Baap Beti Chudai बाप के रंग में रंग गई बेटी
09-21-2018, 02:01 PM,
#71
RE: Baap Beti Chudai बाप के रंग में रंग गई बेटी
मनिका के दोनो हाथो को उसने बेड पर दबोच रखा था..ताकि वो उसे रोक ना पाए...बेचारी उसके नीचे दबकर सिर्फ़ छटपटाने के अलावा कुछ नही कर पा रही थी.उसके अंदर उठ रही तरंगे उसके जिस्म को उपर की तरफ उचका रही थी..और वो अपने कूल्हे उठाकर अपनी चूत को जयसिंह के खड़े हुए लंड से टच करवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

लेकिन जयसिंह बड़ी ही चालाकी से अपने लंड को उसकी चूत से दूर रखकर उसकी बेकरारी को बड़ा रहा था.

जयसिंह उसके बूब्स को चूसता - 2 नीचे की तरफ बढ़ने लगा...उसकी नाभि पर पहुँचकर उसने अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी...और उसकी नाभि को अपनी जीभ से चोदने लगा..

ये देखकर दूर बैठी कनिका ने भी अपनी टी शर्ट उठाकर अपनी नाभि की गहराई देखी की क्या वो भी जीभ से चोदने लायक है या नही...वो उतनी गहरी नही थी जितनी मनिका की थी...कारण था मनिका का गदराया हुआ जिस्म, जिसकी वजह से उसकी नाभि उसके पेट में थोड़ा अंदर जा धँसी थी...और इस वक़्त जयसिंह उसी नाभि को अच्छी तरह से चाटकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने फिर से दक्षिण का रुख़ किया और उसकी जीभ की जीप मनिका की चूत के द्वार पर जाकर रुक गयी...


जयसिंह ने उपर मुँह करके उसके चेहरे को देखा...वो साँस रोके उसके अगले कदम की प्रतीक्षा कर रही थी.

जयसिंह ने उसकी स्कर्ट के बटन खोले और उसकी पेंटी समेत उसे नीचे की तरफ खींच दिया..

जैसे-2 उसकी पेंट उतरती गयी,उसकी कमाल की चूत उभरकर जयसिंह के सामने आती चली गयी.

कमाल की इसलिए की एक तो वो बिल्कुल गोरी थी...और उपर से उसकी जिस अंदाज में ट्रिमिंग की गयी थी,उसे देखकर जयसिंह अचंभित रह गया..चूत के चारों तरफ हल्के-2 बाल छोड़कर एक डिज़ाइन सा बना दिया गया था..और बाकी हर जगह से वो एकदम सफाचट थी...और ये सब इतने महीन तरीके से किया गया था की वो खुद तो ये कर ही नही सकती थी..जयसिंह समझ गया की उसकी चूत की कलाकारी में कनिका का हाथ है.

जरासल आज दोपहर ही कनिका और मनिका ने एक दूसरे के चुतो की सफाई की थी 

उसने कनिका की तरफ देखा तो वो अपनी चूत मसलते हुए जयसिंह को देखकर मुस्कुरा उठी...और अपने बूब्स को प्रेस करके एक सिसकारी भी मारी...जयसिंह समझ गया की मनिका की चूत के बाल इसी चुहिया ने कुतरे है..

अब जयसिंह के सामने एकदम रसीली और जूस से भरी हुई चूत पड़ी थी...उसने अपनी जीभ को तैयार किया और टूट पड़ा उसकी चूत की नदी में .



सेलाब तो कब से उमड़ रहा था उसकी चूत में ....अब जयसिंह की जीभ ने चप्पू चलाकर उस नदी में सैलाब लेकर आना था....और वो ये काम करना बख़ुबी जानता था.

जयसिंह मनिका की चुत चूसने लगा था, तभी कनिका बोल पड़ी, पापा दीदी की चुत खट्टी मीठी है ना
मनिका ने बुरा सा मुँह बनाकर कनिका को डांटा : "अब तू ऐसे मौके पर ये सब शिकायते करने यहाँ आई है....''


