Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
06-25-2019, 01:04 PM,
#21
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेरे आँखें टीवी पर इस कदर गढ़ गई थी कि, में अमित की हर हरक़त को देखने की कॉसिश कर रही थी………और मेरा दिल बैठा जा रहा था…..अमित ने अपने हाथों को उसकी कमर से ऊपेर लेजाते हुए, सोनिया की चुचियों पर ले गया. जिसके कारण सोनिया उससे और चिपक गयी……..वो सोनिया के होंटो को चूस्ते हुए उसकी चुचियों को दबा रहा था…….और बार -2 उसको अपनी तरफ खेंच रहा था….

फिर उसने सोनिया की कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…..और मुझे ये देख कर बहुत हैरानी हुई, ये सब करते हुए, सोनिया भी उसका पूरा साथ दे रही थी….अगले ही पल उसने सोनिया की कमीज़ को उसके बदन से अलग कर नीचे फेंक दिया……..सोनिया की कमीज़ को नीचे फर्श पर देख कर मुझे ऐसा लगा कि हमारी इज़्ज़त नीचे फर्श पर पड़ी धूल चाट रही है….

फिर उसने उसकी चुचियों को ब्रा के ऊपेर से पकड़ कर मसलना शुरू क्या..सोनिया उसकी बाहों में छटपटाने लगी……..फिर अमित ने एक हाथ नीचे लेजाते हुए, उसकी सलवार का नाडा खोल दिया……सोनिया बेशर्मो की तरह उसकी गोद में बैठी हुई थी…..जब अमित ने उसकी सलवार को नीचे सरकाना शुरू किया…उसने बड़ी बेशर्मी से अपनी गान्ड को ऊपेर उठा लिया……..और अमित ने खेंचते हुए उसकी सलवार उसके पैरों से निकाल कर नीचे फेंक दी……

कॅमरा का फोकस सीधा उन पर था……मेरी अपनी बेटी उस हरामी की गोद में अधनंगी बैठी हुई थी…फिर अमित ने पीछे से उसकी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर फेला दिया……..और एक हाथ आगे लेजा कर उसकी पैंटी को एक साइड में कर दिया…..मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गयी….पैंटी को साइड करके, उसने सोनिया की चूत की फांकों को अपने हाथ की उंगलियों से खोला…उसका गुलाबी छेद में सॉफ-2 देख पा रही थी……..तभी टीवी पर ब्लॅक स्क्रीन आ गयी….

डीवीडी ख़तम हो चुकी थी……मैं सच में बहुत घबरा गयी थी…मुझे समझ में नही आ रहा था कि में क्या करूँ…….तभी फोन की रिंग बजी……मेने जल्दी से प्लेयर में से डीवीडी निकली, और अपने साथ लेकर अपने रूम में आ गयी….

मेने काँपते हुए हाथों से फोन उठाया, और बड़ी ही मुस्किल से हेलो कहा..उधर से अमित की आवाज़ थी…..

अमित: क्यों आंटी जी कैसे लगी फिल्म……

में: अपनी बकवास बंद कर, अगर तू मेरे सामने होता ना…तेरा मूह तोड़ देती में…..

अमित:ओह इतना गुस्सा इतना गुस्सा ठीक नही है आपकी सेहत के लिए…..ये तो सिर्फ़ टेलर था…..अभी तो पूरी फिल्म बाकी है……तो बोलो कब आ रही हो ?

में: क्या ?

अमित: पूरी फिल्म देखने जो मेरे पास है …….

में: हरामज़ादे में तुम्हारी रिपोर्ट पोलीस में कर्दुन्गि,

अमित: ना ना ना भूल कर भी ऐसी ग़लती मत करना…..नही तो मुझ से बुरा कोई ना होगा……..पूरे बाज़ार में तुम्हारी बेटी की सेक्स की मूवी बना कर बेच दूँगा….और पता है नाम क्या रखूँगा…..सोनिया चुदि अपने यार के लंड से…हा हा हा”

उसकी वो कमीनी हँसी ने मुझे अंदर तक झींझोड कर रख दिया……”में तेरी बातों में नही आने वाली कमीने जब पोलीस के हटते चढ़े गा ना तब पता चलेगा. ऐसी जगह लेजा कर मारूँगी कि तुझे पानी पूछने वाला कोई ना होगा.” में गुस्से में जो मन में आ रहा था बोले जा रही थी..

अमित: ओह्ह अच्छा रस्सी जल गयी पर बल नही गया….देखते है कि तुम क्या कर सकती हो…..मेरे तो आगे पीछे कोई रोने वाला भी नही…..में तो मर जाउन्गा. पर तुझे और तेरी बेटी को कहीं का नही छोड़ूँगा…….अब तू देख में क्या करता हूँ

ये कह कर उसने फोन रख दिया…….में वही बैठ कर फुट फुट कर रोने लगी…और उस मनहूस घड़ी को याद कर कोसने लगी…..जब मेने उसे अपने यहाँ रहने के लिए रूम दिया था……में काफ़ी देर तक वही बैठी रोती रही….और पता नही कब मेरी आँख लग गयी…..में तब उठी जब सोनिया ने बाहर आकर डोर बेल बजाई…..मेने उठ कर बाहर गयी, और गेट खोला……मेरी आँखें रोने से लाल हो चुकी थी……

जिसका पता सोनिया को चल गया……..” क्या हुआ माँ आप रो रही थी” मेने अपने आप को संभालते हुए कहा…”नही बस वो रामा की याद आ रही थी…..में ये बात सोनिया को नही बताना चाहती थे…..में चुप चाप अपने रूम में आ गयी….मुझे यही डर सता रहा था कि, गुस्से में अमित कुछ उल्टा सीधा ना कर दे…..में तो किसी को मूह दिखाने के लायक नही रहूंगी……

रात को सोनिया ने खाना बनाया……..पर मेरा मन खाने को नही था..इसीलिए में तबीयत ठीक ना होने का बहाना बना कर अपने रूम में आ गयी… में दिल बुरी तरह घबरा रहा था…..मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था कि, में इस मुसबीत से कैसे छुटकारा पाऊ….अब मेरे सामने मुझे कोई रास्ता नही आ रहा था….में काफ़ी देर तक बस यही सोचती रही…मेने घड़ी की तरफ देखा रात के 10 बज रहे थे…..अब मुझे इस मुसीबत से निपटना ही था…

में बेड से खड़ी हुई, और उस पॅकेट में जो स्लिप थी उसे निकाला, और अपने काँपते हुए हाथों से उस पर लिखा मोबाइल नंबर डायल किया….थोड़ी देर रिंग बजने के बाद उधर से अमित की आवाज़ आई……

अमित: हेलो क्या हुआ नींद नही आ रही क्या ? सच सच बताना मेरे ही बारे में सोच रही थी ना?

में: अपनी बकवास बंद करो. और बताओ कि तुम क्या चाहते हो….आख़िर हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है…..आख़िर तुम हमारे साथ ये सब क्यों कर रहे हो ?
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06-25-2019, 01:04 PM,
#22
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित: अर्रे वाह तुम्हें तो भूलने की बीमारी अभी से लग गयी है.भूल गयी उस दिन कैसे तुम ने मुझे जॅलील करके घर से निकाला था….अब ध्यान से सुनो कल तुम मुझे मेरे घर पर आकर मिलो….अगर तुम चाहती हो कि, तुम्हारी बेटी की वो क्लिप दुनिया के सामने ना आए तो, और हां किसी से ये बात की तो, मुझसे बुरा कोई नही होगा…..

में: ठीक है में आउन्गि….पर तुम वो क्लिप किसी को ना देना…में तो जीते जी मर जाउन्गि…..

