Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-05-2017, 02:13 PM,
#21
RE: चूतो का समुंदर
इतना कहने के बाद हम बाते करते हुए बिग मार्केट मे पहुच गये….मैं कार पार्क की ओर हम माल की तरफ जाने लगे….मैने गौर किया कि कुछ लोग…आंटी को ही घूरे जा रहे है….आंटी लग भी तो कमाल रही थी……ऑर हम माल मे एंटर हो गये…
हम माल मे एंटर हुए ऑर वमेन्स सेक्षन मे गये…वहाँ 1 से बढ़ कर 1 मॉर्डन ड्रेस दिख रही थी…..आंटी तो देखकर ही खुश हो गई….ओर मैं आंटी को देख कर

मैं-आंटी…देखा कितनी मस्त ड्रेस है यहाँ…
आंटी-हाँ ये तो है…बट ज़्यादा तर छोटी है
मैं-अरे आंटी वो छोटी नही…मॉर्डन है…आज कल ऐसे ही चलती है
आंटी-अच्छा…पर…
मैं-छोड़ो भी अब आप…चलो ड्रेस खरीदते है….

हम उसके बाद 1 सेल्स गर्ल के पास पहुचे

सेल्सगर्ल- बोलिए सर
मैं-आप बिल्कुल न्यू स्टाइल ड्रेस दिखाइए
सेल्सगर्ल-किसके लिए
मैं(आंटी की तरफ इशारा कर के)-इनके लिए
सेल्सगर्ल-ओके सर इस तरफ प्ल्ज़्ज़

मैं ऑर आंटी सेलेज़्गर्ल के पीछे 1 कॉनटर पर पहुचे….वहाँ वो आंटी को उनके साइज़ के हिसाब से ड्रेस दिखा रही थी …तभी मेरी नज़र 1 ड्रेस पर पड़ी जो छोटी थी बट ज़्यादा नही….मैने वो ड्रेस निकलवा के आंटी को दे दी

मैं-आप ये ट्राइ करो
आंटी-ईए…नही बेटा ये छोटी है…
मैं(डाइरेक्ट हाँ करवाना चाहता था)-आपको मेरी कसम आप ये ज़रूर लेगी
आंटी-बेटा…ययईई…क्क्एययू
मैं-(मुस्कुरा कर)-क्योकि आप हॉट हो….ओर ये ड्रेस हॉट बॉडी के लिए ही है

आंटी(मेरी तरफ अजीब सी नज़रो से देखने लगी जैसे पूछ रही हो कि इरादा क्या है)

मैं(आंटी की आँखो मे देख कर ,बात आगे बढ़ते हुए)-ऑर अगर मेरी गर्लफ्रेंड होती तो मैं उसे यही पहनाता
आंटी-तो अपनी गर्लफ्रेंड को ही देना ना
मैं-आंटी गर्लफ्रेंड तो है नही….आपको ही बना लूँ….हाहहहा
आंटी-पागल कुछ भी बोलता है…ऑर शरमा गई

मैने सोचा आंटी तो बिल्कुल भी गुस्सा नही हो रही…क्या ये सही टाइम होगा…इन्हे कुछ ऐसा बोलने का क़ी ये मुझसे पट जाय….पता नही….???..चलो ट्राइ करते रहता हूँ
यही सोच कर मैने बातें कंटिन्यू की….



मैं-सच आंटी…आप जैसी हॉट लेडी मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए तो मज़ा आ जाय
आंटी(मेरे गाल पर हाथ फेरते हुए)-बेटा ये कैसे हो सकता है

मैं शॉक्ड था कि ये तो पूछ रही है, जैसे कह रही हो कि बना ले अगर तुझे अच्छा लगे तो…वाउ लगता है आज दिन सच मे लकी है…मैं कंटिन्यू करता हूँ…
मैने आंटी की आँखो मे मुस्कुराते हुए देख कर कहा

मैं-आंटी आप चाहो तो सब कुछ हो सकता है….वो भी बिना किसी को पता चले(ये बोलते हुए मैं आंटी की आँखो मे ही देख रहा था,,,,ऑर लास्ट की बात मैने धीरे से उनके चेहरे के पास जाकर कही…तो उनकी आँखो मे शर्म …डर…ख़ुसी..का मिक्सर दिखाई…दिया)
आंटी तो मेरी बात सुन कर कही खो सी गई थी…


मैं(चुटकी बजा कर)-आंटी कहाँ खो गई
आंटी-वो..वो…कही नही…तू भी पागल है

ओर आंटी ड्रेस देखने लगी

मैं आंटी के साइड से उनके पास गया ऑर बोला
मैं-आंटी…पागल तो हू….बस आपके लिए …

आंटी ने मेरी तरफ मुँह किया तो हमारी नज़रे मिल गई ओर मैने देखा कि आंटी की आँखो मे अब गुस्सा नही था …बस डर ऑर एग्ज़ाइट्मेंट था…मौका देखते हुए मैने चौका मारा….

मैं-आंटी…किस सोच मे पड़ गई….बोलिए ….मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी…..???
मैने अपना तीर मार कर…मन की बात बोल तो गया बट मेरी गंद फट रही थी कि आंटी गुस्सा हो गई तो….चूत मारना तो दूर की बात…अपनी गंद बचाना भारी पड़ जाएगा….

लेकिन मेरी सोच के ऑपोसिट आंटी मेरी आँखो मे देखती रही…पर बोली कुछ नही…

मैं समझ गया कि तीर निशाने पर है तो मैने नेक्स्ट स्टेप लेते हुए अपना हाथ आंटी के कंधे पर रखा तो आंटी सकपका कर मेरी तरफ मुँह किए देखने लगी बट अभी भी चुप ही थी

मैं(आंटी के चेहरे के पास अपना चेहरा ले जा कर)-बोलिए आंटी…मुझे आपकी ज़रूरत है…ऑर मैं भी आपको खुश रखूँगा.. ….ऑर मैने आंटी का कंधा दबा दिया तो आंटी का मुँह खुला रह गया

मैने नज़रे घुमा कर देखा तो सेल्स गर्ल हमे ही देख रही थी…तो मैं आंटी से दूर हुआ ऑर उन्हे 1 ड्रेस पकड़ाते हुए बोला….अगर आप ये ड्रेस पहन के दिखा देगी तो मैं हाँ समझुगा …नही तो ना…

आंटी मुझे देखते हुए उस ड्रेस के साथ कुछ ऑर ड्रेस ले कर चेंजिंग रूम की तरफ निकल गई….तो मैने सेल्स गर्ल को बुला कर उसे 2000/- दिए और कहा

मैं-तुम ये पैसे रखो ऑर कुछ लेटेस्ट डिज़ाइन की ब्रा पैंटी दिखाना इन्हे(आंटी को)

सेल्सगर्ल(मुस्कुरा कर)-ओके सर ऑर कुछ

मैं- उन्हे लेटेस्ट शॉर्ट ड्रेस ही दिखाना…ऑर हर ड्रेस की मॅचिंग ब्रा-पैंटी

सेल्सगर्ल-ओके सर…ऑर कुछ

मैं-ऑर हाँ…इन्हें 1 मस्त इंडियन-वेस्टर्न मिक्स ड्रेसस्स दिखाना(शादी मे पहनेगी…)

सेल्सगर्ल-ओके. ऑर कुछ

मैं-हाँ 1 काम ऑर करना बट वो थोड़ी देर बाद बताउन्गा….

