स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
07-03-2017, 01:16 PM,
#1
Lightbulb  स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
शरीफ सिस्टर
आज मे आपके लिए रियल स्टोरी लाया हूँ दोस्तो मेने अपने दीदी के ननद के मामा ससुर की लड़की की चुदाई कैसे की वो में आज बताऊंगा. दोस्तो वो हमारे बाजू के घर मे रहते थे. मेने दीपाली को कभी बुरी नज़र से नही देखा था। मुझे यह जब पता चला की वो दीदी के रिलेटिव थे तो
हमारे परिवार और उनके परिवार मे सम्बन्ध काफ़ी ओर अच्छे हो गये थे। मे ओर दीपाली के पिताजी हम दोनो शेयर का काम करते हे तो मेरी उनसे अच्छी पटती थी. ओर माँ बाप मुझे अपना बेटा की तरह ही मानते थे. दीपाली मुझे भैया कहती थी।
यह बात कुछ महीनो पुरानी हे. मेरे अंदर सेक्स बहुत मचलता था. मे स्कूल मे चोरी से अपनी टीचर्स को हर कोने से देख कर घर आकर नहाते वक्त या टॉयलेट मे हस्त्मेथुन कर लेता था. लेकिन मेने उसे [दीपाली] को कभी इस नज़र से देखता था पर एक दिन मे उसके घर गया तो 1 रूम मे वो ओर उसकी सहेली से कुछ बाते करते सुना मैने तोड़ा ध्यान से सुना तो वो किसी लड़के की बात कर रही थी. जो उन्हे कॉलेज जाते वक़्त घूरता रहता था।
दीपाली शरीफ थी लेकिन उसकी फ्रेंड थोड़ी चालु थी पर उसकी मस्त बाते मेरे को उकसा रही थी. उस दिन पहली बार मैने रूम मे (जो की बंद था) के होल से देखा तो बस देखता ही रह गया। दीपाली की फ्रेंड ने स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे से बेड पर बैठे हुए उसकी चड्डी दिख रही थी. मैने पहली बार ओरिजनल मे किसी लड़की की टांगो को इतना सॉफ देखा था। पर दीपाली पंजाबी सूट पहने हुए थी. लेकिन उसके बोब्स जिस पर कोई ब्रा नही थी सूट के नीचे से भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. वो ऐसी बाते करते हुए तोड़ा शरमा रही थी. सो उसने ताल-मटोल करके अपनी फ्रेंड को घर से भेज दिया. उस दिन से मेरे ख्याल दीपाली के लिए थोड़े बदल गए थे।
मुझमे एक अलग सी खुशी का एहसास होने लगा था. पता नही मेरे को जैसे क्या मिल गया. मे हर वक्त इसे चोरी से देखता रहता था. कुछ दीनो मे यह चाहत बहुत बड गयी थी. पहले तो मे डरता रहता था. लेकिन थोड़े दीनो मे ही मेरी कामुकता मेरी शक्ति बड़ाती गयी. मे उसके बोब्स को देखने के बहाने सोचने लगा और एक दिन तो कमाल हो गया. मेरे घर के साथ मे हमारी जॉइंट बालकनी थी।
जिसका एक गेट मेरे रूम मे और दूसरा गेट बालकनी [गार्डन साथ मे ] मे था. वो कपड़े धो रही थी। कपड़े धोते वक्त मे चोरी से उसके सामने से चक्कर लगाने के बहाने उसकी चुचियो को देख कर मस्त हो रहा था. जब कपड़े धोने के बाद उसे वो निचोड़ने लगी तो पानी के साथ उसका सूट गीला हो गया। जिससे उसकी चुचि का उभार और निप्पले बड़े आराम से मुझे दिख गये. उसको थोड़ी शरमाई तो वो अपने कपड़े चेंज करने रूम मे चली गयी. मे भी झट से होल मे से देखने के लिए अपने रूम मे चला गया. मेरा तो भाग खुल गया मैने देखा की उसने अपना शर्ट उतारा तो लाइट की रोशनी मे वो मुझे बहुत ही खूबसूरत लगी। मेरा लंड पूरा तन गया अजीब सा नशा सा चड़ने लगा।
