उदयपुर की सुहानी यादें
09-18-2017, 11:55 AM,
#1
उदयपुर की सुहानी यादें
उदयपुर की सुहानी यादें

लेखक:- पारतो सेनगुप्ता

आज मैं आप लोगों को एक असली घटना सुनाने वाला हूँ। यह घटना मेरी ज़िंदगी की बहुत ही सुखद घटना है। पिछले साल मैं उदयपुर में होटल शिकरबाड़ी में रुका हुआ था। यह होटल एक सुनसान जगह पर बहुत आलीशान तरीके से बनाया हुआ है और इस होटल के चारों तरफ जंगल भी है। उस दिन शाम को थोड़ी हल्की बूँदा बाँदी हुई थी और इसलिए मौसम सुहाना था। मैं होटल के स्वीमिंग पूल में तैरने के लिए गया हुआ था। मैं इसलिए अपने कपड़े उतार करके और स्वीमिंग कॉस्टूम पहन कर एक बड़ा पैग ब्लडी मैरी लेके स्वीमिंग पूल पर पहुँच गया। मैंने स्वीमिंग पूल पर जा करके पहले अपना ड्रिंक एक टेबल पर रखा और फिर स्वीमिंग पूल में डुबकी लगायी और हल्के-हल्के स्ट्रोक के साथ तैरने लगा। थोड़ी देर तैरने के बाद मैंने एक बहुत खूबसूरत औरत को, जिसकी उम्र अंदाजन करीब २७-२८ रही होगी, स्वीमिंग पूल की तरफ आते देखा। उस औरत के हाथ में एक ईंगलिश की किताब थी। थोड़ी देर तक तैरने के बाद मैं पूल से बाहर निकल कर अपनी टेबल पर आके बैठ गया और अपने ड्रिंक में चुसकी लगाने लगा। वो औरत भी मेरी टेबल के पास बैठी अपनी किताब पढ़ रही थी।



मैं उस औरत की खूबसूरती से बहुत ही प्रभावित हो गया था और आँखें फाड़- फाड़ कर उसको देख रहा था। वो औरत एक जींस, टॉप और हाई हील्स के सैंडल पहनी हुई थी। उसकी जींस और टॉप इतना टाईट था कि उसका हर अंग बाहर झलक रहा था। मैंने अपने ड्रिंक से एक लम्बा घूँट लिया और फिर से पूल के तरफ बढ़ गया। लेकिन जाने से पहले मैंने उस औरत को एक बार फिर से घूर कर देखा। मैंने पूल पर जाके छलाँग लगायी और तैरने लगा। तैरते समय मैं बार-बार उस औरत को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद देखा वो औरत भी मुझे देख रही है और हल्के-हल्के मुस्कुरा रही है। मैं भी तब उसको देख कर मुस्कुरा दिया और पूल से बाहर आकर उसके पास जाकर उसको हल्के से “हैलो” बोला।



वो भी जवाब में “हैलो” बोली और फिर धीरे से बोली, “आप बहुत अच्छा तैरना जानते हैं और आपका जिस्म भी माशाल्लाह काफी हट्टा-कट्टा है।” मैं धीरे से उसको “थैंक्स” बोला और अपने आप को उससे परिचय कराया। उसने भी तब अपना परिचय दिया और बोली, “मेरा नाम हीना है और मैं अपने शौहर के साथ उदयपुर आयी हुई हूँ। इस समय मेरे शौहर ज़वार माईंस, जो कि उदयपुर से करीब ५० मील दूर है, अपने कारोबार के सिलसीले में गये हुए हैं। मैं अपने कमरे में अकेले बैठे-बैठे बहुत बोर हो गयी थी इसलिए इस वक्त स्वीमिंग पूल के किनारे आ कर बैठी हूँ।”



मैंने उससे पूछा “आप क्या पीना पसंद करेंगी?”



वो पलट कर मुझसे पूछी, “आप क्या पी रहे हैं?”



मैंने बोला, “मैं ब्लडी मैरी पी रहा हूँ” तो हीना बोली, “मैं भी ब्लडी-मैरी ले लूँगी।”



मैंने तब जाकर दो ब्लडी मैरी का आर्ड दे दिया। अचानक एक वेटर कॉर्डलेस फोन ले करके हम लोगों के पास दौड़ा आया और बोला, “मैडम आपका फोन है।” वेटर से फोन लेकर के हीना फोन पर बातें करने लगी। अचानक उसकी आवाज़ बदल गयी और फोन पर बोल रही थी, “ओह गॉड! ओह गॉड! हाँ! ओके! नहीं! मैं बिल्कुल ठीक हूँ! हाँ! मैं होटल में ही रहूँगी!” और फिर उसने फोन काट दिया। हीना के चेहरे पर परेशानी मुझे साफ-साफ दिखलाई दे रही थी।



मैंने हीना से पूछा, “क्या हुआ?”



हीना बोली, “रोड पेएक टैंकर का ऐक्सीडैंट हो गया है और इसलिए पुलीस ने रोड ब्लॉक कर रखी है। जब तक रोड ब्लॉक नहीं खुलेगा, कोई गाड़ी आ या जा नहीं सकेगी और रोड ब्लॉक कल सुबह तक ही खुलेगा।” फिर कुछ रुक कर हीना बोली, “अब मेरे शौहर कल सुबह तक ही आ पायेंगे।” यह सुन कर मैं भगवान को लाख-लाख शुक्रिया बोला, क्योंकि यह मेरे लिए एक बहुत सुनहरा अवसर था। कहानी की नायिका हीना है!



मैं तब हीना को साँतवना देते हुए बोला, “अरे हीना जी आप मत घबराइए। आपके शौहर बिल्कुल ठीक हैं और कल सुबह वो सही सलामत लौट आयेंगे।”



तब हीना धीरे से बोली, “मुझे अपने शौहर से ज्यादा अपने लिए फ़िक्र है। अब पूरे दिनभर के लिए इस होटल में कैद हो गयी।”



मैं मुस्कुरा कर बोला, “अब ज्यादा फ़िक्र मत करिए। मैं आपसे वादा करता हूँ कि आप बोर नहीं होंगी।”



तब हीना ने हँसते हुए मुझसे पूछा, “आप कैसे मुझे बोर नहीं होने देंगे?”