अमित: ठीक है…….अगर तुम चाहती हो कि, में वो क्लिप किसी को ना दिखाऊ…तुम्हे मेरी हर बात माननी होगी…..में जैसा कहूँ करना होगा……

में: (अमित के इस तरह की बात करने पर मुझे अमित की नियत पर शक होने लगा था.) तुम तुम चाहते क्या हो……

अमित: में वही चाहता हूँ जो मेने तुम्हारी बेटी के साथ किया…….बस एक बार अपनी चूत का स्वाद चखा दो…..उसके बाद में वो क्लिप तुम्हे दे दूँगा….में प्रॉमिस करता हूँ……दोबारा तुम्हे तंग नही करूँगा……

अमित ने उसी वक़्त फोन काट दिया….और उसके बाद में वही बैठी रोने लगी….नज़ाने में कितनी देर तक रोती रही……वो हराम की औलाद मुझसे ऐसे बात कर रहा था……. और फिर बेड पर लेटे-2 नींद आ गये.

अगली सुबह जब में उठ कर रूम से बाहर आई तो देखा,सोनिया अभी तक सो रही थी…मेने उसे आवाज़ देकर उठाया, और फिर फ्रेश होकर नाश्ता बनाने लगी. सोनिया भी फ्रेश होकर मेरी हेल्प करने लगी….नाश्ता तैयार करने के बाद अपने रूम में गयी, और अपनी जेठानी को फोन लगाया….

संजना: हेलो…..

में: हेलो दीदी में बोल रही हूँ रेखा…..

संजना: हां रेखा बोलो. इतनी सुबह सुबह……..

में: हां दीदी दरअसल मुझे कुछ काम था….

संजना: हां बोलो क्या काम है ?

में: दीदी आज तो सनडे है ना…..बच्चे और भाई साहब घर पर ही होंगे…

संजना: बच्चे तो घर पर है, पर ये काम पर गये है…..रात को आएँगे…

में: दीदी क्या आप आज बच्चो के लेकर हमारे घर आ सकती हो……..दरअसल मुझे किसी काम से बाहर जाना है…….तो सोनिया घर पर अकेली है…..

संजना: हां हां क्यों नही….वैसे भी मेरा भी दिल कर रहा था.वहाँ आने को…तुमने कब जाना है…..

में: बस जैसे ही आप आएँगी में चली जाउन्गि…..और शाम तक आ जाउन्गि……

संजना: ठीक है तो में इनको फोन कर देती हूँ……शाम वो हमे तुम्हारे घर से लेते आएँगे……..

में: ठीक है दीदी…….

10 बजे संजना दीदी आ गयी अपने बच्चो के साथ……मेने थोड़ी देर उनके साथ बातें की, और फिर इजाज़त लेकर अमित के बताए हुए पते पर जाने के लिए घर से निकली……मुझे मालूम नही था कि जो में करने जा रही हूँ…..वो ठीक है या नही…..पर उस मुसबीत की घड़ी में मुझे जो सही लगा…..में करती गयी…

बाहर में रोड पर आकर मेने एक ऑटो वाले को वो पर्ची दिखाई, और बोला इस पते पर जाना है…..ऑटो वाले, ने इशारे से बैठने को कहा..में ऑटो में बैठ गयी….और ऑटो वाला ऑटो चलने लगा…..मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था. आगे क्या होगा यही सब सोच-2 कर मेरे हाथ पैर तर-2 कांप रहे थे.

मुझे लग रहा था. जैसे में किसी दलदल में धँसती जा रही हूँ, और उम्मीद की कोई किरण नज़र नही आ रही थी….जैसे जैसे ऑटो उस बताए हुए पते की तरफ बढ़ रहा था…मेरे हाथ पैर सुन्न होते जा रहे थे….मेरा दिल पूरे जोरो से धड़क रहा था….तभी अचानक ऑटो वाले ने ब्रेक लगा दी, और पीछे पलट कर बोला.

ऑटो वाला: लो जी मेडम जी. पहुँच गये….वो जो सामने वाइट पैंट वाला घर दिखाई दे रहा है ना…वही घर है….

उसकी बात सुन कर मानो जैसे मेरी साँस ही रुक गयी हो…..में ऑटो से नीचे उतरी ,और ऑटो वाले को पैसे दिए…..ऑटो वाले ने ऑटो स्टार्ट किया, और वापिस मूड गया……मेने हिम्मत करके उस घर की तरफ चलना शुरू किया…पूरी गली सुनसान थी..ऐसा लग रहा था जैसे इस गली में कोई रहता ही ना हो….

जैसे जैसे में उस घर की तरफ बढ़ रही थी…….मेरा दिल डर के मारे बैठा जा रहा था….किसी तरह काँपते पैरों से चलते हुए, में उस घर के गेट के बाहर पहुचि, और वही खड़ी होकर सोचने लगी. कि जो में कर रही हूँ ठीक कर रही हूँ या नही……मुझे ये बात किसी को तो बतानी चाहिए थी…फिर अगले ही पल अमित की वो धमकी याद आ गयी……

जब उसने कहा था कि, वो तो अनाथ है. मर भी जाएगा तो कोई रोने वाला भी नही……मुझे सच में लग रहा था कि, अमित कुछ भी कर सकता था…..मुझे उस पर गुस्सा भी आ रहा था और हैरत भी हो रही थी…..कि इतनी सी उम्र में ये सब उसके दिमाग़ में कहाँ से आ गया……..

मेने हिम्मत करते हुए डोरबेल बजाई, और थोड़ी देर बाद गेट खुला, तो सामने अमित खड़ा मेरी तरफ देखते हुए अजीब से ढंग से मुस्करा रहा था.उसने एक बार मुझे सर से पाँव तक घूर कर देखा, और फिर चेहरे मुस्कान लाते हुए बोला.”चल अंदर आ जा”



में किसी बुत की तरह घर के अंदर आ गयी…..अंदर आते ही, उसने गेट बंद कर दिया, और बिना कुछ बोले, घर के अंदर जाने लगा…..में बिना कुछ बोले उसके पीछे चली गयी…..जैसे ही में उसके पीछे रूम में दाखिल हुई, तो मेरे पैरो के नीचे से ज़मीन खिसक गयी…
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06-25-2019, 01:04 PM,
#23
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
ये वही रूम था. जो मेने उस क्लिप में देखा था….मुझे यकीन नही हो रहा था कि, सोनिया इतनी दूर यहाँ कैसे आ गयी…….दिल में हज़ारो सवाल घर किए हुए थे….

में: आख़िर तुम चाहते क्या हो ? क्यों कर रहे हो ये सब हमारे साथ ?

अमित: (गुस्से से गुर्राटे हुए) साली अब तो ऐसी भोली बन रही है…..जैसे तुझे कुछ पता ही ना हो……..बहनचोद उस दिन तो तू मुझे जान से ही मार देती….अब में बताता हूँ कि अमित से पंगा लेने का अंज़ाम क्या होता है…..

में: देखो अमित में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ……अपनी ग़लती की माफी मांगती हूँ प्लीज़ कुछ ग़लत ना करना……..हमारी तो दुनिया ही बर्बाद हो जाएगी..

अमित: ये तो तुम्हे पहले सोचना चाहिए था……जब तूने मुझे पिटा था.

में: प्लीज़ अमित मुझे माफ़ कर दो…..वो क्लिप मुझे दे दो…..तुम जो कहोगे में करूँगी……

अमित: अच्छा जो में कहूँगा वो तुम करोगी ?

मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ, कि मेने डर में क्या बोल दिया था……अमित मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ, और अलमारी के पास जाकर उसे खोल कर कुछ ढूँढने लगा….और फिर वो मेरी तरफ पलटा…..उसके हाथ में एक रेड कलर की पैंटी और ब्रा थी…..वो मुझे पैंटी और ब्रा दिखाते हुए बोला……

अमित: तुम्हे पता है ये किसकी है ?

में मूह फाडे उसकी तरफ देखे जा रही थी…….में कुछ भी बोल ना पा रही थी……”ये तुम्हारी बेटी सोनिया की है. मेने उसे गिफ्ट में लाकर दी थी. अब अगर तुम चाहती हो कि, में वो क्लिप तुम्हे दे दूं….तो इसे लेकर बाथरूम में जाओ और पहन कर मेरे सामने आओ” अमित की ये बातें तीर की तरह मेरे कानो में लग रही थी……मुझे यकीन नही हो रहा था कि, एक *****साल का लड़का मेरे सामने मुझसे ये बात कर रहा है…..