सेल्सगर्ल- ओके सर…मैं यही हूँ

मैं-ओके…अवी ये पैसे रखो ऑर वेट करो…ओके

सेल्सगर्ल-ओके सर….वैसे सर 1 बात कहूँ…बुरा मत मान ना

मैं-हम बोलो
सेल्सगर्ल(मेरे पास आकर धीरे से)-आइटम मस्त है…फुल मज़ा देगी(ऑर वो मुस्कुरा कर दूर हो जाती है)

मैने भी मुस्कुरा दिया ओर सोचने लगा की पता नही आंटी क्या कहेगी…ओर मैं यही सोच कर आस-पास के माल देखने लगा…तभी किसी ने मेरे हाथ को टच किया ऑर मैं पलटा…..ये सेल्स गर्ल थी


मैं-यस?

सेल्सगर्ल-(मुस्कुरा कर)-आपको अंदर बुला रही है

मैं-कौन???

सेल्सगर्ल-आपकी आइटम ऑर कौन…हहेहहे

मैं चेंजिंग रूम की तरफ गया …वहाँ सारे रूम लॉक थे तो मैने कहा

मैं-आंटी..???

आंटी-(अंदर से ही)-1 मिनट
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06-05-2017, 02:13 PM,
#22
RE: चूतो का समुंदर
आंटी ने 1 रूम का गेट थोड़ा सा खोला ऑर दाएँ बाएँ देख कर पूरा गेट खोल दिया
मैं आंटी को देख कर मस्त हो गया…उन्होने वही ड्रेस पहनी थी जो मैने दी थी…मतलब आंटी भी मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहती है….
मैने आंटी को ये ड्रेस दिलवाई थी .





मैं-वाउ(मेरा मुँह खुल का खुला रह गया,,,,,1 तो ख़ुसी से ,,,क्योकि अओंती ने वही ड्रेस पहनी थी…जिससे पता च्ला की आन्सर हा मे आए…दूसरी बात आंटी सच मे पटाखा लग रही थी)

मुझे ऐसे देखते हुए आंटी शर्मा गई ऑर बोली

आंटी-क्या देख रहा है

मैं-अपनी गर्लफ्रेंड को…मस्त माल है यार

आंटी(शरमा गई)

मैं-सच मे मेरी तो किस्मत खुल गई

आंटी-चुप कर अब…अब खुश है ना

मैं आंटी के पास गया ओर उनके गाल पर 1 किस कर दिया 

मैं-हाँ,,,,बहुत खुश

आंटी शरमा कर अंदर चली गई….थोड़ी देर बाद फिर से 1 बेव ड्रेस पहन कर दिखाई…ऑर ऐसे ही हम ने 5 ड्रेस फाइनल की

ड्रेस फाइनल होने के बाद सेल्सगर्ल ने मेरे कहे अनुसार ब्रा-पैंटी ऑर नाइटी दिखाई….मैने ऑर आंटी ने 8 ब्रा पैंटी सेट 3 नाइटी के सेट सेलेक्ट कर लिए…इस सब के बीच मे आंटी शरमाती रही…बट शरमाना..कम भी हो गया था…जो मेरे लिए अच्छी बात थी

सब खरीदने के बाद

आंटी-बेटा मेरे पास इतने पैसे नही है

मैं-पहली बात अब मैं आपका बाय्फ्रेंड ऑर आप मेरी गिर्ल्फ़रणड हो….तो बेटा मत कहना
दूसरी बात बाय्फ्रेंड के रहते हुए गर्लफ्रेंड को क्या टेन्षन….मैने इतना बोलकर सेल्सगर्ल को कार्ड दिया ओर सब हिसाब करके हम शॉप से बाहर आने लगे…आंटी साड़ी मे ही थी

मैं-अरे आप साड़ी क्यो पहने हो…न्यू ड्रेस पहनो

आंटी-नही…अभी नही

मैं-अब आप अपने न्यू बाय्फ्रेंड का कहा भी नही मानेगी

आंटी-अरे बेटा.. यहाँ संजू के पापा के फ्रेंड मिल सकते है ऑर जान-पहचान वाले भी

मैं(सोच कर)-हाँ सही कहा...सॉरी मैने सोचा ही नही....चलो आइस क्रीम खाते है

आंटी-हाँ 2 मिनट…मुझे कुछ मेक-अप का सामान भी लेना है

मैं-ओके..आप लो मैं यही हूँ

आंटी मेक-अप का समान लेने गई ऑर मैं उस सेलेज़्गर्ल को देखने लगा….

जैसे ही आंटी मेक-अप काउंटर पर गई मैने ड्रेस दिखाने वाली सेलेज़्गर्ल को बुलाया

सेल्सगर्ल-जी सर…काम हो गया क्या…???

मैं(मुस्कुरा कर)-हाँ हो गया, अब सुनो

सेल्सगर्ल-जी..कहिए
मैं-ये पैसे लो..ऑर कुछ लेटेस्ट मिनी ड्रेस …जिसमे बॉडी हॉट लगे वो भिजवा देना …जब मैं कॉल करूँ…ओर मैने 10,000 रुपय उसे दे दिए

सेल्सगर्ल- ऑर कुछ सर 
मैं- हां.. एक- दो वेड्डींड ड्रेस भी भिजवाना...वेस्टूर्न लुक मे...
सेल्सगर्ल-सर जैसा आप कहे…काम हो जायगा…ऑर कुछ कर सकती हूँ आपके लिए

मैं(शरारत करते हुए)-ह्म्म…ऑर कुछ मे ह्म्म्मी ..ऑर क्या दे सकती है आप

सेल्सगर्ल-(मुस्कुरा कर)-सर आप जो कहे….फुल मज़ा

मैं-(मुस्कुरा कर)-ओके…कभी मज़े भी लूँगा…अपना नंबर दे दो…
सेल्सगर्ल-जब भी आप कहे

ऑर उसने मुझे अपना नंबर दिया ऑर मेरा नंबर भी ले लिया…
तब तक आंटी भी मेक-अप का सामान ले कर आ गई 
इसके बाद हम आइस-क्रीम पार्लर पर जाने लगे

मैने जाते हुए आंटी की कमर मे हाथ डाला तो आंटी कुछ नही बोली बस मुझे देख कर मुस्कुरा दी….ऑर हम आइस-क्रीम खाने निकल गये…
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06-05-2017, 02:13 PM,
#23
RE: चूतो का समुंदर
हम ने आइस क्रीम ऑर्डर की ओर बैठ कर आइस-क्रीम का वेट करने लगे

मैं-आंटी 1 बात पूछ सकता हूँ

आंटी(प्यार से देख कर)-हां बेटा पूछ ना

मैं-आंटी आपने हाँ बोल दिया ना मेरी गर्लफ्रेंड बनने के लिए

आंटी(थोड़ा रुक कर)-क्यो तुझे अच्छा नही लगा क्या

मैं-अरे नही-नही…मैं तो चाहता हूँ कि आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बनो

आंटी-तो बेटा ,,,अब बन तो गई ना

मैं-सच मे आंटी

आंटी-कोई शक है क्या….

