Ashleel Kahani रंडी खाना
08-30-2019, 12:45 PM,
#21
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
रश्मि और खान के बीच क्या बाते हो रही थी ये तो मुझे नही पता लेकिन इससे हमारा भविष्य और हमे क्या करना है इसकी रूपरेखा जरूर तय हो रही थी…
मैं बैठे हुए बोर हो रहा था मैं उठा और काजल को काल किया ,मैं टहलता हुआ एक सीढ़ियों से ही एक फ्लोर ऊपर चला गया,जहा मेहमानों के कमरे बने हुए थे,सामने एक गैलरी थी जिसमे से नीचे का रिसेप्शन दिख रहा था,
“हलो ..”
काजल की मधुर एवं मेरे कानो में पड़ी
“क्या कर रही थी खान के साथ “
मैंने उसे छेड़ते हुए कहा
“क्या करोगे जानकर “वो मुझे जलाने लगी ,मुझे वो नीचे रिसेप्शन में दिखाई दी,
“ऊपर देखो “
उसने सर उठाया मैंने हाथ हिलाया
“पागल हो गए हो क्या हाथ क्यो हिला रहे हो,कोई देख लेगा तो “
“तो क्या “
“तो कुछ नही प्रॉब्लम हो जाएगी जानते हो ना,मैंने तुम्हे क्या बताया था…..”
“हम्म ऐसे सच में जब भी तुम्हे किसी और के साथ देखता हु खून खोल जाता है”मेरी आवाज से मेरे दिल की जलन साफ साफ झलक रही थी जिसका आभास काजल को भी हो गया ,
“ओ मजनू जलना बंद करो कुछ ही दिनों की तो बात है फिर मैं सिर्फ और सिर्फ आपकी ही रहूंगी,,,,”
हम दोनो ही थोड़े देर को चुप हो गए
“अभी भी तो सिर्फ आपकी ही हु,लेकिन इस जिस्म को किसी और को भी सौपना पड़ता है”
मेरे लिए उसकी ये बात सहन से बाहर हो रही थी
“बस करो यार छोड़ो इन बातो को “
“शुरू किसने किया था “
अचानक मुझे कुछ हलचल का आभास हुआ ,मैंने पलट कर कमरों की तरफ देखने लगा,एक कमरे का दरवाजा खुला और एक लड़का बाहर आया,मैं उसे पहचानता था,वो हर्ष था,वही जिससे मैं पार्किंग में मिला था,शायद वो भी मुझे देखकर पहचान गया,उसके चाल से लगा की वो घबराया हुआ है,वो बड़ी जल्दी जल्दी आया और मुझे क्रॉस करके सीधे लिफ्ट के पास पहुच गया,लिफ्ट को आने में समय था वो सीढ़ियों से ही उतरने लगा ..मुझे उसकी हरकत बड़ी अजीब लगी क्योकि उसने मुझे एक बार भी नही देखा …
“ये हर्ष को क्या हो गया कमरे से बाहर आया और इतनी जल्दी में भाग गया,देखा भी नही मुझे जबकि हमारी नजर मिली थी और मुझे पूरा यकीन है की वो मुझे पहचान गया होगा “
काजल जो की किसी को कोई काम समझा रही थी फिर से ऊपर देखती है,इस बार उसकी अदा में भी एक डर का आभास हुआ ,दरवाजा फिर से खुला ,मेरी नजर दरवाजे पर थी क्योकि ये वही दरवाजा था जंहा से हर्ष निकला था,एक अधेड़ उम्र की महिला कोई 55-60 साल की उम्र की बाहर आयी ,उसके चहरे में एक अजीब से संतोष का भाव था,देखकर लगा जैसे अभी अभी तैयार हुई हो ,वो एक मोटी सी आंटी टाइप की महिला थी ,वो भी मेरे पास से गुजरी और लिफ्ट तक आयी लेकिन हर्ष से विपरीत वो मुझे देख कर एक स्माइल पास कर गई,ये एक औपचारिक सी मुस्कान थी जो की हम किसी अनजाने व्यक्ति को देखकर दिया करते है…
वो बड़े ही आराम में थी..
“उसके लिफ्ट में घुसते तक मैं चुप थी था ..
“ये हो क्या रहा है यंहा पर “
काजल अब भी लाइन में थी “
“कुछ भी तो नही “
“तुम मुझसे छुपा रही हो …”मैं थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए उससे बोला ,तब तक वो महिला नीचे जाकर काजल के पास पहुच चुकी थी,उसने काजल को गले से लगाया थोड़ी बात की और चली गई …
“ओह तो जो मैं समझ रहा हु क्या वही हो रहा है यंहा पर “
मैंने जैसे कुछ समझ गया था
“ये आईडिया मेरा है ,इसे अपने होटल में ट्राय करने की सोचना भी मत समझे….”
काजल की बात से मेरे चहरे में एक मुस्कान खिल गई,
“क्या करू यार होटल इतने घाटे में चल रहा है की कुछ तो करना ही पड़ेगा ना,मैं नही चाहती की ये होटल बंद हो जाए और हमारे हाथ सिर्फ कुछ भी नही आये ,कुछ फायदा हो तभी तो खान इसे चालू रखेगा “
मैं जोरो से हंसा
“तो हर्ष तेरे होटल का जिगिलो है ,दिखने में तो मासूम सा लगता है”मैं फिर से हंसा
“दिखने में मैं भी मासूम ही लगती हु ,वो रश्मि और तुम्हारी प्यारी सी शबनम भी मासूम ही लगती है..”
काजल ने प्यारी सी शबनम में बड़ा जोरो डाला..
“क्यो अब तुम्हे जलन हो रही है “
“क्यो ना हो..लेकिन फिर भी एक तस्सली तो है की वो तुम्हारा ख्याल रख रही है….”
काजल की आवाज में एक प्यार सा आ गया था…
“मुझे आज रश्मि और खान की मीटिंग को लेकर डर लग रहा है…”
मैंने अपनी चिंता जाहिर की
“कोई बात नही मैं जानती हु वो यंहा क्यो आयी है ,वो खान के कान मेरे खिलाफ भरना चाहती है,लेकिन फिक्र मत करो ,मर्दो की कमजोरी का मुझे पता है...और मुझे नही लगता की जो मैं खान को दे सकती हु वो रश्मि उसे देगी..आखिर वो ससुर है उसका ..”
काजल का कमीना पन फिर से बाहर आ रहा था..
“क्या दे रही हो तुम खान को “
मैं थोड़ा सीरियस था
“इन बातो से दूर ही रहो क्यो खुद को जलाना चाहते हो …”
काजल ने ठंडे आवाज में कहा..
“चलो शायद उनकी मीटिंग खत्म हो गई होगी “
मैं फोन रखकर नीचे पहुचा,थोड़ी ही देर में रश्मि और खान दोनो ही बाहर आ गए थे..
“मैंने जो बोला है उसपर गौर कीजियेगा पापा”
रश्मि खान को पापा बोल रही थी यानी अभी भी उसके दिल में रिश्तों की मर्यादा बची थी,मतलब की रश्मि ने खान को वो नही दिया है जो काजल उसे देती है ..
“हा बेटा तुम चिंता ना करो ,मैं ध्यान रखूंगा,और तुम्हारी बात अजीम तक भी पहुचा दूंगा “
हम दोनो ही कार से जा रहे थे जिसे रश्मि ही चला रही थी ,
“क्या बात हुई तुम लोगो में “
मैं ऐसे तो पूछना नही चाहता था लेकिन थोड़ी हिम्मत करने पूछ ही लिया ,उसने मुझे देखकर बुरा सा मुह बनाया ..
“वो साली रंडी उनके दिमाग में सवार है ...जब सब बिक जायेगा तब समझ आएगा उन्हें “
वो किस रंडी की बात कर रहे थे वो तो मैं समझ गया था…
मैंने अपना चहरा बुरा सा बना लिया ,ऐसे उसकी बात पर मुझे दुख तो नही हुआ लेकिन ये करना जरूरी था,क्यो???
ये बाद में पता चल जाएगा ..
“अब तुम क्यो दुखी हो रहे हो “
“कुछ नही “मैंने ऐसे कहा जैसे काजल को रंडी बोलने से मुझे बहुत ही दुख पहुचा है ..
“क्यो काजल को रंडी बोली इसलिए ,तुम्हारी बहन की सहेली है ना वो …..उससे अपनी बहनों को दूर ही रखा करो पता नही कब उन्हें धंधे में ले आये “
रश्मि ने बड़े ही रूखे स्वर में कहा लेकिन मेरे मन में आया की अभी इसकी अतड़िया निकाल कर निचोड़ दु …
“तुम भी तो खान को बर्बाद करना चाहती थी “
मैंने रश्मि के जले में नमक डालना चाहता था जैसा की उसने मेरे में डाला था..
“हा अब भी चाहती हु ,लेकिन इसका फायदा मुझे होना चाहिए उस रांड को नही “
रश्मि ने साफ साफ लफ्जो में अपनी बात कह दी थी …
“तो जो वो खान को दे रही हो वो तुम भी दे दो ,आखिर ऐसा क्या है उस मैनेजर में जो खान साहब उनके दीवाने बने फिर रहे है ,जबकि उनका होटल आज इतने घाटे में चल रहा है….”
मैंने अपना दाव खेल दिया ,जिससे रश्मि बुरी तरह से झल्ला गई ,उसने कार को जोरो से ब्रेक मारा ..
“आउट “
“वाट “
“आई सेस आउट ,निकलो यंहा से “
मेरी फट गई मैं इस तरह के रिएक्शन की तो उम्मीद नही किया था ..
“बट वाय “
“जस्ट आउट ,मैं तुमसे बहस नही करना चाहती और मेरा मूड बहुत ही खराब है मुझे समझने की कोशिस मत करो वरना...मैं अपना आपा खो दूंगी “
मैं चुपचाप ही बाहर निकल गया उसने दरवाजा बन्द किया और तेजी से कार लेकर चली गई …….
वैसे उसकी इस हरकत से मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई,काजल का प्लान सचमे काम कर रहा था,लेकिनमैंने आस पास नजर दौड़ाई कोई ऑटो नही दिखा,मुझे ऐसी जगह पर ये बात नही कहनी थी ...अब साला अब इतने दूर मैं जाऊंगा कैसे ?????????
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08-30-2019, 12:46 PM,
#22
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
मैं करीब रात 9 बजे घर आया,मुझे 8 बजे ही काजल का मेसेज मिल गया था की वो आज घर नही आ रही है,,,आजकल काजल मुझे पहले से ही मेसेज कर देती है,उसने मुझसे बहुत सी बाते छुपानी छोड़ दी है,लेकिन जो वो छुपती है मैंने उसे पूछना भी बंद कर दिया,मेरे लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट अब ये सब जल्द से जल्द खत्म कर एक आरामदायक जिंदगी जीना था,मैं एक नार्मल सा इंसान हु जो की जिंदगी की ज्यादा उथल पुथल को सह नही पाता,मुझे शांति चाहिए थी,मुझे एक आम जीवन जीना था ,लेकिन अब वो पूरी तरह से संभव नही रहा,
मैं उन मर्दो में नही हु जो की अपनी बीबी को अपना गुलाम समझते है और किसी और मर्द से साथ कल्पना भी नही कर सकते ,ना मैं ऐसे मर्दो में शामिल हु जो की अपनी बीबी के गुलाम है और उसे किसी दूसरे मर्दो के साथ देखकर उत्तेजित हो जाते है जिसे हम CUCKOLD कहते है...मैं दोनो ही तरह का नही हु ना ही दोनो के बीच का ही हु …
मैं अपनी बीबी से अपने परिवार से बेपनाह प्यार करता हु ,लेकिन मैं उनका गुलाम नही हु,मैं अपनी बीबी या बहनों को किसी मर्द के साथ नही देख सकता लेकिन अगर वो मजबूर हो या अपनी इच्छा से किसी कारण से ये कर रहे हो तो मैं उनके विरोध में भी नही जा सकता…..शायद इसी लिए मैं इतना परेशान था,अगर मैं दोनो में से एक होता तो मेरे लिए ये सब सहन करना ज्यादा मुश्किल नही था,मैं या तो काजल को मार चुका होता या तलाक दे चुका होता,या उसकी चुदाई देख कर हिला रहा होता,लेकिन मैं इनमें से कुछ भी नही कर रहा था……
घर में मेरा स्वागत हमेशा की तरह मेरी बहनों ने बड़े प्यार से किया ,जब उन्हें पता चला की आज काजल नही आ रही है तो दोनो के चहरे खिल गए …
“मतलब आज हम आपके साथ सोएंगे..”मेरी प्यारी पूर्वी ने बड़े चहक के कहा
“तुम मेरे साथ क्यो मैं तुम्हारे साथ सो जाता हु “
“मतलब “पूर्वी को मेरी बात समझ नही आयी थी
“मलतब मेरी बहना रानी की मैं तुम्हारे कमरे में सो जाता हु “
मेरे इस बात से दोनो ने एक दूसरे को देखा,जैसे की कोई शॉक लग गया हो ..
“नही नही भइया हम आपके ही कमरे में सोएंगे “निशा ने जल्दी से कहा,उसके चहरे में एक डर साफ झलक रहा था,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई थी,क्योकि काजल ने मुझे कुछ ऐसा पहले ही बता दिया था जिसके कारण ये मुझे अपने कमरे से दूर ही रखना चाह रही थी ,लेकिन काजल ने ये भी कहा था की अगर मैं सब कुछ ठीक करना चाहता हु तो मुझे अपने इमोशन पर काबू करना होगा ,मैंने कुछ दिनों की प्रेक्टिस से अपने चहरे का भाव बदलने और उसे छुपाने की थोड़ी खूबी तो हासिल कर ही ली थी ,जिसका उपयोग मैं आज रश्मि के सामने करके आया था,
“क्या हुआ “मैंने जोर दिया
“वो क्या है भइया हमारे कमरे का बिस्तर बहुत छोटा है 3 लोग कैसे आएंगे,,और समान भी इधर उधर पड़ा हुआ है आप देखोगे तो डाटोगे …”
पूर्वी ने जल्दी जल्दी से कहा ,
वाह रे मेरी प्यारी बहना ,कितने सफाई से झूट बोल रहे हो ,उनके इस झूट में भी मुझे बड़ा प्यार आया और आंखों में आंसू ही आ जाते लेकिन मैंने खुद को सम्हाल लिया,मेरी मासूम सी पूर्वी को ना जाने क्या क्या सहना पड़ रहा था ,वो किसी को बचाने के लिए कितने आराम से झूट बोल रही थी ,लेकिन उसकी आंखे ……..
वो अभी भी उतनी ही मासूम थी और उसकी आंखों अब भी सच बोल रही थी ,उसकी आंखों में डर और झूट से आयी हुई ग्लानि साफ साफ झलक रही थी ,लेकिन मैंने उन्हें कुछ भी नही कहा…
“ओके चलो ठीक है तैयार होकर मेरे कमरे में आ जाओ “
“जी भइया दोनो ही एक साथ खड़े हो गए “

मैं अपने कमरे में सोया हुआ आने वाले भविष्य की संभावनाएं तलाश रहा था की दोनो परिया मेरे कमरे में दाखिल हुई..
दोनो के ऊपर काजल का प्रभाव साफ साफ झलक रहा था ,उनके ये कपड़े काजल की ही पसंद के थे ,लेकिन काजल इन्हें मुझे या पता नही किसे किसे उत्तेजित करने के लिए पहना करती थी ,वो कपड़े मेरी बहने मेरे साथ सोने के लिए ही पहन कर आ जाती थी …
मुझे इस बात पर हँसी भी आयी और उनके हुस्न को देखकर मैं उनपर मोहित भी हो गया,खासकर पूर्वी के लिए मेरे दिल में बहुत ही प्यार उमड़ जाता था,नई नई कली की तरह उनखिली हुई मेरी पूर्वी मासूमियत और चंचलता से भरी हुई थी,और मेरे लिए उसका असीम प्यार उसकी आंखों से ही झलक जाता था,वही निशा उसके अपेक्षा जिस्म से कही ज्यादा भरी हुई थी ,और किसी भी मर्द की पहली पसंद निशा ही होती लेकिन निशा में वो मासूमियत नही थी जो की पूर्वी के हर एक अदा से झलकती थी..
हमेशा की तरह ही दोनो मेरे आजु बाजू आकर लेट गए और पूर्वी ने मुझे अपनी बांहो में कस लिया ,उसकी कोमलता और कोमल स्तन और उसका चहरा मेरे सीने में आ धसे ..वही निशा का चहरा मेरे चहरे के पास ही था वो मुझे ही देख रही थी,वो मुझसे ऐसे सटी हुई थी की उसके स्तन मेरे कोहनियों से लग रहे थे,मैं भी उसपर जोर दे देता ,वो अपने बांहो को मेरे गले से लपेट ली ,वो मेरे ऊपर आना चाहती ही लेकिन वँहा पहले से ही पूर्वी का राज था,उसका मेरे ऊपर अधिकार पूर्वी के बाद ही आता था...वो इंतजार करने लगी की कब पूर्वी नींद में चली जाय,और उसे उसके कमरे में छोड़ कर आया जाय..
उसके चहरे में पूर्वी के लिए थोड़े गुस्से का भाव आ गया ,जिसे मैं आसानी से पढ़ सकता था,जिससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई..
“वो छोटी है रे “
मैंने उसके कानो में कहा
“तो क्या हमेशा आपके ऊपर चढ़ जाती है ,मुझे जगह ही नही मिलता “
उसने रूठने वाले स्वर में कहा ,
“तो क्या हुआ बेचारी जल्दी सो भी तो जाती है,फिर तो तू ही पूरी रात मेरे ऊपर चढ़े रहना “
मुझे अपनी ही बात पर हँसी आ गई क्योकि हम ये क्या बोल रहे थे..
“हम्म इसीलिए तो इसे कुछ नही बोलती “निशा ने मेरे गालो में एक किस करते हुए कहा …..
ना जाने ऐसे ही मेरी नींद कब लग गई ,शायद मैं आज इतना चला था की थक चुका था,नींद टूटी किसी कोमल होठो के अहसास से जो की मेरे होठो को छू रहा था,उस होठ का गीलापन मेरे होठो से मिल रहा था,मैंने हल्के से ही आंखे खोली,ये निशा थी जो मुझे सोता हुआ पाकर मेरे होठो को हल्के हल्के चूम रही थी ,उसने पूर्वी को उसके कमरे में रुला दिया था,मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही रहा लेकिन फिर मैंने अपना हाथ उसके कमर से लपेट लिया..
वो ऐसे हड़बड़ाई जैसे की उसकी चोरी पकड़ी गई हो
“क्या हुआ मेरी जान ,क्या कर रही हो “
मैंने निशा को छेड़ा
“सॉरी भइया “वो झेप सी गई
मैंने अपना हाथ उसके कमर के नीचे रखा मुझे उसके सुडौल गोल गोल नितम्भो का आभास हो रहा था,उसकी नाइटी थी ही इतनी झीनी सी की मुझे उसकी पेंटी के इलास्टिक तक का पता चल रहा था ,मेरे इस हरकत से वो भी थोड़ी मचली,उसने मुझसे दूर हटने की बजाय और मुझसे चिपक गई………
उसका सर मेरे गालो के पास था,जबकि उसकी कमर मेरे कमर के ऊपर, उसके बड़े मुलायम वक्ष मेरे सीने से दबे हुए थे, उसके शरीर की गर्मी मेरे बदन में घुलने लगी थी….
मैं बिना किसी रोक टोक के उसके नितम्भो को सहला रहा था, वो हल्की आई आहों के साथ मुझसे और सटने की कोसिस कर रही थी,या शायद मेरे सीने से अपने वक्षो को सहला रही थी, उसकी इस हरकत से मेरे लिंग में भी एक हरकत आ गई,
मैं अपनी सगी छोटी बहन के साथ था, और मेरा लिंग अकड़कर उसके जांघो के बीच रगड़ खा रहा था…
ना जमाने की ना ही इस पवित्र रिश्ते की कोई भी परवाह मेरे मन मे बची थी, अब हम दोनो बस जिस्म रह गए थे,एक लड़की और एक लड़के का जिस्म,जो मिलन को बेकाबू होने लगे थे…
मेरे हाथो का दबाव उसके नितम्भोपर और भी जोरो से बढ़ता जा रहा था ,मैं उसे मसल ही रहा था, वो भी बेकाबू हो रही थी, उसकी सांस उखड़ने लगी थी, वो अपने गालो को मेरे दाढ़ी के कारण थोड़े खुरदुरे गालो में रगड़ने लगी थी,शायद उससे उसे कोई दर्द सा उठा और वो अपने चहरे को मेरे चेहरे के पास लायी…
उसकी आंखें थोड़ी बंद सी हो गई थी,बिखरे बाल ,अध खुली आंखे और माथे में आया पसीना ...वो पूरी तरह से वासना के गिरफ्त में मतवाली हो चुकी थी..
