bahan sex kahani दो भाई दो बहन
04-10-2019, 04:21 PM,
#21
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
राज रिया के बारे मे सोचने लगा, उसे पता था कि उसे देखते ही वो

किसी भूकि शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ेगी, पर उसकी रोमा का क्या

होगा, क्या फिर से जय उसके साथ वैसा ही व्यवहार करेगा?

"हां शायद किसी दिन हम आ जाएँ." राज ने कहा.

रोमा सोकर उठ चुकी थी, वो किचन से गुज़री तो उसने राज को फोन

पर बात करते हुए देखा, राज की उसपर नज़र पड़ी तो उसने माउत

पीस पर हाथ रखते हुए कहा, "जय है."

रोमा ने सिर्फ़ नज़रें झपकर हां कहा और आगे बढ़ कर राज की

कमर मे हाथ डाल उसे अपनी बाहों मे भर लिया. राज ने फोन को थोड़ा

इस तरह कर दिया कि दोनो बात चीत सुन सके.

"राज रिया की सहेली रानी कुछ दिनो के लिए बाहर जा रही है, तो

क्यों ना तुम दोनो कुछ दिनो के लिए हमारे पास आ जाओ." जय ने कहा.

"मुझे पता नही जय, शायद रोमा इतनी जल्दी तुमसे मिलना नही

चाहे." राज ने कहा.

पर तभी रोमा की मुस्कुराहट ने राज को चौंका दिया.

दूसरी तरफ जय थोडा हिचकिचाया, "हां में समझ सकता हूँ."

"एक मिनिट रूको शायद में उसे किसी तरह तैयार कर लूँ," राज ने

रोमा के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा."

रोमा ने तभी अपना हाथ राज की शॉर्ट्स के उपर से उसके खड़े लंड पर

रखा और मुस्कुराने लगी. वो धीरे धीरे उसके लंड को मसल्ने

लगी.

जब उसका लंड खड़ा होने लगा तो रोमा घुटनो के बल उसके सामने

नीचे बैठ गयी. राज ने अपने आपको किथ्चेन के काउंटर से टिका

दिया और खिड़की का परदा थोड़ा हटा दिया जहाँ से उसकी मा बाहर

लॉन मे दिखाई दे रही थी.

"राज तुम मेरी बात सुन रहो ना?" दूसरी तरफ से जय ने कहा.

"हां में सोच रहा था की अपनी बेहन को तुम दोनो के पास आने के

लिए किस तरह तैयार करूँ." राज ने अपनी शॉर्ट की ज़िप खोलते हुए

कहा.

अपने खड़े लंड को काबू मे रखना और साथ ही जय के साथ फोन पर

बात करना , राज को बड़ी तकलीफ़ हो रही थी. रोमा ने उसकी शॉर्ट्स के

अंदर से उसकी अंडरवेर मे हाथ डाला और उसके खड़े लंड को बाहर

निकाल लिया. वो अपन नाज़ुक उंगलियों को उसके लंड पर फिराने लगी साथ

ही उसकी गोलियों को भी सहला रही थी.

तभी रोमा अपनी जीब उसके लंड के सूपदे पर रख फिराने लगी, एक

अजीब सी सनसनी राज के शरीर मे दौड़ गयी.

"क्या में रिया से कह दूँ कि तुम आ रहे हो? जय ने खुशी भरे

स्वर मे कहा, वो राज से दूर नही रह सकता था आख़िर वो बचपन के

दोस्त थे और करीब करीब हर समय साथ ही रहते आए थे.

उसके लंड पर फिरती रोमा की जीब उसे बात नही करने दे रही थी, एक

अजीब गुदगुदी मची हुई थी उसके बदन मे फिर भी किसी तरह उसने

कहा, "हाँ जय तुम रिया से कह दो कि में इस साप्ताह के आख़िर मे आ

रहा हूँ और कोशिश करके रोमा को भी साथ मे लेकर आउन्गा."

राज का जवाब सुनकर उसके भी मन मे खुशी मच गयी, वो भी रिया के

साथ को तरस रही थी, एक खुशी भरी मुस्कुराहट आ गयी उसके

होठों पर.

राज की मन मे डर बसा हुआ था कि अगर उसकी मा ने इस तरह रोमा को

उसके सामने घुटनो के बल बैठ उसके लंड को चूस्ते देख लिया तो क्या

होगा, पर इन सब सोचों के बावजूद उत्तेजना उसके बदन मे भरती जा

रही थी.

उसने फ़ोन को रख दिया और अपना पूरा ध्यान अपनी बेहन की तरफ कर

लिया जो अब उसके लंड को अपनी जीब से उपर से नीचे तक चाट रही

थी.

राज ने अपना हाथ रोमा के सिर पर रखा और अपनी उंगलिया उसके बालों

मे फिराने लगा, रोमा ने भी अपने मुँह को खोल उसके खड़े लंड को

अंदर ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी ही देर मे उसके लंड से वीर्य

की बूंदे निकलने लगी जिसे रोमा बड़े प्यार से चाट रही थी और

साथ ही अपने मुँह को उपर नीचे कर उसके लंड को चूस रही थी.

राज का लंड अपनी चरम सीमा पर था वो पूरी तरह तन कर किसी

पिस्टन की तरह रोमा के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था कि तभी

दोनो को घर के मेन दरवाज़े के खुलने की आवाज़ सुनाई दी. पल भर

के लिए दोनो की साँसे रुक गयी, उन्हे लगा कि उनकी मा अभी यहाँ आ

जाएगी. पर उत्तेजना डर पर भारी थी.

"तुम्हे अच्छा लग रहा है ना?" राज ने जोरों से आने लंड को उसके मुँह

मे अंदर बाहर करते हुए पूछा.

रोमा ने कोई जवाब नही दिया और और जोरों से उसके लंड को चूसने

लगी. वो अपने मुँह को पूरा खोल उसके लंड को अपने गले तक लेकर

चूस रही थी.

तभी दोनो ने आनी मा की आहट खुद के कमरे की ओर बढ़ती सुनाई

दी तो जैसे दोनो के जान मे जान आ गयी.

राज अब और जोरों से उसके सिर को पकड़ अपने लंड से उसके मुँह को

चोद रहा था . रोमा भी दोनो हाथो से लंड को मसल्ते हुए चूस

रही थी. इतने मे राज का शरीर आकड़ा और उसके लंड ने वीर्य की

पिचकारी रोमा के मुँह मे छोड़ दी. रोमा भी उसके लंड को पूरी तरह

मुँह मे ले उसके वीर्य को पीने लगी.

राज ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अपने कपड़े ठीक कर रोमा के

साथ बाहर हॉल मे आ गया जहाँ उसकी मा डिन्निंग टेबल पर नाश्ता

लगा रही थी.

* * * * * * * * * *

राज की समझ मे नही आ रहा था कि मम्मी से गाड़ी की चाबी कैसे

माँगे वो. वो गाड़ी से जय और रिया से मिलने जाना चाहता था. लेकिन

जब उसने अपनी मम्मी को बताया कि वो रोमा को साथ ले कॉलेज जा रहा

है अपनी आगे की पढ़ाई के लिए तो हंसते हंसते उनकी मम्मी ने गाड़ी

की चाबी दे दी.

शुक्रवार की शाम जब रोमा कॉलेज से वापस आई तो दोनो गाड़ी मे

बैठ जय और रिया से मिलने चल पड़े.

रास्ते मे राज ने अपनी छोटी बेहन रोमा से कहा, "क्या बात है इतनी

नर्वस क्यों हो? एक हफ्ते पहले तक तो डर नाम की चीज़ नही थी

तुम्हारे अंदर और आज क्या हो गया?"

गाड़ी की पॅसेंजर सीट पर बैठी रोमा चुप चुप सोचती रही, "पता

नही राज क्यों उस दिन के बाद आज भी मुझे जय से डर लग रहा है

लेकिन रिया के साथ मुझे अच्छा लगता है." आख़िर उसने जवाब

दिया, "हां तुम ये कह सकते हो कि जय के डर से ज़्यादा मुझे रिया का

साथ अच्छा लगता है."

राज रोमा की ओर देख कर मुस्कुरा दिया, "उस रात के बाद तुम दोनो

काफ़ी करीब आ गये हो है ना?" राज ने कहा.

रोमा ने घूर कर अपने भाई को देखा, "हम दोनो, वो तुम दोनो ही

ज़्यादा करीब आ गये थे जब तुम दोनो हम सब को छोड़ अंधेरे मे

भाग गये थे." रोमा को शायद आज भी ये दुख था कि अगर वो और

रिया उसे छोड़ कर ना गये होते तो जय की हिम्मत नही होती उसके साथ

वैसा सब कुछ करने की.

उस दिन को याद कर रोमा के अंदर का गुस्सा बाहर आने लगा. उसने

गुस्से मुँह फेर लिया और खिड़की के बाहर देखने लगी.

राज ने उसे मनाने के लीहाज़ से अपना हाथ उसके कंधों पर रखा तो

उसने उसके हाथ को झटक दिया, राज समझ गया कि उसकी प्यारी बेहन

इस समय गुस्से मे है. पर रिया के घर तक पहुचते पहुँचते उसने

उसे किसी तरह मना ही लिया.

रिया के मकान पर पहुँच जब राज ने दरवाज़े की घंटी बजाई तो

रिया ने ही दरवाज़ा खोला, राज की नज़रें जय को ढूँढने लगी.

"जय को ढूंड रहे हो? वो यहाँ नही है. तुम्हे विश्वास नही होगा

राज, जय ने नौकरी कर ली है."रिया ने उन्हे अंदर आने को कहते

हुए कहा.

"जय और नौकरी?" राज और रोमा दोनो हैरानी से रिया को देखने लगे.

"हन विश्वास नही हो रहा ना," रिया ने दरवाज़ा अंदर से बंद करते

हुए कहा, "उसे अचानक मेरी सहेली रानी से प्यार हो गया है. दोनो

रोज़ रात को साथ साथ बाहर जाते है और जय की हर रात मुझसे

ज़्यादा रानी के बिस्तर मे उसके साथ गुज़रती है."

रिया की बात सुनकर राज और रोमा एक दूसरे की शकल देखने लगे

जैसे की उन्हे विश्वास नही था कि जो रिया कह रही है वो सच है.

"अब भोले बनने की कोशिश मत करो," रिया ने दोनो से कहा, "में

जानती हूँ कि तुम दोनो एक दूसरे से बहोत प्यार करते हो. जब में

राज से बात करती हूँ तो मेने रोमा की आँखों मे मेरे लिए जलन

देखी है लेकिन वो अलग बात है. में ये भी मानती हूँ कि में और

जय दो चार बार साथ साथ सो चुके है लेकिन तुम दोनो की कहानी ही

कुछ अलग है. मेरा तो एक ही विश्वास है कि अगर प्यार है तो प्यार

को मानना चाहिए उसे पाना चाहिए."

रिया उन्हे अपना घर दीखाने लगी, राज रानी ने ही जय को मजबूर

किया कि वो कोई नौकरी कर ले."

"रानी ने?' राज ने पूछा.

"हां रानी ने, वो डोमिनोज़ मे पिज़्ज़ा डेलिवरी का काम करती है. उसके

बहोत ज़िद करने पर जय ने नौकरी कर ली और आज वो नाइट शिफ्ट कर

रहा है जिससे कि कल का दिन वो तुम दोनो के साथ गुज़ार सके." रिया

ने कहा, "लेकिन एक बात में कहूँगी कि वो तुम दोनो को बहोत मिस

करता है."

तीनो सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे. रिया दाईं तरफ बैठी

थी, राज बाई तरफ और रोमा बीच मे. रोमा और रिया आपस मे

बाते कर रहे थे और राज की आँखे रिया की दिखाई देती

चुचियों पर टिकी थी.

रिया ने एक सफेद रंग की डेनिम की शॉर्ट्स पहन रखी थी और उसके

उपर हल्के गुलाबी रंग का स्लीव लेस ब्लाउस. उसने बीच के सिर्फ़ दो

बटन बंद कर रखे थे जिससे उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही

थी.

क्रमशः..................
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04-10-2019, 04:21 PM,
#22
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
16

गतान्क से आगे.......

कहने को तो राज दोनो की बातें सुन रहा था लेकिन हक़ीकत मे वो रिया

की सुंदरता मे खोया हुआ था. रिया ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुरा

दी. राज देख रहा था कि रिया की चुचियाँ ब्लाउस के नीचे फूल

रही थी और उसके निपल तन कर खड़े हो रहे थे. रिया की नज़रें

राज के चेहरे से फिसल उसकी जांघों पर आ गयी जहाँ उसका लंड तन

कर पॅंट के अंदर एक तंबू सा बनता जा रहा था.

अचानक रिया ने रोमा के चेहरे की ओर अपना चेहरा बढ़ाया और

बोली, "रोमा मेने तुम्हे कितना मिस किया है पता है? आज के दिन तुम

ही मेरी सबसे प्यारी सहेली हो."

राज दोनो लड़कियों को आपस मे एक दूसरे को चूमते देख रहा था,

उसका लंड पॅंट के अंदर मचलने लगा. रोमा सीधी होकर बैठ

गयी और रिया उसकी गोद मे उसकी तरफ मुँह कर के बैठ गयी. फिर

उसने रोमा के चेहरे को अपने हाथों मे लिया और उसके होठों को

चूसने लगी, साथ ही उसने अपनी जीब रोमा के मुँह मे डाल दी. एक

दूसरे की जीब को चूस्ते हुए दोनो सिसकारियाँ भर रही थी.

