "अपने दिल को ही समझा रही हूँ लेकिन यह कुछ मानने को तैयार ही नहीं". 

वीरेंदर, इतना सुनते ही खुश हो गया. वीरेंदर: काश यह भी तुम्हारी तरह ज़िद पर अड़ जाए तो अपना तो कल्याण हो जाएगा. 

आशना ने ज़ोर से ठहाका लगाया और बोली: सोच लो ऐसे ज़िद्दी दिल को संभाल पाओगे.

वीरेंदर: हमे संभालने का ज़िम्मा आपका है तो आपके लिए इतना तो कर ही सकता हूँ. धीरे धीरे दोनो एक नये रिश्ते के करीब आ रहे थे. 

आशना का मन किया कि अभी वीरेंदर को बाहों मे जकड ले मगर उस के दिमाग़ पर भाई का रिश्ता अभी भी भारी था. 

आशना ने मोबाइल मे टाइम देखा "ओह गॉड, 2:30 बज गये, इतना टाइम लगा दिया तुमने. घर से घुमाने लाए थे और आधा दिन तो तुम्हें काम मे ही लग गया. क्या कर रहे थे अंदर? 

वीरेंदर: वो कुछ पपर्स वकील साहब को तैयार करवाने के लिए बोला था तो उन्हे ही स्टडी करने मे टाइम लग गया. सारे पेपर्स स्टडी करके साइन कर दिए हैं, अपना काम तो हो गया. 

आशना: तुम तो कोर्ट मॅरेज करने वाले थे. 

वीरेंदर: एक ही तो शादी करनी है तो सोचा क्यूँ ना धूम धाम से करूँ. 

आशना: वैसे ख़याल बुरा नहीं है. 

वीरेंदर: तो कब की तारीख निकलवाऊ?. 

आशना ने वीरेंदर की बात सुनी तो एकदम धड़कने एकदम बढ़ने लगी और काँपते हुए उसने जवाब दिया "उसी से पूछ लेना फोन पर". 

वीरेंदर: यह भी ठीक रहेगा, हो सकता है सामने वो कुछ बोल ना पाए, शाम को फोन पर ही उस से बात कर लूँगा. आशना जान गई थी कि आज शाम को कुछ ना कुछ होने वाला है. शाम के बारे मे सोच कर वो घबराई भी थी और रोमांच भी महसूस कर रही थी. उसने सोचा कि अगर वीरेंदर ने शाम को उसे प्रपोज़ कर दिया तो वो क्या करेगी, क्या जवाब देगी उसको. एक तरफ से उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था और एक तरफ वो वीरेंदर को खोना भी नहीं चाहती थी. इस घर मे आई तो वीरेंदर की ज़रूरत बनकर थी मगर अब उसे लग रहा था कि वीरेंदर ही उसकी ज़रूरत बन गया है.
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#46
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना ने दिमाग़ मे उठ रहे सवालों को झटका और बोली: मुझे भूख लगी है. 

वीरेंदर: शूकर है तुम्हें भी भूख लगी, मुझे तो लगा कि तुम डाइयेटिंग पर हो. मेरा तो भूख के मारे बुरा हाल है. वीरेंदर ने होटेल की तरफ गाड़ी दौड़ा दी और करीब 15 मिंटो मे वो एक बड़े से होटेल "दा लयंज़" की पार्किंग मे गाड़ी खड़ी करके उतर गये. 

आशना: यही होटेल क्यूँ????
वीरेंदर: इस होटेल का नोन-वेज बहुत मशहूर है. 

आशना: आज फिर से नोन-वेज, ना बाबा ना, तुम ही खाओ. मैं तो कुछ वेज ही खाउन्गी. 

वीरेंदर:अरे एक बार टेस्ट करके तो देखो, खाने वाले की उंगलियाँ ना चाट जाओ तो बोलना. 

आशना:खाने वाली की उंगलियाँ चाटूँगी तो खिलाने वाले का क्या क्या चाटना पड़ेगा. यह बात आशना के मूह से एकाएक निकल गई. अपनी बात समझ मे आते ही उसकी आँखें झुक गई और वो शरम से दोहरी हो गई. 

वीरेंदर: बड़ी जल्दी है तुम्हें, सबर रखो, सबर का फल मीठा होता है. 

आशना ने वीरेंदर की तरफ देखा और शरमा कर अपने चेहरे को अपने हाथों से ढक लिया. 

वीरेंदर: अभी से इतना शरमाना, उस वक्त क्या होगा? 

आशना: वीरेंदर प्लीज़, मैं मर जाउन्गी. 

वीरेंदर: मैं तुम्हें मरने नहीं दूँगा, बिल्कुल प्यार से करूँगा. 

वीरेंदर की बात सुनकर आशना ने अपने चेहरे से अपने हाथ हटाए और उसकी छाती पर प्यार से मुक्के मारने लगी और बोली: तुम बड़े गंदे हो. उस फोन वाली से ही करना जो करना है, मैं तो कल वापिस जा रही हूँ. 

वीरेंदर उसकी बात सुनकर एकदम निराश हो गया. 

आशना: हां वीरेंदर, मैं कल वापिस जा रही हूँ. 

वीरेंदर: लेकिन क्यूँ?. 

आशना: वीरेंदर अभी मुझे और पढ़ना है, तुम भूल रहे हो मैं कुछ दिन की छुट्टी पे आई थी. कुछ ही दिनों मे मेरी 5थ सेम की क्लासस शुरू होने वाली है. डॉक्टर. बीना के कहने पर मैं कुछ दिनों तक तुम्हारी हेल्प की है मगर अब मुझे जाना है. 

