Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
07-11-2017, 11:48 AM,
#1
Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
चुदाइ का दूसरा रूप--1

मैं अपने पति के पास देल्ही आ गई थी गोआ मे 15 दिन रहने के बाद. गोआ मे

रहते हुए मैने अंजू के साथ लेज़्बीयन सेक्स का खेल खेला था. मेरे बहुत से

चाहने वालों ने अपनी मैल मे लिखा है कि चुदाई मे असंतुष्ट औरत को चोद कर

संतुष्ट करना एक समाज सेवा है. मैं तो हमेशा ही चुदाई और चुदाई को प्यार

करने वालों को प्यार करती हूँ.

मैं और मेरे पति अभी अभी साउत आफ्रिका मे फुटबॉल का वर्ल्ड कप देख कर

लौटें हैं. हमारा साउत आफ्रिका का दौरा और मॅच के टिकेट्स मेरे पति को

उनकी ऑफीस की तरफ से हमारी शादी का तोहफा था.

अपने साउत आफ्रिका मे होने के दौरान मैं अपने चाहने वालों को ये नहीं बता

पाई कि वहाँ जाने से पहले क्या क्या हुआ था. अब मैने सोचा है कि आप को

सिलसिलेवार सब बताऊ.

तो....... बात वहाँ से शुरू करती हूँ जहाँ पर हम मेरी पिच्छली कहानी मे थे.

मैं 10 दिन गोआ मे बिताने के बाद अपने पति के पास वापस देल्ही आ गई थी.

गोआ मे मेरा ज़्यादातर समय मेरे ससुराल मे ही बीता था. वहाँ मुझे अंजू के

साथ ज़्यादा चुदाई का मौका नहीं मिला था पर उस दौरान हमने मिलकर और दो

बार लेज़्बीयन चुदाई की थी जब हमको मौका मिला था. अंजू बहुत खुश थी, ये

मैने उसके चेहरे पर सॉफ सॉफ देखा. मुझे अंजू के बारे मे सोच कर बहुत दुख

होता है. वो जवान है, बहुत खूबसूरत है पर उसका पति उसको चोद कर संतुष्ट

नहीं कर पाता. खैर....... ये तो किस्मत की बात है.

गोआ से वापस आने के बाद, एक शाम को मैं मेरे पति का इंतज़ार कर रही थी

क्यों की हमको उनके एक दोस्त की शादी की सालगिरह की पार्टी मे जाना था.

मैं जान बूझ कर तय्यार नहीं हुई थी क्यों की मैं जानती थी कि मेरे पति

तय्यार होने के लिए, शायद मेरे साथ ही शाम का स्नान करना पसंद करेंगे.

ज़्यादातर हम साथ साथ ही नहाते हैं. मैं सिर्फ़ एक गाउन पहने हुए थी

जिसके अंदर मैने कुछ भी नही पहना था. मैं जानती हूँ कि मेरे पति मुझे ऐसे

देखना पसंद करतें है. मैं बताना चाहती हूँ कि हम दोनो ही घर मे चाहे जैसे

रह सकते हैं क्यों की यहाँ हमारे साथ कोई तीसरा नहीं रहता है, सिर्फ़ मैं

और मेरे पति. खिड़कियों पर पर्दे और गहरे रंग के शीशे होने की वजह से हम

घर मे जैसे चाहे रह सकतें हैं, जो चाहे कर सकतें है. बाहर से किसी का भी

हमको देख पाना संभव नहीं है. हम एक 9 मंज़िल की इमारत की तीसरी मंज़िल पर

रहतें हैं.
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07-11-2017, 11:49 AM,
#2
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
मेरे पति अपने पास की चाबी से दरवाजा खोल कर घर मे आए तो मुझे तुरंत ही

पता चल गया क्यों कि मैं बाहरी कमरे मे ही बैठ कर टी.वी. देख रही थी.

उनकी तेज आँखों ने तुरंत ही भाँप लिया कि मैं उनके साथ नहाने को तय्यार

हूँ. वो मुस्कराए तो जवाब मे मैं भी मुस्करा पड़ी. वो मेरे नज़दीक आए और

मुझे अपनी बाहों मे भर लिया, जो कि वो हमेशा ही घर आते ही करतें हैं.

मैने भी उनको बाहों मे भरा और हमने एक दूसरे के रसीले होंठ चूस्ते हुए

चुंबन किया.

वो बोले - तय्यार हो नहाने के लिए ?

मैने कहा - हां जान. मैं तय्यार हूँ.

उन्होने जवाब दिया - ठीक है. एक ग्लास पानी मिलेगा पीने के लिए ?

मैं रसोई से उनके लिए पानी का ग्लास ले कर आई तो मैने देखा की उन्होने

अपने सारे कपड़े उतार दिए हैं और सिर्फ़ चड्डी पहने सोफा पर बैठे हैं. जब

मैने उनको पानी का ग्लास दिया तो उन्होने अपने एक हाथ से पानी का ग्लास

पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद मे बिठा लिया.

उन्होने पानी पिया और फिर से मेरे होठों को चूमा. मैं उनके चुंबन का आनंद

लेती हुई उनके बालों मे हाथ फिरा रही थी. प्यार और चुदाई की आग हमारे बीच

भड़कनी शुरू हो चुकी थी.

यहाँ मैं आप को फिर से बता दू कि मैं पिच्छले 15 सालों से चुदवा रही हूँ

जब मैं सिर्फ़ 14 साल की थी तब से. अब मेरी शादी को 7 महीने हो चुके हैं.

शादी के पहले मैं साप्ताह मे 4 या 5 बार चुदवाती थी और अब शादी होने के

बाद चुदवाने की गिनती बढ़ कर दिन मे कम से कम दो बार हो गई है. सबसे

ज़्यादा खुशी की बात तो ये है कि हमेशा ही, जब भी अकेले होते हैं, एक

दूसरे को छुते हैं, चुंबन करतें हैं, मैने पाया है कि चुदाई की गर्मी वही

पुरानी गर्मी जैसी है. मैं बहुत किस्मत वाली हूँ कि मुझे मेरे जैसा ही

चुदाई का साथी मिला है.

