उदयपुर की सुहानी यादें
09-18-2017, 11:57 AM,
#11
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
हीना बोली, “माशाल्लाह, मज़ा आ गया। तू तो मेरी चूची ऐसे दबा रहा है जैसे कोई लंगड़ा-आम निचोड़-निचोड़ कर खा रहा हो। और जोर-जोर से चूस मेरी चूची। बेहद मज़ा आ रहा है। हाय आहहहह! ओहहहह! आहहहह!”



मैं तब हीना से बोला, “रानी तेरी चूचियाँ इतनी दबाने के बाद अब लंगड़ा-आम नहीं रहीं, अब ये तो चौसा या फ़ज़ली आम हो गयी हैं। वैसे जो भी हो इनका रस बहुत ही मीठा है। मज़ा आ गया तेरी चूचियों का रस पी कर।”



इसके बाद मैंने हीना को उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया। हीना मेरी गोद में मेरी कमर के दोनों तरफ़ अपने पैरों को करके मेरी तरफ़ मुँह करके बैठ गयी। अब मेरा लंड ठीक हीना की चूत के सामने था। मैं हीना की चूचियों को फिर से मसलने लगा और हीना ने अपना एक हाथ बढ़ा कर मेरा लंड अपनी चूत के छेद से भीड़ा दिया और खुद ही अपनी कमर हिला कर एक झटका दिया और मेरा लंड फिर से हीना की चूत में घुस गया। मेरा लंड के हीना की चूत में घुसते ही हीना ने मेरे गले में अपनी बाहों को लपेट लिया और अपनी कमर उचका कर मुझे चोदने लगी। हीना जैसे ही अपनी कमर को उठा कर अपनी चूत से मेरा लंड बाहर करती, मैं उसकी चूची को जोर से दबा देता। हीना तब आहहहह! आहहहह! करके एक झटके के साथ मेरा लंड फिर से अपनी चूत में घुसा लेती।



हीना मुझको कुछ देर तक चोदती रही और फिर थक कर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़े ही रुक गयी। मैं तब हीना से बोला, “क्यों रानी क्या चोदते-चोदते थक गयी?”



हीना मेरे होंठों पर चुम्मा देते हुए बोली, “हाँ, मुझसे अब नहीं चोदा जाता। अब तू ही मुझे लिटा कर जैसे मर्द किसी रंडी को चोदता है, वैसे ही चोद। मेरी चूत से आग निकल रही है। और जब तक इसको तेरे लंड का पानी नहीं मिलेगा ये आतिश नहीं बुझेगी।”



मैंने तब हीना की कमर पकड़ कर अपनी कमर चला कर चोदना चालू किया और उससे पूछा, “क्यों रानी क्या मेरी चुदाई में मज़ा आ रहा है?”



हीना मेरी छाती के निप्पल को अपने नाखुन से कुरेदते हुए बोली, “शुक्र है अल्लाह का… मेरे शौहर के टूर और उस टैंकर के बीच रासते में खराब होने के लिये, नहीं तो इस चुदाई का मज़ा मुझे कभी न मिलता।”



मैं तब हीना की चूत में दो-चार धक्के मार कर बोला, “रानी एक बात बताओ? लगती तो तुम बहुत सैक्सी और चुद्दकड़ हो, लेकिन तुम कहती हो कि तुम्हारा शौहर एक गाँडू इन्सान है। फिर तुम अपनी चूत कि आग कैसे बुझाती हो?”



हीना तब बोली, “हाँ मेरा शौहर एक गाँडू इन्सान है और उसे गाँड मरवाने का और मारने बहुत शौक है। मेरे शौहर को चूत से कुछ लेना देना नहीं है। वैसे उसे छोड़ मेरी ससुराल में सब बहुत ही सैक्सी और बहुत ही चोदू हैं।”



मैंने पूछा “मतलब?”