"ओह्ह्ह बहोत अछा लगा" रोमा रिया से अलग होते हुए बोली.

रोमा को वैसे तो राज के सामने रिया को चूमने मे संकोच हो रहा

था, लेकिन उस पल का नशा आज भी उसके दीमाग मे छाया हुआ था जब

उसने और रिया ने उस दिन तालाब के किनारे अंधेरे मे साथ बीताए

थे.

रिया के स्पर्श ने ही उत्तेजित कर दिया था, उसके निपल तन कर किसी

के स्पर्श को तड़प रहे थे. रोमा जानती थी कि रिया उसके साथ सेक्स का

खेल खेलना चाहती है पर रोमा अपने भाई के सामने ये सब करने से

हिचकिचा रही थी.

"रोमा अभी तो शुरआत है," रिया ने रोमा को नर्वस देखा तो

बोली, "और मेरा विश्वास करो तुम्हे अच्छा लगेगा."

जब रिया ने उसके टॉप को नीचे से पकड़ उपर उठाने की कोशिश की तो

एक बार के लिए तो रोमा हिचकिचाई लेकिन उसने विरोध नही किया और

अपने दोनो हाथ उठा दिए. रिया ने उसके टॉप को उतार दिया. रिया ने

अपने भी ब्लाउस के दोनो बटन खोल उसे निकाल कर उछाल दिया.

राज फटी आँखों से रिया की भारी भारी चुचियाँ और तने निपल को

देख रहा था.

दोनो लड़कियों ने एक दूसरे को बाहों मे भर लिया और चुचि से

चुचि रगड़ते हुए एक दूसरे को चूमने लगी. कमरे मे उनकी

सिसकारियों और तेज होती साँसों की आवाज़ गूंजने लगी. रिया का उसकी

चुचियों से अपनी चुचियाँ का रगड़ना रोमा को अछा लग रहा था

उसकी धड़कनो के साथ रिया के दिल की धड़कन भी उसे सुनाई दे रही

थी.

"ऑश रिया तुम्हारे बदन का स्पर्श कितना अच्छा लग रहा है...

ऑश" रोमा धीरे से उसके कान मे फुस्फुसाइ.

दोनो लड़कियों को अपनी मस्ती मे लगे देख राज का लंड पॅंट के अंदर

पूरी तरह तन गया था. आख़िर उसने अपनी पॅंट की ज़िप खोली और अपने

लंड को बाहर निकाल लिया. उसने दाँये हाथ से अपने लंड को पकड़ा और

मुठियाने लगा.

थोड़ी देर बाद रिया ने अपना मुँह रोमा के मुँह पर से हटा लिया.

तिर्छि नज़रों से उसने राज के नंगे और खड़े लंड को देखा और

इशारे से उसे शामिल होने के लिए कहा.

रिया रोमा की गोद से उतार उसके पैरों के पास घुटनो के बल हो

गयी. अपने हाथों को उसकी चुचियों पर रख वो धीरे धीरे उन्हे

मसल रही थी और उसके निपल पर हल्की हल्की चिकोटी काट रही थी.

रोमा की सिसकारियाँ तेज होती जा रही थी, "ऑश आआआः ऑश रियाअ."

रिया ने अपना चेहरा उसकी चुचियों पर रखा और उसके खड़े निपल

को मुँह मे ले चूसने लगी. साथ ही वो उसकी चुचि को मुठ्ठी मे भर

मसल रही थी.

"ऑश रिया चूसो और ज़ोर से चूसो हां ऐसे ही." रोमा सिसक पड़ी.

राज से अब रहा नही जा रहा था. वो झुक कर रोमा के होठों को

अपने होठों मे ले चूसने लगा. फिर उसके मुँह को खोल उसने अपनी जीब

रोमा के मुँह मे डाल दी और रोमा काम विभूर हो अपने भाई की जीब

चूसने लगी.

दोनो एक दूसरे की जीब से खेल रहे थे और चूस रहे थे और रिया

रोमा की चुचियों को मसल मसल कर चूस रही थी.

रिया के हाथ और जीब नीचे की ओर खिसकने लगे, उसकी चुचि, उसका

पेट उसकी नाभि को चूमते हुए नीचे बढ़ रहे थे. रोमा कामग्नी मे

जलने लगी थी, और उसका शरीर उत्तेजना मे काँपने लगा था.

रिया के हाथ अब उसकी शॉर्ट्स के बटन को खोलने लगे. बटन खोलने

के बाद रिया ने रोमा को खींच कर सोफे के किनारे पर कर दिया और

उसकी शॉर्ट्स को नीचे खिसकाने लगी. रोमा ने भी अपनी गंद को थोड़ा

उपर कर रिया की मदद की. अब रोमा की चूत उसकी पॅंटी से धकि हुई

थी.

रिया ने उसके घुटनो को नीचे से पकड़ा और उसकी टाँगो को उठाते हुए

फैला दी. फिर उसने रोमा के चेहरे की तरफ देखा जहाँ उसका चेहरा

उत्तेजना मे लाल हो गया था साथ ही पसीने की बूंदे उसके माथे पर

उभर आई थी.

रिया सब समझती थी, जब भी कोई लड़की दूसरी लड़की के साथ सेक्स का

मज़ा लेती थी तो ऐसे ही उसके चेहरे पर अस्चर्य और माथे पर

पसीना आ जाता था.

"रोमा आराम से रहो और मज़े लो तुम्हे और अच्छा लगेगा." रिया ने

कहा.

रोमा ने अपने आप को सोफे की पुष्ट से टिका दिया. रिया उसकी टाँगो को

पकड़े उसकी जांघों के अंदुरिनी हिस्सों को चूमने लगी. रिया ने देखा

कि रोमा की पॅंटी चूत मे थोड़ी घुस सी गयी थी और पॅंटी चूत के

आगले हिस्से पर गीली भी हो गयी थी. रिया ने उसकी चूत को पॅंटी

सहित मुँह मे भर लिया और अपनी जीब को पॅंटी के साइड से चूत

चारों और फिराने लगी. रोमा की सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी.

"ऑश रिया बहोट अककचा लग रहा है काब्से तड़प रही थी तुम्हारे

स्पर्श के लिए ऑश "

उत्तेजना रोमा पर सवार होती जा रही थी और अब वो अपनी कमर उठा

अपनी चूत को रिया के मुँह पर दबाने लगी. उसने रिया के सिर को

पकड़ अपनी और खींचा और अपनी चूत पर दबाने लगी.

"ऑश रिया अब मत तद्पाओ चूसो ना मेरी चूत को ऑश देखो कैसे

आग लगी ही है प्लीज़ चूवसूओ ना......"

तभी राज सोफे पर से उठा और कपड़े उतार नंगा हो गया. फिर वो

रिया के पीछे आया और उसकी शॉर्ट्स के बटन खोल दिए. शॉर्ट्स

ढीली हुई तो उसे खींच उतार दिया. राज पीछे से रिया की

चूतदों पर हाथ फेर उसकी मुलायम और गुलाबी चूत को देखने

लगा. रिया ने भी आपी टाँगे थोड़ी फैला दी जिससे उसकी चूत और

खुल गयी.

राज ने उसके चूतदों को पकड़ा और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका

दिया. फिर उसके चूतदों को अपनी तरफ खींचते हुए उसने हल्के से

धक्का मार अपने लंड को रिया की गुलाबी चूत के अंदर घुसा दिया.

राज अब हल्के धक्के मार रिया को चोदने लगा.

रिया ने अपना हाथ रोमा की पॅंटी मे फँसाया और उसे नीचे खिसकाते

हुए उतार दी. अब रोमा की मुलायम और नमकीन चूत रिया के सामने

थी. उसने उसकी चूत को फैलाते हुए अपनी जीब उसमे डाल घूमाने

लगी. अपनी जीब को उपर से नीचे फिरा वो उसकी चाटने लगी.

रोमा ने अपनी टाँगे रिया के गर्दन के इर्द गिर्द लपेट ली और उसके

चेहरे को अपनी चूत पर दबाने लगी साथ ही अपनी कमर उठा अपनी

चूत को और उसके मुँह मे देने लगी.

राज ने वैसे कभी सामूहिक चुदाई का मज़ा नही लिया था, लेकिन

उसने अपनी कहानियों मे कई बार लीखा था. और आज वो अपनी सग़ी

बेहन और अपने ख़ास दोस्त की बेहन के साथ चुदाई मे लगा हुआ था.

राज अब अपने ज़ोर ज़ोर के धक्के रिया की चूत मे मार रहा था.

राज ने देखा की रिया का चेहरा करीब करीब रोमा की जाँघो के बीच

छिप सा गया था और वो उसकी बेहन की चूत को जोरों से चूस रही

थी. जैसे कोई बिल्ली दूध पीते वक्त आवाज़ करती है वैसे ही एक

मधुर ध्वनि सी कमरे मे गूँज रही थी.

हर क्षण के बाद रोमा का शरीर और कांप उठता और उत्तेजना मे

फड़फदा उठता. रिया ने तभी अपनी जीब के साथ अपनी दो उंगलियों

उसकी चूत के अंदर डाल दी और उसे उंगली से चोदने लगी. अब रिया को

दोहरा मज़ा मिल रहा था, उसने अपनी जीब को त्रिकोण का आकार दिया था

और जब भी राज का लंड उसकी चूत मे घूस्ता तो उसकी जीब रोमा की

चूत मे अंदर तक घुस जाती.

राज ने देख की हमेशा रोमा अपनी सिसकियों को मम्मी के डर से दबा के

रखती थी लेकिन आज घर से इतनी दूर उसका डर गायब हो गया था

और वो जोरों से सिसक रही थी.

'ऊहह रिया ऑश हाआँ ऐसे ही चूओड़ो मुझे अपनी जीएब से ऊवू

हाां और ज़ोर से चूड़ो हाआँ मेरा चूओटने वाला है बस थोड़ी ही

देर है... छोड़ो मुझे..."

राज ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रिया को चोद रहा था साथ ही अपनी बेहन

के देख रहा था जो अपनी कमर उठा रिया से अपनी चूत चूस्वा रही

थी. राज ने देखा कि रोमा ने एक ज़ोर की आह के साथ अपनी चूत रिया

की मुँह पर दबाई और झाड़ गयी. रोमा की चूत से बहता रस उसकी

झांते भीगो रहा था साथ ही रिया का चेहरा भी भीग गया था.
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04-10-2019, 04:21 PM,
#23
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
रोमा अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पाने के लिए सोफे पर अध लेटी मुद्रा

मे लेट गई थी. राज ने अपना लंड रिया की चूत से निकाला और रोमा के

बगल मे बैठ गया. रोमा अपने भाई के लंड को देखने लगी जो उसके

और रिया के रस से भीगा हुआ था रिया उठी और राज की टाँगो के इर्द

गिर्द अपनी टाँगे रखते हुए उसकी गोद मे बैठ गयी. फिर पंजो के बल

थोड़ा सा खड़े होते हुए उसने उसके लंड को अपनी चूत से लगाया और

उस पर बैठती चली गयी. राज का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका

था.

रोमा रिया और राज को चुदाई करते हुए देख रही थी, लेकिन आज जलन

नाम की चीज़ नही थी उसके दिल मे. बल्कि आज जो कुछ हुआ उससे उसे

रिया पर प्यार आ रहा था, वो देख रही थी कि किस तरह अपनी उसकी

नई सहेली अपनी चुचि को राज के मुँह मे देकर वो उछल उछल कर

उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी.

पहले जब भी राज को वो किसी और लड़की के साथ देखती तो एक अंजाना

डर उसे सताते रहेता की कहीं राज उससे दूर ना चला जाए, लेकिन

आज जिस तारह रिया ने उसे खुश किया था वो हैरान थी. आज पहली बार

उसकी चूत ने दिल खोलकर पानी छोड़ा था, राज से चुद्वा कर भी उसकी

चूत इस कदर तृप्त नही हुई थी. वो रिया की सिसकारियों मे खोई

हुई थी.

"ऑश राज हाआँ ऐसे ही नईएचए से चोदो अपने लंड को मेरी चूओत मे

ऑश हाां और थोड़ा ज़ोर सीईए राज."

रिया ज़ोर से उछल कर राज को चोदने लगी. वो उसके लंड को और अंदर

तक लेने की कोशिश कर रही थी. राज भी अब उसकी चूतदो के नीचे

हाथ देकर अपने लंड को और अंदर तक घुसा रहा था. दोनो की छूटने

की कगार पर था.

"ऑश राज हाआँ बस में तो घाईईईईई राज ओःःःः," सिसकते हुए रिया की

चूत ने पानी छोड़ दिया और तभी राज ने अपनी कमर को उठाया और

अपने लंड को और अंदर तक घुसाते हुए अपने वीर्य की पिचकारी रिया

की चूत मे छोड़ दी. दोनो के वीर्य का संगम हुआ और उसकी कुछ कतरे

रिया की चूत से टपकने लगे.

दोनो थक चुके थे और दोनो शरीर पसीने से भीग चुका था. रिया

ने अपना सिर राज के कंधे पर टिका दिया, "राज तुम बहोत अच्छे हो,"

कहकर उसने उसके गालों को चूम लिया, "रोमा बहोत खुशनसीब है."

