ब्रा वाली दुकान
06-09-2017, 01:56 PM,
#21
RE: ब्रा वाली दुकान
अब की बार शाज़िया ने एक बार डरते डरते बाहर देखा और उसे विश्वास हो गया कि अब अंदर कोई नहीं आएगा जब शाज़िया को विश्वास हो गया कि अब अंदर कोई नहीं आएगा तो वह अब फिर चोर नज़रों से पैन्टी देखने लगी, मगर उसकी नज़रें पैन्टी की बजाय उस पर लगे हुए मोटे ताज़े लंड पर थीं। अब मैंने अंतिम वार करने की ठानी और मैंने पैन्टी उठाकर उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर शाज़िया के आगे किया और कहा शाज़िया जी यह देखें तो सही आप क्या ज़बरदस्त चीज़ है .... उसका आकार भी शानदार है, मेरे विचार से आपके प्रेमी के पास भी इतना बड़ा नहीं होगा जितना बड़ा यह लगा हुआ है .. लेकिन फिर भी यदि आपको यह छोटा लग रहा है तो मेरे पास और भी ऐसी पैन्टी पड़ी हैं जिन पर इससे भी बड़े आकार का लगा हुआ है .... आप कहती हैं तो मैं आपको वह दिखाऊ ?? मेरी बात सुनकर शाज़िया एकदम बोली, नहीं नहीं .... यह भी तो काफी बड़ा है। इससे बड़ा नहीं चाहिए। शाज़िया की ये बात सुनकर मेरे लंड को तसल्ली हुई कि अब शाज़िया चूत मिलना अधिक दूर नहीं है। अब मैंने अपना हाथ शाज़िया हाथ पर रखा जो हल्का हल्का कांप रहा था, शाज़िया हाथ पकड़ कर कहा शाज़िया जी उसकी लंबाई नहीं मोटाई भी जाँच लें हाथ लगाकर। यह कह कर मैंने शाज़िया का हाथ पैन्टी में लगे लंड पर लगा दिया। जिससे शाज़िया को एक झटका लगा और उसने अपना हाथ जल्दी हटा लिया जैसे उसे कोई 440 वोल्ट का झटका लग गया हो। 

उसके इस रिएक्शन पर मैं हंसा और बोला अरे शाज़िया जी इससे डरने वाली कौनसी बात है, यह तो नकली है, असली थोड़ा ही है। अच्छा यह लो, तुम खुद पकड़ कर देख लो, मैं पीछे हट जाता हूँ, यह कह कर मैं थोड़ा पीछे होकर खड़ा हो गया। अब शाज़िया के चेहरे पर परेशानी समाप्त हो चुकी थी लेकिन थोड़ी शर्म बाकी थी और उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो रहा था, हल्की सी मुस्कान भी उसके चेहरे पर थी। वह कभी मेरी तरफ देखती और कभी लंड की ओर, फिर उसने धीरे धीरे अपना हाथ आगे बढ़ाया और वह लंड वाली पैन्टी उठा ली। और उसे उठा कर देखने लगी फिर वह थोड़ा हंसती हुई पहले की तुलना में थोड़ा विश्वास भरे अंदाज़ में बोली, क्या वाकई लड़कियाँ ये लेकर जाती हैं ??? मैंने कहा तो और क्या। यह लड़कियों के लिए ही तो बनी है। और शाज़िया जी उसका एक और उपयोग भी है। शाज़िया बोली वह क्या ??? मैंने कहा एक तो यह है कि दो लड़कियां हैं, जैसे नीलोफर और आप तो एक लड़की पहन कर दूसरी लड़की चो ....... मेरा मतलब है एक और लड़की को मज़ा दे सकती है ... और दूसरा इस्तेमाल उसका यह है कि लड़की और कोई न हो, तो घर पर अकेली हो, तो आप इस के फेस को उल्टा कर लें, उस पर लगा लंड ...... और सूरी ... मेरा मतलब है इस पर लगा डिल्डो अंदर की ओर हो जाएगा, तो आप पैंटी पहनें और लंड अपने आप खुद ही ले ..... मेरा मतलब समझ रही हैं न आप ???? घर में इस पैंटी को उल्टा करके पहन लें और किचन में, या घर के दूसरे हिस्से में अपने जरूरी काम करती रहे यह आपके अंदर ही होगा तो आपको आराम मिलता रहेगा। लेकिन अगर ज्यादा देर उसको अंदर दिखा तो किसी के सामने ही खत्म भी हो सकती हैं, यह कह कर मैं एक ठहाका लगाया और हंसने लगा। मेरे साथ शाज़िया भी अब हल्की आवाज के साथ हंस रही थी। 

अब वो मेरे से बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी। मैंने कहा शाज़िया जी कैसी लगी ये चीज़ ??? शाज़िया ने कहा है तो बहुत काम की, लेकिन कितने की है यह ??? मैंने कहा केवल 2500 की .. शाज़िया ने 2500 का सुना तो बोली यह तो बहुत महंगी है ... मैंने कहा आप कीमत न देखें, यह देखना आपको मज़ा कितना देगी यह। शाज़िया ने पैन्टी में लगे लंड की टोपी पर नजरें गढ़ाते हुए कहा मज़ा वास्तव मे देगी यह। फिर मैंने कहा शाज़िया जी आप बेवजह अपने प्रेमी को खुश करने के लिए ब्रा पैन्टी के सेट खरीद रही हैं। आपको मेरा अच्छा सुझाव है कि आप यह पैंटी अपने लिए खरीद लें, इससे आपको कम से कम मज़ा तो आएगा ही, और जब चाहें इस्तेमाल करें। और जहां तक प्रेमी को खुश करने वाली बात है तो वह आपको मैंने पहले भी कहा है आप 500 मुझे दें,
और जो भी ब्रा पैन्टी सेट आपको अच्छा लगे वह पहन लें, मैं यहीं आपकी तस्वीरें बना दूँगा। मेरा भी लाभ हो जाएगा मुझे मुफ्त में 500 मिलेगा, आपका भी लाभ है, जो पैसे आप को प्रेमी को खुश करने के लिए खर्च करने हैं उन्हें आप अपने लिए यह डिल्डो वाली पैन्टी खरीद लें। मैं भी खुश, आप भी खुश और आपका प्रेमी भी खुश। 


अब की बार शाज़िया इनकार नहीं किया, लेकिन वह हाँ भी नहीं कर रही थी। मैं समझ गया कि शाज़िया का अब मन कर रहा है यह पैंटी खरीदने का मगर उसके प्रेमी को भी खुश करना है मगर मेरे सामने ब्रा पैन्टी पहनने मे वह हिचकिचा रही है। अब की बार में काउन्टर से बाहर निकला और उसके हाथ से वह पैन्टी पकड़कर काउन्टर पर रखी और उसका पसंद किया हुआ ब्रा पैन्टी सेट उठाकर शाज़िया को हाथ से पकड़कर ट्राई रूम तक ले गया, वह कुछ न बोली चुपचाप ट्राई रूम तक आ गई। मैंने इसे ट्राई रूम में धकेला और उसके हाथ में ब्रा पैन्टी सेट पकड़ा दिया, और कहा, बस उसको आप पहनें और बाहर आ जाएँ , मैं आपकी तस्वीर आपके ही मोबाइल से बना दूँगा ताकि आप अपने प्रेमी को भेज सकें वे तस्वीरें। 

यह कह कर में ट्राई रूम से थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। थोड़ी देर इंतजार किया लेकिन अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो मैंने कहा शाज़िया जी जल्दी करो मैं ज्यादा देर तक दुकान बंद नहीं सकता। शरमाएँ नहीं, कुछ नही होता, बस तस्वीर ही तो खींचनी हैं मुझ गरीब का भी लाभ हो जाएगा केवल 500 ही मांगा है आप से अब मेरी यह भावनात्मक भाषण खत्म नहीं हुई थी कि अंदर मुझे हलचल महसूस हुई, शाज़िया अपनी कमीज उतार कर साथ वाली खूंटी पर लटका चुकी थी, मुझे उसके हाथ नजर आए थे जो उसने कमीज उतारते हुए ऊपर उठाए थे। यह जानते ही कि शाज़िया ने कमीज उतार दी है और अब वह ब्रा पैन्टी पहन कर मेरे सामने आएगी, मेरे लंड ने एक अंगड़ाई ली और शाज़िया को सलामी देने के लिए तैयार हो गया, मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं आ रहा था कि अब कुछ ही देर बाद शाज़िया जैसी सुंदर गोरी चिट्टी बड़े मम्मों वाली जवान स्त्री मेरे लंड के नीचे होगी। मैं उत्सुकता से दरवाजा खुलने का इंतजार कर रहा था .... समय जैसे रुक सा गया था और इंतजार जैसे खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था,

