मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 06:53 PM,
#31
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अचानक ज़िंदगी ने एक रोमांचक मोड़ ले लिया था ...

जो अब तक मैं जी रहा था ..वो केवल सूखी नदी की तरह था ....

और अब ऐसा लग रहा था जैसे ज़िंदगी में रस ही रस आ गया हो ....

अब तक किताबो या लोगो से सुने सभी सामाजिक विचार मुझे बेकार लगने लगे थे ...

इज्जत, सम्मान, मर्यादा सब आपके दिल में ही अच्छे लगते हैं ...दिखावट करने से ये आपको जंजीरों में जकड़ लेते हैं ...

मैं अगर इन सब में पड़ता ...तो अब तक जूली से लड़ झगड़ कर ... हम दोनों की जिंदगी नरक बना लेता ...

मगर मेरी सोच अलग है ....

लण्ड किसी की भी चूत में जाए ..इससे ना तो लण्ड को फर्क पड़ता है ..और ना ही चूत का ही कुछ नुकसान होता है ...

परन्तु बदलाव आने से ...एक अलग मजा आता है ..और जवानी बरकरार रहती है ...

मैं देख रहा था ...की जूली के चेहरे पर एक अनोखी चमक बरकरार रहती है ...

ये सब उसके चंचल जीवन के कारण ही था ...

हम तीनो को ही खाना ..खाते हुए मस्ती करने में बहुत मजा आ रहा था ...

मैंने जूली को चुप कराते हुए कहा ... 

मैं: तू चुप कर जान ...मुझे भी तो पता चले ..कि मेरे पीछे उस साले डॉक्टर ने क्या किया ..??
हा हा हा हा ..

मैं जोर से हंसा भी ..जिससे माहौल हल्का ही बना रहे ..

अनु:हाँ भैया ...मेरे को चिड़ा रही हैं भाभी ...जब आप यहाँ नहीं थे तब ...ना 

मैं: पुच च च च ..(मैंने अनु को अपने पास करके उसके गाल को चूमते हुए पूछा) बता बेटा ..क्या किया डॉक्टर ने ...

जूली अपने चेहरे को नीचे कर खाते हुए ही ...आँखे ऊपर को चढ़ा ..हम दोनों को घूर रही थी ...

उसके चेहरे पर कई भाव आ जा रहे थे ...

उसके चेहरे के भावो को देख ..मुझे लग रहा था कि ..जरूर कुछ ..अलग राज़ खुलने वाला है ...

क्या डॉक्टर ने ..मेरे पीछे जूली की चुदाई की थी ...वो भी अनु के सामने ...????

क्या इसीलिए जूली ...अनु को मेरे से इतना ..क्लोज कर रही है ...

मैंने अपने सीधे हाथ से अनु की नंगी ..चिकनी जांघे सहलाते हुए उसको बढ़ावा दिया ...

अनु: वो भैया ..भाभी की तबियत खराब नहीं हो गई थी ... जब ...
तब आपने ही तो भेजा था ना डॉक्टर को ...
भाभी बिलकुल चल ही नहीं पा रही थी ..
तब ना ..उन डॉक्टर ने भाभी को नंगा करके ...सुई लगाईं थी ...

मैं: क्याआआआआ .... 

जूली: एएएएए मारूंगी ..क्या वकवास कर रही है ...

मैं: क्यों मारेगी ...वही कौन सी सुई लगाई थी ..हा हा हा हा 

मैंने बिलकुल ऐसे जाहिर किया ..जैसे कुछ हुआ ही नहीं ...

मेरे इस वर्ताब से माहौल सामान्य बना रहता है ..

जूली जो कुछ बैचेन हो गई थी ..अब मजे ले रही थी ...

जूली: अरे नहीं जानू ...मैं तो बिलकुल बेजान ही हो गई थी उस दिन ....
मेरा ब्लड प्रेशर बहुत काम हो गया था ...

मैं: हाँ मुझे पता है जान ...सॉरी यार उस समय मैं तुम्हारे पास नहीं था ..

जूली: ओह थैंक्स माय लव ..

मैं :फिर डॉक्टर ने कहाँ इंजेक्शन लगाया ... 

जूली: अरे उस दिन मैंने पीला वाला .लॉन्ग गाउन पहना था ना ...बस ...उसी कारण...

मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... डॉक्टर जब चूतड़ों पर इंजेक्शन ठोंकता है ...तो उसके सामने तो सभी को नंगा होना ही पड़ता है ...

अनु: हाँ भैया ... मगर भाभी ने तो उस दिन ..कच्छी भी नहीं पहनी थी ... 
डॉक्टर ने तो भाभी के चूतड़ और सुसू पूरी नंगी देखी थी ..हे हे ..

अनु को कुछ ज्यादा ही मस्ती चढ़ गई थी ...

मगर अब हम दोनों ही उसकी बातों से मजा ले रहे थे ..

जूली: इसे देखो जरा ..कितनी चुगली कर रही है ..
अरे जानू वो गाउन ..केवल नीचे से ऊपर ही हो सकता है ना ...
मुझे तो पता ही नहीं था ..की वो इंजेक्शन लगाएंगे ...
वरना मैं कोई पजामा जैसा कपडा डाल लेती ..

मैं: अरे तो क्या हुआ जान ... क्या फरक पड़ता है ..

जूली: मुझे तो बाद में समझ आया ... फिर बहुत शर्म भी आई ..
पहली बार मुझे लगा कि ..कच्छी पहननी चाहिए थी ..
पर तब तो उन्होंने इंजेक्शन लगा गाउन ठीक भी कर दिया था ...

अनु: नहीं भाभी ..बहुत देर तक उन्होंने आपके चूतड़ सहलाये थे .. मैंने देखा था ...

अनु ने तो जैसे पूरा मोर्चा संभाल लिया था ... उसको लगा आज जूली कि डांट पढ़बा कर ही रहेगी ...

जूली: ओह ... नहीं जान ..मुझे कोई होश नहीं था ..मुझे नहीं पता ..ये क्या बक रही है ....

मैं: हा हा हा हा ...मुझे पता है जान ...
मैंने अनु को और भी अपने से चिपका ..उसके जांघो के जड़ तक अपना हाथ पंहुचा दिया ...

आश्चर्य जनक रूप से उसने अपने दोनों पैरो के को खोल ...एक गैप बना दिया ...

मेरी उँगलियों ने एक बार फिर उसकी कोरी ..छोटी से चिकनी ..फ़ुद्दी को सहलाना शुरू कर दिया ...

मैं: मेरी प्यारी बच्ची ...वो जो डॉक्टर है ना सुई लगाने से पहले ..उस जगह को मुलायम करने के लिए ..मलते हैं ....

अनु: अहा ह्ह्ह्ह्ह......... जज्जी ........भैया 

जूली: समझी पागल ...

अनु: मुझे लगा ..कि वो भाभी के साथ कोई गन्दी हरकत कर रहे हों ...

मैं: नहीं बेटा ...

ऐसी बातें करते हुए और ... मजे लेते हुए हम तीनो ने खाना खत्म किया ...

अब बारी थी सोने कि .........

मेरे मन में ना जाने कितने विचार चल रहे थे ... कि आज रात अनु के साथ कुछ न कुछ तो करता हूँ ...

मगर अनु जब भी आती है ... वो बाहर के कमरे में ही सोती है ....

अब उसको अपने बैडरूम में तो सुला नहीं सकता था ...

और अगर रात को सोते हुए उठकर कुछ करता हूँ तो .कैसे ...

यही सब प्लान मेरे दिमाग में चल रहे थे ....

मगर ये पक्का था कि आज यार कुछ करूँगा जरूर ..

जब जूली भी लगभग साथ दे रही है ...

और अनु भी मजे ले रही है ...कोई विरोध नहीं कर रही ..

तो ये मौका नहीं छोड़ना चाहिए ...

मेरा लण्ड भी बैठने का नाम नहीं ले रहे था ...

उसको भी एक टाइट माल कि ख़ुश्बू आ रही थी ...

किचिन के सब काम निबटने और बिस्तर लगाने तक ..कई बार मैंने अनु को छेड़ा ...

उसके नंगे चूतड़ों को मसला ... उसकी चूची को सहलाया ...

अनु ने हर बार मेरा साथ दिया ....

दो बार तो उसने खुद मेरे लण्ड को पकड़ दबाया ...

मैंने सोच लिया ..कि आज रात को ये ...उसके किसी न किसी छेद में तो डालूँगा ही ....

.................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:53 PM,
#32
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अनु की चिकनी फ़ुद्दी और मनमोहक चूतड़ ने मेरी सोचने समझने की शक्ति को बिलकुल ख़त्म ही कर दिया था ....

मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था ..कि कैसे इसकी ठुकाई करूँ ...

साफ़ नजर आ रहा था कि ..जुली कुछ नहीं कह रही है ...

वल्कि हर बार साहयता ही कर रही है ...

फिर भी मुझमे खुलकर कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी ...

शायद ये हम दोनों का एक दूसरे के प्रति असीम प्यार था ...

जो एक दूसरे की इच्छा का सम्मान भी कर रहे थे ..

मगर एक दूसरे के सामने खुलकर किसी दूसरे से रोमांस नहीं कर पा रहे थे ...

मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि अगर मैं अनु को चोद रहा हूँ ...और जूली देख ले ...तो क्या वो कोई प्रतिक्रिया देगी ...

या मेरी तरह ही चुप रहेगी ....

अब सोने का इन्तजार था ... 

अनु ने अपना बिस्तर बाहर के कमरे में ही लगया था ..

मैं यही सोच रहा था ...कि रात को एक बार कोशिश तो जरूर करूँगा ...

ये अच्छा ही था कि जूली बैडरूम में रहेगी ..और मैं आसानी से अनु कि टाइट चूत खोल पाउँगा ..

मगर फिर एक डर भी सता रहा था ...कि अगर वो ज़ोर से चिल्ला दी तो क्या होगा ...

बहुत से विचार मेरे दिल में आ जा रहे थे ...

मैं बहुत साड़ी बाते सोच रहा था ...

कि अनु को ऐसे करके चोदूंगा ..वैसे चोदूंगा ..

यहाँ तक कि मैंने दो तीन ..चिकनी क्रीम भी ढूंढ कर पास रख ली थीं ...

