Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
06-30-2017, 11:29 AM,
#1
Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-१

दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए आज एक ऐसी स्टोरी लेकर आया हूँ आप भी पढ़ कर मस्त हो जाएँगे ....दोस्तों ये स्टोरी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी...कोई ग़लती हो जाए तो मूवाफी चाहता हूँ...फिर शायद आपके मार्गदर्शन, सजेशन्स से उन कमियों को दूर कर सकू.. .मैं जिस सखश की स्टोरी लिखने जा रहा हूँ.....उनका नामे शशांक है ....और वो बड़े हे मधुर स्वभाव के है ....मैं उनको हमेशा “शास” कह कर ही बुलाता हूँ.....उनकी लाइफ मैं चुदाई का सिलसिला एक बार सुरू क्या हुआ की वो आज तक चल रहा है.......मैं भी करीब 24 साल से उनसे जुड़ा हूँ......मैं राज शर्मा उमर करीब 36 यियर्ज़ ...गोरा-चिटा रंग ... ...हाइट अबौट 5.6” है ... आज .भी नॉवजवान लगता हूँ ...पर जो शशांक की सरण मैं एक बार आ जाए... उसे फिर चैन कहाँ .... आज तक शास ने कितनी चूत चोदी या फाडी इसका तो उन्हे भी पता नही होगा..........उनकी पहेली चुदाई शुरू हुई शिरफ़ 1५ साल की उम्र मैं उसके गाँव की संतोष बुआ के साथ . संतोष एक बहुत ही मस्त और शानदार जिस्म की मालिक थी ऐसा लगता था जैसे कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरी हो .... चाल मैं लचक भारी- भारी बूब्स, .... पतली कमर के साथ .....उभार लिए हुवे चूतड़(बटक) ....मन करता कि उसे बाहों मैं भरकर...... उमर भर चोदता ही रहे.........हर कदम पर उपर नीचे होते चूतर......गजब ढा जाते थे.....मगर अभी शास को इन सभी बातो की कोई खबर नही थी.....अल्हड़ मदमस्त......उभरता हुवा सूरज.....कोई भी लड़की उसके गुलाबी गुलाबी होटो और गालो पर किस करने के लिए तय्यार रहती थी....या बहाने ढूँढती रहती थी....एक दिन सुभह करीब 9 बजे शश के घर आई...... और शश की मोम्मी से बोली की भाभी ...... मुझे ज़रा खेत तक जाना है..... क्या मैं शश को साथ ले जाऊ.....शश की मम्मी ने कहा दिया की लेजाओ....किशी को क्या मालूम था.....कि संतोष का मन अंदर ही अंदर मानो उछाल भर रहा था.....शतोष बूवा ने शश का नाज़ुक मुलायम हाथ मैं लिया और लेकर खेतो की और चल दी.... संतोष का दिले ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और अपने प्लान के बारे मैं....सोच सोच कर उसकी चूत पानी छोड़ रही थी......कभी कभी मस्ती मैं बूवा शश का हाथ दबा भी देती थी.....पेर बेचारे शश को क्या मालूम था कि क्या होने वाला है.... चुदाई के सिलसिले की शुरुआत आज ही होने जा रही है.....चलते-चलते कभी कभी बूवा शश के अंडरवेर पर आगे पीछे से ठप थापा कर भी मज़ा ले रही थी......धीरे धीरे जब वे दोनो खेत पर पहुँचे....तो बूवा ने चारो तरफ नज़र दोड़ाई......अक्टोबर का महीना था और चारो और गन्ना ही गन्ना ( सुगुर केन प्लांट) खड़ा हुवा था......अब बूवा ने अपने प्लान के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया..... आओ शश इधर चले ........ दो गन्ने के खेतो के बीच छोटी सी पट्टी पर चलते हुए बूवा ने शश के अंडरवेर पर आगे एक हाथ लगाया और शश के छोटे लंड को छेड़ते हुवे पूछा...शश ये क्या है.......

शश. थोड़ा शर्मकार नूनी.....

बूवा. ये किस काम आती है...?

शश. सूशू करने के लिए.....

बूवा. बस शिरफ़ सूशू करने के लिए ही...?

शश. हा .फिर शरमाते हुवे बूवा का हाथ हटाते हुवे, कयौन्कि नूनी थोड़ा टाइट होने लगी थी और शश डरता था कि कही बूवा को पता ना चल जाए.

बूवा..जब ये शिरफ़ सूशू करने के काम आती है तो इतनी बड़ी क्यो है...? हमारे तो इतनी बड़ी नही है.................

शश.. आपकी छोटी है बूवा..?

बूवा.. हमारे तो है ही नही.....

शश. फिर बूवा आप सूशू केसे करती है...?

बूवा. तुम ही देख लो हाथ लगा कर....और बूवा ने शश का हाथ आपनी चूत पर फेर दिया, शनतोष के पैर कपकपाने लगे थे...चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी तभी वे दोनो खेत के बीच मैं आम(मंगोत्री) के नीचे पहुँच चुके थे....

शश. सच बूवा आपके नूनी नही है...?

बूवा. नही शश............................................. .......

शश...बूवा आपके नूनी कायों नही है फिर आप सूसू कैसे करती है...?

बूवा..हम लड़कीयो के नूनी की जगह और खास चीज़े होती है जिससे स्वर्ग की सैर करवाते है .

शश..वो कैसे बूवा....????

अभी तक वो आम के पेड़ के नीचे पड़ी चारपाई पर बैठ चुके थे....और बूवा आगे का प्लान मन ही मन बना रही थी...वासना का सरूर उस पर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा था.....फिर भी उसके मन मैं द्वंद चल रहा था क्या ये बच्चा उसकी एच्छा पूरी कर पाएगा भी की नही......इसी उधेड़बुन मैं से उसने शश की और देखा और शश के गुलाबी हॉट चूम लिए..

बूवा..अक्च्छा तुम अपना अंडरवेर उतारो....तब बताती हूँ.......

शश.. अंडरवेर नही बूवा..मुझे शरम आती है....................

बूवा.. आरे नही शरम कैसी फिर मैं भी तुझे स्वर्ग का वो रास्ता दिखाउन्गी जो तूने कभी नही देखा...और लौट कर आने का मन भी नही करता है...बड़ा ही मज़ा आता है...उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म.....

शश.. आपने स्वर्ग का मज़ा देखा है...?

बूवा.. हाई एक बार सपने मैं (ड्रीम).. बड़ा ही मज़ा आया था आज तक उसे ही याद कर कर के मेरी गीली हो जाती है............

शश..बूवा काया गीली हो जाती है....???????????

बूवा..अर्रे अंडरवेर तो उतार सब दिखाती हूँ....और...स्वर्ग मैं भी ले चलूंगी....फिर देखना रोज़ (डेली) कहा करोगे बूवा स्वर्ग की सैर करा दो.....बस मज़ा ही मज़ा है..और बूवा ने आपने हाथो से ही शश का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया.....

शश.. मुझे शरम आ रही है बूवा...........( और बूवा ने शश का लंड आपने हाथ मे पकड़ लिया और उसे निहारने लगी शिरफ़ 10 साल के शश का लंड , लंड का गुलाबी-गुलाबी सूपड़ा बूवा से नही रुका गया और उसे होंठो मैं ले लिया जैसे जनम जनम की प्यासी हो.......सब शरम हया से दूर चूमना शुरू कर दिया ....ये देखा कर बूवा हैरान हो गयी कि 10 साल के शश का लंड धीरे धीरे 6-7” का करीब 1 ½” मोटा हो गया था........... )

बूवा..अर्रे शश तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.....?

शश..क्या इस नूनी को लंड कहते है बूवा फिर आप इसे चूम और चूस क्यों रही हो इतना बड़ा तो ये कभी कभी ही होता है...........

बूवा..शश इसे चूषने मैं जो मज़ा आ रहा था तुम्हें नही मालूम....बूवा ने शश के लंड को एक हाथ मे पकड़ लिया और दूसरे से आपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.... नाडा खोलकर सलवार थोड़ी नीचे की.....देखा शश ये है आनंद द्वारा या मज़ा द्वार............शश ने देखा के घने काले बालो के बीच कुछ गुलाबी- गुलाबी सा नज़र आया....

बूवा... शश हाथ फेर कर देख..इसे चूत कहते है...ये जो तुमहरा लंड है ना ये इस घर मैं घुस जाता है तब स्वर्ग की सैर होती है.......शश ने दोनो हाथों से बूवा की चूत को छुआ बालों मैं हाथ फेरा और गुलाबी..गुलाबी जगह को भी छुआ...धीरे धीरे ......

शश.. बूवा इस चूत पर इतने घने काले बॉल क्यो है मेरे तो नही है......???? आ जाएगे अभी तुम छोटे हो ना....

बूवा....शश तुम नीचे मेरी टाँगो के बीच बैठ जाओ इस गुलाबी..गुलाबी चूत को ज़ोर ज़ोर से जीभ से चॅटो तो तुम्हे भी बड़ा मज़ा आयगा.....शश एक आगयाकारी बालक की तरह बूवा की टॅंगो के बीच बैठ गया और दोनो हाथो से चूत के दोनो के दरवाजे खोलकर बूवा की चूत को चाटने और चूसने लगा.......बूवा आcछि खुसबू आ रही है ....और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, ....नयी चूत को पी रहा था और चूत के पानी को नारियल (कोकनट) के पानी की तरह पीने लगा.....................................बूवा की हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी...उऊहह........आआआआअ.......आहह और ज़ोर से शश............आआआआहह.......बूवा ने शश का शिर पकड़ कर अपनी जाँघो के बीच ज़ोर से दबा रही थी........आआआआआआयययययययययययययययईईई हहााययययययययययययी..........जान्न्न्न्न....शाष्ह हहस्स्स्स्स्सस्स मज़ा आआ रहा है ज़रा और ज़ोर सीईईईई............उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म....एयाया हह.............फिर कुछ ही देर बाद बूवा ने शश का शिर ज़ोर से आपनी चूत पर दबा दिया............चट..ले..शश..........आअहह हह शश...............आआहह हह...और बूवा ने ज़ोर से मेडॅनियल (चूत का पानी) की पिचकारी शश के मुँह में छोड़ दी जिसे शश पता नही किस मज़े मैं गाटा गट पी गया...............और चूत को चाटता जा रहा था.......कुछ देर बाद बूवा कुछ ढीली पॅड गयी......

बूवा............शश कैसा लगा....

शश..अक्च्छा लगा बूवा...बड़ा ही खुश्बू दार स्वादिष्ट टेस्ट था.....

बूवा..अच्छा अब मेरे ऊपेर आ जाओ.....तब तक दोनो ने पूरे कपड़े उतार दिए थे.........देख शश ये चुचि (बूब्स) है...इन्हे धीरे धीरे दबा कर तो चूसो......देखो कैसा लगेगा??????? अब शश बूवा की दोनो चुचियाँ दबा..दबा कर चूस रहा था....बूवा सातवे आसमान मैं तैर्र रही थी ...चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी, पहली बार जो किसी ने छुवा था उसके शरीर को.............शश एक माझे हुवे खिलाड़ी के तरह बूवा के दोनो बूब्स दबा दबा कर पी रहा था...........................

बूवा.........ने शश के लंड को हाथ से पकड़ा और चूत के मुह पर रख दिया...........शश मस्ती मैं चुचियाँ पी रहा था और हिलने के कारण उसके लंड का गुलाबी सूपड़ा चिपचपी चूत मैं दाखिल हो चुक्का था.........

बूवा..शश ज़रा धीरे धीरे इसे भी अंदर तो करो.......शश ने थोड़ी कोशिस की पर लंड आगे नही जा रहा था.....शश बूवा ये और अंदर नही, जाएगा.....................

बूवा.......जाएगा बेटे शश थोड़ा ज़ोर से धक्का तो मारो....शश ने थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा पर लंड अंदर नही गया....शश मेरी दोनो चुचि पकड़ कर चूतड़ पीछे करके एक ज़ोर से जानदार धक्का मार कर देखो...शश ने एसा ही किया तो एस बार कोई चौथाई लंड बूवा की चूत मैं घुस गया......आआआआआआआआआआययययययययययययययययययययए ईईई बूवा की हल्की सी चीखा निकल गयी.....क्या हुआ बूवा शश कुछ डर कर बोला...........बूवा ने कहा कुछ नही धीरे धीरे धक्के मारते रहो................ ना जाने शश को क्या सूझी उसने अपना लंड बाहर खिचा और एक और ज़ोर से दमधार धक्का लगा दिया...इससे पहले कि बूवा संभाल पाती शश ने लंड थोडा बाहर निकाल कर एक और ज़ोर का धक्का मार .....

दिया.............बूवा की एक ज़ोर दार चीख निकल गयी............उउउह्ह्ह्हीईईइ म्माआअ आआआआआआआअहह आआआआआआअ....

बूवा...शश प्लीज़ ज़रा रुक जाओ तुमने तो मेरी फाड़ ही डाली वो दर्द से कराह रही थी...शश एक बार फिर चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया.........

शास..धीरे धीरे बूवा संतोष की चुचिया(बूब्स) दबाते चूस्ते हुवे बूवा के होंठो तक चला गया......अब शास बूवा के होंठ बड़ी ही तन्मयता से चूस रहा था....बूवा के होटो को चुमेते हुवे उसे बड़ा ही आक्च्छा लग रहा था......संतोष (बूवा) शास के इस अंदाज से और मस्त होती जा रही थी वह नही समझ पा रही थी कि एक 1५ साल का लड़का इतनी मस्त चुदाई कैसे कर रहा है......बूवा अब दर्द भूलकर मस्त होने लगी थी....

बूवा...शास ज़रा धीरे धीरे अंदर बाहर करो...शास ने तुरंत बूवा की अग्या का पालन करते हुवे बूवा की चूत मैं धंसा लंड अंदर-बाहर करना सुरू कर दिया.....अब बूवा का दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया था और वो चुदाई का पूरा अन्नंद ले रही थी...अब तो बूवा भी चूतड़ उछाल उछाल कर पूरा लंड चूत मैं ले रही थी...

बूवा..शास अब ज़रा तेज तेज कर ना.....शास एक चुदाई मशीन की तरह लगा रहा और शास के धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 10-15 मिनिट के बाद एक तूफान सा आया और बूवा उछाल उछाल कर पूरा लंड अंदर ले रही थी.....बूवा के हाथ शास के चूटर पर थे और वो अपने हाथो से शास के धक्कू को और ज़यादा स्पीड दे रही थी....फिर तूफान अपने चरम पर आया और बूवा ने शास को अपनी बाँहो मैं भरकर पूरी तरह से जाकड़ लिया..................उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवुयीईयेयीक छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ के साथ बूवा के आँखे बंद होती चली गयी.............................................. ....................................फिर एक शांति सी छा गई.......शास भी इशारा समझ कर...लंड अंदर डाले ही बूवा के उप्पेर लेटा रहा............फिर बूवा ने शश को अप्पर से अपनी बराबर मैं चारपाई पर आने को कहा....शश का लंड अभी भी लोहे की छड़ की तरह टाइट था ....और सूपड़ा और लाल हो गया था.......शास का लंड बूवा की चूत से निकलते ही कुछ बूँद खून की चूत से निकल आई.......बूवा ने शास के होंठ चूम लिए.... शास आज तुमने जो मज़ा दिया है ये जनम जनम तक याद रहेगा.......

शास...बूवा आपने तो कहा था कि आप मुझे स्वर्ग की सैर कराएँगी......

बूवा...शास तुम्हे मज़ा नही आया..????????????????

शास....नही बूवा मज़ा तो नही. आया...स्वर्ग मैं भी नही गया.....

बूवा...तुम्हे आक्च्छा नही लगा?????????????

शास..अक्च्छा तो लगा.,.. पर मज़ा नही आया मेरी नूनी भी अकड़ कर दूख कर रही है....

बूवा..बूवा ने शास के लंड को देखा वो अभी भी खड़ा था और पहले से भी गुलाबी हो गया था....बूवा ने शास का लंड अपने मूह मे भर लिया......और धीरे धीरे चूसने लगी...तभी शास की नज़र बूवा की खुली हुई चूत पर पड़ी...और खून निकलता देखा कर घबरा गया...

शास...बूवा आपकी चूत मैं से खून निकल रहा है.............

बूवा...कई बात नही...आज तुमने मेरी सील तोड़ दी है इसी लिए ये खून निकल रहा है....

शास..अब क्या होगा बूवा..???????????????????

बूवा...कुछ नही होगा...चिंता मत कर , जब कोई कुँवारी लड़की पहेली बार चुदति है तो खून निकलता है.....इसे सील टूटना कहते है..............

शास ..बूवा सील टूटने से खून क्यो निकलता है..???????????? क्या डॉक्टर को दिखना पड़ेगा अब..???????

बूवा.. नही शास डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत नही है, ये तो सभी लड़कियों के साथ होता है.. पहली बार जब लंड चूत मैं जाता है तो सील टूट ही जाती है.........

शास. फिर अब कैसे जुड़ेगी सील बूवा.?????????

बूवा.. चिंता मत करो शास, कुछ नही होगा.

शास. अगर किसी को पता चल गया तो फिर क्या होगा.???????

बूवा. हम किसी से नही कहेंगे.....तुम भी किसी से नही कहना, ठीक है ना??

शास..ठीक है बूवा.. पर आपको दर्द नही होगा ??????

बूवा.. नही शास सील टूटने से बस एक बार ही दर्द होता है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा है....( बूवा की आँखों मैं संतुष्टि और खुशी के भावे थे, उन्होने आज अपनी प्लान मैं कामयाबी जो हासिल कर ली थी...)

शनतोष ने रुमाल से आपनी चूत सॉफ की और शास से कहा “शास एक बार और करें” ?

शास. बूवा नूनी अब बहुत दुख रही है, मज़ा तो कुछ भी नही आया??

बूवा. चिंता मत कर अभी तुम छोटे हो , कुछ समय बाद जब तुम्हे मज़ा आयगा तब सब कुछ भूल जाओगे बस ये बूवा की चूत ही हर समय याद रहेगी.......आच्छा चल अब घर चलते है कल फिर आएँगे तब तक तुम्हारा लंड भी आराम कर लेगा....इसी तरह एक दिन तुम भी स्वर्ग लोक की सैर करोगे......

और दोनो ने कपड़े पहने और घर के लिए चल दिए.........
Reply
06-30-2017, 11:29 AM,
#2
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-२



जब शास घर पहुँचा तो दोपेहर हो चुकी थी और शास को पता चला कि शास के मामा घर आए हुवे है....शास ने दौड़कर जाकर मामा के पैर छुए तो मामा ने बताया कि कल सुभह उन्हे मामा के साथ जाना है कायोँकि उसके ममेरी बेहन सीमा की शादी है....शास बहुत खुश हुआ और सुबह मामा और मोम के साथ मामा के घर चला गया.....

लॅकिन शास मैं संतोष की चुदाई के बाद कुछ परिवर्तन आ गया था.. अब लड़कियों को देखकर उसे बूवा संतोष के साथ की गयी चुदाई की याद आ जाती और उसके लंड मैं कुछ सुरसूरहट सी होने लगती थी......शास दिन भर चहल पहल मैं मस्त रहा, घर मैं बहुत से मेहमान आए हुए थे कुछ औरते और लड़कियाँ भी थी....खेलते मस्ती करते रात (नाइट) आ गयी.. खाना खाने के बाद... अब महिला संगीत सुरू हुवा....तो सीमा दीदी उसे अपने साथ उपेरवाले रूम मैं ले गयी....और दोनो आपस मैं बाते करने लगे.....

सीमा. शास तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है??

शास. ठीक है सीमा दीदी...दीदी मुझे तो नींद आ रही है.....

सीमा. तो काया हुवा तुम यही मेरे पास ही सो जाओ.....

शास ने पेंट शर्ट उतारी और कच्छा- बनियान मैं एक चादर लेकर लेट गया और सोने की तय्यरी करने लगा.........

सीमा अब रूम मैं सोए हुए शास के पास बैठी शादी..पति, उसके बाद होने वाले मिलन, सुहाग रात मैं होने वाली सेक्षुयल आक्टिविटीस के बारे मैं सोच सोच कर मंद मंद मुस्करा रही थी....तभी सीमा की मोम आई और बोली कि सीमा कल पूरे दिन तुम बीज़ी रहोगी और आराम नही मिलेगा फिर ससुराल मैं जाकर भी एक दो दिन तो आराम नही मिलेगा एसलिए तुम अंदर से दरवाजा बंद करके यही शास के पास ही सो जाओ...इतना कहकर सीमा की मोम चली गयी......सीमा ने दरवाजा अंदर से बंद किया और शास के पास ही लेट गयी.....लॅकिन नींद उसकी आँखो से कोषो(माइल्स) दूर थी....

सीमा काफ़ी देर तक करवटें बदलती रही, तभी शास ने करवेट ली और एक पैर सीमा के उप्पेर रख दिया और एक हाथ सीमा की बूब्स पेर रखा गया......सीमा के सरीर मैं हल्की शिहरन सी दौड़ गई.....सीमा शास का हाथ बूब्स से उठाने की सोच ही रही थी की उसेआ आपनी जाँघो पर कुछ चुभता सा महसूस हुवा.....सीमा ने हाथ धीरे से नीचे किया तो उसके हाथ मैं शास का लंड आ गया जो उसकी जांघों पर चुभ रहा था......सीमा चोंक गयी हाथ मैं इतना बड़ा गरम-गरम लंड पकड़ कर.....दरअसल शास का लंड सोते हुवे अंडरवेर(कच्चे) से बाहर निकल आया था......सीमा बिना कुछ सोचे स्मझे ही शास के लंड को हाथ मैं ही थामे रही.......सीमा सोचने लगी कि इस छोटे से शास का लंड कितना बड़ा और मोटा है उसे अपने टशन वाले सर राज शर्मा की याद आई.....

जिन भावनाओ को उसने बड़े मुश्किल से काबू मे रखा, था वोही भावनाएँ अब उस पर हावी होनी लगी थी, अपनी पहली चुदाई की यादे ताज़ा होने लगी थी...........अपने आप उसका एक हाथ उसकी कमसिन,मगर टाइट चुचियो पर रकखे शास के हाथ के उप्पेर से ही आपनी टाइट चुचियों को सहलाने लगा.......और दूसरा हाथ शास के लंड को पकड़े हुवे कुछ तलाश करने की कोशिस कर रहा था....

सीमा अब कुवारि नही थी....! वो पहले ही चुद चुकी थी....! उसकी सील टूट चुकी थी......और यही वजह थी कि सेक्स, रोमॅन्स की बात निकलते ही वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो जाती थी........उसने वो वर्जित फल खाया था, जिसे खाने की उसे मनाही थी,शादी होने तक......

सीमा 9थ की स्टेंडरेड की स्टूडेंट थी...क्लास ओवर होने के बाद अपनी सहेली पूजा के साथ जब सीमा स्कूल से बाहर निकली....क्या बात है पूजा आज बड़ी चुप चुप सी है??? कोई बात नही है पूजा ने जबाब दिया....नही कोई तो बात है..आज अपनी सहेली से छुपा रही हो..........नही सीमा कोई बात नही , है..तो फिर आज चुप-चुप सी खोई-खोई से कायों हो?????मैं जान गई पूजा अब तुम मुझसे भी कुछ छिपाने लगी हो सीमा ने आखरी आस्त्रा छोड़ दिया......नही सीमा मैने आज तक तुमसे कोई बात छुपाई है....तो फिर क्या बात है बताओ ना....पूजा ने सीमा को बताया .....

..सीमा जानती हो कल रात को जब मैं टाय्लेट के लिए उठी तो मैने मम्मी पापा के कमरे से आवाज़ सुनी.....मम्मी कह रही थी कि........

सीमा...है बताओ ना पूजा मम्मी क्या कह रही थी.............??????????????

पूजा...मम्मी कह रही थी की ये तुम्हारा गधे जैसा भारी लंड मैं ही किसी तरह झेल रही हूँ, कोई और होती तो कब का काम हो जाता.........

...सीमा...क्या तुमने मम्मी पापा को करती हुवे देखा है?????

पूजा...नही, बस आवाज़े ही सुनी है....अंदर से बड़ी ही कामुक आवाज़े आ रही थी...और दिन मैं जब मैने सीडी प्लेयर मैं एक सीडी लगाई शायद कोई पिक्चर या गाने होंगे तो जानती हो उस्मन क्या था???????

सीमा...हाई बताओ ना पूजा क्या था उस्मै..............??????

पूजा...वो एक ब्लू फिल्म थी...मैं तो घबरा गई...और उसे जल्दी मैने किताबो मैं ही छुपा दिया......सीमा... क्या तुमने वो ब्लू फिल्म पूरी देखी है....????????

पूजा...हा जब घर मैं कोई नही था तब....शाम को....एक लड़की एक लड़के के उसको चूस रही थी और लड़का लड़की की चूत को चाट रहा था..................

सीमा...फिर क्या हुवा.................?????????????????

पूजा... फिर दोनो चुदाई मैं लग गये, बाड़ा मज़ा आया यार..............तभी बाते करते करते....सीमा का घर आ गया और पूजा का घर कुछ आगे था.......सीमा की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी पूरी तरह से गीली हो गयी थी............घर मैं घुसते ही सीमा अपने रूम मैं गयी और पहले ड्रेस बदली और बाथरूम मैं चली गई...वहाँ पर उसने आपनी पॅंटी उतारी और चूत को ठंडे पानी से धोया.....आकर अपने रूम मैं लेट गयी................

सीमा शाम को 6पीएम पर टशन के लिए राज शर्मा सर के घर चली गई.....राज शर्मासर के सीमा के घरवालो से घरेलू संभंध थे और उनको अपने परिवार का मेंबर ही मानती थी....जब सीमा राज शर्मा सर के घर पहुँची तो राज सर गिलास मैं कुछ हल्के लाल रंग का कुछ पी रहे थे....सीमा हमेशा की तरह बराबर मैं सोफे पर बैठ गई.......