मैंने हीना से बोला, “मैं आपको अच्छे अच्छे किस्से सुनाऊँगा, जोक सुनाऊँगा, और इसके अलावा आप जो भी कहेंगी मैं वो भी करूँगा।”



तब तक वेटर हम लोगों के लिए ड्रिंक्स ले आया और मैंने हीना को एक ग्लास ब्लडी मैरी पकड़ा दिया। हीना ने बड़ी अदा से ब्लडी मैरी मेरे हाथों से लिया और फिर मुस्कुरा कर के “थैंक्स” बोली। फिर मैंने भी अपना ग्लास उठा लिया और हीना से बोला, “चीयर्स।”



तब हीना भी मुझसे बोली, “चीयर्स तुम्हारे मज़बूत जिस्म के लिए।”



जब हीना ने मेरे जिस्म के लिए कमेंट किया तो मैं बोला, “नहीं हीना डीयर! तुम तो किसी भी फिल्म एक्ट्रैस से बहुत ज्यादा सुंदर हो। तुम्हारा शरीर भी तो बिल्कुल तराशा हुआ है।”



मेरी बातों को सुनकर हीना झेंप गयी और फिर शरमा कर बोली, “धत्त, तुम बहुत ही शैतान हो।”
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09-18-2017, 11:56 AM,
#2
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
हम लोग अपने अपने ड्रिंक्स में चुसकी लगाते रहे और बातें करते रहे। हम लोग ऐसी बातें कर रहे थे कि जैसे हम लोगों की जान पहचान बहुत पूरानी हो। हीना ने मुझसे मेरी परसनल लाईफ के बारे में कुछ सवाल किये और अपनी ज़िंदगी की बहुत सारी बातें भी मुझे बतायीं! हीना तो यहाँ तक बोली कि उसका शौहर “साला गाँडू!” और सैक्स से ज्यादा लगाव नहीं रखता। मैं हीना की बातों को सुनकर बहुत ही हैरान हो गया। हीना ने मुझसे मेरी लव लाईफ के बारे में भी कुछ सवाल किये ।



मैं हीना से बोला, “मैं सैक्स और औरतों को बहुत चाहता हूँ और मैं सैक्स का पुजारी हूँ। मुझे बिस्तर पर औरतों के साथ तरह-तरह के एक्सपैरीमेंट करने में बहुत मज़ा आता है।”



मेरी बातों को सुन कर हीना कुछ देर तक चुप-चाप बैठी रही। ऐसा लग रहा था कि वो कुछ गहरी सोच में हो। हम लोगों ने एक-एक ग्लास और ब्लडी मैरी पिया और तभी एकाएक ज़ोरों की बारीश शूरू हो गयी। स्वीमिंग पूल के आसपास कोई सर छुपाने की जगह नहीं थी और इसलिये हम दोनों कमरे की तरफ़ भागे। कमरे तक पहुँचते-पहुँचते हीना बुरी तरह से भीग गयी और उसकी गोल-गोल चूचियाँ भीगे ब्लाऊज़ पर से साफ़-साफ़ दिखने लगी। मैं आँखें फाड़ फाड़ कर हीना की लाल रंग के ब्रा में कैद गोल गोल और तनी हुए चूचियाँ देख रहा था। मैं जितना हीना की चूचियों को देख रहा था वैसे-वैसे मेरा लंड खड़ा हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था वो भी बाहर निकल कर हीना की सुंदरता को सलाम करना चाह रहा हो। जब हीना ने मेरी तरफ देखा और मेरी हालत को समझ गई तो वो खिलखिला कर हँस पड़ी।



हम लोग अपने अपने कमरे तक पहुँच गये। हीना और मेरा कमरा बिल्कुल अगल-बगल था। जब मैं अपने कमरे में घुस रहा था तो हीना मुझसे बोली, “कपड़े बदल कर मेरे कमरे में आ जाना।”



मैंने कहा, “ठीक है, मैं अभी कपड़े बदल कर आता हूँ। लेकिन हो सकता है आपके साथ अकेले कमरे में होने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाऊँगा।”



तब हीना हँस कर बोली, “कोई बात नहीं। मैं भी तो देखूँ कि आप मेरे साथ अकेले कमरे में क्या-क्या कर सकते हैं?”



फिर मैं हँस कर अपने कमरे में चला गया और जब कपड़े बदल कर मैं हीना के कमरे में गया तो देखा हीना अपने कपड़े बदल चुकी है और वो अब पारदर्शी टाइप का गाऊन पहन कर बिस्तर पर बैठी हुई है। कहानी की नायिका हिना है!



हीना ने कुछ बढ़िया सैंट लगा रखी थी और उसकी खुशबू पूरे कमरे में फैल रही थी। मैं हीना के कमरे में जाकर एक लो चेयर पर बैठ गया। तब हीना अपनी जगह से उठ कर मेरे पास आयी और मेरे घुटनों पर बैठ गयी और अपनी बाँहें उठा कर मेरे गले में डाल दी और मुझसे बोलने लगी, “ओह मॉय डार्लिंग, यह तो बहुत ही अच्छा हुआ कि आज इस वक्त तुम मेरे साथ हो और हम दोनों जो दिल में आये कर सकते हैं। इस समय हमें कोई रोकने वाला नहीं है।”



इतना कह कर हीना ने मुझे चूम लिया। मैंने तब हीना को अपनी बाहों में भरते हुए उसको चूम लिया और धीरे से पूछा, “मेरे जानू हीना, हम लोग अभी क्या करने वाले हैं?”



हीना फिर से मुझको चूमते हुए मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोली, “हमलोग अब कुछ शरारत करने वाले हैं। हम लोग अभी जो शरारत करेंगे उसमे तुम्हें और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आयेगा।” इतना कहने के बाद हीना का चेहरा शरम से लाल हो गया। थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद हीना फिर बोली, “मुझे आज बहुत शरारत करनी है।”



मुझे लग रहा था कि अकेले कमरे में मेरे साथ होने से और ऊपर से मौसम भी रंगीन होने की वजह से हीना का मिज़ाज़ भी कुछ ज्यादा ही रंगीन हो गया है। मैं अब इस अवसर को खोना नहीं चाहता था और मैं चाह रहा था कि मैं अब हीना को चुदाई का असली मज़ा क्या होता है, समझा दूँ। मैं अब हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, लगता है कि अब हम लोगों को ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए। मैं अब तुम को तब तक नहीं छोड़ूँगा जब तक तुम मेरे लव-जूस का आखिरी कतरा निचोड़ ना लो। अब तुम्हें शरारती होने का पूरा मौक मिलेगा।” हीना मेरी बातों को सुन कर बेहद खुश हो गयी और मुझको अपनी बाहों में भर कर तीन-चार चूमे मेरे होठों पर दे दिये।



फिर हीना मेरे घुटने पर से उठ कर खड़ी हो गयी और अपने सर को नीचे करके मेरे बगल में खड़ी हो गयी, जैसे कि वो मुझे यह बताना चाहती हो कि अब वो मेरे हुक्म की गुलाम है और उसके साथ जो भी चाहूँ कर सकता हूँ। मैं भी तब हीना की देखा देखी अपनी सीट पर से उठ कर खड़ा हो गया और उसके सामने अपने जिस्म से अपना गाऊन उतार कर हीना के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया। अब तक मेरा लंड आधा खड़ा हो गया था और धीरे-धीरे झूल रहा था। यह देख कर पहले तो शरमा कर हीना का चेहरा लाल हो गया और फिर वो ललचाई आँखों से मेरे खड़े लंड को देखने लगी। अब तक मेरा लंड हीना की आँखों के सामने धीरे-धीरे और खड़ा होकर काफी सख्त हो गया था।



