Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
08-21-2019, 08:25 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
उधर कामया विमल के उपर चढ़ि उसे चूमे जा रही थी. एक ही बिस्तर पे दो बहने नंगी एक गान्ड मरवा के बुरी हालत में लेटी हुई थी और दूसरी उसके बेटे के उपर चढ़ि उसे चूम रही थी. विमल के जिस्म को चूमने के बाद उसके लंड को एक कपड़े से सॉफ करती है और चाट्ना शुरू कर देती है. कामया के होंठों की गर्मी और उसके ज़ुबान के कोमल प्रहार से विमल का लंड खड़ा होने लग गया.




‘ ओह माँ कितना अच्छा चुस्ती हो, अहह’

स्लुउउुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प की आवाज़ें कमरे में फैल रही थी और कामया मज़े से विमल का लंड चूस रही थी.

धीरे धीरे कामया ने पूरा लंड अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया जो सीधा उसके गले में घुस रहा था. वो लंड पूरा अंदर तक लेती फिर बाहर निकाल कर सांस लेती और फिर वही करती. विमल को यूँ लग रहा था जैसे कोई टाइट चूत चोद रहा हो. कामया जो मज़ा उसे दे रही थी, वो उसे आज तक नही मिला था.

कामया धीरे धीरे फॉर्म में आती गई और बिल्कुल एक रंडी की तरहा अपने बेटे का लंड चूसने लगी. जब कामया को लगा कि वो झड़ने वाला है तो उसने लंड अपने मुँह से बाहर निकाल लिया और अपनी साँसे ठीक करने लगी.
विमल ने मस्ती में अपनी आँखें बंद कर रखी थी.

कामया नही चाहती थी कि विमल जल्दी झाडे. जैसे ही उसकी साँसे संभली वो फिर विमल के उपर चढ़ गई उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ अपनी चूत से लगाया और बैठती चली गई.
जैसे ही विमल का लंड उसकी चूत में घुसने लगा कामया की सिसकियाँ निकलने लगी.

उम्म्म्ममममममममम उूुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

और धीरे धीरे कामया ने विमल का पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया. विमल की आँखें खुल गई और उसने कामया के दोनो उरोज़ थाम लिए और उनका मर्दन करने लगा.

म्म्म्ममममममाआआआआआआअ उूुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
आराम से दर्द होता है.

लेकिन विमल कुछ नही सुनरहा था वो ज़ोर ज़ोर से कामया के उरोज़ मसल रहा था.

अहह

सिसकते हुए कामया अब उपर नीचे हो कर विमल को चोदने लगी या उस से चुदने लगी बात तो एक ही है छुरी खुर्बूजे पे या खरबूजा छुरी पे.
कामया की स्पीड बढ़ने लगी और विमल भी अपनी गान्ड उछाल उछाल कर अपना लंड कामया की चूत में पेलने लगा.

आधे घंटे की घमासान चुदाई में कामया चार बार झाड़ गई और जब विमल की पिचकारियाँ उसकी चूत में छूटने लगी तो कामया तड़प के विमल के उपर गिर पड़ी उसकी चूत ने विमल के लंड को बुरी तरहा जाकड़ लिया और एक बूँद निचोड़ते हुए खुद भी झाड़ पड़ी.

दोनो ही एक दूसरे से बुरी तरहा चिपक गये. फिर कामया विमल के उपर से उठ कर उसकी बगल में लेट गई. अब विमल दो नग्न हसीनाओं के बीच में लेटा था. एक की गान्ड मारी थी और दूसरे की चूत.
आज तो उसके मज़े ही मज़े थे. थकान के कारण दोनो नींद के आगोश में चले गये.

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रवि तो ख्वाब में भी नही सोच सकता था कि उसकी देवी उसके बढ़े भाई से चुदवा रही है. देखते हैं ये राज जब उसपे खुलेगा तो उसकी क्या हालत होगी.
अभी तो वो अपनी नंगी बहन को अपने गोद में ले कर बैठा था, जो उसके होंठ चूस रही थी. जाहिर है अब दोनो चुदाई करेंगे, हम चलते हैं ज़रा रमेश और रिया के पास.

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08-21-2019, 08:25 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
रमेश रानी को चोद कर उसके साथ ही लेटा हुआ था, उसके दिमाग़ से रिया निकल ही गई थी. उसे ये नही पता चला कि दरवाजे की ओट में रिया खड़ी सारा खेल देख रही थी आँखों में आँसू थे और उंगलियाँ अपनी चूत पे चला रही थी.

वो समझ चुकी थी कि रमेश एक ऐसा चुड़दकड़ इंसान है जो किसी का नही हो सकता, उसे बस चूत चाहिए, चाहे किसी की भी हो. पर रिया ये नही समझ पा रही थी कि जब वो चुदने को तैयार बैठी थी तो रमेश फिर उसे छोड़ कर रानी को चोदने क्यूँ चला आया.

रानी की इतनी भयंकर चुदाई हुई थी, कि वो अपनो की दुनिया में खो गई थी और रमेश की भी आँखें बंद हो गई थी. रिया की आँखों के सामने रमेश का लंबे मुरझाया हुआ लंड था जो रानी की चूत के रस से भीगा हुआ चमक रहा था.

रिया कुछ सोच कर अंदर कमरे में चली गई और रमेश के पास नीचे बैठ कर उसके लंड को घूर्ने लगी और उसके हाथ रमेश के लंड पे चले गये, गीला लंड उसे अजीब लगा, पर वो अपने अंदर उठते हुए तूफान की आगे मजबूर हो चुकी थी. वो भूल चुकी थी कि साथ में रानी भी लेटी हुई है और जब उसकी नज़र रिया पे पड़ेगी तो वो क्या सोचेगी.

रिया रमेश के लंड पे झुकती चली गई और उसकी ज़ुबान रमेश के लंच को चाटने लगी पहले तो रानी की चूत का रस उसे अज्जीब लगा और साथ रमेश का मिला हुआ वीर्य एक अलग ही टेस्ट दे रहा था ना तो उसे सिर्फ़ रानी की चूत के रस का अलग टेस्ट मिल रहा था और ना ही रमेश के वीर्य का, उसके मुँह में दोनो का मिलाजुला टेस्ट आ रहा था. थोड़ी ही देर में रिया ने रमेश का पूरा लंड चाट डाला जो अब रिया की थूक से सन चुका था.

सोए सोए रमेश का लंड खड़ा होने लगा और अपने आकार में आ गया और रिया लोलीपोप की तरहा रमेश का लंड चूसने लग गई.
रिया के होंठों की गर्मी पा कर रमेश की आँखें खुल गई और रिया को अपना लंड चूस्ता हुआ देख कर वो घबरा गया. उसने एक नज़र रानी पे डाली जो सो रही थी.
रमेश ने फटाफट रिया को खुद से अलग किया और उसे उठा कर कमरे में ले गया.

‘क्या कर रही थी तुम, अगर रानी तुम्हें देख लेती तो.’
‘देख लेती तो क्या होता, एक रंडी दूसरी रंडी को कुछ नही कहती है’ और रिया लपक कर रमेश के पास गई और झुक कर उसके लंड को मुँह में ले लया..