फिर अचानक दरवाजा खुला और मेरी आंखें और लंड दोनों ही शाज़िया की एक झलक देखने के लिए बेसब्री से ट्राई रूम की ओर उठ गये मगर शाज़िया बाहर न निकली थोड़ा आगे बढ़ा तो उफ़ ....... सुंदर दृश्य था अंदर। 

शाज़िया का गोरा बदन काले रंग का ब्रा पैन्टी सेट कयामत ढा रहा था। डोरी वाला ब्रा शाज़िया की गर्दन के पीछे बंधा हुआ था और कमर से होता हुआ कमर के पीछे साइड पर भी शाज़िया ने कौशल से डोरी बाँध ली थी। शाज़िया चेहरा मेरी तरफ ही था मगर पीछे लगे शीशे से उसकी कमर और गाण्ड भी दिख रही थी। शाज़िया के मम्मे वाकई बहुत बड़े थे। उसका बैंड आकार यानी छाती का आकार तो 34 ही था मगर उसके मम्मों का आकार बहुत बड़ा था जिसकी वजह से वह 34 डी ब्रा पहनती थी, और अगर सदस्यों को ब्रा आकार मापने का अनुभव हो तो वे जानते होंगे, 34 डी आकार के मम्मे 36 बी या महज 36 आकार के मम्मों से बड़े होते हैं।


शाज़िया के मम्मे उसके ब्रा में बहुत सुंदर लग रहे थे और उसकी क्लीवेज़ लाइन जो काफी अधिक एक्सपोज थी वह बहुत गहरी थी। इस काले सुंदर ब्रा के ऊपर से शाज़िया ने एक नेट की छोटी शर्ट पहन रखी थी जो बहुत बारीक थी और उसके आर-पार सब कुछ दिखता था वह केवल सुंदरता के लिए बनाई गई थी। नीचे शाज़िया का पूरा पेट नंगा था और पेट के नीचे उसकी ब्लैक जी स्ट्रिंग पैन्टी थी जिसका सामने वाला हिस्सा मात्र शाज़िया की छोटी योनी को ढांप पा रहा था जबकि दुम एक पतली रेखा के रूप में शाज़िया के चूतड़ों के बीच की लाइन में गुम हो चुका था । पैन्टी के ऊपर एक छोटा स्कर्ट था। यह भी ठीक नेट का था जो वास्तव में सिर्फ खूबसूरती के लिए ही था मगर सुंदरता बहुत स्पष्ट दिख रही थी। 

जब मैंने शाज़िया का सामने पाकर उसका जायज़ा लिया तो अब मैं शाज़िया बोला आ ..... आप ...... ख। । । । बा ...... बाहर आ ... शि ..... शी ..... शाज़िया जी .... इस बार मेरी अपनी आवाज भी कांप रही थी, मगर शाज़िया वहां से हिलने का नाम ही नहीं ले रही थी। अबकी बार मैंने हिम्मत की और शाज़िया का हाथ पकड़ लिया, उफ़ ..... क्या नरम और नाजुक हाथ था उसका। ऐसा लग रहा था किसी छोटे बच्चे का प्यारा सा हाथ पकड़ लिया हो जो बहुत नरम और मुलायम होता है। शाज़िया का हाथ भी ऐसा ही नरम और नाजुक था जैसे कभी उसको किसी ने छुआ तक नहीं हो मगर उसके हाथ की गर्मी बता रही थी कि शाज़िया इस समय बहुत गर्म हो रही है। वास्तव में यह उसकी चूत की गर्मी ही थी जिसने शाज़िया को मेरे सामने ब्रा पैन्टी पहनने के लिए मजबूर कर दिया था। मैंने शाज़िया को हाथ से पकड़ कर बाहर खींचा ... अब शाज़िया बिल्कुल मेरे सामने खड़ी थी।


मैंने शाज़िया कंधों पर हाथ रख लिए और बोला, उफ़ शाज़िया जी ..... कितना सुंदर शरीर है आपका, जब आपको पहली बार देखा था मुझे अंदाजा हो गया था कि आपका नसवानी हुश्न कमाल का होगा, लेकिन आज जब आपका सीना अपनी आंखों के सामने देख रहा हूँ तो यह तो मेरे अनुमान से भी अधिक सुंदर और सेक्सी है। शाज़िया थोड़ा कसमसाई और बोली- वो तस्वीरें ..... यह सुनकर मुझे होश आया और मैंने कहा जी, जी वह भी बनाता हूँ ... आपका कैमरा ??? यह सुनकर शाज़िया वापस ट्राई रूम की तरफ मुड़ी। पहले तो उसकी गाण्ड और कमर शीशे में देखी थी मगर अब सामने ही उसकी पतली कमर और 32 गाण्ड दिखी तोमेरा लंड तुरंत उसकी गाण्ड की तरफ लपका, लेकिन अफसोस कि वह इतना लंबा नहीं था कि इतनी दूर जाकर उसकी गाण्ड की चुदाई कर सकता

मेरे आंडो के साथ जुड़ा होने के कारण मेरा लंड वहीं रुक गया और शाज़िया की गाण्ड तक न पहुंच सका। शाज़िया ट्राई रूम में गई और वहां पड़े अपने शोल्डर बैग से अपना मोबाइल निकाल कर मेरे सामने आ गई और कैमरा ऑन कर मेरे हाथ में मोबाइल थमा दिया। और खुद मुझसे थोड़ा दूर हटकर खड़ी हो गई। अब उसकी शर्म काफी हद तक दूर हो चुकी थी।
Reply
06-09-2017, 01:56 PM,
#22
RE: ब्रा वाली दुकान
पीछे हटकर उसने पहले तो अपने पीछे की जगह को देखा और फिर एक पैर थोड़ी आगे निकालकर टाँग पर टाँग रख कर खड़ी हो गई और मैंने उसकी पहली फोटो बना ली। फिर शाज़िया अलग अलग पोज़ बनाती रही और मैं उसकी तस्वीर बनाता रहा। फिर शाज़िया के थोड़ा सा करीब हुआ और उसके बूब्स के पास कैमरा करके मम्मों को फोकस किया और बूब्स की भी 4, 5 तस्वीरें बना डाली फिर मैंने शाज़िया को कहा कि वह मम्मों के ऊपर का जैकेट उतार दे खाली ब्रा में खड़ी हो जाए। शाज़िया ने उत्साह मे जैकेट उतार दी और फिर पॉज़ बना कर खड़ी हो गई। जैकेट के बिना खाली ब्रा में भी उसकी तस्वीरें बनाई, फिर पैन्टी के ऊपर मौजूद स्कर्ट को उतार कर उसकी योनी और चूतड़ों की भी तस्वीरें बनाई फिर शाज़िया ने कहा अब किसी और ब्रा पैन्टी में चित्र बनाओ तो मैंने शाज़िया को एक और सेट उठा दिया जो उसने ट्राई रूम में जाकर 2 मिनट में ही बदल लिया और वापस आकर फिर पोज़ मारने लग गई। इस सेट में भी उसके काफी फोटो बनाए और फिर उसने एक और ब्रा पैन्टी की फरमाइश कर दी

मजबूरन उसे तीसरा सेट भी दिया और उसमें भी तस्वीरें बना डाली अभी तक कोई 100 से 150 तस्वीरें शाज़िया बनवा चुकी थी जबकि मेरा लंड अब थक हार कर बैठ गया था। मुझे शाज़िया को चोदने की जल्दी थी मगर शाज़िया को तस्वीरों की पड़ी हुई थी। जब तीसरे सेट में भी शाज़िया काफी तस्वीरें बना ली तो मैंने शाज़िया को कहा शाज़िया जी अब आप ऐसे अपने हाथ अपने मम्मों पर रख लें और उन्हें पकड़ कर सेक्सी रूप बनाएँ तो आपकी फोटो बनाता हूँ। 

