माँ बेटी बेटा और किरायेदार
06-09-2017, 11:08 AM,
#1
माँ बेटी बेटा और किरायेदार
दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार )


फ्रेंड्स आपके लिए एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ मेरी पहली कहानी एक राजा और चार रानियाँ पूर्ण होने वाली है इसीलिए ये कहानी शुरू कर रहा हूँ . दोस्तो ये एक पारवारिक रिश्तों मे चुदाई की कहानी है जिन मित्रो को ऐसी कहानियाँ पढ़ने में अगर अच्छा ना लगता हो वो कृपया इसे ना पढ़े . दोस्तो वैसे भी ये कहानियाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ मनोरंजन के लिए होती है वास्तविकता से इसका कोई संबंध नही होता इन कहानियों का उद्देश्य मात्र मनोरंजन करना होता है ये कहानी तुषार ने लिखी है
मैं इसे हिन्दी फ़ॉन्ट में पोस्ट कर रहा हूँ
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06-09-2017, 11:08 AM,
#2
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
हेलो फ्रेंड्स आज में आप सब के सामने एक स्टोरी पेश कर रहा हूँ ये कहानी बिल्कुल काल्पनिक है तो चलें में इस कहानी के किरदारों के बारे में आप को बता दूँ 
शोभा: उम्र 37 साल एक विधवा औरत (1995 में)
रेणु: उम्र ***** शोभा की बेटी जो की 12थ क्लास में पढ़ती है 
अमन: उम्र***** शोभा का बेटा जो कि 10ह क्लास में है (1995 में)
और दोस्तो इस कहानी के मुख्य किरदार (1995 में)
बबलू: उम्र 18साल एक अनाथ (1995 में)

दोस्तो कुछ किरदारो की उम्र का जिकर में नही किया है आप लोग अपनी फॅंटेसी के अनुसार उसकी उम्र के बारे में सोच सकते हैं

बाकी के सब किरदारों के बारे में समय आने पर बता दिया जाएगा

दोस्तो ये कहानी 1995 की गर्मियों से शुरू होती है शोभा एक विधवा औरत थी जिसके पति का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था वो अपने पति के साथ यू-पी के एक छोटे से शहर में रहती थी शोभा का पति एक रेलवे में जॉब करता था और उसने उसी शहर में एक छोटा सा अपना मकान बना लिया था जो कि डबल स्टोरी था पति की मौत के बाद शोभा को अपने बेटे और बेटी के पालन पोषण के लिए काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा इसके लिए उसने लोगो के घरों में भी काम किया आख़िरकार उसने कपड़े सीलने का काम सीख लिया और घर पर ही औरतों के कपड़े सीने लगी सिलाई और पति की पेन्षन से वो अपने घर और बेटे बेटी की पढ़ाई को ठीक से चलाने लगी शोभा के पति के मौत को 6 साल हो चले थे शोभा बहुत ही घरेलू किस्म की औरत थी 

37 साल में भी उसका बदन एक दम गठा हुआ था शोभा की हाइट 5,2 थी भरा हुआ बदन 38 साइज़ की चुचियाँ अभी भी कसी हुई थी और रंग सांवला था 

29 जून 1995 की सुबह के 9 बज रहे थी शोभा कपड़े सी रही थी उसका बेटा अमन और बेटी रेणु अभी तक उठे नही थे क्यों कि स्कूल में छुट्टियाँ थी दोनो एक महीने से स्कूल नही गये थे और 2 दिन बाद ही उनके स्कूल खुलने वाले थे घर के नीचे वाली पोर्षन के बाहर की बैठक में वो कपड़ों को सिला करती थी शोभा अपने माथे पर आए पसीने को पोछती हुई ऊपेर की तरफ जाने लगी ऊपेर आकर उसने देखा कि उसका बेटा अमन उठ गया था और ब्रश कर रहा था 

शोभा: अमन तुम्हारी दीदी उठी कि नही

अमन:जी नही दीदी अभी तक सो रही हैं 

शोभा:पता नही आज कल की लड़कियाँ इतनी देर से क्यों उठती है चलो छुट्टियाँ चल रही हैं नही तो स्कूल जाने में भी देर कर देती है शोभा बड़बड़ाते हुए रेणु के कमरे में आती है जहाँ रेणु अभी तक सो रही थी शोभा रेणु के बेड पर आकर बैठ जाती है और गौर से अपनी जवान होती बेटी को देखने लगती है रेणु अपनी माँ के विपरीत एक दम गोरी थी 19 साल की उम्र में उसकी चुचियाँ 32 साइज़ की हो गयी थी और एक दम कसी हुई थी और रेणु की हाइट 5,1 इंच थी शोभा अपनी बेटी के माथे पर से बालों के बड़े प्यार से हटाने लगी 

शोभा: उठ जा बेटी देख 9 बज गये है 
रेणु:अपनी अध खुली आँखों से ) क्या है माँ सोने दो ना स्कूल तो बंद है ना

शोभा:स्कूल बंद है तो क्या सारा दिन बिस्तर पर ही रहेगी चल जल्दी उठ जा
रेणु अपनी आँखें मल्ती हुई बेड पर उठ कर बैठ गयी और अपनी माँ के गले से लग गयी 

शोभा: बेटी की पीठ पर हाथ फेरते हुए) चल जा फ्रेश हो जा में तेरे लिए चाइ ले आती हूँ

रेणु:ठीक है माँ

शोभा उठ कर नीचे आ गयी नीचे आते हुए उसके फेस पर परेशानी के भाव थे उसे अपनी जवान होती बेटी की शादी और बेटे की पढ़ाई के बारे में सोचने लगी पति की पेंशन और सिलाई से वो घर तो ठीक-ठाक चला रही थे पर आगे आने वाले समय के लिए कुछ जोड़ नही पा रही थी वो किचन में आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बना कर उसने अपने बेटे और बेटी को चाइ दी तभी बाहर से डोर बेल बजी शोभा ने नीचे आकर गेट खोला सामने एक साधारण सा दिखने वाला आदमी खड़ा हुआ था 

आदमी: नमस्ते भाभी जी कैसी हैं

शोभा: आदमी की तरफ देखते हुए जबरन अपने होंठो पर मुस्कान लाते हुए) नमस्ते मोहन भाई शाब आप बड़े दिनो बाद आए 

मोहन:हां भाभी जी बस काम कुछ ज़्यादा था

शोभा:आइए अंदर आइए (वो आदमी शोभा के पीछे अंदर आ गया और बैठक में चला गया)बैठिए ना भाई शाब कैसे आना हुआ

मोहन शोभा के पति के साथ रेलवे में काम करता था दोनो रेलवे में गॅंग मॅन की नौकरी करते थे 

शोभा:भाई साहब बैठें ना में चाइ बनाती हूँ

मोहन:अरे नही भाभी जी में ज़रा जल्दी में हूँ मुझे आप से कुछ बात करनी थी
शोभा:जी हां भाई शाब बोलिए 

मोहन: मेरा एक दोस्त था जो रेलवे में इस शहर में नौकरी करता था उसका परिवार लखनऊ में था उसकी मौत कुछ दिन पहले हो गयी वो अपने पीछे एक लड़का छोड़ गया है उसकी जगह उसके बेटे को रेलवे में जॉब मिल गयी है और वो यहाँ रहने के लिए कोई रूम किराए पर ढूँढ रहा है अगर आप को अच्छा लगे तो आप के नीचे के दो रूम खाली हैं तो एक अगर उसे किराए पर मिल जाता तो बहुत अच्छा होता 

मोहन की बात सुन शोभा सोचा में पड़ गयी कि अगर वो उसे रूम किराए पर दे दे तो कुछ एक्सट्रा इनकम भी हो जाएगी 

शोभा: ठीक है भाई शाब आप उसे ले आइए 

मोहन: में उसे रूम का रेंट कितना बताऊ 

शोभा: जो आप ठीक समझे 

मोहन : 1000 रुपया महीने का ठीक रहेगा

शोभा: जी ठीक है 

मोहन : बेचारा अकेला है अगर आप उसे खाना वाघेरा भी दें और उसके बाकी के काम भी कर दें न तो वो 3000 रुपये महीने के भी देने के लिए तैयार है

शोभा:ठीक है भाई शाब उसके खाने पीने और बाकी काम का इंतज़ाम भी हो जाएगा

मोहन:तो ठीक है में आज शाम को उसे अपने साथ ले आउन्गा और आप उसे बात कर लेना उसके पास कुछ ज़्यादा सम्मान भी नही है बस कुछ चीज़े हैं

ये कह कर मोहन वापिस चला गया और शोभा अपने काम में लग गयी शोना ने नाश्ता बनाया और बच्चों के साथ नाश्ता करने लगी 
अमन:माँ मुझे नये वीडियोगेम चाहिए पुरानी वाली खराब हो गयी है 

शोभा:ठीक है नये ले लेना अब तो चुप-चाप नाश्ता कर और तीनो नाश्ता करने लगे दोपहर के 2 बज रहे थे गर्मी बहुत ज़्यादा था गली एक दम सुनसान थी अमन और रेणु सो रहे थे और शोभा नीचे कपड़ों की सिलाई कर रही थी तभी डोर बेल बजी शोभा ने उठ कर गेट खोला तो सामने मोहन खड़ा था उसके साथ एक 19 साल का लड़का खड़ा था इससे पहले कि शोभा कुछ बोलती 
मोहन: बहनजी में इसे के बारे में बात कर रहा था 
शोभा:आएँ अंदर आएँ
दोनो शोभा के साथ बैठक में आ गये शोभा ने उन्हे सामने पड़ी चेयर्स पर बैठा दिया
मोहन:ली जाए भाभी जी अब आप को जो कुछ पूछना है पूछ लीजिए
शोभा: तुम्हारा नाम किया है बेटा
लड़का: जी बबलू
शोभा:देखो बबलू में तुम्हें अपना रूम रेंट पर दे रही हूँ पर तुम्हें कुछ रूल को मानने पड़ेंगे
बबलू:जी
शोभा:एक तो घर पर टाइम से आना होगा और अपने काम से मतलब रखना होगा 
बबलू:जी
शोभा:हर महीने के 3000 रुपये देने पड़ेंगे 
बबलू:मुझे कोई परेशानी नही
शोभा:क्या तुम शराब तो नही पीते
बबलू:जी कभी-2 कभार पी लेता हूँ लेकिन आप को कभी कोई परेशानी नही होगी
शोभा:मुझे ख़ुसी है कि तुमने सच बोला ठीक है मोहन भाई शाब ये यहाँ रहने के लिए आ सकता है
मोहन: (बबलू के साथ खड़े होते हुए ) ठीक है बहन जी ये शाम को अपना समान लेकर आ जाएगा
शोभा:जी ठीक है 
और दोनो चले गये उनके जाने के बाद शोभा ऊपेर आ गयी और दोपहर के लिए खाना बनाने लगी अमन और रेणु उठ चुके थे खाना बनाने के बाद शोभा ने खाना लगा दिया और तीनो खाना खाने लगे
रेणु:माँ आज कहीं घूमने चले 
शोभा:नही आज नही आज घर पर नीचे के रूम में किरायदार आने वाले हैं
रेणु; क्या माँ तुम मेरी कोई बात नही मानती हो अमन की हर जिद्द पूरी करती हो तुम मुझे प्यार नही करती 
शोभा: नही ऐसे कोई बात नही आज वो किरायदार आने वाला है कल ले चलूंगी
रेंणु चुप बैठी रही शाम के 4 बजे शोभा नीचे बैठक में अपना काम कर रही थी तभी डोर बेल बजी
शोभा: अपने आप से) लगता है बबलू हो गा 
शोभा ने गेट खोला तो बाहर बबलू हाथों में दो बॅग लिए खड़ा था 
शोभा:आओ अंदर आओ 
अभी भी बाहर बहुत गर्मी थी बबलू का फेस एक दम लाल हो चुका था और पसीने से भीगा हुआ था अंदर आते ही शोभा ने उसे बैठक में बैठा दिया और खुद उसके लिए पानी लाने के लिए चली गयी थोड़ी देर बाद शोभा वापिस आई उसके हाथ में एक पानी का ग्लास था 
बबलू: शोभा के हाथ से ग्लास लेते हुए) थॅंक्स 
शोभा: तो तुम्हरा ड्यूटी टाइम क्या है 
बबलू: जी सुबह 9 बजे से 
शोभा: और रात को कितने बजे आते हो
बबलू:जी कभी –2 10 भी बज जाते हैं अगर में कभी लेट हो गया तो वहीं स्टेशन पर ही सो जाया करूँगा
शोभा:कोई बात नही 10 बजे तक हमे कोई प्राब्लम नही है
बबलू:जी अप बहुत अच्छे है मुझे ऐसे ही मालिक मकान चाहिए थे
शोभा:तुम्हारी एज कितनी है
बबलू:जी 19 साल
शोभा:तुम्हारे माता पिता के बारे में सुन कर दुख हुआ इतनी सी उम्र में अकेले रहना बहुत मुस्किल है
बबलू:अब तो आदत से पड़ गयी है
शोभा:चलो में तुम्हें तुम्हारा कमरा दिखा दूं मेने उसे सॉफ कर दिया था 
बबलू:जी चलिए 
और बबलू शोभा के पीछे बैठक के साथ वाले रूम में आ गया 
शोभा:ये है तुम्हारा कमरा 
बबलू:जी अच्छा है 
शोभा:तुम अपन समान जमा लो और आराम कर लो में जाती हूँ जब रात का खाना बन जाएगा में तुम्हें बता दूँगी

बबलू: जी ठीक है (और शोभा के जाने के बाद बबलू अपना समान जमाने लग गया)

दोस्तो बबलू एक 19 साल का बिगड़ा हुआ लड़का था उसके पिता रेलवे में अच्छी पोस्ट पर थे और रेलवे में आक्सिडेंट के दौरान उनकी मौत हो गयी थी बबलू जब 15 साल का था तब उसकी माँ का देहांत हुआ था बिना माँ के बबलू ग़लत संगत में पड़ गया वो घर देर से आता था और खूब दारू सिगरेट पीने लगा गया था बबलू के पिता की गाओं में काफ़ी ज़मीन ज़्यादाद थी जो उन्होने ठेके पर दे रखी थी लिहाजा पैसे की कोई कमी नही थी अब पिता के मरने के बाद बबलू बिल्कुल आज़ाद हो चुका था बबलू समान सेट करने के बाद बेड पर लेट गया और उसकी आँख लग गयी उधर रात के 8 बज चुके थे शोभा खाना तैयार कर चुकी थी खाना तैयार करने के बाद वो नीचे आए और बबलू के रूम के डोर को नॉक किया बबलू आवाज़ सुन कर जागा और डोर खोला 
बबलू: जी वो मुझे नींद आ गयी थी
शोभा:कोई बात नही खाना बन गया है तुम फ्रेश हो कर नीचे आ जाओ 
बबलू:आप चलिए में आता हूँ 
शोभा के जाने के बाद वो नीचे बने बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होकर ऊपेर आ गया 
ऊपेर रेणु और अमन दोनो डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे और शोभा खाना परोस रही थी
शोभा: अरे आओ बबलू बैठो में खाना ही डाल रही थी बच्चो ये बबलू भैया हैं ये नीचे किराए पर आए हैं चलो दोनो नमस्ते करो
रेणु: (बबलू को कनखियों से देखते हुए) नमस्ते
बबलू:नमस्ते
अमन: (मुस्करते हुए) नमस्ते भैया 
बबलू सर हिलाते हुए नमस्ते बेटा 
उसके बाद चारो खाना खाने लगे रेणु बार –2 कनखियो से बबलू को देख रही थे बबलू एक स्मार्ट हॅंडसम लड़का था रंग एक दम गोरा पर बबलू का ध्यान खाने में था 
रेणु मन में सोचते हुए अपनी आप को बहुत हॅंडसम समझता है कितनी अकड़ दिखा रहा है
चारों ने खाना ख़तम किया और शोभा बर्तन उठाने लगी 
बबलू:अच्छा आंटी जी में चलता हूँ 
शोभा: सुनो नीचे बहुत गर्मी होती है हम सब ऊपेर छत पर खुले में कूलर चला कर सोते हैं अगर तुम चाहो तो अपना बिस्तर ऊपेर ले के आ सकते हो
बबलू:जी आप ठीक कह रही है नीचे तो बहुत गर्मी है में छत पर ही सोउंगा
ये कह कर बबलू नीचे चला गया शोभा बर्तन सॉफ करने लगे रेणु और अमन टीवी देख रहे थे काम ख़तम करने के बाद शोभा छत पर बिस्तर लगाने के लिए चली गयी तभी बबलू भी ऊपेर आ गया और अपना बिस्तर लगा लिया 

शोभा:अच्छा किया जो तुम ऊपेर आ गये नीचे तो सच में बहुत गर्मी है शोभा बिस्तर लगाने के बाद नीचे चली गयी और बबलू बिस्तर बिछा कर लेट गया थोड़ी देर में उसकी आँख लग गयी रात के 12 बजे जब उसकी आँख खुली तो उसने देखा कि उसके साथ वाले बिस्तर पर खाली था और उसके आगे वाले बिस्तर पर रेणु और अमन सो रहे थे बबलू ने नज़र घुमा कर दूसरी तरफ देखा तो शोभा पास ही एक कोने में पैरों के बल बैठी हुई थी उसने अपनी पेटीकोटे को कमर तक उठा रखा था ये देख बबलू के लंड में हलचल होने लगी सुउ सू के मूतने की आवाज़ बबलू को और पागल बनाने लगी शोभा की मोटी गान्ड देख बबलू का लंड खड़ा हो गया चाँद की रोशनी में शोभा की बड़ी गान्ड सॉफ दिख रही थी मूतने के बाद जैसे ही शोभा उठी तो बबलू को शोभा की हल्की झान्टो के दर्शन हो गये बबलू की हालत और खराब हो गयी शोभा खड़ी हो गयी


Hello friends aaj mein aap sab ke samne ek story pesh kar raha hoon ye kahani bilkul kalpnik hai to chale mein is kahani ke kirdaron ke bare mein aap ko bata doon 
Shobha: umr 37 saal ek widhwa aurat (1995 mein)
Renu: umr ***** shobha ki beti jo ki 12th class mein padti hai 
Aman: umr***** shobha ka beta jo ki 10h class mein hai (1995 mein)
Aur dosto is khanai ke mukhey kirdar (1995 mein)
Bablu: umr 18saal ek anath (1995 mein)
Dosto kuch kirdaro ke umr ka jikar mein nahi kiya hai aap log apni fantasy ke anusar uski umr ke bare mein soch sakte hain

Baki ke sab kirdaron ke bare mein samey ane par bata diya jayega
Dosto ye kahani 1995 ki garmiyon se shuru hoti hai shobha ek widhwa aurat the jiske pati ka lambi bimari ke baad dehant ho gaya tha wo apni pati ke sath u-p ke ek chote se shahar mein rahti thee shobha ka pati ek railway mein job karta tha aur usne usi shahar mein ek chota sa apna makan bana liya tha jo ki double story tha pati kee mout ke baad shobha par apne bete aur beti ke palan poshan ke liye kafi mushkilon ka samna karna pada iske liye usne logo ke gharon mein bhee kaam kiya akhirkaar usne kapde sine ka kaam sikh liya aur ghar par hee aurton ke kapde seene lagi silaai aur pati ki pension ki se wo apne ghar aur bete beti ki padaai ko theek se chalani lagi shobha ke pati ke mout ko 6 saal ho chale the shobha bahut hee ghareloo kism ke aurat thee 

37 saal mein bhee uska badan ek dam gaThaa hua tha shobha kee hieght 5,2 thee bhara hua badan 38 size ki chuchiyaan abhee bhee kasi hui thee aur rang sanwala tha 

29 june 1995 ki subah ke 9 baj rahe thee shobha kapde see rahi the uska beta aman aur beti Renu abhee tak uthe nahi the kyon ki school mein chuttiyaan thee dono ek mahine se school nahi gaye the aur 2 din baad hee unke school khulane wale the ghar ke neeche wali portion ke bahar kee baithak mein wo kapdon ko sila karti thee shobha apne mathe par aye paseene ko pochti hui oopar ke taraf jane lagi oopar aakar usne dekha ki uska beta aman uth gaya tha aur brush kar raha tha 

shobha: aman tumhari didi uthi ke nahi

aman:jee nahi didi abhee tak so rahi hain 

shobha:pata nahi aaj kal ki ladkiyan itni der se kyon uthati hai chalo chuttiyaan chal rahi hain nahi to school jane mein bhee der kar deti hai shobha badbadaate hue Renu ke kamre mein ati hai jahan Renu abhee tak so rahi thee shobha Renu ke bed par aakar baith jati hai aur gor se apni jawan hoti beti ko dekhane lagati hai Renu apni maa ke vipreet ek dam gori thee 19 saal ki umr mein uski chuchiyaan 32 size kee ho gayee thee aur ek dam kasi hui thee aur Renu ki hieght 5,1 inch the shobha apnee beti ke mathe par se balon ke bade payar se hatane lagi 

shobha: uth ja beti dekh 9 baj gaye hai 
Renu:apni adh khuli ankhon se ) kya hai maa sone do naa school to band hai na

shobhaConfusedchool band hai to kya sara din bistar par hee rahegi chal jaldi uth ja
Renu apni ankhen malti hui bed par uth kar baith gayee aur apni maa ke gale se lag gayee 

shobha: beti kee peeth par hath pherte hue) chal ja fresh ho ja mein tere liye chai le ati hun

Renu:theek hai maa

shobha uth kar neeche aa gayee neeche ate hue uske face par pareshaani ke bhaav the use apni jawan hoti beti ki shadi aur bete kee padaai ke bare mein sochane lagi pati kee penison aur silaai se wo ghar to theek-thaak chala rahi the par age ane wale samay ke liye kuch jod nahi pa rahi thee wo kitchen mein aa gayee aur chai banane lagi chai bana kar usne apne bete aur beti ko chai dee tabhi bahar se door bell baji shobha ne neeche aakar gate khola samne ek saadhaaran sa dikhane wala adami khada hua tha 

adami: namste bhabhi jee kaisee hain

shobha: adami kee taraf dekhate hue jabran apne hontho par muskan let hue) namste munh bhai shab aap bade dino baad aaye 

munh:haan bhabhi jee bus kaam kuch jyada tha

shobha:aaiye andar aaiye (wo adami shobha ke peeche andar aa gaya aur baithak mein chala gaya)baithiyee na bhai shab kaise aana hua

munh shobha ke pati ke sath railway mein kaam karta tha dono railway mein gang man kee naukari karte the 

shobha:bhai sahab baithen na mein chai banati hun

munh:are nahi bhabhi jee mein jara jaldi mein hoon mujhe aap se kuch baat karni thee
shobha:jee haan bhai shab bole 

munh: mera ek dost tha jo railway mein is shahar mein naukari karta tha uska pariwar lukhnow mein tha uski mout kuch din pahle ho gayee wo apne peeche ek ladaka chod gaya hai uski jagah uske bete jo railway mein job mil gayee hai aur wo yahan rehane ke liye koi room kiraaye par dhoondh raha hai agar aap ko achha lage to aap ke neeche ke do room khali hain to ek agar use kiraye par mil jata to bahut achha hota 

munh kee baat sun shobha socha mein pad gayee ki agar wo use room kiraye par de de to kuch extra income bhee ho jayegee 