और गोल गोल चुचि देख कर मे दंग रह गया और मैने वही पर हाथ से मूठ मारनी शुरू कर दी. आज मुझे दीपाली सारे जहाँ से सुन्दर दिख रही थी. 10 मिंनट बाद मेरा डिसचार्ज हुआ तो सामने सारा गेट पर चला गया। मेरा वीर्य इतना गाड़ा गर्म और ज्यादा था की पूरा रुमाल गिला हो गया सॉफ करते हुए. मेरा पूरा शरीर दर्द करने लगा. कुछ देर बाद मुझे अच्छा फील होने लगा पर बाद मे दुबारा जब उसको देखा तो फिर मुझ पर कामुकता चड़ने लगी उसके बाद तो मे उसे पूरा नंगा देखना चाहता था सो बहाने सोचने लगा. बस उस दिन के बाद कम ही गार्डन मे कपड़े धोने आती थी पर 1 दिन जब मे उसके घर गया तो उसकी माँ बोली बेटा आओ क्या काम हे…
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07-03-2017, 01:16 PM,
#2
RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
मेने कहा – आंटी मुझे दीपाली का कंप्यूटर पर काम करना हे.. मुझे शेयर का कुछ काम हे.. मेने आंटी से कहा की मेरे कंप्यूटर खराब हे सो आंटी ने बोला ठीक हे ध्यान से काम करना कही जरूरी फाइल ना उड जाए और दीपाली बाहर गयी हे.. तो जल्दी करना मे बोला ठीक हे आंटी…
जेसे ही मेने कंप्यूटर ऑन किया मे अपना काम कर रहा था तोड़ा मेने उसके कंप्यूटर मे छेड़ करने लगा तो देखा की शरीफ नही बहुत ही गंदी थी क्यूकी वो ब्लू फिल्म देखती थी पर मेने सोचा की क्या पता शायद अंकल [दीपाली के पापा ] उसे देखते हो तो पर मेने देखा की आंटी किचन मे तो मेने दीपाली डॉर मे देखा उसकी बुक्स मे सेक्सी नंगे पिक्चर्स हे मे समज गया उसका मन बहुत ही मचल रहा हे।
1 दिन जब उसके सारे घर वाले ओर मेरे घर वाले शादी मे गये थे तो उसकी माँ ने मुझसे कहा बेटा तुम मेरे घर मे बेठ सकते हो… दीपाली घर पर अकेली हे.. मेने कहा की ठीक आंटी मन ही मन मे खुश हो गया की आज मोका मिल ही गया हे मुझे मेरी फॅमिली ओर उसकी फॅमिली दोनो साथ मे चले गये ओर मे उसके घर मे बेठ गया। और कुछ देर बाद मेने सुना की बाथरूम मे हे दीपाली तो मे उसके होल से उसके मजे लेने लगा तो उसे तोड़ा शक हुआ तो मेने कहा मे हूँ.. वो बोली की भैया आप हे.. मे बोला हां.. वो बोली आप बाहर बेठो मे अभी आई.. मेने कहा ठीक हे.. वो कपड़े चेंज करके अपने रूम मे आई. उसके पहले मेने वो फिल्म चला दी ओर उसके सामने खड़ा हो गया उसका चेहरा लाल था वो बोली यह क्या मे बोला ब्लू फिल्म यह तेरे पीसी से ऑन की.. वो बोली इसके बारे मे किसी को मत बोलना.. मे बोला ठीक हे कसम से बस मे तुम्हारी माँ को बता दूँगा.. और वो मेरे सामने रोने लगी।
बोली भैया प्लीज ऐसा मत करना वरना वो मुझे मार देगी मे बोला ठीक हे तो जस्ट 1 टाइम मुझे खुश कर दो वो बोली मे.. क्या.. मे बोला 1 टाइम सेक्स वो बोली नही यह ग़लत हे.. मे बोला तो फिर मेने अपने सेल से आंटी को कॉल किया ओर पूछा आप सब लोग पहुच गये सही से वो बोली हा.. और आंटी बोली हम लोग रात मे जल्दी से जल्दी आ जाएँगे.. और उन्होने फ़ोन काट दिया. मे ऐसे ही बात करने लगा मेने कहा आंटी मे बाहर गया था तो मुझे अचानक याद आया के मेरे सेल तो आपके घर रह गया हे तो मे रिटर्न अपने घर आया तो ठीक हे.. घर से निकल कर आपके घर आया तो मेने देखा की दीपाली किसी लड़के के साथ अश्लील हरकते कर रही थी.. तो आप जल्दी आ जाये.. वो लड़का मुझे धक्के मार कर भाग गया हे.. इधर दीपाली ने मेरे हाथो से सेल लिया ओर जल्दी से बोलने लगी की यह सब गलत हे रोंग हे.. माँ पर मेरा सेल तो बंद था वो बोली ठीक हे तेरी शर्त मंजूर हे..