इसमे इतनी हिम्मत आई कहाँ से…….मुझे यकीन नही हो रहा था…..”अब सोच क्या रही है…जा जल्दी से जाकर इसे पहन कर आ……..साला आज लंड ने सुबह से ही, तंग कर रखा है……देखना आज तेरी चूत का कैसे पानी निकालता हूँ..”

में: अपनी बकवास बंद करो……..में कुछ नही करने वाली……..और तुम जो मुझे ब्लॅकमेल कर रहे हो ना……तुम्हारे लिए बहुत बुरा होगा……तुम जानते नही में कॉन हूँ……

अमित: (हंसते हुए)हाँ हाँ जानता हूँ अच्छी तरह जानता हूँ…….साली घर में तेरे खाने के लाले पड़े है, और बन तो ऐसी रही है…….जैसे कमिश्नर की बीवी हो….चुप चाप जैसे में कहता हूँ कर वारना यहाँ मेने तुझे तेरी शकल देखने के लिए नही बुलाया……नही तू फुट यहा से…….में देखूँगा मुझे क्या करना है……साली पूरे देश में तेरी बेटी की नंगी क्लिप को ना बेचा तो मेरा नाम अमित नही……तो आज ही देख लेना……

में: (अमित की बातें सुन कर में बुरी तरहा घबरा चुकी थी) नही अमित तुम ऐसा कुछ नही करोगे…..में में तुम जो कहो करने को तैयार हूँ….

अमित: तो चल फिर ये ले, और जाकर बाथरूम में ये पहन कर मेरे सामने आ….आज तो तेरी चूत मार-2 कर सूजा दूँगा…….

ये कहते हुए, उसने वो ब्रा और पैंटी बेड पर फेंक दी……..में नीचे फर्श की तरफ देखते हुए घबरा रही थी…..अब मुझे कोई रास्ता नही सूझ रहा था.”जल्दी कर मेरे पास ज़्यादा टाइम नही” अमित ने घुरते हुए कहा….मेने नीचे की ओर देखते हुए वो ब्रा और पैंटी उठा ली……और काँपते हुए कदमों से बाथरूम की तरफ जाने लगी……

अमित: जल्दी कर…….टाइम वेस्ट ना करना……
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06-25-2019, 01:04 PM,
#24
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में बाथरूम में घुस्स गयी……मेरी आँखें नम हो चुकी थी…..मेने जैसे ही मेने उस पैंटी और ब्रा को देखा……तो में सोचने लगी कि ये तो सोनिया के साइज़ की है, मेरे कैसे आएगी…..मेने डरते हुए अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए….और धीरे-2 सारे कपड़े उतार दिए….फिर मेने उस वी शेप पैंटी को अपने हाथ में लिया….और झुक कर उसे पहनने लगी….

पैंटी तंग तो थी, पर स्ट्रिचबल थी, मेने झुक कर उसे पहनना शुरू किया. और में एक दम हैरान रह गयी…..वो छोटी सी वी शेप पैंटी मेरे चुतड़ों पर चिपकी हुई थी….फिर मेने वो ब्रा उठा कर पहनी, मुझे यकीन नही हो रहा था कि, वो ब्रा भी मेरे 38 डी साइज़ की चुचियों पर आ गयी…..तभी बाथरूम का डोर एक दम से खुल गया…सामने अमित खड़ा मेरी तरफ वासना भरी नज़रों से देख रहा था…वो अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर में खड़ा था…और उसका लंड उसके अंडरवेर में बड़ा सा तंबू बनाए हुए था……

उसके इस तरह अंदर आजाने से में एक दम घबरा गयी, और उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी…..फिर मुझे पीछे से उसकी कदमो की आहट नज़दीक आती हुई सुनाई दी, मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा….में अध नंगी हालत में उसके सामने खड़ी थी….फिर कुछ देर खोमाशी के बाद उसने मुझे पीछे से अपनी बाहों में जाकड़ लाया…..उसके दोनो हाथ मेरी चुचियों पर थे….और उसने मेरी चुचियों को बेहरमि से मसलना शुरू कर दिया…

अमित: आहह साली क्या मम्मे है तेरे….आज तो इनको निचोड़ दूँगा……

में: अमित तुम ये ठीक नही कर रहे हो….

अमित: चुप साली रांड़ अब ज़्यादा नखरे चोदेगी तो, तेरा और तेरी बेटी का जीना मुस्किल कर दूँगा…..चल मेरे साथ……

ये कहते हुए, उसने मेरा हाथ पकड़ा और खेंचते हुए रूम में ले गया….रूम के अंदर आते ही उसने मुझे बेड पर धकेल दिया…..में अपने आप को अमित के सामने इस हालत में पाकर अपनी नज़रे नही उठ पा रही थी…वो कमीनी मुस्कान के साथ मेरी तरफ देखा रहा था….में इस कदर घबराई हुई थी, कि मेरे सोचने समझने की शक्ति भी ख़तम हो गयी थी….
में अब बेड पर अध लेटी हुई थी……उसने मेरी तरफ देखते हुए, अपने लंड को एक बार अपने अंडरवेर के ऊपेर से मसला, और फिर एक ही झटके में अपने अंडरवेर को उतार कर फेंक गया….उसका 9 इंच का लंड मेरी आँखों के सामने झटके खा रहा था…..मेने एक पल के लिए ही उसके लंड की तरफ देखा और फिर अपने नज़रे घुमा ली..

अमित: (बेड पर चढ़ते हुए) क्यों साली पसंद आया अपनी बेटे के यार का लौडा…देख इसे इसी के ऊपेर तेरी बेटी चढ़ कर चुदती है….

मेरे दिल की धड़कने आप और तेज चलने लगी थी…..में अपने आप को उसके सामने इस क़दर महसूस कर रही थी कि, में कुछ बोल भी नही पा रही थी….वो बेड पर धीरे-2 मेरे पास आ रहा था….फिर अचानक से उसने मुझे मेरी टाँगों से पकड़ कर अपनी तरफ ज़ोर से खेंच दिया….में बेड पर घिसटते हुए लेट गयी….”अह्ह्ह्ह अमित” मेरा सर बिस्तर से जा टकराया…..

पर उस पर तो जैसे कोई शैतान सवार हो गया था….उसने आव देख ना ताव, और मेरी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर फेला दिया…मेने जो वी शेप पैंटी पहनी थी…वो मुस्किल से मेरी चूत की फांकों को ढक पा रही थी….मेरी टाँगों के फेलने के कारण मेरी चूत की फांके पैंटी की साइड से बाहर आ गयी…..

मेने शरम और हया से अपनी आँखें बंद कर ली, में जान चुकी थी, कि सोनिया की वजह से जिस दलदल में फँस चुकी हूँ, उससे निकलने का यही एक रास्ता है…. मेने एक बार फिर आख़िरी बार अमित को समझाने की कॉसिश की, “देखो अमित ये तुम ठीक नही कर रहे हो……तुम बहुत बड़ा पाप करने जा रहे हो…..अभी भी वक़्त है, में किसी से कुछ नही कहूँगी…”

अमित: चुप साली रांड़ मुझे ज़्यादा समझाने की कॉसिश ना कर….

