नये पड़ोसी
06-15-2017, 11:52 AM,
#11
RE: नये पड़ोसी
प्रीति अपनी लाल ड्रेस में आई जो उसने इसी पार्टी के लिए नई खरीदी थी. सबका परिचय करने के बाद में अपने काम में जुट गया. में बबिता को इशारा कर बार काउंटर की ओर बढ़ गया, और ड्रिंक्स बनाने लगा. जब में ड्रिंक्स बना रहा था तब बबिताने मेरे पीछे आ मेरे कान में कहा कि उसने वैसे ही किया जैसा मेने उसे करने को कहा था.

वो मेरे सामने आ अपनी टाँगे थोड़ी फैला खड़ी हो गयी, जैसे बताना चाहती हो कि वो सही कह रही है. मेने जान बुझ कर अपने हाथ में पकड़ा बॉटल ओपनर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया. जैसे ही में वो ओपनर उठाने को नीचे झुका बबिता ने अपनी ड्रेस उठा अपनी बालों रहित चूत को मेरे मुँह के आगे कर दिया. उसके इस अंदाज़ ने मेरे लंड को तना दिया. में थोडा सा आगे बढ़ हल्के से उसकी चूत को चूमा और खड़ा हो गया. अच्छा हुआ मेरी इस हरकत को कमरे में बैठे लोगों ने नही देखा.

धीरे धीरे लोग इकट्ठे होते जा रहे थे. बबिता मेरे साथ मेरे पीछे खड़े मुझे ड्रिंक्स बनाने में सहायता कर रही थी. बार की आड़ लेकर मुझे जब भी मौका मिलता में उसकी चुतताड और उसकी गांद पे हाथ फिरा देता. एक बार जब हमारी तरफ कोई नही देख रहा था तो उसने मेरा हाथ पकड़ अपनी चूत पे रख दिया और कहा, "राज मेरी चूत को अपनी उंगली से चोदो नो."

मेरा लंड मेरी पॅंट में एक दम तन चुका था. अब में उसकी गर्मी शांत करना चाहता था. पहले प्रीति को उसके नई डिल्डो के साथ और अब पिछले 30 मिनिट उसके साथ खेलते हुए मेरा लंड पूरी तरह से तय्यार था.

मेने प्रीति के तरफ देखा वो अविनाश और मिनी के साथ बातों मे मशगूल थी. प्रशांत भी प्रीति के ख़यालों मे खोया हुआ था. ये उपुक्त समय था बबिता को गेस्ट रूम मे ले जाकर चोदने का. मेने बबिता से कहा, "तुम गेस्ट रूम मे चलो में तुम्हारे पीछे आता हूँ."

बबिता बिना कुछ कहे गेस्ट रूम की ओर बढ़ गयी. मगर मेरा इरादा केवल बबिता को चोदने का नही था बल्कि में चाहता था कि उसकी चुदाई प्रशांत अपनी आँखों से देखे. में उसके पास गया और उसे साइड मे ले जाकर उससे कहा, प्रशांत आज मे तुम्हारी बीवी की गंद मारूँगा और में चाहता हूँ कि तुम ये सब अपनी आँखों से देखो. ऐसा करना तुम खिड़की के पीछे छिप कर सब देख सकते हो, मेने खिड़की के पट थोड़े खुले छोड़ दिए है." इतना कहकर में गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया.

में कमरे मे पहुँचा तो बबिता मेरा इंतेज़ार कर रही थी. मेने दरवाज़ा बंद किया और उसे बाहों मे भर उसके होठों को चूमने लगा. मेने उसके बदन को सहलाते हुए उसकी पीठ पर लगी ज़िप खोल दी, "बबिता अपनी ड्रेस उतार दो."

बबिता ने अपनी ड्रेस उतार दी. उसने नीचे कुछ नही पहना था. अब वो नंगी खड़ी मेरी ओर देख रही थी. बबिता नंगी इतनी सुंदर लग रही थी कि किसी भी मर्द को मदहोश कर सकती थी.

मेने अपने दोनो हाथों से उसकी चुचियाँ पकड़ कर उसे अपने नज़दीक खींच लिया, और उसके कान में फुसफुसाया, "बबिता आज में तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ."

मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा दी और कहा, "राज में पूरी तरह से तुम्हारी हूँ. तुम्हारा जो जी चाहे तुम कर सकते हो."
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06-15-2017, 11:52 AM,
#12
RE: नये पड़ोसी
बबिता अब घुटनो को बल बैठ कर मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी. बटन खुलते ही मेरा लंड फुन्कर मार बाहर निकल आया. बबिता बड़े प्यार से उसे अपने मुँह मे ले चूसने लगी. वो इतने प्यार से चूस रही थी जैसे वो मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार कर रही हो.

मेने अपनी जिंदगी में कभी किसी औरत की गांद नही मारी थी. मेने कई बार प्रीति को इसके लिए कहा पर हर बार उसने सॉफ मना कर दिया. एक बार मेरे काफ़ी ज़िद करने पर वो तय्यार हो गयी. पर मेरी किस्मत जैसे ही मेने अपना लंड उसकी गंद मे घुसाया वो दर्द के मारे इतनी ज़ोर की चीखी, के घबरा कर मेने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसके बाद मेने दुबारा कभी इस बात की हिम्मत नही की.

मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाला है. मेने बिना समय बिताई अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबिता से कहा, "बैठो अब तुम मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार करो?"

वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ मुझे बाथरूम की तरफ घसीटने लगी, "राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है."

बाथरूम में पहुँच कर मेने स्टॅंड पर से वॅसलीन की शीशी उठा उसे दे दी. मेने सब तय्यारी कल शाम को ही कर ली थी. बबिता मुस्कुराते हुए शीशी मे से थोड़ी क्रीम ले मेरे लंड पर मसल्ने लगी. मेरे लंड मसल्ते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी.

बबिता शायद समझ चुकी थी कि मेने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गांद नही मारी है. उसने हंसते हुए मुझे बताया कि गांद मरवाने में उसे बहोत मज़ा आता है. उसने बताया कि प्रशांत भी अक्सर उसकी गंद मारते रहता है.

जब मेरा लंड क्रीम से पूरा चिकना हो चुक्का था तो उसने क्रीम की शीशी मुझे पकड़ा कर घूम कर खड़ी हो गयी. शीशे के नीचे लगे शेल्फ को पकड़ वो नीचे झुक गयी और अपनी गांद मेरे सामने कर दी.

बबिता ने शीशे में से मेरी और देखते हुए अपने टाँगो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी चूत और खुल गयी. बबिता मेरी ओर देखते हुए बोली, "राज अब इस क्रीम को मेरी गान्ड पर अछी तरह चुपद कर मेरी गंद को भी चिकना कर दो?"

मेने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगलियों पे ली और उसके गंद पे मलने लगा. जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसके गंद को छुआ वो एक मादक सिसकारी लेते हुए अपने सिर को अपने हाथों पे रख दिया, "राज अब तुम अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दो और उसे गोल गोल घूमाओ."

में अपनी एक उंगली उसकी गंद मे डाल गोल गोल घुमाने लगा. थोड़ी देर बाद उसने कहा, "अब तुम थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली पे ले अपनी दो उंगलिया मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करने लागो."

उसने जैसा कहा मेने वैसा ही किया. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था, एक किसी की बीवी की गांद मरने का मौका उप्पर से वो ही मुझे सीखा रही थी कि गंद कैसे मारी जाती है. काश प्रशांत ये सब देख पता कि कैसे मेरी दो उंगलियाँ उसकी बीवी की गंद मे अंदर बाहर हो रही थी.
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06-15-2017, 11:52 AM,
#13
RE: नये पड़ोसी
थोड़ी देर बाद जब उसकी गंद पूरी तरह से चिकनी हो गयी थी, "राज अब तुम मेरी गंद मार सकते हो, ये तुम्हारे लंड के लिए पूरी तरह से तय्यार है."

मेने उसे सीधा किया और अपनी गोद मे उठा उसे बिस्तर पे ले आया. मेने कनखियों से खिड़की की तरफ देखा तो मुझे प्रशांत की परछाई दिखाई दी. मेने बबिता को इस अंदाज़ मे घुटनो के बल बिस्तर पर लिटाया की उसकी गांद खिड़की की तरफ हो और प्रशांत को सब कुछ साफ नज़र आए.

बबिता बिस्तर पर पूरी तरह अपनी छातियों के बल लेट गयी जिससे उसकी गान्ड और उपर को उठ गयी थी. में उसकी टाँगो के बीच आ गया और अपना खड़ा लंड उसकी गंद के गुलाबी छेद पे रख थोड़ा सा अंदर घुसा दिया.

जैसे ही मेरा लंड का सूपड़ा उसकी गंद के छेद में घुसा उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, "ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई मर गयी"

बबिता ने अपने दोनो हाथ पीछे कर अपने चूतड़ पकड़ अपनी गंद को और फैला लिया. उसकी गंद और मेरा लंड पूरी तरह से क्रीम से सने हुए थे. मेने उसके चुतताड को पकड़ अपने लंड को और अंदर घुसाया, पर उसकी गंद इतनी कसी हुई थी की मुझे अंदर घुसाने में तकलीफ़ हो रही थी.

बबिता ने अपने चूतड़ और फैला दिए, "राज थोड़ा धीरे और प्यार से घुसाओ."

मेने अपने लंड को बड़े धीरे से उसकी गंद मे घुसाया तो मुझे लगा कि उसकी गांद के दीवारें और खुल रही है और मेरे लंड के लिए जगह बना रही है. मुझे ऐसा लगने लगा कि मे उसकी गंद मे लंड नही डाल रहा हूँ बल्कि उसकी गंद मेरे लंड को निगल रही है. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी गंद मे समाया हुआ था.

अब मे अपने लंड को उसकी गंद मे धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. में अपने लंड को बाहर खींचता और जब सिर्फ़ सूपड़ा अंदर रहता तो एक ही धक्के मे अपना लंड उसकी गंद मे पेल देता.

बबिता भी अपने चुतताड को पीछे की और धकेल मज़ा ले रही थी, "ःआआआआण ऱाआआआआआज़ डाळ्ळ्ळ दो अपनीईए लुंद्द्द्दद्ड को मेरी गाआाअंड मे. फ़ाआड़ दो इसे. लगाओ ज़ोर के धककककककके."