मैंने अपना हाथ बढ़ा कर हीना की कमर में डाल दिया और उसे खींच कर कमरे में रखे हुए ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जकर हीना से बोला, “देखो तो सही हम लोग कैसे लग रहे हैं।”



शीशे में मुझे नंगा और उसपे मेरा खड़ा हुआ लंड और अपने आप को पूरे कपड़े पहने देख कर हीना पहले बहुत शरमाई फिर हँस कर वो मुझे कस कर अपनी बाहों में भींच कर मुझे चूमने लगी। थोड़ी देर तक मुझे चूमने के बाद हीना फिर से ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखने लगी और मैं अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूचियों से खेलने लगा। वो भी अपने हाथों को बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। तब मैं हीना को अपनी बाहों में भर कर उसके कान में बोला, “डार्लिंग अब मुझे तुम्हारे कपड़े उतारने हैं।” फिर उसके बाद मैंने हीना के गाऊन की कमर वाली डोरी को हल्के से खींच दिया। हीना मेरे काम में सहयोग कर रही थी लेकिन बहुत शरमा भी रही थी।



थोड़ी देर के बाद हीना मेरे सामने सिर्फ़ अपनी लाल रंग की ब्रा और लाल रंग की पैंटी और काले रंग के हाई हील्स के सैंडल पहने खड़ी थी। मैं अपनी आँखों के सामने एक हूर को देख रहा था। मैंने धीरे से हीना को घूमा दिया जिससे कि मुझे उसके साईड और आगे और पीछे का रूप दिख सके। हीना अपने होठों को अपने दाँतों से दबा कर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी और मेरी तरफ़ बुझी हुई आँखों से देख रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने हीना की ब्रा को खोलना शूरू कर दिया। पहले मैंने ब्रा के हुक को खोला और फिर सामने आकर हीना की ब्रा के अंदर कैद दोनों चूचियों को देखने लगा। फिर मैंने हीना की बाहों से ब्रा के दोनों स्ट्रैप्स को धीरे-धीरे उतार दिया और ब्रा हीना की बाहों से फिसल कर जमीन पर जा गिरी। अब हीना मेरे सामने सिर्फ़ एक लाल रंग की पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहन कर खड़ी थी। मैंने तब हीना को फिर से पकड़ कर ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जा करके खड़ा कर दिया और बोला, “देखो अब कैसी लग रही हो।”



हीना मेरी तरफ शरमाती हुई हँस करके बोली, “बहुत ही शैतान हो।”



मैं अब हीना के पीछे खड़ा हुआ था और अपने हाथों से उसकी पतली कमर को पकड़ रखा था। मैं हीना की गर्दन और कंधों पर धीरे-धीरे चूम रहा था। हीना मेरे चूमने के साथ-साथ काँप रही थी। थोड़ी देर के बाद हीना मुझसे बोली, “मेरे जानू, मैं भी तुम्हारी तरह शरारती हो सकती हूँ।”



मैं हीना की बातों को सुन कर हँस पड़ा और फिर हीना के पीछे बैठ कर हीना की कमर चूमने लगा। थोड़ी देर के बाद मैं ड्रैसिंग टेबल के शीशे में देखते हुए एकाएक हीना की पैंटी खींच कर उसके सैंडलों के पास ले गया। हीना ने जैसे ही शीशे में अपने को नंगी देखा तो झट से अपने हाथों से अपनी चूत को ढक ली और बोली, “ओह! डार्लिंग क्या कर रहे हो? मुझे शरम आ रही है।”



मैं तब हीना के नंगे चूत्तड़ों पर अपने हाथों को फेरता हुआ हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, तुम अपने पैरों को धीरे-धीरे एक के बाद एक करके ऊपर उठाओ।”



हीना ने मेरे बात मानते हुए अपने पैरों को धीरे-धीरे से ऊपर उठाया और मैंने उसकी पैंटी को पैरों से निकाल कर दूर पड़ी कुर्सी पर फेंक दिया। मैं फिर से अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और हीना के कंधों के ऊपर से देखते हुए मैंने हीना की दोनों कलाईयों को पकड़ कर उसके हाथों को उसकी चूत पर से हटाया और उन हाथों को पीछे खींच लिया। अब हीना की साफ चिकनी चूत शीशे से होते हुए मेरी आँखों के सामने थी। मुझे हीना की साफ चिकनी चूत बहुत ही प्यारी लग रही थी।
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09-18-2017, 11:56 AM,
#3
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
अब मैं हीना के कानों के पास अपना मुँह ले जाकर धीरे से बोला, “डार्लिंग अब तुम वाकई में शरारती लग रही हो।” हीना अपने आप को शीशे में बिल्कुल नंगी देख कर मारे शरम से लाल हो गयी। फिर उसकी आँखें अपने नग्न सौंदर्य को देख कर चमक उठी और वो शरमाना छोड़ कर धीरे-धीरे मुस्कुराने लगी। अब मैंने हीना को धीरे-धीरे अपनी तरफ़ घूमा लिया और उसके नारंगी की फाँकों जैसे खूबसूरत होठों को चूमने लगा। हीना के होठों को चूमते ही मुझे लगा कि मैं शहद पी रहा हूँ। हीना ने भी मेरे गले में अपनी बाहों को डाल कर मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी। हम दोनों में से कोई भी चूमना बंद नहीं करना चाह रहा था और दोनों एक दुसरे को जकड़े हुए अपनी पूरी ताकत से चूम रहे थे। हीना मुझसे इस कदर लिपटी थी कि मुझे अपनी छाती में हीना के निप्पल के गड़ने का एहसास हो रहा था। उसकी चूचियाँ भी अब सैक्स की गरमी से फूल गयी थीं। मेरा लंड भी अब बुरी तरह से अकड़ गया था और मुझे लंड की जड़ में हल्का हल्का सा दर्द होने लगा था। कहानी की नायिका हिना है!