मेरे सैतानी लण्ड ने आज एक क़त्ल का पूरा इंतजाम कर लिया था ...

और वो हर हाल में इस काण्ड को करने के लिए तैयार था ...

फिर काम निपटाकर जूली अंदर आई ...

और उसने मेरे पुराने सभी विचारों पर बिंदु लगा दिया ..

अहा ये जूली ने क्या कर दिया ...

पता नहीं मेरे फायदे के लिए किया .... या सब कुछ रोकने के लिए ...

मगर मुझे ये बहुत बुरा लगा ....

दरअसल ..हमरे घर में ऐ0 सी० केवल बैडरूम में ही लगा है ...

बाहर के कमरे में केवल छत का पंखा है ...जो सोफे वाली तरफ है ..

जहाँ अनु ने बिस्तर लगाया था ..वहां हवा बिलकुल नहीं पहुचती ...

जूली ने वहां आते ही उसको कहा ...

जूली: अरे अनु यहाँ तू कैसे सोयेगी ....रात को गर्मी में मर जाएगी ...
चल अंदर ही सो जाना ...

लगता है जैसे अनु मेरे से उल्टा सोच रही थी ...

जहाँ मैं उसको अलग आराम से चोदना चाह रहा था .. 

वहीँ वो शायद मेरे पास लेटने की सोच रही थी ..

क्युकि वो एक दम से तैयार हो गई ....

और उसने फटाफट अपना बिस्तर उठाया ..और बैडरूम में आ देखने लगी कि किस तरफ लगाना है ..

मैं कुछ कहना ही चाह रहा था ..

मगर तभी जूली ने एक और बम छोड दिया ...

जूली: ये कहाँ ले आई बेबकूफ ..इसको बाहर ही रख दे ..
यहीं बेड़ पर ही सो जाना ...

अब मुझसे नहीं रुक गया ..

मैं: अरे जान यहाँ ..कैसे ...

जूली: अरे सो जाएगी एक तरफ को जानू ....
वहां गर्मी में तो मर जायेगी सुबह तक 

मैं चुप करके अब इस स्थिति के बारे में विचार करने लगता हूँ ...

पता नहीं ये अच्छा हुआ या गलत ...

पर जब अनु..... जूली के पास ही सोयेगी .तब तो में हाथ भी नहीं लगा पाउँगा ... 

मेरा दिल कहीं न कहीं डूबने लगा था ... और जूली को बुरा भी कह रह था ....

अब तीनो बिस्तर पर आ जाते हैं ...

एक ओर मैं था ..बीच में जूली ..एवं दूसरी तरफ अनु लेट गई ....

ऐ सी अनु वाली साइड में लगा था ....

मैंने कमर में एक पतला कपडा बाँध लिया था ...और पूरा नंगा था ....

वैसे मैं नंगा ही सोता था ... पर आज अनु के कारण मैंने वो कपडा बाँध लिया था ...

जूली अपनी उसी शार्ट नाइटी में थी ...जो उसके पैर मोड़ने से उसके कमर से भी ऊपर चली गई थी ..

उसके मस्त नंगे चूतड़ मेरे से चिपके थे ...

उधर अनु केवल एक समीज में लेटी थी .. 

हाँ उसमे अभी भी शर्म थी ..या वाकई ठण्ड के कारण वहां रखी पतली चादर ओड ली थी ...

उसका केवल सीने तक का ही बदन मुझे दिख रहा था ..

करीब आधे घंटे तक में सोचता रहा कि यार क्या करू ...

एक मस्त नंगे चूतड़ ..मेरे लण्ड को आमंतरण दे रहे थे ..

मगर उसे तो आज नई डिश दिख रही थी ...

मेरा कपडा खुल कर एक ओर हो गया था ...ओर अब नंगा लण्ड छत कि ओर तना खड़ा था ...

मेरे बस करवट लेते ही वो जूली के नंगे चूतड़ से चिपक जाता ... 

मगर ना जाने क्यों मैं सीधा लेटा ..अनु के बारे में सोच रहा था ....

कि क्या रिस्क लू ..उस तरफ जा अनु को चिपका लू ..

मगर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी ...

फिर मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया ..

मैंने जूली कि ओर करवट ले ली और 

.मैं जूली से पीछे से चिपक गया ..

मेरे लण्ड ने जूली के चूतड़ के बीचों बीच अपनी जगह बना ली ....

जूली भी थोड़ा सा खिसक ... अपने चूतड़ों को हिलाकर .. लण्ड को सही जगह सेट कर लेती है ..

अब मैं हाथ बड़ा सीधे अपने हाथ को अनु की चादर में डाल देता हूँ ...

मुझे पता था कि जूली आँखे खोले मेरे हाथ को ही देख रही है ...

मगर मैंने सब कुछ जानकार भी अपने हाथ को अनु कि चादर में डाल दिया ...

और हाथ अनु के नंगे पेट पर रखा ...

अनु की समीज उसके पेट से भी ऊपर चली गई थी ..

मैंने जूली की परवाह ना करते हुए ... अपना हाथ सीधे पेट से सरकाते हुए ... 

अनु की मासूम फ़ुद्दी तक ले गया ...

जहाँ अभी बालों ने भी पूरी तरह निकलना शुरू नहीं किया था ...

उसका ये प्रदेश किसी मखमल से भी ज्यादा कोमल था ....

मेरी उँगलियों ने उसकी फ़ुद्दी को सहलाते हुए ..जल्दी ही उसके बेमिसाल छेद को टटोल लिया ...

अनु कसमसाई ...उसने आँखे खोली ..और सर घुमाकर जूली की ओर देखा ...

जूली की भी आँखे खुलीं थी ...

बस अनु बिदक गई ...और उसने तुरंत मेरा हाथ झटक दिया ....

अनु : क्या करते हो भैया ...सोने दो ना ...

मैं पहले तो घबरा गया ...मगर फिर मेरे दिमाग ने काम किया ...

मैं: अरे मैं देख रहा हूँ कि तूने कहीं सूसू तो नहीं कर दिया ... गद्दा खराब हो जायेगा ...

जूली: हा हा ..और एक दम ऐ सी के सामने लेती है .. जरा संभलकर ...

अनु: क्या भाभी आप भी ...मैं नहीं बोल रही आपसे ..

तभी जूली ने बो कर दिया जिसकी मुझे सपने में भी उम्मीद नहीं थी .....

..............

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:54 PM,
#33
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अनु की मख्खन जैसी फ़ुद्दी के छूने से ..मेरे लण्ड में जबरदस्त तनाव आ गया था ....

जिसको जूली ने भी महसूस कर लिया था ...

मेरी समझ से बिलकुल परे था कि...

एक बीवी होकर भी वो अपने पति के सेक्सी रोमांस का 
मजा ले रही है ...

ना केवल मजे ले रही है ..वल्कि मेरे इस काम में सहयोग भी कर रही है ...

अब ना जाने उसके मन में क्या था ...

इन सब बातों को सोचने के बारे में ...मेरे दिल और दिमाग दोनों ने ही मना कर दिया था ...

अनु की नाजुक जवानी को चखने के लिए उसमे इतना तनाव आ गया था ...

कि दिल और दिमाग दोनों ही सो गए थे ....

उनको तो बस अब एक ही मंजिल दिख रही थी ....

चाहे उस तक कैसे भी जाया जाये ....

अनु: ओह भाभी ....भैया भी ..पापा की तरह परेशान कर रहे हैं ...

जूली ने अनु का हाथ पकड़ ...खेंच कर सीधे मेरे तने हुए लण्ड पर रख दिया .....

जूली: तू भी तो पागल है ... बदला क्यों नहीं लेती ...
तू भी देख ..कि कहीं तेरे भैया ने तो सूसू नहीं की ..
हे हे हे हे 

जूली के इस घटना से मैं भौचक्का रह गया ..
और शायद अनु भी ...

हाथ के खिचने से वो जूली के ऊपर को आ गई थी ..

जूली ने ना केवल अनु का हाथ ..मेरे लण्ड पर रखा ..वल्कि उसको वहां पकडे भी रही ..

कि कहीं अनु जल्दी से हटा न ले ...

अनु का छोटा सा कोमल हाथ ...मेरे लण्ड को मजे दे ही रहा था कि ...........

अब अनु ने भी मेरी समझ पर परदा डालने वाली हरकत की....

उसने कसकर अपनी छोटे छोटे हाथ से बनी जरा सी मुट्ठी में मेरे लण्ड को जकड लिया ...

अनु: हाँ भाभी ये आप ठीक कहती हो ...
क्या अब भी भैया ..सूसू कर देते हैं बिस्तर पर ...

जूली: हा हा ...हाँ बेटा ...तुझे क्या पता ..कि ये अब भी बहुत नालायक हैं ..
ना जाने कहाँ कहाँ ..मुत्ती करते हैं ...मेरे कपडे तक गीले कर देते हैं ...

मैंने अनु के हाथ को लण्ड से हटाने की कोई जल्दी नहीं की ......

लेकिन कुछ प्रतिवाद तो करना ही था ..इसलिए ..

मैं: तुम दोनों पागल हो गए हो क्या ..??
ये क्या वकवास लगा रखी है....

तभी अनु मेरे लण्ड को सहलाते हुए अपना हाथ ..लण्ड के सुपाड़े के टॉप पर ले जाती है ..

उसको कुछ चिपचिपा महसूस हुआ ...

मेरे लण्ड से लगातार प्रीकम निकल रहा था ...

अनु: हाँ भाभी ..आप ठीक कह रही हो ...भैया ने आज भी सूसू की है ..
देखो कितना गीला है ...

जूली: हा हा हा ...

मैं: हा हा चल पागल ...फिर तो तूने भी की है ..अपनी देख वहां भी कितना गीला है ...

शायद जूली जैसी समझदार पत्नी बहुत कम लोगों को मिलती है ...

मेरा दिल कर रहा था कि ..जमाने भर कि खुशियाँ लाकर उसके कदमो में डाल दूँ ...

मेरे लण्ड और अनु की चूत के गीलेपन की बात से ही वो समझ गई.....कि हम दोनों अब क्या चाहते हैं ...

वो बिना कुछ जाहिर करे अनु को एक झटके से ...अपने ऊपर से पलटकर मेरी ओर कर देती है ..

और खुद अनु की जगह पर खिसक जाती है ..

