चुद गई रानी
मैं मुम्बई में एक साधारण परिवार में पली-बड़ी हुई हूँ। मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं। मेरी आयु 23 की है। यह बात तब की हैं जब मैं 20 साल की थी। तब मैं बारहवीं में पढ़ती थी। हमारे स्कूल सब लड़के-लड़कियाँ एक दूसरे के साथ मजाक-मस्ती करते रहते थे। मेरा भी एक बॉय फ्रेंड था, उसका नाम अमित था। मैं उसे बहुत पसंद करती थी। वो भी मुझे पसंद करता था।
वो पढ़ाई में भी बहुत होशियार था। जब हमारी बारहवीं की परीक्षा ख़त्म हुई तब उसने और उसके दोस्तों ने घूमने के लिए गोआ जाने की योजना बनाई और हमें भी आने के लिए कहा। हमने भी हाँ कर दी। चार लड़के और सबकी गर्लफ्रेंड, हम गोवा के लिए निकल पड़े। गोवा के सस्ते होटल में हमने कमरे लिए और अपना सामान कमरे में रखा और थोड़ा आराम किया। फिर हम बीच पर घूमने गए।
वहाँ हमने अपने कपड़े उतारे और बिकनी पहन ली और घूमने लगे। बाद में हमने होटल आकर खाना खाया और हम अपने कमरे में आराम करने लगे।
तभी रीता नाम की मेरी सहेली ने कहा- मैं तो आज राज के साथ मजे करने वाली हूँ !
मैंने कहा- मजे ? कैसे मजे करने वाली हो ?
उसने कहा- मैं उसके साथ सेक्स करने वाली हूँ !
मैंने कहा- सेक्स ? यह क्या होता है?
दरअसल मुझे पता था कि सेक्स क्या होता है, मैं उसके मुँह से सुनना चाहती थी।
रीता ने कहा- बुद्धू ! सेक्स का मतलब चुदाई ! जो लड़का-लड़की करते हैं !
मैंने कहा- तूने पहले किया है कभी ऐसा राज के साथ ?
रीता ने कहा- हाँ ! कितनी ही बार किया है।
तभी वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे होठों को चूमने लगी। मैंने और उसने बिकनी ही पहनी थी इसलिए वो मेरे स्तन ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगी और चूमने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, उसने मेरी ब्रा और पैंटी खोल दी और मैं उसके सामने नंगी हो गई। वो मेरे बदन को सहलाने लगी और बाद में वो मेरी चूत पर मुँह रख कर चूमने लगी।
मेरे मुँह से आह ऊह आह ऊह ओह्ह और करो आह चाटो आह जैसी आवाजें निकलने लगी।
तभी दरवाजा खुला और वहाँ अमित और राज ने कमरे में प्रवेश किया और हमें इस तरह देख कर मुस्कुराने लगे।
तभी राज ने कहा- क्यूँ ! आज हमारे बिना ही अपनी प्यास बुझा लोगी?
रीता ने कहा- तो आ जाओ ! तुम्हें किसने रोका है ! अब तुम ही हमारी प्यास बुझा दो !
इतना सुनते ही दोनों हमें बिस्तर पर ले गए, अमित मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे वो मेरे नीचे की तरफ जाने लगा और वो मेरे चूत के दाने को चाटने लगा। मुझे और भी मजा आने लगा। तभी उसने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मुँह में लेने को कहा। मैं उसके लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
उसने मुझे चित्त लिटाया और अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रख कर फिराने लगा और तभी एक जोर धक्का दिया। उसका 8 इन्चा लंड मेरी चूत में आधा घुस गया।
मैं कराहने लगी, मुझे बहुत दर्द होने लगा और वो मुझे चूमने लगा। धीरे-धीरे दर्द ख़त्म होने लगा। मैंने उसे आगे बढ़ने को कहा और उसने पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और घर्षण करने लगा।
मेरे मुँह से आह उह की आवाज निकलने लगी और कहने लगी- और चोदो ! फाड़ डालो मेरी चूत ! आह चोदो।
थोड़ी देर बाद मैं झड़ने वाली थी और वो भी झड़ने वाला था। उसने स्पीड बढ़ा दी और एक झटके के साथ मेरा कामरस निकल गया। दो मिनट बाद वो भी मेरी चूत में झड़ गया। गर्म-गर्म पानी चूत में गिरने से मुझे और भी मजा आया।
उधर रीता और राज़ दोनों का भी काम तमाम हो गया था। थोड़ी देर बाद राज ने मुझे चोदा। उस रात मैं तीन बार चुदी थी।
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