मैं-नही आंटी बस सोच रहा हूँ..कि आज मेरी किस्मत खुल गई

आंटी(मुस्कुरा कर)-किस्मत तो मेरी खुल गई जो इतना हॅंडसम बाय्फ्रेंड मिला है मुझे

तभी हमारी आइस-क्रीम आ गई…ऑर हम आइस-क्रीम खाने लगे

(मैं आइस-क्रीम खाते हुए सोच रहा था कि ये आंटी इतनी जल्दी लाइन पर आ गई…क्यूँ???....मुझे जवाब नही मिल रहा था …फिर सोचा शायद इसकी चूत मे ज़्यादा ही आग है ऑर मैं मुस्कुराने लगा)

आंटी-क्या हुआ …हँस क्यो रहे हो

मैं-कुछ नही आंटी…खुशी के मारे…आज मैं बहुत खुश हूँ

आंटी- मैं भी…बस मुझे ऐसे ही खुश रखना

मैं-बिल्कुल आंटी….हमेशा…आज से आपको खुशी ही मिलेगी(ऑर ये कह कर मैने आंटी का हाथ पकड़ कर छोटा सा किस कर दिया

आंटी-मैं भी तुम्हे गर्लफ्रेंड की सारी ख़ुसीया दूँगी बेटा

मैं- सच आंटी...सारी खुशी जो गर्लफ्रेंड देती है

आंटी(आँखे नचाते हुए)-हाँ...सारी की सारी

मैं(हँसते हुए)- तो अब चले

आंटी - ओके

मैं ऑर आंटी माल से बाहर आगये ऑर कार मे बैठ गये…

कार को स्टार्ट करके हम निकल गये घर की तरफ

आंटी - सुनो

मैं- क्या हुआ

आंटी -हम ये समान घर नही ले जा सकते…

मैं(अंजान बनते हुए)-क्यो

आंटी -तुम जानते हो ....इसमे क्या -2 तो दिलवा दिया ऑर अब कह रहे हो क्यो

मैं-अरे जानता हूँ…डॉन’ट वरी मैं मज़ाक कर रहा था…इसे मेरे घर रख कर चलते है…..कल शादी मे जाने से पहले ले लेगे

आंटी -ओह माइ गॉड

मैं-क्या हुआ अब

आंटी - शादी मे तो संजू के साथ जाना है …उसे क्या बोलुगी

मैं-अरे आप टेंशन मत लो मैं हूँ ना

आंटी -क्या करोगे

मैं-शादी में गर्लफ्रेंड अपने बाय्फ्रेंड के साथ जाएगी

आंटी(शरमाते हुए)-गर्लफ्रेंड की बहुत फ़िक्र है…ह्म्म्म 

मैं- ऑर नही तो क्या…अभी तो मिली है…डॉन’ट वरी मैं संजू को मना लूँगा ऑर वैसे भी वो बीमार है

आंटी-ओके.…वैसे तुम क्यों जाना चाहते हो मेरे साथ

मैं-अब न्यू गर्लफ्रेंड को प्यार तो करना बनता है ना…

आंटी- चुप करो…बड़ा आया प्यार करने वाला

मैं- आंटी , क्या आप प्यार नही करने दोगि मुझे

आंटी(शरमा जाती है)-चलो गाड़ी चलाओ

मैं-नही पहले बताओ…क्लियर बता दो….मज़ाक नही

आंटी(थोड़ा सोच कर)- ठीक है …चलो …कल देखते है कि कैसे प्यार करता है तू

मैं-कल नही आज…

आंटी-अरे इतनी जल्दी ठीक नही बेटा

मैं-आप मेरी गर्लफ्रेंड हो…ऑर मैं आज ही अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार करूगा…ऑर खुश कर दूँगा

आंटी-देखते है कितना खुश कर पाता है…हहेहहे

मैं-चलिए आपको दिखाता हूँ …ऑर मैने कार घर की तरफ दौड़ा दी…हम बात करते-करते मेरे घर पहुच गये…



(हम घर मे एंटर हुए ,,,ऑर सविता ने हमे कॉफी पिलाई ऑर हम , मेरे रूम मे आ गये
आंटी -रूम तो अच्छा है ….सब कुछ है यहाँ 

( मेरा रूम आलीशान था ज़रूरत का हर समान था…बड़ा सा बेड गद्देदार बिस्तर….डाइनिंग टेबल…सोफा…अटेच बाथरूम…एसी…एट्सेटरा…मतलब शानदार इंसान का आलीशान रूम)
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06-05-2017, 02:13 PM,
#24
RE: चूतो का समुंदर
मैं- हाँ …मेरा रूम तो देख लिया अब अब अपना रूम कब दिखओगि(डबल मीनिंग)

आंटी -वेट करो…बहुत जल्दी है क्या बेटा….जल्दी ठीक नही है(अब आंटी की शरम भाग गई थी..बस थोड़ी सी ऑर भागनी थी)

मैने रूम को अंदर से लॉक किया ऑर आंटी का हाथ पकड़ कर अपनी बाहों मे खींच लिया

आंटी(गुस्से से) –ये क्या बदतमीज़ी है
मैं ( कंफ्यूज हो कर)-मेरी गर्लफ्रेंड हो ..….क्या हुआ आपको

आंटी - बस रुक जाओ…गर्लफ्रेंड…गर्लफ्रेंड…मतलब करना क्या चाहते हो

मैं(मन मे –साली चोदना चाहता हूँ तुझे ऑर क्या)

आंटी-देख क्या रहे हो बोलो अब…क्या करना चाहते हो

मैं(कन्फ्यूज होकर)- मैं…वो…प्यार

आंटी-प्यार मतलब क्या…तुमने मुझे समझ क्या रखा है 

मैं-आप…वो…कहा था ना..कि आप…मेरी…गर्लफ्रेंड…(मैं हिचकिचाते हुए बोला)

आंटी-बस..बहुत हुआ…अब मैं घर जा रही हूँ(ऑर ये कह कर आंटी गेट की तरफ जाने लगी)

मैं-रूको आंटी…मैं साथ चलता हूँ आपके

आंटी- कोई ज़रूरत नही मैं अकेली जा सकती हूँ

मैं(तेज आवाज़ मे)-ज़रूरत है...संजीव क्या सोचेगा..