फिर बड़े ही रहस्य्मय आवाज में बोलती है ..

जूली: ओह तुम दोनों ने मेरी नींद का सत्यानाश कर दिया है ...
तू इधर आ और अब तुम दोनों ...
एक दूसरे की देखते रहो ..
कि किसने की और किसने नहीं की सूसू 

अनु एकबारगी तो बोखला सी गई ...

पर बाद में सीधी होकर लेट गई ...

मैं समझ नहीं पा रहा था कि कुछ बोलूं या नहीं ...

मैंने घूमकर देखा ....जूली बाकई दूसरी और करवट लेकर लेट गई थी ...

अब मैंने अनु के चेहरे की ओर देखा ...

उसके चेहरे पर कई भाव थे ....

उसकी आँखों में वासना और डर दोनों नजर आ रहे थे ..
जबकि होंटो पर हलकी मुस्कुराहट भी थी ...

मेरे दिल में एक डर भी था ..कि कहीं जूली कुछ फंसा तो नहीं रही ...

मगर पिछले दिनों मैंने जो कुछ भी देखा और सुना था ...जूली का वो खुला रूप याद कर मेरा सारा डर निकल गया ...

मैंने झुककर अनु के पतले कांपते होंठो पर अपने होंठ रख दिए ...

अनु तो जैसे सब कुछ करने को तैयार थी ... 

लगता है ... इस उम्र में उसकी वासना अब उसके वश से बाहर हो चुकी थी ....

वो लालायित होकर अपने मुँह को खोलकर ...मेरा साथ देने लगी ...

मैं उसके ऊपर तिरछा होकर झुका था ...

उसका बायां हाथ मेरे लण्ड को छू रहा था...

अचानक मैंने महसूस किया कि उसने फिर से अपनी मुट्ठी में मेरे लण्ड को पकड़ लिया है ...

उसकी बैचेनी को समझते हुए मैंने उसके होंठो को छोड़कर ...........ऊपर उठा ....

मैंने उसकी समीज की ढीली आस्तीन को उसके कंधो से नीचे सरका दिया ...

अनु इतनी समझदार थी कि वो तुरंत समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ ...

उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आस्तीन को निकाल दिया ...

मैंने उसके सीने से समीज को नीचे कर उसकी नाजुक ...छोटी छोटी चूचियों को एक ही बार में अपनी हथेली से सहलाया ...

अनु: (बहुत धीरे से) अहाआआ 

उसकी समीज उसके पेट पर इकट्ठी हो गई थी ...

मैंने एक बार फिर समीज नीचे को की ...

अनु ने जूली की ओर देखते हुए ... अपने चूतड़ को उठाकर ...
अपने हाथ और पैर से समीज को पूरा निकाल दिया ...

जूली अपने नंगे चूतड़ को उठा ..हमारी ओर करवट लिए वैसे ही लेती थी ....

उसकी साँसे बता रही थी .. कि वो सो गई है ...या सोने का नाटक कर रही है ......

मेरा कमर से लिपटा ..कपडा तो कब का खुलकर ..बिस्तर से नीचे गिर गया था ...

अब अनु भी पूरी नंगी हो गई थी ...

नाईट बल्ब की नीली रोशनी में उसका नंगा बदन गजब लग रहा था ...

मैंने नीचे झुककर उसकी एक चूची को पूरा अपने मुँह में ले लिया ...

उसकी पूरी चूची मेरे मुँह में आ गई ... मैं उसको हलके हलके चूसते हुए ..
अपनी जीभ कि नोक से उसके जरा से निप्पल को कुरेदने लगा ...

अनु पागल सी हो गई ...

उसने अपनी मुट्ठी में मेरे लण्ड को पकड़ उमेठ सा दिया ...

मैंने अपना बायां हाथ उसकी जांघो के बीच ले जाकर सीधे उसकी फ़ुद्दी पर रखा ...

और अपनी ऊँगली से उसके छेद को कुरेदते हुए ही एक ऊँगली अंदर डालने का प्रयास करने लगा ....

अनु कुनमुनाने लगी .... 

लगता है उसको दर्द का अहसास हो रहा था ...

मुझे संसय होने लगा कि इतने टाइट छेद में मेरा लण्ड कैसे जायेगा ....

वाकई उसका छेद बहुत टाइट था ... मेरी ऊँगली जरा भी उसमे नहीं जा पा रही थी ....

मैंने अपनी ऊँगली अनु के मुँह में डाली ...
उसके थूक से गीली कर फिर से उसके चूत में डालने का प्रयास किया ..

मगर इस बार .......

........................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:54 PM,
#34
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
मेरा बैडरूम मुझे कभी इतना प्यारा नहीं लगा ...

मैंने सपने में भी नहीं सोचा था ..

कि ज़िंदगी इतनी रंगीन हो सकती है ...

मेरे सामने ही ..बेड के दूसरी छोड़ पर मेरी सेक्सी बीवी लगभग नंगी करवट लिए लेटी है ...

उसकी अति पारदर्शी नाइटी ..जो खड़े होने पर उसके घुटनो से ६ इंच ऊपर तक आती थी ...

इस समय सिमट कर उसके पेट से भी ऊपर थी ...

और मेरी जान अपने गोरे बदन पर कच्छी तो पहनती ही नहीं थी ....

उसके मस्त चूतड़ ..पीछे को उठे हुए ....मेरे सेक्स को कहीं अधिक भरका रहे थे ....

अब तक मजेदार भोजन खिलाने वाली मेरी बीवी ने.... आज एक ऐसी मीठी डिश मेरे सामने रख दी थी ,,,और सोने का नाटक कर रही थी ...

कि जिसकी कल्पना शायद हर पति करता होगा ..

मगर उसे मायूसी ही मिलती होगी ....

अनु के रसीले बदन से खेलते हुए ...मैं अपनी किस्मत पर रस्क कर रहा था ...

इस छोटी सी लोंडिया को देख मैंने कभी नहीं सोचा था कि ...
ये इतनी गरम होगी ....

और चुदाई के बारे में इतना जानती होगी ...

मेरा लैंड उसके हाथो ..में मस्ती से अंगड़ाई ले रहा था ...

और बार-बार मुँह उठाकर उसकी कोमल फ़ुद्दी को देख रहा था ...

या बोल रहा हो ...कि आज तुझे जन्नत कि सैर कराऊंगा ...

उसकी फ़ुद्दी भी मेरी उँगलियों के नीचे बुरी तरह मचल रही थी ...

वो सब कुछ कर गुजरने को आतुर थी ...

शायद ..उसकी फ़ुद्दी ..होने वाले कत्लेआम से अनभिग थी .....

मेरे और अनु के बदन पर एक भी कपडा नहीं था ..

अनु बार-बार मेरे गठीले एवं संतुलित बदन से कसकर चिपक जाती थी ...

मेरा मुँह उसकी दोनों रसीली आमियों को निचोड़ने में ही लगा था ...

मैं कभी दाई ..तो कभी बायीं चूची को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था ...

अनु कुछ ज्यादा ही मचल रही थी ...

वो मेरी तरफ घूम कर ..अपना सीधा पैर मेरी कमर पर रख देती है ...

मैं भी अपना हाथ आगे उसकी फ़ुद्दी से हटा ...उसके मांसल चूतड़ों पर रख उसको अपने से चिपका लेता हूँ ..

इस अवस्था में उसकी रसीली चूत मेरे लण्ड से चिपक जाती है ....

शाम से हो रहे घटनाक्रम से अनु सच में सेक्स लिए पागल हो रही थी ...

वो अपनी चूत को मेरे लण्ड से सटा खुद ही अपनी कमर हिला रही थी ..

उसकी रस छोड़ रही चूत मेरे लण्ड को और भी ज्यादा भड़का रही थी ...

मैंने एक बात और भी गौर की..... कि अनु शुरू शुरू में बार बार ...जूली की ओर घूमकर देख रही थी ....

उसको भी कुछ डर जूली का था...

मगर अब बहुत देर से वो मेरे से हर प्रकार से खेल रही थी ...

उसने एक बार भी जूली की ओर ध्यान नहीं दिया था ...

या तो वासना उस पर इस कदर हावी हो चुकी थी ...
की वो सब कुछ भूल चुकी थी ..

या अब वो जूली के प्रति निश्चिंत हो चुकी थी ....

हाँ मैं उसी की ओर करवट से लेटा था ...

तो मेरी नजर बार बार जूली पर जा रही थी ...

कमाल है ..उसने एक बार भी ना तो गर्दन घुमाई थी ..
और ना उसका बदन जरा भी हिला था ...

जूली पूरी तरह से अनु का उद्घाटन करने को तैयार थी .........

मेरा लण्ड इस तरह की मस्ती से ..और भी लम्बा, मोटा हो गया था .....

मैं अपने हाथ से उसके चूतडो को मसलते हुए .. अपनी ओर दबा रहा था ...

और अनु अपने कमर को हिलाते हुए मखमली चूत को मेरे लण्ड पर मसल रही थी ...

मेरे मुँह में उसकी चूची थी ...

हम दोनों बिलकुल नहीं बोल रहे थे ..

मगर फिर भी मेरे द्वारा चूची चूसने की ..पुच पिच जैसी आवाजे हो ही रही थीं ....

अनु की बेकरारी मुझे उसके साथ और भी ज्यादा खेलने को मजबूर कर रही थी ....

मैंने उसको सीधा करके बिस्तर पर लिटा दिया ...

अब मैं उसके ऊपर आ गया ......

मैंने एक बार उसके कंपकंपाते होठो को चूमा ...

फिर उसकी गर्दन को चूमते हुए ...जरा सा उठकर ..नजर भर अनु के मस्त उठानो को देखा ...

दोनों चूची छोटे आम की तरह ..उठी हुई ..जबरदस्त टाइट ... और उन पर पूरे गुलाबी ..छोटे से निप्पल ..

जानलेवा नजारा था ...

मैंने दोनों निप्पल को बारी बारी से .. अपने होंटों से सहलाया ..

फिर नीचे सरकते हुए उसके पतले पेट तक पंहुचा ..अब मैंने उसके पेट को चूमते हुए ..
अपनी जीभ उसकी प्यारी सी नाभि पर रख दी ...

मैं जीभ को नाभि के चारों ओर घुमाने लगा ...