मुझे भी जोश आता जा रहा था. मेने बबिता के कंधो को पकड़ उसे और अपने से चिपटा लिया. अब मेरा मुण्ड और गहराइयों तक उसकी गंद मे जा रहा था. में जैसे ही अपना लंड और घुसाता वो अपने को और मेरे बदन से चिपका लेती.

में इसी अवस्था में अपने लंड को उसकी गंद के अंदर बाहर कर रहा था कि मेने उसके हाथों को अपने आन्द्वों पे महसूस किया. वो धीरे धीरे मेरे गोलों को सहला रही थी. उसके हाथों की गर्मी मुझमे और उत्तेजना भर रही थी.

मेरा लंड अब तेज़ी से उसकी गांद के अंदर बाहर हो रहा था. मुझे मालूम था कि मेरा छूटने का समय नज़दीक आता जा रहा है. पर शायद उसका पानी नही छूटने वाला था, उसने अपना हाथ मेरे आंडो पे से हटा अपनी चूत को रगड़ने लगी. मे और ज़ोर से धक्के मार रहा था.

जब उसका छूटने का समय नज़दीक आया तो वो अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल कर अंदर बाहर करने लगी और चीखने लगी, "हाआआं मरो मेरी गाअंड को और ज़ोर सीईईई. राआआआअज चोद दो अपना पूरा पानी मेर्रर्र्र्ररी चूऊऊथ मे."

में ज़ोर से उसकी गंद मे अपना लंड पेले जा रहा था. बहुत ही दिलकश नज़ारा था, जब मेरा लंड उसकी गंद से निकलता तो उसका छेद सिकुड जाता और जब मे पेलता तो और खुल जाता. में ज़ोर के धक्के लगा रहा था.

मेने महसूस किया कि उसका शरीर आकड़ा और उसकी गान्ड ने मेरे लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया. में समझ गया कि उसका पानी छूट रहा है. मेने ज़ोर का धक्का लगाया और मेरे लंड ने भी अपने वीर्य की पिचकारी उसकी गांद मे छोड़ दी. जैसे ही मेरा लंड वीर्य उगलता मे अपने लंड को और उसके जड़ तक समा देता.
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06-15-2017, 11:52 AM,
#14
RE: नये पड़ोसी
मुझे आज पहली बार एहसास हुआ की गंद मारने मे कितना मज़ा आता है. में बबिता की गंद मे अभी भी अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था. उसकी गंद क्रीम और मेरे वीर्य से इतनी गीली हो चुकी थी की मुझे अपना लंड जड़ तक घुसने मे कोई तकलीफ़ नही हो रही थी.

पर हमें नीचे पार्टी में भी शामिल होना था, इसलिए मेने अपना लंड धीरे धीरे उसकी गांद से निकालना शुरू किया. जब मेरा लंड उसकी गंद से बाहर निकल आया तो बबिता ने घूम कर मुझे चूम लिया, "में जानती हूँ तुमने आज पहली बार किसी की गंद मारी है और तुम्हे खूब मज़ा आया है. मुझे भी मज़ा आया है, आज के बाद तुम जब चाहो मेरी गंद मार सकते हो."

बबिता के इन शब्दों ने जैसे मेरे मुरझाए लंड मे जान फूँक दी. मेरे लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया. में समझ गया कि मुझे बबिता की गंद मारने का और मौका भविष्या मे मिलेगा.

मेने और बबिता ने अपने आप को टवल से साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए. में बबिता से पहले पार्टी में पहुँचा तो मेरा सामना प्रशांत से हो गया, "लगता है तुम्हारी और बबिता में अच्छी ख़ासी जमने लगी है. अब मेरा समय है कि में प्रीति के सेक्स ज्ञान को और आगे बधाउ."

प्रशांत अब प्रीति को खोज रहा था. प्रीति कमरे के एक कौने मे खड़ी अविनाश और मिनी से बातें कर रही थी. हक़ीकत में अविनाश बार स्टूल पे बैठा था और प्रीति उसके पास एक दम सत कर खड़ी थी. अविनाश के दोनो हाथ उसकी कमर पर थे.

मैने देखा कि प्रशांत प्रीति के पास गया और उसके कान में कुछ कहा. प्रीति उसकी बात सुनकर अविनाश से बोली, "सॉरी, में अभी आती हूँ." कहकर वो गेस्ट रूम की ओर बढ़ गयी.

प्रशांत मेरी तरफ आया और कहा, "अब तुम्हारी बारी है देखने की." कहकर वो गेस्ट रूम की ओर बढ़ गया. एक बार तो मेरी समझ में नही आया कि में क्या करूँ फिर में भी उसके पीछे बढ़ गया. में भी देखना चाहता था कि वो मेरी बीवी के साथ क्या करता है.

प्रशांत के जाते ही में भी उसके पीछे जा खिड़की के पीछे वहीं छुप गया जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत खड़ा था. प्रशांत और प्रीति कमरे में पहुँच चुके थे, और प्रीति उसे अविनाश और मिनी के बारे में बता रही थी. प्रीति बता रही थी अविनाश कितना हासमुख इंसान था उसके किस तरह जोक्स सुना कर हंसा रहा था.