आंटी(चुप चाप खड़ी रही)

मैने आंटी का समान एक तरफ रखा ऑर कार की कीज़ लेकर बोला

मैं (गुस्से मे) -अब चलिए

इसके बाद हम संजीव के घर चल दिए…पूरे रास्ते हमने कोई भी बात नही की….मैं सोच रहा था कि क्या औरत है….1 मिनट मे यहाँ ऑर 1 मिनट मे वहाँ

संजीव के घर आते ही मैं कार पार्क करने लगा जब तक आंटी घर मे एंटर हो गई ऑर अपने रूम मे चली गई…मैं भी सीधा उपर आ कर संजीव के रूम मे गया…वो अभी भी सो रहा था…मैं भी उसी के बाजू मे लेट गया ऑर…कब नीद आ गई पता ही नही चला…….
मैं शाम तक सोता रहा ...
शाम को भी कुछ खास नही हुआ…

आंटी मेरे सामने आई तो बिल्कुल नॉर्मल बिहेव कर रही थी…लेकिन मेरा गुस्से से सिर फटा जा रहा था….

मैं बापिस संजीव के साथ रूम मे आ गया ऑर टीवी देखने के बाद सोने की कोसिस करने लगा….
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06-05-2017, 02:13 PM,
#25
RE: चूतो का समुंदर
अचानक मेरा सेल बजने लगा…कोई अकनोन नंबर. से कॉल था..मैने कॉल पिक की…

(कॉल पर)
अननोन-क्या कर रहे हो
मैं(ये तो कोई औरत की आवज़ है)-कुछ नही…वैसे कौन ??

अननोन-सो गये थे क्या???

मैं-(कौन है साली)- नही…बट बोलो तो हो कौन??

अननोन-नीचे आओ…चुपके से

मैं(नीचे , मतलब इसी घर से है कोई…कौन हो सकता है…संजीव की मोम..???)- आप हो कौन

अननोन- आज ही गर्लफ्रेंड बनाई ऑर आज ही भूल गये

मैं(हाँ वही है साली, गुस्से मे)-क्या काम है अब..

अननोन-आओ तो, एक सर्प्राइज़ तुम्हारा वेट कर रहा है…

इतना बोल कर आंटी ने कॉल कट कर दी…

मैं सोचने लगा…वाकई ये औरत तो समझ नही आ रही….कैसा मूड है जो बदलता ही रहता है…

अब पता नही कैसा मूड है…मेरे फ़ायदे का या न्यू टेन्षन…चलो देखते है

मैं बेड से उठा ऑर रूम के बाहर आकर देखा…सब रूम मे ही थे…हालाकी अभी सिर्फ़ 10 ही बजे थे…तो सब रूम के अंदर जाग ही रहे थे

मैं जैसे ही नीचे पहुचा..तो आंटी का रूम क्लोज़ था…मैने 1 बार ही नोक किया ..

आंटी-कौन है

मैं-मैं हूँ…आपने बुलाया…

आंटी(बीच मे ही)-अंदर आ जाओ

मैं अंदर गया…तो देखा आंटी 1 चद्दर लपेटे खड़ी हुई थी..

मैं(गुस्से मे)-क्या हुआ…क्यो बुलाया
आंटी-सस्स्शह(उंगली मुँह पर रख कर)

मैं(धीरे से)-ओके…अब बताइए भी

आंटी-गेट बंद करो पहले

मैं कनफ्युज था कि गेट बंद करके ये क्या करने वाली है…फिर भी मैने गेट बंद कर दिया ऑर जैसे ही पीछे मुड़ा….

मेरी आँखे फटी की फटी रह गई….ओर मेरे मुँह से 1 वर्ड भी नही निकला…बस मे देखे जा रहा था….

मेरे सामने आंटी सिर्फ़ ब्रा–पैंटी मैं थी….वो बेड पर एक जाँघ को दूसरी जाँघ पर चढ़ा कर बैठे हुए इतरा रही थी....

ये उन्ही ब्रा-पैंटी सेट्स मे से 1 से था….क्या माल लग रही थी..कसम से दिल किया कि अभी खा जाउ इसे….






मैने सोचा समान तो मेरे घर पर रखा था फिर ये यहाँ कैसे…मैं अपने ख़यालो मे खोया था , तभी आंटी बोली

आंटी-क्या हुआ हीरो….कैसा लगा सर्प्राइज़..???

मैं(होश मे आते हुए)-फंदू….क्या पटाखा माल हो आप…दिल करता है कि….कि....

आंटी-रुक क्यो गये …बोलो दिल क्या करता है

मैं-यही कि आपको खा जाउ

आंटी-वेट करो....वो मौका भी मिलेगा...

मैं-लेकिन आप तो बोल रही थी कि…मतलब …अब कैसे…ऑर ये आप लाई कब

आंटी-अरे,अरे कितने सवाल करोगे

मैं-तो आप जवाब दो 

आंटी-ये मैं चुपके से ले आई थी….क्योकि तुम्हे दिखाना था कि तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए जो खरीदा है उसमे तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसी लगती है….

ओर जो मैने गुस्सा दिखया था…वो तो ऐसे ही..

मैं-ऐसे ही मतलब …मेरी तो फट गई थी डर से…कि पता नही आप क्या करोगी

आंटी-अच्छा डर गये थे….ऑर कुछ

मैं-हां…मेरे हाथ से इतना मस्त माल भी निकल गया था ना

आंटी(हँसते हुए)-ये माल तो तुम्हारा हो गया….

मैं-तो वो सब …क्यो किया..

आंटी-ताकि तुम समझ सको कि मैं ऐसी औरत नही जो किसी के भी पास आसानी से आ जाउन्गी…मैने अपने पति के अलावा किसी के साथ नही गई…आज तक

मैं-तो आपने मुझे हाँ क्यो बोला

आंटी-पता नही पर तुम्हे देख कर मैं गरम हो जाती हूँ….ओर मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत भी है..