shobha: theek hai bhai shab aap use le aaiye 

munh: mein use room ka rent kitna bataaoo 

shobha: jo aap theek samjhe 

munh : 1000 rs mahine ka theek rahega

shobha: jee theek hai 

munh : bechara akela hai agar aap use khana waghera bhee de aur uske baki ke kaam bhee kar de n to wo 3000 rs mahine ke bhee dene ke liye taiyaar hai
shobha:theek hai bhai shab uske khane peene aur baki kaam ka intjaam bhee ho jayega
munh:to theek hai mein aaj sham ko use apne sath le anuga aur aap use baat kar lena uske pass kuch jyada samman bhee nahi hai bus kuch cheeze hain
ye keh kar munh wapis chala gaya aur shobha apne kaam mein lag gaye shona ne nasta banaya aur bachon ke sath nasta karne lagi 
aman:maa mujhe naye videgame chahe purani wali kharab ho gaye hai 
shobha:theek hai naye le lena ab to chup-chap nasta kar aur teeno nasta karne lage dopahar ke 2 baj rahe the garmi bahut jyada tha gali ek dam sunsaan the aman aur Renu so rahe the aur shobha neeche kapdon ki silai kar rahi thee tabhi door bel baji shobha ne uth kar gate khol to samne munh khada tha uske sath ek 19 saal ka ladaka khada tha ise pahle ki shobha kuch bolti 
munh: bahanjee mein ise ke bare mein baat kar raha tha 
shobha:aye andar aye
dono shobha ke sath baithak mein aa gaye shobha ne unhe samne padi chairs par baitha diya
munh:lee jaye bhabhi jee ab aap ko jo kuch poochana hai pooch lee jaye
shobha: tumhara naam kiya hai beta
ladka: jee bablu
shobha:dekhu bablu mein tumhen apna room rent par de rahi hoon par tumhen kuch rule ko manna pade ga
bablu:jee
shobha:ek to ghar par time se anna hoga aur apne kaam se matlab rakhna 
bablu:jee
shobha:har mahine ke 3000 rs dene pade gen 
bablu:mujhe koi parsahni nahi
shobha:kiya tum sharab to nahi pite
bablu:jee kabhi-2 kabhar pee leta hun lekin aap ko kabhi koi parshani naho hogi
shobha:mujhe khusi hai ke tumne sach bola theek hai munh bhai shab ye yahan rahen ke liye aa sakta hai
munh: (bablu ke sath khade hote hue ) theek hai bhan jee ye sham ko apna samman lekar aa jayega
shobha:jee theek hai 
aur dono chale gaye unke jane ke baad shobha oopar aa gaye aur dopahar ke liye khana banane lagi aman aur Renu uth chuke the khana banane ke baad shobha ne khana laga diya aur teeno khana khane lage
Renu:maa aaj kahin ghoomne chale 
shobha:nahi aaj nahi aaj ghar par neeche ke room mein kiraydar ane wale hain
Renu; kiya maa tum meri koi baat nahi manti ho aman ke har jidd poori karti ho tum mujhe payar nahi karti 
shobha: nahi aise koi baat nahi aaj wo kiraydar ane wala hai kal le chalungee
rennu chup baithi rahi sham ke 4 baje shobha neeche baithak mein apna kaam kar rahi thee tabhi door bel baji
shobha: apne aap se) lagta hai bablu ho ga 
shobha ne gate khola to bahar bablu hathon mein do bag liye khada tha 
shobha:aao andar ao 
abhee bhee bahar bahut garmi thee bablu ka face ek dam lal ho chuka tha aur paseene se bheega hua tha andar ate hee shobha ne use baithak mein baitha diya aur khud uske liye pani lane ke liye chali gaye thodi der baad shobha wapis aye uske hath mein ek pani ka glass tha 
bablu: shobha ke hath se glass lete hue) thanks 
shobha: to tumhra duty time kiya hai 
bablu: jee subah 9 baje se 
shobha: aur raat ko kitne baje ate ho
bablu:jee kabhi –2 10 bhee baj jate hain agar mein kabhee let ho gaya to wahin station par hee so jaya karoonga
shobha:koi baat nahi 10 baje tak hamen koi problem nahi hai
bablu:jee aap bahut achhe hai mujhe aise hee malik makkan chahae the
shobha:tumhari age kitni hai
bablu:jee 19 saal
shobha:tumhare mata pita ke bare mein sun kar dukh hua itni si umr mein akele rehana bahut muskil hi
bablu:ab to addat se pad gaye hai
shobha:chalo mein tumhen tumhara kamran dikha doon maine use saaf kar diya tha 
bablu:jee chale 
aur bablu shobha ke peeche baithak ke sath wale room mein aa gaya 
shobha:ye hai tumhara kamran ye 
bablu:jee achha hai 
shobha:tum apan samman jama lo aur aram kar lo mein jati hoon jab raat ka khana ban jayega mein tumhen bata doongee
bablu: jee theek hai (aur shobha ke jane ke baad bablu apna samman jamen lag gaya)
dosto bablu ek 19 saal ka bigda hua ladka tha uske pita ke railway mein achhe post par the aur railway mein accident ke douran unki mout ho gaye the bablu jab 25 saal ka tha tab uski maa ka dehant hua tha bina maa ke bablu galat sangat mein pad gaya wo ghar der se ata tha aur khoob daru cigrate peene laga gaya tha bablu ke pita ke gaon mein kafi jameen jyadad thee jo unhone theke par de rakhi thee lihaja paise ki koi kami nahi the ab pita ke marne ke baad bablu bilkul azaad ho chuka tha bablu saman set karne ke baad bed par let gaya aur uski ankh lag gaye udhar raat ke 8 baj chuke the shobha khana taiyaar kar chuki thee khana taiyaar karne ke baad wo neeche aye aur bablu ke room ke door ko knock kiya bablu awaz sun kar jaga aur door khola 
bablu: jee wo mujhe neend aa gaye the
shobha:koi baat nahi khana ban gaye hai tum fresh ho kar neeche aa jao 
bablu:aap chale mein ata hoon 
shobha ke jane ke baad wo neeche bane bathroom mein ghus gaya aur fresh hokar oopar aa gaya 
oopar Renu aur aman dono dinning table par baithe hue the aur shobha khana paros rahi thee
shobha: are ao bablu baitho mein khana hee daal rahi thee bacho ye bablu bhaiya hain ye neeche kiraye par aye hai chalo dono namste karo
Renu: (bablu ke kankhon se dekhate hue) namste
bablu:namste
aman: (muskarte hue) namste bhaiya 
bablu sar hilet hue nasmte beta 
uske baad charo khana khane lage Renu baar –2 khankhyon se bablu ke dekh rahi the bablu ek samrt handsome ladka tha rang ek dam gora par bablu ka dhayn khane mein tha 
Renu man mein socte hue apni aap ko bahut handsome samjta hai kitni akad dikha raha hai
charon ne khana khatam kiya aur shobha bartan uthane lagi 
bablu:achha aunty jee mein chalta hun 
shobha: suno neeche bahut garmi hoti hai hum sab oopar chhat par khule mein cooler chala kar sote hain agar tum chaho to apna bistar oopar le ke aa sakte ho
bablu:jee aap theek kah rahi hai neeche to bahut garmi hai mein chhat par hee sounga
ye kah kar bablu neeche chala gaya shobha bartan saaf karne lage Renu aur aman tv dekh rahe the kaam khatam karne ke baad shobha chaat par bistar lagane ke le chali gaye tabhi bablu bhee oopar aa gaya aur apna bistar laga liya 
shobha:achha kiya jo tum oopar aa gaye neeche to sach mein bahut garmi hai shobha bistar lagane ke baad neeche chali gaye aur bablu bistar bicha kar let gaya thodi der mein uski ankh lag gaye raat ke 12 baje jab uski ankh khule to usne dekha ki uske sath wale bistar par khali tha aur uske age wale bistar par Renu aur aman so rahe the bablu ne nazar ghuma kar doosri taraf dekha to shobha pass hee ek kone mein pairon ke bal baithi hui thee usne apni peticote ko kamar tak utha rakha tha ye dekh bablu ke lund mein halchal hone lagi suu su ke mutne ki awaz bablu ko aur pagal banane lagi shobha ke moti gaanD dekh bablu ka lund khada ho gaya chand ke roshani mein shobha ke badhi gaanD saaf dikh rahi thee mutne ke baad jaise hee shobha uthi to bablu ko shobha ke halki jhanton ke darshan ho gaye bablu ki halat aur kharab ho gaye shobha khadi ho gaye
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06-09-2017, 11:09 AM,
#3
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
बबलू ने देखा उसने पैंटी नही पहनी हुई थी शोभा ने अपना पेटिकॉट ठीक किया और अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी बबलू लेटे हुए शोभा को देख रहा था पर शोभा को पता नही था बबलू जगा हुआ है 5 मिनट बीत गये शोभा सोए नही थी और बबलू ये बात जानता था बबलू उठा और छत के उसी कोने की तरफ जाकर खड़ा हो गया जहाँ शोभा ने कुछ देर पहले मूता था बबलू ने अपने पयज़ामे को घुटनो के नीचे तक कर दिया शोभा ये सब देख रही थी बबलू उससे कुछ 5-6 फुट की दूरी पर था शोभा की आँखें बबलू के लंड पर अटक गयी शोभा ने आज कई सालों बाद किसी मर्द के लंड को देख रही थी और जो लंड उसने 7 साल पहले अपनी पति का देखा था बबलू का लंड उससे काफ़ी बड़ा और मोटा था शोभा का दिल जोरो से धड़कने लगा बबलू ने पेशाब करने के बाद जान बुझ कर अपने लंड को हाथ से तीन चार बार आगे पीछे किया गोरे लंड पर जैसे बबलू के हाथ चल रहे थे लंड की चमड़ी पीछे होती और गुलाबी सुपाडा शोभा के सामने आ गया आज कई सालों बाद सुधा की चूत में हलचल होने लगी बबलू ने अपना पाजामा पहना और वापिस अपने बिस्तर पर आकर लेट गया पयज़ामा लंड की जगह पर उभरा हुआ था शोभा करवट के बल लेटी हुई थी और बबलू पीठ के बल और शोभा की नज़र उभरे हुए लंड पर गढ़ी हुई थी कुछ देर बाद दोनो नींद के आगोश में समा गये सुबह जब बबलू की आँख खुली तो सब नीचे जा चुके थे बबलू ने अपना बिस्तर इकट्ठा किया और नीचे आ गया और फ्रेश होने के लिए चला गया जब बबलू नहा कर बाथरूम से निकल कर अपने कमरे के तरफ जा रहा था तब शोभा उसे नाश्ते के लिए ऊपेर बुलाने के लिए नीचे आई उस समय बबलू ने सिर्फ़ अंडरवेर पहना हुआ था बबलू का गोरा और गठीला बदन देख एक बार फिर से शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा उसकी आँखें बबलू के अंडरवेर के उभरे हुए उभार पर जम गयी बबलू ने इस बात को नोटीस किया 

शोभा:नाश्ता तैयार है जल्दी ऊपर आ जाना 
और जवाब सुने बिना ही शोभा वापिस चली गयी ऊपेर किचन में आकर शोभा सोचने लगी ये मुझे क्या हो गया है मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए ये ग़लत बात है उसके बाद बबलू ऊपेर आकर नाश्ता करने लगा नाश्ता करने के बाद बबलू ने अपना पर्स निकाला और उसमे से 3000 रुपये निकाल कर शोभा को देते हुए बोला ये आप का अड्वान्स रेंट शोभा ने बबलू से पैसे ले लिए

बबलू:मैं आज शाम को लेट हो जाउन्गा आप मेरा खाना मेरे रूम में रख देना में 10 बजे तक आ जाउन्गा
और ये कह कर बबलू घर से निकल पड़ा स्टेशन पर सारा दिन उसके दिमाग़ में शोभा का गठीला बदन घूमता रहा काम कुछ ज़्यादा था 9 बजे काम ख़तम कर बबलू शराब के ठेके पर पहुँचा और एक हाफ लेकर पीने लगा जब बबलू घर पहुँचा तो रात के 10 बज चुके थे गेट बंद था उसने डोर बेल बजाई तो शोभा ने गेट खोला बबलू अंदर आके अपने रूम में चला गया शोभा ने गेट बंद किया और बबलू के रूम में आई
शोभा:में खाना गर्म करके लाती हूँ 

बबलू:मैने आप से कहा था आप मेरा खाना मेरे रूम में रख दें आप तकलीफ़ क्यों करती है

शोभा:कोई बात नही

शोभा ऊपेर चली गयी जब वो वापिस आई उसके हाथ में खाने की थाली थी बबलू बेड पर बैठा हुआ था शोभा ने सामने रखे टेबल पर खाना रखा जैसे ही वो खाना रखने के लिए झुकी उसकी साड़ी का पल्लू का नीचे गिर गया और उसकी बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आने को बेताब थी बबलू को एक और झटका लगा शोभा ने जल्दी से अपना पल्लू ठीक किया 

शोभा:खाना खा कर अपना बिस्तर लेकर ऊपेर आ जाना 
और शोभा वापिस चली गयी जब बबलू खाना खा कर ऊपेर गया तो सब सो चुके थी बबलू ने अपना बिस्तर लगाया और लेट गया बबलू को नींद नही आ रही थी शराब का नशा और अभी –2 हुए शोभा की चुचियों के दर्शन बबलू की नींद उड़ा चुके थे

बबलू ने दूसरी तरफ करवट बदल ली ताकि वो सो सके पर बार शोभा की गान्ड और चुचियाँ उसके जहन में आ रही थी तभी उसे पीछे से कुछ आहट हुई बबलू बिना हिले पड़ा रहा शोभा उठ कर फिर छत के कोने की तरफ जा रही थी जो बबलू से सिर्फ़ 4-5 फुट दूर था शोभा अपनी साड़ी उतार कर पेटिकोट और ब्लाउस में सोती थी शोभा ने कोने के पास जाकर अपने पेटिकोट को ऊपर कमर तक कर दिया उसकी बड़ी गान्ड एक बार फिर से बबलू के सामने थी और शोभा मूतने के लिए बैठ गयी मूतने की आवाज़ बबलू को और पागल बना रही थी उसका लंड एक दम खड़ा हो चुका था बबलू मन में सोच रहा था कि कहीं शोभा ये सब जान बुझ कर तो नही कर रही शोभा मूतने के बाद खड़ी हुई और अपने पेटिकोट को कमर से पकड़े रखा ताकि वो नीचे ना गिरे और उसने अपनी टाँगों को थोड़ा सा फैलाया और पेटिकोट के नीचले हिस्से से अपनी चूत को सॉफ करने लगी फिर उसने पेटिकोट को छोड़ दिया और पेटिकोट नीचे आ गया और शोभा वापिस बिस्तर पर आकर लेट गयी बबलू का बुरा हाल था 


बबलू: मन में)साली दिन में शरीफ बनती है और अब अपनी गान्ड दिखा कर मेरे लंड को खड़ा कर रही है अब ज़रा में भी इसे अपने लंड के दर्शन करा दूं 

बबलू उठ कर उसी कोने में चला गया और अपना पाजामा नीचे घुटनों तक कर लिया उसके बड़ा तना हुआ लंड हवा में झटके खाने लगा शोभा ये सब देख रही थी इसबार भी बबलू ने पेशाब करने के बाद अपने लंड को 4-5 बार हिलाया और वापिस अपने बिस्तर पर लेट गया बबलू चाहता था कि शोभा पहल करे ताकि उसके ऊपर कोई बात ना आए पर कुछ नही हुआ ऐसे ही अगला दिन भी बीत गया बबलू को कुछ समझ में नही आ रहा था इसलिए उसे इन्सब से बचने के लिए वहाँ से ध्यान हटा दिया


एक दिन बबलू को घर आते हुए रात के 10:30 बज गये जब शोभा ने गेट खोला तो बबलू शराब के नशे में धुत्त था बबलू अंदर आ गया और अपने कमरे में चला गया शोभा गेट बंद करके वापिस उसके रूम में आई

शोभा:इतनी देर क्यों लगा दी आज और कितनी शराब पी रखी है तुमने आगे से लेट मत आना
और शोभा खाना लाने चली गयी खाना देकर शोभा वापिस चली गयी बबलू ने खाना खाया और वहीं सो गया और सुबह नाश्ता किए बिना ही अपने काम पर चला गया उस दिन रेणु और अमर का स्कूल स्टार्ट हो चुका था 3 दिन ऐसे ही चलता रहा बबलू रोज रात को लेट आता शोभा उसे बहुत समझाती पर वो कोई बात ना मानता एक दिन रात को बबलू दारू पीकर वहीं स्टेशन पर ही सो गया अगले दिन जब उठा तो उसका काम में मन नही लग रहा था उधर शोभा बबलू के लिए परेशान थी

बबलू अपने इंचार्ज से छुट्टी लेकर घर आ गया जब शोभा ने गेट खोला तो वो उसपर बरस पड़ी 

शोभा: कहाँ था तू कल आया क्यों नही शराब पी कर कहीं गिर गया था ऐसे यहाँ नही चले गा अपनी उम्र तो देखो क्या हालत बना रखी है घर पर कोई नही था रेणु और अमर स्कूल गये हुए थे शोभा ने उस वक्त सफेद रंग का ब्लाउस और पेटिकोट पहन रखा था उसकी चुचियाँ काफ़ी हद तक बबलू को नज़र आ रही थी शोभा की बातों को अनसुना करते हुए वो सीधा अपने रूम में आ गया और पंखे का स्विच ऑन किया पर लाइट नही थी शोभा उसके पीछे आई
शोभा:मेरी बात का जवाब नही दिया देख कैसी हालत बना रखी है 

बबलू: आप यहाँ से जाए मेरा मूड ठीक नही है
और ये कह कर बबलू छत पर आ गया बादल आसमान पर छाए हुए थी अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी शोभा उसके पीछे आ गयी दोनो छत पर भीग गये 

शोभा:कुछ बात है तो बता ना कहाँ था कल

बबलू: अभी भी दोनो बारिश मे खड़े थे और पूरी तरह भीग चुके थे ) तुम्हे इन्सब से क्या मतलब तुम जाओ यहाँ से

शोभा: ऐसे कैसे जाऊ कल मुझे तुम्हारी बहुत फिकर हो रही थी आख़िर बात क्या है 
शोभा का ब्लाउस और पेटिकोट भीग कर उसके बदन से चिपके हुए थे उसकी चुचियाँ और निपल्स सॉफ दिखाई दे रहे थे

बबलू से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू दूसरी तरफ घूम गया शोभा ने उसको बाजू से पकड़ कर झटके से सीधा किया
शोभा; चुप क्यों है 

बबलू: बबलू से अब बर्दास्त नही हो रहा था दोनो छत पर बने स्टोर रूम के साथ खड़े थे बबलू ने अपने बाजू को झटकते हुए उससे अपना हाथ छुड़ा लिया और शोभा को धक्का देकर स्टोर रूम की दीवार से सटा दिया 

बबलू:तू क्या मेरी बीवी है साली जो मुझसे इतने सवाल जवाब कर रही है 

शोभा;क्या कहा तुमने (और शोभा ने उसे एक चाँटा झाड़ दिया)

बबलू गुस्से से लाल हो गया और उसने आगे बढ़ कर शोभा के कंधों से पकड़ कर दीवार से सटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने उसे ज़ोर लगा कर धक्का दिया और एक चाँटा बबलू के गाल पर झाड़ दिया

बबलू की नज़रें शोभा की चुचियों पर गढ़ी हुई थी जो सॉफ दिख रही थी जब शोभा को अपनी हालत का पता चला तो उसने सर झुका लिया और स्टोर रूम के अंदर आ गयी बबलू भी उसके पीछे अंदर आ गया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रहा था और बबलू उसके पीछे खड़ा था शोभा ने सोचा अगर उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही है तो उसका पेटिकॉट भी बहुत पतला है और उसने नीचे पैंटी भी नही पहन रखी है ये सोच कर उसका दिल जोरों से धड़कने लगा बबलू शोभा के करीब आने लगा 

शोभा:वहीं रुक जाओ ये ठीक नही है मुझसे बुरा कोई नही होगा अगर एक कदम भी
और शोभा वहीं बोलते-2 रुक गयी क्योंकि बबलू उसके साथ एक दम सट गया था उसे अपने चुतड़ों की दर्रार में कोई सख़्त चीज़ की चुभन महसूस हो रही थी और शोभा जानती थी कि ये गरम अहसास बबलू के लंड का है बबलू ने शोभा को दोनो हाथों से कंधो से पकड़ लिया शोभा एक दम घबरा कर आगे हो गयी और वो स्टोर रूम के अंदर की दीवार के बिल्कुल पास थी और ना ही आगे बढ़ने की जगह थी 

शोभा: देखो तुम जाओ यहाँ से ये ठीक नही में शोर मचा दूँगी 

थोड़ी देर तक कोई हरकत नही हुई शोभा का दिल जोरों से धड़क रहा था उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था शोभा ने डरते हुए पीछे देखा जैसे ही उसने पीछे देखा तो वो मंज़र देख शोभा का दिल और जोरों से धक-2 करने लगा पीछे बबलू अपना 8 इंच का लंड हाथ में लिए खड़ा था जिसकी नसें एक दम फूली हुई थी शोभा ने अपनी नज़रें आगे कर ली

इससे पहले के शोभा कुछ बोलती बबलू फिर से उसके पीछे आ गया अब शोभा के आगे बढ़ने के जगह नही थी बबलू उसके पीछे से उसके साथ चिपक गया और अपने दोनो हाथ उसकी कमर से आगे करते हुए उसके पेट पर रख दिए और पीछे से ब्लाउस के ऊपेर की खुली पीठ पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा 


शोभा:अहह क्या कर रहे हो छोड़ दूओ उंह

शोभा ने विरोध किया लेकिन बबलू ने उसे कस के पकड़ा हुआ था शोभा जितना आगे हो सकती थी वो आगे सरक गयी अब वो दीवार के साथ सट गयी थी बबलू अपने हाथों को ऊपेर की और लेजाने लगा पर शोभा ने अपनी चुचियों को हाथों से ढक रखा था बबलू की नज़र पेटिकोट के बाहर लटक रहे नाडे पर पड़ी बबलू ने बिजली की गति से नाडे को पकड़ कर खींच दिया इससे पहले कि शोभा अपने हाथों से पेटिकोट को पकड़ती बबलू ने शोभा के दोनो हाथों को पकड़ लिया और ढीला होते ही पेटिकोट सरकता हुआ नीचे गिर गया अब शोभा नीचे से बिल्कुल नंगी थी बबलू ने एक हाथ से शोभा के हाथ को छोड़ दिया और उसे दीवार के साथ सटा दिया अब शोभा बबलू और दीवार के बीच में धँस गयी थी बबलू ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और थोड़ा सा नीचे झुक कर शोभा की चूत में घुसाने के लिए आगे करने लगा पर शोभा ने अपनी टाँगों को भींच रखा था जिससे बबलू अपने लंड को उसकी चूत के पास नही ले जा पा रहा था शोभा अब भी विरोध कर रही थी बबलू ने अपने लंड को शोभा की गान्ड की दरार में रगड़ने लगा और हाथ से पकड़ लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर टिका दिया


शोभा:ओह अहह शोभा के बदन ने झटका लिया उसके बदन में बिजली दौड़ गयी अपनी गान्ड के छेद पर गर्म लंड के सुपाडे को महसूस करके उसके अंदर हल चल होने लगी बबलू साथ में उसकी पीठ को चाट रहा था करीब 5 मिनट तक बबलू अपने लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर रगड़ता रहा शोभा से अब बर्दास्त नही हो रहा था उसकी टाँगें ढीली पड़ने लगी और खुद ब खुद खुलने लगी बबलू ने मोका देखते हुए नीचे झुक कर लंड को पकड़ कर शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे –2 अंदर करने लगा जैसे ही बबलू का लंड शोभा की चूत के छेद पर लगा उसके बदन में करेंट दौड़ गया एक ज़ोर के झटके के साथ उसका बदन काँप गया और जिससे उसके बदन ने झटका खाया बबलू के लंड का सुपाडा शोभा की चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया 

शोभा: अहह नही बब्बब्ब यीयीईयी उम्ह्ह्ह्ह्ह

इससे पहले कि शोभा और कुछ बोलती बबलू ने दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को पकड़ कर एक और ज़ोर दार झटका मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया और सीधा बच्चेदानी से जा टकराया 


शोभा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह शोभा की आँखें बंद हो गयी उसने अपने दोनो हाथों की हथेलियों को दीवार से टिका दिया बबलू ने धीरे से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से धीरे –2 अंदर करने लगा शोभा की चूत में पानी आने लगा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया बबलू ने फिर से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला पर इसबार उसने वापिस धक्का नही मारा लंड का सुपाडा चूत के अंदर था शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी थी बबलू ने शोभा की नेक पर पीछे चूमना शुरू कर दिया शोभा की चूत बबलू के लंड को अपनी गहराइयों तक अंदर लेने के लिए मचल रही थे इसलिए शोभा मस्ती में आकर धीरे अपनी गान्ड को पीछे की तरफ करने लगी लंड फिर से अंदर जाने लगा जैसे ही लंड फिर से अंदर चला गया शोभा ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया और उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ उसकी मस्ती को बयान कर गयी बबलू को पता चल चुका था कि अब शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी है बबलू ने अपने दोनो हाथ आगे करके शोभा की 38 साइज़ की चुचियों को पकड़ लिया और उन्हे मसलने लगा शोभा अब बिल्कुल चुप खड़ी थी उसका विरोध ख़तम हो चुका था बबलू ने धीरे-2 शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने चालू कर दिए कुछ ही पलों में शोभा की चुचियाँ ब्लाउस से बाहर आ गयी 38 साइज़ की चुचियों पर काले निपल्स एक दम मोटे-2 और तने हुए थी बबलू शोभा के निपल को उंगलियों के बीच में मसलने लगा



शोभा की मस्ती का कोई ठिकाना नही था बबलू ने धीरे-2 धक्के लगाने शुरू कर दिए लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर होने लगा बबलू की रफ़्तार धीरे-2 बढ़ने लगी शोभा हल्की आह आह की आवाज़ निकालने लगी पूरे कमरे में फतच-2 की आवाज़ गूँज रही थी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी शोभा अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी शोभा ने अपने पैरो को खोल लिया और बबलू तबडतोड़ धक्के मारने लगा शोभा का बदन ऐंठने लगा और वो अहह अहह करती हुई झड गयी कुछ ही धक्को के बाद बबलू ने शोभा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया शोभा आज कई सालों बाद झड़ी थी उसके चहरे के भाव उसकी संतुष्टि को बयान कर रहे थी बबलू ने लंड को चूत से बाहर निकाला जो पूरी तरह से भीगा हुआ था और बिना देर किए बबलू ने पेंट पहनी और नीचे चला गया शोभा कुछ देर वैसे ही खड़ी रही फिर वो सीधी हुई और अपनी जाँघो को फैला कर देखने लगी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी जाँघो तक फैला हुआ था उसकी चूत के होंठ अभी भी खुले हुए थे शोभा ने वहाँ पड़े एक पुराने कपड़े के टुकड़े को उठाया और अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जांघे सॉफ की फिर उसने पेटिकोट और ब्लाउस पहना और नीचे आ गयी और नीचे आने के बाद बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतार कर नहाने लगी नहाने के बाद उसने दूसरी साड़ी पहन ली और बेड पर लेट गयी
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06-09-2017, 11:09 AM,
#4
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
शोभा ने दूसरी साड़ी पहन ली और बेड पर लेट गयी 
शोभा: मन में) ये क्या हो गया मैने उसे रोका क्यों नही 
यही सब सवाल उसके जेहन में घूम रहे थे शोभा बहुत परेशान थी थोड़ी देर में उसे नींद आ गयी दोपहर के 2 बज रहे थे बबलू नीचे अपने रूम में सोया हुआ था तभी डोर बेल बजी बबलू ने उठ कर गेट खोला तो सामने अमन और रेणु खड़े थे वो स्कूल से वापिस आए थे बबलू और रेणु की नज़रें आपस में टकरा गयी दोनो ने एक पल के लिए एक दूसरे को देखा फिर रेणु बिना कुछ बोले अंदर आ गयी और ऊपर चली गयी और अमन भी छत में ऊपर चला गया शोभा अभी भी सो रही थी रेणु ने जाकर अपनी माँ शोभा को उठाया 
शोभा:एक झटके से उठ कर बैठ गयी