आशना का एक एक शब्द वीरेंदर की आत्मा को झिंजोड़ रहा था. वीरेंदर ने सोचा कि वो भी कितना पागल है. बिना कोई रिश्ता बनाए वो इस लड़की पर अपना हक़ मानने लगा था. उसका खाना खाने का दिल ज़रा सा भी नहीं था लेकिन आशना को भूख लगी थी तो उसने भी उसे कंपनी दी. खाना खाते हुए दोनो ही अपने अपने ख़यालो मे खोए थे. आशना यह सोच रही थी कि क्या उसे वीरेंदर को सच बता देना चाहिए कि वो बस एक-दो दिन के लिए वहाँ जा रही है ताकि अपना समान वहाँ से ला सके. फिर उसके मन मे वीरेंदर को थोड़ा और तड़पाने का ख़याल आया


वहीं वीरेंदर यह सोच कर परेशान था कि आशना के चले जाने के बाद वो फिर से तन्हा हो जाएगा. कितने सालों बाद उसे फिर से जीने की चाह जागी थी और फिर कुछ ही दिनो की खुशी के बाद उसकी ज़िंदगी अंधेरे मे डूबने वाली थी. वीरेंदर ज़ोर ज़ोर से रोना चाहता था, वो किसी की बाहों मे सुकून पाना चाहता था मगर वो बिल्कुल अकेला हो गया था. वीरेंदर अपने ख़यालों से बाहर आता है जब वेटर बिल के लिए पूछता है. वीरेंदर ने बिल पे किया और दोनो होटेल से बाहर आ गये. 

आशना: तुम मुझे किसी शॉपिंग माल मे ले चलोगे? मुझे अपनी फ्रेंड के लिए कुछ शॉपिंग करनी है. जब जाउन्गी तो मेरा दिमाग़ चाट देगी अगर उसके लिए कुछ ना लिया तो. 

वीरेंदर: हां माल्स तो काफ़ी हैं, लेकिन यहाँ पास मे ही एक नया माल खुला है, मैं भी कभी नहीं गया, चलो वहीं चलते हैं. 

आशना: तो चलो. 

माल मे पहुँच कर आशना ने कुछ शॉपिंग की जिसकी पेमेंट वीरेंदर ने की. आशना ने अपनी फ्रेंड के लिए एक ड्रेस और वीरेंदर के लिए एक ब्लेज़र खरीदा. वीरेंदर से नज़रें बचा कर उसने दो सेट ब्रा-पैंटी के भी लिए. एक बार तो उसके मन मे आया कि वीरेंदर से पूछ लूँ कि एक सेट तुम्हें भी लेकर दे दूं ताकि तुमको चुराने की ज़रूरत ना पड़े लेकिन फिर उसने कुछ सोच कर यह ख़याल मन से झटक दिया. उसे लगा कि शायद माल मे वीरेंदर को शर्मिंदा करना ठीक नहीं होगा, पहले ही काफ़ी परेशान कर चुकी हूँ. आशना ने क्या क्या शॉपिंग की वीरेंदर ने भी नहीं देखा उसका ध्यान तो कहीं और ही था. आशना जानती थी कि वो उसके जाने को लेकर परेशान है. आशना ने सोचा घर पहुँच कर उसे सच बता देगी कि वो जल्द ही वापिस आ जाएगी. शॉपिंग के बाद आशना ने वीरेंदर को घर चलने के लिए बोला. जैसे ही आशना ने गाड़ी का पीछे का दरवाज़ा खोल कर समान रखना चाहा, वहाँ पड़े समान को देख कर हैरान रह गई. 

आशना: यह किसका समान है. 

वीरेंदर: घर के लिए थोड़ा समान लिया था अपने शोरुम से. 

आशना: सब कुछ तो है तुम्हारे पास, फिर और समान की क्या ज़रूरत है. 

वीरेंदर: "हां सब कुछ तो है मेरे पास" और यह कहकर गाड़ी मैं बैठ गया. 

आशना ने महसूस किया कि वीरेंदर काफ़ी परेशन है, वो उसे और परेशान नहीं करना चाहती थी मगर वो उसे इतनी जल्दी बताना भी नहीं चाहती थी कि वो तो सिर्फ़ अपना समान लेने जा रही है. 

आशना: अच्छा एक काम करो मेरे लिए बॅंगलॉर की कल शाम की टिकेट बुक करवा दो. वीरेंदर ने दुखी मन से फोन मिलाया और बॅंगलॉर की एक एरटिकिट बुक करवा दी. 

आशना: एर-टिकेट क्यूँ करवाई, ट्रेन से जाती तो परसों सुबह आराम से पहुँच जाती. 

वीरेंदर: ट्रेन मे रात के सफ़र से अच्छा है कि तुम फ्लाइट से जाओ. कल शाम 6:00 बजे की फ्लाइट है. अपनी फ्रेंड को कॉल करके बता देना कि तुम्हे टाइम पर रिसीव कर ले. 

आशना: थॅंक यू. 

वीरेंदर भारी मन से घर की ओर चल दिया. घर मे आते ही वीरेंदर गाड़ी पार्क करके गाड़ी से उतरा और सीधा अंदर की तरफ चल दिया. आशना ने अपना समान उठाया और वीरेंदर को आवाज़ देकर पूछा: आपका समान तो गाड़ी में ही रह गया. 

वीरेंदर: रहने दो, अब इसकी कोई ज़रूरत नहीं है. आशना को वीरेंदर का जवाब बड़ा अजीब सा लगा. 