सीमा...आंटी कहाँ है सर..??????????

सर... हमेशा की तरह झगड़ा करके अपने माएके चली गई.....

सीमा को सर राज शर्मा पर बड़ा रहम आया बेचारे कितने अच्छे थे और हॅंडसम भी थे, पर उनकी पत्नी हमेसा ही झगड़ा करती रहती थी....सीमा ने बड़े ही प्यार से सर को देखा..कितने अच्छे है सर...तभी..राज सर ने सीमा का हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया, सीमा अगर तुम बुरा ना मानो तो एक बात काहु??????????

सीमा... कहो ना सर मैं बुरा क्यो मानूँगी?????????

राज... आइ लव यू सीमा, मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और सर ने एक हाथ सीमा के कमर पर कस दिया तथा दूसरा हाथ सीमा की मांसल सुडोल जाँघो पर फिराने लगे...धीरे धीरे सर का हाथ सीमा की स्कर्ट के अंदर सीमा की पॅंटी को छूने लगा....

सीमा...ये क्या कर रहे है सर......?????

पर राज शर्मा का दबाव सीमा पर बढ़ता ही जा रहा था, सर के होंठ सीमा के गुलाबी गालो को चूम रहे थे और हाथ पॅंटी के अंदर तक पहुँच चुक्का था...धीरे धीरे सीमा का शरीर ढीला पड़ने लगा था... राज शर्मा ने धीरे धीरे सीमा के सभी कपड़े उतार दिए...सीमा इतनी ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि उस्मै अब विरोध की एच्छा समाप्त हो चुकी थी....सीमा के दोनो टाइट, सुडोल और छोटे छोटे बूब्स सर के हाथों मैं थे और गुलाबी निप्पेल्स मुह मैं...सर पड़े ही प्रेम से बूब्स पी रहे थे और नाज़ुक टाइट बूब्स से खेल भी रहे थे.. अब सीमा के होंठो से हल्की सिसकारिया निकल रही थी...अचानक सीमा ने सर का चेहरा अपनी और किया और अपने गुलाबी,मुलायम रसीले होंठ सर के होंठो पर रखा दिए.......

सीमा...सर आप कितने अच्छे है..........आआआआहह्ा......

सर..... तुम भी तो कितने प्यारी, लव्ली-लव्ली सी हो..अगर तुम्हारी उमर20-21 साल होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता..................

अब सर धीरे धीरे सीमा के सारे जिश्म को चूम रहे थे....और अब दोनो टांगो के बीच सीमा की चूत पर उनका मूह पहुच चुक्का था.....सीमा की चूत पर मुलायम रोए दार झाँटे देखकर सर और अधिक उतेज़ित हो चुके थे....वे सीमा की चूत को चाटने चूमने लगे......सीमा उत्तेजना की चरम पर थी ( शी वाज़ इन हेवेन नाउ) सर की जीभ सीमा की चूत के अंदर बाहर हो रही थी और बीच बीच मई सिर क्लिट पेर जीभ का दबाव बनाकर छत रहे रहे थे.....सीमा की कामुक सिसकारिया अब तेज होने लगी थी.....

सीमा... सर...अहह हहाआआआआआईईईईईई सस्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्ररर और सर का सिर ज़ोर से अपनी चूत पर दबा रही थी...... आआअईईईएउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म्म........सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओीईईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स..........अब सर ने सीमा की दोनो टाँगे फैलाई और अप्पर उठाकर टॅंगो के बीच पोज़िशन लेली.....चूत से पानी बह रहा था और फुल्ली लूब्रिकेटेड हो चुकी थी.....सर ने अपने 7” के थिक लंड को सीमा की चूत के मूह पर सेट किया......सीमा को लगा जैसी कोई गरम रोड उसकी चूत को छू गई .......

पोवर्ड बाइ आद्टोल्ल अड्वरटाइज़ हियर

हो....उउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईस्स्स्स्स्स्सीईइर्र्र र्र्र्र्र्ररर...........और सर ने धीरे से ईक हल्का धक्का ठोक दिया............आआआआआआयययययययययययययययययईई ईईए...सीमा दर्द से कराह उठी....सर के लंड का सूपड़ा चूत मैं समा चुक्का था.....

सीमा...प्लीज़ सर और नही..आआआआआआईईईईईई बहुत दर्द हो रहा है....बस सर आआआअहह.....तभी सर ने मौके की नज़ाकत को समझ कर दो तीन जबरदस्त धक्के मार दिए और पूर का पूरा लंड सीमा की चूत मई समा चुक्का था....सीमा की जोरदार चीखे निकल रही थी, अओर सर ने सीमा को कस कर बाहों मैं दबा रक्खा था......ऊवूऊवुयूयियैआइयैआइयैआइयैआइयैयीयिम्यूयूवम्मियीयीयैयीई ईयीई ह्हियैआइयियीयेययाया सस्सिईइइर्ररर म्‍म्म्माआर्ररर ददाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआआआआआआआआआआ आआआआअहह...सीमा की आँखो मैं आँसू बह रहे थे.....सर ने लंड को हिलाना बिल्कुल बंद कर दिया था...और सीमा के होंठ चूमे जा रहे थे और दोनो हाथो से सीमा के बूब्स को सहला रहे थे.......अब सर सीमा के गले,,छाती,,,बूब्स,,कानो (यियर्ज़) के पीछे चूमे जा रहे थे....सीमा अब भी दर्द से कर्राह रही थी...धीरे धीरे सीमा का विरोध कम होता जा रहा था.....अब फिर सर ने धीरे धीरे लंड को थोड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था.......सीमा अब कोई विरोध नही कर रही थी.....अब सर का लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर होने लगा था.....और सीमा भी अब आनंद का अनुभव करने लगी थी....

और अब चुदाई अपना पूरी स्पीड पकड़ चुकी थी...सीमा भी अब चूतड़ उछाल उछाल कर सहयोग कर रही थी..आआआआहह सर और ज़ोर सएआआाआआआअ..........आआआआआहह ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवम्म्म्म्म्म्म्मायायाययाया फाड़ दो सर आआहह.......चुदाई के स्पीड अपने चरम पर थी......दोनो की बाँहो का दबाव बढ़ता जा रहा था.........

सीमा...सर.......मुझे....कुछ....आहह...सर.. ........आआईईए....आहह ........सस्स्स्स्स्सिईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आआआआआआआआआ और सीमा के हाथो का कसाव सर की पीठ पर बढ़ता गया............तभी सर भी....कुछ बुबदाने लगे.....सीएमममाआ म्‍म्मईएरररिइ ज्ज्जाआन्न्न्न्न ल्ल्ल्ल्ल्लीईईए आआओउउउर्र्ररर ल्ल्ल्लीई...............................

सीमा को लगा कि गरम गरम लावा उसकी चूत मैं फूट पड़ा हो....उसकी चूत की आग को शांत करने के लिए.....फिर दोनो ने एक साथ एक दूसरे को कस कर भींच लिया............................. और कुछ देर बाद ये तूफान शांत हो गया. राज शर्मा ने एक कुवारि चूत को चोद कर मज़ा ले लिया था तभी शाश के हिलने से सीमा ध्यान भंग हुआ और वा अपने वर्तमान मैं लौट आई एक हाथ से उसने शाश का लंड पकड़ा हुआ था दूसरे हाथ से सीमा .धीरे धीरे अपने बूब्स को सहला रही थी....सीमा की चूत पानी छोड़ रही थी और तेज तेज साँसे चल रही थी...

सीमा की साँसे तेज तेज चल रही थी और चूत मैं आग लग चुकी थी.....चूत पानी छोड़-छोड़ कर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी......अब सीमा से एक एक पल बिन चुदाई के भारी पड़ रहा था...... वह नही समझ पा रही थी की कैसे सुरू करे.....बाहर मेहमानो का शोर, और सीमा के अंदर वासना का ज़ोर ......कभी सीमा सोचती कि ये छोटा भाई.....इसके साथ क्या सेक्स ठीक होगा....क्या ये सेक्स कर पाएगा पर वासना चेतना पर भारी पड़ रही थी....एक सस्मसहेट एक द्वन्ध से घिरी सीमा .....चूत को अब लंड की इच्छा चरम को छू रही थी.....चूत के होंठ खुल बंद हो रहे थे......सीमा की साँसे गरम और तेज हो रही थी......आँखे लाल हो चली थी........आख़िर सीमा पर वासना ने काबू कर ही लिया....सीमा शास के हाथो से चुचीयो को ज़ोर ज़ोर दबाने लगी थी.....कभी एक हाथ शास के लंड पर कभी...खुलती-बंद होती चूत पर घूम रहा था.....आँखें वासना के सरूर मैं भारी हो चली थी......आख़िर मर्यादा का बाँध टूट गया..... सीमा सोते हुवे शास के गुलाबी होंठ चूमने लगी.....शास ने आँखे खोल ली......दीदी????????????....शास प्लीज़ कुछ मत बोलो.......प्लीज़ शास.......आपनी दीदी को बचा लो....ये आग मुझे मार डालेगी?????????????...शास आश्चर्या से सीमा को देखा रहा था......

सीमा...शास प्लीज़ कुछ करो......मेरे होंठो की, मेरी चूत की प्यास बुझा दो शास......शास प्लीज़,.....तुम्हारा लंड बहुत बड़ा लूंबा और मोटा है.....

शास...दीदी..................??????????????

सीमा... तुम्हे तुम्हारी दीदी की कसम....कुछ करो.....सीमा बैठ गई....और शास के लंड को हाथ मे लेकर.....देखो शास, ये तुम्हारा लंड मेरी प्यास ज़रूर बुझा सकता है......अऔर उसी भाववेश मैं लंड के सूपदे को चूमने लगी.......

शास से दीदी की बचैनि देखी नही जा रही थी.....वो समझ नही पा रहा था कि वो क्या करे...?????...तभी शास को संतोष बूवा की याद आई......वो कुछ- कुछ समझने लगा कि अब उसे क्या करना.....है......लॅकिन ये तो दीदी हैं ????????????

शास...बताओ दीदी मैं क्या कारू????जिससे आपको चैन मिले.......???????????
Reply
06-30-2017, 11:29 AM,
#3
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
सीमा...शास....मेरे भाई...चोद डाल...अपनी इस पयासी बेहन को......शास अब कुछ मत बोलना....बस चोद डालो...इस चूत को....फाड़ डालो इसको...बुझा दो इसकी आग....उउउउउउउउउआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास............प्लीज़.......

शास...शास के दिमाग़ मैं संतोष बूवा का चेहरा घूम गया...वो सब याद आने लगा...जिससे संतोष बूवा को सुख मिला था.....सीमा शास के लंड के सूपदे...को चूम-चाट..रही थी...सीमा का एक हाथ उसकी आपनी चूत पर मालिश कर रहा था...

शास ने सीमा की दोनो चुचिया अपने हाथों मैं पकड़ ली और उन्हे सहलाना और मसलना.....शुरू कर दिया.....सीमा ने चेहरा उप्पेर उठा कर शास के ओर देखा....शास ने दीदी की तरफ देखा...और दोनो मंद-मूंद मुस्कुरा दिए......शास ने एक हाथ से सीमा का चेहरा उप्पेर किया...और गुलाबी-गुलाबी होंठो पर अपने...गुलाबी..होंठ रख दिए.....अब दोनो एक दुसरे के होंठो का रस मस्ती मैं पी रहे थे...और शास का एक हाथ सीमा की चुचियों पर घूम रहा था........कुछ देर होंठो का रस पीने के बाद शास ने एक चुचि के गुलाबी नाज़ुक निपल को अपने होंठो मैं ले लिया...शास एक हाथ से सीमा की चुचियाँ मसल रहा था....और दूसरे हाथ से दूसरे चुचि को दबा –दबा कर मस्त होकर पीने लगा...........सीमा...मस्ती मैं डूबती जा रही थी....आखे बोझल हो रही थी...मस्ती और कामुकता की दबी दबी सिसकारी निकलने लगी......अब शास दोनो हाथो से चुचि को दबा कर मसल कर पीने लगा..कभी..कभी...वह अपनी जीभ से पूरी चुचि को चाट लेता कभी चुचि को इधर उधर होंठ और दाँत मैं दबा कर चूम रहा था..........सीमा दोनो हाथो से शास की कमर और सिर से पकड़कर आपनी चुचियों पर दबाव बढ़ा रही थी.....अब शास ने सीमा...के सभी कपड़े उतारने शुरू कर दिए...धीरे धीरे सीमा बिल्कुल नंगी...शास की बाहों मैं थी....सीमा ने शास का अंडरवेर खोल कर नीचे कर दिया, और बनियान भी उतार दी........शास अब एक मझे हुवे खिलाड़ी की तरह......सीमा के बदन को चूम-और-चाट जा रहा था...............अब शास सीमा के बूब्स गला.....पेट,,नाभि को चूमते हुवे चूत की और बढ़ रहा था....काले घने बालों के बीच छुपी हुई सुर्ख लाल चूत.....शास ने पहले चूत के दोनो दरवाजो को खोल कर सीमा की क्लिट पर हमला कर दिया,, शास जीभ डाल.डाल कर क्लिट को चूम.चाट ने लगा......मद-होश सीमा की सिसकारियों की आवाज़े बाहर मेहमआनो के शोर मैं दब कर रह जाती थी....फिर एकाएक शास ने अपनी जीभ सीमा की चूत मैं पूरी घुसा दी और घुमाने लगा... सीमा के हाथ शास के सर पर आ गये.....

सीमा...के शरीर मैं सरसरहट बढ़ती जा रही थी...चूत पर शास के मूह का दबाव,,कभी क्लिट और कभी चूत के अंदर जीभ, एक ऐसे तूफान मैं.....सीमा जा चुकी थी...जहा पर बस कुछ ही दूर एक जन्नत की मंज़िल....थी...बादल फट कर पूरा पानी एक ही छलक के साथ शास के मूह मैं बरस जाने के लिए तय्यार हो चुके थे......सीमा के पूरे शरीर मैं हज़ारो बिजलियाँ एक साथ दौड़ गये आँखे बंद हो गयी....हाथो का दबाव शास के सर(हेड) पर एकाएक काफ़ी बढ़ा गया था....और एक लंबी सिसकारी ....... आआआईईईईईई.......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ अयू......आआआआआ....आआआआआअहह ....सस्स्स्शहाआआसस्स्स्सस्स.....आआआआअ के साथ....ज्वार-भाटे से उठी लहर का सारा जाल शास के मुहा मैं भर गया....शास..नारियल..पानी..के स्वाद के साथ उसे गाटा गट पी रहा था......क्या सुगंधित था ये चूत का पानी????????????? सीमा का शरीर कुछ देर तक यू ही...आकड़ा....रहा...पिचकारी...छूटती रही.....शास पी...पी...कर मस्ती मैं भरता गया.............................................. .

शास...ने चूत चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की और....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......

शास...फिर से सीमा की नाभि, पैट, औट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बढ़ने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....

शास... का मोटा और लंबा लंड...लोहे की रोड की तरह टाइट....गुलाबी सूपड़ा.... ये बात अलग थी कि अभी तक शास का गम फॉल नही हुवा था.....शास...सीमा के होंठ...गाल और गर्देन पर जिभा फेर-फेर कर सीमा की चूत की आग को और भड़का रहा था......अब सीमा...की सिसकारी फिर फूटने लगी....उउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म....आआआआआआअहह हह ........सस्शहाआअसस्स्स्स्स्स्स्सस्स............ईईईईईईई इईईईईईईईई............सीमा की टाँगे खुलने लगी....और चौड़ी...और चौड़ी......अब शास का लंड सीमा की चूत से टकराने लगा था...जिससे सीमा की उत्तजना और....और...और बढ़ती जा रही थी.....चूत..खुलने..बंद होने लगी...लंड खाने के लिए बैचेन.....

शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......

सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....

शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्द्द्ध्ह्ह्हीईर्र्र्र्रीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने थोडा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......शायद आज लंड भी बेकरार था चूत मैं घुसने के लिए......

शीमा की जूरदार चीख......ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवुउवुयियैआइयैआइयैआइयैआइयीयीयियी ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमआनो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इक्ठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की की कयी चीखा एक शाथ निकल गैई

पोवर्ड बाइ आड्टल अड्वरटाइज़ हियर

शास...ने चूत को चाट..चाट कर सूखा दी थी.......लकिन अभी भी सीमा की चूत से एक लेशदार (लूब्रिकेटेड) पानी निकल रहा था......सीमा के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया.....शास...अगली मंज़िल की ओर....क्लिट की पूनह: जीभ का दबाव डालकर मालिश करने लगा.....शास के दोनो हाथ सीमा के मांसल जाँघो पर मालिश कर रहे थे.....सीमा के पूरे बदन मैं फिर शिहरन सी होने लगी थी.....शास...सीमा की चूत की क्लिट चाट चाट कर पहाड़ की चोटी की तरह बना रहा था......

शास...फिर से सीमा की नाभि, पेट, आउट छाती को चूमने लगा...दोनो चुचियो का ताज़ा दूध पीकर मस्त हो रहा था....सीमा के बदन मैं लहरे बहने लगी...और शास बारी बारी दोनो चुचियो को पीता...गया..मसलता गया....दबाता और सहलाता गया........कुछ देर बाद शास ने सीमा के रसीले होंठ अपने होंठो मैं लिए और चूसना शुरू कर दिया.....सीमा..और शास की जिभे टकराई....चूसा....मस्ती..और जोश....

शास... का मोटा और लंबा लंड...लोहे की रोड की तरह टाइट....गुलाबी सूपड़ा.... ये बात अलग थी कि अभी तक शास का गुम फॉल नही हुवा था.....शास...सीमा के होंठ...गाल और गर्देन पर जीभ फेर-फेर कर सीमा की चूत की आग को और भड़का रहा था......अब सीमा...की सिसकारी फिर फूटने लगी....उउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म....आआआआआआअहह हह ........सस्शहाआअसस्स्स्स्स्स्स्सस्स............ईईईईईईई इईईईईईईईई............सीमा की टाँगे खुलने लगी....और चौड़ी...और चौड़ी......अब शास का लंड सीमा की चूत से टकराने लगा था...जिससे सीमा की उत्तजना और....और...और बढ़ती जा रही थी.....चूत..खुलने..बंद होने लगी...लंड खाने के लिए बैचेन.....

शास..ने पहली बार अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर....सीमा के चूतद्वार....पर उसे पोज़िशन दी.....टाइट,मोटा,लंबा तना हुवा लंड......चूत के दरवाजे पर रखा लंड का सूपड़ा...चूत की गर्मी को महसूस कर और चौड़ा हो रहा...था....और सीमा की चूत को खुला निमंत्रण दे रहा था..... चूत तो पहले ही लंड को खाने की फिराक मैं थी......

सीमा...शास अब अपने लंड को अंदर करो ना????? अब और सहन नही हो रहा...है....

शास ने इशारा मिलते ही लंड का दबाव सीमा की चूत पर बढ़ा दिया......लूब्रिकेटेड चूत....नशे मैं मस्त चूत....शास ने हल्का सा एक धक्का लगाया....लंड का सूपड़ा चूत मैं समा गया.....सीमा की चूत अब कुँवारी नही थी...पर चुदाई को काफ़ी दिन बीतने और शास के भारी लंड ने सीमा की एक हल्की चीखा निकलवा दी.....उउउउउउईईईम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआअ ........सस्स्स्स्स्स्शहाआआअसस्स्स्स्सस्स ....द्दद्धीईरररररीईए....सस्स्सीईए.........श आस अपने मैं मस्त....चूमता चाटता...चुचियो को मसलता....होंठो को चूमता.....शास ने तोड़ा पीछे होकर एक जबरदस्त धक्का....मार ही दिया.......सायेड आज लंड भी बेकरार था छूट मैं घुसने के लिए......

शीमा की जूरदार चीखा......उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममममाआआआआआआमम्म्मममम एम्म्म...........सस्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्सस्स ससस्स.....आआआआआआईईईईईईहह प्पफाआद्दद्ड ह्ह्ही द्दाल्ली....आआअहह......अगर बाहर मेहमानो...का शोर और महिला संगीत नही चल रहा होता तो सभी वही पर इकठ्ठा हो गये होते.....मगर शास को इतनी परवाह कहाँ.............वो तो नया खिलाड़ी था चोदने का.....उसे तो बस चोदना था........दूसरे ही पल शास का एक और जोरदार धक्का...और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत मैं समा गया..........सीमा की कई चीख एक शाथ.निकल गैई............

सीमा की चीखूं की आवाज़ ढोल.भांगदे की आवाज़ मैं दब कर रह गई......उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईए......... ................आआआआआआआआऐईईईईईई आआआआआआआआअहहीए ईईईंमम्ममममममममममाआआआआआआआअम्म्म्मममममीईए ईईईई...............सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शहााआअ आआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.............फाड़...........ह ई...द्दाल्लीइीईईईईईई.............ईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईकककककककककचह............मगर शास अपनी चुचिया पीने मैं मस्त.......और सीमा की आँखों से पानी निकल आया था.....सीमा धीरे धीरे कुछ सामान्य हूई तो शास को चुचियाँ पीने मैं मस्त देखकर दर्द को भूलकर मन्दिम सी मुस्कुरा दी...........सीमा ने शास का चेहरा अपनी और किया और शास के होंठ चूम लिए...........बड़े ही मस्त चोदू हो....शास.........सीमा बुदबुदाई.......मगर शास फीर अपनी चुचियाँ पीने मैं मस्त हो गया...............

सीमा.....शास चुचियाँ ही पीते रहोगे या कुछ और भी करोगे????????????

शास... बोलो दीदी क्या करना है.??????????? क्या धक्के मारना शुरू कर दूँ...??????

सीमा...शास क्या तुम्हे चुदाई करने मैं मज़ा नही आता है........????????????

शास...अच्छा तो लगता है पर मज़ा तो अभी नही आया.................

सीमा...तुमने पहले भी किशी की चुदाई की है.............?????????

शास...हा दीदी एक बार....तभी..तो तुम्हे...चोद रहा हूँ.....?????????

सीमा...किसे चोदा था .....????????

शास...नही दीदी संतोष बूवा ने किसी को बताने से मना किया था...

सीमा...मुस्कुरा दी...अच्छा तो तूने पहेले संतोष बूवा को चोदा है...????????

शास...आपको कैसे पता चला दीदी...........???????????

सीमा...बुद्धू कही का.......और शास के होंठ चूम लिए......शास के दोनो हाथ अभी भी सीमा की दोनो चुचियों से सहला और मसल कर खेल रहे थे.....सीमा की साँसे अभी भी तेज तेज चल रही थी...........सीमा के हाथ शास की कमर पर कस गये....शास समझ गया की चुदाई शुरू करनी है....और उसने धक्के मारने शुरू कर दिए.............सीमा के हाथ धीरे.धीरे शास के चूटरों पर आ गये थे....और वे शास के धक्को को स्पीड देने मैं सहयोग कर रहे थे.....स्पीड बढ़ती जा रही थी....लगभग 20-25 मिनूत्स की चुदाई के बाद .. शीमा सातेवे आसमान पर शोर कर रही थे......सीमा के सरीर मैं खिचाव सा आने लगा था....

शास...दीदी मुझे कुछ हो रहा है......आआआआहह दीदी.....मेरे अंदर कुछ हो रहा है....मेरे लंड मैं कुछ खिच सा रहा है.....

सीमा....और तेज शास.....और ज़ोर से चोदो.......मैं जा रही हूँ चोदो...और चोदो........और सीमा..की आँखे बंद हो गई उसके हाथ.......शास की केमर पर ज़ोर से बँध गये.....चोदो..शास चोदो और ज़ोर से.....मैं गयी शास........ऊवूऊवूयूवूवम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मायायायीययाया आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईउउउउउउउउउ उूऊउईईईईईईईईईई........

और सीमा की चूत मैं पानी का फ़ौवारा छूट गया......उसने शास को और ज़ोर से भींच लिया...... तभी........

शास...दीदी मेरी आँखे बंद हो रही है....मुझे कुछ हो रहा है मेरे सरीर मैं से कुछ निकल रहा है.......उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआअ अहछद्द्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईईईईईईययड्डी ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआअहीईई ईईई.........और शास का पहली बार वीर्य (गुम) की बस एक दो बूँद ही सीमा की चूत मैं गिरी थी......शास ने सीमा को और ज़ोर से अपनी बाहो मैं जाकड़ लिया था...........आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउ उम्म्म्मममममममममके साथ शास सीमा के बदन से चिपक गया...............दोस्तो अभी कहानी बाकी है आगे शाश ने किस किस की चुदाई की ये जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें
Reply
06-30-2017, 11:30 AM,
#4
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-४

शास और ज़ोर से सीमा से चिपकता चला गया..........जैसे उसका पूरा शरीर ही सीमा की चूत मैं समाता चला जा रहा हो.......एक अशीम आनंद के साथ...........सूनी (ज़ीरो) तक..........शास का लंड अभी भी सीमा की चूत मैं ही फँसा था......करीब 10 मिन्यूट्स तक दोनो......इसी तरह से एक दूसरे को भिचे.....पड़े रहे........

सीमा...मेरे भाई आज तो तुमने चुदाई का वो आनंद दिया.....जो मैं कभी नही भूल पावंगी.....तुमने तो वो चुदाई की ...जो बड़े-बड़े चोदु भी नही कर पाते है.....आज एक मुद्दत के बाद चुदाई का जो सुख मिला हैं....मज़ा आ गया...................

शास...दीदी मैने भी आज पहेली बार स्वर्ग की सैर की है.....मैं तो पूरा ही तुम्हारी चूत मैं चला गया था......

सीमा...मुस्कुराते हुवे...तुम्हारा तो लंड ही झेलना भारी पड़ गया था.......

