08-01-2016, 06:49 PM,
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desiaks
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
मैं बिना पलक झपकाये उधर देख रहा था ...
वो लड़का जमील कैसे शवाना के साथ मस्ती कर रहा था .........
कुछ लड़कियां कपड़ों में बेइंतहा खूबसूरत लगती हैं मगर वो अपने अंदर के अंगों का ध्यान नहीं रखती ...इसलिए कपड़ों के बिना उनमे वो रस नहीं आता ...
मगर कुछ देखने में तो साधारण ही होती हैं, पर कच्छी निकालते ही उनकी गांड और चूत देखते ही लण्ड पानी छोड़ देता है ...
शवाना कुछ वैसी ही थी ..... उसके गांड और चूत में एक अलग ही कशिश थी ...जो उसको खास बना रही थी .....
जमील ने लण्ड चूसती शवाना का हाथ पकड़ ऊपर उठाया और उसको घुमाकर मेज की ओर झुका दिया ...
उसने अपने दोनों हाथ से मेज को पकड़ लिया ... और खुद को तैयार करने लगी ...
उसको पता था कि आगे क्या होने वाला है ....
जमील मेरी बीवी के साथ तो बहुत प्यार से पेश आ रहा था ...
मगर शवाना के साथ जालिमो की तरह व्यबहार कर रहा था ....
वो उन मर्दों में था कि जब तक चूत नहीं मिलती तब तक उसको प्यार से सहलाते हैं ...
और जब एक बार उस चूत में लण्ड चला जाये ..तो फिर बेदर्दी पर उतर आते हैं ...
वो शवाना को पहले कई बार चोद चुका था ...जो कि साफ़ पता चल रहा था ...इसलिए उस बेचारी के साथ जालिमो जैसा व्यवहार कर रहा था ....
शवाना मेज पर झुककर खड़ी थी... उसकी कुर्ती तो पहले ही बहुत ऊपर खिसक गई थी ....
और पजामी भी चूतड़ से काफी नीचे आ गई थी ...
जमील ने अपने बाएं हाथ की सभी उँगलियाँ एक साथ पजामी में फंसाई और एक झटके से उसको ....शवाना के विशाल चूतड़ों से खींच दिया ....
शवाना: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़
उसकी टाइट पजामी एक ही बार में उसकी जांघों से भी नीचे आ गई ....
और शवाना के विशाल चूतड़ ...पूरी गोलाई लिए मेरे सामने थे ....
क्युकि जब उसकी इतनी टाइट पजामी ने बिलकुल साथ नहीं दिया ...जो इतना नीचे सरक ..
तो शवाना की कच्छी क्या साथ देती वो तो पहले ही अपनी अंतिम साँसे गिन रही थी ... वो भी पजामी के साथ ही नीचे आ गई ....
मैं शवाना के विशाल चूतड़ों का दृश्य ज्यादा देर नहीं देख पाया ....
क्युकि उस कमीन जमील ने अपना लण्ड पीछे से शवाना के चूतड़ों से चिपका उसको ढक दिया ..
शवाना: अहा ह्ह्ह्ह नहीं सर व्ववूो नहीं करो .....
जमील: क्यों तुझे अब क्या हुआ .... साली उसको भी भगा दिया और खुद भी नखरे कर रही है ..
शवाना लगातार अपनी कमर हिला जमील के खतरनाक लण्ड को अपने चूतड़ों से हटा रही थी ..
शवाना: नहीं सर बहुत दर्द हो रहा है ...आज सुबह ही अंकल ने मेरी गांड को सुजा दिया है .... बहुत चीस उठ रही है ...
आप आगे से कर लो नहीं तो मैं मर जाउंगी ...
जमील अब थोड़ा रहम दिल भी दिखा ...वो नीचे बैठकर उसके चूतड़ों को दोनों हाथ से पकड़ खोलकर देखता है ...
वाओ मेरा दिल कब से ये देखने का कर रहा था ...
शवाना के विशाल चूतड़ इस कदर गोलाई लिए और आपस में चिपके थे ....की उसके झुककर खड़े होने पर भी ....गांड या चूत का छेद नहीं दिख रहा था ...
मगर जमील के द्वारा दोनों भाग चीरने से अब उसके दोनों छेद दिखने लगे...
गांड का छेद तो पूरा लाल और काफी कटा कटा सा दिख रहा था ...
मगर पीछे से झांकती चूत बहुत खूबसूरत दिख रही थी ...
जमील ने वहां रखी क्रीम अपने हाथ में ली और उसके गांड के छेद पर बड़े प्यार से लगाई ....