प्रशांत ने प्रीति से पूछा, "क्या तुम्हे अविनाश अच्छा लगता है?".

"हाँ अविनाश एक अच्छा इंसान है और मिनी भी. दोनो काफ़ी अच्छे है." प्रीति ने जवाब दिया.

"नही सच बताओ क्या तुम अविनाश से चुदवाना चाहती हो, मुझे और बबिता को मालूम होना चाहिए. हम लोग पिछले साल भर से दोस्त है और तुम्हे नही मालूम अविनाश कितनी अछी चुदाई करता है." प्रशांत ने कहा.

क्रमशः...............
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06-15-2017, 11:53 AM,
#15
RE: नये पड़ोसी
नए पड़ोसी पार्ट--4

गतान्क से आगे.........

प्रीति ने उसकी बात कोई जवाब नही दिया पर वो इतना ज़रूर समझ गयी प्रशांत और बबिता आपस में अवियनाश और मिनी के साथ चुदाई करते है.

प्रीति ने प्रशांत को बाहों मे भर लिया और उसके होठों को चूमने लगी. प्रशांत ने भी उसे बाहों भर अपना एक हाथ उसकी ड्रेस के अंदर डाल दिया. "तो आज तुमने भी पॅंटी नही पहन रखी है." कहकर वो उसके चुतताड सहलाने लगा.

हे भगवान में बबिता में इतना खोया हुआ था कि मुझे इस बात का पता ही नही चला कि मेरी बीवी बिना पॅंटी के इतनी देर से पार्टी में घूम रही है.

"तो तुम्हे तुम्हारा नया खिलोना कैसा लगा. बबिता के पास भी वैसा ही खिलोना है, और उसे बहोत पसंद है. क्या तुम उसे ट्राइ कर चुकी हो?" प्रशांत ने उसके कुल्हों को भींचते हुए कहा.

"कुछ खास अच्छी तरह से नही." प्रीति ने जवाब दिया. प्रशांत ने उसे अपना नया डिल्डो लाने को कहा. प्रीति अपने बेडरूम से उसे लाकर प्रशांत को पकड़ा दिया.

प्रशांत ने प्रीति को कमरे मे पड़ी एक आराम कुर्सी पर बिठा दिया. प्रशांत अब जोरो से उसे चूमने लगा. मेने देखा कि उसका एक हाथ उसके टाँगो को सहलाते हुए अब उसकी जाँघो पर रैंग रहा था. फिर उसने उसकी दोनो टाँगो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह खुल कर नज़र आने लगी.

मेरी बीवी कुर्सी पर और पसर गयी और अपने टाँगे और फैला दी जिससे प्रशांत को आसानी हो सके. प्रशांत ने उसकी टाँगो को उपर उठा कर कुर्सी के हथे पे रख दिया. जैसे ही प्रशांत ने अपना मुँह उसकी चूत का स्वाद लेने के लिए बढ़ाया प्रीति उसकी और कामुक नज़रों से देखने लगी.

कुर्सी ठीक खिड़की के बगल मे थी इसलिए मुझे अंदर का नज़ारा साफ दिखयी पड़ रहा था कि, किस तरह प्रशांत मेरी बीवी की चूत को चट रहा था. प्रशांत चूत चाटने मे माहिर था और थोड़ी ही देर में प्रीति के मुँह से सिसकारी गूंजने लगी.

प्रशांत ने अब अपनी दो उंगलिया अपनी जीब के साथ प्रीति की चूत मे डाल दी, और अंदर बाहर करने लगा. करीब 15 मिनिट तक उसकी चूत को चाटने के बाद प्रशांत उठा और डिल्डो को ले आया और उसका बटन ऑन कर उसे चालू कर दिया.

मेरी बीवी कुर्सी पर पसरी हुई कामुक नज़रों से प्रशांत को देख रही थी. वो जानती थी की एक दूसरा मर्द अब उसकी चूत में एक खिलोने को डालने वाला है. प्रशांत घुटने को बल बैठ प्रीति की टाँगो के बीच आ गया और उसकी गीली हो चुकी चूत में डिल्डो को डालने लगा. उसने धीरे धीरे अंदर घुसाया और अब वो प्लास्टिक का खिलोना प्रीति की चूत मे पूरा घुस चुका था.

डिल्डो की हरकत का असर मेरी बीवी के चेहरे पे साफ दिखाई दे रहा था, वो अपनी टाँगो को पूरा भींच डिल्डो का मज़ा लेने लगी. मेरा लंड भी ये सब देख एक बार फिर तन चुक्का था, जबकि 20 मिनिट पहले ही में बबिता की गंद में झाड़ कर अलग हुआ था.