तब हीना बोली, “अरे मेरे ससुराल में मेरे ससुर तो बहुत चोदू इन्सान हैं। वो तो हफ़्ते में कम से कम तीन-चार बार मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूत की अच्छी तरह से धुनाई करते हैं और अपने लंड की पिचकारी से मेरी चूत की गर्मी को ठंडा करते हैं। और तो और जब मेरे ससुर मुझे चोदते हैं तब मेरी सास मेरी बगल में बैठ कर मेरी चूचीयों को मसलती रहती हैं और ससुर को उकसा-उकसा कर मेरी चुदाई करवाती हैं।”



मैंने आश्चर्य से पूछा, “यह कैसे होता है? और कैसे शूरू हुआ?”



तब हीना मुझसे बोली, “तू मेरी चुदाई ज़ारी रख मैं बताती हूँ मेरी ससुराल की दास्तान।”



हीना तब बोली: मेरे ससुराल वाले काफी रईस हैं और रहन-सहन भी काफी मॉडर्न है। मेरी सास उम्र में पचपन की हैं लेकिन पैंतीस-चालीस से ज्यादा की नहीं लगती। वो अक्सर जींस-टॉप वगैरह भी पहनती हैं और किट्टी पार्टियों और लेडिज़-क्लबों में भी काफी एक्टिव हैं। ससुर भी काफी हैंडसम और चार्मिंग शख्सियत वाले इंसान हैं! निकाह के बाद जब घर के सारे मेहमान मेरी ससुराल से चले गये तो ससुराल में मैं, मेरे शौहर, मेरे सास ससुर और मेरी ननद ज़ोया और नन्दोई रशीद रह गये। मेरी ननद और नन्दोई उसी शहर में रहते थे इसलिए वो बाद में जाने वाले थे। मेरी ससुराल वालों को मेरे शौहर की कमियाँ मालूम थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी शादी करवा दी थी।



एक दिन दोपहर में मैंने सास को अपने दामाद से नंगी हो कर चुदवाते देख लिया, या यह कहो कि उन्होंने अपनी चुदाई मुझे दिखला दी। हुआ ऐसे कि एक दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में सो रही थी कि मुझे कुछ खुसुर फुसुर कि आवाज़ सुनाई दी। मैं उठ कर देखने गयी तो देखा कि मेरे नन्दोई और मेरी सास बेडरूम में नंगे लेटे हुए हैं और नन्दोई अपनी सास की चूचियों से खेल रहे हैं। तभी सास नन्दोई से कुछ बोलीं और नन्दोई ने उठ कर सास के पैरों के बीच लेट कर उनकी चूत पे अपना लंड भीड़ा दिया और फिर एक धक्के के साथ अपना लंड सास की चूत के अंदर पेल दिया। फिर सास भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर चुदवाने लगी। मैं कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी सास और दामाद की चुदाई देख रही थी और अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी। कहानी की नायिका हिना है!



तभी सास की नज़र मेरे ऊपर पड़ गयी और उन्होंने बिना शरम के मुझे कमरे में बुला लिया और मुझसे पूछा, “अरे हीना! कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी क्या देख रही हो? हमारे करीब आओ और करीब बैठ कर हम लोगों की चुदाई देखो। तुम्हें शरमाने की कोई जरूरत नहीं है। यह घर का मामला है।”



मैं तब धीरे-धीरे कमरे के अंदर जा कर बिस्तर के करीब खड़ी हो गयी। मुझे देखते ही नन्दोई मुस्कुरा दिये और अपना हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को दबाना शूरू कर दिया। तब सास मुझे कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए बोली।