अनु मचल रही थी ...उसके मुँह से अब हलकी हलकी आहें निकलने लगी ...

अनु: अह्ह्हाआ ह्ह्ह्ह आ 

मैं थोड़ा और नीचे हुआ ... 

मैंने अनु के पैरों को फैलाया ...और उसकी कोमल कली फ़ुद्दी ...पहली बार इतनी नजदीक से देखा ...

उसके दोनों फूल ..कास कर एक दूसरे से चिपके थे ...

चूत पर एक भी बाल नहीं था ... 

जूली की चूत भी गजब की है .... बिलकुल छोटी बच्ची जैसी ....
मगर उस पर बाल तो आ चुके ही थी ... भले ही वो कीमती हेयर रेमोवेर से उनको साफ़ कर अपनी चूत को चिकना बनाये रखती थी ...

और फिर लण्ड खाने से उसकी चूत कुछ तो अलग हो गई थी ...

मगर अनु की चूत बिलकुल अनछुई थी .... उस पर अभी बालों ने आना शुरू नहीं किया था ...

जिस चूत में अंगुली भी अंदर नहीं जा रही थी ..उसका तो कहना ही क्या ...

इतनी प्यारी कोमल अनु की चूत इस समय मेरी नाक के नीचे थी ....

उसके चूत से निकल रहे काम रस की खुसबू मेरे को मदहोश कर रही थी ....

मैंने अपनी नाक उसकी चूत के ऊपर रख दी ...

अनु: अह्ह्हाआआआ ज

जोर से तरफी ...उसने अपनी कमर उठा ..बेकरारी का सबूत दिया ....

मैं उस खुसबू से बैचेन हो गया और ,,

मैंने अपनी जीभ उसके चूत के मुँह पर रख दी ...

बहुत मजेदार स्वाद था .... मैं पूरी जीभ निकाल चाटने लगा ...

मुझे चूत चाटने में वैसे बी बहुत मजा आता था ...

और अनु जैसी कमसिन चूत तो मख्खन से भी ज्यादा मजेदार थी ...

मैं उसकी दोनों टाँगे पकड़ ..पूरी तरह से खोलकर ...

उसकी चूत को चाट रहा था ...

मेरी जीभ अनु के चूत के छेद को कुरेदती हुई अब अंदर भी जा रही थी ....

उसकी चूत के पानी का नमकीन स्वाद मुझे मदहोश किये जा रहा था ....

मैं इतना मदहोश हो गया कि मैंने अनु की टाँगे ऊपर को उठाकर ...

उसके चूतड़ तक चाटने लगा ...

कई बार मेरी जीभ ने उसके चूतड़ के छेद को भी चाटा.....

अनु बार बार सिस्कारियां लिए जा रही थी ...

हम दोनों को ही अब जूली की कोई परवाह नहीं थी ...

मैंने चाट चाट कर उसका निचला हिस्सा पूरा गीले कर दिया था ...

अनु की चूत और गांड दोनों ही मेरे थूक से सने थे ...

मेरा लण्ड बुरी तरह फुफकार रहा था ...

मैंने एक कोशिश करने की सोची ...

मैंने अनु को ठीक पोजीशन में कर उसके पैरों को फैला लिया ...

और अपना लण्ड का मुँह ... उसके लपलपाती ..चूत के मुख पर टिका दिया .....

............

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:54 PM,
#35
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
ये मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीं पल था ...

एक अनछुई कली ...पूरी नग्न ...मेरे नीचे दबी थी ...

उसके चिकने कोमल बदन पर एक चिंदी वस्त्र नहीं था ...

मैंने उसके दोनों पैरों को मोड़कर ... फैलाकर चोडा कर दिया ....

उसकी छोटी सी चूत ..एक दम से खिलकर सामने आ गई ...

मैंने अपनी कमर को आगे कर ..अपना तनतनाते लण्ड को उन कलियों सी चिपका दिया ...

मेरे गर्म सुपाड़े का स्पर्श अपने चूत के मुह पर होते ही अनु सिसकार उठी ...

मैं धीरे धीरे ...उसी अवस्था ..में लण्ड को घिसने लगा ..

दिल कर रहा था कि एक ही झटके में पूरा लण्ड अंदर डाल दूँ ...

मगर ये ही एक शादीशुदा मर्द का अनुभव होता है ..

कि वो जल्दबाजी नहीं करता ....

मैं बाएं हाथ को नीचे ले जाकर लण्ड को पकड़ लेता हूँ ..

फिर कुछ पीछे को होकर लण्ड को चूत के मुख को खोलते हुए अंदर सरकाने की कोशिश करता हूँ ...

अनु बार-बार कमर उचकाकर अपनी बैचेनी जाहिर कर रही थी ...

१० मिनट तक मैं लण्ड को चोदने वाले स्टाइल में ही चूत के ऊपर घिसता रहा ...

१-२ बार सुपाड़ा ..जरा जरा ...सा ही चूत को खोल अंदर जाने का प्रयास भी कर रहा था ..

मगर अनु का जिस्म अभी बिलकुल दर्द सहने का आदि नहीं था ...

वो खुद उसे हटा देती थी ...

शायद उसको हल्के सी भी दर्द का अंदाजा नहीं था ...

उसको केवल आनंद चाहिए था ..

इसलिए हल्का सा भी दर्द होते ही वो पीछे हट जाती थी ..

इससे पहले भी मैंने 4-5 लड़कियों की कुआरी झिल्ली को तोडा था ..

मुझे यकीन था की अनु अभी तक कुआंरी है ...

और उस हर अवस्था का अच्छा अनुभव रखता था ..

जिन 4-5 लड़कियों की मैंने झिल्ली तोड़ी थी ...
उसमे एक तो बहुत चिल्लाई थी ...

उसने पूरा घर सर पर उठा लिया था ..

उस सबको याद करके ...
एवं जूली के इतना निकट होने से मैं ये काम आसानी से नहीं कर पा रहा था ...

मुझे पता था ..कि अनु आसानी से मेरे लण्ड को नहीं ले पायेगी ...

और अगर ज़ोर से झटके से अंदर घुसाता हूँ तो बहुत ववाल हो सकता है ...

खून, चादर, चीख चिल्लाहट ..और ना जाने कितनी परेसानी आ सकती है ...

हो सकता है जूली भी इसी सबका इन्तजार कर रही हो ...

फिर वो मेरे पर हावी हो रंगरालिओं के साथ-साथ दवाव भी बना सकती है ...

मेरा ज़मीर ..मेरे को उसके सामने कभी नीचे दिखने को राजी नहीं था ...

वो भी एक चुदाई के लिए ...

क्या मुझे अपने लण्ड पर काबू नहीं था ..??

मुझे खुद पर पूरा भरोसा था ...

मैं अपने लण्ड को ..अपने हिसाब से ही चुदाई के लिए इस्तेमाल करता था ....

ज़बरदस्ती कभी करता नहीं था ...
और जो तैयार हो ..
उसको छोड़ता नहीं था ....

अनु के साथ भी मैं वैसे ही मजे ले रहा था ...

मुझे पता था ..कि लौंडिया घर की ही है...

और बहुत से मौके आएंगे ...

जब कभी अकेला मिला ..तब ठोंक दूंगा ...

और अगर प्यार से ले गई तो ठीक ..

वरना खून खराबा तो होगा ही ....

अनु की नाचती कमर बता रही थी की उसको इस सबमे भी चुदाई का मजा आ रहा है ...

खुद को मजा देने के लिए ..

मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत के पूरा लेटी अवस्था में चिपका दिया ....

और में ऊपर ..नीचे होकर मजा लेने लगा ...

लण्ड पूरा अनु की चूत से चिपककर ..उसके पेट तक जा रहा था ...

उसकी चूत की गर्मी से मेरा लण्ड लावा छोडने को तैयार था ...

पर लगता है कि...

अनु कि चूत के छेद पर अब लण्ड छू नहीं पा रहा था ..

या उसको पहले टॉप के धक्को से ज्यादा आनंद आ रहा था ...

वो कसमसाकर मुझे ऊपर को कर देती है ...

फिर खुद अपने पैरों को मेरी कमर से बांधकर 

अपना हाथ नीचे कर मेरे लण्ड को पकड़ लेती है ...

उसके पसीने से भीगे ..नरम छोटे हाथो में आकर लण्ड और मेरी हालत ख़राब होने लगती है ...

वो लण्ड के सुपाड़े को फिर अपनी चूत के छेद से चिपका देती है ...

और कमर हिलाने लगती है ...

अब मैं भी कमर को थोड़ा कसकर ..आगे पीछे करने लगता हूँ ...

उसके कैसे हुए हाथो में मुझे ऐसा ही लग रहा था कि मेरा लण्ड ..चूत के अंदर ही है ...

मैं जोर जोर से कमर हिलाने लगा ,जैसे चुदाई ही कर रहा हूँ ...

अनु लण्ड को छोड़ ही नहीं रही थी ...

कि कहीं मैं फिर से लण्ड को वहां से हटा न लूँ ...

अब लण्ड का सुपाड़ा ..आधा से १ इंच तक भी चूत के अंदर चला जा रहा था ...

अनु ने इतनी कसकर लण्ड पकड़ा था कि ...वो वहां से इधर उधर न हो ...

इसीलिए चूत में भी ज्यादा नहीं घुस पा रहा था ...

वरना कुछ झटके तो इतने जोरदार थे कि लण्ड अब तक आधा तो घुस ही जाता ...

और तभी मेरे लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी ...

मैं: अहाआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआअ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊ ओह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

कई पिचकारी अनु की चूतको पूरा गीली करती हुई उसके पेट और छाती तक को भिगो गई ...

सच बहुत ज्यादा वीर्य निकला था ....

अनु ने अब भी कसकर लण्ड को पकड़ा था ....

मुझे जन्नत का मजा आ रहा था ...

फिर मैं मुझमे अब जरा सी भी हिम्मत नहीं बची थी ,,

मैं एक ओर गिरकर लेट गया ...

मुझे बस इतना ध्यान है ...

कि अनु उठकर बाथरूम में गई ....

कुछ देर बाद मैंने देखा अनु बाथरूम से बाहर निकली ..

वो अभी भी पूरी नंगी थी ...

उसने बाथरूम का दरवाजा ..लाइट कुछ बंद नहीं की ..