कनिका : "नही दीदी....मैं तो एक आइडिया लेकर आई हूँ ...जिसमे पापा को इसे सक्क करने में ज़्यादा मज़ा आएगा...''


इतना कहकर वो भागकर किचन में गयी और फ्रिज खोलकर एक छोटी सी शहद की शीशी निकाल लाई...जयसिंह समझ गया की ये क्या करने वाली है...


वो करीब आई और उसने वो ठंडा-2 शहद मनिका की चूत के उपर उडेल दिया....एक गाड़ी सुनहरे रंग की लकीर के रूप में वो शहद धीरे-2 मनिका की गरमा गरम चूत को अपने रंग में रंगने लगा..थोड़ा शहद उसने उसकी गांड की तरफ से भी डाल दिया,जो धीरे-२ बहकर उसकी चुत तक पहुँचने लगा


जयसिंह देख पा रहा था की कनिका वो शहद उड़ेलते हुए अपनी जीभ ऐसे लपलपा रही थी जैसे वो बरसो की प्यासी हो....
शहद की पूरी शीशी उड़ेलने के बाद वो बोली : "लो पापा....अब आपकी ये स्वीट डिश आपके लिए तैयार है...''


और ये कहकर जैसे ही वो उठकर जाने लगी, जयसिंह ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला : "अब इतना काम कर दिया है तो थोड़ा और कर दो मेरे लिए....इसे अपनी दीदी की चुत पर फेला भी दो...अपने अंदाज में ..''


ये बात सुनते ही कनिका के होंठ थरथरा उठे...उसके पूरे शरीर के रोँये खड़े हो गये....



वो सोचने लगी की क्या इसका मतलब ये है की पापा उसे इस सेक्स के खेल में शामिल होने के लिए बोल रहे है...

और दूसरी तरफ मनिका को भी झटका लगा...वो नही चाहती थी की आज के दिन कनिका उनके इस चुदाई वाले खेल में शामिल हो...वो बस यही चाहती थी की वो दूर बैठकर ये खेल सिर्फ़ देखे......जैसा की दोनो के बीच समझोता हुआ था..


लेकिन कनिका के चेहरे और मनिका के दिमाग़ में चल रही बातो को जैसे जयसिंह ने पढ़ लिया था...वो बोला... : "देखो....तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ ये एक छोटा सा काम करोगी...और कुछ नही...उसके बाद वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओगी...अच्छे बच्चो की तरह....ओके ..''


कनिका के लिए ये एक सपने जैसा ही था...वो अपनी बहन की शहद से भीगी चूत को चूसने वाली थी...उसी चूत को जिसे उसके पापा सिर्फ़ दस मिनट बाद चोदने वाले थे...यानी उसके पापा चाहते थे की वो अपनी बहन की चूत खुद तैयार करे,ताकि वो बाद में उसकी चुदाई सही से कर सके


मनिका ने भी कुछ नही कहा...वैसे भी उसे एक्साइट करने के लिए सही ढंग से चूत की चुसाई करना बहुत ज़रूरी था ...और ये काम कनिका से अच्छी तरह कोई और कर ही नही सकता था...


जयसिंह मनिका की टाँगो के बीच से उठकर उपर बेड की तरफ चला गया...और कनिका उसकी जगह पर आकर बैठ गयी...उसने मनिका की दोनो टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी नोक से ढेर सारा शहद समेटा और दोनो हाथों की उंगलियों से मनिका की चूत की फांके फेला कर नीचे से उपर की तरफ लेजाते हुए उसकी चूत का अभिषेक कर दिया...एक लंबी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह के साथ मनिका ने अपनी बगल में बैठे जयसिंह के लंड को बुरी तरह से पकड़ा और ज़ोर से मसल डाला...


''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह ओह...... कनिकाआआआआआअ......''


कनिका की जीभ ने वो ठंडा -2 शहद उसकी खुली हुई चूत के अंदर धकेलना शुरू कर दिया था...