मैं भी सास और दामाद की चुदाई देख कर गरमा गयी थी और इसलिए मैं भी शरम के साथ-साथ अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। तब नन्दोई अपनी सास को चोदते हुए मेरी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगे और सास मेरी चूत में अपनी उँगली डाल कर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगी। मैं इस दोहरी मार से तड़प गयी और झुक कर सास की चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी। मेरे झुकते ही नन्दोई अपना हाथ मेरे चूचीयों से हटा कर मेरे चूत्तड़ों पर ले गये और मेरे नंगी चूत्तड़ और मेरी चूत को सहलाने लगे। ऐसे ही थोड़ी देर तक चलता रहा और थोड़ी देर के बाद नन्दोई सास की चूत में अपने लंड की पिचकारी छोड़ कर हाँफने लगे और सास ने भी कमर उठा कर नन्दोई का पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में ले कर अपनी टाँगों से नन्दोई की कमर को कस कर पकड़ लिया और थोड़ी देर तक शाँत पड़ी रही। मैं समझ गयी कि इनकी चुदाई पूरी हो गयी है।



थोड़ी देर के बाद सास ने मुझे नन्दोई की गोद में धकेल दिया और खुद बैठ कर नन्दोई का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में नन्दोई का लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मुझे वहीं बिस्तर पर लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गये और अपना मोटा लम्बा लंड मेरी चूत में पेल दिया।



शादी के पहले भी मैं अपनी चूत में कईं लंड पिलवा चुकी थी फिर भी नन्दोई का लंड कुछ ज्यादा ही लम्बा और मोटा था और इसलिए मेरी चूत तो मानो फट ही गयी और मैं जोर से “उईईईईईईईईईईई अल्लाहऽऽऽ मररर गयीईईईईईईई अपनाआआआआआ लंड निकालो मेरी चूत से…” कह कर चिल्ला उठी।



सास मेरे मुँह को चूमते हुए बोली, “हीना बेटी… बस अब और थोड़ा बर्दाश्त कर, अभी सब ठीक हो जायेगा। बस अभी और थोड़ा सा लंड बाहर है। जैसे ही पूरा का पूरा लंड अंदर घुस जायेगा तुझे बहुत मज़ा आयेगा।”



मैं जैसे तैसे नन्दोई का लंड अपनी चूत में झेलती रही। लेकिन इस दौरान नन्दोई चुप नहीं थे और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और थोड़ी देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने भी अपनी टाँगों से नन्दोई की कमर पकड़ कर और अपनी कमर ऊपर उठा-उठा कर नन्दोई के धक्कों का जवाब देना शूरू कर दिया। अब सास ने मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसना शूरू कर दिया और बोली, “हीना! मुझे मालूम है कि तेरी चूत शादी के बाद अभी चुदी नहीं होगी…। अब तू आराम से रशीद से जी भर कर अपनी चूत चुदवा। कोई कुछ नहीं बोलेगा।”
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09-18-2017, 11:58 AM, (This post was last modified: 09-18-2017, 11:58 AM by sexstories.)
#12
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
तब मैं अपनी सास से बोली, “लेकिन अम्मी, घर में आपके अलावा ज़ोया दीदी और अब्बू भी तो हैं। उनको अगर यह सब मालूम हो गया तो?”



तब सास मुझसे बोली, “ओ मॉय डार्लिंग हीना, तू बिल्कुल फिक्र ना कर। तू तो बस अब आराम से मज़े ले-ले कर अपने नन्दोई का लंड अपनी चूत में पिलवाती रह। तू अब्बू और ज़ोया के बारे में सोचना और फिक्र करना छोड़ दे।”



मैं तब भी सास से बोली, “लेकिन अम्मी उन्होंने कभी मुझे और रशीद भाई को चोदते देख लिया तो क्या होगा? तब तो गज़ब हो जायेगा अम्मी।”



तब सास बोली, “अरे वो लोग क्या देखेंगे? वो भी इस समय किसी कमरे में अपनी चुदाई में लगे होंगे।”



मैं तो चौंक गयी और सास से पूछा, “क्या बोल रही हैं अम्मी?”