मैंने हीना को चूमते हुए उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लंड से लगा दिया। मेरे लंड पर हीना का हाथ छूते ही हीना ने गप से मेरा लंड पकड़ लिया और खुश हो कर मुझसे बोली, “ओह! डीयर, तुम्हारा हथियार तो बेहद तगड़ा है। मेरे ख्याल से इसकी लंबाई आठ इन्च और मोटाई करीब तीन या साढ़े तीन इन्च होगी। काफी शानदार है।”



तब मैं हीना के गालों को चूमते हुए हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, मेरा लंड शानदार है कि नहीं है मुझे नहीं मालूम। लेकिन तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच तुम्हारी गोरी चिकनी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है। मेरा यह लंड तुम्हारी चूत से मिलने के लिए बहुत ही बेताब है बेचारा। और हाँ, मेरे लंड की लंबाई और मोटाई को मत नापो। यह आज तुम्हें इतना मज़ा देगा जिसकी तुमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।” फिर मैं हीना को धीरे-धीरे बिस्तर के करीब ले आया और मैं खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और अपने चूत्तड़ों के नीचे दो तकिये भी लगा दिये।



हीना मुझे फटी-फटी आँखों से देख रही थी और कुछ सोच रही थी। मैं हीना से बोला, “आओ हीना डार्लिंग, मेरे ऊपर बैठ कर सवारी करो। मेरे ऊपर बैठ कर मेरा यह लंड अपनी चूत में भर लो और चुदाई करो।”



कुछ पल के बाद हीना को मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से ऊँची हील के सैंडल पहने हुए ही बिस्तर पर चढ़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ़ अपने पैरों को करके मेरे ऊपर बैठ गयी। बैठने के बाद उसने थोड़ा सा अपने चूत्तड़ों को उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत से लगा दिया और फिर अपनी कमर चला कर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया। मैंने तब हीना के चूत्तड़ों को पकड़ कर थोड़ा ऊपर उठाया और उसने फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे ऊपर झुक गयी और मेरे होठों को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के-हल्के धक्के के साथ चोदने लगी।



थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद हीना मेरे ऊपर लेट गयी। मैं तब नीचे से उसके नंगे चूत्तड़ों पर हाथ फेरते हुए उसके कान में धीरे से बोला, “डार्लिंग, अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है। मैं तो बस चुप-चाप नीचे लेटा-लेटा तुम्हारी चूत के धक्के खाता रहूँगा। अब तुम्हीं मुझे अपने हिसाब से चोदती रहो और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाती रहो।”



इतना कह कर मैंने हीना की चूचियों को अपने हाथों में लेकर कस कर मसल दिया और अपनी कमर नीचे से उचका कर हीना की चूत में तीन-चार धक्के मार दिये। मेरी बातों को सुन कर हीना की आँखें एक बार चमक गयीं और मुझे चूमते हुए बोली, “मेरे चोदू सनम, मैं चाहे तुम्हें ऊपर से चोदूँ या तुम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदो, दोनों में कोई फ़रक नहीं है। हर हाल में मेरी चूत ही तुम्हारे लंड से चुदेगी।” उसके बाद हीना मुझे फिर से जकड़ कर पकड़ते हुए अपनी पतली कमर उठा-उठा कर मुझे चोदने लगी।



हीना मुझे फिर से अपनी बाहों में भरते हुए मुझे चूम कर बोली, “ओह डार्लिंग! बेहद मज़ा आ रहा है। हाय क्या लंड है तुम्हारा, मेरी चूत तो अंदर तक भर गयी है। हाय! मैं तो आज रात भर तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर ही रखुँगी। तुम्हारा लंड खुदा ने मेरी चूत के लिए ही बनाया है।”



फिर हीना मेरी आँखों में देखते हुए मेरे ऊपर तन कर और अपनी कमर को कस कर मेरी कमर पर दबा करके बैठ गयी और हीना की नरम चूत और मेरी झांटें एक दुसरे से मिल गयी। अब हीना की साँस फूलने लगी थी और उसकी आँखें बंद होने लगी थी और उसकी चूची भी फूल गयी। अब वो मेरे लंड पर ज़ोरों से उठ-बैठ रही थी और उसके उठने-बैठने के साथ-साथ हीना की दोनों चूचीयाँ भी उछल रही थीं। मुझे लग रहा था कि हीना की चूत और ज्यादा देर तक मुझे चोद नहीं पायेगी और जल्दी ही अपना पानी छोड़ देगी। अब वो बहुत जोर-जोर से उछल रही थी और बोल रही थी, “लो मेरे चोदू सनम, लो मेरी चूत के धक्के खाओ अपने लंड पर। लो अब मैं अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली हूँ। लो सम्भालो अपने लंड को… नहीं तो मेरी चूत के धक्कों से तुम्हारा लंड टूट जायेगा। हाय क्या मज़ा आ रहा है। तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले। अब तक मैं तुमको और कितनी बार चोद डालती।”
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09-18-2017, 11:56 AM,
#4
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
इतना कहने के बाद हीना ने मुझे कस कर जकड़ लिया और बहुत ज़ोरों के साथ काँप उठी और शाँत हो गयी। उसकी चूत के पानी से मेरा लंड और जाँघें पूरी की पूरी भीग गयी। मैं फिर भी हीना के नीचे चुप-चाप लेटा रहा और हीना को पूरी तरह से झड़ने दिया। थोड़ी देर के बाद हीना ने अपनी आँखें खोल दी और मुझे देख कर मुस्कुरा दी। तब मैंने अपने हाथों को हीना की पीठ पर ले जाकर पहले उसकी पीठ को सहलाया और फिर उसके चूत्तड़ों को सहलाना शूरू कर दिया। मैं हीना के चूत्तड़ों को सहलाते हुए कभी-कभी उसकी गाँड के छेद को सहला रहा था। हीना ने धीरे से मेरे कँधों पर से अपना सर उठाया और मुझे अपनी आधी बंद आँखों से देखते हुए मुझे तीन-चार चुम्मे दिए। मैंने हीना के चूत्तड़ों को सहलते हुए धीरे से कहा, “रुकना मत, अभी तुम चालू रहो।”



मेरी बात सुनते ही हीना की आँखें चमक उठी और मुझसे बोली, “क्या फिर से करोगे, मतलब क्या फिर से हम लोग चुदाई करेंगे?”



मैंने अपनी गर्दन हिला कर हीना से हाँ कहा। “ओह डार्लिंग,” कह कर हीना मुझसे लिपट गयी और अपनी चूत से लंड को भींच लिया और फिर से मेरे लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। अबकी बार मैंने हीना को कोई सहारा नहीं दिया और हीना बड़े आराम से मेरे लंड को अपनी चूत से कभी धीरे-धीरे और कभी जोर-जोर से चोदने लगी। मैं अपने हाथों से हीना की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा और कभी-कभी जोर-जोर मसलने लगा। कहानी की नायिका हिना है!



थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद हीना फिर से झड़ने की कगार पर पहुँच गयी और अब वो जोर-जोर से मेरे लंड पर उछलते हुए बोली, “हाय जानू, क्या मज़ा मिल रहा है… लगता है कि आज मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने आज मुझे पूरा का पूरा जन्नत का मज़ा दिया है। आज मैं अपनी चूत तुमसे चुदवा कर दिलशाद हो गयी और अब मुझे एक औरत होने पर फख्र हो रहा है। ओह! ओह! हाय मैं झड़ रही हूँऊँऊँऊँ। आह! आह! और जोर से मेरीईईईईईईई चू.....ची..... मसलो.......। ओह! ओह! हाँ..... मैं गयीईईईईईई!”