मैं-तो आपने तब मना क्यो किया…प्यार करने को

आंटी(मुस्कुरा कर)-तुम्हे तड़पाने के लिए

मैं-पर क्यो
आंटी-क्योकि तड़प जितनी बढ़ती है…प्यास भुजने मे उतना ही मज़ा आता है…

मैं-तो अभी प्यास भुजा लूँ

आंटी-फिर जल्दबाज़ी….थोड़ा तड़पो….सब मिलेगा….तुम्हारा ही है सब

मैं-तो अभी ले लूँ, मेरा ही है

आंटी-अभी तो कुछ सोचना भी मत, अंकल आने वाले है,…मुझे जो सर्प्राइज़ देना था वो दे दिया…बाकी कल..अब जाओ

मैं-ऐसे तो नही जाउन्गा

आंटी-समझो ना….अब थोड़ा रूको…फिर इस बॉडी पर तुम्ही राज़ करना

मैं-सच

आंटी(डरी हुई थी कि कोई आ ना जाय ऑर मुझे भागने के लिए बोली) -हाँ बिल्कुल…अगर मेरी प्यास बुझा दोगे…तो तुम्हारी रखैल बन जाउन्गी….ओके

मैं-तो रेडी हो जाओ…कल से तू मेरी रखैल

आंटी-देखते है बेटा …कितना दम है….ऑर हाँ, अगर मैं प्यासी रह गई तो हाथ भी नही लगाने दुगी

मैं-ठीक है प्रॉमिस

आंटी-अब जाओ भी

मैं-ऐसे नही

और मैं आंटी की तरफ बढ़ने लगा…आंटी डर से पीछे हो रही थी …लेकिन पीछे बेड के लास्ट मे पहुच गई अब आगे जगह नही थी….

मैने आंटी के पास पहुचे…उनकी आँखो मे डर दिखाई दे रहा था…साथ मे हवस भी…मैने उनके लिप को किस किया ऑर बूब्स को प्रेस करके कहा

मैं-कल …ये बॉडी मेरी हो जाएगी…आज रात भर के लिए आज़ाद हो…कल से मेरी गुलाम होगी

आंटी-अगर तुम मेरी उम्मीदों पर खरे उतरे तो तुम्हारी गुलाम बन कर …किस्मत मेरी चमक जाएगी…अब जाओ प्लीज़
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06-05-2017, 02:14 PM,
#26
RE: चूतो का समुंदर
मैने मौके की नज़ाकत को समझा ऑर धीरे से निकल कर उपर रूम मे आ गया…ऑर बेड पर लेट कर सोचने लगा

मैं(मन मे)-ये साली रंडी है कि क्या है….खुला आमंत्रण दे दिया….कि चुदाइ मज़ेदार होगी तो मेरी रखैल बन जायगी….

कोई नही आंटी जैसे तेरी बेटी मेरी गुलाम है वैसे कल से तू भी मेरे लंड की गुलाम होगी….फिर देख मैं क्या करता हूँ…कैसे यूज़ करता हूँ तुम दोनो माँ-बेटी को

सोचते हुए मैं सो गया ऑर जब आँख खुली तो कल की तरह आज भी कोई मेरा लंड सहला रहा था…

मैने सोचा…करने दो..जो भी है…देखते है आज क्या करती है ये…इतना तो पक्का था कि ये पूनम नही हो सकती….क्योकि वो मेसेज किए बिना आती नही….ये कल वाली ही है…

अब है कौन….आंटी हो नही सकती…पूनम है नही, आंटी2..??, अनु?? …या रक्षा..???

पता नही कौन होगा…आज कैसे भी पता करना होगा…बट अभी चुप रहने मे ही भलाई है

ऐसा सोच कर मैं शांति से लेटा रहा ओर वेट करने लगा कि देखु तो कि ये आगे क्या-क्या करती है….....
मैं आँखे बंद किए हुए लेटा था ऑर वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी...करीब 10 मिनट मे मेरा लंड झड़ने के करीब पहुचने लगा...मुझे लगा कि आज तो साली हाथ से ही झडा देगी...

मैने सोचा साली को कल की तरह पकड़ कर मुँह चोद दूं...लेकिन फिर सोचा कि अगर इसकी असलियत जान नी है तो चुपचाप रहने मे ही भलाई है...

अचानक मुझे झटका लगा जब मुझे मेरे लंड पर जीभ का अडसास हुआ....मैने सोचा चलो बढ़िया है...कुछ तो किया साली ने....

मैने दुआ करने लगा कि अब बस ये मुँह मे लेकर चूसे...तो मज़ा आ जाए

लेकिन ऐसा नही हुआ....5 मिनट वो जीभ से लंड का टोपा ही चाट रही थी.....

मुझे लगा कि शायद आज किस्मत मे यही है...बट मैं ग़लत था

अचानक वो मेरे लंड को होंठो से होते हुए मुँह मे ले गई ...लेकिन बस ¼ हिस्सा ही अंदर लिया....

मैं(मन मे)- लगता है साली को कल की लंड चुसाइ पसंद आई...चलो बढ़िया है....

मैं लेता हुआ मज़े लेने लगा ऑर सोचने लगा कि अब आगे क्या करती है साली....


मुझे आज झटके पे झटका मिल रहा था...पहले आंटी ने झटके दिए ऑर अब इसने....

ऐसा सोच ही रहा था कि एक ऑर झटका मिला...वो साली मेरे लंड को अपने गले की गहराई मे ले कर चूसने लगी....

मैं तो खुशी से आसमान मे उड़ने लगा...ऑर लंड चुसवाने का मज़ा लेने लगा...मैं अपने आख़िरी चरम पर था...मेरा लंड उसके मुँह की गर्मी अब ज़्यादा बर्दास्त नही कर सकता था...ऑर मैं तेज़ी से झड़ने लगा.....


मैं आंटी की वजह से गरम तो था ही....तो तेज़ी से झड़ने लगा ऑर ऐसा लगा की इस बार कुछ ज़्यादा ही झड रहा हूँ...शायद नये मुँह के द्वारा मर्ज़ी से लंड चूसे जाने की खुशी थी.....

मैं अपने आनद मे मगन था ऑर वो मेरे लंड रस को निगल रही थी....जब वो मेरा पूरा रस पी गई...तो लंड को चाट कर सॉफ करने लगी...

लंड को सॉफ करके उसने बड़ी सराफ़त से मेरे लंड को मेरी अंडरवर के अंदर करके लोवर को उपर चढ़ा दिया….ऑर सरीफ़ लड़की की तरह उठ कर गेट की तरफ जाने लगी…

बट आज तो मुझे पता करना था कि ये है कौन …तो मैं बेड से उठा 

मैं शान्ती से पीछा करना चाहता था बट उठते हुए मेरा हाथ बाजू की टेबल पर रखे फ्लॉवेरवाश से टकरा गया….ऑर मेरे मुँह से भी निकल गया

मैं- ओह्ह…ये क्या…

फ्लॉवेरवाश ऑर मेरी आवाज़ सुनकर वो साली बिजली की स्पीड से मेरे रूम से निकल गई….जब तक मैं उठ कर रूम के बाहर पहुचा…वहाँ कोई नही था…बिल्कुल सन्नाटा…