सास तब मुझसे बोली, “हाँ डार्लिंग, यह सच है। तेरी ननद ज़ोया अपने अब्बा का लंड अपनी चूत में शादी के पहले से ही पिलवा रही है और यह बात रशीद को शादी के पहले से ही पता थी। इसलिए ज़ोया की शादी में दहेज के अलावा यह शर्त भी थी कि शादी के बाद रशीद मुझे भी चोदेगा। और इसी वजह से मैं तब से रशीद के लंड से अपनी से अपनी चूत चुदवा हूँ और आज तूने भी चुदवा लिया।”



तब मैंने अपनी सास से पूछा, “लेकिन अम्मी ज़ोया दीदी और अब्बू ने कैसे अपनी चुदाई शूरू की?”

तब सास बोली, “मेरे शौहर शूरू से ही बहुत चोदू इन्सान हैं और जब ज़ोया बड़ी और जवान हुई तो उस पर बाप की नज़र पड़ गयी। एक दिन मैं किसी काम से बाहर गयी हुई थी और तेरे अब्बू ने मौका मिलते ही अपनी बेटी की चूत की सील अपने लंड से तोड़ दी। एक बार जब ज़ोया को चुदाई का मज़ा मिल गया तो वो भी दिल खोल कर अपने अब्बू से चुदाने लगी। कभी-कभी तो हम माँ और बेटी एक साथ एक बिस्तर पर लेटा कर तेरे अब्बू से चुदवती हैं। अच्छा अब बस बहुत बोल चुकी… अब तू अपने रशीद से अपनी चूत की गर्मी शाँत कर।”



मैं सास की बातों को सुन कर सन्न रह गयी, और जब मुड़ कर देखा तो पाया कि नन्दोई का लंड अब फिर से तन गया है। मैंने नन्दोई का लंड अपने मुँह में भर लिया और अपने हाथों से सास की चूत को सहलाने लगी।



थोड़ी देर के बाद नन्दोई मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे चोदने लगा और मैं चुपचाप अपनी कमर उठा-उठा कर नन्दोई से चुदवाती रही। नन्दोई मेरी दोनों चूचियों को मसल-मसल कर मुझे जोरदार झटकों के साथ चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद नन्दोई ने अपने धक्कों की रफ़तार तेज कर दी और थोड़ी देर के बाद उसने मेरी चूत में अपने लौड़े की पिचकारी छोड़ दी। नन्दोई झड़ने के बाद मेरे ऊपर लेट कर हाँफता रहा और पाँच मिनट के बाद अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया। जैसे ही मेरी चूत से उसका लंड निकला तो उसमे से उसका ढेर सारा सफ़ेद और गाड़ा गाड़ा रस निकलने लगा। तब मेरी सास झट से मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर मेरी चूत को चूसने लगी और चूत को चाट-चाट कर बिल्कुल साफ़ कर दिया।



चूत साफ़ करने के बाद सास मुझसे बोली, “हीना डार्लिंग! यह तो टॉनिक है। इसे पीने से औरतों की सेहत दुरुस्त रहती है और चेहरे पर चमक बनी रहती है। तुझे भी जब भी मौका मिले इस टॉनिक को छोड़ना नहीं पी जाना।”



तब से मेरी चूत की चुदाई नन्दोई से होने लगी, क्योंकि वो लोग अक्सर हमारे घर पर आ जाते और रात भर रुक कर सुबह चले जाते थे। एक दिन ससुरजी ने मेरी चुदाई नन्दोई के साथ देख लिया और तब वो भी मुझे चोदने लगे। अब घर का माहौल कुछ ऐसा है कि जब मौका लगता है कोई ना कोई किसी ना किसी को पकड़ कर चाहे जहाँ हो, बेडरूम में, किचन में, ड्राईंगरूम में, बाथरूम में या छत पे, पकड़ कर चोदता रहता है। कभी-कभी तो एक ही बेड पे मुझे और ननद को लिटा कर अब्बू हम लोगों को चोदते हैं या फिर मुझे और सास को लिटा कर नन्दोई हमें चोदते हैं। अब घर पर सास ने एक हट्टा कट्टा जवान नौकर भी रख लिया है और वो भी मुझे, ननद जी को और सास को रोज़ चोदता है।



मैंने पूछा, “अच्छा? नौकर भी तुम्हारी ससुराल की औरतों को चोदता है?”