हमारी आंखे मिली और साथ ही होठ भी मिल गए…
इसबार मैंने उन्हें चूसने में कोई कमी नहीं दिखाई,जब मेरे और निशा के होठो ने एक दूजे के थूक से खुद को मिला लिया था,और उस गीलेपन से उठाने वाले आनन्द में हम दोनो ही मगन हो गए थे ठीक उसी समय निशा के जांघो के बीच मेरा तना हुआ लिंग भरपूर मालिस कर रहा था,और उसकी नाइटी उसके कमर से ऊपर हो चुकी थी जिससे मेरे हाथ सीधे उसके नितम्भो को उसकी पेंटी के ऊपर से ही पूरी तरह से महसूस कर पा रहे थे,वही उसकी पैंटी के आगे के भाग जो अपने में उसकी कोमल योनि को छुपाए हुए थे,वो गिला होकर मेरे निकट को सामने से गीला कर रहा था……
हवस….हवस ,वासना ,काम ये आग ही ऐसी है जो सभी मर्यादाओ और रिस्तो को भुला देती है,निशा मेरी छोटी बहन ,वही निशा जिसे मैंने बचपन से खिलाया था,अपने बांहो में उठाया था,एक बाप के रूप में जिसकी मैं परवरिश कर रहा था,जो मुझे अपना भगवान मानती थी,जिसके लिए मैं ही सबकुछ था,वही निशा मेरे नीचे थी और मैं एक मर्द बना हुआ उसके स्त्री के जिस्म को मसले जा रहा था,और वो भी इसके आनद में डूब रही थी ,मर्यादाओ को बचाने एक दीवार हमारे बीच थी जो कपड़ो के रूप में थी,हमारे अंतःवस्त्रों के रुप में थी,मेरे हाथ अब उनतक भी पहुचने लगे थे,मैं उस इलास्टिक को अपने उंगलियों से फंसाकर उसे नीचे करने की कोशिस कर रहा था ,वो भी उसके कमर को छोड़कर नीचे होने लगे थे,उसके नितम्भ अब पूरी तरह से आजाद थे,उसकी कोमल गोलाइया मेरे हाथो में सामने लगे थे,मैं उन्हें उसे भी नीचे कर रहा था,जिससे उसके सामने का भाग भी नंगा होने लगा,उसके योनि के बालो का अहसास मुझे होने लगा था,
“भइया ऊह “वो मचलने लगी शायद उसे भी पता था की इस तूफान का क्या अंत होने वाला है,सभी मर्यादाओ का अंत,और दो नंगे जिस्मो का मिलन जो की सिर्फ जिस्म होंगे ,बिना रिस्तो के किसी बंधन के,उसकी पेंटी कमर से उतर कर जांघो तक पहुच गई थी और उसने थोड़ी मेहनत करके उसे अपने पैरो से नीचे उतार दिया,लेकिन अभी भी मैं निकर में ही था,जिसे उतारने की शुरूवार निशा ने ही की,वो मेरे निकर के दोनो छोरो को पकड़कर उसे नीचे खिंचने लगी और आहिस्ता आहिस्ता मेरे जिस्म में बस एक अंडरवियर ही बच गया था,जिसमे से मेरा कड़ा लिंग उसके नंगे यानी में रगड़ खा रहा था और उसे और भी उत्तेजित कर रहा था,मेरे अंडरवियर का आगे का भाग उसके कामरस और मेरे प्रिकम से बुरी तरह से गीला हो चुका था….
इधर हमारे होठो में एक दूसरे के होठो से मानो जंग ही छेड़ दी थी ,जैसे जैसे हमारे कपड़े उतरे थे वैसे वैसे ही हम और उत्तेजित होकर एक दूसरे पर आक्रामक रूप से टूट पड़े थे,बस एक आखरी दीवार हमारे सामने थी जिसका भी कोई भरोषा नही की वो कब हट जाए,..
मैं करीब रात 9 बजे घर आया,मुझे 8 बजे ही काजल का मेसेज मिल गया था की वो आज घर नही आ रही है,,,आजकल काजल मुझे पहले से ही मेसेज कर देती है,उसने मुझसे बहुत सी बाते छुपानी छोड़ दी है,लेकिन जो वो छुपती है मैंने उसे पूछना भी बंद कर दिया,मेरे लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट अब ये सब जल्द से जल्द खत्म कर एक आरामदायक जिंदगी जीना था,मैं एक नार्मल सा इंसान हु जो की जिंदगी की ज्यादा उथल पुथल को सह नही पाता,मुझे शांति चाहिए थी,मुझे एक आम जीवन जीना था ,लेकिन अब वो पूरी तरह से संभव नही रहा,
मैं उन मर्दो में नही हु जो की अपनी बीबी को अपना गुलाम समझते है और किसी और मर्द से साथ कल्पना भी नही कर सकते ,ना मैं ऐसे मर्दो में शामिल हु जो की अपनी बीबी के गुलाम है और उसे किसी दूसरे मर्दो के साथ देखकर उत्तेजित हो जाते है जिसे हम CUCKOLD कहते है...मैं दोनो ही तरह का नही हु ना ही दोनो के बीच का ही हु …
मैं अपनी बीबी से अपने परिवार से बेपनाह प्यार करता हु ,लेकिन मैं उनका गुलाम नही हु,मैं अपनी बीबी या बहनों को किसी मर्द के साथ नही देख सकता लेकिन अगर वो मजबूर हो या अपनी इच्छा से किसी कारण से ये कर रहे हो तो मैं उनके विरोध में भी नही जा सकता…..शायद इसी लिए मैं इतना परेशान था,अगर मैं दोनो में से एक होता तो मेरे लिए ये सब सहन करना ज्यादा मुश्किल नही था,मैं या तो काजल को मार चुका होता या तलाक दे चुका होता,या उसकी चुदाई देख कर हिला रहा होता,लेकिन मैं इनमें से कुछ भी नही कर रहा था……
घर में मेरा स्वागत हमेशा की तरह मेरी बहनों ने बड़े प्यार से किया ,जब उन्हें पता चला की आज काजल नही आ रही है तो दोनो के चहरे खिल गए …
“मतलब आज हम आपके साथ सोएंगे..”मेरी प्यारी पूर्वी ने बड़े चहक के कहा
“तुम मेरे साथ क्यो मैं तुम्हारे साथ सो जाता हु “
“मतलब “पूर्वी को मेरी बात समझ नही आयी थी
“मलतब मेरी बहना रानी की मैं तुम्हारे कमरे में सो जाता हु “
मेरे इस बात से दोनो ने एक दूसरे को देखा,जैसे की कोई शॉक लग गया हो ..
“नही नही भइया हम आपके ही कमरे में सोएंगे “निशा ने जल्दी से कहा,उसके चहरे में एक डर साफ झलक रहा था,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई थी,क्योकि काजल ने मुझे कुछ ऐसा पहले ही बता दिया था जिसके कारण ये मुझे अपने कमरे से दूर ही रखना चाह रही थी ,लेकिन काजल ने ये भी कहा था की अगर मैं सब कुछ ठीक करना चाहता हु तो मुझे अपने इमोशन पर काबू करना होगा ,मैंने कुछ दिनों की प्रेक्टिस से अपने चहरे का भाव बदलने और उसे छुपाने की थोड़ी खूबी तो हासिल कर ही ली थी ,जिसका उपयोग मैं आज रश्मि के सामने करके आया था,
“क्या हुआ “मैंने जोर दिया
“वो क्या है भइया हमारे कमरे का बिस्तर बहुत छोटा है 3 लोग कैसे आएंगे,,और समान भी इधर उधर पड़ा हुआ है आप देखोगे तो डाटोगे …”
पूर्वी ने जल्दी जल्दी से कहा ,
वाह रे मेरी प्यारी बहना ,कितने सफाई से झूट बोल रहे हो ,उनके इस झूट में भी मुझे बड़ा प्यार आया और आंखों में आंसू ही आ जाते लेकिन मैंने खुद को सम्हाल लिया,मेरी मासूम सी पूर्वी को ना जाने क्या क्या सहना पड़ रहा था ,वो किसी को बचाने के लिए कितने आराम से झूट बोल रही थी ,लेकिन उसकी आंखे ……..
वो अभी भी उतनी ही मासूम थी और उसकी आंखों अब भी सच बोल रही थी ,उसकी आंखों में डर और झूट से आयी हुई ग्लानि साफ साफ झलक रही थी ,लेकिन मैंने उन्हें कुछ भी नही कहा…
“ओके चलो ठीक है तैयार होकर मेरे कमरे में आ जाओ “
“जी भइया दोनो ही एक साथ खड़े हो गए “

मैं अपने कमरे में सोया हुआ आने वाले भविष्य की संभावनाएं तलाश रहा था की दोनो परिया मेरे कमरे में दाखिल हुई..
दोनो के ऊपर काजल का प्रभाव साफ साफ झलक रहा था ,उनके ये कपड़े काजल की ही पसंद के थे ,लेकिन काजल इन्हें मुझे या पता नही किसे किसे उत्तेजित करने के लिए पहना करती थी ,वो कपड़े मेरी बहने मेरे साथ सोने के लिए ही पहन कर आ जाती थी …
मुझे इस बात पर हँसी भी आयी और उनके हुस्न को देखकर मैं उनपर मोहित भी हो गया,खासकर पूर्वी के लिए मेरे दिल में बहुत ही प्यार उमड़ जाता था,नई नई कली की तरह उनखिली हुई मेरी पूर्वी मासूमियत और चंचलता से भरी हुई थी,और मेरे लिए उसका असीम प्यार उसकी आंखों से ही झलक जाता था,वही निशा उसके अपेक्षा जिस्म से कही ज्यादा भरी हुई थी ,और किसी भी मर्द की पहली पसंद निशा ही होती लेकिन निशा में वो मासूमियत नही थी जो की पूर्वी के हर एक अदा से झलकती थी..
हमेशा की तरह ही दोनो मेरे आजु बाजू आकर लेट गए और पूर्वी ने मुझे अपनी बांहो में कस लिया ,उसकी कोमलता और कोमल स्तन और उसका चहरा मेरे सीने में आ धसे ..वही निशा का चहरा मेरे चहरे के पास ही था वो मुझे ही देख रही थी,वो मुझसे ऐसे सटी हुई थी की उसके स्तन मेरे कोहनियों से लग रहे थे,मैं भी उसपर जोर दे देता ,वो अपने बांहो को मेरे गले से लपेट ली ,वो मेरे ऊपर आना चाहती ही लेकिन वँहा पहले से ही पूर्वी का राज था,उसका मेरे ऊपर अधिकार पूर्वी के बाद ही आता था...वो इंतजार करने लगी की कब पूर्वी नींद में चली जाय,और उसे उसके कमरे में छोड़ कर आया जाय..
उसके चहरे में पूर्वी के लिए थोड़े गुस्से का भाव आ गया ,जिसे मैं आसानी से पढ़ सकता था,जिससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई..
“वो छोटी है रे “
मैंने उसके कानो में कहा
“तो क्या हमेशा आपके ऊपर चढ़ जाती है ,मुझे जगह ही नही मिलता “
उसने रूठने वाले स्वर में कहा ,
“तो क्या हुआ बेचारी जल्दी सो भी तो जाती है,फिर तो तू ही पूरी रात मेरे ऊपर चढ़े रहना “
मुझे अपनी ही बात पर हँसी आ गई क्योकि हम ये क्या बोल रहे थे..
“हम्म इसीलिए तो इसे कुछ नही बोलती “निशा ने मेरे गालो में एक किस करते हुए कहा …..
ना जाने ऐसे ही मेरी नींद कब लग गई ,शायद मैं आज इतना चला था की थक चुका था,नींद टूटी किसी कोमल होठो के अहसास से जो की मेरे होठो को छू रहा था,उस होठ का गीलापन मेरे होठो से मिल रहा था,मैंने हल्के से ही आंखे खोली,ये निशा थी जो मुझे सोता हुआ पाकर मेरे होठो को हल्के हल्के चूम रही थी ,उसने पूर्वी को उसके कमरे में रुला दिया था,मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही रहा लेकिन फिर मैंने अपना हाथ उसके कमर से लपेट लिया..
वो ऐसे हड़बड़ाई जैसे की उसकी चोरी पकड़ी गई हो
“क्या हुआ मेरी जान ,क्या कर रही हो “
मैंने निशा को छेड़ा
“सॉरी भइया “वो झेप सी गई
मैंने अपना हाथ उसके कमर के नीचे रखा मुझे उसके सुडौल गोल गोल नितम्भो का आभास हो रहा था,उसकी नाइटी थी ही इतनी झीनी सी की मुझे उसकी पेंटी के इलास्टिक तक का पता चल रहा था ,मेरे इस हरकत से वो भी थोड़ी मचली,उसने मुझसे दूर हटने की बजाय और मुझसे चिपक गई………
उसका सर मेरे गालो के पास था,जबकि उसकी कमर मेरे कमर के ऊपर, उसके बड़े मुलायम वक्ष मेरे सीने से दबे हुए थे, उसके शरीर की गर्मी मेरे बदन में घुलने लगी थी….
मैं बिना किसी रोक टोक के उसके नितम्भो को सहला रहा था, वो हल्की आई आहों के साथ मुझसे और सटने की कोसिस कर रही थी,या शायद मेरे सीने से अपने वक्षो को सहला रही थी, उसकी इस हरकत से मेरे लिंग में भी एक हरकत आ गई,
मैं अपनी सगी छोटी बहन के साथ था, और मेरा लिंग अकड़कर उसके जांघो के बीच रगड़ खा रहा था…
ना जमाने की ना ही इस पवित्र रिश्ते की कोई भी परवाह मेरे मन मे बची थी, अब हम दोनो बस जिस्म रह गए थे,एक लड़की और एक लड़के का जिस्म,जो मिलन को बेकाबू होने लगे थे…
मेरे हाथो का दबाव उसके नितम्भोपर और भी जोरो से बढ़ता जा रहा था ,मैं उसे मसल ही रहा था, वो भी बेकाबू हो रही थी, उसकी सांस उखड़ने लगी थी, वो अपने गालो को मेरे दाढ़ी के कारण थोड़े खुरदुरे गालो में रगड़ने लगी थी,शायद उससे उसे कोई दर्द सा उठा और वो अपने चहरे को मेरे चेहरे के पास लायी…
उसकी आंखें थोड़ी बंद सी हो गई थी,बिखरे बाल ,अध खुली आंखे और माथे में आया पसीना ...वो पूरी तरह से वासना के गिरफ्त में मतवाली हो चुकी थी..
हमारी आंखे मिली और साथ ही होठ भी मिल गए…
इसबार मैंने उन्हें चूसने में कोई कमी नहीं दिखाई,जब मेरे और निशा के होठो ने एक दूजे के थूक से खुद को मिला लिया था,और उस गीलेपन से उठाने वाले आनन्द में हम दोनो ही मगन हो गए थे ठीक उसी समय निशा के जांघो के बीच मेरा तना हुआ लिंग भरपूर मालिस कर रहा था,और उसकी नाइटी उसके कमर से ऊपर हो चुकी थी जिससे मेरे हाथ सीधे उसके नितम्भो को उसकी पेंटी के ऊपर से ही पूरी तरह से महसूस कर पा रहे थे,वही उसकी पैंटी के आगे के भाग जो अपने में उसकी कोमल योनि को छुपाए हुए थे,वो गिला होकर मेरे निकट को सामने से गीला कर रहा था……
हवस….हवस ,वासना ,काम ये आग ही ऐसी है जो सभी मर्यादाओ और रिस्तो को भुला देती है,निशा मेरी छोटी बहन ,वही निशा जिसे मैंने बचपन से खिलाया था,अपने बांहो में उठाया था,एक बाप के रूप में जिसकी मैं परवरिश कर रहा था,जो मुझे अपना भगवान मानती थी,जिसके लिए मैं ही सबकुछ था,वही निशा मेरे नीचे थी और मैं एक मर्द बना हुआ उसके स्त्री के जिस्म को मसले जा रहा था,और वो भी इसके आनद में डूब रही थी ,मर्यादाओ को बचाने एक दीवार हमारे बीच थी जो कपड़ो के रूप में थी,हमारे अंतःवस्त्रों के रुप में थी,मेरे हाथ अब उनतक भी पहुचने लगे थे,मैं उस इलास्टिक को अपने उंगलियों से फंसाकर उसे नीचे करने की कोशिस कर रहा था ,वो भी उसके कमर को छोड़कर नीचे होने लगे थे,उसके नितम्भ अब पूरी तरह से आजाद थे,उसकी कोमल गोलाइया मेरे हाथो में सामने लगे थे,मैं उन्हें उसे भी नीचे कर रहा था,जिससे उसके सामने का भाग भी नंगा होने लगा,उसके योनि के बालो का अहसास मुझे होने लगा था,
“भइया ऊह “वो मचलने लगी शायद उसे भी पता था की इस तूफान का क्या अंत होने वाला है,सभी मर्यादाओ का अंत,और दो नंगे जिस्मो का मिलन जो की सिर्फ जिस्म होंगे ,बिना रिस्तो के किसी बंधन के,उसकी पेंटी कमर से उतर कर जांघो तक पहुच गई थी और उसने थोड़ी मेहनत करके उसे अपने पैरो से नीचे उतार दिया,लेकिन अभी भी मैं निकर में ही था,जिसे उतारने की शुरूवार निशा ने ही की,वो मेरे निकर के दोनो छोरो को पकड़कर उसे नीचे खिंचने लगी और आहिस्ता आहिस्ता मेरे जिस्म में बस एक अंडरवियर ही बच गया था,जिसमे से मेरा कड़ा लिंग उसके नंगे यानी में रगड़ खा रहा था और उसे और भी उत्तेजित कर रहा था,मेरे अंडरवियर का आगे का भाग उसके कामरस और मेरे प्रिकम से बुरी तरह से गीला हो चुका था….
इधर हमारे होठो में एक दूसरे के होठो से मानो जंग ही छेड़ दी थी ,जैसे जैसे हमारे कपड़े उतरे थे वैसे वैसे ही हम और उत्तेजित होकर एक दूसरे पर आक्रामक रूप से टूट पड़े थे,बस एक आखरी दीवार हमारे सामने थी जिसका भी कोई भरोषा नही की वो कब हट जाए,..
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08-30-2019, 12:46 PM,
#23
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
अभी तक मेरे ऊपर चढ़ी हुई निशा को मैंने अपने नीचे खिंच लिया अब मैं उसके साथ मनमानी करने को पूरी तरह से आजाद था वही उसने भी मुझे अपना सब कुछ सौप दिया था,वो पूरी तरह से समर्पण की स्तिथि में आ गई थी ,वो अपने हाथो को मुझसे लपेटे हुए बस आहे ले रही थी ,मैं अपने अंडरवियर की पतली दीवार के बावजूद भी उसमे घुसने को जोर लगा रहा था,जिससे मेरा लिंग के हल्के से कपड़े की दीवार के माध्यम से ही सही लेकिन उसके योनि को फांको को बुरी तरह से रगड़ रहा था,गीलापन बढ़ने लगा था और मुझसे और सहन नही हो रहा था वही हाल शायद निशा का भी रहा हो ,हम अपने वासना के चरम पर थे,निशा ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर के इलास्टिक पर रख दिया था,उसकी उंगलिया उसमे फसने लगी थी वो मेरे शरीर में बस कुछ ही देर का मेहमान था और उसके उतरते ही जो होने वाला था उससे हम दोनो ही बाकिफ थे………
लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था ,इससे पहले की निशा अपने उंगलियों के माध्यम से मेरे आखिरी कपड़े को उतार फेके हमे गेट के खुलने की आवाज सुनाई दी ,शायद वो हाल का गेट था,यानी काजल के आने का संकेत...हम दोनो की ही सांसे बेकाबू थी ,
“मुझे भाभी पर इतना गुस्सा कभी नही आया,रोज तो 5-6 बजे ही आती है आज 4 बजे ही आ गई”निशा ने बड़े ही गुस्से में कहा और तुरंत ही अपने कपड़ो को ठीक करने लगी मैं भी जल्दी से अपने निक्कर को पहन कर सो गया,निशा जल्दी ही अपनी पेंटी को ढ़ंढने लगी और उसे पहन कर मुझसे लिपट कर सोने की एक्टिंग करने लगी...ये उस समय हुआ जब काजल ने हमारे कमरे का गेट खोला ,हम दोनो की ही सांसे अब भी तेज चल रही थी ,काजल ने कमरे की लाइट नही जलाई और अपना बेग रखकर सीधे ही बाथरूम में चली गई ,बाथरूम के प्रकाश से हमारा कमरा भी रौशन हो गया था,
“अरे भाभी आप आ गई ,मैं अपने कमरे में जाती हु “
निशा आंखों को मलते हुए बोली और सीधे अपने कमरे में चली गई,लेकिन मैं…...मुझे तो सोने की ही एक्टिंग करनी थी…..

निशा के जाने के कुछ देर बाद ही काजल फ्रेश होकर बाहर आयी उसके शरीर से नहाने के बाद भी उसके परफ्यूम की खुसबू मेरे नाक में आ रही थी ,जिस खुसबू का मैं दीवाना था…
मैं पहले से ही बहुत ही उत्तेजित था लेकिन फिर भी मुझे सोने की एक्टिंग तो करनी ही थी,
मैं सोया ही रहा ,काजल मेरे पास आयी और मेरे गालो में एक किस करने सोने लगी ,......मेरी नीद तो गायब थी ,जब निशा चली गई और मेरा लिंग थोड़ा ठंडा हुआ तब मैंने सोचा की आखिर मैं कर क्या रहा था,ये बात सोचते ही मेरा मन में ग्लानि के भाव आ गए की मैं अपनी ही बहन के साथ …???
मैं सच में गिरा हुआ आदमी हु …..जब तक लिंग में अकड़ था मेरे अंदर हवस की आग थी तब तो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था,शायद इसी लिए हवस ,काम वासना,क्रोध,लोभ,मोह ,मद,को आग कहा गया है क्योकि सबसे पहले सोचने समझने की क्षमता को ही जला देता है……
मैं जब उठा तो काजल नींद में थी मैंने उसके गालो में किस किया और बाथरूम की तरफ बढ़ा,मेरी नजर उसके पर्स पर चली गई ,ना जाने क्यो कोई आकर्षण मुझे उसतक ले गया जब मैंने अंदर देखा तो एक लाल रंग की पेंटी दिखाई दी,मैंने उसे छुवा नही लेकिन मेरा दिमाग फिर से खराब हो गया,काजल रात भर किसी से बिना पैसों के चुद कर आयी थी इसका मलतब था की वो शायद खान होगा,मादरचोद खान,अपने बेटी की उम्र की लड़की को ठोक रहा था,..