मैं(मन मे)- भैनचोद…निकल गई….आज साला किस्मत ही गन्दू है

( मैने सोचा सायद नीचे गई होगी ऑर मैने नीचे देखने चला गया…वहाँ मुझे कुछ लोगो की आवाज़े सुनाई दी ऑर मैं ध्यान से आवाज़ का पीछा करते हुए आगे बढ़ा…
जब मुझे आवाज़ सॉफ-सॉफ सुनाई देने लगी तो मैं वही रुक गया ऑर ध्यान से सुनने लगा…)


जब मैं वो बातें सुन रहा था तो शॉक्ड हो गया ऑर मुझे गुस्सा भी आया …

वहाँ मेरे बारे मे ही बातें हो रही थी…मन तो किया कि सामने चला जाउ ऑर गान्ड मार दूं उनकी…. फिर सोचा कि अभी नही, प्लान करके कुछ करूगा ओर मैं बापिस अपने रूम मे आ गया…)

ऑर मैं अपने आप पर गुस्सा होते हुए बापिस बेड पर लेट गया ऑर सोचने लगा कि…
ये क्या चल रहा है….मेरे खिलाफ ऐसी साज़िश…
अब इस न्यू प्राब्लम का क्या करे…

फिर मैने अपने आप से कहा …इनको तो तरीके से निपटाउंगा…

मेरे साथ खेल खेलना चाहते है….…, अब देखो मैं क्या खेल खेलता हूँ…..
वो बाद मे ….अभी पहले ये पता लगाना है कि रूम मे कौन था

मैने अपना फोकस लंड चूसने वाली पर किया ऑर सोचने लगा…
क्या अब वो आयगी या नही….फिर सोचा जब आयगी तब देखेगे…

अगर अबकी बार आई तो कन्फर्म पता कर लूँगा…बट कुछ ऑर आइडिया सोचना होगा…क्योकि अब वो भी सतर्क हो गई होगी…ओर समझ भी गई होगी कि मैं सोने का नाटक कर रहा था

चलो देखते है.सोचेगे कुछ…ऐसा मैं अपने आप से कहता हुआ सो गया.....
जब सुबह मेरी नींद खुली तो मुझे प्यारी सी आवाज़ मे कोई मुझे उठाने की कोसिस कर रहा था…

मैं(बिना आँख खोले हुए)- सोने दो ना….

अनु-अरे भैया उठ जाइए…आंटी बुला रही है

मैं(अरे ये तो अनु है, आँखो को खोलते ह)-गुड’मॉर्निंग बेटा

अनु-हाँ भैया…मेरी मॉर्निंग तो गुड है….आप उठ जाओ…तो आपकी भी गुड हो जाएगी

मैं-अरे यार…इतनी जल्दी क्या ज़रूरत है

अनु-अरे भैया, जल्दी कहाँ…9 बज गये ऑर आपको जाना भी है

मैं-मुझे कहाँ जाना है

अनु-शादी मे , आंटी के साथ

इतना सुनते ही मेरी आँखे पूरी तरह खुल गई

मैं-ओह माइ गॉड, मैं तो भूल ही गया था

अनु-अब याद आया …चलिए जल्दी तैयार होकर आ जाइए…सब नाश्ते पर वेट कर रहे है

इतना बोल कर अनु नीचे चली गई ओर मैं बाथरूम के अंदर…
Reply
06-05-2017, 02:14 PM,
#27
RE: चूतो का समुंदर
मैं बाथरूम मे आकर फिर से सोचने लगा , रात के बारे मे…
कि जो मैने सुना वो क्या सच है..या मेरा वहम

अगर सच है तो आज से उनको सबक सिखाने के प्लान पर काम करना होगा …
ऑर हाँ मेरे रूम मे आने वाली…वो कौन थी ….ऐसा क्यो कर रही है….कैसे पता लगाउन्गा…..

थोड़ी देर बाद मेरा माइंड ये सब छोड़ कर आज के बारे मे सोचने लगा कि आज आंटी के साथ सफ़र करना है….आंटी को चुदाई के लिए रेडी करना है….
बट करूगा कहाँ….ह्म्म्मछ…देखते है…चलने तो दो….

यही सब सोचते हुए मैं नहा कर रूम मे आ गया ऑर मस्त तरीके से रेडी हुआ ऑर कुछ सामान ऑर कपड़े साथ मे लिए….शादी मे जाने को….ऑर नीचे चला गया..



मैने जाते ही बोला

मैं-गुड’मॉर्निंग एवेरिवन

अचानक से वहाँ सब लोग मुझे देखने लगे ऑर स्माइल देने लगे….

अंकल 1-आओ-आओ हीरो
मैं-हीरो??

अंकल1-हाँ भाई हीरो…आज बिल्कुल हीरो लग रहे हो…है ना??

अंकल2- हाँ भैया सच कहा आपने

आंटी2- हां…हीरो ही है ये तो

अनु-सच मे भैया कमाल दिख रहे हो….सब आपको ही देखेगे

मैं-आप लोग मुझे चने के झाड़ पे मत चढ़ाओ

पूनम-नही भाई सच मे

आंटी1(किचन से आते हुए)-तू तो है ही मेरा हीरो….मतलब सब सच बोल रहे है …आज तू कमाल लग रहा है

मैने आंटी को देखा ऑर हमारी आँखे मिल गई….आंटी की आँखो मे खुशी दिख रही थी….

संजीव(धीरे से)-भाई सच मे आज तो चूत वाली पीछे पड़ जाएगी

मैं(संजीव के कान मे)-तेरी माँ आ जाय बस…ऑर हम हँसने लगे

अंकल1-क्या बाते कर रहे हो हमे भी बताओ

मैं(मन मे)-अब तुझे क्या बोलू गन्दू…कि तेरी बीवी को चोदने का बोल रहा हूँ…ऑर वो भी तेरे ही बेटे से…हाहहाहा

मैं-कुछ नही अंकल

अंकल1-ओके नाश्ता करो…फिर तुम्हे जाना भी है…पर बेटा तुम्हारा स्कूल…???

