Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
05-24-2019, 12:10 PM,
#51
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
अब डॉली का निचला जिस्म लगभग पूरी तरह से उसके भाई की सामने नंगा था। डॉली ने फ़ौरन से अपनी चूत को छुपा लिया।
चेतन ने मुस्कुरा कर उसे देखा और फिर उसका हाथ पकड़ कर उसकी चूत से हटा दिया।
डॉली की बिल्कुल कुँवारे बालों से पाक चूत.. अपने भाई की आँखों की सामने थी।
चेतन- वाउ.. क्या प्यारी चूत है.. लगता है तुमने आज ही हेयर रिमूविंग की है।
डॉली ने शर्मा कर कहा- हाँ सुबह आपके जाने के बाद किए थे।
चेतन- यानि कि तुमने मेरे लिए अपनी चूत के बाल साफ़ किए हैं ना?
डॉली शर्मा कर बोली- अब ज्यादा भी खुशफ़हमी में ना रहें आप.. मैंने तो वैसे ही बस रुटीन में साफ़ कर लिए थे। अब मुझे क्या पता था कि आप आकर इसे देखोगे?
चेतन हंसा और अपनी होंठ डॉली की चूत पर रख दिए और उसकी कुँवारी मुलायम चूत को चूम लिया।
फिर चेतन ने अपनी कुँवारी बहन की कुँवारी चूत की लबों को खोला और अपनी ज़ुबान से उसे अन्दर से चाटने लगा।
धीरे-धीरे जैसे-जैसे उसकी ज़ुबान अपनी बहन की चूत को चाट रही थी.. तो उसके साथ-साथ ही डॉली की हालत खराब होती जा रही थी।
वो अपने भाई के सिर पर अपना हाथ रख कर उसे अपने चूत पर दबा रही थी और आँखें बंद करके अपनी गाण्ड को ऊपर उठाते हुए अपनी चूत को उसके मुँह पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी।
कुछ देर तक अपनी बहन की कोरी चूत को चाटने के बाद चेतन खड़ा हुआ और अपनी बहन के सामने अपनी शॉर्ट्स को उतार कर बिल्कुल नंगा हो गया।
फिर लेटी हुई डॉली के ही ऊपर आ गया और अपनी मोटे खड़े हुए लंड को अपनी बहन की दोनों चूचियों की दरम्यान में रगड़ने लगा।
डॉली मुस्कुरा कर अपने भाई के लंड को देख रही थी।
चेतन ने अपनी बहन की दोनों छोटी-छोटी चूचियों के दरम्यान अपने लंड को दबाया और फिर आगे-पीछे को करते हुए अपना लंड उसकी चूचियों के दरम्यान रगड़ने लगा। आगे को जाता तो उसका लंड डॉली की ठोड़ी को टकराता था और उसकी गोटियाँ नीचे अपनी बहन के पेट पर रगड़ खा रही थीं।
थोड़ी देर के बाद चेतन बोला- डॉली इसे मुँह में लेकर थोड़ा सा चूसो ना..
डॉली ने अपने भाई के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- नहीं भाई.. यह तो बहुत गंदा होता है.. मैं कैसे इसे मुँह में ले सकती हूँ।
चेतन- अरे यार कुछ भी गंदा नहीं होता.. इसे मुँह में लेकर तुम्हारी भाभी भी तो चूसती हैं ना..
डॉली इठलाते हुए बोली- वो तो आपकी बीवी हैं.. मैं आपकी क्या लगती हूँ.. बहन ना..
चेतन अपने लंड की टोपी को अपनी बहन के गुलाबी होंठों पर आहिस्ता-आहिस्ता फिराता हुआ बोला- तुम आज से मेरी बहन भी हो और मेरी बीवी भी हो..
डॉली- भाई.. अगर मुझे अपनी बीवी बनाना है.. तो फिर कर लो मुझसे भी शादी..
चेतन- झुक कर अपनी बहन के होंठों को चूमते हुए बोला- मेरी जान यह तो दिल की बात होती है.. जिसे भी दिल से तसलीम कर लो.. वो बीवी ही होती है।
चेतन ने थोड़ा सा जोर लगाया तो डॉली ने अपने होंठों को थोड़ा सा खोला और उसके लण्ड को अन्दर दाखिल होने का रास्ता देने लगी।
चेतन ने भी आहिस्ता से अपनी लंड को उसके होंठों के दरम्यान पुश किया और साथ ही डॉली ने आहिस्ता आहिस्ता उसके लौड़े के टोपे के ऊपर अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी।
डॉली ने अपने दोनों होंठों के दरम्यान अपने भाई के लंड के टॉप को पकड़ा और आहिस्ता से दोनों होंठों को बंद करके उसे चुम्बन कर लिया।
चेतन ने अपना लंड उसके होंठों से निकाला और धीरे-धीरे उसके होंठों के ऊपर टकराने लगा।
उसके लण्ड से प्रीकम की छोटी-छोटी चमकीली बूँदें निकल रही थीं.. जो कि उसकी बहन के होंठों से लग कर एक तार की तरह से उसके लण्ड से जुड़ रही थीं।

डॉली ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और आहिस्ता आहिस्ता उसके लण्ड के अगले हिस्से पर फेरते हुए बोली- भाई अगर भाभी ने देख लिया ना.. तो बहुत बुरा होगा।
चेतन पीछे होकर डॉली के ऊपर लेट गया और अपने नंगे लंड को अपनी बहन की नंगी चूत पर रगड़ते हुए बोला- कुछ नहीं होगा मेरी जान.. आज तो मैं तुम्हारी यह कुँवारी चूत लेकर ही रहूँगा।
डॉली ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपने भाई का लंड अपने कंट्रोल में लिया और आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत के दाने पर रगड़ते हुए बोली- नहीं भाई.. प्लीज़ ऐसा नहीं करो न.. हम कुछ भी नहीं कर सकते.. आप इसे पीछे करो न.. इससे तो आप मुझे और भी पागल कर रहे हैं।
डॉली ने यह बोला और दूसरे हाथ से अपने भाई के सिर के बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर उसके होंठों को चूसने और उसे चूमने लगी।
धीरे-धीरे दोनों की मस्तियों में इज़ाफ़ा होता जा रहा था। डॉली ने अपनी दोनों टाँगें ऊपर कीं और उनको अपने भाई की कमर के गिर्द उसके चूतड़ों पर रख कर उसके जिस्म को जकड़ लिया.. जैसे कि उसका भाई उसे इतना गरम करने के बाद कहीं छोड़ कर भागने लगा हो।
चेतन भी अपनी बहन की चूचियों को दबाते हुए उसके होंठों को चूस रहा था और पीछे से हिलते हुए अपनी लंड को अपनी बहन की चूत पर रगड़ रहा था।
इधर मेरी हालत भी बहुत ही पतली हो रही थी.. मेरा हाथ मेरी चूत पर था और मेरी चूत बिल्कुल पानी-पानी हो रही थी।
चेतन उठा और अपनी बहन की दोनों टाँगों के दरम्यान में बैठते हुए अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और उसकी टोपी को डॉली की कुँवारी प्यासी चूत पर फिर से रगड़ने लगा।
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05-24-2019, 12:10 PM,
#52
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
अगले ही किसी भी लम्हे में चेतन अपना लंड अपनी कुँवारी बहन की चूत में दाखिल करने वाला था।
मेरा ख्वाब पूरा होने वाला था कि ज़िंदगी में पहली बार किसी हक़ीक़ी भाई को अपनी बहन को चोदते हुए देखूँ.. लेकिन पता नहीं क्यों मैं अभी उन दोनों बहन-भाई को ऐसा करने नहीं देना चाहती थी।
मैं अभी इन दोनों की चूत और लंड की प्यास को बरक़रार रखना चाहती थी ताकि यह दोनों एक-दूसरे के लिए अभी थोड़ा और भी तड़फें..