प्रशांत अब खड़ा होकर अपने पॅंट के बटन खोलने लगा. वो प्रीति के चेहरे के पास आ अपना एक घुटना कुर्सी के हथे पे रख दिया. उसका लंड प्रीति के चेहरे पे झटके मार रहा था. प्रीति ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा और अपना मुँह खोल उसके लंड को अंदर ले लिया.
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06-15-2017, 11:53 AM,
#16
RE: नये पड़ोसी
"प्रीति में चाहता हूँ की तुम मेरा लंड ठीक उसी तरह चूसो जैसे तुमने पहली बार चूसा था. एक हाथ से मेरे लंड को चूसो और दूसरे हाथ से मेरी गोलियाँ को सहलाओ. सच में बहोत मज़ा आया था जब तुमने ऐसा किया था. प्रीति ने वैसा ही कर उसके लंड को जोरो से चूस रही थी. दोनो की गहराती होती साँसे और बदन की हरकत बता रही थी को दोनो ही छूटने के करीब है.

एक तो प्रीति की चूत मे डिल्डो की हरकत उपर से प्रशांत का लंड. प्रीति उत्तेजित हो प्रशांत के लंड को अपने गले मे ले चूस रही थी. प्रशांत भी उसके मुँह मे लंड पूरा अंदर दे चोद रहा था. अचानक बिना बताए प्रशांत ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अपना पानी प्रीति की चुचियों पर और चेहरे पे छोड़ दिया.

में तीन फुट की दूरी पर खड़ा देख रहा था कि आपत्ति जताने के बजाए प्रीति उस के पानी को अपने पूरे चेहरे पे रगड़ने लगी. फिर उसके रस से भरी अपनी उंगलियों को चाटने लगी. उसकी हरकत ने मेरे लंड में जोश भर दिया और में अपने लंड को पॅंट के उपर से रगड़ने लगा.

जब प्रशांत का पूरा वीर्य झाड़ गया तो वो उठ कर खड़ा हो गया. प्रीति अब भी कुर्सी पर लेटी हुई डिल्डो का मज़ा ले रही थी. प्रशांत ने प्रीति का हाथ पकड़ उसे उठाया और बाथरूम मे ले गया. मेने देखा कि वो एक दूसरे को साफ कर रहे थे. बाथरूम से बाहर आकर प्रशांत ने अपने कपड़े ठीक किए पर जब प्रीति अपने ड्रेस देखने लगी तो पाया कि प्रशांत के वीर्य के धब्बे उसकी ड्रेस पर भी गिर पड़े थे.

प्रीति को उदास देख प्रशांत ने कहा, "डियर उद्दास नही होते, ऐसा करो जो उस रात तुमने ड्रेस पहनी थी वही पहन लो, तुम पर वो ड्रेस खूब जाँच रही थी."

प्रीति बेडरूम में गयी और अपनी टाइट जीन्स और टॉप पहन का आ गयी. प्रशांत ने उसे बाहों में भर लिया और उसकी ड्रेस की पीठ की ज़िप खोल दी. उसका टॉप प्रशांत उतार दिया फिर उसे घुमा कर उसकी जीन्स के बटन खोल दिया. उसकी जीन्स नीचे गिर गयी और प्रीति ने उसे पाओ से निकाल दी. माइक प्रीति को लेजाकार उसी कुर्सी के पास खड़ा कर दिया.

प्रशांत कुर्सी पर बैठ गया और मेरी बीवी उसके सामने नंगी खड़ी थी. उसकी चूत एक दम फूली हुई लग रही थी कारण की वो डिल्डो अभी भी उसकी चूत मे घुसा हुआ था. जैसे ही प्रीति वो डिल्डो बाहर निकालने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, "तुम्हे इसे बाहर निकालने की इज़्जजत किसने दी." अब ये साफ हो गया था प्रशांत चाहता था कि वो डिल्डो उसकी चूत मे ही घुसा रहे.

प्रशांत ने अब उसकी जीन्स अपने हाथों मे ले ली. उसके बदन को सहलाते हुए वो उसे जीन्स पहनाने लगा. प्रीति ने भी अदा से पहले अपनी एक टांग उसमे डाली फिर दूसरी. इसी दौरान एक बार डिलिडो उसकी चूत से फिसलने लगा तो प्रशांत वापस उसे पूरा अंदर घुसा दिया.

प्रीति ने अपनी टाइट जीन्स उपर खींच उसके बटन बंद करने लगी. पर उसके काफ़ी तकलीफ़ हुई कारण डिल्डो जो उसकी चूत मे घुसा हुआ था. उसने अपना रेड टॉप भी पहन लिया. इतनी टाइट जीन्स मे वो बहोत सेक्सी लग रही थी. प्रशांत और प्रीति पार्टी मे जाने को तय्यार हो गये.
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06-15-2017, 11:53 AM,
#17
RE: नये पड़ोसी
में भी खिड़की से हटा और हॉल मे आ गया. शराब और शबाब जोरो से चल रही थी. किसी ने ध्यान नही दिया की तीन लोग इतनी देर पार्टी से गायब थे. में बबिता के पास आ गया जो अविनाश और मिनी के साथ बातें कर रही थी. जैसे ही प्रशांत और प्रीति हॉल में आए में अपने आपको उसकी चूत के तरफ देखने से नही रोक पाया. सिर्फ़ में जानता था की उसकी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ है. उसकी जीन्स उस जगह से थोड़ी उठी हुई थी ये मुझे साफ दिखाई पड़ रहा था. पता नही और किस किस का ध्यान इस बात की ओर जाता है.