जमील: ये साला अब्बु भी न .... तुस्से मना किया है ना कि मत जाया कर सुबह सुबह उसके पास
उसके लिए तो रेश्मा और परवीन ही सही हैं, झेल तो लेती हैं उसका आराम से ....
फरबा लेगी तू किसी दिन उससे अपनी ....
और उसने कुछ क्रीम उसकी चूत के छेद पर भी लगाई ...
मैंने सोचा कि ये साले दोनों बाप बेटे कितनी चूतों के साथ मजे ले रहे हैं ....
फिर जमील ने खड़े हो पीछे से ही अपना लण्ड शवाना कि चूत में फंसा दिया ...
शवाना: आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ
वो तो दुकान में चल रहे तेज म्यूजिक कि वजह से उसकी चीख किसी ने नहीं सुनी ....
वाकई जमील के लण्ड का सुपाड़ा था ही ऐसा ... जो मैंने सोचा था वही हुआ....
उस बेचारी शवाना कि कोमल चूत कि चीख निकल गई ....
लेकिन एक खास बात यह भी थी कि अब लण्ड आराम से अंदर जा रहा था ...
मतलब केवल पहली चोट के बाद वो चूत को फिर मजे ही देता था ....
मैं ना जाने क्यों ये सोच रहा था कि ये लण्ड जूली की चूत में जा रहा है और वो चिल्ला रही है ...
अब वहां जमील अपनी कमर हिला हिला कर शवाना को चोद रहा था ....
और वहां दोनों की आहें गूंज रही थीं ...
मेरा लण्ड भी बेकाबू हो गया था ... और अब मुझे वहां रुकना भारी लगने लगा ...
मैं चुपचाप वहां से वाहर निकला ...और बिना किसी से मिले दुकान से वाहर आ गया ...
........................... [b]दूकान से बाहर आते समय मुझे वो लड़की फिर मिली जो मुझे ब्रा चड्डी खरीदने के लिए कह रही थी ....
ना जाने क्यों वो एक टेरी मुस्कान लिए मुझे देख रही थी ......
मैंने भी उसको एक स्माइल दी .... और दूकान से बाहर निकल आया ....
पहले चारों ओर देखा ... फिर साबधानी से अपनी कार तक पहुंचा .... और ऑफिस आ गया ....
मन बहुत रोमांचित था ... मगर काम में नहीं लगा ..
फिर अमित को फोन किया ...उसको आज रात मेरे यहाँ डिनर पर आना था ....
उसने कहा की वो ९ बजे तक पहुंचेगा ...साथ में नीलू भी होगी ....
ये सोचकर मेरे दिल में गुदगुदी हुई .... पता नहीं आज सेक्सी क्या पहनकर आएगी ...
फिर जूली के बारे में सोचने लगा कि ना जाने आज क्या पहनेगी और कैसे पेश आएगी ...
जल्दी जल्दी कुछ काम निपटाकर 6 बजे तक ही घर पहुँच गया ....
जूली ने दरवाजा खोला ....
लगता है वो शाम के लिए तैयारी में ही लगी थी ... और तैयार होने जा रही थी ....
उसके गोरे बदन पर केवल एक नीला तौलिया था .... जो उसने अपनी चूचियों से बांध रखा था ....
जैसे अमूमन लड़कियां नहाने के बाद बांधती हैं .... पर जूली अभी बिना नहाये लग रही थी ....
उसके बाल बिखरे थे .... और चेहरे पर भी पसीने के निसान थे ....
लगता था कि वो बाथरूम में नहाने गई थी ...और मेरी घंटी की आवाज सुन ऐसे ही दरवाजा खोलने आ गई ....
उसकी टॉवल कुछ लम्बी थी तो घुटनो से करीब ६ इंच ऊपर तक तो आती ही थी .. इसलिए जूली की गदराई जांघों का कुछ भाग ही दिखता था ...
मैंने जूली को अपनी बाँहों में भर लिया ...
उसने प्यार से मेरे गाल पर चूमा और कहा अंदर तिवारी भाभी हैं ....
वो रात वाले अंकल याद हैं ना .... उनकी बीवी हम दोनों ही उनको भाभी ही कहते थे ...
अंकल तो ६५ के करीब थे मगर ये उनकी दूसरी शादी थी तो भाभी केवल ४० के आसपास ही थी .....
उन्होंने खुद को बहुत मेन्टेन कर रखा है ... कुछ मोटी तो हैं ....पर ५ फुट ४ इंच लम्बी ,रंग साफ़ , ३७ २८ ३५ की फिगर उनको पूरी कॉलोनी में एक सेक्सी महिला की लाइन में रखती थी...