ये शहद वाली ट्रिक उसने कई दीनो से सोच के रखी हुई थी किसी लड़की के लिए...लेकिन उसे करने का मौका ऐसे आएगा ये उसने सपने में भी नही सोचा था...वो भी अपनी सगी बहन के साथ

जयसिंह भी अपने घुटनो के बल बैठकर अपने लंड को उसके मुँह के करीब ले आया...और मनिका उसे किसी गली की कुतिया की तरह चाटने लगी...अपनी जीभ से लपलपा कर उसने जयसिंह के लंड को अपने ही शहद से तर-बतर कर दिया...ठीक उसी तरह जिस तरह से उसकी चूत को कनिका ने कर दिया था इस वक़्त..




कनिका तो बड़े ही चाव से उसकी चूत के हर भाग को शहद में लपेट कर चाट रही थी....चूत से निकलता खट्टापन अब शहद में मिलकर कुछ अलग ही स्वाद दे रहा था...जो कनिका को काफ़ी पसंद आया...और उसे पता था की पापा को भी ये स्वाद पसंद आएगा...


कुछ देर बाद वो अपने रस से भीगे होंठ वहां से उठा कर बोली : "आओ पापा....अब ट्राइ करो...''


जयसिंह ने एक लंबी छलाँग लगाई
और बेड से नीचे उतर आया...कनिका के हटते ही उसने मोर्चा संभाल लिया और जब उसकी जीभ मनिका की चूत से टकराई तो वहां के बदले स्वाद को महसूस करते ही वो पागल सा हो गया...और पहले से कही ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत को अपने मुँह से चोदने लगा...

करीब दस मिनट तक अच्छी तरह से चूसने के बाद उसे एहसास हो गया की चूत की ऐसी चुसाई से बड़ा मजा इस दुनिया में और कोई नहीं है


और उसे ये भी अहसास हो गया की अब मनिका की चूत अंदर और बाहर से पूरी तरह गीली है...यही सही मौका है....उसका किला फतह करने का..


वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने मनिका की गर्म चूत पर टीका दिया..

ये वो मौका था जब मनिका और कनिका अपनी साँसे रोके एक साथ उस पॉइंट को देख रही थी...जहाँ पर जयसिंह के लंबे लंड और मनिका की कमसिन चूत का मिलन हो रहा था.

जयसिंह ने धीरे-2 करके अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया...

मनिका : "उम्म्म्म.....पापा.....दर्द तो नही होगा ना....'' मनिका 2 बार चुद चुकी थी पर आज वो ऐसे रियेक्ट कर रही थी मानो उनकी पहली चुदाई हो

जयसिंह : "नही मेरी जान.....इतनी देर तक जो तेरी चूत को तैयार किया है, वो इसलिए ही ना की ये दर्द ना हो....अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलेगा...दर्द नही...''

और जैसे-2 उसका लंड मनिका के अंदर जाता जा रहा था, उसके चेहरे के एक्शप्रेशन बदलते जा रहे थे...

और धीरे-2 करते हुए जयसिंह ने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया....अब तक मनिका की आँखो से आंसू निकलने लग गये थे....पर वो अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख को बाहर नही निकालने दे रही थी...

जयसिंह ने उसके दोनो हाथो को बेड पर टीकाया और धीरे से उसके उपर झुकते हुए बोला : "बस बैबी.....थोड़ा सा और....'''



वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही जयसिंह ने अपना पूरा का पूरा भार उसके उपर एक झटके मे डाल दिया ....और उसका खंबे जैसा लंड मनिका की चूत को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया....


''आआआआआआआआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊओह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्रर्र्र्ररर गईईईईईईईईईईईईईईsssssssss ..... आआआआआआआआआहहsssssssssss पापाsssssssss..................................''

कनिका भागकर उसके करीब आई और बेड पर चड़कर वो मनिका के चेहरे को चूमने लगी

वो तो ऐसे दिलासा दे रही थी उसे जैसे वो बरसो से चुदती आई है, कनिका अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उसे बुरी तरह से चूसने भी लगी.

कनिका की किस्स्स का जवाब भी देना शुरू कर दिया था मनिका ने....दोनो एक दूसरे के होंठों को किसी भूखी बिल्लियों की तरह से चूस रही थी...और कनिका ने जब देखा की मनिका का दर्द अब गायब हो चुका है तो वो बेमन से वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ गयी..