तब हीना बोली, “शूरू में तो वो बहुत शरीफ दिखता था। लेकिन जब उसे घर में हो रही फ़्री की चुदाई का किस्सा मालूम चला तो वो भी रंग में रंग गया और पहले ननद को, फिर सास को और सबसे बाद में मुझे चोदने लगा।”



मैंने तब हीना से पूछा, “कैसा है तुम्हारे नौकर का लंड? उससे चुदवाकर क्या तुम लोगों को मज़ा आता है?”



तो हीना बोली, “नौकर का लंड बिल्कुल तेरे जैसा अनकटा है और बहुत लम्बा और मोटा है। जब उसका लंड खड़ा हो जाता है तो वो करीब नौ इंच और तीन इंच मोटा हो जाता है। अब वो नौकर घर में नंगा ही रहता है और जब भी जी करता है वो ननद, सास या मुझे कहीं भी पकड़ कर चूची मसलते हुए चोदना शूरू कर देता है। वैसे उसका चोदने का फ़ेवरिट स्टाईल पीछे से चूत में लंड डाल कर चुदाई करने का है।” कहानी की नायिका हिना है!



हीना आगे बोली: अभी कुछ दिन पहले मैं और मेरी सास किचन में थे। वो नौकर कहीं बाहर काम कर रहा था। अचानक वो नौकर किचन में आया और किसी से कुछ ना कहते हुए उसने सास की सलवार पीछे से पकड़ कर नीचे खिसकायी और उनको झुका कर उनकी चूत में पीछे से अपना लंड पेल दिया और लगा दना-दन धक्के मारने।



मैं जब उससे बोली कि, “अरे संतराम! इतनी जल्दी क्या है? अम्मी कहीं भाग तो नहीं रही। कमरे में ले जाकर बिस्तर पर चोदो।”



तो वोह बोला, “मैं क्या करूँ? मैंने अभी अभी बाहर एक कुत्तिया को कुत्ते से चुदते देखा और मैं गरम हो गया हूँ। इसलिए मैडम को अभी इसी वक्त चोदना है। हाँ बाद में मैं आपको कमरे में ले जाकर पलंग पर लिटा कर आपको नंगी करके चोदूँगा, लेकिन अभी मुझे अपने लंड का पानी मैडम की चूत में निकाल लेने दो।”



इतना कह कर उस नौकर ने करीब पंद्रह मिनट तक चोदा और अपने लंड की पिचकारी से सास की चूत को भर दिया। सास भी कुछ नहीं बोली और चुदने के बाद सलवार से अपनी चूत पोंछ ली और मुस्कुराने लगी। नौकर अपने लंड को अम्मी की सलवार से पोंछ कर बाहर चला गया और जाते वक्त मुझसे बोल गया, “छोटी मैडम, खाना खाने के बाद मैं आपको चोदना चाहता हूँ। खाने के बाद आप किसी और से चुदने ना चली जाना, समझी?”



मैं उससे बोली कि “अगर अब्बू ने बुला लिया तो?”
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09-18-2017, 11:58 AM,
#13
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
तो वो बोला, “अरे साहब के लिए आपकी ये सास और आपकी ननद है ना। वो उन दोनों की चूत और गाँड में अपना लंड डाल कर उनको चोदेंगे और मैं आपकी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर आपको चोदूँगा।”



नौकर की बात सुन कर मेरी सास नौकर से बोली, “अरे तेरा लंड है या चुदाई की मशीन? अभी-अभी मेरी चूत चोद-चोद कर भोंसड़ा बनाई है और अभी फिर हीना बेटी से बोल रहा है कि आपको चोदना है? चल अभी अपने काम पर जा। दोपहर की दोपहर देखी जायेगी।”



मैं भी नौकर को देख कर हाँ बोल दी और वो नौकर चला गया।



मैं अब तक चुपचाप हीना के मुँह से हीना की ससुराल की कहानी सुनता रहा। फिर मैंने हीना से पूछा, “क्यों जानेमन, यह बता कि तुझे शरम नहीं आती? अपने ससुर के सामने या अपने नन्दोई के सामने चूत खोल कर लेटना और उनके लंड को अपनी चूत में डलवा कर चुदवाना?”



