चाची के पैर दबाने का सौभाग्य
05-14-2017, 12:54 PM,
#1
चाची के पैर दबाने का सौभाग्य
हैल्लो दोस्तों में अमन में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल की है। में इस साईट को बहुत पसंद करता हूँ और साथ में मेरे सभी दोस्त भी। दोस्तो मुझे आप लोगो से एक बात पूछनी है कि आप लोगो को किसी की फिगर के बारे में कैसे पता चल जाता है? आप सभी लोगो को क्या इतना अंदाजा होता है? मुझे तो आज तक अपनी चाची के फिगर के बारे मे नहीं पता चला, लेकिन इतना पता है वो मुझे बहुत सेक्सी लगती थी। मोटे मोटे बूब्स और मस्त मोटी गांड जिसका में आज तक दिवाना हूँ। वो जब भी चलती थी तो बिजली गिराती थी। उनके बड़े बड़े बूब्स शायद हमेशा बाहर आने के लिये बैचेन रहते थे। उनके बालो का कलर मुझे बहुत पसंद आता था, उसके बूब्स का अराउंड 28-30-32 साईज होगा।

दोस्तों आज में अपनी एक कहानी आप सभी लोगो से शेयर करना चाहता हूँ। ये बात उन दिनों की है। मेरे चाचा किसी ना किसी काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहते थे। कभी फार्म हाउस पर तो कभी और किसी काम के सिलसिले में। मेरे चाचा के कोई औलाद नहीं है। इसलिए जब भी चाचा बाहर रहते तो किसी ना किसी को चाची के पास सोना होता था।

घर में और भी लड़के है, लेकिन सब के सब चाची के पास सोने से कतराते थे क्योंकि वो रात मे कभी अपने पैर दबवाती तो कभी सर की मालिश करवाती थी। लेकिन में थोड़ा आज्ञाकारी किस्म का लड़का था। इसलिये ज्यादातर वो मुझे ही अपने पास सुलाती थी। शुरू मे तो में भी पैर दबाने या मालिश करने से कतराता था। लेकिन एक दिन जब में उनके पैर दबा रहा था तभी मेरी नज़र उनकी सलवार पर पड़ी जो रुमाली पर से थोड़ी उधड़ी हुई थी। मेरी चाची की आदत थी कि वो पैर दबवाते दबवाते सो जाया करती थी।

उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरे मन में ना जाने क्या आया, मैंने उस सलवार के छेद मे धीरे से अपनी एक उंगली डाली लेकिन गहरी नींद की वजह से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाकर अपना लंड निकाल कर उस सुराख में डालने की कोशिश की लेकिन सुराख छोटा था और लंड थोड़ा सा मोटा। मैंने फिर हिम्मत की और थोड़ा सा सुराख और बड़ा कर दिया अब मेरा लंड आसानी से सुराख़ के अंदर घुस सकता था। लेकिन उन दिनों मुझे इतनी समझ नहीं थी कि सेक्स कैसे होता है। तो में थोड़ी देर अंदर डालता और फिर बाहर निकाल लेता। ये सिलसिला कई बार चला लेकिन में सेक्स नहीं कर सका। मेरे स्कूल मे कुछ दोस्त गंदी किताब पड़ते तो में भी उनके साथ पड़ लेता। किसी किसी किताब मे चुदाई के फोटो भी छपे होते थे तो उन्हे देखकर में उस चुदाई में अपनी चाची को और अपने आप को इमॅजिन करता और रात को मुठ मारता।

फिर एक दिन मुझे मौका मिला अपनी चाची को बिल्कुल नंगा नहाते देखने का। फिर तो मेरी कल्पनाओ में बस वो ही वो होती और बाथरूम मे जाकर कभी उनकी सलवार को तो कभी उनकी ब्रा को अपने लंड पर रख कर मुठ मारता था। तभी एक रात मुझे फिर मौका मिला उनके साथ सोने का तो अब में इंतजार में था कि कब चाची मुझसे बोले कि अमन मेरे पैर दबा दो, जैसे ही चाची ने मुझसे कहा कि मेरे पैर दबा दो तभी में तुरंत तैयार हो गया। अब पैर दबाते हुए मैंने चाची से पूछा कि "चाची में आपके पैरों की मालिश कर दूँ? तभी चाची झट से तैयार हो गयी।

बस फिर क्या था मैंने जल्दी से ऑयल लिया और उनके पैरों की मालिश करने के लिये स्टार्ट हो गया। फिर धीरे धीरे मैंने उनकी सलवार घुटनो से ऊपर कर दी और मालिश करने लग गया। फिर मैंने उनसे पूछा कि में आपकी कमर की भी मालिश कर दूँ? तो उन्होने हाँ कर दी बस मैंने अपने हाथो में तेल लगाया और मालिश करने लग गया। मेरा हाथ सही तरह नहीं चल रहा था क्योंकि साइड में बैठा था। तभी मैंने चाची से पूछा कि में आपकी जांघों पर बैठकर मालिश कर दूँ? फिर क्या था उन्होने हाँ कर दी। दोस्तों अंधे को क्या चाहिए दो आंखे तभी में चड़कर बैठ गया उनकी जांघों पर और मालिश करने लग गया।

फिर धीरे धीरे मैंने उनकी कमीज़ ऊपर कर दी, लेकिन बीच में ब्रा के स्ट्रॅप आ रहे थे तभी मैंने पूछा कि आप कहे तो क्या में इन्हे खोल दूँ? मालिश सही तरह नहीं हो रही है, फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने ब्रा के हुक खोल दिए और स्ट्रॅप साइड मे कर दिए फिर में बहुत देर तक मालिश करता रहा, कभी कभी में उनके बूब्स के साईड में हाथ ले जाकर उन्हे छूता, तो मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ जाता। फिर शायद चाची सो गयी थी।