मनिका ने जाते हुए उसे थेंक्स भी कहा...और फिर अपने पापा के साथ वो एक बार फिर से मस्ती के खेल में शामिल हो गयी.

अब तो वो अपनी टांगे दोनो दिशाओ में फेलाकर पूरे जोश से अपने पाप के लंबे लंड को अंदर तक ले रही थी...और सिसकारियाँ मारकर उसे और ज़ोर से चोदने के लिए उकसा भी रही थी...

''आआआआआआआआहह पापा........ मेरी जानssssssssss ....... और तेज़ी से करो.................. उम्म्म्ममममममममममम...... आहह पापा.............. मजा आ रहा है ....................... उम्म्म्ममममममममम..... इसी मज़े के लिए कब से तरस रही थी..... आआआआआआआआहह ........ ऐसे ही................... हमेशा मेरे अंदर ही रहना ...................... दिन रात...................चोदो मुझे ..................मेरे प्यारे पापा............................ सिर्फ़ मेरे पापा.................''


दूर बैठी छुटकी कनिका बुदबुदा उठी ..'तेरे ही क्यो....मेरे भी तो है...'
Reply
09-21-2018, 02:01 PM,
#72
RE: Baap Beti Chudai बाप के रंग में रंग गई बेटी
वो अपनी चूत को बेपर्दा करके मसल रही थी ..... और साथ ही साथ बाहर की तरफ निकले हुए क्लिट के दाने को भी रगड़कर अपनी तृष्णा शांत करने की कोशिश कर रही थी




लेकिन जयसिंह और मनिका में से किसी का भी ध्यान उसकी तरफ नहीं था, वो दोनों तो बुरी तरह से एक दूसरे को चोदने में लगे हुए थे

जयसिंह भी अपनी पागल सी हुई जा रही बेटी को इस तरह से चोदकर बावला हुए जा रहा था, और वो इस मौके का भरपूर फायदा उठा रहा था....

आख़िरकार ज़ोर-2 से चिलाते हुए मनिका झड़ गयी ...


''आआआआआआआआहह ओह माय गॉड ................ पापा ..................... आई एम कमिंग ..................''



जयसिंह भी चिल्लाया : "मैं भी आआआआआआय्य्ाआआआआ... मेरी ज़ाआाआआनन्न....''


मनिका : "अंदर ही निकालो .......................... आज मेरे...................... अंदर ही निकााआआाआल्लो.....''


कनिका तो ये सुनते ही चोंक सी गयी....क्योंकि मनिका में आने से पहले उसने या बात उससे डिसकस की थी की कोई प्रोटेक्षन भी लेगी क्या...तो मनिका बोली थी की पापा इतने समझदार तो है ही...वो बाहर ही निकाल देंगे...या शायद वो कंडोम लगाकर करेंगे....

लेकिन यहाँ ना तो कंडोम लगाने का टाइम था और ना ही जयसिंह ने कुछ समझदारी दिखाई....और उपर से मनिका खुद ये बात बोल रही थी की उसके रस को अंदर ही निकाले....क्या वो प्रेगञेन्ट होना चाहती है....ये बात कनिका को परेशान कर रही थी.


मनिका ने भी ऐसा कुछ नही सोचा था....लेकिन इस मौके पर आकर वो एक बार अपने अंदर तक अपने पापा के प्यार को महसूस करना चाहती थी...इसलिए उसने एक सेकेंड में ही ये सोच लिया की आज जो हो रहा है, होने दो...बाद में टेबलेट ले लेगी...


जयसिंह ने भी एक सांड की तरह हुंकारते हुए अपने लंड का सारा पानी उसकी चूत के अंदर निकाल दिया....



''आआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआअन्न् ......ये ले......................''