रिया राज की गोद से उठी और रोमा के पास आकर खड़ी हो गयी. राज और

रिया का मिश्रित वीर्य अब भी रिया की चूत से टपक रहा था. रिया

ने रोमा का हाथ पकड़ा, "चलो बाथरूम मे चलते हैं."

राज दोनो लड़कियों को बाथरूम की और जाते देखता रहा, उसकी निगाह

दोनो की गंद पर टिकी हुई थी और दोनो की गंद मारने की लालसा उसके

मन मे जागने लगी. दोनो बाथरूम के दरवाज़े पर पहुँच एक पल के

लिए रुके और राज को देखते हुए एक दूसरे के होठों को चूसने लगे.

दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ बाथरूम मे घुस गये और किसी ने

दरवाज़ा बदन करने की जर्रोरत नही समझी, इसलिए राज को बाथरूम

के अंदर का नज़ारा सॉफ दिखाई दे रहा था.

रिया ने बाथरूम के अंदर टब की नाल चालू कर दी फिर उसने लिक्विड

साबुन टब मे डाली और और टब मे घुस गयी. रोमा भी उसकी पीछे

टब मे आई और उसे अपनी बाहों मे भर लिया.

"रोमा सही बताना एक लड़की के साथ सेक्स करने मे कैसा लगा?" रिया ने

चुचियों को मसल्ते हुए पूछा.

रोमा कि लगा की रिया ही उसकी सच्ची सहेली और वो उससे अपने दिल की

बात खुल कर सकती है, "रिया सच कहूँ तो पहले तो में डर रही

थी, और मुझे नही लग रहा था कि में तुम्हारे साथ ये सब कर

पाउन्गि. पर मुझे तुम पर विश्वास था और एक बार आगे बढ़ी तो

पीछे हटने का दिल ही नही किया."

"मुझे पता है, में भी ऐसा ही महसूस कर रही थी," रिया ने

कहा, "क्या तुम्हे मज़ा आया?"

रोमा ने उसके हाथ अपने हाथ मे ले लिए, "सच मे रिया बहोत मज़ा

आया, आज जितना में झड़ी हूँ इसके पहले मेरी चूत ने इतना पानी

कभी नही छोड़ा, राज के साथ भी नही, ऐसा लगा है कि मेरी चूत

अंदर से एकदम खोक्ली हो गयी और उसके अंदर कुछ बचा ही नही है."

रोमा की बात सुनकर रिया मुस्कुरा दी, "लड़कों के साथ मज़ा आता है

और मुझे भी लड़के पसंद है, लेकिन एक औरत को खुश एक औरत ही

कर सकती है, एक बार जब तुम ये सिख जाओगी तो तुम्हे और मज़ा

आएगा."

रिया थोड़ी देर रोमा के शरीर को मसल्ने के बाद उसकी चुचियों को

मसल्ने लगी, उसे लगा की रोमा के निपल तन कर खड़े हो रहे

है, "तुम नाराज़ तो नही हो ना कि मेने तुम्हारे सामने राज के साथ

चुदाई की?

"नही बिल्कुल भी नही," रोमा ने उसे आश्वासन देते हुए कहा, "पहले

मुझे लगा था कि तुम दोनो को चुदाई करते देख मुझे जलन होगी,

लेकिन जब मेने तुम दोनो को इतने प्यार से एक दूसरे का साथ देते

देखा तो मुझे बिल्कुल भी जलन नही हुई, मुझे लगा कि कोई और भी

तो है जो मेरे भाई को इतना प्यार करता है."

जब रिया ने रोमा की चुचियों को मसल और साबुन लगा धो दिया तो

रोमा रिया की चुचियों पर साबुन लगा मसल्ने लगी, शायद कभी

में भी तुम्हारी चूत इसी तरह चूस सकूँ जिस तरह तुमने आज

मेरी चूत चूसी है," रोमा ने डरते हुए कहा, रिया ही एक ऐसी थी

जिसके साथ वो सब कुछ कैसे भी कर सकती थी.

"आराम से रोमा इतनी जल्दी जल्दी नही, अभी काफ़ी वक़्त हमे साथ

गुज़रना है." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.

रोमा अपनी इस नई सहेली को देख रही थी जिसके दिन प्यार ही प्यार

भरा था सबके लिए.

रोमा के इम्तिहान ख़तम हो चुके थे और उसकी कॉलेज की छुट्टियाँ

शुरू हो चुकी थी. समय गुज़रता जा रहा था, उसे पता नही था कि

आगे उसे क्या करना चाहिए.

राज का भी स्वाभाव कुछ कुछ बदल गया. उसका ज़्यादातर वक़्त अकेले

तालाब के किनारे ही गुज़ारता है. जब भी रोमा उससे अपने और उसके बारे

मे पूछती वो कुछ खिज सा उठता था. इसी खिज और झल्लाहट ने उन

दोनो के बीच के रिश्ते को भी थोड़ा ठंडा कर दिया था.

रोमा किचन मे खड़ी अपने आपको बहोत अकेला महसूस कर रही थी.

उसकी समझ मे नही आ रहा था कि छुट्टियों के बाद उसे क्या करना

चाहिए. रोज़ की तरह आज भी राज तालाब किनारे पर था.

तभी फोन की घंटी बजी, और रोमा ने फोन उठा लिया, "हेलो"

"हाई डार्लिंग, कितनी याद आ रही है तुम्हारी."

इस उदासी और एकांत के वातावरण मे रिया की प्यारी आवाज़ पहचान कर

वो खुश हो गयी. "में भी तुम्हे ही याद कर रही थी, जब में और

राज तुम्हारे यहाँ आए थे उसके बाद हमारा मिलना ही नही हुआ,

करीब तीन महीने हो गये ना उस बात को."

"में जानती हूँ और तुम्हारे बारे मे ही सोच रही थी... लेकिन क्या

करूँ... एक तो फाइनल इम्तिहान उपर से ये नौकरी... इन दोनो के बीच

वक्त ही नही मिला." रिया ने उसे समझाते हुए कहा.

"में भी अपने कॉलेज और इम्तिहान मे बिज़ी थी," रोमा ने कहा, "पर

अब ये अलाम है कि मेरे पास करने को कुछ भी नही है."

"काश मेरे साथ भी कुछ ऐसा होता लेकिन कॉलेज के बाद एक्सट्रा शिफ्ट

पर शिफ्ट में बहोत थक गयी हूँ काम कर कर के, इसलिए तुम्हे

फोन किया है. मेने इस हफ्ते ऑफीस से छुट्टी ले ली है, क्या में

तुमसे मिलने तुम्हारे यहाँ आ सकती हूँ?" रिया ने पूछा.

"अरे ये भी कोई पूछने की बात है, मज़ा आ जायगा.' रोमा ने खुशी

मे कहा, "कब आ रही हो?"

"सोच रही हूँ कल पहुँच जाउ जिससे हम हफ्ते के आखरी दिन

तुम्हारे साथ बीता सकूँगी." रिया ने जवाब दिया.

"हां आ जाओ तुमसे मिलकर मुझे बहोत खुशी होगी." रोमा ने कहा.

"देखो रोमा मुझे अभी जाना है," रिया ने कहा, "मेरा बॉस मुझे

गुस्से मे घूर रहा है, में तुमसे कल बात करूँगी."

ठीक है बाइ." कहकर रोमा ने फोन रख दिया.

फोन रख कर रोमा ने महसूस किया कि रिया से बात करते ही उसके

बदन मे सनसनी सी मच गयी थी. आज जब से उसके इम्तिहान ख़तम

हुए थे ये पहली अछी खबर थी इतने महीनो मे. अब वो पूरे हफ्ते

रिया के साथ रह कर मस्ती कर सकती थी. तभी उसे राज का ख़याल

आया जो आजकल कुछ उखड़ा उखड़ा रहता था. उसने मन ही मन निस्चय

कर लिया कि वो राज को उसकी ये छुट्टियाँ बर्बाद नही करने देगी.

* * * * *

क्रमशः..................
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04-10-2019, 04:21 PM,
#24
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
17

गतान्क से आगे.......

दूसरे दिन रोमा सुबह जल्दी उठ गयी और किचन मे काम करने लगी.

वो इतनी खुश थी कि हर बार जब भी कोई गाड़ी की आवाज़ सुनाई देती वो

खिड़की के झाँक कर देखती की कहीं रिया तो नही आ गयी.

राज अभी भी गहरी नींद सो रहा था. दोपहर के खाने के वक्त से

पहले ही उसने उसे घर मे घूमते देखा. जब इस बार फिर उसे किसी

कार की आवाज़ सुनाई दी तो उसे पक्का विश्वास हो गया कि ये रिया की ही

गाड़ी होगी. उसने खिड़की से नीचे झाँका तो रिया को गाड़ी से उतरते

देखा.

उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी. वो दरवाज़े की ओर भागी उसका स्वागत

करने के लिए. उसने दरवाज़ा खोला तो ऐसा लगा कि किसी भट्टी से

उठते शोले कमरे मे घुस आए हो. तेज गरम हवा के झोंके उसके

बदन को तपाने लगे.

रोमा ने देखा कि रिया पूरी तरह से पसीने से भीगी हुई थी, उसका

टॉप पसीने से भीग चुका था और उसके बदन से इस तरह चिपका हुआ

था कि उसकी चुचियों का उभार सॉफ दिखाई पड़ रहा था. रिया की

चुचियों को देख ही रोमा के मन मे कुछ कुछ होने लगा. रिया एक दम

थॅकी और नीढाल सी लग रही थी.

"रिया तुम ठीक तो हो ना?" रोमा ने पूछा.

"हां वैसे तो ठीक हूँ, गाड़ी का एरकॉनडिशनर खराब हो गया था

कुछ दिन पहले और काम मे इतना बिज़ी थी कि इसे ठीक कराने का वक़्त

ही नही मिला." रिया ने कहा.

"अंदर आ जाओ बाहर बहोत गर्मी है," रोमा ने उसे अंदर आने के लिए

कहा.

"हां अब अच्छा लग रहा है," रिया ने अंदर आकर कहा, "में पूरे

रास्ते में तुम्हारे और तालाब के किनारे के बारे मे ही सोचती रही पर

मुझे नही पता था कि यहाँ इतनी गर्मी होगी."

"मेरे साथ किचन मे आ जाओ में तुम्हे बरफ का ठंडा पानी बना

कर देती हूँ." रोमा ने कहा.

एक बार किचन मे दोनो पहुँचे तो रिया ने अपने पसीने से भीगे

हुए टॉप को उतार अपनी छाती नंगी कर ली.

"राज कहाँ है में नही जानती." रोमा ने उसके लिए पानी का ग्लास

बनाते हुए कहा.

रिया एर कंडीशनर के सामने खड़ी हो ठंडी हवा का मज़ा अपने

चेहरे और नंगी छाती पर लेने लगी.

एर कंडीशनर से आती ठंडी हवा ने रिया के शरीर मे एक शीत

लहर सी दौड़ा डी. थोड़ी ही देर मे उसका चेहरा और छाती सुख गयी

थी. उसने महसूस किया कि ठंडी हवा के स्पर्श से उसके निपल तन

कर खड़े हो गये थे. उसने अपनी शॉर्ट्स के बटन खोले और उन्हे

पैरों से निकाल अलग कर दी. अब वो सिर्फ़ पॅंटी पहने ठंडी हवा का

आनंद ले रही थी.

"क्या तुम नहाना पसंद करोगी?" रोमा ने रिया से पूछा.

"इस समय तो में पिछले दरवाज़े से बाहर जाना चाहती हूँ. में

सुबह से ही तालाब के बारे सोच रही थी, में तो कहूँगी कि हम दोनो

बिकिनी पहन लेते है और तालाब मे साथ साथ स्नान करते है." रिया

ने जवाब दिया.

दोनो लड़कियाँ रोमा के कमरे मे आ गयी और अपने अपने कपड़े उतारने

लगी. रिया ने अपनी पॅंटी उतारी तो रोमा तीर्छि नज़रों से उसकी चूत

को देखने लगी. रिया की चूत एक दम सफ़ा चट थी, झांतो का नामो

निशान भी नही था, रोमा उससे पूछना चाहती लेकिन पूछा नही. रोमा

ने एक हल्के पीले रंग की बिकिनी पहन ली और रिया ने काले रंग की.

"थॅंक्स रोमा जो तुमने मुझे यहाँ कुछ दिन के लिए आने की इजाज़त

दे दी," रिया ने कहा, "|तुमसे मिलकर कितना अच्छा लग रहा है."

"इसमे शुक्रिया की क्या बात है." रोमा ने कहा, "तुमसे मिलकर मुझे

भी बहोत ख़ुसी हुई है, बहोत सारी बातें करनी है तुमसे, में

तो चाहूँगी कि तुम पूरी गर्मी की छुट्टियाँ मेरे साथ गुज़ारो."

"मुझे भी तुम्हे बहोत सी मज़ेदार बातें बतानी है." रिया ने

हंसते हुए कहा.

खुशी से भरी दोनो लड़कियाँ पीछे दरवाज़े से निकल तालाब की ओर

दौड़ी. रोमा को पता था कि रिया को सूरज की गर्मी का आनंद लेने मे

अछा लगता है इसलिए उसने दो बड़ी चादर अपने साथ ले ली थी.