मैंने शाज़िया के सामने पहली बार मम्मों शब्द बोला था मगर उसने उसको नोटिस नहीं किया लेकिन तुरंत ही अपने मम्मों को अपने हाथों से पकड़ कर ऐसी आकृति बना ली जैसे उसे बहुत मज़ा आ रहा हो। अब मेरे लंड ने फिर सिर उठाना शुरू किया क्योंकि अब मैं शाज़िया को फिर से चुदाई के लिए तैयार करने वाला था। शाज़िया की कुछ तस्वीरें मम्मे पकड़ कर बनाने के बाद मैंने शाज़िया से कहा कि शाज़िया जी अपने चूतड़ बाहर निकाल कर खड़ी हो जाएं और उन पर हाथ रखकर भी सेक्सी रूप बनाएँ 5, 10 तस्वीरें ऐसी बन जाने के बाद मैंने शाज़िया को कहा कि अब एक और काम करें जिससे आपका प्रेमी पागल हो जाएगा। शाज़िया ने कहा वह क्या ??? मैंने कहा अब आप अपना ब्रा उतार दें और अपने हाथों से अपने मम्मे छुपा लें .. शाज़िया ने कहा ना बाबा ना, ऐसी तस्वीर नहीं बनवानी मुझे . शाज़िया का इनकार सुनकर आगे बढ़ा और मैंने कहा शाजिया जी शरमाने की क्या जरूरत है, आप तो करें सही, यह कह कर मैंने शाज़िया की ब्रा का कमर से खुद ही हुक खोल दिया और उसका मुंह दूसरी तरफ कर उसका ब्रा उतार दिया। मगर मैं ज्यादा आगे नहीं हुआ और शाज़िया को कहा अब अपने हाथों से अपने मम्मे छुपा लें और मुंह मेरी ओर कर लें ... 

शाज़िया का ब्रा तो उतर ही चुका था और उसने ब्रा उतरते ही अपने बूब्स पर हाथ रख लिए थे अब केवल उसने सिर्फ़ अपना चेहरा ही ऊपर करना था, वह भी उसने थोड़ी सी झिझक के बाद ऊपर कर लिया तो मैंने उसकी तस्वीरें बनाना शुरू कीं और काफी ज़्यादा तस्वीरें बना डाली फिर मैंने शाज़िया को कहा कि वह नीचे फर्श पर ऐसे बैठ जाए जैसे कोई जंगली बिल्ली अपने शिकार के लिए आती है, शाज़िया ने कहा मगर इससे मुझे अपने हाथ हटाने पड़ेंगे ??? मैंने कहा तो क्या हुआ, जब आप इस शैली में आएँगी तो आपके मम्मे नीचे होंगे और सामने से इसी तरह दिखाई देंगे जैसे ब्रा पहना हो तो क्लीवेज़ दिखती है, यह सुनकर शाज़िया घुटनों के बल बैठ गई मगर अब तक उसने अपने हाथ नहीं हटाए थे, फिर एकदम से उसने अपने हाथ बूब्स से हटाए तो मेरी नज़र शाज़िया के छोटे नपल्स पर पड़ी, लेकिन यह दृश्य में अधिक देर तक नहीं देख सका क्योंकि शाज़िया तुरंत ही हाथ जमीन पर रखकर झुक गई थी और उसने अपना मुंह जंगली बिल्ली की तरह बना लिया था, उसके लंबे बाल भी आगे आ गए थे जो उसके मम्मों को छुपा रहे थे। मैंने कुछ तस्वीरें बनाने के बाद आगे बढ़कर उसके बाल पकड़े और उन्हें जूडे के रूप में लपेट कर उसके सिर के पीछे बांध दिया और अब फिर से आगे आकर उसकी तस्वीरें बनाई अब उसके मम्मे काफी स्पष्ट दिख रहे थे और उसकी पतली पतली निप्पल भी दिख रहे थे। फिर मैं शाज़िया को कहा कि अब सीधी खड़ी हो जाती और अपने बूब्स को अपने हाथों की बजाय अपने बालों से छिपा लो। 

यह सुनकर शाज़िया ने अपना पूरा हाथ अपने सीने पर रख कर अपने दोनों बूब्स को छुपाया फिर अपने बाल खोलकर आगे करके दोनों मम्मों के आगे किया और फिर अपना हाथ बूब्स से हटा लिया। मैंने आगे बढ़ कर उसके बालों को उसके मम्मों के ऊपर सेट किया और बहाने से उसके मम्मों को हल्का सा छुआ, लेकिन शाज़िया ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 
Reply
06-09-2017, 01:56 PM,
#23
RE: ब्रा वाली दुकान
उसके मम्मों को बालों से ढक कर उसकी तस्वीरें बनाने के बाद मैंने शाज़िया से कहा कि अब ऐसा करो, यह पैन्टी उतार दो, और जो दूसरी पैन्टी है लंड वाली वह पहनें, ताकि आपके प्रेमी को भी पता हो कि आपके पास अपना पर्सनल लंड भी मौजूद है तो उसके लंड की मोहताज नहीं है। मैंने जानबूझ कर 3 बार शब्द लंड बोला। इस पर शाज़िया ने भी एक ठहाका लगाया और बोली में बिल्कुल शी मेल लगूँगी लंड वाली पैन्टी पहन कर। मैंने कहा कोई बात नहीं, एक साहसिक फोटो भी सही। शाज़िया ने कहा ठीक है लाओ वह पैन्टी ला दो। मैंने शाज़िया को वो पैन्टी दे दी तो शाज़िया ने वह पैन्टी लंड से पकड़ी और अंदर चली गई। कुछ ही देर के बाद शाज़िया वही पैन्टी पहने बाहर निकली तो उसकी हंसी नहीं रुक रही थी, वह बार-बार अपने हाथ से लंड पर एक थप्पड़ मारती और हंसने लग जाती। और आश्चर्यजनक रूप से उसने अब तक अपना ब्रा भी नहीं पहना था और उसके बाल भी पूरी तरह से उसके मम्मों को नहीं कवर रहे थे, शाज़िया के निपल्स बहुत स्पष्ट नजर आ रहे थे। 

मैं ने पूछा शाज़िया से कि क्या हुआ शाज़िया जी, लगता है आप को ये लंड बहुत पसंद आ गया है। शाज़िया हंसती हुई बोली, नहीं मुझे बस हंसी आ रही है, ऊपर मम्मे और नीचे लंड ... ऐसा तो बस फिल्मों में ही देखा था, आज मैं ही शी मेल बन गई हूं। मैंने कहा आपने शी ईमेल वाली फिल्में देखी हैं। तो शाज़िया ने कहा हां देखी हुई हैं। मैंने कहा यह तो शी मेल अपने लंड से पुरुषों को भी चोद देती हैं। शाज़िया फिर से हंसने लगी और कहा वही देखकर तो हंसी आती है .. । । । । । मैंने कहा फिर तो शाज़िया जी में आपका लंड चूसना चाहते हैं। इस पर शाज़िया ने अपनी गाण्ड बाहर निकाली और पैन्टी में लगे लंड को हाथ से पकड़ कर मेरी ओर करके सेक्सी आवाजें निकालते हुए बोली, हां जानू आ जाओ ना प्लीज़, मेरा लंड मुंह में लेकर चूसो .... आह ह ह ह .... .ज़ोर से चूसो मेरा लंड ... । । । । यह कह कर शाज़िया फिर से हंसने लगी। 


अब और देर करने का कोई फायदा नहीं था वैसे ही समय 3 से ऊपर का हो चुका था और 4 बजे मुझे फिर से दुकान खोलनी है। मैं तुरंत आगे बढ़ा और शाज़िया के सामने जा कर घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों से शाज़िया की भरी हुई मुलायम बालों से मुक्त जांघों को पकड़ लिया और उसकी पैन्टी पर लगा लंड अपने मुँह में लेकर उसको चूसने लगा। शाज़िया ने मेरा सिर पकड़ लिया और मेरे सिर को लंड पर जोर से मारने लगी जैसे फिल्मों में पुरुष लड़की का सिर पकड़ कर अपने लंड पर मारते हैं। 