रेणु:क्या हुआ माँ डर क्यों गई 

शोभा: नही कुछ नही कब आई तुम

रेणु:अभी आई 

शोभा:जाओ ड्रेस चेंज कर लो और हाथ मुँह धो लो में खाना बनाती हूँ

अमन:क्या माँ अभी तक खाना नही बना मुझे बहुत भूक लगी है

शोभा:कोई बात नही में अभी 10 मिनट में बना देती हूँ

और शोभा उठ कर किचन में आ गयी और खाना बनाने लगी खाना बनाते हुए भी उसके दिमाग़ में सुबह की घटना का सारा मंज़र उसकी आँखों के सामने से गुजर जाता ना चाहते हुए भी शोभा चुदास से भरने लगी सुबह की ज़बरदस्त चुदाई ने उसकी चूत में फिर से पानी से भर दिया शोभा कई सालों बाद झड़ी थी यहाँ तक कि उसका पति भी जब तक वो जिंदा था 1 या दो बार उसे चर्म तक पहुँचा पाया था इतना मज़ा उसे चुदाई में जिंदगी में पहले कभी नही मिला था जैसे तैसे उसने खाना बनाया और खाना परोस दिया और एक थाली में खाना डाल कर नीचे आ गयी रेणु और अमन खाना खा रहे थे शोभा ने जैसे ही बबलू के रूम के डोर को हाथ लगाया वो थोड़ा सा खुल गया अंदर बबलू बेड पर लेटा हुआ था शोभा बेड के पास पड़े छोटे टेबल के पास आई और खाने की थाली टेबल पर रख दी बबलू भी बेड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया 

शोभा: खाना खा लो 

शोभा ये कह कर वापिस मूड कर जाने लगी तो बबलू ने आगे बढ़ कर उसका हाथ पकड़ लिया

शोभा: मेरा हाथ छोड़ो 
और शोभा अपना हाथ छुड़ाने लगी बबलू ने उसे कंधों से पकड़ कर दीवार के साथ सटा दिया 

शोभा अपने आप को छुड़ाने की कॉसिश करते हुए) ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे बच्चे घर पर हैं 

पर बबलू ने उसके एक ना सुनी और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और एक लंबा किस करने के बाद उसने शोभा को छोड़ दिया बाहर बारिश फिर से शुरू हो चुकी थी शोभा की साँसें तेज़ी से चल रही थी बबलू ने अपना शॉर्ट्स को नीचे कर दिया और उसका 8 इंच का लंड हवा में झटके खाने लगा शोभा ने अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया बबलू ने आगे बढ़ कर शोभा के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया शोभा एक दम काँप गयी और झट से अपना हाथ पीछे खींच लिया 


बबलू:साली अब नखरे कर रही है सुबह तो गान्ड पीछे मार-2 कर लंड ले रही थे चूत में चल पकड़ इसे 
और बबलू ने फिर से उसके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और अपने हाथ से शोभा के हाथ को हिलाने लगा थोड़ी देर बाद उसने शोभा का हाथ छोड़ दिया शोभा मन में सोच रही थी कितना बड़ा लंड है इसका इस उम्र में भी थोड़ी देर बाद उसने लंड छोड़ दिया और बिना कुछ बोले ऊपर चली गयी जब शोभा ने बबलू का लंड थाम रखा था तो उसका दिल कर रहा था कि वो इसे पकड़े रखे और खूब अच्छी तरह से सहलाए पर बच्चे घर पर थी इसले वो ऊपर आ गयी ऊपर आकर शोभा ने खाना खाया और बर्तन सॉफ करके ऊपर छत पर चली आई ऊपर आकर उसने देखा अभी भी हल्की बूँदा बाँदी हो रही थी इसलिए वो नीचे आ गयी रेणु और अमर सोने की तैयारी कर रहे थे रेणु और अमर एक कमरे में सोते थे और शोभा का रूम अलग था रात के 11 बज रहे थे घर में सन्नाटा पसरा हुआ था रेणु और अमन सो चुके थे लेकिन शोभा अपने रूम में लेटी हुई थी उसे नींद नही आ रही थे बबलू ने उसके अंदर हवस की आग भड़का दी थी शोभा के रूम में 0 वॉट का बल्ब जल रहा था


उसका डोर खुला था तभी शोभा को कदमों की आहट आती सुनाई दी जब वो सख्स शोभा के डोर के सामने आया तो वो बबलू था शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा वो मन में सोचने लगी अब में करूँ अगर वो अंदर आ गया तो मुझे डोर बंद कर देना चाहिए पर ना चाहते हुए भी वो उठ ना पाई और ऐसे ही लेटी रही बबलू बिना आवाज़ किए उसके रूम में आ गया बबलू 0 वॉट के बल्ब के रोशनी में शोभा को बिल्कुल सॉफ देख पा रहा था बबलू ने सिर्फ़ एक शॉर्ट्स पहन रखा था वो शोभा के बेड के पास आकर खड़ा हो गया शोभा एक टक उसे देख रही थी बबलू ने एक झटके से अपना शॉर्ट्स खींच कर नीचे कर दिया और उसका लोहे की रोड जैसे तना हुआ लंड लेटी हुई शोभा के एक दम सामने था शोभा एक दम से डर गयी उसे डर था कि कहीं रेणु या अमन देख ना ले और ना ही वो बबलू को कुछ कह पाई शोभा जल्दी से बेड से उठ कर खड़ी हो गयी और डोर की तरफ गयी और डोर लॉक कर दिया


डोर लॉक करने के बाद जैसे ही शोभा मूडी तो उसने देखा बबलू बेड पर लेटा हुआ था और अपने हाथ से अपने लंड की चमड़ी को सुपाडे के आगे पीछे कर रहा था शोभा पहले से हवस की आग में जल रही थी शोभा डोर लॉक करके सीधा बेड के पास आकर खड़ी हो गयी बबलू ने शोभा का हाथ पकड़ कर उसे खींच कर बेड पर बैठा दिया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया शोभा ने काँपते हुए हाथ बबलू के लंड पर कस गये वो बबलू के लंड को धीरे-2 सहलाने लगी बबलू ने अपना हाथ शोभा के हाथ से हटा कर उसकी लेफ्ट चुचि पर रख दिया और उसे मसलने लगा शोभा धीरे-2 गरम होने लगी शोभा एक दम से खड़ी हो गयी और तेज़ी से अपने ब्लाउस के हुक्स खोल कर ब्लाउस को निकाल कर फेंक दिया बबलू पहली बार शोभा की बड़ी-2 चुचियों को सामने से देख रहा था जिसे देख उसका लंड एक दम से तन गया ब्लाउस को फेंकने के बाद शोभा ने पेटिकोट को नाडा खींच कर पेटिकोट खोल दिया पेटिकोट नीचे सरक कर फर्श पर गिर गया बबलू से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू बेड से खड़ा हुआ और शोभा को बाहों में भर लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए 

जवाब में शोभा ने भी अपने होंठो को खोल कर ढीला छोड़ दिया बबलू ने जी भर के शोभा के होंठो के रस को चूसा बबलू का एक हाथ शोभा की चुचियों को बारी-2 मसल रहा था 

शोभा: अह्ह्ह्ह उंह जल्दी करो रेणु उठ ना जाए

बबलू ने शोभा को बेड पर सीधा लेटा दिया और खुद उसकी टाँगों को फैला कर उसकी जाँघो के बीच में बैठ गया बबलू ने झुक कर शोभा के एक निपल को मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा

शोभा: (अहह उंहस सीईईईईईईईई अहह करने लगी शोभा ने दोनो हाथों से बेडशीट के कस के पकड़ लिया 

बबलू एक हाथ से शोभा की चुचि मसल रहा था और दूसरी चुचि को पागलों की तरह चूस रहा था शोभा की चूत एक दम गीली हो चुकी थी बबलू ने उसके निपल को मुँह से निकाला और दूसरे निपल को मोहन में भर कर चूसने लगा शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी थी उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था 

शोभा:अहह जल्दी करो उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर अपने लंड को पकड़ कर शोभा की चूत के छेद पर लगा दिया और आगे की तरफ धक्का दिया आधा लंड चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया शोभा की सुलगती हुई चूत को जैसे बबलू के लंड का इंतजार था शोभा की कमर अपने आप ही ऊपर की तरफ उचक गयी शोभा की गान्ड ने एक और झटका खाया लंड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया

शोभा:अहह रीईईईई जालिम उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

शोभा को इस्कदर गर्म देख बबलू ने लंड को अंदर बाहर करना चालू कर दिया फतच-2 की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी शोभा पूरी तरह मस्त हो चुकी थी जैसे बबलू लंड बाहर करता शोभा अपनी गान्ड को उछाल कर बबलू के लंड पर पटकती फतच की आवाज़ से लंड फिर अंदर चला जाता शोभा के हाथ बबलू की पीठ पर कस गये थे और टाँगें उठ कर बबलू की कमर के इरद गिर्द कस ली थी दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे बबलू शोभा के होंठो को चूस रहा था और शोभा अपना मुँह खोल बबलू का पूरा साथ दे रही थी शोभा की चूत से पानी बह कर उसकी गान्ड के छेद तक आ गया था शोभा झड़ने के बहुत करीब थी शोभा के हाथ बबलू की पीठ पर और तेज़ी से घूमने लगे बबलू समझ चुका था कि शोभा झड़ने वाली है इसलिए बबलू ने अपने धक्को की तेज़ी और ज़ोर से लगाने लगा शोभा भी पूरी ताक़त से ऊपर की तरफ अपनी चूत को लंड पे पटकने लगी 

शोभा: अहह ओह अहह सीईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 
और शोभा का बदन ढीला पड़ गया वो झड चुकी थी और साथ ही बबलू के लंड से गर्म पानी की फ़ुआर शोभा की चूत के अंदर निकलने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली बबलू ने शोभा के होंठो को फिर से चूसा और लंड निकाल कर खड़ा हो गया बबलू ने अपना शॉर्ट्स पहना और मूड कर जाने लगा 

शोभा: बेड से खड़ी उतर कर) देखो बबलू आगे से जब बच्चे घर पर हो ऐसे हरकत ना करना 

बबलू: मुस्कराते हुए) ठीक है मेरी जान 

और बबलू डोर खोल कर निकल गया और नीचे रूम में आ गया

अगली सुबह शोभा का चेहरा खिला हुआ था जब चारों बैठ कर नाश्ता कर रहे तो शोभा ने बबलू से कहा 
शोभा: बबलू एक काम कर दोगे 

बबलू: जी बोलिए 

शोभा: कल से इनकी (रेणु और अमन) के स्कूल वाली जो स्कूल बस थी वो बंद कर रहे हैं क्या तुम कल से काम पर जाते वक़्त इनको स्कूल छोड़ दिया करोगे इनका स्कूल स्टेशन के नज़दीक ही है

बबलू: ठीक में इनको छोड़ दिया करूँगा

और फिर नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे आ गया और अपने रूम में आकर तैयार होने लगा अमन और रेणु स्कूल के लिए निकल गये उनके जाते ही बबलू ने मोका देख कर गेट बंद कर दिया अभी सुबह 7:30 ही बजे थे गेट बंद करके ऊपर आ गया शोभा किचन में बर्तन सॉफ कर रही थी बबलू ने पीछे जाकर शोभा को बाहों में जकड लिया शोभा एक दम घबरा गयी
शोभा: कॉन अहह तुम हो तुम्हें काम पर नही जाना है 

बबलू:जाना हैं मेरी जान अभी टाइम है 

बबलू ने शोभा की चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से मसल दिया 

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो तुम बाहर जाकर बैठो में अभी आती हूँ

बबलू: जल्दी करना मेरे पास टाइम कम है 

बबलू बाहर हाल में आकर सोफे पर बैठ गया और पेंट खोल कर घुटनो के नीचे सरका दी शोभा ने जल्दी से बर्तन सॉफ किए और बाहर हाल में आ गयी सामने बबलू सोफे पर बैठा अपने लंड को सहला रहा था शोभा ने अपनी नज़रें नीचे कर ली 

बबलू:जल्दी कर आ ना

शोभा बबलू के पास आई और उसने अपना पेटिकोट को अपनी कमर तक उठा लिया शोभा की झान्टो भरी चूत बबलू के सामने थी शोभा सोफे पर बबलू की दोनो जाँघो के साइड में पंजो के बल बैठ गयी उसने एक हाथ बबलू के कंधें पर रखा और एक हाथ से बबलू के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे उसपर बैठने लगी बबलू ने भी बिना देर किए ऊपर की तरफ धक्का मारा लंड चूत में समाता चला गया 

शोभा: हाई रीईए जालिम बड़ी बेदर्दी से चोदता है तू अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

और ये कह कर शोभा अपनी चूत बबलू के लंड पर पटकने लगी शोभा की गान्ड ऊपर नीचे हो रही थी करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद दोनो झड गये उसके बाद बबलू तैयार हुआ और अपने काम के लिए निकल पड़ा जब रात को वापिस आया तो गर्मी की वजह से सब को ऊपर सोना पड़ा उस रात कुछ ख़ास नही हुआ अगले दिन सुबह बबलू को रेणु और अमन को साथ में स्कूल के लिए लेकर जाना था नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे अपने रूम में आकर तैयार होने लगा थोड़ी देर बाद अमन बबलू के कमरे में आया 
अमन:भैया हम तैयार हैं चलें 

बबलू- हां चलो 

जब बबलू रूम से बाहर आया तो रेणु नीचे आ रही थी उसने स्काइ ब्लू कलर की कमीज़ और वाइट सलवार की यूनिफॉर्म पहनी हुई थी रेणु अपने माँ से उलट रंग की गोरी थी उसके गालों के लाली पर बहुत से लड़के फिदा थे दोनो ने एक दूसरे को देखा रेणु थोड़ा सा शर्मा गयी क्योंकि बबलू की नज़र रेणु के हर अंग का जायज़ा ले रही थी उसने नज़रें नीचे कर ली तभी शोभा भी नीचे आ गयी 

शोभा:देखो ध्यान से जाना कोई शरारत ना करना 

अमन; ओके मम्मी बाइ
और तीनो घर से निकल पड़े गली से बाहर आकर वो रोड पर बस स्टॉप पर खड़े हो गये 5 मिनट इंतजार करने के बाद बस आ गयी तीनो बस में चढ़ गये बस में पहले से बहुत भीड़ थी बस चल पड़ी बस काफ़ी लोग खड़े होकर सफ़र कर रहे थे खैर किसी तरह तीनो बस में खड़े हो गये सबसे आगे अमन खड़ा था उसके पीछे रेणु खड़ी थी और उसके पीछे अमन तीनो एक दूसरे से चिपके हुए थे 

बबलू:लाओ ये बॅग मुझे दे दो

रेणु ने पीछे मूड कर देखा और बिना कुछ बोले अपना स्कूल बॅग बबलू को पकड़ा दिया अब बबलू रेणु के पीछे खड़ा था उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सटी हुई थी रेणु थोड़ा अनकमफर्टबल महसूस कर रही थी अगले स्टॉप पर कुछ लोग और बस में चढ़ गये जिसकी वजह से रेणु बबलू से और सट गयी रेणु के बदन की गर्मी महसूस करते ही बबलू के लंड में हलचल होने लगी उसके बदन से उठती मादक खुसबू उसे पागल बनाने लगी और उसका लंड पेंट में तन गया और उसकी गान्ड के एक साइड पर रगड़ खाने लगा रेणु को भी बबलू के बदन का अहसास हो रहा था जैसे ही उसे अपनी गान्ड पर बबलू के लंड का अहसास हुआ वो एक दम काँप गयी वो बड़ी मुस्किल से अपने फेस के एक्सप्रेशन को कंट्रोल कर पा रही थी 

धीरे-2 बबलू का लंड रेणु की गान्ड की दर्रार में धँस गया रेणु का जिस्म कँपने लगा उसने आगे खड़े अमन के कंधो पर हाथ रख दिए उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी दिल जोरो से धड़कने लगा जब बस हिलती तो बबलू का लंड उसकी गान्ड की दरार में रगड़ खा जाता रेणु के पाँव में जैसे जान ही ना रही हो बबलू का लंड उसकी गान्ड के छेद पर सलवार और पेंटी के ऊपर से दस्तक दे रहा था रेणु गरम होने लगी थी बबलू तो जैसे जन्नत में था उसने लोगो की नज़रों से बचा कर अपना एक हाथ उसकी जाँघ के साइड पर रख दिया जहाँ से कमर शुरू होती हैं रेणु के अंदर वासना की लहर दौड़ गयी बबलू ने हाथ हटा कर अपनी पेंट की जेब में डाल लिया और जेब के अंदर से अपने लंड को पकड़ कर धीरे-2 रेणु की गान्ड की दर्रार में रगड़ने लगा रेणु की आँखें बंद होने लगी उसकी चूत से पानी आने लगा फिर बबलू ने हाथ को जेब से बाहर निकाल लिया और लोगो को नज़र से बचाते हुए अपने हाथ को धीरे से रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से उसकी गान्ड पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा
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06-09-2017, 11:09 AM,
#5
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
रेणु का पूरा बदन कांप ने लगा बबलू ने अपनी दो उंगलियों को रेणु की गान्ड में ड्ररार में रगड़ने लगा रेणु के मुँह से घुटि हुई आह निकल गयी बबलू की उंगलियाँ रेणु की गान्ड की दरार में ऊपर से नीचे तक का सफ़र तय कर रही थी रेणु बहुत गरम हो चुकी थी उसे पहले कभी किसी लड़के ने नही छुआ था धीरे –2 बबलू ने अपनी उंगलियों को रेणु की चूत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया बबलू की उंगलियों और रेणु की गान्ड के बीच सिर्फ़ एक सलवार और पैंटी थी बबलू ने उंगलियों से उसकी चूत के छेद को सहलाने की कोशिश की पर पैंटी कसी हुई थी इतने में रेणु और अमन का स्कूल आ गया था इसलिए उनको नीचे उतरना पड़ा रेणु की नज़रें झुकी हुई थी उसका फेस एक दम लाल हो चुका था आँखों में वासना का नशा सॉफ झलक रहा था वो बिना नज़र मिलाए स्कूल में चली गयी और अपना बॅग क्लास में रख कर सीधा टाय्लेट में चली गयी

टाय्लेट के अंदर आते ही उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे कर दी और फिर ब्लॅक कलर की टाइट पैंटी को नीचे कर के देखने लगी उसकी चूत में गाढ़ा लिसलिसा पानी बहकर उसकी पैंटी पर लगा हुआ था रेणु ने अपने साथ लाए टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और फिर पैंटी और सलवार पहन कर बाहर आ गयी रेणु का पूरा दिन क्लास में मन नही लगा रात को जब बबलू घर आया तो उस रात भी बबलू को शोभा को चोदने का मोका नही मिला रेणु भी बबलू से नज़रें नही मिला रही थी बबलू को समझ में नही आ रहा था कि आख़िर रेणु के दिल में क्या है अगले दिन जब तीनो नाश्ता करके स्कूल के लिए निकले तो इसबार बस में कल की तरह ही भीड़ थी रेणु कल की तरहा अमन के पीछे खड़ी थी और उसके पीछे बबलू खड़ा था धीरे-2 बस में भीड़ बढ़ने लगी बबलू एक बार फिर से रेणु के पीछे से उसके साथ सट गया


बबलू ने अपना हाथ नीचे किया और रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से डाल कर उसकी मखमली गाल्ड के ऊपर रख दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की गान्ड पर पड़ा रेणु के अंदर करेंट सा दौड़ गया एक झटका बबलू को भी लगा आज वो रेणु की गान्ड को और अच्छी तरह महसूस कर रहा था क्योंकि आज उसने सलवार के नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी बस उसके हाथ और रेणु की नरम मुलायम गान्ड के बीच एक पतली सी वाइट कलर की सलवार थी रेणु को कल से ज़्यादा आज अपनी गान्ड पर बबलू की हथेलिया महसूस हो रही थी बबलू की तो जैसे लॉटरी निकल आई हो इस बार बबलू बिना देर किए अपनी उंगलियों को उसकी गान्ड दरार में रगड़ने लगा रेणु की साँसें भारी होनी लगी धीरे-2 गर्म होने लगी बबलू उंगलियों से गान्ड की दरार को रगड़ते हुए आगे चूत की तरफ बढ़ने लगा बबलू ने महसूस किया कि रेणु की जांघे पहले आपस में सटी हुई थी जो अब धीरे-2 खुलने लगी थी उनमे करीब 2 इंच का गॅप बन गया था उंगलियों को आगे बढ़ाते हुए वो सीधा रेणु की चूत पर पहुँच गया पतली सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर बबलू की उंगलियों के पड़ते ही रेणु के जिस्म ने एक ज़ोर दार झटका लिया जिसे बबलू भी महसूस कर सकता था उसके पूरे बदन के रोंगटे खड़े हो गये रेणु के पूरा जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी उसकी साँसे तेज हो गयी उसने आगे खड़े अमन के कंधों को कस के पकड़ लिया अमन ने रेणु की तरफ देखा रेणु की आँखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे जो अमन के लिए समझना नमुनकीन था 


बबलू धीरे – 2 उसकी चूत की फांकों को रगड़ने लगा रेणु की मस्ती की कोई सीमा ना थी रेणु की कमर रह –2 कर तेज और हल्के झटके खा रही थी जिसे दूसरे खड़े लोग नही देख पा रही थी उसकी कुँवारी चूत से पानी निकल कर उसकी सलवार को गीला करने लगा लेकिन स्कूल आ चुका था मजबूरन तीनों को बस से उतरना पड़ा जब तीनो नीचे उतर आए तो बबलू ने अपनी उंगलियों को नाक के पास लाकर सूँगा जो रेणु सब देख रही थी रेणु ने ये सब देख अपनी नज़रे नीचे कर ली रेणु और अमन को स्कूल छोड़ने के बाद बबलू स्टेशन आ गया उसके दिमाग़ में बस घटना ही चल रही थी उसे समझ में नही आ रहा था कि किया रेणु ने आज जान बुझ कर पैंटी नही पहनी थी या ऐसे ही भूल गये या फिर कोई धूलि हुई पैंटी ना हो बस वो अभी इसी सोच विचार में था उसका मन काम में नही लग रहा था उसने अपने इंचार्ज से तबीयत का बहाना बना कर छुट्टी ले ली और रास्ते में आते हुए एक क़्वार्टर दारू पी ली 


शोभा घर का काम ख़तम कर चुकी थी

आज शोभा को भी दो दिन हो चुके थे बबलू से चुदवाये हुए अभी वो नहाने की तैयारी कर रही थी शोभा ने टाइम देखा 10 बज चुके थे शोभा ने अपने धुले हुए कपड़े उठाए और बाथरूम की तरफ जाने लगी तभी डोर बेल बजी शोभा ने बाल्कनी में आकर देखा नीचे बबलू खड़ा था शोभा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी वो तेज कदमों से चलती हुई नीचे आ गयी और गेट खोला
शोभा:क्या बात आज घर वापिस आ गयी 

बबलू: अंदर आते हुए) बस काम में दिल नही लग रहा था 

शोभा: ने गेट बंद कर दिया) क्यों क्या हुआ तुम्हारे दिल को 

बबलू: बस इस दिल को तुम्हारी चूत ने दीवाना बना दिया है 

शोभा: धात्त कैसी बाते करते हो 
और शोभा ऊपर आने लगी बबलू भी शोभा के पीछे ऊपर आ गया ऊपर आते ही उसने शोभा को पीछे से बाहों में भर लिया शोभा बबलू की बाहों से निकलते हुए अपने रूम में आ गयी बबलू भी उसके पीछे रूम में आ गया शोभा बबलू की तरफ पलटी कमरे में खामोसी छाई हुई थी दोनो एक दूसरे से लिपट गये शोभा पागलों की तरह बबलू के होंठो को चूमने लगी दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस लिया 

शोभा: अहह बबलू तुमने मुझे क्या कर दिया है में एक पल भी तुम्हारे बिना नही रह सकती 

बबलू: (शोभा की चुचियों को मसलते हुए) क्यों मैने ऐसा लिया कर दिया है 

शोभा : अहह तुमने मेरे अंदर आग लगा कर रखी है 

बबलू ने शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने शुरू कर दिए और एक –2 करके सारे हुक्स खोल दिए शोभा ने बिना देर किए ब्लाउस को बाहों से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया बबलू शोभा से अलग हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा शोभा ने भी अपना पेटिकोट निकाल कर फेंक दिया कुछ ही पलों में दोनो एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे शोभा की बड़ी –2 चुचियाँ साँस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी बबलू ने शोभा को बेड पर धक्का दे दिया और खुद शोभा के ऊपर चढ़ गया पागलों की तरह उसकी चुचियों को मसलने लगा 

शोभा: अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आराम सीईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू शोभा की एक निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे चुचि को मसलने लगा 

शोभा :आ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाआअँ पीईए जऊऊओ इनका साआआराआ रस्स्सस्स ओह और मसलूऊऊओ अहह 

बबलू ने शोभा की चुचि का जी भर कर रस्पान किया और धीरे नीचे आने लगा और शोभा की नाभी को चाटने लगा

शोभा: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह बहुत मज़ा आ रहा है 

शोभा के हाथ बबलू के बालों में खेल रहे थे बबलू ने शोभा की टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया जिसे शोभा की चूत ऊपर की और हो गई बबलू शोभा के नाभि से होता हुआ नीचे आने लगा और उसकी चूत के छेद पर मुँह लगा दिया

शोभा: ओह मररर्र्र्र्ररर गीईईईईई माआआआआआअरीईईईई उंहहह सीईईईईईईईईईईईईईईईई ये किय्ाआआअ हााआआ नाहह उफफफफफफफफफफफ्फ़ अहह शोभा की गान्ड ऊपर की तरफ झटके खाने लगी शोभा अपने हाथों से बबलू के सर को अपनी चूत से दूर धकेलने लगी पर बबलू ने पूरी ताक़त से शोभा की चूत को चाट रहा था आख़िर हार कर शोभा ने अपने हाथों से तकिये को कस के पकड़ लिया और नोचने लगी बबलू ने शोभा की चूत के दाने को मुँह में ले लिया और चूसने लगा
शोभा:उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मत कार्रर्र्र्र्र्र्ररर में पागलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊऊओ अहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआ रीईईईईईईई उफफफफफफफफफफफ्फ़ बबलू सीधा हो गया और शोभा की बगल में लेट गया और शोभा की गर्दन के नीचे हाथ डाल के बैठा दिया और अपने लंड पर उसके सर को झुकाने लगा शोभा को समझते देर नही लगी कि बबलू क्या चाहता है जब शोभा का पति जिंदा था था तब शोभा ने कई बार अपने पति का लंड चूसा था पर बेमन से और ना ही उसके पति ने उसकी चूत को चाटा था आज से पहली बार सुधा की चूत को किसी ने चाटा था शोभा ने बिना एक पल देर किए बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में ले लिया और चूसने लगी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ लिया शोभा बबलू के लिए कुछ भी करने को तैयार थी धीरे-2 शोभा की जीभ बबलू के लंड पर अपना कमाल दिखाने लगी अब शोभा बबलू का आधा लंड मुँह में अंदर बाहर कर रही थी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ कर ऊपर किया बबलू का लंड शोभा के मुँह से बाहर आ गया शोभा बबलू की तरफ देखने लगी उसकी आँखों में मदहोशी भरी हुई थी बबलू ने शोभा को सीधा लेटा दिया और उसकी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया और अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त से ज़ोर दार धक्का मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया

शोभा; हइईईईईईईईई मारीईईईई रीईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ धीरीईई फद्द्द्द्द्द्द्दद्ड डाली उफफफफफफ्फ़

पर बबलू पर इसका कोई असर नही हुआ बबलू ने अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से एक ही झटके में पूरा लंड थॅप की आवाज़ करता हुआ शोभा की चूत में घुस गया 

शोभा; उफफफ्फ़ क्या कर रहे हो में कहीं भागी जा रही हूँ तूऊऊ
इससे पहले कि शोभा आगे बोल पाती बबलू ने फिर से एक ज़ोर धार धक्का मारा शोभा अंदर तक हिल गयी इसके बाद बबलू ने बिना रुके ताबड तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि शोभा ऊपर नीचे हिलने लगी उसकी बड़ी-2 चुचियाँ ऊपर नीचे हिल रही थी वो अहह ओह उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईई कर रही थी करीब 5 मिनट की जबरदस्त की चुदाई से शोभा झड गयी उसकी चूत में पानी की धार बह निकली लेकिन बबलू अभी नही झडा था उसने शोभा की चूत से लंड निकाला जो कि पूरी तरह शोभा के काम रस से भीगा हुआ था 

बबलू:चल उल्टी हो कर कुतिया बन जा 

शोभा बेचारी बबलू के लंड की दीवानी हो चुकी थी और बिना कुछ बोले घुटनो और हाथों के बल उल्टी हो गयी बबलू शोभा के पीछे आ गया शोभा ने पीछे से अपनी गान्ड ऊपर कर दी बबलू ने एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और बिना देर किए एक झटकेके साथ पूरा का पूरा लंड चूत में पेल दिया बबलू ने शोभा के खुले हुए बालों को एक हाथ से पकड़ लिया और धना धन धक्के लगाने लगा एक बार फिर फतच-2 थॅप-2 की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी बबलू के लंड का सुपाडा सीधे शोभा की बच्चेदानी पर टकरा रहा था पूरे रूम में शोभा की कामुक सिसकारियाँ गूँज रही थी शोभा अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी 

शोभा:अहह ओह लगताा हाईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज तुम मेरी चूत को सूजा डालोगे ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्ररर गाईईईई

शोभा की आज तक इतनी ज़बरदस्त चुदाई नही हुई थी करीब 6-7 मिनट बाद शोभा दूसरी बार झड गयी थी लेकिन बबलू अभी भी शोभा को बिना रुके चोदे जा रहा था शोभा दो बार झड चुकी थी उसे बहुत तेज पेशाब लगी थी

शोभा: अहह ओझहह मुझीई पेशाब्ब्ब्बबब जाना है रूको

लेकिन बबलू रुकने का नाम नही ले रहा था शोभा आगे की तरफ हो गयी बबलू का लंड पुतछ की आवाज़से बाहर आ गया शोभा जल्दी से बेड उतर कर बातरूम की तरफ जाने लगी अभी वो बाथरूम के डोर की दलहीज़ को भी पार नही कर पाई थी कि बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया और थोड़ा सा नीचे झुक कर पीछे से शोभा की चूत में लंड घुसा दिया और आगे हाथ लेजा कर शोभा की चुचियों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा

शोभा: अहह क्या कर रहीईईईई हो पेशाब तो कारणेनंनननननननणणन् अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू के धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि थोड़ी देर बाद शोभा और बबलू बाथरूम के अंदर की सामने वाली दीवार के पास पहुँच गये शोभा ने अपने हाथ दीवार से टिका दिए और आगे पंजो के बल खड़ी हो गयी बबलू ने शोभा की कमर को कस के पकड़ लिया और तेज़ी से धक्के लगाने लगा

शोभा: ओह ओह मुझे बहुत तीईईईज्ज्ज्ज्ज्ज पेशाब्ब्ब्ब कारणेनंनणणन् दूओ 

बबलू:मेरी जान अहह ऐसी हीईए मूत ले में भी तुम्हारे मूतने की आवाज़ सुनू 
इस दरमिया शोभा तीसरी बार झड चुकी थी वो एक दम बहाल हो गयी और उसने वहीं खड़े -2 मूतना चालू कर दिया नीचे शोभा की चूत में अभी भी बबलू का लंड अंदर बाहर हो रहा था बबलू ने एक कस के धक्का मारा और अपना सारा पानी उसकी चूत में निकाल दिया शोभा अभी भी मूत रही थी जब शोभा का मूतना ख़तम हुआ तो बबलू का लंड सुकड कर बाहर आ गया शोभा ने राहत के साँस ली शोभा ने अपनी जाँघो को फैला कर देखा उसकी काली झांटेँ एक दम भीगी पड़ी थी शोभा ने पानी से पहले अपनी चूत और टाँगों को सॉफ किया और उसके बाद बबलू के लंड और जाँघो को सॉफ किया बबलू बाहर आकर बॅड पर लेट गया थोड़ी देर बाद शोभा अपनी मोटी गान्ड मटकाती हुई बाहर आई उसकी हाथ में टवल था उसने बड़े प्यार से बबलू के सुकड़े हुए लंड को पोन्छा फिर उसकी बगल में लेट गयी दोनो काफ़ी थक गये थे
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06-09-2017, 11:10 AM,
#6
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
घड़ी पर 11 बज रहे थी रेणु और अमन स्कूल से 2 बजे वापिस आते थे उस दिन बबलू ने शोभा को 1बजे तक कई बार चोदा और शोभा ना जाने कितनी बार झड़ी घर का कोई कोना कोई हिस्सा नही बचा था जहाँ इन तीन चार घंटों मे बबलू ने शोभा को नही चोदा शोभा की चूत भी सूज गयी थी 2 बजे जब रेणु और अमन वापिस आए तो बबलू नीचे था उसने गेट खोला तो रेणु और अमन अंदर आ गये रेणु बबलू को घर पर देख कर थोड़ी हैरान ज़रूर हुई लेकिन सीधा ऊपर आ गयी शोभा ने किसी तरह दोपहर का खाना बना लिया था जब बबलू ऊपर आया तो चारों बैठ कर खाना खाने लगे तभी शोभा ने खाना खाते हुए रेणु और अमन को बताया कि आज उनके मासी यानी शोभा की बहन सीमा का फोन आया था उसके देवर की शादी सनडे को है उसने हमे इन्वाइट किया है पर लगता है कि मैं नही जा पाउन्गी बहुत से कपड़े सिलने वाले पड़े है

अमन: लेकिन माँ मुझे जाना है कितने महीने हो गये हम कहीं घूमने भी नही गये सारी सम्मर वकेशन भी घर पर ही बिता दी 

अमन जिद्द करने लगा रेणु भी शोभा से बोली माँ हमें जाना है अब तो कई साल हो गये हमें एक भी शादी नही देखी है प्लीज़ माँ जाने दो ना हम अकेले चले जाएँगे

शोभा:ठीक है ठीक लेकिन अकेले नही अगर बबलू साथ में जाएगा तो मुझे भी परेशानी नही हो गी 

अमन:ये ठीक रहेगा में बबलू भैया के साथ खूब मस्ती करूँगा

शोभा: क्यों बबलू तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही 

बबलू: (बेमन से) ठीक है में चला जाउन्गा 

खाना खाने के बाद शोभा ने अपनी बेहन सीमा को फोन किया 

शोभा: हेलो सीमा कैसी हो 

सीमा:में ठीक हूँ तो दीदी कल तुम आ रही हो ना 

शोभा:नही में नही आ पाउन्गी घर पर बहुत सा काम पड़ा है पर बच्चे आ रहे हैं

सीमा: क्या अकेले 

शोभा:नही नही हमने नीचे का रूम एक लड़के को रेंट पर दे रखा है बहुत ही अच्छा लड़का है उसी के साथ आ रहे है तुम संभाल लेना

सीमा: ठीक है दीदी अगर तुम आती तो मुझे बहुत अच्छा लगता

शोभा: अच्छा में फोन रखती हूँ

उसके बाद शोभा ऊपर छत पर आ गयी रेणु और अमन अपना बॅग पॅक करने में लगे हुए थे दोनो बहुत खुश थे जब शोभा ऊपर आई तो बबलू पहले से ऊपर अपना बिस्तर लगा कर लेटा हुआ था शोभा बिना कुछ बोले बिस्तर लाने स्टोर रूम के अंदर चली गयी बबलू भी उसके पीछे आ गया बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया 

शोभा: छोड़ो क्या कर रहे हो बच्चे नीचे हैं अगर ऊपर आ गये तो 

बबलू: तुमने मुझे क्यों जाने के लिए बोला उनके जाने के बाद हमारे पास रात को टाइम ही टाइम होता 

शोभा: लेकिन बच्चे अकेले कैसे जाते और मुझे भी दो तीन दिन के रेस्ट चाहिए 

बबलू : क्यों क्या हुआ मन भर गया 

शोभा: तुम्हें नही पता तुमने तो मेरी चूत सूजा कर रख दी अब ठीक होने में थोड़ा टाइम तो चाहिए इसलिए तुम्हें वहाँ भेज रही हूँ 

बबलू -पर तब तक में क्या करूँ मुझे बर्दास्त नही होता एक बार दे दो ना फिर में चला जाउन्गा

शोभा :नही बच्चे नीचे हैं 

बबलू: (अपना लंड पयज़ामा नीचे करके बाहर निकाल लिया और शोभा के हाथ में पकड़ाते हुएबोला) देख ना कैसे खड़ा है अब तो इसका हल कर दे

शोभा ने बबलू के लंड को छोड़ कर स्टोररूम के डोर के पास आकर बाहर देखा फिर लाइट ऑफ करके स्टोर रूम की खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया और बबलू को अपने पास बुलाया और खुद नीचे बैठ गयी और बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में भर ली और चूसने लगी शोभा का सर तेज़ी से बबलू के लंड पर आगे पीछे हो रहा था शोभा के जीभ का दबाव बबलू के लंड के सुपाडे पर बढ़ता जा रहा था बबलू ने शोभा के सर को दोनो हाथों से कस के पकड़ लिया और शोभा तेज़ी से बबलू का लंड मुँह के अंदर बाहर करने लगी 5 मिनट की चुसाइ के बाद बबलू के लंड ने पानी शोभा के मुँह में छोड़ दिया शोभा ने जल्दी से बाहर थूक दिया और साड़ी के पल्ले से अपना चेहरा सॉफ किया बबलू तो जैसे स्वर्ग की सैर कर वापिस आया था


फिर दोनो बाहर आ गये थोड़ी देर बाद रेणु और अमन भी ऊपर आ गये और सब लोग सो गये अगले सुबह नाश्ते के बाद बबलू अमन और रेणु जाने के तैयारी में जुट गये करीब 2 बजे तीनो बस स्टॅंड पर पहुँच गये और लखनऊ के लिए बस पकड़ ली सीमा का घर लखनऊ सिटी से थोड़ा बाहर था तीनो बस में बैठ गये अमन विंडो सीट की तरफ बैठा था उसके बाद रेणु और फिर बबलू बैठा हुआ था पूरे रास्ते में बबलू की जांघे रेणु की जाँघो से रगड़ खाती रही और कई बार बबलू की कोहनी रेणु की अन्छुई चुचियों से रगड़ खा गयी शाम के करीब 6 बजे रेणु अमन की मोसी के घर पहुँच गये सीमा रेणु और अमन को देख कर बहुत खुस हुई सीमा ने तीनो को अंदर ड्राइंग रूम में बैठा दिया घर में मेहमानो के काफ़ी भीड़ थी चाइ नाश्ते के बाद रेणु और अमन अपने रिश्तेदारो से मिलने और बातें करने में मशरूफ हो गये और बबलू एक कोने में चेयर पर बैठा सब देख रहा था रेणु और बबलू की नज़रें आपस में बार-2 टकरा रही थी रेणु के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती पर बबलू समझ नही पा रहा थे कि वो अपनी कज़िन से बात पर मुस्करा रही है या उसे देख कर बबलू अमन के पास गया 
बबलू: अमन ज़रा बात सुनना

अमन : जी भैया 

बबलू : में ज़रा बाहर घूम कर आता हूँ 

अमन: जी ठीक है भैया

और बबलू घर से निकल पैदल चलता हुआ मार्केट में आ गया और ठेके से एक हाफ लेकर दारू पी ली जब बबलू घर वापिस आया तो रात के 9 बज रहे थे घर में लॅडीस संगीत चल रहा था सब लोग नाच गा रहे थे बबलू एक कोने में चेयर पर जाकर बैठ गया रेणु अपनी रिलेटिव्स के साथ नाच रही थी उसने महरून कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था रेणु एक दम कयामत लग रही थी बबलू उसके गोरे रंग को देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन बबलू का मन नही लग रहा था उसे नींद आने लगी उसने अमन को हाथ से इशारा किया अमन बबलू के पास आया और बोला जी भैया क्या बात है 

बबलू: अमन मुझे नींद आ रही है 

अमन: भैया आप रुकिये में मौसी को अभी कहता हूँ 

और अमन अपनी मौसी सीमा के पास चला गया और अपनी मौसी को बताया थोड़ी देर बाद सीमा अमन के साथ एक ओर आ गये और अमन ने बबलू को इशारे से बुलाया बबलू उन्दोनो के पीछे चला गया सीमा अमन और बबलू को ऊपर के एक कमरे में ले गयी वो रूम शादी के समान से भरा पड़ा था वहाँ बहुत कम जगह थी सीमा ने दो गद्दो को नीचे ज़मीन पर बिछा दिया और बोली अमन तुम लोग यहीं सो जाना और अमन तुम मेरे साथ चलो में खाना देती हूँ तुम अपने भैया को ऊपर खाना दे जाना और अमन अपनी मौसी सीमा के साथ नीचे आ गया उसकी मौसी ने खाना डाल कर अमन को दे दिया अमन बबलू का खाना वहीं उसके रूम में दे आया बबलू ने तब तक कपड़े चेंज कर लिए थे और शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर खाना खाने लगा और खाना खाने के बाद वो लेट गया थका होने के कारण उसे नींद आ गयी नीचे नाच गाना चल रहा था देर रात बबलू को प्यास लगी उसकी नींद टूटी तो कमरे में अंधेरा छाया हुआ था बाहर से हल्की रोशनी अंदर आ रही थी


बबलू खड़ा हुआ और अंदाज़े से लाइट्स के बटन के पास पहुँच कर लाइट ऑन की जैसे ही लाइट ऑन हुई सबसे पहले उसकी नज़र दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी रात के 2 बज रहे थे पूरे घर में सन्नाटा पसराहुआ था बबलू ने बिस्तर की तरफ देखा तो वो एक दम हैरान रह गया उसके बगल में रेणु लेटी हुई थी और उसके आगे अमन लेटा हुआ था बबलू ने पानी पीया और एक बार फिर से रेणु को देखा उसके गोरे गालों पर बाल बिखरे हुए थे वो बहुत ही हसीन लग रही थी बबलू मन में सोचने लगा काश ये मुझ से पट जाए तो लाइफ बन जाए पर इसका कुछ पता नही चलता कि इसके मन में क्या है 

बबलू लाइट ऑफ करके वहीं वापिस अपनी जगह लेट गया उसका लंड यही सोच कर खड़ा हो गया था कि उसकी बगल में रेणु लेटी हुई है बबलू सोचने लगा कि क्या रेणु जानबूझ कर उसकी तरफ सोई हुई थी अमन को उसने बीच में क्यों नही सुलाया क्या रेणु भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ बबलू नेसोचा आज अच्छा मोका है अपना लक आज़माने का वो रेणु के करीब खिसक गया रेणु करवट केबल लेटी हुई थी उसकी पीठ बबलू की तरफ थी उसने वाइट कलर की शर्ट और पाजामा पहना हुआ था बबलू धीरे -2 उसकी ओर खिसकताचला गया आख़िर कार बबलू रेणु के साथ सट गया उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सट गयी और लंड रेणु के पयज़ामे के ऊपर से उसकी गान्ड के साथ सट गया थोड़ी देर बबलू बिना हिले पड़ा रहा फिर हिम्मत जुटा कर उसने अपना राइट हॅंड रेणु के कूल्हे पर रख दिया और धीरे -2 अपनी कमर हिलाने लगा बबलू का लंड रेणु की गान्ड के दरार में रगड़ खाने लगा बबलू उतेजना और डर के मारे काँप रहा था उसका लंड एक दम तन चुका था

उसने धीरे -2 अपना हाथ ऊपर लेजाना चालू कर दिया उसने अपना हाथ रेणु की टी-शर्ट के अंदर करके ऊपर करना चालू कर दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की नंगी कमर पर पड़ा रेणु की साँसें भारी हो गयी उसकी साँसें अब बबलू को सॉफ सुनाई दे रही थी धीरे-2 बबलू का हाथ रेंगता हुआ ऊपर की तरफ बढ़ने लगा रेणु करवट के बल लेटी हुई थी उसकी एक बाजू कोहनी तक उसकी बगल के ऊपर थी 


जैसे ही बबलू टी-शर्ट के अंदर से अपना हाथ ऊपर की ओर कर रहा था तब रेणु के बाजू बगल के ऊपर होने के कारण उसका हाथ वहीं रुक गया जैसे ही बबलू ने थोड़ा सा हाथ और आगे किया तभी रेणु का बाजू हल्का सा ऊपर हो गया जैसे रेणु खुद बबलू के हाथ को आगे बढ़ने की जगह दे रही हो बबलू सोच में पड़ गया क्या रेणु जाग रही है अब जो होगा देखा जाएगा धीरे-2 बबलू का हाथ रेणु की कमर और मखमली पेट से ऊपर की ओर चुचियों की ओर बढ़ रहा था रेणु की साँसें इस बात की गवाही दे रही थी कि वो जागी हुई है आख़िर कार बबलू का हाथ रेणु की नरम मुलायम राइट चुचि तक पहुँच गया और उसकी उंगलियाँ रेणु के ब्रा के नीचले हिस्से से टकरा गयी बबलू ने सारी हिम्मत जुटा कर अपना हाथ उसकी चुचि पर रख दिया और थोड़ी देर बाद धीरे-2 बबलू रेणु की चुचि को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु की चुचि को सहलाना शुरू किया रेणु की पीठ बबलू की ओर झुकने लगी उसके मुँह से घुटि हुई अहह निकल गयी बबलू ने अपना हाथ थोड़ा नीचे किया और ब्रा के कप्स को ऊपर उठाने की कोशिश करने लगा पर ब्रा बहुत टाइट थी वो ब्रा के कप्स को ऊपर उठा कर रेणु की चुचि को बाहर निकालना चाहता था फिर उसने अपने हाथ टी-शर्ट के अंदर से ही रेणु की पीठ पर ले आया और ब्रा की हुक्स खोलने की कोशिश करने लगा पर वो ब्रा के हुक्स भी खोल नही पा रहा था तभी अचानक अमन के खांसने की आवाज़ आई बबलू ने जल्दी से हाथ बाहर निकाले और सीधा लेट गया कमरे में अंधेरा था करीब 10मिनट गुजर गये कोई हरकत या हलचल नही हुई बबलू फिर से रेणु की तरफ करवट बदल कर लेट गया बाहर से आती हल्की रोशनी से बबलू ने गॉर से रेणु की तरफ देखा वो सीधी पीठ के बल लेटी हुई थी बबलू रेणु के बिल्कुल पास लेटा हुआ था उसने अपना हाथ धीरे से रेणु के पेट पर रख दिया रेणु की टीशर्ट नाभि से थोड़ा ऊपर तक उठी हुई थी बबलू ने फिर से टीशर्ट के नीचे से अपना हाथ घुसा दिया और उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने लगा जैसे ही उसके हाथ उसकी चुचि से टकराए उसे महसूस हुआ कि उसकी ब्रा ढीली हो गयी है बबलू ने ब्रा के नीचे अपना हाथ आगे बढ़ा दिया 


ब्रा के कप्स एक दम ऊपर उठ गये और रेणु की अन्छुई चुचियों में से एक पर बबलू की हथेली थी बबलू धीरे-2 रेणु की चुचि पर अपना हथेली रगड़ने लगा उसकी चुचि के निपल पर बबलू की हथेली रगड़ खा रही थी रेणु के बदन में कंपन सॉफ महसूस किया जा सकता था बबलू ने राइट चुचि को सहलाने के बाद लेफ्ट चुचि को सहलाना शुरू कर दिया रेणु ने एक दम से बबलू के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया लेकिन बबलू ने अपना हाथ हटाया नही और वो रेणु की चुचि को सहलाता रहा तभी अचानक फिर से अमन के खांसने की आवाज़ से बबलू डर गया और अपना हाथ रेणु की टीशर्ट से निकाल दिया अमन उठ कर बैठ गया और दीदी -2 पुकारने लगा थोड़ी देर बाद रेणु ने जवाब दिया 

रेणु: क्या है अमन सो जा

अमन: मुझे नीचे नींद नही आ रही है देखो ना ये गद्दा कितनी पतला है 

रेणु ने उठ कर लाइट ऑन की बबलू अपनी आँखें बंद किए लेटा हुआ था 

अमन: मुझे नींद नही आ रही दीदी 

रेणु: तो फिर अब रात को में क्या करूँ 

अभी बाहर कुछ चहल पहल थी रेणु की मौसी सीमा ने डोर नॉक किया रेणु ने डोर खोला तो सीमा ने पूछा क्या हुआ कोई प्राब्लम तो नही है

अमन:मुझे यहाँ नीचे नींद नही आ रही मौसी 

सीमा: अच्छा ठीक है मेरे बच्चे चल तू आ जा मेरे साथ ही सो जा रेणु तुम्हें यहाँ कोई तकलीफ़ तो नही है अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ मेरे रूम में चलो जगह तंग है पर हम मॅनेज का लेंगे

रेणु: कुछ देर सोचने के बाद) कोई बात नही मौसी में यहीं सो जाउन्गी

सीमा: पक्का ना कि प्राब्लम तो नही

रेणु: नही 

और सीमा अमन को अपने साथ लेकर चली गयी इधर रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी ये सोच कर की आगे क्या होने वाला है उसने काँपते हाथो से डोर को बंद किया जैसे ही रेणु डोर बंद करके पलटी तो उसने देखा बबलू बिस्तर पर बैठा हुआ था रेणु ने नज़रे नीचे कर ली उसके गाल शर्म से लाल हो चुके थे बबलू उठ कर उसके पास आ गया रेणु नीचे फर्श की तरफ देख रही थी और अपने पैर के अंगूठों से फर्श को कुरेद रही थी बबलू ने बिना कुछ बोले उसे अपनी तरफ खींच कर बाहों में भर लिया रेणु के हाथ बबलू की चेस्ट पर थे वो अपनी चुचियों को बबलू की चेस्ट से दूर रखने की कॉसिश कर रही थी 

रेणु: छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो 

बबलू: अच्छा तो अब शर्मा रही हो पहले तो 

और कहते हुए बबलू चुप हो गया रेणु शर्म के मारे मरी जा रही थी बबलू ने रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठो पर किस करने लगा रेणु ने अपना मुँह हटा लिया उसकी आँखें बंद थी बबलू ने लाइट ऑफ कर दी और उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथों से रेणु के दोनो हाथों को पकड़ कर बिस्तर से सटा दिया और ताबड तोड़ चुंबन की बोछार उसके फेस पर कर दी रेणु अपना सर इधर उधर कर रही थी जिसके चलते बबलू उसके होंठो को चूम नही पा रहा था बबलू ने अपना एक हाथ रेणु की गर्दन के नीचे से निकाल कर उसके फेस को पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा थोड़ा विरोध के बाद रेणु शांत पड़ गयी और उसने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू रेणु के होंठो को चूसने लगा उसने बरी-2 रेणु के दोनो होंठो को चूसा और फिर अपनी ज़ुबान को रेणु को मुँह में डालने लगा थोड़ी देर में ही रेणु ने अपना मुँह खोल लिया और अपनी ज़ुबान को बबलू की ज़ुबान से भिड़ा दिया रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू ने एक हाथ नीचे लेजा कर रेणु की टी-शर्ट को एक झटके से ऊपर कर दिया और फिर दोनो हाथों से टी-शर्ट को रेणु की चुचियों से ऊपर तक कर दिया नीचे बबलू की टाँगें रेणु की जाँघो को फैला कर बीच में आ चुकी थी और बबलू का लंड उसके पयज़ामे और पैंटी के ऊपर से चूत पर रगड़ खाने लगा


रेणु ने अपने दोनो हाथों से बबलू के कंधो को कस के पकड़ लिया बबलू ने ब्रा को ऊपर उठा दिया रेणु की अन्छुई चुचियाँ बाहर आ गयी बबलू ने बिना देर के रेणु की एक चुचि का निपल मुँह में ले लिया और चूसने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु का निपल चूसना शुरू किया वैसे ही रेणु के जिस्म में आग लग गयी रेणु ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया उसके जिस्म में करेंट दौड़ घाया और मस्ती के लहर पूरे बदन में कोंध गयी रेणु के हाथ बबलू के कंधो से नीचे हो कर पीठ पर आ गये और रेणु उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह सीईईईईईईईईईईईईईईई करने लगी बबलू पूरे ज़ोर से निपल को चूसने लगा और दूसरी चुचि को मसलने लगा रेणु अपने नखुनो से बबलू की पीठ कुरदेन लगी उसकी चूत की आग भड़क चुकी थी बबलू ने 5 मिनट निपल चूसने के बाद दूसरे निपल को चूसना चालू कर दिया रेणु के निपल एक दम तन चुके थे उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी पैंटी को भिगोेन लगा था बबलू ने रेणु के निपल को मुँह से निकाला और रेणु की टाँगों के बीच घुटनो के बल बैठ गया और दोनो हाथों से रेणु के पयज़ामे के दोनो साइड से अपनी उंगलियों को एलास्टिक में फँसा कर नीचे की ओर सरकाने लगा रेणु एक दम गरम हो चुकी थी