हमारा चुंबन ख़तम होने के बाद उन्होने मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने

हाथों मे उठाया और मुझे बाथरूम मे ले आए. उस समय 6.30 हुए थे और हमारे

पास पार्टी मे जाने के पहले काफ़ी समय था. उन्होने फव्वारा चालू किया और

हम दोनो भीगने लगे. मैने अपना गीला गाउन उतार कर अपने सेक्सी बदन को

कपड़े से आज़ाद किया. गर्मी का मौसम और फव्वारे का ठंडा ठंडा पानी. लेकिन

वो ठंडा पानी भी हमारी चुदाई की गर्मी को कम नही कर रहा था, बल्कि और

बढ़ा रहा था. मैने उनकी चड्डी भी उतार दी और देखा की उनका खड़ा हुआ लंबा

लॉडा मुझे सलाम कर रहा था. मैने देखा की उनके लंड के आस पास कुछ बॉल उग

आए हैं. मेरी चूत तो बिल्कुल सॉफ, बिना बालों के, चिकनी थी क्यों की मैने

तो दो दिन पहले ही अपनी चूत के बॉल सॉफ किए थे. मैने उनके खड़े हुए,

सख़्त, लंबे और मोटे लंड लो अपने हाथ मे पकड़ा. उनके लंड के नीचे लटकी

गोलियों की थैली पर से होता हुआ पानी नीचे गिर रहा था.

मेरे पति को पता है कि मुझे चूत या लंड पर बाल पसंद नही है, खास कर के

मुख मैथून करते वक़्त. वो तुरंत समझ गये कि मेरी आँखों ने क्या देखा है.

उन्होने तुरंत नीचे के बाल सॉफ करने वाला सामान बाथरूम की छ्होटी आलमारी

से निकाला. मैं फव्वारे के नीचे बैठी उनको देख रही थी जबकि वो फव्वारे के

बरसते पानी से बाहर चले गये. उन्होने अपने खड़े लंड के आस पास, जहाँ जहाँ

बाल थे, और लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर भी थोड़ी शेविंग क्रीम

लगाई. हमेशा की तरह मैने उनको अपनी झाँटें सॉफ करने मे मदद की क्यों की

मुझे ये काम पसंद है. जब वो रेज़र से अपने बाल सॉफ कर रहे थे तो मैने

उनका लंड पकड़ रखा था और मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को भी

इधर उधर कर के वहाँ से बॉल सॉफ करने मे उनकी मदद की. जल्दी ही उनका सुंदर

लंड बिना बालों के, चिकना हो कर मेरी आँखों के सामने था. अब वो भी

फव्वारे के नीचे आ गये थे और उनके लॉड के आस पास लगी साबुन पानी मे बह गई

और उनका लंड चमक उठा. मैने बिना कोई समय बर्बाद किए तुरंत ही नीचे बैठे

बैठे उनका प्यारा सा, खड़ा हुआ, सख़्त, लंबा और मोटा लंड चूसने के लिए

अपने मूह मे ले लिया. वो खड़े थे और उनके हाथ मेरे सिर के बालों मे प्यार

से घूमने लगे जबकि मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ कर उनके लंड को चूस रही थी.

आप को मेरे पति की मर्दानगी मालूम ही है की उनके लंड से पानी निकालने मे

काफ़ी वक़्त लगता है और ज़्यादातर उनकी एक चुदाई मे मेरी दो चुदाई हो

जाती है. उनकी ये मर्दानगी हम दोनो के लिए बड़े गर्व की बात है. अब मुझे

उनको अपने हाथ और मूह से ही इतना गरम करना था और इतना आगे ले जाना था की

चोद्ते वक़्त उनके लंड से मेरे खुद के झड़ने के साथ ही पानी निकले.

फव्वारे से बरसता पानी हम को और भी सेक्सी बना रहा था. उन के लंड का मूह

मेरे मूह मे था और निचला हिस्सा मेरे हाथ मे था. मेरी जीभ उनके लंड के

मूह, सूपदे पर घूम रही थी जो उनको पूरा मज़ा दे रही थी. वो हमेशा कहतें

हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती और चाट ती हूँ. मैं खुद जानती हूँ की

मैं कितनी क़ाबलियत के साथ लंड चुस्ती हूँ. मैं उनका लंड अपनी हथेली मे

पकड़ कर आगे पीछे करते हुए उनके लंड का सूपड़ा चूस रही थी. उनका लंड

चूस्ते और मूठ मारते हुए मुझे ये अंदाज़ा हो गया था कि मैं उनको आधी दूर

ले आई हूँ और अब हम अपना पसदीदा चुदाई का खेल शुरू कर सकतें हैं. मेरी

चूत तो उनका लंड चूस्ते चूस्ते ही काफ़ी गीली हो चुकी थी और उनका लंड

लेने को तय्यार थी.
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07-11-2017, 11:49 AM,
#3
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
हम दोनो पानी बरसाते फव्वारे के नीचे आमने सामने खड़े थे. मेरी चुचियों

और मेरी निपल्स पर से होता हुआ फव्वारे का पानी बह रहा था. उन्होने मेरी

गीली चुचियों को, गीली निपल्स को बहुत ही प्यार से चूसा.

हम दोनो को ही हमेशा अलग अलग पोज़िशन मे चुदाई करना पसंद है. उन्होने

अपने हाथ मेरे पीछे करते हुए मुझे मेरी नंगी गंद पकड़ कर उठा लिया. मैं

जैसे उनकी हथेलियों पर अपनी गंद टीका कर बैठी थी. मैं चुदवाने के लिए

तय्यार थी और मेरी चूत भी उनके लंड का स्वागत करने को तय्यार थी. क्यों

कि मैं उनके दोनो हाथ पर अपनी गंद रख कर बैठी थी और वो खड़े थे, मैने

अपना हाथ नीचे करके, उनके इंतज़ार करते हुए गरम लॉड को पकड़ कर अपनी चूत

के दरवाजे पर लगाया और उन्होने मेरी गंद ज़रा दबाई तो उनका फंफनता हुआ

लंड मेरी चूत मे घुसने लगा. चुदाई की इस पोज़िशन मे मेरे लिए ज़्यादा कुछ

करने को नही था सिवाय चुदवाने के. वो मेरी गंद पकड़े हुए थे और मुझे उपर

नीचे, उपर नीचे कर रहे थे. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर लिपटे हुए थे. हमेशा

की तरह उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों मे मज़ा देने वाले स्थान को

खत खता रहा था. वो मेरी गंद पकड़ कर मुझे चोद रहे थे और मैं अपनी गंद

उनके हाथ मे रख कर मज़े से चुदवा रही थी. फव्वारे के बरसते पानी के नीचे

जो जवान नंगे जिस्म जल रहे थे और अपनी चुदाई की गर्मी को कम करने की

कोशिश कर रहे थे. बहते पानी मे भी चुदाई की फ़चा फॅक .. फ़चा फॅक........