मैं इस बात से थोड़ा अपसेट भी था क्योकि काजल का इस तरह खान को सबकुछ देना और इधर मेरी ही बहन के साथ मेरे संबंधों ने मुझे थोड़ा झकझोर दिया था,मुझे पता था की मैं दोनो का ही कुछ नही कर सकता ,आज संडे था उर जैसे सभी आज के दिन छुटिया मानते है हमारे लिए आज सबसे ज्यादा बिजी दिन होता है,हमारा रेस्टारेंट और बार आज लगभग फूल होता है,मैं जल्दी से ही होटल को निकल गया..
होटल पहुचते ही मुझे सूचना दी गई की रश्मि ने मुझे याद किया है ,मेरा मूड और भी खराब हो गया क्योकि ना जाने अब इसे क्या हो गया था,ऐसे भी जो कल हुआ था मुझे लगा की वो अब भी गुस्से में होगी,मझे बताया गया की वो स्विमिंग पुल में थी ……
मैं जब स्विमिंग पुल पर पहुचा तो रश्मि एक बिकिनी में दिखी और मुझे देखकर मुझे स्माइल पास की ,मुझे थोड़ी राहत हुई क्योकि वो मुझसे अब गुस्सा नही है,मुझे देखकर वो पुल से निकली...
उसे देखकर मेरा मुह थोड़ा सा खुल गया था लेकिन उसे मैंने जल्द ही बंद कर लिया .वो मुस्कुराती हुई मेरे पास आयी और मुझे बैठने को कहा ,जबकि वो एक चेयर में सो गई जिससे उसके सभी मूल्यवान समान मेरे सामने खुलकर आने लगे थे..
“कल के लिए सॉरी देव मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..”
वो फिर से मुस्कुराई
“मैं तो आपका नॉकर हु मेडम आपके पास नॉकरी करता हु ,आप की मर्जी आप जो भी करो मेरे साथ “
उसने मुझे आश्चर्य से देखा जबकि मैं अपना चहरा उदास बनाये हुए था,इन दिनों में मैं एक अच्छा एक्टर तो बन ही गया था,बाहर से मैं उदास दिख रहा था लेकिन अदंर से मेरा लिंग अकड़ने लगा था,शायद कल हुए हादसे के बाद मुझे हिला लेना था,मैं अपने को असंतुष्ट महसूस कर रहा था जिसका असर मेरे लिंग में साफ साफ महसूस हो रहा था…..
रश्मि के चहरे में एक मुस्कान आ गई ..
“अच्छा इतना गुस्सा ,रश्मि से मैं मेडम हो गई और मैनेजर से तुम मेरे नॉकर हो गए “
“जो सही है उसे बदला तो नही जा सकता ना”
“ओहो ..चलो तुम्हारा मूड ठीक करने लिये मैं तुम्हे एक इनाम देती हु “
मैं चौक कर उसे देखने लगा ,कही वो खुद मेरे साथ तो नही सोने वाली..मैं मन ही मन में खुस हो रहा था…
“असल में तुम्हारी बात के बारे में मैंने बहुत सोचा और मुझे तुम्हारा आईडिया भी पसंद आया ,जो काजल उन्हें दे रही है वो तो मैं भी दे सकती हु “
वो मुस्कुराने लगी लेकिन मेरी फट गई,क्या ये सच में अपने ससुर के साथ …….क्या पता की पैसा लोगो से क्या क्या करवा सकता है…
“लेकिन अभी तुम्हारे इनाम की बात,आज तुम्हारी छुट्टी “
उसने ऐसे कहा जैसे किसी बंधवा मजदूर को एक दिन की छुट्टी मिल गई हो ,साला एक दिन की छुट्टी से मेरा क्या होने वाला है,ऐसे भी मैं घर में रखकर भी क्या उखाड़ लेता ..
“नही मेडम रहने दीजिये ,मेरे पास ऐसे भी घर में कोई काम नही है और आज संडे है आज यंहा पर भीड़ भी ज्यादा होगी “
वो मुझे देख कर मुस्कुराई ..
“अभी इनाम पूरा नही हुआ है ,आज तुम मैनेजर के काम से छुट्टी ले रहे हो लेकिन तुम्हे आज शबनम के साथ काम करना है ,वो एक विशेष पार्टी का आयोजन कर रही है,उसके काम को एक महीना पूरा हो गया है,यानी हमारा पहला कस्टमर एक महीने पहले आया था,तब से लेकर अभी तक हमने कई कस्टमर की सेवा की है और लाखो कमाए है,तो शबनम का प्लान है की हमारे खास और मालदार कस्टमर को एक ट्रीट दी जाए,आज उन्हें जिसे मन करे उसे फ्री में करने दिया जाय...तो शाम से ही कस्टमर आने शुरु हो जाएंगे ,और रात से कार्यकम शुरू हो जाएगा,आज की सभी तैयारी की जिम्मेदारी तुम्हारे और शबनम के कंधों पर है...तो इसलिए यंहा के काम से तुम्हारी छुट्टी …और हा ये काम ऐसे होना चाहिए की यंहा के किसी भी कस्टमर को इसकी भनक ना लगे,बहुत ही गुप्त रूप से बाकी सब शबनम समझा देगी ….”
ये क्या बात हुई साला एक दिन की छुट्टी बोलकर मेरी गांड ही ले ली ..इतना काम पकड़ा दिया ..
“क्या हूं क्या सोच रहे हो”
वो अपने शरीर से कोई लिकविड मल रही थी ..
“इसमें इनाम जैसी क्या बात है “
मैंने चहरा उतरते हुए कहा,वो खिलखिला कर हँसी ..
“अरे शरीफ आदमी ,आज तुम्हारे लिए भी सभी फ्री है ,जाओ और इन्जॉय करो “
मैं इस लिंग का क्या करू जो बात बात पर इतना अकड़ जाता है ,साला उसकी बात को सुनकर ही उछाल मारने लगा,ऐसे भी उसे देखकर तो तना हुआ ही था..

मैं शबनम के पास पहुचा ,
“तो तैयार हो,”
“ह्म्म्म क्या क्या तैयारी करनी है ..”
“पहले तो मुझे ये समझ नही आ रहा है की कहा तैयारी करनी है,हम होटल के किसी स्टाफ को तो इसमें इन्वॉल्व नही कर सकते तो क्या करे और हमे बड़ी जगह चाहिए “
“हम्म वो सब मेरा काम तुम लड़कियों को तैयार करो कितनी लडकिया होंगी “
मैंने सबकुछ शबनम के हाथो में ही सौप दिया था,मुझे ये भी पता था की हमारे होटल में कितनी लडकिया है जो ये काम करती है और वो कौन कौन है..
“15 लडकिया होंगी और 20 कस्टमर “
मैं चौक गया ,
“यार ये तो बड़ी नाइंसाफी होगी ,20 लोगो के लिए सिर्फ 15 लडकिया “
वो जोरो से हँसी
“अरे पागल एक एक लड़की 5-5 का एक दिन में ले लेंगी तुम इसकी टेंशन मत लो ,तुम मेरे हिसाब से अरेंजमेंट करके दो “
“ओके तो कांफ्रेंस हाल में ये काम हो जाएगा “
“”अच्छा तो होटल स्टाफ का क्या करोगे”
मैं सोच में पड़ गया ,
“यंहा करना सही नही होगा,कपूर साहब का एक फार्म हाउस है वँहा पर ही सब कार्यक्रम होगा हमे चाबी मिल गई है ,उसे सजवाने का काम तुम्हारा ,वँहा एक हॉल है जिसे पब की तरह तैयार करो ,और डांस फ्लोर भी बिछावा दो ,एक स्विमिंग पुल भी है उसे साफ करवा दिया गया है,शराब और खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी तुम्हारी, लड़कियों को तैयार करने और मेहमानों का ख्याल रखना मेरा काम है “
“यार इतना होगा तो मजदूरों की जरूरत तो पड़ेगी ही ना “
“हम्म इसलिए सभी काम शाम तक हो जाना चाहिए..फिर मजदूरों को रुखसत करो वँहा से ,रात के 9 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हो जाना चाहिए “
साला ये संडे तो मुझे महंगा पड़ गया इतना काम ,मैं चाबी लेकर सीधे अपने कांटेक्ट से बात करने लगा,और लोगो को उनका काम समझने लगा ….अभी तक मेरे ऊपर चढ़ी हुई निशा को मैंने अपने नीचे खिंच लिया अब मैं उसके साथ मनमानी करने को पूरी तरह से आजाद था वही उसने भी मुझे अपना सब कुछ सौप दिया था,वो पूरी तरह से समर्पण की स्तिथि में आ गई थी ,वो अपने हाथो को मुझसे लपेटे हुए बस आहे ले रही थी ,मैं अपने अंडरवियर की पतली दीवार के बावजूद भी उसमे घुसने को जोर लगा रहा था,जिससे मेरा लिंग के हल्के से कपड़े की दीवार के माध्यम से ही सही लेकिन उसके योनि को फांको को बुरी तरह से रगड़ रहा था,गीलापन बढ़ने लगा था और मुझसे और सहन नही हो रहा था वही हाल शायद निशा का भी रहा हो ,हम अपने वासना के चरम पर थे,निशा ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर के इलास्टिक पर रख दिया था,उसकी उंगलिया उसमे फसने लगी थी वो मेरे शरीर में बस कुछ ही देर का मेहमान था और उसके उतरते ही जो होने वाला था उससे हम दोनो ही बाकिफ थे………
लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था ,इससे पहले की निशा अपने उंगलियों के माध्यम से मेरे आखिरी कपड़े को उतार फेके हमे गेट के खुलने की आवाज सुनाई दी ,शायद वो हाल का गेट था,यानी काजल के आने का संकेत...हम दोनो की ही सांसे बेकाबू थी ,
“मुझे भाभी पर इतना गुस्सा कभी नही आया,रोज तो 5-6 बजे ही आती है आज 4 बजे ही आ गई”निशा ने बड़े ही गुस्से में कहा और तुरंत ही अपने कपड़ो को ठीक करने लगी मैं भी जल्दी से अपने निक्कर को पहन कर सो गया,निशा जल्दी ही अपनी पेंटी को ढ़ंढने लगी और उसे पहन कर मुझसे लिपट कर सोने की एक्टिंग करने लगी...ये उस समय हुआ जब काजल ने हमारे कमरे का गेट खोला ,हम दोनो की ही सांसे अब भी तेज चल रही थी ,काजल ने कमरे की लाइट नही जलाई और अपना बेग रखकर सीधे ही बाथरूम में चली गई ,बाथरूम के प्रकाश से हमारा कमरा भी रौशन हो गया था,
“अरे भाभी आप आ गई ,मैं अपने कमरे में जाती हु “
निशा आंखों को मलते हुए बोली और सीधे अपने कमरे में चली गई,लेकिन मैं…...मुझे तो सोने की ही एक्टिंग करनी थी…..

निशा के जाने के कुछ देर बाद ही काजल फ्रेश होकर बाहर आयी उसके शरीर से नहाने के बाद भी उसके परफ्यूम की खुसबू मेरे नाक में आ रही थी ,जिस खुसबू का मैं दीवाना था…
मैं पहले से ही बहुत ही उत्तेजित था लेकिन फिर भी मुझे सोने की एक्टिंग तो करनी ही थी,
मैं सोया ही रहा ,काजल मेरे पास आयी और मेरे गालो में एक किस करने सोने लगी ,......मेरी नीद तो गायब थी ,जब निशा चली गई और मेरा लिंग थोड़ा ठंडा हुआ तब मैंने सोचा की आखिर मैं कर क्या रहा था,ये बात सोचते ही मेरा मन में ग्लानि के भाव आ गए की मैं अपनी ही बहन के साथ …???
मैं सच में गिरा हुआ आदमी हु …..जब तक लिंग में अकड़ था मेरे अंदर हवस की आग थी तब तो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था,शायद इसी लिए हवस ,काम वासना,क्रोध,लोभ,मोह ,मद,को आग कहा गया है क्योकि सबसे पहले सोचने समझने की क्षमता को ही जला देता है……
मैं जब उठा तो काजल नींद में थी मैंने उसके गालो में किस किया और बाथरूम की तरफ बढ़ा,मेरी नजर उसके पर्स पर चली गई ,ना जाने क्यो कोई आकर्षण मुझे उसतक ले गया जब मैंने अंदर देखा तो एक लाल रंग की पेंटी दिखाई दी,मैंने उसे छुवा नही लेकिन मेरा दिमाग फिर से खराब हो गया,काजल रात भर किसी से बिना पैसों के चुद कर आयी थी इसका मलतब था की वो शायद खान होगा,मादरचोद खान,अपने बेटी की उम्र की लड़की को ठोक रहा था,..
मैं इस बात से थोड़ा अपसेट भी था क्योकि काजल का इस तरह खान को सबकुछ देना और इधर मेरी ही बहन के साथ मेरे संबंधों ने मुझे थोड़ा झकझोर दिया था,मुझे पता था की मैं दोनो का ही कुछ नही कर सकता ,आज संडे था उर जैसे सभी आज के दिन छुटिया मानते है हमारे लिए आज सबसे ज्यादा बिजी दिन होता है,हमारा रेस्टारेंट और बार आज लगभग फूल होता है,मैं जल्दी से ही होटल को निकल गया..
होटल पहुचते ही मुझे सूचना दी गई की रश्मि ने मुझे याद किया है ,मेरा मूड और भी खराब हो गया क्योकि ना जाने अब इसे क्या हो गया था,ऐसे भी जो कल हुआ था मुझे लगा की वो अब भी गुस्से में होगी,मझे बताया गया की वो स्विमिंग पुल में थी ……
मैं जब स्विमिंग पुल पर पहुचा तो रश्मि एक बिकिनी में दिखी और मुझे देखकर मुझे स्माइल पास की ,मुझे थोड़ी राहत हुई क्योकि वो मुझसे अब गुस्सा नही है,मुझे देखकर वो पुल से निकली...
उसे देखकर मेरा मुह थोड़ा सा खुल गया था लेकिन उसे मैंने जल्द ही बंद कर लिया .वो मुस्कुराती हुई मेरे पास आयी और मुझे बैठने को कहा ,जबकि वो एक चेयर में सो गई जिससे उसके सभी मूल्यवान समान मेरे सामने खुलकर आने लगे थे..
“कल के लिए सॉरी देव मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..”
वो फिर से मुस्कुराई
“मैं तो आपका नॉकर हु मेडम आपके पास नॉकरी करता हु ,आप की मर्जी आप जो भी करो मेरे साथ “
उसने मुझे आश्चर्य से देखा जबकि मैं अपना चहरा उदास बनाये हुए था,इन दिनों में मैं एक अच्छा एक्टर तो बन ही गया था,बाहर से मैं उदास दिख रहा था लेकिन अदंर से मेरा लिंग अकड़ने लगा था,शायद कल हुए हादसे के बाद मुझे हिला लेना था,मैं अपने को असंतुष्ट महसूस कर रहा था जिसका असर मेरे लिंग में साफ साफ महसूस हो रहा था…..
रश्मि के चहरे में एक मुस्कान आ गई ..
“अच्छा इतना गुस्सा ,रश्मि से मैं मेडम हो गई और मैनेजर से तुम मेरे नॉकर हो गए “
“जो सही है उसे बदला तो नही जा सकता ना”
“ओहो ..चलो तुम्हारा मूड ठीक करने लिये मैं तुम्हे एक इनाम देती हु “
मैं चौक कर उसे देखने लगा ,कही वो खुद मेरे साथ तो नही सोने वाली..मैं मन ही मन में खुस हो रहा था…
“असल में तुम्हारी बात के बारे में मैंने बहुत सोचा और मुझे तुम्हारा आईडिया भी पसंद आया ,जो काजल उन्हें दे रही है वो तो मैं भी दे सकती हु “
वो मुस्कुराने लगी लेकिन मेरी फट गई,क्या ये सच में अपने ससुर के साथ …….क्या पता की पैसा लोगो से क्या क्या करवा सकता है…
“लेकिन अभी तुम्हारे इनाम की बात,आज तुम्हारी छुट्टी “
उसने ऐसे कहा जैसे किसी बंधवा मजदूर को एक दिन की छुट्टी मिल गई हो ,साला एक दिन की छुट्टी से मेरा क्या होने वाला है,ऐसे भी मैं घर में रखकर भी क्या उखाड़ लेता ..
“नही मेडम रहने दीजिये ,मेरे पास ऐसे भी घर में कोई काम नही है और आज संडे है आज यंहा पर भीड़ भी ज्यादा होगी “
वो मुझे देख कर मुस्कुराई ..
“अभी इनाम पूरा नही हुआ है ,आज तुम मैनेजर के काम से छुट्टी ले रहे हो लेकिन तुम्हे आज शबनम के साथ काम करना है ,वो एक विशेष पार्टी का आयोजन कर रही है,उसके काम को एक महीना पूरा हो गया है,यानी हमारा पहला कस्टमर एक महीने पहले आया था,तब से लेकर अभी तक हमने कई कस्टमर की सेवा की है और लाखो कमाए है,तो शबनम का प्लान है की हमारे खास और मालदार कस्टमर को एक ट्रीट दी जाए,आज उन्हें जिसे मन करे उसे फ्री में करने दिया जाय...तो शाम से ही कस्टमर आने शुरु हो जाएंगे ,और रात से कार्यकम शुरू हो जाएगा,आज की सभी तैयारी की जिम्मेदारी तुम्हारे और शबनम के कंधों पर है...तो इसलिए यंहा के काम से तुम्हारी छुट्टी …और हा ये काम ऐसे होना चाहिए की यंहा के किसी भी कस्टमर को इसकी भनक ना लगे,बहुत ही गुप्त रूप से बाकी सब शबनम समझा देगी ….”
ये क्या बात हुई साला एक दिन की छुट्टी बोलकर मेरी गांड ही ले ली ..इतना काम पकड़ा दिया ..
“क्या हूं क्या सोच रहे हो”
वो अपने शरीर से कोई लिकविड मल रही थी ..
“इसमें इनाम जैसी क्या बात है “
मैंने चहरा उतरते हुए कहा,वो खिलखिला कर हँसी ..
“अरे शरीफ आदमी ,आज तुम्हारे लिए भी सभी फ्री है ,जाओ और इन्जॉय करो “
मैं इस लिंग का क्या करू जो बात बात पर इतना अकड़ जाता है ,साला उसकी बात को सुनकर ही उछाल मारने लगा,ऐसे भी उसे देखकर तो तना हुआ ही था..

मैं शबनम के पास पहुचा ,
“तो तैयार हो,”
“ह्म्म्म क्या क्या तैयारी करनी है ..”
“पहले तो मुझे ये समझ नही आ रहा है की कहा तैयारी करनी है,हम होटल के किसी स्टाफ को तो इसमें इन्वॉल्व नही कर सकते तो क्या करे और हमे बड़ी जगह चाहिए “
“हम्म वो सब मेरा काम तुम लड़कियों को तैयार करो कितनी लडकिया होंगी “
मैंने सबकुछ शबनम के हाथो में ही सौप दिया था,मुझे ये भी पता था की हमारे होटल में कितनी लडकिया है जो ये काम करती है और वो कौन कौन है..
“15 लडकिया होंगी और 20 कस्टमर “
मैं चौक गया ,
“यार ये तो बड़ी नाइंसाफी होगी ,20 लोगो के लिए सिर्फ 15 लडकिया “
वो जोरो से हँसी
“अरे पागल एक एक लड़की 5-5 का एक दिन में ले लेंगी तुम इसकी टेंशन मत लो ,तुम मेरे हिसाब से अरेंजमेंट करके दो “
“ओके तो कांफ्रेंस हाल में ये काम हो जाएगा “
“”अच्छा तो होटल स्टाफ का क्या करोगे”
मैं सोच में पड़ गया ,
“यंहा करना सही नही होगा,कपूर साहब का एक फार्म हाउस है वँहा पर ही सब कार्यक्रम होगा हमे चाबी मिल गई है ,उसे सजवाने का काम तुम्हारा ,वँहा एक हॉल है जिसे पब की तरह तैयार करो ,और डांस फ्लोर भी बिछावा दो ,एक स्विमिंग पुल भी है उसे साफ करवा दिया गया है,शराब और खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी तुम्हारी, लड़कियों को तैयार करने और मेहमानों का ख्याल रखना मेरा काम है “
“यार इतना होगा तो मजदूरों की जरूरत तो पड़ेगी ही ना “
“हम्म इसलिए सभी काम शाम तक हो जाना चाहिए..फिर मजदूरों को रुखसत करो वँहा से ,रात के 9 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हो जाना चाहिए “
साला ये संडे तो मुझे महंगा पड़ गया इतना काम ,मैं चाबी लेकर सीधे अपने कांटेक्ट से बात करने लगा,और लोगो को उनका काम समझने लगा ….
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08-30-2019, 12:46 PM,
#24
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
रात की तैयारी हो चुकी थी ,हाल किसी पब की तरह लग रहा था,जंहा हल्की हल्की ही रोशनी थी ,आज यंहा हवस का नंगा नाच होने वाला था,मैंने सभी मजदूरों और करगिरो को वँहा से भेज दिया था,खाना और शराब लडकिया ही सर्व करने वाली थी ,,,सब कुछ जमा दिया गया था और मैं अपने काम से संतुष्ट था,जैसा शबनम ने मुझे सजाने को कहा था सभी कुछ वैसा ही था,शाम होते ही शबनम भी आ चुकी थी और सभी लडकिया भी ,....