यही सोच कर मैं अपने कमरे की तरफ गई और चेतन को आवाज़ दी।
दूसरी आवाज़ के साथ ही ज़ाहिर है कि चेतन भागता हुआ आया। उसने अपने कपड़े पहन लिए हुए थे।
वो बोला- हाँ क्या बात है.. तुम ठीक तो हो?
मैंने उसे पानी लाने को कहा और वो रसोई में गया.. तो मैं उसके चेहरे की बेबसी और झुँझलाहट देख कर मेरी हँसी छूट गई।
कुछ देर के बाद मैं भी अन्दर उन दोनों के साथ ही जाकर लेट गई।
शाम को मेरी आँख खुली तो डॉली कमरे से जा चुकी हुई थी और सिर्फ़ मैं और चेतन ही बिस्तर पर थे।
हम कुछ देर तक बातें करते रहे और फिर डॉली चाय लेकर आ गई लेकिन अपनी चाय यहाँ कहते हुए बाहर ले गई कि उसे कुछ काम करना था।
मैंने और चेतन ने चाय पी और फिर मैं रेस्ट करने का बहाना करके लेट गई और चेतन कमरे से बाहर चला गया।
मैंने फ़ौरन उठ कर देखा तो डॉली सोफे पर बैठी हुई थी और चेतन उसके पीछे से झुक कर उसकी चूचियों को दबा रहा था।
डॉली खुद को उससे छुड़ाते हुए बोली- भाई आपको तो हर वक़्त यही काम सूझता रहता है.. आप न.. भाभी को भी हर वक़्त तंग किए रखते हो.. और अब तो आपको सताने के लिए मैं भी मिल गई हूँ।
चेतन डॉली के सामने की तरफ आया और अपने शॉर्ट में हाथ डाल कर अपना लंड बाहर निकाल कर बोला- एक किस तो कर दो प्लीज़..
डॉली मेरे कमरे की तरफ देखते हुए बोली- भाई.. आपको शर्म नहीं आती क्या.. अगर अभी भाभी बाहर आ जाएं तो.. और यह क्या है कि हर वक़्त इसी हालत में ही खड़ा रहता है?
चेतन- बस जब से इसने अपनी प्यारी सी बहना की कुँवारी चूत का दीदार किया है ना.. तो यह बैठता ही नहीं है.. हर वक़्त तुम्हारी चूत को याद कर करके खड़ा हुआ ही रहता है। जब तक अब यह तेरी चूत की अन्दर नहीं चला जाएगा.. इसको सुकून नहीं आने वाला।
डॉली चेतन के लंड को अपने हाथ में लेकर आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए बोली- भाई प्लीज़, कोई जगह तो देख लिया करो ना..
चेतन अब नीचे डॉली के पास ही बैठ गया। अब उन दोनों की पीठ मेरी तरफ थी.. तो मैं नहीं देख सकती थी कि वो दोनों क्या कर रहे हैं। इस हालत में वो दोनों सेफ थे.. लेकिन मैं भी उनको डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी।
चेतन- बस अब तो ठीक है ना.. यहाँ से तेरी भाभी भी हम दोनों को नहीं देख पाएगी.. चल अब जल्दी से नीचे आजा और इसे चूसा लगा दे।
डॉली हँसी और बोली- भाई आप बाज़ आने वाले नहीं हो.. और ना ही मानने वाले हो..
यह कह कर डॉली ने एक नज़र मेरे कमरे के दरवाजे की तरफ डाली और फिर झुक कर शायद अपने भाई का लंड चूसने लगी।
डॉली- भाई एक ही बार काट कर खा ना लूँ इसको.. जो यह हर वक़्त मुझे तंग करता रहता है।
चेतन अपनी बहन के रेशमी बालों में हाथ फेरते हुए बोला- काट कर खा लोगी तो फिर तुम्हारी चूत की प्यास कौन बुझाएगा मेरी जान?
मैं अपने कमरे के बाथरूम में आई और दूसरे दरवाजे में से बाहर झाँका.. तो अब यह जगह उनको देखने के लिए ठीक थी.. और इधर से दोनों की हरकतें साफ़ नज़र आ रही थीं।
चेतन ने अपना हाथ नीचे झुकी हुई अपनी बहन की शर्ट की के नीचे डाला हुआ था और उसकी नंगी कमर को सहला रहा था और कभी उसकी चुस्त लैगी में फंसे हुए उसके चूतड़ों को सहलाने लगता था।
दूसरी तरफ डॉली भी अपने भाई के लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और कभी उसे चाट लेती थी।
चेतन- यार ठीक से चूस ना मेरा लंड..
डॉली- भाई मैं कौन सा लंड चूसती रहती हूँ.. जो मुझे आता है कि कैसे चूसते हैं.. पहली बार तो चूस रही हूँ। मुझसे तो ऐसे ही चूसा जाएगा.. चुसवाना है तो बोलो.. नहीं तो मैं चली।
चेतन- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. जैसे भी चूस ले.. ठीक है, कोई बात नहीं.. आहिस्ता आहिस्ता तुझे मेरा लंड ठीक से चूसना भी आ जाएगा। तेरे पति तक पहुँचने से पहले तुझे बिल्कुल एक्सपर्ट बना दूँगा.. देखना तू..।
डॉली- मेरे पति के लिए कुछ बाकी छोड़ोगे.. तभी तो जाऊँगी ना उसके पास वर्ना फिर जाने का क्या फ़ायदा?
दोनों हँसने लगे..
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05-24-2019, 12:10 PM,
#53
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
चेतन- चल अब जल्दी से मेरा पानी निकाल दे ना..
डॉली- नहीं भाई.. यहाँ पर सब कुछ खराब हो जाएगा.. मैं नहीं निकालती।
चेतन- तो मेरा पानी मुँह में ले लेना ना..
डॉली- छी: छी: कितनी गंदी बातें करते हो ना तुम.. मैं तुम्हारा पानी अपने मुँह में क्यों लूँ?
अपने भाई का लंड रगड़ते-रगड़ते.. जैसे वो छूटने वाला हुआ तो डॉली ने उसका लंड उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही डाल दिया और ऊपर से दबा दिया।
इसी के साथ ही चेतन का पूरे का पूरा पानी उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही निकलने लगा।
‘ऊऊऊहह.. आआआ..अह.. सस्स्स्स.. स्सस्स..’ की आवाजों के साथ ही चेतन के लंड ने सारा पानी अपने शॉर्ट्स में ही निकाल दिया।
पूरा पानी निकलने के बाद चेतन बोला- डॉली तुम बहुत शैतान हो.. देखो तुमने मेरा सारा शॉर्ट्स खराब कर दिया है..
डॉली ने उसके शॉर्ट्स को नीचे को खींचा.. और अन्दर हो रही सारी मलाई को फैलते देखा तो हँस कर बोली- अब बहुत अच्छा लग रहा है.. है न?
चेतन बोला- कोई बात नहीं.. आज रात को तेरी चूत से सारा बदला लूँगा।
डॉली- क्या मतलब?
चेतन- मतलब यह कि मैं आज ही रात को तेरी कुँवारी चूत चोदूंगा।
डॉली- भाई.. आपको शर्म नहीं आएगी क्या.. अपनी ही सग़ी बहन को चोदते हुए?
चेतन- जब तुझे अपने भाई का लंड चूसते हुए शर्म नहीं आई.. तो मुझे भी तेरी चूत चोदते हुए कोई शरम नहीं आएगी।
डॉली हँसते हुए बोली- लेकिन भाई भाभी भी तो हैं ना?
चेतन- उसकी फिकर ना कर.. उसे मैं रात को दूध में नींद की गोली मिलाकर दे दूँगा.. तो खुद ही सोई रहेगी।
डॉली अपने खुले हुए मुँह पर अपना हाथ रखते हुए बोली- भाई कितने ज़ालिम हो तुम?
चेतन- ज़ालिम नहीं.. बेचैन कहो कि कितना बेचैन हूँ तुम्हें चोदने के लिए..