कुछ देर के बाद शास ने लंड को बाहर निकाला...दो- चार बूँद चूत का पानी (लेस्श) और गम मिलाजुला चूत से बाहर निकल आया.....

शास... आपकी चूत से खून नही निकला....क्या आपकी सील नही टूटी है क्या??????

सीमा...तुम्हे कैसे पता कि सील टूटने से खून निकलता है....????????

शास...संतोष बूवा की चूत से निकला था....बूवा ने ही बताया था.....लकिन उन्होने किसी को बताने से मना किया था....

सीमा...शास मैं किसी थोड़े ही हूँ मैं तो तुम्हारी दीदी हूँ....

शास...दीदी आपकी चूत से खून क्यों नही निकला है.....क्या आपकी सील नही टूटी है दीदी???

सीमा...तुम्हारा लंड तो कई सील एक साथ तोड़ दे.....मैरी सील पहले ही टूट चुकी थी....फिर भी इतना दर्द हुवा...अगर आज सील टूटती तो मैं तो मर ही जाती....

शास...पहले किसने तोड़ी थी दीदी.....??????????

सीमा... मेरे एक सर थे....उन्होने.....

थोड़ी देर बाद सीमा ने शास के लंड को देखा.....गुलाबी..गुलाबी रॅशीला सूपड़ा....और बड़े ही प्यार से फिर चूसने लगी....सीमा ने शास को बताया कि आज तो उसकी भी सील टूट चुकी है.......

शास...मेरे तो खून नही निकला दीदी...????????????

सीमा....लड़को को खून नही...वीर्या(गुम) निकलता है...जो तुम्हे आज पहली बार थोडा ही निकला है............

उस रात सीमा और शास ने फिर दो बार चुदाई का आनंद लिया और रात के पिछले पहर मस्त होकर सो गये.......

सुभह के 8 बजे रहे थे...शास मस्त होकर सो रहा था....सीमा अपनी सहेलियो के साथ नीचे हॉल मैं हंस हंस कर कुछ आनंदित बाते कर रही थी....उनमें कुछ सीमा की खास सहेलिया भी थी....शादी की बातें...साजन की बातें....मस्ती का आलम था...वहाँ.....तभी..सीमा की बूवा आई...सीमा तुम जल्दी से तय्यार हो जाओ तुम्हे महेन्दि और श्रन्गार करवाने के लिए जाना है.....सीमा पूजा के साथ अंदर के रूम मैं चली गयी.....बाकी लड़कियाँ वही पर आपेस मैं बाते करती रही....

पूजा...आज तो बड़ी मस्ती मैं हो...????????????

सीमा...तुम्हे ऐसा कयूं लगा.....?????

पूजा...इतनी मस्ती मैं तो तुम कभी बात नही करती थी....आज तो रंग बदला...नज़र आ रहा है.....कोई खास बात है क्या......?????????

सीमा...तुमने पूजा मुझ से कभी कोई बात नही छुपाई, एसलिए मैं कैसे छुपा सकती हूँ.???

पूजा... तो फिर बता ना क्या बात है...?????क्या ससुराल जाने को खुश हो रही है...?????...जीजा जी के साथ सुहग्रात मनाने के विचारो मैं खुश हो रही हो..???

सीमा...आरी नही पूजा....”सुहग्रात” तो मैने रात ही मना ली ....और सीमा ज़ोर से हंस पड़ी.......और पूजा की तरफ..मस्त निगाहो से देखा..???????

पूजा...सीमा..क्या???????????? क्या बोल रही हो...??? कुछ पता भी है..?????????

सीमा...है यार सच कह रही हूँ.......रात बड़ी मस्त थी.......तीन-तीन बार सुहग्रात मनाई , बस पूजा पूछो मत....कया मस्त सुहग्रात थी...........रात भर आँखे खुली ही नही...

पूजा...क्या सपने मैं (इन दा ड्रीम)......???????????

सीमा...नही पूजा, हक़ीकत मैं...

पूजा....मज़ाक कर रही हो....???

सीमा...नही पूजा ...मेरा यकीन कर... रात मैं तीन बार....वो मस्त चुदाई हुई की जीवन भर याद रहेगी.............चुदाई मैं हमेशा लड़की की सील टूटती है...पर रात मैं मैने एक लड़के की सील तोड़ दी...??????????

पूजा...सीमा मेरी कुछ समझ मैं नही आ रहा है...तुम क्या कह रही हो.....साफ_साफ बताओ ना क्या हुवा.....???????????? ( पूजा बड़े ही असचर्या से सीमा को देख रही थी....लॅकिन सीमा के गालो पर गुलाबी पन देखकर और आँखो की चमक बता रही थी कि कुछ तो है....पूजा कुछ समझ ही नही पा रही थी...कया कोई लड़की शादी से पहले ही रात मैं ऐसी सुहग्रात मना सकती है.??????? उसका अस्चर्ये बढ़ता जा रहा था....)

सीमा... आरे साफ..साफ ही तो बता रही हूँ कि रात मैं मैने सुहग्रात बड़े ही मस्त होकर मनाई है....क्या मैने कभी तुमसे झूट बोला है..?????????

पूजा...मुझे याकीन नही हो रहा है....कौन था वो....????????

सीमा.... बतया ना मैने ही उसकी सील तोड़ी है....

पूजा...कौन है वो...........?????????

सीमा... शास.....मेरी बुआजी का लड़का....अभी कम उमर है...मगर ..उसका लंड क्या मस्त है...देखा लेगी तो खाए बिना नही रह पाएगी..........

पूजा...क्या???????????????????

सीमा ... हाय पूजा सच कह रही हूँ....( एक बार तुमने बताया था ना कि रात मैं तुमने अपने मम्मी-पापा की चुदाई की बाते सुनी हैं...तुम्हारे पापा का लंड गधे के लंड की तरह बड़ा है.....बस शास का लंड भी ऐसा ही है.......मेरी जान....कयूं परेशान है...मिलवा दूँगी....जीवन मैं...शास के सिवाय कोई और याद ही नही आएगा....)

पूजा...सच कह रही हो.....????????????

सीमा....हाँ यार....कया मैने आज तक कभी तुमसे कुछ भी झूट बोला है.....और देख शास उप्पेर के रूम मैं सो रहा होगा...रातभर तो मैने उसे सोने नही दिया...मैं तो ब्य्टिपार्लर मैं जा रही हूँ...तुम ज़रा जाकर उसे जगा देना ...और मेरे आने तक उसका ध्यान....तुम्हे ही रखना है....समझ रही हो ना मेरी बन्नो........????????

पूजा...मैं कैसे ध्यान रखूँगी..???

सीमा...मैने सब कुछ सच बता दिया ना... वो मेरा खास हो गया है....मेरा खास भाई. शास....क्या तुम मेरे खास भाई का ध्यान भी नही रख सकती....कया तुम मेरी इतनी से भी बात नही मनोगी...?????????

पूजा...ये तुम क्या कह रही हो सीमा...मैने आज तक तुम्हारी कोन सी बात गिराई है....

सीमा...तो फिर शास का ध्यान रखना....मैं ब्य्टिपार्लर जा रही हूँ....वो उप्पेर के रूम मैं सो रहा है...........

कुछ देर के बाद सीमा अपनी बूवा और बड़ी बेहन के साथ ब्य्टिपार्लर मैं चली गई... और पूजा घर पर बैठी सोच रही थी...कि अब उसे क्या करना चाहिए...सीमा तो शास की ज़िम्मेदारी उस पर छोड़ गयी है............

पूजा बैठी सोच रही थी अब वो कया करे.... उसे कया करना चाहिए....इसी उधेड़..बुन मैं पूजा.....फिर सीमा की बात सुनाई दी .... पूजा....”सुहग्रात” तो मैने रात ही मना ली .... रात मैं तीन बार सुहग्रात मनाई है ... .....”.रात बड़ी मस्त थी.......तीन-तीन बार सुहग्रात मनाई , बस पूजा पूछो मत....कया मस्त सुहग्रात थी...........रात भर आँखे खुली ही नही.”.... ..”उसका लंड कया मस्त है...देख लेगी तो खाए बिना नही रह पाएगी”.......... और उसके बाद तुम्हे शास के अलावा कोई और याद ही नही आएगा... ..” एक बार तुमने बताया था ना की रात मैं तुमने अपने मम्मी-पापा की चुदाई की बाते सुनी हैं..

पूजा उठ खड़ी हुई....उसके कदम धीरे धीरे सीढ़ियो (स्टेप्स) की और बढ़ने लगे.....पूजा....अभी...भी...शून्य...(ज़ीरो)... मैं फँसी थी.....कदम धीरे धीरे बढ़ रहे थे.....और...पूजा...ने पैर सीडीयो पर रख..दिया....

पूजा...कभी..सीमा, कभी..शास...के बारे मैं ही सोच रही थी...”बड़ा मस्त लंड है शास का”.....एक बार देखलोगि तो खाए बिना नही रह पावगी.....पूजा हल्के से मुस्कुरा दी....उसके मन मैं उत्सुकता...जाग उठी....उसके कदम थोड़ा...तेज..तेज बढ़ने लगे...शास के रूम की तरफ....शास के रूम का दरवाजा अभी भी बंद था....कुछ पल पूजा रुक गयी....अंदर शास कया कर रहा होगा....शायद अभी तक सो रहा होगा....”रातभर तो सीमा ने उसे सोने नही दिया”....तीन- तीन बार मस्त चुदाई की है....

पूजा.. ने फिर हिम्मत जुटा कर दरवाजा खोल दिया.....अंदर बेड पर शास लेता हुवा पीठ के बल सो रहा था... उसका लंड अंडरवेर मैं अभी भी तंबू बना हुवा था....

शास के इस तरह अंडरवेर मैं तंबू बने लंड पर नज़र पड़ते ही ....शरम से पूजा की आँखे नीची हो गई....उसके मन मैं घामाशान शुरू हो गया.....एक मन कह रहा था....कि पूजा वापस नीचे चलो.....दूसरे मन मैं एक जिगयसा जाग उठी थी... शास के लंड को देखने की......

पहला मन...पूजा तुम नीचे चलो...तुमने आज तक अपने कुंवारे पन की रक्षा की है...ये नारी धर्म नही है....अगर किशी को...पता चल गया तो.....मा. बाप की बदनामी अलग होगी...हमारा धर्म...इसकी एज्जाजत नही देता...चल पूजा चल...नीचे चल....औरत के पास एक ही दौलत होती है उसके सतित्व अगर....वो ही चली जाए तो रह कया जाएगा.....आज तक कितने ही लड़को ने तुम पर नज़र रखी पर तुमने नज़र उठाकर नही देखा.....एक ही झटके मैं अपना कया सब कुछ लूटा दोगि...???????????चल चल नीचे चल पूजा...चल..!!!!!!!!!! पूजा के कदम नीचे चलने के लिए जैसे ही मुड़े............

दूसरा मन चीख उठा....नही ... पूजा ...नही रुक जाओ....सीमा ने कितने विस्वास के साथ तुम पर शास की ज़िम्मेदारी डाली है......कया सीमा के विस्वास को तोड़ दोगि....सीमा की तुम सबसे प्यारी सहेली हू....एक ही पल मैं उसके विस्वास को....यूँ ही तोड़ दोगि....कितनी ही लड़कियों से पूजा की दोस्ती है....पर उसने शास की ज़िम्मेदारी....तुम पर ही कयूं डाली...?????? सोचो...पूजा...ज़रा....सोचो...कितना भरोसा है तुम पर सीमा को.....उसने कोई भी बात कया....तुमसे छुपाई.....और तुम......?????????????

नही पूजा मत बहको..... चलो नीचे....कया आपनी निगाहो से नही गिर जाओगी???? इसी लिए कहता हूँ चलो नीचे जाओ....पूजा नीचे जाओ....

रुक जाओ पूजा...तुम सीमा के विस्वास को ऐसे...नही तोड़ सकती....फिर इसमे बुराई ही कया है......कया ये परकृति का नियम नही है....कि नर मादा की तरफ...अओर मादा नर की तरफ....आकर्षित होते ही है....इसमे ....बुरा कया है....सीमा मेरी सबसे प्यारी सहेली...क्या मैं उसका विस्वास तोड़ दूं...............????????????

धीरे धीरे पूजा पेर दूसरा मान हावी हूता गया...और ...पूजा के कदम शास...के बेड...की अओर बढ़ने लगे....पूजा की आँखे शास के तने हुवे लंड पर जमी थी....आँखो...ही...आँखो...मैं..पूजा शास के लंड की लंबाई...अओर मोटाई नाप रही थी....कड़ें बढ़ रहे थे....शास के बेड की अओर..........

चलते चलते एक बार फिर पूजा के कदम ठहेर गये....तुम कया कहोगी...शास ..से..??? क्या..बात करोगी...कया कहोगी????? तुम तो पूजा पहले मिली भी नही हो शास से...???? लॅकिन पूजा की नज़रें अभी भी शास के बॅमबू बने हुवे लंड पर ही थी...अनेक ख़याल आ .. जा...रहे थे.... इसी कस्मकस मैं पूजा ने आपनी चूत मैं गीलापन महसूस किया... लॅकिन पूजा का अन्तेर्मन...अभी भी उसे चेतावेनी दे रहा था....पूजा ये पाप है....तू कया करने जा रही है शास के पास चल नीचे अभी भी समेय है....लॅकिन पूजा पर अब शायद ही इस सब का असर होने वाला था.....उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी थी...चूत मैं कुछ..कुछ होने लगा था सामने था शास का तना हुवा...बॅमबू बना हुवा लंड.....और पूजा की आँखे स्थिर थी उसी पर.....पाप और पुण्य के उप्पेर अब वासना हावी होने लगी थी... पूजा खड़ी थी निहार रही थी शास के लंड को....जो कुछ ही कदम दूर था पूजा से....बस ...एक..दो कदम...की...दूरी...पर...पूजा का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था...

पूजा ने आँखे बंद कर ली...उसकी आँखूं के सामने शास का भारी..भरकम लंड घूमने लगा...फिर पूजा ने एकदम से आँखे खोल दी...शास सो रहा था...पूजा ने धीरे धीरे कदम आगे को बढ़ाए....और शास के बेड के पास खड़ी हो गई...पूजा से रूकना अब लगभग मुस्किल हो चला था....उसके हाथ काफ़ी कस्म्कस के साथ आगे बढ़ने लगे शास के लंड की तरफ.....लंड के ओर पास ओर पास...और पूजा ने धीरे से शास के लंड को अंडरवेर से आज़ाद कर दिया......पूजा की आँखे...एक टक..निहार रही थी...शास के लंड को....आआहह....उउउउउम्म्म्म्म कया लंड पाया है शास ने.......
Reply
06-30-2017, 11:30 AM,
#5
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-5

पूजा निहारती ही रह गयी...शास के लंड को.....आज पूजा ने पहली बार किसी लंड को देखा था....शिरफ़ सुना था लंड के बारे मैं आपनी सहेलियों से....पर आज....सामने था शास का मोटा, लंबा...तना हुवा लंड....जिसका मोटा गुलाबी सूपड़ा....आकृषित कर रहा था...पूजा को...पूजा समझ नही पा रही थी कि वो शुरुआत कैसे करे.....उसकी बैचानी...बढ़ती जा रही थी.....आज तक उसने जो सुख नही भोगा था.....वो उसे अब भोगने के लिए पूरी तरह से तय्यार हो चुकी थी....लकिन सुरू कैसे करे....?????????????

आख़िर पूजा ने थोड़ा ठंडा करके आराम से खाने मैं ही बुद्धिमानी समझी...जल्दिबाजी मैं मामला बिगड़ भी सकता है ??? अओर मज़ा भी नही आएगा....पूजा ने सोते हुवे शास के भारी लंड पर अपने नाज़ुक हाथ की हल्की सी थपकी दी....शास का तना हुवा लंड स्प्रिंग की तरह फिर खड़ा ही रहा....पूजा ने का बार धीरे धीरे शास के लंड पर थपकी दी....लॅकिन शास तो मस्त होकर सो रहा था....पूजा ने अपने हाथ मैं लंड को पकड़ लिया...लॅकिन वो पूरा उसके हाथ मैं नही आ रहा था....फिर भी पूजा ने लंड को पकड़ कर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया.....

शास...अचानक हड़बड़ा कर उठा गया....सामने एक लड़की को देख कर...वो कुछ समझ नही पाया की कया करे....तभी उसकी नज़र अपने अंडरवेर से बाहर निकले, तने हुवे लंड पर गयी.....शास ने शर्मकार.. जल्दी से उसे अंडरवेर मैं डालने की कोशिश की पर जल्द-बाज़ी मैं मस्त तना हुवा मोटा लंड अंडरवेर मैं नही जा पा रहा था...

पूजा...हंस पड़ी अओर अपने हाथ मैं शास के लंड को पकड़ लिया..लो मैं डालती हूँ तुम्हारे अंडरवेर मैं... .. शास कुछ बोल नही पा रहा था....पूजा शास के लंड को अंडरवेर मैं डालने की कोशिस कर रही थी....पर वो टाइट होने के कारण दूसरे शर्म अओर जल्दिबाजी के कारण वन्डरवेार मैं नही जा पा रहा था....

पूजा...ऐसे तो नही जाएगा...तुम कहो तो शास मैं इसे चूम कर ढीला कर दूं..????????

शास... शास ने पूजा की तरफ...देखा...पर कुछ बोल नही पाया.....

पूजा...कया हूवा शास...बताओ...कयूं शर्मा रहे हू, मैं सीमा की दोस्त हूँ,उसके साथ तो रात मैं तीन बार चुदाई कर चुके हो अओर अब शर्मा रहे हो..?????

शास...शास ने गौर से पूजा की तरफ देखा..(.अब वो सब समझने लगा था.... वह जान चुक्का था की सीमा दीदी ने पूजा को सब कुछ बता दिया है..) अओर धीरे से मुस्कुरा दिया......

पूजा...पूजा ने शास के लंड के सूपदे को आपने होंठो मैं दबा...लिया और आँखे उठाकर शास की अओर देखा.....शास मंद मंद मुस्कुरा दिया.......पूजा शास के लंड को मस्त होकर चूमने लगी... वह शर्म लिहाज सब भूल चुकी थी...वह भूल चुकी थी कि एक मिनुट पहले तक शास उसके लिए...अओर वो शास के लिए अंजान थी.....पूजा शास के लंड को आइस क्रीम की तरह चूम अओर चाट रही थी............शास का लंड फूल कर अओर कुप्पा होता जा रहा था....शास सोच रहा थे कि शायेद एक अओर चूत उसके लंड का इंतजार कर रही है....उसके लंड को भी अब चुतो का रास पीने मैं मज़ा जो आने लगा था.........

दोस्तों...ये तो समय-समय की बात है.... समय कब बदल जाए....कैसा हो...अच्छा...या फिर बूरा....या फिर समय हमें ही अपनी इच्छा अनुसार बदल देता है.....जो पूजा विवेकशील थी.....शर्मिल्ली अओर समझदार थी.....जिसपेर उसके परिवार वाले, मुहल्ले वाले नाज़ करते थे....जिसका उदाहरण दिया करते थे.....जिसने कभी भी लड़को की तरफ आँख उठाकर नही देखा....जिसपेर लड़को ने कितने ही कॉमेंट्स कसे....पर पूजा........पर पूजा ने कभी...इस प्रकार का उत्तर या प्रितिउत्तर नही दिया....जो उसके करेक्टर और शालीनता को ठेस पहुचाता हो....जो मर्यादा के विरुद्ध हो.....

वही पूजा....?????

जी हां वही पूजा जिसने अपने कोमार्य को हर परिस्थिति मैं संभाल कर रखखा था...अपनी शादी के बाद अपने पति को अपने परमेश्वर को सुहाग..शेज़ पेर अर्पित करने के लिए....अपने बलम पर न्योछावेर करने के लिए....मगर समय की चाल... देखिए....वाह रे समय...एक ही पल मैं सबकुछ यून बदल डाला जैसे पूजा का कोई चरित्र ही ना हो.....जी हा......आज वही धर्म का पालन करने वाली पूजा......??????????????????

बड़े ही तन्मयता से शास के लंड को चूस रही थी....सब कुछ भूल कर....चुसती ही जा रही थी जैसे आज ही पूरे लंड को निचोड़ लेना चाहती हो.....लंड का गुलाबी फूला हुवा सूपड़ा.....बार बार बीच बीच मैं...पूजा देखा भी लेती थी.....अओर फिर और ज़्यादा लगान से चूसने लगती थी......

नीचे घर-परिवार वाले व्यस्त थे शादी के काम अओर तय्यारी मैं भाग दौड़ मैं....अओर यहाँ पूजा मस्त थी....शास के लंड को पूरा निचोड़ लेने के लिए.... अओर शास मस्त था....एक अओर चुदाई का मज़ा लेने के लिए......

पूजा... बड़ी ही सुन्दर....मानो हाथ लगाने भर से मैली हो जाए....छूने से मुरझा जाए......नैन-नख्स ऐसे कि....महाराज देवराज इंद्रा जी का भी सिघाशन डोल जाए......सुरहिदार गर्देन...बाए गाल के नीचे एक क़ाला तिल....बड़े-बड़े मगर सुडोल बूब्स....कमर मानो है ही नही.... छाती अओर चूतड़ो (हिपपेस) का लगभग एक साइज़... बस यूँ कहूँ कि एक गुड्डिया...या ..अपशरा तो भी...अतिस्योक्ति नही होगा.....जिसको देखकर लड़के आह भरते थे ... व ... लड़किया जिसके हूस्न से रस्क करती थी वही पूजा तय्यार थी शास पर कुर्बान हो जाने के लिए........शास के लंड का मानो साइज़ बढ़ता ही जा रहा था....ये उमर....अओर...इतना भारी लंड....

पूजा...लंड को चूसने मैं मस्त थी...उसे नही पता था कि वह पिछले 25-30 मिनुट से व्यस्त थी लंड चूसने मैं.....उधर शास....उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म...खिचाव बढ़ रहा था पूरे बदन मैं...एक बिजली से दौड़ रही थी....रोक नही पा रहा था शास.....

तभी..शास ने पूजा का हाथ पकड़ कर अपनी अओर खिच लिया....पूजा सिमट ती सी चली गयी....शास ने अपने गरम गुलाबी होंठ पूजा के गरम गुलाबी...नाज़ुक...होंठो पर रखा दिए....शास होंठो को चूस रहा था ...मानो...सुगंधित रसीला हनी टपाक रहा हो पूजा के होंठो से..... पूजा अओर शास की जीभ-से-जीभ टकराई....दोनो मस्ती मैं चूर....एकदुसरे को बाहों मैं जकड़े हुवे....पूजा की गर्म साँसे शास महसूस कर रहा था....

शास...शास ने अपने हाथ पूजा के बूब्स पर रखा दिए....अओर मसलना ...सहलाना शुरू कर दिया.....पूजा...अपना होश खोती जा रही थी.....उसकी कुँवारी चूत से पानी के फ़ॉववरे छूटने लगे थे...वासना की बिजली उस पर गिर चुकी थी....मस्ती के इस आलम मैं पूजा के आँखें बार-बार बंद हो जाने लगी.... शास ने एक हाथ बूब्स से हटाया अओर पूजा का कुर्ता उप्पेर कर शलवार के उप्पेर से ही पूजा की चूत को सहलाने लगा......

दोनो...आपेस मैं होंठ चूस रहे थे पी रहे थे जीभ से जीभ टकरा रही थी...फिर शास ने पूजा की जीभ पूरी अपने मूह मैं लेकर चूसने लगा.....पूजा की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी......शायद वो उस मौज़ के दरिया मैं पूरी तरह डूबने के लिए अपने को तय्यार कर चुकी थी.........शास पूजा की चूत को सहलाता जा रहा था......चूत...मस्त होकर खुलने-बंद होने लगी थी.....अब बारी पूरी चुदाई की शुरू होनी थी.......

शास ने पूजा की शलवार का नाडा (जरबंद)(बाँध) खोलदिया........पूजा ने एक ना के बराबर हाथ से विरोध किया.......शायद वो पूजा की शर्म जो औरत का गहना होती है के कारण ही हुवा.....शास ने पूजा की शलवार थोड़ा नीचे खिसका दिया.....अओर पूजा की पेंटी को भी नीचे खिसका दिया अओर शास पूजा की चूत पर सीधे सहलाने लगा......अब शास की एक उंगली..पूजा की चूत की क्लिट को सहला रही थी...अओर फिशल कर पूजा की चूत मैं कुछ दूर तक चली गई....पूजा की सिसकारी निकल गई....ईयीयियूयूवूऊवूऊवम्म्म आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूऊऊऊऊऔउउउउउउउउम्म्म्म एम्म्म मगर शास का हाथ अपने काम मैं लगा रहा........अब शास की उंगली चूत मैं अंदर बाहर हो रही थी...चूत की क्लिट पर हथेली अओर अंगूठे के उभार से मालिश हो रही थी......पूजा डूबती जा रही थी......आँखे बंद थी....पूरे बदन मैं तरेंगे दौड़ रही थी......एक आज्जीब सूखा का एहसास.....पहली चुदाई का एहसास.......फिर शास ने पूजा के चुटटर थोडा उप्पेर उठाए...पूजा ने भी हल्का सहयोग किया......अओर शास ने शलवार और पेंटी को पूजा के बदन से पूरी तरह से अलग कर दिया.....क्या जांघे थी....मांसल पर सॉलिड जंघे....शास का हाथ अनायास ही जाँघो पर घूमने लगा.... कुछ देर के बाद शास ने पूजा का कुर्ता भी उसके शरीर से अलग कर दिया......पूजा अब शिरफ़ एक ब्रा मैं थी.... ...उसकी चूत पर घने भूरे-काले बाल अब शास को भी उत्तेजित करने लगे थे.....पूजा पर शास का आख़िरी हमला अओर शास ने पूजा की ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया....??????? बड़ी_बड़ी...चुचियाँ.....छोटे-छोटे निपल ने शास के होठों को अपनी ओर खिचा लिया......शास ने पूजा की निपल मूह मैं भर्ली...अओर मस्त होकर दबा कर, मसल कर पीने लगा...बीच बीच मैं पूजा की हल्की-तेज सिसकारिया निकल रही थी......शास कभी-कभी पूरा मूह खोल कर ज़्यादा से ज़्यादा चूची को मूह मैं भर कर पी रहा था...........अओर पूजा की सिसकारियाँ रूम मैं एक कामुक उत्तेजना उत्पन्न कर रही थीईईईईईईईईईई.......................... ...