रमेश ने उसे अपने से अलग किया

‘बेटा ये ग़लत है – बाप- बेटी में ये…..’

‘अगर ग़लत होता तो अभी तक तुम्हारा लंड खड़ा नही रहता – भूल जाओ मैं तुम्हारी बेटी हूँ – बस एक औरत जिसके पास चूत है और तुम्हारे पास लंड- आगे बढ़ो और चोद डालो मुँझे’

‘रिय्ाआआआआआ’ रमेश ज़ोर से चिल्लाता है – उसे इस बात की कतई भी उम्मीद नही थी कि रिया इस तरहा खुल कर चुदने की बात करेगी.

‘चिल्लाओ मत – मज़ा लो और मज़ा दो – कुँवारी चूत मिल रही है – तुम्हें तो खुश होना चाहिए’

रमेश के दिमाग़ का फ्यूज़ उड़ गया उसे रिया से डर लगने लगा फटाफट अपने कपड़े पहने और बाहर निकल गया.

‘ठीक है तुम यही चाहते हो सड़क पे चूत खोल के बैठ जाउ – तो यही सही’ उसके निकलते ही रिया ज़ोर से चिल्लाती है और नंगी कमरे से बाहर निकल पड़ती है.

रिया की बात सुन रमेश के पैर बाहर ही जम गये थे और जब उसने रिया को नंगा ही बाहर निकलते देखा तो उसके होश उड़ गये और उसकी नज़रें रिया के सुडोल उरोजो पे जम गई.

रिया चलती हुई उसके करीब पहुँच गई और उसके साथ चिपक कर अपना एक हाथ नीचे ले जाकर पॅंट के उपर से उसका लंड दबाने लगी.

‘कब तक दूर भागोगे – मैं फ़ैसला कर चुकी हूँ – मेरी सील तुम ही तोड़ोगे और कोई नही और आज ये मोका मैं हाथ से नही जाने दूँगी.’

रमेश बस रिया को घूर कर देखता रह गया. रिया के मसलने से उसका लंड फिर खड़ा होने लगा.


‘देखा तुम्हारा लंड भी मुझे छोड़ना चाहता है- कैसे कड़क हो रहा है बेटीचोड़’ और रिया और भी ज़ोर से रमेश के लंड को मसालने लगी.

फिर रिया करीब करीब धकेलते हुए रमेश को फिर कमरे में ले गई और उसकी पॅंट खोल नीचे उसके पैरों में गिरा डाली. रमेश का लंबा मोटा लंड अंडरवेर फाड़ के बाहर निकलने को तयार था और रिया ने और वक़्त ना जाया करते हुए नीचे बैठ कर उसके अंडर वेअर को सरका कर लंड को आज़ाद कर दिया., रिया की आँखों में वो चमक थी जैसे कई दिनो के बाद भूके को रोटी देख कर होती है और रिया ने उसके लंड को सहलाते हुए चाटना शुरू कर दिया.

रमेश इतना बढ़ा चुड़क्कड़ था फिर भी रिया के सामने उसकी एक ना चल रही थी, यूँ लग रहा था उसे जैसे आज उसका बलात्कार हो रहा हो और वो भी उसकी बेटी के द्वारा. उसकी मानसिक हालत का कोई भी अंदाज़ा नही लगा सकता था.

तभी रिया की नज़र रानी पे पड़ जाती है जो आँखें फाडे बाप बेटी की रासलीला देख रही थी.

रिया रमेश का लंड मुँह से बाहर निकालती है और एक तूफान आ जाता है.

‘इधर आ ओ रंडी – हरम्जादी – जो लंड मेरी चूत में जाना था उसे तू ले गई – इधर आ और मेरी चूत को तैयार कर’

रमेश की गान्ड और फट गई और रानी की सबसे ज़्यादा – उसे तो उस पल पे अफ़सोस होने लगा जो अपने बिस्तर से उठ के यहाँ तक चली आई.

‘इधर आ हराम जादी कपड़े उतार और मेरी तरहा नंगी होज़ा और फटाफट मेरी चूत को चुदने के लिए तयार कर’
और रिया की बातें सुन कर रमेश की गान्ड और फटने लगी- उसका खड़ा लंड बैठने लगा -
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08-21-2019, 08:29 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
आतम ग्लानि और बेटी के इस रूप को वो सह नही पाया और उसे दिल का दौरा पड़ गया और भरभराता हुआ गिर पड़ा.


रमेश जब भरभरा कर नीचे गिरता है तो रिया घबरा जाती है. असल में रमेश नाटक कर रहा था ताकि रिया का ध्यान बँट जाए और वो अपने आपको और जलील होते हुए बचा सके. वो अपनी नौकरानी के सामने ऐसा कुछ नही होते हुए दिखाना चाहता था कि बाप – बेटी के बीच में कुछ है और बाद में वो रानी को समझा देता कि रिया को कुछ बीमारी है जो जल्दी ठीक हो जाएगी.

रिया क्यूंकी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है वो कुछ तो जान ही चुकी थी, रानी के साथ मिल कर वो रमेश को बिस्तर पे लिटाती है और उसकी नब्ज़ देखती है. रिया समझ जाती है कि रमेश नाटक कर रहा है.

अभी तक रमेश का ढीला लंड नंगा ही था.

‘रानी तू जा – मैं तुझे बाद में बुलाती हूँ’
‘डॉक्टर को बुलालूँ क्या ?’
‘नही कोई ज़रूरत नही – मैं संभाल लूँगी’
रानी के जाने के बाद रिया कमरे का दरवाजा बंद करती है और रमेश के सारे कपड़े उतार देती है.
फिर वो रमेश के साथ चिपक जाती है और अपने मम्मे उसकी छाती पे रगड़ते हुए उसके लंड को सहलाने लगती है.
रमेश कोई हरकत नही करता वैसे ही पड़ा रहता है.
रिया को रमेश की इस हरकत पे गुस्सा चढ़ रहा था, खुद को संभाल कर वो रमेश ला लंड चूसने लग जाती है.
रिया के होंठों की गर्मी पा कर ना चाहते हुए भी रमेश का लंड सर उठाने लगता है.

और रिया उठ कर रमेश के होंठ चूमने लगी.

‘जानू नाटक मत करो मैं जानती हूँ तुम्हें कुछ नही हुआ है – क्यूँ तडपा रहे हो मुझे’

अब रमेश मजबूरन अपनी आँखें खोल देता है.
रिया को अपने जिस्म से अलग कर बैठ जाता है.

‘बेटी ये ग़लत है – बाप बेटी में ये सब नही होता – मैं जल्दी तेरी शादी करवा दूँगा’

अब रिया फिर भड़क जाती है.

‘लगता है आप ऐसे नही मानो गे – बुलाऊ आप की रंडी रानी को – उसे चोदने के लिए तो फिर से तयार हो जाओगे ना तब उसे हटा कर मैं आ जाउन्गि- तब तुम नही रुक पाओगे – या फिर अभी चली जाउ सड़क पे कोई भी चोदने के लिए तयार हो जाएगा’
‘ऊफ्फ तू नही मानेगी!’