“हम्म गुड वर्क देव इसीलिए रश्मि तुम्हे इतना पसंद करती है ,तुम सच में एक अच्छे मैनेजर हो “
शबनम ने सब अरेंजमेंट को देखते हुए कहा “
“थैक्स यार लेकिन साला सब बहुत ही थकाने वाला था “
मैं सचमे बहुत ही थक गया था..
“तो तुम एक पैक मारो और ऊपर के कमरे में आराम करो जब नींद खुले तो नीचे आ जाना...बची हुई थकान यंहा मेरी लडकिया मिटा देंगी “
शबनम की अदा पर तो मैं मरता था साली सच में कातिल थी…...मैं दो पैक पीकर ऊपर के कमरे में आराम करने चला गया ,.......
जब नींद खुली तो 9 बज चुके थे ,मैं हड़बड़ाया..साला सभी मेहमान आ गए होंगे,मैं उठा ही था की मेरी नजर सामने रखे सोफे पर पड़ी ,एक जोड़ी कपड़े ,जिसमे शर्त पेंट ,टाई और एक कोट था ,और साथ ही एक लेटर वहां पर मुझे मिला …
‘ये ड्रेश कोड है मेहमानों का इसे पहन कर नीचे आना’ये शायद शबनम ही होगी’
मैं उन कपड़ो को पहन कर नीचे गया,माध्यम रोशनी में मध्यम आवाज में गाना चल रहा था,सभी लडकिया सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हाथो में जाम लिए घूम रही थी ,वो फार्महाउस का कमरा किसी सेक्स क्लब की तरह लग रहा था,अजीबोगरीब लोग मेरी ही तरह ड्रेश में वँहा बैठे हुए थे,जिनमे से अधिकतर की उम्र 50 के ऊपर की थी ,मुझे उनके सामने जाने में शर्म आ रही थी ,कुछ लडकिया कस्टमर के जांघो में बैठी थी ,और वो लोग उनको हल्के हल्के मसलते हुए अपने जाम का मजा ले रहे थे,एक लड़की बाकायदा कमरे के बीचो बीच पोल डांस कर रही थी जिसे चारो ओर से लोग घेरे हुए मजा ले रहे थे,कोई कुर्सी में बैठा था तो कोई खड़ा हुआ था लेकिन सभी टुन्न थे,मैं बड़ा ही नर्वस सा महसूस कर रहा था,मेरी नजर शबनम पर पड़ी,वो कमरे में एक मात्र लड़की थी जो की पूरे कपड़ो में थी,उसने एक काले रंग का लांग गाउन पहना हुआ था ..वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मुझे नीचे आने का इशारा किया,मैं चुपचाप ही उसके बाजू में जाकर खड़ा हो गया ,ऐसे भी किसी का भी ध्यान मेरी ओर नही था,तभी वो पोल डांस खत्म हुआ और सभी तालिया बजाने लगे...एक लड़की आयी और माइक में बोलने लगी …
“आपके सामने पेश हमारे खास मेहमानों के लिए डिज़ाइन किया गया बेले डांस “
सभी फिर के तालिया बजाने लगे,एक लड़की स्टेज में आ गई उसने भी बस अपने ब्रा और पेंटी ही पहने थे ,लेकिन कमर में बड़ी सी करधन लटक रही थी ,वो म्यूज़िक के साथ धीरे धीरे अपनी कमर मटकानी शुरू कर देती है,उसके सेक्सी नितम्भ झूलने लगते है और म्यूज़िक के साथ साथ थिरकने लगते है…….
“ये सब तुम्हारा आईडिया था ,कहा से पकड़ कर लायी हो इनको,सच में अरब की लग रही है “
मैंने शबनम के कानो में कहा जो की मेरे बाजू में ही खड़ी थी ,वो मुझे देखकर मुस्कुराई ..
“अब ये मत कहना की ये तुम्हे चाहिए “
वो हल्के से हँसने लगी ,
“नही मेरे लिए तो तुम ही काफी हो “
मैंने शरारत भरे लहजे में कहा और उसने भी शरारत में मुझे कोहनी मार दिया ..
वो दूध जैसे गोरी ,लंबी सी लड़की ,अपने बड़े बड़े चूतड़ों को बड़ी ही खूबसूरती से हिला रही थी ,उसकी ये अदा देखकर वँहा बैठे लोग बड़ी ही हवस की निगाह से उसे घूर रहे थे,वही जिनके गोद में लडकिया बैठी थी वो कभी उनकी जांघो को मसलते हो कभी उनके सीने को ,तो कभी उनके जांघो के बीच हाथो को ले जाते…
“अब समय आ गया है “
शबनम की बात से मेरा ध्यान उसपर गया..
“किसका “
“ये बुड्ढे ऐसे तो कुछ नही कर पाएंगे ,इनके ड्रिंक्स में अब वायग्रा की गोली मिला देते है..”
मैंने शबनम को आश्चर्य से देखा
“पागल हो गई हो क्या ,इनकी उम्र देखो अगर किसी को हार्टअटैक आ गया तो हम फंस जायेगे “
शबनम मुझे देखकर मुस्कुराने लगी ..
“10 रुपये वाला मैनफोर्स का टेबलेट नही खिला रही हु इन्हें जो इनके दिल की धड़कने बढ़ जाएगी..फिक्र मत करो अच्छे क़्वालिटी की वायग्रा मंगवाई है इन ठरीकियो के लिए,ये हमे लाखो रुपये देते है तो इनकी सेवा भी अच्छी होनी चाहिए ना,क्या मतलब होगा अगर ये कुछ कर ही नही पाए..और हम इन्हें बता कर देंगे ये “
शबनम ने एक लड़की को इशारा किया और उसे अपने पर्श से निकाल कर कुछ टेबलेट्स दे दिए …
“ये कोई ड्रग्स तो नही है ना “मुझे अब भी चिंता हो रही थी
“नही ये उनके हार्टबीट को कंट्रोल में रखेगा,और स्टेमिना को बड़ा देगा ,कम से कम एक जवान लड़के जितना तो इन्जॉय कर ले ये बुड्ढे “
वो हँसने लगी
“ओह तब तो मुझे भी ले लेना चाहिए “
मैं मुस्कुराया
“अरे यार तुम तो बिना इसके भी इतने देर चल जाते होई तुम्हे क्या जरूरत है इसकी “वो बड़े ही मादक निगाहों से मुझे देख कर मुस्कुराई….
लड़की ने सभी के पास जाकर वो गोलिया उनके ड्रिंक्स में डाल दिए ,थोड़ी देर में ही गोलियो अपना असर दिखाना शुरू कर दिया …
लोग उत्तेजना से लाल हो रहे थे,जो बैठे थे वो भी खड़े हो गए थे और उस लड़की के साथ ही नाचने लगे थे,शराब,शबाब और गोली तीन तीन नशो ने सबको पागल सा बना दिया था,एक सेठ जी ने अपने जेब में हाथ डाला और नोटो की गद्दी निकालकर उस लड़की की ऊपर डालने लगा ,अब लड़की अपने कमर को और भी जोरो से मटकाने लगी,और पिछवाड़े को उस सेठ के मुह में ही ठिका दिया,वो सेठ भी अपनी जीभ से उसके बड़े पिछवाड़े के छेद को चाट रहा था,हवस का नंगा नाच शुरू हो गया था,लोग लड़कियों को जोरो इस मसलने लगे थे,अधिकतर लोग तो बीच में नाच रही लड़की को ही घेरे हुए थे,तभी म्यूजिक चेंज हुआ और डांस सांग्स लगा दिया गया ,सभी मस्त थे कोई दारू उछाल रहा था तो कोई नोट,पूरे कमरे में नोटो की बारिश होने लगी थी,सभी यंहा पर मुफ्त का मजा लेने आये थे लेकिन बिना कोई पैसा लिए भी उनके जेब से पैसे निकाल लिया गया था,मैं मन ही मन में शबनम की तारीफ करने से नही बच पाया,उसने एक लड़की को इशारा किया और वो जाकर नोटो को एक बाल्टी में डालने लगी,क्योकि लोगो के पैरो के नीचे आकर वो खराब हो रहे थे ,साथ ही दारू भी छलकाए जा रहे थे,जिससे नोट खराब होने लगे थे,
एक सज्जन ठरकी ने एक बड़ी ही नवजवान कमसिन सी लड़की को पकड़ रखा था अब वो उसे ही शराब से नहलाने लगे थे,और शराब उसके जिस्म से चाटते ...वो लड़की भी उनके साथ दे रही थी ,
शबनम मेरे दाहिने ओर खड़ी थी ,हम दोनो ही बहुत पास पास खड़े थे,किसी को भी हमारे ऊपर ध्यान ही नही था,सब खुद में ही इतने मस्त थे ,कही 4-4 लोग एक ही लड़की के जिस्म से खेल रहे थे तो किसी लड़की के पास कोई प्रेमी ही नही था ,वो नोटों को समेट रही थी तो कोई दारू लाकर उन्हें दे रही थी ,रंग चढ़ने लगा था ,लेकिन पार्टी तो अभी शुरू ही हुई थी ..
इन सब को देखकर मेरा भी लिंग जोर मारने लगा,और मेरा हाथ शबनम की मांसल पिछवाड़े में जा टिका…..वो मुझे देखकर मुस्कुराई और थोड़ी सी मेरी ओर खिसक गई ,अब हम दोनो एक दूसरे से बिल्कुल ही सटे हुए थे ,और मेरा हाथ उसके पिछवाड़े को दबा रहा था..उसने अपना सर भी मेरे कंधे पर रख दिया ..
हमारे कुछ ही दूर पर उस बेले डांसर को उन लोगो ने नंगा ही कर दिया था ,वो जमीन में लेटी हुई थी और 5-6 लोग उसे घेरे हुए थे,कोई उसके
ऊपर शराब डाल रहा था तो कोई पैसे ,कोई उसके शरीर से शराब को अपनी जीभ से चाट रहा था तो कोई अपने ग्लास से उसे शराब पिला रहा था,और उसके होठो से खुद पी रहा था,कोई उसके जांघो के बीच अपना मुह लगाए हुए थे तो किसी का हाथ और जीभ उसके बड़े बड़े वक्षो में फिर रहे थे...वो भी मतवाली हो गई थी ,इतने मर्दो का हाथ और शराब का नशा उसके अंदर भी मजा भर रहा था ,वो मचल रही थी लेकिन बड़े ही आहिस्ता आहिस्ता,
मैं उसे देखकर और भी उत्तेजित हो गया था,मेरा लिंग अपने पूरे तनाव में आ चुका था,
“सोचो अगर इस लड़की की जगह काजल होती तो “
शबनम ने मेरे कानो के पास आकर बड़े ही मादक ढंग से कहा ,काजल का नाम सुनकर ही मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा ,तभी एक लड़की जाम का प्याला एक ट्रे में लिए हमारे पास पहुची थी शायद इसे शबनम ने ही बुलाया था,मैं लगातार ही 4 पैक निगल गया,क्योकि मैं उस लड़की में काजल को देख रहा था..
मेरे दिल की धड़कने बड़ी हुई थी ,सांसे तेज थी और मैं जलन के साथ साथ उत्तेजना की तीव्र अनुभूति कर रहा था,और शबनम के पिछवाड़े को अपनी पूरी ताकत से मसल रहा था जिसके कारण वो भी जल्दी जल्दी सांसे ले रही थी ,गर्म तो वो भी हो चुकी थी ,मैंने उसे अपने हाथो से पकड़ कर अपने से और भी सटा लिया और उसके होठो में अपने होठो को दाल कर चूसने लगा..वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी ,
“देखो देव तुम्हारी बीबी को लोग कैसे मसल रहे है”
शबनम की आवाज बहुत ही धीरे हो गई थी और वो सिसकिया ले रही थी ,उसके आवाज में ही इतनी मादकता था की किसी का झड़ जाए ,मैंने उस लड़की को देखा लोग उसे मसलने में लगे हुए थे,उसका पूरा शरीर गीला होकर चमक रहा था,वो गीलापन या तो शराब की थी या लोगो के थूक की ,,लोग उसपर चढ़ने की कोसीसे कर रहे थे लेकिन एक लड़की के उनपर 5 लोग एक साथ तो नही चढ़ सकते ना ..सभी लोग धीरे धीरे अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए थे ,एक आदमी अपने पेंट से ही अपना लिंग निकाल कर उसके मुह पर ठिका दिया था जिसे वो जीभ से ही चाट रही थी ,
“देखो देव तुम्हारी बीवी कैसे उसका लंड चाट रही है ,थोड़ी देर में वो उसके मुह के अंदर होगा ..”
शबनम की इस बात से मेरे सामने काजल का चहरा उभर गया..
“ये भी शादी शुदा ही है तुम्हारी काजल की तरह देखो उसके माथे के बीच में हल्का सा लालपन दिख जाएगा जो उसके सिंदूर के कारण है,जिसे उसने अभी अभी धोया था,तुम्हारी काजल भी ऐसे ही सिंदूर को धोकर चुसेगी “
उसकी बात से मेरे अंदर जलन और उत्तेजना की चोट बड़े ही जोरो से पड़ी और मैं उसे और भी पागलो की तरह चूमने लगा ,मेरे दांत उसके होठो में गाड़ने लगे थे और उनसे खून भी आने लगा था,लेकिन उसे इन बातो से कोई फर्क नही पड़ रहा था क्योकि वो भी अत्यधिक उत्तेजना में थी ..
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08-30-2019, 12:46 PM,
#25
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
फिर से मेरी नजर उस लड़की की ओर गई ,उस शख्स का लिंग अब उसके मुह में था और वो उसे पूरे जोश में चूस रही थी वही उसके योनि में एक लिंग उसके अंदर घुसकर सवारी करने लगा था बाकी के लोग भी नंगे हो चुके थे और उसके जिस्म से खेल रहे थे…...अब पूरे कमरे में सिर्फ हम दोनो के ही जिस्म में कपड़ा बचा हुआ था ...मैने हाथो को पीछे ले जाकर शबनम के गाउन का चैन खोल दिया और उसके गाउन को उसके कंधों से नीचे तक सरका दिया उसकी तनी हुई ब्रा मेरे सामने आ गई थी जिसमे से उसके मादक भरे हुए चुचे झांकने लगे थे,मैं आने हाथो से उसे दबाने लगा,शबनम भी मेरे सर को पकड़े हुए अपने होठो में घुसा रही थी ,हम दोनो या तो एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे या फिर एक दूसरे के चहरे को गीला कर रहे थे,आग बढ़ने लगी थी ,हमारे अंदर भी और कमरे में मौजूद लोगो के अंदर भी ,लोग जिसे मन करे उसे पकड़ कर अपना लिंग उनके मुह में या योनि में डाल रहे थे,,एक दो लोगो ने तो लड़कियों के पिछवाड़े में भी लिंग घुसा रखा था,,फिर भी कुछ लडकिया ऐसी थी जो अब भी खाली थी और अपने बारी का इंतजार कर रही थी,दो बाल्टियों में पैसे बटोरे जा चुके थे,और सभी ओर बस हवस ही हवस दिखाई दे रही थी ,लड़कियों की चीखने की आवाज से लेकर हल्की हल्की सिसकियों तक ,और मर्दो के गरजने से लेकर फच फच की आवाजो से पूरा कमरा गूंजने लगा था,
मैं भी अपने पूरे शबाब में था एक तरफ काजल का चहरा मेरे दिमाग में घूम रहा था तो दूसरी तरफ शबनम का कोमल जिस्म मेरे हाथो में था,
शबनम भी मेरे कपड़ो को उतारने लगी थी ,और मैंने उसके गाउन को निकाल कर ही फेक दिया ,शबनम ने मुझे रोका और एक लड़की को इशारा किया ,दो लडकिया पास में सटे हुए कमरे में जाकर गड्ढे निकालने लगी,यंहा तो सभी लोग फर्श में ही शुरू हो गए थे,लेकिन इससे किसी को चोट भी आ सकती थी वो गड्ढे लगाने लगी,मैं फिर से शबनम को पकड़ने को हुआ लेकिन उसे मुझे झडक दिया ..
“पहले गड्ढे लगा देते है,”मेरा दिमाग तो खराब हुआ लेकिन मैं जल्दी से उस कमरे की ओर भगा ,लोग अपने काम क्रिया में व्यस्त थे हम उन्हें बिना डिस्टर्ब किये ही गड्ढे लगा देते और वो फिर उसने आ जाते,10 मिनट में ही सभी मोटे मोटे गद्दों के ऊपर थे सभी गड्ढे एक दूसरे से जुड़कर एक बड़ा सा एरिया तैयार कर दिया था,जंहा जो चाहे वो जिसे चाहे उसके ऊपर चढ़ रहा हटा,मैं भी शबनम को उस गड्ढे में पटक दिया ,हम और उसे चूमने लगा,गड्ढे निकालने वाली 2 लड़कियों ने भी हमे जॉइन कर लिया था,शायद उनसे भी सहन नही हो रहा था,एक मेरे लेट गई और मेरे पीठ को चूमने लगी , दूसरी मेरे बाजू में आ गई थी ..
शबनम मेरे नीचे थी और एक लड़की मेरे ऊपर ये मेरे लिए किसी जन्नत से कम नही था,मैंने जल्दी से ही शबनम के बाकी के कपड़े खोल दिए जबकि लडकिया मेरे कपड़े खोलने में लगी हुई थी ,अब हम दोनो भी नंगे थे …….
पूरे कमरे में किसी के भी जिस्म में कोई कपड़ा नही बचा था,आज मुझे समझ आया था की इसका महत्व क्या है,इसका महत्व था की हम सभी बिल्कुल ही आजाद महसूस कर रहे थे,और सेक्स से भरे हुए हमारे अंदर किसी भी सही गलत की भावना का जन्म नही हो रहा था,हम बस डूबने को आतुर थे,सभी के सभी ……
अब यंहा कोई कस्टमर या कोई काल गर्ल नही रह गई थी ,रह गए थे तो जिस्म ,,,महिला और पुरुषो के जिस्म जो की एक दूसरे में डूब जाने को आतुर थे…
सभी इडेन्टिफिकिशन खत्म हो चुके थे,सभी की आंखे भारी थी और बिना कुछ सोचे समझे बस जो मिला उसे फील कर रहे थे ,एक आदमी ने शबनम को अपनी ओर खिंच लिया और मैं धीरे से मेरे बाजू में सोई हुई लड़की के ऊपर चला गया ,मेरा लिंग शबनम के योनि में धसा लेकिन उसके चहरे के पास किसी दूसरे मर्द का चहरा था,वो उसके होठो में अपने होठो को भरे हुए सिसक रही थी जबकि मैं बाजू में सोई हुई लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ उसके होठो को चूम रहा था ,मैं शबनम के ऊपर तिरछा हो गया था,मेरे पैर कही और थे और मेरी कमर बस शबनम के ऊपर थी मैं उसे जोरो से धक्के मार रहा था जबकि मेरा पूरा धड़ उस लड़की के ऊपर था……
थोड़ी देर में ही हम खिसकते हुए एक दूसरे से चिपकने लगे थे,सभी मर्द और लडकिया एक दूसरे में गुथे जा रहे थे,ना जाने मेरे ऊपर कौन था ना जाने मेरे नीचे कौन था,ना जाने मेरा लिंग किसके योनि में या मुह में जा रहा था,ना जाने मेरा मुह किसके मुह और योनि में जा रहा था,समझ कुछ भी नही आ रहा था,पूरे 20 कस्टमर ,15 लडकिया ,मैं और शबनम सभी एक साथ हो चुके थे और एक दूसरे के ऊपर थे ,मुह जंहा जाने लगता चाटने लगते और लिंग जंहा घुस जाता हिलाने लगते,वही हाल सबका था वही हाल मेरा था,वही हाल लड़कियों का भी था…………
ये खेल कब तक चला मुझे पता नही लेकिन आखिरी हालत बेहोशी ही थी ……..

जब मेरी आंखे खुली तो कुछ आवाजे मुझे सुनाई दे रही थी ,किसी की सिसकियों की ,मैं उठा कुछ लोग उठ चुके थे और अपना नया कारनामा शुरू कर दिया था,कुछ लोग अभी भी बेसुध ही पड़े थे,,,
आज एक लड़की ने मुझे बहुत आकर्षित किया था वो थी पोलो डांस करने वाली लड़की,मैंने देखा की उसने सिर्फ मुझे ही नही बाकियों को भी आकर्षित किया था,क्योकि अभी भी कुछ लोग उसे कुतिया बनाये हुए उसके पीछे से उसे पेल रहे थे और एक शख्स उसके मुह में पेले जा रहा था,बाकी लोग अपनी बारी के इंतजार में थे…...मुझे फिर के काजल की याद आ गई ,अगर वो यंहा होती तो शायद सभी लोग उसके पीछे ही दीवाने हो जाते,उन सभी लोगो में मैंने एक को पहचान लिया ,ये गुलाबचंद था,हमारा पहला कस्टमर..उसकी भी नजर मुझसे मिली वो अभी उसके मुख का चोदन कर रहा था...उसने एक बड़ी सी मुस्कान मुझे दी ,मैं भी बदले में मुस्कुराया..