पूजा की उत्तेजना चरम पर पहुच रही थी...उसके लिए अब एक एक पल रुकना मुस्किल होता जा रहा था.......अब तो बस

शास अपना लंड....उसकी चूत मैं डाल दे....मगर शास अभी अओर मस्ती से उस खूबशुर्ती की देवी पूजा को हर

जगेह से चूमना

चाटना चाहता था......अभी इस खूबसूरत जिस्म से अओर मस्ती करना चाहता था......पूजा की चुचियो को कस कर

पकड़ कर

शास अब उसकी मांसल...सौलिद जाँघो को चूम रहा था......पूजा की चूत के खुलते बंद होते होंठ....अओर....उसकी

केशर जैसी महक शास को अपनी अओर आकर्षित कर रही थी.......और...शास के होंठ धीरे धीरे पूजा की चूत के

होंठ चूमने चाटने लगे......पूजा की कामुक सिसकारिया बढ़ती जा रही थी......पूजा के हाथ कभी शास के सिर पर

अओर कभी शास के कंधो

पर अपनी पकड़ बना रहे थे.......लॅकिन अब पूजा के सब्र का बाँध टूट ता जा रहा था......स्शस प्लीज़ .....अओर मत

तद्फाओ......डाल दो अपना ये मस्त लंड मेरी चूत मैं....उउउउउईईईआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...प्लीज़ शास.....चोद डालो

इस कुँवारी चूत को....मगर शास...मस्ती मैं चूत की केशरी सुगंध.....सुघने...अओर चूत का स्वदिस्त (डेलीशियस)

मदंजल पीने मैं मस्त था......उसके हाथ पूजा की चुचियो को मसल- मसल कर खेल रहे थे अओर उसकी जिभा.....

.चूत की क्लिट को चाट _चाट कर उसकी.....चूत का बहता..पानी पीने का आनंद ले रही थी.......पूजा की बैचानी.......पूजा की

उत्तेजना अब विकराल हो रही थी.....

पूजा... शास प्लीज़ अब अओर मत तरसाओ...डालडो....इस अपने लंड को मेरी चूत मैं......बुझा दो अब इसकी आग....कब से

प्यासी है....तुम्हारे इस लंड के एंतजार मैं.....मेरे राजा...मएरए ज्जानू, मेरे साजन.......मेरी जनम जनम की प्यास

बुझा दो.......सस्शाआससस्स.........प्लीज़......अब घुसा दो..... चूत मैं आग लगी है बुझा दो ना अपने लंड के पानी से.......उउउउउम्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउcccccछ्ह्ह्ह्ह्ह आआआआहह पूजा बड़बड़ाती जा रही थी..

.अओर शास चूत मैं दूर तक मूह दिए कस्तूरी की गंध का पानी पीने मैं मस्त था........पूजा के टाँगो की चौड़ाई

बढ़ती ही जा रही थी......अब शास पूरी तरह मस्त हो चुक्का था......

शास....पूजा मेरी जान, मेरी रानी ले इसे भी ले...कया याद करेगी.......ले इस लंड का भी मज़ा ले........ये भी तुम्हारी इस गुलाबी.....कुँवारी चूत का रस पीने को फूँकार रहा है..... शास पूजा के दोनो पैरो के बीचा आया अओर दोनो टाँगो

को उठा कर अपने कंधो पर रख लिया..........पूजा की चूत पानी छोड़ छोड़ कर इतनी चिकनी ( लूब्रिकेटेड) हो चुकी ,

थी कि अब उसे चुदाई के लिए किसी क्रीम या आयिल की ज़रूरत नही रह गयी थी........

शास...ने अपने लंड का भारी सूपड़ा पूजा की चूत के छेद पर अड्जस्ट किया अओर पूजा की दोनो चुचियाँ पकड़ कर,

लंड का चूत पर दबाव बनाया ! .... पर चूत कुँवारी होने के कारन अत्यधिक टाइट थी इसीलिए लंड अंदर नही जा पाया.....

मगर शास तो शायद इसके लिए पहले से ही तय्यार था.......पूजा की सिसकारियो के बीच....शास ने पूजा के होंठो को

अपने होंठो मैं दबा लिया, अओर चूतड़ उठाकर एक धक्का मार दिया !......लंड के सूपड़ा. ... ने....चूत की दीवारे

फाडते हुवे पूजा की चूत मैं अपनी जगह बना ली..... पूजा की जोरदार चीखा निकल गयी......अगर शास ने पूजा के

होंठो को अपने होंठो मैं ना दबाया होता तो चीख की आवाज़ नीचे ज़रूर चली जाती.....ओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउऊऊऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

हूऊऊऊऊऊऊन्न्‍ननननननननननणणन् मगर शास लगता है अब चुदाई मैं इतना निपुण हो चुक्का था,.

..कि....बिना ओर समय अओर मौका गँवाए उसी पल दूसरा और जोरदार धक्का मार चुक्का था........पूजा चीखती रही,...

छटपटाती रही,.......उसकी आँखों से आँसुओ की धारा बहती रही......पर शास की पकड़ बिल्कुल ढीली नही पड़ी .....

अओर होंठो मैं होंठ दबाए चूमता रहा........शास का लंड पूजा की चूत को फड़ता हुवे लगभग

आधा लंड पूजा की चूत मैं समा चुक्का था.......

शास...मस्ती मैं चुदाई का मज़ा ले रहा था.....अओर पूजा दर्द से मरी जा रही थी......

पूजा...शास प्लीज़ एक बार निकाल लो....प्लीज़ मैं मरी जा रही हूँ....दुबारा डाल लेना.....पूजा से दर्द सहेन नही हो पा रहा था.....जैसे किसी ने ब्लेड से चीर दी हो उसकी चूत......पूजा पछता रही थी..... लंड खाने के चक्कर मैं पड़कर उसे नही पता था.....ये दर्द भी झेलना पड़ सकता है..... उसने तो शिरफ़ चुदाई के मज़े के बारे मैं ही सुना था......चूत की मीठी मीठी खुजली का एहसास ही किया था.......शास के पहली बार स्पेर्श का आनंद ही लिया था......चुदाई के एक मीठे एहसास ने पूजा को यहाँ तक पहुचा दिया था.....पूजा की इस छटपटाहट का शास पर कोई अशर नही था.....उसका लंड तो कुँवारी चूत का रस पीकेर अओर मस्त अओर मोटा हो रहा था......वो तो चूत के अंदर मस्त होकेर झटके मार रहा था.......लंड की अकड़ बता रही थी की उसने चूत पर विजय हाशील कर ली है......शास ने लंड की अकड़ को भाप कर पूजा पर अपनी पकड़ अओर मजबूत की.......होंठो को मूह मैं लिया..... अओर एक ओर जोरदार धक्का लगा दिया....पूजा अभी इसके लिए अपने को तय्यार भी नही कर पाई थी......उसकी चीख शास के मूह मैं ही समा गयी........उसकी छटपटाहट....शास की मजबूत बाँहो मैं दब कर रह गयी........पूजा की चुचिया शास की छाती के नीचे मसली जा रही थी.......अओर शास के लंड ने पूजा की चूत के पूरी गहराई को नाप लिया था......लंड का सूपड़ा....पूजा की बच्चेदानि को छू रहा था.......पूजा छटपटा रही थी...आँखो से पानी बह रहा था......अओर शास उसके होंठो का रस पीने मैं मस्त था.....इसी तरह लगभत 10-15 मिनूट गुजर गयी......अब पूजा का दर्द कुछ कम हो रहा था.....उसकी उखड़ी साँसे फिर गरम होने लगी थी......शास की बाँहो की पकड़ भी कुछ ढीली पड़ने लगी थी......पूजा की दर्दीली चीखे अब सिसकारियों मैं बदलने लगी थी......उउउउउउउईईईईएम्म्म्म्म्म्म आआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्शहाआआआसस्स्स्स्स्सस्स म्‍म्म्ममाआअरर्र्र्ररर हहिईिइ द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्लाआआआआ.....आआआआआहह हह...........

अब शास का मूह पूजा के होंठो को छोड़ कर पूजा की चुचियो पर आ चुक्का था.....वह मस्ती मैं चुचिया मसल मसल कर दूध पी रहा था.........पूजा के शरीर से खेल रहा था.....पूजा का दर्द मीठी उत्तेजना मैं बदलने लगा था.....अओर अब पूजा की चूत ने फिर पानी छोड़ना शुरू कर दिया.......पूजा के हाथ धीरे धीरे अब शास की कमर पर आने लगे थे........पूजा ने धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाने जैसे ही शुरू किए.........शास ने लंड को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....पूजा की चूत की मीठी पयास जागने लगी.......चूत कुछ ही देर पहले के दर्द को भूलकर....लंड को अपनी दीवारो मैं दबाने लगी......ये कैसा एहसास......दर्द की चीखे अब मज़े की मीठी सिसकारियो मैं बदलने लगी थी.......शास की कमर पर पूजा की बाँहो का बढ़ता कसाव.....शास को अओर उत्तेजित करने लगा.....लंड के, अंदर बाहर की रफ़्तार बढ़ने लगी थी........कमरे मैं अब पूजा की कामुक सिसकारिया गूंजने लगी थी.........आआआआआआहह उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास.....मेरे शास.....अओर ज़ोर से.....आआआआआहह हा......ऐसे ही.......ऊवूऊवम्म्म्म्म आआअहह की धुन पर शास के लंड की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी..........चुदाई का संगीत रूम मैं गूजने लगा था.......शास के लंड की स्पीड के साथ पूजा के चूतड़ उछालने की क्रिया भी बढ़ रही थी....अब पूजा पूरा चुदाई का मज़ा ले रही थी.........भूल चुकी थी उस दर्द को......अब तो शास के लंड को अओर अंदर तक लेने लगी थी....... जैसे ही शास के लंड का सूपड़ा अंदर जाकर बच्चेदानि पर ठोकर मारता पूजा की मीठी सिसकारी निकल जाती....उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......सी हट लंड का घामाशान पूजा अओर शास को सातवे आसमान की सैर करा रहा था.......पूजा की उत्तेजना अब चरम पर पहुँच चुकी थी...उसके बदन मैं अजीब सा खिचाव......सारा सरीर...आनंद की अओर........आँखे बंद होने लगी...सिसकारियाँ लंबी होने लगी......शास...आआआआहह.....उउउउउम्म्म्म्म ये मैं कहाँ जा रही हूं .................................................. ..............................................

शास.......उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म आआहह अओर पूजा अपने पहले स्खलन (झड़ने) की अओर...... एकाएक पूजा ने शास को बाँहो मैं जाकड़ किया अओर ज़ोर से.....सस्स्शहाआअसस्सस्स उउउउम्म्म्म्म्म्माआआआ म्माऐईन गाईइईईईईईईईईईईईए..अओर उसकी चूत से गरम पानी के फ़ौवारे शास के लंड पर गिरे.....तभी शश के लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया......गरम-गरम वीर्या(गुम) की कई पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी जो सीधे बच्चेदानि पर गिरी.....पूजा ने अओर ज़ोर से शास को दबोच लिया.........शास भी उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्हाआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीईईईईईईईईए की आवाज़ के साथ झाड़ गया... एक दूसरे को बाँहो मैं जकड़े.....पूजा अओर शास......लंबी साँसे.....आँखे बंद......दोनो...दूर-बहुत दूर...सातवे आसमान की सैर पर......एक दूसरे को प्यार से भिंचे हुवे..........कितने ही देर तक.....ऐसे ही.......सारी दुनिया से बेख़बर......लगभत 15 मिनूट तक ऐसे ही...एक दूसरे की बाँहो मैं........फिर लौट आए इसी दुनिया मैं.....पूजा ने शास ...के होंठ चूम लिए अओर चेहरा शास के शीने मैं छुपा लिया...
Reply
06-30-2017, 11:30 AM,
#6
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-5

पूजा निहारती ही रह गयी...शास के लंड को.....आज पूजा ने पहली बार किसी लंड को देखा था....शिरफ़ सुना था लंड के बारे मैं आपनी सहेलियों से....पर आज....सामने था शास का मोटा, लंबा...तना हुवा लंड....जिसका मोटा गुलाबी सूपड़ा....आकृषित कर रहा था...पूजा को...पूजा समझ नही पा रही थी कि वो शुरुआत कैसे करे.....उसकी बैचानी...बढ़ती जा रही थी.....आज तक उसने जो सुख नही भोगा था.....वो उसे अब भोगने के लिए पूरी तरह से तय्यार हो चुकी थी....लकिन सुरू कैसे करे....?????????????

आख़िर पूजा ने थोड़ा ठंडा करके आराम से खाने मैं ही बुद्धिमानी समझी...जल्दिबाजी मैं मामला बिगड़ भी सकता है ??? अओर मज़ा भी नही आएगा....पूजा ने सोते हुवे शास के भारी लंड पर अपने नाज़ुक हाथ की हल्की सी थपकी दी....शास का तना हुवा लंड स्प्रिंग की तरह फिर खड़ा ही रहा....पूजा ने का बार धीरे धीरे शास के लंड पर थपकी दी....लॅकिन शास तो मस्त होकर सो रहा था....पूजा ने अपने हाथ मैं लंड को पकड़ लिया...लॅकिन वो पूरा उसके हाथ मैं नही आ रहा था....फिर भी पूजा ने लंड को पकड़ कर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया.....

शास...अचानक हड़बड़ा कर उठा गया....सामने एक लड़की को देख कर...वो कुछ समझ नही पाया की कया करे....तभी उसकी नज़र अपने अंडरवेर से बाहर निकले, तने हुवे लंड पर गयी.....शास ने शर्मकार.. जल्दी से उसे अंडरवेर मैं डालने की कोशिश की पर जल्द-बाज़ी मैं मस्त तना हुवा मोटा लंड अंडरवेर मैं नही जा पा रहा था...

पूजा...हंस पड़ी अओर अपने हाथ मैं शास के लंड को पकड़ लिया..लो मैं डालती हूँ तुम्हारे अंडरवेर मैं... .. शास कुछ बोल नही पा रहा था....पूजा शास के लंड को अंडरवेर मैं डालने की कोशिस कर रही थी....पर वो टाइट होने के कारण दूसरे शर्म अओर जल्दिबाजी के कारण वन्डरवेार मैं नही जा पा रहा था....

पूजा...ऐसे तो नही जाएगा...तुम कहो तो शास मैं इसे चूम कर ढीला कर दूं..????????

शास... शास ने पूजा की तरफ...देखा...पर कुछ बोल नही पाया.....

पूजा...कया हूवा शास...बताओ...कयूं शर्मा रहे हू, मैं सीमा की दोस्त हूँ,उसके साथ तो रात मैं तीन बार चुदाई कर चुके हो अओर अब शर्मा रहे हो..?????

शास...शास ने गौर से पूजा की तरफ देखा..(.अब वो सब समझने लगा था.... वह जान चुक्का था की सीमा दीदी ने पूजा को सब कुछ बता दिया है..) अओर धीरे से मुस्कुरा दिया......

पूजा...पूजा ने शास के लंड के सूपदे को आपने होंठो मैं दबा...लिया और आँखे उठाकर शास की अओर देखा.....शास मंद मंद मुस्कुरा दिया.......पूजा शास के लंड को मस्त होकर चूमने लगी... वह शर्म लिहाज सब भूल चुकी थी...वह भूल चुकी थी कि एक मिनुट पहले तक शास उसके लिए...अओर वो शास के लिए अंजान थी.....पूजा शास के लंड को आइस क्रीम की तरह चूम अओर चाट रही थी............शास का लंड फूल कर अओर कुप्पा होता जा रहा था....शास सोच रहा थे कि शायेद एक अओर चूत उसके लंड का इंतजार कर रही है....उसके लंड को भी अब चुतो का रास पीने मैं मज़ा जो आने लगा था.........

दोस्तों...ये तो समय-समय की बात है.... समय कब बदल जाए....कैसा हो...अच्छा...या फिर बूरा....या फिर समय हमें ही अपनी इच्छा अनुसार बदल देता है.....जो पूजा विवेकशील थी.....शर्मिल्ली अओर समझदार थी.....जिसपेर उसके परिवार वाले, मुहल्ले वाले नाज़ करते थे....जिसका उदाहरण दिया करते थे.....जिसने कभी भी लड़को की तरफ आँख उठाकर नही देखा....जिसपेर लड़को ने कितने ही कॉमेंट्स कसे....पर पूजा........पर पूजा ने कभी...इस प्रकार का उत्तर या प्रितिउत्तर नही दिया....जो उसके करेक्टर और शालीनता को ठेस पहुचाता हो....जो मर्यादा के विरुद्ध हो.....

वही पूजा....?????

जी हां वही पूजा जिसने अपने कोमार्य को हर परिस्थिति मैं संभाल कर रखखा था...अपनी शादी के बाद अपने पति को अपने परमेश्वर को सुहाग..शेज़ पेर अर्पित करने के लिए....अपने बलम पर न्योछावेर करने के लिए....मगर समय की चाल... देखिए....वाह रे समय...एक ही पल मैं सबकुछ यून बदल डाला जैसे पूजा का कोई चरित्र ही ना हो.....जी हा......आज वही धर्म का पालन करने वाली पूजा......??????????????????

बड़े ही तन्मयता से शास के लंड को चूस रही थी....सब कुछ भूल कर....चुसती ही जा रही थी जैसे आज ही पूरे लंड को निचोड़ लेना चाहती हो.....लंड का गुलाबी फूला हुवा सूपड़ा.....बार बार बीच बीच मैं...पूजा देखा भी लेती थी.....अओर फिर और ज़्यादा लगान से चूसने लगती थी......

नीचे घर-परिवार वाले व्यस्त थे शादी के काम अओर तय्यारी मैं भाग दौड़ मैं....अओर यहाँ पूजा मस्त थी....शास के लंड को पूरा निचोड़ लेने के लिए.... अओर शास मस्त था....एक अओर चुदाई का मज़ा लेने के लिए......

पूजा... बड़ी ही सुन्दर....मानो हाथ लगाने भर से मैली हो जाए....छूने से मुरझा जाए......नैन-नख्स ऐसे कि....महाराज देवराज इंद्रा जी का भी सिघाशन डोल जाए......सुरहिदार गर्देन...बाए गाल के नीचे एक क़ाला तिल....बड़े-बड़े मगर सुडोल बूब्स....कमर मानो है ही नही.... छाती अओर चूतड़ो (हिपपेस) का लगभग एक साइज़... बस यूँ कहूँ कि एक गुड्डिया...या ..अपशरा तो भी...अतिस्योक्ति नही होगा.....जिसको देखकर लड़के आह भरते थे ... व ... लड़किया जिसके हूस्न से रस्क करती थी वही पूजा तय्यार थी शास पर कुर्बान हो जाने के लिए........शास के लंड का मानो साइज़ बढ़ता ही जा रहा था....ये उमर....अओर...इतना भारी लंड....

पूजा...लंड को चूसने मैं मस्त थी...उसे नही पता था कि वह पिछले 25-30 मिनुट से व्यस्त थी लंड चूसने मैं.....उधर शास....उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म...खिचाव बढ़ रहा था पूरे बदन मैं...एक बिजली से दौड़ रही थी....रोक नही पा रहा था शास.....

तभी..शास ने पूजा का हाथ पकड़ कर अपनी अओर खिच लिया....पूजा सिमट ती सी चली गयी....शास ने अपने गरम गुलाबी होंठ पूजा के गरम गुलाबी...नाज़ुक...होंठो पर रखा दिए....शास होंठो को चूस रहा था ...मानो...सुगंधित रसीला हनी टपाक रहा हो पूजा के होंठो से..... पूजा अओर शास की जीभ-से-जीभ टकराई....दोनो मस्ती मैं चूर....एकदुसरे को बाहों मैं जकड़े हुवे....पूजा की गर्म साँसे शास महसूस कर रहा था....

शास...शास ने अपने हाथ पूजा के बूब्स पर रखा दिए....अओर मसलना ...सहलाना शुरू कर दिया.....पूजा...अपना होश खोती जा रही थी.....उसकी कुँवारी चूत से पानी के फ़ॉववरे छूटने लगे थे...वासना की बिजली उस पर गिर चुकी थी....मस्ती के इस आलम मैं पूजा के आँखें बार-बार बंद हो जाने लगी.... शास ने एक हाथ बूब्स से हटाया अओर पूजा का कुर्ता उप्पेर कर शलवार के उप्पेर से ही पूजा की चूत को सहलाने लगा......

दोनो...आपेस मैं होंठ चूस रहे थे पी रहे थे जीभ से जीभ टकरा रही थी...फिर शास ने पूजा की जीभ पूरी अपने मूह मैं लेकर चूसने लगा.....पूजा की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी......शायद वो उस मौज़ के दरिया मैं पूरी तरह डूबने के लिए अपने को तय्यार कर चुकी थी.........शास पूजा की चूत को सहलाता जा रहा था......चूत...मस्त होकर खुलने-बंद होने लगी थी.....अब बारी पूरी चुदाई की शुरू होनी थी.......

शास ने पूजा की शलवार का नाडा (जरबंद)(बाँध) खोलदिया........पूजा ने एक ना के बराबर हाथ से विरोध किया.......शायद वो पूजा की शर्म जो औरत का गहना होती है के कारण ही हुवा.....शास ने पूजा की शलवार थोड़ा नीचे खिसका दिया.....अओर पूजा की पेंटी को भी नीचे खिसका दिया अओर शास पूजा की चूत पर सीधे सहलाने लगा......अब शास की एक उंगली..पूजा की चूत की क्लिट को सहला रही थी...अओर फिशल कर पूजा की चूत मैं कुछ दूर तक चली गई....पूजा की सिसकारी निकल गई....ईयीयियूयूवूऊवूऊवम्म्म आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूऊऊऊऊऔउउउउउउउउम्म्म्म एम्म्म मगर शास का हाथ अपने काम मैं लगा रहा........अब शास की उंगली चूत मैं अंदर बाहर हो रही थी...चूत की क्लिट पर हथेली अओर अंगूठे के उभार से मालिश हो रही थी......पूजा डूबती जा रही थी......आँखे बंद थी....पूरे बदन मैं तरेंगे दौड़ रही थी......एक आज्जीब सूखा का एहसास.....पहली चुदाई का एहसास.......फिर शास ने पूजा के चुटटर थोडा उप्पेर उठाए...पूजा ने भी हल्का सहयोग किया......अओर शास ने शलवार और पेंटी को पूजा के बदन से पूरी तरह से अलग कर दिया.....क्या जांघे थी....मांसल पर सॉलिड जंघे....शास का हाथ अनायास ही जाँघो पर घूमने लगा.... कुछ देर के बाद शास ने पूजा का कुर्ता भी उसके शरीर से अलग कर दिया......पूजा अब शिरफ़ एक ब्रा मैं थी.... ...उसकी चूत पर घने भूरे-काले बाल अब शास को भी उत्तेजित करने लगे थे.....पूजा पर शास का आख़िरी हमला अओर शास ने पूजा की ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया....??????? बड़ी_बड़ी...चुचियाँ.....छोटे-छोटे निपल ने शास के होठों को अपनी ओर खिचा लिया......शास ने पूजा की निपल मूह मैं भर्ली...अओर मस्त होकर दबा कर, मसल कर पीने लगा...बीच बीच मैं पूजा की हल्की-तेज सिसकारिया निकल रही थी......शास कभी-कभी पूरा मूह खोल कर ज़्यादा से ज़्यादा चूची को मूह मैं भर कर पी रहा था...........अओर पूजा की सिसकारियाँ रूम मैं एक कामुक उत्तेजना उत्पन्न कर रही थीईईईईईईईईईई.......................... ...

पूजा की उत्तेजना चरम पर पहुच रही थी...उसके लिए अब एक एक पल रुकना मुस्किल होता जा रहा था.......अब तो बस

शास अपना लंड....उसकी चूत मैं डाल दे....मगर शास अभी अओर मस्ती से उस खूबशुर्ती की देवी पूजा को हर

जगेह से चूमना

चाटना चाहता था......अभी इस खूबसूरत जिस्म से अओर मस्ती करना चाहता था......पूजा की चुचियो को कस कर

पकड़ कर

शास अब उसकी मांसल...सौलिद जाँघो को चूम रहा था......पूजा की चूत के खुलते बंद होते होंठ....अओर....उसकी

केशर जैसी महक शास को अपनी अओर आकर्षित कर रही थी.......और...शास के होंठ धीरे धीरे पूजा की चूत के

होंठ चूमने चाटने लगे......पूजा की कामुक सिसकारिया बढ़ती जा रही थी......पूजा के हाथ कभी शास के सिर पर

अओर कभी शास के कंधो

पर अपनी पकड़ बना रहे थे.......लॅकिन अब पूजा के सब्र का बाँध टूट ता जा रहा था......स्शस प्लीज़ .....अओर मत

तद्फाओ......डाल दो अपना ये मस्त लंड मेरी चूत मैं....उउउउउईईईआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...प्लीज़ शास.....चोद डालो

इस कुँवारी चूत को....मगर शास...मस्ती मैं चूत की केशरी सुगंध.....सुघने...अओर चूत का स्वदिस्त (डेलीशियस)

मदंजल पीने मैं मस्त था......उसके हाथ पूजा की चुचियो को मसल- मसल कर खेल रहे थे अओर उसकी जिभा.....