हीना फिर शाँत हो कर मेरे ऊपर पड़ी रही। थोड़ी देर के बाद जब हीना की साँस वापस शाँत हुई, तो वो उसने मुझे चूमना शूरू कर दिया और अपनी चूत के झड़ने का एहसास अपने अंदर लेने लगी। ऐसे ही थोड़ी देर के बाद हीना ने फिर से मेरे लंड को अपनी चूत से ज़ोरदार झटकों के साथ चोदना शूरू कर दिया। हीना अबकी बार बहुत जोर-जोर से मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछल रही थी। उसकी दोनों चूचियाँ उसके उछलने के साथ झूल रही थी। मैंने तब हीना की दोनों चूचियों को छोड़ करके उसकी पतली कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और नीचे से मैं भी अपनी कमर उठा-उठा कर हीना की चूत के अंदर अपना लंड पेलने लगा। इस समय हम दोनों को दुनिया से कोई मतलब नहीं था और बस एक दूसरे को कस कर पकड़ कर चुदाई कर रहे थे।



थोड़ी देर के बाद मैंने नीचे से अपनी कमर उठा कर हीना की चूत में अपना सारा का सारा लंड घुसेड़ कर हीना को कस कर पकड़ लिया और बोला, “ओह! ओह! हीना डार्लिंग, लो, लो अपनी चूत को अपने हाथों से खोलो। मैं अब तुम्हारी प्यारी चूत को अपने लंड के पानी से पूरा का पूरा भरने वाला हूँ। ले, ले चुदक्कड़ हीना ले मेरा लंड का पानी अपनी चूत से पी ले।”



इतना कहने के बाद मैं हीना की चूत के अंदर झड़ गया और हीना की चूत ने भी मेरे साथ-साथ अपना पानी छोड़ दिया। हीना की चूत अब तीसरी या चौथी बार झड़ी थी और अबकी बार उसने पानी बहुत ज्यादा छोड़ा था। जब हीना की साँस कुछ ठीक हुई तो वो मेरे लंड के ऊपर से उठ गयी और मुझसे बोली, “वाह मेरे सनम, तुमने तो आज मुझे पूरा का पूरा जन्नत का मज़ा दिया। अब तुम चुपचाप लेटे रहो और मैं अभी पीने के लिये कुछ आर्डर करती हूँ। क्या पसंद करोगे... रम या स्कॉच?”



मैंने कहा “स्कॉच!”



फिर उसने फोन करके एक स्कॉच की बॉटल और ग्लास, बर्फ इत्यादी का आर्डर दिया और इतना बोल कर हीना हाई हील्स के सैंडलों में अपने चूत्तड़ मटकाती हुई कमरे के बाहर बाथरूम में चली गयी।



मैं हीना का कहा मान के चुपचाप बिस्तर पर ही लेटा रहा और आज शाम से जो-जो घटनायें हुई उनके बारे में सोचने लगा। मैं जितना सोचता उतना ही लगता कि आज की रात कभी खतम ना हो और मैं जी भर के हीना को चोदता रहूँ। मैं यह भी सोच रहा था की अब आगे क्या करना चाहिए। मैं यही सब सोच रहा था कि दरवाज़े पर बेल बजी। वेटर आर्डर ले कर आया होगा, यह सोच कर मैंने उठ कर एक टॉवल बाँधा और दरवाज़ा खोल कर वहीं से वेटर से ट्रे ले ली। इतने में हीना भी वापस आ गयी और मेरी बगल में आ कर बैठ गयी और ड्रिंक बनाने लगी। उसके बाद हम दोनों अगल बगल सट कर बैठ गये चीयर्स बोल कर ड्रिंक पीने लगे।



हीना ने अपनी एक टाँग मेरी टाँग पर रख दी और हँसते हुए बोली, “जानू, आज तो तुमने मुझे जन्नत की सैर करवा दी।” फिर वो एक बड़ा घूँट पी कर मेरे कानों में बोली, “जानू तुम्हारी चुदाई से आज मैं एक साथ तीन-तीन दफा सिलसिला वार झड़ी हूँ। शादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ था। या तो तुम में या तुम्हारे लंड में कोई जादू है।”



मैं हीना की बातों को सुन कर हँस पड़ा और फिर उसको चूमते हुए बोला, “मुझे पता है कि यह तुम्हारी किसी मर्द के ऊपर चढ़ कर पहली बार चुदाई करना नहीं था, क्योंकि तुम अपनी चूत से बहुत ही सधे हुए धक्के मेरे लंड पर मार रही थी। और हाँ अभी तुमने बोला कि शादी के बाद तुम कभी लगातार तीन-तीन बार नहीं झड़ी, इसका मतलब तुम शादी के पहले एक साथ तीन-तीन बार झड़ी हो?”



मेरी बात सुन कर हीना शरम से लाल हो गयी और अपना ड्रिंक पीते हुए बोली, “छोड़ो ना यह बात। फिर कभी सुनना मेरी शादी के पहले वाले किस्से!” और इतना बोल हीना अपना पूरा ड्रिंक गटक गयी और अपने लिये दूसरा पैग बनाने लगी। कहानी की नायिका हिना है!



मैं फिर मुस्कुरते हुए हीना से बोला, “ठीक है, लेकिन अब यह बताओ कि तुम्हारा और चुदाई का प्रोग्राम है या फिर इतनी जल्दी-जल्दी ड्रिंक पी कर नशे में धुत्त होने का इरादा है!”



हीना अपना दूसरा पैग पीते हुए बोली, “डर्लिंग, घबराओ नहीं, मैं इसलिए जल्दी-जल्दी पी रही हूँ ताकि जल्दी से सूरूर और मस्ती चढ़ जाये जिस्म में और मैं और भी ज्यादा खुल कर चुदाई का मज़ा ले सकूँ!”



मैंने पूछा, “तुम्हारे पास अब और कोई शरारत बची है कि नहीं?”



तब वो मुझे आँख मारते हुए बोली, “जानू, मैं तुम्हारा लंड धीरे-धीरे खड़ा होता देखना चाहती हूँ? मुझे इसका धीरे-धीरे खड़ा होना देखना बेहद अच्छा लगता है।”
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09-18-2017, 11:56 AM,
#5
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब हीना की नंगी जाँघों पर हाथ फेरते हुए बोला, “जरूर मेरे रानी। आज के लिए मेरा लंड तुम्हारा है। तुम इससे जैसे चाहो खेल सकती हो। तुम चाहो तो इसको अपने हाथों से खड़ा कर सकती हो या फिर इसे अपने मुँह में लेकर चूस-चूस कर खड़ा कर सकती हो।”



हीना मेरी बात सुन कर अपना बचा हुआ दूसरा ड्रिंक भी एक घूँट में पी गयी और मुझसे बोली, “हाय मेरे दिलबर जानी! तुमने अभी-अभी जो कुछ भी बोला, मैं वो सब का सब करना चाहती हूँ।”



फिर उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और गौर से देखने लगी। थोड़ी देर देखने के बाद बोली, “मैंने अब तुम्हारे लंड को ठीक से देखा है। पहले तो मौका ही नहीं मिला ठीक से देखने के लिए!” इतना बोल कर हीना जोर से हँस पड़ी। फिर मेरे लंड को देखते हुए हीना मुझसे बोली, “पहले तो मैं इस चोदू लंड को नहलाऊँगी!”