‘नही – आज तुम्हें मेरी प्यास भुजानी है – तुम्हें तरस नही आता मुझ पर – क्यूँ मुझे छोड़ के उस रंडी को चोदने चले गये – मेरा ज़रा भी ख़याल नही आया’ कहते हुए रिया रो पड़ी और रमेश से चिपक गई.

एक तो रमेश पहले ही रिया की बातों से घबराया हुआ था और उस पर अब जब वो रोने लगी तो उस से रहा ना गया और रिया को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके आँसू चाटने लगा.
‘ओह पापा लव मी पापा – आज मुझे औरत बना दो पापा – मुझे अपनी जिंदगी में कोई और नही चाहिए – मैं सिर्फ़ आपसे प्यार करती हूँ’

रमेश रिया के होंठों को चूमने लग गया और उसके मम्मों का मर्दन करने लग गया.

‘उम्म्म्मममममममममम’ रिया की सिसकियाँ निकलने लगी तो रमेश के होंठों में दम तोड़ रही थी.

रिया का हाथ एक बार फिर रमेश के लंड पे चला गया और उसे सहलाने लगा.
बाप बेटी दोनो एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे एक दूसरे के मुँह में अपनी थूक गिरा रहे थे – दो बदन एक होने के लिए तड़पने लगे और रमेश ज़ोर ज़ोर से रिया के उरोजो का मर्दन करते हुए उसके होंठों का रस पी रहा था.

रिया की चूत में बहुत खुजली मच चुकी थी उसका रस धीरे धीरे बह रहा था.

‘अब नही रहा जा रहा पापा – अब डाल दो अंदर’ रिया अपने होंठ छुड़ा कर बोली.

रमेश रिया को बिस्तर पे पीठ के बल लिटा कर उसकी चूत को अपने हाथ से रगड़ने लगा और उसके निपल को चूसने लग गया.

‘अहह पापा ---------उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जानू और मत तडपाओ --------हहाआआआईयईईई

रिया ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी और रमेश ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी.

म्म्म्मोमममममाआआआआआआआआआआआआअ

रिया ज़ोर से चीखी, रमेश अपनी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लग गया और थोड़ी देर में रिया अपनी गान्ड उछाल उछाल कर उसकी उंगली से अपनी चूत मरवाने लगी.

आह आह उँ उम उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करो ज़ोर से करो और अंदर डालो अहह
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08-21-2019, 08:29 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
रमेश ज़ोर ज़ोर से उसके निपल चूस रहा था कभी एक तो कभी दूसरे एक हाथ से उसके दूसरे उरोज़ को मसल रहा था और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था.

आह आह आह उम ओह ह्म्म्म्म उफफफफफफफफफफ्फ़

रिया की सिसकियाँ ज़ोर पकड़ रही थी और जैसे ही रमेश ने उसके क्लाइटॉरिस को छेड़ा
रिया चीखती हुई झड़ने लगी

आआआआआआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

रिया का जिस्म ढीला पड़गया और रमेश उसे छोड़ कर उसके सर के पास आ गया और अपने लंड उसके मुँह के आगे कर दिया, रिया ने भी उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद जब रमेश का लंड रिया की थूक से चिकना हो गया तो उसने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया और उसकी जांघों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पे घिसने लगा.

अहह रिया सिसक पड़ी और अपनी गान्ड उछालने लगी रमेश के लंड को अपनी चूत में लेने के लिया.
रमेश ने एक तकिया रिया की गान्ड के नीचे रख और उसकी जांघे फैलाकर एक ज़ोर का झटका मारा और उसका सुपाडा रिया की चूत में घुस गया.
दर्द के मारे रिया ज़ोर से चिल्ला पड़ी.

म्म्म्म ममममममममममममाआआआआआआआआआआआआअ

रिया के दर्द की परवाह ना करते हुए रमेश ने एक और धक्का लगा दिया और उसका आधा लंड रिया की चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया.

अब रिया और ज़ोर से चिल्लाई और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.

म्म्म्म ममममममाआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्रररगगगगगगगगगगगगाआआओयय्ययययययययीीईईईईईईई

अब रमेश रुक गया और रिया के होंठ चूसने लग गया. रिया मचल रही थी, रमेश के कंधों पे ज़ोर लगा रही थी उसका लंड बाहर निकालने के लिए. उसे पता था पहली बार दर्द होगा पर जितना उसे हो रहा था वो झेल नही पा रही थी.

और एक बार रमेश जैसे इंसान का लंड एक कुँवारी चूत में घुस जाए तो बिना अपना काम किए बाहर नही निकलता.

थोड़ी देर बाद जब रिया को राहत मिली तो रमेश धीरे धीरे अपने आधे घुसे लंड को अंदर बाहर करने लगा और रिया दर्द भरी सिसकियाँ लेने लगी

आह आह धीरे धीरे हाई ओह ओह माँ है आराम से

कुछ देर बाद रिया को मज़ा आने लगा और उसने अपनी चूत रमेश के लंड पे मारनी शुरू कर दी.

आह आह तेज करो, है चोदो मुझे आह मज़ा आ रहा है
हां और तेज और तेज

और रमेश ने उसके निपल को चूस्ते हुए अपनी गति बढ़ा दी.

रिया के हाथ रमेश की पीठ को सहलाने लगे, टाँगें उठा कर रमेश की कमर को जाकड़ लिया और अपनी गान्ड उछाल उछाल कर उसका लंड अंदर लेने लगी.

रिया की टाइट चूत से रमेश मस्त होता चला गया अब सिर्फ़ जिस्म की प्यास बुझाना ही याद रहा उसे.

ज़ोर ज़ोर से चोद्ते हुए रमेश ने एक करारा झटका मार डाला और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा डाला

आआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
रिया बहुत ज़ोर से चीखी और अपने नाखूनों से रमेश की पीठ खुरच डाली.
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08-21-2019, 08:29 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
रमेश अब रुका नही और उसने ज़ोर ज़ोर से रिया को पेलना जारी रखा

हाई हाई हा आह आह आह उम्म्म्ममममम ओह ओह

रिया दर्द भरी सिसकियाँ फिर से लेने लगी और खचाखच रमेश का लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था.

दर्द भरी सिसकियाँ मस्ती में बदलने लगी रिया की चूत ने अपना रस छोड़ना शुरू कर दिया

और कमरे में फॅक फॅक फॅक का संगीत गूंजने लगा

यस यस हार्डर हार्डर, फास्टर --------चोदो चोदो और ज़ोर से चोदो
अब तक इतना क्यूँ तडपाया – ये मज़ा पहले क्यूँ नही दिया

जो मुँह में आ रहा था रिया बोले जा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड उछाल रही थी.

कमरे में तूफान आ चुका था जो जिस्म बिजली की गति से टकरा रहे थे.

आआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

एक ज़ोर की चीख के साथ रिया झाड़ गई और बुरी तरहा रमेश से चिपक गई.
रिया को उसके ओर्गसम का मज़ा देने के लिए रमेश थोड़ी देर रुक गया और उसके निपल चूसने लग गया.

रिया की चूत में एक सैलाब सा आ गया था जो रमेश के लंड को नहला रहा था.