मैंने जूली से इसारे से ही पूछा कहाँ ....???
उसने हमरे बैडरूम की ओर इशारा किया ...
मैं: और तुम क्या तैयार हो रही हो ...ये टॉवल फकर ही क्यों घूम रही हो ..
जूली: अरे मैं काम निपटाकर नहाने गई थी ... कि तभी ये आ गई ... इसीलिए ...
मैं: और अभी ...मेरी जगह कोई और होता तो ....
जूली: तो क्या .... यहाँ कौन आता है .... ??
तभी अंदर से ही भाभी कि आवाज आती है ...
भाभी: अरे कौन है जूली ... क्या ये हैं ...(वो तिवारी अंकल को समझ रही थी)
तभी वो बैडरूम के दरवाजे से दिखीं....
माय गॉड क़यामत लग रही थी ....
उन्होंने जूली का जोगिंग वाला नेकर और एक पीली कुर्ती पहनी थी जो उनके पेट तक ही थी ....
नेकर इतना टाइट था कि उनकी फूली हुई चूत का उभार ही नहीं वल्कि चूत कि पूरी शेप ही साफ़ दिख रही थी ...
मेरी नजर तो वहां से हटी ही नहीं ...ऐसा लग रहा था जैसे डबल रोटी को चूत का आकार दे वहां लगा दिया हो ....
भाभी कि नजर जैसे ही मुझ पर पड़ी ...
भाभी: हाय राम कह पीछे को हो गई ...
जूली: (बैडरूम में जाते हुए)...अरे भाभी ये हैं ... आज थोड़ा जल्दी आ गए ...
मैंने बताया था न कि आज इनके दोस्त डिनर पर आने वाले हैं ....
मैं भी बिना शरमाये बैडरूम में चला आया ...जहाँ भाभी सिकुरी सिमटी खड़ी थीं ...
मैं: अरे भाभी शरमा क्यों रही हो .... इतनी मस्त तो लग रही हो ...
आपको तो ऐसे कपडे पहनकर ही रहना चाहिए ...
भाभी: हाँ हाँ ठीक है ..पर इस समय तुम बाहर जाओ न मैं जरा अपने कपडे बदल लूँ ...
जूली: हा हा हा क्या भाभी, आप इनसे क्यों शरमा रही हो ....
(मेरे से कहती है ...)
जानू आज भाभी का मूड भी सेक्सी कपडे पहनने का कर रहा था .....
भाभी : चल पागल .... मेरा कहाँ ...वो तो ये एए ...
जूली: हाँ हाँ अंकल ने ही कहा ...पर है तो आपका भी मन ना ...
भाभी कुछ ज्यादा ही शरमा रही थीं ...और अपनी दोनों टांगो की कैची बना अपनी चूत के उभार को छुपाने की नाकामयाब कोशिश में लगीं थीं ...
जूली: जानू आज भाभी मेरे कपडे पहन पहनकर देख रही है ... कह रही थीं की कल से अंकल ज़िद्द कर रहे हैं की ये क्या बुड्ढों वाले कपडे पहनती हो .... जूली जैसे फैशन वाले कपडे पहना करो ... हा हा हा ...
मैं: तो सही ही तो कहते हैं ..हमारी भाभी है ही इतनी सेक्सी और देखो इन कपड़ों में तो तुमसे भी ज्यादा सेक्सी लग रही हैं ...
जूली: हा ह हा ह कहीं तुम्हारा दिल तो खराब नहीं हो रहा ...
भाभी: तुम दोनों पागल हो गए हो क्या? चलो अब जाओ मुझे चेंज करने दो ....
मैं: ओह भाभी कतना शरमाती हो आप ... ऐसा करो आज इन्ही कपड़ों में अंकल के सामने जाओ ..
देखना वो कितने खुश हो जायेंगे ...
जूली: हाँ भाभी ... अंकल की भी मर्जी यही तो है .. तो आज ये ही सही ....
पता नहीं उन्होंने क्या सोचा .... और एक कातिल मुस्कुराहट के साथ कहा ... तुम दोनों ऐसी हरकतें कर मेरा हाल बुरा करवाओगे ....
भाभी: अच्छा ठीक है मैं चलती हूँ तुम दोनों मजे करो ...और हाँ .....खिड़की बंद कर लेना .. ही ही
मैं चोंक गया ....
जूली दरवाजा बंद करके आ गई ...
मैं: ये भाभी क्या कह रही थीं... खिड़की मतलब ...क्या कल ये भी थीं ...इन्होने भी कुछ देखा क्या ...
जूली: अरे नहीं जानू ...हा हा हा आज तो बहुत खुश थी ... कल अंकल ने जमकर इनको .....