और फिर से मेरे से चिपक लेट गई ...

उसने अपनी समीज भी नहीं पहनी ...

वो पूरी नंगी उसी अवस्था में मुझसे चिपक लेट गई ..

मेरे में इतनी ताकत भी नहीं बची थी ...
कि अपना हाथ भी उस पर रख सकु ...

नींद ने मेरे ऊपर पूरा कब्ज़ा कर लिया था ...

जबकि दिमाग में ये आ रहा था ...

कि उठकर सब कुछ सही कर दे ...

खुद और अनु को कपडे पहना दे ...

वरना सुबह दोनों को ऐसे देख जूली क्या सोचेगी ..

और ना जाने क्या करेगी ....????

..................... 

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:55 PM,
#36
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अनु बाथरूम से अपने शरीर को साफ़ करके फिर मेरे पास आ चिपक कर लेट गई ...

इतनी कम उम्र में भी वो सेक्स की देवी थी ...

उसने ना तो समीज पहनी ..और ना उसको जूली का डर था ..

इतने मजे करने के बाद उसका सारा डर निकल गया था ...

उसने अपना एक हाथ मेरे सीने पर.... 
और एक पैर मेरे लण्ड पर रख .दिया था ..
सिर मेरे कंधे पर रख सो गई थी ....

मैंने भी उसको दूर नहीं किया ...
या मेरे मैं बिलकुल हिलने तक की ताकत नहीं बची थी ..

उसकी चूचियों का अहसास मेरे हाथ .पर 
एवं उसकी गर्म चूत का कोमल अहसास मेरी जांघ पर हो रहा था ...

मुझे नहीं पता कि मैं कब बेहोशी की नींद सो गया ..

सुबह जूली ने ही मुझे आवाज दी ....

जूली: सुनो अब उठ भी जाओ ... चाय पी लो ...

रात की सारी घटना मेरे दिमाग में आई ...
और मैं एक दम से उठ गया ...

कमरे में जूली नहीं थी ....

मैंने राहत की सांस ली ...

फिर चारों और देखकर सारी स्थिति का अवलोकन किया ...

मेरी कमर तक चादर थी ...जो पता नहीं मैंने खुद ली या किसी और ने... कुछ पता नहीं ....

मैंने चादर हटा कर देखा ...मेरी कमर पर रात को बंधा कपडा ..भी अंदर ही था ...
बंधा तो नहीं पर हाँ लिपटा जरूर था ....

फिर मैंने बिस्तर पर देखा ....

दूसरे कोने पर मुँह तक चादर ढके ...शायद अनु ही सो रही थी ...

क्या अनु अभी तक नहीं जगी ...
उसने कपडे पहने या नहीं ..

मैंने चारों और नजर घुमाकर उसकी उतारी हुई समीज को देखा ..
पर कहीं नजर नहीं आई ...

अनु कब रात को उधर चली गई ...

क्या जूली ने ये सब किया ...

या फिर अनु ने सब कुछ ठीक करके फिर सोई ...

मेरा दिमाग बिलकुल सुन्न हो गया था ...

मैंने चाय पीकर अपने कमर का कपडा कसकर बांधा ..

फिर एक बार बाहर कमरे में देखा ....

जूली शायद किचिन में थी ..

उसकी आवाज भी आ रही थी ...
और शायद कोई और भी था ...जिससे वो बात कर रही थी ....

मगर मेरे दिमाग में अब वो नहीं थी ...

मैं तो रात के काण्ड से डरा हुआ था ...

कि ना जाने जूली का क्या रुख होगा ...???

उसे कुछ पता चला या नहीं ....

मैं जल्दी से अनु कि ओर गया और उसको उठाने के लिए उसकी चादर हटाई ...

क्या नजारा था .....

सुबह की चमकती रोशनी में ..अनु का मादक जिस्म चमक रहा था ...

उसके बदन पर समीज तो थी ...
मगर वो उसके पेट पर थी ...

शायद उसने खुद या फिर जूली ने उसको समीज पहनाने की कोशिश की होगी ...

जो केवल कमर तक ही पहना पाई ...

उसका पूरा जिस्म ही पूरा नंगा मेरे सामने था ...

उसने अपनी दोनों टांगे घुटनो से मोड़ ..
फैला रखी थी ...

उसकी खुली हुई कोमल चूत मेरे सामने थी ...

वैसे तो इसको मैं पहले भी देख चुका था .. 

पर इस समय उसमे बहुत अंतर था ...

उसकी चूत बिलकुल लाल सुर्ख हो रखी थी ...
और एक दो लाल खून के निसान भी दिख रहे थे ...

ओह क्या रात मेरे लण्ड ने इस बेचारी को इतना दर्द दिया था ...

मगर लण्ड तो बहुत जरा सा ही अंदर गया था ...

फिर इसकी चूत इतना कैसे सूज गई ....

फिर मैंने प्यार से अनु की चूत पर अपना हाथ रखा ..

और धीरे से उसको सहलाया ....

मुझे लगा की रत जोश में मुझे पता नहीं चला ..पर शायद अनु को बहुत कष्ट हुआ होगा ...

हो सकता है मेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही अंदर तक चला गया हो ...

फिर मुझे उसकी चूत पर कुछ अलग ही स्मेल आई ..

अरे ये तो बोरोप्लस की खुसबू थी ...

इसका मतलब अनु ने रात को बोरोप्लस भी लगाया ...इसने एक बार भी मुझे अपने दर्द के बारे में नहीं बताया ...

मुझे उसके इस दर्द को छुपाने पर बहुत प्यार आया ...

मैंने उसके होंठो को चूम लिया ..

तभी मुझे जूली के ..कमरे में आने की आवाज आती है ...

उसके पैरों की आवाज आ रही थी ...

मैंने जल्दी से अनु को चादर से ढका ..

और बाथरूम में घुस गया ...

जूली कमरे में आ जाती है ...

जूली: अरे आप कहाँ हो जानू...

मैं: बोलो जान ... बाथरूम में हूँ ...

जूली: ओह ठीक है .. मैं आपको उठाने ही आई थी ...

उसकी आवाज में कहीं कोई नाराजगी या कुछ अलग नजर नहीं आया ...

वो हर रोज की तरह ही व्यवहार कर रही थी ..

मुझे बहुत सुकून सा महसूस हुआ ...

फिर मुझे लगा कि शायद वो अनु को उठा रही है ...

अब ये सब मैं नहीं देख सकता था .....

क्युकि बाथरूम से केवल वाहर का कमरा या किचिन ही देखा जा सकता था ...

बैडरूम में नहीं ....

हाँ मैं दरवाजा खोल देख सकता था ...

मगर मैंने इसमें कोई रूचि नहीं ली ..

मेरे दिल को सुकून था ..

कि इतने बड़े कांड के बाद भी सब कुछ ठीक था ...

............................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:55 PM,
#37
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
मैं नहाकर बाहर आया ... बेडरूम पूरी तरह से व्यवस्तित था ...

मैं तैयार हुआ ...कमरे में कोई नहीं था ...

अनु और जूली दोनों ही किचिन में थी ...

१० से भी ऊपर हो गए थे ...

मैं किचिन में ही चला गया ..

दोनों काम में लगी थीं ...

दोनों ने रात वाले कपडे ही पहन रखे थे ...

अनु ने मुझे देखकर ...जूली से बचकर ..एक बहुत सेक्सी स्माइल दी ...

मैंने भी उसको आँख मार दी ...

उसने शरमाकर अपनी गर्दन नीचे कर ली ..

मैं जूली के पास जाकर उसके गोलों मटोल चूतड़ों को सहलाकर ...

मैं: क्या बात जान ?? आज अभी तक तैयार नहीं हुई ..
जूली: नहीं जानू..मैं भी देर से ही उठी ...
वो तो भला हो दूधवाले का ...
जिसने उठा दिया ....सुबह आकर ...
वरना इतनी थकी थी कि सोती ही रहती ..

मेरे जरा से सहलाने से ही ..उसकी पतली नाइटी ..खिसकी और जूली के नंगे चूतड़ मेरे हाथो के नीचे थे ...

मैं सोचने लगा ...कि सुबह से जूली ऐसे ही सब काम कर रही है ...

वो लगभग नंगी ही दिख रही है ...

उस पतली सी ...आधी नाइटी में ...जिसके नीचे उसने ब्रा या कच्छी कुछ भी नहीं पहना था ..

क्या सबके सामने वो ऐसे ही आ.... जा रही है ...??

सभी के खूब मजे होंगे ...

पहले तो मैं उसको कुछ नहीं कहता था ...

मगर अब उसको छेड़ने के लिए मैं बात करने लगा था ...

मैंने उसके चूतड़ सहलाते हुए ही कहा ...

अनु हमको देखकर मुस्कुरा रही थी ...

जूली भी अपने चूतड़ों को हिलाये जा रही थी ..

वो कोई विरोध नहीं कर रही थी ..

मैं: क्या बात जानू .... कुछ पहन कर दूध लिया ..या ऐसे ही दूधवाले को जलवा दिखा दिया ...
वो तो मर गया होगा बेचारा ...

जूली भी मस्ती के मूड में ही लग रही थी ...

जूली: नहीं जी ...दूध लेने के बाद ही ये नाइटी पहनी मैंने ...

मैं: हा हा हा ...फिर तो ठीक है ...

जूली: हे हे ..आपको तो बस हर समय मजाक ही सूझता है ...

मैंने उसके नाइटी के गले कि ओर देखा ..
उसके जरा से झुकने से ही उसके दोनों मस्त गोलाई .पूरी नंगी दिख रही थी ..
उनके निप्पल तक बाहर आ... जा रहे थे ... 

मैं समझ सकता था कि ..जूली के दर्शन कर कॉलोनी वालों के मजे आ जाते होंगे ...

ना जाने दूधवाले ..अंडे वाले और भी किसी ने क्या क्या देखा होगा ..

अब जब जूली को दिखाने में मजा आता है...तो मैं उसके इस आनंद को नहीं छीन सकता था .. 

उसको भी मजे लेने का पूरा हक़ है ....

नास्ता करते हुए ...रात की किसी बात का कोई जिक्र ना तो जूली ने किया और ना ही अनु ने ...

मेरे दिल में जो थोड़ा बहुत डर था वो भी निकल गया ...