रिया थोड़ी ढीली पड़ी और रमेश के धक्के फिर चालू हो गये. फिर से रिया को मस्ती चढ़ने लगी और सिसकियाँ भरते हुए रमेश का साथ देने लगी.

दोनो के होंठ फिर जुड़ गये और रमेश के धक्के बहुत तेज हो गये रिया भी उसी स्पीड के साथ रमेश का साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद

दोनो ही एक चीख के साथ साथ साथ झड़ने लगे. रिया की चूत ने रमेश के लंड को जाकड़ लिया जो उसके अंदर अपने वीर्य की बौछार कर रहा था.
दोनो बुरी तरह एक दूसरे से चिपक के हाँफने लगे.

मस्ती का आलम जब शांत हुआ तो रमेश रिया के उपर से हट के उसकी बगल में लेट गया.

दोनो को इतना सकुन पहुँचा था कि दोनो की आँखें उस आनंद को समेटते हुए बंद हो गई और दोनो ही नींद के आगोश में चले गये.

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उधर ऋतु रवि की गोद में बैठी हुई थी और रवि उसके होंठ चूस रहा था.

ऋतु के हाथ उसके सर को सहला रहे थे . धीरे धीरे दोनो गरम होने लगे और ऋतु ने उठ कर रवि के कपड़े उतार डाले.

अब दोनो नंगे एक दूसरे के सामने थे, दोनो की आँखों में एक दूसरे का नंगा जवान जिस्म लहरा रहा था.

पता ही नही चला दोनो फिर एक दूसरे से चिपक गये.

दोनो के होंठ फिर आपस में जुड़ गये और रवि का लंड ऋतु की चूत पे दस्तक देने लगा. ऋतु अपना हाथ नीचे ले जाकर रवि के लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी और रवि उसकी गान्ड को मसल्ने लगा.

साँसे उखाड़ने लगी तो दोनो के होंठ मजबूरन अलग हो गये.

‘मुझ से कितना प्यार करता है हाई’

‘मेरी जान माँग ले ना नही करूँगा’

‘जान ले लूँगी तो मैं कैसे जीउन्गि पगले’

ऋतु रवि के लंड को मसलती जा रही थी.

‘मेरी एक फॅंटेसी पूरी करेगा?’

‘फॅंटेसी ….?’

‘हां मेरा बहुत दिल करता है एक रंडी की तरहा दो लंड एक साथ लेने के लिए’

‘ऋितुउुुुुुउउ!’ रवि लगभग चिल्ला पड़ा

‘ठीक है तुझे अच्छा नही लगता तो कोई बात नही मैने तो अपने दिल बात करी थी’

‘ऋतु ये कैसे…..’

‘हो सकता है भाई – बस तू हां कर दे’

‘लेकिन दूसरा कौन?’

‘सब बता दूँगी – पहले तू हां तो कर’

‘मैं हमेशा तुझे खुश देखना चाहता हूँ- जो तुम चाहेगी वो होगा बस मुझे कभी माँ के साथ….’

‘नही कहूँगी और ये भी सिर्फ़ एक बार ही करेंगे…. अगर तुझे मज़ा आ गया तो तेरी खातिर मैं ना नही करूँगी’

‘ठीक है जैसा तेरे दिल करे’

‘ओह रवि मेरी जान’ ऋतु चिल्लाते हुए रवि से चिपक गई और उसके चेहरे को चुंबनो से भर दिया.

‘जानू आ तुझे एक तोहफा दूँगी – जो हर मर्द चाहता है’

‘क्या?’

‘अपनी कुँवारी गान्ड – मैं चाहती हूँ मेरे हर छेद में तू ही पहले घुसे’

‘ओह ऋतु मेरी रानी – मेरी जान – सच में तू मुझ से अपनी गान्ड मरवाएगी’

‘हां मेरे यार – मेरे हर छेद पे पहले तेरा ही हक़ है – तुमने ही मेरी चूत की सील तोड़ी थी आज गान्ड की भी तोड़ दे’

और दोनो भाई बहन पागलों की तरहा एक दूसरे को चूमने लग गये
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08-21-2019, 08:29 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
‘चल आजा अब मेरी गान्ड मार’ ऋतु ने अलग होते हुए कहा

कह कर ऋतु बिस्तर पे झुक गई और रवि उसके पीछे आ कर उसकी गान्ड को मसल्ते हुए उसके छेद पे अपनी ज़ुबान फेरने लग गया.

‘अहह चाट भाई और चाट बहुत मज़ा आ रहा है’

रवि अपनी ज़ुबान उसकी गान्ड के छेद को चाट हुआ उसकी चूत तक ले जाता.

ऋतु मस्ती में भर के सिसकियाँ लेने लगी

‘आह आह उफफफ्फ़ उम्म्म्ममम मज़ा आ रहा है और चाट घुसा दे अंदर.’

रवि ने उसकी गान्ड को चाहते हुए नर्म कर दिया और फिर अपनी दो उंगलियाँ ऋतु के मुँह में घुसा दी ऋतु ने उनको चूस चूस कर गीला कर दिया और रवि ने फिर उसकी गान्ड में अपनी एक उंगली घुसा दी और उसकी चूत को चाटने लगा

आआआआआआआआआआआआआआआआआ

जैसे ही गान्ड में उंगली घुसी ऋतु चीख पड़ी और सोचने लगी उंगली से ये हाल हुआ है तो जब उसका मोटा लंबा लंड अंदर घुसेगा तो क्या होगा.
रवि उसकी गान्ड में अपने उंगली अंदर बाहर करने लग गया और साथ साथ उसकी चूत को चाट्ता रहा.
ऋतु दर्द भूल कर मस्ती में आ गई और सिसकने लगी.

थोड़ी देर बाद रवि ने दो उंगलियाँ उसकी गान्ड में घुसा डाली.
ऋतु फिर दर्द से चीखी पर उसकी चूत में हो रही खुजली तो रवि के चाटने से बढ़ रही थी उसका ध्यान गान्ड से हट के चूत पे चला गया.

जब ऋतु दो उंगलियाँ अपनी गान्ड में पिलवा कर मस्ती में आ गई तो रवि समझ गया कि अब टाइम आ गया है लंड डालने का.
रवि ने अपनी उंगलियाँ उसकी गान्ड से बाहर निकाल और कमरे में पड़ी क्रीम उठा कर अपने लंड पे अच्छी तरहा मलि और फिर ऋतु की गान्ड में भी अच्छी तरहा घुसा डाली.
ये सब करने के बाद रवि ने अपना लंड उसकी गान्ड के छेद के साथ टिका दिया और ऋतु सिहर उठी.

ऋतु के नितंब कस के पकड़ रवि ने ज़ोर का झटका लगाया और एक ही बार में उसका आधा लंड अंदर घुस गया.
ऋतु ज़ोर से चिल्लाई

म्म्म्मरममममममाआआआआआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगग्गगाआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

रवि रुक गया और ऋतु पे झुक के उसकी गर्दन को मोड़ उसके होंठ चूसने लगा और हाथ नीचे ले जा कर उसके मम्मे मसल्ने लगा.
थोड़ी देर में ऋतु शांत हुई उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो रवि ने धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

आह आह आह आह आह माआअ उूुुउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

ऋतु दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी.