प्रीति मेरे पास आई और गले में बाहें डाल कर मेरे होठों को चूम लिया. ऐसा वो सबके सामने करती नही थी पर शायद एक तो चूत में डिल्डो और दूसरा उसकी चूत ने अभी तक पानी नही छोड़ा था इसलिए उसके शरीर में उत्तेजना भरी हुई थी. मेने अंजान बनते हुए प्रीति से पूछा, "तुमने कपड़े क्यों बदल लिए?"

"बस कपड़ों पर कुछ गिर गया था." प्रीति ने जवाब दिया. कम से कम वो झूठ तो नही बोल रही थी. इतने मे प्रशांत ने मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा. उसकी आँखों मे एक शैतानी चमक थी. में समझ गया कि आज रात बहोत कुछ होने वाला है.

करीब एक घंटे तक प्रीति इस तरह पार्टी में चारों तरफ घूमती रही जैसे कुछ हुआ ही ना हो. चूत मे डिल्डो लिए एक अच्छे मेहमान नवाज़ की तरह सब से मिल रही थी. सबको ड्रिंक्स, स्नॅक्स सर्व कर रही थी. मुझे पता थी कि उसकी चूत में आग लगी हुई है और वो कभी भी पानी छोड़ सकती है.

इतने में बबिता मेरा हाथ पकड़ अपने साथ डॅन्स करने के लिए ले आई. हम हॉल क एक कोने में डॅन्स कर रहे थे जहाँ ज़्यादा लोग हमारे पास नही थे. में मौके का फ़ायदा उठा अपना हाथ उसकी ड्रेस में डाल उसकी चूत से खेलने लगा. बबिता ने मेरे कान में फुसफुसते हुए कहा, "राज में जानती हू प्रशांत ने प्रीति के साथ क्या किया है. ये उसका पुराना खेल है. वो प्रीति की ऐसी हालत कर देगा कि वो अपनी चूत का पानी छुड़ाने के लिए कुछ भी करने को तय्यार हो जाएगी. पता नही प्रशांत के दिमाग़ में क्या शरारत भरी हुई है.

इतने में अविनाश ने मेरी बीवी से डॅन्स करने के लिए कहा. प्रीति ने प्रशांत की ओर देखा और प्रशांत ने आँख से इशारा करते हुए उसे जाने को कहा. मेने देखा की प्रीति का बदन मारे उत्तेजना के कांप रहा था. वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको रोक रही थी.

इतने में मिनी ने भी मुझे डॅन्स करने के लिए कहा. में समझ गया कि ये इशारा प्रशांत ने उसे किया है. अब हम चारों अविनाश के पास आ डॅन्स करने लगे. में समझ गया कि प्रशांत के मन में सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम है. मिनी इतनी सेक्सी और गरम थी कि मेने उसे चोदने का पक्का मन बना लिया था, पर मुझे प्रीति का नही पता था कि वो अविनाश से चुड़वागी की नही.

पर मुझे इसकी चिंता नही थी. मुझे पता था कि प्रीति की चूत में इतनी देर से डिल्डो होने की वजह से उसकी चूत की हालत खराब हो चुकी होगी. प्रीति अपनी चूत का पानी छोड़ने के लिए अब किसी घोड़े से भी चुदवा सकती है.
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06-15-2017, 11:53 AM,
#18
RE: नये पड़ोसी
मिनी ने मेरी तरफ कामुक निगाह से देखा और कहा, "राज आज तक में प्रशांत जैसे मर्द से नही मिली. वो चुदाई की कलाओं में इतना माहिर है कि वो किसी औरत को कोई भी मर्द से चुदवाने को उकसा सकता है." में समझ गया कि वो प्रीति की बात कर रही है.

हम चार जने ही फ्लोर पर डॅन्स कर रहे थे. मिनी ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पे रख दिया. जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत को छुआ में चौंक कर उछल पड़ा. उसकी भी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ था.

"ये ठीक वैसा ही है जैसा तुम्हारी बीवी की चूत में घुसा हुआ है." उसने मेरे हाथों का दबाव अपनी चूत पे बढ़ाते हुए कहा. में समझ कि ये सब प्रशांत का काम है. उसने दो औरतों को इतना उत्तेजित कर दिया था कि वो चुदवाने के लिए कुछ भी कर सकती थी.

नाचते हुए में प्रीति और अविनाश की ओर देखा. अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी को चूत पर था और वो उस डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत मे घुसा रहा था. फिर मेने देखा कि प्रीति उसका हाथ पकड़ उसे हॉल के बाहर ले जा रही है. में सोच रहा था कि पता नही अब आगे क्या होने वाला है? में भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया.

प्रीति और अविनाश कमरे में पहुँचे. और उनके पीछे पीछे प्रशांत और बबिता फिर में और मिनी भी कमरे में आ गये. अब ये बात सबपे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे.

मिनी मेरे पास आकर मुझसे सॅट कर खड़ी हो गयी. उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे. लगता था कि प्रशांत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाही की हुई थी. बॅटरी पे चलता रिमोट उसकी चूत में आग लगाए हुए था. पता नही प्रशांत ने क्या जादू इन दोनो पे किया हुआ था.