मुझे चेतन के प्लान का इल्म हो चुका था। मैं मुस्कुरा दी.. क्योंकि मैं भी आज डॉली को अपने भाई के लंड से चुदवा कर उसका कुँवारापन खत्म करना चाहती थी.. इसलिए मैंने चेतन के साथ सहयोग करने का फ़ैसला कर लिया।
रात के खाने के बाद मैं कमरे में पहले ही आ गई और लेट गई।
थोड़ी देर के बाद चेतन आया और मुझे दूध का गिलास और दवा दे कर बोला- यह दवा ले लो.. सुबह तक तबीयत ठीक हो जाएगी।
मैंने उसे दोनों चीजें साइड की टेबल पर रखने को कहा।
फिर वो चला गया.. उसकी जाते ही मैंने वो दूध और दवा बाथरूम में गिरा दी और लेट गई।
अब फिर से उठ कर मैंने बाहर झाँका तो दोनों बहन-भाई की मस्तियाँ जारी थीं। टीवी देखते हुए भी वो डॉली को अपनी आगोश में खींचे हुए था और उसकी चूचियों से खेल रहा था.. कभी उसको चूम रहा था।
डॉली अपनी अदाएं दिखाते हुए उसे तंग कर रही थी ‘भाई.. क्या है ना आपको.. मेरे ही पीछे पड़े रहते हो.. थोड़ा सबर नहीं हो सकता क्या?’
चेतन- नहीं हो रहा ना सबर मुझसे.. मेरा तो दिल कर रहा है कि अभी डाल दूँ तेरी चूत में अपना लंड..
डॉली- भाई.. मैं आपको कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं करने दूँगी.. पता भी है आपका यह कितना मोटा है.. मेरी तो वैसे ही फाड़ देगा..
डॉली ने चेतन के लंड को छूते हुए कहा।
चेतन- हाय मेरी जान.. मुझे तेरी चूत फाड़नी ही तो है.. आज की रात..
डॉली- नहीं भाई.. प्लीज़ फिर कभी कर लेना.. आज नहीं.. आज तो भाभी भी हैं ना.. तो ऐसे में ठीक नहीं है ना..
चेतन- अरे कुछ नहीं होता यार.. तेरी खातिर तो उसे नींद की गोलियां दीं हैं.. तू उसकी फिकर ना कर..
चल जा उसे देख कर बता.. सो गई होगी वो.. और फिर थोड़ा मेकअप करके तैयार हो जा.. मैं आता हूँ.. फिर तुझे चोदता हूँ..
डॉली मुस्कुराते और शरमाते हुई उठी और कमरे की तरफ बढ़ी.. तो मैं जल्दी से बिस्तर पर लेट गई और सोती बन गई।
डॉली कमरे में आई और मेरे बिस्तर के पास खड़ी होकर मुझे आवाजें देने लगी- भाभी भाभी..
लेकिन ज़ाहिर है कि मैंने कोई जवाब नहीं दिया.. फिर डॉली ने मेरी चूचियों के ऊपर हाथ रख कर आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए मुझे उठाना चाहा.. लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
डॉली का हाथ मेरे जिस्म पर से फिसलता हुआ मेरी चूत तक आ गया और मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाते हुए बोली।
डॉली- मेरी प्यारी भाभीजान.. आज तो आपके पति मेरे भी पति बनने जा रहे हैं.. आज भाई का लंड मेरी चूत में भी जाने वाला है.. जैसे आपकी चूत में जाता है.. पता नहीं कैसे होगा यह सब.. और कैसा हो पाएगा..
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05-24-2019, 12:10 PM,
#54
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
फिर डॉली ने झुक कर मेरे गाल को चूमा। फिर जाकर ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ गई और मेकअप करने लगी।
मैं थोड़ी सी आँखें खोल कर उसे देख रही थी और वो कुछ गुनगुनाते हुए मेकअप कर रही थी। थोड़ी ही देर में दरवाज़ा खुला और चेतन भी अन्दर कमरे में आ गया।
उसने सीधा डॉली के पीछे जाकर उसके नंगे कन्धों पर झुक कर चूमा और उसकी गर्दन पर अपनी ज़ुबान फेरने लगा।
डॉली ने उसे पीछे को धक्का दे दिया- प्लीज़ भाई.. थोड़ा तो सबर करो ना.. और जाओ वहाँ बिस्तर पर जाकर बैठ जाओ..
चेतन मुस्कुराया- जो हुक्म मेरी शहज़ादी..
ये कह कर बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गया।
वो बिस्तर की पुश्त टेक लगा कर अधलेटा सा होकर मेरी तरफ देखने लगा।
फिर उसने अपने लौड़े को मसलते हुए डॉली को आवाज़ दी- आ भी जा.. जल्दी से अब..
जिस तरह बिस्तर पर लेट कर चेतन अपनी बहन को आइने के सामने तैयार होते हुए देख और उसका इन्तजार कर रहा था.. बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था जैसे कि वो उसकी बीवी हो और यह उसका चुदास भरा पति हो..
तभी डॉली स्टूल से उठी और बिस्तर की तरफ आई और बिस्तर के क़रीब रुक कर बोली- भाई हमें दूसरे कमरे में चले जाना चाहिए.. यहाँ भाभी सो रही हैं।
चेतन- अरे नहीं यार.. यहाँ एसी चल रहा है.. उधर गर्मी होगी और तुम इसकी फिकर ना करो.. यह तो नींद की दवा लेकर सोई हुई है।
यह कहते हुए चेतन ने डॉली का हाथ पकड़ा और उसे बिस्तर पर अपने ऊपर घसीट लिया।
डॉली चेतन के ऊपर आ गिरी और चेतन ने उसे अपने बाँहों में कसते हुए चूमना शुरू कर दिया।
कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे को किस करते रहे।
फिर डॉली सीधी होकर चेतन के ऊपर ही दोनों तरफ पैर डाल कर बैठ गई और अपना हाथ चेतन के नंगी छाती पर उसके सीने के बालों में फेरते हुए बोली- भाई क्या सच में आप मेरे साथ यह सब कुछ करना चाहते हैं?
चेतन- हाँ मेरी जान.. मैं तो तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ..
डॉली- क्या सच में आप मुझे इतना ज्यादा प्यार करते हो?
चेतन उसकी चूचियों से खेलते हुए बोला- हाँ मेरी जान.. इसका सुबूत यह तुम्हारी गाण्ड के नीचे दबा हुआ मेरा लंड भी तो है ना.. जो कि तेरी चूत में घुसने की लिए बेचैन हो रहा है..
चेतन ने डॉली के टॉप को पकड़ा और आहिस्ता आहिस्ता ऊपर उठाने लगा और फिर अगले ही लम्हे उसके जिस्म से उतार कर परे फेंक दिया।
डॉली ने फ़ौरन ही अपने हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए तो चेतन बोला- अब मुझसे क्यूँ छुपा रही हो?
डॉली- भाई वो भाभी की वजह से शरम आ रही है मुझे..
चेतन हँसने लगा और फिर उसे अपने ऊपर थोड़ा झुका कर उसकी खुबसूरत चूचियों के गुलाबी निप्पलों को चूसने लगा। फिर उसने एक मम्मे को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और अपना दूसरा हाथ मेरी चूची पर रख कर बोला- डॉली तुम्हारी चूची.. तुम्हारी भाभी से छोटी हैं लेकिन तुम्हारी ज्यादा टाइट हैं..
डॉली- अरे अरे.. भाई यह क्या कर रहे हो ना.. छोड़ो उनको.. वो उठ जाएंगी।
चेतन- नहीं उठेंगी यार.. आओ तुमको इसकी चूचियों खोल कर दिखाता हूँ।
यह कहते हुए चेतन ने मेरे टॉप को नीचे खींचा और मेरी चूचियों को भी नंगी कर दिया।
डॉली तो पहले भी मेरा सब कुछ देख चुकी हुई थी.. इसलिए उसे हैरत तो नहीं थी.. लेकिन फिर भी वो अपने भाई के आगे ऐसी शो कर रही थी.. जैसे कि पहली बार मुझे नंगी देख रही हो।

चेतन ने डॉली का एक हाथ मेरी चूची पर रखा तो डॉली बोली- प्लीज़्ज़्ज़.. भाई ना करो ना.. छोड़ो भाभी को.. आख़िर आप करना क्या चाहते हो?