संजीव(बीच मे बोला)-डॅड वो एग्ज़ॅम था क्लास नही होगी

अंकल1-ओके

और हम नाश्ता करने लगे…

मैने नज़र घुमा के देखा …कि शायद रात वाली का कुछ पता चले…जिससे भी नज़रें मिलती वो स्माइल कर देता ऑर मैं भी…..बट रक्षा आज फिर मुझे गुस्से से घूरे जा रही थी…जैसे ही मैने उसे देखा उसने मुँह नीचे कर लिया ऑर नाश्ता करने लगी

मैं(मन मे)-साला इसे क्या हो गया….ऐसा तो नही कि यही हो….लेकिन अगर ये होती तो नज़रे चुराती….गुस्सा क्यो होती….नही-नही ये नही हो सकती….तो फिर साला कौन होगा….दिमाग़ का दही कर दिया…लंड चाहिए तो सीधे माँग ले ना…चोरी-चोरी क्यो….दिमाग़ हिल गया

आंटी1-बेटा ऑर कुछ लोगे

मैं(होश मे आते हुए)-अभी नही …(मैं मुस्कुरा दिए)

आंटी-(शरारती हँसी के साथ)-ओके बेटा जो भी चाहिए , माँग लेना… समझ गये….ऑर हँसते हुए दूसरो को सर्व करने लगी

मैं(मन मे)-साली आज तेरी चूत ऑर गान्ड ही खाउन्गा….देखती जा


नाश्ता ख़त्म होने के बाद….सब अपने -2 काम मे लग गये….
Reply
06-05-2017, 02:14 PM,
#28
RE: चूतो का समुंदर
अंकल लोग शॉप पर निकल गये ऑर आंटी को अच्छे से जाने का बोल गये….ऑर मुझे भी…

पूनम अपनी फ्रेंड के घर निकल गई , अनु ऑर रक्षा अपने कमरे मे….आंटी 2 किचन मे ऑर आंटी1 मुझसे बोली

आंटी-ओके, बेटा अब मैं तैयार हो कर आती हूँ…चलो चलते है

मैं(मन मे)-हाँ साली मैं तो इसी लिए रेडी हू

संजीव-भाई इतनी जल्दी क्यो…शादी तो कल है ऑर संगीत रात मे…ऑर 4 घंटे मे तो पहुच जाओगे

मैं(मन मे)-भाई थोड़ा टाइम तो तेरी माँ को चोदने मे ही निकल जायगा

संजीव-क्या सोचने लगा

मैं –कुछ नही भाई…वो आंटी ने कहा था कि जल्दी पहुच जाएगे तो अपनी फरन्ड के काम मे हेल्प कर पाएँगी

संजीव-ओके..तो भाई आगे क्या सोचा

मैं(मन मे-इसे कल जो हुआ वो नही बताना)-अर्रे कुछ नही अभी तक तो आगे बात नही बढ़ी…आज देखते है

संजीव-भाई जल्दी कर ना

मैं(गुस्सा दिखाते हुए)-साले तेरी माँ है…रंडी नही…जो सीधा बोल दूं…थोड़ा टाइम लगता है यार

संजीव-गुस्सा मत कर…तू अपने तरीके से काम कर ..हुआ तो ठीक…ऑर नही हुआ तो कोई नही यार…कुछ ऑर सोचेगे

मैं-ओके…ये हुई ना बात

मैं पता नही क्यो ये सोचने लगा था कि संजीव को गोली मारो ऑर इसकी फॅमिली की जितनी चूत मिलेगी उनको मैं मारूगा...

संजीव की बात कौन करे किसी से...जब मैं सबकी ले लूँगा...तब इसका सोचूँगा...हाँ, ये ठीक रहेगा...नही तो पता चला इसे चूत दिलाने के चक्कर मे मेरे हाथ भी कुछ ना लगे

इतने मे आंटी रेडी हो कर हॅंड बेग के साथ आ गई...

आंटी-आइ एम रेडी

मैने आंटी को देखा तो देखता रह गया…क्या माल थी यार…लाइट ब्लू साड़ी, स्लीवलेशस ब्लाउस…पिंक लिप्स…गोरे-2 हाथ…ऑर बड़े-बड़े बूब्स…आज तो मेरी निकल पड़ी

संजीव-मोम आपने कपड़े नही लिए

ये सुनकर आंटी चुप रह गई…मैं भी सोचने लगा कि आंटी का समान तो मेरे घर पर है…जो आंटी ले जाने वाली है…अब क्या बोलेगी ये

आंटी(बहाना बनाकर)-संजू,वो मेरी फरन्ड अपने सामान के साथ मेरे कपड़े भी ले गई….मैने सोचा जाना तो वही है तो अलग से क्या ज़रूरत है

संजीव- ओके

आंटी(राहत की साँस लेते हुए)-चले बेटा , लेट ना हो जाएँ

मैं-ओके आंटी चलो….ओके संजीव जाते है…

संजीव-ओके बाइ…बाइ मोम…सेफ जर्नी

आंटी…बाइ बेटा…थॅंक्स न्ड टेककेअर

इतना बोलते हुए हम घर से बाहर आए ऑर कार से निकल गये…संजीव अपने रूम मे निकल गया.....

( कार के अंदर आते ही)

आंटी-चलो जल्दी…सामान उठा लेते है

मैं-हाँ चलते है…बट सामान उठना ही नही है…ऑर भी कुछ करना है

आंटी- ऑर क्या??

मैं-आप चलो तो, मैं बताता हूँ…आप बस वेट करो

आंटी(शरमाते हुए)-अच्छा, इसी लिए तो जल्दी आई हूँ

मैं-हहे मेरी रानी….मज़ा आ गया

आंटी-रानी ????, ओके तो तुम मेरे राजा…पर याद है ना

मैं-क्या

आंटी-वही जो रात को बोला था

मैं(अंजान बनते हुए)-क्या???

आंटी-भूल गया

मैं- बता भी दो ना

आंटी-यही कि अगर मैं खुश हो गई तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी…नही तो आगे से कुछ भी नही

मैं-आंटी…आज आप मेरी हो जाओगी…ओर उसके बाद मैं अंकल के पास भी नही जाने दूँगा…सोच लो

आंटी-अगर तूने खुश कर दिया तो…उसके पास जाउन्गी भी नही….तेरे पास ही आउन्गी.

मैं-ओके…तो वेट करो बस

( इसके बाद मैं सोचने लगा कि साली मेरे साथ गेम…कोई बात नही खेलो …स्टार्ट तुमने कर दिया अब अंजाम मैं दिखाउन्गा…साली जिंदगी भर पछताएगी कि मुझसे पंगा क्यो लिया…)

ऐसे ही बाते करते हुए ऑर सोचते हुए मेरा घर भी आ गया…


मैं-कैसी हो रश्मि…सब लोग कहाँ है???

रश्मि-सविता ताई मार्केट गई है...ऑर रेखा अपने ससुराल

मैं-तुम नही गई रेखा के साथ

रश्मि-नही….घर खाली छोड़ कर कैसे जाती..आप भी नही थे

मैं-ओके…2 कॉफी बनाओ…जल्दी(मैने रश्मि को आँख मार दी)…हमे जाना भी है
रश्मि-(मेरी बात समझ कर) – जी वो कॉफी ख़त्म हो गई...आप चलो मैं मग़वा लेती हूँ....जल्द से जल्द आती हूँ
Reply
06-05-2017, 02:14 PM,
#29
RE: चूतो का समुंदर
मैं ऑर आंटी मेरे रूम मे गये ओर मैने जाते ही आंटी को बाहों मे भर लिया
आंटी-अरे अभी नही….जाना है ना…वहाँ मज़े करेगे

मैं-नही …आपको खुश तो यहीं करूगा …मेरे रूम मे…ऑर इतना बोल कर मैने आंटी को कस के बाहों मे भर लिया ऑर लिप किस करने लगा..