शबनम कही दिखाई नही दे रही थी ,मैं फ्रेश होने के लिए एक पैक लगा कर ऊपर वाले कमरे में आ गया,,,बिस्तर में शबनम पसरी हुई थी और उसने कपड़े भी पहने हुए थे,घड़ी देखा तो अभी 2 ही बजे थे मतलब की ये रात भर चलने वाला था,मैं उसके ही बाजू में आकर सो गया,लेकिन नीद ना जाने कहा जा चुकी थी मेरे दिमाग में बस उस औरत की तस्वीर ही घूमे जा रही थी,मैं बेचैन होकर फिर से नीचे चला गया,अभी तक लोग थककर उसे छोड़ चुके थे ,वो मुझे देखते ही मेरे पास आ गई ,
“विकास जी ये लोग फिर के उठ गए तो फिर के मेरे पीछे लग जाएंगे,प्लीज् किसी सेफ जगह पर ले जाइये ,मैं बहुत ही थक चुकी हु”
पहले तो मैं उसके मुह से अपना नाम सुनकर ही दंग रह गया,फिर मुझे याद आया की मैं होटल का मैनेजर हु,और ये पार्टी मैंने ही ऑर्गेनाइज की है,उसे मेरा नाम पता हो तो कोई भी आश्चर्य की बात नही थी,मैंने उसे अपने साथ चलने को कहा,मैं अब अपने पुराने ड्रेश में था और वो पूरी तरह के निर्वस्त्र…
उसने एक सिगरेट का पैकेट उठाया और मेरे साथ ही ऐसे ही चल पड़ी,उसका चहरा बता रहा था की वो बहुत ही थकी हुई है,मैन एक विस्की की बोलत भी अपने साथ रख ली...मैं इस फार्महाउस में कई बार आ चुका था और यंहा के बारे में सब पता था,मैं उसे सबकी नजर से बचाकर ऊपर ले गया,लेकिन उस कमरे में नही जंहा शबनम सोई हुई थी..ये कमरा अधिकतर कपूर साहब अपने खास गेस्ट के लिए यूज़ करते थे,कमरा शानदार था,मैंने उसे बैठा कर उसके लिए एक टेबल लाया ,वो मुझे आश्चर्य से देखने लगी जैसे पूछ रही हो की इसका मैं क्या करू…मैंने उसे याद दिलाया की उसने कोई भी कपड़ा नही पहना हुआ है...वो मुस्कुराने लगी ..
“अब किससे क्या छुपाऊ “वो खिलखिलाकर हँसी मैं भी मुस्कुरा दिया लेकिन उसने मेरा मान रखने के लिए ही सही उसे लपेट लिया था,मैं उसके लिए और अपने लिए ड्रिंक्स बनाकर ले आया ,
“तुम्हे पहले होटल में नही देखा है,,,”
“हा ये काम मैं पार्ट टाइम में करती हु,कभी कभी जब पैसे की जरूरत हो ,या मस्ती का मूड बन जाए “उसने थोड़े मादक अंदाज में कहा ..
“ओह तो आज इनमें से क्या था”मैं भी उससे खुलना चाहता था क्योकि पसंद तो वो मुझे भी बहुत ही आयी थी..
“ह्म्म्म दोनो ही ..असल में जब शबनम ने मुझे प्लान के बारे में बताया था तो मुझे लगा की अच्छे पैसे भी मिल जाएंगे और मजा भी आएगा,लेकिन मुझे क्या पता था की सभी लोग मुझपर ही टूट पड़ेंगे “
वो फिर से खिलखिलाने लगी...किसी प्रोफेशनल प्रॉस्टिट्यूट के साथ ये मेरा पहला मौका था,ऐसे शबनम और काजल भी ये किया करते थे लेकिन वो बहुत ही अलग थे ,
“ऐसे आपका नाम मैं नही पूछ पाया “मैंने हल्के से कहा
“मोहनी “वो धीरे से बोली और मुस्कुराई
“ओह सच में अपने सबका दिल ही मोह लिया था,और ऐसे आप काम क्या करती है,फूल टाइम “
उसने मुस्कुराते हुए मुझे देखा,
“लगता है मैं आपको बहुत ही पसंद आ गई ,”वो खिलखिलाई जिससे मैं थोड़ा सा झेप गया जैसे किसी ने मेरी चोरी ही पकड़ ली हो ….
“मेरे फूल टाइम काम के बारे में ना ही जाने तो बेहतर है ..शायद आप यकीन ना करे “
“आप बताइये तो सही “
मैंने थोड़ा फोर्स किया
“अब रहने भी दीजिये ,मैं बहुत थक गई हु ,एक पैक और मिलेगा मुझे सोना है “
“क्यो नही “
मैंने हम दोनो के लिए नया पैक बनाया और पीकर वँहा से निकल गया ,मैं फिर से शबनम वाले कमरे में आकर सो गया ,इस बार शराब ने थोड़ा असर दिखाया और मेरी नींद लग गई …….
“भइया आप बहुत ही गंदे हो कोई काम समय पर नही करते “
मेरे घर आते ही पूर्वी मुझपर भड़क उठी,
“क्या हुआ मेरी जान “
अभी शाम होने को आया था और मेरी नींद दोपहर में खुली जब तक की सभी मेहमान और लडकिया जा चुकी थी ,शबनम भी मेरे लिए एक लेटर छोड़कर जा चुकी थी जिसमे लिखा था की होटल मत आना,यंहा की साफ सफाई करवा कर घर चले जाना ,मैं बाकी के समय साफ सफाई करवाने में ही निकाल दिया था ,पूरे हाथ पैरो में हैंगओवर वाला दर्द भरा हुआ था ,लेकिन जैसे तैसे मैं सभी काम निपटा कर घर आया ,और पूर्वी मेरे ऊपर चिल्ला पड़ी ..
“क्या हुआ आज मेरे कालेज जाना था आपको और आप इस समय आ रहे हो “
वो मुझे घूरने लगी जैसे की मैंने बहुत बड़ा पाप कर दिया हो ..
मैं तो भूल ही गया था …
“ओह तो निशा के साथ चली जाती “
“भइया हमारे प्रोफेसर ने हमारे पेरेंट्स को बुलाया है ,प्रोफेसर सभी के पेरेंट्स से मिल रही है ..”
“ओके ओके कल चले जाएंगे “
“हमम कल तो जाना ही है और अगर आपका कोई काम निकल आया ना तो मैं बताऊंगी आपको “
पूर्वी ने मुझे धमकाते हुए कहा जिससे मुझे थोड़ी सी हँसी आ गई …….
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08-30-2019, 12:46 PM,
#26
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
जब मेरी आंखे खुली तो मैंने चारो ओर अंधेरा पाया,ऐसा लग रहा था जैसे मैं घण्टो से बेहोश था,मैंने याद करने की कोशिस की मैं कहा हु ,मुझे याद आया मैं अपनी बहनों के साथ उनके कॉलेज गया हुआ था,मैं पूर्वी और निशि के प्रोफेसर्स से मिला और उनके बारे में उनसे बात की ,कॉलेज में ही मुझे मोहनी मिली,मोहनी वही फार्महाउस वाली बेले डांसर जिसपर मैं फिदा हो गया था,उसने बताया की उसके भाई के प्रोफेसर ने उसे मिलने बुलाया था,कैसा अजीब सा संयोग था की मैं भी अपनी बहनों के लिए यंहा आया था,हालांकि मुझे उसका भाई साथ दिखाई नही दिया,उसने कहा की वो क्लास में चला गया है,जैसे मेरी बहने अपनी क्लास में जा चुकी थी…….
या शायद वो मुझसे अपनी इडेन्टिटी छुपा रही थी ,उसका काम ही कुछ ऐसा था…….
मैंने उसे कही ड्राप करने की बात कही और वो मान भी गई ,मैं कार में बैठा था और मोहनी मेरे बाजू में ,वो कमाल की लग रही थी ,उसका खिला हुआ चहरा और कसाव लिए हुए उसका बदन...बड़ा ही मादक अंदाज था उसका लेकिन आज वो पूरी तरह से ढकी हुई एक संस्कारी महिला की तरह दिख रही थी,साड़ी से झांकता हुआ यौवन मुझे लुभा रहा था ,मांग में मोटा सा सिंदूर और गले में लटकता हुआ मंगलसूत्र उसके शादी शुदा होने की गवाही चीख चीख कर दे रहा था…..
मैं कार स्टार्ट ही करने वाला था की रश्मि का फोन आ गया,मैं नीचे उतारकर बात करने लगा,वो थोड़ी भड़की हुई थी ,मैं अभी तक होटल नही पहुचा था और 1 की बजाय 2 दिन से गायब था…..उसने मुझे जल्दी से होटल पहुचने को कहा…
हम कालेज का केम्पस क्रॉस करके सुनसान इलाके से गुजर रहे थे तभी किसी ने मुझे पीछे से जोरो से पकड़ लिया ,मैं थोड़ा छटपटाया भी था लेकिन उसने मेरे नाक को एक रुमाल से दबा दिया था……..
मैं अभी अभी होश में आया हुआ बिते हुए समय को याद कर रहा था,मैं उठने को हुआ तो मुझे पता चला की ना सिर्फ मेरी आंखों में पट्टी बांधी गई है बल्कि मेरे हाथ भी बंधे है,,मैं जमीन में बैठा हुआ था...कितने समय से ,,ये तो मुझे भी नही पता ………………..
मुझे किसी के फुसफुसाने की आवाज सुनाई दी ,कुछ जूतों की आहट..
अचानक ही मेरी आंखों में बंधा हुआ पर्दा खिंच लिया गया ,और अब कमरे में मद्धम रौशनी सी फैल गई …..
मैं कुछ समझ पता इससे पहले ही ,एक हट्टे कट्टे से इंसान ने मेरे पेट में एक लात मारा जिससे मैं कहर गया ..
“काजल कहा है “
उसकी रौबदार आवाज मेरे कानो में पड़ी ..
काजल??????मैं उसे रविवार की सुबह से नही देखा था,मैं अपने काम में (पार्टी में ) इतना व्यस्त हो गया था की मुझे याद भी नही रहा ,और फिर थकान ने कुछ सोचने का मौका नही दिया था….
“मुझे मुझे नही पता “मेरे पेट में लगे लात का दर्द अब भी बाकी था ..
“हम्म “उसने वँहा उपस्थित और लोगो को देखा,मैं उन्हें डरा हुआ देख रहा था ,वो साले सांडों की औलाद लग रहे थे,5 की संख्या में थे ,उनमे से एक शख्स मेरे पास आया और फिर से मुझे एक लात लगा दिए ..
“क्या प्लान कर रही है काजल “
वो मुझे घूरता हुआ बोला…
मैने अनजान बनने और आश्चर्य से भरे होने का नाटक किया ,
उसने एक जोरो का थप्पड़ मेरे गाल पर मारा
“मादरचोद बताता है की नही ,खान साहब को सब पता चल गया है की तू और काजल पति पत्नी हो ..अब चुपचाप बता दे की काजल क्या प्लान कर रही है खान साहब से उसकी दौलत हड़पने के लिए “
मैं आंखे फाडे उन्हें देखता रहा,शायद ये लोग मुझे चुतिया समझ रहे थे लेकिन ऐसा था नही ,अगर खान को पता चलता तो वो मुझे नही काजल को उठवाता ..
“मुझे कुछ भी नही पता आप लोग ये क्या बात कर रहे हो ,हा मैं मानता हु की हम शादी शुदा है लेकिन ..”फिर से थप्पड़ मेरे गालो पर पड़ा ..
“हमे चुतिया समझता है ..ऐसे नही मानेगा ये इसकी बहनों को ;लाओ,साले के सामने जब हम इसकी बहनों से सुहागरात मनाएंगे तो सब बकेगा अपने आप “
मैं पूरी तरह के कांप गया ,जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ गई ,लगा मानो कोई हाई पवार का करेंट लग गया हो ..
“नही नही आप क्या जानना चाहते है ,मेरी बहनों को इसके बीच में मत लाइये प्लीज् …”
उनके चहरे में के विजयी मुस्कान फैल गई
“तो बताओ अजीम को अंदर किसने करवाया और काजल के आगे का प्लान क्या है “
मुझे अब भी लग रहा था की ये खान के आदमी नही हो सकते
“मुझे नही पता सच में मुझे नही पता,मुझे तो ये भी नही पता की काजल कुछ प्लान कर रही है,वो बहुत ही सीधी साधी और संस्कारी लड़की है प्लीज् आप लोगो से कुछ गलतफहमी हुई है “
मेरी बात से सभी जोरो से हँसने लगे
“संस्कारी ..हा हा हा “
उसने अपने सड़े हुए दांत दिखाए
“अगर आपको जानना ही था तो खान साहब सीधे काजल से क्यो नही पूछ लेते “मैं जानता था की खान काजल के पीछे पागल है ,और ये उसके लोग नही हो सकते
“तुझे अब भी लगता है की हम खान के आदमी नही है “उसमे से एक शख्स ने मुझे पैनी निगाहों से देखा जैसे मेरा दिमाग पढ़ रहा हो ..
“काजल मिल जाती तो उसे ही उठा लेते,लेकिन वो खुद ही रविवार से गायब है…”
उसकी इस बार ने फिर से मेरे शरीर पर करेंट दौड़ा दिया ,मैं बुरी तरह से चौक गया,ये चौकना असली था,
“उसका फोन भी स्विचऑफ आ रहा है ,वो तो बेटा तुझे फंसा कर निकल गई ,पता नही क्या क्या कारनामे किये है उसने अब तुझे ही सब भुगतना पड़ेगा ...जो जानता है बता दे ,वरना तेरी बहनों को नंगा करने में हमे ज्यादा समय नही लगेगा “वो लोग फिर के कमीनो की तरह हँसने लगे ,मैं बुरी तरह से डर गया था …..
“नही नही मैं सच कह रहा हु मुझे कुछ नही पता ..मेरी बहनों को बीच में मत लाओ प्लीज् …”
मैं रोने लगा,यंहा क्या हो रहा था मैं इसका अंदाज भी नही लगा पा रहा था ,मैं फुट फुट कर रो रहा था …..
उनलोगों को भी शायद लगा की मैं सच कह रहा हु ,उनमे से एक ने अपना मोबाइल निकाला और किसी को काल किया .
“मेडम ये तो कह रहा है की इसे कुछ भी नही पता…..हा हा वो भी कहा ना ,ओके ओके ठीक है मेडम “वो काल डिस्कनेक्ट करके फिर इस मेरी ओर हुआ ..
“तुझसे अब मेडम ही बात करेंगी “
वो सभी वँहा से चले गए …..
मेडम ??? आखिर कौन थी ये मेडम ..कही रश्मि को तो काजल के प्लान का शक तो नही हो गया,असल में उसे तो यकीन ही था की काजल कुछ गुल खिला रही है ,तो रश्मि ने मुझे किडनैप करवाया है????????
या खान ने ???
काजल कहा है ,इतने दिनों तक तो वो कभी बाहर नही रहती फिर आखिर क्या बात हो गई ???
मेरा जेहन बुरी तरह से छटपटा रहा था,मेरे होठो से खून की एक हल्की सी धार बह रही थी ..
और सबसे ज्यादा परेशान मैं ये सोच कर हो रहा था की आखिर मेरी बहने है कहा ???
थोड़ी देर में ही कमरे का दरवाजा फिर से खुला ,किसी के पायलों की आवज मेरे कानो में आयी ,मैं सर उठाकर उसे देखने लगा,वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मैं आश्चर्य से भर गया था ..
“मोहनी तुम ……..”
वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आयी और अपने को झुका लिया ..
“ओहो देखो तो कितना मार दिया इन जालिमो ने ..”
वो मेरे होठो से बहते हुए खून को अपने उंगलियों से फिराकर उसे अपने होठो में डाल लेती है ,
“ह्म्म्म तुम बता क्यो नही देते जो तुम्हे पता है “उसने फिर से प्यार से कहा
“सच में मुझे कुछ नही पता ,मुझे जाने दो ,और मेरी बहने “
वो हल्के से मुस्कुराई
“बहुत प्यार करते हो अपनी बहनों से …...लेकिन अफसोस ...तुम्हारी बीवी ने ही तुम लोगो को धोखा दे दिया ,जब उसे अहसास हुआ की वो फसने वाली है तो तुम्हे छोड़कर गायब हो गई ..ओहो मेरे देव तुम सच में कितने शरीफ हो “
उसने अपने होठो को मेरे होठो के पास लाया और उससे निकलते हुए खून को अपने होठो से चूम लिया ,मुझे एक हल्का सा दर्द हुआ ..
“मुझे कुछ पता होता तो मैं अब तक बता चुका होता,...आखिर हो कौन तुम और मुझसे क्या जानना चाहती हो ,सच में मुझे कुछ भी नही पता और तुम भी तो थी ना पार्टी में मैं तो वही था रविवार से ..मैंने तबसे ना ही काजल को देखा है ना ही उससे बात की है “मैं फिर से रोने लगा,..असल में मैं एक्टिंग करने की कोशिस कर रहा था क्योकि मुझे काजल से कही ज्यादा अपनी बहनों की फिक्र थी,..........
“तुम्हारी बहने सलामत है लेकिन तब तक जब तक की हम चाहे..तुम और तुम्हारी दोनो बहने हमारे रेडार में हमेशा रहोगे ..याद रखना जैसा मैं बोलू तुम्हे वैसा ही करना होगा ..”
मैं फिर से आश्चर्य से उसे देखने लगा ,वो मुझसे क्या करवाना चाहती थी ..
“तुम किसके लिए काम करती हो ,कौन हो तुम मुझसे क्या चाहती हो “
मैं थोड़ा बौखलाया
“तुमसे क्या चाहती हु वो तो पता चल ही जाएगा ..और मैं खान साहब के लिए काम करती हु ,उन्हें तुम्हारे और काजल के रिलेशन के बारे में पता चल गया और तबसे ही उन्होंने तुमपर नजर रखने के लिए मुझे भेज दिया ..”वो मुस्कुराने लगी
“इससे पहले की काजल उनके गिरफ्त में आती वो गायब ही हो गई ,,,”
अब उसकी बात मुझे भी सच लगने लगी थी ,,,
“और रही बात की मैं कौन हु ,मैंने कहा था ना तुमसे की जब मेरे जॉब के बारे में पता चलेगा तो तुम यकीन ही नही कर पाओगे ….”
वो फिर से मुस्कुराई ..
“मैं अजीब की दूसरी रखैल हु ,...”
वो एक अजीब तरीके से मुस्कुराई
“पहली तो भाग गई “...उसका इशारा कहा था मुझे पता चल चुका था ,और उसकी बात से मेरे पूरे शरीर में एक करेंट दौड़ गया……….

मन में दहसत और एक उलझन के साथ मैं होश में आया ,और आते ही ज्यादा आश्चर्य में पड़ गया,मैं इस समय एक लक्जरी कमरे में था...इस कमरे को अच्छे से पहचानता था...मेरे ही होटल का एक लक्जरी कमरा था ये ,मैं बड़े ही आश्चर्य से इधर उधर देखने लगा,मुझे लगा जैसे मैं किसी सपने से जगा हु…..
पूरा दिन मेरे आंखों के सामने फिर से बड़ी ही तेजी से घूम गया था,मैंने अपनी घड़ी देखी,अभी 3 बज रहे थे…
मैं बहनों को कॉलेज छोड़कर 11 बजे के करीब कॉलेज से बाहर आया था...मेरे माथे में अब भी पसीना था ,चोटों का दर्द अब भी कायम था,मतलब साफ था की ये सपना तो नही था……….
लेकिन मैं यंहा कैसे पहुचा,ये लोग इतने ताकतवर है की उन्होंने मुझे बिना किसी की नजर में आये यंहा तक छोड़ दिया जबकि मैं बेहोश था……..
कई सवाल मेरे दिमाग में आ रहे थे लेकिन ये समय सवालों में पड़ने का नही था,मैंने तुरंत ही अपना मोबाइल निकाला और काजल को काल किया ,मैं बेपनाह रूप से परेशान हो चुका था क्योकि अभी भी काजल का नंबर स्विचऑफ बतला रहा था ,ये स्तिथि मेरे लिए और भी ज्यादा परेशान करने वाली थी,मैंने खुद को थोड़ा रिलेक्स किया और कमरे से बाहर आया ,मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी था अपनी बहनों की हिफाजत..
क्योकि मेरे दिमाग में मोहनी के वो आखरी शब्द गूंज रहे थे जिसके बाद मुझे बेहोश कर दिया गया,
“हमारी नजर तुम्हारे और तुम्हारी बहनों के ऊपर 24 घण्टे रहेगी..अगर हमे तुम्हारे किसी भी हरकत पर शक हुआ तो समझो ………”
मैं इतना सुनकर ही बेहोश हो गया था….
मुझे उसकी वो बाते अभी भी याद थी और जब तक की मैं काजल से बात नही कर लू आगे का निर्णय लेना मेरे लिए खतरनाक होने वाला था …….
मैं सीधे ही होटल के रिसेप्शन में पहुचा ,मुझे देखते ही रिसेप्शनिस्ट बोल पड़ी ..
“सर रश्मि मेडम ने आपको बुलाया है”
मैं चौका ...रश्मि ने मुझे सुबह ही जल्दी आने को कहा था,हे भगवान वो मेरे ऊपर चढ़ जाएगी ..मैं डरा हुआ सा भागता हुआ उसके केबिन में पहुचा ..
मुझे अब भी समझ नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दूंगा …
“मे आई कमिंग “
मुझे देखते ही उसके चहरे का भाव बदला ,गुस्सा करने की जगह वो मुस्कुराई ..
“आइये जनाब,लगता है रविवार का बुखार अभी तक नही उतरा है,तुमने तो यार हद ही कर दी “
“सॉरी वो कुछ ऐसे काम आ गए की मैं….”