चेतन- सच पूछा तूने.. तो सुन.. मैं तुम दोनों को एक साथ नंगी देखना चाहता हूँ और तुम दोनों को एक साथ चोदना चाहता हूँ।
डॉली- नहीं नहीं.. भाई ऐसा नहीं हो सकता..
चेतन ने डॉली को दोबारा अपनी बाँहों में खींचा और उसे चूमते हुए बोला- हाँ मुझे भी पता है कि ऐसा होना ना मुमकिन है।
यह कहते हुए चेतन ने डॉली को बिस्तर पर मेरे साथ लिटाया और फिर खुद उसके ऊपर आ गया और ऊपर झुक कर उसके गालों और होंठों को चूमने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसके जिस्म को चूमते हुए वो नीचे को आने लगा। नीचे आकर उसने डॉली के पजामे को भी उतार दिया।
अब पहली बार उसकी बहन पूरी की पूरी उसकी आँखों के सामने नंगी थी।
एक लम्हे के लिए चेतन अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखता रहा.. फिर उसका हाथ आगे बढ़ा और अपनी बहन की कुँवारी अनछुई और बालों से पाक चूत को सहलाने लगा।
‘इस्स्स.. ईस्स्स्स.. आआहह.. उम्म्म्म्..’
एक मर्द का अपने भाई का हाथ अपनी चूत पर लगते ही डॉली की चूत गरम होने लगी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
अपनी सग़ी बहन की चूत पर अपनी उंगली फेरते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार में घुसेड़ रहा था और उसकी उंगली पर उसकी अपनी ही बहन की चूत का पानी लग रहा था।
चेतन ने अपनी उंगली ऊपर की ओर डॉली को दिखाते हुए कहा- देख.. तेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है.. तेरी चूत मेरे लण्ड से चुदने लिए कितनी प्यासी और चुदासी हो रही है।
डॉली ने शर्मा कर आँखें बंद कर लीं।
चेतन ने डॉली की चूत की पानी से गीली हो रही उंगली को उसके लबों से लगाया और गीला पानी उसके होंठों पर मलने लगा।
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05-24-2019, 12:10 PM,
#55
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
डॉली ने अपने सिर को इधर-उधर हिलाना शुरू कर दिया.. लेकिन चेतन ने अपनी उंगली उसके होंठों के दरम्यान में डाल कर उसके मुँह में डाल ही दी और उसे अपनी ही चूत का पानी चाटने पर मजबूर कर दिया।
चेतन ने डॉली की दोनों टाँगों के दरम्यान थोड़ी जगह बनाई और दरम्यान में लेट गया।
अब डॉली की एक टाँग मेरे ऊपर थी। चेतन ने दरम्यान में बैठ कर अपनी बहन की कुँवारी चूत को एक किस किया और फिर अपनी ज़ुबान की नोक को उसकी चूत के लबों की दरम्यानी लकीर पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर को फेरने लगा।
आहिस्ता-आहिस्ता उसके दोनों लबों को खोल कर अपनी बहन की कुँवारी चूत के सुराख को अपने सामने किया और फिर अपनी ज़ुबान की नोक से डॉली की चूत के सुराख को छूने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत के सुराख को चाटते हुए चेतन ने अपनी ज़ुबान को अन्दर डालना शुरू कर दिया।
डॉली का बुरा हाल हो रहा था.. वो अपने भाई के सिर के बालों को पकड़ कर खींच रही थी और नोंच रही थी। उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी और वो अन्दर से बिल्कुल चिकनी हो चुकी हुई थी।
चेतन ने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अन्दर डाली.. तो उसे अपने बहन की चूत के अन्दर का कुँवारा परदा रोड़ा अटकाता महसूस हुआ।

वो उसे छूते हुए बोला- मेरी जान.. आज तेरी चूत के इस परदे को फाड़ कर तेरी चूत का ‘एंट्री गेट’ खोल दूँगा.. फिर बड़ी आसानी से तेरी चूत में लंड जा सकेगा।
डॉली अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी।
थोड़ी देर के बाद चेतन उठा और अपना पजामा उतार कर अपने अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
चेतन अपने हाथ में लौड़े को पकड़ कर अपनी बहन की चूत की ऊपर रगड़ने लगा।
उसके लण्ड की टोपी भी डॉली की चूत के पानी से गीली होती जा रही थी।
उधर अपने इतने क़रीब बहन-भाई का इस क़दर सेक्सी खेल होता हुआ देख कर मेरी अपनी चूत भी पानी छोड़ रही थी।
अगर इस वक़्त चेतन मेरी चूत को छू लेता.. तो यक़ीनन मैं पकड़ी जाती कि मैं जाग रही हूँ और यह सब देखते हुए मस्त हो रही हूँ।
चेतन ने अपने दोनों हाथों की उंगलियों से अपनी सग़ी बहन की चूत के दोनों होंठों को खोला और अपनी लंड की मोटी फूली हुई टोपी.. जो कि उसकी बहन की चूत के पानी से ही गीली होकर चमक रही थी.. उसे उसकी चूत के सुराख पर रखा और धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर घुसेड़ने लगा।
डॉली ने पहले तो आँखें खोल कर ख़ौफ़ और डर की कैफियत के साथ अपने भाई की तरफ देखा और अपने दोनों हाथों को उसके सीने पर रखते हुए रोकने की कोशिश की.. लेकिन फिर कुछ कहे बिना ही खामोश होकर अपनी आँखें बंद कर लीं।
वो अपनी चूत में दाखिल होने वाले अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी।
चेतन ने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके लण्ड की मोटी टोपी फिसल कर उसकी बहन की चूत के सुराख के पहले छल्ले के अन्दर दाखिल हो गई.. इसी के साथ ही डॉली की एक हल्की सी चीख निकल पड़ी- उई.. अम्मी..याह…!
चेतन- हौसला रखो.. मेरी जान.. अभी तो कुछ भी नहीं हुआ.. अभी तो मैंने टोपा को थोड़ा सा अन्दर फंसाया ही है।
फिर चेतन ने डॉली की दोनों टाँगों को पकड़ कर ऊपर किया और उसकी जाँघों को अपने काबू में करते हुए अपने लंड के सुपारे को ही थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे करने लगा।
इस थोड़ी-थोड़ी सी हरकत से डॉली भी अपने भाई के लंड से मुन्तजिर होने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा- ईसस्स.. ओह.. इस्स्स.. आआआहह.. ओऊम्मकम.. ऊऊऊहह.. उफफ..अम्मी..रे..