रेणु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा ऊपर कर लिया ताकि पायजामा निकल सकें बबलू ने पयज़ामे को उतार कर एक साइड में रख दिया फिर वैसे ही पैंटी को भी उतार दिया और फिर से रेणु के ऊपर झुक कर उसके होंठो पर किस करने लगा बबलू अपने दोनो हाथों से रेणु की चुचियों को मसल रहा था नीचे बबलू का लंड एक दम तन कर खड़ा था और रेणु की चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था रेणु का जिस्म मस्ती की लहर में तैर रहा था रेणु ने अपनी जाँघो को फैला कर रखा था पूरी तरह गरम होने के कारण चूत के होंठ थोड़ा सा खुल गये थे बबलू ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को रेणु की कुँवारी चूत के छेद पर लगा दिया रेणु के मुँह से आहह निकल गयी और वो बबलू से चिपक गयी और उसके होंठो को चूमते हुए बोल पड़ी आइ लव यू बबलू में तुम से बहुत प्यार करती हूँ 

बबलू: में भी पर क्या तुमने पहले ये सब किया है 

रेणु:धीमी आवाज़ में ) नही 

बबलू:पहली बार थोड़ा दर्द होता है 

रेणु: में जानती हूँ पर में आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ 

बबलू ने रेणु की जाँघो को पकड़ कर ऊपर की ओर कर दिया और अपनी कमर का पूरा ज़ोर लगा कर बहुत तेज धक्का मारा लंड का सुपाडा चूत की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया 

रेणु:अहह माआआआआ बहुत दर्द हो रहााआआ हाईईईईईईईई

बबलू जानता था कि अब रुकना ठीक नही हो गा बबलू ने अपना लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से अंदर पेल दिया रेणु के मुँह से घुटि हुई चीख निकल गयी 

रेणु:अहह निकालूऊऊओ ईसीईईई बहुत दर्द्द्द्द्दद्ड हो रहा हाईईईईईईई
Reply
06-09-2017, 11:10 AM,
#7
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
बबलू रेणु के ऊपर झुक गया और उसके एक चुचि को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया बबलू बारी-2 रेणु की दोनो चुचियों को चूसने लगा रेणु का दर्द भी कम हो गया बबलू ने धीरे-2 अपना लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया बबलू का लंड रेणु की टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ताहुआ अंदर बाहर हो रहा था रेणु को भी अब मज़ा आने लगा था उसने अपनी जाँघो को और फैला लिया था रेणु की दर्द की चीखे अब कामुक रूप ले चुकी थी रेणु के हाथ बबलू के बालों में खेल रहे थे दोनो एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे अब रेणु भी मस्ती में आ चुकी थी और नीचे अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपर की और करने लगी रेणु अपनी चूत के अंदर बबलू का लंड महसूस करके एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू बीच-2में रेणु की चुचि को चूस्ता और कभी मसल देता अब रेणु का दर्द एक दम ख़तम हो चुका था 

धीरे-2 बबलू अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा रेणु भी मस्ती उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईई कर रही थी 

रेणु : अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मुझीईईईई कुचह हो र्हााआअ हाईईईईईईई

बबलू ने और तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए रेणु मस्ती में आकर अपने बालों को नोचने लगी 
रेणु:अहह औरर्र ज़ोर सीईईईई अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

रेणु का सारा जिस्म ऐंठने लगा उसकी चूत अपना पहला पानी छोड़ेने वाली थी अचानक रेणु का बदन अकड़ गया और उसकी गान्ड झटके खाने लगी रेणु जैसे स्वर्ग में थी वो झड चुकी थी रेणु की टाइट चूत को बबलू भी झेल नही पाया और रेणु के साथ ही उसकी चूत में झड गया दोनो हाँफने लगे बबलू रेणु के ऊपर ही लूड़क गया रेणु बबलू के बालों में प्यार से उंगलियों को फेरने लगी आज रेणु जिंदगी मेंपहली बार झड़ी थी दोनो एक दूसरे की बाहों में समाए हुए थी बबलू का लंड सिकुड कर रेणु की चूत से बाहर आ गया बबलू खड़ा हुआ लाइट ऑन कर दी रेणु अपने आप को इस हालत में देख शरमा गये बबलू वापिस बिस्तर पर आया तो उसने देखा गधे पर खून के दाग लगे हुए थे रेणु ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक करके पयज़ामा पहना और गद्दे को गीले कपड़े सॉफ कर दिया फिर दोनो लाइट ऑफ करके एक दूसरे की बाहों में सो गये सुबह 7 बजे रेणु की मौसी ने डोर नॉक किया तो रेणु ने उठकर अपने आप और बबलू को उठा कर दुरस्त करके डोर खोला

सीमा: उठो बेटा फ्रेश हो जाओं फिर चाइ नाश्ता कर लेना 

रेणु:जी मौसी 

सीमा के जाते ही रेणु ने बबलू की तरफ देखा और मुस्करा कर नज़रे नीचे कर ली फिर रेणु बाहर चली गयी उस्दिन घर पर और ज़्यादा मेहमान आ गये जिसके कारण उन दोनो को शादी के बाद तक भी मोका नही मिला आख़िर कार रेणु अमन और बबलू तीनो शादी के बाद वापिस घर आ गये शोभा तीनो को देख बहुत खुस हुई बबलू दोपहर को स्टेशन चला गया वहाँ पर बबलू के इंचार्ज ने उसेबताया कि अगर वो अपनी नाइट शिफ्ट कर ले तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले एम्प्लोयि कम है बबलू ने थोड़ी देर सोचने के बाद हामी भर दी क्योंकि बबलू जानता था कि रात को ना तो वो रेणु को चोद पाएगा और ना ही शोभा को दिन में कम से कम शोभा की चूत तो मिल जाएगी फिर वो रात को आने की बोल कर वापिस घर आ गया और आते ही उसने शोभा को नाइट शिफ्ट के बारे में बता दिया रात को खाना खाने के बाद बबलू स्टेशन पर आ गया और अपने काम पर लग गया काम करते-2 रात के 1 बजचुके थे काम ख़तम करने के बाद बबलू अपने ऑफीस के स्टाफ रूम में आ गया और साथ लाए हुए दारू के क़्वार्टर को पीने के बाद सो गया अगले दिन सुबह बबलू 9 बजे घर वापिस पहुँचा जब उसने डोर बेल बजाई तो शोभा ने गेट खोला और बबलू अंदर आ गया शोभा ने जैसे ही गेट बंद किया बबलू ने पीछे से शोभा की चुचियों को दबोच लिया और मसलने लगा


शोभा:ओह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे रेणु घर पर है आज उसकी तबीयत खराब है इसलिए वो स्कूल नही गयी है 

बबलू मन मार कर अपने रूम में आ गया और कपड़े चेंज करने लगा 

शोभा:उसके कमरे के बाहर से) ऊपर आ कर नाश्ता कर लो 

और शोभा ऊपर चली गयी बबलू कपड़े चेंज करके ऊपर आ गया और नाश्ता करने लगा जब शोभा उसे नाश्ता परोस रही थी तो बबलू ने शोभा से इशारे से पूछा रेणु कहाँ है तो शोभा ने उसके रूम की तरफ इशारा कर दिया बबलू ने फिर अपने लंड को पयज़ामे के ऊपर से पकड़ शोभा को दिखाते हुए शोभा से धीमी आवाज़ में कहा इसका तो कुछ करो देखो ना तुम्हारी चूत में जाने के लिए कैसे तड़प रहा है 

शोभा:धत्त कैसे गंदी बातें करते हो 
और शोभा मुस्कराने लगी 

बबलू: एक बार दे दो ना नही तो मुझे नींद नही आएगी 

शोभा:तुम नीचे जाओ में मोका देख कर आती हूँ

और बबलू नीचे आ गया और बिस्तर पर लेट कर शोभा का इंतजार करने लगा और शोभा का इंतजार करते-2 उसे नींद आ गयी दोपहर के 12 बज रहे थे रेणु अपने रूम में मेडिसिन लेकर सोई हुई थी अचानक उसकी नींद टूटी वो उठ कर बाहर आ गयी उसने देख उसकी माँ शोभा अपने रूम में नही थी उसने किचन और बाथरूम में देखा पर शोभा उसे नही मिली वो नीचे उतार आई बबलू के रूम का डोर बंद था उसने बैठक में देखा पर शोभा वहाँ भी नही थी उसने सोचा शायद माँ ऊपर छत पर हो ये सोच कर वो धीरे से बबलू के रूम के पास आई और डोर को धकेल कर अंदर आ गयी रेणु एक पल के लिए सन्न रह गयी सामने का नज़रा देख उसके पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी सामने बेड पर बबलू लेटा हुआ था उसके ऊपर उसकी माँ शोभा अपनी दोनो टाँगों को बबलू की कमर के दोनो तरफ करके बैठी हुई थी शोभा और बबलू चुदाई में इतने मस्त थे कि उन्हे अंदाज़ा नही हुआ कि पीछे कोई खड़ा है शोभा की पीठ रेणु जो कि डोर के पास खड़ी थी की तरफ थी शोभा का पेटिकॉट उसकी कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था उसकी मोटी-2 गान्ड सॉफ दिखाई दे रही थी जो बबलू के लंड के ऊपर नीचे हो रही थी शोभा अपनी गान्ड को उठा -2 कर बबलू के लंड पे पटक रही थी और बबलू का लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था जो कि रेणु सॉफ-2 देख रही थी शोभा की आँखें मस्ती में बंद थी बबलू शोभा के पीछे देख नही पा रहा था


बबलू के हाथ शोभा के चुतड़ों को मसल रहे थी शोभा झड़ने के बिल्कुल करीब थी 

शोभा: अहह मेरीई रज्ज़ाआाआआअ में तुम्हारे लंड के लिए तरस रही थीईईए अहह में झड़ने वाली हूँ अपना पानी मेरी चूत में निकलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल डीईईईई अहह और शोभा झड गइईई 

अचाननक शोभा को अहसास हुआ कि उसकी पीछे कोई खड़ा है उसका दिल जोरो से धड़कने लगा जब शोभा ने पीछे देखा तो रेणु पीछे खड़ी थी जैसे कोई पुतला खड़ा हुआ हो इससे पहले कि शोभा कुछ बोलती रेणु वापिस कमरे से बाहर दौड़ गयी कदमों की आहट सुन बबलू भी एक दम होश में आया

बबलू:कॉन था 

शोभा: ओह ये क्या हो गया रेणु ने सब कुछ देख लिया है अब क्या होगा 

शोभा बबलू के ऊपर से खड़ी हुई लंड पुतछ की आवाज़ से बाहर आ गया शोभा ने पेटिकॉट नीचे किया और ऊपर की तरफ़ चली गयी ऊपर आकर रेणु के कमरे में चली गई रेणु बेडपर उल्टी लेटी रो रही थी शोभा धीरे से उसके पास आकर बैठ गयी और उसके सर पर हाथ रखा ही था कि रेणु ने शोभा के हाथ को झटक दिया 

रेणु: तुम बाहर जाओ मुझे तुमसे कोई बात नही करनी है 

रेणु का गुस्सा देख शोभा ने वहाँ से बाहर आ जाना ही ठीक समझा दोपहर को अमन भी घर आ गया घर में अजीब सा सन्नाटा फैला हुआ था रेणु अभी भी अपने कमरे में से बाहर नही आई थी शोभा ने उसे कई बार बात करने की कोशिश की पर रेणु बात सुनने को तैयार नही थी वो बस अपने कमरे मे रोती रही अगली सुबह रेणु अमन के साथ स्कूल चली गयी जब बबलू वापिस आया तो शोभा से पूछा 

बबलू: क्या हुआ कोई बात हुई 

शोभा: नही समझ में नही आ रहा क्या करूँ ना कुछ खाया है ना कुछ पिया है में तो उससे नज़र नही मिला पा रही हूँ 

बबलू: अगर तुम कहो तो में बात करके देखूं 

शोभा: मुझे नही लगता इसे कोई हल निकले गा

बबलू: तुम बस अमन को लेकर कहीं बाहर चले जाना बाकी में संभाल लूँगा

शोभा:ठीक है 

दोपहर को जब अमन और रेणु वापिस आए तो दोपहर के खाने के बाद शोभा अमन को मार्केट ले गयी शोभा के जाने के बाद बबलू गेट बंद करके ऊपर आ गया और सीधा रेणु के रूम में चला गया रेणु बेड पर लेटी हुई थी बबलू को देख वो एक दम से गुस्सा होती हुई बोली निकल जाओ मेरे कमरे से क्या लेने आए हो यहाँ

बबलू: मुझे तुमसे कुछ बात करनी है 

रेणु: मुझे तुम्हारी शकल तक नही देखनी तुम से बात करना तो दूर की बात है 

बबलू: प्लीज़ एक बार मेरी बात सुन लो फिर जैसे तुम कहो गी वैसे ही में यहाँ से हमेशा के लिए चला जाउन्गा 

रेणु बिना कुछ बोले बैठी रही वो नीचे की तरफ नज़रे झुकाए बैठी थी 

बबलू: देखो रेणु कुछ भी ग़लत नही हुआ

रेणु: क्या कहा तुमने कुछ ग़लत नही हुआ माफी माँगने की बजाए तुम अपनी करतूत को सही ठहरा रहे हो मेरी ही माँ के साथ नाजायज़ सम्बन्ध बना कर तुमने कॉन सा सही काम कर लिया और मुझे भी धोखा दिया किया ये भी सही है 

बबलू:देखो रेणु तुम्हारी माँ ग़लत नही है तुमने कभी अपनी माँ के बारे में सोचा है कभी 

रेणु: तो तुम्हारे कहने का मतलब मुझे मेरी माँ की परवाह नही थी क्या में उनसे प्यार नही करती थी

बबलू: नही बात वो नही है

रेणु: तो क्या बात है ज़रा मुझे भी तो समझो

बबलू: थोड़ी देर चुप रहने के बाद) देखो रेणु तुम्हारी माँ ने तुम्हारे पिता के मरने के बाद तुम्हारी और अमन की ज़िमेदारी कैसे निभाई है ये तुम अच्छी तरह जानती हो तुम्हारी खातिर ही उसने दूसरी शादी नही की उसकी भी ज़रूरते है हर औरत को जिस्म के सुख का हक़ है दुनिया की नज़र में चाहे से नाजायज़ हो पर उसे भी अपनी जिंदगी जीने का हक़ है आख़िर वो भी एक औरत है उसकी भी कुछ ज़रूरतें है क्या वो अपनी जिंदगी यूँ ही अपनी तमन्नाओ को मार कर जीती रहे उसे अपनी ख़ुसी के लिए जीने का कोई हक़ नही है 


रेणु: पर तुम ही क्यों अपनी से आधे उम्र के लड़के के साथ च्ीईीईईईई मुझे तो कहते हुए शर्म आती है 

बबलू: मेरा यकीन करो हालात ही कुछ ऐसे बन गये थे पर में तुमसे सच में प्यार करता हूँ 

रेणु खामोश हो गयी बबलू वहाँ से चला आया रात को रेणु ने सब के साथ खाना खाया तो ज़रूर पर अब भी वो किसी से बात नही कर रही थी धीरे- 2 रेणु को नॉर्मल होते देख शोभा ने राहत की साँस ली खाने के बाद जब बबलू छत पर टहल रहा था तो शोभा ऊपर आ गई 

शोभा: लगता है अब रेणु नॉर्मल हो रही है

बबलू:मुझे लगता है अब मुझे यहाँ से चले जाना चाहिए 

शोभा: क्या कहाँ जाना है 

बबलू: मुझे ये घर छोड़ देना चाहिए यही ठीक रहेगा

शोभा: प्लीज़ ऐसे ना कहो पहली बार मेने किसे से प्यार किया है में तुम्हें खोना नही चाहती रेणु को में संभाल लूँगी 

बबलू:बात वो नही आख़िर कब तक में तुम्हारे साथ रह सकता हूँ मेरी भी जिंदगी है मेरा फ्यूचर है मुझे भी शादी करनी है 

शोभा की आँखों में आँसू आ गये वो नीचे घुटनो के बल बैठ गयी और बबलू की कमर को बाहों में भर लिया प्लीज़ मुझे छोड़ कर ना जाना में तुम्हारे बिना नही रह पाउन्गी में तुम्हारी शादी में कोई रुकावट खड़ी नही करूँगी

बबलू:कुछ देर सोचने के बाद बबलू ने अपना आख़िरी दाँव चला अगर तुम मेरी बात मानो तो में तुमहरे साथ हमेशा रह सकता हूँ और जो तुम्हे चाहे वो सब सुख में तुम्हे दे सकता हूँ 

शोभा: तुम बताओ तो सही में तुम्हारी हर बात मानने के लिए तैयार हूँ 

बबलू: में तुम्हारी लड़की रेणु के साथ शादी करना चाहता हूँ अगर तुम चाहो तो फिर में तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा और रेणु भी हमारा साथ देगी

शोभा: नही ये नही हो सकता

बबलू: क्यों तुम नही चाहती

शोभा:रेणु कभी नही मानेगी 

बबलू: वो तुम मुझ पर छोड़ दो तुम ये बताओ कि तुम क्या चाहती हो

शोभा: लेकिन कैसे

बबलू: तुम्हे कोई एतराज तो नही 

शोभा: अगर ऐसे हो सकता है तो कोशिश करके देख लो

अगली सुबह जब रेणु स्कूल में गयी तो उसका मन पढ़ाई में नही लग रहा था हाफ टाइम में रेणु बाहर पार्क में आकर बेंच पर बैठ गयी तभी उसकी एक सहेली जो कि उसकी बेस्ट फ्रेंड थी उसका नाम महक था उसे उदास देख कर उसके पास आकर बैठ गयी 

महक:क्या बात है रेणु बहुत उदास दिख रही हो

रेणु: नही कुछ नही बस ऐसे ही

महक:नही कुछ तो है जो तुम मुझ से छुपा रही है

रेणु: एक बता क्या किसी 35 साल की उम्र की औरत का किसी 18 साल के लड़के के साथ अफेर हो सकता है 

महक: क्यों ऐसे क्यों पूछ रही है

रेणु: बस ऐसे ही वो में मौसी जी की घर शादी में गयी थे वहाँ पर कुछ औरतें आपस में बात कर रही थी तब उनकी ये बात मेरे कान में पड़ गयी लेकिन मुझे यकीन नही होता 

महक: चाहे यकीन कर ना कर पर सच यही है कि कोई भी औरत अपने जिस्म की भूक मिटाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और तूने तो सुना है पर मैने अपने आँखों से देखा है

रेणु: हैरान होते हुए) क्या देखा है तूने 

महक:बताती हूँ मेरी जान चल पीछे की तरफ जाकर बैठते हैं

दोनो पार्क के पीछे की तरफ आकर बैठ गयी 

रेणु:हां जल्दी बता ना टाइम हो रहा है

महक:एक बार में अपने चाचा के घर देल्ही गयी हुई थी मेरे चाचा जी मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते हैं और चाची जी स्कूल में टीचर हैं जब में उनके घर गयी हुई थी तब चाचा जी काम के सिलसिले में आउट ऑफ स्टेशन थे चाचा जी के घर में दो बेडरूम एक ड्रॉयिंग रूम किचन और हाल है रात को खाना खाने के बाद में और चाची जी हाल में टीवी देख रहे थे मुझे नींद आने लगी तो मेने चाची जी से कहा मुझे नींद आ रही है में आप के साथ ही आपके रूम में सो जाउन्गी इसपर चाची एक दम हड़बड़ाते हुए बोली 

चाची:नही बेटा मुझे अकेले सोने की आदत है तुम दूसरे रूम में सो जाओ 

में वहाँ से चली आई और दूसरे रूम में आकर सो गयी में काफ़ी थकि हुई थी इसलिए मुझे नींद आगयी में जल्दी सो गयी थी इसलिए में 5 बजे उठ गयी मुझे नींद नही आ रही थी में पानी पीने के लिए रूम से बाहर आकर किचन की तरफ जाने लगी तभी मुझे सीडीयों की तरफ से कुछ आवाज़ आई जब में सीडीयों की तरफ गयी तो चाची जी वहाँ सीडयों पर छत के पास खड़ी थी और हाथ से कुछ इशारा कर रही थी फिर चाची ने सीडीयों का डोर बंद किया जो छत पर खुलता था में जल्दी से अपने रूम में आ गयी मुझे समझ मे नही आ रहा था कि चाची जी इस समय छत पर क्या कर रही थी और किसे इशारा कर रही थी खैर सुबह नाश्ते के बाद चाची जी स्कूल चली गयी और में घर पर अकेली रह गयी दिन बार में घर पर बोर होती रही 


जब चाची घर पर आई तो वो काफ़ी खुश लग रही थी पर मेने उनसे कुछ नही पूछा दोपहर के वक़्त खाना खाते टाइम मेने चाची से चाचा के आने के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि वो मंडे को आएँगे उस्दिन सॅटर्डे था अगले दिन सनडे उनका स्कूल क्लोज़ था इसलिए हम काफ़ी रात तक बातें करते रहें हम जिस कमरे में सोती थी वहीं बेड पर लेटी हुई थी अचानक चाची बोली मुझे नींद आ रही है में सोने जा रही हूँ मैने चाची से कहा कि आप मेरे साथ ही सो जाओ पर चाची ने मना कर दिया मेरा शक बढ़ने लगा मैने दोपहर को घर की छान बीन कर ली थी चाची का रूम सीडीयों के बिल्कुल पास था और सीडीयों पर चाची के रूम की दीवार पर एक छेद सा था जो बिजली की वायरिंग का था जिसमे से चाची के रूम सारा नज़ारा सॉफ दिखता था रात के 12 बजे के करीब मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई में सो नही पा रही थी में आवाज़ सुन कर धीरे से अपने कमरे से बाहर आई तो दबे पाँव चाची के रूम के पास चली गयी डोर बंद था अंदर से हल्की आवाज़ आ रही थी पर में सही से सुन नही पा रही थी में धीरे-2 सीडीयों पर चढ़ गयी और उसी छेद के अंदर से देखने लगी अंदर लाइट जल रही थी चाची बेड पर बैठी हुई थी उन्होने नाइटी पहनी हुई थी वो कुछ बोल रही थी ऑर मुझे समझ में नही आ रहा था और ना ही रूम में कोई और दिखाई दे रहा था अचानक बेडरूम के अटॅच बाथरूम का डोर खुला मेरा दिल की धड़कने बढ़ गयी और जो मैने देखा उसे देख मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी सामने विक्रम खड़ा था 

रेणु:विक्रम कों विक्रम 

महक: वो पड़ोस के घर में रहता था और जिस स्कूल में चाची जी पढ़ाती थी उसी स्कूल में था मालूम है उसकी उमर क्या थी 
रेणु: कितनी 

महक :ज़्यादा से ज़्यादा **** साल और वो 9थ क्लास में पढ़ता था मुझे यकीन नही हो रहा था जो में देख रही थी फिर वो आकर चाची के सामने खड़ा हो गया चाची बेड से खड़ी हो गयी चाची की हाइट 5,5इंच थी जो उससे ज़्यादा लंबी थी वो मुस्किल से उनकी आँखों तक ही पहुँच पा रहा था चाची ने उसके गले में बाहें डाल दी और बिना एक पल देर किए दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे और पागलो की तरह चाची उसके होंठो को चूस रही थी अचानक चाची अलग हुई और एक झटके में अपनी नाइटी को अपने गले से उतार कर नीचे फेंक दिया अब चाची उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी उसकी बड़ी-2 चुचियाँ ऊपर नीचे हो रही थे विक्रम ने बिना देर किए एक चुचि को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा चाची बेड पर गिर गयी और उसके ऊपर विक्रम भी गिर गया चाची ने उसके कान में कुछ कहा और विक्रम खड़ा हो गया और अपनी टीशर्ट और शॉर्ट उतारने लगा जैसे ही उसने अपना शॉर्ट्स उतारा मेरे पैर काँपने लगे कुछ ही देर में उसका बड़ा लंड हवा में झटके खा रहा था चाची ने बेड पर लेटे हुए उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी उसके बाद विक्रम ने कमरे की लाइट ऑफ कर दी मुझे कुछ दिखाई नही दे रहा था पर चाची की सिसकारियाँ सॉफ सुनाई दे रही थी में अपने रूम में आ गयी बाद में मुझे पता चला कि चाचा जी चाची को कभी खुश नही कर पाए थे अगर कर पाते तो शायद चाची इस हद तक ना जाती
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06-09-2017, 11:10 AM,
#8
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
महक की बातें सुन के रेणु का मन थोड़ा सा हलका हो गया स्कूल के बाद जब रेणु घर आई तो शोभा ने उसके बर्ताव में कुछ परिवर्तन महसूस किया पर वो अभी भी शोभा से बात नही कर रही थी जब शोभा दोपहर के खाने के लिए कहने गयी तो बबलू ने उसे अगले प्लान के बारे में बताया 



बबलू: देखो अगर रेणु को अपने इस रिश्ते के लिए सहमत करना है तो मुझे उसके साथ कुछ टाइम चाहिए और इस बात ख़याल तुम्हें रखना है अब तुम अमन को लेकर थोड़ी देर के लिए कहीं जाओ मुझे उसे मनाना ही पड़ेगा 