मैं कुछ समझा नहीं और चौंक कर पूछा “क्या?”



वोह मुझे देख कर फिर से खिल-खिला कर हँस दी। फिर आँख मार कर अपने ग्लास में स्कॉच डालने लगी। हीना की आँखों और हरकतों से साफ लग रहा था कि वोह अब थोड़ी नशे में थी। फिर वोह झुक कर मेरी टाँगों के बीच में अपना ग्लास ले आयी और मेरे लंड को उसमें डुबो दिया और हंसते हुए बोली, “इससे इसका शाही नहाना हो जायेगा और शायद इसे भी थोड़ा नशा चढ़ जाये!”



फिर वोह अपनी उंगलियों से मेरे लंड को स्कॉच में डुबो कर रगड़ने लगी। मेरा लंड भी स्कॉच के फील और हीना की उँगलियों के टटोलने के कारण उत्तेजित होने लगा। हीना फिर से खिलखिला कर हँसते हुए बोली “लगता है कि तुम्हारे लंड में अभी काफ़ी दम-खम है और तुम अभी भी शरारत करने के लिए तैयार हो!” फिर मेरे लंड को ग्लास से बाहर निकाल कर बोली, “चलो अब तुम ठीक तरीके से बेड पर लेट जाओ।” और फिर मेरे लंड को अपनी उंगलियों से पोंछ कर वही ड्रिंक गटा-गट पी गयी और बोली इसे कहते हैं “मर्दानगी की लज़्ज़त!”



फिर मैंने भी अपना ड्रिंक खतम किया और हम दोनों बेड पर आ गये। मैं हैरान था की इतनी ड्रिंक करने के बाद भी वोह कुछ भी करने की हालत में कैसे थी। जरूर हीना को पीने की आदत होगी क्योंकी वो अभी नशे में तो जरूर थी पर उसने जितनी पी थी उसके मुकाबले वो नशा ज्यादा नहीं था। बेड तक चलते हुए भी उसके कदम उन हाई हील सैंडलों के बावजूद भी थोड़े ही लड़खड़ाये थे।



मैं बिस्तर के ठीक बीचो बीच लेट गया और फिर हीना एक झटके के साथ मेरे ऊपर आ कर मेरी छाती पर बैठ गयी। अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था। मेरे ऊपर बैठ करके हीना कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे लंड पे झुक गयी। अब हीना का मुँह मेरे लौड़े पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी। हीना थोड़ी देर और मेरे लौड़े और मेरे आँडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली, “जानू, अब तुम मेरी चूत को चाटो और मैं भी तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी। ठीक है ना?”



मैं हीना की नंगी चूत्तड़ों को सहलाते हुए बोला, “मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी। मैं सोच ही रहा था कि जो चूत चोदने में इतना मज़ा आया उसका रस कितना मीठा होग। मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत के रस का स्वाद लेना चाहता हूँ।”



हीना मेरी बात को सुन कर बहुत खुश हो गयी और अपने आप को मेरे ऊपर ठीक से सैट करने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। थोड़ी देर तक हीना मेरे लंड के सुपाड़े को खोल और बँद कर रही थी। बीच-बीच में वो सुपाड़े को चूम भी रही थी। थोड़ी देर के बाद हीना ने अपना मुँह खोल कर मेरे सुपाड़े को मुँह के अंदर कर लिया और हल्के-हल्के चूसना शूरू कर दिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी और कभी-कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपनी जीभ से चाटने भी लगती थी। हीना कभी-कभी मेरे सुपाड़े को अपनी आँखों से लगाती और अपनी पलकों से उसे गुदगुदाती या फिर उसे अपने मुँह से निकाल कर अपने गालों पर रगड़ती। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो। कभी-कभी हीना मेरी झाँटों से भी खेल रही थी।



थोड़ी देर के बाद मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि हीना मेरा लंड अपनी आँखों के सामने रख कर मँद-मँद मुस्कुरा रही है। ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना के दिमाग के अंदर कुछ हलचल मची हुई हो। लेकिन हीना मेरे लंड को पकड़ कर मुस्कुराती रही। थोड़ी देर के बाद फिर से मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। हीना जैसे-जैसे मेरे लंड को चूस रही थी उसके मुँह से घुटी-घुटी आवाज़ निकल रही थी। तब मैंने अपने हाथों से हीना की चूत को खोल कर उसकी खुली चूत पर एक लम्बा चुम्मा जड़ दिया। मेरे चुम्मे के साथ ही हीना का शरीर एक बार फिर से काँप उठा।



मैंने तब अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को ऊपर से चाटना शूरू किया और धीरे-धीरे अपनी जीभ को हीना की चूत के अंदर डालना चलू किया। मेरी जीभ जैसे ही हीना की चूत के अंदर गयी तो हीना “ओह! ओह! आह! आह!” कर उठी और वो बोलने लगी, “हाय मेरे दिलबर! चूसो, चूसो मेरी चूत को! बहुत अच्छा लग रहा है! हकीकत में किसी भी औरत को कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो। हाय मुझे तो नशा सा छा रहा है।”



इतना बोल कर हीना फिर से मेरे लौड़े को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी। अब तक चुसाई से हीना की चूत ने मीठा-मीठा पानी छोड़ना शूरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से हीना की चूत खूब जोर-जोर से चाट रहा था और चूस रहा था। अब मेरे लंड का सुपाड़ा बहुत फ़ूल गया था और उसको हीना अपने मुँह के अंदर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी और इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चाट रही थी।



हीना भी मानो पगला गयी थी और जोर-जोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी और बोली, “हाय मेरे चोदू सनम, क्या कर रहे हो। इतना धीरे-धीरे क्यों चाट रहे हो मेरी चूत को? जोर-जोर से चाटो ना मेरी चूत। देखो उसमें से कितना ढेर सारा रस रिस-रिस कर निकल रहा है। मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा कर चूसो मेरी चूत को।”



अब मैं भी गरम हो गया था और हीना से बोला, “हाय, मेरी चुदकाड़ रानी, क्या चूत है तेरी । मन करता है जैसे कि इसको कच्चा ही चबा जाऊँ। बहुत ही रसीली चूत है तेरी। इतना रस कहाँ छुपा कर रखती है अपनी चूत के अंदर? मुझे तेरी चूत देख कर लग रहा है कि अब तक तू ठीक तरीके से चुदी नहीं है। तेरी चूत अभी पूरी की पूरी खुली नहीं है।”
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09-18-2017, 11:57 AM,
#6
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मेरी बात सुन कर हीना अपने मुँह से मेरे लंड को निकालते हुए बोली, “हाय मेरे चोदू, तूने ठीक ही कहा है! क्या करूँ मेरे शौहर का लंड बहुत छोटा है और वो चूत में घुसते ही झड़ जाता है। आज तू मेरी चूत को चोद-चोद कर उसका कीमा बना दे। मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से भोंसड़ा बना दे। हाय, क्या मस्त कर दिया है तूने मुझे। तेरी बीवी तुझसे बहुत खुश रहती होगी और क्यों ना हो, रोज रात को तेरे लंड से उसकी चूत खूब चुदती है।”