फाका फक...... फाका फक हो रही थी. एक बार फिर मुझे लगा कि मैं उनसे कहीं

पहले ही झाड़ जाओंगी. मैं अपने पूरे अनुभव और क़ाबलियत के साथ इस तरह

चुदवा रही थी कि उनको भरपूर मज़ा मुझको चोदने मे आए. अब उनकी चोदने की

रफ़्तार बढ़ गई थी और उनका लंड तेज़ी से और जल्दी जल्दी मेरी गीली चूत मे

अंदर बाहर हो रहा था. हमारी आँखें चुदाई के आनंद के मारे बंद हुई जा रही

थी. चुदाई का पूरा दारोमदार उन पर था और वो मेरी नंगी गंद पकड़ कर धक्के

लगा रहे थे. मैं जोरदार चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. उनके लॅंड के,

मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरी चुचियाँ उच्छल रही थी. वो मुझे किसी

गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाए बाथरूम मे बरसते पानी के नीचे चोद रहे

थे. मुझे उनके तेज होते धक्कों, उनके लंड के मेरी चूत मे आते जाते और

अधिक सख़्त होने से ये पता चल चुका था कि जल्दी ही उनका लंड मेरी चूत मे

अपना लंड रस बरसाने वाला है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के काफ़ी करीब

थी. अचानक ही उनकी चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो गई और मैं उनके हाथों मे

किसी खिलोने की तरह हवा मे उच्छल रही थी. मेरी हवा मे उच्छलती चुचिया कई

बार मेरी खुद की ठुड्डी से टकराई. मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी और मेरा

नंगा बदन झड़ने के लिए अकड़ने लगा. उनका लॉडा भी हर धक्के के साथ सख़्त,

और सख़्त होता जा रहा था.

मैं खुद को रोक नही सकी और करीब करीब चिल्लाई - ओह डियर........ मैं तो गई जानू.

वो बोले - रूको जूली........... मैं भी आया.

हम दोनो प्यार और चुदाई के मज़े और उत्तेजना मे बड़बड़ाने लगे.

" लव यू डियर........ ओह डार्लिंग........... जानू......... जान.....

आआहह .... ऊऊहह ...... हाआअन्न्‍ननणणन्."
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07-11-2017, 11:49 AM,
#4
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
अचानक, मैं झाड़ गई और मैने अपने आप को स्वर्ग मे महसूस किया. मेरे हाथ

उनकी गर्दन पर कस गये पर नीचे उनके लंड के तूफ़ानी धक्के मेरी चूत मे

लगातार जारी थे. मुझे पता था कि वो भी जल्दी ही झड़ने वाले हैं. मैं भी

उनको चुदाई की मंज़िल पर पहुँचने मे पूरा साथ दे रही थी. करीब 10 धक्कों

के बाद, उन्होने मेरी नंगी गंद को पकड़ कर अपने लंड पर भींच लिया और उनका

लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने लगा. उनका लंड किसी पंप की तरह अपना

पानी मेरी चूत की गहराइयों मे नाचता हुआ फेंक रहा था. उन के लंड का इस

तरह नाच नाच कर पानी निकालना मुझे बहुत पसंद है. हम दोनो इसी तरह झड़ने

का मज़ा ले रहे थे और किसी तरह उन्होने मेरी लटकती चुचि को अपने मूह मे

भर लिया और चूसने लगे. मेरे पति को ये अच्छी तरह पता है कि चुदाई मे

ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जाता है और कैसे दिया जाता है. अपने

लंड के पानी की मेरी चूत के अंदर अंतिम बौच्हर करके उन्होने मुझे नीचे

उतारा. उनका लंड मेरी चूत से बाहर आ चुका था. मैने देखा की उनका लंड पूरी

तरह गीला था, उनके खुद के लंड से निकले रस से और मेरी चूत के रस से.

फव्वारे से बरसता पानी उनके लंड को सॉफ करने लगा और मेरी चूत से उनका

छ्चोड़ा गया पानी भी मेरे चूत रस के साथ बाहर आने लगा था.

बाथरूम मे, फिर एक बार हमारे बीच एक शानदार चुदाई संपन्न हुई, इस बार तो

मैं चुदाई के समय उनके हाथों मे लटकी हुई थी.

उन्होने मेरी चूत पर शॅमपू लगा कर सॉफ किया और मैने उनके लंड को साबुन

लगा कर सॉफ किया.

अपना अपना नंगा बदन पूंछ कर हम दोनो ही नंगे बाथरूम से बेडरूम मे पार्टी

मे जाने के लिए तय्यार होने को आए.

मेरे पति बोले - डार्लिंग ! एक कप चाइ मिलेगी ?

मैने उत्तर दिया - क्यों नही डियर ! मैं ज़रा गाउन पहन लूँ.

वो बोले - नही जानू. तुम जानती हो कि कपड़े तुम्हारे जिस्म पर अच्छे नहीं

लगते जब हम दोनो घर मे अकेले होते है.

मैं बस इतना ही कह सकी - शरारती कहीं के.

और हम दोनो ही हंस पड़े. मैं चाइ बनाने के लिए किचन मे जाने को घूमी. मैं

पूरी तरह नंगी थी और मेरे पति भी पूरे नंगे थे. हम दोनो को ही एक दूसरे

का नंगा बदन बहुत पसंद है. अब उनका लॉडा शांत था और आराम से जैसे उनकी

गोलियों की थैली पर बैठा हुआ था. मैं रसोई मे नंगी खड़ी हो कर चाइ बना

रही थी और वो बाहर के कमरे मे सोफा पर नंगे बैठ कर टी.वी. देखने लगे.