ये कहते हुए, उसने एक हाथ से पैंटी को साइड में कर दिया….उसकी इस हरकत से में एक दम चोंक गयी……इससे पहले कि में कुछ कर पाती, अमित ने अपने लंड का सुपाडा मेरी फुद्दि के छेद पर टिका कर ज़ोर दार धक्का मारा…..मुझे सेक्स किए लगभग 6 साल हो चुके थे……मेरी बुर एक दम सुखी थी….जिसकी वजह से जब अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की फांकों को फेलाता हुआ अंदर घुसा तो में दर्द से एक दम चिल्ला उठी…….”अहह माआ ओह मर गइई”

एक तो मेरी चूत एक दम सुखी थी, और दूसरा अमित का लंड 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था…..जब वो मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुसा मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरी चूत के दीवारें छिल गयी हो…..में दर्द से छटपटा रही थी….पर अमित को उससे कोई असर नही हो रहा था….उसने मेरी टाँगों को और ऊपेर उठा कर फेला दिया…..और फिर से एक ज़ोर दार झटका मारा.. इस बार धक्का इतना जबरदस्त था कि, मेरा पूरा बदन दर्द से काँप गया…..और मेरी आँखों से आँसू निकलने लगी….

इस बार अमित का लंड पूरा का पूरा मेरी बुर में उतर चुका था…..”अहह बहुत दर्द हो रहा है माआअ में मर जाउन्गि” में दर्द से सिसक रही थी. पर अमित किसी बात की परवाह नही कर रहा था….उसका 9 इंच लंबा लंड जड तक मेरी चूत में घुस चुका था…..में हैरान और परेशान ये सब देखते हुए सोच रही थी कि, इस उम्र में इसका लंड इतना बड़ा कैसे हो सकता है….मेने दो बेटियों को जनम दिया था….इसके बावजूद भी मुझे अपनी बुर उसके लंड के चारो और कसी हुई मालूम हो रही थी….

उसने अपने लंड को बाहर की तरफ खेंचा….जिससे एक बार फिर उसका लंड मेरी फुद्दि की दीवारों से रगड़ खाने लगा……और में दर्द से तिलमिलाने लगी…”फिर उसने अपने लंड को बाहर निकल लिया….और मेरी पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर मेरी टाँगों से खेंचते हुए निकाल कर एक तरफ फेंक दिया…..फिर उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….इतना ऊपेर कि मेरे घुटने मेरी चुचियों पर दब गये…..

में: आह अमित प्लीज़ ऐसे ना करो….हम पर थोड़ा सा रहम खाओ….

पर अमित तो जैसे मेरे बात सुन ही नही रहा था….उसकी आँखें मेरी फुद्दि पर गढ़ी हुई थी..और उसकी आँखों में वासना सॉफ झलक रही थी…उसने मेरी चूत पर झुकते हुए एक ही पल में मेरी चूत पर मूह लगा दिया….आज तक कभी मेरी चूत को मेरे पति ने भी सक नही किया था…..ऐसा अहसास मुझे पहली बार होने वाला था…..जैसे ही उसका मूह मेरी चूत पर लगा…..में तड़पते हुए एक दम से सिसक उठी…..”अहह अमित ये ये क्या कर रहे हो ओह्ह अमित में पागल आह आहह ओह”
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06-25-2019, 01:04 PM,
#25
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेरे पूरे बदन में सर्सराहट दौड़ गयी…..ना चाहते हुए भी मेरे मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी…..पहली दफ़ा कोई मेरी चूत चाट रहा था…इसके बारे में सिर्फ़ सुना था….और सच बता रही हूँ…वो पल आज भी मेरे बदन को रोमांच से भर जाता है…..वो अपनी जीभ निकाल कर पागलों की तरह मेरी चूत की फांकों और चूत के छेद पर रगड़ रहा था…..में मज़े से तिलमिलाए जा रही थी…..मुझे ऐसा लग रहा था कि, अपने होशोहवास खो बैठूँगी…..और सच में हो भी ऐसे ही रहा था…..

फिर अमित ने मेरी चूत की फांकों को अपने हाथों से पूरा फेला दिया, जिससे मेरी चूत का क्लिट जो कि उस समय फूल कर आधे इंच का हो चुका था…उसे अपने मूह में भर कर ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया……

में: अहह ओह अमित्त्त प्लीज़ छोड़ दो अहह सीईईईईईईई उंह अहह उंघह ओह्ह्ह्ह अमित……

मुझे अब साँस लेने में भी तकलीफ़ होने लगी थी….मुझे ऐसा लगने लगा था कि, अब में कई सालों बाद झड़ने के करीब पहुँच चुकी हूँ….पर अचानक अमित ने अपना मूह मेरी चूत से हटा लिया, और अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर लगा कर मेरी तरफ देखते हुए कहा…..

अमित: क्यों रांड़ मज़ा आ रहा था ना……अब देख तेरी फुद्दि कैसे फाड़ता हूँ….आज तेरी फुद्दि में लंड ठोक-2 कर सूजा दूँगा…..

फिर अमित ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर दाबना चालू कर दिया. मुझे लगा एक बार फिर से मेरी जान निकल जाएगी…..पर इस बार मुझे दर्द नही हुआ… क्योंकि मेरी चूत अब अमित के थूक से सनी हुई थी…और मुझे लग रहा था कि आज कई सालो बाद मेरी चूत ने भी पानी निकाला है…..अमित का लंड फिसलता हुआ मेरी चूत में समाता जा रहा था…..

उसका सेब जैसा मोटा सुपाडा जब मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जा रहा था, तो मेरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ती जा रही थी……मेरा बदन थरथर काँप रहा था…..चूत के अंदर लंड के घर्षण के कारण में एक दम मदहोश हो गयी……और अपने होंटो को दाँतों से काटते हुए, बेड शीट को अपने हाथों में कस के पकड़ लिया…मुझे अमित का लंड अपनी बच्चेदानी से टकराता हुआ महसूस हुआ, और में एक दम से सिसक उठी……….

अमित मेरे ऊपेर झुक गया, और मेरे होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ाने लगा…..उसके होंटो पर मेरी चूत का पानी अभी भी लगा हुआ था…जिसे देख कर मेने घिन से दूसरी तरफ मूह घुमा लिया…..मेरी इस हरक़त पर वो गुस्से से बोला..”क्या रांड़ तेरी ही चूत का पानी है” और ये कहते हुए उसने मेरे बालों को खेंच कर मेरे फेस को सीधा कर दिया……

सर के बाल खिच जाने के कारण में दर्द से कराह उठी…..और उसने मेरे होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसना शुरू कर दिया…..अमित मेरे होंटो को चूस्ते हुए,अपने दोनो हाथों को मेरी पीठ के पीछे लेगया, और ब्रा के हुक्स खोल कर ब्रा को निकालने लगा….में पहले से ही उसके सामने अध नंगी लेटी हुई थी. और में नही चाहती थी कि, मेरे तन पर बचा ये आख़िरी कपड़ा भी उतर जाए..इसलिए मेने अपने दोनो हाथों से ब्रा के कप्स को पकड़ लिया….

पर उसके सामने अब मेरी कहाँ चलने वाली थी…..उसने ब्रा को खेंचते हुए मेरे बदन से अलग कर बेड पर फेंक दिया…..मैं अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढकने की कॉसिश करने लगी…..”चल हाथ हटा साली, अब क्या बचा है जो तू नखरे कर रही है….लंड तो पहले ही चूत में लिया हुआ है तूने…..” ये कहते हुए उसने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर चुचियों से हटाते हुए मेरे सर के दोनो तरफ बेड पर टिका दिया……..