“कोई बात नही जो तुमने अरेंजमेंट किया था उससे हमारे होटल को बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ ,तो मैं तुम्हारी ये गलती माफ करती हु लेकिन पहली और आखरी बार ओके..यार अगर नही आ पाते तो कम से कम बता दिया करो ,यंहा भी कई काम होते है”
मैंने हा में सर हिलाया
“और ये चहरा इतना थका हुआ क्यो लग रहा है,और ये खून “
ओह यार ,मैंने चहरा धोया था लेकिन खून का रिसाव फिर से चालू हो गया था,असल में उन पहलवानों ने जो मेरी धुलाई की थी उसके कारण मेरे चहरे से खून निकलना शुरू हो गया था,वक्त ने इसे बंद तो कर दिया था लेकिन हल्का रिसाव और निशान अभी भी बाकी थे…
“वो कुछ नही ऐसे ही मजाक मजाक में बहन से लग गया “
“ओहो लगता है बहन भाई में बहुत ही प्यार है ..क्यो “
उसके चहरे में मुसकान आ गई लेकिन मैं कुछ भी नही बोला ..
“असल में मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी देव “
मैं फिर से उसे देखने लगा ,अब ये इतनी सीरियस क्यो दिखाई दे रही थी ..
“मैंने तुम्हारे बातो पर बहुत गौर किया …...और मुझे लगा की मुझे भी खान साहब को वो देना चाहिए जो की काजल उसे दे रही है”
उसकी बात सुनकर मेरा दिल एक बारकी धक से हुआ ,
“क्या ??? यानी क्या देना चाहती हो तुम उसे “
मैं पूरी तरह से अनजान बनते हुए उससे कहा
उसके चहरे में बस एक मुस्कान आ गई ………….
Reply
08-30-2019, 12:47 PM,
#27
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
ज्वालामुखी का लावा जब फुट कर बाहर निकलता है ,तो वातावरण के ठंड से जम कर बेसाल्ट चट्टान बनाता है,वही अगर वो अंदर ही किसी कारण से जम जाय तो वो ग्रेनाइड चट्टान बनाता है…
ये मैं क्यो बोल रहा हु ,क्योकि मेरी हालत एक ज्वालामुखी की तरह हो गई थी ,जिसमे दर्द का लावा भरा हो ,बेवफाई के दर्द का, लेकिन मैं ना ही अंदर ज पा रहा था ना बाहर ही निकल रहा था…..
कितनी अजीब सी बात है की प्रकृति अपने को कभी नही दोहराती लेकिन फिर भी हर चीज का मूल स्रोत एक ही है …
मसलन 1000 मिलियन वर्ष पहले तक पृथ्वी सिर्फ और सिर्फ गर्म गैस ही थी ,जो जम कर लावा का रूप ले रही थी ,फिर लगभग 500 मिलियन वर्षों पूर्व के मध्य ये जमने लगी और पहली सतह का निर्माण करीब 235 मिलियन वर्ष पूर्व हुआ ,जो की आपस में जुड़ा हुआ था….
अब चाहे सोना हो या कोयला या हीरा या पीतल या संगमरमर या नीलम या तांबा या लोहा सभी एक ही लावा से बने हुए है..लेकिन परिस्थितियों के कारण ,दबाव ,और वातावरण के कारण सभी अलग अलग प्रतीत होते है...अगर फिजिक्स की भाषा में बोले तो और भी सूक्ष्म तहो में जा सकते है जंहा पूरे ब्रम्हांड में सिर्फ और सिर्फ ऊर्जा है और कुछ भी नही है ,बस परमाणु है जो की न्यूट्रॉन प्रोटॉन और इलेक्ट्रान से मिलकर बने हुए है जो की ऊर्जा के कण है….
फिर भी इतने विभेद देखने को मिलते है,सबकुछ ऊर्जा का ही परिवर्तित रूप है उसके अलावा कुछ भी नही ….
मैं भी परिस्थितियों का मारा था,एक तरफ मेरी खुद की बीवी थी जिससे मैं इतना प्यार करता था लेकिन आज की परिस्थिति में मेरे मन में उसके लिए शंका थी,वही मुझे अपनी बहनों के भविष्य की फिक्र थी,मेरी जान और मेरे पूरे परिवार का भविष्य ही खतरे में था …..
मैं बुरी तरह से झल्ला सा गया था और शाम होते ही मैं घर को चला गया ,
मैं सीधे अपने कमरे में गया और वँहा जाते ही मेरी आंखों में एक चमक आ गई ………
वो काजल थी ,मेरी काजल ,थककर ऐसे सोई हुई थी जैसे की कोई बच्चा सोता है…
मेरी निराश जीवन की एक आशा थी काजल,उसे देखकर मुझे बेहद प्यार और शुकुन का अहसास हुआ ,मैं जैसे डूब ही गया ,मैं जाकर उससे लिपट गया,वो बेफिक्री से बस थोड़ी कसमसाई लेकिन उसकी नींद गाढ़ी थी..
मैं उसके शरीर की गर्मी को खुद को डुबोने लगा,मैं उससे ऐसे सट जाना चाहता था जैसे की हम दोनो दो नही एक ही हो …
मेरी ताकत बढ़ते ही उसे मेरे होने का अहसास हो गया,
वो पलटी और मेरे सीने में सर रखकर सोने लगी वो जागने के मूड में तो बिल्कुल भी नही थी …लेकिन मुझे कसकर जकड़े हुए जरूर थी …
मैं अपने ही सोच में पड़ गया था ,जिसके कारण मैं सुबह से परेशान था वो खुद कितने बेफिक्री से सो रहा था,
उसे जैसे इन सबकी खबर ही नही थी ,सभी को लग रहा था की वो भाग गई है और ये रानी साहिबा यंहा आराम फरमा रही है ……….
मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई और मैं फिर इस उसके माथे को चूमा मुझे कम से कम इतनी तो तसल्ली हुई की वो मेरे पास है मेरे साथ है ….
जिक्र नही किया था कभी मैंने,अपनी मोहोब्बत का वो पगला सीने में जो सर रखा मेरा हो गया,बस यही मेरे साथ भी हो रहा था,ऐसा लगा जैसे वो मेरी हो गई हो ,अचानक से ही सही लेकिन बस मेरी हो ,बेमतलब सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,तमन्नाओ सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,मुस्किलो सी ही सही लेकिन बस मेरी हो ,परेशानियों सी ही सही लेकिन बस मेरी हो….,डूबे हुए मन में कश्तियों सी वो आयी थी,और बुझे हुए दिल में चिमनियों सी जल गई ….
मैंने फिर इस उसके माथे को चूमा ,इसबार उसके होठो पर भी एक मुस्कान आ गई वो हल्के से उठी उसके होठ मेरे होठो के पास ही थे और हमारी सांसे एक दूजे के होने का अहसास दिला रही थी ,उसके गुलाबी होठो से आने वाली खुसबू से मैं भी खुद को बचा नही पाया और उसके नरम होठो पर अपने जलते हुए होठो को हल्के से सहला दिया ,उसकी मुस्कान फिर से गाढ़ी हो गई थी ,,,
“क्या हुआ आज बड़े उतावले हो रहे हो “
“आज लगा था की मैंने तुम्हे खो ही दिया है…”
मैं हल्के से ही कह पाया जबकि मेरे होठ उसके होठो को बस छू रहे थे,उसके आंखों से नींद जैसे गायब हो गई थी ,मैंने अपने हाथो से उसके कमर को पकड़ रखा था वही उसने अपने बांहो को मेरे सीने से जकड़ा था,
उसके आंखों में एक आश्चर्य झूलने लगा..
“क्या हुआ आपको ये क्या बोल रहे हो,मैं कहा जाऊंगी आपको छोड़कर “
वो सच में बहुत ही आश्चर्य में थी …..जबकि मेरी भी हालत उससे जुदा नही थी ,मैं भी तो अपने अजीब से कसमकस में डूबा हुआ था ….
“तुम्हारा मोबाइल स्विचऑफ है “
वो हल्के से मुस्कुराई ..
“अच्छा तो इतनी सी बात पर ऐसे फिक्रमंद हो गए आप “
वो थोड़ी सी हँसी ..
“ओह नही जान ...लेकिन आज …..”
मैंने उसे पूरी घटना बता दिया ..
“हम्म मोहनी ...मैंने नही सोचा था की मोहनी इसमें शामिल हो जाएगी ,हा रश्मि ऐसा कुछ करेगी ये मुझे लगा था ..”
इसका मतलब था की वो मोहनी को जानती है,और रश्मि ऐसा क्यो करेगी ,मैं फिर से आश्चर्य से भर गया..
“असल में ये हमारे ही खेल का परिणाम है “
“लेकिन मोहनी ने तो कहा था की वो खान के लिए काम करती है “
“उसने गलत नही कहा था “
काजल ने बोलना शुरू रखा
“वो भटनागर साहब के साथ काम करती है “
मैं भटनागर को जानता था ,असल में वो एक चार्टर अकाउंटेंट है जो की खान और कपूर दोनो के लिए काम करता है ,मतलब ये हुआ की मोहनी भी दोनो के लिए ही काम करती है ..
“लेकिन इससे हमे कैसे पता लगेगा की ये काम खान ने किया या रश्मि ने और उन्होंने ये क्यो कहा की काजल ने तुम्हे धोखा दिया है ...और बार बार तुम्हारे प्लान के बारे में पूछना “
काजल थोड़ी सीरियस हो गई
“असल में इस बात को लेकर तो मैं भी कंफ्यूज होई रही हु,क्योकि शक तो दोनो को ही मुझपर है ,और रश्मि में ना जाने खान के कानो में क्या भरा हुआ है ,वो अब मुझे अपने से दूर ही रख रहा है,मैंने इतनी मेहनत की है यंहा तक पहुचने के लिए अब इसे खराब होने नही दे सकते…..और भगवान का शुक्र है की मैंने आपको सब कुछ पहले ही बता दिया वरना आप के लिए ये और भी शॉकिंग होता और असल में होना भी चाहिए ….”
उसके चहरे में एक चमक आ गई ...\
“हा सही है देव ये शॉकिंग ही होना चाहिए तुम्हारे लिए की कोई तुम्हारी बीवी के बारे में पूछे क्योकि तुम्हे तो ये कुछ भी नही पता “
मैं उसकी बात को समझ रहा था लेकिन फिर भी मेरे दिमाग में और भी कई प्रश्न थे ..
“लेकिन तुम्हारा मोबाइल और खान साहब को हमारे रिश्ते के बारे में पता होना ?????”
उसके चहरे में एक मुस्कान आ गई
“उन सब बातो से कुछ नही होता,ऐसे भी रश्मि को तो पहले से ही पता है ,जैसा की मैंने तुम्हे बताया था की अजीम और रश्मि दोनो ही हमारे रिश्तों के बारे में जानते है ,और उन्हें अपने काम से मतलब है ,हो सकता है की रश्मि ने ही खान को बताया हो...और वो ये जांचने के लिए की तुम्हे कुछ पता है की नही तुम्हे किडनैप करवा लिया हो ..मेरे मोबाइल के स्विचऑफ होने का भी उन्होंने बहुत फायदा उठाया है तुम्हे डराने के लिए सोचा होगा की तुम डरकर सब बोल दोगे .हमे बस उनके सामने यही नाटक करना है की हम नही पता की उन्हें सब कुछ पता है ...उन्हें समझने दो की हम मोहरे है ,और हम अपना खेल उन्हें मोहरा बना कर खेलेंगे...तुम कल होटल में इतना दुखी दिखना जैसे की कोई मर गया हो ...उन्हें भी तो लगना चाहिए की तुम एक सीधे साधे से इंसान हो जिसकी बीवी कमीनी है ,और हम दोनो के बीच में कुछ भी सही नही है ...तुम मुझे पूछना चाहते हो लेकिन मैं तुमसे झगड़ा कर लेती हु ,तुम अपनी बहनों की वजह से मुझसे ज्यादा बहस नही करते और मैं तुम्हे दबा कर रखती हु ….”
वो मुस्कुराने लगी ..
“तुम तो मुझे एक्टिंग सीखा के ही रहोगी “
मैं हल्के से हंसा ,उसने अपने बांहो का हार मेरे गले में डाल दिया ..
“मेरी जान अब तुम उनके यूज़ करने के लायक हो गए हो,हमारे दुश्मन मुझे हराने के लिए तुम्हे यूज़ करेंगे…”
वो थोड़ी देर चुप रही और फिर थोड़ी सीरियस सी बोलने लगी
“अब तुम्हे मुझसे नफरत करनी होगी देव ,सबके सामने मुझसे बहुत ही नफरत करनी होगी ताकि उन्हें यकीन हो जाए की तुम उनके जाल में पूरी तरह से फंस चुके हो ...शायद तुम्हारे लिए ये मुश्किल हो ,क्योकि तुमने मुझे हमेशा ही इतना प्यार किया है ,मेरी गलतियों के बावजूद मुझे इतना चाहा है “
काजल की आंखों में पानी की बूंदे आ गई थी ,ना जाने मैं इस मुखड़े को और इस रूह को कैसे नफरत कर पाऊंगा ..
मैं कैसे इस मखमली देह को नफरत कर पाऊंगा ,मैं कैसे उसके प्यार से भरे हुए मन को नफरत कर पाऊंगा …
मैं उसके होठो को अपनी ओर खिंच कर उसे चूमने लगा ,मेरे होठ उसके होठो में डूबने लगे ..
जब हम अलग हुए दोनो ही एक दूसरे के अहसास से भरे हुए थे,दोनो ही एक दूजे की आंखों में झांक रहे थे..
“सच में इन सब के कारण मेरा दिमाग ही ठंडा हो गया “
मैं उसके बालो पर अपनी उंगलिया फेरते हुए बोला
“ओह तो तुन्हें गर्मी देना होगा ,”वो मुस्कुराई
“ह्म्म्म लगता है मेरे चार्जर को तुम्हारे प्लग में लगाना ही पड़ेगा “
वो खिलखिलाई और मैं उसके ऊपर खुद गया ……...

…….
मैं सर गड़ाए बैठा हुआ था,कमरे में बीप बीप की आवाजे लगातार आ रही थी ,अचानक मेरे कंधे पर एक हाथ आया और मैं सर उठाकर उसे देखने लगा,मेरी आंखे लाल थी ,प्रतिशोध की आग से भरी हुई आंखे,जिसे देखकर एक बार डॉ चुतिया भी डर गए जो की मुझे सांत्वना देने के लिए आये थे..
“उन्हें ऐसा नही करना चाहिए था,खासकर पूर्वी के साथ तो बिल्कुल भी नही ,मेरी मासूम सी बच्ची …..”
मैं इतना ही कहते हुए रुका मेरी नजर फिर से पूवी पर पड़ी जो की बिस्तर में लेटी हुई थी ,चहरे पर अब भी वही मासूमियत झलक रही थी ,वो बेहोश ही और हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में थी ,मैं अभी अभी ही आया था डॉ यहां पहले से ही उपस्थित थे उनके कहने नपर ही मुझे पूर्वी के पास आने दिया गया था…
“शायद वो तुम्हे डरना चाहते थे,या शायद ये बस किसी मनचले की करतूत हो “
डॉ ने गंभीर से स्वर में कहा
“जो भी जिसने भी ये किया उसने अच्छा नही किया,मैं पूर्वी को सबसे अधिक प्यार करता हु,शायद काजल और निशा से भी ज्यादा ..”मैं अब भी धीरे धीरे ही बोल रहा था जैसे खुद से बोल रहा हु ..
“जो डर जाते है देव दुनिया उन्हें ही डराती है …”
मैं फिर से डॉ के चहरे की ओर देखा और उठ खड़ा हुआ,,मैं सीधे ही आईसीयू से बाहर आया ,मेरे पीछे डॉ भी बाहर आने लगे ,बाहर काजल और निशा थे,काजल भी खबर मिलने पर अभी अभी ही आयी थी जबकि निशा पूर्वी को हॉस्पिटल लाने वालो में एक थी..
मुझे देखकर निशा मेरी ओर लपकी लेकिन
‘चटाक’
मेरा हाथ घूमता हुआ सीधे निशा के गालो में पड़ा और उसके गोरे गालो पर मेरे पांचों उंगलियों के निशान छप गए,वँहा उपस्थित सभी लोग हमे ही देखने लगे थे लेकिन फिक्र किसे था…
“ये सब कुछ तेरे ही कारण हुआ है “मैं उत्तेजित होकर बोला और उसका हाथ पकड़कर उसे खिंचता हुआ ले गया ..काजल ने मुझे ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की ये क्या बोल दिया लेकिन मैं आज किसी की सुनने के मूड में नही था ,काजल ने एक बारगी मुझे रोकने की कोशिस की लेकिन डॉ ने उसे रोक दिया…
“जाने दो उसे आज नही जागा तो पूरे जिंदगी डर डर कर ही जियेगा “
डॉ की ये हल्की सी आवाज मेरे कानो पर पड़ी ,
मैं गाड़ी चला रहा था जबकि निशा रोती हुई मेरे बाजू में बैठी की वो कुछ भी बोलने की हिम्मत नही जुटा पा रही थी वही मैं कुछ बोलने के मूड में ही नही था..
मैंने गाड़ी एक चाय की टापरी पर रोकी जो की उनके कालेज जाने के ही रास्ते पर पड़ता ,निशा और मैं नीचे उतरे ,
“कौन था वो “मैंने सपाट सा सवाल किया ,
“वो नीले शर्ट वाला “निशा ने उंगली दिखाई,मेरी नजर उस नीले शर्ट वाले लड़के पर जम गई ,वो एक लंबा चौड़ा स्मार्ट सा लड़का था जोकि अपने 5-6 दोस्तो के साथ किसी बात पर सिगरेट पीते हुए ठहाके लगा रहा था,मैं पीछे से एक लोहे निकाल कर उसकी ओर बढ़ने लगा,उसके किसी दोस्त का ध्यान अचानक ही मुझपर गया,उसने सभी को सतर्क कर दिया उस लड़के की आंखे जैसे निशा पर पड़ी जैसे वो सब कुछ समझ गया,मैं उनके पास पहुचा ही था की ..
“अरे देखो ये है इस रंडी का भाई,या कोई आशिक है “उसने जोरो से कहा सभी हँसने लगी लेकिन मुझे उसकी बात का कोई फर्क नही पड़ा मैं सपाट सा चहरा बनाये हुए उनकी ओर बढ़ रहा था,वो सभी चौक कर सतर्क खड़े हो गए,
“देखो मैं तो बस उसे डरना चाहता था “
वो अपने हाथो को मेरी ओर मुझे रोकने का इशारा कर रहा था की ..
“रआआआ टट “रॉड घुमा और सीधे उसके चहरे से टकराया ,वो लोहे की मोटी रॉड थी जिससे उसका जबड़ा ही उखाड़ गया,मुह से खून की धार निकलने लगी और उसके सभी दोस्त ख़ौफ़ज़दा से कभी मुझे देखते तो कभी उसे सम्हालते …
“ये लड़की धंधा करती है ,इस बेचारे ने तो बस रेट पूछा था दूसरी वाली को और उसने इसे थप्पड़ मार दिया “
उसका एक दोस्त बौखला कर बोल पड़ा ,मैंने फिर से रॉड घुमाया और ‘रआआआ टट’
उसका भी जबड़ा टूट गया और मुह से खून की धार बहने लगी ,माहौल में पूरी तरह से सन्नाटा था और साथ ही मेरे दिल में भी ,मैंने हाथ घूमने से पहले ये भी नही सोचा था की दूसरे लड़के की क्या गलती थी,मेरा चहरा अभी भी सपाट था,...