दर्द भरी सिसकियाँ थोड़ी देर में मस्ती भरी सिसकियों में बदल गई और ऋतु को गान्ड में लंड लेने का मज़ा आने लगा.

‘हाई राजा मार मेरी गान्ड और ज़ोर से मार, फाड़ दे आज मेरी गान्ड हाईईईईईईईईई बहुत मज़ा आ रहा है’

रवि अपनी स्पीड बढ़ा देता है और खच एक ही झटके में बाकी का लंड ऋतु की गान्ड में घुसा कर रुकता नही और तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगता है.

म्म्म्महममममममाआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर द्द्द्द्दददाााआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआ

ऋतु ज़ोर से चिल्लाती है पर रवि को लंड बाहर निकालने के लिए नही कहती, इतना वो सीख चुकी थी दर्द चाहे कितना भी हो, मज़ा उस से दुगुना होता है बाद में.
पर फिर भी उसकी आँखों में आँसू भर जाते हैं.

रवि तेज़ी से अपने लंड को उसकी गान्ड में अंदर बाहर कर रहा था और साथ साथ उसके मम्मे मसल रहा था. ऋतु खुद अपनी चूत में अपनी उंगलियाँ घुसा देती है और उंगलियों से अपनी चूत की कुटाई शुरू कर देती है.

थोड़ी ही देर में उसकी गान्ड रवि के लंड की आदि हो जातीं है और उसका दर्द बहुत कम हो जाता है.

ऋतु भी अपनी गान्ड पीछे मारते हुए रवि का लंड अंदर लेने लगी और फिर उसकी मस्ती भरी सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी.

रवि की साँस भी फूल चुकी थी पर वो रुकता नही और ताबडतोड़ धक्के लगाते रहता है.
जितनी तेज़ी से रवि अपना लंड उसकी गान्ड में डालता उतनी जी तेज़ी से ऋतु अपनी गान्ड पीछे करती.

तप थप की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थी और ऋतु की उंगलियाँ भी तेज़ी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी.

रवि का लंड ऋतु की गान्ड में फूलने लगा और रवि ज़ोर से चीखते हुए ऋतु की गान्ड में झड़ने लगा साथ ही साथ ऋतु भी चीखते हुए अपनी चूत का रस बहाने लगी.
गान्ड की इतनी कुटाई के बाद ऋतु से खड़ा ना रहा गया और वो बिस्तर पे गिर पड़ी.

रवि भी हांफता हुआ उसके साथ ही उसके उपर गिर पड़ा और रवि का लंड अब भी ऋतु की गान्ड के अंदर ही था.

जब रवि का लंड थोड़ा ढीला पड़ा तो उसने अपना लंड ऋतु की गान्ड से बाहर निकाल लिया, ऋतु की गान्ड लाल सुर्ख हो चुकी थी , रवि उसकी बगल में लेट कर अपनी साँसे संभालने लगा.
और ऋतु अपनी आँखें बंद किए पड़ी रही.‘चल आजा अब मेरी गान्ड मार’ ऋतु ने अलग होते हुए कहा

कह कर ऋतु बिस्तर पे झुक गई और रवि उसके पीछे आ कर उसकी गान्ड को मसल्ते हुए उसके छेद पे अपनी ज़ुबान फेरने लग गया.

‘अहह चाट भाई और चाट बहुत मज़ा आ रहा है’

रवि अपनी ज़ुबान उसकी गान्ड के छेद को चाट हुआ उसकी चूत तक ले जाता.

ऋतु मस्ती में भर के सिसकियाँ लेने लगी

‘आह आह उफफफ्फ़ उम्म्म्ममम मज़ा आ रहा है और चाट घुसा दे अंदर.’

रवि ने उसकी गान्ड को चाहते हुए नर्म कर दिया और फिर अपनी दो उंगलियाँ ऋतु के मुँह में घुसा दी ऋतु ने उनको चूस चूस कर गीला कर दिया और रवि ने फिर उसकी गान्ड में अपनी एक उंगली घुसा दी और उसकी चूत को चाटने लगा

आआआआआआआआआआआआआआआआआ

जैसे ही गान्ड में उंगली घुसी ऋतु चीख पड़ी और सोचने लगी उंगली से ये हाल हुआ है तो जब उसका मोटा लंबा लंड अंदर घुसेगा तो क्या होगा.
रवि उसकी गान्ड में अपने उंगली अंदर बाहर करने लग गया और साथ साथ उसकी चूत को चाट्ता रहा.
ऋतु दर्द भूल कर मस्ती में आ गई और सिसकने लगी.

थोड़ी देर बाद रवि ने दो उंगलियाँ उसकी गान्ड में घुसा डाली.
ऋतु फिर दर्द से चीखी पर उसकी चूत में हो रही खुजली तो रवि के चाटने से बढ़ रही थी उसका ध्यान गान्ड से हट के चूत पे चला गया.

जब ऋतु दो उंगलियाँ अपनी गान्ड में पिलवा कर मस्ती में आ गई तो रवि समझ गया कि अब टाइम आ गया है लंड डालने का.
रवि ने अपनी उंगलियाँ उसकी गान्ड से बाहर निकाल और कमरे में पड़ी क्रीम उठा कर अपने लंड पे अच्छी तरहा मलि और फिर ऋतु की गान्ड में भी अच्छी तरहा घुसा डाली.
ये सब करने के बाद रवि ने अपना लंड उसकी गान्ड के छेद के साथ टिका दिया और ऋतु सिहर उठी.

ऋतु के नितंब कस के पकड़ रवि ने ज़ोर का झटका लगाया और एक ही बार में उसका आधा लंड अंदर घुस गया.
ऋतु ज़ोर से चिल्लाई

म्म्म्मरममममममाआआआआआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगग्गगाआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

रवि रुक गया और ऋतु पे झुक के उसकी गर्दन को मोड़ उसके होंठ चूसने लगा और हाथ नीचे ले जा कर उसके मम्मे मसल्ने लगा.
थोड़ी देर में ऋतु शांत हुई उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो रवि ने धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

आह आह आह आह आह माआअ उूुुउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

ऋतु दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी.

दर्द भरी सिसकियाँ थोड़ी देर में मस्ती भरी सिसकियों में बदल गई और ऋतु को गान्ड में लंड लेने का मज़ा आने लगा.

‘हाई राजा मार मेरी गान्ड और ज़ोर से मार, फाड़ दे आज मेरी गान्ड हाईईईईईईईईई बहुत मज़ा आ रहा है’

रवि अपनी स्पीड बढ़ा देता है और खच एक ही झटके में बाकी का लंड ऋतु की गान्ड में घुसा कर रुकता नही और तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगता है.

म्म्म्महममममममाआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर द्द्द्द्दददाााआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआ

ऋतु ज़ोर से चिल्लाती है पर रवि को लंड बाहर निकालने के लिए नही कहती, इतना वो सीख चुकी थी दर्द चाहे कितना भी हो, मज़ा उस से दुगुना होता है बाद में.
पर फिर भी उसकी आँखों में आँसू भर जाते हैं.