.चूत की क्लिट को चाट _चाट कर उसकी.....चूत का बहता..पानी पीने का आनंद ले रही थी.......पूजा की बैचानी.......पूजा की

उत्तेजना अब विकराल हो रही थी.....

पूजा... शास प्लीज़ अब अओर मत तरसाओ...डालडो....इस अपने लंड को मेरी चूत मैं......बुझा दो अब इसकी आग....कब से

प्यासी है....तुम्हारे इस लंड के एंतजार मैं.....मेरे राजा...मएरए ज्जानू, मेरे साजन.......मेरी जनम जनम की प्यास

बुझा दो.......सस्शाआससस्स.........प्लीज़......अब घुसा दो..... चूत मैं आग लगी है बुझा दो ना अपने लंड के पानी से.......उउउउउम्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउcccccछ्ह्ह्ह्ह्ह आआआआहह पूजा बड़बड़ाती जा रही थी..

.अओर शास चूत मैं दूर तक मूह दिए कस्तूरी की गंध का पानी पीने मैं मस्त था........पूजा के टाँगो की चौड़ाई

बढ़ती ही जा रही थी......अब शास पूरी तरह मस्त हो चुक्का था......

शास....पूजा मेरी जान, मेरी रानी ले इसे भी ले...कया याद करेगी.......ले इस लंड का भी मज़ा ले........ये भी तुम्हारी इस गुलाबी.....कुँवारी चूत का रस पीने को फूँकार रहा है..... शास पूजा के दोनो पैरो के बीचा आया अओर दोनो टाँगो

को उठा कर अपने कंधो पर रख लिया..........पूजा की चूत पानी छोड़ छोड़ कर इतनी चिकनी ( लूब्रिकेटेड) हो चुकी ,

थी कि अब उसे चुदाई के लिए किसी क्रीम या आयिल की ज़रूरत नही रह गयी थी........

शास...ने अपने लंड का भारी सूपड़ा पूजा की चूत के छेद पर अड्जस्ट किया अओर पूजा की दोनो चुचियाँ पकड़ कर,

लंड का चूत पर दबाव बनाया ! .... पर चूत कुँवारी होने के कारन अत्यधिक टाइट थी इसीलिए लंड अंदर नही जा पाया.....

मगर शास तो शायद इसके लिए पहले से ही तय्यार था.......पूजा की सिसकारियो के बीच....शास ने पूजा के होंठो को

अपने होंठो मैं दबा लिया, अओर चूतड़ उठाकर एक धक्का मार दिया !......लंड के सूपड़ा. ... ने....चूत की दीवारे

फाडते हुवे पूजा की चूत मैं अपनी जगह बना ली..... पूजा की जोरदार चीखा निकल गयी......अगर शास ने पूजा के

होंठो को अपने होंठो मैं ना दबाया होता तो चीख की आवाज़ नीचे ज़रूर चली जाती.....ओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउऊऊऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

हूऊऊऊऊऊऊन्न्‍ननननननननननणणन् मगर शास लगता है अब चुदाई मैं इतना निपुण हो चुक्का था,.

..कि....बिना ओर समय अओर मौका गँवाए उसी पल दूसरा और जोरदार धक्का मार चुक्का था........पूजा चीखती रही,...

छटपटाती रही,.......उसकी आँखों से आँसुओ की धारा बहती रही......पर शास की पकड़ बिल्कुल ढीली नही पड़ी .....

अओर होंठो मैं होंठ दबाए चूमता रहा........शास का लंड पूजा की चूत को फड़ता हुवे लगभग

आधा लंड पूजा की चूत मैं समा चुक्का था.......

शास...मस्ती मैं चुदाई का मज़ा ले रहा था.....अओर पूजा दर्द से मरी जा रही थी......

पूजा...शास प्लीज़ एक बार निकाल लो....प्लीज़ मैं मरी जा रही हूँ....दुबारा डाल लेना.....पूजा से दर्द सहेन नही हो पा रहा था.....जैसे किसी ने ब्लेड से चीर दी हो उसकी चूत......पूजा पछता रही थी..... लंड खाने के चक्कर मैं पड़कर उसे नही पता था.....ये दर्द भी झेलना पड़ सकता है..... उसने तो शिरफ़ चुदाई के मज़े के बारे मैं ही सुना था......चूत की मीठी मीठी खुजली का एहसास ही किया था.......शास के पहली बार स्पेर्श का आनंद ही लिया था......चुदाई के एक मीठे एहसास ने पूजा को यहाँ तक पहुचा दिया था.....पूजा की इस छटपटाहट का शास पर कोई अशर नही था.....उसका लंड तो कुँवारी चूत का रस पीकेर अओर मस्त अओर मोटा हो रहा था......वो तो चूत के अंदर मस्त होकेर झटके मार रहा था.......लंड की अकड़ बता रही थी की उसने चूत पर विजय हाशील कर ली है......शास ने लंड की अकड़ को भाप कर पूजा पर अपनी पकड़ अओर मजबूत की.......होंठो को मूह मैं लिया..... अओर एक ओर जोरदार धक्का लगा दिया....पूजा अभी इसके लिए अपने को तय्यार भी नही कर पाई थी......उसकी चीख शास के मूह मैं ही समा गयी........उसकी छटपटाहट....शास की मजबूत बाँहो मैं दब कर रह गयी........पूजा की चुचिया शास की छाती के नीचे मसली जा रही थी.......अओर शास के लंड ने पूजा की चूत के पूरी गहराई को नाप लिया था......लंड का सूपड़ा....पूजा की बच्चेदानि को छू रहा था.......पूजा छटपटा रही थी...आँखो से पानी बह रहा था......अओर शास उसके होंठो का रस पीने मैं मस्त था.....इसी तरह लगभत 10-15 मिनूट गुजर गयी......अब पूजा का दर्द कुछ कम हो रहा था.....उसकी उखड़ी साँसे फिर गरम होने लगी थी......शास की बाँहो की पकड़ भी कुछ ढीली पड़ने लगी थी......पूजा की दर्दीली चीखे अब सिसकारियों मैं बदलने लगी थी......उउउउउउउईईईईएम्म्म्म्म्म्म आआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्शहाआआआसस्स्स्स्स्सस्स म्‍म्म्ममाआअरर्र्र्ररर हहिईिइ द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्लाआआआआ.....आआआआआहह हह...........

अब शास का मूह पूजा के होंठो को छोड़ कर पूजा की चुचियो पर आ चुक्का था.....वह मस्ती मैं चुचिया मसल मसल कर दूध पी रहा था.........पूजा के शरीर से खेल रहा था.....पूजा का दर्द मीठी उत्तेजना मैं बदलने लगा था.....अओर अब पूजा की चूत ने फिर पानी छोड़ना शुरू कर दिया.......पूजा के हाथ धीरे धीरे अब शास की कमर पर आने लगे थे........पूजा ने धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाने जैसे ही शुरू किए.........शास ने लंड को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....पूजा की चूत की मीठी पयास जागने लगी.......चूत कुछ ही देर पहले के दर्द को भूलकर....लंड को अपनी दीवारो मैं दबाने लगी......ये कैसा एहसास......दर्द की चीखे अब मज़े की मीठी सिसकारियो मैं बदलने लगी थी.......शास की कमर पर पूजा की बाँहो का बढ़ता कसाव.....शास को अओर उत्तेजित करने लगा.....लंड के, अंदर बाहर की रफ़्तार बढ़ने लगी थी........कमरे मैं अब पूजा की कामुक सिसकारिया गूंजने लगी थी.........आआआआआआहह उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास.....मेरे शास.....अओर ज़ोर से.....आआआआआहह हा......ऐसे ही.......ऊवूऊवम्म्म्म्म आआअहह की धुन पर शास के लंड की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी..........चुदाई का संगीत रूम मैं गूजने लगा था.......शास के लंड की स्पीड के साथ पूजा के चूतड़ उछालने की क्रिया भी बढ़ रही थी....अब पूजा पूरा चुदाई का मज़ा ले रही थी.........भूल चुकी थी उस दर्द को......अब तो शास के लंड को अओर अंदर तक लेने लगी थी....... जैसे ही शास के लंड का सूपड़ा अंदर जाकर बच्चेदानि पर ठोकर मारता पूजा की मीठी सिसकारी निकल जाती....उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......सी हट लंड का घामाशान पूजा अओर शास को सातवे आसमान की सैर करा रहा था.......पूजा की उत्तेजना अब चरम पर पहुँच चुकी थी...उसके बदन मैं अजीब सा खिचाव......सारा सरीर...आनंद की अओर........आँखे बंद होने लगी...सिसकारियाँ लंबी होने लगी......शास...आआआआहह.....उउउउउम्म्म्म्म ये मैं कहाँ जा रही हूं .................................................. ..............................................

शास.......उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म आआहह अओर पूजा अपने पहले स्खलन (झड़ने) की अओर...... एकाएक पूजा ने शास को बाँहो मैं जाकड़ किया अओर ज़ोर से.....सस्स्शहाआअसस्सस्स उउउउम्म्म्म्म्म्माआआआ म्माऐईन गाईइईईईईईईईईईईईए..अओर उसकी चूत से गरम पानी के फ़ौवारे शास के लंड पर गिरे.....तभी शश के लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया......गरम-गरम वीर्या(गुम) की कई पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी जो सीधे बच्चेदानि पर गिरी.....पूजा ने अओर ज़ोर से शास को दबोच लिया.........शास भी उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्हाआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीईईईईईईईईए की आवाज़ के साथ झाड़ गया... एक दूसरे को बाँहो मैं जकड़े.....पूजा अओर शास......लंबी साँसे.....आँखे बंद......दोनो...दूर-बहुत दूर...सातवे आसमान की सैर पर......एक दूसरे को प्यार से भिंचे हुवे..........कितने ही देर तक.....ऐसे ही.......सारी दुनिया से बेख़बर......लगभत 15 मिनूट तक ऐसे ही...एक दूसरे की बाँहो मैं........फिर लौट आए इसी दुनिया मैं.....पूजा ने शास ...के होंठ चूम लिए अओर चेहरा शास के शीने मैं छुपा लिया...
Reply
06-30-2017, 11:31 AM,
#7
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट-6



शास...मस्ती मैं चुदाई का मज़ा ले रहा था.....अओर पूजा दर्द से मरी जा रही थी......

पूजा...शास प्लीज़ एक बार निकाल लो....प्लीज़ मैं मरी जा रही हूँ....दुबारा डाल लेना.....पूजा से दर्द सहेन नही हो पा रहा था.....जैसे किशी ने ब्लेड से चीर दी हो उसकी चूत......पूजा पछता रही थी..... लंड खाने के चक्कर मैं पड़कर उसे नही पता था.....ये दर्द भी झेलना पड़ सकता है..... उसने तो शिरफ़ चुदाई के मज़े के बारे मैं ही सुना था......चूत की मीठी मीठी खुजली का एहसास ही किया था.......शास के पहली बार स्पेर्श का आनंद ही लिया था......चुदाई के एक मीठे एहसास ने पूजा को यहाँ तक पहुचा दिया था.....पूजा की एस छटपटाहट का शास पर कोई अशर नही था.....उसका लंड तो कुँवारी चूत का रस पीकेर अओर मस्त अओर मोटा हो रहा था......वो तो चूत के अंदर मस्त होकेर झटके मार रहा था.......लंड की अकड़ बता रही थी की उसने चूत पर विजय हाशील कर ली है......शास ने लंड की अकड़ को भाप कर पूजा पर अपनी पकड़ अओर मजबूत की.......होंठो को मूह मैं लिया..... अओर एक ओर जोरदार धक्का लगा दिया....पूजा अभी इसके लिए अपने को तय्यार भी नही कर पाई थी......उसकी चीख शास के मूह मैं ही समा गयी........उसकी छटपटाहट....शास की मजबूत बाँहो मैं दब कर रह गयी........पूजा की चुचिया शास की छाती के नीचे मसली जा रही थी.......अओर शास के लंड ने पूजा की चूत के पूरी गहराई को नाप लिया था......लंड का सूपड़ा....पूजा की बच्चेदानि को छू रहा था.......पूजा छटपटा रही थी...आँखो से पानी बह रहा था......अओर शास उसके होंठो कारस पीने मैं मस्त था.....एसी तरह लगभत 10-15 मिनूट गुजर गये......अब पूजा का दर्द कुछ कम हो रहा था.....उसकी उखड़ी साँसे फिर गरम होने लगी थी......शास की बाँहो की पकड़ भी कुछ ढीली पड़ने लगी थी......पूजा की दर्दीली चीखे अब सिसकारियों मैं बदलने लगी थी......उउउउउउउईईईईएम्म्म्म्म्म्म आआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्शहाआआआसस्स्स्स्स्सस्स म्‍म्म्ममाआअरर्र्र्ररर ह्ह्ह्ह्हीई द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्लाआआआआ.....आआआआआहह हह...........

अब शास का मूह पूजा के होंठो को छोड़ कर पूजा की चुचियो पर आ चुक्का था.....वह मस्ती मैं चुचिया मसल मसल कर दूध पी रहा था.........पूजा के शेरर से खेल रहा था.....पूजा का दर्द मीठी उत्तेजना मैं बदलने लगा था.....अओर अब पूजा की चूत ने फिर पानी चोदना शुरू कर दिया.......पूजा के हाथ धीरे धीरे अब शास की कमर पर आने लगे थे........पूजा ने धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाने जैसे ही शुरू किए.........शास ने लंड को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....पूजा की चूत की मीठी पयास जागने लगी.......चूत कुछ ही देर पहले के दर्द को भूलकर....लंड को अपनी दीवारो मैं दबाने लगी......ये कैसा एहसास......दर्द की चीखे अब मज़े की मीठी सिसकारियो मैं बदलने लगी थी.......शास की कमर पर पूजा की बाँहो का बढ़ता कसाव.....शास को अओर उत्तेजित करने लगा.....लंड के, अंदर बाहर की रफ़्तार बढ़ने लगी थी........कमरे मैं अब पूजा की कामुक सिसकारिया गूंजने लगी थी.........आआआआआआहह उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास.....मेरे शास.....अओर ज़ोर से.....आआआआआहह हा...... ही.......उउउउउम्म्म्म्म्म्म आआअहह की धुन पर शास के लंड की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी..........चुदाई का संगीत रूम मैं गूजने लगा था.......शास के लंड की स्पीड के साथ पूजा के चूतड़ उछालने की क्रिया भी बढ़ रही थी....अब पूजा पूरा चुदाई का मज़ा ले रही थी.........भूल चुकी थी उस दर्द को......अब तो शास के लंड को अओर अंदर तक लेने लगी थी....... जैसे ही शास के लंड का सूपड़ा अंदर जाकर बच्चेदानी पर ठोकर मारता पूजा की मीठी सिसकारी निकल जाती....उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......सी चूत लंड का घामाशाण पूजा अओर शास को सातवे आसमान की सैर करा रहा था.......पूजा की उत्तेजना अब चरम पर पहुत चुकी थी...उसके बदन मैं अजीब सा खिचाव......सारा सरीर...मस्ती की अओर........आँखे बंद होने लगी.....सिसकारियाँ लंबी होने लगी......शास...आआआआहह.....उउउउउम्म्म्म्म ये मैं कहाँ जा रही हूँ .................................................. ..............................................

शास.......उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म आआहह अओर पूजा अपने पहले स्खलन (झड़ने) की अओर...... एकाएक पूजा ने शास को बाँहो मैं जाकड़ किया अओर ज़ोर से.....सस्स्शहाआअसस्सस्स उउउउम्म्म्म्म्म्माआआआ एम्मॅयेयीन गाईइईईईईईईईईईईईए..अओर उसकी चूत से गरम पानी के फ़ौवारे शास के लंड पर गिरे.....तभी शश के लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया......गरम-गरम वीर्या(गुम) की कई पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी जो सीधे बच्चेदानी पर गिरी.....पूजा ने अओर ज़ोर से शास को दबोच लिया.........शास भी उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्हाआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीईईईईईईईईए की आवाज़ के साथ झाड़ गया... एक दूसरे को बाँहो मैं जकड़े.....पूजा अओर शास......लंबी साँसे.....आँखे बंद......दोनो...दूर-बहुत दूर...सातवे आसमान की सैर पर......एक दूसरे को प्यार से भिंचे हुवे..........कितने ही देर तक.....एआसे ही.......सारी दुनिया से बेख़बर......लगभत 15 मिनूत्स तक ऐसे ही...एक दूसरे की बाँहो मैं........फिर लौटआए इसी दुनिया मैं.....पूजा ने शास ...के होंठ चूम लिए अओर चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.......

शास... ने पूजा का चेहरा अपने हाथों मैं लिया अओर उप्पेर किया......अओर पूजा के होंठ चूमकर...धीरे से बोला........ पूजा तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट थी....मज़ा आ गया......आज पूरे यक़ीन के साथ कह रहा हूँ आज वास्तव मैं स्वर्ग की सैर की है......आज पहली बार इतना मज़ा आया...??????????? कह नही सकता......मन करता है तुझे तो बस चोदता ही जाऊ.....शास का लंड अभी तक पूजा की टाइट चूत मैं ही फँसा हुवा था.........तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को पाकर तो मैं निहाल हो गया........पूजा.!

पूजा...तो मना किसने किया है......?????

शास...कया मतलब है...????

पूजा...आपने ही तो कहा है....कि “मन करता है तुझे तो बस चोदता ही जाउ.” ..?????

शास...तो फिर...??????

पूजा...मैने कब मना किया है मेरे राजा जी.....पूजा ने कामुक मुस्कुराहट के साथ कहा.....उसकी आँखूं मैं चमक सी आ गयी थी.....

शास...तो मैं कब अभी रुका हूँ...??? लंड तो चूत मैं ही है........????

पूजा...पूजा ने शास के होंठ चूमकर...अभी मन नही भरा कया.????

शास...बस एक ही बार मैं कया मन भरता है...????

पूजा...थक नही जाओगे..??? रात भर तो सीमा दीदी को चोदा है...????

शास...तुम्हारी चूत का रस पीकर थकान मिट गयी.......

पूजा...अच्छा जी....मेरी चूत के रास मैं कया विटमिन्स अओर मिनरल्स मिले थे..???

शास...जान तुम्हारी चूत के रस मैं तो..केशर..मिली थी....अभी भी उसी की डकारे आ रही हैं.......उसी की खुसबू अभी तक महक रही है साँसों मैं...

पूजा... कया चूत का रस हजम नही हुवा.????? जो डकारे आ रही है......????

पूजा... शास...अभी दूध पीकर हजम कर लेता हूँ.......

पूजा...कोई आ जाएगा.. ????जानते हो कितना समय हो गया है....???.अभी रहने दो बाद मैं पी लेना.....सीमा दीदी भी आनेवाली होंगी.........

शास...तो कया हुवा....आजाने दो...अओर शास ने पूजा की दोनो चुचिया अपने हाथों मैं भर ली.....अओर मस्त होकर दबा दबा कर दूध पीने लगा......शास का लंड फिर एन्ठने लगा अओर धीरे धीरे पूजा की चूत मैं अंदर बाहर होने लगा.......पूजा भी फिर से गरम होने लगी.....उसके चूतड़ भी उप्पेर नीचे होने लगे....

पूजा....कया इरादा है शास...दूध पीकर चूत का रास हजम करना है,,??? या फिर फिर से चूत का रस्स पीने का इरादा बना लिया है.......?????

शास...नही चूत का रस पीने का नही......एकबार अओर चोदने का इरादा ज़रूर बन गया है.......लगता है इस लंड को तुम्हारी चूत जीयादा ही पसंद आ गयी है....बाहर आने के लिए तय्यार ही नही हो रहा है...........

पूजा भी तो यही चाह रही थी.....शास ने उसके मन की बात कहकर.....उसकी उत्तेजना अओर बढ़ा दी थी.......पर शास की बात सुनकर उसके गालो पर लालिमा दौड़ गई थी......उसके कान लाल हो गये.....चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी.......

शास कभी चुचियाँ कभी पूजा के होंठ चूमने लगा......अओर उसके लंड की स्पीड एक बार फिर बढ़ने लगी थी......पूजा के चुटटर भी तेज..तेज उप्पेर नीचे होकर पूरा लंड अंदर ले रही थी.......साँसे तेज होने लगी...चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी......चूत मैं पहले से वीर्या (गुम) अओर पानी भरा होने के कारण चूत से फूच..फूच....फुचा...फूच..की आवाज़ होने लगी थी......इससे शास अओर जोरदार ढंग से धक्के मारने लगा........लूब्रिकेटेड हुई चूत मैं लंड दना..दान....अंदर बाहर हो रहा था........शास...पूजा की चुचियों को बेरहमी से मसल्ने लगा......पूजा की सिसकारियाँ फिर गूजने लगी थी.....पूरे रूम मैं कामुक आवाज़े गूँज रही थी...उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउ ऊवूऊवूयूयूवख शास अओर पूजा की मिलीजुली आवाज़े.....जैसे रति. अओर कामदेव चुदाई कर रहे हों.....एक बार फिर दोनो की पकड़ मजबूत होने लगी........सिसकारिया...तेज होने लगी......अओर एक बार फिर बंद होती आँखे............पूजा................पानी छोड़ने के लिए पूरी तरह तय्यार.....अओर उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्साआअ आआआआआआअहह्की धून पर पूजा शास मैं सामने की कोशिस करने लगी............वो फिर सातवे आसमान पर..स्वर्ग लोक मैं पहुँच गई......उसकी चूत का गरम गरम पानी शास के लंड पर गिरकर उसको भी पानी छोड़ने के लिए विवस कर रहा था......आख़िर....शास के लंड ने भी...धूम मचाते हुवे......जोरदार पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी........दोनो इस तरह चिपक गये जैसे वे दो नही एक ही हूऊऊऊऊओ...................

ऊउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ष्छ्ह्हीयीयियूयूवूऊवूऊवूऊवूयूवक चहाआआआआअहह की धून के साथ दोनो तेज तेज सांसो के साथ आपस मैं चिपक कर शांत हो गये..........

लगभग 10 मिनिट्स तक दोनो...एक दूसरे को बाँहो मैं भिंचे हुवे लेते रहे....शास ने पूजा की गर्देन मैं दिया हुवा अपना चेहरा बाहर निकाला........पूजा को गौर से देखा...उसके चेहरे पर परम संतुष्टि के भाव थे.....आँखे बंद थी...अओर होठों पर मुस्कुराहट थी........मानो अभी भी स्वारग्लोक की सैर पर ही हो.....मुस्कुराहट लिए पूजा के गुलाबी छोटे..छोटे होंठो ने बरबस ही शास को अपनी और खिच लिया.....शास ने अपने होंठ पूजा के होंठो पर रख दिए.......पूजा ने आँखे खोल दी.....प्रितिउत्तर मैं उसने भी शास के होंठ चूम लिए.......

पूजा... जानू अब कया इरादा है....???

शास...एक बार अओर चोदने का..????

पूजा...पागल हो गये कया...??????? कितने मेहमान है नीचे...कोई आ गया तो..????

शास...तो कया हो जाएगा....शादी हो रही है...सभी कहेंगे की ...शादी से पहले की सुहग्रात चल रही है.....

पूजा...नही शास....बस अब बाहर निकाल लो...तुम्हे आपनी परवाह नही....??? रात से अब तक इस कच्ची उमर मैं 5 बार चुदाई कर चुके हो.... जानते हो चुदाई के बाद आदमी मैं कितनी कमज़ोरी आती है..????

शास...कितनी आती है...?????

पूजा...हटो अब मैं नही बात करती....इसके बाद मम्मी हमेशा पापा को मीठा गरम दूथ देती है.....

शास...कया तुम मम्मी.पापा को देखती रहती हो...???

पूजा...सस्स्स्स्स्स्सीईईककककककचह.. नही बस एक बार बाते सुनी थी.....

शास...कया बाते सुनी थी...?????

पूजा...हट्तो अब ...हमे नही पता......चलो अब ... अपने इस लंड को बाहर निकालो...मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है.......

शास...आच्छा जी... पहले डलवाने की...अओर अब निकालने की जल्दी है...जाओ नही निकलता है....

पूजा...प्लीज़ शास...दिन मैं या रात मैं जब भी समय मिलेगा...तब चोद लेना...अब प्लीज़ छोड़ दो....निकालो अपने इस बॅमबू लंड को.....

शास...एक शर्त पर.....

पूजा... कया है...???????

शास...जब भी बुलाउन्गा...तुम्हे आना पड़ेगा....

पूजा...कया मतलब...?????????

शास...चुदाई के लिए......

पूजा...देखूँगी...समय मिला तो ही आ पऔन्गि....

शास...पहले वादा करो....

पूजा ...अच्छा बाबा...वादा....अब तो निकाल लो......

शास ने अपने चूत मैं धन्से लंड को बाहर निकाला....ढेर सारा वीर्या खून से मिला हुवा चूत से बाहर निकलने लगा.........पूजा ने अपनी चूत एक साफ कपड़े से साफ की अओर बाथरूम मैं भाग गई.... अब शास उसी कपड़े से अपने लंड को साफ करने लगा......अओर पूजा के आने का एंतजार करने लगा.....कुछ देर बाद पूजा अपनी चूत को पानी से धोकर वापस आई....

पूजा...शास तुमने तो मेरी चूत को फाड़ ही दिया....मुझसे ठीक से चला नही जा रहा है... पानी भी चूत मैं लग रहा था....चलते हुवे दुखती है.....

शास...चलो बाद का काम आज ही निपट गया....

पूजा...कया मतलब...??????????

शास...बाद मैं फटती तो ज़यादा दर्द होता....

पूजा... चलो हटो...मैं नीचे जा रही हूँ तुम जल्दी से नहा कर तय्यार होकर नीचे आ जाना...मैं नीचे ही तुम्हार एंतजार करूँगी......इतना कह कर पूजा दरवाजे से निकल कर नीचे चली गये ....पूजा को देखकर लग रहा था की उसे चलने मैं कुछ प्राब्लम हो रही थी...............