तो हीना मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूची से लगाते हुए बोली, “हाँ, पहले-पहले मुझे अपने ससुर या नन्दोई के सामने नंगी होने में या उनसे चूत चुदवाने में थोड़ी शरम आती थी, लेकिन मेरी ससुराल में चुदाई के साथ-साथ शराब भी खुल कर चलती है और थोड़ा नशा सवार हो तो सारी शरम हवा हो जाती है, उल्टे जब मेरी चूत में खुजली चलती है, मैं तब ससुर या अपने नन्दोई का लंड पकड़ कर उनसे बोलती हूँ, “मुझे चोदो ना एक बार, मेरी चूत में खुजली हो रही है और चूत को लंड की भूख लगी हुई है।” और तब वो लोग मुझे वहीं जमीन या बिस्तर पर पटक कर या मेज या कुर्सी पर झुका कर मेरी चूत में अपना लंड डाल देते हैं और चोद देते हैं।”



मैंने तब हीना से पूछा, “चुदैल हीना, तूने इतनी चूत मरवायी है, लेकिन अभी तक गाँड नहीं मरवायी?”



हीना बोली, “नहीं मैंने अभी तक अपनी गाँड से किसी का लंड नहीं खाया था। तूने ही पहली बार मेरी गाँड में अपना लंड घुसेड़ा है।”



मैंने फिर पूछा, “लेकिन क्या तेरी सास या तेरी ननद भी अपनी गाँड नहीं मरवाती है?”



हीना तुनक कर बोली, “अरे मेरी सास और ननद तो खुब गाँड मरवाती हैं। कभी-कभी तो मेरे ससुर या नन्दोई मुझे चोदने के बाद मेरी सास या मेरी ननद को उसी बिस्तर पर उल्टी लिटा कर मेरे सामने ही उनकी गाँड मारते हैं।”



मैंने तब हीना से पूछा, “तेरे मायके में तेरी ससुराल में फ़्री चुदाई का किस्सा मालूम है?”



तब हीना बोली, “पहले नहीं मालूम था। लेकिन एक बार मेरी अम्मी मेरी ससुराल आयी थी और तब उन्होंने मुझे अपने ससुर और नन्दोई से चुदवाते देख लिया।”



मैंने पूछा, “तब क्या हुआ?” कोहराम मच गया होगा?”



हीना मुस्कुराते हुए बोली, “नहीं। पहले तो अम्मी थोड़ी-बहुत बिगड़ी लेकिन जब नन्दोई से मेरी सास को चुदते देखा तो वो चुप हो गयी। फिर एक दिन उनको भी मेरे अब्बू ने मेरी बगल में लिटा कर उनकी सलवार खोलकर चूत नंगी कर के चोद दिया। अम्मी ने भी मस्त हो कर अपनी कमर उछाल-उछाल कर अब्बू से खूब चुदवया। तब रात को अम्मी ने मेरे नन्दोई से भी नंगी होकर सास के साथ एक ही बिस्तर पर लेट कर खूब चुदवया और सास की चूत को चाट-चाट कर साफ़ किया। अब जब भी मेरी अम्मी मेरी ससुराल आती है तो वो खूब मज़े से मेरे ससुर या नन्दोई से खूब चुदवाती है।”



मैं हीना की चूत को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसल कर बोला, “हीना जानेमन, लगता है कि तेरी अम्मी भी तेरी तरह बहुत चुदक्कड़ है और अपनी चूत से बहुत लंडों का स्वाद चख चुकी है। क्या तेरी अम्मी ने तेरी ससुराल में अपनी गाँड नहीं मरवायी?”