तालाब के किनारे पहुँच कर दोनो ने तलब मे छलाँग लगाई और

तालाब के ठंडे पानी का आनंद लूटने लगी. थोड़ी देर एक दूसरे पर

पानी उछाल कर खेलती रही, तो कभी तालाब से बाहर आ फिर से डाइव

कर तालाब मे कूद जाती. इसी तरह थोड़ी देर नहाने के बाद दोनो

तालाब से बाहर आ किनारे पर बीची चादर पर पेट के बल लेट गयी.

"जय कहाँ है?" रोमा ने पूछा, पहली बार उसे जय का साथ ना होने का

अहसास हुआ.

रिया हँसने लगी, "उसे बहोत ही गहरा प्यार हो गया है, रानी को

भी, मेने बताया था ना कि दोनो एक दूसरे से मिलते है लेकिन अब दोनो

इस रिश्ते को लेकर सीरीयस है."

"क्या कहा तुमने?" रोमा को रिया की बात पर विश्वास नही हुआ.

"हां आजकल जय बहोत मेहनत कर रहा है, तुम मनोगी नही दो दो

नौकरियाँ कर रहा है आजकल. दिन मे ऑफीस मे काम तो रात को एक

होटेल मे वेटर का काम कर रहा है रात भर रानी की चुदाई करता

है. मेरी तो स्मझ मे नही आ रहा कि इतना सब करने के लिए वो

ताक़त कहाँ से लाता है." रिया ने बताया.

"जय और दो नौकरियाँ में नही मानती," रोमा ने अस्चर्य से

कहा, "हमारा जय?"

"तुम्हारे और राज के बीच कैसा चल रहा है?" रिया ने विषय को

बदलते हुए पूछा.

रोमा की आँखे भर आई और उसकी नाक लाल हो गयी. रिया समझ

गयी कि कुछ तो है दोनो के बीच.

"रोमा में तुम्हारी सहेली हूँ, तुम्हे मुझे बताना होगा?" रिया ने

उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.

रोमा ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, "जय की गिर्ल्फ्रेंड रानी

क्या कर रही आज कल?" उसने पूछा.

"ओह्ह रानी, वो डॅन्सर है नाचती है. दोनो इतनी मेहनत कर रहे है

जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमा सके. उन्हे अपना एक घर लेना है और

एक नई गाड़ी भी. मुझे नही पता था कि मेरा जय इतनी मेहनत भी कर

सकता है, मुझे गर्व हो रहा है उस पर. उसका बदन भी इतना

गथीला और ताकतवर हो गया है लेकिन अब हमारे बीच पहले वाला

जिस्मानी रिश्ता भी नही है." रिया ने कहा.

"राज को क्या हुआ है, अब तो बताओ?" रिया ने फिर पूछा.

रोमा ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, "मुझे नही पता कि क्या हो

रहा है? मुझे ऐसा लगता है कि अब भी वो मुझसे प्यार करता है

पर यकीन नही होता, मुझे नही लगता कि वो मेरे साथ रहेगा."

रिया अस्चर्य से रोमा को देख रही थी, "क्या वो कोई काम नही

करता?" उसने पूछा.

"नही कुछ भी नही, हमेशा की तरह सिर्फ़ तालाब के किनारे ही अपना

टाइम वेस्ट करता रहता है. हम दोनो के बीच का रिश्ता जैसा ख़तम

ही हो गया है. मेरी तो कुछ समझ मे नही आ रहा में क्या करूँ?

बड़ी मुस्किल से वो मुझे कभी छूता होगा."

रिया ने आत्मीयता भरी नज़रों से रोमा को देखा, "दुख हुआ मुझे ये

सब सुनकर."

"तुमसे कह कर थोड़ा दिल का बोझ हल्का हो गया, शुक्रा है भगवान

का कि तुम यहाँ आ गयी."

रिया ने उसकी चादर का कोना पकड़ उसे अपने सामने कर लिया. अब दोनो

के चेहरे आमने सामने थे.

"मेने तुम्हे कितना मिस किया है जानती हो? हर समय दीमाग मे

तुम्हारे साथ बीताए गये वो पल याद आते रहते हैं. वो आखरी बार

था जब मेने किसी के साथ सेक्स किया था. में कितना तड़प रही हूँ

आज सेक्स के लिए." रिया ने कहा.

रोमा एक कामुक मुस्कुराहट के साथ उसे देखने लगी. "फिर तुम सही

जगह पर आई हो. में भी कई दिनो से ऐसा ही महसूस कर रही

हूँ."

दोनो ने एक दूसरे के गले मे अपनी बाहें डाल दी. रिया की जीब रोमा

के उपरी और नीचले होठों पर थिरकने लगी, और जब रोमा का मुँह

खुला तो उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी. दोनो एक दूसरे की जीब

से खेलने लगे... कभी उसे चूमते तो कभी चूस्ते.
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04-10-2019, 04:22 PM,
#25
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
जब रिया ने अपना चेहरे उससे अलग किया तो रोमा चादर पर सीधी लेट

गयी और चादर के कोने को अपने हाथो से पकड़ लिया. वहीं रिया ने

अपनी बिकिनी की डोर खींच उसे अलग कर दिया. उसकी चुचियाँ अब

आज़ाद थी.

"रोमा बहोत मिस किया है मेने तुम्हे...." अपने नग्न शरीर से रोमा

को रिझाते हुए बोली.

"रोड पर से आते जाते लोग हमे देख सकते है." रोमा ने उसे याद

दिलाया.

"क्या थोड़ा सा रिस्क लेने से डरती हो? रिया ने पूछा.

रोमा को याद आ गया जब वो किचन मे घुटनो के बल बैठ राज का

लंड चूस रही थी और उसकी मा किचन मे आती आती रह गयी

थी....उसे याद आया वो पल जहाँ डर और उत्तेजना दोनो उस दिन उसमे

भरी हुई थी. "नही मुझे लगा कि कहीं तुम्हे डर लग रहा हो?"

रोमा ने कहा.

दोनो के भूके मुँह खुले और एक बार फिर दोनो एक दूसरे को चूमने

लगे. रोमा ने अपना हाथ बढ़ाया और रिया के नाज़ुक चुचियों को

सहलाने लगे. वो उसकी चुचियों को मस्सलते जा रही थी और अंगूठे

से उसके निपल को भेद रही थी. थोड़ी ही देर मे दोनो लड़कियाँ गरमा

गयी और उत्तेजना मे दोनो की साँसे तेज हो गयी.

रिया अपनी चादर से उठी और रोमा की टाँगो के बीच आ उस पर झुक

गयी. फिर रोमा की बिकिनी की डोर भी खींच कर उतार दी. रोमा की

चुचियों कठोर हो चुकी थी और उसके निपल तन कर खड़े थे.

रोमा ने नज़रे उठा कर सड़क की ओर देखा, उसे पता था कि वहाँ से

कोई भी उसकी नंगी चुचियों को देख सकता था लेकिन रोमांच और डर

दोनो का मिश्रण उसके शरीर मे और रोमांच भर दिया

"तुम पागल हो गयी हो?" रोमा ने कहा जब रिया उसकी चुचियों को

सहलाने लगी

रिया अब अपने मुँह को रोमा की चुचियों पर रख अपनी जीब उसकी

चुचि के चारों और घूमा रही थी और साथ ही उसकी चुचि को

मुठ्ठी मे भर मसल रही थी. जब रिया की जीब रोमा के निपल पर

थिरकति और एक अजीब सनसनी उसके बदन मे और चूत मे मचने

लगती. रिया उसके निपल को अपने दन्तो मे भीच कुरेदने लगी तो रोमा

तो जैसे उत्तेजना मे पागल सी हो गयी.

रोमा की हल्की सिसकियाँ तालाब के पानी की आवाज़ के साथ बह रही थी.

जब उसकी चुचि और निपल दोनो रिया के थूक से चमकने लगे तो

रिया धीरे धीरे नीचे खिसकने लगी. अपनी जीब उसकी चुचियों

पर फिराते हुए वो नीचे उसके सपाट पेट पर फिराने लगी और फिर

अपनी जीब को उसकी नाभि मे डाल घूमाने लगी.

खुले आसमान के नीचे तालाब के किनारे दो लड़कियाँ पूरी तरह नंगी

हो सेक्स के खेल का आनंद उठा रही थी. पकड़े जाने का या फिर लोगों

द्वारा देखे जाने का डर अब भी रोमा के दिल मे समाया हुआ था.

"क्या घर मे चलें?" रोमा ने रिया से पूछा.

"हां च्लते है, यहाँ कुछ मज़ा नही आ रहा, तुम्हे आ रहा है?

रिया ने कहा.

"मेरी बिकिनी कहाँ है?"

दोनो लड़कियाँ अपनी बिकिनी खोजने लगी जो शायद हवा के साथ उड़ गयी

थी.... चारों तरफ नज़रें दौड़ने के बाद भी उन्हे उनकी बिकिनी

दिखाई नही डी.

"ये तो बहोत बुरा हुआ." रोमा ने कहा. "में तो टवल भी नही लाई,

कभी ऐसा होगा ये सोचा ही नही था."

"फिर तो हमे घर तक ऐसे दौड़ कर जाना होगा." रिया ने कहा.

रोमा रिया के नंगे बदन को देख रही थी, और सोच रही क्या इसी

तरह नंगे घर तक जा पाएँगे. उसकी निगाह रिया की सपाट चूत पर

पड़ी और वो अपने आपको रोक नही पाई, "तुम्हे चूत के बाल सॉफ

करना अच्छा लगता है."

"बहोट अच्छा लगता है, चाहे अपनी चूत साफ हो या सामनेवाली की,

जब हम चूत चूस्ते है या चूस्वाते है तो बालों का मुँह मे जाने

का डर नही होता..... साथ ही जब हम चुद्वाते है तो सामने वाले के

अंडे जब इस सपाट चूत पर ठोकर मारते है तो बहोत अच्छा लगता

है." रिया ने जवाब दिया.

"मेने तो आज तक मेरी झांते कभी सॉफ नही की." रोमा ने कहा.

"कोई बात नही, घर पहौन्च कर आज में कर दूँगी." रिया उसके

पास उसकी चूत पर हाथ फिराते हुए बोली.

रोमा तालाब से लेकर घर के पीछले दरवाज़े तक नज़र दौड़ने

लगी... काफ़ी लंबी दूरी थी. अगर वो इसी तरह घर की ओर बढ़ते

है तो जितना घर के नज़दीक पहुँचेंगे उतना ही सड़क के भी और

उनके इस तरह नंगे देखे जाने के चान्स बढ़ जाएँगे.

"चलो दौड़ कर ही घर तक चलते है." रोमा ने रिया का हाथ

पकड़ते हुए कहा.

दोनो लड़कियाँ तेज़ी से घर की और दौड़ी और घर के पीछले दरवाज़े

पर पहुँच कर ही दम लिया. रोमा कुछ कारों की आवाज़ सुनी थी जो

उनके बगल की सड़क से गुज़री थी लेकिन उसकी हिम्मत नही हुई नज़र

उठा कर देखने की.

"वो तो अच्छा है कि मम्मी घर पर नही है, वरना हमे इस हालत मे

देखती तो पता नही क्या कहती.' रोमा ने घर के अंदर कदम रखते

हुए कहा.

रोमा तो अपने बेडरूम की ओर बढ़ने लगी लेकिन रिया सीधे बाथरूम

मे घुसने लगी.

"बाथरूम मे क्यों जा रही हो?" रोमा ने पूछा.

"शेविंग क्रीम लाने," रिया ने कहा, "में मज़ाक नही कर रही थी,

में सही मे तुम्हारी चूत के बाल सॉफ करने जा रही हूँ."

रिया बाथरूम मे बनी आल्मिराह मे ढूँढने लगी, उसे शेविंग क्रीम तो

मिल गयी लेकिन उसे रेज़र नही मिला."

रिया ढूंडती रही लेकिन उसे आख़िर तक रेज़र नही मिला, उसके चेहरे

पर आई झल्लाहट को देख रोमा बाथरूम के दरवाज़े पर खड़ी

मुस्कुरा रही थी.

"वो क्या है रिया राज ने मुझे अपने पैरों के बॉल सॉफ करते पकड़

लिया था तब से वो रेज़र अपने रूम मे छुपा कर रखता है." रोमा ने

रिया से कहा.

रिया बाथरूम के दरवाज़े से बाहर निकली और राज के बेडरूम का

दरवाज़ा खटखटाने लगी, रोमा हैरत से उसे देखे जा रही थी.

रिया ने दरवाज़े को धकेला और बेडरूम मे कदम रखा, देखा राज

बिस्तर पर पेट के बल लेता अपने हाथ मे पेन लिए अपनी कीताब मे कुछ

लीख रहा था.

जैसे ही राज ने रिया ने पहचाना और देखा कि वो नंगी उसके बेडरूम

मे खड़ी है उसेन हैरत भरे स्वर मे पूछा, "ये सब क्या हो रहा

है?"

"प्लीज़ क्या तुम मुझे अपना शेविंग रेज़र दे सकते हो?" रिया ने कहा.

इस तरह अचानक रिया को अपने बेडरूम मे नंगी खड़ी देख वो अभी

भी हैरान था, "क्यों किसलिए चाहिए तुम्हे?"