वो रोने लगी और कहने लगी की एसा मत करना किसी को मत कहना… मेने कहा ठीक हैं मुझे किस करने दो उसने कहा ठीक हे… मैं आराम से उसके पास गया और दोनो हाथो से उसके गालो को पकड़ा और उसके होठो पर होंठ रख कर उसके होंठो चूसने लगा वो बिल्कुल सीधी खड़ी रही. और मेरा लंड खड़ा हो गया था। मेने उसे कहा की तुम भी सपोर्ट करो और मेने उसकी जीभ से अपनी जीभ मिला दी और चूसने लगा।
और मेरे हाथ उसके बोब्स दबाने लगे उसने मेरा हाथ पकड़ लिया मेने उसे कहा कोई बात नही करने दे वो डर गयी और उसने मेरा हाथ छोड़ दिया. मेने उसकी शर्ट के बटन खोले और ब्रा को नीचे करके उसके बोब्स ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा वो रोने लगी और कह रही थी छोड़ दो… मेने उसे गोदी मैं उठाया और उसके बेड पर लेटा दिया जो और लेट कर किस करने लगा और उसके हाथ मैं अपना लंड पकड़ा दिया। उसके गरम गरम हाथ मैं मेरे लंड को बहुत आराम मिल रहा था. मैं खड़ा हुआ और अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके भी मैं कुर्सी पर बैठ गया और उस से कहा की मेरे लंड को सहला वो भी गर्म हो चुकी थी और चुप भी हो गयी थी शायद उसे समझ आ गया था की मैं आज उसे नही जाने दूँगा।
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07-03-2017, 01:17 PM,
#3
RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
थोड़ी देर मैं उसके उपर लेट गया और उसके दोनो टाँगो को हवा मैं उठा कर उसकी चूत को सहला रहा था. 10 मीं. सहलाते सहलाते उसने पानी छोड़ दिया और तकिये को पकड़ लिया। अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर से धक्का मारा तो वो चिल्ला पड़ी आआआः मररर्र्ररर गई बाहर निकालो… मेने कोई परवाह ना करते हुए और ज़ोर का धक्का फिर मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और वो चिल्लाई मार दिया.. आआआआआआआः मररर्र्र्र्र्र्र्ररर गायययययीईई रे.. और उसकी चूत से तोड़ा खून निकलने लगा पर मे घबराया नही. 10 मि. की चुदाई के बाद मेने उसकी चूत मे ही सारा माल डाल दिया था वो बोली यह क्या किया मे बोला चुप रह कमीनी मुझे पता हे तू 1 बार चुदवा चुकी हे.. किसी लड़के से वो बोली तुम्हे केसे पता.. और मे बोला कमीनी मेने तेरे डोर मे से e-pil की गोलि देखी हे.. मे थक कर ढेर हो गया और उसके उपर ही लेट गया। अच्छा दोस्तों अभी मे चलता हूँ.. फिर मेने कब और केसे दीपाली को चोदा बाद में बताऊंगा। अभी तक की मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे जरुर बताना।
मासूम बहन


वो बरसात के दिन थे और मैं यूनिवर्सिटी से जल्दी वापिस आ गया, जब मैं घर पाहूंचा तो ऐज यूषुयल मेन गेट लॉक्ड था क्योंकी मेरी छ्होटी बहन स्कूल से 1 बजे वापिस आती थी और उस वक़्त 11 बजे थे. मैं ने की से मेन गेट खोला और कॉरिडर से गुज़रता हुआ अपने रूम की तरफ बढ़ रहा था कि मुझे शुमैला के कमरे का दरवाज़ा खुला नज़र आया मैं ने अंदर देखा तो शमी सोई हुई थी (शुमैला का निक नेम शमी हे).
मैं हैरान था कि आज शमी स्कूल क्यूँ नही गयी? लेकिन फिर मुझे खुद ही यह ख़याल आया की आज बरसात की वजह से स्कूल में छुट्टी हो गयी हो गी. मैं ने शमी की तरफ देखा वो सोते हुए बुहुत मासूम लग रही थी. मैं ने उसे जगाना मुनासिब ना समझा और अपने रूम में आ गया, बाथ लिया, शॉर्ट्स पहने और फिर नेट लगा के बैठ गया और राज शर्मा की स्टोरीस पढ़ने लगा उस वक़्त मैं ऐक इंसेस्ट (सेक्स वित रिलेटिव्स) की स्टोरी पढ़ रहा था और जैसे जैसे मैं पढ़ता जा रहा था मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था.
मेरे दिमाग़ में मेरी छ्होटी बहन शमी का तसवउर आ रहा था जो अपने बेडरूम में सोई हुई थी. मैं आप'को हमारे घर के बारे में बता दूँ. यह आज से 2 साल पह'ले का वाकिया है. मेरा नाम आज़ाद और उमर उस समय 19 साल की थी.तब शमी की उमर यही कोई 18 साल होगी,(अब शुमैला 20 साल की हो चुकी हे). मेरी अम्मी और अब्बू 5 दिन के लिए रिस्तेदारी में गये हुए थे.
शमी की बिल्कुल गोरी और सफेद रंगत, काले बाल सियाह आँखे, छ्होटे छ्होटे बूब्स और दरमियाना क़ांड है. मेरे दिमाग़ में ऐक सोच आई कि क्यू ना अपनी बहन के जिस्म का मज़ा चखा जाए और यह सोच कर मैं अपनी छ्होटी बहन के कमरे में चला गया. वो उस वक़्त भी सो रही थी और उस के पेट पर से क़मीज़ हटी हुई थी और उस का गोरा पैट नज़र आ रहा था जिसे देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा.