साथ ही साथ शाज़िया हंसती भी जा रही थी। मैंने थोड़ी देर शाज़िया के लंड को चूसा और इसी दौरान अपने हाथ उसकी गाण्ड पर भी ले गया और उसकी गाण्ड को हौले हौले दबाने लगा। मगर शाज़िया ने इस बात का बुरा नहीं माना .... फिर मैंने शाज़िया के लंड को मुंह से निकाला और उससे पूछा शाज़िया जी आपने कभी किसी का लंड चूसा है ... शाज़िया फिर हंसने लगी और फिर बोली, हां मगर थोड़ा-थोड़ा, वैसे नहीं जैसे फिल्मों में वे थूक फेंक फेंक कर चूसती हैं। अब मैं खड़ा हुआ और शाज़िया के बाल साइड से हटा कर उसके बूब्स को धीरे से पकड़ कर उन पर हाथ फेरने लगा। शाज़िया की साँसें अब धीरे धीरे तेज होने लगीं और उसकी हंसी गायब हो रही थी। मैंने फिर शाज़िया से कहा शाज़िया जी आपके मम्मे तो बहुत प्यारे हैं, और इनका आकार बहुत मस्त है।
Reply
06-09-2017, 01:57 PM,
#24
RE: ब्रा वाली दुकान
शाज़िया ने तेज तेज सांस लेते हुए कहा हां यासिर को भी मेरे मम्मे बहुत पसंद है, वह उन्हें बहुत शौक से चूसता है ... यह कहते हुए शाज़िया की नजरें अपने मम्मों पर थीं। मैंने कहा शाज़िया जी में भी चुसूँ आपके मम्मे ??? शाज़िया ने कोई जवाब नहीं दिया बस अपने निचले होंठ को दांतों में लेकर काटने लगी और उसकी पिटी पिटी साँसों से उसका सीना धौंकनी की तरह चलने लगा। वो कहते हैं ना कि लड़की की चुप्पी में हां होती है। 

तो मैंने भी शाज़िया की चुप्पी को उसकी हां समझा और उसके मम्मों पर झुक कर उसके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर उस पर धीरे धीरे अपनी ज़ुबान फेरने लगा जिससे शाज़िया की सिसकियाँ शुरू हो गई थीं। अब मैंने शाज़िया के चूतड़ पर एक हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींच लिया और उसका मम्मा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। जब मैंने शाज़िया को अपनी तरफ किया तो उसका लंड मुझे अपने शरीर में चुभता लगा और मेरा लंड शाज़िया की जांघों पर लगने लगा जिसको उसने तुरंत ही अपने पैर के साथ मिलाकर जांघों में दबा लिया। कुछ देर शाज़िया के मम्मे चूसने के बाद मैंने अब शाज़िया के गुलाबी होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया तो शाज़िया ने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन के आसपास डाल दिए और मुझे भरपूर रिस्पांस देने लगी। कुछ देर होंठ चूसने के बाद शाज़िया ने खुद ही अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरी होंठों पर रखी तो मैंने अपना मुंह खोल कर उसको रास्ता दिया, मेरा मुंह खुलते ही शाज़िया ने अपनी जीभ मेरे मुँह में प्रवेश करा दी और उसको गोल गोल घुमाने लगी जबकि मेरे दोनों हाथ शाज़िया के चूतड़ों को दबाने में लगे हुए थे। फिर मैंने अचानक शाज़िया को चूतड़ों से पकड़ कर अपनी गोद में उठा लिया तो शाज़िया ने तुरंत ही अपने पैर मेरी कमर के आसपास लपेट लें और अब उसका चेहरा मेरे चेहरे से थोड़ा ऊपर हो गया मगर वह तुरंत ही अपना चेहरा मेरे चेहरे के ऊपर झुकाकर चुम्मा चाटी को जारी रखे हुए थी, वह लगातार मेरे होंठों को चूस रही थी और अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल कर मेरी जीभ अपनी ज़ुबान टकरा रही थी। 

कुछ देर में भी अपनी ज़ुबान शाज़िया के मुंह में डाल कर उसकी ज़ुबान को चूसा। उसके बाद मैंने शाज़िया को अपनी गोद से उतारा तो वह खुद ही मेरी कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिए और देखते ही देखते उसने मेरी कमीज उतार दी। कमीज उतारने के बाद शाज़िया ने खुद ही मेरी बनियान भी उतार दी। शाज़िया ने जिस तेजी से मेरी कमीज और बनियान उतारी इससे मुझे पता चल गया था कि शाज़िया की चूत में बहुत आग लगी हुई है। मेरी बनियान उतारने के बाद शाज़िया ने तुरंत अपनी ज़ुबान निकाली और मेरे सीने में मेरे सख्त हुए निपल्स पर फेरना शुरू कर दी जिससे मुझे मज़ा आने लगा। शाज़िया ने कुछ देर बारी बारी मेरे दोनों निपल्स पर अपनी जीभ फेरी और उन्हें मुंह में लेकर चूसा, उसके बाद वह नीचे बैठ गई और एक ही झटके में मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर मेरी सलवार नीचे कर दी। आदत के अनुसार मैंने अंडरवेअर नहीं पहना था मेरा 8 इंच का लंड स्प्रिंग की तरह शाज़िया के सामने आ गया। लंड देखते ही शाज़िया की आंखों में एक चमक आ गई और वह बोली, वाह ........ शानदार है तुम्हारा लंड .... मैंने कहा शाज़िया जी, बस आपकी चूत की आग बुझ जाए तो तब मानूंगा कि मेरा लंड जबरदस्त है ...


शाज़िया ने मेरी ओर देखा और बोली, यह मेरी ही नहीं नीलोफर की चूत की प्यास भी बुझा सकता है .... वाह ..... बहुत अच्छा है। लंबा और मोटा। मैंने कहा आपके प्रेमी का लंड कैसा है ??? तो उसने कहा लंबाई में तो वह तुम्हारे लंड से थोड़ा ही कम है, लेकिन इतना मोटा नहीं है वे जितना मोटा तुम्हारा लंड है। यह कह कर शाज़िया ने मेरे लंड की टोपी पर अपने होंठ रख कर उसको चूमा और फिर धीरे धीरे उसने मेरे पूरे लंड पर अपने होंठों से चूमना शुरू कर दिया। कुछ देर मेरे लंड को अपने होठों से चूसने के बाद शाज़िया मेरे आंडो को अपने हाथ में पकड़ कर मसला और उसे भी एक बार अपने मुँह में लेकर चूस कर छोड़ दिया और फिर खड़ी होने लगी। 
Reply
06-09-2017, 01:57 PM,
#25
RE: ब्रा वाली दुकान
मैंने कहा शाज़िया जी मुँह में डाल कर चूसो न मेरे लंड को ?? शाज़िया ने कहा नहीं में मुंह नहीं डालती मुझे घिन आती है। मैंने कहा शाज़िया जी बहुत मज़ा आएगा यकीन करो। शाज़िया ने मेरी ओर देखा और फिर सामने लगी दीवार को इंगित करके बोली समय भी देख लो, पहले ही बहुत देर हो चुकी है अब लंड चूसने का समय नहीं तो जल्दी जल्दी अब करने वाला काम करो। मैंने घड़ी की ओर देखा तो वाकई बहुत समय हो चुका था। शाज़िया के प्रेमी के लिए तस्वीरें बनाने के चक्कर में काफी समय बर्बाद हो गया था। अब शाज़िया ने खुद ही अपने लंड वाली पैन्टी उतार दी और काउन्टर के सामने मौजूद सोफे पर लेट कर उसने खुद ही अपनी टाँगें खोल ली में शाज़िया की योनी के ऊपर झुक गया और उसको देखने लगा। उसकी योनी बहुत प्यारी थी। हल्की गुलाबी और थोड़ी थोड़ी सी काले रंग की योनी इसमें चमकता हुआ सफेद पानी बहुत सुंदर लग रहा था। मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर शाज़िया की योनी के होंठों के बीच रखकर उसको चूसा तो मुझे लगा जैसे मेरी जीभ अब जलने लगेगी। शाज़िया ने अपनी दोनों पैर एक बार आपस में मिलाकर एक बड़ी सी सिसकी ली फिर बोली प्लीज़ यार, देर मत करो, बस अंदर डालो समय कम है ..