वँहा खड़े लड़के और बाकी लड़को को जैसे होश आया हो ,वो मुझे देखकर चिलालने लगे और मेरी ओर दौड़े ,जैसे मुझे खा जाएंगे,अपने दोस्तो की ये हालत देखकर वो सभी बौखला गए थे ,
“मारो मादरचोद को हमारे इलाके में आके हमारे भाई को मारा है इसने “
एक लड़का पूरे जोश में चिल्लाय ,लेकिन मेरे मन में एक जु तक नही रेंगी,मैं वैसा ही खड़ा रहा जैसे पहले था,लड़को के हाथो में जो आया वो उसे पकड़ कर मेरी ओर दौड़ाने को हुए ,जो पहला लड़का मेरे पास पहुचा उसके हाथ में लकड़ी का बांस जैसा कुछ था ,इससे पहले की वो उसे घुमा भी पता वो मेरे रॉड के रेंज में था और ‘रआआआ टट’
दूसरे के पेट में रॉड चला गया,तीसरा जो की मेरे पास ही खड़ा था ,वो अपने मुक्के को मेरी ओर उछाला और मैं झुकते हुए रॉड से उसके पैरो में वार कर दिया ,जैसे उसके घुटने टूटे हो ,वो दर्द से छटपटाता हुआ नीचे गिर गया,अपने तीनो दोस्तो का हाल देखकर बाकी के सभी वही जड़वत खड़े हो गए,मैं इंताजर में था की कौन आगे आएगा,उन्होंने मुझे चारो ओर से घेर लिया था ,लेकिन कोई भी आगे आने का साहस नही कर पा रहा था,सबसे ज्यादा हालत उसकी खराब थी जिसके पेट में मैंने रॉड घुसा दिया था,वो चीखता हुआ जमीन में छटपटा रहा था लेकिन किसी की इतनी हिम्मत भी नही हो रही थी की कोई आगे आकर उसे उठा ले ……..मेरे मन में अब भी ख़ौफ़ या भविष्य की कोई चिंता नही थी,मैं ऐसे खड़ा था जैसे मुझे इससे कोई भी फर्क नही पड़ता की कोई मरे या जिए……
कहते है ना की नंगे से खुदा भी डरता है,ये तो मामूली से कालेज के लड़के थे,और मैं अभी पूरी तरह के नंगा था,मेरे ऊपर कोई भी मर्यादा और कानून के डर का कपड़ा नही था,मैं सभी कुछ तभी छोड़ आया था जब मैंने पूर्वी को देखा था,इस लड़के ने उसे डराने के लिए ही सही लेकिन तेजाब उसके ऊपर फेक दिया था,वो उसे जलाना नही चाहता था लेकिन फिर भी उसके तिरछे फेके गए तेजाब से मेरी बहन का हाथ जल गया ,और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था ,मेरी मासूम बहन को ये लोग ना जाने कितने दिनों से परेशान कर रहे थे,जब इसके बावजूद वो नही टूटी तो उन्होंने ये ट्रिक इस्तमाल में लाई …
वो सभी भी किसी के बेटे या भाई थे लेकिन वो अपनी मर्यादा से बाहर गए थे जिसका अंजाम उन्होंने भुगता था,इसके लिए मेरे दिल में ना तो ग्लानि थी ना ही कोई दया ,
मैं बाकी खड़े हुए लड़को की तरह मुड़ा उनमे से कुछ तो डरकर बहुत दूर जा खड़े हुए थे ,जो पास में थे वो भी कांप रहे थे की पता नही मेरा अगला शिकार कौन होगा ...मुझे उनकी हालत देखकर थोड़ी हँसी भी आ गई जिसने मेरे चहरे में हल्की सी मुस्कान ला दी ,मुझे मुस्कुराता देखना शायद उन लड़को के लिए और भी डरावना था,क्योकि या तो उन्होंने किसी को गुस्से में पागल होते देखा होगा ,या चिल्लाते हुए मारधाड़ करते,लेकिन मैं उन सभी से अलग था,मैंने अभी तक किसी से कोई भी बात नही की थी ,मैंने तो एक शब्द भी नही निकाला था लेकिन मेरे कारण 4 लड़के खून से सने हुए पड़े थे,मैं थोड़ा आगे बड़ा था लड़के तीतर बितर हो गए ,मैं उस लड़के के पास पहुचा जिसने पूर्वी के ऊपर तेजाब फेका था…
“किसी लड़की को छेड़ने से पहले ये याद रखना की वो भी किसी की बहन होगी ,...शायद तुम्हारी भी कोई बहन होगी ,अगर होगी तो तुम समझ पाओगे की एक भाई पर क्या बीतती है ……..”
मैं उठकर सीधे अपने कार की ओर बड़ा ,निशा अजीब सी निगाहों से मुझे देख रही थी ,मेरा दिल एक अजीब से सुकून से भर गया था,शायद आज पहली बात मैंने किसी के ऊपर हाथ उठाया था मैं तो एक सीधा साधा सा लड़का था.ये पूर्वी का प्यार ही था जो मुझे यंहा तक खिंच लाया था…..
तभी वँहा पुलिस सायरन की आवाज सुनाई दी ,लड़के जख्मी लड़को को उठा रहे थे ,पुलिस की गाड़ी वँहा पहुच चुकी थी मैंने देखा की डॉ भी पुलिस के साथ पीछे पीछे पहुचे थे ,पुलिस वालो से देर ना करते हुए जख्मी लड़के की मदद की ..
“आपको मेरे साथ चलना होगा”
इंस्पेक्टर मेरे पास पहुच चुका था,मैंने वो रॉड उसके हवाले कर दिया ,डॉ के भाव को देखकर मैं समझ गया था की ये पुलिस डॉ ने ही बुलाई थी शायद मेरी मदद करने लेकिन यंहा का हाल देखकर वो भी दंग थे …
“तुम चलो मैं आता हु “डॉ ने मुझे कहा और मैं इंस्पेक्टर के साथ चल दिया …….
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08-30-2019, 12:48 PM,
#28
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
दोस्तो यंहा से कहानी अलग अलग लोगो द्वारा बताई जाएगी..
अभी तक ये कहानी देव बोल रहा था,तो अब से ये कभी राइटर ,कभी निशा,या काजल की ओर से चलेगी…
राइडर्स कृपया कन्फ्यूज़ ना हो,और इसके लिए मैं पहले ही बता दूंगा ..ऐसे लगभग रोज ही उपडेस आ रहे है तो स्टोरी आप भूलोगे नही की क्या चल रहा है,स्मूथ स्टोरी चलाने की कोसिस रहेगी ताकि ज्यादा कन्फ्यूजन ना हो……..


निशा अभी अपने आंसुओ को रोक नही पा रही थी ,जबकि देव जेल में था,निशा अभी काजल के पास ही हॉस्पिटल में बैठी थी,काजल उसे सांत्वना दे रही थी ,लेकिन निशा का दुख कम नही हो पा रहा था…
“अपने भइया को क्या क्या बताया है भाभी “
निशा की इस बात से काजल थोड़ी सहम गई
“क्या सब कुछ बता दिया अपने “
निशा ने भरे हुए नजरो से काजल को देखा जैसे काजल को फिर से धक्का लगा हो
“मैं अब भइया से कैसे नजर मिला पाऊंगी..और आपको हमे भी तो बतलाना चाहिए था..”
निशा का चहरा परिवर्तित होने लगा था,वो गुस्से में आ रही थी लेकिन ये हॉस्पिटल था ….
“मैने उन्हें कुछ भी नही बताया है निशा “
“उनके बातो से तो ऐसा नई लगा की अपने उन्हें कुछ नही बताया होगा “
वो जोर देने के अंदाज में बोली ..
“मेरे भइया इतने सीधे है की उन्हें तो हमपर शक भी नही हो सकता था,लेकिन आपकी ही गलती से ये सब हुआ है,बाहर से आकर नशे की हालत में ही भइया को सब कुछ बता दिया था अपने ...उन्हें आप अपना कस्टमर समझ रही थी “(उपडेट नंबर 4)
काजल उसका चहरा देखने लगी ,उसे यकीन नही हो रहा था की ये बात निशा को कैसे पता ..
शायद निशा को उसकी नजर से कुछ समझ आ गया था..
“मैं उस रात आप लोगे के कमरे के बाहर ही थी ,”
काजल अब घबरा गई ..
“घबराइए नही ना आपको कुछ होगा ना ही आपके इकलौते भाई वरुण को ,...लेकिन आपके पापा ..”
निशा के चहरे में एक अजीब से भाव आये जिसे देखकर काजल डर गई
“नही निशा पापा को कुछ मत करना “उसकी आवाज ही कांप गई थी लेकिन निशा के चहरे में एक कमीनी सी मुस्कान आ गई …….
“अगर आप चाहती है की वो बुड्डा अपनी बाकी की जिंदगी चैन से काटे तो ….”
काजल के आंखों में आंसू की एक धार बहने लगी थी ,उसका रूह भी निशा की बात से काँपने लगा था..
“तो……”
काजल ने कांपते हुए आवाज में निशा से कहा ,
“तो अब भइया को मेरे खेल से दूर ही रखना ,मैंने जीवन में सबसे अधिक प्यार उन्हें ही किया है...अपने एक बड़ी गलती तो कर ही दी और वो तो ठहरे भोले भाले वो मुझे सुधारने के लिए प्राण ले लिए होंगे..अगर मैं उनकी बहन ना होती तो आज वो मेरे होते..तुम्हारे आने से वो मुझसे दूर हो गए लेकिन अब मैं उन्हें अपना बना के ही छोडूंगी ,अगर तुम बीच में आयी तो जानती हो ना……”
काजल ने उसकी आंखे देखी,वो लाल थे ,जैसे किसी जुनूनी के होते है,वो एक जुनून में ही तो थी ,अपने भाई को पाने के जुनून में ना जाने वो इसके लिए क्या कर जाएगी...काजल के प्राण कांप गए वो एक भीगी बिल्ली जैसे सिमट कर रह गयी ,उसके मुख से कोई भी शब्द नही फूटा बस वो हा में सर हिला कर ही रह गई …….

इधर
“भाभी दिदि ने आपको कुछ कहा ,और भइया को क्या जरूरत थी की वो उन लड़को से भिड़ने जाते “
मासूम सी पूर्वी का चहरा देखकर काजल को उसपर बहुत ही प्यार आया ,वो अभी अपने बिस्तर में लेटी हुई थी और नर्सो के द्वारा की जाने वाली बात को सुनकर उसे पूरा माजरा समझ में आ चुका था..
“उन्होंने जो किया वो तो हर भाई करता ,और वो दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार भी तो तुमसे ही करते है …”काजल के चहरे में एक मुस्कान खिली ,वही मुस्कान पूर्वी के चहरे में भी थी ..
“निशा दिदि ने आपको कुछ कहा क्या ,मुझे बताइये मैं बतलाती हु उन्हें ,समझती क्या है वो अपने को “
पूर्वी का गुस्सा भी तो इतना प्यारा था की काजल हँस पड़ी
“पहले जल्दी के ठीक तो हो जाओ ,और निशा को मैं लुंगी , तुम उसकी फिक्र छोड़ो..पहले तो मुझे लगा था की निशा को सम्हालना आसान होगा ,लेकिन आज उसकी आंखे देखकर तो ऐसा नही लग रहा था जैसे वो कयामत ही ला देगी …….”काजल ने थोड़ी देर हुई बातचीत को याद किया
“क्या बोल रही थी वो ..”पूर्वी के चहरे में भी एक गहरे भाव आये ..
“वही पुरानी बात ...लेकिन इस बार उसकी आंखों में जो जनून था वो मैंने पहले कभी नही देखा था..”
पूर्वी ने एक गहरी सांस ली ..
“लगता है अब मुझे ही उतारना होगा “उसने अपने आप से कहा …………….
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08-30-2019, 12:48 PM,
#29
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
“वाह मेरे देव तुम तो यार हीरो निकले “
रश्मि का चहरा दमक रहा था,मैं अभी अभी थाने से जमानत में छूट कर आया था और जमानत करवाने वाली रश्मि ही थी ,मैने कुछ लड़को को क्या मार दिया ये लोग मुझे हीरो बनाने में ही तूल गए थे,रश्मि को तो इतना खुस मैंने कभी नही देखा था,आखिर बात क्या थी इतनी खुसी की …
“उसने मेरी बहन को छेड़ा था बस इसलिए “
“ओह लेकिन हर लड़का इतना बहादुर तो नही होता जो इतने लड़को के बीच अकेला पहुच जाय...खैर मैं तुम्हारे इस फैसले से बहुत खुस हुई “
वो इतनी खुस क्यो हो रही थी ,ये प्रोफेशनल लड़की थी इसे खुसी बेवजह तो नही हो सकती ..
मैं उसे यही बात अपनी आंखों से पूछ रहा था…
“असल में अब तुम तैयार हो ..”
वो हल्के से मुस्कुराई ..
“किस लिए ????”
मैं फिर के आश्चर्य से भर गया
“लड़ाई के लिए “
मुझे कुछ भी समझ नही आया की वो क्या बोल रही थी …
“खान से और किससे “उसने अपनी बात पूरी की
“लेकिन भला मैं क्यो उनसे लड़ने लगा “
वो खिलखिलाई
“यंहा एक जंग तो छिड़ी ही हुई है देव ,,ये दिमाग की जंग है और तुम चाहो या ना चाहो तुम इस जंग का हिस्सा हो “
वो खामोश थी लेकिन उसके होठो में एक मुस्कान थी मैं उसकी बातो को समझने की कोशिस कर रहा था ……..
“अगर मैं कहु की पूर्वी पर ये हमला खान ने करवाया था तो “
उसने एक बम फोड़ा
“नही ये नही हो सकता वो तो बस कॉलेज के आवारा लड़के थे “जितना मैं समझ पाया था मैंने कहा
“तुम जानते नही खान को वो साला बहुत ही कमीना है ,अपने बेटे से भी ज्यादा ,और वो साली रंडी काजल “
वो इतना ही बोलकर चुप हो गई ,मुझे पता था की रश्मि को मेरे और काजल के रिलेशन के बारे में पता था लेकिन फिर भी वो बार बार काजल को रंडी क्यो कहती थी……..जब भी वो उसका नाम लेती उसके चहरे में एक घृणा के भाव साफ नजर आ जाते थे ….
“काजल का इससे क्या लेना देना “
मैं थोड़ा सा चिढ़ गया था ..
“हा भई तुम तो उसकी तरफदारी करोगे ही आखिर तुम्हारी दोस्त जो है संस्कारी काजल …..बहुत पसन्द करते हो तुम उसे ?”
रश्मि के चहरे में मुझे जलाने वाली व्यंग वाली मुस्कान थी ,उसने एक एक शब्द बड़े ही सोच कर बोला था ,उसने पसंद कहा था प्यार नही क्योकि उसे लगता था की मुझे नही पता की उसे ये पता है की हम दोनो पति पत्नी है …..
“तुम ऐसे क्यो बोल रही हो “
“कुछ तो कहा होगा तुमसे काजल ने …..”
मैं चौक गया ..
“मैं जानती हु की तुम मुझे नही बताओगे,लेकिन वो काजल जिसकी बात तुम मान रहे हो वो तुम्हे ही फंसा रही है अपना काम निकालने के लिए “
साला सभी यही कहे जा रहे थे ,आखिर ये कौन सा काम है जो मेरे बिना नही हो सकता या जिसके लिए सबको मेरी जरूरत थी …...काजल ने भी कहा था की अब रश्मि तुमने अपने जाल में फसाने की कोशिस करेगी,वही हो रहा था रश्मि ने अपना खेल खेलना शुरू कर दिया था और मोहरा था मैं ……
“कौन सा काम “
मैंने आखिर पूछ ही लिया
“काम तो पता लग ही जाएगा तुम्हे ...लेकिन सबसे जरूरी चीज ये है की तुम किसकी बात मानते हो ...अपने काजल की ,या अपने बहनों की जिसपर तुम जान छिड़कते हो ,या शबनम की जो की एक पक्की रांड है और पैसों के लिए कुछ भी कर सकती है,या उस मोहनी की जो खान की रंडी है ...या मेरी “
मैं बुरी तरह से चौक गया था ,रश्मि को मोहनी के बारे में कैसे पता था …...वो हल्के से मुस्कुराती हुई अपनी जगह से उठाकर मेरे सामने आकर टेबल पर बैठ गई ,उसके छोटे स्कर्ट से उसकी मांसल और लंबी जाँघे मेरे सामने थी,मेरा चहरा उसके सीने के पास था ,मैं अब उसकी खुसबू सूंघ पा राह था उसने बड़ी ही महंगी और मादक परफ्यूम लगा रखी थी …
उसके उन्नत उरोजों की चोटिया मेरे चहरे के बिल्कुल नजदीक थी ,मुझे लग रहा था की वो मुझे बहकाने के पूरे मूड में है ...उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया …..और अपना चहरा झुकाया ,जिससे हम दोनो के ही चहरे एक दूजे एक कुछ इंच की दूरी में रह गए थे…
“मैं जानती हु देव की तुम इस समय बहुत ही कन्फ्यूजन की स्तिथि से गुजर रहे हो..तुम्हारे सामने वो लोग भी है जिनसे तुम बेपनाह मोहोब्बत करते हो और वो भी जिनसे तुम्हे कोई वास्ता ही नही है...मैं जानती हु की मेरा साथ देना तुम्हारे लिए सबसे कठिन होगा ...तुम मुझे हमेशा ही अपनी बहनों और काजल के बाद ही रखोगे लेकिन ……..”
वो थोड़ी देर के लिए चुप हो गई,उसकी उज्वल आंखों को मैं घूर रहा था हम दोनो की ही आंखे मिली हुई थी लेकिन शब्द किसी के नही फुट रहे थे ……
“लेकिन क्या “
“मैं चाहती हुई की तुम मेरी बातो पर भी गौर करो ..कहने की जरूरत नही की इन बातो को किसी के साथ भी शेयर मत करना...ना ही काजल के साथ ना ही अपनी बहनों के साथ ना ही शबनम और मोहनी के साथ ...एक बार तुम मेरा भी तो भरोषा करके देखो “
एक लड़की जो की इस होटल की मालकिन थी ,जिसे कुछ दिनों पहले तक मैं देखकर ही कांप जाया करता था आज वो मुझसे ऐसे रिक्वेस्ट करेगी मैं सोच भी नही सकता था आखिर क्या करना था मुझे जो सभी मुझे अपने भरोसे में लेना चाह रहे थे ……
“बोलो देव कर पाओगे भरोषा …या इस दीवार को तोड़ने के लिए मुझे कुछ और भी करना होगा “
उसने अपने हाथो से मेरे हाथो को पकड़कर अपने जांघो के बीच तक ला दिया ,मेरी सांसे उखड़ने लगी थी ,ये कैसा तरीका था उसका भरोसा जितने का,मेरी उंगलिया उसके स्कर्ट के अंदर से उसकी योनि के ऊपर के कपड़े को छू गई ,मैने तुरंत ही अपना हाथ बाहर निकाला ,मैं ऐसा करना तो नही चाहता था लेकिन ये एक स्वाभाविक सा रिस्पॉन्स था ….
मैं पसीने से तर हो गया था जबकि ac पूरे जोरो से चल रहा था ..मैं उसकी आंखों में देखा वो हल्के से गीले थे जैसे वो ये करना तो नही चाहती थी लेकिन किसी ताकत ने उससे ये जबरदस्ती करवाया हो ,मेरे हाथो को निकालने से उसे जैसे चैन पड़ा हो …
उसके चहरे में एक मुस्कान आयी ..
“तुम बहुत अच्छे हो देव ,तुम्हे कुछ भी होना चाहिए “
वो मेरे बालो को सहलाने लगी
“अच्छे लोगो की ऐसे भी दुनिया में कमी है ,”
उसकी बात मेरे दिमाग के ऊपर से जा रही थी
“तो बोलो मुझे कुछ और करना होगा ये तुम ऐसे ही मेरा विस्वास कर पाओगे “
मैं बुरी तरह से झुनझुलाया …
“बहुत हुआ ये सब आखिर तुम चाहती क्या हो “
मैं जोरो से बोल गया .वो मुस्कुराई
“कुछ नही बस एक विस्वास ,की तुम मेरी कही बातो को किसी से शेयर नही करोगे …”
मैंने हा में सर हिलाया
“मैं कैसे मान लू की तुम ऐसा करोगे “
वो हल्के से बोली
“तुम्हे भी मेरे ऊपर इतना विस्वास तो रखना ही पड़ेगा “
वो गंभीर हो गई
“हम्म तो ठीक है देव ...अगर तुम्हे लगे की तुम्हे किसी को बताना है तो बता देना लेकिन पहले कम से कम मेरी बातो को समझने की कोशिस जरूर करना ...मेरा साथ देने की कोशिस जरूर करना ,अगर नही दे पाओगे तो भी मैं तुम्हे गलत नही समझूँगी क्योकि तुम भी मजबूरी में बंधे हो प्यार की रिश्तों की मजबूरी में ……”
मैं थोड़े देर शांत ही रहा …
“क्या बोलना चाहती हो …”
“ह्म्म्म देव जब मैं कालेज में थी तभी से मुझे अजीम से प्यार हो गया था ….”
वो बोलना शुरू कर दी ……
“अजीम और मैं बेस्ट कपल की तरह से रखने लगे थे ,वो मुझे बहुत प्यार करता था लेकिन फिर सब कुछ बदलने लगा ,,,अजीम को शराब और शराब का शौक चढ़ने लगा था ,और उसके लिए जिम्मेदार थी एक लड़की ……..”
मैं चुप ही था ,वो भी चुप हो गई
“काजल???”
मैंने कहा था ..
“नही मोहनी “उसका उत्तर था ..
“हम्म तो फिर तुमने अजीम को छोड़ दिया बस इतना ही ना “
मैं झुंझला गया था ….
लेकिन उसके प्यारे से चहरे में उदासी घिरने लगी ………
“अजीम को लड़कियों का शौक था लेकिन वो इतना कमीना नही था,हम दोनो की लड़ाइयां होनी शुरू हो गई थी ,वो उस समय की बात है जब उसके होटल में काजल की एंट्री हुई ,वो एक सीधी साधी से लड़की लगी जिसे मोहनी को कहकर अजीम अपने सांचे में ढालने में लग गया..शुरुवात में मोहनी ने काजल को बिगड़ने में अजीम का भरपूर साथ दिया लेकिन फिर धीरे धीरे काजल ही अजीम के दिमाग में छाने लगी ,काजल के नशे में अजीम ने मोहनी को किसी चाय में पड़े हुए मख्खी की तरह निकाल फेका…….
मोहनी से मुझे प्रॉब्लम तो थी लेकिन फिर भी वो कभी हमारे पर्सनल और प्रोफेशनल मेटर ने टांग नही अड़ाती थी लेकिन काजल में हमारे रिस्तो को बर्बाद नही किया वो प्रोफेशनल चीजो में भी बहुत दखल करने लगी…
खान साहब के पूरे करोबर का इकलौता मालिक अजीम ही है,और उनकी कंपनी के बोर्ड ऑफ डारेक्टर में मुझे भी जगह मिली थी …
लेकिन पता नही काजल ने ऐसा क्या किया की मुझे बोर्ड ऑफ डारेक्टर के लिस्ट से हटा दिया गया,,,मैं तब भी कुछ नही कहती हो सकता था की कंपनी की किसी पॉलिसी के कारण ये किया गया रहा हो लेकिन मुझे झटका तब लगा जब काजल को मेरी जगह बैठा दिया गया..