हाँ जूली ने एक बात की जिसके लिए मुझे कोई ऐतराज नहीं था ...

जूली: जानू एक बात कहनी है ..

मैं: बोलो ..आज बाजार जाना हिअ पैसे चाहिए ..

जूली: नहीं ..हाँ ..अरे वो तो है ...
पर एक और बात भी है ..

मैं: तो बोलो न जानू ..मैंने कभी तुमको किसी भी बात के लिए मना किया है क्या ..

जूली: वो विनोद को तो जानते हों ना आप ..मेरे साथ जो पढ़ते थे ...

मैंने दिमाग पर जोर डाला ...पर कुछ याद नहीं आया ..

हाँ उसने एक बार बताया तो था ...
वैसे जूली ने एम0 ए० किया है ...और एम0 एड० भी .. 
उस समय उसके साथ कुछ लड़के भी पढ़ते थे ...
पर मुझे उनके नाम याद नहीं आ रहे थे ...
एक बार उसने मुझे मिलबाया भी था ..
हो सकता है ..उन्ही में कोई हो ...

मैं: हाँ यार ..पर कुछ याद नहीं आ रहा ...

जूली: विनोद भाईजी ने यहाँ एक स्कूल में जगह बताई है ...
उसका कॉल लेटर भी आया है ...
मैं पूरे दिन बोर हो जाती हूँ..
क्या मैं ये जॉब कर लूँ ????

मैं उसकी किसी बात को मना नहीं कर सकता था ...
फिर भी .,,,

मैं: यार तुम घर के काम में ही इतना थक जाती हो ,,फिर ये सब कैसे कर पाओगी ...

जूली: आपको तो पता ही है ...मुझे जॉब करना कितना पसंद है ... 
प्लीज हाँ कर दो ना ...
मैं अनु को यहाँ ही काम पर रख लुंगी ..
ये मेरी बहुत सहायता कर देती है ...
मैंने इसके मां से भी बात कर ली है ...

जूली पूरी तरह मेरे ऊपर आ मुझे चूमकर मनाने में लगी थी ...

मैं कौन सा उसको मना कर रहा था ..

मैं: अरे जान ..मैं कोई मना थोड़ी कर रहा हूँ ... कैसे कर पाओगी इतना सब ..
बस इसीलिए ..
मुझे तुम्हारा बहुत ख्याल है जान ..

जूली: हाँ मुझे पता है ...पर मुझे करनी है ये जॉब ..
जब नहीं हो पायेगी तो खुद छोड़ दूंगी ...

मैं: कहाँ है जानू ये स्कूल ..

जूली: वो .... उस जगह ... ये .........नाम है स्कूल का 

मैं: ओह फिर ये तो बहुत दूर है ...रोज कैसे जा पाओगी ...

जूली: बहुत दूर है क्या ..?????.

मैं : हाँ जान ...

जूली: चलो फिर ठीक है मैं जाकर देखती हूँ ...अगर ठीक लगा तो ही हाँ करुँगी ...

मैं: जैसा तुम ठीक समझो ...
और ये लो पैसे ... मैं चलता हूँ ... जो खरीदना हो खरीद लेना ...
और इस पागल को भी कुछ कपडे दिला देना ..

अनु: उउउउन्न्न्न क्या कह रहो भैया ...

मैं ये सोचकर ही खुश था कि अनु अब ज्यादा से ज्यादा मेरे पास रहेगी ...
और मैं उससे जब चाहे मजे ले सकता हूँ ...

मैं अपना बेग लेकर बाहर को आने लगता हूँ ...

दरवाजा खोलते ही ...

तिवारी अंकल दिखते हैं ...

अंकल: अरे बेटा.. आज अभी तक यही हो ... क्या देर हो गई ..???

मैं मन ही मन हंसा .. ओह ये सोचकर आया होगा कि मैं चला गया हूँगा ..

मैं : बस जा ही रहा हूँ अंकल ...

मैं बिना उनकी और देखे बाहर निकल गया ...

बुड्ढा बहुत बेशरम था ..मेरे निकलते ही घर में घुस गया ...

अब मुझे याद आया //

ओह आज तो मैंने वो वीडियो रिकॉर्डर भी ओन कर जूली के पर्स में नहीं रखा ...

अब आज के सारे किस्से के बारे में कैसे पता लगेगा ..

सोचते हुए कि अंकल ना जाने मेरी दोनों बुलबुलों के साथ ..."जो लगभग नंगी ही हैं" ..क्या कर रहा होगा ...

मैं जैसे ही तिवारी अंकल के घर के सामने से निकला ..उनका दरवाजा खुला था ...

मुझे भाभी कि याद आ गई और मैं दरवाजे के अंदर घुस गया ....
...................

..............................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:55 PM,
#38
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
मैंने दिमाग से जूली, अनु और तिवारी अंकल को बिलकुल निकाल दिया था ...

मुझे अब कोई चिंता नहीं थी जूली चाहे जिससे कैसा भी मजा ले ....

और मैं अब केवल जीवन को रंगीन बनाने पर विश्वास करने लगा था .....

मुझे पूरा विश्वास था की जूली कितनी भी बिंदास हो ..मगर ऐसा कुछ नहीं करेगी ,,जिससे बदनामी हो ... वो बहुत समझदार है ...जो भी करेगी बहुत सोच समझ कर ...

मैं तिवारी अंकल का घर का दरवाजा खुला देखकर उसमे घुस गया ...

पहले मुझे ऑफिस के अलावा कुछ नहीं दिखता था ..चाहे कुछ हो जाये मैं समय पर ऑफिस पहुँच ही जाता था ...

पर अब मेरा मन काम से पूरी तरह हट गया था ...

हर समय बस मस्ती का वाहना ढूंढ़ता था ....

मुझे याद है पिछले दिनों ऐसे ही एक बार ..जूली ने रंजू भाभी (तिवारी अंकल की बीवी) को कुछ सामान देने को कहा था ....

एक बात याद दिला दू ...तिवारी अंकल भले ही ६०-६५ साल के हों ...पर रंजू भाभी उनकी दूसरी बीवी हैं ..

वो ३०-३५ साल जी भरपूर जवान और सेक्सी महिला हैं ...

उनका एक एक अंग गदराया ...और साँचे में ढला है ..

३८ २८ ३७ की उनकी फिगर उनको सेक्स की देवी जैसी खूबसूरत बना देता है ...

पहले वो साडी या सलवार सूट ही पहनती थी ..

क्युकि वो किसी गाँव परिवेश से ही आई थीं और उनका परिवार गरीब भी था ...

मगर अब जूली के साथ रहकर वो मॉडर्न कपडे पहनने लगी थीं ..

और सेक्सी मेकअप भी करने लगीं थीं...

कुल मिलाकर वो जबरदस्त थीं ...

उनके साथ हुआ वो पिछला किस्सा मुझे हमेशा याद रहने वाला था ...

जब मैं जूली का दिया सामान देने उनके घर पहुंचा तो दरवाजा ऐसे ही खुला था ...

तिवारी अंकल की हमेशा से आदत थी ...

जब वो आस पास कहीं जाते थे तब दरवाजा हल्का सा उरेक कर छोड़ देते थे ...

वैसे भी यहाँ कोई वाहर का तो आता नहीं था ...

और इस बिल्डिंग पर हमारे आखरी फ्लैट थे ...

इसीलिए वो थोड़ा लापरवाह थे ...

उस दिन जैसे ही मैं रंजू भाभी को आवाज लगाने वाला था तो मैंने देखा कि ..

रंजू भाभी अंदर वाले कमरे में ..बालकनी वाला दरवाजा खोले ...जिससे हलकी धूप कमरे में आ रही थी ...

केवल एक पेटकोट अपने सीने पर छातियों के ऊपर बांधे ..अपने बालो को टॉवल से झटक रहीं हैं ...

उनके बाल पूरे आगे उनके चेहरे को ढके थे ...

उनका पेटीकोट उनके विशाल चूतड़ों से बस कुछ ही नीचे होगा ...

जो उनके झुके होने से थोड़ा थोड़ा दृश्य दिखा रहा था ..

ऐसा दृश्य देखकर भी मेरे मन में कोई ज्यादा रोमांच नहीं आया ...

बल्कि डर लगा कि यार ..ये मैंने क्या देख लिया ..अगर भाभी या अंकल किसी ने भी मुझे ऐसे देख लिया तो क्या होगा ..???

मैं वहां से जाने ही वाला था कि तभी.....

भाभी ने एक टॉवल को एक झटका दिया और उनका पेटीकोट शायद ढीला हो गया ...

मैंने साफ़ देखा कि भाभी कि दोनों चूचियाँ उछल कर बाहर निकल आई ..

उनका पेटीकोट ढीला होकर उनके पेट तक आ गया था ...

अब इस दृश्य ने मेरी जाने की इच्छा को विराम लगा दिया ...

उनके बार-बार टॉवल झटकने से उनके दोनों बॉल ऐसे उछल रहे थी ...

बस दिल कर रहा था को जाओ और उनको पकड़ लो ..

भाभी चाहे कितनी भी सेक्सी थी ..पर अंकल की बीवी यानी आंटी होने के नाते मैंने कभी उनको इस नजर से नहीं देखा था ...

पर आज उनके नंगे अंग देख मेरी सरीफों वाली नजर भी बदल गई थी ...

शायद इसीलिए कहा जाता होगा कि आजकल लड़कियों के इतने खुले वस्त्रों के कारण ही इतने ज्यादा बलात्कार हो रहे हैं ...

भाभी के उछलते मम्मे मेरे को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे ...

मगर मेरे ईमान मुझे रोके थे ...

मेरे इच्छा और भी देखने कि होने लगी ...

मैं सोचने लगा कि काश उनके गद्देदार चूतड़ भी दिख जायें ..

और यहाँ भी भगवान से प्राथना कर रहा था ...कि अंकल अभी वापस ना आएं ...

और शायद भगवान ने मेरी सुन ली ...

भाभी टॉवल को वहीँ स्टूल पर रख ...

एक कोने पर रखे ड्रेसिंग टेबल कि ओर जाने लगीं ..

और जाते हुए ही उन्होंने अपना पेटीकोट ..चूतड़ों से नीचे सरकाते हुए..पूरा निकाल दिया ...

उनकी पीठ मेरी ओर थी ... 