बाहर का कमरा कुछ इस पोज़िशन मे था की अगर रसोई का दरवाजा खुला हो तो एक

कोने से रसोई मे बाहर के कमरे से देखा जा सकता है. मैने रसोई मे खड़े

खड़े उनको बाहर के कमरे मे बैठा हुआ देखा जबकि चाइ उबल रही थी. मुझे फिर

एक बार अपने चुड़क्कड़ पति और मेरी पसंद पर गर्व महसूस हुआ. एक बहुत ही

अच्छे इंसान, हमेशा दूसरों का ध्यान रखने वाले, सुंदर, गोरे रंग के, लंबे

कद के और मजबूत कसरती बदन के मालिक, और सब से उपर ये की चुदाई के मामले

मे एक बहुत ही मज़बूत मर्द, ऐसे है मेरे पति. उनके पास एक शानदार, लंबा

और मोटा लॉडा है जिसकी मैं दीवानी हूँ. मैं अपने आप को दुनिया की सबसे

खुसकिस्मत औरत मानती हूँ जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा पति है.

चाइ ले कर मैं बाहरी कमरे मे आई और चाइ की ट्रे को टेबल पर रखा. उन्होने

मुझे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुझे अपनी नंगी गोद मे बिठा

लिया. उन्होने मुझे मेरे होठों पर चूमा और उनके हाथ मेरी नंगी पीठ सहलाने

लगे. उनके गरमा गरम चुंबन से मैं फिर से गरम होने लगी. मैने अपनी नंगी

गंद के नीचे, उनके पैरों के बीच कुछ हलचल महसूस की. मैं झट से खड़ी हो गई

और देखा की उनका लंड फिर से खड़ा होने लग गया है. ऐसा लग रहा था जैसे

लंबे गुब्बारे मे हवा भर रही हो.

मैने मुस्कराते हुए कहा - हम को पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होना है. ठीक?

वो बोले - हां. तुम ठीक कहती हो, पर पार्टी हमारा थोड़ा इंतज़ार कर सकती

है. एक छ्होटी सी, फटाफट चुदाई के बारे मे क्या ख़याल है?

मैने उत्तर दिया - मैं तय्यार हूँ. पर हम को पार्टी मे जाने मे देर हो जाएगी.

उन्होने एक लंबी साँस ली और बोले - ठीक है मेरी रानी. ये तो हमारा खेल है

और हम इसको चाहें जब, चाहे जहाँ खेल सकतें हैं. कोई बात नही, पार्टी के

बाद सही.

क्रमशः........................
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07-11-2017, 12:32 PM,
#5
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
चुदाई का दूसरा रूप--2

गतान्क से आगे.....................

हम दोनो ने चाइ का अपना अपना कप उठाया और हम दोनो नंगे एक दूसरे के सामने

बैठ कर चाइ की चुस्कियाँ लेने लगे. मेरी आँखें चाइ पीते वक़्त भी उनके

बढ़ते हुए, लंबे होते हुए, मोटे होते हुए और खड़े होते हुए लॉड पर जी जमी

रही. हमने अपनी अपनी चाइ ख़तम की और बेडरूम मे तय्यार होने को आ गये.

उन्होने क्रीम रंग की सफ़ारी पहनी और मैने नीले रंग की सारी पहनी. वो

बहुत ही सुंदर लग रहे थे और मैने भी अपने आप को शीशे मे देखा.

मुझे देखकर वो बोले - तुम बहुत सुंदर दिख रही हो जूली जान. दिल तो करता

है कि पार्टी मे जाकर क्या करना है ? क्यों ना हम अपनी निज़ी पार्टी

मनाएँ, बिना कपड़ों के ?

मैं बोली - तुम फिर से शरारत कर रहे हो.

उत्तर मे वो हँसे और हम तय्यार हो कर पार्टी के लिए रवाना हो गये.

ये एक छ्होटी सी पार्टी थी जहाँ ज़्यादा लोग आमंत्रित नही थे. मुझे ये

लिखते हुए बहुत अच्छा लग रहा है कि उस पार्टी मे मैं सब की नज़रों का

केन्द्र थी. मैने उन औरतों की आँखों मे अपने लिए जलन देखी जिनके पति

लगातार मुझे घूरे जा रहे थे. सच कहूँ तो उन औरतों की जलन देख कर मैं खुश

हो रही थी. ये बहुत मज़ेदार पार्टी थी जो देर रात तक चली और जब हम घर

पहुँचे तो रात के 1.30 बजे थे.

हम दोनो ही बहुत थकान महसूस कर रहे थे इसलिए बिना चुदाई किए, कपड़े उतार

कर, नंगे होकर, एक दूसरे को बाहों मे ले कर हम जल्दी ही सो गये.

अगली सुबह, मेरे पति ने मेरी एक फटाफट चुदाई की और ऑफीस चले गये. मैं

कंप्यूटर पर मेरी मैल देख रही थी तो अमेरिका से किसी आदमी की चॅट

रिक्वेस्ट देखी. ज़्यादातर मैं अंजान आदमी की ऐसी रिक्वेस्ट पर ज़्यादा

ध्यान नही देती. पर पता नही क्यों, मैने वो रिक्वेस्ट आक्सेप्ट करली. फिर

मैने अपनी मैल चेक करनी और उनका जवाब देना शुरू किया.

शाम को मेरे पति ने मुझे फोन करके कहा कि उनको आज ऑफीस मे काम ज़्यादा

होने की वजह से आने मे देरी होगी. मेरे पास करने को कुछ खास नही था तो

समय बिताने के लिए मैने कंप्यूटर चालू किया. जैसे ही मैने कंप्यूटर मे

अपनी मैल खोली, अमेरिका का वही व्यक्ति, जिसकी चॅट रिक्वेस्ट मैने सुबह

स्वीकार की थी, वो लाइन पर था. मुझे भी समय बिताना था इसलिए मैं उस से

चतिंग करने लगी.