. मैं ने शाज़िया की चूत से अपना मुंह उठाया और मेरे लंड ने भी मुझे यही कहा कि उसकी चिकनी चूत चोदने का जो मजा है वह चाटने का नहीं, तो समय बर्बाद किए बिना जो भी शेष समय बचा है उसमें उसकी चूत को चोद लो, क्या पता फिर से ऐसी चिड़िया हाथ लगे या न लगे ... यह सोच कर मैंने अपने शेर जवान लंड को हाथ में पकड़ा और फिर न जाने क्या सोचकर शाज़िया के मुंह की ओर चला गया ... शाज़िया ने फिर हैरानगी से मेरी ओर देखा तो मैंने कहा बस एक बार उसे अपने मुंह में ले कर उसे गीला कर दो तो मैं तुम्हारी चूत में डाल कर ऐसा चोदुन्गा कि आप बार बार मेरे पास आओ करेंगी चुदाई करवाने ... शाज़िया ने बुरा सा मुँह बनाया और बोली नहीं मैं लंड नहीं चूसती ... मैंने कहा चूसने को नहीं कह रहा, बस एक बार इसे अपने मुंह में डाल लो, फिर तुरंत ही निकाल देना, बस गीला करना है उसे ... और जल्दी करो समय कम है, शाज़िया ने मेरी ओर नागवारी से देखा और बोली प्लीज़ .... डाल दो ना ... मैंने कहा शाज़िया जी समय कम है बर्बाद किए बिना उसे एक बार अपने मुंह में डाल लो, फिर ऐसी चुदाई करूँगा कि आप अपने प्रेमी को भूल जाओगी .... शाज़िया ने न चाहते हुए भी मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और बुरा सा मुंह बनाते हुए मेरा लंड को अपने मुंह में ले लिया ... उसके मुँह में गर्म गर्म सांसों से मेरे लंड को जैसे एक नया जीवन मिल गया और उसकी गीली गीली जीभ मेरी लंड पर महसूस हुई तो मुझे करंट सा लगा, लेकिन यह मज़ा थोड़ी देर का था, शाज़िया ने लंड अपने मुँह से निकाल लिया और चिल्लाकर बोली अब अपनी माँ को चोदो आके करो ..... 

शाज़िया बात सुनकर मुझे गुस्सा आने की बजाय हंसी आने लगी ... शाज़िया की इस बात से उसकी कामुकता स्पष्ट हो रही थी कि वह लंड अपनी चूत में लेने के लिए कितनी बेताब हो रही थी। मैंने शाज़िया की एक टांग उठाकर अपने कन्धे पर रखी और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर उसकी चिकनाहट का अनुमान लगाने लगा। उसकी चूत मेरे अनुमान से अधिक गीली थी। शाज़िया ने एक हल्की सी सिसकी ली और बोली प्लीज़ आराम से करना, मेरी चूत अब बहुत टाइट है और इतना मोटा और लंबा लंड मैंने पहले कभी नहीं लिया। मैंने कहा शाज़िया जी चिंता मत करो, आपको वह मज़ा दूँगा कि आप बार बार मुझसे चुदवाने आया करोगी। यह कह कर मैंने अपने लंड की टोपी को शाज़िया की नाजुक और टाइट चूत पर रख दिया और हल्का सा धक्का लगाया जिससे मेरी टोपी शाज़िया की नाजुक चूत में प्रवेश कर गई मगर उसकी हल्की सी चीख निकली। वह बोली आराम से प्लीज़ ... मैंने एक बार फिर से अपनी टोपी बाहर निकाल ली और फिर हल्का सा धक्का लगाया जिससे मेरी टोपी फिर से शाज़िया की चूत में चली गई और उसकी एक बार फिर चीख निकली जो पहली चीख कुछ हल्की थी। तीसरी बार फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और टोपी उसकी चूत में डाल कर हल्का सा धक्का लगाया कि केवल टोपी ही उसकी चूत में जाए। इस बार टोपी चूत में गई तो शाज़िया ने खुद ही अपनी गाण्ड ऊपर उठा कर अपना पूरा जोर लगाया जिसकी वजह से मेरा लंड थोड़ा और आगे शाज़िया चूत में उतर गया .... 
Reply
06-09-2017, 01:57 PM,
#26
RE: ब्रा वाली दुकान
मैंने शाज़िया देखा तो उसके चेहरे पर बहुत चिंता थी उसने कहा ना तरसाओ प्लीज़ जल्दी डाल दो अपना लंड मेरे अंदर ... यह सुनकर मैं शाज़िया ऊपर झुका और उसे अपना मुंह बंद रखने को कह कर उसके निप्पल अपने मुँह में ले लिया और थोड़ा लंड बाहर निकाल कर इस बार एक जोरदार धक्का लगाया जिससे आधे से अधिक लंड शाज़िया चूत में उतर गया और शाज़िया की एक जोरदार चीख सुनाई दी ... ओय माँ ..... मैं मर गई .... उफ़ .. एफ एफ ...... लंड बाहर निकाल लो प्लीज़, यह बहुत मोटा है ... आह ह ह ह ह ह .... मैंने शाज़िया के नपल्स को अपने दांतों में लेकर काटा तो शाज़िया की परेशानी के साथ साथ एक मजे से भरपूर सिसकी निकली। मैंने कहा शाज़िया जी अभी तो आधा लंड ही आपकी चूत में गया है, अभी से बस हो गई आपकी ...

शाज़िया परेशानी मे तेज़ी से बोली बहुत मोटा लंड है तुम्हारा ..... बाहर निकालो इसे ... मैंने कहा सोच लो, वास्तव में बाहर निकाल लूँ क्या ??? चुदाई नहीं करनी ... मेरी बात सुनकर शाज़िया ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने मुँह में अपने दोनों हाथ रख कर बोली हां बाहर निकाल लो, और फिर एक ही धक्के में सारा लंड मेरी चूत में उतार दो ... जो दर्द होना है एक बार हो जाए। 

शाज़िया की हिम्मत देखकर मैंने वास्तव में लंड बाहर निकाला महज टोपी को अंदर रहने दिया, और इस बार जो मैंने धक्का लगाया तो शाज़िया की आँखें बाहर आ गई और उसकी चीख उसके मुँह में ही दब गई। मेरा 8 इंच लंड शाज़िया की पतली सी चूत में उतर चुका था। वह अब मछली की तरह तड़प रही थी ... कुछ देर बाद उसने अपने होंठों से अपने हाथ को उठा लिया और भारी भारी सांस लेने लगी, जैसे किसी बच्चे को तेज मिर्च वाला निवाला खिलाओ तो वह मिर्च के कारण आह ह ह ह आह ह ह ह करता है और पानी मांगता है, कुछ ऐसी ही स्थिति शाज़िया की थी वह पानी तो नहीं मांग रही थी मगर तेज तेज साँसों के साथ आह आह .... ओय ..... मैं मर गई ..... इतना मोटा .... अन्याय ....... आह ह ह ह ह ह .... उफ़ एफ एफ एफ ....... धीरे धीरे करो उसको मेरे अंदर .... यह सुनकर मैंने शाज़िया की चूत में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। 2 मिनट तक ऐसा करने के बाद शाज़िया की चूत फिर से पूरी गीली हो गई जो लंड डालने की परेशानी के कारण सूख गई थी। 

जैसे ही शाज़िया की चूत गीली हुई मेरा लंड कुछ धारा प्रवाह के साथ अंदर बाहर होने लगा और शाज़िया की हल्की-हल्की दर्दनाक मगर मजे से भरपूर सिसकियों का सिलसिला भी शुरू हो गया। यह देख कर मैंने अपने लंड की गति बढ़ा दी और शाज़िया के दोनों पैर अपने कंधों पर रख कर थोड़ा उसके ऊपर झुक गया और दे धक्के पर धक्का उसकी चूत का बेड़ा ग़र्क़ करना शुरू कर दिया।


मेरी गति जैसे-जैसे बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे शाज़िया की सिसकियाँ और आहें भी बढ़ने लगी थीं। मेरी दुकान उसकी आह ह ह ह ह ह ... आह ह ह ह ऊच .... .वाो ....... आह ह ह ह ह ऑफ एफ एफ एफ अन्याय ..... और तेज चोदो मुझे ..... वाव .......... यस .... यस .... यस ..... वाोवोवोवो .... आह ह ह ह ह ह ह ह .... आह ह ह ह ह ह ह उम म म म म म म, ..... उम म म म म म म .... वाोवोवोवो ..... एजीसी मी .... एजीसी मी ... ीतियस यस यस यस यस यस ......... अब शाज़िया अपनी गाण्ड को हिलाने की कोशिश कर रही थी मगर मैंने उसकी टाँगें अपने ऊपर उठा कर उसके ऊपर झुक कर अपना वजन डाला हुआ था जिसकी वजह से वे सही तरह से अपनी गाण्ड नहीं हिला पा रही थी। यह देख कर मैंने शाज़िया के पैर नीचे करके अपनी कमर के आसपास लपेट लिए और अपने धक्कों की गति पहले से बढ़ा दी जिस पर शाज़िया ने भी अपनी गाण्ड हिला हिलाकर चुदाई में मेरा साथ देना शुरू कर दिया।