इतना बोलने के बाद हीना ने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में भर कर चूसना शूरू कर दिया। अब मेरा लंड इतना तन कर अकड़ रहा था कि लंड में दर्द सा होने लगा। मैं तब हीना से बोला, “ओह मेरी रानी, तेरा खेल खतम हो गया हो तो अब मैं तुझे फिर चोदना चाहता हूँ। अब चल मेरी बगल में अपने पैरों को फैला कर लेटा जा और मैं तेरे ऊपर चढ़ कर तुझे चोदता हूँ।”



“नहीं अभी नहीं, मुझे अभी और कुछ वक्त तक तेरा लंड चूसना है। मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़ थोड़ी देर और रुको ना?” हीना मुझसे बोली।



मैं तब हीना से बोला, “अरे मेरी चुदासी रानी! मान जा… नहीं तो मैं तेरे मुँह में ही झड़ जाऊँगा और तेरी चूत प्यासी रह जायेगी। चल अब उठ और मुझे अपनी चूत के अंदर अपना लंड डाल कर चोदने दे।”



तब हीना मेरे ऊपर से उठते हुए बोली, “ठीक है, अभी तू मुझे चोद ले, लेकिन अगली बार मैं तेरे लंड को खूब चूसूँगी और तेरा लंड पीयुँगी!”



अब हीना मेरी बगल में अपनी पीठ के बल लेट गयी और अपनी टाँगों को फैला कर अपने हाथों से पकड़ लिया और बोली, “अब आ न साले, क्यों वक्त लगा रहा है? अभी तो बहुत चुदास चढ़ी थी… अब क्या हो गया है? देख मैं अपनी चूत खोल कर लेटी हुई हूँ, अब आ और मुझे रगड़ कर एक रंडी के तरह चोद।”



मैं हीना की चुदास को देख कर बहुत गरम हो गया और हीना से बोला, “रुक मेरी छिनाल रानी! अभी मैं तेरी चूत को अपने लंड से चोद-चोद कर भोंसड़ा बनाता हूँ। आज तेरी चूत की खैर नहीं। आज तेरी चूत इतनी चुदेगी कि कल सुबह तू ठीक से चल नहीं पायेगी और तब तुझे देख कर सारे के सारे लोग समझ जायेंगे कि तेरी चूत में कोई लम्बा और मोटा लंड खूब पेला गया है।”



हीना मेरी बातों को सुन कर बोली, “अरे यार कल की कल देखी जायेगी, आज तो मुझे दिल भर कर अपनी चूत चुदवाने दे। चल अब ज्यादा बातें नहीं। अब जो भी बात करनी है मेरे ऊपर चढ़ कर अपने लंड से मेरी चूत से कह।”



इतना सुनने के बाद मैं झटसे हीना के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए हीना से बोला, “अरे मेरे लंड की रानी, ज़रा अपने नाज़ुक हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत से भिड़ा दे, प्लीज़।”



मेरी बात सुन कर हीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ा और अपनी चूत से भिड़ा दिया और बोली, “ले मेरी चूत के सरताज़, अभी तू जो भी बोलेगा मुझे सब मँज़ूर है, बस जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड पेल कर मुझे रगड़-रगड़ कर चोद और चोद और सिर्फ चोद। जब तक मैं चिल्ला-चिल्ला कर रुकने के लिये न कहूँ… तु मुझे बस चोद।”



अब मैं भी चुप ना रहा और जैसे ही हीना ने मेरे लंड को अपनी चूत से लगाया, मैंने अपनी कमर को एक झटके के साथ हिला कर उसकी चूत में अपना लंड पूरा जड़ तक पेल दिया। हीना एका-एक चिल्ला उठी, “हाय! मार डाला तूने। यह क्या किसी रंडी की चूत है जो एक साथ पूरा का पूरा लंड घुसेड़ दिया। ज़रा धीरे-धीरे चोद ना, मैं कोई भागी जा रही हूँ क्या?”



मैं तब धीरे-धीरे धक्का मारते हुए बोला, “माना कि यह कोई रंडी की चूत नहीं है, लेकिन यह एक छिनाल की चूत तो है, जो अपने शौहर के अलावा दूसरे मर्द से अपनी चूत चुदवा रही है।”



मेरी बात सुन कर हीना तिलमिला उठी और मुझ से बोली, “अरे अगर मैं छिनाल हूँ तो तू क्या है? तू भी तो अपनी बीवी की चूत छोड़ कर गैर-औरत की चूत में लंड दिये पड़ा है? अच्छा चल हम दोनो ही ज़लील हैं और हम लोगों को अपना ज़लील काम भी पूरा कर लेना चाहिए।”



तब मैं भी हीना की बातों को मान कर उसको अपनी कमर चला-चला कर चोदने लगा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा। मेरी चुदाई से हीना की चूत और गीली हो गयी और वो “ओह! ओह! आह! आह!” करने लगी और नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड से चुदवाने लगी।



थोड़ी देर नीचे लेटा कर चूत चुदवाने के बाद हीना बोली, “हाय मेरी चूत के परवाने, बेहद मज़ा आ रहा है। ज़रा और थोड़ा तेज-तेज धक्के मार, नहीं तो मेरी चूत की चीटियाँ नहीं जायेंगी। ओह! ओह! हाँ! हाँ! ऊईईईईईईईईई आँहहहह ऐसे ही आने दे अपना लंड मेरी चूत के अंदर तक। जब तक लंड अंदर जा कर बच्चेदानी पर ठोकर ना मारे तो चूत चुदवाने वाली को पूरा मज़ा नहीं आता।”



मैं भी हीना की बातों को मान कर जोर-जोर धक्कों के साथ चोदने लगा। थोड़ी देर ऐसे तेजी के साथ चोदने के बाद मैंने हीना से पूछा, “क्यों मेरी जानेमन, अच्छे लग रहे हैं मेरे लंड के धक्के। कैसा लग रहा है तेरी चूत को? क्या तेरा शौहर भी तुझे ऐसे ही चोदता है रोज रात और दिन में?”