और मेरे हाथों को पकड़े हुए, मेरी चुचियों पर झुकते हुए, मेरे एक मम्मे को मूह में भर लिया…..उसकी गरम जीभ को अपने निपल पर महसूस करते ही, में एक दम से तड़प उठी……मेरी आँखें मस्ती में बंद हो गयी……ना तो मुझे अच्छा लग रहा था, और ना ही मुझे रोना आ रहा था…पता नही अजीब से स्थिती थी….वो जितना हो सकता था, मूह कर खोल कर मेरे राइट साइड वाले मम्मे को मूह में भर कर चूसने लगा….
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06-25-2019, 01:05 PM,
#26
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में: अहह अमित प्लीज़ ऐसे ना करो……

अमित: (अपने मूह को चुचि से हटाते हुए) क्यों ना करूँ…..(और फिर उसने उस मम्मे को मूह में भर लिया)

में: उंह श्ह्ह्ह्ह्ह अमित मुझे कुछ हो रहा है…

इस बार उसने कोई जवाब नही दिया, और मेरे निपल को चूस्ते हुए, अपने लंड को आधे से ज़यादा बाहर निकाला, और फिर धीरे-2 अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा……आज कई बरसो के बाद चुद रही थी…..इस लिए में अपना आपा खोती जा रही थी….अमित के धक्को की रफ़्तार लगतार बढ़ती जा रही थी….जब उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता, मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ जाती….और में मस्ती में तड़प उठती…

मेरे दोनो निपल एक दम तन कर टाइट हो चुके थे……मुझे अपने निपल्स में सरसराहट होती सॉफ महसूस हो रही थी…उसके हर झटके से मेरा पूरा बदन हिल जाता….में अब उसका बिल्कुल भी विरोध नही कर रही थी…..उसने मेरे हाथों को छोड़ कर अपना मूह मेरी चुचियों से हटाया, और अपने लंड के झटकों को रोक मेरी तरफ देखने लगा…….मेने अपनी आँखें खोल कर उसकी तरफ देखा, तो वो मेरे तरफ देखते हुए मुस्करा रहा था…..

फिर अमित ने अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…..अब में अपने होशोहवास पूरी तरह खो चुकी थी…..मेने अपनी आँखें फिर से बंद कर ली….और वो भूखे जानवर के तरह मेरे होंटो को सक करने लगा…वो कभी मेरे नीचे वाले होन्ट को चूस्ता, तो कभी ऊपेर वाले होन्ट को कभी वो अपने दाँतों को मेरे होंटो में गढा देता……तो मुझे दर्द का अहसास होता… मेरा पूरा बदन मस्ती के कारण काँप रहा था…..

वो 5 मिनिट तक मेरे होंटो को निचोड़ता रहा….और जब उसका मन भर गया तो, वो मेरे ऊपेर से उठ गया…..उसका तना हुआ लंड मेरी चूत से पच की आवाज़ से बाहर आ गया…..मेने बड़ी मुस्किल से अपनी आँखें खोल कर उसकी तरफ देखा,उसका लंड मेरी चूत से निकल रहे पानी से एक दम भीगा हुआ था…..मेरे ऊपेर से उठते हुए, उसने मुझे मेरे बालों से पकड़ कर खड़ा किया……और बेड से नीचे उतारते हुए मुझे सोफे पर धकेल दिया……

में सोफे पर घुटनो के बल जा गिरी, फिर उसने मेरे बालों को पकड़ कर सोफे पर डॉगी स्टाइल में कर दिया….और पीछे से अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख कर जोरदार धक्का मारा. धक्का इतना जबरदस्त था कि, में आगे की तरफ लूड़क गयी…..उसने मुझे मेरे बलों से खेंचते हुए फिर सीधा किया…..और फिर मेरी गान्ड को दोनो हाथों से फेला कर पकड़ लिया…..

अमित: अब देख में तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ…..

ये कहते हुए, उसने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला, और फिर एक ही बार में मेरी चूत की गहराइयों में उतार दिया….उसके लंड का सुपाडा सीधा मेरी बच्चेदानी से जा टकराया….दर्द और मस्ती से भरी लहर मेरे पूरे बदन में दौड़ गयी और में एक दम से सिसक उठी” अहह उंघह ओह” फिर तो जैसे उस पर कोई भूत ही सवार हो गया हो…..वो अपना लंड पूरा निकाल -2 कर मेरी चूत में ठोक रहा था……….और में उसके हर धक्के के साथ आहह ओह्ह किए जा रही थी…..

उसका का लंड किसी एंजिन के पिस्टन के तरह पूरी रफ़्तार से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था….उसके लंड के सुपाडे की रगड़ अपनी चूत की फांकों पर महसूस करके में अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी….अब मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूंजने लगी थी…….”अहह ओह अमित धीरे आ सीईइ में गइईए आह आह अमित्त मुझी मुझीई अहह”

अमित: हां ले साली आहह और्र ले, आज तेरी फुद्दि फाड़ कर ही रहूँगा..ले मेरा लंड अपनी चूत में आह…..

मुझे अब बर्दास्त नही हो रहा था…..में झड़ने के बेहद करीब थी…मेने सोफे के साइड को अपने हाथों में कस के दोबच लिया….शायद अमित ये जान चुका था कि, में झड़ने के बेहद करीब हूँ….इसीलिए उसने और तेज़ी से झटके लगाने शुरू कर दिए……मेरी चूत में बरसो से जमा लावा एक दम से फॅट पड़ा…..और में चीखते हुए झड़ने लगी…..मेरा पूरा बदन रह-2 कर झटके खा रहा था…..तभी अमित के धक्को की रफ़्तार और बढ़ गयी…..और वो घुरते हुए अपने वीर्य को मेरी चूत में छोड़ने लगा……मुझे अपनी चूत उसके वीर्य से भरती हुई सॉफ महसूस हो रही थी…

उसके लंड से गरम पानी निकल कर मेरे पेट की ओर जाता हुआ सॉफ महसूस हो रहा था…..थोड़ी देर वैसे ही वो मेरी चूत में लंड डाले खड़ा रहा……और फिर उसने अपने लंड को बाहर निकाल लाया, और फिर मेरी गान्ड पर एक जोरदार झापड़ मारते हुए बोला” उठ साली हो गया” चल बेड पर चल थोड़ी देर बाद फिर से तेरी चूत की ठुकाइ करता हूँ……
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06-25-2019, 01:05 PM,
#27
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में तेज़ी से साँसे लेती हुई सोफे से खड़ी हुई, जैसे ही में खड़ी हुई, मुझे अपनी चूत से कुछ चिपचिपा निकल कर अपनी जाँघो पर जाता हुआ महसूस हुआ, जब मेने नीचे देखा तो उसका वीर्य और मेरी चूत का पानी मेरी जाँघो चूत की फांकों और यहाँ तक मेरी गान्ड पर लगा हुआ था…..अपनी सेक्स लाइफ में आज तक में इस तरह गीली नही हुई थी…….ये सब मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था……में सीधा बाथरूम में चली गयी, और अपने आप को सॉफ किया….



जब में बाथरूम से कपड़े पहन कर बाहर आई, तो अमित मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख कर बोला “ तुझे किसने कहा कपड़े पहनने को” में उसकी ये बात सुन कर थोड़ा सा घबरा गयी…..

में: अमित मुझे बहुत देर हो चुकी है, मुझे जाने दो….और वो क्लिप मुझे दे दो…

अमित: जाना ही तो चली जाओ……पर अभी वो क्लिप में तुम्हे नही दे सकता…..मुझे अभी मेरे दोस्त का फोन आया था.मुझे वहाँ जाना है…..

में: देखो अमित अब तुम ये ठीक नही कर रहे हो…..मुझे क्लिप दे दो….

अमित: (उठ कर मेरे पास आते हुए) वो अभी मेरे पास नही…वो मेरे रूम में है, ये घर तो किसी दोस्त का है…..अगली बार जब आओगी, तो वो क्लिप्स ला दूँगा…..

ये कहते हुए, उसने मुझे फिर से बाहों में भर लिए, और अपने हाथों को मेरी कमर के पीछे लेजा ते हुए, मेरी गान्ड को मसल्ने लगा…..फिर उसने मेरे होंटो को एक बार चूसा और बोला….”अब चलो, मुझे भी जाना है”

अब में कर भी क्या सकती थी, में रूम से बाहर आई, और उसके साथ घर से निकल गयी…….मेने अपने घर के लिए ऑटो पकड़ा और घर वापिस आ गयी….जब घर पहुचि तो संजना घर जाने को तैयार थी……

संजना: आ गयी दीदी में तो जाने ही वाली थी…..

में: अर्रे कुछ देर बैठ ना…..

संजना: नही दीदी देर हो जाएगी……अच्छा दीदी क्या मैं सोनिया को कुछ दिनो के लिए साथ ले जाउ….