प्रशांत ने भी शायद उनकी आँखों मे छुपी वेदना को पढ़ लिया था, "तुम दोनो चिंता मत करो आज तुम दोनो की चूत से पानी की ऐसे बौछार छूतेगी जैसे इस कमरे में बढ़ आ गयी हो. आज तुम को चुदाई का वो आनंद आएगा कि तुम दोनो जीवन भर याद करोगी."

"लेकिन प्रीति की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ से थी. लेकिन ये बाद मे पहले में चाहता हूँ कि प्रीति अपने क़ाबिले तरीफ्फ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले. लेकिन वो अपनी जीन्स नही उतारेगी और नही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी. अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ की तो मे इस विषय पर सोचूँगा. राज और मिनी खड़े होकर उन्हे देख सकते है लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है. तब तक में और बबिता मेहमआनो का ख़याल रखेंगे. जब अविनाश का काम हो जाए तो राज मेरे पास आगे क्या करना है पूछ सकता है." इतना कहकर प्रशांत और बबिता वापस हॉल में चले गये.

प्रीति अविनाश का हाथ पकड़ उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी. मुझे विश्वास नही आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जो औरत ने सिवाय मेरे किसी से नही चुडवाया था आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है.
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06-15-2017, 11:53 AM,
#19
RE: नये पड़ोसी
मेने मूड कर मिनी की तरफ देखा उसकी भी हालत खराब थी. मिनी भी रूम की तरफ बढ़ी तो में उसके चुतताड को देखने लगा. कितने गोल और भरे हुए थे. में जानता था कि उसकी चूत मे डिल्डो होने की वजह से वो अपनी टाँगे सिकोड कर चल रही थी.

जैसे ही हम रूम मे पहुँचे मेने दरवाज़ा लॉक कर दिया. प्रीति उत्तेजना मे इतनी पागल थी की बिना समय बिताए वो घुटने के बल बैठ कर अविनाश की जीन्स के बटन खोलने लगी. वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ाएगी उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा.

प्रीति ने जल्दी जल्दी अविनाश की जीन्स के बटन खोले और उसकी जीन्स और अंडरवेर को नीचे खिसका दिया. जैसे कोई साँप बिल के बाहर आ गया हो उस तरह उसका 10" इंची लंड जो 3" मोटा होगा फुन्कर कर खड़ा हो गया. प्रीति उस विशालकाय लंड को अपने हाथों मे ले सहलाने लगी.

पर देखने लायक उसके लंड की दो गोलियाँ थी जो टेन्निस बॉल की तरह नीचे लटकी हुई थी. इतनी बड़ी और भरी हुई थी कि शायद पता नही कितना पानी उसमे भरा हुआ है. प्रीति अब उसके लंड को ज़ोर से रगड़ रही थी. उसे पता था कि उसका पति और अविनाश की बीवी उसे देख रहे है.

में जानता था कि प्रीति के घुटनो के बल बैठते ही डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत में घुस गया था. प्रीति ने अपनी ज़ुबान बाहर निकली और उसके लंड के सूपदे पे घूमने लगी. मेरे और मिनी के शरीर में गर्मी बढ़ती जा रही थी. मिनी ने मेरी गले में बाहें डाल मेरे होठों को चूसने लगी. उसके जिस्म मे फैली आग और बदन से उठती खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. मेने भी उसे सहयोग दे अपनी जीब उसके मुँह में डाल घूमने लगा.

में उसके होठों और जीब को चूस रहा था तो वो अपनी टाँगे फैला मुझसे बोली, "राज मेरे बदन को सहलाओ ना प्लीज़." मेने उसकी ड्रेस के सामने की ज़िप को नीचे कर दिया और उसकी चुचियों को बाहर निकाल लिया. उसके निपल इतने काले थे कि क्या बताउ. मेने उसकी एक चुचि को अपने हाथों मे पकड़ रगड़ने लगा और चूसने लगा. उसके शरीर की कपन बता रही थी कि उसने अपने आप को मुझे सौंप दिया था लेकिन में उसकी चूत से नही खेल सकता था.

मेने उसकी पॅंटी के उपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और अपने हाथ के दबाव से डिल्डो को और अंदर की तरफ धकेल दिया. में उसकी पॅंटी को उतार उसकी चूत को छूना चाहता था पर उसने मुझे रोक दिया, "राज नही शर्त का उसूल है कि तुम उसकी बात को टालोगे नही."

मेने घूम कर प्रीति की तरफ देखा कि वो क्या कर रही है. मेने देखा की प्रीति अपने मुँह को खोले अविनाश के लंड को चूस रही है और एक हाथ से उसकी गोलियों को सहला रही है. इतने में ही प्रीति ने अपने मुँह को पूरा खोला और अविनाश के 10" इंची लंड को पूरा अपने गले तक ले लिया. अब उसके होंठ अविनाश की झांतो को छू रहे थे. प्रीति धीरे से अपने मुँह को पीछे की ओर करके उसके लंड को बाहर निकालती और फिर गॅप से पूरा लंड ले लेती.