दोस्तों ये स्टोरी है शास की जिंदगी से जुड़े उन लम्हो की जो यादगार बन गये.....कहते है...पहला कदम रखना, पहली औलाद, पहला पयार अओर पहली चुदाई जीवन मैं एक अलग ही स्थान रखता है..... लॅकिन सामाजिक बंधन, समय की चाल, अलग ही कहानी लिखते है.....पूजा जब नीचे पहुँची ! उसके दिलोड़िमाग़ मैं शिरफ़ शास ही..शास था..... अभी कुछ समय पहले ही शास के साथ बिताए लम्हे...पूजा के जहाँ मैं हलचल पैदा कर रहे थे.....आज उसके लिए शास दुनिया का सबसे प्यारा इंसान था.....उसके दिलो-दिमाग़ मैं शिरफ़ शास ही बस चुक्का था......घर मैं शादी का मौहोल था....कितने ही मेहमान.....आदमी..अओरते...लड़के,लड़कियाँ अओर बच्चो से घर भरा था....मगर पूजा तो बस शास के बारे मैं ही सोच रही थी, रह रह कर उसे शास याद आ रहा था.....वो हरपल शास के साथ रहना चाहती थी....मगर समाज,...सामाजिक बंधन,,, शर्म-लिहाज....बाँध देती है दिलो को भी.....आख़िर जब पूजा से नही रहा गया तो वो किचन मैं गयी.....वहाँ पर हलुवाई का काफ़ी सामान था...उसमें से पूजा ने धीरे से कुछ बादाम, केशर, छुवारे, काजू एत्यादि कई ड्राइफ्रूट्स उठा लिए अओर एकगिलास दूध मैं डालकर शास के लिए गरम करने लगी.....साथ साथ डर भी रही की अगर किशी ने देखा लिया तो वो कया कहेगी.????? परंतु मन था जो मानता ही नही था....आख़िर पूजा ने वह गरम दूध एक ग्लास मैं लिया अओर ओपेर प्लेट से ढक कर उप्पेर के रूम की तरफ चल दी....जहाँ पर शास था......शास जैसे ही नहा-धोकर बाथरूम से निकला.....सामने पूजा को पाया.....पूजा तुम?????????????

पूजा...है तुम्हारे लिए ये लाई हूँ.........

शास...कया है इसमे...??????

पूजा ...देखा लो ना...अओर पास पड़ी टेबल पर रख दिया.....

शास ने पास जाकर देखा..अओर गिलास मैं गरम दूध देखकर....उसे पूजा की बताईं याद आ गयी और मुस्कुरा कर पूजा की अओर देखा..... हां तो दूध लाई हो..???????

पूजा ने शर्मा के करें धीरे से मुस्कुरा कर नीचे गर्देन करके आँखे नीचे कर ली.....शास ने पूजा के हाथ अपने हाथों मैं लेकर चूम लिया.....पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो गया .....शास ने पूजा का चेहरा हाथों मैं लेकर, पूजा की आँखों मैं देखा....अओर धीरे से कहा...तुम कितनी अच्छी हो पूजा..???? पूजा ने आँखें उठाकर देखा अओर मुस्कुरा दी......

पूजा...शास तुम ये दूध पीकर नीचे आ जाओ...मेरा बार बार यहाँ आना ठीक नही है.....

शास...केयूं..????

पूजा...कोई देखलेगा तो कया कहेगा..????

शास...कया कहेगा....यही कि पूजा अपने शास से मिलने आई है अओर कया...?????

पूजा...बड़े ही दार्शनिक अंदाज मैं...नही शास,...ये दुनिया,ऐसी नही है.....???

शास...तो कैसी है...??????

पूजा....छोड़ो शास...तुम नही समझोगे.....जल्दी से नीचे आ जाना.....मैं नीचे जा रही हूँ.

शास...पूजा के होंठ चूमकर...जानू तूमे उदास आछी नही लगती....मुस्कुरा कर तो जाओ...

पूजा एक कतिलि मुस्कुराहट छोड़कर दरवाजे से बाहर निकल गयी.....शास ने मुस्कुरकर दूध का गिलास उठाया.....अओर धीरे धीरे मुस्कुराते हुवे पीने लगा... सायेद उसे पूजा की बताई उसके मूमी-पापा की दूध की बात याद आ रही थी......

शास दूध पीते हुए सोच रहा था की पूजा कितनी भोली है....दूध मैं से भी पूजा की चूत वाली केशर की गंध आ रही थी.....एसलिए शास दूध को मस्त होकर चुस्किया लेकर पी रहा था.......

शास ने दूध ख़तम कर....कपड़े बदेले.....अओर नीचे आ गया.....उसकी आँखें पूजा को ढूँढ रही थी.....काफ़ी देर हो गयी पर शास को पूजा कही नज़र नही आई......सीमा भी अभी ब्य्टिपार्लर से नही लौटी थी.....दोप-हर के बाद लगभग 4 बज चुके थे पर पूजा शास को नज़र नही आई.....अओर अभीतक सीमा भी नही लौटी थी...शास परेशान सा हो गया.....अओर उप्पेर के रूम मैं जाकर बेड पर लेट गया....कुछ ही देर मैं उसे नींद आ गयी अओर शास सो गया........

जब शास की आँखें खुली तो नीचे काफ़ी शोर हो रहा था वो नीचे गया....वहाँ पर काफ़ी गहमा-गहमी हो रही थी.....उसे पता चला की बारात आ गयी है अओर उनके नाश्ते एत्यादि की तय्यरी चल रही है एसीलिए ये शौर-शराबा हो रहा है.....शाम के लगभग 6 बज चुके थे.....सीमा भी ब्य्टिपार्लर से लौट चुकी थी.....सीमा अपने रूम मैं अपनी सहेलियों से घिरी बैठी थी.........

शास सीधा....सीमा के रूम मैं गया.....अओर सीमा की सुंदरता को देखत ही रह गया......कितनी सुंदर है सीमा दीदी ये तो उसने आज ही जाना था......मानो आसमान से परी उतार आई हो.....शास सीमा दीदी के पास गया.......

शास...सीमा दीदी...???????

सीमा....सीमा ने आँखें उठाकर शास की अओर देखा....बड़ा उदास सा लग रहा था....कया बात है शास...??????????सीमा ने अस्चर्ये से शास से पूछा...???????

शास...कोई बात नही..दीदी....आपने बड़ी देर! कर दी , बहुत ही देर के बाद लौटी है....बड़ी सुंदर लग रही है. आप दीदी...?????

सीमा ...सच शास......???

शास...रियली दीदी....सीमा की सहेलिया हंस पड़ी....हमारी बन्नो लाखो मैं एक है.....कहीं नज़र ना लग जाए किशी की....

सीमा ..... ने शर्मकार आँखें नीचे करके मुस्कुरा दी....उसकी गालो पर शर्म की लालिमा शाफ़ नज़र आ रही थी....शास का पुन्ह ध्यान आते ही सीमा को पूजा का ख़याल आया......अओर शास के चेहरे की अओर देखाकर उसकी उदासी का कारण पढ़ने लगी..........

सीमा....पूजा कहाँ है शास...????

शास... मालूम नही दीदी....मैं भी काफ़ी देर से डुनध रहा हूँ.....पर कहीं नज़र नही आई.....लागफग 2-3 घंटे से गायब है........

सीमा सोचने लगी...मेरे जाने के बाद कया हुवा होगा ????? जो पूजा गायब है.....उसके मंन मैं काफ़ी बाते आने जाने लगी.....अपनी दूसरी सहेलियो केआमने वह शास से अओर कुछ पूछ भी नही पा रही थी.......

सीमा सोचने लगी कहा गयी होगी पूजा,??? सायेद मूमी को कुछ पता हो यही सोच कर सीमा ने शास से कहा, शास ज़रा अपनी मामी को तो बुला लाना........
Reply
06-30-2017, 11:31 AM,
#8
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -7

शास दूसरी तरफ गया जहाँ पर मामी शादी के कार्यो मैं बिज़ी थी.....शास ने मामी के पास जाकर कहा ममीज़ी आपको सीमा दीदी बुला रही ही....

मामी...कयूं...???

शास... मालूम नही...सायेद पूजा के बारे मैं कुछ पूछना है........

मामी... अर्रे है..... मैं तो भूल ही गयी थी उसका भाई आया था अचानक उसकी मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब हो गई अओर उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा इसीलिए पूजा को लेकर गया है....और मामी सीमा के रूम मैं गई.......

सीमा पूजा की मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब है....उसका बही लेगया है......ये कहकर मामी फिर वापस चली गयी........

सीमा...ओह!!!!!!!!!

लॅकिन सीमा पूजा के बारे मैं शास से बात करना चाहती थी...एसलिए...मौके तो तलाश रही थी......बाहर बारात आ चुकी थे...वे लोग नाश्ता कर रहे थे.......बारात के साथ बहुत सी लॅडी भी आई थी.....मगर वे अलग से नाश्ता कर रही थी......

सीमा...शास...उपर के रूम मैं कोन है.......?????

शास...कोई नही दीदी.....लॉक है अओर चाबी मेरे पास है....

सीमा...ओह !!! मुझे टाय्लेट जाना है चलो ज़रा दरवाजा तो खोल देना.....अओर अपनी सहेलियो की अओर इशारा करते हुए....मैं अभी आई.........अओर उपर के रूम की तरफ चल दी......शास भी साथ साथ चल दिया.....उपर पहुँच कर....शास ने दरवाजा खोल दिया...... सीमा अओर शास दोनो रूम मैं चले गये.......सीमा ने पीछे से दरवाजा लॉक कर दिया.....

शास...सीमा दीदी आज तो आप गजब ढा रही हो....

सीमा...अच्छा .!!!!! शास तुम्हे भी पता चल गया कि कोन गजब ढा रहा है..????

शास...आपने ही तो सिखाया है ना दीदी.......दी सच कहूँ बहुत देर से अलग से बात करने की सोच रहा था पर समय ही नही मिल पा रहा था.....

सीमा...बोलो ना शास कया कहना है....?????

शास...दीदी कया मैं एक बार आपके होंठो को चूम सकता हूँ, ??? मैं अपने को रोक नही पा रहा हूँ.............

सीमा...किसने रोका है शास मैं तो खुद कबसे तुमसे अलग से बात करना चाह रही थी...ये टाय्लेट तो एक बहाना बनाया है......

शास...कया ????? दीदी सच मैं...?????

सीमा... हाँ शास.....तुमने जो सुख रात मैं दिया है मैं कभी नही भूल पाऊँगी......

शास ने सीमा के चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर धीरे से सीमा के होंठ चूम लिए.....बड़े ही टेस्टी है......हनी की तरह स्वीट भी है......

सीमा...कुछ अओर चूमने की इच्छा नही है....???????

शास....है तो दीदी...मैं तो डर रहा था....आज आपकी शादी है...कही दीदी बुरा ना मान जाए...????

सीमा...शास ये तूने कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारी किसी बात का बुरा मानूँगी..????? शास ये सीमा दीदी अपने इस शास की पहले ही हो चुकी है....अब भी है...अओर कल भी रहेगी.....तुम मुझे कभी भी किशी भी समय कुछ भी कह,... या कर सकते हो...समझ गये ना शास....???????????????

शास...जी दीदी...अओर कह कर शास ने सीमा को बाँहो मैं भर लिया.....

सीमा....शास थोड़ा धीरे और ये ध्यान रख कर की ये मेकअप खराब नही हो......

शास...फिर तो दीदी मैं आपके ये कपड़े ही उतार देता हूँ...जिससे....मैं संभाल कर धीरे से ही कुछ कर सकूँ........अओर शास ने सीमा के सभी कपड़े उतारने सुरू कर दिए....कुछ ही देर के बाद सीमा शास के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी....अओर शास......?????

और शास निहार रहा था सीमा दीदी के इस कमसिन जिस्म को.....भगवान ने कया खूब बनाया था .....भारी,सुडोल गोलगॉल कसी हुई चुचियाँ... सुरहिदार गर्देन....नैन नखश दिल को घाएल कर जाएँ आह! होंठ जिनसे शहद (हनी) टपक रहा था.....शास का लंड झटके मारने लगा था......सीमा ने आज अपनी चूत को रेजर से शायद सॉफ किया था.....कितनी सुन्दर लग रही थी.....शास का खाने को मन कर रहा था.....

सीमा...शास जो भी करना है आज जल्दी करना है...थोड़ी देर होने पर सब हमे ढुड़ने लगेंगे......तुमने पूजा के साथ कुछ किया था कि नही...?????????

शास...हाँ दीदी पूजा बड़ी ही मस्त लड़की थी अओर उसकी चुचियाँ अओर चूत तो बड़े ही मजेदार थी....मन करता था कि पूजा की चूत को तो बस चूस्ता ही रहू...उसकी चूत की गंध तो कॅशर जैसी थी दीदी......

सीमा... चुदाई भी की नही या बस चूमते ही रहे...????????

शास...नही दीदी दो बार चुदाई भी की...बड़ा मज़ा आया....दीदी......

सीमा...कया मेरी चूत की गंध अच्छी नही थी.....????

शास...कया बात करती है दीदी....कया स्वदिस्त (डेलीशियस) टेस्ट है.....बस बता नही सकता हूँ.........

सीमा...अब शास जल्दी से एक बार अओर मुझे चोद दो......आज देर नही लगा सकते है....सब हमे ढूँढते हुवे यही आ जाएगे......अब जल्दी से अपना ये लंड मेरी चूत मैं डाल दो.....अंदर ही अंदर बड़ी खुजली हो रही है.....बस दो मिनुट मैं ही मेरा पानी निकाल दो....

शास...पर दीदी इतनी जल्दी कैसी होगा.....कम से कम आधा घंटा तो चाहिए ही..???????

सीमा ...नही शास ये नही हो सकता है....तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो अओर सीमा बेड पर दोनो टाँगे चौड़ी करके लेट गयी....

शास...दीदी कया इतनी जल्दी मैं आपको हो जाएगा..????????????

सीमा...तुम जल्दी करो शास....आज देर करने का समय नही है....अओर देखो...ये मेकअप खराब ने होने पाए...नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगी.......

शास...ठीक है दीदी....अओर शास सीमा की टॅंगो के बीच मैं आया अओर सीमा की चूत को मस्ती मैं चाटने लगा.........

सीमा...शास जल्दी से अपना लंड डाल दो....चाटने का समय नही है....

शास...दीदी थोडा स्वाद तो ले लेने दो....बाद मैं तो समय मिलेगा नही....

सीमा...हस्ते हुए...शास...मैं एक दो दीनो मैं लौट आउन्गि तब खूब स्वाद ले लेना....बस अब तो मुझे जल्दी से चोद दे.....

शास...तब तो दीदी जीजू ने सारा स्वाद चूस लिया होगा..????

सीमा...अर्रे नही...ऐसा नही होगा....सीमा को समय की नज़ाकत का पता था...उसने शास को मुस्कुराते हुवे कहा अच्छा वादा करती हूँ...चूत का रस तेरे लिए ही संभाल कर वापस ले आउन्गि.....

शास...ठीक है दीदी....अओर शास ने आपना मोटा, तगड़ा,,फुनफुनता हुवा लंड सीमा की चूत के मूह पर रखा दिया......अओर अंदर को दबाव बढ़ाया.....पर लंड अंदर नही गया....शास ने दुबारा लंड को चूत पर अड्जस्ट करके सीमा की चुचियाँ मूह मैं भरकर एक जानदार धक्का मार दिया........अओर सनसनता हुवा आधा लंड सीमा की चूत मैं समा गया.....सीमा की सिसकारी निकल गयी....आउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ आआआअ.........ईईईईईईईईएउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्‍म्म्मममम शास तुम्हारा लंड तो रात से भी मोटा हो गया लगता है.....बहुत दर्द कर रहा है........अभी रूकजाओ...अओर अंदर नही करना......मगर शास....उसने तो सीमा की चुचियो का दूध पीते हुवे दुसरा एक अओर जोरदार धक्का लगा...दिया......सीमा अगर खुद ही अपना हाथ अपने मूह पर ना रख लेती तो उसकी चीख की आवाज़ दूर तक जा सकती थी.......आआआअहहययययययययययययययी य्य्य्यीईईईईईईईईईईईउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म म्‍म्म्ममम स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स म्‍म्म्माआआआआअरर्र्र्र्ररर ह्षियैआइयैआइयीयीयियी द...आ...ल्ल्ल....आआ...मगर शांत शास मस्ती मैं दूध पीटा रहा........... .दोस्तो ये पार्ट यहीं ख़तम होता है फिर मिलेंगे अगले पार्ट के साथ
Reply
06-30-2017, 11:31 AM,
#9
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -८

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा पार्ट ८ लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये होती है समय की चाल, उधर सीमा का दूल्हा....जनवासे मैं सीमा की कल्पनाओ मैं खोया था....कयूँकी वह सीमा को पहले ही देख चुक्का था...अओर सीमा के सुंदरता पर फिदा था.....ना जाने कितनी कल्पनाए वो सजो रहा था कितनी खुशियाँ थी वहाँ पर , अओर इधर, सीमा अपनी चूत मैं अपने ही छोटे भाई का लंड अपनी चूत मैं लेकर उसको फडवा रही थी.....

कुछ देर मैं सीमा की चूत भी पानी छोड़ने लगी अओर वो उछल-उछल कर शास के लंड को पूरा अपनी चूत मैं ले रही थी.....ज्यूँ=ज्यूँ शास के धक्को के स्पीड बढ़ रही थी...वेसे वेसे सीमा के चूतदो की उप्पेर-नीचे होने की रफ़्तार भी बढ़ रही थी....सीमा के दोनो हाथ शास के चूतड़ो पर उसको अओर स्पीड देने की कोशिस कर रहे थे.....उउउउउउम्म्म्म्माआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउ उुउउक्कककककचह जैसे कामुक ढूनो की गूँज मैं शास राजधानी की स्पीड मैं सीमा को चोद रहा था....लगभग 5 मिनुट मैं ही सीमा ने लंबी सांसो के साथ....पानी छोड़ दिया.....उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआआआआआआआआअहह हह............................................ ...............सीमा धीरे धीरे शांत होने लगी थी पर शास की स्पीड ज्यों-की-त्यों दना डन चल रही थी...मगर शास अभी पानी छोड़ने से कोषो दूर था....

शास का लंड सीमा की चूत मैं जोरदार धक्को के साथ अंदर बाहर हो रहा था...सीमा पानी छोड़ने के बाद शांत हो चुकी थी.....उसे अब नीचे जाने की जल्दी थी.....

सीमा...शास प्लीज़ अब रहने दो देर हो रही है.....

शास... मगर दीदी, अभी तो मेरे पानी निकालने मैं काफ़ी देर है......

सीमा...इसलिए तो कह रही हूँ....अब अपना लंड चूत से निकल लो.....आज इतना ही समय था.....जल्दी नीचे जाना है....सब इंतजार कर रहे होंगे,....बाद मैं कभी फिर अपना पानी निकाल लेना.......बेचारा शास ....मन मसोष कर रह गया.....उसे अपना लंड सीमा की चूत से निकलना पड़ा.....अओर फौच की आवाज़ के साथ फुनफुनता हुवा लंड बाहर निकल आया ....उसने देखा...की सीमा की चूत अभी तक पाइप की तरह खुली हुई है....

शास...पर कया दीदी मैं तुम्हारी इस राशीली चूत का रस तो पी सकता हूँ...बड़ी ही अच्छी लग रही है....झील की तरह खुली हुई रसीली चूत......

सीमा...तुम्हारा लंड ही इतना मोटा अओर बड़ा है ये तो झील बनाकर ही छोड़ता.....

शास ....तो दीदी मैं इस मे जीभ डालकर चूस लू ???????????

सीमा...नही शास अभी नही...अब मैं नीचे जाती हून...कभी बाद मैं जी भरके पीलेना........ अओर सीमा बाथरूम मैं चली गयी......इधर शास का टाइट लंड फुन्फुना रहा था.....उसकी अकड़न से शास को अब परेशानी हो रही थी....चूत के लेस्श (लसलषा पानी) मैं सना हुवा था......तभी सीमा बाथरूम से वापेस आई.....अओर शास के टाइट हो रहे लंड पर नज़र पड़ते ही मुस्कुरकर बोली......कितना अकड़ रहा है....अगर अभी समय होता तो फिर से चूत मैं डाल लाती.....अओर मुस्कुराते हुवे दरवाजे से बाहर निकल गयी......शास बेचारा....अपने इस टाइट आकड़े हुवे लंड को लिए बैठे रहा.....लंड अकड़ कर दर्द कर रहा था.....

हिम्मत करके शास उठा अओर बाथरूम मैं जाकर ठंडे पानी की टोंटी लंड पर खोल दी.......थोड़ी देर मैं लंड की अकड़न कम हुई अओर शास टाय्लेट के बाद बाहर निकल आया....अओर कपड़े पहन कर नीचे आ गया........

नीचे आकर शास ने देखा.....एक रूम मैं सीमा की सहेलियाँ उसे तय्यार कर रही थी...चारो अओर शादी की धूम....बाराती नस्ता करके जनवासे मैं लओट गये थे.....एक से एक सुन्‍दर तितलियाँ (लड़कियाँ) इधर उधर घूम रही थी.....दूल्हे की तरफ से आई हुई कुछ लड़किया अओर अओरते (लॅडीस) भी सीमा दीदी को तय्यार करने मैं सह-योग कर रही थी.... जनवासे मैं बाजा – ढोल बजे रहे थे उसी आवाज़ यहा तक आ रही थी....शास जनवासे की तरफ चला गया.....दूल्हा एक घोड़ी पर सवार होकर बारह-द्वारी..(वर-माला) के लिए चल दिया था...जिसके आगे बाजे वाले अओर ढोल वाले अपनी अपनी धुँए बजा रहे थे कुछ लड़के सामने डांस करते हुवे चल रहे थे..... लाइटों से सारा एरिया चमक रहा था...उस पर वीडियो रेकॉर्डिंग की लाइट, फोटोमेन की लाइट आँखों को चुन्धिया रही थी....दूल्हा एक सुंदर सजीला नोजवान रोबीला चेहरा, सर पर पगड़ी अओर मुकुट, बड़ा ही सुन्दर दिख रहा था....आसपास की लॅडीस दूल्हे की तारीफों के पुल बाँध रही थी.....बड़ी सुन्दर जोड़ी रहेगी....सीमा के पिता ने अच्छी जोड़ी मिलाई है.....एत्यादि शब्द सुनाई दे रहे थे.....दूल्हे के साथ कुछ लड़कियाँ अओर अओरते (लॅडीस) भी चल रही थी......शास की नज़र बार-बार जाकर एक लड़की पर रुक जाती.....जो उसे पूजा से कही अधिक सुंदर नज़र आ रही थी....मानो उपेरवाले ने बड़ी ही फुरशत के साथ उसे बनाया होगा.....20-21 साल की....नाज़ुक सी....पर उसकी चुचियो के उभार...शास को आकर्षित कर रहे थे ...उसके चलने का अंदाज अलग था....उसके देखने का अंदाज...निराला कातिल था..... उसकी सुंदरता की बिजलियों का असर अब शास पर पूरी तरह से हो चुक्का था.....चलते हुवे बड़े ही अंदाज से उप्पेर नीचे होते चूतड़....शास का लंड पता नही कब...हरकत मैं आकर डॅन्स कर रहा था......शास के पेंट मैं फँसे लंड का उभार दूर से ही नज़र आने लगा था....शास की नज़रे उसी लड़की पर जम गयी थी....कई बार...उस लड़की ने शास की अओर देखा....पर कोई प्रतिक्रिया नही दी....जब शास लंड को काबू मैं नही रख पाया तो वहाँ से घर की तरफ चल दिया....रास्ते मैं उसने अंधेरे का फयडा उठाकर ...पेंट की चैन खोलकर...लंड को बाहर निकाला....अओर टाय्लेट करके कुछ ढीला किया....अओर घर लओट आया........वहाँ पर बारह-द्वारी की सभी तय्यारी पूरी हो चुकी थी....सीमा दीदी को पूरी तरह से तय्यार किया जा चुक्का था.....शास ने सीमा दीदी को गौर से देखा....उसका रंग-रूप अओर निखर आया था....अब वो एक अप्सरा सी लग रही थी......पर जो लड़की शास ने दूल्हे के साथ देखी.....उसकी बात कुछ अलग ही थी.....सीमा ने शास की अओर देखा....अओर धीरे से मुस्कुरा दी....इस मुकुराहट मैं ना जाने कया..कया छुपा हुवा था......जो शायद अब शास समझने लगा था......दूल्हे के साथ हो रही आतिस्बाजि की आवाज़ अब अओर नज़दीक आ चुकी थी.....

अचानक सभी लोग बाहर की तरफ भागे.....एक जोरदार शोर सराबा सुरू हो गया.....शास नही समझ पाया की अचानक के हुवा.....तभी सीमा दीदी की एक सहेली दौड़ती हुई अंदर आए अओर सीमा के पास आकर बोली सीमा दीदी.....आतिस्बाजि की आवाज़ से घोड़ा बिदक गया....दूल्हा भी उससे नीचे गिरगया...उसे भी चोट लगी है....अओर कई आदमी अओर लॅडी भी जखमी हो गये है......तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया है......किस-किस को चोटे लगी अभी सही पता नही चला है......सभी आदमी वही पर इकट्ठा हो रहे है.... राम जाने अब कया होगा.....कई-यो को खून भी निकल रहा है.....सुनकर सीमा की मानो साँसे अटक गयी थी......वो चेतना सुन्य सी चुपचाप सब सुन रही थी.....शास के चेहरे पर कई भाव...आ..जा रहे थे....कही वह सबसे सुन्दर लड़की भी तो ज़ख्मी नही हो गयी होगी...????????????ऐसा मन मैं विचार आते ही शास भी बाहर की अओर दौड़ा..... शास को बाहर की अओर दौड़ते हुवे देख कर सीमा को बड़ा अस्चर्य हुवा पर वो कुछ नही बोली.......शास दौड़कर उस जगह पहुँचा.....भीड़ के बीच से होता हुवा शास......वहाँ पहुँच गया....जहाँ पर घायलो को डॉक्टर देख रहा था......शास का ख़याल सच ही निकला वह सुन्दर लड़की भी घायलो मैं बैठी थी...... शास को एक झटका सा लगा.....अओर शास उसके करीब पहुँच कर खड़ा हो गया......जब शास से नही रुका गया तो शास ने उस लड़की से पूछ ही लिया......जियादा चोटे लगी है कया......लड़की ने शास की अओर देखा....यह तो वही लड़का था.....जो बारात के साथ उसे घूर-घूर कर देख रहा था......पर लड़की ने धीरे से....दर्दीली आवाज़ मैं जबाब दिया,.......हाँ !!!!!