में: (थोड़ी देर सोचने के बाद) हां हां क्यों नही…..

फिर संजना सोनिया और अपने बच्चो के साथ घर चली गयी…….उनके जाने के बाद में बाथरूम में गयी, और कपड़े उतार कर नहाने की तैयारी करने लगी…..मेने देखा मेरी जांघे अभी भी उसके वीर्य से चिपचिपा रही थी.. मेरी चूत से अभी भी पानी निकल कर बाहर आ रहा था….मेरी पैंटी पूरी तरह से भीग चुकी थी…..

में अभी नहाने ही वाली थी कि, फोन की रिंग बजी मेने अपनी टाँगों को सॉफ किया, और बाथरूम में रखी मॅक्सी पहन कर रूम में गयी….और फोन उठाया……

में: हेलो कॉन…..

अमित: हाँ रानी में हूँ घर ठीक से पहुँच तो गयी ना…..

में: (उसकी आवाज़ सुन कर मुझे फिर से गुस्सा आ गया) अब क्यों फोन किया है. तुम हमारा पीछा छोड़ क्यों नही देते…..

अमित: छोड़ दूँगा साली, अच्छा अभी अभी मेने सोनिया को तेरी जेठानी के साथ जाते देखा है…….

में: तो तुझे मतलब…..

अमित: घर पर अकेली हो..बोलो तो आ जाउ…..

में: नही में तुम्हारी परछाई भी अपने घर पर नही पड़ने देना चाहती..

अमित; ओह्ह इतना गुस्सा….मुझे लगता है कि, तेरे बेटी की क्लिप को बाज़ार में बेचना ही अच्छा रहेगा…..और हां सुन साली आज तो तेरी नंगी मूवी भी बन गयी.उसे भी साथ में बेच दूँगा

में: नही अमित तुम ऐसा नही करोगे….

अमित: क्यों क्यूँ नही कर सकता…..चल अब अपनी चूत की तेल से मालिश करके तैयार हो जा…में आ रहा हूँ….

ये कहते हुए उसने फोन बंद कर दिया……में वही बैठी अपनी किस्मत को रोती रही, और उस मनहूस घड़ी को कोसने लगी. जब मेने उसे रूम रेंट पर दिया था….मुझे अब ऐसा लगने लगा था कि, सोनिया के साथ-2 मेने भी बहुत बड़ी ग़लती कर दी है……में वही बैठी यही सब सोचती रही….. कि बाहर डोर की बेल की आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा….मुझे पता था कि बाहर अमित ही होगा….
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06-25-2019, 01:05 PM,
#28
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मैं अपने आप को संभालते हुए, बाहर गयी और गेट खोला……सामने अमित खड़ा था….वो बिना कुछ बोले अंदर आ गया…..में उसके इरादों को अच्छे से जानती थी…..अब मुझे ही कुछ करना था….में सोच रही थी कि में उसे बातों से मना लूँगी…..मेने गेट बंद किया और, उसके पीछे अपने रूम में आ गयी. वो बिफिकर होकर मेरे बेड पर बैठ गया…..

अमित: तो बता कैसा लगा मेरा लौडा अपनी चूत में लेकर ?

में: मुझे तुम्हारी ये फालतू बकवास नही सुननी……

अमित: ठीक है में भी ज़्यादा बोलने के मूड में नही हूँ…..

ये कहते हुए उसने अपनी पेंट खोल कर नीचे सरका दी, उसका लंड एक दम तना हुआ था, और झटके खा रहा था…उसने मुझे इशारे से पास आने को कहा.जैसे ही में उसके पास गयी, उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने सामने नीचे ज़मीन पर बैठा दिया, और फिर मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर बोला….”ले चूस इसे”

मेने इससे पहले कभी लंड को मूह में नही लिया था.इसके बारे में सिर्फ़ सुना था..और मुझे ये सब करना अच्छा भी नही लगता था…”नही अमित में नही ले सकती” अमित ने मुझे गुस्से से देखा और घुरते हुए बोला….”साली जब अपनी चूत चुस्वा सकती है, तो मेरा लंड नही चूस सकती चल चूस इसे” ये कहते हुए उसने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा , और दूसरे हाथ से मेरे बालों को खेंचते हुए, अपने लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रगड़ने लगा…..

में उसके सामने दर्द से छटपटा रही थी…पर उसके ऊपेर तो जैसे कोई असर नही हो रहा था…..आख़िर कार मुझे अपना मूह खोल कर उसके लंड के सुपाडे को मूह में लेना पड़ा….”अह्ह्ह्ह हां चूस इसे आह” अमित ने अपनी आँखें बंद करते हुए कहा…..मुझे जितना आता था में उसी तरहा से उसके लंड को चूसने लगी….वो पैर नीचे लटका कर बैठा हुआ था…और फिर वो पीठ के बल बेड पर लेट गया…..

फिर उसने मेरे बालों को पकड़ कर खेंचा, तो उसका लंड मेरे मूह से बाहर आ गया….दूसरे हाथ से उसने अपने बॉल्स को पकड़ कर बोला” चल इसे भी चाट” में किसी रंडी के तरह उसकी हर बात मानने को मजबूर थी….मेने अपनी जीभ निकाल कर उसके टट्टो को चाटना शुरू कर दिया…..मुझे ये सब करने में बहुत घिन आ रही थी…..पर मजबूरी ही ऐसी थी….फिर उसने मुझे और ऊपेर उठा कर अपने ऊपेर चढ़ा लिया….में उसकी कमर के दोनो तरफ घुटनो के बल बैठ गयी…..मुझे समझ में नही आ रहा था कि, अब वो क्या करने वाला है….उसने मेरी नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया. मेने नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था

उसने मेरी चूत की क्लिट को अपनी उंगलियों में लेकर मसलते हुए कहा…..”वाह तेरी चूत तो अभी तक पनियाई हुई है” फिर उसने मेरी गान्ड को दोनो तरफ से पकड़ कर मुझे थोड़ा ऊपेर उठाया, और अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिकाते हुए, मुझे नीचे की और दबाने लगा…..

उसका लंड मेरी चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा…..जैसे ही उसके लंड का गरम सुपाडा मेरी चूत के अंदर घुसा मेरे मूह से मस्ती भरी आह निकल गयी….और में अपने आप ही उसके ऊपेर झुकती चली गयी….भले ही में सब मजबूरी में कर रही थी….पर सच बताऊ तो कई सालो के बाद चुदने से मेरे अंदर की आग और भड़क चुकी थी…..

उसने मेरे गले के पीछे हाथ डाल कर अपने ऊपेर झुकाते हुए मेरे होंटो को अपने होंटो में भर लिया…..और नीचे से अपनी कमर को पूरी ताक़त के साथ ऊपेर की तरफ उछाला…..जिसके कारण अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस गया……मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया…..और मेने उसके बाजुओं को कस के पकड़ लिया….

उसका पूरा लंड मेरी चूत में समाया हुआ था……और वो बेदर्दी से मेरे होंटो को चूस रहा था….उसका एक हाथ मेरे चुतड़ों पर था, और दूसरे हाथ से मेरे मम्मो को दबा दबा कर खेंच रहा था….वो मेरे चुतड़ों को मसलते हुए कभी, अपनी एक उंगली गान्ड की दरार में फेर देता, तो मेरा पूरा बदन मस्ती में काँप जाता….और मेरी कमर झटके खाने लगती……जिससे लगता कि, में खुद ही उसके लंड पर बैठी हुई अपनी गान्ड आगे पीछे कर रही हूँ. वो बार -2 मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेर देता….और मेरे कमर आगे की तरफ झटका खाती, और उसके लंड का सुपाडा मेरी बच्चेदानी से रगड़ खा जाता…

वो करीब 5 मिनिट से मेरे होंटो को चूस रहा था…..और मेरी चूत उसके लंड को कभी अपने अंदर कस्ति और कभी ढीला छोड़ देती…..अमित को भी इस बात का अंदाज़ा हो गया था कि, जब वो मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेरता है, तो में आगे की तरफ अपनी कमर को धक्का देती हूँ….मेरी इस बात का उसने फ़ायदा उठाते हुए मेरी गान्ड के छेद पर अपनी उंगली लगा कर दबाने लगा…..मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बयान नही कर सकती…..कहाँ तो कुछ देर पहले में अपनी मजबूरी पर रो रही थी…..और कहाँ अब चूत की आग के कारण में मदहोश हो गयी थी….