उसने अपना समान लिया और घर के अंदर आ गई. अंदर आते ही उसने देखा कि वीरेंदर अपने रूम मे घुस रहा है. आशना ने सोचा कि वीरेंदर को थोड़ी देर अकेला छोड़ना ठीक रहेगा. आशना ने हाल मे समान रखा और किचन की तरफ चल दी जहाँ बिहारी दो ग्लासो मे ऑरेंज जूस डाल रह था. 

बिहारी: आ गये बिटिया तुम दोनो. 

आशना: जी काका. 

बिहारी: छोटे मालिक को क्या हुआ, बड़े गंभीर लग रहे हैं. 

आशना: शायद थक गये हैं, आप जाकर उन्हे जूस दे दीजिए. 

बिहारी ने आशना को जूस का एक ग्लास पकड़ाते हुए कहा "जी बिटिया". 

आशना ने बिहारी की तरफ देखा तो उसे देख कर बोली:काका, आपकी तबीयत तो ठीक है ना. 

बिहारी आशना के इस सवाल से हड़बड़ा गया. 

बिहारी: हां, हां बस थोडा थक गया हूँ बेटी. 

आशना: आप आराम कीजिए, रात का खाना मैं बना लूँगी. 
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#47
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बिहारी भी दिन भर बीना की चुदाई करके काफ़ी थक चुका था. आशना के ऐसा कहने पर वो जूस का ग्लास लेकर उपर चला गया वीरेंदर को देने और फिर अपने रूम मे जाकर बेड पर लेट गया. आशना ने अपना समान उठा कर अपने रूम मे रखा और फ्रेश होकर रात के खाने की तैयारी शुरू कर दी. फ्रिड्ज से कुछ सब्ज़ियाँ निकाल कर उसने वेज- बिरयानी के लिए समान इकट्ठा कर लिए और सोचा कि जब खाने का टाइम होगा उस से पहले गरम-गरम बना देगी. रात के खाने की सारी तैयारी करके वो अपने रूम मे चली आई. उसे चैन नहीं आ रहा था कि वो वीरेंदर को कैसे बताए लेकिन फिर भी उसने आज की रात एक बार फिर से पूरे घटनाक्रम के बारे मे सोचने का फ़ैसला किया. 


बिहारी अपने कमरे मे लेटा काफ़ी खुश था. उसने सोच रखा था कि वीरेंदर जैसे ही आशना से शादी कर लेगा, वो रागिनी को अपने घर ले आएगा. बिहारी, बीना के साथ हुई आज की मुलाकात के बारे मे सोचने लगा. 

सुबह करीब 10:15 बजे बीना की गाड़ी वीरेंदर के गॅरेज मे खड़ी थी. बीना ने हॉर्न दबाया तो बिहारी दौड़ता हुआ गाड़ी की तरफ आया और जैसे ही बीना गाड़ी से बाहर निकली, बिहारी ने उसे गोद मे उठा लिया और घर के अंदर आ गया.

बीना: नीचे तो उतार, आज क्या पूरा दिन गोदी मे ही उठाकर रखोगे.

बिहारी: आज तो पूरा दिन तुझे नंगा करके कुतिया की तरह चोदुन्गा.

बीना: मैं तो कब से तैयार हूँ राजा, मगर पहले एक काम की बात सुनो. तुमने रागिनी के लिए बोला था तो मुझे तुमपर तरस आ गया, अब सोच रही हूँ कि उस कली को फूल बनाने का जिम्मा तुझे जल्द ही दे दूं. 

बिहारी: वाह रे मेरी छमिया, यह हुई ना बात. लेकिन यह तो बता, माल असली है या किसी ने चख लिया है. 

बीना: अब यह तो तू ही चेक कर लेना, तुझे कॉन सा पैसे देकर खरीदना है. फ्री का माल है, जब तक मन चाहे दिल बहला लेना और फिर दोबारा मेरे पास छोड़ देना. 

बिहारी: अरे बच्ची है, 3-4 साल तो रागडूंगा ही उसे. इतनी जल्दी थोड़े ही छोड़ दूँगा. 

बीना: तो फिर आशना का क्या होगा. 

बिहारी: आशना को तो मैं पूरी उम्र अपने साथ रख सकता हूँ लेकिन अपनी रखैल बना कर. 

बीना: साले तू मर्द है या टार्ज़ॅन. 

बिहारी: घोड़ा जब बूढ़ा होने लगता है तो और ताकतवर हो जाता है. तू तो मेरी प्रेमिका रहेगी, रागिनी को मैं अपनी बीवी बना कर रखूँगा और रही बात आशना की तो वो बस मेरे बच्चों की माँ कहलाएगी मगर मैं उसे दर्जा रखैल का दूँगा. 

बीना: तो सुन फिर राघिनी के लिए क्या प्लान है. बीना जैसे जैसे उसे रागिनी के प्लान के लिए बता रही थी, बिहारी उसके दिमाग़ की दाद देते जा रहा था. 

बिहारी: साली उसे मालकिन बनाने के खवाब दिखाकर एक नौकर की बीवी बना देगी तू तो.

बीना: दो दिन बाद मैं उसे लेकर आउन्गि, आगे तू संभाल लेना. 

बिहारी: आने दे साली को, उसे ऐसा फसाउन्गा कि वो मेरे टटटे पकड़ कर रहम की भीख माँगेगी. 