मैं शमी के बेड पर बैठ गया, मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था, आख़िर कार मैं ने उस के पेट पर हाथ रख दिया, वाउ कितना गर्म पेट था उस का छ्होटा सा लैकिन चिकना फिर मैं ने अपने दूसरे हाथ को उस के गालो पर फेरना शुरू किया मगर वो नही जगी तो मैं ने पेट पर हाथ फेरते फेरते अपनी बहन की क़मीज़ ऊपर उठाके उस के मम्मे नंगे कर दिए वाउ क्या सीन था! टेबल टेन्निस की बाल जितना बूब जिस पर हल्का ब्राउन सा निपल उभरा हुआ था. वाउ मैं तो पागल हो गया. मेरी बहन शमी ज़रा सी हिली तो मैं ने फ़ौरन हाथ पीछे हटा लिए, लैकिन वो जगी नही थी.
मैं ने अपना ऐक हाथ उस के मम्मे पर रख दिया उफफफ्फ़ यह कित'ना कड़ा था, कुच्छ देर अपनी छ्होटी बहन के मम्मे से खेलने के बाद मैं ने अपना दूसरा हाथ उस की ग्रीन फूलों वाली शलवार में डाला ओह मेरी छोटी बहन की शलवार में अज़रबन्द की बजाए एलास्टिक था. मैं ने आहिस्ता से उस की शलवार थोड़ी सी नीचे कर दी… मेरा दिल सीने से बाहर आने वाला था शमी की नन्ही मुन्नी चूत बेहद हसीन थी उस पर हल्का हल्का ब्राउन कलर का दाना था. मैं ने शमी की चूत को देखा तो पागल सा हो गया और झुक कर उस पर अपनी ज़ुबान रख दी. शमी ने अपनी टाँगे पीछे घसीटी और उठ कर बैठ गई मैं भी पीछे हट गया. शमी ने मुझे देखा और सब से पहले अपनी शलवार ऊपर की और कहने लगी
भाई जान आप क्या कर रहे हैं? मैं ने कहा.
मेरी बहन मैं तुम से प्यार कर रहा हूँ, वो कहने लगी.
भाई आप को शर्म आनी चाहिए मैं आप की छ्होटी बहन हूँ और आप मेरे साथ ऐसी हरकते कर रहे हैं. मैं ने शमी को बाज़ू से पकड़ा और कहा,
बहना देखो मैं तुम से प्यार करना चाहता हूँ… वो रोने लगी.
छोड़ो मुझे भाई. क्या हर भाई अपनी बहन को ऐसे करता है? मैं ने कहा,
मैं नहीं जानता. लैकिन बहुत से भाई कामो वेश अपनी बहनों के बारे में ऐसे ख़यालात रखते हैं और उन में से बहुत से अपने ख़यालों को हक़ीक़त भी बना लेते हैं.
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07-03-2017, 01:17 PM,
#4
RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
लेकिन शमी मान कर ही नही दे रही थी वो चिल्लाने लगी बचाओ… बचाओ… बचाओ… मैं ने उस के मुँह पर हाथ रखा और दूसरे हाथ से उस की शलवार नीचे कर दी. वो चीखने की कोशिश कर रही थी मगर मैं ने उस का मुँह अपने हाथ से दबाया हुआ था, मगर शमी ने मेरे हाथ पर काट लिया और मैं ने दर्द के मारे उस के मुँह से हाथ हटा लिया और वो बचाओ बचाओ चीखते हुए कमरे से बाहर भागी… मैं उस के पीछे बाहर भगा. कॉरिडर में निकला तो मैं ने देखा कि हमारा चोकीदार गुल ख़ान शमी के सर पर हाथ फेर रहा था और गुस्से से मेरी तरफ देख रहा था उस ने मुझे देखते ही कहा.