जैसे ही डॉली के मुँह से हल्की-हल्की सी सिसकारियाँ निकलने लगीं.. तो धीरे-धीरे चेतन ने अपने लंड को और भी अन्दर डालना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर में उसका लंड अपनी बहन की चूत के परदे से टकराने लगा।
कुछ देर तक रुक कर.. गोया उस परदे को अपने लंड की टोपी से सहलाते हुए चेतन ने एक हल्का सा धक्का मारा.. तो पूरी तरह गरम हो चुकी उसकी बहन की चूत का परदा फटता चला गया और उसका लंड अन्दर दाखिल हो गया।
डॉली की एक हल्की सी मगर तेज चीख निकली.. लेकिन इसी के साथ ही चेतन ने उसके ऊपर लेटते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।
पीछे से वो बिल्कुल सख्त था.. फिर आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए वो अपनी बहन की चूत को चोदने लगा।
ऐसा लग रहा था कि डॉली बेसुध सी हो गई थी.. पर तभी उसके हाथों की मुठ्ठियों से चादर को खिंचते देखा तो मैं समझ गई कि डॉली को अपनी सील टूटने से बेहद दर्द हो रहा था और वो मेरे कारण ही अपनी चीख को बाहर नहीं निकलने दे रही है.. बहुत ही हिम्मत वाली लड़की थी।
अब धकापेल चुदाई चालू हो चुकी थी शायद चेतन के लौड़े ने चूत में अपनी जगह बना ली थी.. क्योंकि तभी डॉली ने भी अपने दोनों बाज़ू अपने भाई की कमर की गिर्द डाल लिए थे और वो उससे लिपट गई थी.. इसका साफ़ मतलब था कि डॉली को अब चुदने में मजा आने लगा था।
अपने हाथों को डॉली की कमर के नीचे लाते हुए चेतन ने अपनी बहन के जिस्म को अपनी बाँहों में भर लिया और आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्कों की रफ़्तार को बढ़ाते हुए अपनी बहन की चुदाई में तेज़ी लाने लगा।
पूरा बिस्तर उसके धक्कों की ताक़त से हिल रहा था और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका लंड मेरी ही चूत में जा रहा हो।
चेतन एक टाइट और कुँवारी चूत को पहली बार चोद रहा था.. तो कैसे ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर सकता था.. इसलिए कुछ ही देर गुज़री कि चेतन ने अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बहन की चूत के अन्दर डालते हुए अपने लंड से पानी निकालना शुरू कर दिया और उसके लण्ड से सारी की सारी मलाई निकल कर अपनी बहन की चूत में गिरने लगी।
इसी के साथ ही चेतन अपनी बहन के ऊपर ही ढेर हो गया।
रात में चेतन ने एक बार दोबारा डॉली को चोदना चाहा.. लेकिन डॉली ने यह कह करके इन्कार कर दिया कि अभी उसे नीचे चूत में बहुत ज्यादा तकलीफ़ हो रही है.. तो अभी वो दोबारा उससे नहीं चुदवा सकती है।
मजबूरन चेतन भी अपनी बहन के जिस्म के साथ लिपट कर सो गया।
उनकी सोने के बाद मैं भी सो गई।
सुबह मेरी आँख अपनी बिस्तर पर हो रही कुछ हरकतों की वजह से खुली और हल्की हल्की सिसकारियाँ और आवाजें भी आ रही थीं।
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05-24-2019, 12:11 PM,
#56
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मैंने थोड़ी सी आँख खोल कर देखा तो चेतन दोबारा से अपनी बहन की चूत को चाटने में मसरूफ़ था और डॉली के मुँह से कामुक और लज़्ज़तनशीं सिसकारियाँ निकल रही थीं।
जैसे ही मैंने थोड़ी सी हरकत की तो चेतन ने जल्दी से डॉली की जाँघों के बीच में से छलाँग लगाई और बिस्तर से नीचे उतर कर बाथरूम की तरफ चल पड़ा। डॉली ने भी फ़ौरन से अपनी आँखें बंद कर लीं। मैं मुस्कुराई और फिर आहिस्ता आहिस्ता डॉली को हिलाकर जगाने लगी- डॉली.. उठो सुबह हो गई.. जाओ और चाय बना कर ले आओ।
डॉली नींद से उठने की अदाकारी करती हुए बेडरूम से बाहर निकल गई।
कुछ देर ही गुज़री.. तो मुझे बाथरूम के अन्दर से कुछ ख़ुसर-फुसर की आवाजें आने लगीं। मैं उठ कर बाथरूम के दरवाजे के पास गई और अन्दर की आवाजें सुनने की कोशिश करने लगी। मेरा शक ठीक था.. बाथरूम में दोनों बहन-भाई मौजूद थे। डॉली बाथरूम के दूसरे दरवाजे से बाथरूम में अपने भाई के पास आ गई थी।
अन्दर से आवाज़ आ रही थी- भैया प्लीज़.. छोड़ दो ना मुझे.. देखो भाभी भी जाग गई हुई हैं..
चेतन- तुम खुद ही बाथरूम में आई हो.. मैंने तो नहीं बुलाया था ना.. अब क्यों नखरे कर रही हो?
डॉली ने खिलखिलाते हुए कहा- भैया.. तुम गलत समझ रहे हो.. मैं तो इसलिए आई थी कि आपको कहूँ कि आकर चाय ले लो और आप पता नहीं क्या समझे हो?
चेतन- अब आ ही गई हो.. तो थोड़ा सा इसे चूस ही लो यार..
डॉली जैसे खुद को छुड़ाते हुए- छोड़ो भैया मुझे.. मैं चूल्हे पर चाय रख कर आई हुई हूँ।
इसी के साथ ही मुझे बाथरूम का दूसरा दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई।
डॉली दूसरी तरफ से निकल गई थी और मैं भी वापिस अपनी बिस्तर पर लेट गई। कुछ ही देर में चेतन भी वॉशरूम से बाहर निकल कर कमरे में आ गया।
इसके साथ ही डॉली भी चाय लेकर आ गई और मेरे सिर पर हाथ फेर कर मुझे उठाते हुए बोली- भाभी.. उठिए.. अब कैसी तबीयत है आपकी?
मैंने आँखें खोलीं और बोली- हाँ.. अब काफ़ी बेहतर है.. रात में नींद ठीक से आ गई है.. तो इसलिए अब सिर भी भारी नहीं है और तरोताज़ा भी महसूस कर रही हूँ।
चेतन और डॉली दोनों बैठ कर चाय पीने लगे और मैं उठ कर वॉशरूम में आ गई।
मैं जैसे ही वॉशरूम में आई.. तो बेडरूम से दोबारा आवाजें आने लगीं।
चेतन- यार लो तो सही.. इसे मुँह में थोड़ी देर के लिए ही ले लो न..
डॉली- भैया क्या है ना.. मैं आपको देख ही नहीं रही हूँ.. मैं चाय पी रही हूँ।
चेतन- मेरी जान चाय के साथ स्नेक्स के तौर पर ही मेरा लंड अपने मुँह ले लो।
डॉली हँसते हुए- तो फिर ठीक है.. मैं आपका लंड बिस्कट की तरह गर्म-गर्म चाय में डुबो कर ना ले लूँ?
चेतन भी इस बात पर हँसने लगा और उन दोनों की शरारतों और अठखेलियों पर मेरी भी हँसी छूट गई..
नाश्ता करने के बाद चेतन ऑफिस चला गया और डॉली मेरे पास ही घर पर रुक गई।
डॉली रसोई समेटने लगी.. तो मैं अपने कमरे में आ गई और अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी होकर लेट गई.. क्योंकि रात में एक भाई के लंड से एक बहन की चुदाई देख कर मेरी अपनी चूत में आग लगी हुई थी।
कुछ देर में डॉली चाय बना कर लाई तो मुझे नंगी लेटी देख कर चौंक उठी।

वो मुस्कुरा कर बोली- भाभी.. लगता है कि आपको बहुत गर्मी लग रही है।
मैं उसके सामने ही बड़ी बेशर्मी से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुई बोली- हाँ डार्लिंग.. मेरी चूत में बहुत गर्मी हो रही है.. आ थोड़ा सा इसे प्यार करके ठंडी तो कर दो..
डॉली चाय की ट्रे साइड टेबल पर रख कर मेरे पास बैठ गई और मेरी चूत पर अपना हाथ फेरते हुए बोली- भाभी सुबह ही सुबह यह आपको क्या हो गया है?
मैंने डॉली के हाथ की उंगली को लिया और उसे अपनी चूत के अन्दर डालते हुई बोली- देख तो सही.. मेरी चूत कितनी गीली हो रही है..?