उसके बाद बिहारी और बीना की चुदाई का जो सिलसिला शुरू हुआ वो शाम के करीब 4:00 बजे तक चला. इस दौरान बिहारी ने 4 बार बीना के जिस्म को रौंदा और बीना के सारे कस बल ढीले कर दिए. जाते जाते बीना कह गई, मैं आज ही अपना काम शुरू कर देती हूँ, तुम किसी तरह दो दिन बाद इन दोनो को कहीं बाहर भेज देना थोड़ी देर के लिए. 

बिहारी: तू उसकी चिंता ना कर, बस भगवान से दुआ कर कि माल असली हो. साला 40 साल हो गये लेकिन कोई कुँवारी चूत नहीं खोली. 

बीना: साले चूत नहीं खोली तो क्या, गांडे तो बहुत खोली हैं इन सालों मे. 

बिहारी: हां यह बात तो है तुझे मिलाकर करीब 8 गान्डो पर अपनी मुहर लगा चुका हूँ.अब लग रहा है कि जल्द ही इस गिनती मे दो गांडे और जुड़ने वाली है. 

बीना: बच्चियों की गान्डो को ध्यान से चोदना, नहीं तो अगली बार थूकने भी नहीं देंगी. 

बिहारी: एक बार ग़लती कर चुका हूँ, बार बार थोड़े करूँगा.


रात करीब 8:00 बजे वीरेंदर के सेल पर बीना की कॉल आई. वीरेंदर ने नंबर. देखा तो झट से फोन उठा लिया. 

बीना: क्या हुआ रोमीयो, सुबह तुम्हे कॉल किया था, तुमने रिसीव ही नहीं किया. 

वीरेंदर: वो मैं तब उस समय ऑफीस मे था, पता ही नहीं लगा. 

बीना: क्या??? तुमने ऑफीस शुरू कर दिया? देखो जानू अभी तुम्हें आराम की ज़रूरत है, वैसे भी अभी तुम्हारे लिए आशना है, काम तो होता ही रहेगा. थोड़ा टाइम उसे भी दो ताकि वो तुम्हारे करीब आ सके. 

वीरेंदर: उसे ही घुमाने के लिए ले गया था और जाते जाते शोरुम पर थोड़ी देर रुक कर वहाँ के काम का जायज़ा लिया.

बीना: ओके, तो कहाँ तक बात पहुँची. 

वीरेंदर:आ जाएगी धीरे धीरे लाइन पर, टाइम तो लगेगा थोड़ा सा. 

बीना: जल्दी से मना ले ना उसे राजा, मैं अब तेरे बिना नहीं रह सकती. 

वीरेंदर: मेरा हाल भी तेरे जैसा है मगर मुझे नहीं लगता कि वो इतनी जल्दी हां करेगी. 

बीना: खैर तुम लगे रहो, मुझे पूरा यकीन है कि वो तुम्हे ना नही करेगी, कोशिश करते रहो, फल ज़रूर मिलेगा. 

वीरेंदर जो कि आज आशना के जाने की बात सुनकर टूट गया था, बीना की बातें सुनकर उसे थोड़ा हॉंसला हुआ. 

वीरेंदर:मैं कल शाम को बॅंगलॉर जा रहा हूँ कुछ बिज़्नेस डील है, सोच रहा हूँ कि आशना को भी साथ ले जाऊ. 

बीना एक दम खुश होते हुए:यह तो बड़ी अच्छी बात है. हो सकता है इसी ट्रिप में वो तुम्हे आक्सेप्ट करले. ऑल दा बेस्ट, लेकिन एक बात याद रखना, जल्दी आ जाना और अपनी सुहागरात अपने घर पर ही आकर मानना, कहीं बॅंगलॉर मे ही हनिमून शुरू ना कर देना. 

वीरेंदर: डॉन'त वरी,, तुम्हारी बेटी के साथ जो कुछ भी करूँगा, सबसे पहले "शर्मा निवास" में ही करूँगा. 

बीना: अच्छा चल बाइ, टेक केर ऑफ युवरसेल्फ आंड आशना इन जर्नी. 

वीरेंदर ने फोन काट दिया. वीरेंदर आशना को इतनी आसानी से अपनी ज़िंदगी से जाने नहीं देना चाहता था. उसने ठान लिया था कि वो भी आशना को बिना बताए बॅंगलॉर चला जाएगा और उसे मनाने की कोशिश करेगा. वो कम से कम एक बार तो आशना को अपने दिल की बात बताना ही चाहता था.
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#48
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
उधर बीना को अपने हर प्लान मे कामयाबी मिलने से वो काफ़ी खुश थी. वीरेंदर कुछ दिनो के लिए बॅंगलॉर जा रहा था, जिस से बिहारी का रास्ता सॉफ था. बीना की इतनी मदद करने के लिए वो बिहारी से काफ़ी खुश थी और तोहफे के रूप मे रागिनी को उसके लिए परोसने वाली थी. बीना का इस मे भी स्वार्थ था. वो बिहारी के उपर एहसान करके उसे अपने काबू मे करना चाहती थी ताकि वक़्त आने पर वो बिहारी से वीरेंदर का कत्ल करवा सके. बीना जानती थी कि बिहारी चाहे कितना भी कमीना क्यूँ ना हो लेकिन एक वक़्त ऐसा था कि वो "शर्मा निवास" का एक वफ़ादार कुत्ता था तो उसके लिए वीरेंदर को अपने हाथो से मारना इतना आसान नहीं होगा. रागिनी द्वारा वो बिहारी को इस काम के लिए मनाने वाली थी. बीना जानती थी कि वीरेंदर को अगर यह पता चल गया कि रागिनी बिहारी के साथ उसके घर मे रह रही है तो वीरेंदर और बिहारी के बीच झगड़ा होना निश्चित है, वो इसे झगड़े मे घी का कम करेगी और बिहारी को भड़का कर वीरेंदर का कत्ल करवा देगी. इस से दो फ़ायदे होते एक तो वीरेंदर के कत्ल के इल्ज़ाम मे बिहारी या तो कहीं छुप जाता या पोलीस उसे पकड़ लेती तो दोनो ही सुरतों मे बीना उसकी मदद करती तो बिहारी हमेशा बीना का गुलाम बना रहता. बीना नहीं चाहती थी कि काम हो जाने के बाद बिहारी उस पर हावी रहे.