तभी मैंने उनकी सलवार चेक की तो इसमे भी सुराख था, लेकिन इसमे पहले से बड़ा सुराख था। बस फिर क्या था, मैंने अपनी लूँगी साइड की और अंडरवियर से लंड बाहर निकाल लिया, फिर मैंने अपना लंड उस छेद मे से अंदर डाल दिया और मालिश करने लगा। अब मेरा लंड जांघों के बीच में था और कभी उनकी मस्त मोटी गांड को टच करता, तो कभी उनकी चूत को, अब मेरा लंड थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ने लगा था।

तभी मैंने सोचा कि लंड को गांड मे ट्राई किया जाए। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके मालिश करते करते ही एक हाथ से लंड के मुहं पर थोड़ा ऑयल लगाया और थोड़ा सा ऑयल अपनी उंगली पर लेकर गांड के छेद पर लगाया और थोड़ी सी उंगली अंदर की जो की आराम से चली गयी। फिर मैंने लंड को गांड के छेद पर रखा और मालिश के बहाने अपने लंड को धीरे धीरे धक्का देने लगा था जिससे मेरा लंड थोड़ा सा अंदर चला गया। फिर चाची थोड़ा सा हिली लेकिन एक मिनट बाद ही वो शांत हो गई शायद वो भी ये ही चाहती थी।

अब मैंने धीरे धीरे मालिश के बहाने धक्के लगाने शुरू किए तो लंड तो अंदर जाने लगा, लेकिन थोड़ा टाईट था। मैंने अपनी उंगली मे तेल लिया और लंड पर टपका दिया जो कि बहकर गांड के छेद पर चला गया। फिर धीरे से मैंने और अंदर किया अब मेरा लंड आधा अंदर चला गया था। अब में हल्के हल्के झटके लगाने लग गया। दोस्तो यकीन करना जो मज़ा मुझे उस रात आया था ना वो मुझे आज तक नहीं आया। जिस चुदाई में दोनों तैयार ना हो उस चुदाई का मज़ा ही कुछ और है। फिर में मालिश करता रहा और झटके मारता रहा। चाची भी कभी कभी थोड़ा हिल जाती तो कभी सिसकारी मारने लगती। लेकिन थोड़ी ही देर मे फिर शांत हो जाती शायद अब उन्हे भी मज़ा आ रहा था।

दोस्तों वो मेरी लाईफ की पहली रियल चुदाई थी इसलिए में ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उठकर बाथरूम में गया और झड़ गया।

तभी उसके बाद मैंने वापस आकर फिर से मालिश वाली पोज़िशन ले ली और मालिश करने लग गया। लेकिन अब झड़ने के बाद मुझे नींद आने लगी थी। तो में चाची से बिना पूछे उनके ऊपर से हट गया और उनके पास ही लेट गया। फिर जब तक मुझे नींद नहीं आई तब तक में उनके बूब्स से खेलने लगा गया। फिर पता नहीं मुझे कब नींद आ गयी थी। फिर जब में अगली सुबह सो कर उठा तो चाची ने मुझसे कहा कि क्यों अमन तू रात को कौन सी मालिश कर रहा था। तभी में चुपचाप खड़ा रहा और चाची नहाने चली गई और जब वो नहा कर बाहर आई तो उन्होंने मुझे एक स्माईल दी। अब मुझमे और हिम्मत आ गई। फिर में रात का प्लान बनाने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि में अब चाची को कैसे चोदूं? फिर मुझे एक बात और भी मालूम पड़ी कि चाची नींद की गोली भी खाती है फिर क्या था। बस अब मुझे सब कुछ मिल गया। अब में रात होने का इंतजार करने लगा फिर जब रात हुई तो में फिर वही सब कुछ करने लगा जो मैंने पहले किया था। मैंने आज उन्हें चोदने का एक पूरा प्लान बनाया था।

फिर मैंने धीरे धीरे मालिश के साथ साथ उनके पूरे शरीर की मालिश की तभी कुछ देर बाद वो सो चुकी थी। अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा थोड़ा ढीला किया और नीचे सरका दी और फिर अपना लंड बाहर निकाल कर चूत के मुहं पर रखा और एक धीरे से धक्का दिया अब लंड चूत कि गहराइयों में जा चुका था। लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था और मजा भी आ रहा था। लेकिन चाची तो गहरी नींद मे होने की वजह से हिल भी नहीं रही थी और में धक्को पे धक्के दिये जा रहा था।

मैंने करीब दस मिनट तक उन्हें चोदा और साथ मे उनके बूब्स भी दबाए और उनकी गांड मे अपनी एक ऊँगली तेल मे करके डाल दी। इन सभी कामो से वो अब नींद में ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी। फिर में कुछ देर बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत मे ही धीरे धीरे धक्को के साथ छोड़ दिया। लेकिन अब में बहुत डर गया था क्योंकि पूरी चादर वीर्य में गीली हो चुकी थी। फिर मैंने एक कपड़ा लिया और चूत के साथ साथ चादर भी साफ किया और फिर उन्ही के पास चिपक कर सो गया।

अब चाची को सब पता चल गया है और वो डेली मेरा लंड चुस्ती है और मुझ से चुद्वाती है
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