वो - हेलो जुली.

मैं - हेलो डियर. क्या तुम मुझे जानते हो?

वो - हां. मैं तुम्हे तुम्हारी चुदाई की दास्तान लिखने की वजह से जानता हूँ.

मैं - ओह. मेरे बारे मे तो तुम मेरी कहानी पढ़कर सब जानते ही हो, अपने

बारे मे बताओ.

वो - मेरा नाम राज है मैं ३८ साल का शादी शुदा मर्द हूँ

मैं - बधाई हो.

वो - धन्यवाद जूली. क्या तुम मुझ से सेक्सी चॅट करना पसंद करोगी?

मैं - क्यों नही. इसमे कोई खराबी नही.

वो - क्या तुम्हारे कंप्यूटर मे कॅमरा है?

मैं - नही...... मेरे कंप्यूटर मे कॅमरा नही है. हम बिना एक दूसरे को

देखे भी तो चॅट कर सकते है.

वो - क्यों नही. पर अगर मैं तुम्हारे सामने आऊ तो ? मैं तो तुम्हे नही

देख पाउन्गा पर तुम मुझे देख सकती हो.

मैं - ओके. अगर तुम कमेरे पर आना चाहो तो मुझे कोई ऐतराज़ नही है.

वो - ठीक है, मैं तुम्हे निमंत्रण भेज रहा हूँ, केवल आक्सेप्ट करो, फिर

तुम मुझे देख सकती हो.

मैं - ओके. ठीक है.
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07-11-2017, 12:33 PM,
#6
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
उसने मुझे वेब कॅम का इन्विटेशन भेजा जिसे मैने आक्सेप्ट कर लिया तो मैं

उसे सीधा देख पा रही थी. मैने देखा कि एक सुंदर सा लड़का कुर्सी पर बैठा

है. हमने करीब आधा घंटे बात की. वो अब मुझे भाभी कह कर बुला रहा था,

क्यों की मैं उस से बड़ी और शादीशुदा थी. वो बहुत अच्छा लड़का था जिस से

मेरी तुरंत दोस्ती हो गई.

बात करते करते, अचानक उसने पूछा कि क्या मैं उसका लंड देखना चाहती हूँ.

मुझे बहुत आस्चर्य हुआ और कुछ देर तक तो मैं कोई जवाब नही दे सकी. ये

मेरे साथ पहली बार था जब किसी मर्द ने अपना लंड मुझे दिखाने की पेशकश की

थी. मैने कुछ देर तो सोचा और उसको हां कह दी, क्यों कि मैं भी इस खेल के

लिए बहुत रोमांचित थी.

उसने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और कमेरे पर मेरे सामने नंगा हो गया .

उस का लॉडा पूरी तरह खड़ा था और उसके लंड के आस पास थोड़ी झाँटें भी थी.

मैने देखा की उसका लंड बड़ा और तनुरुस्त था जो किसी भी लड़की या औरत को

संतुष्ट करने की क़ाबलियत रखता लग रहा था. ये मेरे लिए पहली बार था जब

मैं किसी का चुदाई का औज़ार, लॉडा कमेरे पर सीधा देख रही थी. मैं सॉफ सॉफ

देख पा रही थी कि उसने खुद ही अपने लंड से खेलना शुरू कर दिया था. जल्दी

ही उसने अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए खुद ही मुठया मारना चालू

कर्दिया. वो अपनी मूठ मारने की रफ़्तार बढ़ाता गया तो मेरी चड्डी भी अपनी

चूत से निकलते रस से गीली हो गई. अपने लंड को अपने हाथ मे पकड़ कर वो

ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रहा था. मुझे उसका लंड , मूठ मारता उसका हाथ और

उसके लंड का सूपड़ा मेरे कंप्यूटर पर सॉफ सॉफ दिख रहा था. अचानक मैने

देखा की उसके लंड से, तेज बौच्हार के साथ पानी निकलना शुरू हो गया . उसका

अपना लंड हिलाना चालू था और उसके लंड से सफेद पानी की धार रुक रुक कर

निकल रही थी. फिर उसने मूठ मारना बंद किया और अपनी टेबल पर फैले लंड रस

को सॉफ करने लगा. उसने मुझसे कहा कि उसकी तरफ से ये हमारी पहली मुलाकात

का, एक भाभी को एक देवेर की तरफ से तोहफा है. कुछ देर बाद हमने चाटिंग

बंद की.

मैं अपने गाउन के अंदर चोली और चड्डी ही पहने थी. मेरी चड्डी तो उसको मूठ

मारते देखकर पहले ही मेरे अपने चूत रस से भीग चुकी थी. मैने अपना गाउन

उठाकर अपने पैरों के बीच देखा. मैने अपनी चड्डी उतार दी और सॉफ सॉफ उसे

गीला पाया. मैने अपने परों को चौड़ा किया और कुर्सी के किनारे पर बैठी

ताकि मैं आराम से अपनी प्यारी सी, सॉफ सुथरी और सफाचत चूत मे अपनी उंगली

कर सकूँ. मैं अपनी बीच की उंगली अपनी गीली चूत पर ले गई और अपनी चूत के

दाने की छुआ. मैं उस लड़के को कमरे और कंप्यूटर पर, मेरे लिए मूठ मारने

का सीधा प्रसारण देख कर उत्तेजित हो चली थी. मैं अधिक देर रुक नही सकी और

मैने अपनी चूत मे उंगली घुमानी शुरू करदी. चूत पहले से ही काफ़ी गीली

होने की वजह से उसके बीच मे, दाने पर उंगली घुमाना बहुत ही आसान था. चूत

के दाने को अपनी उंगली से रगड़ते हुए मुझे चुदाई का मज़ा आने लगा. जैसे

जैसे चुदाई का मज़ा बढ़ता गया , वैसे वैसे मेरी उंगली की मेरी चूत मे

रफ़्तार बढ़ती गई. अब मैने अपनी एक उंगली मेरी गीली के अंदर भी घुसा ली

थी ताकि झड़ने का पूरा पूरा मज़ा आए. चुदाई की उत्तेजना के मारे, मज़े के

मारे मेरे मूह से आवाज़ें निकलनी शुरू हो गई और अपने बंद घर के अंदर, मैं

अकेली चुदाई के मज़े मे चिल्लाने को स्वतंत्र थी. मैने अपने मूह से

निकलने वाली आवाज़ों को रोकने की कोई कोशिश नही की और मैं मज़े के पर्वत

की चोटी पर थी. मेरी उंगली मेरी चूत के अंदर और चूत के दाने पर लगातार

घूमती हुई मुझे मेरी मंज़िल की तरफ ले जा रही थी.