जयसिंह ने अपनी प्यारी बेटी के लिए सहेज के रखा हुआ प्रेम रस पूरी तरह से उसकी प्यासी चूत
मे उडेल दिया , अपनी बाल्स को पूरी तरह से खाली कर दिया उसने..
मनिका की चूत ने भी जयसिंह के लंड को किसी वेक्यूम क्लीनर की तरह चूस डाला और पूरी तरह से तृप्त होकर पस्त हो गयी



और फिर गहरी साँसे लेता हुआ उसके मुम्मों पर सिर रखकर लेट गया...उसका लंड अपने आप फिसलकर बाहर निकल आया...और पीछे से निकला दोनो के प्यार का मिला जुला पानी में लिपटा रंगीन जूस...


कनिका ने जो आज देखा था उसे सोचकर उसका पूरा शरीर काँप सा रहा था....वो भी कुछ देर में इसी तरह से चुदेगी ...और उसका भी ऐसे ही पानी निकलेगा...वो भी मज़े लेगी...वो भी चिल्लाएगी....ये सब सोचते-2 वो मुस्कुरा दी..


जयसिंह और मनिका दोनो ने नोट ही नही किया की उनके पीछे खड़ी कनिका उनके इस मिलन को देखकर कैसे अपने बूब्स और पुस्सी को रगड़ रही है...

उसे पता था की अभी तक उसका नंबर नही आया है,इसलिए वो इस तरह से दूर खड़ी होकर अभी के लिए तो बस यही कर सकती थी...पर वो छुटकी ऐसी थी नही...वो जानती थी की आजकल की दुनिया में ऐसे दूर रहकर कुछ नही मिलने वाला...बड़े लोग हमेशा छोटो को दबाते है..उनके हक को खुद छीनकर ले जाते है...भले ही अभी के लिए इन दोनों बहनों में ऐसी कोई भी भावना नही थी पर इस तरह दूर खड़े होकर वो निश्चिन्त तौर पर कुछ खो ही रही थी...या ये कह लो की उसकी बहन सारे मज़े खुद लेकर उसे ऐसे मज़े से वंचित रख रही थी..

और कुछ पाने के लिए वो उन दोनो के करीब आ गयी...

वो भी तो नंगी ही थी...इसने अपना वो नंगा बदन अपने पापा से लेजाकर चिपका दिया...

क्योंकि वो जानती थी की जो भी उसके साथ होगा वो पापा के चर-कमलों द्वारा ही होगा...

इधर जयसिंह और मनिका अब दूसरे राउंड के लिए पूरी तरह तैयार थे, जयसिंह और मनीज दोबारा एक दूसरे के होठों को चबाने में मशगूल हो गए,पर जयसिंह को जब कनिका के गर्म बदन का एहसास हुआ तो उसने अपनी किस्स तोड़ी और कनिका की तरफ देखा...मनिका भी उसे देखकर समझ चुकी थी की उसकी चूत में भी अब कुलबुलाहट शुरू हो चुकी है....दोनो ने मुस्कुराते हुए कनिका को भी अपनी बाहों मे जगह देकर उसे अंदर घुसा लिया....और फिर एक साथ तीनो ने अपने-2 मुँह आगे कर दिए और तीन तरफ़ा स्मूच शुरू हो गयी....

दोनो बिलियों की तरह जयसिंह के होंठों को ही चूसने का प्रयास कर रही थी...जयसिंह भी कभी एक को तो कभी दूसरी को स्मूच कर रहा था...ऐसे अलग-2 नर्म होंठों को चूसने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था...ऐसा ही कुछ वो उनकी चुतों के साथ भी करना चाहता था.

जयसिंह ने तुरंत वो सामूहिक किस्स तोड़ी और अपनी गोद मे बैठी मनिका को नीचे उतार दिया...वो तो उसपर से उतरने को ही राज़ी नही हो रही थी...पर जब जयसिंह ने उसकी गर्म चूत में उंगली डाली तब जाकर वो नीचे उतरी...

उन दोनो को जयसिंह ने धक्का देकर बेड पर लिटा दिया, जयसिंह अपने होठों पर जीभ फिर रहा था, दोनो बहने उसे ऐसा करते हुए देख रही थी और अपनी चूत में उंगली और मुम्मो पर पंजा लाकर उसके आगे बढ़ने का इंतजार कर रही थी...

जयसिंह के लण्ड को देखकर दोनो की चूत में से नींबू पानी निकल रहा था..