रवि तेज़ी से अपने लंड को उसकी गान्ड में अंदर बाहर कर रहा था और साथ साथ उसके मम्मे मसल रहा था. ऋतु खुद अपनी चूत में अपनी उंगलियाँ घुसा देती है और उंगलियों से अपनी चूत की कुटाई शुरू कर देती है.

थोड़ी ही देर में उसकी गान्ड रवि के लंड की आदि हो जातीं है और उसका दर्द बहुत कम हो जाता है.

ऋतु भी अपनी गान्ड पीछे मारते हुए रवि का लंड अंदर लेने लगी और फिर उसकी मस्ती भरी सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी.

रवि की साँस भी फूल चुकी थी पर वो रुकता नही और ताबडतोड़ धक्के लगाते रहता है.
जितनी तेज़ी से रवि अपना लंड उसकी गान्ड में डालता उतनी जी तेज़ी से ऋतु अपनी गान्ड पीछे करती.

तप थप की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थी और ऋतु की उंगलियाँ भी तेज़ी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी.

रवि का लंड ऋतु की गान्ड में फूलने लगा और रवि ज़ोर से चीखते हुए ऋतु की गान्ड में झड़ने लगा साथ ही साथ ऋतु भी चीखते हुए अपनी चूत का रस बहाने लगी.
गान्ड की इतनी कुटाई के बाद ऋतु से खड़ा ना रहा गया और वो बिस्तर पे गिर पड़ी.

रवि भी हांफता हुआ उसके साथ ही उसके उपर गिर पड़ा और रवि का लंड अब भी ऋतु की गान्ड के अंदर ही था.

जब रवि का लंड थोड़ा ढीला पड़ा तो उसने अपना लंड ऋतु की गान्ड से बाहर निकाल लिया, ऋतु की गान्ड लाल सुर्ख हो चुकी थी , रवि उसकी बगल में लेट कर अपनी साँसे संभालने लगा.
और ऋतु अपनी आँखें बंद किए पड़ी रही.
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08-21-2019, 08:29 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
आधी रात को विमल की नींद खुल जाती है, इस वक़्त तीन नंगे बढ़न एक साथ सोए पड़े थे, उसके एक तरफ सुनीता थी और दूसरी तरफ कामया , एक की उसने गान्ड मारी थी और दूसरी की चूत.

विमल सुनीता के उरोज़ सहलाने लग गया और उसके एक निपल को चूसने लग गया. कुछ देर बाद सुनीता की नींद खुल गई और उसने विमल को अपना निपल चूस्ते हुए पाया.

‘तेरा दिल नही भरा अभी’

‘तुम से कभी दिल भर सकता है’

‘अभी रहने दे यार मेरी गान्ड अभी भी बहुत दर्द कर रही है’

‘ अभी तुम्हें आराम मिल जाएगा’ और विमल फिर से सुनीता के निपल पे टूट पड़ता है.

सुनीता भी गरम होने लगी और उसकी सिसकियाँ निकालने लगी

अहह विमू हाआआऐययईईईईईईईईईईईईईईई उूुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

कुछ देर बाद विमल उसके उरोज़ छोड़ कर उसके होंठों को चूसने लग गया

सुनीता के होंठों को चूस्ते हुए विमल ने अपना हाथ कामया के उरोज़ पे रख दिया.
सुनीता ने अपने हाथ से उसका हाथ हटाने की कोशिश करी तो विमल ने सुनीता होंठ आज़ाद कर दिए.

सुनीता : क्या कर रहे हो, दीदी को क्यूँ जगा रहे हो?

विमल ने कामया के उरोज़ को ज़ोर दबा दिया और बोला ‘मैं तुम दोनो को एक जैसा प्यार करता हूँ इसलिए आज एक साथ ही दोनो के साथ प्यार करना चाहता हूँ.

सुनीता : नही नही ये ठीक नही.

विमल : मुझ से प्यार करती हो तो मेरा साथ दोगि.

और सुनीता चुप रह जाती है. उसे वो दिन याद आ जाता है जब रमेश ने दोनो को एक साथ चोदा था आज इतिहास खुद को दोहरानेवाला था उसका बेटा भी वही करने जा रहा था.

विमल फिर सुनीता के होंठ चूसने लग गया और साथ साथ कामया के उरोज़ सहलाने लगा कभी आराम से दबाता तो कभी ज़ोर से, एक हाथ से वो सुनीता के उरोज़ का भी मर्दन करने लग गया.

कामया की भी नींद टूट गई और जब उसने देखा विमल सुनीता के होंठ चूस रहा है और दोनो के उरोज़ दबा रहा है, पल भर को तो हैरान रह गई, फिर दिमाग़ में बात आई आख़िर खून तो रमेश का है वही हरकतें करेगा.
कामया की आँखों के सामने भी वो रात लहराने लगी जब रमेश ने दोनो को एक साथ चोदा था. कामया के चेहरे पे मुस्कान आ गई. आज बरसों बाद दोनो बहने नंगी एक साथ लेटी हुई थी और उनका बेटा ही उनके मज़े ले रहा था. कामया की चूत गीली होनी शुरू हो गई दिमाग़ में मस्ती चढ़ने लगी.

कामया ने विमल का हाथ अपने उरोज़ से हटाया और उठ कर विमल का लंड चूसने लग गई जो अब तक खड़ा हो चुका था.

विमल ने कामया को रोका और उसे उपर खींच लिया, कामया हैरानी से उसे देखने लगी विमल के चेहरे पे मुस्कान थी और सुनीता के चेहरे पे शरम.

विमल ने कामया को इस तरहा खींचा और साथ में लिया कि तीनो के होठ आपस में जुड़ गये और विमल साथ साथ दोनो के उरोजो का मर्दन करने लग गया.

अब कौन किसको चूम रहा था ये पता नही चल रहा था.
थोड़ी देर बाद कामया फिर विमल के लंड के तरफ बढ़ गई और उसे चूसने लग गई.

विमल ने सुनीता की चूत को चूसना शुरू कर दिया और सुनीता ने कामया की चूत को अपने मुँह में भर लिया.
तीनो ही सिसकियाँ ले रहे थे पर आवाज़ दब्ति जा रही थी. थोड़ी देर बाद पोज़िशन बदलती है अब सुनीता ने विमल के लंड को चूसना शुरू कर दिया और विमल के मुँह के आगे कामया की चूत आ गई.

तीनो अपने मज़े की दुनिया में खो गये थे.
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08-21-2019, 08:30 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

विमल झड़ने के करीब पहुँच गया तो उसने सुनीता को अपने लंड से दूर कर दिया.
कामया भी विमल से अलग हो गई और दोनो बहने विमल के लंड को चूसने लग गई.

दोनो के होंठों के बीच विमल का लंड हो गया.



विमल से और सहा नही गया , उसने सुनीता को नीचे लेटने को कहा और कामया को उसके उपर, दोनो बहने एक दूसरे के होंठ चूसने लग गई और विमल सुनीता की टाँगों के बीच में आ गया और एक ही झटके में सुनीता की चूत में लंड पेल दिया सुनीता की चीख कामया के होंठों में दब गई.