मेरी कमर अपने आप ही आगे की तरफ झटके खाने लगी…..जिससे मेरी चूत के अंदर अमित का लंड अंदर बाहर होकर रगड़ खाने लगा…..वो अभी भी मेरे होंटो को बुरी तरहा से चूस रहा था…बीच-2 में वो मेरे होंटो पर अपने दाँत भी गढ़ा देता….मुझे पता नही कब मेरे हाथ उसकी बाजुओं से हट कर उसके सर पर चले गये….और में भी उसके सर को पकड़ कर अपने होंटो को चुसवाने लगी….अमित भी धीरे-2 अपनी कमर को हिला रहा था…..

थोड़ी देर बाद उसने मेरे होंटो को छोड़ा, और मुझे अपने ऊपेर सीधा बैठा दिया……मुझे उसका लंड अपनी नाभि तक अंदर घुसा हुआ महसूस हो रहा था…. उसने मुस्कुराते हुए कहा……..”देख तेरी फुद्दि कैसे पानी की नदी बहा रही है… साली मेरे टटटे भी गीले कर दिए…..” मेने अपना फेस घुमा कर पीछे की ओर देखा, पर में ठीक से नही देख पे…..फिर अमित ने मेरा एक हाथ पकड़ कर कमर के पीछे लेजाते हुए अपने टट्टो पर लगा दिया……

जैसे ही मेने उसके बॉल्स को छुआ में एक दम हैरान रह गयी…..उसके बॉल्स एक दम गीले हो चुके थे….जैसे किसी ने मूत दिया हो…..मेने अपना हाथ आगे करके अपने सर को झुका लिया…..अमित थोड़ा एडजेस्ट होते हुए बैठ गया…..हम दोनो बेड के बिल्कुल किनारे पर थे….उसके पैर बेड के नीचे लटक रहे थे, और में उसके लंड को अपनी चूत में लिए हुए उसकी गोद में बैठी थी….

अमित: क्यों सही कह रहा हूँ ना…
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06-25-2019, 01:05 PM,
#29
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में उससे नज़रे नही मिला पा रही थी….उसने मेरी नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया……वो मेरे नाइटी को उतारना चाहता था. पर में फिर से उसके सामने नंगी होने से शरमा रही थी……इसीलिए मेने हाथ ऊपेर नही किए….पर उसने ज़बरदस्ती करते हुए मेरी नाइटी को मेरे गले से निकाल कर नीचे फेंक दिया….अब में एक बार फिर से उसके सामने नंगी थी…. उसने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया…….”उच्छल ना साली अब ऐसे लौडा फुद्दि में लिए बैठी रहे गी क्या”

मेने उसकी बात कोई जवाब नही दिया….वो भी अपनी कमर को नीचे से ऊपेर नीचे कर रहा था……..उसके लंड के घर्षण को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके में एक दम गरम हो गयी….में भी उसके साथ ऊपेर नीचे होने लगी…….धीरे-2 हम दोनो की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी……और जब मेरी गान्ड उसकी जाँघो से टकराती तो, थप-2 की आवाज़ होने लगती…….

में काफ़ी देर से अपनी सिसकारियों को दबाए हुए थी……..पर अब में अपने आप पर काबू नही रख पा रही थी…..”अहह अमित ओह्ह्ह मुझी माफ़ कर दूओ..ह ह धेरीई अमित्त्त मेरी फुददी अह्ह्ह्ह ओह ओह”

पूरा रूम थप-2 और मेरी सिसकारियों की आवाज़ से गूँज रहा था…..अमित का लंड अब पूरी रफ़्तार से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था, और में भी उसके लय में लय मिलाती हुई, अपनी गान्ड को उछाल-2 कर उसके लंड पर अपनी चूत को पटक रही थी……

मेरा बदन एक दम से अकड़ने लगा…..और मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी…. में हाए ओह्ह करती हुई झड गयी….अमित भी तेज़ी से शॉट लगाते हुए झड़ने लगा..चुदाई का ये दौर करीब 30 मिनट तक चला……में बुरी तरह से उसकी गोद में हाँफ रही थी……
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में बुरी तरह से थक गयी थी…मुझे कुछ होश ना था….थोड़ी देर बाद में जब मुझे होश आया तो देखा, कि में अमित के ऊपेर लेटी हुई थी…उसका आधा खड़ा लंड मेरी गान्ड की दरार पर रगड़ खा रहा था…..उसकी आँखें भी बंद थी. में उसके ऊपेर से उठ कर बेड से नीचे उतर गयी…..और झुक कर अपनी नाइटी उठाने लगी…तो मुझे अपनी गान्ड पर अमित के हाथ महसूस हुए, जब मेने पलट कर देखा, तो अमित बेड के किनारे पर बैठा हुआ, मेरी गान्ड को सहला रहा था..उसकी आँखों में अजीब सी चमक थी….

मेने अपनी नाइटी उठाई, और पहन ली, अमित खड़ा हुआ, और मेरी नाइटी को पकड़ कर कमर तक ऊपेर उठा दिया…..”अमित छोड़ो मुझे अब बहुत हो गया” अमित ने मेरी और मुस्कुराते हुए देखा, और अपने लंड को मेरी नाइटी से सॉफ करने लगा. उसके बाद उसने अपनी पेंट पहन ली, और बाथरूम के तरफ जाते हुए बोला….

अमित: जान मेरा भी खाना बना लेना…….आज रात यही रुकुंगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना कर सुबह जाउन्गा…..

में अमित से कुछ ना कह पाई…..बाथरूम से वापिस आकर अमित बेड पर लेट गया….उसके बाद में बाथरूम में गयी….और नहा कर बाहर आई….मेने कभी ज़िदगी में नही सोचा था कि, मुझे ऐसे दिन देखने पड़ेंगे…..

नहाने के बाद जब में अपने रूम में आई, तो देखा अमित सो रहा था… एक बार तो सोचा कि अभी इसको जान से मार दूं तो सारा खेल यही ख़तम हो जाएगा. फिर मन में डर था कि एक चीज़ से बचाने के लिए दूसरी ग़लती नही कर सकती में मन मार कर किचन में आ गयी….रात के 8 बज चुके थे……मेने खाना तैयार किया….और बाहर आकर बरामदे में बैठ गयी…थोड़ी देर बाद अमित उठ कर बाहर आ गया….

अमित: खाना बना लिया……

में: हां. बन गया है, अमित अब तक तुमने जैसे कहा. मेने वैसे किया अब में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ……वो क्लिप मुझे दे दो….

अमित: ठीक है दे देता हूँ……पर एक शर्त है.

में: क्या शर्त है, में तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूँ….

अमित: (मुझे क्लिप की डीवीडी देते हुए) ये लो, पर हां आज रात भर मुझे खुस रखना होगा…
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06-25-2019, 01:05 PM,
#30
RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, और अपने रूम में जाकर वो डीवीडी छुपा दी, अब मेरे पास वो डीवीडी आ चुकी थी…..एक बार तो सोचा अब इसको धक्के दे कर घर से निकाल दूं….पर फिर भी मन में डर था, कि कही ये इसकी कोई और चाल तो नही…..मेने बाहर आकर खाना लगाया, और हम दोनो ने खाना खाया. अब रात बहुत हो चुकी थी…..बाहर सर्दी अब पूरे जोरों पर थी…..जब में काम निपटा कर अपने रूम में दाखिल हुई, तो मेरे कदम वही जम गये…

अमित मेरे बेड पर नंगा लेटा हुआ था. उसने कमर से निचले हिस्से पर रज़ाई ओढ़ रखी थी….और अपने हाथ से अपने 9 इंच लंबे लंड को हिला रहा था….मेने डोर बंद किया, और बेड के किनारे पर आकर बैठ गयी…..अमित ने एक हाथ बढ़ा कर मेरी शॉल को पकड़ कर अपनी तरफ खेंचा…..में बिना कुछ बोले बेड पर चढ़ गयी……अमित ने रज़ाई उठा दी, ताकि में रज़ाई के अंदर आ सकूँ….जैसे ही में रज़ाई के अंदर लेटी, वो मेरे ऊपेर आ गया….और मेरी शाल को मेरे बदन से अलग करके नीचे फेंक दिया…..अब में सिर्फ़ नाइटी में थी….