यह कहते हुए मैंने डॉली को अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठों को चूमने लगी। डॉली को भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। 
मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसके पजामे को नीचे को खींचते हुए उसके चूतड़ों को नंगा कर दिया। डॉली ने थोड़ा ऊँची होकर मुझे उसका पजामा उतारने दिया और फिर अपनी नंगी चूत को मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगी।
अचानक से मैंने डॉली को पलट कर अपने नीचे कर लिया और खुद उसके ऊपर आकर उसके होंठों को चूमने लगी। डॉली भी मुकम्मल तौर पर मेरा साथ दे रही थी।
मैंने अपनी ज़ुबान डॉली के होंठों के दरम्यान में पुश किया तो वो मेरी ज़ुबान चूसने लगी, डॉली के टॉप के नीचे से हाथ डाल कर मैंने उसकी गोल चूचियों को पकड़ लिया और उनको जोरों से दबाने लगी।
आहिस्ता आहिस्ता मैं नीचे को आते हुए डॉली की दोनों जाँघों की दरम्यान में आ गई और उसकी चूत के ऊपर एक जोर का चूमा किया, फिर मैंने अपनी ज़ुबान की नोक को उसकी चूत के ऊपर-नीचे फेरना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे से उसकी चूत ने दोबारा से पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- डॉली तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?
मेरी बात सुनते ही डॉली के चेहरे का रंग फ़क़ हो गया, वो फ़ौरन बोली- क्या मतलब भाभी.. ऐसी तो कोई बात नहीं है।
मैं हँसने लगी और बोली- मैं तो मज़ाक़ कर रही हूँ.. बस मुझे तेरी चूत को देख कर ऐसा लग रहा था।
फिर मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत के अन्दर डाला और उसकी चूत के दाने को चाटते हुए उसकी चूत के अन्दर अपनी उंगली को अन्दर-बाहर करने लगी। 
धीरे-धीरे डॉली की आँखें बंद होने लगीं, मेरी पूरी उंगली उसकी चूत के अन्दर जा रही थी। 
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05-24-2019, 12:11 PM,
#57
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मैंने फिर उससे कहा- डॉली यह तुम्हारी चूत के अन्दर का परदा भी फटा हुआ है.. कल तो मेरी उंगली आधी भी अन्दर नहीं जा रही थी और आज पूरी की पूरी उंगली तुम्हारी चूत में अन्दर हो गई है.. सच सच बता.. कि कैसे हुआ है यह सब.. और किसने किया है?
डॉली चुप करके सिर झुकाए हुए रही।
मैं- वैसे कल से तो तुम कहीं भी बाहर नहीं गई.. तो किसी बाहर वाले से कैसे चुदवा सकती हो.. कहीं तुमने अपने ही भाई से ही तो?
डॉली ने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसके चेहरे पर शर्मिंदगी और घबराहट के आसार साफ़ दिख रहे थे..
मैं थोड़ी ऊँची हुई और उसके होंठों पर एक किस करती हुई बोली- हायय.. मेरी जानन.. मुझे बताया भी नहीं और तूने मेरे पति से ही चुदवा लिया.. कैसा लगा था तुझे.. जब तेरे भाई का लंड पहली-पहली बार तेरी चूत में उतरा था?
डॉली- भाभिईईई.. मत करो ना ऐसी बातें..!
मैं- वाह जी वाह.. तू अपने भैया से चुदवाती रहे और मैं तुम से ऐसी बात भी ना करूँ.. यह कैसे हो सकता है मेरी जान.. अब तो तेरी यह प्यारी सी चूत हम दोनों की हो गई है। मेरी भी और तेरे भैया की भी..।
डॉली- भाभिईईईईई..!
डॉली ने शरमाते हुए कहा।
मैं डॉली को चूमते हुए बोली- मेरी जान बता तो सही.. कैसे हुआ यह सब.. कल रात को?
डॉली- भाभी वो ना.. मुझे लगता है कि.. भैया ने कल रात को आपके चक्कर में ही मुझे पकड़ लिया था.. और फिर उन्होंने.. ‘वो’ सब कर दिया.. जो वो आपके साथ करते हैं..!

डॉली के चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर मैं बोली- डॉली.. सच बताओ.. मज़ा आया था ना तुमको.. या नहीं?
डॉली- जी भाभी.. लेकिन दर्द भी बहुत हुआ है ना.. अभी भी हो रहा है।
मैं आहिस्ता आहिस्ता डॉली की चूत को सहलाते हुए बोली- कोई बात नहीं मेरी ननद रानी.. पहली पहली बार तो हर लड़की को ही दर्द होता है.. लेकिन ऐसी कोई-कोई ही खुशक़िस्मत लड़की होती है जो कि सबसे पहले यह दर्द अपने ही भाई से पाए।
डॉली मेरी तरफ देखते हुए बोली- भाभी आपको इस बात पर कोई गुस्सा नहीं आया कि भैया ने किसी दूसरी लड़की के साथ सेक्स किया है और वो भी अपनी ही सग़ी बहन के साथ?
मैं मुस्कुराई और उसके होंठों को चूम कर बोली- मेरी प्यारी ननद जी.. मुझे क्यों ऐतराज़ होगा.. बल्कि मेरा तो अब दिल चाह रहा है कि मैं भी तुम लोगों के साथ शामिल हो जाऊँ और हम सब मिल कर खूब मजे करें..
यह कहते हुए मैं सरक़ कर डॉली की दोनों टाँगों के दरम्यान में आ गई और उसकी इसी रात में अपना कुंवारापन खोने वाली प्यारी सी चूत को चूमने लगी।
‘हायय.. मेरी बन्नो.. दिल कर रहा है कि तेरी इस चूत को चूम-चूम कर लाल कर दूँ.. जिसमें कल रात को पहली-पहली बार मेरे पति का लंड गया है और जिस चूत को उसके अपने ही भाई ने फाड़ा है.. इसे एक कुँवारी कली से खिलाकर फूल बना दिया है।’
मेरी बातें सुन कर डॉली का चेहरा लाल होने लगा।
मुझे साफ़ नज़र आ रहा था कि उसकी चूत से हल्का-हल्का रसीला सा पानी टपकना शुरू हो गया था।
मैंने अपनी ज़ुबान की नोक से डॉली की चूत से बह रहे रस को छुआ.. क्या माल था.. और फिर मैंने मजे से उसे चाट लिया।
अब मैंने अपनी एक उंगली को आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत के अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
मेरी उंगली डॉली की चूत के अन्दर उसके चिकने पानी की वजह से बहुत आराम से फिसल रही थी।
अन्दर-बाहर.. अन्दर-बाहर..
डॉली की चूत के पानी से गीली हो रही हुई अपनी उंगली को मैंने डॉली के होंठों पर रगड़ा और फिर अपनी उंगली उसकी मुँह के अन्दर डाल दी, उसे अपनी ही चूत का पानी चटवा दिया।
मैं थोड़ा सा घूम कर इस तरह डॉली के ऊपर आई.. कि अपनी चूत को उसके मुँह के ऊपर ले आई।
डॉली ने मेरी साफ़ और मुलायम चूत को देखा तो उस पर अपना हाथ फेरते हुए बोली- भाभी चूत तो आपकी भी बहुत चिकनी और मुलायम है.. इसलिए भैया हर वक़्त आपके पीछे आपको चोदने के लिए पड़े रहते हैं।
मैं- लेकिन अब तो मुझे लगता है कि वो तेरी ही टाइट चूत के पीछे रहेगा.. वो अब मेरी चूत की कहाँ सोचेंगे?