विमल सततत सुनीता को चोदने लगा और फिर अपने लंड बाहर निकाल कर उसने कामया की चूत में घुसा डाला अब कामया की बारी थी चिल्लाने की



बार बारी विमल दोनो को चोदने लगा, जितनी ज़ोर से वो अपना लंड उनकी चूत के अंदर पेलता उतनी ही ज़ोर से वो चिल्लाती, एक पल सुनीता की चीख निकल ती तो दूसरे पल कामया की.
अपनी उत्तेजना में फसि दोनो चीखती चिल्लाती एक दूसरे के उरोज़ का ज़ोर से मर्दन करने लगी.

आज जो मज़ा दोनो को एक साथ मिल रहा था वो उस मज़े से कहीं आगे था जब रमेश ने दोनो को चोदा था. बेटा बाप से कहीं आगे निकल गया था.

सबसे पहले सुनीता झड़ी और फिर कामया लेकिन विमल सतसट दोनो को ही चोद्ता रहा, वो एक मशीन बन चुका था – एक अनियंत्रित मशीन जिसमे कोई ब्रेक नही था. दोनो औरतों की हालत खराब हो चुकी थी और दोनो ही एक बार और झाड़ गई लेकिन विमल अपनी धुन में था जब उसे लगा वो झड़ने के करीब आ गया है तो उसने दोनो को अपने आगे बिठा लिया और दोनो ही उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगी और विमल के वीर्य की पिचकारियाँ दोनो के चेहरे पे गिरने लगी.


फिर दोनो ने उसके लंड को चाट के सॉफ किया और दोनो एक दूसरे के चेहरे से विमल के वीर्य को चाट कर गई. तीनो ही बहुत थक गये थे और बिस्तर पे लूड़क पड़े अपनी साँसे संभालते हुए नींद की आगोश में खो गये.

........................................................
राम्या से मोबाइल पे बात कर सोनल अपने बिस्तर पे लेट गई. उसे बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था.

आज बस में जो उसके साथ हुआ वो सोच सोच कर वो गरम हो रही थी, जिस्म की प्यास बढ़ती जा रही थी पर उसे बुझाने का कोई रास्ता उसे नज़र नही आ रहा था.

सुबह जब उसकी स्कूटी खराब हो गई तो वो अपने कॉलेज बस में गई. बस में भीड़ बहुत थी और वो दो बूढ़ो के बीच फस गई.

एक ने तो अपना लंड पीछे से उसकी गान्ड में लगा दिया और घर्षण करने लगा.
सामने जो दूसरा था वो पलट कर बिल्कुल उसके सामने हो गया और भीड़ की वजह से तीनो जैसे चिपक गये थे. सोनल दो बूढ़ो के बीच संड्वीच बन के रह गई थी. एक का लंड उसकी चूत को रगड़ रहा था और दूसरे का पीछे से उसकी गान्ड को. भीड़ के धक्को की वजह से वो आगे पिछे हो रहे थे, सोनल को यूँ लग रहा था जैसे वो दोनो तरफ से चुद रही हो.

उसे बिल्कुल भी हिलने की जगह नही मिल रही थी. चेहरा शर्म और ग्लानि से लाल पड़ता जा रहा था. साँसे तेज होने लगी थी, दोनो बुड्ढे समझ गये कि उसे भी मज़ा मिल रहा है और पीछे वाले ने उसकी कमर को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गान्ड में घुसाने की कोशिश करने लगा. गनीमत ये थी कि सोनल ने जीन्स पहनी हुई थी. अगर सलवार पहनी होती तो….. ये सोच कर ही वो सिहर उठी.
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08-21-2019, 08:30 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
जल्दी ही सोनल का स्टॅंड आ गया और वो बूढ़ो के चुंगल से किसी तरहा निकल उतर गई. पर सारा दिन उसके दिमाग़ में और जिस्म में उन घर्षण का अहसास रहा.
अपनी आग को बुझाने का कोई और रास्ता ना देख खुद उसका हाथ उसकी चूत पे चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को दबोचने लगी.

अपनी चूत को रगड़ते रगड़ते वो सो गई पर जिस्म की प्यास ना भुजने पायी, उसे अब राम्या का इंतेज़ार था जिससे बात कर वो कोई हल निकालना चाहती थी.


उधर जब रमेश की नींद खुली तो उसने रिया को अपने साथ नंगी लेटा पाया और उसके दिमाग़ में सब कुछ घूम गया कि क्या और कैसे हुआ था आज वो बेटीचोद बन चक्का था – रमेश चाहे कितना भी चुड़दकड़ क्यूँ ना हो – उसने कभी नही सोचा था कि वो अपनी बेटी को ही चोद डालेगा – उसके दिमाग़ की नसे फटने लगी और वो उठ के सीधा फ्रिज के पास गया और एक बियर की बॉटल निकाल के पीने लग गया – बियर से उसे कुछ राहत मिली – बार बार ग्लानि के झटके लग रहे थे उसे – सोचते सोचते उसके दिमाग़ में राम्या आ गई – अगर फोन ना आया होता तो शायद रिया की जगह वो राम्या को चोद चुका होता.

राम्या का हुस्न उसकी आँखों के सामने तैरने लगा और उसके दिल में राम्या को चोदने की चाहत बढ़ती चली गई. अब वो ये भूल चुका था कि कुछ देर पहले वो खुद को गालियाँ दे रहा था ----- बात वही निकली – एक खून की सज़ा भी फाँसी और दो खून की सज़ा भी फाँसी – जब एक बेटी को चोद लिया तो दूसरी को चोदने में क्या हर्ज़ है.

ऐसी होती है जिस्म की प्यास जो मर्यादा और रिश्ते सब कुछ साथ में बहा के ले जाती है.

रमेश को कुछ ज़रूरी काम भी था – वो रानी के पास जाता है – रानी उसे देखते ही मुस्कुराने लगती है – वो सोच रही थी कि रमेश फिर उसे चोदने आया है पर ऐसा नही था – वो रानी को रिया के पास बैठने का कह कर तयार होता है और अपने काम के लिए निकल पड़ता है.

रानी जानती थी कि उसे क्या करना है – वो थोड़ा पानी गरम कर के रिया के पास चली जाती है .
*******************************************.....................................................................
अगले दिन विमल, कामया, सुनीता और राम्या देल्ही के लिए निकल पड़ते हैं. कामया ने बहुत बार रमेश को फोन करने की कोशिश करी पास कोई बात नही हो पाई.
विमल ने गाड़ी चलाने का जिम्मा उठा लिया था. सुनीता की हालत थोड़ी खराब थी उसकी गान्ड में अब भी टीस उठ रही थी. रास्ते भर वो विमल की कल्पना करती रही अपने पति से और अपने जीजा से.

कामया बहुत खुश थी – विमल की चुदाई ने उसके जिस्म का पोर पोर आनंद की तरंगो से भर दिया था.

राम्या खुश भी थी और थोड़ा मायूस भी उसे विमल के साथ इतना मोका नही मिला था जितना वो चाहती थी और जब रमेश के साथ आगे बढ़ने का मोका आया था तो फोन ने सब गड़बढ कर दिया था. फिर भी उसके चेहरे पे मुस्कान थी और सारा रास्ता सभी हसी मज़ाक कर रहे थे.