सूअर शैतान अपनी मासूम बहन को चोदना चाहता है? तुम को शर्म नही आती. लानत है तुम पर, गुल ख़ान ने मुझे धमकी दी कि वो मेरे माँ बाप को बताए गा और अगर मैं ने शमी को हाथ भी लगाया तो वो मुझे शूट कर दे गा मैं गुल ख़ान की धमकी से डर गया वो 30-35 साल का ऐक हॅटा कटा पठान था. उस ने शमी को गोद में उठा लिया और कहने लगा,
बेटी तुम फिकर मत करो यह शैतान अब तुम्हे हाथ भी नही लगा सकता. और शमी को उस के कमरे में ले आया और मुझे भी आवाज़ दी कि इधर आओ. मैं डर रहा था मगर अंदर गया. गुल ख़ान ने शमी को गोद में उठाया हुआ था क्योंकी शमी उसे अंकल कहती थी और वो थी भी ऐक 15 साल की मासूम बच्ची. शमी अब हिचकियाँ ले रही थी और उसे गुल ख़ान ने गोद में बिठाया हुआ था और खुद शमी के बेड पर बैठा हुआ था. उस ने मुझे कहा इधर आओ और साथ ही आँख मार दी. मैं तो हैरान रह गया… मैं गुल ख़ान के पास गया उस ने कहा कि,
गॅंडू अपना जंगिया (शॉर्ट्स) उतारो. मैं समझा वो मेरी गांद मारेगा लैकिन मैं ने डरते हुए शलवार उतार दी शमी हिचकियाँ लेटे हुए मेरी तरफ देख रही थी और मेरे लंड को जो अब दोबारा खड़ा हो रहा था, कि तरफ देख रही थी कि अचानक गुल ख़ान ने मुझे कहा,
गांडू का बच्चे तुम को कुच्छ नही पता की कैसे करते हैं, यह कह कर उस ने अपनी शलवार के नाले में हाथ डाला और अपनी शलवार में से नाला निकाल लिया, शमी हैरान थी कि अंकल गुल यह क्या करने वाले हैं. गुल ख़ान ने अचानक शमी के बाज़ू उस की कमर के पीछे किए और अपने नाले/ अज़रबंद से मेरी छ्होटी बहन के हाथ बाँधने लगा.
मैं हैरान था कि और खुश भी की गुल ख़ान भी मेरा साथी बन गया हे लैकिन मेरी बहन शमी मचलने लगी और दोबारा चीखने लगी तो गुल ख़ान ने ऐक ज़ोरदार थप्पर मेरी मासूम बहन के मुँह पर मारा कि शमी के मुँह में से खून बहने लगा. उस का गाल अंदर से फॅट गया था. फिर गुल ख़ान ने मेरी बहन को उठा कर बेड पर लिटाया और उस के पेट पर से अपनी टाँग ऐसे गुज़ारी कि शमी का बदन उस की टाँग का नीचे दब गया, अब वो हिल भी नही सकती थी. शमी के हाथ उस की कमर पर बँधे हुए थे. फिर गुल ख़ान ने मुझे इशारा किया और कहा,
लो अब आओ और मज़ा करो और हम को भी मज़ा लैने दो. मेरी खुशी की कोई इंतेहा नही थी मैं अपनी बहन के पास आया और उस के क्यूट से चेहरे को हाथों में लिया और उस के होन्ट चूसने लगा. शमी चीख रही थी.
कुत्तो हरमजादो छोड़ दो मुझे… भेया मैं तुम्हारी सग़ी बहन हूँ अपनी छोटी बहन से ऐसा कर रहे हैं आप… भाई जान मैं मर जाऊं गी मेरी इज़्ज़त ना लूटो भाई जान मुझे छोड़ दें. मगर कौन सुनता उस की बकवास उस वक़्त. मैं ने गुल ख़ान की तरफ देखा तो उस ने खुद को कपड़ो के तकल्लूफत से आज़ाद करवा लिया था और उस का 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड 90 के आंगल पर खड़ा था, वो मुस्कुरा रहा था.

मैं ने शमी की तकलीफ़ का सोचा तो मुझे झुरजूरी आ गयी कि मेरी मासूम कुँवारी बहन के साथ क्या होने वाला है जब यह दरिन्दा उसे चोदे गा तो क्या हो गा. मगर मैं ने यह फज़ूल बातें सोचने में वक़्त ज़ाया नही किया और अपनी छ्होटी बहन की शलवार खेंच कर उतार ली. वाउ उस की नन्ही मुन्नी चूत हल्के हल्के ब्राउन रूवे के साथ इंताई खूबसूरत लग रही थी. ईतने में शमी जो हिचकियाँ ले रही थी उस ने दोबारा ज़ोर से चीखना और रोना शुरू कर दिया.
बचाओ… बचाओ… मुझे बचा लो अम्मी जी… पापा मुझे बचाएँ मम्मी! लेकिन उस की यह आवाज़े उस के हलक़ में ही दब गयीं क्योंकि मैं ने उस की शलवार उठा कर उस का गोला बनाया और उस के मुँह में डाल दिया अब उस के मुँह से घ्ह्ह्ह्ह…गग्ग्ग….ग….ग..घह….ऊओ ण्न्न्न्न्घ्ह्ह्ह की आवाज़े आ रही थीं. फिर मैं ने उस की क़मीज़ का गिरेबान दोनों हाथों से पकड़ा और ऐक झटके से फार डाला. अब शमी हम दोनों के बीच बिल'कुल नंगी थी.