शोभा: वो तो ठीक लेकिन कुछ गड़बड़ हो गयी तो 

बबलू:मुझे पर भरोसा करो कुछ नही होगा में संभाल लूँगा 

शोभा:ठीक है ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )
और दोपहर के ख़ान के बाद शोभा अमन को साथ लेकर मार्केट चली गयी उनके जाने के बाद बबलू गेट बंद करके के ऊपर रेणु के रूम में आ गया रेणु पहले से महक की कहानी सुन कर काफ़ी गरम हो चुकी थी वो अभी भी उसे बारे में सोच-2 काफ़ी गर्म हो रही थी इसी चक्कर में अभी तक उसने अपनी यूनिफॉर्म चेंज नही की थी आज उसने वाइट कलर की शर्ट और ब्लू स्कर्ट पहन रखी थी बबलू ने रेणु के डोर को नॉक किया जो कि खुला था रेणु ने बबलू की तरफ देखा और फिर अपनी नज़रें नीचे कर ली 

बबलू: मे आइ कम इन 

रेणु कुछ नही बोली और बिना कोई जवाब सुने बबलू अंदर आ गया और रेणु के पास आकर बेड पर बैठ गया 

बबलू: अपना हाथ रेणु की जाँघ पर रखते हुए ) अब भी नाराज़ हो

रेणु: बबलू का हाथ हटाते हुए) मुझे तुमसे कोई बात नही करनी 

बबलू ने एक बार ऊपर से नीचे तक रेणु के बदन पर नज़र दौड़ाई उसकी स्कर्ट उसकी जाँघो तक आ रही थी 
बबलू ने फिर से अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया

बबलू: आइ रीयली लव यू जान में तुमसे सच में प्यार करता हूँ (और धीरे-2 रेणु की जाँघो को सहलाने लगा) अगर तुम मुझसे नही बोलना चाहती तो ठीक है में कल यहाँ से चला जाउन्गा 

रेणु: अगर तुम मुझे इतना ही प्यार करते हो तो मुझे धोका क्यों दिया( बबलू का हाथ अभी भी उसकी जाँघ पर था और रेणु चाहते हुए भी उसके हाथ को हटा नही पाई)

बबलू: मैने कोई धोका नही दिया है तुम्हें समझना चाहिए कि तुम्हारी माँ ने क्या कुछ सहा है हर दिन अपने अरमानो का खून किया तुम्हारे लिए अब अगर उन्होने ने अपने लिए कुछ पल जी लिए तो उसमे क्या पहाड़ टूट पड़ा 

रेणु: हां और उनकी तुमने बहुत अच्छे से मदद की

बबलू : रेणु की जाँघो से हाथ हटा कर उसके चेहरे को अपने हाथों में लेता हुआ) में ये सब नही जानता बस इतना जानता हूँ कि में तुम्हें सच में प्यार करता हूँ 

रेणु बबलू की आँखों में देखने लगती है बबलू के हाथ के अंगूठे रेणु के होंठो पर खेलने लगते हैं रेणु पिघलने लगती है रेणु की आँखें नम हो जाती है इससे पहले कि रेणु कुछ बोलती बबलू ने अपने होंठो को रेणु के होंठो पर रख दिया रेणु ने अपनी आँखें बंद कर लेती है रेणु की चूत दोपहर हाफ टाइम से पानी छोड़ रही थी बबलू रेणु को होंठो को चूस्ता हुआ धीरे-2 उसे बेड पर लेटा देता हैं और खुद उसके ऊपर लेट जाता हैं रेणु की बाहें अपने आप ही बबलू की कमर पर कसने लगती हैं रेणु अपने होंठो को ढीला छोड़ देती हैं और अपना मुँह खोल देती हैं बबलू इसका पूरा फ़ायदा उठाता है और रेणु के होंठो को जी भर के चूस्ता है बबलू अपना एक हाथ नीचे लेजाता है और रेणु की जाँघो को सहलाने लगता है जाँघो को सहलाते हुए धीरे-2 उसकी स्कर्ट को ऊपर करने लगता है और अंत में उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगता है रेणु के मुँह से अहह निकल जाती है रेणु बबलू को अपनी बाहों में कस लेती है दोनो एक दूसरे को पागलो की तरह किस कर रहे होते हैं कि तभी डोर बेलबज उठती है बबलू जल्दी से नीचे आता है और गेट खोलता है सामने शोभा और अमन खड़े होते हैं बबलू को बहुत गुस्सा आता हैं और शोभा की तरफ देखता है शोभा अमन की तरफ इशारा कर देती है जैसे कह रही हो ये पीछे पड़ गया था इसलिए आना पड़ा 

शोभा: जाओ बेटा ऊपर जाओ में अभी आती हूँ

अमन: जी मम्मी

शोभा; ये मान ही नही रहा था बाहर बहुत गर्मी थी इसलिए आना पड़ा

बबलू: रेणु काफ़ी हद तक मान गयी है बस अब सब तुम पर है रात को तुम्हें मुझे और रेणु को अकेले में मिलने का इंतज़ाम करना होगा

शोभा:क्यों तुम कुछ ग़लत तो नही करने वाले 

बबलू: देखो अगर तुम चाहती हो कि हम खुल कर अपने खेल को अंजाम दे तो ये ज़रूरी है

शोभा: ठीक है लेकिन तुम हमें धोखा तो नही दोगे

बबलू: मेरी जान तुम्हें मुझ पर विश्वास नही है क्या में रेणु को अपनी पत्नी और तुम्हें अपनी रखेल बना कर रखूँगा और मेरे इस लंड पर तुम दोनो का हक़ होगा

शोभा बेचारी बबलू के मोहज़ाल में बुरी तरहा फँस चुकी थी और मुस्करा कर ऊपर चली गयी 

शाम के 5 बज रहे थे बबलू सो रहा था तभी उसे बाहर से कुछ आवाज़ सुनाई दी बबलू उठ कर बैठ गया शोभा किसी औरत से हँस कर बात कर रही थी और उस औरत की आवाज़ उसे जानी पहचानी लग रही थी बबलू ने बाहर आकर देखा तो सामने सीमा खड़ी थी शोभा की छोटी बेहन जिसके घर बबलू शादी में गया था सीमा को देख बबलू का सारा प्लान खराब हो गया रात के वक़्त शोभा बबलू को खाना नीचे ही दे गयी बबलू खाना खा कर स्टेशन ड्यूटी पर चला आया बबलू मन ही मन में सीमा को गालियाँ दे रहा था खैर रात के 12 बजे काम ख़तम कर बबलू स्टाफ रूम में आ गया और साथ लाई हुई शराब को पीने लगा शराब पीने के बाद उसका दिल और तड़पने लगा उसे नींद तो आ नही रही थी इसलिए वो बाहर आकर प्लॅटफॉर्म पर घूमने लगा छोटे शाहर के स्टेशन होने के कारण लगभग खाली था इक्का दुक्का लोग ही बैठे थी बबलू चलता हुआ प्लॅटफॉर्म के अंत तक आ गया लेकिन बेखयाली में वो आगे बढ़ता रहा अब वो प्लॅटफॉर्म से उतर कर आगे बढ़ने लगा स्टेशन की लाइट्स अब धीमे होने लगी थी और रेलवे लाइन्स के आर पार खेत शुरू हो चुके थे वहाँ दूसरा और कोई ना था अचानक चलते हुए बबलू को पेशाब आ गया और वो खड़ा हो कर पेंट की ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल कर मूतने लगा तभी उसे दूसरी तरफ से किसी के कदमों के आहट सुनाई दी दूर स्टेशन के बल्ब जल रहे थे जिसकी हल्की रोशनी वहाँ तक नाममात्र ही पहुँच रही थी बबलू ने देखा दो औरतें उसकी तरफ आ रही थी जब बबलू ने ध्यान से देखा तो उसे याद आया कि ये दोनो औरतें उसी स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनो में खाने का समान बेचती है और वहीं स्टेशन पर इधर उधर सो जाती थी बबलू ने पहले तो मूतने के बाद अपना लंड अंदर करना चाहा पर सोचा चलो कुछ इनसे ही मज़ा लूटा जाए और बबलू अपने लंड को ऐसे ही हिलाने लगा जैसे अक्सर मूतने के बाद आदमी हिलाते हैं बबलू के लंड में तनाव आने लगा और एक दम तन कर खड़ा हो गया वो दोनो औरतें बिल्कुल पास आ चुकी थी पास आते हुए एक औरत ने धीरे-2 से बोला
औरत: अरी सुषमा ये कॉन खड़ा अपना लंड हिला रहा है 

सुसमा: अरे ये तो यहाँ के छोटे साहिब है दिन में कई बार देखा है 

बबलू को उनकी बातें सुनाई पड़ गयी जब दोनो औरतें बिल्कुल पास से गुज़री तो उनकी नज़र बबलू के खड़े लंड पर गढ़ गयी और धीरे -2 आगे निकल गयी थोड़ी आगे जाते ही सुसमा ने दूसरी औरत के कान में कुछ कहा और उस औरत ने उसे धीरे से धक्का देते हुए बोला चल हॅट फिर दोनो में कुछ ख़ुसर फुसर हुई जो बबलू देख रहा था बबलू अपना लंड पेंट के अंदर कर चुका था और वहीं खड़ा देख रहा था तभी सुसमा थोड़ा धीरे-2 चलने लगी और कोई 15-20 फुट की दूरी पर रुक गयी वहाँ से वो बिल्कुल भी ठीक से दिखाई नही दे रही थी बस जैसे कोई साया दिख रहा हो बबलू ने सोचा चल बेटा लगता है चूत का इंतज़ाम हो गया बबलू उसकी ओर बढ़ने लगा सुषमा बाजरे के खेत के किनारे खड़ी हो गयी और अपना सलवार का नाडा खोल कर सलवार घुटनो तक नीचे कर ली और मूतने लगी बबलू अब करीब आ चुका था सुसमा पेशाब करने के बाद खड़ी हुई तो बबलू उसके पीछे कोई 5 फुट की दूरी पर खड़ा था और सुसमा खड़ी हो चुकी थी उसकी मोटी गोरी गान्ड बबलू को सॉफ दिखाई दे रही थी सुसमा कुछ पलों के लिए वैसे ही खड़ी रही जैसे वो अपनी गान्ड को बबलू को दिखा रही हो और फिर उसने अपनी सलवार ऊपर कर ली और फेस घुमा कर पीछे की ओर देखा और एक कामुक मुस्कान उसके फेस पर थी

फिर उसने झुक कर अपनी गठरी उठाई और सामने के बाजरे के खेत में घुस गयी बबलू भी उसके पीछे खेत में घुस गया खेत के थोड़ा अंदर जाने के बाद सुसमा रुक गयी और अपनी गठरी नीचे रख कर उसमे से एक पुरानी सी चादर निकाल कर नीचे बिछा दी इतने में बबलू भी वहाँ पहंच गया सुसमा चादर के ऊपर खड़ी थी बबलू को देख कर मुस्कुराने लगी

सुसमा: क्या छोटे बाबू जी मेरा पीछा क्यों कर रहे हो 

बबलू को कोई जवाब नही सूझा और कुछ देर चुप रहने के बाद हिम्मत करके बबलू ने अपनी पेंट को खोल कर अंडरवेर समेत घुटनो तक सरका दिया सुसमा फटी आँखों से बबलू के विकराल लोड्‍े को देख रही थी

सुसमा:आरीईई बाप रीईए इतना बड़ा 

और सुसमा घुटनो के बल नीचे बैठ गयी और बबलू के लंड पर अपना हाथ कस लिया और आगे पीछे करने लगी फिर उसने सुसमा के लंड के सुपाडे की चमड़ी को पीछे किया और लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी बबलू एक दम मस्त हो चुका था आज तक उसे लंड चुसवाने में इतना मज़ा नही आया था उसकी ज़ुबान बबलू के लंड के सुपाडे पर थिरक रही थी बबलू को ऐसा लगा जैसे वो झड़ने वाला है बबलू ने अपना लंड बाहर खींच लिया

सुसमा:क्या हुआ बाबू जी अच्छा नही लगा

बबलू: नही अगर थोड़ी देर और रुकता तो तेरे मुँह में पानी छोड़ देता

सुसमा: हां बाबू जी अपना पानी मेरे मुँह में निकाल दो मेरी प्यास बुझा दो में नज़ाने कब से तरस रही हूँ मेरा मर्द साला किसी और की जोरू के चक्कर में पड़ कर उसे भगा ले गया 

ये कहते ही सुसमा ने फिर से बबलू का लंड मुँह में ले लिया और ज़ोर-2 से चूसने लगा सुसमा का सर तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था बबलू ने सुसमा के बालों को पकड़ लिया और उसके मूँह को चोदने लगा कुछ ही देर में बबलू के लंड से वीर्य का फुआरा छूट पड़ा बबलू एक दम शांत पड़ गया लेकिन सुसमा ने बबलू का लंड चूसना चालू रखा ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )थोड़ी देर में बबलू का लंड फिर से खड़ा होने लगा और 5मिनट के बाद एक दम तन गया सुसमा ने मूँह से लंड निकाला और खड़ी हो गयी और अपनी सलवार का नाडा खोल कर सलवार को निकाल कर गठरी के ऊपर फेंक दिया और चादर पर लेट गयी लेटने के बाद सुसमा ने अपनी टाँगों को मोड़ लिया और अपनी चूत की फांकों को अपने हाथों से फैला लिया

सुसमा; जल्दी करो बाबू जी डाल दो लोड्‍ा मेरी बुर में फाड़ डालो 

बबलू भी बिना देर किए घुटनो के बल बैठ गया और अपने लंड के सुपाडे को पकड़ कर चूत के छेद पर लगा दिया

सुसमा: अहह बबुउुुुुउउ इतना कस के चोदना कि 2-3 दिन चुदाई की ज़रूरत महसूस ना हो एक ही बार में पूरा अंदर डाल दो

बबलू ने सुसमा की जाँघो को पकड़ कर पूरी ताक़त के साथ धक्का मारा लंड चूत के दीवारों को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया 

सुसाम:अहह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाईईईईईई

बबलू ने बिना रुके धक्के लगाने चालू कर दिए सुसमा अहह ओह सीईईईईईईईईईई कर रही थीईईईए 

सुसमा:ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईइमाआआआ अहह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और जूऊऊऊऊओर सीईईईईई अहह छोड़ूऊऊऊऊओ फद्द्द्दद्ड दूऊऊऊऊ

बबलू की जंघे सुसमा की जाँघो से टकरा कर हॅप-2 की आवाज़ कर रही थी सुषमा नीचे अपनी गान्ड को ऊपर की तरफ उछाल रही थी जैसे ही लंड चूत के अंदर जड तक घुसता थप की आवाज़ गूँज जाती सुमा पागलो की तरह अपने बाल नोच रही थी और पूरी ताक़त के साथ अपनी चूत को जाँघो को फैला कर ऊपर की ओर उछाल रही थी बबलू उसे देख और जोश में आ गया और धना-धन धक्के लगाने लगा 10 मिनट की चुदाई में सुसमा दो बार झड चुकी थी और बबलू भी झड कर हाँफने लगा बबलू सुसमा के ऊपर लेटा हुआ था 

सुसमा; बाबू जी आज अपने मेरी चूत की खुजली मिटा कर मुझे जीत लिया है

बबलू खड़ा हुआ और अपनी पेंट पहनने लगा सुसमा ने भी अपनी सलवार पहन ली 

सुसमा : बाबू जी आप जब याद करेंगे में आ जाउन्गी मेरी चूत आप के लंड के दासी हो गयी है 
बबलू मुस्करा कर बिना कुछ बोले वहाँ से आ गया और स्टाफ रूम में आकर सो गया अगले दिन सुबह जब बबलू घर पहुँचा और नहा धो कर फ्रेश हो गया शोभा उसके लिए नाश्ता ले आई


बबलू: कब जा रही है तुम्हारी बेहन 

शोभा:बस दोपहर को जा रही है 

और शोभा नाश्ता देकर ऊपर चली गयी दोपहर को जब बबलू उठा तो शोभा उसके रूम में आई

शोभा: सीमा चली गयी है और मुझे तुमसे कुछ बात करनी है

बबलू:हां बोलो 

शोभा: मुझे अच्छा नही लग रहा जो तुम करने जा रहे हो 

बबलू:क्या अच्छा नही लग रहा 

शोभा: एक अगले साल मार्च में रेणु की 12थ क्लास पूरी हो जाएगी में चाहती हूँ कि उसके बाद उसकी शादी तुमसे हो जाए लेकिन तब तक तुम और रेणु कुछ ग़लत ना करो में तुम्हारे लिए इतना सब करने को तैयार हूँ बस मेरी खातिर मेरी ये बात मान लो 

कुछ देर सोचने के बाद बबलू ने हामी भर दी

शोभा: कसम खाओ कि तुमने मेरे बात मान ली

बबलू: (मन में चलो 7-8 महीनो की बात है) कसम से पर तब तक तुम तो हो ना

शोभा: धत्त

बबलू:तुम ज़रा ऊपर जाकर अमन को देखो में थोड़ी देर बाद रेणु के पास जाकर बात करता हूँ

शोभा ऊपर चली गयी शोभा के ऊपर आने के 15 मिनट बाद बबलू भी ऊपर आ गया बबलू ने शोभा से इशारे से पूछा कि अमन कहाँ हैं शोभा ने अपने रूम की तरफ इशारा कर दिया कि वो उसी के रूम में सो रहा है बबलू रेणु के कमरे में चला गया और रेणु को सारी बात बता दी जो कुछ देर पहले शोभा से हुई थी 

रेणु:चलो ठीक हैं में आप की सब बातें मानती हूँ पर आप दोनो को मेरी बात भी माननी पड़े गी

बबलू:बताओ तो सही में तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ 

रेणु: पहले माँ को भी यहाँ बुला लो 

बबलू बाहर चला गया और शोभा को साथ ले आया 

बबलू: हां बोलो क्या बात हैं हम दोनो तुम्हारी बात मानने को तैयार हैं 

रेणु:तो आप दोनो ने जैसे कि फैंसला किया है कि हमारी शादी मेरे 12थ करने के बाद होगी तो में चाहती हूँ कि (बबलू की तरफ इशारा करते हुए) आप पे सब से पहला हक़ मेरा होगा और जब तब हमारी सुहागरात नही हो जाती तब तक आप भी कोई संबंध नही रखेंगी

बबलू और शोभा दोनो कभी एक दूसरे को देखते तो कभी रेणु को 

रेणु: बोलो माँ है मेरी बात मंजूर तो खाओ मेरी कसम 

अब शोभा के बॅस की बात नही थी और ना ही बबलू कुछ कर सकता था हार कर शोभा को रेणु की कसम खानी पड़ी 


तो दोस्तो उस दिन से लेकर अगले 8 महीनो तक घर में बबलू को चूत नही मिलने वाली और यहाँ से कहानी एक नया मोड़ ले रही है टाइम अपनी रफ़्तार से चल रहा था अमन के 10थ क्लास के प्री बोर्ड के एग्ज़ॅम हो चुके थे दिसंबर का महीना चल रहा था अमन भी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था पर अमन बहुत ही सरीफ़ किस्म का लड़का था लड़कियों से बात करना तो दूर वो लड़कियों को देखता तक नही था और ना ही उसे सेक्स की कुछ जानकारी थी तो दोस्तो अमन के प्रीबोर्ड के एग्ज़ॅम ख़तम हो चुके थे सर्दी अपने पूरे शबाब पर थी और अमन के एग्ज़ॅम के बाद क्लास 10 दिनो के लिए बंद हो गयी थी जिस दिन अमन आख़िरी एग्ज़ॅम था उस्दिन शोभा की बहन का फोन आया 

सीमा: हेलो दीदी कैसी हो 

शोभा: में बिल्कुल ठीक हूँ तुम कैसी हो 

सीमा: में भी ठीक हूँ और बच्चे कैसे हैं 

शोभा:हां दोनो ठीक हैं अमन के आज ही एग्ज़ॅम ख़तम हुए हैं और 10 दिन की छुट्टियाँ हैं बस अब सारा दिन घर में उधम मचाता फ़िरेगा

सीमा: दीदी आप अमन को मेरे पास भेज दो मेरा मन भी लग जाएगा 

शोभा:ठीक में कल उसे भेज देती हूँ 

सीमा की अपनी कोई औलाद नही थी शादी के 8 साल हो चुके थे और सीमा 30 साल की हो चुकी थी सीमा का पति आर्मी में था इसलिए सीमा का अमन से बहुत लगाव था सीमा के देवर की शादी के बाद उसका देवर जो कि आर्मी में था अपनी नयी दुलहन को साथ ही लेगया था सीमा का पति भी आर्मी में ही था इसलिए घर पर वो और उसके सास ससुर अकेले रहते थे जब उसने ये बात अमन को बताई तो अमन झट से राज़ी हो गया क्यों कि सीमा उसे बहुत प्यार करती थी और उसकी हर बात मानती थी 

शोभा: पर तू जाएगा कैसे 
( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )
अमन: माँ में अकेला चला जाउन्गा आप फिकर ना करो आप बस मुझे ट्रेन में बैठा देना और मुझे मौसी आकर ले जाएगी

शोभा: ये ठीक रहेगा 

अगले दिन अमन बबलू के साथ ही स्टेशन पर आ गया और बबलू ने उसे ट्रेन में बैठा दिया करीब 2 घंटे के सफ़र के बाद अमन अपनी मौसी के शाहर पहुँच गया यहाँ उसे लेने उसकी मौसी पहले से आई हुई थी वो अमन को देख कर बहुत खुश हुई अमन ने सीमा के पैर छुए सीमा ने अमन को गले से लगा लिया सीमा की मोटी नरम चुचियाँ अमन की चेस्ट में धँस गयी और रगड़ खाने लगी आज पहली बार अमन को कुछ अजीब सा अहसास हुआ 

सीमा:अरे वाह अमन तू तो बड़ा हो गया 

अमन शरमाते हुए) जी मौसी 
फिर दोनो ने स्टेशन से बाहर आकर ऑटो पकड़ा और घर आ गये घर पहुँच कर अमन ने सीमा के सास ससुर के पाँव छुए बैठ कर उनसे बातें करने लगा इतने में सीमा चाइ नाश्ता लेकर आ गयी चाइ पीने के बाद सीमा ने अमन से कहा चलो में तुम्हें तुम्हारा रूम दिखा दूं और सीमा उसका बॅग उठा कर चल पड़ी अमन सीमा के पीछे -2 रूम में आ गया 
सीमा:ये लो ये तुम्हार कमरा है तुम यहाँ आराम करो

अमन:मौसी मुझे नहाना है में सुबह भी नहा कर नही आया बहुत सर्दी थी सुबह 

सीमा: हां नहा लो में गीजर ऑन कर देती हूँ हां और नहाने से पहले सरसो के तेल की मालिश कर लेना नही तो गरम पानी से नहाने से स्किन रूखी हो जाएगी तेल वहाँ ड्रेसिंग टेबल पर पड़ा है में टवल लेकर आती हूँ सीमा के जाने के बाद अमन ने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ छोटे से अंडरवेर में खड़ा होकर अपने जिस्म पर सरसो के तेल से मालिश करने लगा थोड़ी देर बाद सीमा टवल लेकर आई और रूम के डोर पर खड़ी होकर अमन को देखने लगी अमन की पीठ सीमा की तरफ थी और अमन अपने हाथ पीछे करके पीठ पर तेल लगाने की कोशिश कर रहा था 

सीमा: अंदर आते हुए) लाओ में लगा देती हूँ पीठ पर

अमन को जब पता चला कि वो सिर्फ़ अंडरवेर में अपनी मौसी के सामने खड़ा है तो वो एक दम से शर्मा गया और अपना सर झुका लिया सीमा अमन की हालत देख कर मुस्कुराने लगी 

सीमा: अरे ऐसे क्यों शर्मा रहा हैं याद नही बचपन में तू मेरे सामने ही नंगा घूमता रहता था और अब ऐसे शरमा रहा है जैसे तू सच में जवान हो गया है

अमन: नही मौसी वो बात नही है पर अब में बड़ा हो गया हूँ

सीमा; चल कोई बात नही ला तेल की बॉटल मुझे दे 

और सीमा तेल की बॉटल लेकर उसमे से कुछ तेल अपने हाथ में डाल कर उसकी पीठ पर मालिश करने लगी पीठ की मालिश करने के बाद सीमा घूम कर अमन के सामने की तरफ आ गयी 

सीमा; ये देखो कहते हैं कि बढ़ा हो गया हूँ पर सामने तो ठीक से मालिश नही की जगह-2 तेल नही लगा 
और सीमा हाथ में तेल लेकर उसकी छाती की मालिश करने लगी मालिश करते सीमा नीचे पंजो के बल बैठ गयी और अमन के पैरो की मालिश करने लगी ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )

अमन: रहने दो मौसी में कर लूँगा 
सीमा: कोई बात नही शर्मा क्यों रहा हैं में कर देती हूँ
Reply
06-09-2017, 11:11 AM,
#9
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
जैसे-2 सीमा के हाथ अमन के घुटनों के तरफ बढ़ रहे थे अमन के जिस्म में मस्ती के लहर दौड़ जाती अमन को समझ में नही आ रहा था कि उसे क्या हो रहा है सीमा की साड़ी का पल्लू खिसक कर नीचे गिर गया था उसकी बड़ी-2 चुचियाँ कसी हुई ब्लाउस में नज़र आ रही थी आज तक अमन ने ऐसा नज़ारा नही देखा था उसके अंडरवेर में हलचल होने लगी सीमा ने थोड़ा सा तेल हाथ में ले लिया और उसकी जाँघो की मालिश करने लगी अमन के जिस्म में करेंट दौड़ गया उसका लंड अंडर वेअर में झटके खाने लगा सीमा के हाथ अमन के जाँघो की मालिश कर रही थी अमन का लंड एक दम के खड़ा हो गया ब्लाउस से झलकती चुचियाँ अमन को उत्तेजित करने के लिए काफ़ी थी और अमन का 7 इंच का लंड एक दम लोहे की रोड की तरह अंडरवेर को फुला कर खड़ा हो गया सीमा की नज़र अमन के फूले हुए अंडरवेर पर पड़ी वो एक दम से हैरान हो गयी सीमा का दिल जोरो से धड़कने लगा जांघों के मालिश करते -2 उसकी नज़र बार अमन के खड़े लंड पर जाकर अटक जाती उसकी चूत में हलचल होने लगी सीमा ने नज़रें नीचे कर ली और कनखियों से बार उसके फूले हुए अंडरवेर के उभार को देख रही थी सीमा का ध्यान अपनी चुचियों पर गया जिसे बबलू भी चोर निगाहो से देख रहा था ब्लाउस में क़ैद उसकी आधी चुचियाँ नज़र आ रही थी सीमा के हाथ बबलू के जाँघो के काफ़ी ओपपेर तक जाने लगे थे सीमा भी गर्म होने लगी थी एक बार तो सीमा की उंगलियाँ अमन के लंड को उसके अंडरवेर के ऊपर से छू गये 