हीना अपनी कमर उठा कर मेरे मुँह में अपनी चूत को और जोर से रगड़ते हुए बोली, “हाँ, मेरी अम्मी ने मेरे ससुर और नन्दोई से अपनी गाँड भी बहुत बार मरवायी है। कभी-कभी मेरे ससुर और नन्दोई ने उनको एक साथ चोदा है। एक मेरी अम्मी को अपने ऊपर चढ़ कर उनकी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर चोदता है और दूसरा उनके नीचे से उनकी गाँड में अपना लंड पेलता है। और मेरी अम्मी दोनों के बीच दब कर झूम-झूम कर अपनी चूत और गाँड से दोनों का लंड खाती है। मैंने ही अब तक अपनी गाँड बचा कर रखी थी और आज तूने मेरी गाँड की सील तोड़ दी। अब मैं भी अपनी ससुराल जाकर अपने ससुर नन्दोई और उस नौकर से अपनी गाँड चुदवाऊँगी।”



मैंने तपाक से पूछा “क्यों तेरे ससुराल वाले पूछेंगे नहीं, अचानक तेरे में ऐसा चेंज कैसे हुआ?”



हीना बोली, “तो क्या हुआ? मैं उनसे आज रात की हमारी चुदाई की दास्तान बता दूँगी। उनको भी तो पता लगे उनके घर की बहू सिर्फ़ घर के अंदर ही नहीं चुदती, बाहर भी चुदवाती है। मुझे मालूम है कि मेरी सास और मेरी ननद अपने घर के अलावा भी बाहर के लोगों से मौका मिलते ही अपनी चूत चुदवा लेती हैं।”



मैं अब तक हीना की बातों को सुन कर बहुत हैरान और गरम हो गया था। मैं हीना से बोला, “मुझे तेरी ससुराल की फ़्री सैक्स और फ़्री चुदाई सुन कर तेरी ससुराल जाने का मन कर रहा है।” कहानी की नायिका हिना है!



तो हीना मुझसे बोली, “अभी तू मुझे चोद। देख मैं तुझसे चुदने के लिए अपनी चूत खोले बैठी हूँ।”



इतना बोल कर हीना ने अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दी और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल कर मुझे दिखाने लगी। मैंने तब बिस्तर पर लेट कर हीना को खींच कर अपने ऊपर चढ़ा लिया। हीना ने भी अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत से भिड़ा कर मेरे ऊपर बैठ गयी और उछल-ऊछल कर अपनी चूत चुदवाती रही। मैं नीचे लेटा-लेटा हीना की दोनों चूचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहा और बीच-बीच में अपना हाथ नीचे ले जा कर हीना की गाँड में उँगली करता रहा।



थोड़ी देर के बाद हीना के उछलने की रफ़्तार तेज़ हो गयी और मैं समझ गया कि अब हीना झड़ने वाली है। तब मैं भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर हीना की चूत में झटके के साथ अपना लंड पेलता रहा। थोड़ी देर के बाद मैं और हीना दोनों एक साथ झड़ गये। हम लोग उठ कर बाथरूम में जा कर थोड़ा फ्रैश हुए और कमरे में आ गये। घड़ी की तरफ़ देखा तो सुबह के साढ़े चार बज रहे थे। इसलिए मैंने और हीना ने अपने अपने कपड़े पहन लिये और मैं चुपचाप अपने कमरे में चला आया और बिस्तर पर सो गया। जब आँख खुली तो देखा कि दोपहर के ढाई बजे हैं। मैं बाहर आया तो हीना का कमरा बँद देखा। नीचे रिसेप्शन पर पूछने से मालूम हुआ कि हीना और उसका शौहर सुबह ही कमरा छोड़ कर चले गये। मुझे बहुत अफ़सोस हुआ कि मैंने हीना क फोन या मोबाईल नम्बर नहीं लिया है।



!!! समाप्त !!!
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