उसने मेरे ऊपेर लेटते हुए मेरे होंटो अपने होंटो में भर लिया….और मेरे होंटो को चूस्ते हुए नाइटी के आगे के हुक्स को खोलने लगा…..इस बार वो पहले की तरह बेदर्दी नही दिखा रहा था……उसने एक -2 करके मेरी नाइटी के सारे हुक्स खोल दिए….मेने नीचे कुछ नही पहना था….उसने मेरे मम्मों को पकड़ कर नाइटी से बाहर निकाल लाया……और मेरे होंटो से अपने होंटो का हटा कर मेरे लेफ्ट निपल को मूह में भर चूसना शुरू कर दिया…..

अपने निपल पर उसकी गरम-2 जीभ महसूस करते ही, में सिसक उठी……इस बार वो बड़े ही प्यार से मेरे निपिल्स को चूस रहा था…..और दूसरे हाथ से मेरी नाइटी को नीचे से ऊपेर कर रहा था…..थोड़ी देर में ही नाइटी मेरी कमर तक चढ़ चुकी थी…..हम दोनो रज़ाई के अंदर थे.इसीलिए नीचे का कुछ दिखाई नही दे रहा था……मुझे इसका अहसास तब हुआ जब उसके लंड का दहाकता सुपाडा मेरी चूत के छेद पर आ लगा…….मेरा जिस्म बुरी तरह से कांप गया.

मुझे पता नही में क्यों इतनी मदहोश हो गयी कि, मेने गले में बाहें डाल कर अपने से चिपका लिया”ओह्ह्ह अमित” मेने मस्ती भरी आवाज़ में कहा…..अमित ने मेरी चुचि को मूह से निकाला और फिर मेरी तरफ देखते हुए, अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…..

उसका लंड मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ झटके खा रहा था….में इस कदर मदहोश गयी थी, कि मेने भी अपने होंटो को खोल कर उसके होंटो की तरफ बढ़ा दिया……अमित फिर से मेरे होंटो को चूसने लगा…..इस बार नज़ाने क्यों में उसका साथ देने लगी थी……वो मेरे होंटो को चूस्ते हुए, मेरे निपल्स को अपने हाथों की उंगलियों में लेकर मसल रहा था, और मरोड़ रहा था….

मेरी चूत फिर पनिया गयी…..और उसने कुछ देर मेरे होंटो को चूसा, फिर मेरे गालों और गर्दन को जीभ चाटने लगा……में उसकी इन हरकतों से मदहोश होती जा रही थी…..मेरे हाथ उसके कंधो और पीठ को सहला रहे थे….वो मेरे बदन के हर हिस्से को चूम रहा था चाट रहा था….फिर वो धीरे-2 नीचे की और बढ़ने लगा……मेरे पेट को चूमते हुए, मेरी नाभि के अंदर जीभ डाल कर चाटने लगा…..

उसकी इस हरकत से में एक दम से सिसक उठी…..मेने उसके बालो को पकड़ लिया… और उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाने लगी……जब मेरे पति जिंदा थे, तब उन्होने कभी मेरे साथ ऐसा फोरप्ले नही किया था…हम तो सीधा साधा सा सेक्स करना जानते थे……इन सब चीज़ों में कितना मज़ा आता है.ये मुझे आज महसूस हो रहा था…….

मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी…..शुकर था कि, घर पर हम दोनो के सिवा कोई नही था…..फिर वो और नीचे की ओर बढ़ने लगा….मेरी जाँघो की जडो को जीभ से चाटने लगा…..में एक दम से तिलमिला उठी….”आह अमित्त सीईइ वाहाा नही मुझसे सहा नही जाता अह्ह्ह्ह अमित्त्त्तत्त ओह्ह्ह्ह.” पर अमित तो मेरी कोई बात नही सुन रहा था…आख़िर कार मेरे सामने वो मंज़र घूम गया, जब उसने सुबह मेरी चूत को चाटा था…..

फिर वो मेरी चूत पर आ गया…..और किसी भूखे जानवर की तरह मेरी चूत को फांकों के साथ मूह में भर कर चूसने लगा…..

में: (एक दम मस्त होकर गरम होने लगी) आहह ओह्ह्ह नही अमित्त्त ओह अह्ह्ह्ह अहह सीईईईई नही आईई माआ ओह क्या कर्र रहा है ओह्ह्ह मुंडिया मान जा अहह मेरीए जान काढ़ के रहेँगाआ आह खा गया आह तू मुझीई आ पूराअ काा पूराअ आह ख़ाा जाअ पूराअ अहह उफफफ्फ़ मेरीए जानंनणणन् फंससस्स गाईए……..हाई मेरीए फुदीइ खा गायाअ..

में पता नही क्या अनाप सनाप बके जा रही थी..मुझे खुद इस बात का होश नही था…..मेरी गान्ड बेड से 2 फुट ऊपेर उठ चुकी थी….और मेरी कमर बुरी तरह झटके खा रही थी…..फिर उसने मेरी चूत से मूह हटा लिया…..मेने तेज़ी से साँसे लेते हुए उसकी तरफ देखा…फिर वो नीचे झुक कर मेरे टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाने लगा…..

में मदमस्त और बदहवास सी उसके इशारो पर काम करने लगी थी…..जैसे ही उसने मेरी टाँगों को ऊपेर उठा कर फेलाया……उसने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर मेरी चूत पर रखते हुए मेरी फांकों को फेलाना शुरू कर दिया….में समझ गयी कि, वो क्या चाहता है….मेने अपनी चूत की फांकों को फेला दिया. फिर उसने मेरी उंगलियों को पकड़ कर चूत की फांकों पर क्लिट के बिल्कुल पास दोनो तरफ सेट किया, और फेलाने के लिए हाथों को खेंचा….जैसे ही मेने फिर से क्लिट के पास के मास को खेंचा….मेरा क्लिट किसी फूले हुए दाने की तरफ बाहर आ गया.

जिसे देख कर उसकी आँखें चमक उठी……मेने अपनी आँखें बंद कर ली, मुझे पता था कि, अमित का अगला स्टेप क्या होने वाला है, पता नही कि में बर्दास्त कर पाउन्गि या नही….में अभी यही सोच रही थी कि, उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरी क्लिट पर रगड़ना शुरू कर दिया…में बुरी तरह से हिल गयी…..मेरे हाथ वहाँ से निकल गये…”अहह अमित्त”

अमित: क्या साली क्या कर रही है…..चल फिर से निकाल अपना दाना बाहर…

उसने फिर से मेरी टाँगों को फेला दिया…..और मेरे हाथों को पकड़ कर वही पर रखते हुए बोला”चल अब निकाल बाहर” मेने फिर से क्लिट वाले पास के मास को खेंचा,और चूत का क्लिट फिर से बाहर आ गया….इस बार उसने अपने हाथों से और मास को खेंचा, तो क्लिट पूरी तरह से बाहर आ गया……इस बार उसने बिना किसी देर किए, पूरा का पूरा क्लिट मूह में भर लिया…..और साथ में मेरी टाँगों को ऊपेर की तरफ उठा कर दबोच लिया….ताकि में हिल ना सकूँ…..
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