"मुझे तुम्हारी बेहन की चूत के बाल सॉफ करने है" रिया ने

मुस्कुराते हुए कहा, "बार बार मुँह मे आते रहते है."

राज ने गहरी निगाहों से रिया की चूत की तरफ देखा जहाँ कभी

तराशि हुई झांते हुआ करती थी, लेकिन आज उसकी चूत एकदम चिकनी

और बालों रहित थी. उसने तुरंत अपने दीमाग मे उठती पुरानी यादों

को झटका और कहा, "तुम चलो में लेकर आता हूँ."

रिया बाथरूम मे वापस आई और रोमा को इशारे से बताया कि राज

लेकर आ रहा है.

थोड़ी देर बाद राज हाथ मे रेज़र लिए बाथरूम के दरवाज़े पर प्रकट

हुआ "में भी देखना चाहूँगा."

रोमा तो शरम के मारे मरी जा रही थी, उसने रिया की तरफ देखा

तो उसने अपने कंधे उचका दिए जैसे कि वो क्या कर सकती थी इस

मामले मे. पर रोमा को शक़ हो रहा था कि ये राज और रिया की

मिलीभगत है. आख़िर वो ना भी तो नही बोल सकती थी, उसने राज को

टाय्लेट सीट की ओर इशारा करते हुए कहा, "ठीक है बैठो."

रिया ने रोमा को टब के सहारे खड़ा कर दिया, एक पैर टब के अंदर

और एक पैर टब के बाहर और उसकी टाँगो को पूरी तरह फैला दिया.

फिर थोड़ा पानी लेकर उसकी झांतो को पूरी तरह गीला कर दिया.

रिया ने फिर शेविंग फोम लेकर उसकी झांतों पर लगाने लगी.

रिया जानबूझ कर अपनी उंगलिया ज़रूरत से ज़्यादा समय तक रोमा की

चूत और झांतो पे घूमाति रही, वो बीच बीच मे उसकी चूत को

भी दबा देती. रोमा का बदन उत्तेजना और मादकता मे सिहिर उठा. उससे

सहन नही हुआ, "रिया प्लीस बंद करो ये सब'

राज बहोत ही एकाग्रता से अपनी बेहन की सेविंग फओम से सनी चूत को

देख रहा था. वो इस तरह अपनी आँखे गढ़ाई था जैसे की टीवी पर कोई

मेडिकल डॉक्युमेंटरी देख रहा है.

रिया ने फिर रेज़र अपने हाथ मे लिया और उसकी झांतो को सॉफ करने

लगी. ठंडी ब्लेड के स्पर्श ने रोमा के शरीर मे और हलचल पैदा

कर दी. रोमा का शरीर ऐसे कांपा जैसे कि उसे रेज़र लग गया हो.

"अब नाटक मत करो... में जानती हूँ तुम्हे रेज़र नही लगा है."

रिया रेज़र को वॉश बेसिन मे ढोते हुए बोली.

"लगा तो नही था लेकिन चुबा ज़रूर था."

जैसे ऐसे रिया रोमा की चूत को सॉफ करती गयी उसकी गुलाबी चूत

और निखरने लगी. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत बिना बालों के

बाथरूम की लाइट मे चमक रही थी. रिया ने गीज़र चालू कर मग

मे गरम पानी भरने लगी. फिर टवल को पानी को भीगो उसकी चूत

को अछी तरह पौंचने लगी.

"अब इस चूत की आखरी परीक्षा है...." कहकर रिया ज़मीन पर

घुटनो के बल बैठ गयी फिर अपने बाएँ गाल को रोमा की बिना बालों

की चूत पर रगड़ने लगी. फिर उसने अपने होंठो से उसकी चूत को

हल्के से चूम लिया.

क्रमशः..................
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04-10-2019, 04:22 PM,
#26
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
18

गतान्क से आगे.......

रिया अब अपनी जीब को पूरी बाहर निकाल उसकी चूत को उपर से नीचे

तक चाटने लगी. उसकी चूत की फांको को खोल वो उसकी चूत को चाट

रही थी.

रोम की चूत मे भी हलचल मचने लग गयी उसने रिया के सिर को

दोनो हाथों से पकड़ा और उसे अपनी चूत पर दबाने लग गयी. रिया

भी अब उसके कुल्हों को पकड़ उसकी चूत को मुँह मे भर जोरों से चूस

रही थी... कभी वो जीब अंदर डाल घूमाती तो कभी जीब को अंदर

बाहर कर उसे चोद्ति..

'ओह हाआँ ऐसी ही चाआतो ओह हाां और ज़ोर से चूवसो ऑश

ज़ोर से चूवसो." रोमा सिसकारियाँ भरने लग गयी थी.

दोनो लड़कियों की मस्ती देख राज का लंड भी फूँकार मारने लग गया

था और थोड़ी ही देर मे वो उसकी शॉर्ट्स के अंदर तन कर खड़ा हो

गया था.

रिया ने तीर्छि नज़रों से राज के लंड को शॉर्ट्स के अंदर खड़े होते

देखा तो रोमा को छोड़ राज की ओर घूम गयी और उसकी शॉर्ट्स को खोल

शॉर्ट और उसकी अंडरवेर दोनो को साथ ही मे खींच कर निकाल दी.

"अब खड़े हो जाओ और वॉश बेसिन का सहारा ले थोडा झुक जाओ," रिया

ने कहा, "अब तुम्हारी बारी है."

पहले तो राज को रिया की बात का अर्थ समझ मे नही आया लेकिन जब

रिया हाथ मे शेविंग फोम लेकर उसकी झांतो पर मलने लगी तो वो

समझ गया कि रिया अब उसकी झाँते सॉफ करना चाहती है. रिया के

हाथों के स्पर्श से उसका लंड मचलने लग गया था.

रिया इस तरह उसके सामने नीचे बैठी थी कि उसका लंड ठीक उसके

मुँह के सामने था.उसने देखा कि राज के लंड से उत्तेजना की बूंदे

चूने लगी थी. उसने अपनी जीब निकली और उन वीर्य की बूँदो को

चाटने लगी.

रिया ने फिर बेसिन मे से रेज़र उठाया और उसकी झांते शेव करने

लगी. उसने पहले कभी किसी मर्द की झाँटे सॉफ नही की थी इसलिए

जब गोलियाँ के अगल बगल का हिस्सा आया तो वो बड़ी सावधानी से राज

के लंड को थोड़ा उपर कर उसकी गोलियाँ के अगल मे बगल मे शेव

करने लगी.

रिया ने रोमा की चूत मे आग लगाकर उसे बीच मे ही छोड़ दिया था

इसलिए वो कुछ दूरी पर खड़ी अपनी चूत को मसल्ते हुए दोनो को देख

रही थी. वो प्यार भरी नज़रों से राज के खड़े लंड को निहार रही

थी.... ओह कितना वक़्त हो गया इसे अपनी चूत मे लिए...वो सोच रही

थी. अपनी उंगली को चूत मे इस कदर अंदर बाहर करने लगी जैसे कि

वो उसकी उंगली नही राज का लंड था जो उसकी चूत के अंदर बाहर हो

रहा है.

थोड़ी ही देर मे रिया ने उसके बाल साफ कर दिए और फिर गरम पानी

से उसके लंड को अछी तरह धो कर सॉफ कर दिया. फिर उसके लंड को

हल्के से चूसा और खड़ी हो गयी.

"रोमा के पास जाओ उसे तुम्हारी बहोत ज़रूरत है," रिया उसके कान मे

धीरे से बोली, और बाथरूम से बाहर चली गयी.

राज ने रोमा की ओर देखा जिन आँखों मे हमेशा खुशी रहा करती

थी आज उन्ही आँखों मे दुख की परछाईयाँ मंडरा रही थी. उसे खुद

से आत्मग्लानि होने लगी.

"तुमने मुझे प्यार करना क्यों छोड़ दिया?" रोमा ने सीधा सवाल

किया.

"तुम जानती हो कि में आज भी तुम्हे उतना ही प्यार करता हूँ." राज ने

जवाब दिया.

राज उसके पास जाकर नीचे पंजों के बल बैठ गया. वो उसने

चूमने के लिए झुका तो उसने हाथ दिखा उसे रोक दिया, "क्या तुम

मेरे साथ आ रहे हो?"

"तुम जानती हो में तुम्हारे साथ आना चाहता हूँ." राज ने कहा.

राज ने ये तो कहा कि वो आना चाहता है, लेकिन ये नही कहा कि हां

वो आ रहा है. लेकिन राज का इतना कहना भी रोमा के लिए बहोत था.

जब राज दूसरी बार उसे चूमने के लिए झुका तो रोमा ने उसे रोका

नही बल्कि उसने खुद अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए. उसे राज

पर विश्वास था अगर उसने कहा कि वो आना चाहता है तो वो ज़रूर

आएगा. उसे ये भी विश्वास था कि वो हमेशा तन और मन से उसके

साथ रहेगा.

थोड़ी देर पहले जहाँ महॉल थोड़ी शिकायत और उदासी का था वो अब

उनकी आपस मे जीब से जीब मिलने से थोड़ा रोमांचकारी हो गया था.

रिया ने दोनो के बदन मे गर्मी लाकर उन्हे छोड़ कर चली गयी थी

जैसे कि वो पहले से ही सब कुछ तय कर चुकी थी. जिस अहसास को राज

और रोमा करीब करीब भूल चुके थे आज फिर उसी उत्साह और

उत्तेजना मे एक दूसरे की जीब चूस रहे थे.

रोमा ने राज को खड़ा किया और अपनी बाहों मे जोरों से भींच

लिया...."तुम नही जानते राज में तुम्हे कितना प्यार करती हूँ."

वो टब के किनारे पर बैठ गयी और राज के जांघों को जो अभी अभी

शेव की हुई थी नहारने लगी. वो अपनी उंगलियों को उसके लंड के

चारों और फिराने लगी... एक अजीब सनसनी राज के बदन मे दौड़ने

लगी. फिर उसने झुकते हुए उसके लंड को अपने गरम मुँह मे लिया. राज

का लंड पूरी तन कर खड़ा था, उसने अपने दोनो हाथ रोमा के सिर पर

रखे और फिर उसके मुँह मे धीरे धीरे धक्के मारने लगा.

उत्तेजना मे राज के लंड से वीर्य की बूंदे छू रही थी जिसे रोमा

अपनी जीब से चाटती और फिर लंड को भींच चूसने लगती. वो अपने

मुँह को उपर नीचे करते हुए उसके लंड को चूस्ति जा रही थी.

रोमा ज़ोर ज़ोर से उसका लंड चूस्ति रही और आख़िर राज ने उसके मुँह

मे पानी छोड़ दिया. रोम की खुद चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी और

उसका दिल कर रहा था कि राज उसकी चूत मे अपना लंड घूसा दे.

वो खड़ी हुई और घूम कर टब का सहारा ले लिया और अपनी टाँगे

फैला झुक गयी. उसके चूतड़ हवा मे हो गया थे और उसकी चूत

खुल गयी और राज निमंत्रण देने लगी.

राज ने अपने लंड को पकड़ा और उसकी गीली चूत पर रगड़ने लगा. वो

अपने लंड को थोड़ा सा अंदर घुसाता फिर निकाल फिर उसकी चूत पर

घिसने लगता. रोमा उत्तेजना मे पागल हुए जा रही थी.... लेकिन राज

था कि वो अपने लंड को उसकी गंद के छेद तक ले जाता और नीचे तक

घीसते हुए लाता.

"ऑश राज क्यों तडपा रहे हो....प्लीज़ डालो ना अपना लंड मेरी चूत

मे ....ओह डालो ना कितना समय हो गाया तुम्हे मालूम है ना...

प्लीज़ चोदो मुझे राज चूड़ो."

राज ने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और उसके कुल्हों को

पकड़ एक ज़ोर का धक्का मारा. उसका लंड रोमा की चूत की दीवारों को

चीरता हुआ अंदर घुस गया. अब वो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.

"ऑश राज हां ऐसे ही चोदो ऑश ओह ज़ोर ज़ोर से चोदो ना... हाआँ

चोदो ... अंदर तक घुसा दो अपने लंड को...." रोमा सिसकने लगी.

राज अपने लंड को अंदर तक घुसा देता और रुक कर अपने कूल्हे गोल गोल

घूमा लंड को उसकी चूत मे घूमाता... और फिर बाहर खींच एक

ज़ोर का धक्का मारता. रोमा भी अपने कूल्हे पीछे कर उसे लंड को और

अंदर तक ले लेती.

रोमा ने अपना एक हाथ नीचे किया और राज की गोलियाँ से खेलने लगी.

वो अपने कूल्हे पीछे करने के साथ उसकी गोलैईयों को पकड़ती और

सहला देती. राज की उत्तेजना भी और बढ़ने लगी.... वो किसी घोड़े की

तरह उछा उछल कर अपनी बेहन की चूत मारने लगा.

"ऑश हाआँ ऐसी ही चोदो ऑश राज्ज्जज्ज चोदो और ज़ोर से हाआँ हाआँ

ज़ोर ज़ोर से ओह में तो गयी......." सिसकते हुए रोमा की चूत

ने पानी छोड़ दिया.