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07-03-2017, 01:17 PM,
#5
RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
मैं फ़ौरन शमी के मम्मो से खेल'ने लगा. पह'ले सहलाते रहा फिर दबाने लगा. फिर मैने अप'नी छोटी बहन के छोटे छोटे मम्मे बारी बारी से बड़े प्यार से चूसे. शमी छट'पटा रही थी. मूँ'ह में सलवार ठूँसा हुवा होने की वजह से उस'की आवाज़ बाहर नहीं आ रही थी. गुल ख़ान भी शमी की कमसिन चूत की पुट्तियाँ खोल'ने लगा था. वह दोनों हाथों से चूत फैला रहा था. कुच्छ देर बाद उस'ने चूत में अंगुल डाल'नी शुरू कर दी. फिर बोला,
अबे साले अब चूस'ना छ्चोड़ और चोद अप'नी बहन को. फिर मुझे भी चोद'ना है, देख'ता नहीं कब से खड़ा है. गुल ख़ान ने मुझे अप'ना 10" का खड़ा लंड दिखाया. मैं फ़ौरन शमी की टाँगों के बीच में आ गया और अप'ना 7" के करीब लंड को बहन की चूत के ऊपर टिका दिया. गुल ख़ान ने अंगुल कर'के शमी की चूत खोल दी थी फिर भी मैने गुल ख़ान की तरफ देखा,
गांडू कहीं के धक्का मार के थेल दे अंदर. इतना सुनते ही मैने एक ज़ोर का धक्का मार दिया और मेरा आधा लंड शमी की चूत में घुस गया. शमी ज़ोर से बिस्तर पर उच्छली. वह तो गुल ख़ान ने उस'के मूँ'ह पर हाथ रखा हुवा था, वरना उस'की चीख सारे मुहल्ले में सुनाई दे जाती. मुझे बहन की टाइट चूत में लंड पेलने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने यह परवाह नहीं की कि उसे कित'ना दर्द हो रहा होगा और लंड बाहर खींच खींच के 4 - 5 और तग'डे धक्के उस'की चूत में लगा दिए. मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया था.
फिर तो मैने बहन की ताबड तोड़ चुदाई शुरू कर दी. मैं लंड बाहर खींच खींच के अंदर घुसा रहा था. हर धक्के के साथ लंड 'छप' 'छप' कर'ता हुवा बहन की फुददी में जा रहा था. मैं लग'भग 5 मिनिट तक उसे चोद'ता रहा और उस'के बाद मेरे लंड ने पानी छ्चोड़ दिया. कुच्छ ही देर में मैं सुस्त होके बहन के ऊपर से हट गया. तभी मैने शमी की चूत की तरफ देखा तो उस'की चूत के इराद गिरद खून जमा पड़ा था और चूत बूरी तरह खून और मेरे रस से लत'पथ थी. मेरा रस अभी भी उस'की चूत से बह रहा था. गुल ख़ान ने यह देखा तो बोला,
साले तुम'ने अप'नी बहन की चूत फाड़ दी. ऐसे चोदा जाता है. देख इस'के तो खून आ गया. शमी के मूँ'ह से गों गों की घुटी घुटी आवाज़ें आ रही थी. गुल ख़ान ने शमी को अप'नी गोद में बैठ लिया और उस'के सर पे हाथ फेर'ते हुए उसे प्यार कर'ने लगा. फिर वह उस'के गालों की चुम्मियाँ लेने लगा. अब उस'ने शमी के मुँह से कप'डा निकाल दिया. शमी ने पह'ले तो हिच'कियाँ ली फिर रोने लगी.
आज़ाद तुम'ने यह अच्च्छा काम नहीं किया. कल जब सब'को यह बात मालूम पड़ेगी तो तुम्हें तो पोलीस पकड़ के ले जाएगी और तुम्हारा खानदान बदनाम हो जाएगा. गुलख़ान शमी की चूचियों को हल्के हल्के सह'लाते बोला.
क्या कह'ते हो मैं अकेला थोड़े ही था तुम भी तो साथ थे. मैने घबराई आवाज़ में कहा.
ठीक है मुझे भी पह'ले इसे चोद लेने दो, फिर कोई रास्ता सोच'ते हैं.
नहीं छ्चोड़ो मुझे. मैं मर जाउन्गी. भाई तुम'ने मुझे बार'बाद कर तो दिया. इस दरिंदे से मुझे बचाओ. मुझे छोड़ दो, मैं किसी को कुच्छ नहीं कहूँगी. यह कह शमी फिर रोने लगी. मुझे भी अब शमी पर दया आ रही थी पर यह भी जान'ता था कि गुल ख़ान उसे चोदे वगैर छोड़'ने वाला नहीं. तभी गुल ख़ान ने शमी से कहा,
देखो तुम एक बार चुद चुकी हो. अब चाहे एक बार चुदी हो या दस बार चुदी हो कोई फ़र्क़ नहीं पड़'ता. अब मेरे से भी राज़ी राज़ी चुद'वा लो तो तेरे हाथ भी खोल दूँगा और खूब प्यार से चोदून्गा नहीं तो फिर से मूँ'ह में कप'डा ठूंस साली की पूरी चूत फाड़ के भोसरा बना दूँगा.