शास की आँखें दुख के कारण सिकुड सी गयी.......लड़की ने धीरे से शास की अओर देखा अओर उसके चेहरे पर दुख के भाव देखकर....सोचने लगी ये लड़का कोन हो सकता है......जो उसको इतनी देर से देख रहा था अओर इसे मेरे चोट लगने से दुखा हुवा है.................

डॉक्टर बारी बारी से चेकप कर रहा था....शास वही पर शांत पर गंभीर मुद्रा मैं खड़ा रहा, जैसे उसका कोई खास घायल हो गया हो.......वह सुन्दर लड़की कई बार कनखियों से देख चुकी थी.....वह नही जान पा रही थी...की ये कोन है......ना जाने कयो उस लड़की को भी शास से हमदर्दी....सी होने लगी थी.....तभी डॉक्टर ने उस लड़की, का चेकप करना शुरू किया.....उससे सबकुछ पूछने के बाद डॉक्टर ने उसे खड़े होकर चलने के लिए कहा.......लड़की खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी.....अगर अचानक शास ने उसे संभाल ना लिया होता तो नीचे गिर जाती....उसके पैर मैं ज़बरदस्त मोच आई थी....अओर सर मैं भी चोट थी......लड़की ने एक बार फिर शास की अओर देखा.....कया नाम है आपका..????????????डॉक्टर ने लड़की से पूछा......जी मुस्कान ......शास के होंठो से कई बार मुस्कान, निकली अओर जो होंठो मैं ही दबकर रह गयी....पर मुस्कान तो इसका आभास कर चुकी थी......शास के फड़कते होंठ मुस्कान की आँखों से कहाँ छुपने वाले थे......डॉक्टर ने मुस्कान के सर पर पट्टी की अओर पैर पर एयेयोडीक्स लगाकर गरम पट्टी बांधने को कहा.....चलने फिरने को मना कर दिया.......बाकी सभी को मामूली चोटे ही आई थी.....उनको पेन किल्लर एत्यादि मेडिसिन्स देकर डॉक्टर चला गया.....अओर बारात पुनेह....बारह-द्वारी के लिए चल दी.....मगर मुस्कान तो चल ही नही पा रही थी...उसको सीमा दीदी के पिताजी (शास के मामा ) की अड्वाइस पर शास अओर मुस्कान के एक भाई ने सहारा देकर घर मैं ले गये अओर सीमा दीदी के रूम मैं उसके पास बिठा दिया.....

सीमा...म सॉरी मुस्कान दीदी, आपको काफ़ी चोट लग गयी.....

मुस्कान...नही भाभी इसमे आपका कया दोस है....ये तो होनी थी...हो गयी.....

सीमा...फिर भी...आप चल नही पा रही है.....अपने भाई की शादी को आप अब पूरी तरह से तो एंजाय नही कर पाएगी....मैं भी अपने आपको ही इसके लिए दोषी मानती रहूंगी......

मुस्कान...नही भाभी आप एसा कियों सोचती है....आप तो भाभी लाखों मैं नही करोड़ो मैं एक है.....मैं बहुत खुस हूँ....अओर फिर मामूली सी मोच है एक दो दिन मैं ठीक हो जाएगी.....भाभी ये कोन है मुस्कान ने धीरे से शास की अओर इशारा किया.....यही मुझे सहारा देकर यहाँ तक लाया है.....??????

सीमा...मुस्कान दीदी ये मेरा छोटा फुफेरा भाई है.....बहुत अच्छा है....किशी का दुख इससे देखा ही नही जाता.....(सीमा ने रहस्यमाई आँखों से शास की अओर देखा.....अओर उसके होंठो पर कातिल मुस्कुराहट तेर गयी.....),...अर्रे हाई दीदी.....इसको ( शास ) मैं आपकी सेवा मैं लगा देती हूँ....एक मिनूट के लिए भी आपसे डोर नही जाएगा.....

मुस्कान...ये तो बेचारा पहले ही से मैरे पास है....पर कया ये हमेशा उदास ही रहता है..???????????

सीमा...नही बड़ा ही हँसमुख है वो आपकी चोट के कारण सायेद..???????

मुस्कान...ओह!!! पर मैं तो इसको जानती नही थी..अओर सायेद ये भी मुझे नही जानता होगा...फिर कयूं उदास है.....????

सीमा... मैने कहाँ नही उसे किशी का दुख देखा ही नही जाता है....सायेड इस लिए उदास होगा!!!!!!!! तब तक शास एक गिलास मैं गरम पानी लेकर आ गया था.......

शास...लो मुस्कान जी आप वो टॅबलेट्स ले लो पानी लाया हूँ....

मुस्कान...तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला शास..????????

शास...आपने ही तो बताया था...जब डॉक्टर शहाब ने पूछा था....

मुस्कान...ओह...!!!!

अब मुस्कान को इस बात का एहसास हो चुक्का था कि शास की दिलचस्पी उसमे है..अओर उसकी हर बात पर शास ध्यान रख रहा है....मुस्कान ने शास के हाथ से पानी का गिलास लिया अओर वो टॅब्लेट्स ले ली जो डॉक्टर शहाब ने उसे दी थी.....अओर गिलास शास को वापस लौटा दिया.....शास खाली गिलास लेकर बाहर चला गया......

मुस्कान...बहुत अच्छा लड़का है.....

सीमा... हा दीदी.....सभी काम बड़ी ही मेहनत से भाग-भाग कर करता है.....सभी इसकी तरीफ्फ करते है.....अगर दीदी आपको जीयादा चोट हो अओर दर्द जीयादा हो तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले....????.

मुस्कान...नही भाभी मैं आपके पास ठीक हूँ....अओर फिर अपने भाई को भाभी के गले मैं वर-माला डालते हुवे भी तो देखना है....इस पर सीमा ने शर्माकर अपना चेहरा नीचे कर लिया...अओर हल्के से मुस्कुरा दी......इस पर मुस्कान ने सीमा की धीरे से चुटकी काट ली....आज शर्माकर दिखा रही हैं.....अओर कल को......???? मुस्कान अपनी बात पूरी करते- करते रुक गई...सीमा ने मुस्कान की तरफ देखा....????

सीमा...कल को कया दीदी...????

मुस्कान...सुहाग रात....अओर कया...????

सीमा...दीदी..!!!

मुस्कान...कयूं कया मैं ग़लत कह रही हूँ.....भैया तो रिंग सेरेमनी के बाद हमेसा किशी ना किशी बात पर आपका जीकर ज़रूर कर देते है....वो तुम्हे पाने के लिए कितने बैचेन होंगे कया तुम्हे नही पता...??????

सीमा...मुझे कया पता...????

मुस्कान...इतनी भोली ना बनो भाभी....मुझे सब पता है....आप भी तो भैया से मोबाइल पर बात करती हो...???????

सीमा ... केवेल मुस्कुरा कर रह गयी.........

मुस्कान...भाभी मुझे टाय्लेट जाना है.....कहाँ है...????

सीमा...कया चल पाओगि...????

मुस्कान...देखती हूँ....

सीमा ने शास को आवाज़ लगाकर इशारा किया वह रूम के बाहर पर उनके सामने ही बैठा था.....शास अंदर आया......

शास...हा सीमा दीदी...कया बात है,,???

सीमा...शास मुस्कान दीदी को टाय्लेट आ रहा है...एन्को टाय्लेट दिखा दो....

शास...जी दीदी.... आओ मुस्कान जी....मुस्कान ने खड़ा होकर जैसे ही चलने का प्रियत्न किया.....वह दर्द से चिल्ला उठी....अओर वही बैठ गई...

मुस्कान...नही भाभी मैं नही जा पाऊँगी...कुछ करो....बहुत दर्द होता है....मैं चल नही सकती हूँ......

सीमा ने शास की अओर देखा...शास तुम मुस्कान को सहारा देकर टाय्लेट तक ले जा सकते हो???? शास ने कहा दीदी कयूं नही...कोशिस करता हूँ.......अओर शास ने आगे बढ़कर मुस्कान के पीछे से बाँहो मैं हाथ देकर मुस्कान को उठाने लगा.... शास की बाँहो का सहारा पाकर मुस्कान खड़ी हो गयी....

मुस्कान...ऐसे तो मैं नही जा पाऊँगी..शास...तुम मारे राइट कंधे को नीचे से सहारा दो तो सायेद चल पाऊँ......शास ने ऐसा ही किया अओर अपने दोनो हाथों को मुस्कान की बगल मैं देकर संभालना चाहा....नही शास मैं तुम्हरे कंधे का सहारा लेकर चलने की कोशिस करती हूँ....मुस्कान ने अपना लेफ्ट हॅंड शास के कंधे पर रखा अओर शास ने अपना हाथ बढ़ाकर मुस्कान की कमर से लेकर दूसरी बगल तक पहुँचा दिया......

शास का राइट...हॅंड मुस्कान की कमर से होता हुवा उसकी राइट बगल मैं पहुँच चुक्का था......इस प्रकार मुस्कान की लेफ्ट सॉलिड अओर भारी चुचि शास के सरीर से पूरी तरह से रगड़ खा रही थी.... अओर शास का राइट हॅंड मुस्कान की बगल से होकर, हाथ उसकी राइट चुचि पर भी हल्का सा दबाव बना रहा था.....किशी मर्द के हाथ के अहसास से मुस्कान के सरीर मैं शिहरन सी दौड़ गई.....किशी मरद ने इस तरह उसे पहली बार छुवा था.....मुस्कान ने बड़ी हिम्मत करके एक पैर आगे बढ़ाया.....एक दम पैर मैं दर्द की लहर सी दौड़ गई जिससे मुस्कान का दबाव अओर शास के कंधे पर पड़ा.....जिससे उसकी चुचि ने शास के सरीर से अओर रगड़ खाई अओर दूसरा हाथ भी दूसरी चुचि पर अओर कस गया......मुस्कान को एक अजीब सा अहसास हो रहा था......मगर उसके पास शास से मदद लेने के सिवाय अओर कोई चारा भी तो नही था......

शास... मुस्कान जी आप पैर पर कम मेर कंधे पर जीयादा ज़ोर दे तो सायेद कमदर्द हो मुस्कान ने अपना सारा वेट शास के टाइट कंधे पर डाल दिया ....

मुस्कान.....जी....

मुस्कान ने शास के कंधे पर अब अपना पूरा भार डाल दिया....अओर अपना दूसरा हाथ भी शास की चेस्ट,गले से लेकर अपने दूसरे हाथ से जोड़ दिया.....मुस्कान का सर अब शास के कंधे पर लग चुक्का था....अओर शास मुस्कान की बाहों मैं......अब मुस्कान ने धीरे धीरे कदम बढ़ाए...... उसे अभी भी चलने मैं तकलीफ़ हो रही थी...एसलिए वह शास के अओर करीब...अओर करीब....मुस्कान की चुचि....शास के सरीर की गर्मी...अओर शास के सरीर से चुचि का निप्पल रगड़ खाने के कारण......कुछ अओर टाइट हो कर शास से रगड़ खा रही थी अओर उनका निप्पल.....खड़ा होकर मुस्कान के कपड़ो से उभर आया था......उधर शास का राइट हॅंड भी तो मुस्कान की राइट चुचि पर लगभग पहुच चुक्का था.....चुचि पर शास के हाथ का दबाव मुस्कान महसूस कर रही थी.....अब सायेद मुस्कान का पूरा ध्यान पैर के दर्द से हटकर शास पर कन्द्रित होता जा रहा था.......पहली बार किसी मारद के वो इतनी करीब थी.....उसकी तेज साँसे...अओर चेहरे की लालिमा...इस बात की गवाह थी....कि सायेड अब शास की नज़दीकी उसे भी अच्छी लग रही थी.......शास भी एशी तरह के हालत का शिकार....मुस्कान की चुचिय्यों की रगड़..उनकी गर्मा-हट....उसकी चुचि के उभार पर शास का हाथ..... मुस्कान की तेज गरम सांसो की खुसबू....उसे भी परेशान कर रही....थी....अब तक उसने जितनी लड़कियो को छुवा था.....जिनकी चुदाई उसने की थी...उन सबसे अलग ही अहसास....उसे मुस्कान के अओर करीब ला रहा था......उसके लंड की टाइटनेस बढ़ती जा रही थी......उसे डर भी लग रहा था....कि..कोई उसे इस हालत मैं देख ना ले.....उसका लंड पेंट मैं ही बम्बू..बन कर दूर से ही अपने स्थिति का अहसास करा रहा था.....धीरे धीरे दोनो टाय्लेट की तरफ बढ़ रहे थे....टाय्लेट से उनकी दूरी घट रही थी....अओर सायेद मुस्कान....अओर...शास...के दिलों के बीच की दूरी भी कम हो रही थी......मुस्कान की तेज साँसों की महक शास की नथुनो मैं घुसकर उसे मद-होश कर रही थी....

शास सोच रहा था....मुस्कान कितनी सुंदर....सभ्य...उसके सरीर का हर हिस्सा....मानो एंच..एंच नाप कर ईश्वर ने बनाया है.....पूजा कम सुंदर नही थी...लाखों मैं एक ....पर मुस्कान तो सायेद करोड़ो मैं एक होगी....उससे नज़दीकी का ख़याल उसे अओर रोमांचित कर रहा था......अओर वे टाय्लेट के पास पहुँच गये......शास ने टाय्लेट का दरवाजा खोलकर मुस्कान को उसमें अंदर ले गया.....

शास...मुस्कान आप टाय्लेट कर लो मैं बाहर खड़ा होकर एंतजार करता हूँ......

मुस्कान...पर मेरे से तो खड़ा ही नही हुवा जा रहा है...फिर मैं बैठूँगी कैसे????

शास... तो कया हुवा....खड़े- खड़े ही कर लो....कया बताना ज़रूरी है..???????

मुस्कान...नही शास ऐसे नही हो सकता है......

शास कियूं नही हो सकता है....हम भी तो करते है,....????????????

मुस्कान... समझो शास तुम्हारी बात अलग है.....कुछ अओर करो.....

शास... बताओ कया करूँ....?????????

मुस्कान... अच्छा तुम मुझे बैठाकर मूह उधर फेर कर खड़े हो जाओ......

शास...कया यहीं पेर....?????????

मुस्कान तो फिर कर ही कया सकते है......?????

शास...कोई आ गया तो....कया कहेगा....समझो...मुस्कान....????????

मुस्कान ...अब तुम्हे एधर उधर की पड़ी है....मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है अओर मैं बैठ नही पाओँगी बिना तुम्हारे सहारे के.....अब तुम मुझे नीचे बिठाओ...अओर उधर मूह कर के खड़े हो जाओ....

शास ने धीरे से मुस्कान को नीचे बिठाया...इस दौरान मुस्कान की दोनो चुचियो पर शास के हाथो का पूरा दबाव पड़ गया था......

मुस्कान....ऊवूऊवूवमायायायेयात्त कया करते हो शास......???

शास...मैने कया किया....मैं तो आपको बैठा रहा था....????

मुस्कान मुस्कुरकर रह गई...अओर बोली अच्छा...चलो अब मूह उधर करो....अओर हैं एक हाथ से मेरे इस कंधे को पकड़े रहना...नही तो पैर मैं दर्द जीयादा होगा.....मगर मैं ऐसे कैसे आपको पकड़ कर रख सकूँगा.....????

मुस्कान...अच्छा बाबा....जैसे तुम चाहो...पकड़ लो....अब मुझसे रुका नही जा रहा है........अच्छा...है...तुम मूह उप्पेर को कर लो.....शास ने मुस्कान को दोनो कंधो से पकड़ा.....अओर उप्पेर को मूह करके खड़ा हो गया.....मुस्कान मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.....उसने धीरे से अपनी सलवार अओर पेंटी नीचे खिसकाई अओर टाय्लेट करना शुरू किया....पीईईईईई.....उउउउस्स्स्स्स्सीईईईईईईई की आवाज़ शास को सुनाई देने लगी.....शास जीयादा रोमांचित हो गया...... उसका लंड अब कंट्रोल से बाहर हो चला था..........
Reply
06-30-2017, 11:32 AM,
#10
RE: Antarvasnasex चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -9

पेयेस्स्सवूऊवूऊवूऊयूयुवयन्न्नन्नन्नन्न्न्नस्स्स्स ईईईईई की आवाज़ बढ़ने के साथ शास का लंड झटके खाने लगा.......

शास...कया मैं बैठ कर आपको संभालू मुस्कान जी....??????????

मुस्कान...कियूं......कया खड़े रहने मैं दिक्कत हो रही है...???

शास...हा....तुम्हारी इस पीईईई सीईईईईजइसी आवाज़ ने धड़कन बढ़ा दी है...

मुस्कान...कया मतलब...????

शास...मैं देखना चाहता हूँ तुम्हारी सूसू से ये आवाज़ कैसे निकल रही है हमारे तो निकलती नही.....????

मुस्कान...कया.....????????????

शास...कयूं कया हुवा....मैने कुछ ग़लत कहा कया...???????

मुस्कान...हा..किसी कुँवारी लड़की की सुसू नही देखनी चाहिए....

शास....क्यू....????

मुस्कान...बस यू हीं...नही देखनी नही चाहिए....मुस्कान हल्के से मुस्कुरा रही थी...उसे कोई जबाब नही सूझ रहा था......

शास...तुम्हारी प्प्प्प्पीईईकककककककककक्सीईईईईई तो रुक रुक कर लंबी होती जा रही है....??????????????

मुस्कान...तो कया हुवा....ऐसे तो सभी की होती है......

शास...आपको कैसे पता...कि सबकी होती है....?

मुस्कान बस पता है......हम लड़कियाँ आपेस मैं बात कर लेते है....

शास...जब आप आपस मैं बात कर लेती है...तो कया मैं नही देख सकता हूँ????

मुस्कान...शास की बाते मुस्कान को भी रोमांचित कर रही थी...फिर भी उसने अपने को संभालते हुवे कहा....नही शास...ऐसे नही देखते है.....

शास...तो फिर कैसे देखते है....????????

तभी मुस्कान की नज़र शास के बॅमबू हुवे लंड पर पड़ी...जो पेंट दो फड़कर बाहर निकलना चाह रहा था......मुस्कान की नज़रे वही पर ठहर गयी.......तभी शास ने मुस्कान का ध्यान भंग किया....आपने बताया नही मुस्कान जी कैसे देखते है..???

मुस्कान...शर्मकार रह गई....उसके मूह से शिरफ़ इतना ही निकला...मुझे नही मालूम..???

शास...कया मैं सीमा दीदी से पुच्छू....????

मुस्कान...नही शास...दीदी से नही..पूछते है ऐसी बाते....

शास...तो फिर आप ही बताओ ना...???? नही तो मैं दीदी से पूछ लूँगा की मुस्कान जी ने मुझे सुसू मैं पीईईईकककक़स्स्स्स्स्सीईईईईई कैसे होती है नही देखने दी.....

मुस्कान...शर्माकर फिर बोली नही शास ये बताईं दीदी से नही पूछते है...कभी समय मिला तो मैं ही बता दूँगी......

शास...कया मैं एक बार देख लू...????

मुस्कान...एक शर्त पर...ये बात तुम किसी से नही कहोगे...

शास... नही कहूँगा...???

मुस्कान...पक्का वादा करो....

शास...वादा है नही बताउन्गा.....

मुस्कान...पर पहले ये बताओ...मुस्कान ने शास की पेंट मैं बॅमबू बने लंड पर हाथ रखकर कहा...ये कया है......????????????

मुस्कान का हाथ टच होते ही शास के लंड ने ठुमका मार दिया.....अओर मुस्कान हंस पड़ी.....अर्रे..???? बड़ा करंट मारता है.....????....कया खिलाते हो इसे शास...???

शास...मुस्कान जी ये तो बस..............................?????????????

मुस्कान...बस कया...???????????????

शास...आप बुरा मान जाएँगी....????

मुस्कान...नही....मानूँगी बुरा...बताओ...???

शास....ये तो बस चूत का पानी पीकर ही रहता है...............

शास के मूह से सीधे चूत जैसा सब्द सुनकर मुस्कान एक पल के लिए झेप सी गयी....पर अगले ही पल....अपने को सामान्य बनाकर....किसकी उसका पानी पीता है.....???????????

शास...मुस्कान जी मैने बताया ने ये उसका नही...शिरफ़ चूत का पानी ही पीता है.....

मुस्कान...मगर किसका...????

शास...मेड्म चूत का.........

मुस्कान...ओह! तुम समझ ही नही रहे हो...मैं पुंछ रही हूँ किसका....????

शास...मैने बताया ने मुस्कान जी...शिरफ़ चूत का....इसका.उसका..नही........

अब मुस्कान शास से काफ़ी खुल चुकी तो सीधे ही पूछना उचित समझा....मुस्कान ने कहा...शास मैं पूछ रही हूँ कि ये किसकी चूत का पानी पिता है.....????

शास...जो भी पीला दे....उसीकि चूत का पानी पी लेता है.....आपकी पीयेस्सियेयूयूवूऊवूऊवूयूवक्ज़ सस्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ से इसलिए तो ये चोंक गया....अओर पेंट से बाहर निकलने की कोशिस कर रहा है......

मुस्कान...अच्छा...तो मैरी प्प्प्पीईसस्स्स्सीई की आवाज़ से सावधान हो गया है...???

शास...जी मुस्कान जी...

मुस्कान...च्चा शास इसे पेंट से बाहर निकाल कर दिखाओ तो ????

शास...नही मेड्म मुस्कान....अगर ये बाहर आ गया तो फिर अंदर नही जाएगा.....बड़ी मुस्किल हो जाएगी.....फिर इसका शांत होना बहुत मुस्किल है.....

मुस्कान... अच्छा................???? मुस्कान ने कातिल मुस्कान के साथ कहा...अस्ल बात तो ये थी कि अब मुस्कान भी मज़ा ले रही थी....अपने पैर के दर्द को भूलकर.....उसे बड़ा मज़ा आ रहा था.....उसके शरीर मैं अजीब सी लहरे दौड़ने लगी थी....उसके मन मैं शास के लंड को देखने की इच्छा बढ गई थी......

शास...मुस्कान जी कया मैं अब आपकी पीईईईईईस्स्स्स्स्सीईईएस्स्स्स्सुउउउउउउउउउउ वाली चूत को देख लूँ ये ऐसी आवाज़ कैसे निकाल रही है....जिससे मेरा ये टाइट हो गया है......???

मुस्कान...अच्छा मैं आँखें बंद करती हूँ तुम जल्दी से एक पल के लिए देखलो....देर मत लगाना.....अब मेरा पैर भी जीयादा दर्द कर रहा है....

शास..नीचे बैठ गया अओर नीचे झाँककर मुस्कान की चूत को देखा...बिल्कुल चिकनी...चूत...दोनो दरवाजो के उपरी भाग पर एक लाल रंग का उभरा हुवा दाना....नीचे खुलती..बंद होती गुलाबी...गुलाबी चूत का बंद मूह.....अभी भी कोई कोई बूँद पैसाब की गिर रही थी....अओर चूत खुल अओर बंद हो रही थी......ना चाहते हुवे भी शास की एक उंगली चूत को छू गयी......उउंमाआआआआअहह......

मुस्कान...शास कया करते हो...तुमने शिरफ़ देखने के लिए कहा था...छूने के लिए नही....

शास...कया करूँ मुस्कान जी रुका ही नही गया....छू कर चूमने की एच्छा हो गयी थी....

मुस्कान...अच्छा बस अब रहने दो.....अओर उसने...अपने पेंटी ओर शलवार ठीक किया.....शास अब सहारा देकर मुझे उठाओ....शास ने धीरे से आगे होकेर मुस्कान की बगलों मैं हाथ दिया...अओर जैसे ही मुस्कान को उठाने लगा उसके हाथों का दबाव उसकी चुचियो पर पड़ा......शास धीरे से मेरी ये दबा दी तुमने.......

शास...कया दबा दी मैने मेडम....???????

मुस्कान...आररी ये...उसने अपनी चुचियो की तरफ इशारा किया.......

शास...ओह! तो कया हुवा मेडम मुस्कान....कया दर्द हुवा....????

मुस्कान...नही दारद तो नही...कुछ अओर होता है....????

शास...कुछ अओर कया होता है...????

मुस्कान...कुछ नही....चलो मुझे सम्भालो.....जैसे ही शास ने मुस्कान को पकड़ कर शीधा खड़ा किया उसका पेंट मैं बॅमबू बना लंड शलवार के अप्पर से उसकी चूत के द्वार को रगड़ का गया............मुस्कान के सरीर मैं जुर्झुरि सी आ गयी.....

शास...कया हुवा मेड्म...??????

मुस्कान...कुछ नही....तुम्हारे इसने........

शास...इसने-किसने कया किया.....???

मुस्कान...तुम बड़े ही बेशरम हो शास.....सारी बाते ही ओपन करते हो....

शास...तो कैसे करूँ, आप ही बता दो ????????

मुस्कान...कुच्छ बताईं कही नही जाती....बस समझी जाती हैं.......