बीना ने एक नर्स के द्वारा रागिनी को मेसेज भिजवा दिया कि खाना खाने के बाद वो यहीं आ जाए, उसके कॅबिन मे. 

उधर आशना को अपने रूम मे आए काफ़ी समय हो चुका था. वीरेंदर के लिए सोच कर उसका बुरा हाल था. वो वीरेंदर को बताना चाहती थी कि वो कुछ दिनों के लिए जा रही है ताकि हमेशा के लिए उसके पास आ सके लेकिन वीरेंदर ने उसे एक बार भी रुकने को नहीं कहा. आशना चाहती थी कि एक बार बस एक बार वीरेंदर उसे रुकने के लिए तो बोले वो हमेशा के लिए उसके पास ही रहेगी उसकी आँखों के सामने. आशना लड़की थी इसलिए पहल वीरेंदर से चाहती थी और वीरेंदर यह सोच रहा था कि आशना अपने कॅरियर को दाव पर लगाकर उसके लिए यहाँ कैसे रुक सकती थी. वो जानता था कि आशना एक बहुत ही महत्वाकान्छि लड़की है वो किसी भी कीमत पर अपनी पड़ाई अधूरी छोड़ कर यहाँ नहीं रुक सकती. फिर वीरेंदर ने अपने आप से हे सवाल किया "आशना यहाँ रुके भी तो किसके लिए, क्या मैने एक बार भी उसको रुकने के लिए बोला, क्या हमारा रिश्ता यहाँ तक पहुँचा है कि मैं उसपे हक़ जता कर रोक लूँ". 

वीरेंदर भी सोच सोच कर परेशान था मगर उसका कोई हल नहीं निकल रहा था. वो बार बार अपने आप को दोष दे रहा था कि शायद अगर कल उसने बीना के साथ वो सब ना किया होता और आशना को इसका पता ना लगता तो ऐसे उसे छोड़ कर नहीं जाती. वीरेंदर उसे किसी भी तरह मना लेता मगर वो यह भी जानता था कि किसी भी लड़की के लिए यह बात बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल है. वीरेंदर ने सोचा कि एक बार आशना से बात कर लूँ उसके बाद जो उसका फ़ैसला होगा वो उसे मंज़ूर कर लेगा. यही सोच कर वीरेंदर आशना के रूम की तरफ चल दिया. आशना के रूम के दरवाज़े के पास पहुँच कर उसे नॉक करने ही वाला था तो उसने सोच कर वो आशना के सामने बीना के साथ गुज़ारे लम्हे कैसे कन्फेस कर पाएगा और अगर आशना ने उसे माफ़ नहीं किया तो वो क्या करेगा. यही सोच कर वीरेंदर अपने कमरे मे आया और अपना मोबाइल उठाकर आशना का नंबर. मिला दिया. उसे यह जानकार गहरा आघात पहुँचा कि आशना ने अपना मोबाइल स्विचऑफ कर रखा है. उसे पता था एक आशना समझ चुकी है कि उसने आशना से नंबर. क्यूँ लिया, लेकिन आशना ने मोबाइल ही स्विचऑफ कर दिया. क्या आशना सच मे उस से नफ़रत करने लगी है?? क्या वो अब कभी उसे माफ़ नहीं करेगी?? यह सोचते सोचते उसका मन काफ़ी उदास हो गया. 


थोड़ी देर बाद बिहारी ने वीरेंदर का दरवाज़ा नॉक कर के कहा कि आशना बिटिया ने खाना बना दिया है, आ कर खा लीजिए. 

वीरेंदर: काका मुझे भूख नहीं है और नींद भी बड़ी आ रही है, आप खा लीजिए. 

आशना को जब यह पता लगा कि वीरेंदर खाना नहीं खाएगा तो उसका दिल और उदास हो गया. वो भी बिना खाना खाए उपर आ गई और काका को बोल दिया कि आप खाना खा कर बर्तन समेट लेना. 

बिहारी दोनो के इस रवैये से परेशान हो उठा. उसने तो सोचा था कि आज के खाने मे इतनी डोज डालूँगा कि दोनो सेक्स किए बिना रह नहीं पाएँगे लेकिन यहाँ तो सारा काम उल्टा हो गया. उसने झट से अपने कमरे मे जाकर मोबाइल ऑन किया और बीना का नंबर. लगा दिया. 

बीना: बोलो राजा, आज भी मन नहीं भरा क्या. 

बिहारी: मन तो मेरा कभी नहीं भरता लेकिन लगता है कि उन दोनो का मन एक दूसरे से भर गया है. यह कह कर बिहारी ने बीना को सारी बात बता दी. 