अमन: बस मौसी हो गया अब में नहाने जाता हूँ

सीमा: हूँ ठीक है

जैसे उसका कोई ख्वाब टूट गया हो सीमा खड़ी हो गयी उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी सीमा के सारी का पल्लू फर्श पर गिरा हुआ था उसकी चुचियाँ ब्लाउस में ऊपर नीचे हो रही थी अमन खड़ा उसकी चुचियों को घूर रहा था तभी सीमा को अहसास हुआ कि वो इस हालत में खड़ी है सीमा ने जल्दी से अपना पल्लू ठीक किया और बाहर चली गयी अमन कुछ देर वैसे ही सुन्न खड़ा रहा उसे समझ नही आ रहा था उसके साथ आज हो क्या रहा है उसका ध्यान अपने अंडरवेर पर गया जो कि लंड खड़े होने के कारण फूला हुआ था अमन मन में सोचने लगा कि मौसी उसके बारे में क्या सोच रही होगी 


उधर सीमा अपने कमरे में आ कर बेड पर बैठ गये और सोचने लगी हे भगवान ये मुझे क्या हो गया था में ऐसे कैसे कर सकती हूँ अमन मेरे बारे में क्या सोच रहा हो गा आख़िर अभी वो बच्चा है में कैसे बहक गयी शायद सारा कसूर मेरा है कुछ देर बैठे रहने के बाद सीमा नॉर्मल हो गयी और किचन में आकर दोपहर के खाने के तैयारी करने लगी सीमा का ध्यान में बार-2 अमन का खड़ा हुआ लंड सामने आ रहा था ना चाहते हुए भी सीमा वो सीन याद करके गर्म हो रही थी और बीच-2 में अपने आप को कोस रही थी सीमा की शादी को 8 साल हो चुके थे और अभी तक उसका कोई बच्चा नही था ज्सिके कारण उसका पति उसे काफ़ी निराश हो गया था और वो जब साल में एक दो बार घर आता तो दोनो में बहुत कम सेक्स होता जिसके कारण सीमा की जवानी का मज़ा खराब हो रहा था आज अमन के खड़े लंड ने उसे फिर से चुदासी बना दिया था उधर अमन भी नहा दो कर फ्रेश हो गया था और अकेला कमरे में बोर हो रहा था इसलिए अमन कमरे से निकल कर बाहर आ गया और किचन में चला गया यहाँ उसकी मौसी आटा गूँथ रही थी सीमा ज़मीन पर बैठ कर आटा गूँथ रही थी उसने अपने सारी और पेटिकॉट को अपने घुटनो तक चढ़ा रखा था उसकी एक टाँग नीचे थी और एक घुटने से मोडी हुई थी अमन को देख कर सीमा बोली आओ अमन क्या कर रहे हो 

अमन; कुछ नही में अकेला बोर हो रहा था 

सीमा:अच्छा किया जाओ बाहर से कुर्सी ले आओ और यहीं बैठ जाओ हम बातें करते है 

अमन बाहर चला गया और एक कुर्सी लाकर सीमा के सामने बैठ गया 

आटा गूँथते -2 सीमा के साड़ी और उसका पेटिकॉट घुटनो से थोड़ा ऊपर तक चढ़ चुका था दोनो टाँगों में काफ़ी गॅप था जिसके कारण उसकी पैंटी सॉफ नज़र आ रही थी दोनो आपस में बातें कर रहे थे एका एक अमन का ध्यान सीमा की फैली हुई जाँघो के बीच चला गया अमन का मन फिर से ज़ोर से धड़कने लगा उसकी आँखें सीमा की वाइट कलर की वी शेप पैंटी पर जम गयी सीमा की चूत की झांटें पैंटी के बाहर आ रही थी एक बार फिर अमन का लंड धीरे -2 खड़ा होने लगा जिसे वो अपनी टाँगों के बीच में छुपाने की कॉसिश कर रहा था

अमन: मौसी में अपने कमरे में जा रहा हूँ 

सीमा:क्या हुआ यहीं बैठ जा ना मैं गर्म-2 खाना डाल देती हूँ

अमन:नही जब खाना बन जाए तो मुझे आवाज़ दे देना

और अमन उठ कर बाहर जाने लगा जैसे ही अमन खड़ा होकर जाने लगा तो उसका पयज़ामा फिर से लंड के सामने से उभर कर टेंट बना रहा था जिस पर सीमा की नज़र पड़ गयी अमन के जाते ही सीमा सोच में पड़ गयी अब इसे क्या हो गया जो इसका हथियार इस तरह तन कर खड़ा है सीमा ने अपने पल्लू की तरफ देखा जो कि ठीक था तभी उसका ध्यान अपनी फैली हुए टाँगों पर गया सीमा मन में सोचने लगी ओह्ह तो इसलिए उसका लंड अकड़ कर खड़ा था अमन भी मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा कि उसकी मौसी कितनी बेशर्म है जो ऐसे अपनी टाँगें फैला कर अपनी झान्टो भरी चूत दिखा कर उसे गरम कर रही है अंजाने में कितनी बड़ी भूल हो गयी अमन तो मुझे पता नही कैसी औरत समझ रहा होगा पर चाहे जो भी अब मेरा अम्मू जवान हो गया है और उसका वो और ये सोच सीमा के होंठो पर मुस्कान आ गयी


दोपहर के खाने के बाद सीमा के घर में सभी-2 अपने-2 रूम में थे सीमा अपने बेड पर लेटी हुई दिन भर की घटनाओ के बारें में सोच रही थी उसके दिमाग़ में बार-2 अमन का उभरा लंड आ रहा था और वो ना चाहते हुए भी गरम हो रही थी सीमा के दिमाग़ में भी यही बातें चल रही थी कि क्या अमन ने जो कुछ भी उसके अंग देखे क्या उसे अच्छा लगा होगा सीमा एक दम चुदासी हो गयी पर वो जानती थी कि अमन अभी बच्चा है और इतना साँझ दार नही हुआ कि वो इन सब बातों को अपने में रख सकें बच्पने में कहीं वो ये बातें किसी को बता ना दे मुझे आगे से इसका पूरा ध्यान रखना होगा और हो सकता है कि उसे आज सुबह हुई घटनें अच्छी ना लगी हों ये सब सोचते-2 सीमा को नींद आ गयी जब वो उठी तो शाम के 5 बज रहे थे उठ कर उसने मुँह हाथ धोया और चाइ बनाने लग गयी रात तक कुछ ख़ास नही हुआ रात का खाना खाने के बाद अमन अपने रूम में आ गया और पढ़ने लगा रात में घर में सन्नाटा पसर गया रात के करीब 11 बज रहे थे अमन उठ कर बेड पर आ गया और सोने की कॉसिश करने लगा पर अमन आज तक अकेला कभी नही सोया था वो रात को अकेला रहने पर डर जाता था उसे नींद नही आ रही थी 


हार कर वो उठ कर रूम से बाहर आ गया और सीमा के रूम का डोर नॉक किया थोड़ी देर बाद सीमा ने दरवाजा खोला एक पल के लिए अमन की आँखें सीमा पर गढ़ गयी सीमा अभी अभी सोई थी उसने एक शॉर्ट स्लीवलेस्स टीशर्ट पहनी हुई थी और नीचे वाइट कलर की सलवार पहनी हुई थी सीमा की टीशर्ट काफ़ी छोटी थी जो मुस्किल से उसकी नाभि तक आ पा रही थी और सलवार नाभि से 3 इंच नीचे बँधी हुई थी उसकी नाभि से नीचे से चूत तक का हिस्सा खुला दिखाई दे रहा था सीमा की झान्टो के कुछ बाल सलवार से बाहर झाँक रहे थे और वाइट कलर की सलवार में उसकी ब्लॅक पैंटी की झलक सॉफ पड़ रही थी जो सीमा ने शाम को नहाने के बाद पहनी थी सीमा अमन को यूँ अपनी तरफ देखते हुए थोड़ा मुस्करा गयी और पूछा
सीमा:क्या हुआ अमन बेटा

अमन: वो मुझे नींद नही आ रही थी वो मुझे........

सीमा:हां बताओ क्या बात हैं तुम्हें कुछ चाहिए 

अमन : वो मुझे रात में डर लगता है में अकेला नही सो पाता हूँ क्या में आप के साथ सो जाऊ 

सीमा:हां अंदर आ जाओ बहुत सर्दी है कहीं ठंड ना लग जाए

अमन के अंदर आते ही सीमा ने डोर लॉक कर दिया रूम में नाइट लॅंप जल रहा त्ता उसकी मंद रोशनी में सीमा का हुश्न गजब का लग रहा था सीमा ने अपनी बाहों को ऊपर करके अंगड़ाई ली जिसे उसका पेट अंदर की तरफ़ हुआ और सलवार ढीली पड़ने के कारण सरक कर और नीचे उसके खुलों पर आकर अटक गयी अब सीमा की ब्लॅक पैंटी की एलास्टिक वाइट सलवार के बाहर आ चुकी थी अमन के लिए ये सब बर्दास्त करना हद से बाहर था उसका लंड फिर से शॉर्ट्स में झटके खाने लगा अमन की नज़रें सीमा की चूत के बाहर झाँकती झान्टो पर अटकी हुई थी और सीमा अमन की हालत देख कर कामुक मुस्कान अपने होंठो पे लिए अमन को देख रही थी जब अमन ने अपनी मौसी की तरफ देखा तो वो जैसे कोई चोर पकड़ा जाता है वैसे झेंप गया सीमा ने बाहें नीचे की और बेड पर जाकर रज़ाई ओढ़ कर लेट गयी सर्दी के कारण अमन खड़ा काँप रहा था 

सीमा:आओ अमन खड़े क्यों हो ठंड बहुत है 

सीमा बेड पर एक सिंगल रज़ाई में लेटी हुई थी जिसमे मुस्किल से दो जान सो सकें अमन का दिल जोरों से धड़कने लगा 

अमन: पर रज़ाई 

सीमा: मेरे साथ ही आजा 

अमन काँपते पैरो के साथ आगे बढ़ने लगा जैसे ही अमन बेड पर बैठा सीमा ने रज़ाई को खोल कर उसे अंदर आने का इशारा किया अमन सीमा के साथ रज़ाई में घुस गया सीमा की चुचियाँ अमन की छाती में सट गयी थी अमन ठंड के मारे काँप रहा था अमन को काँपता देख सीमा ने उसे अपनी बाहों में भींच लिया और अपने से चिपका लिया

सीमा: क्या हुआ ठंड लग रही है

अमन:हूँ (अमन के मुँह से बस इतना ही निकल पाया)

इस वक्त तक सीमा के मन में कोई वासना नही थी अमन को सीमा के बदन की गर्मी का अहसास अच्छा लग रहा था अमन ने भी अपना एक हाथ सीमा की कमर के नंगे हिस्से पर रख दिया अमन का हाथ अपनी कमर पर पड़ते ही सीमा अमन से और ज़्यादा चिपक गयी अमन अभी भी काँप रहा था सीमा ने अपनी एक टाँग उठा कर अमन की जाँघ पर रख दी ताकि अमन को और गर्मी मिल सकें पर सीमा ने जो किया शायद उसे नही करना चाहिए था जैसे ही सीमा ने अपनी टाँग उठा कर अमन की जाँघ पर रखी अमन का तना हुआ लंड सीधा सीमा की सलवार और पैंटी के ऊपर से चूत पर जा टकराया सीमा के मूँह से अहह निकल गयी लंड चूत के ऊपर सलवार और पैंटी के ऊपर से दबाव डाल रहा था सीमा की आँखें बंद थी अमन का लंड भी रह-2 कर झटके मारने लगा सीमा ने आँखे खोली और अमन की आँखों में देखा दोनो की नज़रें आपस में मिली सीमा ने फिर से आँखें बंद कर ली अमन को कुछ समझ में नही आ रहा था कि वो क्या करे अमन का हाथ खिसकता हुआ कमर से सीमा के कूल्हे पर गया सीमा अमन से बिल्कुल चिपक गयी उसकी बड़ी-2 चुचियाँ अमन की चेस्ट में धँस गयी अमन के होंठ सीमा की नेक से सट गये सीमा ने अमन के सर को अपनी बाहों में भींच लिया और सीमा अपनी नेक को धीरे-2 ऊपर नीचे करने लगी पर ना तो अमन की हिम्मत उसका साथ दे रही थे और ना ही सीमा की 


अमन तो खैर सेक्स के बारे में कुछ जानता ही नही था और सीमा समझ और बड़ी बेहन के डर से कुछ कर नही पा रही थी दोनो में से कोई भी आगे नही बढ़ना चाहता था अमन को गर्मी मिलने के कारण नींद आने लगी और वो नींद के आगोश में समा गया पर नींद सीमा की आँखों से बहुत दूर थी आज वो कई सालों बाद किसी के साथ यूँ लिपट कर सो रही थी उसे बहुत मज़ा आ रहा था उसने अमन की तरफ़ा देखा जिसके फेस पर भोलापन और मासूमियत साफ झलक रही थी सीमा ने धीरे से बड़े प्यार से अमन के होंठो को किस किया और आँखें बंद करके लेट गयी और उसे भी नींद आ गयी अगली सुबह जब अमन उठा तो सीमा बेड पर नही थी अमन उठ कर अपने रूम में चला गया और फ्रेश होने के लिए चला गया सीमा ने अपने सास ससुर को चाइ दी 

सीमा का ससुर: बहू कल अमन अपने कमरे में नही था क्या तुम्हारे साथ सोया था

सीमा:जी हां पिता जी वो उसे अकेले में डर लगता हैं ना

ससुर:हां -2 याद है अभी भी डरता है बहुत भोला लड़का है 

सीमा:जी
उसके बाद सीमा चाइ लेकर अपने रूम में गयी अमन वहाँ नही था फिर सीमा अमन के रूम में गयी अंदर बाथरूम से आवाज़ आ रही थी 

सीमा: नहा रहा है अमन 

अमन:जी मौसी 

सीमा :चाइ रखी है और नाश्ता भी खा लेना

अमन:जी मौसी 

चाइ नाश्ते के बाद सीमा घर की सॉफ सफाई में लग गयी सीमा ने नोटीस किया अमन हमेशा उसके पास रहने की कोशिश करता है और उसकी चुचियों को घूरता रहता है पर सीमा को आगे बढ़ने में डर लग रहा था औरे ना ही अमन कोई पहल कर रहा था सीमा ने अमन को अपने जाल में फसाने का प्लान बना लिया दोपहर के वक़्त जब अमन सीमा के रूम में बैठा सीमा के साथ बातें कर रहा था सीमा अपने रूम के अट्तच बाथरूम में अपने कपड़े धो रही थी उसने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकॉट पहना हुआ था और पेटिकॉट जाँघो तक ऊपर कर रखा था जिसमे से उसकी झान्टो वाली बुर सॉफ दिखाई दे रही थी और सीमा ने पैंटी जान बुझ कर नही पहनी थी अमन की नज़रें बार-2 सीमा के पेटिकॉट के बीच जा रही थी पर उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था अमन वहाँ बैठा हुआ बोर होने लगा था इसलिए वो सीमा को ये बोल कर अपने रूम में आ गया कि उसे नींद आ रही है सीमा को कुछ समझ में नही आ रहा था वो सोचने लगी कि कभी तो अमन उसे खा जाने वाली नज़रों से देखता है और कभी ऐसे भोला बन जाता है जैसे वो कुछ देख ही ना रहा हो आख़िर उसके दिल में क्या है 


सीमा ने अपनी पेटिकॉट के बीच में देखा तो उसे पता चला कि बाथरूम में लाइट कम होने के कारण उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था इसलिए वो उठ कर चला गया अब दोपहर का खाना परोसते समय सीमा बार-2 अपनी चुचियों को दिखा रही थी सीमा लंड के लिए तरस रही थी उसने सोच लिया था आज चाहे कुछ भी हो जाए वो अपनी चूत की आग को ठंड करके रहेगी रात का खाना खाने के बाद जब अमन अपने रूम की तरफ जा राजा था तो वो किचन के सामने से गुजरा जहाँ सीमा बर्तन सॉफ कर रही थी

सीमा:अर्रे अमन रूम में जा रहा है 

अमन:जी मौसी 

सीमा: अगर डर लगता है तो आज भी मेरे रूम में सो जाना 

अमन का दिल ये बात सुन कर धक-2 करने लगा पर ना जाने क्यों उसके मूँह से ना निकल गया 

अमन: नही में अपने रूम में सो जाउन्गा

सीमा मन में सोचने लगी लगता है ऐसे बात नही बनने वाली सीमा ने जल्दी से बरतन सॉफ किए दूध गरम करने लगी अमन अपने रूम में बैठ कर पढ़ रहा था रात के 11 बज रहे थी और अमन को नींद आने लगी थी तभी उसके रूम का डोर खुला अमन ने पीछे मूड कर देखा सीमा मौसी हाथ में दूध का ग्लास लेकर खड़ी थी अमन की आँखें सीमा पर गढ़ गयी उसे यकीन नही हो रहा था जो वो देख रहा था सीमा का ये रूप देख अमन आँखे झपकाना भी भूल गया अपने आप को यूँ घुरता देख सीमा के होंठो पर मुस्कान आ गयी सीमा इतनी ठंड में ऊपर सिर्फ़ एक ढीला सा शॉर्ट ब्लाउस पहन रखा था जिसके ऊपर के दो हुक्स खुले थे उसकी चुचियाँ आधी से ज़्यादा बाहर झलक रही थी नीचे पेटिकॉट की बजाए कल वाली वाइट सलवार पहनी हुई थी जो उसने नाभि से बहुत नीचे बाँधी हुई थी उसकी चुचियों से लेकर सलवार के नाडे तक का हिस्सा खुला हुआ था वो एक दम मस्त लग रही त्ती अमन ने अपने नज़रें नीचे झुका ली सीमा रूम में आई और बबलू के पास आकर दूध का ग्लास टेबल पर रख दिया और बोली
सीमा:दूध पी लेना में सोने जा रही हूँ अगर डर लगे तो मेरे रूम में आ जाना 

फिर सीमा ने कल वाले अंदाज़ में ही अपने बाहें ऊपर कर के अगड़ाई ली उसके इस अंदाज़ से अमन एक दम चोंक गया और सीमा मूड कर चली गयी और अमन दूध पीकर अपने बेड पर लेट गया पर उसे नींद नही आ रही थे डर की वजह से नही बल्कि उसे काल रात की वो बात याद आ रही थी जब वो और उसकी मौसी सीमा एक दूसरे के आगोश में सोए थे अमन को इतना मज़ा कभी नही आया था अमन बेड से उतर गया उसके पाँव खुद ब खुद सीमा के रूम की तरफ बढ़ने लगे और सीमा के डोर के पास आकर खड़ा हो गया और डोर नॉक किया सीमा जो कि बेड पर लेटी हुई थी उसके होंठो पर मुस्कान फैल गयी उसे अपना प्लान कामयाब होता नज़र आ रहा था सीमा ने डोर खोला अब आख़िरी दाँव चलना बाकी था 
सीमा: क्या हुआ डर लग रहा है 

अमन बिना कुछ बोले चुप खड़ा था 

सीमा: चल अंदर आ जा 

जैसे ही अमन अंदर आने को हुआ 

सीमा: रुक एक काम कर पहले किचन से जाकर एक जग पानी ले आ में पानी रखना भूल गयी 

अमन किचन में जाकर एक जग पानी ले आया और रूम के अंदर बेड के पास आकर खड़ा हो गया 

सीमा:डोर को लॉक कर देता अच्छा चल रुक में करती हूँ तू जग को टेबल पर रख दे 

सीमा तेज़ी के साथ खड़ी हुई जानबूज कर अमन से टकरा गयी जग पूरा भरा हुआ था जिससे पानी अमन के शॉर्ट्स और सीमा की सलवार के ऊपर गिर गया रूम में नाइट लॅंप जल रहा था जो सीमा की पीठ के पीछे था जिसके कारण अमन को सीमा की हालत नज़र नही आ रही थी 

सीमा: ओह सॉरी अमन

अमन: कोई बात नही मौसी जी

सीमा:चल आ बाथरूम में अपने कपड़े पोंछ ले

और अमन सीमा के पीछे बाथरूम में आ गया बाथरूम में आकर सीमा ने बाथरूम की लाइट ऑन की और अमन की तरफ घूम गयी अमन की आँखों के सामने क्या नज़ारा था ये तो सिर्फ़ अमन ही बयान कर सकता है सीमा की सलवार आगे से गीली हो कर उसकी जाँघो और चूत से एक दम चिपकी हुई थी पतली और वाइट सलवार में सीमा की चूत सॉफ नज़र आ रही थी सीमा की सलवर से झान्टे चिपकी हुई थी और चूत की फांके सॉफ नज़र आ रही थी सीमा ने टवल उठा कर अमन को दिया अमन का शॉर्ट्स भी पूरी तरह गीला हो चुका था अमन की नज़रें सीमा की चिपकी हुई सलवार पर टिकी हुई थी सीमा को अब मंज़िल नज़र आने लगी थी अमन का लंड एक बार फिर तन चुका था जिसे वो टवल से छुपाने के कोशिश कर रहा था अमन चोर नज़रों से सीमा को देख रहा था 

सीमा: तुम यहीं रूको में आती हूँ 

सीमा बाहर आई और अपनी अलमारी से एक रेड कलर की नाइटी ली और नाइटी लेकर बाथरूम में गयी 

सीमा:अरे तुम्हारा तो सारा शॉर्ट्स गीला हो गया

अमन: में अभी चेंज करके आता हूँ 

सीमा: अब इतनी सर्दी में फिर अपने रूम में जाएगा ऐसा कर शॉर्ट्स उतार कर ये टवल लपेट ले 

अमन भी बिना कुछ बोले बाहर आ गया और एक कोने में जाकर अपना शॉर्ट्स और अंडरवेर उतार दिया और टवल लपेट लिया अंदर सीमा ने अपना ब्लाउस और सलवार उतार कर नाइटी पहन ली जो कि सीमा की आधी ही जाँघो को ढक रही थी और चुचियों वाली जगह पर नेट का पतला सा कपड़ा लगा हुआ था जिसमे से उसके काले मोटे निपल सॉफ झलक रहे थे सीमा बाहर आ गयी अमन बेड के किनारे खड़ा हुआ था सीमा उसके पास आई और बोली

सीमा: अरे देखो बेड की चद्दर इकट्ठी हो गयी है में ठीक करती हूँ 

सीमा बेड की चद्दर ठीक करने के लिए बेड पर दोनो घुटनो के बल होकर आगे की तरफ झुक गयी जिसे उसकी नाइटी पीछे से उसकी गान्ड तक उठ गयी ये सब वो जान बुझ कर रही थी पीछे खड़े अमन का तो बुरा हाल होगया वो एक दम सन्न रह गया सीमा की झान्टो से भरी चूत उसे सॉफ दिखाई दे रही थी अमन सीमा से बस एक फुट के फ़ासले पर खड़ा था उसकी नज़रें वहीं पर गढ़ गयी बदन का सारा खून लंड में इकट्ठा होने लगा और लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया और टवल को ऊपर उठा कर बाहर आने के लिए झटके मारने लगा सीमा फिर रज़ाई में लेट गयी और अमन को अंदर आने का इशारा किया अमन भी रज़ाई में लेट गया दोनो एक दूसरे की तरफ करवट के बल लेटे हुए थे सीमा ने उसे बाहों में भर कर अपने से चिपका लिया सीमा की एक बाजू ने अमन के सर के नीचे से होते हुए उसकी पीठ को जाकड़ लिया था और दूसरे बाजू से उसकी बगल के ऊपर से पीठ को जकड़े हुए थी सीमा की चुचियों की जगह नाइटी पर नेट के कपड़े में उसके निपल देख कर अमन गरम हो रहा था सीमा ने अमन के सर को अपनी चुचियों पर दबा दिया अमन के होंठ नेट की जाली के ऊपर से सीमा के लेफ्ट निपल पर जा लगे सीमा की सिसकारी निकल गयी जिसे अमन ने भी सुन लिया अब अमन भी अपने होश खो बैठा था उसका एक हाथ खुद ब खुद ही सीमा के कूल्हे पर चला गया सीमा की नाइटी काफ़ी ऊपर उठी हुई थी सीमा और बबलू रज़ाई में थे इसीलिए रज़ाई के अंदर कोई नही देख पा रहा था अमन की आधी हथेली के नीचे सीमा की नाइटी का कपड़ा था और आधी सीमा के नंगे खुले पर थी सीमा अपने कूल्हे पर अमन का हाथ का स्पर्श महसूस करते ही उसके बदन में मस्ती के लहर दौड़ गयी थोड़ी देर बाद सीमा ने अपनी लेफ्ट जाँघ को उठा कर बबलू की कमर पे रख दिया जिससे उसकी नाइटी कमर तक ऊपर हो गयी अमन के हाथ के नीचे से नाइटी सरक कर ऊपर हो चुकी थी और जाँघ कमर पर रखने के कारण सीमा थोड़ा और आगे हो चुकी थी जिससे अमन का हाथ सरक कर सीमा की गान्ड पर पहुँच गया सीमा को बहुत मज़ा आ रहा था 