अपनी चूत को तेज़ी से रगड़ती हुई, तेज़ी से चूत मे उंगली अंदर बाहर करती

हुई, चूत के दाने को मसल्ति मैं जहाँ पहुँचना चाहती थी वहाँ पहुँच चुकी

थी. मैने अपने पैर भींच लिए और मेरी उंगली अभी भी मेरी चूत मे थी. मेरी

आँखें आनंद से बंद हो गई. ये बहुत ही जोरदार हस्तमैतून था.

रात और दिन अपनी रफ़्तार से बीत रहे थे. मैं बहुत खुश हूँ की मेरे पति

हमेशा ही मुझे चुदाई का मज़ा देते है. हमारे बीच चुदाई होना जिंदगी का एक

ज़रूरी हिस्सा है. वो रोज़ मुझे चोद्ते है और मैं रोज़ उनसे चुदवाती हूँ,

कभी कभी तो दिन मे दो - तीन बार भी. मुझे कोई ऐसी रात या दिन याद नही है

जब मैने नही चुदवाया हो. हम दोनो ही चोद कर और चुदवा कर बहुत खुश है

क्यों कि हम जैसे चाहे, जब चाहे, जितनी चाहे चुदाई करतें हैं और चुदाई का

पूरा सम्मान करतें है.
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07-11-2017, 12:33 PM,
#7
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
एक दिन दोपहर को मेरे पिताजी का गोआ से फोन आया कि उनको मेरी सहयता की

ज़रूरत है. काफ़ी सारे आम विदेश भेजने थे और मेरे चाचा और पिता दोनो ही

मेरे बिना परेशान थे. उनको बिज़्नेस मे मेरी ज़रूरत थी. मेरे पापा इस

बारे मे मेरे ससुरजी से और मेरे पति से भी बात कर ली थी. मेरे पति ने

उनको भरोसा दिलाया था की वो मुझे पहले हवाई जहाज़ से गोआ भेज देंगे.

अगले ही दिन मैं गोआ , अपने मा बाप के घर आ गई. मेरे पति फिर से एक बार

देल्ही मे अकेले थे और मैं गोआ मे उनके बिना थी. हम दोनो ही उदास थे

क्यों कि एक प्यार करने वाला जोड़ा, जमकर चुदाई करने वाला जोड़ा जुदा

जुदा थे.

यहाँ, गोआ मे बहुत काम था और मैने अपनी पूरी क़ाबलियत के साथ मेरे पिताजी

की सहायता की और काम को काबू मे किया. काम इतना था कि दिन रात काम करना

पड़ रहा था. हमेशा की तरह, जब भी हम दूर होते है, मैं रात को अपने पति से

बात करती थी और हम दोनो ही अलग अलग बिस्तर पर सोए हुए, फोन पर चुदाई की

बातें करते हुए एक दूसरे को, अपने आप को संतुष्ट करते थे. हम दोनो के ही

पास खुद ही मूठ मारने के अलावा कोई चारा नही था. रोज़ रात को सोने से

पहले मैं अपनी चूत मे उंगली किया करती और मेरे पति वहाँ अपना लंड पकड़कर

मुठिया मारा करते.

एक दिन. शाम को, मैं अपने फार्म हाउस से वापस घर आ रही थी. अब काम काबू

मे आ चुका था और मैं वापस देल्ही , अपने पति के पास जाने का विचार कर रही

थी. रास्ते मे मेरी चाइ पीने की इच्छा हुई तो मैने अपनी कार एक होटेल की

तरफ मोडी. पार्किंग मे अपनी कार पार्क करने के बाद मैं होटेल के अंदर आई

और रेस्टोरेंट मे ऐसी जगह बैठी जहाँ से बाहर स्विम्मिंग पूल नज़र आ रहा

था. कुछ मर्द और कुछ औरतें वहाँ स्विम्मिंग कर रहे थे, कुछ अलग अलग

ड्रिंक पी रहे थे. मैं अपनी टेबल पर चाइ आने का इंतज़ार करती बाहर देखे

जा रही थी तो अचानक मैने एक जाने पहचाने चेहरे को, सेक्सी स्विम्मिंग

बिकिनी पहने देखा. वो सारा थी, मेरे साथ मेरे कॉलेज मे पढ़ती थी. मैं

जानती थी कि उसकी शादी मुंबई मे किसी बिज़्नेसमॅन से हुई थी.मैने सोचा की

वो अपने पति के साथ स्विम्मिंग का मज़ा लेने आई है, पर मैने उसके आस पास

किसी भी मर्द को नही देखा. मैं अपनी चाइ पीते पीते सारा को ही देख रही

थी. अब मुझे पक्का विश्वास हो गया कि वो वहाँ एकेली ही थी जो की एक

कुर्सी पर बैठी बियर पी रही थी. मैने अपनी चाइ ख़तम की और बिल चुकता करने

के बाद स्विम्मिंग पूल की तरफ आई.

मैं उसके सामने जा कर खड़ी हो गई और वो मुझे देखकर पहचाने की कोशिश कर

रही थी. अचानक ही, उसने मुझे पहचाना और करीब करीब चिल्लाई - जुलीईईईई !

जवाब मे मैने मुस्करा कर कहा - हां सारा. ये मैं ही हूँ. इतने दिनों के

बाद, तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा सारा, कैसी हो तुम और यहाँ क्या कर रही

हो?

वो बोली - मैं ठीक हूँ जूली, तुम कैसी हो?

मैं - मैं भी अच्छी हूँ. क्या चल रहा है?

सारा - कुछ नही. बस मज़ा ले रही हूँ.

