कॉलेज की दोस्त
04-05-2017, 03:13 PM,
#1
कॉलेज की दोस्त
मेरा नाम राज है (बदला हुआ नाम ) और मैं दिल्ली के पास के शहर मेरठ से हूँ। आज सोचा कि क्यूँ ना अपनी भी कहानी यहाँ लिखी जाये !

तो दोस्तो आप मेरी कहानी पढ़ो और मजे लो !

वैसे तो मै इक्कीस साल का एक साधारण सा युवक हूँ पर थोड़े दिन पहले तक काम के सुख से वंचित था ! दूसरे लोगों की तरह मेरे दिल में भी कामवासना के लिये बहुत तड़प थी और चाह कर भी मैं इस तड़प को कम नहीं कर पा रहा था क्यूँकि ना तो मेरे पास कोई पार्टनर थी और मुझे डर भी लगा रहता था कि कहीं किसी जानने वाले को पता चल गया तो !

यही बात मेरे कॉलेज के दो दोस्तों को भी पता थी कि मुझे काम-क्रिया करनी तो है पर कोई मौका नही मिल रहा ! उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि किसी काल-गर्ल को बुला ले। पर बदनामी और पकड़े जाने के डर से मेरी हिम्मत ना हुई और मैने मन ही मन फैसला किया कि मुझे किसी पचड़े में नहीं फंसना और जब भी मौका लगेगा तब हाथ आजमा लेंगे !

फिर अचानक एक दिन मेरी किस्मत ने जोर मारा। छुट्टी का समय था और मैं कॉलेज के गेट पर खड़ा था कि तभी मेरी ही क्लास की एक लड़की अदिति (बदला हुअ नाम) मेरे पास आई और बोली- मुझे तुमसे बात करनी है !

मुझे लगा कि इसे कोई काम ही होगा और मैं लेट भी हो रहा था सो मैंने उसकी बात पर ज्यादा गौर नहीं किया। पहले आप लोगो को अदिति के बारे में थोड़ा बता दूँ... क्या कहूँ बिल्कुल साधारण लड़की थी, औरों के लिए तो ठीक-ठाक एक सामान्य लड़की पर मेरे लिए तीखे नयन नक्शों वाली एक हूर की परी.....

उसने बात शुरू की- मैं और तुम एक ही नाव में हैं !

मुझे कुछ समझ नहीं आया, मैंने जोर से बोल दिया- अबे क्या कह रही है?

वो थोड़ा डर सी गई..

मैंने समझाया कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि तू क्या कहना चाहती है...

वो सहमी सी खड़ी रही।

मैंने तब उससे कहा- डर मत ! बोल जो बोलना है !

उसने कहा- मुझे पता चला है कि तुम्हें एक पार्टनर की जरुरत है !

अब मैं समझ गया कि वो कहाँ बोल रही थी !

मैंने कहा- हाँ है तो पर तुझे कैसे पता चला?

फिर वो बोली- मेरी दोस्त से !

जो कि मेरे उन दोनों दोस्तों में से ही एक की गर्लफ्रेंड थी!

वो आगे बोली- मैं तुम्हारी पार्टनर बन सकती हूँ पर मुझे डर है कहीं किसी को पता न चल जाये !

मैंने उसका डर दूर किया और कहा- यह डर मुझे भी है तभी तो आज तक कुछ नहीं किया !

बस फिर क्या था, बात आगे बढ़ी और अगले दिन का कार्यक्रम तय हुआ...

मैं अपना जोर जोर से धड़कता हुआ दिल हाथ में लेकर किसी तरह घर पंहुचा पर दिमाग में तो उसकी बातें ही घूम रही थी। घर जाते ही अपने कमरे में गया और खाना भी नहीं खाया...

वही बातें दिमाग में घूमने लगी और तब अहसास हुआ कि उसने अभी तक सेक्स तो किया ही नहीं है। मतलब साफ़ था कि चूत एक दम टाइट होगी और उसे दर्द भी होगा...

बस फिर तो सारा दिन उसको चोदने के तरीके सोचने लगा ... पहले ये करूँगा.. फिर वो ... लेकिन एक बात दिमाग में थी कि उसे पूरी तरह गत्म करने के बाद ही कुछ शुरू करूँगा और उसके दर्द का भी ध्यान रखूँगा.. क्योंकि मुझे पता था कि अगर लड़की को दर्द ज्यादा हो तो ना वो खुद मजा ले पाती है और न तुम्हें दे पाती है...

बस देर रात तक यही सोचता रहा कि किसी भी तरह उसे अपने से पहले चरम-सुख दे सकूँ .. और उसे आनंद की चरम सीमा से भी परे ले जा सकूँ ... ताकि उसका पहला सेक्स अनुभव यादगार बन जाये और वो मेरी दीवानी हो जाये !

खैर अगला दिन आया... सुबह दस बजे हम मिले और ऑटो पकड़ कर चल दिए होटल की ओर ....

वहाँ पहले अन्दर वो गई, कमरा बुक कराया दूसरे नाम से.... और कमरे में चली गई ...

फिर कमरे में से मुझे कॉल किया कि रूम नंबर इतना है...

मैं होटल के बाहर ही खड़ा था तब तक ! ताकि किसी को शक न हो....

मैं सीधे होटल में गया.. किसी की तरफ नहीं देखा और सीधे कमरे की तरफ बढ़ गया ताकि अगर कोई देख भी रहा हो तो उसे लगे कि इसका कमरा पहले से बुक्ड है...