प्रीति के दोनो छेद में लंड घुसा हुआ था. असली 10"इंची लंड उसके मुँह मे और नकली प्लास्टिक का 11" इंची उसकी चूत मे.

प्रीति अब जोरों से अविनाश के लंड को चूस रही थी. मेरी और मिनी की आँखें इस दृश्या से हटाए नही हट रही थी. इतने मे मिनी भी घुटनो के बल बैठ कर मेरी जीन्स के बटन खोलने लगी. उसके घुटने को बल बैठते ही डिल्डो उसकी चूत के अंदर तक समा गया और उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, "आआआआअहह"

मिनी ने मुझे घुमा कर इस अंदाज़ मे खड़ा कर दिया कि में उसके पति के सामने खड़ा था. अब वो मेरा लंड अपने मुँह मे ले जोरों से चूस रही थी. दोनो औरतें अपनी चूत में डिल्डो फँसे किसी मर्द का लंड का चूस रही थी. आज की शाम प्रीति के लिए अविनाश दूसरा मर्द था जिसका लंड वो चूस रही थी और मेरे लिए मिनी दूसरी औरत. एक की मेने गांद मारी थी और दूसरी मेरा लंड चूस रही थी.

क्रमशः...............
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06-15-2017, 11:53 AM,
#20
RE: नये पड़ोसी
नए पड़ोसी पार्ट--5

गतान्क से आगे.........

मेने देखा की मेरे लंड को वो औरत चूस रही थी जिससे में चंद घंटे पहले ही मिला था, और मेरी बीवी उसके पति के लंड को चूस रही थी. दोनो औरतें एक दूसरे के पति के लंड को चूसे जा रही थी. धीरे धीरे उनके चूसने की रफ़्तार बढ़ने लगी इतने मे अविनाश के मुँह से एक सिसकारी निकली, "ःआआआआआआआआआण ऐसे ही चुसूओ चुस्ती जाओ."

मिनी ने अपने पति की सिसकारियाँ सुनी तो अपने मुँह से मेरे लंड को निकाल अपने पति को देखने लगी. जैसे जैसे प्रीति की चूसने की रफ़्तार बढ़ रही थी वैसे ही अविनाश के शरीर की अकड़न बढ़ रही थी. उसका शरीर आकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की बौछार प्रीति के मुँह मे कर दी. मेने देखा की बिना एक बूँद भी बाहर गिराए प्रीति उसके सारे पानी को पी गयी.

प्रीति की हरकत देख मिनी भी जोश मे भर गयी और मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगी. मुझसे अब रुका नही जा रहा था. मेने मिनी के सर को पकड़ा और पूरी तरह अपने लंड पे दबा दिया. मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और तभी लंडने जोरों की पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी.

हम चारों को अपनी साँसे संभालने मे थोडा वक़्त लगा. हम चारों ने कपड़े पहने और वापस पार्टी में आ गये जो करीब करीब समाप्त होने के कगार पर थी. हम दोनो मर्दों के चेहरे पे तृप्ति के भाव थे पर दोनो औरतें अभी भी प्यासी थी. एक तो उनकी चूत ने पानी नही छोड़ा था और दूसरा उनके मुँह में हम दोनो के लंड का पानी. वो बार बार अपने जीभ से होठों पे हमारे लंड के पानी को पोंछ रही थी. वो दोनो जाकर प्रशांत के पास खड़ी हो गयी जो पार्टी में आई किसी महिला से बातों में व्यस्त था.

हम दोनो भी प्रशांत के पास पहुँच गये. शायद दोनो औरतों की तड़प उससे देखी नही गयी. वो भी जानता थी कि प्रीति और मिनी पिछले तीन घंटे से डिल्डो अपनी चूत मे लिए घूम रही और अब उनकी चूत भी पानी छोड़ना चाहती होगी. "चलो सब मेहमआनो को अलविदा कहते हैं और हम अपनी खुद की पार्टी शुरू करते है. प्रशांत ने कहा, "मेरा विश्वास करो प्रीति आज की रात बहोत ही स्पेशल होगी. जो मज़ा तुम्हे आज मिलेगा उस मज़े की कभी तुमने कल्पना भी नही की होगी.

में सोच रहा था पता अभी और प्रशांत के दिमाग़ में क्या है. प्रीति हॉल में सभी मेहमआनो का ख्याल रखने लगी. थोड़ी ही देर में सब मेहमान एक के बाद एक जाने लगे.

प्रीति जैसे ही किसी काम से नीचे को झुकती तो उसकी गांद थोड़ा सा उपर को उठ जाती. प्रशांत उसे ही घूर रहा था, "राज अब में तुम्हारी बीवी की गंद मारूँगा जैसे तुमने मेरी बीवी की मारी थी."

में ये सुन कर दंग रह गया. प्रशांत मेरी बीवी की कुँवारी गंद मारेगा जैसे मेने उसकी बीवी की मारी थी. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि उसकी बीवी की गंद कुँवारी नही थी, वो इतनी खुली थी गंद मरवाने में उसे कोई तकलीफ़ नही हुई थी. पर क्या प्रीति सह पाएगी. ये सोच कर ही मेरे बदन में एक सर्द ल़हेर दौड़ गयी.
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