मैं: क्या ....?? ये सच है ..इन्होने खुद तुमको बताया ...
जूली: और नहीं तो क्या .... पहले तो शिकायत कर रही थी ... फिर तो बहुत खुश होकर बता रही थी..
कि कल कई महीने के बाद इन्होने मजे किये ...जानू तुम्हारी सैतानी से इनके जीवन में भी रंग भर गया ...
जूली: अच्छा आप चेंज करो मैं बस जरा देर में नहाकर आती हूँ .... अभी बहुत काम करने हैं ...
.........
......
मैंने देखा बेड पर जूली के काफी कपडे फैले पड़े थे....एक कोने में एक सूट (सलवार, कुरता) भी रखा था ....
वो जूली का तो नहीं था ...वो जरूर भाभी का ही था ..
मैंने उस सूट को उठा देखने लगा ... तभी कुछ नीचे गिरा ...
अरे ये तो एक जोड़ी ब्रा, चड्डी थे .... सफ़ेद ब्रा और सफ़ेद ही चड्डी ...दोनों सिंपल बनाबट के थे ...
चड्डी तो उन्होंने पहनी ही नहीं थी ये तो उनकी चूत के उभार से ही पता चल गया था ...
पर अब इसका मतलब भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी..
.....
मैंने दोनों को उठा एक बार अपने हाथ से सहलाया ... और वैसे ही रख दिया ....
और भाभी के चूत और चूची के बारे में सोचने लगा ...
तभी मुझे अपने रिकॉर्डर का ध्यान आया ... जूली तो बाथरूम में थी ...
मैंने जल्दी से उसके पर्स से रिकॉर्डर निकाल उसको अपने फोन से जोड़ लिया ...
और सुनते हुए ... अपना काम करने लगा ...
.............
.......................[/b]
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08-01-2016, 06:53 PM,
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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
अनु के साथ इतनी छेड़खानी होने के बाद ...वो अब काफी खुल चुकी थी ...
उसका चेहरा बिलकुल लाल था ....
और अब वो शरमाने की वजाए ... मजे ही ले रही थी ...
उसने जूली की जो सफ़ेद रंग की समीज पहनी थी ...
उसमे कंधो पर पतली रेसमी लैस थी ... जो उसकी छाती पर बहुत नीचे थी ...
उसका सीना काफी हद तक नंगा था ...
अनु के जरा से झुकने से उसकी पूरी नंगी चूची साफ़ साफ़ दिख जा रही थी ...
वो बार-बार उठकर काम कर रही थी .... तभी उसके समीज के दोनों साइड के कट से ..
जो उसके कमर तक थे ....समीज के हटने से उसकी नंगी जांघें ...तो कभी उसके चूतड़ तक झलक दिखा जाते थे ....
मेरा लण्ड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था ....
अनु की मस्ती देख वो कुछ ज्यादा ही मस्ता रहा था..
इधर जूली ने भी कमाल कर रखा था .... वो कोई मौका ...रोमांटिक होने ,,,या बनाने का नहीं छोड़ रही थी ....
देखा जाए तो ...इस समय जूली ..अपनी इस छोटी सी पारदर्शी ..नाइटी में ...लगभग नंगी ही दिख रही थी ...
मगर मेरे लण्ड को उससे कोई मतलब नहीं था ..और ना वो जूली की नग्ण्ता देख ...इतना फ़ुफ़कारता था ..
जो इस समय अनु के नंगे अंग ..जो अभी विकसित भी नहीं हुए थे ...
उनको देख लण्ड ने ववाल मचा रखा था ....
मेरी समझ में अच्छी तरह आ गया था ..कि ये लण्ड भी उस तेज तर्रार ..शिकारी कुत्ते कि तरह है ..जो अपने जानकार लोगो को देख शांत रहता है ..
पर जहाँ कोई अजनवी देखा नहीं ..कि ..बुरी तरह उग्र हो जाता है ...
अनु को देख मेरे लण्ड का भी वही हाल था ...
और ये भी समझ आ गया था .. कि जूली के नंगे अंगों को देख ... तिवारी अंकल, विजय या दूसरे लोगों का क्या हाल होता होगा ...
तभी मेरे दिमाग में शाम वाली बात आ जाती है ...
मैं: अरे जान ...शाम क्या कह रही थी ...???
जूली: किस वारे में ???
मैं : वो जब में अनु को नहला रहा था ...तब कि तो मत शरमा.... अब क्यों ऐसा कर रही है ...
क्या कोई पहले भी इसको नहला चुका है..या नंगा देख चुका है ...