बीना: तू भी ना कितनी फिकर करता है अपनी होने वाली रखैल की. अरे आज दोनो घूमने गये थे तो हो सकता है वीरेंदर ने उसे अपने दिल का हाल कहा हो. यह तो तू भी जानता है कि आशना उसकी सग़ी बेहन है तो उसे थोड़ा तो अटपटा लगेगा ही ना. तू टेन्षन मत ले, मेरे पास तेरे लिए एक बहुत अच्छी खबर है. 

बिहारी: रागिनी मान गई क्या? 

बीना: वो भी मान जाएगी, लेकिन अच्छी खबर यह है कि भाई -बेहन कल दोनो बॅंगलॉर जा रहे हैं 2-3 दिन के लिए. मैं शाम को रागिनी को लेकर आ जाउन्गी, बाकी तू वही करना जैसा बताया गया था. 

बिहारी(खुश होते हुए): यह तो बड़ी अच्छी खबर है. 

मैं तो बेकार ही इनकी परेशानी ले रहा था, इन भाई-बहनो ने तो हनिमून का प्रोग्राम भी बना लिया. मुझे यकीन है कि बॅंगलॉर मे कुछ ना कुछ तो ज़रूर होगा. 

बीना: मुझे भी यही लगता है, चल अब रखती हूँ तेरी चिड़िया को बुलाया है आज अपने कमरे मे. आज रात ही उस से बात करके तेरे लिए तैयार कर लेता हूँ.

बिहारी: ओके, ऑल दा बेस्ट ऑफ लक. 

बीना: चल गँवार कहीं का और फोन काट दिया. 

उधर आशना और वीरेंदर दोनो ही अपने अपने बेड पर लेटे हुए करवटें बदल रहे थे, नींद दोनो की आँखों से दूर थी. आज भी आशना ने अपने रूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया था लेकिन आज उसने अपनी पैंटी नहीं उतारी थी. वो चाहती थी कि जब वीरेंदर उस के रूम मे आए तो वो उस से बात करेगी, उसका मन हल्का करने की कोशिश करेगी. उसे यह सोच कर वीरेंदर पर गुस्सा आ रहा था कि उसने वीरेंदर को अपना नंबर. भी दिया था मगर वो उसे फोन क्यूँ नहीं कर रहा. मानती हूँ कि वो मेरे कमरे मे आकर मुझसे बात करने मे हिचकिचाएगा मगर फोन पर तो बात कर ही सकता है. आशना बार बार अपने सेल को देखे जा रही थी. काश उसने भी दिन मैं वीरेंदर का नो. ले लिया होता तो दिल के हाथून मजबूर होकर वो उसे फोन कर ही देती.ऐसे ही काफ़ी रात बीत गई मगर किसी को नींद नहीं आ रही थी. अजीब बात थी कि दो रातों से जागने वाला बिहारी आज चैन की नींद सो रहा था और आने वाले कल के हसीन सपने देख रहा था और दो दिल इस काली रात मे चैन से सांस भी नहीं ले पा रहे थे. 
Reply
02-01-2019, 05:55 PM,
#49
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
काफ़ी देर करवटें बदलते हहे अचानक आशना को याद आया कि वीरेंदर ने गाड़ी मे कुछ समान रखा था. उसके दिल मे बेचैनी होने लगी कि ऐसा क्या था उसमे जो वीरेंदर ने कहा था कि "अब इसकी ज़रूरत नहीं है" आशना को पता था कि वीरेंदर उस से पहले ही घर मे दाखिल हो गया था तो गाड़ी तो खुली ही होगी. इतनी सर्दी मे और इतनी गहरी रात मे उसे बाहर जाते डर भी लग रहा था लेकिन उसने हिम्मत करके बाहर जाकर देखने की सोची. उसके जॅकेट पहनी और दबे पावं नीचे सीडीयाँ उतरने लगी. हाल मे काफ़ी अंधेरा था, वो अंदाज़ा लगाकर आगे बढ़ने लगी तो बिहारी के कमरे से उसे रोशनी आती दिखाई दी. वो वही ठिठक कर रुक गई. उसे लगा कि बिहारी अभी भी शायद जाग रहा है या शायद आज फिर से शराब पी रहा है. आशना दबे पाँव उसके कमरे के पास पहुँची, कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला था. उसने झाँक कर देखा तो बिहारी अपने बेड पर आँखें मून्दे हुआ दिखाई दिया. आशना ने राहत की सांस ली. उसने सिर अंदर करके देखा तो काका के कमरे की एलसीडी चल रही थी, उसी की रोशनी बाहर हाल मे आ रही थी. आशना ने पहले तो एलसीडी बंद करने की सोची मगर यह सोच कर रहने दी कि शायद सुबह काका को शक़ हो जाए कि उनके रूम मे कोई आया था. आशना ने धीरे से दरवाज़ा फिर से वैसे हे बंद किया और मेन दरवाज़े की तरफ चल दी. 

जैसे ही आशना ने दरवाज़ा खोला, ठंडी हवा की एक तेज़ लहर उस से टकरा गई. एक बार के लिए तो आशना का शरीर वहीं जम गया. उसने झट से बाहर आकर दरवाज़ा बंद किया और अपने हाथ जॅकेट मे डाल कर जॅकेट की कॅप पहन ली. काफ़ी डरते हुए वो गाड़ी तक पहुँची और डोर का हॅंडल पकड़ कर उसे खींचा. क्लिक की आवाज़ के साथ गाड़ी का दरवाज़ा खुल गया. आशना फ्रंट सीट पर घुटनों के बल बैठ गई और गाड़ी के अंदर की टॉप लाइट ऑन कर दी और पीछे रखे समान को देखने लगी. समान देखते देखते उसकी आँखें फटी की फटी रह गई. आशना को याद आया कि जिस जिस चीज़ को उसने वीरेंदर के शोरुम मे हाथ लगा कर देखा और सराहा था वो सब वहाँ मौजूद थी. आशना की आँखों मे आँसू आ गये.