आंटी मेरी बाहों मे झटपटाने लगी…

आंटी-सुनो तो….आआहह..मेरी बात …उउउंम्म..सस्सुनो तो
मैने(रुक कर)-क्या ??

आंटी-ओके…लेकिन साड़ी तो निकालने दो…खराब हो जाएगी तो दूसरी शादी भी नही है

मैं(कुछ सोचकर)-वो टेन्षन मुझ पर छोड़ दो….ओर मैने फिर से आंटी के होंठो को चूसना स्टार्ट कर दिया….

अब आंटी भी मेरा साथ दे रही थी ओर देखते ही देखते आंटी मुझसे भी ज़्यादा तेज़ी से होंठो को चूसने लगी….ऐसे ही हम 5 मिनट होंठो की चुसाइ मे लगे रहे…
फिर….

मैं-आंटी, अब आगे बढ़ें…टाइम कम है

आंटी-शरमाते हुए..स्माइल दे देती है…

मैने तुरंत ही आंटी की साड़ी को निकालना चालू किया….आंटी बोलती रही कि आराम से…बट मैने 1 ना सुनी ऑर आंटी की साड़ी निकाल दी….

साड़ी निकालने के बाद आंटी स्लीव्लेस्स ब्लाउस ऑर पेटीकोटे मे थी….मैने साड़ी को 1 तरफ फेका ओर आंटी के पास जाकर फिर से किस करने लगा

आंटी भी गरम होने लग गई ऑर किस करने मे पूरा साथ देने लगी…
मैने अपने हाथ नीचे करके…होंठो को चूमते हुए आंटी के दोनो बूब्स प्रेस कर दिए 

आंटी-आआहह…आराम से …

मैं-आंटी क्या बूब्स है आपके….1 हाथ मे भी नही आते ….चूसने मे मज़ा आयगा…ऑर मैं बूब दबाते हुए होंठो को चूस रहा था

आंटी-उम्म्म्ममम….तो रोका किसने है…चूस डाल…हो सकता है अब इन पर तेरा ही राज हो जाय….उम्म्म्मममम

मैने फिर बूब्स दावाना चालू किया….

थोड़ी देर तक दवाने के बाद मैने दोनो हाथो से ब्लाउज पकड़ा ऑर फाड़ डाला…जिससे आंटी चौक गई

आंटी-उम्म्म…ये क्या किया….अब मैं क्या पहनूँगी….निकाल नही सकते थे

आंटी गुस्सा थी बट मैने दूसरे ही पल आंटी की ब्रा भी वैसे ही फाड़ दी…ऑर आंटी के दोनो बड़े-2 बूब्स उछल कर बाहर आ गये

आंटी(गुस्से मे)-ये क्या है….फाड़ क्यो रहा है…मैं पहनूगी क्या

मैं अब भी चुप रहा ऑर मैने अपने हाथ आंटी के पेटिकॉट मे फसा कर उसे भी फाड़ कर अलग कर दिया…नाडा टूट गया ऑर पेटिकोट फट गया

अब आंटी का गुस्सा बढ़ गया …उन्होने मुझे पीछे धकेला ऑर बोली

आंटी-जानवर हो क्या….कपड़े फाड़ कर कोई,,,चुदाइ करता है..???

मैं-गुस्सा मत हो जान…

आंटी-गुस्सा क्यो ना होऊँ….सब कपड़े फाड़ दिए ..अब क्या पहन के जाउन्गी

मैं आंटी के पेटिकोट को नीचे करके बोला

पहले आप ये फटे हुए कपड़े निकाल के फेक दो…फिर मैं बताता हूँ

आंटी ने गुस्से मे ब्लाउस ब्रा ऑर पेटिकोट निकाल फेका ओर सिर्फ़ पैंटी मे खड़ी थी.. 


आंटी(गुस्से से)-अब बोलो

मैं-आंटी….आप वही ड्रेस पहन कर चलेगी जो हम लाए थे….ऑर वही ब्रा-पैंटी भी
आंटी-पर शादी के दिन क्या करूगी

मैं – उसका इंतज़ाम हो गया है

आंटी-ऑर बाकी के दिन...???

मैं- मिनी ड्रेस…जिसमे आप हॉट लगेगी
आंटी-ठीक है फिर

मैं(मन मे)-साली मान गई…लगता है इसकी फरन्ड के घर सब ऐसे ही कपड़े पहन के आने वाले होंगे

आंटी-बेटा ,,,एक बात बताओ ..तुम मुझे वैसी ही ड्रेस क्यो पहनाना चाहते हो

मैं-आप सिर्फ़ मान जाओ …वो मैं आपको बाद मे सम्झाउन्गा

आंटी-अब कर भी क्या सकते है…ठीक है पर यहाँ कोई देख ना ले…ऑर शादी के टाइम ..संभाल लेना

मैं- वो मैं संभाल लूँगा
Reply
06-05-2017, 02:14 PM,
#30
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर सोच कर आंटी बोली…

आंटी-ठीक है तुम कहते हो तो…..ओके

मैं जाकर बेड पर बैठ गया…आंटी वैसी ही खड़ी थी…

मैं-अब आ जाओ रानी

आंटी पलटी ओर मैने एक झटके से उन्हे खींच कर गोद मे बिठा लिया

आंटी-आओउउक्च्छ…आराम से

मैं(आंटी के बूब को मसल्ते हुए)- इन्हे देखने के बाद कौन कम्बख़्त आराम कर सकता है

आंटी अपने बूब्स की तारीफ़ सुन कर शरमा गई…मैने उसी समय 1 बूब को मुँह मे भर लिया

आंटी-आआअहह….

मैं बूब चूस रहा था ऑर दूसरे बूब को हाथ से मसल रहा था…

आंटी-आआहह…..आअककचहाअ चूस्ता है…आआहह….कचूवस्ससस बेटा

मैं बूब्स चूस्ता रहा ऑर मसलता रहा ….आंटी भी मस्ती मे सिसकारी लेकर मज़ा ले रही थी…तभी आंटी बोली

आंटी-बेटा वो आअहह…रश्मि

मैं(रुकते हुए)-रश्मि ..क्या???

आंटी-वो आ गई तो

मैं-आंटी…मेरे रूम मे नही आ सकती…जब तक मैं ना बुलाऊ…ऑर आयगी भी तो बता के आएगी

आंटी-पर उसने देख लिया तो ..या…शक हो गया तो???

मैं-तो उसे भी चोद दूँगा….ओर ये कहकर मैने आंटी की गांद दबा दी

आंटी-आअहह….सच मे

मैं-आंटी अब टाइम बर्बाद मत करो ना…ऑर मज़ा लो

आंटी-तो रोका किसने है

ओर मैं आंटी के बूब्स दबाते हुए मज़ा लेने लगा......
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