डॉली ने भी मेरी चूत के लबों को चूमा और फिर आहिस्ता आहिस्ता अपनी ज़ुबान मेरी चूत के लबों पर फेरने लगी। जैसे ही डॉली की ज़ुबान मेरी चूत को छूने लगी.. तो मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया। 
अब मैं और डॉली दोनों ही एक-दूसरे की चूत की आग को ठंडा करने में लग गए। मैं डॉली की चूत में अपनी उंगली मार रही थी और उसकी उंगली मेरी चूत के अन्दर-बाहर हो रही थी।
आज डॉली ने पहली बार मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चाटा था और इसे प्यार किया था.. बल्कि डॉली क्या किसी भी लड़की से अपनी चूत को चटवाने का मेरा यह पहला मौक़ा था और मुझे इसमें बेहद मज़ा आ रहा था। 
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05-24-2019, 12:11 PM,
#58
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मेरी चूत पानी छोड़ती ही जा रही थी कुछ ही देर में मैं और डॉली दोनों ही अपनी-अपनी मंज़िलों पर पहुँच गईं।
फिर हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर एक-दूसरे की बाँहों में लेट गईं, कब हमारी आँख लग गई.. हमें कुछ पता नहीं चला।
काफ़ी देर बाद जब आँख खुली तो भी बिस्तर से निकलने को दिल नहीं किया।
मैं हौले-हौले डॉली की चूचियों के निप्पलों पर उंगली फेरने लगी।
डॉली- भाभी क्या आप सच में ही नाराज़ नहीं हो कि मैंने अपने भैया के साथ में सेक्स कर लिया है।
मैं- अरे यार.. क्यों परेशान होती हो.. मुझे तो यह सुन कर ही बहुत मज़ा आ रहा है.. तो जब तुम दोनों को चुदाई करते हुए देखूंगी.. तो कितना अच्छा लगेगा। प्लीज़ मुझे यह सब तुम दिखाओगी ना?
डॉली शर्मा गई।
मैं- पता है.. अब मैंने सोचा है कि चेतन को खुद फँसाएंगे.. पहले तो वो तुमको फंसा रहा था और तंग करता था.. अब तुम खुद मेरे साथ मिल कर उसे सताओगी और तंग करोगी.. फिर देखना कितना मज़ा आएगा।
मैंने सारा प्रोग्राम डॉली को समझाया और फिर हम दोनों रसोई में खाना बनाने के लिए आ गए।
जैसे ही दोपहर में चेतन घर वापिस आया तो सबसे पहले मैंने उसे वेलकम किया। मैं गेट पर हस्बे मामूल.. उसने मुझे किस किया.. और फिर मुझे पानी लाने का बोल कर अपने कमरे में चला गया। 
मैं रसोई में आ गई और डॉली को मुस्कुरा कर पानी ले जाने को कहा।
डॉली ने मुझे एक आँख मारी और फिर ठंडी पानी का गिलास भर कर हमारे बेडरूम की तरफ बढ़ गई। 
मैं भी उसके साथ-साथ ही थी.. मैं बेडरूम के दरवाजे के एक तरफ रुक गई और डॉली अन्दर कमरे में चली गई।
अन्दर कमरे में चेतन अभी-अभी वॉशरूम से मुँह-हाथ धो कर आया था। 
चेतन ने डॉली को पानी लाते हुए देखा तो वो बहुत खुश हुआ। डॉली भी जवाब में मुस्कुराई और एक अदा के साथ पानी का गिलास लेकर अपने भाई की तरफ बढ़ी।
चेतन ने पानी का गिलास लेकर उसमें से एक घूँट लिया और फिर गिलास टेबल पर रख कर डॉली का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया। 
डॉली ने भी कोई मज़ाहमत नहीं की और अपने भाई के सीने से लग गई। चेतन ने अपने होंठों को डॉली के होंठों पर रखा और उनको चूमने लगा। चेतन थोड़ी सी चूमा-चाटी करने के बाद डॉली को छोड़ने का इरादा रखता था.. क्योंकि उसे पता था कि मैं रसोई से किसी भी वक़्त बेडरूम में आ सकती हूँ। 
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05-24-2019, 12:11 PM,
#59
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
चेतन ने अपनी बहन को किस करने के बाद छोड़ दिया और बोला- चलो अब जाओ.. तुम्हारी भाभी बेडरूम की तरफ आती ही होंगी। 
डॉली- वाह जी वाह.. भाई, अगर इतना ही अपनी बीवी से डरते थे.. तो क्यों मुझ पर डोरे डाले और क्यों मुझे अपने झूठे प्यार में फँसाया था?
यह कहते हुए डॉली अपने भाई के साथ लिपट गई।
चेतन तो जैसे बौखला सा गया, वो उसे खुद से अलग करते हुए बोला- नहीं नहीं डॉली.. ऐसी बात नहीं है.. मेरा प्यार झूठा नहीं है, ना मैं तुमसे प्यार से इन्कार कर रहा हूँ.. यह तो मैं इसलिए कह रहा हूँ कि तुम्हारी भाभी को हमारे ताल्लुक़ात का पता ना चल सके वरना वो हंगामा खड़ा कर देगी।
डॉली चेतन की शर्ट के बटन खोलती हुई बोली- भाई भाभी से डर गए हो.. तो दुनिया को कैसे बताओगे कि तुम अपनी बहन से कितना प्यार करते हो? कहीं मैंने तुम जैसे बुज़दिल मर्द से प्यार करके कोई गलती तो नहीं कर ली?
यह कहते हुए डॉली ने चेतन की शर्ट उतार दी और उसके नंगे सीने पर हाथ फेरने लगी।
चेतन ने डॉली को पीछे की तरफ धकेला और घबरा कर बोला- अभी नहीं.. जैसे ही मौक़ा मिलेगा.. मैं खुद तुम्हारे पास आऊँगा मेरी जान। 
लेकिन डॉली तो किसी और ही मूड में थी.. उसने थोड़ा सा पीछे होकर अपनी टी-शर्ट को नीचे से पकड़ा और ऊपर उठा कर अपनी शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर बिस्तर पर फेंक दिया।
अब डॉली का ऊपरी बदन सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी ब्लैक रंग की ब्रा में था और नीचे उसने टाइट्स पहनी हुई थी। 
डॉली को इस हालत में देख कर चेतन की तो जैसे फट कर हाथ में आ गई हो.. उसके चेहरे का रंग उड़ गया और माथे पर पसीना बहने लगा।
वो फ़ौरन ही दरवाजे की तरफ भागा, मैं जल्दी से रसोई में चली गई। 
चेतन ने बाहर झाँक कर देखा और फिर अन्दर आकर दरवाज़े को लॉक कर लिया और तेज़ी के साथ डॉली की तरफ बढ़ा।
डॉली ने अपनी दोनों बाज़ू फैलाए और बोली- आ जा मेरे राजा.. मुझे अपनी बाँहों में ले लो न..
चेतन ने उसकी शर्ट बिस्तर से उठा कर उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा- डॉली आख़िर आज क्या हो गया हुआ है तुमको?
डॉली- भाई मुझे क्या होना है.. वो ही हुआ है ना.. जो आपने मुझे किया है.. मेरे कुँवारे जिस्म में अपने प्यार की आग लगा दी है.. जो अब हर वक़्त सुलगती रहती है.. अब आप ही बताओ कि मैं अपनी यह प्यास कैसे बुझाऊँ?
चेतन उसकी टी-शर्ट को उसकी गले में डालते हुए बोला- मैं ही बुझाऊँगा तेरी प्यास.. लेकिन थोड़ा टाइम तो आने दे ना मेरी जान.. लेकिन डॉली थी कि मेरे प्लान के मुताबिक़ चेतन के साथ चिपकती जा रही थी और अपनी चूचियों को उसके सीने के साथ रगड़ रही थी। 
इतने में मैंने बाहर दरवाजे पर नॉक किया.. तो उस वक़्त डॉली ने अपना हाथ चेतन के लंड पर रख दिया हुआ था।
चेतन के तो जैसे होश ही उड़ गए, उसने जल्दी से उसे प्यार किया और उसे बाथरूम की तरफ धकेला। 
मैंने आवाज़ दी- चेतन क्या कर रहे हो.. दरवाज़ा खोलो ना.. और यह डॉली कहाँ चली गई है..? 
डॉली अब भी बाथरूम में जाने का नाम नहीं ले रही थी और चेतन से चिपकी जा रही थी। चेतन ने जल्दी से उसे खुद पर से हटाया और उसे बाथरूम की तरफ धकेलने लगा।
उसे बाथरूम में लगभग फेंकते हुए वो वापिस दरवाजे की तरफ भागा और फिर दरवाजा खोल दिया। मैं अन्दर गई तो चेतन के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था.. वो काफ़ी घबराया हुआ लग रहा था। 
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा और बोली- क्या बात है चेतन.. तुम ठीक तो हो ना?