नहीं गुल अंकल बहुत दर्द हो रहा है. मेरी पह'ले ही फॅट गयी है. छोड़ दो मुझे, मैं तुम दोनों के हाथ जोड़'ती हूँ और किसी को कुच्छ नहीं बोलूँगी. जाने दो मुझे.
यह ऐसे नहीं मानेगी. आज़ाद ठूंस दे इस'के मुँह में कप'डा. और साली चुप कर रन्डी भाई से तो तुम चुदवा ली अब क्या मैं इस खड़े लंड को तेरे भाई की गान्ड में डालूं.
अभी छोड़ दो मुझे. नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी. अभी एक बार छोड़ दो. मैं ठीक हो जाउन्गी तो ..... अभी छोड़ दो..... किसी को कुच्छ ..... नहीं .. बोलूँगी. गुल ख़ान ने शमी के हाथ खोल दिए और कहा,
जा बातरूम में जाकर ठीक से नहा ले और इस पर क्रीम लगा लेना. लड़'कियों की पह'ली चुदाई में ऐसा होता है और कुँवारी लड़'की के पह'ली बार खून भी आता है. सब के साथ ऐसा होता है. डर'ने की कोई बात नहीं. शमी उठी और सीधी बाथरूम में चली गयी. तभी गुल ख़ान ने मुझे पलट दिया और मेरी गान्ड पर अंगुल में ले ढेर सारा थूक लगा दिया.
गुल ख़ान यह क्या कर रहे हो? मैने वापस सीधा होते हुए कहा.
अरे साले तेरी गान्ड मारूँगा. तेरे को बहन चोदने का पह'ला मौका क्या दे दिया तूने तो उस बेचारी की फाड़ के रख दी. अब यदि मैं उसे चोद्ता तो हो सकता था कि बात बिगड़ जाती और हम दोनों जैल में बंद हो जाते. अब मैने उसे छोड़ दिया है देख'ना वह अब हम दोनों से राज़ी राज़ी चुद'वाएगी. अब पलट और मुझे तेरी गान्ड मार'ने दे, देख भाई बहन की चुदायी देख के कब से खड़ा है मेरा लंड.
पर गुल ख़ान तेरा बहुत बड़ा है और मैने इस'से पह'ले कभी गान्ड नहीं मर'वाई.
तो साले तेरी बहन ने इस'से पह'ले कभी चुदाया था क्या? तब तो तुम'ने यह बात नहीं सोची. तू चाह'ता है क्या कि मैं तेरे भी उसी तरह हाथ बाँधू और तेरे मुँह में भी कप'डा ठूँसू.
अच्च्छा मैं नारियल तेल ले आता हूँ. तुम पह'ले ठीक से लंड और गांद चिक'ना कर लो और धीरे धीरे मार'ना. मैं उठ और ड्रेसिंग टेबल से अम्मी की नारियल तेल की बॉटल ले आया और गुल ख़ान के हाथ में दे डी. गुल ख़ान ने प्लास्टिक की बॉटल दबा काफ़ी जमा हुवा नारियल तेल निकाला और उसे अप'ने लंड पर चुपऱ लिया फिर उस'ने मुझे अपने चारों हाथ पैरों पर कर दिया और मेरी गान्ड हवा में उँची उठा दी.
उसने नारियल तेल की प्लास्टिक की बॉटल का मुख मेरी गान्ड के छेद पर रखा और बॅटल थोऱी दबा के मेरी गन्ड में तेल दीया. फिर उस'ने बॉटल कस के दबा दी और मुझे गान्ड में ठंडा ठंडा महसूस हुवा. फिर गुल ख़ान ठीक मेरे पीछे आ घुट'ने के बल बैठ गया. उस'ने मेरे दोनों चुत्डो पर हाथ जमा के उन्हे चौडाने लगा. फिर उस'ने कहा,
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07-03-2017, 01:17 PM,
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RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
आज़ाद! ठीक से तकिये पर मुख रख ले और तकिया में मुँह दबा ले. मैं समझ गया कि अब वह मेरी गान्ड में अप'ना 10" का मूसल ठोकेगा और साला मुँह दबाने के लिए कह रहा है जिस'से कि मेरी आवाज़ ना निक'ले. मैने वैसे ही किया. डर भी लग रहा था, पर इस नये तज़ूर'बे के बारे में सोच सोच मैं काफ़ी उत्तेजित भी हो गया था और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
गुल ख़ान मेरी गान्ड के ठीक पीछे अप'ने पैरों पर खड़ा होके मेरी पीठ पर झुक गया और उस'ने अप'नी बाहें मेरी छाती पर कस ली/ तभी मुझे उस'का लंड अप'नी गान्ड के छेद पर महसूस हुवा और मैने तकिये में दाँत भींच के अप'ना चेहरा और कस के गाढ दिया. मेरी गान्ड का किला फ़तेह होने वाला था. गुल ख़ान ने लंड का दबाव मेरी गांद में दिया और एक तेज़ दर्द की लहर मेरे सारे बदन में दौड़ गयी. मैं कस'मासाया पर मैने सोच रखा था कि चाहे जो हो जा'य मुझे गले से आवाज़ बाहर नहीं निकलने देनी है.