आशना(मन मे सोचते हुए): इतना प्यार करते हैं आप मुझे वीरेंदर कि हर वो चीज़ जिसे मैने सिर्फ़ हाथ लगाया आपने मेरे कदमों मे रख दी. ऐसा मत करो वीरेंदर, शायद मेरी असलियत जानने के बाद आप मुझसे उतनी ही नफ़रत करोगे. मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकती हूँ पर आपकी आँखों मे मेरे लिए नफ़रत नहीं देख पाउन्गी. वीरेंदर अगर आप मेरे भाई ना होते तो मैं आपको इतना प्यार देती कि आप के सब गम भुला देती. आप मुझसे प्यार करते हैं तो मैं भी तो आप से प्यार करने लगी हूँ यह जानते हुए भी कि आप मेरे कॉन हैं. आइ लव यू वीरेंदर, आइ लव यू वेरी मच. आशना काफ़ी एमोशनल हो गई थी. उसका दिल किया कि अभी वीरेंदर के कमरे मे जाकर उस से लिपट जाए और उस से अपने दिल का हाल बयान कर दे. फिर उसने डिसाइड किया कि यह सारा समान अपने रूम मे रखकर वो सुबह वीरेंदर को अपने रूम मे बुलाएगी और उसकी मोहब्बत को स्वीकार करेगी. तीन फेरों मे आशना ने सारा समान अपने कमरे मे एक टेबल पर रख दिया. 

फिर उसने उस समान से वो मोबाइल उठाया जो वीरेंदर उसके लिए लाया था. उसने अपने पुराने मोबाइल से सिम निकाल कर नये मोबाइल मे डाली और मुस्कुराने लगी. वो मन मे सोचने लगी "जनाब ने मेरे लिए सर्प्राइज़ रखा था, सुबह उनके रूम मे जाकर उनसे उनका नंबर. लूँगी और जब उनके सामने इस मोबाइल में फीड करूँगी वो खुद ही सर्प्राइज़ हो जाएँगे". आशना के सीने से कुछ बोझ तो हल्का हो ही गया था और रज़ाई के गरम एहसास ने उसे सपनों की दुनिया मे धकेल दिया.

वहीं रागिनी खाना खा कर और पेशेंट्स को दवाई वगेरह देकर जब बीना के कॅबिन मे आई तो बीना अपने टेबल पर बैठी किसी फाइल को पढ़ रही थी. 

बीना:आओ रागिनी, मैं तुम्हारा हे वेट कर रही थी, उसने फाइल हो एक साइड रख के कहा. 

रागिनी: जी मॅम बोलिए. 

बीना:तुम फ्री हो ना अभी? मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.

रागिनी: जी मॅम मैने सभी पेशेंट्स को स्टडी कर लिया है और उन्हें दवाइयाँ भी दे दी हैं. 

बीना: गुड, तुम्हारे रहते मुझे कोई चिंता नहीं. 

रागिनी: ऐसा कह कर आप मुझे शर्मिंदा कर रही हैं मॅम, अगर आप उस दिन मेरी हेल्प ना करती तो आज मैं शायद ज़िंदा भी ना होती. 

बीना: अब कभी दोबारा मरने की बात भी मत करना, तुम मेरी बेटी जैसी हो. मैने तुम पर कोई एहसान नहीं किया बस तुम्हे काम दिया है जिस से तुम आत्म-निर्भर बन सको. 
रागिनी खामोश रही. 

बीना: रागिनी एक बात पूछूँ बुरा तो नहीं मनोगी?

रागिनी: पूछिए ना, मुझे आपकी किसी भी बात का कभी बुरा नहीं लगेगा. 

बीना ने अपने चेहरे पर गंभीरता लाते हुए पूछा: रागिनी देखो मेरी बात का बुरा मत मानना मगर तुम एक अच्छे घर की लड़की लगती हो तो फिर यह सब क्यूँ किया. 

रागिनी जानती थी कि कभी ना कभी उस से यह सवाल ज़रूर पूछा जाएगा, वो इस के लिए तैयार थी. आख़िर कोई लड़की जब अपने घर से भागने का सोचती है तो वो आगे होने वाले सारे ख़तरों का सोच कर ही निकलती है. 

रागिनी: मॅम, मैने यह फ़ैसला काफ़ी सोच समझ कर लिया था. मैं और जावेद एक दूसरे से प्यार करते थे मगर मेरे माँ-बाप कभी हमारी शादी नहीं करवाते. मैं एक हिंदू लड़की और वो एक मुस्लिम. मॅम हम जे&के मे रहकर शादी नहीं कर सकते थे, इसलिए हमने भाग कर शादी करने की सोची मगर मुझे क्या पता था कि जावेद भी मुझे धोखा दे जाएगा.

बीना बड़े ध्यान से उसे सुन रही थी. 

बीना: तो इसका मतलब तुम जे&के से बिलॉंग करती हो. 

रागिनी: जी मॅम. 

बीना: तभी तुम इतनी सुन्दर हो. मैने सुना था कि जे&के की लड़कियाँ काफ़ी सुंदर होती है, आज देख भी लिया. बीना के ऐसा कहने से रागिनी शरमा जाती है. 