मैं - अकेले ? तुम्हारे पति कहाँ है ?

सारा - वो बाहर गये है. रात को खाने के समय आ जाएँगे. हम इसी होटेल मे रुके हुए है.

मैं - ओके. लेकिन यहाँ तुम्हारा अपना घर है, फिर होटेल मे क्यों रुके हो?

सारा - हां. पर मेरे पति को मेरे पिताजी के घर मे रुकना पसंद नही है.

मैं - खैर कोई बात नही. वो बिज़्नेसमॅन है और वो होटेल का खर्चा करसकते है.

सारा - हां.

मैं - तो........ कैसे चल रही है तुम्हारी शादीशुदा जिंदगी?
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07-11-2017, 12:33 PM,
#8
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
सारा तुरंत जवाब नही दे पाई. मैने उसके चेहरे पर एक दर्द देखा. मैने उसकी

आँखो मे भी पानी देखा.

सारा बोली - मेरी शादीशुदा जिंदगी अच्छी चल रही है. अपनी सूनाओ. तुम भी

तो गोआ मे हो, तुम्हारे पति कहाँ है?

मैं - हां यार. मैं यहाँ पिताजी की काम मे सहायता करने आई हूँ. जल्दी ही

मैं देल्ही अपने पति के पास जा रही हूँ, दो तीन दिन मे.

सारा - तुम को ज़रूर अपने पति की याद आती होगी.

मैं - हां सारा. याद तो बहुत आती है उनकी. वो मुझे और मैं उनको बहुत

प्यार करतें है.

सारा - किस्मत वाली हो जूली.

मैं - हां. लेकिन सारा! तुम खुश नही लग रही हो.

सारा - नहीं. मैं खुश हूँ.

मैने एक बार फिर उसकी आँखों मे पानी देखा.

क्रमशः........................
Reply
07-11-2017, 12:33 PM,
#9
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
चुदाई का दूसरा रूप--3

गतान्क से आगे.....................

मैने प्यार से उसका हाथ पकड़ा और कहा - देखो सारा........ हम दोस्त हैं.

अगर तुम मुझे कुछ बताना या कहना चाहती हो तो मैं हूँ यहाँ तुम्हारे लिए.

अगर तुम्हे कोई दुख है तो बाँटने से हल्का हो जाएगा.

अचानक, सारा रोने लगी. मैने उसको गले से लगाया और वो मेरे कंधे पर अपना

सिर रख कर लगातार रोए जा रही थी. मैने उसको कुछ देर रोने दिया ताकि वो

हल्का महसूस करे. कई लोग हमारी तरफ देखने लगे थे और सारा ने भी ये महसूस

किया.

स्रो बोली - अगर तुम कुछ देर फ्री हो तो मेरे रूम मे चलते हैं.

मैं - ज़रूर. चलो चलते है.

मैने अपनी मा को मेरे मोबाइल से फोन कर्दिया की मैं अपनी कॉलेज की दोस्त

के साथ हूँ और मुझे घर आने मे थोड़ा वक़्त लगेगा.

हम दोनो उसी होटेल मे, सारा के रूम मे आ गई.

मैं सोफा पर बैठी थी और ये देख कर मुझे आस्चर्य हुआ की सारा ने खुद के

लिए ब्लॅक लेबल का एक पेग बनाया और मुझसे ड्रिंक के लिए पुच्छा. मैने

उससे कहा कि मैं उसका साथ देने के लिए हल्की बियर ले लूँगी. अब वो ठीक थी

और रो नही रही थी. मैं समझ गई थी की वो अपनी शादी से या पति से खुश नही

है. एक दोस्त होने के नाते मैं जो भी संभव हो, उसके लिए करना चाहती थी.

अपना विषकी का पेग और मेरे लिए बीआर ले कर हम पास पास सोफा पर बैठ गयी.

मुझे फिर से आस्चर्य हुआ जब उसने सिगरेट सुलगाई.

मैने सारा के अंदर बहुत बदलाव देखा. सारा, जो कॉलेज मे एक शर्मीली लड़की

थी, जिसको मैं जानती थी, आज वो अलग ही सारा थी. कॉलेज मे सारा एक बहुत

अच्छी, सुंदर, शर्मीली लड़की थी. उसका कोई बाय्फ्रेंड नही था. कई लड़के

उसके पीछे पड़े थे मगर उसने किसी लड़के से दोस्ती नही की. मेरी जो भी

लड़कियाँ कॉलेज मे दोस्त थी, वो हमेशा चुदाई के बारे मे बात करती थी मगर

सारा ने कभी ऐसी बातों मे भाग नही लिया. उस का तो बस एक ही शौक था, वो था

तैरना, स्विम्मिंग. वो अपने मा बाप की पसंद के लड़के के साथ ही शादी करना

चाहती थी, और वो अपनी शादी के समय कुँवारी ही थी, यानी उसने कभी भी, किसी

से नही चुदवाया था. कॉलेज की पढ़ाई ख़तम करने के बाद मैं ज़्यादा उसके

संपर्क मे नही थी.

थोड़ी देर खामोश रहने के बाद सारा ने मुझे अपनी शादीशुदा जिंदगी की भयानक

कहानी सुनाई. मैं वो सब सुनकर दंग रह गई. उसकी कहानी सुनकर मैं कुछ नही

बोल पाई क्यों कि मैं उसके लिए कुछ नही कर सकती थी. उसकी जिंदगी तो एक

नर्क थी. मैं आगे आप को सारा की जिंदगी का कड़वा सच बताने जा रही हूँ जो

मुझे सारा ने बताया था.

ये तो आप समझ ही गये होंगे की सारा उसका असली नाम नही है. ये नाम तो मैं

सिर्फ़ उसके बारे मे लिखने के लिए इस्तेमाल कर रही हूँ.

सारा एक बहुत सुंदर, शर्मीली और लड़कों से हमेश दूर रहने वाली लड़की थी.

उस के पिताजी का ज़मीन जायदाद खरीदने बेचने का धंधा था और वो अपनी सुंदर

बेटी सारा की शादी के लिए किसी अच्छे लड़के की तलाश मे थे. इस तरह सारा

की शादी मुंबई के एक बड़े व्यापारी के सुंदर लड़के के साथ पक्की हो गई.