फिर गुल ख़ान अप'ने लंड के सुपारे को मेरी गान्ड में कुच्छ देर हिलाता रहा. जिस'से मेरी गान्ड में भरा जमा हुवा नारियल तेल फैल'ने लगा. उस'के लंड का सुपारा मेरी गान्ड में अट'का 'पच' 'पच' कर के हिल रहा था. तभी उस'ने मेरी गान्ड पर और दबाव बढ़ाना शुरू किया और मुझे लंड अंदर सरक'ता साफ मालूम पड़ा. कुच्छ दूर तक तो बिना दर्द के अंदर सरक गया परंतु इस'के बाद मुझे ऐसे लगा कि जैसे मेरी गान्ड चीरी जा रही हो. तभी मैने अप'ना ध्यान शमी की पह'ली चुदाई की तरफ मोड़ दिया.
अब मुझे महसूस हो रहा था कि जब शमी की चूत में मैने पह'ली बार लंड पेला था तो उसे भी ऐसा दर्द हुवा होगा. मैं यह सोच कर पहली बार गान्ड मार'वाने के दर्द को झेल'ने लगा कि अभी कुच्छ देर पह'ले जब मैने अप'नी सग़ी बहन की चूत को ऐसा ही दर्द दिया था तो अब मैं क्यों चिल्लाउ. मैं अप'ने ख़यालों में खोया हुवा था और उधर गुल ख़ान ने मेरी नारियल तेल से सनी गान्ड में पूरा 10" का लंड जड़ तक पेल दिया था. उस'की बाहें मेरी छाती पर और कस गयी.

फिर गुल ख़ान ने आधा लंड मेरी गान्ड से निकाला और वापस धीरे से पूरा अंदर डाल दिया. ऐसा उस'ने तीन बार किया और तीस'री बार मुझे दर्द महसूस नहीं हुवा. फिर तो अचानक तूफान आ गया. अब गुल ख़ान सुपरे तक लंड बाहर खींच एक ही झट'के में पूरा जड़ तक घुसा रहा था. धीरे धीरे उस'की स्पीड बढ़'ती गयी और मुझे केवल पच्च पच्च सुनाई पड़ रहा था. मेरा लंड तन गया था और जब गुल ख़ान ने मेरी छाती से एक हाथ नीचे बढ़ाके मेरा लंड पक'डा तो मुझे बहुत मज़ा आया. मैं बोल पड़ा,
गुल ख़ान मेरे लंड को सर'का मारो. ओह तुम तो गान्ड मार'ने के पूरे एक्सपर्ट हो. गुल ख़ान ने मेरे लंड को मुत्ठी में जाकड़ लिया और वह मेरे लंड को मूठ मार'ने लगा. उधर बहुत तेज़ी के साथ उस'का लंड भी मेरी गान्ड में अंदर बाहर हो रहा था. तभी शमी कमरे में आ गयी और जैसे ही वह मूड के वापस जाने लगी गुल ख़ान बोल पड़ा,
शमी बेटे यहाँ आओ और बैठो. देखो मैं तुम्हारे भाई से तुम्हारा बद'ला कैसे ले रहा हूँ. ठीक से नहा ली हो ना. अभी दर्द कम हो गया न. शमी ने हां में गर्दन हिला दी.
ले साले झेल मेरा लंड. आज तेरी गान्ड फाड़ के बिटिया का बदला लूँगा. ले झेल.... गुल ख़ान मेरे लंड को मुठियाते हुए दना डन मेरी गान्ड में लंड पेल रहा था. तभी मेरे लंड से फव्वारा छूटा और तभी मुझे अप'नी गान्ड में गुल ख़ान के रस का फव्वारा महसूस हुवा. उस दिन और कुच्छ नहीं हुवा. शमी और दिन की अपेक्षा आज बहुत जल्द अप'ने कम'रे में जा कर सो गयी. मैं भी जल्द सो गया. दूसरे दिन मैं और शमी रोज की तरह यूनिवर्सिटी और स्कूल गये. दुस'री रात शमी राज़ी हो गयी. तीसरे दिन जब तक अम्मी अब्बू नहीं आ गये तब तक शमी इस खेल की खिलाड़ी बन चुकी थी. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त
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