रात के करीब दस बजे सब देल्ही पहुँच जाते हैं. सब को थकान इतनी हो रही थी कि सब फटाफट सोने की कोशिस करते हैं.

विमल भी लगातार इतनी चुदाई और फिर सारे दिन की ड्राइविंग से थक गया था. वो अपने कमरे में जा कर बिना कपड़े बदले बिस्तर पे ढह जाता है.
******************************************
Reply
08-21-2019, 08:30 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
उधर रमेश के जाने के बाद रानी रिया के पास आकर बैठ जाती है – जाहिर था कि रिया चद्दर के अंदर बिल्कुल नंगी है .
रानी जैसी बहुत बार चुदि औरत ये जानती थी कि इस वक़्त रिया की क्या हालत होगी वो टाँगों की तरफ से चद्दर उठा कर देखती है तो हैरान हो जाती है कौमार्य भंग होने से रिया ने बहुत खून बहाया था और उसकी चूत बहुत सूज गई थी.

रानी एक कपड़ा गरम पानी में भिगो कर रिया की चूत सॉफ करने लगी और गरम पानी का सेक उसकी चूत को देने लगी.
नींद में ही रिया को सकुन मिलने लगा उसकी टाँगें अपने आप फैल गई और रानी को सफाई करने में और आसानी हो गई.

रिया को अच्छी तरहा सॉफ करने के बाद रानी अपने कमरे में चली गई और एक पेन किल्लर का पत्ता ले कर आ गई.
फिर किचन में जा कर उसने दूध गरम किया और उसमे कुछ मेवे डाल दिए.

ये सब करने के बाद वोई वापस रिया के पास आई और प्यार से उसके सर पे हाथ फेरते हुए उसे उठाने लगी.

रिया ने आँखें खोली तो सामने रानी को पाया और पिछली दिन हुई घटना उसकी आँखों के सामने घूमने लगी – रिया की आँखों में आँसू आ गये.

‘नही छोटी मालकिन रोते नही – जो होना था हो गया – ये दूध पी लो आपको आराम मिलेगा.’

रिया कुछ ना बोली चुप चाप रानी के हाथ से ग्लास पकड़ा और दूध पीने लगी.

दूध ख़तम करने के बाद रिया नज़रें झुकाए अढ़लेटी रही.

तब रानी ने उसे पेन किल्लर की दो गोलियाँ खिलाई और सहारा दे कर बाथ रूम में ले गई.

रिया ने उसे बाहर जाने को कहा और खुद गरम पानी से भरे टब में लेट गई.
गरम पानी उसके जिस्म को बहुत राहत पहुँचा रहा था.

जब तक रिया बाथरूम से बाहर निकलती रानी ने कमरा ठीक कर डाला, बिस्तर की चद्दर बदल दी और चुदाई के सारे निशान कमरे से मिटा दिए.

रानी बिस्तर के कोने में बैठ कर रिया का इंतेज़ार करने लगी तब उसे ध्यान आया कि रिया के पास बदलने के लिए कपड़े नही हैं फिर वो दूसरे कमरे में चली गई जहाँ पूरे परिवार के कुछ कपड़े एक अलमारी में रखे हुए थे. उनमें से रिया के लिए एक सलवार और कुर्ता ले आई.

रिया जब टवल लप्पेट कर बाथरूम से बाहर निकली तो उसके चेहरे पे एक निखार था बिल्कुल वैसे ही जैसे एक कली जब फूल बनती है तो देखने को मिलता है. चेहरे पे शर्म की लाली थी.

रानी कुछ नही कहती बस उसके कपड़े आगे कर देती है.

रिया बिना ब्रा और पैंटी के सलवार कुर्ता पहन लेती है, उसे रानी के सामने नग्न होने में अब कुछ शरम नही आ रही थी.

बस शरम अपने उस बर्ताव के उपर थी जो उसने कल किया था और किस तरहा रमेश को उकसाया था उसे चोदने के लिए.

रानी जब वहाँ से जाने लगी तो रिया ने हाथ पकड़ उसे रोक लिया.

‘पापा कहाँ है?’

‘छोटी मालकिन वो कुछ काम से गये हैं – थोड़ी देर में आ जाएँगे’

‘रानी……….’ रिया आयेज बोल नही पायी पर रानी उसकी बात समझ गई.

‘चिंता मत करो छोटी मालिकिन – किसी को कुछ नही पता चलेगा’

‘रानी तुम उम्र में बड़ी हो मुझ से – ये छोटी मालकिन कहना बंद करो मुझे मेरे नाम से बुलाया करो’

‘जी छोटी मालकिन’

‘फिर वही – अभी क्या कहा मैने’

‘जी जी रिया मेम्साब’

‘फिर मेम्साब कि दूं’

‘मुझ से नही होगा – कहाँ मैं एक नोकारानी कहाँ आप’

‘आज से तुम मेरी दोस्त हो और दोस्ती में नाम से पुकारा जाता है’

‘माफ़ करो मेम्साब मेरे बस का नही आप जो भी कहो मुझे सिर्फ़ नाम ले कर आपको नही ---- माफ़ करो ना मुझे क्यूँ सज़ा देना चाहती हो’

‘अच्छा बाबा अभी के लिए रिया बहन कह सकती हो – नो मालकिन – नो मेम्साब – वो सब मम्मी और दीदी के लिए’

‘हां रिया बहन बोल सकती हूँ’
दोनो के चेहरे पे मुस्कान आ गई.

रिया : कुछ खिला यार बहुत भूक लग रही है.

रानी : बस अभी लाई रिया बहन.

रानी किचन की तरफ चली गई और रिया बैठी बैठी सोचने लगी – जो उसने किया वो ठीक था या नही – पापा क्या सोचते होंगे.
रमेश देर रात वापस आता है, रिया उससे नज़रें नही मिला पा रही थी और ना ही रमेश उसे नज़रें मिला पा रहा था. कामया का फोन उसे आ चुका था की वो लोग देल्ही पहुँच चुके हैं.

रिया की छुट्टी में अभी एक दिन बाकी था. रमेश चुप चाप खाना ख़ाता है और दूसरे कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर सोने की कोशिश करता है पर नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी, कभी उसकी आँखों के सामने राम्या का अर्ध नग्न जिस्म लहरा जाता तो कभी रिया का हुस्न उसे तड़पाने लगता.

वो बियर निकाल के बैठ गया और पीते पीते सोचने लगा कि उसे क्या करना चाहिए.

रिया ने रानी को अपने पास ही सोने के लिए कहा .

रानी ने रिया के जिस्म का मसाज किया और रिया को नींद आ गई. जब रिया सो गई तो रानी ने एक बार रमेश के कमरे के पास जा कर देखा कि लाइट जल रही है पर दरवाजा अंदर से बंद है, रानी चुप चाप अपने कमरे में चली गई जहाँ उसका पति उसका इंतेज़ार कर रहा था. कमरे में घुसते ही उसने रानी को दबोच लिया और मिया बीवी अपनी रस लीला में खो गये.
*************************************
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