शास ने एक आग्या-कारी शिस्य की तरह गर्देन हिला दी.....जिस पर मुस्कान हंस पड़ी....शास ने मुस्कान की अओर प्रस्न्वाचक? आँखों से देखा.......मुस्कान ने शास की गाल पर एक किस दे दिया.....अब समझे या नही...बुध्धु कही के....कह कर मुस्कान ने शास की आँखों मैं देख कर मुस्कुरादिया...साथ मैं शास भी मुस्कुरा दिया.......

शास का सहारा लेकर चलते हुवे मुस्कान की चुचि शास से रगड़ खा रही थी...अओर उसकी एक चुचि पर शास के हाथ का दबाव.....अओर शास से हुए बाते.....मुस्कान के मन अओर सरीर मैं एक अजीब सा अहसास पैदा कर रहे थे...मुस्कान कुछ जानबूझ कर भी शास के साथ चिपकी हुई थी.....उसके साँसों की गर्मी शास भी महसूस कर रहा था.....उसका लंड अभी तक तंबू की तरह तना हुवा था......मुस्कान भी इस नये अनुभव को अपने अंदर महसूस कर उत्तेजित हो रही थी....ये पहलिबार ही हुवा था कि किशी मर्द ने मुस्कान को छुवा हो....उसकी चुचि कड़ी हो रही थी...उनके निपल्स खड़े थे अओर कुर्ते के बाहर निपल्स के उभार नज़र आ रहे थे.....आँखों मैं एक अजीब सा नशा.....इस परिवेर्तन से मुस्कान खुस थी...वह अओर शास के करीब...अपनी चुचियो को शास के करीब कर रही थी.....

जैसे ही मुस्कान की नज़र नीचे शास के उभेरे हुवे लंड पर पड़ी.....उसका चेहरा शर्म अओर उत्तेजना से शुर्ख हो गया था.....

जब वे सीमा के रूम मैं उसके पास पहुँचे....सीमा को समझते देर नही लगी....कि कुछ दाल मैं काला है....मुस्कान का शुर्ख चेहरा, अओर शास का ताना हुवा लंड जो पेंट से झाँकने की कोशिस मैं था.....

सीमा...कोई दिक्कत तो नही हुई मुस्कान दीदी....?????????

मुस्कान... भाभी दर्द तो बहुत हुवा...पर शास ने सहारा देकर संभाले रखखा ,

सीमा...मेरा भाई शास ध्यान रखने मैं तो माहिर हो चुक्का है दीदी....ये सब्द सीमा ने जिस अंदाज से कहे.....मुस्कान अओर शास ने एक साथ सीमा की अओर देखा...????????...अरेरे

तुम लोग ग़लत ना समझो...मेरा मतलब है शास मेहमान का पूरा ध्यान रखता है, अओर फिर मुस्कान तुम तो मेरी एक मात्र प्यारी ननद हो.....अओए सीमा मुस्कुरा दी....

शास ने मुस्कान को सीमा के पास चेर पर बैठाया...अओर बिना कुछ कहे ही बाहर निकल गया..................................सीमा अओर मुस्कान शास जो जाते हुवे देखती रही............

मुस्कान... भाभी लगता है शास को कुछ बुरा लग गया है..?????

सीमा.....दीदी....ऐसी कोई बात नही है...वो मेरा छोटा भाई है मैं उसे अच्छी तरह से जानती हूँ....उसने बुरा नही माना....फिर मेरा मतलब ग़लत नही था....कया मैं तुम्हारे बारे मैं कुछ ग़लत कह सकती हूँ...???????

मुस्कान...नही ये तो ठीक है पर वो बिना बोले ही बाहर चला गया एसलिए मुझे लगा.....

सीमा....तुम परेशान ना हो मैं देख लूँगी.......

अओर मुस्कान चुप हो गयी...उसके जेहन मैं बार बार शास का चेहरा घूम रहा था.....इस छोटी से उमर मैं ही कितना बलिश्त है उसका बदन,,गठा हुवा,, चेहरे पर तेज अओर लालिमा,सुंदर आँखें,, गुलाबी होंठ....जिन्हे चूमने को मन करता है....अओर पेंट के अंदर झाँकता हुवा लंड भारी मजबूत नज़र आ रहा था....भले ही उसने आज तक किसी मरद को नही छुवा था...ना ही किसी का लंड देखा था.....पर उसकी सहेलियाँ इस तरह की बाते तो करती ही रहती थी......मुस्कान आज पहली बार अपने को किशी के बंधन मैं बँधा महसूस कर रही थी.....शास मानो उसकी दुनिया बन चुक्का था....कुछ ही लम्हों मैं....शास मुस्कान के रोम रोम मैं बस चुक्का था.....उसी की कल्पना....उसी का ख़याल....

उधर सीमा....मुस्कान की मनोदसा अच्छी तरह से समझ रही थी....,वो भी तो सायेद यही चाहती थी......उसकी एक ही तो ननद थी...उसको बस मैं करने....उसकी किशी कम-ज़ोरी को पकड़े रखना.....उसकी किशी भूल के सहारे उस पर राज करना....आदि...आदि.....सीमा खुस थी....भगवान ने बिना माँगे ही उसको मानो सब कुछ दे दिया हो.....सीमा मौके का फायेदा उठना खूब जानती थी.....

सीमा...कया सोच रही हो दीदी...???

मुसकन...कुछ नही भाभी....बस सोच रही थी....कि पैर मैं चोट/मौच के कारण मैं आपकी शादी को फुल्ली एंजाय नही कर पा रही हूँ.......

सीमा....तो कया हुवा दीदी....मैं तो आपके साथ ही हूँ ना...शादी के बाद भी एंजाय कर लेंगे.....अगर जीयादा दर्द है तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले......

मुस्कान...मैं तो चल ही नही पा रही हूँ....अगर शास ना होता तो सायेद मैं टाय्लेट भी ना जा पाती.......

सीमा... तो चिंता कयूं करती हो दीदी....शास को आपके साथ ही छोड़ दूँगी....ताकि आपका ध्यान रख सके.....?????????

मुस्कान...भी तो यही चाहती थी....पर फिर भी बोली, नही भाभी....अभी नही...आपकी वर-माला के बाद ही सोचूँगी.....हो सकता है तबतक दर्द कुछ कम हो जाए......

पर सीमा तो जान चुकी थी की अब ये दर्द कम होने वाला नही है.....अब इस दर्द को तो केवल शास ही कम कर सकता है.....अओर इस दर्द के कम होने के बाद मुस्कान कभी भाभी के सामने बोल ही नही पाएगी........सीमा इसी एंतजार मैं थी...कि कैसे उसे शास के सुपुर्द किया जाए...???????????? अओर शास रात भर उसे चोद-चोद कर उसकी चूत का भोसड़ा बना दे.......जिससे मुस्कान के मुँह पर हमेशा के लिए ताला (लॉक) लग जाए......

सीमा...अओर...मुस्कान दोनो अपने अपने ख़यालों मैं खोई हुई थी......सीमा मुस्कान को शास के ज़रिए अपने बस मैं करना चाहती थी तो दूसरी तरफ मुस्कान को शास इतना भा (पसंद) आ गया था कि उसने शास को पाने की पूरी तय्यारी कर ली थी.......बारात बारह-द्वारी के लिए पहुचने ही वाली थी......सीमा बैचेन थी कि शास कहाँ चला गया....वह चाहती थी कि मुस्कान को शास के साथ....उपेर के रूम मैं भेज दे....अओर शास को समझा दे कि इसे चोद चोद कर रात भर कुतिया बना दे.....पर शास है कहाँ.....मुस्कान सोच रही थी कि भाभी वर-माला के लिए चली जाए अओर शास यहाँ आ जाए.....

तभी...मुस्कान की मम्मी उस रूम मैं आई.....सीमा ने उठाकर उनके पैर छू लिए....मम्मी ने सीमा को ढेरसारा असिर्वाद दिया.....

मम्मी... अब कैसी ही मुस्कान बेटे...??????

मुस्कान ... ठीक हूँ मम्मी....यहाँ भाभी ने पूरा ध्यान रखखा है....

मम्मी ने सीमा की अओर देखकर अओर आशीर्वाद दिया.....अओर मुस्कान से बोली चलो बेटा....तुम्हारे भैया बुला रहे है....वर-माला के समय तुम्हें वहाँ होना चाहिए....

मुस्कान...जी मम्मी....पर मैं चलूंगी कैसे....मेरे पैर मैं तो काफ़ी दर्द होता है....???

मम्मी...कोई बात नही...मैं सहारा देकर ले चलती हूँ....भाई के लिए थोड़ा दर्द तो से लेना.....उसके बाद तुम्हारी बाकी सहेलियाँ जेनवासे मैं जाएगी....तुम उनके साथ जनवासे मैं चली जाना....????

मुस्कान...ठीक है मम्मी...ना चाहते हुवे भी मुस्कान ने कहा....अओर मम्मी ने मुस्कान को सहारा देकर उठा लिया....मुस्कान मम्मी के कंधे का सहारा लेकर वर-माला के लिए बनाए गये स्थान की अओर चल दी.........................

सीमा के उप्पेर तो मानो बिजली गिर गयी थी.....उसके अरमानो पर तो पानी फिर गया था.....उसकी तो सारी प्लान धरा का धरा रह गया था.....उसका गला सूखने लगा था.....उसे रह रह कर शास पर गुस्सा आ रहा था , ना जाने कहा गायब हो गया था.....वह अब चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी......बस मुस्कान को जाते हुवे देखती रह गयी.........

तभी सीमा की मम्मी...उसकी सहेलियाँ अओर भाभियाँ, उसके पास आ गयी....चलो बन्नो...अब तुम्हारा दूल्हा...स्टेज पर आ चुक्का है...किशी ने छेड़ा.....कया खूब लग रही हो....कहीं बिजली ना गिर जाए, किशी दूसरी ने कहा.....बिजली तो बेचारे दूल्हे पर ही गिरेगी आज...किशी अन्य ने कहा...किशी ने चुटकी काटी...वेग़ैरह...वेग़ैरह...के साथ उन्होने सीमा को दोनो अओर से पकड़ लिया अओर ले चली.....दूल्हे राजा के पास......

मुस्कान अपनी मम्मी के साथ अपने भाई के पास पहुँची....भाई...मुस्कान को देखकर स्टेज से उठ कर मुस्कान के पास आया....कैसी हो मुस्कान.....????

मुस्कान...ठीक हूँ भाय्या...आप कैसे हो जीयादा चोट तो नही आई आपको...?????

भाई ने आपनी लाडली बेहन को देखा अओर मुस्कुरा दिया, नही मुस्कान मैं ठीक हूँ मुझे कोई चोट नही लगी.....जिसकी तुम्हारी जैसी बेहन हो उसके भला चोट कैसे लग सकती है..?????

मुस्कान खुस होकर भाई के गले लग गयी....अओर मम्मी दोनो भाई -_बहन का प्यार देख कर गदगद हो गयी..........

मुस्कान को एक चेर पर बैठा कर उसका भाई वापेस स्टेज पर जाकर बैठ गया....सारा पंडाल मह-मानो से भरा था.....तभी सीमा अपनी सहेलियो के साथ स्टेज पर आई अओर सभी लाइट चमक उठी....विडिया फ्लश....मुस्कान का भाई (दूल्हा ) भी स्टेज से खड़ा हो गया....अओर विडैया, फ्लश,फोटो सेस्शेन के बाद सीमा ने दूल्हे के गले मैं वर-माला डाल दी उसका चेहरा नीचे झुका हुवा था अओर आँखें भी नीचे थी....... उसके बाद दूल्हे ने भी सीमा के गले मैं वर-माला डाल दी...सारा पंडाल तालियों से गूँज उठा...फूलो की वर्सा हुई ....अओर दूल्हा-दूल्हें स्टेज पर बैठ गये.....उसके बाद हुवा फोटो सेसेन...सभी ने दूल्हा-दुल्हन के साथ पोटो खिचवाए........अओर अपनी अपनी जगह पर जाकर बैठ गये.......

सीमा ने धीरे से आँखें उठा कर मुस्कान की अओर देखा जो सामने ही चेर पर अपनी मम्मी के साथ बैठी थी....अओर उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी....सीमा को लगा जैसे वे सीमा का मज़ाक बना रही हो..????...वैसे तो सीमा भी मुस्कुरा दी....पर अंदर ही अंदर वो झूलेस रही थी....वह जिस प्रकार अपनी विजय चाहती थी....उसमे वो फैल हो चुकी थी.....शास कही भी उसे नज़र नही आ रहा था....सीमा परेशान थी आख़िर शास कहाँ चला गया...?????

मुस्कान मम्मी आप कहे तो मैं जनवासे मैं जाकर लेट जाउ....मेरी तबीयत ठीक नही लग रही है...?????

मम्मी...पर कैसे जाओगी....वो तो कुछ दूर है....???

मुस्कान ...किशी का सहारा लेकर चली जाती हूँ....

मम्मी...दूल्हे के पास जाकर धीरे से बोली की मुस्कान जनवासे मैं जाना चाहती है.....उसकी तबीयत खराब है अओर उसके पैर मैं दरद भी काफ़ी है....कया मैं ही उसे सहारा देकर छोड़ आउ ....????

दूल्हा...ठीक है मम्मी....आप ही छोड़ आओ....सीमा का ध्यान तो वही था...उसे अपनी पूरी प्लान पूरी तरह से ख़तम होता नज़र आई...जो थोड़ी- बहुत उम्मीद थी अब वो भी टूट गयी.......अओर मम्मी मुस्कान को सहारा देकर जनवासे की अओर ले गयी.....

जनवासे मैं पहुँच कर उन्होने देखा वहाँ पर कोई भी नही था.....सभी इधर उधर...या पंडाल मैं थे.....

मम्मी...मुस्कान तुम यहाँ अकेली कैसे रहोगी....????

मुस्कान...कोई बात नही मम्मी......मैं अंदर वाले कमरे मैं लेट जाती हूँ.....अओर अंदर से बंद कर लेती हूँ....आप जाओ...यहाँ मैं बिल्कुल सुरक्षित हूँ....अओर मुस्कान ने अंदर के रूम मैं जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.......जिससे मम्मी की चिंता कम हो गयी ......

मम्मी मुस्कान को रूम मैं छोड़कर वापिस पंडाल मैं दूल्हे के पास चली गयी.....अओर मुस्कान,. एक गद्दे पर पिल्लो के सहारे लेट गयी....उसने आँखें बंद कर ली.....रह रह कर उसे अब शास की याद आ रही थी.......मुस्कान आँखें बंद करके लेटी हुई थी.....तभी किसी ने बाहर से दरवाजा कटखटाया....मुस्कान...मुस्कान.....?????? मुस्कान सोचने लगी इस समय कोन हो सकता है.....उसे आवाज़ कुछ जानी-पहचानी सी लगी.............ओह! ये तो शास की आवाज़ है......अओर मुस्कान धीरे से उठी....अओर दरवाजे तक गई....उसने पूछा....कोन है.????????????

मैं शास हूँ मुस्कान......दरवाजा खोलो......

मुस्कान के चेहरे पेर मुस्कान लौट आई...अओर उसने दरवाजा खोल दिया.....सामने शास को देखकर मुस्कान मुस्कुरा दी.....शास तुम...????

शास...है मैं...कया मुझे नही आना चाहिए था...????

मुस्कान...नही शास...ये बात नही...मुस्कान ने मुस्कुरा कर कहा...वास्तव मैं मैं तुम्हे ही याद कर रही थी.....?????

शास...अच्छा जी...आप हमें ही याद कर रही थी...????

मुस्कान...कियूं कोई सक है...आपको...???

शास...नही...मैं पिछले एक घंटे से याहि बैठा हूँ....अओर आपका एंतजार कर रहा हूँ....आप इतनी देर से कयूं आई...???

मुस्कान...कया...??? आप तब से यहीं बैठे है...???

शास... जी हां.....पर आपने इतनी देर कयूं लगाई....????

मुस्कान...मुझे कया मालूम था कि आप यहाँ एंतजार कर रहे हैं....आप तो मुझे सीमा भाभी के पास बैठा कर चले गये थे......कुछ कहा भी नही था.....???

शास...मुझे सीमा दीदी का अंदाज मालूम नही कियूं कुछ अटपटा सा लगा था...मैं उनके सामने आपसे कोई बात नही करना चटा था.....एसीलिए मैं आपको उप्पेर के रूम मैं नही ले गया था......

मुस्कान...लगा तो मुझे भी कुछ अजीब सा था....पर मैं कुछ बोली नही.....भाभी बार बार...उपेर वाले रूम मैं आराम करने की बात कर रही थी....????

शास...मुझे पता नही ये कयूं लगा कि सीमा दीदी आपको बाद मैं ब्लॅक मैल कर सकती है.....एसीलिए मैं यहाँ आ गया....अओर आपका एंतजार करने लगा.....

मुस्कान...शास ये तो मैने सोचा भी नही था.....कि एसा भी हो सकता है......???

शास...मुस्कान इस दुनियाँ मैं कुछ भी हो सकता है....मुझे आपकी एज़्जत अपने से प्यारी है....एसलिए मैं चाह कर भी वहा नही गया......

मुस्कान...ने दरवाजा बंद किया अओर अंदर से लॉक कर दिया....अओर शास के होंठ चूम लिए...तुम कितने अच्छे अओर समझदार हो शास.....??????

शास अओर मुस्कान ने एक दूसरे की आँखों मैं देखा अओर मुस्कुरा दिए.....मानो उन्हे उनकी मंज़िल मिल गयी थी.....शास ने मुस्कान को सहारा दिया अओर फर्श पर बिछे गद्दे पर लेजा कर बैठा दिया.....अओर समुंदर सी गहरी मुस्कान की आँखों मैं देखता हुवा बोला.....मुस्कान तुम जितनी सुन्‍दर हो तुम्हारा मन भी उतना ही सुंदर है......तुम्हारी सुंदरता पर मैं कोई सबध कहकर उस पर दाग नही लगाना चाहता हूँ......मुस्कान ने शास की अओर देखा.....शास की आँखों मैं प्यार ही प्यार नज़र आया.....उसकी आँखें मानो बहुत कुछ कहना चाह रही हो पर उसे वर्ड्स नही मिल पा रहे हो......शास की एक टॅक मुस्कान को देखती आँखें....उसके रूप को निहारती आँखें......मुस्कान ने शर्मा कर आँखें नीचे कर ली.....शास ने अपने दोनो हाथ बढ़ाकर मुस्कान का चेहरा अपने हाथों मैं ले लिया.......अओर उसे निहारता गया.....मुस्कान ने आँखें उठाकर देखा.....शास मुस्कुरा दिया....मुस्कान ने फिर आँखें झुका ली.....उसकी गालो की लालिमा उसकी शर्म जो अओरत का गहना होता है को बता रही थी.......अओर शास ने बड़े ही भाव,प्यार अओर अपने पन से मुस्कान के होंठो की गुलाबी महकती पंखु-डियो को अपने होंठो मैं दबा लिया.......कुछ देर ऐसे ही शास मुस्कान के होंठो को चूमता चूस्ता रहा.....

शास ने मुस्कान के सरीर मैं दबी बरसों की आग को जगा दिया था...कुछ घंटे पहले तक सोई हुई आग....धीरे धीरे अब सोला बनने को तय्यार थी...चिगारी तो शास ने बाथरूम मैं ही सुलगा थी......अब तो उस आग से लपटें उठना ही बाकी था.....अओर इससे बचने का प्रयास ना ही मुस्कान अओर ना ही शास कर रहा था....दोनो जल जाना चाहते थे इस आग की जवाला मैं........

शास मुस्कान के होंठ,, उसकी गर्देन, उसके कान, उसकी गालो को चूम चूम कर उसने आने वाले तूफान की चेतावनी....तो...मुस्कान को दे ही दी थी....पर सायेड मुस्कान भी अपने को तय्यार कर चुकी थी.....इस तूफान मैं बह जाने के लिए.....काम (सेक्स) की उस ज्वाला मैं जल जाने के लिए......जो उसके मन मैं देस्तक दे चुकी थी..... शास मुस्कान को चूमता जा रहा था उसके हाथ मुस्कान की चुचियो को दबा दबा कर मसल्ने मे लगे थे...... अओर कोई विरोध नही था मुस्कान का.......आज वो भी जल जाना चाहती थी इस आग मैं.........धीरे धीरे उनकी सांसो की रफ़्तार तेज होने लगी थी....अओर होंठ थरथराने लगे थे....शास के हाथ अब मुस्कान के पूरे सरीर पर घूम रहे थे........

शास ने मुस्कान का कुर्ता उप्पेर को खिसकाया अओर अपने हाथ सीधे मुस्कान की चुचियों पर पहुचा दिए थे...... मुस्कान के होंठो की थरथराहट अब अंजाने मैं ही -स्पेस्ट बुद-बुदाने....अओर कामुक...धुन मैं बदेलने लगी थी.......उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआउउउउउउउम्म्म्म्म आआहह ईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईइउउउउउउउउउउउउम्म म्‍म्म्मममममममाआअहह ......

शास...ने धीरे धीरे मुस्कान के कपड़े उतारने सुरू कर दिए....मुस्कान भी अपने कपड़े उतारने मैं सहयोग करने लगी थी.......सभी शर्म लिहाज छोड़कर...शास चूमता चाटता जा रहा था....अओर मुस्कान के कपड़े उतरता जा रहा था......मुस्कान का गोरा....सुडोल सरीर शास को अओर उत्तेजित कर रहा था......अओर अब मुस्कान एक ब्लॅक...ब्रा....अओर एक ब्लॅक पॅंटी मैं ही रह गयी थी....मुस्कान की मांसल जांघे देख कर शास मस्त हो मुस्कान की जांघों को चाटने लगा था....उसके हाथ मुस्कान के पूरे सरीर को टटोल रहे थे.....इसी बीच शास ने अपने कपड़े भी उतार दिए......शास का डन-दानाता हुवा लंड झटके मार रहा था......मुस्कान ने शास के लंड को हाथों मैं ले लिया.....अओर उसके साथ खेलने लगी थी......जिससे शास की उत्तेजना अओर बढ़ रही थी......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म माआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊयूवख की मादक-तेज आवाज़े रूम मैं लगातार गूँज रही थी......

शास...मुस्कान ज़रा इसका (लंड का ) रस तो पीकर देखो....मगर मुस्कान ने मना कर दिया...नही शास मुझे नही मालूम कैसा लगेगा.....कभी बाद मैं......शास ने भी इसके लिए ज़ोर नही दिया.....अब शास ने मुस्कान की ब्रा अओर पॅंटी भी मुस्कान के सरीर से अलग कर दी....अओर मुस्कान के पैरों के बीच आकर उसकी चिकनी.....छोटी..छोटी फांकों के उभार वाली चूत को सहलाने लगा ......उसकी चूत का रंग....उसकी महक....ने शास को मद-होश सा कर दिया....अओर शास ने अपना मूह मुस्कान की चूत मैं दे दिया......उसकी जीभ कभी चूत की दीवारों को, कभी....उसकी जांघों को,,...अओर कभी.....चूत की क्लिट को चाट रही थी........फिर शास ने अपनी जिभा को मुस्कान की चूत मैं डालकर घुमाना शुरू कर दिया.....अओर मुस्कान की सिसकारिया रूम मैं गूंजने लगी थी......शास का फूँकारता लंड बेकाबू होता जा रहा था.....एसा लगता था जैसे उसका लंड इन तीन दीनो मैं अपना साइज़ बढ़ा चुक्का था.....शास ने मुस्कान की चूत को चाट चाट कर मुस्कान को इस कदर उत्तेजित कर दिया था.....कि मुस्कान आपे से बाहर होकर ना जाने कया..कया...बद्ब्ड़ाने लगी थी......अओर उसकी सिसकारियाँ अओर तेज हो गयी थी......शियी....उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हह मेरे राजा...मेरे जानू आआआआहह.......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म आआआआआहह.....मैं कहाँ जा रही हूँ मेरे राजा.....आआआआहहााअ अब तो बस चोद दे ...चोद दे ....शास .....इस बरसो की प्यासी को....आआआआआआअहह शास......डाल दे इस लंड को.....अब नही रहा जा रहा है....मैने ये चूत तुम्हारे लिए ही आज तक कुँवारी रखी है.......मेरे .....मेरे......आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउम्म्म्म म्‍म्म्मममम राजा र्रर्रााज्जजाआ

मुस्कान की चूत से चिकना—लावा बह कर बाहर निकल रहा था....शास दबा दबा कर चूत को चाट रहा था.......पी जाना चाहता था......इस प्यारी सी सुन्दर छोटी से चूत को..........अब शास के भी बर्दास्त से बाहर हो चला था........अओर उसने मुस्कान के दोनो पैरों के बीच पोज़िशन ली..........अओर डॅन्स कर रहे लंड को मुस्कान की चूत के छेद पर ठीक प्रकार से अड्जस्ट किया.......मुस्कान की चूत पर गरम गरम लंड का सूपड़ा टच होते ही उसकी मद-होश आवाज़...सिसकियो मैं बदल गयी......थी.........उउउउउउउउउउउउआआआआआअह्ह्ह्ह्ह ह्ह्हुउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म.......

मगर शास अभी अओर दूध पीकर लंड को अओर मजबूती देना चाहता था....शास का मूह.....मुस्कान की चुचियो को चूम चूम कर पीने लगा....कभी कभी उन्हे बेरहमी से दबा देता तो मुस्कान की चीख निकल जाती....जानू...मेरे शास ज़रा धीरे से यूवयहूवूऊवूऊवूऊवम्म्म्म्म्मम्मायाकह अब ये अपना लंड तो आगे बढ़ा....मेरी जान शास.....तुम अओर तुम्हारा ये लंड कितना प्यारा है...अब डाल भी दे इसे अंदर इस चूत मैं................
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,456,537 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,357 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,074 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,971 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,627,089 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,702 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,915,024 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,938,088 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,985,764 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,631 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)