अपनी बात सुनते ही तुरंत अनु ने प्रतिरोध किया ...
अनु: क्या भैया ...आप फिर ...
जूली: तू चुप कर खाना खा ... तुझसे किसी ने कुछ पूछा क्या ???
जूली की डाँट से वो कुछ डर गई ...
और 'जी भाभी' बोल नजरे नीचे कर खाने लगी ...
जूली: जानू और कोई नहीं इसके फादर ही ... वो शराबी ..जब देखो इसको परेसान करता रहता है ...
मैं: क्याआआआआ ?????
क्या कह रही है तू ....
क्या ये सच है ..
इसके पापा ही ..
क्या करते हैं वो ...
अनु एक बार फिर ...
अनु: रहने दो ना भाभी ....
जूली: अरे इसकी कुछ समय पहले तक बिस्तर पर सूसू निकल जाती थी ...ना फिर ...
अनु: छीइइइइइइइइइइइइ भाभी नहीं ना ..
जूली: अच्छा वो तो एक बीमारी ही है ना ... इसमें शरमा क्यों रही है ...
अनु: पर वो तो बहुत पहले की बात है ना ...अब क्यों ..
मैं दोनों की बातें रस लेकर सुन रहा था .....
मैं: हाँ तो फिर क्या हुआ???
जूली: तो इसके पापा ही रोज इसके कपडे बदल ..इसको साफ़ करते थे ...
मैं: और इसकी माँ ..वो नहीं ...
जूली: वही तो .... वो सोती रहती थी .. और इसके पापा को ही बोलती थी ...
ये बेचारी डर के मारे कुछ नहीं बोलती थी ...
मैं: वो तो है ...
तो इसमें गलत क्या है ...हर बाप ..यही करेगा ...
जूली: अरे आगे तो सुनो ....
वो इसकी बिस्तर के साथ साथ ...इसके कपडे ..कच्छी सब निकाल पूरा नंगा कर देते थे ...
और इसका पूरा शरीर साफ़ करते थे ...
मैं: हाँ तो क्या हुआ ...गीले हो जाते होंगे ना ...
जूली: अरे नहीं ...इसका कोई पूरा थोड़ी निकलता था ..
केवल डर की बीमारी थी ... केवल जरा सा निकल जाता था ...
मैं: ओह ....
फिर वो क्या करते थे ???
जूली: वही तो ....
इसके पुरे शरीर को वहाने से छूते the ..रगड़ते थे ..
अनु: बस भाभी ना ...
जूली: उस समय बस नहीं बोलती थी ....
मैं: और क्या करते थे वो ...
जूली: इसके नंगे बदन से चिपक कर लेट जाते थे ..
इसको सोए हुआ जानकर...इसके निप्पल को चूसते हैं ..इसके होंटों को भी चूमते हैं ...
और अभी उस दिन तो बता रही थी ...कि इसकी मुनिया को भी चाटा था ..क्यों अनु ...???
मैं जूली की बात सुन ..आश्चर्यचकित था...
क्या एक बाप आप ही बेटी के साथ ...
अनु सर झुकाये बैठी थी ....
उसने कोई जवाब नहीं दिया ...
मैं: तो क्या अब भी इसको सूसू निकल जाती है ...
अनु तुरंत ना में सर हिलाती है ...
अनु: नहीं भैया ....
जूली: अरे नहीं ... अब तो ये बिलकुल ठीक है ...
मगर इसका बाप अब भी ....
मैं: क्याआआआआआ
जूली: हाँ ..जब पीकर आता है ... तो इसी के बिस्तर पर आकर ..इसको डराता है ...
कि दिखा आज तो नहीं मूता तूने ...
और इसको नंगा कर परेसान करता है ...
मैं: साल ..शराबी ..हरामी ...
जूली: अरे आप क्यों गाली दे रहे हो ...
अनु: भाभी आप बहुत गन्दी हो ...मैं भी भैया को आपकी बात बता दूंगी हाँ ...
अनु कुछ ज्यादा ही बुरा मान रही थी ,,,
मगर इसमें मेरा फ़ायदा ही था ...
लगता है उसके पास कोई जूली के राज हैं ..जो मैं उससे जान सकता हूँ ....
मैं: वो क्या अनु ...???
जूली: अच्छा मेरी कौन सी बात है .... हा हा ..मैं कोई तेरी तरह बिस्तर पर सूसू नहीं करती ...
अनु: धत्त्त भाभी ...
अब तो मैं बता दूंगी ...
जूली: तो बता दे ना .. मैं कुछ नहीं छुपाती अपने जानू से हाँ ....
अनु: अच्छा वो जो डॉक्टर अंकल ....
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