बीना: अच्छा यह बताओ कि क्या तुम्हारे घर वालों को पता है कि तुम जावेद के साथ भागी हो. 
Reply
02-01-2019, 05:56 PM,
#50
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
aरागिनी: शायद अब तक पता लग गया होगा. मेरे भाई ने एक दिन हमे घूमते हुए देख लिया था और उसने रास्ते मे ही जावेद की काफ़ी पिटाई भी की थी. घर लाकर मुझे भी काफ़ी मारा गया और मुझे एक कमरे मे बंद करके यह फ़ैसला सुनाया गया कि आज से मेरा बाहर निकलना बंद.मेरे पापा और भाई कट्टर राजपूत हैं, वो किसी भी कीमत पर हमारा मिलना बर्दाश्त नहीं कर सकते थे. उन्होने मेरी शादी करने का भी फ़ैसला कर लिया था लेकिन मैं उस वक़्त 18 साल की नहीं हुई थी तो उन्होने मेरे 18 साल पूरे होने का वेट किया. उस घटना के दो महीने बाद जब मैं 18 की हुई तो उन्होने मेरा रिश्ता एक राजपूताना घर मे कर दिया. अगर मैं वहाँ से भागी ना होती तो आज तक मेरी शादी हो चुकी होती. 

मगर मैने तो जावेद को ही अपना सब कुछ मान लिया था. एक रात जब सब घरवाले कहीं शादी पर गये थे तो जावेद दीवार फाँद कर हमारे घर मे आ गया. उसने मुझे बंद कमरे से बाहर निकाला और बोला कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता, मैं भी इतने दिनों मे उस से मिले बिना पागल हो गई थी. मैने घर से जेवरात (जो उन्होने मेरी शादी के लिए बनवा रखे थे) और कैफ़ सारे पैसे लिए और जावेद के साथ घर से भाग गई. वहाँ से हम सीधा बस स्टॅंड से बस पकड़ कर देल्ही आ गये. हम जानते थे कि अगर हम जे&के मे रहेंगे तो कभी ना कभी पकड़े जाएँगे. वहाँ से वो मुझे रेलवे स्टेशन के पास एक होटेल मे छोड़ गया और मेरा सारा समान लेकर यह कह कर चला गया कि वो टिकेट्स अरेंज करने के लिए जा रहा है. शाम तक हम यहाँ से निकल कर भोपाल चले जाएँगे.उसने बताया कि भोपाल मे उसका एक दोस्त रहता है कुछ दिन हम वहीं रुकेंगे.उसने कहा कि मैं अच्छी तरह से नहा लूँ और अपनी सफाई वागेहरा कर लूँ वो कुछ ही देर मे आएगा और इसी होटेल मे हम अपनी सुहागरात मनाएँगे और फिर भोपाल जाकर हम शादी कर लेंगे.

इतना कह कर रागिनी के गाल सुर्ख लाल हो गये और जैसे ही बीना ने उसे देखा रागिनी ने नज़रें झुका ली. 

बीना: तो इसका मतलब कि तुम तब तक कुँवारी......, मेरा मतलब कि उसने कभी तुम्हारे साथ.......... 

इस से पहले कि बीना अपना सेंटेन्स पूरा करती, रागिनी बोल पड़ी: जी मॅम तब तक मैने उसे कुछ भी नहीं करने दिया था. हालाँकि हमारा अफेर पिछले दो साल से चल रहा था, उसने काफ़ी बार मुझे टच करने की कोशिश की मगर अपने भाई और पापा के डर से मैं हमेशा उसे रोक देती. मैं उसे हर बार यही कहती कि शादी के बाद तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी हो ही जाउन्गी और वो हर बार मुझे कहता कि हमारी शादी हो कर रहेगी. इतना कह कर रागिनी चुप हो गई. 

बीना: लेकिन तुम उसके चुंगल मे फसी कैसे, तब तो तुम काफ़ी छोटी थी. 

रागिनी: वो हमारे घर के ड्राइवर का बेटा था, कभी कभी अपने पापा के साथ हमारे घर आ जाता था. भैया की शादी के दौरान वो हमारे घर मे ही रुका और इसी दौरान हमारी नज़दीकियाँ बढ़ी. 

बीना: ह्म्म्म्म मम, छोटी उम्र की अट्रॅक्षन. 

रागिनी चुप रही. 

बीना: तो फिर वो उस दिन वापिस नहीं आया क्या? 

रागिनी: उसके जाने के बाद मैं नहाने चली गई और उसके कहे अनुसार अपने आप को अच्छी तरह सॉफ किया. उस दिन पहली बार मैने अपने बदन को हेर रिमूवर क्रीम से सॉफ किया और उसके बाद के रेशमी एहसास से रोमांचित होने लगी. काफ़ी देर तक मैं कमरा सजाती रही और उसके बाद खुद भी तैयार हो गई. दोपहर को करीब 2:00 बजे मेरे मोबाइल पर उसका फोन आया कि उसे शायद थोड़ा टाइम और लग जाएगा, उसने कहा कि तुम खाना खा लो और अगर मैं नहीं आ पाया तो अपने एक दोस्त को भेजूँगा जो तुम्हें लेकर रेलवे स्टेशन आ जाएगा. अपनी सुहागरात हम भोपाल में जाकर शादी के बाद ही मनाएँगे. उस वक़्त उसकी आवाज़ कुछ कुछ बहक रही थी, ऐसा लग रहा था कि वो नशे मे है लेकिन मैने इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,436,196 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 537,081 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,206,050 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 911,729 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,616,176 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,049,870 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,898,856 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,884,531 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,965,673 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 278,833 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)