क्या जबरदस्त चूत थी शाज़िया की जो समय बीतने के साथ पहले से अधिक चिकनी और पहले से अधिक गर्म होती जा रही थी। जैसे-जैसे मैं उसकी चुदाई कर रहा था वैसे-वैसे उसकी चूत की पकड़ मेरे लंड पर पहले से अधिक मजबूत होती जा रही थी। वह लगातार अपनी गाण्ड हिला हिला कर अपनी चुदाई करवा रही थी और मेरे लंड की सराहना भी कर रही थी ... फिर अचानक शाज़िया के चेहरे के रंग बदले और उसने अपनी गाण्ड को और तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और अपनी चूत की पकड़ मेरे लंड पर काफी मजबूत कर दी। मैं समझ गया था कि शाज़िया की चूत अब झड़ने वाली है तो मैंने भी अपने धक्कों की गति तेज कर दी। शाज़िया की आवाज अब कुछ अजीब सी हो गई थीं, बे ढंग सी आवाज के साथ उसके चेहरे का रंग भी लाल हो गया था फिर अचानक उसने मेरा लंड अपनी चूत में कसकर जकड़ लिया और अपनी गाण्ड की गति रोक ली .... मगर उसकी चूत को और बाकी शरीर को हल्के हल्के झटके लगने लगे .... उसकी चूत छूट चुकी थी और उसकी चूत के पानी से मेरे लंड की गर्मी और भी बढ़ गई थी। 
Reply
06-09-2017, 01:57 PM,
#27
RE: ब्रा वाली दुकान
जब शाज़िया का शरीर झटके खा चुका, और उसका सारा पानी निकल गया तो मैंने अब उसे सोफे से उठाया और खुद सोफे पर बैठ गया। मेरा लंड अभी तना हुआ था। शाज़िया ने लंड को देखा और बोली तुम खत्म नहीं हुए अभी ??? मैंने कहा अभी कहाँ यार, अभी तो पार्टी शुरू हुई है ... इस पर वह खुश होती हुई बोली जबरदस्त ... मेरा प्रेमी तो एक बार में ही खत्म हो जाता है, लेकिन कभी कभी तो मेरे समाप्त होने से पहले ही वह खुद खत्म हो जाता है। मैंने कहा नहीं मेरी जान, अब में खत्म होने वाला नहीं है, तुम एक बार और खाली करवा कर फिर ही खत्म करूँगा में। यह कह कर शाज़िया को मैंने चूतड़ों से पकड़ कर अपनी गोद में बिठा लिया। शाज़िया ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ और उसकी टोपी को अपनी चूत के छेद पर सेट करके धीरे धीरे खुद ही उस पर बैठती चली गई। फिर जब पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया तो वह धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी। इससे उसको फिर से मजा आने लगा था और उसकी चूत जो पानी छोड़ने के बाद सूखी हो चुकी थी, लंड की गर्मी पाकर फिर चिकनी हो गई। 


चूत के चिकनी होते ही मैंने शाज़िया के चूतड़ों के नीचे हाथ रखकर उसको सहारा दिया और उसे थोड़ा ऊपर उठा कर नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। मेरे हर धक्के के साथ शाज़िया की सिसकियों में वृद्धि होती जा रही थी, मैंने सोफे के साथ टेक लगा ली थी और शाज़िया पैर फ़ोल्ड किए मेरी गोद में अपने चूतड़ थोड़े ऊपर उठा कर बैठी हुई थी ताकि नीचे से धक्के मारने के लिए मुझे सही दूरी मयस्सर हो। नीचे से शाज़िया की टाइट चूत में धक्के पे धक्का लगा रहा था और शाज़िया अपने मम्मे हाथ में पकड़ कर उनके नपल्स को मसल मसल कर डबल मजा ले रही थी। मैंने शाज़िया को चोदते चोदते पूछा कि आपको मेरा लंड मज़ा दे रहा है ना ?? इस पर शाज़िया ने मुझे प्यार से देखा और आगे बढ़कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर उन्हें चूसने लगी। यह इस बात का स्पष्ट संकेत था कि मेरे लंड की चुदाई से शाज़िया खूब मजे में थी। 

अब शाज़िया के हाथ मेरी गर्दन के आसपास थे और उसके होंठ मेरे होंठों से मिले हुए थे और मैं शाज़िया को कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींचे हुए था और मेरा लंड नीचे शाज़िया की चूत में रगड़ लगा लगा कर उसे गर्म कर रहा था । 5 मिनट में शाज़िया को अपनी गोद में बिठा कर उसकी चूत को चोदता रहा। फिर 5 मिनट के बाद मैंने शाज़िया को कहा कि अब मेरी गोद से उतरो तुम्हें और शैली में चोदना है। शाज़िया मेरी गोद से उतरी तो मैंने शाज़िया को कहा कि वह काउन्टर की ओर मुँह करके खड़ी हो जाए और अपनी टाँगें खोल ले। शाज़िया ने काउन्टर की ओर मुंह किया और अपनी टाँगें खोल कर अपनी गाण्ड बाहर निकाल ली। फिर शाज़िया ने पीछे मुड़कर देखा और बोली- अब जल्दी खत्म हो जाओ बहुत समय हो गया है। मैंने घड़ी की ओर देखा तो 4 बजने में महज 5 मिनट ही रह गए थे। वास्तव में शाज़िया को मेरी दुकान टाइमिंग से अधिक अपने समय की चिंता थी। 2 से 3 बजे के बीच आमतौर पर वह घर मौजूद रहती है मगर आज 4 बजने को थे मगर वह अभी तक घर नहीं पहुंची थी। एक बार उसके फोन कॉल भी आई थी घर से तो उसने यह कह दिया था कि वह नीलोफर के साथ कुछ देर कॉलेज में ही रुकेगी और आने में देर हो जाएगी। 

बहरहाल मैंने घड़ी की ओर देखा तो वाकई बहुत देर हो गई थी, मैंने सोचा कि अब एक बार फुल जान लगाकर शाज़िया को चोदना है और उसके बाद अपनी वीर्य शाज़िया की गोरी और भरी हुई गांड पर निकाल देना है। उसकी चूत में वीर्य डालने का जोखिम नहीं लेना चाहता था, जितनी टाइट उसकी चूत थी मेरा मन तो कर रहा था कि उसकी चूत में ही खत्म जाऊ मगर इस तरह वह गर्भवती हो सकती थी और मेरी वजह से उसको किसी किस्म की कठिनाई हो यह मैं नहीं चाहता था। शाज़िया ने काउन्टर की ओर मुंह किया और अपनी गाण्ड को बाहर निकाला तो मैंने उसकी चूत पर अपने लंड की टोपी सेट की और एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया। शाज़िया की हल्की सी सिसकारी निकली और वह बोली ओय माँ ...... क्या जबरदस्त लंड है यार तुम्हारा .... चोदो मुझे इस तेज तेज .... शाज़िया बात पूरी होते ही मेरा पूर्ण गति में शाज़िया की चूत में धक्के लगाना शुरू हो चुका था। साथ में शाज़िया के सुंदर चूतड़ों पर भी हाथ फेर रहा था। मेरे हर धक्के पर शाज़िया की एक आह ह ह ह ह निकलती .... बीच बीच में उसकी सिसकियाँ भी होती और वह आह ह ह ह ह .... ओह हु हु हु हु ... आवोच। । .. । । । । आह ह ह ह ह ...... आवाज भी निकाल रही थी ... मगर साथ ही वह मुझे यह भी कहती, जान बहुत मज़ा आ रहा है चोदते रहो मुझे यूं ही ..... आह ह ह ह ह ह ह ह ...... जोर से धक्के मारो मेरी चूत में आह ह ह ह ह ......
Reply
06-09-2017, 01:57 PM,
#28
RE: ब्रा वाली दुकान
अब मैं शाज़िया को उसके चूतड़ों से पकड़ चुका था और अपनी फुल स्पीड के साथ उसकी चूत में धक्के लगा रहा था। फिर मुझे लगा कि शाज़िया ने अपनी चूत को टाइट कर लिया है जिसकी वजह से उसकी चूत की दीवारों पर मेरे लंड का घर्षण बहुत अधिक बढ़ गया था फिर अचानक शाज़िया एक लंबी आह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह और उसकी चूत ने एक बार फिर मेरे लंड पर पानी छोड़ दिया .... शाज़िया का पानी अपने लंड पर देखा तो मेरे लंड की गर्मी और भी बढ़ गई, एक तो शाज़िया गर्म दहकती हुई चूत की गर्मी और ऊपर से शाज़िया चूत का गरम पानी .... इस गर्मी के सामने अब शाज़िया की टाइट चूत से मिलने वाली मलाई ने मेरे लंड को भी अंतिम सीमा तक पहुंचा दिया था। मैंने शाज़ियासे कहा शाज़िया जी बस मेरा लंड भी पानी छोड़ने वाला है .. शाज़िया ने कहा प्लीज़ अंदर न छोड़ना पानी ... बाहर निकाल देना ... शाज़िया मुंह में शुक्राणु को निकालने का सवाल ही पैदा नहीं होता था क्योंकि उसे लंड चूसना गवारा नहीं था तो वह वीर्य कैसे मुंह में ले सकती थी इसलिए मैंने 5, 6 तेज धक्कों के बाद अपना लंड शाज़िया की चूत से निकाल लिया और लंड हाथ में पकड़ कर उसकी मुठ मारने लगा .... 3, 4 सेकंड के बाद ही मेरे लंड से एक सफेद गाढ़ी वीर्य की धार निकली और सीधे शाज़िया के गोरे गोरे चूतड़ों पर जाकर गिरा ... फिर एक के बाद एक धार निकलती रही और शाज़िया की गाण्ड और कमर पर गिरती रही। जब सारा वीर्य निकल गया तो लम्बे सांस लेकर अपनी सांसें सही करने लगा। शाज़िया अभी काउन्टर की ओर मुंह किए हुए थी, वह भी काफी थक गई थी वह भी गहरी गहरी सांस लेकर अपनी सांसें सही कर रही थी। 