जयसिंह ने दोनो की बहती हुई चूत देखी और वो उनके पैरों के पास आकर बैठ गया...अब तक दोनो समझ चुकी थी की उनके साथ क्या होने वाला है...दोनो ने एक दूसरे का हाथ जोरों से पकड़ लिया...

जयसिंह ने दोबारा सबसे पहले मनिका की चूत में अपना मुँह डाला...वहाँ से इतना गीलापन निकल रहा था की उसे एक पल के लिए ऐसा लगा की वो लिम्का पी रहा है...एकदम शहद में लिपटा खट्टा-मीठा सा स्वाद था उसकी चूत के रस का...



कुछ देर तक उसे चूसने के बाद वो कनिका की तरफ पलटा...और अपनी जीभ लगाकर उसका स्वाद चखा...वो थोड़ा मीठा था...उसने अपने होंठों और दाँतों से उसकी चूत पर हमला कर दिया...



वो बिलख उठी...और तड़पकर उसने पास लेटी मनिका को पकड़कर अपने उपर खींच लिया...और उसके मम्मों को जोरों से चूसने लगी...

''आआआआआआआआआहह माय बैबी...''


मनिका को अपनी छोटी बहन अपनी बच्ची जैसी लग रही थी...जो अभी पैदा भी नही हुई थी...वो उसे माँ बनकर अपना दूध पिलाने लगी...नीचे से जयसिंह उसकी चूत चूस रहा था और उपर से वो मनिका के मुम्मे चूसकर अपना सारा मज़ा आगे ट्रान्स्फर कर रही थी...

कुछ देर बाद जयसिंह फिर से मनिका की चूत पर आ लगा...और ऐसा उसने करीब 3-4 बार किया....कभी कनिका तो कभी मनिका...

कनिका के ऊपर मनिका थी, इसलिए दोनों की चूत एक के ऊपर एक लगकर जयसिंह के सामने थी



कनिका काफ़ी देर से बिलख रही थी...और आख़िरकार उसकी चूत ने पानी छोड़ ही दिया...

वो भरभराकर झड़ने लगी....जयसिंह और मनिका ने मिलकर उसकी चूत का पानी पी डाला..

अब जयसिंह की बारी थी...मनिका ने उसे बेड पर लिटा कर पीछे पिल्लो लगा दिया और खुद उसकी टाँगो के बीच पहुँच गयी...दूसरी तरफ से कनिका भी आ गयी...फिर दोनो ने मुस्कुराते हुए एक दूसरे को देखा और मिलकर जयसिंह के लंड पर टूट पड़ी...
जयसिंह ने तो बेड की चादर को ज़ोर से पकड़ लिया जब उसपर ये हमला हुआ तो...मनिका ने उसके लण्ड को निगल लिया था और कनिका ने उसकी गोटियों को....

ऐसा लग रहा था जैसे भूखे इंसानों को 1 महीने बाद कुछ खाने को मिला है...

जयसिंह के लंड को चबर-2 करके दोनों खाने लगी...उनकी गर्म जीभे , तेज दाँत और नर्म होंठों के मिश्रण से उसे बहुत गुदगुदी भी हो रही थी...पर उससे ज़्यादा मज़ा भी बहुत आ रहा था...



जयसिंह ने हाथ आगे करके दोनों के मुम्मे सहलाने शुरू कर दिए...दोनो के निप्पल एकदम कड़क हो चुके थे...उन्हे मसलने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था...

दोनों जयसिंह के लंड को बुरी तरह से चूस रहे थे, एक गोटियां चूस रही थी तो दूसरी लंड.

कनिका टॉपलेस होकर जयसिंह के सामने थी...जयसिंह के मुँह में पानी आ गया उन गोरी-2 छातियों को देखकर 


और उसने मनिका को अपनी तरफ खींचकर अपने होंठ लगा दिए उसके मुम्मों पर और जोरों से चूसने लगा..

कनिका ने जयसिंह के सिर को पकड़कर और ज़ोर से अपनी छाती में घुसा लिया और चिल्लाई : "ओह पापा........ ज़ोर से सुक्क्क करो..... बहुत परेशान करते है ये.... दबाओ इन्हे..... चूसो.... काट लो दांतो से..... अहह ...ओह पापा ...... सस्सस्स ..''