खैर कमरे तक पहुंच कर दरवाज़ा खटखटाया...

उसने दरवाज़ा खोला और मुस्कुरा दी। मैं कमरे के अन्दर आया और सबसे पहले उसे मेरा पार्टनर बनने के लिए धन्यवाद दिया ! इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और बोला- इस दिन के लिए कब से तड़प रहा था..

और अपने होंठ उसके होंठों से सटा दिए! अब मैं जोश से भर चुका था और जोर जोर से उसके होंठों को चूसे जा रहा था..

वो गर्म होने लगी- वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डाल कर मुझे आनंद दे रही थी। इसके साथ ही उसने अपने हाथों से मेरे हाथ अपने वक्ष पर रख लिए .. मैंने भी झट से उसके स्तन दबाने शरू कर दिए...

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था सो मैं उसे जोर से चूसने लगा और उसके स्तन इस तरह दबाने लगा कि वो तड़पने लगी...

फिर मैं कुछ देर बाद उससे अलग हुआ और एक ही झटके में उसके सारे कपड़े उतार दिए... अभी भी मैं उसके स्तन सहला रहा था... और वो आवाजें निकाल रही थी कि तभी मैंने पाया की उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी है..

मैंने उसके रुमाल से उसकी चिकनाई साफ़ की और थोड़ी सी वेसलीन अपनी बीच वाली ऊँगली पर लगा कर अन्दर दे दी !

अब मैं पूरे हरामी मूड में आ चुका था सो मैंने अपनी ऊँगली गोल गोल घुमानी शरू कर दी और अब तो वो मचलने लगी और जोर जोर से आवाजे निकाल कर कह रही थी- और जोर से करो और जोर से !

मैं तो अपने होश खो बैठा और लगा उसकी चूत मसलने...

वो मजे से उछलने लगी..

मुझे बस इतना पता था कि उसे चरम-सुख पहले देना है बस चाहे जो हो जाये..

उसकी चूत एक दम गीली हो गई। मैंने दोबारा से चूत साफ़ की और अपना मुँह उस पर लगा दिया। जीभ अन्दर डाली और उसकी चूत को कुरेदने लगा, उसकी मदहोश करने वाली आवाजें आने लगी...

उसने अपने दोनों हाथ मेरे सर के पीछे किये और मेरा मुँह अपनी चूत में दबा लिया! मैं जंगली भूत की तरह उसकी चूत कुरेदने लगा और तभी उसकी अपनी टांगें बंद करनी शरू कर दी और उसका शरीर ऐंठने लगा... और फिर उसकी चूत से पानी का फव्वारा छूटा और इसके साथ ही उसका शरीर ढीला पड़ने लगा पर मैं नहीं रुका, मैं लगातार उसके स्तन मसलता रहा और थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब नहीं रहा जा रहा ! अब डाल दो !

मैंने भी देर न करते हुए अपना लण्ड निकाल लिया, मुझे पता था कि पहली पहली बार तो आदमी ज्यादा देर टिकता ही नहीं पर मैं तो उसे ओर्गास्म दे ही चुका, अब जल्दी झड़ भी गया तोशर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा। पर फिर भी अभी तो चरम-सीमा आनी बाकी थी।

मेरा लण्ड देखकर उसने कहा- इतना बड़ा मैं कैसे लूंगी ?

पर मैंने उसे समझाया तो मान गई। बस फिर क्या था, मैंने रखा उसकी चूत पर और थोड़ा सा डाल कर ही अन्दर बाहर करने लगा और फिर धीरे धीरे शरू हुई रफ़्तार !

जिसके साथ ही बढ़ता गया आनंद !

टूटी उसकी सील, निकला उसका खून पर दोनों ही थे नशे में चूर !

अब वो लगी चिल्लाने ! मैंने भी पूरा अन्दर देकर कराया मिलन बच्चेदानी से ! रफ़्तार पे रफ़्तार, रफ़्तार पे रफ़्तार, रफ़्तार पे रफ़्तार और आखिर फिर फूट पड़ा उसका ज्वार ! मैं तो अब भी नहीं छूटा था....

तो चला एक दौर और ! इस बार थी मेरी साँसों और शरीर में गज़ब की गर्मी, चेहरा था लाल, साँस रही थी फूल ! पर फिर भी दम लगा कर था मैं मशगूल !

बस अब मेरा समय था.. मैंने उसे कहा तो बोली कि मैं भी आ रही हूँ ! दोनों साथ में होंगे.... और थोड़ी ही देर में हो गया ऐसा धमाका कि बस मत पूछो कि क्या साला हिरोशिमा पे बम गिरा होगा !!

खैर थोड़ी देर तो यूँ ही पड़े रहे, फिर पहने अपने अपने कपड़े ...

अब हुए हम चलने को तो मैडम ने पास बुलाया सर पर चूमा और कहा- तुम्हारा दिया प्यार हमेशा याद रहेगा !

कमरे से एक एक करके निकले, फिर साथ खाना खाया .....

एक बार फिर जरुरत पड़ी उन्हें आश्वस्त करने की कि किसी को कभी नहीं बताऊंगा....

और चल दिए अपनी अपनी मंजिल की ओर....

मेरी सभी प्रिय पाठकों को स्नेह, धन्यवाद !!

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,458,874 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,660 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,073 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,856 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,773 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,005 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,916,976 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,944,832 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,506 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,871 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)