फिर कुछ देर के बाद शाज़िया सीधी खड़ी हुई और मेरी ओर बढ़ी, उसने मेरा चेहरा अपने दोनों नाजुक हाथों में लिया और थोड़ा पंजो के बल ऊपर होकर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, मेरे होंठ चूस कर बोली, बहुत बहुत धन्यवाद, बहुत मज़ा दिया है आज आपने 

ऐसी चुदाई तो यासिर ने आज तक नहीं की। मैंने शाज़िया पूछा कि शाज़िया जी यासिर के अलावा भी कभी किसी से चुदाई करवाई है आपने ?? शाज़िया ने पास पड़े एक पुराने कपड़े से अपनी कमर पर मौजूद वीर्य साफ करते हुए कहा कि नहीं बस यासिर से ही उसकी दोस्ती है उसी से 3, 4 बार चुदाई करवाई है इसके अलावा अब मेरे से चुदाई हुई थी शाज़िया की। फिर शाज़िया ने खुद ही मुझे बताया कि यह यासिर भी वास्तव में नीलोफर का प्रेमी था, मगर जब नीलोफर का यासिर से दिल भर गया तो उसने यासिर को कहा कि मैं तुम्हारी दोस्ती अपनी एक और दोस्त से करवा देती हूँ तो उसने मेरी दोस्ती यासिर से करवा दी। और खुद अपने लिए नया प्रेमी ढूंढ लिया जिसके साथ आजकल वह काफी खुश है। मैंने शाज़िया से कहा आप भी यासिर को झंडी करवादें आपको भी नया प्रेमी मिल गया है। शाज़िया मेरी ओर देखकर मुस्कुराई और बोली तुम्हारे लंड में जान है मगर तुम्हारे साथ आ नहीं जा सकती और न ही तुम्हें अपनी सहेलियों से मिलवा सकती हूँ कि यह मेरा प्रेमी है। आप पढ़े लिखे नहीं हो और हमारी स्थिति में भी अंतर है इसलिए तुम्हें अपना प्रेमी नहीं बना सकती लेकिन तुम्हारा लंड जरूर लूँगी फिर भी।
Reply
06-09-2017, 01:58 PM,
#29
RE: ब्रा वाली दुकान
शाज़िया की इस बात ने मुझे अंदर तक घायल कर दिया था। मुझे गुस्सा तो बहुत आया शाज़िया पर मगर क्या करता बात तो उसने सच ही थी। महज मैट्रिक पास व्यक्ति था और उच्च वर्ग समाज में उठने बैठने का तरीका मुझे नहीं आता था उसके अलावा जिस तरह शाज़िया के पास पैसा था मेरे पास तो वैसे पैसा नहीं था फिर भला मैं शाज़िया का प्रेमी बनने का सपना क्यों देख रहा था । बहरहाल शाज़िया अब अपने कपड़े पहन चुकी थी और लंड वाली पैन्टी उसने अपने कॉलेज बैग में डाल ली थी मैं भी अपने आप कोसते हुए सलवार कमीज पहन चुका था। शाज़िया ने सामने लगे शीशे में अपने बाल ठीक किए और अपने कपड़ों को भी ठीक करने लगी ताकि बाहर निकल कर उसके हुलिए से यह न लगे कि वह किसी के साथ सेक्स करके आई है। मैंने दरवाजे के लॉक खोला था और साइन बोर्ड भी बदल दिया था। वापश शाज़िया के पास आया तो उसने पर्स में से 4000 निकालकर मुझे दिया, मैंने कहा शाज़िया जी यह 4000 क्यों ??? शाज़िया ने कहा 2500 इस का, 500 जो तुमने कहा था कि यह ब्रा पैन्टी सेट पहनकर तस्वीरें बना लूँ खरीदने की बजाय। मैंने कहा और बाकी 1000 ??? शाज़िया ने आगे बढ़कर फिर मेरे होंठ चूसे और बोली यह 1000 मेरी चूत को आराम पहुंचाने के लिए जो आप ने इतना जबरदस्त चोदा है। मैंने 1000 वापस शाज़िया पकड़ाते हुए कहा नहीं शाज़िया जी चुदाई करने के पैसे नहीं लूँगा आपको मज़ा आया तो मैंने भी आपके शरीर से खूब मज़ा लिया है हिसाब बराबर। यह बाकी के 3000 में रख रहा हूँ। शाज़िया ने कहा कोई बात नहीं आप 4000 से ही रखो। मैंने कहा नहीं शाज़िया जी यह नहीं हो सकता कि मैं आपको चोदने के पैसे लूँ। यह कह कर मैंने वह 1000 का नोट शाज़िया को दे दिया और वापस काउन्टर में जाकर खड़ा हो गया। 

शाज़िया ने कहा ठीक है जैसे तुम्हारी इच्छा मगर फिर एनर्जी जगा रहे हैं। यह कह कर शाज़िया ने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और 1000 के नोट को पर्स में रखकर दुकान से निकल गई। जैसे ही शाज़िया दुकान से निकली ठीक उसी समय लैला मैडम ने दुकान में प्रवेश किया। उनके चेहरे पर आश्चर्य के आसार थे, वह अंदर आई लेकिन उनकी नजरें शाज़िया पर थीं जब तक शाज़िया निकल नहीं गई लैला मेडम शाज़िया को ही देखे जा रही थी। मैंने लैला मेडम पूछा मैम खैरियत तो है आप कुछ देर पहले ही तो गईं थीं ??? लैला मैम ने मुझे शक भरी नज़रों से देखा और बोलीं यह लड़की इतनी देर तक अपनी दुकान में क्या कर रही थी ??? 

मुझे एक झटका लगा कि लैला मैम को कैसे पता कि यह लड़की पिछले 2 घंटे से मेरी दुकान पर थीं, लेकिन मैंने मुस्कान के साथ कहा मैम यह तो अभी आई थी। मैम ने कहा नहीं जब मैं गई थी तो यह लड़की रिक्शा से उतरी थी और इसने सीधी अपनी दुकान में प्रवेश किया था। अब मैं वापस आई तो अपनी दुकान के दरवाजे पर दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा हुआ था तो मैं सामने वाली दुकान में चली गई वहाँ भी मुझे काम था। अब जब आपने फिर से साइन बोर्ड बदला दुकान खुली है तो मैं इस दुकान से अपनी दुकान में आई हूँ और यह लड़की अब निकली है तुम्हारी दुकान से ... में बुरी तरह फंस गया था। एक बार तो मुझे लगा कि बस सलमान आज तेरी खैर नहीं। मगर फिर तुरंत ही मेरा दिमाग चला और मैंने लैला मैम को कहा कि मैम ऐसी बात नहीं, यह इस समय जरूर आई थी जब आप कह रहे हैं, लेकिन यह ब्रा लेकर चली गई थी, और अभी 15 मिनट पहले ही आई थी, मेरी दुकान का कार्ड उसके पास था तो उसने भी दुकान बंद देखकर मुझे फोन किया तो मैंने उसे बताया कि यह समय मेरे आराम करने का होता है, तो उस लड़की ने अनुरोध किया कि अब दुकान खोल लो उसे अपनी बहन के लिए भी ब्रा लेने हैं क्योंकि आज रात ही उनका मुर्री जाने का कार्यक्रम बन गया है तो घर से बहन का फोन आया कि उसके पास ब्रा नहीं हैं वह उसके लिए भी लेती आए। तो इसलिए मैंने साइन बोर्ड नहीं बदला बस दुकान खोलकर उसे अंदर आने दिया और उसने अपनी बहन के लिए ब्रा लिए 15 से 20 मिनट ही रुकी है यहाँ और फिर अब आपके सामने बाहर गई है। 