राज ने उसके कुल्हों को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर के धक्के मारते हुए अपना

वीर्य उसकी चूत मे छोड़ दिया. उसने अपना लंड उसकी चूत से बाहर

निकाला तो दोनो का पानी रोमा की चूत से बह नीचे बाथरूम की टाइल

पर गिरने लगा.

रोमा सीधी हुई और उसने राज के होठों को चूम लिया, "में तुमसे

बहोत प्यार करती हूँ."

* * * * * * * * * *

तीनो हाल मे बैठे टीवी देख रहे थे की तभी उनकी मम्मी ने रोमा से

खाना लगाने के लिए कहा. रोमा और रिया मिलकर खाना लगाने लगे.

तीनो मिलकर खाना खाया.

खाने के बाद उनकी मम्मी ने रिया से कहा, "रिया बेटी ज़रा तुम हम

तीनो को थोड़ी देर के लिए अकेला छोड़ दोगि, मुझे इन दोनो से कुछ

ज़रूरी बात करनी है."

रोमा और राज के चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये की अचानक मम्मी

को ऐसी क्या ज़रूरी बात करनी है. रिया चुप चाप वहाँ से उठी और

कहा कि वो तालाब के किनारे जा रही है. रोमा को डर था कि कहीं

उनकी मम्मी को उनके रिश्ते का पता तो नही चल गया उसने शंकित

नज़रों से राज की तरफ देखा जैसे पूछ रही हो, ' मम्मी को कैसे

पता चला?'
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04-10-2019, 04:22 PM,
#27
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
दोनो हैरान और हैरत भरी नज़रों से अपनी मा को देख रहे थे.

उन्होने देख की उनकी मा बार बार अपने हाथो को मसल रही शायद जो

वो कहना चाहती थी वो कहने मे हिचकिचा रही थी.

"में ये बात तुम दोनो से बहोत पहले कहने वाली थी लेकिन कहने से

पहले में अपने आपको पक्का कर लेना चाहती थी." उनकी मा ने कहा.

राज और रोमा मम्मी की बात सुनकर मन ही मन डर गये. उन्हे लगा कि

ज़्यादा आत्मविश्वास मे उनसे कहीं ना कहीं कोई चूक हो गयी है. उसने

बेबसी मे अपने कंधे उचका दिए अब किया भी क्या जा सकता था.

रोमा की आँखों मे आँसू आ गये. वो काफ़ी डर गयी थी अंदर से और

उसका शरीर कांप रहा था. दोनो को पता नही था कि ये विषय अब

कैसे और कब ख़तम होगा. राज ने रोमा को दिलासा देने के लिए अपना

हाथ टेबल के नीचे किया और उसकी जांघों को सहलाने लगा.

उनकी मम्मी ने कहना शुरू किया, "राज में जानती हूँ कि तुम आगे

पढ़ना चाहते हो और रोज तुम न्यूज़ पेपर मे अपने लिए नौकरी

ढूँढते रहते हो. लेकिन आज तक कुछ हुआ नही, में जानती हूँ कि

कॉलेज खुलने के दिन करीब आ रहे है."

रोमा ने राज का हाथ दबाया और अस्चर्य से अपनी मा और भाई को

देखने लगी.

"में देखना चाहती थी कि तुम दोनो आगे की पढ़ाई के लिए कितने

सीरीयस हो, जो कि तुम हो. आगे की पढ़ाई काफ़ी महनगी है ये में

जानती हूँ, वैसे तुम स्कॉलरशिप, ट्रस्ट्स से सिफारिश या फिर स्टडी

लोन भी ले सकते हो... लेकिन फिर भी इनके अलावा और भी खर्चे

है जो करने पड़ते है.. सहर मे रहने के लिए घर लेना होगा

वाईगरह.. वाईगरह.." उनकी मम्मी ने आगे कहा.

मम्मी की बात सुनकर राज और रोमा के चेहरे पर खुशी लौट आई.

दोनो ने एक राहत के साँस ली कि जो उन्हे लग रहा था वो बात नही

थी.

"तुम्हारा पिताजी ने तुम दोनो के पढ़ाई के लिए एक फंड मे पैसे जमा

किए थे. उनके जाने के बाद मुझसे जो और जैसे हो सकता था में

उसमे पैसे भरती गयी. लेकिन इन सालों मे फिर भी अछी ख़ासी रकम

जमा हो गयी है. जिंदगी की बहोत ज़रूरतें आई लेकिन मेने उन

पैसों को हाथ नही लगाया. लेकिन वो पैसे आज तुम दोनो के काम आ

सकते है."

उनकी मम्मी ने एक डिमॅंड ड्राफ्ट निकाल कर उनके सामने रख दिया. रकम

देख रोमा और राज को विश्वास नही हो रहा था और वो बार बार उस

रकम को पढ़ रहे थे, "दो लाख पचास हज़ार सात सो अस्सी रुपये."

"तुम दोनो को यहाँ से जल्दी ही रवाना होना पड़ेगा जिससे कॉलेज

खुलने से पहले अड्मिशन वग़ैरह पूरे हो सके. तुम दोनो जब भी

जाने के लिए तैयार हो जाओ तो मुझे बता देना में तुम दोनो को

छोड़ने साथ चलूंगी और तुम दोनो का एक बॅंक अकाउंट खुलवा दूँगी

और एक घर भी देख लूँगी." उनकी मम्मी ने कहा.

बात पूरी करते करते उनकी मम्मी की आँखें भर आई थी. उसे कितना

प्यार था अपने दोनो बच्चो पर, आज वो अपने पैरों पर खड़े हो अपनी

नई जिंदगी शुरू करने जा रहे थे. राज की आँखों मे भी आँसू आ

गये थे और रोमा तो फुट फुट कर रोने लगी थी.

रिया तालाब के किनारे मुलायम घास पर आराम से लेटी थी. तभी

उसने घर के पीछले दरवाज़े को खुलते और बंद होते देखा. उपर

खुला आसमान, तालाब से उठती हल्की पानी की आवाज़ और उपर से हल्की

ठंड उसे बहोत ही अच्छा लग रहा था.

घास पर लेटे लेटे वो राज के बारे मे सोचने लगी. वो दिल की

गहराइयों से राज से प्यार करती थी. उसे विश्वास था कि जितना वो

राज के नज़दीक रहेगी उसे अपना बनाने का उतना ही चान्स है. वो

जानती थी कि राज और रोमा का रिश्ता एक वक़्ती जज़्बा है जो समय के

साथ साथ ठंडा पड़ जाएगा. जब दोनो कॉलेज जाने लगेंगे तो जिंदगी

के सफ़र मे रोमा को ज़रूर को जीवन साथ मिल जाएगा और उस दिन राज

के लिए वहाँ होगी, फिर दोनो नये सिरे से जिंदगी शुरू कर सकते

थे.

रिया घास पर लेटे उनके कदमों की आवाज़ सुनती रही और दुआ कर रही

थी कि उनके साथ भी वो सब ना बीते जो उसके और जय के साथ बीती

थी. ये देख कर तो उसका दिल ही बैठ गया जब उसने दोनो को खुद की

आँखे पौंचते हुए देखा.

"राज सॉरी ये सब......." रिया ने कहना चाहा.

"नही नही.... वो नही था जो तुम सोच रही हो..." रोमा ने कहना

चाहा लेकिन उसने सोचा क्यों ना उसे समझने की जगह ड्राफ्ट ही दीखा

दिया जाए.

जब रिया ने ड्राफ्ट और उसमे भर रकम देखी तो उसने अपनी गर्दन हिला

दी, "मुझे विश्वास नही हो रहा है."

"ये वो पैसे है जो पिताजी ने हमारी पढ़ाई के लिए जमा किए थे.

मम्मी चाहती है कि कॉलेज मे दाखिला ले लें और अपने लिए एक घर

देख ले." रोमा ने बताया.

"ये तो बहोत ही अच्छी बात है," रिया ने खुशी से कहा, "जब जय

और रानी अपने घर मे चले जाएँगे तो तुम दोनो मेरे साथ रहने आ

सकते हो."

"हां ये ठीक रहेगा." रोमा ने रिया को बाहों मे भर चूम लिया."

राज हैरत से दोनो को देखने लगा, "क्या जय कहीं जा रहा है?"

दोनो लड़कियाँ हँसने लगी, "रोमा क्यों ना राज को सब बता दें." रिया

ने कहा.

जय के बारे मे सुनकर राज को विश्वास नही हुआ जब टीना ने उसके बारे

मे सब कुछ बताया, "कमाल है उसने किस तरह अपनी जिंदगी रातों

रात बदल गई. शायद इस जगह से बाहर निकाल कर ही ऐसा कुछ हो

सकता है. हमारी मम्मी ने हमे ये मौका दिया है जिंदगी मे कुछ

करने का.... में थोड़ी देर के लिए घर मे जा रहा हू तुम लोगों को

कुछ चाहिए." राज ने पूछा.

"अगर फ्रिड्ज मे कोल्ड ड्रिंक बची हुई हो तो लेते आना." रिया ने कहा.

राज एक बार आँखों से ओझल हो गया तो रोमा ने रिया से कहा, "मुझे

आज पता चला कि राज पीछले दिनो इतना चिड़चिड़ा क्यों हो गया था.

वो सारा सारा दिन नौकरी ढूनडता रहता था लेकिन कुछ हुआ नही. और

उसे चिंता थी की मेरे साथ जाने के लिए उसके पास पैसे नही थे.

आज मुझे दुख हो रहा है कि में कितना ग़लत सोचती रही उसके बारे

मे."

रोमा की बातें सुन रिया उपर से तो मुस्कुरा रही थी, लेकिन दिल के

अंदर वो उदास थी क्यों कि आने वाले दिनो मे राज के साथ नही रह

सकती थी. उसे याद आने लगा कि क्यों वो भावुक हो बाथरूम मे राज

और रिया को फिर एक होने का मौका दिया शायद ये ही उसकी सबसे बड़ी

ग़लती साबित होगी.

तभी उसके दीमाग मे एक ख़याल आया, "मुझे बाथरूम जाना है, में

अभी आई."

रोमा तो अपने ख़यालों मे खोई हुई थी, कि शहर जाकर कैसे क्या

क्या करेंगे, "ठीक है." उसने बस यही कहा.

रात हो चुकी थी. सिर्फ़ सड़क पर जलती स्ट्रीट लाइट की हल्की रोशनी

आ रही थी. वो घर के आधे रास्ते पर थी कि उसे राज आता दिखाई

दिया. उसने पलट कर रोमा की तरफ देखा. अंधेरा होने की वजह से

वो बड़ी मुस्किल से उसे देख पा रही थी, और उसे विश्वास हो गया कि

रोमा भी उन्हे नही देख पाएगी. उसने राज को बीच रास्ते मे ही पकड़

लिया और अपनी शर्ट उतार दी.

"ये तुम क्या कर रही हो?" राज ने हैरत से पूछा.

'कुछ नही अपने नये रूम पार्ट्नर को समझने की कोशिश कर रही

हूँ." रिया उसके कान मे धीरे से बोली.

रिया ने राज को कमर से पकड़ा और अपनी नंगी चुचियों को उसकी

छाती पर रगड़ने लगी. राज को उसके दिल की धड़कनो की आवाज़ के

साथ उसके खड़े निपल का अहसास होने लगा.

जब रिया ने अपने होंठ उसके होठों पर रखे तो राज कोई विरोध नही

किया और अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी.दोनो एक दूसरे को चूमने

लगे और जीब से खेलने लगे. चूमते चूमते दोनो नीचे घास पर

आ गये.

"रिया मुझे नही लगता कि हम सही कर रहे है." राज ने अपनी

निगाहें रोमा की ओर करते हुए कहा.

"राज वो डिमॅंड ड्राफ्ट को अपने हाथों मे पकड़े अपने ख़यालों मे खोई

हुई है. कहने को तो वो वहाँ खड़ी है लेकिन उसका दीमाग इसी ख़याल

मे है कि इन पैसों को कैसे खर्चा किया जाए. मेरा विश्वास करो

उसे पता नही चलेगा."

"नही रिया कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए." राज ने कहा.

पर रिया आज कुछ सुनने को तैयार नही थी. उसने राज को घास पर

लिटा दिया और उसकी छाती पर चढ़ गयी. उसने अपने होठों को राज के

होठों पर रखा और उसके हाथों को पकड़ अपनी नंगी चुचियों पर

रख दिया. दोनो एक दूसरे को बुरी तरह चूमने चूसने लगे और राज

का लंड तन कर खड़ा हो गया.

क्रमशः..................
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04-10-2019, 04:22 PM,
#28
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
19

गतान्क से आगे.......

रिया को पता था कि राज को उसकी चुचियों बहोत पसंद है इसलिए

उसने झुकते हुए अपनी एक चुचि उसके मुँह मे दे दी. अब राज एक हाथ

से उसकी चुचियों को दबाते हुए उसकी दूसरी चुचि को किसी बच्चे की

तरह चूसने लगा.

"आज जो कुछ करना है वो में करूँगी, बस तुम आराम से लेट कर

मज़े लो." रिया ने कहा.

वो राज के चेहरे को अपनी चुचियों के बीच घूमने लगी, और राज

उसके बदन से उठती उन्माद की और प्जुम की खुश्बू मे खोने लगा.