इस बात को लेकर अजीम से मेरा फाइनल झगड़ा हुआ और आखिर में वो तलाक में तब्दील हो गया……….”
मैं उसकी बातो को ध्यान से सुन रहा था क्योकि ये उस बात के बिल्कुल ही विपरीत थी जो की काजल ने मुझे बताई थी ……
“वो सिर्फ एक रंडी ही नही है देव वो जादूगरनी है ...और उसका साथ देने वाली थी …”
रश्मि अपनी बात को कहते कहते ही रुक गई जैसे सोच रही हो की ये कहु की नही .
“क्या हुआ बोलो .”
“देव प्लीज् मेरी बातो का बुरा मत मानना..मैं जो भी कह रही हु अगर तुम्हे लगे की ये गलत है तो भी तुम पहले उसे परख लेना,,..ये तुम्हारे लिए बड़ी बात हो सकती है और हो सकता है की तुम गुस्से में आ जाओ ...लेकिन मेरी बात को ध्यान से सुनना …”
मैं सकते में आ गया था आखिर रश्मि कहना क्या चाहती थी …
“बोलो मैं सुन रहा हु,वादा करता हु की तुम्हे कुछ भी नही कहूंगा “
मैं उसे शांत करने के उद्देश्य से बोला क्योकि मुझे यंहा एक नई कहानी सुनने को मिल रही थी और मैं इसे जानना चाहता था …
“वो निशा थी ….तुम्हारी बहन “
मेरे चहरे के भाव तेजी से बदलने लगी थे ...अगर काजल ने मुझे निशा के बारे में पहले ही नही बता दिया होता तो शायद मैं रश्मि की जान ही ले लेता …….लेकिन मैं चुप था…
लेकिन रश्मि को शक ना हो इसलिए मैंने ऐसी एक्टिंग की जैसे मैं बहुत ही ज्यादा शॉक में पहुच गया हु ….
“मेरी बात पर यकीन करने की जरूरत नही है देव ,तुम जब तक जान ना लो मत मानो लेकिन अपनी नजर बदलो शायद तुम्हे अपने आस पास बहुत कुछ अजीब सा लगे “
रश्मि के एक एक शब्द में मेरे लिए भरपूर सहानुभूति और प्यार का अहसास किया मैंने…..ये अजीब था क्योकि मैं जानता था की वो मुझे काजल के खिलाफ भड़काने वाली है लेकिन उसकी बाते मुझे इतनी सच्ची क्यो लग रही थी ………
वो मेरे सर को पकड़ कर अपने सीने से लगा ली ,जैसे मुझे सांत्वना दे रही हो …
उसके उजोर के तकिए और खुसबू ने मुझे बड़ा सुकून दिया ,मैंने उसे अपनी बांहो में भर लिया और वो मेरे सर को सहलाने लगी …
एक अजीब सी आत्मीयता का आभास मुझे उसके स्पर्श में हो रहा था…
“लेकिन मैं क्या कर सकता हु इन सबमे ..और तुम मुझे ये सब क्यो बता रही हो “
मैं अपने आखिरी दुविधा को मिटाना चाहता था..
“क्योकि तुम एक अच्छे इंसान हो इस लिए मैंने तुम्हे ये सब बतलाया वरना मैं खुद ही कुछ कर लेती …….और काजल और निशा के करीब भी हो इसलिए तुम ही वो काम आसानी से कर सकते हो ,रही बात की मुझे क्या मिलेगा..मुझे मेरा हक चाहिए जो की खान की प्रोपर्टी पर मेरा है...मुझे अजीम को सही रास्ते में लाना है..अब हमारे रिश्ते पहले जैसे तो नही हो सकते लेकिन फिर भी पहला प्यार तो पहला प्यार ही होता है…..”
मैंने अपना सर उठाया ,आज मैंने रश्मि को पहली बार रोते हुए देखा था …
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08-30-2019, 12:49 PM,
#30
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
“हैल्लो इन्स्पेक्टर ठाकुर कैसे है आप “
डॉ ने इंस्पेक्टर से हाथ मिलाते हुए कहा ,
“आपकी कृपा है सर “
दोनो के ही होठो में मुस्कान आ गई
“हैल्लो देव”ठाकुर ने अब अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाया ,
मैं ऐसे भी अभी तक इस बात को लेकर चिंतित था की आखिर डॉ ने मुझे अपने साथ आने को क्यो कहा है,ये वही इंस्पेक्टर था जिसने मुझे अरेस्ट किया था शाम का समय था और मैं होटल से थका हुआ अपने घर जाने को ही निकला था,आज पूर्वी भी हॉस्पिटल से घर शिफ्ट हो गई थी,पिछले 3 दिनों से निशा मुझसे नजरे चुरा रही थी,अब मुझे भी उससे बात करने की इच्छा जागने लगी थी लेकिन फिर भी जब तक पूर्वी हॉस्पिटल में थी हमे ऐसा समय ही नही मिल पा रहा था की हम कुछ बात कर पाए,मैं घर को निकला ही था की काजल का काल आया उसने मुझे जिला सेंटर जेल में बुलाया था,मैं चौका लेकिन फिर भी क्या करता ,वही मुझे डॉ मिलने वाले थे जो की बाहर ही मिल गए,काजल को आने में समय था ,अभी अभी ठाकुर साहब पहुचे थे……
“आखिर बात क्या है सर”
मैंने डॉ की तरफ रुख किया ..
“हम अजीम से मिलने आये है “
सुनकर मैं दंग रह गया ,अगर काजल को ही मिलना था तो मुझे लाने की क्या जरूरत थी ,
शायद डॉ को मेरी नजर समझ आ गई
“असल में वो चाहती थी की अब तुम भी हमारे ही साथ रहो,”मुझे कुछ समझ तो नही आया लेकिन मुझे समझने की कोई जरूरत भी तो नही थी,आखिर जो हो रहा है वो देखना बस तो था मुझे …
मैंने जेल के गेट में काजल की कर रुकते देखी,हम सभी अभी गेट के बाहर ही थे..
वो उतर कर सीधे ठाकुर के पास पहुची
“क्या हुआ है अजीम को “
उसकी आवाज में एक अजीब सी घबराहट थी लगा जैसे वो अजीम के लिए बहुत ही चिंतित है …
“पता नही कुछ अजीब सी हरकते कर रहा है ,अभी तक खान को पता नही चला है उसे कुछ पता चले उससे पहले मैंने डॉ को बताना सही समझा …
अचानक ही काजल के चहरे में आया हुआ चिंता का भाव थोड़ा कम हुआ
“हम्म तो चले “
डॉ ने ठाकुर को निर्देश दिए ..
आज मुझे पता चला की पॉवर का इस्तमाल कैसे किया जाता है,जिस जेल में सामान्य कैदी के परिवार को मिलने के लिए लाइन लगानी पड़ती है ,और एक निश्चित समय दिया जाता है ,अगर आपके पॉवर हो तो लाइन छोड़िए समय की भी कोई पाबंदी नही होती , इंस्पेक्टर हमे सीधे जेलर के कमरे में ले गया,वो भी थोड़ी औपचारिक बातचीत के बाद सीधे हमे एक दूसरे कमरे में ले गया …
वो एक अंधेरा कमरा था जंहा पर एक बड़ा सा कांच लगा था ,देखने से ही समझ में आ रहा था की ये इंवेस्टिगेशन के लये बनाया गया है……
वँहा उस कांच की दीवार से हमे दूसरे कमरे का नजारा साफ दिख रहा था ,जंहा पर अजीम बैठा हुआ था,वो असली इन्वेस्टिगेशन रूम था,मुझे नही पता था की जेलों में भी इस तरह की सुविधा होती है,जेलर के साथ कुछ और भी पुलिस वाले वँहा पहुचे थे..
“आप बात कर लीजिये जब हो जाए तो मुझे बता देना मैं बाहर ही हु “
ये कहते हुए जेलर और ठाकुर दोनो ही बाहर निकल गए ..
काजल ने फिर किसी का इंतजार किये बिना ही अंदर के कमरे की ओर रूख किया ,अजीम के साथ भी एक पोलिस वाला मौजूद था,जो काजल को देखते ही बाहर निकल गया..
“ओह तुम आ गई “पुलिस वाले के जाते ही अजीम ने काजल को गले से लगा लिया,वो अभी कैदी के कपड़ो में था,और जोरो से रो रहा था,मैंने महसूस किया की उसका वजन कुछ कम हो गया है,चहरे का तेज फीका पड़ा हुआ है,ये वही आदमी था जो की गरज कर बाते किया करता था आज उसकी ये हालत देखकर तो मुझे भी उसके ऊपर दया आ गई …….
वो बहुत ही मजबूर और कमजोर लग रहा था..
उसने काजल को ऐसे पकड़ रखा था जैसे की अमरबेल की लताये किसी वृक्ष को ….लेकिन मुझे इस बात से बिल्कुल भी जलन नही हुई क्योकि वो इतना मजबूर दिख रहा था और काजल इतनी मजबूत की मुझे तो अजीम के ऊपर ही तरस आ रहा था,ऐसा लग रहा था जैसे वो सालो से काजल की राह देख रहा हो……….
काजल उसके पीठ को थपथपा रही थी जैसे वो उसे सांत्वना दे रही हो …
“आओ आराम से बैठो “काजल ने उसे पास की ही कुर्सी में बिठा दिया ,हमे उनकी आवाज स्पीकर के जरिये साफ साफ सुनाई दे रही थी वही आईने से ऐसा लग रहा था जैसे की वो हमसे कुछ ही दूरी में बैठे हुए बाते कर रहे हो...
“काजल ..काजल मैं पागल हो जाऊंगा “
उसकी आवाज में एक अजीब सी तडफ थी….
वो फफक कर रो पड़ा ,और उसने बैठे ही बैठे काजल के कमर को जकड़ लिया ,अब उसका सर काजल के पेट पर था,काजल अब भी खड़ी हुई थी ,काजल ने उसके बालो को सहलाना शुरू किया,इससे उसे जरूर ही बहुत शुकुन मिला होगा ,वो किसी बच्चे की तरह काजल से लिपटा हुआ था वही काजल उसे किसी माँ की तरह दुलार कर रही थी,अब मुझे समझ के आया की रश्मि क्यो काजल से इतना जलती है……….
“मैं आ गई हु ना सब ठीक हो जाएगा “
“मैं मरना नही चाहता काजल मरना नही चाहता प्लीज् मुझे यंहा से निकालो “
वो तड़फता रहा ,
काजल के कांच की ओर देखा जिसके दूसरे सिरे में हम उसे देख रहे थे ,उसके चहरे में एक कमीनी मुस्कान खिल गई,
सच पूछो तो मेरा दिल ही धक कर रह गया,..
उसकी मुस्कान ही उसके विजय की गाथा कह रही थी ,ऐसा लगा जैसे काजल को उसे इस हालत में देखकर अपार संतोष हुआ हो…….
मेरी काजल इतनी बेरहम होगी ये तो मैंने भी नही सोचा था...काजल का ये रूप पहली बार मेरे सामने था…
“तुम फिक्र मत करो ...बस अपने पिता और उस रश्मि की बातो में मत आया करो ,नही तो मैं तुमसे रूठ जाऊंगी “
काजल के इतना कहते ही उसने काजल को और भी जोरो से कस लिया ..
“मुझे माफ कर दो काजल ,मैं बहक गया था मुझे लगा की मेरे पिता मुझे छुड़ाना चाहते है लेकिन तुमने मेरी आंखे खोल दी वो तो रश्मि के जिस्म के बहकावे में आकर मुझे ही फांसी पर चढ़वाना चाहते है,दोनो ही मिलकर मेरी जायजाद हड़पना चाहते है,मुझे माफ कर दो काजल ….प्लीज् मुझसे मत रूठना ,तुम रूठ गई थी तो मैं पागल ही हो गया था ”वो और जोरो से रोने लगा और काजल की मुस्कान और भी गहरी हो गई..
मैं समझ गया था की काजल ने उसे किसी तरह से खान साहब और रश्मि के बारे में भड़का दिया है...लेकिन कैसे ?
वो उसके बालो पर हाथ फेरे जा रही थी ,
“तुम फिक्र मत करो मैं अब तुमसे नही दूर नही होने वाली ,और तुमसे मिलने भी आया करूँगी ,ये लो तुम्हारे सभी दुखो की दावा “
उसने हाथो से एक पुड़िया निकाल कर अजीम के आगे कर दी ,जिसे देखकर अजीम का चहरा ही खिल गया ,मुझे समझते देर नही लगी की काजल उसे ड्रग्स दे रही है...मैं अंदर से कांप गया ..
“थैंक्स काजल ,तुम मेरे लिए इसे भी ले आई ,मैं तो इसके बिना पागल ही हो गया था “वो बड़ी ही उतावली से उसे देखने लगा जैसे कोई बच्चा चॉकलेट को देखता है,उसने हाथ बढ़ाया लेकिन काजल ने मुठ्ठी बंद कर ली ..वो बेचैन हो उठा,अब मुझे समझ में आया की काजल ने उसे कैसे अपने वश में आर रखा था...
“पहले प्रोमिश करो की मेरे ऊपर शक नही करोगे और उन दोनो से दूर ही रखोगे “
वो ललचाई निगाहों से उसे देख रहा था,
“प्रोमिश मैं तुम्हारी कसम खाता हु काजल प्लीज् अब मत तड़फ़ाओ “काजल की एक जोरदार हँसी कमरे में गुज गई उसने बड़े ही प्यार से उसके माथे को किस किया और उसके हाथो में वो पुड़िया थमा दी ..
“मैं जेलर से बोलकर तुम्हरे लिए नए कमरे का इंतजाम करवा देती हु “
अजीम काजल को ऐसे देख रहा था जैसे की वो उसके ही अहसानो पर जिंदा हो …
“तुम मेरे लिए कितना करती हो काजल और एक मेरे पिता है जो मुझे यंहा आकर भी लेक्चर ही देते रहते है,खुद तो बाहर मेरी पत्नी के साथ अय्याशी करते है…”उसकी आंखे नम थी
“तुम फिक्र मत करो तुम्हरे बाहर निकलते ही हम उन्हें सबक सिखाएंगे,बस तुम जल्दी से बाहर आ जाओ,मैं पुलिस को खरीदने की पूरी कोशिस कर रही हु,ताकि केस में कोई सबूत ही ना मिल पाय या जो सबूत मीले है वो सभी नष्ट कर दिए जाए ,उसके लिए भले ही मुझे अपना जिस्म भी देना पड़े लेकिन मैं तुम्हे छुड़ाने में पीछे नही हटूंगी ..”काजल की बातो से अजीम और भी भावविभोर हो गया था …
“और मुझे थोड़े पैसे चाहिए …”काजल थोड़े देर के लिए शांत हो गई …..
“ये सब यंहा तक लाने के लिए सभी को खिलाना पड़ता है तुम तो समझते ही हो ...तुम्हारे पिता जी तो देने से रहे और होटल का बिजनेस भी ऐसा नही रहा की तुम्हरे बिना पैसों का इंतजाम हो जाए ,रश्मि ने अपने होटल में वही काम शुरू कर दिया है जो की हम करते थे,और अब वो और भी पॉवर फूल हो गई है ,तुम्हे बर्बाद करने की तो जैसे कसम ही खा के बैठी है वो ,खान साहब भी क्या करे उनके सामने तो जैसे ही वो अपने कपड़े खोलती है वो चुप ही हो जाते है….अब तुम ही बताओ अजीम मैं सबके लिए पैसे कहा से लाऊ …...ये सभी तो तुम्हारे लिये अपना जिस्म बेचकर कर रही हु…”
काजल रोने लगी ….
मुझे पता था की उसका रोना सिर्फ एक एक्टिंग ही है और उसे पैसे की कोई कमी भी नही है ,होटल का पूरा कारोबार ही उसके पास था और होटल इतने भी घाटे में नही चल रहा है ,उसके अलावा उसने होटल को अच्छे से सम्हाल लिया था जिससे पूरे मुनाफे का 10-20 % तो काजल शो ही नही करती थी यानी वो सभी पैसे काजल के पास थे ,इससे खान को लगता था की होटल घाटे में चल रहा है...खान काजल पर आंख मूंदकर विश्वास कर रहा था जैसे की अभी अजीम …..
“तुम फिक्र मत करो काजल कुछ करते है,तुम्हरा जिस्म अब मेरे लिए है और किसी के लिए नही जितना तुम्हे करना था वो तुम कर चुकी हो अब नही “अजीम थोड़ा कॉन्फिडेंट दिख रहा था ,शायद वो अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल करने जा रहा था……
“क्या करोगे तुम ..”काजल ने एक व्यंग सा मार दिया जिससे वो तिलमिला गया ,और खड़े होकर इधर उधर घूमने लगा ..
“मेरे पास एक प्लान है “
काजल ने धीरे से कहा ,अजीम की नजर भी उसपर ही जम गई
“होटल के अधिकतर शेयर तुम्हारे नाम है ,तुम उनमे से कुछ मेरे नाम कर दो ...अब यंहा रहते हुए बस यही किया जा सकता है ...अभी होटल की हालत खस्ता जरूर है लेकिन हमारे होटल का कुछ नाम तो है ,हो सकता है की उन्हें बेचकर हमे कुछ पैसे मिल जाए ..”अजीम की निगाहे काजल पर ही जम गई थी जैसे वो कुछ सोचने लगा हो
लेकिन काजल ने इतने स्वाभाविक तरीके से कहा की कोई भी उसकी बातो में आ जाता,
“मैं जानती हु अजीम की तुम सोच रहे होंगे की उन शेयर की कीमत ही कितनी होगी जो हमारे काम आएगी ,मुझे पता है कि शेयर के भाव हमे ओरिजनल कीमत से कई गुना कम मिलेगा लेकिन इससे हमारी समस्या तो कुछ देर के लिए कम होगी …”काजल ने अपनी आंखों में आंसू ला लिया था ..मैं तो उसकी इस एक्टिंग से ही हैरान था,खान के होटल के शेयर के कम पैसे मिलेंगे,वाह रे काजल …….
ओरिजनल कीमत से कम से कम 20 गुना ज्यादा पैसे उस शेयर के मिलते ,इतना तो उस होटल की हालत देखकर कोई भी जानकर आदमी बता सकता था लेकिन अजीम को ये समझा दिए गया था की होटल की हालत बहुत ही खस्ता है ,साथ ही खान के बाकी के कारोबार भी डप्प हो रहे है ,और इन सबका कारण उसकी गिरफ्तारी है,
अजीम बेचैनी से कमरे में घूमने लगा ,काजल ने उसे अपने पास खिंच लिया ,और उसके गले से हाथ डाल दिया और उसकी आंखों में देखने लगी …
“तुम फिक्र मत करो मैं सब सम्हाल लुंगी ….मैंने तो अपना सब कुछ ही तुम्हारे नाम कर दिया है और तुम हो की थोड़े से शेयर के लिए भी सोच रहे हो ,जबकि तुम्हे पता है की उनसे भी पैसों की समस्या खत्म नही होगी ,लेकिन मैं और पैसों का इंतजाम कर लुंगी …...तुम्हरे लिए सब कुछ “
वो हल्के से मुस्कुराई और उसके होठो में अपने होठो को घुसा दिया ,इस दृश्य की मैंने कल्पना भी नही की थी ,मैं बुरी तरह से झेप गया था ,मेरी बीवी मेरे ही सामने किसी गैर मर्द के होठो को अपने होठो में भरे हुए चूस रही थी ,जैसे की दोनो के होठ ही जम गए हो …..मैंने नजर फेर ली ,मेरी हालत देखकर डॉ के चहरे में मुस्कान आ गई,
“ठिक है तुम बताओ की मुझे क्या करना है “
मुझे अजीम की आवाज सुनाई दी ,
“बस दो मिनट रुको तब तक तुम एक शॉट मार लो ,और कम ही यूज़ करना इसे बहुत कीमती है और बड़ी मुश्किल लगती है यंहा लाने में “काजल उसे देखकर मुस्कुराई और उसके होठो में फिर से एक किस देकर बाहर निकल आयी ,
जैसे ही हम दोनो की नजर मिली उसकी नजर नीचे हो गई थी वही हाल मेरा भी था,डॉ ने कुछ पेपर काजल के सामने कर दिए ,,
“पूरे रेडी है,बस एक साइन और 60% तुम्हरे नाम हो जाएगा “
मैं बुरी तरह से चौक गया ,
“क्या 60% वो इतना पागल नही है की 60% में सिग्नेचर कर देगा “मैं चीखा
दोनो ही मुस्कुराने लगे ,
“वो तो नही करेगा लेकिन जो वो अभी अपनी नाक में डाल रहा है वो ये जरूर करवा देगा “
मैं कांच से देख रहा था ,अजीम पुड़िया खोलकर उसे सूंघने लगा था..उसका चहरा लाल पड़ने लगा जैसे की वो किसी अलग ही दुनिया में पहुच गया हो ….
“काजल एक बार फिर से सोच लो हम इस पैसे के बिना भी खुस रह सकते है ,और किसी को ऐसे नशे में धोखा देना ???”
मेरी आंखों में चिंता साफ थी लेकिन काजल की आंखे कुछ और ही कहानी कह रही थी …
“जो इसने मेरे साथ इस नशे में किया है उसके सामने शायद ये कुछ भी नही “काजल की आवाज भारी हो गई थी लगा जैसे वो रोने वाली हो …
मैं उसे देखता ही रहा जब वो अंदर गई और अजीम ने हंसते हंसते उसे बांहो में भरकर काजल में साइन कर दिए,..........
काजल ने कांच की दीवार को देखा उसके चहरे में विजय की मुस्कान थी ………….
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