मैंने तुरंत कहानी तो बना ली थी, लेकिन शायद मेरे चेहरे के भाव मेरी कहानी के विपरीत थे जिसे लैला मेडम ने बखूबी पढ़ लिया था। मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं मुझे और सिर्फ इतना ही कहा अच्छा चलो छोड़ो वास्तव में मेरे वापस आने की वजह यह है कि मुझे भी अपने गांव से बहन का फोन आया है कल कुछ दिनों के लिए गांव जा रही हूँ तो मुझे अपनी बहन के लिए भी ब्रा चाहिए होगा। मैंने कहा कोई समस्या नहीं मेडम आप आकार बताओ मैं आपको और ब्रा दिखा देता हूँ। लैला मैम ने अपनी बहन के मम्मों का आकार बताया और मैंने उन्हें उसके अनुसार ब्रा दिखा दिए जिनमें से कुछ ब्रा पसंद करके वह चली गईं, लेकिन वो अब तक संदेह भरी नजरों से दुकान की समीक्षा करती रही थीं और मुझे भी अजीब नज़रों से देख रही थीं लेकिन उन्होंने कहा कुछ नहीं।
Reply
06-09-2017, 01:58 PM,
#30
RE: ब्रा वाली दुकान
अम्मी ने कहा ठीक है बेटा कल उन्हें उसी समय बुला लेती हूँ। अम्मी की आवाज में बहुत खुशी थी और मैं भी थोड़ा-थोड़ा खुश हो रहा था, लड़की तो मैं नहीं देखी थी कि कौन कैसी है, लेकिन मन ही मन में एक खुशी थी कि अब मेरी भी जीवन साथी होगी, रात को घर जाऊंगा तो एक प्यारी सी मुस्कान मे वह मेरा स्वागत करेगी और रात को मेरी रात रंगीन करेगी, इसके अलावा अम्मी के साथ भी काम में हाथ बँटाया करेगी। अगले दिन दुकान पर आया तो मुझे अजीब चिंता थी कि 2 बजे घर जाना है, न जाने क्या होगा, मुझे देखकर लड़की वाले क्या प्रतिक्रिया देंगे। कहीं वह इनकार ही न कर दें, और वे मुझे काम के बारे में पूछेंगे तो मैं क्या जवाब दूँगा कि मैं लड़कियों को ब्रा और पैंटी बेचता हूँ ??? बहरहाल 2 बजने में अभी आधा घंटा बाकी था कि अम्मी का फोन आ गया कि बेटा लड़की वाले आ गए हैं तुम भी घर आ जाओ मैंने शीशे में अपने आपको देख कर अपने बाल आदि सेट किए और कुछ ही देर में घर पहुंच गया। घर पहुँच कर मैंने डरते डरते घर का दरवाजा खोला तो अंदर आंगन में 2,3 बच्चे खेल रहे थे जिन्हे में नहीं जानता था यह निश्चित रूप से मेरे होने वाले ससुरालियों के बच्चे होंगे। मुझे देखकर उन्होंने मुझे सलाम किया और अपने खेल में व्यस्त हो गए। सामने कमरे में मेरी बहन ने मुझे देखा और कमरे में पहुंच कर जोर से बोली भैया आ गए हैं। यह सुनकर अम्मी उठकर बाहर आ गई और मुझे अपनी ओर बुलाया आ जाओ बेटा इधर है। में डरते डरते अम्मी की तरफ बढ़ने लगा। न जाने क्यों मुझे अजीब सा डर लग रहा था, शायद हर लड़के को उसी तरह महसूस होता होगा मगर मुझे अपना पता है कि मुझे डर लग रहा था मेहमानों का सामना करते हुए। बहरहाल कमरे में प्रवेश किया तो मेरी नजरें सामने बैठी अपनी होने वाली सास पर पड़ी, वह मुझे देख कर अपनी जगह से खड़ी हुई तो मैंने आगे बढ़कर उन्हें सलाम किया और उनके आगे सिर झुकाया तो उन्होंने मेरे सलाम का जवाब दिया और मेरे सिर पर प्यार किया। साथ बैठे ससुर जी के सामने भी थोड़ा झुका तो उन्होंने जीते रहो बेटा कह कर मेरे कंधे पर थपकी दी और मुझसे हाथ मिलाया। उनके साथ बैठी उनकी छोटी बेटी पर मेरी नज़र पड़ी तो मुझे एकदम शॉक लगा। 


यह लड़की मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी जब मेरी नज़र उस पर पड़ी तो उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा कैसे हैं जीजा जी आप .... मैंने सदमे से सभल कर मुस्कराते हुए उससे हाथ मिलाया और कहा आप यहाँ कैसे ??? मेरी बात पर उसने जवाब दिया मेरी बड़ी आपी से ही आपकी बात पक्की हुई है। अम्मी ने कहा बेटा तुम एक दूसरे जानते ??? इस पर मेरी सास ने कहा जी बहन जी, जब आप ने सलमान की तस्वीर हमें दी तो राफिया ने हमें बताया था सलमान के बारे में कि उसकी शरीफ प्लाजा मे आरटीनिशल गहने और सौंदर्य प्रसाधन की दुकान है। राफिया अपनी दोस्तों के साथ सलमान बेटे की दुकान पर जा चुकी है 2, 3 बार, तो उसी की सिफारिश पर हमने आपके बेटे को पसंद किया है। राफिया को देखने के बाद में थोड़ा रिलैक्स हो गया था। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मुझे कोई अपना अपना मिल गया हो मेहमानो में

क्योंकि एक राफिया ही थी जिसे मैं पहले से जानता था। राफिया भी थोड़ी देर के बाद उठ कर मेरे साथ वाली कुर्सी पर बैठ गई और उसने मुझे बोर होने नहीं दिया। आज उसने चादर भी नहीं ली थी लेकिन सिर पर एक मामूली दुपट्टा मौजूद था। मगर ये राफिया और दुकान वाली राफिया से काफी अलग थी। दुकान पर तो यह राफिया बिल्कुल शांत और चुपचाप खड़ी रहती थी मगर आज उसकी ज़ुबान रुकने का नाम नहीं ले रही थी। उसने मेरा दिल लगाए रखा और बातों बातों में अपनी बड़ी आपी का खूब परिचय भी करवाया और उसके बारे में बातें करती रही। मेरी सास साहिबा ने मुझे अंगूठी पहनाई तो राफिया ने अपने मोबाइल से तस्वीरें बनाई और बोली आपी को दिखाउन्गी यह तस्वीरें। मेरे ससुराल वाले कोई 3 घंटे मौजूद रहे और इधर उधर की बातें करते रहे। ससुर ने मेरी दुकान के बारे में जानकारी ली कि क्या दुकान मेरी अपनी है या किराए पर है और कितना कमा लेता हूँ मैं आदि आदि। जबकि सास साहिबा और अम्मी आपस में बातें करती रहीं, अम्मी मेरी और मेरी सास अपनी बेटी मलीहह की बढ़ाई करती रहीं। हाँ मेरी मंगेतर का नाम मलीहह था और वह राफिया की बड़ी बहन थी। 5 बजे के करीब मेरे ससुराल वाले जाने लगे तो फिर मेरी सास ने प्यार दिया और ससुर ने दिल लगाकर काम करने की हिदायत की। राफिया ने भी बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया और मेरे करीब होकर मेरे कान में बोली जीजाजी मलीहह बाजी के साथ आएगी दुकान पर अब मैं .... यह कह कर उसने मुझे आँख मारी और मैं उसकी इस बात पर खुश होते हुए दुकान पर चला गया।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,434,691 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 536,923 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,205,289 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 911,144 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,615,312 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,048,872 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,897,575 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,880,576 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,963,902 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 278,690 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)