रिया अपनी चुचि को उसके मुँह के आगे करती तो वो अपनी जीब निकाल

उसे चाटता और जब अपना मुँह खोल उसके निपल को अंदर लेने की

कोशिश करता तो वो अपनी चुचि को पीछे हटा उसे चीढ़ा देती.

राज को इस खेल मे मज़ा आ रहा था, उसे आच्छा लग रहा था कि रिया

वो सब ही कर रही थी जो उसे पसंद था. वो एक हाथ से उसकी चुचि

को दबाते हुए उसकी कमर को सहलाने लगा.

रिया थोड़ा उठी और उसके मुँह पर झुकते हुए अपनी दोनो चुचियों को

पकड़ दोनो निपल एक साथ उसके मुँह मे डाल दिए. राज भी उसके निपल

को चुलबुलाने लगा. राज का लंड पूरी तना हुआ था.

रिया उसकी छाती से उतर उसकी कमर के पास बैठ गयी फिर उसकी

शॉर्ट्स को खोल उसने उसकी शॉर्ट्स और अंडरवायर दोनो साथ साथ उतार

दी. फिर अपनी शॉर्ट्स भी उतार वो नंगी हो गयी. फिर उसके खड़े

लंड को पकड़ मसल्ने लगी.

"तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा और लंबा है." रिया सेक्सी आवाज़ मे

धीरे से बोली, 'मुझे तुम्हारे गरम वीर्य का स्वाद बहुत अच्छा लगता

है.. में तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ........ ऑश कितना अच्छा

लग रहा है ऊऊओ."

रिया उसपर झुकी हुई उसके लंड को चूस रही थी. राज उसके कुल्हों

पर फेर रहा था. राज ने कभी इस तरह गंदी बातें नही की थी

और आज रिया की ये गंदी बातों ने उसकी उत्तेजना को चरम सीमा पर

पहुँच दिया था. इस वक़्त वो जितना रिया को चोद्ना चाहता था उतनी

चाहत उसे कभी किसी के लिए नही हुई थी.

रिया अब उसके लंड को जोरों से चूस रह थी. साथ ही अपनी मूठ मे

पकड़ मसल्ति भी जा रही थी. वो कभी अपनी जीब को सूपदे पर

फिराती और कभी उसके लंड को मुठ्ठी मे पकड़ उपर से नीचे तक अपनी

जीब फिराते हुए चाटती.

"उम्म्म तुम्हारे लंड का स्वाद कितना अच्छा लग रहा है..." उसने अपनी

गंदी बातें चालू रखी.." क्या तुम अपने इस घोड़े जैसे लंड से

मुझे चोदने को तैयार हो..? म्‍म्म्मम तुम्हे यही पसंद है

नाअ?....... आय तुम अपना पानी मेरे मुँह मे छोड़ना चाहते हो? तुम्हे

क्या पसंद है बस मुझे बता दो... आज की रात मैं पूरी तरह से

तुम्हारी हूँ."

राज रिया के अचानक बदले हुए व्यवहार से चौंक पड़ा था लेकिन वो

खुश था और उसे मज़ा आ रहा था. उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि

जैसे पूरे शरीर का रक्त आकर उसके लंड की नसों मे जमा हो गया

हो.

वैसे तो वो कभी गंदी बातें करता नही था लेकिन आज रिया का

साथ देते हुए उसने कहा, 'हाआँ में तुम्हारी चूत मारना चाहता

हूँ."

"हाआँ मेरे राजा तुम्हारे लंड को मेरी चूत मिलेगी... आअज में

तुम्हारी हूँ.... ऑश "

रिया राज पर चढ़ गयी और थोडा उँचा उठ उसके खड़े लंड को अपनी

चूत पर लगाते हुए उस पर बैठती चली गयी.

"श लगता है तुम्हारा लंड तो आज मेरी चूत को फाड़ कर रख

देगाअ ऑश." रिया उछल उछल कर धक्के लगा उसके लंड को अपनी

चूत मे लेने लगी.

राज को भी आज रिया की चूत काफ़ी कसी हुई लग रही थी. उसने अपने

दोनो हाथ रिया की कुल्हों के नीचे लगाए और नीचे से अपनी गंद

उठा कर धक्के मारने लगा.

"ऑश हाां राज तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है ऑश हाआँ मज़ाअ

आ गया" रिया सिसकते हुए धक्के लगाने लगी.

रिया उपर उठती और जब लंड का सिर्फ़ सूपड़ा अंदर रह जाता तो ज़ोर से

बैठ जाती और उसके लंड को पनी चूत के जड़ों तक ले लेती. राज

उन्माद सिसक रहा था. आज जैसा मज़ा उसे पहले कभी नही आया था.

वो अपने हाथो को अपनी चूत और लंड पर रखती और फिर अपनी

उंगलियों को बहते रस से भीगोति फिर उसे अपनी चुचियो और निपल

पर मसल देती. फिर झुक कर अपनी चुचि और निपल राज के मुँह मे

दे देती. राज भी कामविभोर हो उसकी चुचियों को चाटने लगता.

"उम्म्म तुम्हे अच्छा लग रहा है ना? तुम्हे मेरी चूत को चोदने मे

मज़ाआ आता है ना? रिया धक्के लगा बोल रही थी.

"हाआँ बहुत अच्छा लग रहा है."

"मेरी गंद मारना चाहोगे.... पहले कभी किसी मारी है....." रिया ने

पूछा.

"पता नही." राज ने जवाब दिया.

रिया ने खिलखिलाते हुए उसके लंड को अपनी चूत से निकाला और फिर

थोड़ा सा आगे को खिसकी और उसके लंड को अपनी गंद के छेद पर रख

लिया फिर धीरे धीरे उसके लंड पर बैठती चली गयी.

राज ने मेहूस किया कि जैसे उसका लंड किसी छोटी नली को चीरता हुआ

अंदर घुस रहा है..... ऑश कितनी कसी कसी गंद है इसकी......

ओह्ह्ह्ह मज़ा आ गया... उसने सोचा.

राज ने अपने आपको थोड़ा सीधा किया और उसके कुल्हों को पकड़ अपने

लंड को और उपर को उठा अपना लंड उसकी गंद मे घुसाने लगा. उपर

से रिया उसके लंड पर बैठ रही थी और नीचे से राज अपने लंड को

पेल रहा था.

रिया की गंद मे दर्द हो रहा था..... उससे सहन नही हो रहा था

और उसकी आँखों मे आँसू आ गये... अपने होठों को दांतो के बीच

दबा उसने अपनी करहों को रोका और अपना हाथ अपनी चूत पर रख

उससे बहते रस को अपनी उंगलियों मे ले राज के लंड पर मसालने लगी.

जब राज का लंड तोड़ा गीला हो गया तो वो अब उछाल उछाल कर उसके

लंड को अपनी गंद मे लेने लगी.

"अच्छा लग रहा है नाअ राज?" रिया ने पूछा.

'हाआँ बहोट अच्छा लग रहा है.. बहोट ही ज़्यादा कसी हुई तुम्हारी

गंद..." राज ने कहा.

राज के अकड़ते लंड से रिया समझ गयी की वो अब झड़ने वाला है,

रिया ने अपने आपको और उसके लंड पर दबा दिया और तभी राज ने अपने

कूल्हे घास पर से उठा अपने लंड को और अंदर तक धकेलते हुए अपना

वीर्य उसकी गंद मे छोड़ दिया. फिर रिया उसके उपर से उठकर उसके

बगल मे घास पर लेट गयी.

"पसंद आया राज?" रिया ने पूछा.

"हां बहोत मज़ा आया," राज ने जवाब दिया, "में हमेशा सोचा

करता था की गंद मे कैसा लगेगा, लेकिन आज पता चला की गंद

मारने मे ज़्यादा मज़ा है."

"जब तुम और तुम्हारी छोटी बेहन मेरे साथ रहने आ जाओगे तो हम और

भी बहोत कुछ कर सकते है." रिया ने कहा.

राज सोच मे पड़ गया कि क्या वो रिया के साथ इह हद तक आगे बढ़ कर

ठीक कर रहा है, क्या वो रोमा के साथ ग़लत कर रहा है.... उसकी

समझ मे नही आ रहा था.

इस अंधेरे मे भी रिया ने उसके मन के भाव पढ़ लिए...

"में चलती हूँ." रिया ने उससे कहा.

राज खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहन तालाब की ओर चल पड़ा, उसके

दीमाग मे दौड़ रहा था कि वो रोमा से क्या बहाना बनाएगा कि उसे

इतनी देर क्यों लग गयी. उसने देखा कि रोमा तालाब के किनारे घास पर

बैठी थी.

"कहाँ थे तुम अब तक," रोमा ने उसे आते देखा तो पूछा, "और ये तुम

पसीने से क्यों भीगे हुए हो?

"वो क्या है कि मेने जॉब की अप्प्लिचतिओन्स दे थी ना तो उनका फोन

आया था वो इंटरव्यू के लिए टाइम निस्चित करना चाहते थे." राज ने

जवाब दिया.

रोमा उसके जवाब से सहमत नही हुई, "वो तो ठीक है लेकिन तुम इतना

पसीने मे कैसे भीग गये?"

उसकी समझ मे नही आया कि क्या जवाब दे. वो सच कह कर उसे दुखी

नही करना चाहता था.

"राज"

"वो क्या है ना रिया मेरे साथ छेड़खानी कर रही थी, उसने बियर का

कॅन लेकर मुझपर चिड़क रही थी, इसलिए उससे बचने के लिए में

भाग रहा था.

रोमा रिया और राज दोनो को पसंद करती थी इसलिए उसने तुरंत राज के

इस बहाने को मान लिया. उसे अपने भाई पर प्यार आ गया.

"यहाँ मेरे पास आओ." रोमा ने पानी बाहें फैलाते हुए कहा.

राज उसके नज़दीक आया और उसे अपनी बाहों मे भर लिया, "आज जो कुछ

भी हामरे साथ हुआ उस पर मुझे तो अभी विस्वास नही हो रहा,

तकदीर इतनी भी मेहरबान हो सकती है मुझे पता नही था.

"हां में समझ सकता हूँ.' राज ने उसे चूमते हुए कहा.

"राज चलो आज इस इस खुले आसमान के नीचे दोनो तालाब मे इकट्ठे

नंगे होकर स्नान करते है., सही मे बहोत मज़ा आएगा," रोमा ने

कहा, "और हमे कोई देख भी नही पाएगा."

"आज नही रोमा, आज वैसे भी बहोत कुछ हुआ हमारे साथ, फिर

कभी." राज ने उससे कहा.
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04-10-2019, 04:22 PM,
#29
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
"राज आज की रात में तुम्हारी बाहों मे सोना चाहती हूँ, प्लीज़ आज

मेरे साथ सो जाओ." रोमा ने प्यार भर स्वर मे कहा.

कई ख्यालात थे जो राज के दीमाग मे मंडरा रहे थे..... क्या उसे

रोमा के साथ उसके रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए आख़िर वो उसकी

छोटी बेहन थी......

राज उससे कुछ कहता कि तभी कहीं पेड़ों के पीछे से रिया हाथ मे

बियर का कॅन लिए आई...

"में डिस्टर्ब तो नही कर रही ना?" उसने दोनो से पूछा.

राज खड़ा हो गया और अपने कुल्हों पर से मिट्टी झाड़ते हुए

बोला, "में वापस घर जा रहा हूँ."

रिया आकर राज की जगह पर रोमा के पास बैठ गयी.

"राज काफ़ी खुश लग रहा है ना, आख़िर हमारे सारे सपने पूरे नज़र

होते आ रहे है." रोमा ने आपनी आखों के आँसू छिपाते हुए कहा, जो

राज की बेरूख़ी ने एक बार फिर उसे दिए थे.

कुछ दिन बाद राज और रोमा ने कॉलेज मे प्रवेश ले लिया और शहर मे

अपना एक छोटा सा घर खरीद लिया और वही रह कर अपनी पढ़ाई

करने लगे फिर कुछ दिन बाद रिया को भी अपने पास बुला लिया

........................................

रोमा अपने भाई राज के शरीर पर से अलग हुई तो उसकी चूत से सफेद

रस बह कर उसकी जाँघो पर बहने लगा. अपने भाई के बगल मे लेटने

के बाद वो उसके कान मे फुसफुसा.

"दिन पर दिन तुम चुदाई कुछ अच्छी करने लग रहे हो."

"तुम्हे ये कमरा कुछ अजीब सा नही लग रहा है." राज ने उसे चूमते

हुए पूछा.

"ये तुम्हे इसलिए लग रहा है कि तुम पहली बार घर से बाहर रह

रहे हो. आख़िर हम घर से दूर है, अब हमारा खुद का घर है,

हमारे पास हमारी गाड़ी है......सब कुछ है हमारे पास." रोमा

हस्ते हुए बोली.

"और हमारे आने वाला सुन्दर भविश्य..." राज ने उसकी बात को पूरा

करते हुए कहा.

"हां एक सुदर और उज्वल भविश्य." रोमा ने उत्साह से कहा, और उठ

कर सीधे उसकी आँखों मे झाँकते हुए बोली, "दुनिया मे ऐसा कुछ

नही है जो हम दोनो साथ मिलकर नही कर सकते."

उसकी बेहन रोमा जहाँ एक पतंग की तरह आसमान मे उड़ने की कोशिश

कर रही थी वहीं राज को भविश्य मे आने वाले आँधकर की

परछाईयाँ नज़र आ रही थी.सोच ख़याल अपने तक ही सीमित रखी.