पीछे से पूरी नंगी रंजू भाभी मुझे जानमारु लग रही थी ...

उनकी नंगी गोरी पीठ और विशाल गोल उठे हुए चूतड़ गजब का दृश्य था ...

उनके दोनों चूतड़ आपस में इस कदर चिपके थे कि जरा सा भी गैप नहीं दिख रहा था ...

फिर भाभी सीसे के सामने खड़ी हो अपने बाल ..कंघे से सही करने लगी ..

मुझे सीसे का जरा भी हिस्सा नहीं दिख रहा था ...

मैं सीसे से ही उनके आगे का भाग ..या यूँ कहो कि उनकी चूत को देखना चाह रहा था ...

मगर मेरी किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी ...

भाभी ने वहीँ टेबल से उठा अपनी कच्छी पहन ली ..
और फिर ब्रा भी ....

फिर वो घूम कर जैसे ही आगे बढ़ी ..उनकी नजर मुझ पर पड़ी ..

भाभी हाय राम कहते हुए टॉवल उठा खुद को आगे से ढक लेती हैं ...

मैं सॉरी बोल उनको सामान देकर वापस आ जाता हूँ ..

उस दिन के वाकिये का कभी कोई जिक्र नहीं हुआ था ...

बस जूली ने ही एक बार कुछ कहा था ..जिसका मेरे से कोई मतलब नहीं था ...

हाँ तो आज फिर दरवाजा खुला देख मैं अंदर चला गया ...

आज मेरे पास कोई वाहना नहीं था ... ना ही मैं उनको कुछ देने आया था ...

मगर मेरी हिम्मत इतनी हो गई थी कि आज अगर भाभी वैसे मिली तो चाहे जो हो ..

आज तो पकड़ कर अपना लण्ड ..पीछे से उसके चूतड़ों में डाल ही दूंगा ...

यही सोचते हुए मैं अंदर घुसा ..

बाहर कोई नहीं था ...इसका मतलब भाभी अंदर वाले कमरे में ही थी ..

और मैंने चुपके से अंदर वाले कमरे में झाँका ...

अह्हा ........

........................... 

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:56 PM,
#39
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
भाभी ना दोनों कमरों में थी और ना बाथरूम में ..

मैंने सब जगह देख लिया था ...

मैं बाहर वाले कमरे के साइड में देखा वहां उनका किचिन था ...

हो सकता है वो वहां हों ...

और मुझे भाभी जी दिख गई ....

सफ़ेद टाइट पजामी और शार्ट ब्लैक कुर्ती पहने वो किचिन में काम कर रही थीं..

कुर्ती उनके चूतड़ों के आधे भाग पर टिकी थी ..

भाभी के चूतड़ इतने विशाल और ऊपर को उठे हुए थे कि कुर्ती के वावजूद पूरे दिख रहे थे ...

भाभी की सफ़ेद पजामी उनके जाँघों और चूतड़ पर पूरी तरह से कसी हुई थी ..

कुल मिलाकर भाभी बम लग रही थी ....

मैंने अपना बैग वहीँ कमरे में रखा ..

और पीछे से भाभी के पास पहुंच गया ...

मैं अभी कुछ करने की सोच ही रहा था ..मैंने देखा कि....

रंजू भाभी आटा गूंध रही थी...

उन्होंने शायद मुझे नहीं देखा था ..और ना ही पहचाना था ...

पर शायद उनको एहसास हो गया था कि कोई है ..और वो उनके पति ..तिवारी अंकल ही हो सकते हैं ...

वो बिना पीछे घूमे बोली ...

रंजू भाभी: अरे सुनो ..जरा मेरी पीठ में खुजली हो रही है ..जरा खुजा दो ...

वो एक हाथ से बालों को सही करते हुए सीधे हाथ से आटा गूंधने में मग्न थीं ...

मैंने भी कुछ और ना सोचते हुए उनके मस्त बदन को छूने का मौका जाया नहीं किया ...

रात अनु के साथ मस्ती करने के बाद मेरा अब सारा डर पहले ही ख़त्म हो गया था ..

भाभी को अगर बुरा लगा भी तो क्या होगा ...
ज्यादा से ज्यादा वो जूली से ही कहेंगी ...
और मुझे पक्का यकीं था कि वो सब कुछ आराम से संभाल लेगी ..

मैंने भाभी कि टाइट कुर्ती को उठाकर ..अपना हाथ अंदर को सरका दिया ...

वो सीधी हो खड़ी हो गई ..कुर्ती आराम से उनके पेट तक ऊपर हो गई ...

मगर और ज्यादा ऊपर नहीं हुई .वो उनके चूची पर अटक गई थी ..

रंजू भाभी की सफ़ेद .. बाल रहित चिकनी पीठ आधी नंगी मेरे सामने थी ...

मैं हाथ से सहलाने लगा ...

रंजू भाभी: अरे नाखून से खुजाओ न ...पसीने से पूरी पीठ में खुजली हो रही है ...

मन में सोचा की बोल दूँ कि कुर्ती उतार दो .. आराम से खुजा देता हूँ ...

पर मेरी आवाज वो पहचान जाती ...इसलिए चुप रहा ...

मैंने हाथ कुर्ती के अंदर तक घुसा कर ऊपर उनकी गर्दन और कंधो तक ले गया ...

अंदर कोई वस्त्र नहीं था ...

वाओ रंजू भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी ....
उनके मम्मे नंगे ही होंगे ...

मन ने कहा अगर जरा से जोर लगाकर कुर्ती ऊपर को सरकाऊ तो आज मम्मे नंगे दिख जायेंगे ...

तभी मेरी नजर खुजाते हुए ही नीचे कि ओर गई ..
सफेद टाइट पजामी इलास्टिक वाली थी ...
पजामी उनके चूतड़ के ऊपरी भाग तक ही थी ...
उनके चूतड़ के दोनों भाग का ऊपरी गड्डा जहाँ से चूतड़ का कट शुरू होता है ..पजामी से बाहर नंगा था ..
और बहुत सेक्सी लग रहा था ...

मैं जरा पीछे खिसका और पूरे चूतड़ का अवलोकन किया ..

टाइट पजामी में कहीं भी मुझे पैंटी लाइन या कच्छी का कोई निशान नहीं दिखा ...

इसका मतलब रंजू भाभी ने कच्छी भी नहीं पहनी थी ..

बस मेरा लण्ड उनके चूतड़ के आकार को देखते ही खड़ा हो गया ..

और मेरी हिम्मत इतनी बढ़ गई ..
कि मैंने पीठ के निचले भाग को सहलाते हुए अपनी उँगलियाँ उनकी पजामी में घुसा दी .. 

रंजू भाभी के नरम गोस्त का एहसास होते ही लण्ड बगावत करने को तैयार हो गया ...

ये मेरे लिए अच्छा ही था कि भाभी ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा ....

और भाभी भी लगता था कि हमेशा मूड में ही रहती थी ...

उन्होंने एक बार भी नहीं रोका बल्कि ..बात भी ऐसी करी ..जो हमेशा से मैं चाहता था ...

रंजू भाभी: ओह आपसे तो एक काम बोलो ..आप अपना मौका ढूंढ लेते हो ...
क्या हुआ ??? बड़ी जल्दी आ गए आज जूली के यहाँ से ..
हा हा
क्या आज कुछ देखने को नहीं मिला ...
या रोबिन अभी घर पर ही था ...

ओह इसका मतलब रंजू भाभी सब जानती थी ..कि तिवारी अंकल मेरे यहाँ क्यों जाते थे ...
और वो वहां क्या करते थे ...

मैंने कुछ ना बोलते हुए ...अपना हाथ कसकर पूरा पजामी के अंदर घुसा दिया ..

और भाभी के एक चूतड़ को अपनी मुट्ठी में लेकर कसके दबा दिया ...

रंजू भाभी: अह्ह्ह्ह्हाआआआआ 

मेरे सीधे हाथ कि छोटी ऊँगली चूतड़ के गैप में अंदर को घुस गई ...
और मुझे उनकी चूत के गीलेपन का भी पता चल गया ...

मैंने छोटी ऊँगली को उनकी चूत के ऊपर कुरेदते हुए हिलाया ..

भाभी ने कसकर अपने चूतड़ों को हिलाया ...

रंजू भाभी: ओह क्या करने लगे सुबह सुबह ...फिर पूरा दिन बेकार हो जायेगा ..
क्या फिर जूली को नंगा देख आये ..जो हरकतें शुरू कर दी ...

बस मैंने जोश में आकर अपने बाएं हाथ से उनकी पजामी की इलास्टिक को नीचे सरकाया .
और पजामी दोनों हाथ से पकड़ उनके चूतड़ों से नीचे सरका दिया ..

उन्होंने अपनी कमर को हिला बहुत हल्का सा विरोध किया ...पर उनके हाथ आटे से सने थे ..इसलिए अपने हाथ नहीं लगाये ..

पर कमर हिलाने से आसानी से उनकी पजामी चूतड़ से नीचे उतर गई ...

अब उनके सबसे सेक्सी चूतड़ मेरे सामने नंगे थे ...

दोनों चूतड़ एक तो सफ़ेद ..गुलाबी रंगत लिए ...गोलाई आकार लिए हुए ..एक दूजे से चिपके ..मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे ...

मैंने एक हलकी से चपत लगा दोनों को हिलाया ..
और दोनों हाथों से दोनों चूतड़ों को अपनी मुट्ठी में भर लिया ...

तभी ....

रंजू भाभी:......
अर्र्र्र्रीईईईईए आर र्र्र्र्र्र्र एेेेेेेे रोबिन जी आअप पपपप 
इइइइइइइ 

..........
......................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply
08-01-2016, 06:56 PM,
#40
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
जिसका सपना काफी समय से देख रहा था ..

आज वो पूरा होता नजर आ रहा था ...

ये सब गदराये अंग मैंने कुछ समय पहले भी नंगे देखे थे ....

मगर कुछ दूरी से देखा ... वो भी कुछ पल के लिए ..

तो कुछ ठीक से दिखाई नहीं देता ... पर इस समय सभी मेरी आँखों के सामने नंगा था ...

वल्कि मेरे हाथो के नीचे था...मैं इन सबको छू रहा था मसल रहा था ...

मैं अपनी किस्मत पर नाज कर रहा था ...