आगे से चूत से नाइटी उठ चुकी थी अमन का लंड टवल के अंदर से सीमा की चूत की फांको से जा टकराया सीमा के मूँह से आहह निकल गयी और अहह अमन कह के अमन से और ज़ोर से लिपट गयी सीमा की आँखें बंद हो गयी उसकी साँसें तेज़ी से चल रही थी पता नही क्यों पर अमन नेआपने हाथ से सीमा के चूतड़ को हल्के से मसल दिया सीमा की कमर ने झटका खाया और सीमा की चूत अमन के लंड से टवल के ऊपर से रगड़ खा गयी अमन को बहुत अच्छा लग रहा था ये उसकी जिंदगी का नया अनुभव था अमन ने धीरे से सीमा की गान्ड को सहला दिया नतीजा फिर सीमा की कमर ने झटका खाया इस बार झटका थोड़ा तेज था जिससे सीमा की चूत बबलू के लंड से रगड़ खाते हुए बबलू का टवल खुल गया और लंड बाहर आ गया अमन का दिल जोरो से धड़कने लगा उसका पूरा बदन रोमांच के मारे काँपने लगा अब अमन के लंड का सुपाडा बिना किसी कपड़े के सीधा सीमा की चूत पर टिका हुआ था अमन से बर्दास्त नही हो रहा था जिससे उसका लंड झटके खाने लगा और सीमा की चूत के फांकों के बीच दस्तक देने लगा सीमा की चूत लंड लेने के लिए बेताब हो रही थी और पानी छोड़ने लगी थी लंड को फांकों पर महसूस करके सीमा की चूत के फाँकें फैलने और सिकुड़ने लगी सीमा की आँखें अभी भी बंद थी सीमा ने अपनी चूत को अमन के लंड के सुपाडे पे दबाना शुरू कर दिया और सीमा की चूत के होंठ फैल गये और लंड का सुपाडा सीमा की चूत के छेद पर जा लगा 

सीमा: उंह अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 
और सीमा के हाथ अमन की पीठ पर चलने लगे सीमा ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया अमन के लंड की नसे फूल गयी बदन का सारा खून लंड की नसों में इकट्ठा होने लगा अमन को अपने लंड का सीमा की चूत से स्पर्श अंदर तक हिला गया वो तो जैसे आसमान में उड़ रहा हो अमन के लंड के गरम सुपाडे को चूत के छेद पर महसूस करके सीमा मस्ती के सागर में गोते खा रही थी अमन से अब रुका नही जा रहा था चाहे अमन सेक्स के बारे में बहुत कम जानता था पर उसकी कमर ने अपने आप ही अपने लंड को सीमा की चूत में घुसाने के लिए आगे की तरफ कमर को धक्का लगाया लंड का सुपाडा सीमा की चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया सीईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ सीमा के चहरे पर ख़ुसी और कामुकता से भरी हुई मुस्कान फैल गयी 


सीमा के होंठ काँपने लगे और कमर हल्के झटके खाने लगी सीमा का हाथ अमन की पीठ से सरकता हुआ अमन की गान्ड पर आ गया और उसकी गान्ड को आगे की तरफ दबाने लगा अमन सीमा का इशारा समझ गया और अपने लंड को सीमा की चूत के अंदर घुसाने लगा लंड का सुपाडा सीमा की चूत के दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जाने लगा और कुछ ही पलों में पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत में समा चुका था और अमन को महसूस हो रहा था जैसे उसके लंड को अंदर से कोई मसल रहा है सीमा की चूत की दीवारें अमन के लंड पर कस गयी मस्ती में आकर सीमा की चूत अमन के लंड को कस्ति तो कभी ढीला छोड़ती सीमा से अब रुका नही जा रहा था सीमा ने अपने काँपते होंठो को अमन के होंठो पर रख दिया पहले अमन को कुछ समझ में नही आया पर थोड़ी देर में ही अमन भी सीमा के होंठो को किस करने लगा दोनो एक दूसरे को किस करने लगे 


जब सीमा को पता चला कि अब अमन समझ गया है तो सीमा ने अपना मूँह खोल कर अपने होंठ ढीले छोड़ दिए अमन सीमा के होंठो को चूसने लगा सीमा बहुत गरम हो चुकी थी सीमा ने अपनी कमर को पीछे की तरफ खींचा लंड चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा अमन को बहुत मज़ा आ रहा था सीमा ने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से लंड पर अपनी चूत दबाने लगी लंड फिर से अंदर जाने लगा अमन की मस्ती का कोई ठिकाना नही था एक बार फिर लंड सीमा की चूत के अंदर था मस्ती में आकर सीमा ने अपनी ज़ुबान अमन के मूँह में डाल दी और अमन भी सीमा की जीभ को चूसने लगा अग दोनो तरफ भड़क चुकी थी सीमा ने फिर से लंड को धीरे-2 सुपाडे तक बाहर निकाला और जैसे सीमा चूत के अंदर लंड लेने के लिए कमर गयी कि अमन ने सीमा की गान्ड को कस के पकड़ कर जोश में आकर धक्का मारा लंड पूरी तेज़ी से सीमा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ बच्चेदानी से जा टकराया
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06-09-2017, 11:11 AM,
#10
RE: माँ बेटी बेटा और किरायेदार
सीमा:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह और सीमा पागलों की तरह अमन के होंठो को चूसने लगी फिर से सीमा की कमर पीछे की तरफ गयी और इसबार दोनो ने तेज़ी से अपनी कमर को धक्का दिया लंड फतच की आवाज़ के साथ चूत के अंदर समा गया सीमा के पूरे जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ रही थी सीमा ने अमन को अपनी बाहों में भींचे हुए सीधा लेट कर अमन को अपने ऊपर खींच लिया अब सीमा अमन के नीचे लेटीहुई थी अमन सीमा की जांघों के बीच लेटा हुआ था सीमा ने अपनी जाँघो को फैला कर अमन की कमर पर लपेट लिया और अपने दोनो हाथो से अपनी नाइटी की स्ट्रिपेस को अपने कंधों से सरका कर अपनी बाहों से निकाल दिया और नाइटी चुचियों से नीचे कर ली सीमा की 38 साइज़ की चुचियाँ अब अमन के सामने थी अमन एक टक उसे घूरे जा रहा था सीमा मन में सोचने लगी अब इस अनाड़ी को चुचियों से खेलना भी सीखाना पड़ेगा सीमा ने अमन का एक हाथ पकड़ कर अपनी एक चुचि पर रख दिया और अपने हाथ को अमन के हाथ पर दबाने लगी अमन सीमा की चुचि को दबाने लगा सीमा ने अपना हाथ अमन के हाथ से हटा दिया और अमन के सर के पीछे हाथ लेजा कर कर उसे अपने दूसरी चुचि पर झुका दिया अमन सीमा की आँखों में देखने लगा जैसे पूछ रहा हो अब क्या करू पर सीमा ने अमन के सर को और झुका दिया और अमन के होंठ सीमा की दूसरी चुचि के निपल पर जा लगे

सीमा:सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 

अमन को अब तक समझ आ चुका था कि उसने क्या करना है अमन ने अपना मूँह खोल कर सीमा की चुचि के निपल को मूँह में ले लिया और चूसने लगा सीमा ने नीचे अपनी कमर हिलानी चालू कर दी सीमा की चूत में आग बढ़ती जा रही थी सीमा को ये भी डर था कि अमन कहीं जल्दी ना झड जाए पर अब अमन के लिए रुकना ना मुनकीन था अमन भी अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा जैसे ही अमन अपना लंड बाहर निकालता सीमा अपनी गान्ड को ऊपर की तरफ उछालती और ऊपर से अमन अपनी कमर का पूरा ज़ोर लगा देता लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा 6-7 धक्कों के बाद अमन को लगा जैसे उसके लंड से कोई चीज़निकलने वाली है और दो तीन धक्को के बाद अमन के लंड ने सीमा की चूत में वीर्य की बोछार करनी शुरू कर दी और अमन सीमा के ऊपर लूड़क गया अमन को झड़ता देख सीमा ने नीचे से तेज़ी से अपनी गान्ड उछालनी शुरू कर दी और आधे मिनिट में ही 10-12 धक्को के साथ सीमा की चूत ने भी पानी छोड़ दिया सीमा अमन से चिपक गयी उसकी टाँगें अमन की कमर पर जकड गयी चुचियाँ अमन की चेस्ट में धँस गयी सीमा के चहरे पर संतुष्टि के भाव उभर आए थे उसके चहरे पर जो मुस्कान थी अमन ने कई सालों बाद देखी थी 


सीमा के बाल उसके फेस बिखरे हुए थे और उसके होंठो की लिपस्टिक फैली हुई थी सीमा ने बड़े प्यार से अमन के फेस को अपने हाथों में लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए अमन ने जी भर के सीमा के होंठो को चूसा लंड ढीला पड़ गया और चूत से बाहर आ गया अमन सीमा की बगल में लूड़क गया और लेट गया सीमा ने रज़ाई को हटाया तो देखा सीमा की झान्टे अमन और उसकी चूत के पानी से भीगी हुई थी पूरी चूत पर काम रस लगा हुआ था सीमा ने पास पड़े कपड़े से अपनी चूत और झान्टो को सॉफ किया और फिर अमन के लंड को पकड़ कर उसके लंड और गोलियों को सॉफ किया और फिर से रज़ाई ओढ़ ली दोनो एक दूसरे की बाहों में समा गये सीमा तो चाहती थी कि वो सारी रात अमन से चुदति रहे पर वो जानती थी कि ये अमन का फर्स्ट टाइम है और अगर वो फिर से पहले झड गया तो में अधूरी रह जाउन्गी इसलिए उसने आज के लिए इतना ही काफ़ी हे सोच कर सो गयी और अमन भी अपना फेस सीमा की नरम चुचियाँ में छुपा कर सो गया अगली सुबह सीमा की नींद खुली तो 6 बज चुके सीमा ने आँखें खोली और देखा सीमा के साथ अमन साथ चिपका हुआ था सीमा के हिलने से अमन भी उठ गया सीमा ने टाइम देखा तो 6 बज चुके थे 

सीमा: उठते हुए) पिता जी और माँ जी उठ गये होंगे

और सीमा ने उठ कर अलमारी से एक दूसरी नाइटी निकाली जो कि क्रीम कलर की थी और वो लेकर बाथरूम में चली गयी जब सीमा बाथरूम से बाहर आई तो अमन वहाँ से अपने रूम में जा चुका था सीमा किचन में चली गयी और चाइ बनाने लगी और चाइ बना कर उसने चाइ अपने सास ससुर को दी और फिर से किचन में आकर एक बड़ा सा ग्लास दूध लेकर अमन के रूम में गयी अमन अभी नहा कर बाहर निकला था सीमा ने दूध को टेबल पर रखा और अमन से बोली दूध पी लेना ठंडा हो जाएगा सीमा की नज़रें अमन के गोरे बदन का जायज़ा लेरही थी

अमन: दूध पर में तो सुबह चाइ पीता हूँ

सीमा: अपने चहरे पर कातिल मुस्कान लाते हुए) तुम्हें अब दूध ही पीना चाहिए कितनी मेहनत करते हो ये तुम्हारी सेहत के लिए ज़रूरी है 

अमन शरमा गया और सर झुका कर अपने कपड़े निकालने लगा 

सीमा मन में सोच रही थी कि अमन कितना भोला है अब भी शरमा रहा है और सीमा बाहर किचन में आ गयी और नाश्ता तैयार करने लग गयी 

दूसरी तरफ बबलू अभी -2 घर वापिस आया था रेणु स्कूल जा चुकी थी बबलू रात भर स्टेशन पर ही सोता रहा क्योंकि काम ज़्यादा नही था बबलू फ्रेश होकर ऊपर चला गया शोभा किचन में बबलू के लिए नाश्ता थाली में डाल रही थी बबलू का आज चूत चोदने का बहुत मन था बबलू ने पीछे जाकर शोभा की चुचियों को पकड़ कर मसल दिया

शोभा:अहह क्या करा रहो हो चोदे मुझे याद है ना हमें रेणु के सामने कसम खाई है 

बबलू: में कोई कसम वसम नही जानता 

और बबलू घुटनो के बल नीचे बैठ गया और एक ही झटके में शोभा की सारी और पेटिकॉट को ऊपर उठा दिया और दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया इससे पहले कि शोभा कुछ बोलती या कहती बबलू ने अपनी जीभ शोभा की चूत के छेद में टिका दी और शोभा की चूत की भगनासा को चाटने लगा

शोभा जल बिन मछली के तरह तडफ उठी उसकी कमर झटके खाने लगी 

शोभा: ओह अहह चोद्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊ उईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआ

बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर पूरा फैला दिया और अपनी ज़ुबान से शोभा की गान्ड के छेद को कुरेदने लगा पूरे घर में शोभा की अहह अहह सीईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईई की सिसकारियाँ गूँज रही थी शोभा ने किसी तरह बबलू को धक्का दे कर आगे हो गयी और उसकी सारी अपने आप नीचे हो गयी शोभा दीवार के साथ सट कर अपनी साँसों को संभालने में लग गयी बबलू के होंठो पर शोभा की चूत का पानी लगा हुआ था 

शोभा: देखो बस तीन और महीने इंतजार कर लो फिर हम दोनो माँ बेटी हमेशा के लिए तुम्हारी है जाओ मूँह हाथ धो लो और नाश्ता कर लो

बबलू बेचारा उदास हो कर रह गया उस्दिन के बाद से उसे स्टेशन पर सुसमा भी नज़र नही आई थी नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे आकर सो गया दोपहर के 2 बजे रेणु स्कूल से आ गयी थी शोभा बबलू को नीचे दोपहर के खाने के लिए बोल गयी जब बबलू ऊपर आया तो रेणु शोभा से किसी बात के लिए ज़िद कर रही थी उनकी बातें सुनता हुआ बबलू डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गया 

बबलू: अर्रे क्या बात है किस बात को लेकर बहस चल रही है 

शोभा: देखो ना कह रही है आज इसकी सहेली का बर्तडे की पार्टी है 

बबलू:तो जाने दो ना 

शोभा:जाने तो दूं पर रात के 8 बजे की बात कर रही है इतनी रात को कैसे जाने दूं

बबलू: हां ये बात भी सही है 

तभी फोन के बेल बज उठी शोभा ने फोन उठाया फोन महक का था 

महक:हेलो आंटी रेणु है आज मेरा बर्तडे है और में उसे पार्टी दे रही हूँ आप प्लीज़ उसे भेज देना

शोभा:पर इतनी रात को कैसे भेज दूं 

महक:आंटी चाहे तो आप भी साथ आ जाओ नही तो किसी के साथ ही भेज दो ज़रा मेरी बात तो कराना रेणु से

शोभा:हां एक मिनिट रेणु तुम्हारा फोन है 

और रेणु उठ कर फोन सुनने चली गयी जब थोड़ी देर बाद रेणु वापिस आई तो उसके बोलने से पहले ही शोभा बोल पड़ी 

शोभा:ठीक है चली जाना पर साथ में बबलू को लेकर जाना 

रेणु: खुश होते हुए थॅंक यू मोम और हां माँ कल से हमारी भी छुट्टियाँ शुरू हो रही हैं
,,,,,,,,,,,,,,,,,

दूसरी तरफ सीमा अपना सारा काम निपटा चुकी थी और अपने रूम में बेड पर लेटी हुई थी उसके फेस पर शिकन थी वो सोच रही थी क़ी जो उसने किया ठीक किया है अमित (सीमा का पति) मेरा कितना ख्याल रखते हैं और में उनके साथ धोखा कर रही हूँ पर में भी कब तक अपनी तमन्नाओं को मार -2 कर जीती रहूंगी सीमा इसी अधेड़ बुन में लगी हुई थी उसे समझ नही आ रहा था क्या सही है और क्या ग़लत सीमा इन्ही बातों को सोचते -2 सो गयी जब उसकी नींद खुली तो शाम के 5 बज चुके थे सीमा ने शाम को चाइ बना कर सब को दी और अमन के रूम में जाकर उसे बोला अमन में मार्केट जा रही हूँ तुम भी साथ चलो कुछ समान खरीदना है अमन तैयार होकर सीमा के साथ घर से निकल गया और सीमा मार्केट पहुँच कर घर का समान और सब्जयां खरीदने लगी जब सीमा और अमन घर वापिस आने लगे तो सीमा कुछ सोच कर बोली अमन एक काम करो ये पैसे लो और मेडिकल की दुकान से वियाग्रा की टॅब्लेट्स ले आ 

अमन: वियाग्रा ये किस चीज़ की मेडिसिन है 

सीमा; पहले लेकर तो आ घर जाकर बताती हूँ 

अमन पैसे लेकर मेडिकल स्टोर पर वियाग्रा लेने चला गया फिर दोनो घर की तरफ चल पड़े शाम ढल चल चुकी थी सर्दियों में अंधेरा जल्दी छा गया था 

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दूसरी तरफ रेणु और बबलू दोनो तैयार होकर रात के 7 बजे घर से निकल पड़े आज पहली बार रेणु बबलू के साथ अकेली जा रही थी रेणु बहुत खुश थी पर बबलू का मूड उखड़ा हुआ था जब रेणु और बबलू महक के घर पहुचे तो गेट महक की माँ मीना ने खोला और उन्हे अंदर आने को कहा 

रेणु: नमस्ते आंटी जी

मीना: नमस्ते बेटा 

मीना वैसे तो यूपी की ही रहने वाली थी लेकिन उसने अपने शुरू के कई साल पंजाब में गुज़ारे थे जिसका असर उसकी भाषा में सॉफ दिखता था 

मीना:होर सूनाओ की हाल है

रेणु:जी ठीक हूँ महक कहाँ है 

मीना:ऊपर ही अपने रूम में अभी बुलाती हूँ

और मीना महक को आवाज़ लगाने लगी महक नीचे आ गयी और रेणु ने साथ लिया हुआ गिफ्ट देते हुए उसे बर्तडे विश किया बबलू ने भी उसे विश किया थोड़ी देर बाद कुछ और लोग उनके घर पर आ गये पार्टी शुरू हो चुकी थी सब एक दूसरे से बात कर रहे थे रेणु महक के साथ बिज़ी थी बबलू एक कोने में सोफे पर बैठ रेणु और उसकी सहेलियों के जिस्मो को आँखों से नाप रहा था तभी मीना हाथ में कॉफी की ट्रे लेकर बबलू के सामने आई और झुक कर अमन को कॉफी देने लगी

मीना ने सलवार कमीज़ पहना हुआ था जैसे ही मीना झुकी उसका दुपट्टा कंधे से सरक गया और उसकी बड़ी-2 चुचियाँ बबलू की आँखों के सामने आ गयी 38 साइज़ की चुचियाँ ब्लॅक कलर के ब्रा में कसी हुई थी और बाहर आने को मचल रही थी मीना जल्दी से सीधे हो गयी और मन में बबलू को गाली देते हुए कह रही थी साला अपनी माँ की उमर की औरत पर भी बुरी नज़र रखता है कैसे गंदी नज़र है और मीना कॉफी देकर चली गयी धीरे-2 सभी लोग जाने लगे अब रेणु और बबलू ही बचे थी रात के 8:00 बज रहे थे बाहर ठंडी हवा चल रही थी 

रेणु:अच्छा आंटी जी हम भी चलते हैं 

मीना:अर्रे रूको बेटा हमें भी बाज़ार से कुछ समान लेना है हम भी साथ चलते हैं 

उसके बाद महक उसकी माँ मीना रेणु और बबलू के साथ घर लॉक करके निकल गये रास्ते में चलते-2 रेणु मीना आंटी से उसके पति के बारे में पूंछ रही थी मीना का हज़्बेंड भी गवरमेंट एंप्लायी था और अक्सर सरकारी काम से कई-2 दिन आउट ऑफ स्टेशन रहता था कई सालों की जिंदगी के बाद उसकी सेक्स लाइफ ना के बराबर रह गयी थी मीना का एक लड़का और एक लड़की थी लड़का जो कि बोरडिंग स्कूल में था चारो ने बस स्टॅंड पहुँच कर लोकल बस पकड़ ली छुट्टी का टाइम था इसीलिए बस में बहुत भीड़ थी सबसे पहले रेणु बस में चढ़ि फिर महक उसके बाद मीना और आख़िर में बबलू बस में चढ़ा बस एक दम भरी हुई ही मीना उँची कद काठी की औरत थी ना तो पतली थी और ना ही बहुत ज़यादा मोटी पर उसका बदन भरा पूरा था पेट पर चर्बी भी थी पर बहुत ज़्यादा नही गान्ड बाहर कीतरफ निकली हुई थी बबलू को ऐसी औरतें बहुत पसंद थी जिनकी गान्ड बड़ी हो बबलू मीना के पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपने लंड जो अभी खड़ा नही था मीना की गान्ड पे सलवार के ऊपर से धीरे-2 रगड़ने लगा 


मीना को उसी समय पता चल गया कि ये लड़का एक दम चोदू किस्म का है मीना थोड़ा आगे होना चाहा पर आगे जगहा नही थी अब मीना कुछ नही कर सकती थी वो बस सोच रही थी जल्दी से उसका स्टॉप आ जाए और वो उतर जाए थोड़ी ही देर में बबलू का लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया और आगे खड़ी मीना की गान्ड की दरार में रगड़ खाने लगा बबलू मीना से एक दम चिपक कर खड़ा हो गया बबलू के पीछे भी बहुत भीड़ थी मीना बींच में फँस गयी थी बबलू ने चारो तरफ देख कर धीरे से अपना हाथ नीचे करके मीना की कमीज़ के पल्ले को ऊपर उठा दिया और अपना लंड सीमा की सलवार के ऊपर से उसकी गान्ड की दरार में फँसा दिया मीना के पैर काँपने लगे मीना ने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी लंड का सुपाडा बबलू की पेंट के अंदर से मीना की गान्ड के छेद पर सलवार के ऊपर जा टिका मीना के जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी वो ना चाहते हुए भी गरम होने लगी थी सीमा ने सर्दी होने के कारण शॉल ओढ़ रखी थी बबलू ने अपना हाथ मीना की कमर पर रख दिया मीना को गुस्सा भी आ रहा था और हैरानी भी हो रही थी कि इतनी सी उम्र में इतनी हिम्मत कि अपनी माँ की उम्र की औरत के साथ ऐसी हरकतें कर रहा है 


बबलू ने अपना हाथ बढ़ा कर मीना के पेट पर रख दिया जिसके ऊपर शोल्ल थी और धीरे-2 अपना हाथ ऊपर लेजाने लगा बबलू नीचे से हल्के-2 धक्के मार रहा था जैसे ही बबलू ने झटका मारा बबलू का लंड सरक कर मीना की सलवार के ऊपर से उसकी चूत के होंठों पर रगड़ खा गया मीना की आँखें बंद हो गयी उसके बदन में करेंट की लहर दौड़ गयी अपनी अधेड़ उम्र की चूत पर जवान लंड की दस्तक पा कर उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया बबलू पेट से हाथ हटा कर नीचे ले गया और अपने लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ कर मीना की गान्ड पर सलवार के ऊपर से रगड़ने लगा बबलू ने झुक कर धीरे से मीना के कान में कहा आंटी बहुत मज़ा आ रहा है ज़रा सी टाँगें खोल लो ना मीना की जांघे आपस में सटी हुई थी वो नही चाहती थी कि उसका लंड उसकी चूत तक पहुँचा पर कई मिनिट से गान्ड के छेद पर रगड़ खा रहे बबलू के लंड ने मीना को एक दम गरम कर दिया था उसके पैर ढीले पड़ चुके थे और अपने आप ही उसकी जांघे खुल गयी बबलू ने अपना हाथ मीना की गान्ड पर रख दिया और धीरे उसकी गान्ड को सहलाने लगा फिर बबलू ने बीच वाली उंगली को मीना की गान्ड की दरार में डाल कर गान्ड के छेद को धीरे-2 कुरेदने लगा मीना की साँसें तेज़ी से चलने लगी जांघे खुल चुकी थी

बबलू ने मोके का फ़ायदा उठाते हुए अपने लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ा और उसके हाथ की एक उंगली को गान्ड के छेद से सहलाते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा और चूत के होंठो को फैला कर बबलू की उंगली सीधा उसकी चूत के छेद पर जा टकराई बबलू को चूत के छेद का आंदज़ा होते ही बबलू ने अपने लंड को वहाँ पर टिका दिया और हाथ को फिर से सीमा की शॉल के अंदर पेट पर रख दिया और धीरे-2 ऐसे ही धक्के लगाने लगा जैसे कि वो बस चलने के कारण हिल रहा हो


मीना की चूत से पानी बह कर उसकी सलवार को भीगोने लगा था सीमा की आँखें बंद थी ना चाहते हुए भी उसे बहुत मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद बबलू ने अपना लंड हाथ मे लिया और हाथ नीचे लेजा कर उसके चुतड़ों के नीचे से उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत के छेद को उंगलियों से सहलाने लगा बबलू और रेणु का स्टॉप नज़दीक आ चुका बबलू थोडा सा पीछे हट कर खड़ा हो गया और रेणु और बबलू अपने स्टॉप पर उतर गये बबलू रेणु को घर छोड़ कर अपने ऑफीस स्टेशन के लिएनिकल गया 


दूसरी तरफ सीमा घर पर सब लोग खाना खा चुके थे रात के 9 बज चुके थे सीमा के ससुर ने सीमा को कहा बहू हम ज़रा गली में टहल कर आते हैं आज खाना कुछ ज़्यादा ही हो गया और सीमा के सास ससुर बाहर टहलने के निकल गये सीमा झूठे बर्तन उठा कर किचन में रख रही थी अमन भी सीमा की मदद कर रहा था सीमा बर्तन सॉफ करने लगी अमन वहीं किचन के सामने बैठा सीमा को देख रहा था सीमा ने सलवार और ऊपर एक लंबी सी टी-शर्ट पहन रखी थी सीमा ने मूड कर अमन की तरफ देखा अमन ने नज़रें झुका ली सीमा मुस्कुराने लगी और बर्तन सॉफ करके हाथ पूंछ कर अमन के पास आकर खड़ी हो गयी 

सीमा: क्या देख रहे थे चोरी-2 

अमन:हड़बड़ाता हुआ) कुछ नही 

सीमा: बस थोड़ा सा और इंतजार कर लो और सीमा के होंठो पर कामुक मुस्कराहट आ गयी
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