जयसिंह ने उसके बूब्स पर मार्क बनाने शुरू कर दिए...

कुछ देर तक अपनी ब्रेस्ट चुसवाने के बाद वो बड़े ही प्यार से बोली : "पापा..... मुझे भी चूसना है...''

जयसिंह मुस्कुरा दिया उसके भोलेपन को देखकर...

कितनी मासूमियत से वो खुद ही उसके लंड को चूसने के लिए बोल रही थी...

इससे उसके उतावलेपन का सॉफ पता चल रहा था...

जयसिंह जानता था की वो ज़्यादा देर तक तो इस खेल को बड़ा नही पाएगा, पर जितने मज़े वो ले सकता है उतने वो ले लेना चाहता था.

जयसिंह ने हामी भर दी..

दोनों बहनें पूरी रंडी बनकर अपने पापा के लंड को खा जाने में जुटी थी, कुछ ही देर में उनकी मेहनत रंग लाने लगी, जयसिंह के लन्द में दोबारा तनाव आना शुरू हो चुका था और कुछ ही मिनट में अब वो तनकर पूरी तरह खड़ा था,

अब जयसिंह ने कनिका को सीधा लेटाया और एक ही झटके में अपने पूरे लंड को उसकी चुत में उतार दिया, कनिक की चुत लंड के इस घर्सन से उत्तपन्न गर्मी से पिघली जा रही थी, इधर मनिका ने भी कनिका के होठो और मुंम्मो पर लगातार हमला जारी रखा हुआ था


इस दोतरफा हमले को सह पाना कनिक के लिए बड़ा मुश्किल हुआ जा रहा था, जयसिंह पोजीशन बदल बदल कर कनिका की चुत की धज्जियां उड़ाई जा रहा था, बीच बीच मे अब वो अपना लंड निकालकर मनिका की चुत में भी घुसेड़ देता ,

तकरीबन 45 मिनट की घमासान धमाकेदार चुदाई के बाद जयसिंह ने अपना पानी दोनों बहनों के मुंम्मो पर छोड़ दिया जिसे दोनों बहनों ने अमृत समझ चाट लिया, इस बीच वो दोनों भी न जाने कितनी बार अपना पानी छोड़ चुकी थी

पूरी रात उन तीनों ने जबरदस्त चुदाई की, ओर थक हारकर लगभग 4 बजे सोये

अगले 2 दिन जब तक मधु और हितेश नही आये, उन तीनों का चुदाई का सिलसिला यूँ ही जारी रहा

फिर कनिका और हितेश तो अपनी एग्जाम की तैयारियों में मशगूल हो गए और जयसिंह मनिका को लेकर सिंगापुर चला गया, वहां 3 दिनों तक वो हनीमून मनाते रहे, 

एग्जाम पूरी होने के बाद मधु हितेश को लेकर कुछ दिन अपने पिता के यहां चली गयी, मनिका और कनिका ने बहाना बना लिया किसी तरह और फिर 15 दिन तक वो लोग घर में ही हर कोने में रंगरेलियां मनाते रहे
तकरीबन महिने भर बाद मनिका जयसिंह और कनिका के साथ दिल्ली चली गयी, वहां भी 2- 3 दिन उन्होंने घुमाई और चुदाई दोनों की और फिर जयसिंह मनिका को होस्टल में छोड़कर कनिका के साथ वापस आ गया

जयसिंह और कनिका की चुदाई लगातार जारी रही, मनिका भी उनके साथ फ़ोन सेक्स करती, और जब भी मनिका को छुट्टी मिलती वो घर आ जाती, फिर उनका वही प्रोग्राम चलता, कभी कभी जयसिंह भी काम के बहाने से दिल्ली चला जाता, और इस तरह उनकी लाइफ खुशियो से भरपुर होती चली गयी

THE END
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,412,700 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,584 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,196,521 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 904,385 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,604,469 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,038,615 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,881,379 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,823,455 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,943,528 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,799 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)