और फिर जल्दी ही उसकी शादी भी हो गई.
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07-11-2017, 12:33 PM,
#10
RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
शादी के बाद, दुल्हन बनी सारा, अपने ससुराल, मुंबई मे अपने बिस्तर पर

बैठी, सुहाग्रात के लिए अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. वो बहुत खुश थी

और उसे गर्व था की वो अबतक कुँवारी है और वो अपना कुँवारापन अपने पति को

देना चाहती थी. उसका पति भी काफ़ी सुंदर था और ये एक अच्छी जोड़ी थी.

काफ़ी देर हो चुकी थी और वो आधी रात के बाद का वक्त था जब उसके पति कमरे

मे आए. उसने देखा की उसका पति सीधा नही चल पा रहा था, शायद दोस्तों के

बीच मे काफ़ी शराब पी ली थी. सारा पीने के खिलाफ नही थी पर चाहती थी कि

पीने का काम समय और सीमा मे किया जाए तो ठीक है. खैर, जब उसके पति ने देर

से आने और शराब पी कर आने के लिए उस से माफी माँगी तो सारा उसके व्यवहार

से खुश हो गई.

सारा अपनी पीठ के बल नंगी लेटी हुई अपने पति के साथ प्यार और चुदाई का

खेल, अपनी जिंदगी मे पहली बार खेल रही थी. बेडरूम की धीमी रोशनी मे उसने

देखा की उसके पति का लॉडा काफ़ी लंबा और काफ़ी मोटा है. वो अपने उस दर्द

के बारे मे सोचने लगी जब उसके पति का मोटा ताज़ा, लंबा लंड उसकी सफाचत

कुँवारी चूत मे पहली बार घुसेगा. वो अपने पति के लंड से खेलना चाहती थी

पर उसके पति को शायद चोदने की जल्दी थी. उसने अपने मन मे सोचा कि कोई बात

नही, उसके पति का लंड उसका ही तो है, उस से बाद मे भी कभी भी खेल सकती

है. इसलिए उसने अपने पति को, जो सुहाग्रात को उसे जल्दी से जल्दी चोदना

चाहता था, रोका नही और दर्द सहने को तय्यार हो गई. हालाँकि उसकी अपनी चूत

भी थोड़ी गीली हो गई थी पर वो जानती थी की दर्द तो होने वाला है, पर मज़ा

भी आएगा. उसके पति उसकी चौड़ी टाँगों के बीच बैठ कर अपने लंबे और मोटे

लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर रखा और थोडा ज़ोर लगाया. सारा ने सॉफ सॉफ

महसूस किया कि उसके पति का लंबा और गरम लंड उसकी चूत मे घुस रहा है. उसके

पति ने अपने लंड का थोड़ा और ज़ोर उसकी चूत मे लगाया तो सारा को अपनी चूत

पर कुछ गरम गरम महसूस हुआ जो सारा समझ नही सकी कि क्या है. उस का पति

नंगी सोई सारा के उपर सो गया और उसने सारा से सॉरी कहा. अब उसके पति का

लंड उसकी चूत मे नही था और फिसल कर बाहर आ गया था. सारा समझ नही सकी कि

उसका पति उस से सॉरी क्यों बोल रहा है. सारा अपना हाथ अपनी चूत पर ले गई

तो उसके हाथ मे उसके पति का नरम पड़ता लंड आया. अपनी चूत पर जब उसने अपने

पति के लंड का पानी महसूस किया तो सारी बात सारा की समझ मे आ गई. उस ने

कहीं पढ़ा था की पहली बार नये नये शादीशुदा जोड़े के बीच ये उत्तेजना की

वजह से हो जाता है. इसमे चिंता की कोई बात नही है. उसने अपने पति का

चुंबन लिया और कहा कि कोई बात नहीं, हम बाद मे चुदाई करने की कोशिश

करेंगे. जल्दी ही उसके पति को नींद आ गई.

अगले दिन सारा अपने नये घर मे आ गई जो उसके ससुरजी ने उसके पति को शादी

के तोहफे मे दिया था ताकि शादी के बाद नया जोड़ा जैसे चाहे वैसे रह सके.

ये तीन बेडरूम का, सारी सुविधाओं के साथ उँची इमारत मे बड़ा और आलीशान घर

था. वहाँ एक नौकरों के लिए भी कमरा था और एक 24 घंटे काम के लिए औरत भी

थी. उस औरत के ज़िम्मे घर के सारे काम थे.

अब, आज उसकी शादी के बाद दूसरी रात थी और इस नये घर मे पहली. उस का पति

शाम को जल्दी घर आया और वो दोनो बाहर खाना खाने गये. दोनो ने अपना हनी

मून का कार्यक्रम खाने की टेबल पर बनाया. अगले साप्ताह वो अपना हनिमून

मनाने ऑस्ट्रेलिया जाने वाले थे. सारा ये सुनकर बहुत खुश हुई. वो दोनो

रात के करीब 10 बजे घर वापस आए और सीधे अपने नये बेडरूम मे गये. सारा

बहुत रोमांचित थी अपनी पहली चुदाई को लेकर. पर वैसा कुछ नही हुआ. उन दोनो

के बीच आज भी कोई चुदाई नही हो सकी क्यों कि आज भी उसका पति उसको चोद नही

पाया. लगातार दो दिनों मे दो कोशिश करने के बाद भी उसका पति उसको चोद नही

पाया. उन दोनो मे प्यार, छेड़ छाड़, लंड पकड़ना, चुचि दबाना आदि कुछ नही

हुआ. उसका पति सीधा उसको चोदना चाहता था और इस बार भी चोदने की कोशिश मे

उसके लंड का पानी निकल गया था. इस बार वो कुछ नही बोला और करवट ले कर सो

गया . और सारा, अपने बिस्तर पर नंगी सोई हुई अपनी जिंदगी के बारे मे सोच

रही थी. वो अभी भी इस विश्वास मे थी की सब ठीक हो जाएगा और सोने की कोशिश

करने लगी. उसका पति तो गहरी नींद सो भी चुका था.
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