कि कल रात एक कुआंरी कली पूरी नंगी मेरे वाहों में थी ...

और आज एक अनुभवी सेक्सी हुस्न से मैं खेल रहा था ...

एक मुझसे बहुत छोटी थी ... सेक्स से बिलकुल अनजान .. केवल खेल समझने वाली ...

और ये मुझसे बड़ी ...सेक्स की देवी ... सेक्स को पढ़ाने और सिखाने वाली .. 

रंजू भाभी की कुर्ती उनके छाती तक उठी थी ...
और उनकी पजामी मैंने चूतड़ों से खिसककर काफी नीचे कर दी थी ...

उन्होंने ब्रा , कच्छी कुछ भी नहीं पहनी थी ...
उनका लगभग नंगा जिस्म मचल रहा था ...

और जवानी को जितना तड़पाओ उतना मजा आता है .

मैंने भाभी के दोनों चूतड़ अच्छी तरह मसल रहा था ..

रंजू भाभी: ओह रोबिन तुम कब आ गए ...आहहाआ और ये क्या कर रहे हो ..
देखो अभी छोड़ दो .. ये कभी भी आ सकते हैं ..

उन्होंने खुद को छुड़ाने का जरा भी प्रयास नहीं किया ...

वल्कि और भी सेक्सी तरीके से चूतड़ हिला हिला कर मुझे रोमांचित कर रही थीं ...

मैंने एक हाथ उनकी पीठ पर रख उनको झुकने का इशारा किया...

वो वाकई बहुत अनुभवी थी ...

मेरे उनकी नंगी कमर पर हाथ रखते ही वो समझ गई ..

रंजू भाभी अपने आप किचिन की स्लैप पर हाथ रख ..अपने चूतड़ों को ऊपर को उठा .. झुक जाती है ..

उन्होंने बहुत सेक्सी पोज़ बना लिया था ...

मैं नीचे उकड़ू बैठ ..उनके चूतड़ों के दोनों भाग ..अपने हाथों से फैला लेता हूँ ...

और अब उनके दोनों स्वर्ग के द्वार मेरे सामने थे ...

वाओ भाभी ने भी अपने को कितना साफ़ रखा था ..
कोई नहीं कह सकता था की उनकी आयु ३५ साल हो गई है ...

उनके दोनों छेद बता रहे थे की वो चुदी तो बहुत है..
उनकी चूत अंदर तक की लाली दिखा रही थी ..
और गांड का छेद भी कुछ फैला सा था ..
मगर उन्होंने अपना पूरा छेत्र बहुत चिकना और साफ़ सुथरा किया हुआ था ...

मेरी जीभ इतने प्यारे दृश्य को केवल दूर से देखकर ही संतुष्ट नहीं हो सकती थी ...

मैंने अपने थूक को गटका ..और अपनी जीभ रज्जु भाभी की चूत पर रख दी ...

मैंने कई गरम गरम चुम्मे उनकी चूत और गांड के छेद पर किये ...

फिर अपनी जीभ निकाल कर दोनों छेदों को बारी बारी चाटने लगा ...

और कभी कभी अपनी जीभ उनकी चूत के छेद में भी घुसा देता था ...

भाभी मस्ती में आहें और सिस्कारिया ले रही थी ..

रंजू भाभी: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआ आए ओओओओ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आहा आउच अह्हा अह्ह्ह यह ह्ह्ह्ह्ह आअह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माआअ आआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ उउउ 

ना जाने कितनी तरह की आवाजें उनके मुह से निकल रही थीं ...

उनके घर का दरवाजा . मैन गेट से लेकर यहाँ किचिन तक सब पुरे खुले थे ..

मुझे भी कुछ याद नहीं था ...

मैं तो उनके नंगे हुस्न में ही पागल हो गया था ...

अब मैंने उनकी पजामी को नीचे उतारते हुए भाभी के गोरे पैरों के पंजों तक ले आया ..

उन्होंने मुस्कुराते हुए पैर उठाकर पजामी को पूरा अलग कर दिया ...

अब वो मेरी और घूमकर ..
किचिन कि स्लैप पर बैठ जाती हैं ..
रंजू भाभी अपना बायाँ पैर उठाकर स्लैप पर रख लेती हैं ..

इस अवस्था में उनकी चूत पूरी तरह खिलकर सामने आ जाती है ..

मैं उकड़ू बैठा बैठा आगे को खिसक उनकी चूत को अपने हाथ से सहलाता हूँ....

चूत उनके पानी और मेरे थूक से पूरी गीली थी ...

मैं उनके चूत के दाने को छेड़ता हूँ ...

रंजू भाभी: आह्ह्ह्हाआआ खा जा इसे ... ओह 
वो मेरे बाल पकड़ मेरे सर को फिर से चूत पर लगती हैं ..

मैं एक बार फिर उनकी चूत चाटने लगता हूँ ...

पर मुझे समय का ज्ञान था ..

और मैं आज ही सब कुछ कर मौका अपने हाथ में रखना चाह रहा था ..

मेरा लण्ड भी कल से प्यासा था ...

उसमे एक अलग ही तड़फ थी ..

कल उसे चूत तो मिली थी ...पर वो उसमें जा नहीं पाया था ...

और आज एक परिपक्व चूत अपना मुख खोले निमन्तरं दे रही है ....

मैं आज कोई मौका खोना नहीं चाहता था ...

मैं खड़ा हुआ ..और मैंने पेंट की चैन खोल अपने लण्ड को आज़ाद किया ...

लण्ड सुपाड़ा बाहर निकाले चूत को देख रहा था ...

भाभी भी आँखे में लाली लिए लण्ड को घूर रही थीं ..

उन्होंने हाथ बढ़ाकर खुद ही लण्ड को पकड़ लिया ..

रंजू भाभी अब किसी भी बात को मना करने की स्थिति में नहीं थीं ...

मैं आगे को हुआ ..

लण्ड ठीक चूत के मुह पर टिक गया ...

कितनी प्यारी पोजीशन बनी ...

मुझे जरा सा भी ऊपर या नीचे नहीं होना पड़ा ..

भाभी ने खुद लण्ड अपने चूत पर सही जगह टिका दिया ..

मैं भी देर करने के मूड में नहीं था ..

मैंने कसकर एक जोर सा धक्का मारा ..

ऊऊर्र्र्र्र्र्र्र्र्र आऊऊऊर्र्र्र्र्र्र्र और ..

धाआआआ प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्क्क्क्क्क्क्क्क 

की आवाज के साथ लण्ड अंदर .....

मैंने कमर पर जोर लगाते हुए ही पूरा लण्ड अंदर तक सरका दिया ...

चूत की गर्मी और चिकनाहट ने मेरा काम बहुत आसान कर दिया था ...

अब मेरा पूरा लण्ड चूत के अंदर था ...

मैं बहुत आराम से खड़ी पोजीशन में था ...

मैंने तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे ...

रंजू भाभी बहुत बेकरार थी ..

उन्होंने खुद अपनी कुर्ती अपनी चूचियों से ऊपर कर अपनी मदमस्त चूची नंगी कर दी थीं ..

और उनको अपने हाथ से मसल रही थी ..

मैं उनकी मनसा समझ गया ..

मैंने अपने हाथ उनकी मुलायम चूची पर रख उनका काम खुद करने लगा ..

मेरे कठोर हाथो में मुलायम चूची का अकार पल प्रतिपल बदलने लगा ....

रंजू भाभी : अह्ह्ह्हाआ जल्दी करो ... रोबिन ..तुम्हारे अंकल आ गये तो मुझे मार ही डालेंगे ..

मैं: अऊ ओह ह्ह्ह्ह्ह्ह अरे कुछ नहीं होगा ...वो वहां जूली के साथ हैं ...

रंजू भाभी: अह्ह्हाआ हाँ पर वो कभी भी आ सकते हैं ..

मैं: अरे आने दो ..वो भी तो जूली से मजे ले रहे हैं ...

रंजू भाभी: अरे नहीईईईईईईईईई वो तो केवल देखे हैं ...
मगर मुझे बहुत चाहते हैं ...
इस तरह चुदते देख मार ही डालेंगे ...

मैं: क्या कह रही हो भाभी ... ??? क्या वो जूली को नहीं चोदते...

रंजू भाभी: नहीं पागल ...उन्होंने केवल उसको नंगा देखा है ..
जैसा तूने मुझे देखा था ...
मैंने उनको बता दिया था ..
तो उन्होंने भी मुझे बता दिया ...बस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स 

मैं: अरे नहीं भाभी ...आप को कुछ नहीं पता ... उन दोनों में और भी बहुत कुछ हो चुका है ..

रंजू भाभी: तू पागल है ...अह्ह्हाआ अहा ... कुछ नहीं हुआ ... और वो अब किसी लायक भी नहीं हैं ...
उनका तो ठीक से खड़ा भी नहीं होता ..
ओह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ और तेज अहा 
मजा आ गया 
कुछ मत बोल अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह 
आज बहुत दिनों बाद ....अह्ह्ह ह्ह्ह्ह 
मेरे को करार आया है ...

मैं: चिंता मत करो भाभी ... अब जब आप चाहो ..
ये लण्ड तुम्हारा ही है ...ओह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

रंजू भाभी: अह्ह्ह्हाआआआ ह्ह्ह 
वैसे शक तो मुझे भी है ....कि ये जूली के यहाँ कुछ ज्यादा ही रहने लगे हैं ...
तू अह्ह्ह्हाआ ह्ह्ह अह्हा 
अब मैं ध्यान रखूंगी ..
और करने दे उनको ..
तेरे लिए मैं हूँ ना अब ...
इसको तो तू ही ठंडा कर सकता है ...

मैं: अह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 
हाँ भाभी मैंने दोनों को चिपके और चूमते सब देखा था ...
जूली अंकल का लण्ड भी सहला रही थी ...
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआ 

रंजू भाभी: हाँ एक बार मैंने भी देखा था ...
हाआआआअह्हह्हह 

मैं : क्याआआआआआ बताओ न ...

रंजू भाभी : हाँ अह्ह्ह्हाआ हां 
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ 
मजा आ रहा है ....
अह्ह्ह ओ ओ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 
उ उ उउउउउ 

,,,,,,,,,,,,,,,
........................

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,608 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,275 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,015 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,871 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,135 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,834 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,671 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,059 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,447 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,172 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)