चेतन घबरा कर बोला- हाँ हाँ.. ठीक हूँ मैं.. कुछ नहीं हुआ मुझे..
मैं चेतन की क़रीब आई और आहिस्ता से उसके साथ चिपक गई और बोली- क्या बात है जानू.. नाराज़ हो क्या मुझसे..
मेरी बात सुन कर वो थोड़ा रिलेक्स हुआ और बोला- नहीं नहीं.. नाराज़ तो नहीं हूँ जान.. बस ऐसे ही थोड़ा थका हुआ हूँ। 
मैंने उसके गालों पर एक किस की और अपना हाथ उसकी पैन्ट की ऊपर से उसके लण्ड की तरफ ले जाते हुए बोली- आओ फिर मैं तुमको भी थोड़ा रिलेक्स कर दूँ।
मैंने देखा कि उसका लंड अभी भी अकड़ा हुआ है.. मैं उसके लण्ड को उसकी पैन्ट के ऊपर से ही अपनी मुठ्ठी में लेते हुए बोली- जानू तुम्हारा तो लंड भी फुल टेन्शन में है.. मुझे अभी इसकी टेन्शन तो रिलीव करना ही पड़ेगी..
यह कहते हुए मैं नीचे फर्श पर बैठ गई और उसकी पैन्ट की बेल्ट खोलने लगी। 
चेतन ने थोड़ी सी मज़ाहमत की लेकिन फिर खुद से ही अपनी पैन्ट नीचे उतार दी। 

kahani jari hai.........................
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05-24-2019, 12:11 PM,
#60
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मैंने नीचे बैठ कर उसके लण्ड को अपनी मुँह में लिया और चूसने लगी। धीरे-धीरे उसके ऊपर के हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटती और फिर उसे मुँह में लेकर चूसने लगाती।
मेरी कमर दरवाजे की तरफ थी और दरवाज़ा खुला हुआ ही था और मुझे पता था कि अभी थोड़ी देर में डॉली भी अन्दर देखने लगेगी। 
मैंने अपना चेहरा ऊपर किया और चेतन की तरफ देखने लगी.. मुझे उसके चेहरे के हाव-भाव से साफ़ पता चल रहा था कि डॉली दरवाजे पर आ चुकी है।
मेरी नज़र चेतन के पीछे पड़ी हुई ड्रेसिंग टेबल पर पड़ी.. तो उसके शीशे में मुझे डॉली का अक्स नज़र आया। 
डॉली अब चेतन की तरफ देख रही थी और चेतन की नज़र भी उसकी बहन के ऊपर ही थी।

मैंने देखा कि डॉली ने दरवाजे में खड़े-खड़े अपनी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया और फिर आहिस्ता से अपनी शर्ट को ऊपर करते हुए अपनी चूचियों को एक्सपोज़ कर लिया।
जैसे ही चेतन की नज़र अपनी बहन की नंगी खूबसूरत चूचियों पर पड़ी तो उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर के दोनों तरफ रखे और मेरे सिर को पकड़ कर धक्के लगाते हुए मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
मैं भी उसकी गोटियों को सहलाते हुए उसके लण्ड को चूस रही थी और आज मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। 
चेतन धक्के मारते हुए बोला- और चूस.. मेरी जान और चूस.. जल्दी कर.. जल्दी से निकाल दे मेरा पानी..
मैंने उसके लण्ड को अपने मुँह से बाहर निकाला और फिर उसे अपने मुठ्ठी में आगे-पीछे करते हुए बोली- लेकिन डॉली घर पर ही है.. वो किसी भी वक़्त इस तरफ को आ सकती है.. तो हमें देख ना ले..
चेतन अपनी बहन की तरफ देखता हुआ बोला- कुछ नहीं होगा.. वो नहीं आएगी.. तुम बस जल्दी से मेरे लण्ड का पानी चूसो.. 
उधर डॉली अब अपनी टाइट्स के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहला रही थी और आँखें बंद किए हुए खुद को ओर्गैज्म पर ले जाने की कोशिश कर रही थी। 
यह सब वो अपने भाई के सामने कर रही थी.. ताकि उसके भाई की प्यास और भी बढ़ सके और हो भी ऐसा ही रहा था। 
जैसे-जैसे डॉली की मस्ती बढ़ रही थी.. वैसे-वैसे ही चेतन में भी जोश आता जा रहा था। वो पहले से भी जोर-जोर से धक्के मार रहा था और अपना लंड मेरे मुँह के अन्दर पेल रहा था। 
जैसे ही चेतन झड़ने वाला हुआ.. तो मैंने उसका लंड अपनी मुँह से निकाला और उठ गई कि नहीं.. अब मुझे रसोई में जाना है.. कुछ बाद में करूँगी।
डॉली भी फुर्ती से दरवाजे से हट गई और चेतन मुझे रोकता ही रह गया लेकिन मैं वहाँ से चली आई। 
कुछ ही देर में चेतन भी चेंज करके बाहर आ गया। उसने अपना एक बरमूडा पहन लिया हुआ था। डॉली ने जैसे ही अपने भाई को देखा तो उसे अपने नज़रों से ही चिढ़ाने लगी। मैं रसोई में ही रही तो वो मुझे बता कर बाहर निकली और आँख मार कर बोली- भाभी, मैं भाई से मिल कर अभी आती हूँ। 
हम दोनों हँसने लगे। 
डॉली बाहर गई तो चेतन टीवी लाउंज में बैठ कर ही टीवी देख रहा था.. डॉली सीधे जाकर उसकी गोद में बैठ गई।
चेतन एकदम से घबरा गया और रसोई की तरफ देखते हुए.. उसे अपनी गोद से हटाने की कोशिश करने लगा।
लेकिन डॉली कहाँ मानने वाली थी। 
डॉली- क्या बात है भाई.. एक ही दिन में आपका दिल मुझसे भर गया है.. अब तो आप मुझसे दूर भाग रहे हो.. और थोड़ी देर पहली कैसे भाभी के साथ मजे कर रहे थे.. क्या अब मैं आपको अच्छी नहीं लगती हूँ?
चेतन- नहीं नहीं.. डॉली.. ऐसी बात नहीं है.. वो बस तुम्हारी भाभी भी क़रीब ही हैं ना.. तो इसलिए डर लगता है। उसे कहीं जाने दो.. फिर देखना मैं तुम को कैसे चोदता हूँ..
यह कहते हुए चेतन ने एक बार तो अपनी बहन की दोनों चूचियों को अपनी हाथों में लेकर दबा ही दिया। 
डॉली ने भी मस्त होते हुए अपने गर्म-गर्म गुलाबी होंठ आगे बढ़ाए और अपने भाई के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी। थोड़ी देर के लिए तो चेतन भी अपनी बहन की गरम जवानी में सब कुछ भूल गया और डॉली के होंठों को चूमने लगा। लेकिन साथ ही उसे मेरा ख्याल आ गया और फिर उसने खुद को अपनी बहन के जवान जिस्म से अलग कर लिया। 
कुछ ही देर में मैंने और डॉली ने टेबल पर खाना लगा दिया और फिर हम सब टेबल पर बैठ कर खाना खाने लगे। 
खाने के दौरान भी डॉली मेरे इशारे पर टेबल के नीचे से ही अपने पैर के साथ अपने भाई को टीज़ करती रही और जब भी मौका मिलता तो उसके लण्ड को अपनी पैर से टच कर देती। इस सब के दौरान हर बार चेतन खुद को मेरी नजरों से बचाने की भरसक कोशिश कर रहा था। 
खाना खाते हुए ही हमने शाम को फिल्म देखने के लिए चलने का प्लान बना लिया.. जिसको चेतन ने भी मान लिया।
फिर खाने के बाद कुछ देर के लिए हम लोग आराम की खातिर लेट गए।
शाम को हम फिल्म देखने जाने के लिए तैयार होने लगे.. तो मैं डॉली के पास आई और बोली- आज तुमको बहुत ही हॉट और सेक्सी ड्रेस पहनना है।
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