रोमा ने बेड के साइड टेबल पर पड़ी घड़ी की तरफ निगाह डाली और

गहरी साँस लेते हुए बोली, "काश हम पूरे दिन इसी तरह घ्रा पर

रह कर प्यार कर पाते."

"मुझे भी स्नान कर के काम पर जाना है." राज ने भी घड़ी पर

निगाह डालते हुए बोला.

जैसे ही राज चादर के नीचे से निकल कर खड़ा हुआ रोमा की निगाह

राज के ढीले पड़ते लंड पर पड़ी. राज की जाँघो के बीच के हिस्सा

एक दम सॉफ था. इस बार रोमा ने खुद उसकी झांते सॉफ की थी, और

राज ने उसकी.

तभी रोमा को बगल के कमरे घड़ी की अलार्म सुनाई दी... वो दौड़

नंगी ही कमरे से भागी और रिया के बिस्तर पर कूद पड़ी. रिया

हमेशा बिस्तर के कौने पर सोती थी जिससे कि काफ़ी सारा पलंग

खाली पड़ा रहता था. रिया ने उसे बाहों मे लिया और चूमने

लगी.... रिया ने मुस्कुराते हुए आअंख खोली.

"क्या बात है आज बहोत जोश मे हो?" रिया ने उसे बाहों मे भरते हुए

कहा.

रोमा ने उसे कुछ कहा सिर्फ़ उसकी चादर मे घुस गयी और अपने नंगे

बदन को रिया के नंगे बदन से रगड़ने लगी.

"लगता है कि अच्छा समय गुज़ार कर आ रही हो?" रिया ने उसके

समूचे बदन पर प्यार की खुसबु सूंघते हुए कहा.

"हां बहोत ज़्यादा, और वो प्यार भरे लम्हे तुम्हारे साथ बाँटना

चाहती हूँ." रोमा ने हंसते हुए कहा.

"बाँटना?"

रोमा ने रिया के नंगे बदन को अपनी बाहों की गिरफ़्त मे लिया और उसकी

चुचियों को पकड़ मसल्ने लगी. अपनी उग्लियों मे उसके निपल को ले

भींचने लगी. थोड़ी ही देर मे रिया के निपल तन कर खड़े हो

गये.

"प्लीज़ ऐसा मत करो ना गुदगुदी होती है ना?" रिया ने झूठा विरोध

दीखाते हुए कहा.

रोमा उस पर चढ़ि हुई उसकी चुचियों को मसल्ने लगी साथ ही अपनी

चूत को उसकी चूत से भी रगड़ रही थी.... प्यार का अमृत दोनो की

चूत से बहने लगा था.

"रोमा मुझे जल्दी ही जाना है." रिया ने कहा.

रोमा रिया की बात सुनकर शैतानी मुस्कुराहट से हंस दी. रिया जानती

थी कि रोमा उसे छोड़ने वाली नही है इसलिए उसने अपने आपको उसके

हवाले कर दिया... रोमा के होंठ रिया के होठों को छुए और रिया ने

उसके होठों को मुँह मे लिया और चूसने लगी. रोमा ने अपनी जीब उसके

मुँह मे डाल दी और दोनो एक दूसरे को ज़ोर से भीचे चूमने लगे...

रिया की चुचियाँ और चूत दोनो मचल उठी.

"तुम बड़ी शैतान हो." रिया ने उसकी चुचियों को पकड़ते हुए कहा.

रोमा अब उसके होठों को चूमते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन देने

लगी... और उसकी चुचियों को मसल्ते हुए उसकी चुचियों के चारों

और अपनी जीब फिराने लगी.

रिया की सिसकारिया बढ़ने लगी थी, "श रोमा क्या कर रही हो.... मार

ही डालगी क्या ओह."

रोमा अब उसकी चुचियों को मुँह मे ले चूसने लगी, साथ ही उसके

निपल को भींच लेती या फिर अपनी जीब से कुरेदने लगती. उसकी

चुचियों को चूसने और चूमने के बाद वो उसकी चुचियों को पकड़े

नीचे खिसकने लगी.. उसके पेट को चूमने लगी... उसकी नाभि मे

जीब घूमाने लगी....

रिया से सहन नही हो रहा था, उसने चादर को अपने बदन से अलग

किया और अपनी टाँगो को पूरी तरह फैला दिया. रोमा उसके पेट को

चूमते हुए और नीचे खिसकी और उसकी जाँघो के अन्द्रुनि हिस्से को

चूमने लगी..... उसकी चूत से बहते रस को अपनी जीब से चाटने

लगी...

उत्तेजना मे रिया की साँसे उखाड़ रही थी... "ऑश रोमम्म ऑश हाआँ

ऑश."

रोमा अब उसकी टाँगो की बीच उसकी चूत के करीब आ गयी और उसकी

चूत पर अपनी जीब फिराने लगी... रिया ने अपनी टाँगो को मोड़ा और

अपने कूल्हे उठा अपनी चूत को रोमा के मुँह के और करीब कर दिया.

रिया के इस अंदाज़ ने रोमा को और लालचा दिया.... उसने अपनी उंगलियों

से रिया की चूत की पँखो को थोड़ा फैलाया और अपनी जीब उसके अंदर

फिराने लगी.

रिया अपनी कमर उठा अपनी चूत को उसकी जीब पर रगड़ने लगी..

तभी रोमा ने अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत मे डाल गोल गोल

घूमाने लगी. थोड़ी देर घूमाने के बाद वो अपनी उंगली को अंदर

बाहर कर रही थी और साथ ही अपनी जीब से उसकी चूत को चाट रही

थी.

'ऑश रोमा हाआँ चोदो मुझे अपनी जीएब से और उंगली से ऑश हाँ

और अंदर तक डालो ना पनी जीएब कूऊ ऑश हाां ."

रोमा और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगी... अपनी जीब को और

उंगली को वो अंदर तक डाल अंदर बाहर करने लगी... रिया का शरीर

अकड़ने लगा और उसने अपनी टाँगे रोमा की गर्दन मे फन्सा उसके सिर को

और अपनी चूत पर दबा लिया.

'ऑश हहाआँ चूसो और ज़ोर से चूसो ऑश में तो गयी......" रिया

सिसकी और उसकी चूत ने रोमा के मुँह को अपने रस से भर दिया.

रिया रोमा के बगल मे लेट अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पा रही

थी.... वो तक चुकी थी और अभी तो दिन की शुरुआत हुई थी.

"ओह्ह रोमा क्या अच्छी शुरुआत कराई है तुमने मेरे दिन की... थॅंक

यू." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.

"हां वो तो है." रोमा और राज के साथ हुई सुबह की चुदाई को याद

कर बोली."

"रोमा मे बस दो मिनिट मे तैयार होती हूँ फिर बाथरूम तुम्हारे

लिए है." कहकर रिया बाथरूम मे घुस गयी.

एक शाम रिया का मन कर रहा था कि वो घर से दूर कहीं पार्टी

मनाने चली जाए. जब वो घर पहुँची तो देखा कि रोमा और राज

किचन की टेबल पर किताबे खोले पढ़ाई ले लगे हुए थे.

"क्यों ना आज हम सब कहीं किसी अच्छे पब मे जाकर मस्ती करे?" रिया

ने कहा.

क्रमशः..................
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04-10-2019, 04:22 PM,
#30
RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
20

गतान्क से आगे.......

रिया की बात सुनकर राज तो उछल पड़ा लेकिन रोमा को देख चुप हो

गया. रोमा के चेहरे पर झल्लाहट सॉफ नज़र आ रही थी. उसने राज

को भी खुश होते देख लिया था.

"यार ये सवाल तो मेरी समझ मे ही नही आते और ना ही दीमाग मे

घुसते है....' रोमा ने अपनी कॉलेज की कीताबो को देखते हुए कहा.

"राज क्या तुम चलना चाहोगे?" रिया ने पूछा.

राज की जगह रोमा जवाब देते बोली, "देखो रिया राज ने मुझे प्रॉमिस

किया था कि वो मुझे कभी अकेला नही छोड़ेगा... इसलिए क्या ये

ठीक होगा कि वो मुझे इस तरह पढ़ाई करता छोड़ चला जाए."

"ऐसी कोई बात नही है... मुझे कोई दूसरा साथी मिल जाएगा जिसके

साथ मे थोड़ी मस्ती कर सकती हूँ.' रिया ने कहा.

"रिया आज की रात तुम भी घर पर ही रुक जाओ ना?" रोमा ने

कहा, "बहुत थॅकी हुई भी लग रही हो... अगर तुम और राज कुछ

करना चाहते हो तो यहाँ कर सकते हो में बुरा नही मानूँगी."

"नही ऐसी कोई बात नही है... बस आज में इस घर से दूर जाकर

एक दो ड्रिंक लेना चाहती हूँ..." कहते हुए रिया बाथरूम मे घुस

गयी.

रोमा ने अपनी झल्लाहट राज पर उतारते हुए कहा, "इस बारे मे सोचना

भी मत.. यहाँ आने से पहले तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम रिया

और तुम्हारे रिश्ते को आगे नही बाधाओगे... पर तुम दोनो को आपस मे

देख मुझे विश्वास करना मुश्किल होता जा रहा है"

राज जानता था कि यहाँ आने से से पहले उसने रोमा को कई वादे किया

थे... लेकिन उन वादों को निभना उतना आसान नही था जितना की रोमा

समझती थी... पर इस विषय पर बहस करके भी तो फ़ायदा नही

था... इसलिए वो चुपचाप अपनी पढ़ाई मे लग गया.

* * * * * * * * *

रिया अपनी गाड़ी से अपने पहचान के पब पहुच गयी. जब उसने पब मे

कदम रखा तो देखा कि संगीत जोरों से बज रहा था... पब खचा

खच भरा पड़ा था और जोड़े अपनी मस्ती मे लगे एक रंगीन रात का

आनंद उठा रहे थे.

जब रिया ने पब के अंदर कदम रखा तो एक नौजवान की नज़र उस पर

पड़ी और वो समझ गया कि आज ये लड़की किसी की तलाश मे है.. उसने

उसी वक्त उसे अपना रात का साथी बनाने का फ़ैसला कर लिया. रिया ने

एक महीन कपड़े का सफेद ब्लाउस पहना हुआ था जिससे उसकी भारी

चुचियाँ झलक रही थी.. और नीचे उसने काले रंग का स्कर्ट

पहना हुआ था.

रिया बार काउंटर पर पहुँच द्रिक का ऑर्डर करने ही जा रही थी कि

उसने किसी के हाथ को अपने कंधे पर महसूस किया.. "क्या मेरे साथ

पीना पसंद करोगी?"

रिया ने मना नही किया और फिर ऐसी जगह पर शराब सस्ती भी

कहाँ थी... "हां क्यों नही में वोड्का विथ लेमन लूँगी." उसने

कहा.

रिया बार काउंटर का सहारा लेकर पब के चारों और नज़रें फिराने

लगी. बार काउंटर के चारों और करीब 15-20 टेबल कुर्सी लगी हुई

थी. और आख़िर मे डॅन्स फ्लोर बना हुआ था. और उसके पीछे कमरे

बने हुए थे जो शायद आराम करने के लिए बनाए गये थे या फिर

दिल बहलाने के लिए. रिया आज पहली बार इस पब मे आई थी.

अपनी कोहनी पर किसी के स्पर्श का अहसास हुआ तो उसने पलट कर

देखा... उस नौजवान ने उसे उसकी ड्रिंक पकडाई... पेग काफ़ी तगड़ा था

शायद उसने जान बूझ कर बनवाया था...उसने निस्चय कर लिया कि वो

ज़्यादा नही पिएगी जिससे की नशा हो जाए.

थोड़ी ही देर मे जोरों से संगीत शुरू हो गया और रिया... उस

नौजवान की बातें सुन नही पा रही थी.. उसने कोने की एक टेबल की

और इशारा किया... रिया ने देखा कि एक मर्द पहले से ही वहाँ बैठा

हुआ था और हाथ हिला कर इशारा कर रहा था. जैसे ही वो टेबल के

नज़देक पहुचि उस नौजवान ने बगल की टेबल को खींच कर अपनी

टेबल से मिला दिया जिससे कि चार लोग अब टेबल पर बैठ सकते थे.

डॅन्स फ्लोर पर सात आठ जोड़े नाच रहे थे... रिया उस नौजवान के

साथ डॅन्स फ्लोर से होती हुई टेबल की ओर बढ़ गयी.

टेबल पर पहुँच कर रिया उस नौजवान की महिला साथी के बगल मे

बैठ गयी.

"मुझे आशीष कहते है " कहते हैं." उस नौजवान ने अपना

परिचय कराया.

"मुझे रिया कहते है." रिया ने खुद का परिचय दिया.

टेबल पर पहुँच कर रिया के साथी ने पहली बार अपना परिचय

दिया, "मुझे विनोद कहते है."

ड्रिंक ख़त्म होने पर विनोद ने रिया से डॅन्स के लिए कहा तो वो टेबल

पर से उठ गयी. विनोद उसका हाथ पकड़ कर उसे डॅन्स फ्लोर पर ले

आया. बहुत ही हल्की धुन का गाना बज रहा था जिससे बातें करने

मे कोई परेशानी नही थी.
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