मेरी बात सुन कर हीना मुस्कुरा दी और बोली, “हाय मेरे चोदू राजा, बेइंतेहा मज़ा आ रहा है। सच पूछ तो आज मेरी चूत मुकम्मल तौर पे और कायदे से चूदी है। हाँ वो मेरा शौहर, वो तो साला बिल्कुल गाँडू है। वो तो साला बीवी की चूत छोड़ कर नौकरों से अपनी गाँड मरवाता है। उस साले मादरचोद को क्या मालूम चूत क्या होती है और उसकी चुदाई कैसे की जाती है। अच्छा अब बहुत बातें हो गयी हैं, अब ज़रा दिल लगा कर मेरी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेल। मैं झड़ने वाली हूँ।”
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09-18-2017, 11:57 AM,
#7
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब जोर-जोर से हीना की चूत में अपना लंड पेलने लगा और फिर हीना को चूम कर मैंने उससे पूछा, “मेरी जान, मुझे एक बात समझ में नहीं आयी, वो यह कि जितनी तेरी चूत शानदार है उतनी हे तेरी ज़ुबान गंदी है। कहाँ से सीखी इतनी गंदी-गंदी गालियाँ?” कहानी की नायिका हिना है!



हीना तब नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत में पिलवाते हुए बोली, “अरे छोड़ भी अब, यह सब बातें बाद में सुनना। अब तो बस थोड़ी देर मेरे को रगड़ कर चोद। बस अभी कोई बात नहीं, मैं झड़ने वाली हूँ।”



“ठीक है, फिर सम्भाल अपनी चूत को और देख मैं तेरी चूत का क्या हाल बनाता हूँ” और मैं पिल पड़ा हीना की चूत में।



थोड़ी देर के बाद मुझे भी लगा कि अब ज्यादा देर रुक नहीं सकता और इसलिए मैंने अपना लंड एक बार जड़ तक हीना की चूत में पेल कर उसकी एक चूची अपने मुँह में भर ली। तब हीना बोली, “क्या हुआ रुक क्यों गया साले? पाँच-छः धक्के और मार देता तो मेरी चूत झड़ जाती। तू मुझे चोदते-चोदते थक गया क्या?”



मैं तब हीना की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए बोला, “अरे यार समझती नहीं क्या? मुझे लगा कि मेरा लंड अपना पानी छोड़ने वाला है और इसलिए मैंने तेरी चूत की चुदाई थोड़ी देर के लिए रोक दी ताकि लंड का जोश थोड़ा ठंडा हो जाये और मैं तुझे देर तक चोद सकूँ।”



तब हीना मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “वाह मेरे चोदू सनम, औरतों को चोदना कोई तुझसे सीखे। किसी औरत को कैसे चुदाई से ज्यादा से ज्यादा मज़ा मिले वोह तुझे सब पता है। काश मेरे गाँडू शौहर को भी यह सब मालूम होता तो मेरी चूत की यह हालत नहीं होती।”



मैंने अब फिर से हीना को चोदते हुए पूछा, “क्यों क्या हुआ तेरी चूत को। तेरी चूत बहुत ही मस्त है और देख ना कैसे अपना मुँह खोल कर मेरा लंड गपागप खा रही है।”



तब हीना नीचे से अपनी चूतड़ उचकाते हुए बोली, “हाँ मेरे चोदू सनम, जब तू अपना लंड मेरी चूत को खिला रहा है तो मेरी चूत को क्या एतराज़ है तेरा लंड खाने में? वैसे तू चोदने में बेहद माहिर है। तेरा लंड खा-खा कर मेरी चूत इस वक्त बहुत ही मस्त हो गयी है और मैं खुद को बहुत हल्की-हल्की महसूस कर रही हूँ। वाह क्या धक्के मार रहा है तू, तेरा लंड बिल्कुल मेरी चूत की गहरायी तक पहुँच रहा है और मुझे दिवानी बना रहा है। हाय ऐसे ही चोदता रह, रुक मत, रात भर चोद मुझे। पता नहीं कल ऐसी चुदाई का मौका मिले या ना मिले।”



मैंने तब हीना को जोर-जोर धक्कों से चोदते-चोदते हुए कहा, “यार मेरी जान, तू है तो बहुत सैक्सी और मुझे लग रहा है कि दिन में कम से कम एक बार बिना चुदवाए तुझे रात को नींद नहीं आती होगी। बता ना तू और कितने लंड अपनी चूत में पिलवा चुकी है? वैसे जब तेरे शौहर को गाँड मरवाने और मारने का शौक है तब तू भी क्यों नहीं अपनी गाँड में अपने शौहर का लंड लेती है। ऊससे कम से कम तेरा शौहर गाँड मारने के लिए घर के बाहर नहीं जयेगा।”



मेरी बातों को सुन कर हीना पहले तो मुस्कुरा दी और फिर बोली, “वाह रे मेरी चूत के परवाने, अगर मैं भी अपनी गाँड मरवाती तो क्या तू मुझे ऐसे अपने कमरे में नंगी लिटा कर अपने लंड से मेरी चूत चोद पाता? मैं भी इस समय अपने शौहर का या अपने घर के किसी नौकर का लंड अपनी गाँड में लेकर सो रही होती। वैसे मुझे गाँड मरवाने का कोई शौक नहीं है, मुझे गाँड मरवाने में घिन सी लगती है… और जब मेरे पास मरवाने के लिए चूत है तो मैं क्यों गाँड में लंड डलवाऊँ? असल में बात यह है कि तुम सब मर्द एक जैसे हो। जो चीज़ मिल रही है उसकी कोई कद्र नहीं और जो चीज़ नहीं मिलती तो उसके लिए दिवाने रहते हो। चलो हटो मेरे ऊपर से मुझे अब नहीं चुदवाना तुझसे। निकाल अपना लंड मेरी चूत से, मुझे जाने दे।”



मैंने तब हीना को अपनी बाहों में लेते हुए और उसकी चूची पर चुम्मा देते हुए पाँच-छः ज़ोरदार धक्के मारे और बोला, “अरे हीना रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो? मैं तुमसे मज़ाक कर रहा था। अरे तुम्हारी अपनी चूत और गाँड है। तुम जिसमें चाहो लंड डलवाओ, मुझे तो बस इस समय चोदने दो। मुझको इस समय रोको मत।”



तब हीना अपनी कमर उचकाते हुए बोली, “अरे चोद न मादरचोद, मैं कब मना कर रही हूँ। बस तू मुझसे गाँड मरवाने की बात मत कर, चूत में चाहे जितना मरज़ी लंड पेल, रात भर चूत में लंड डाले पड़े रह, मुझे कोई एतराज़ नहीं। वैसे अब जर जोर-जोर से धक्के मार, मैं झड़ने वाली हूँ।”



मैं तब हीना की चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला-हिला कर हीना को चोदने लगा। हीना भी अपनी दोनों टाँगों को मेरी कमर पर डाल कर अपने चूत्तड़ों को उछाल-उछाल कर मेरे लंड के धक्को का जवाब देने लगी और बोली, “चोद, चोद मेरे चोदू जानेमन, और जोर से पेल मेरी चूत में अपना लंड। आज मेरी चूत को फाड़ डाल, चूत के चिथड़े उड़ा दे, लेकिन मेरी चूत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रह मुझे। बेइंतेहा मज़ा आ रहा है। माशाल्लाह क्या चोदता है तू। तू धक्के मेरी चूत में मार रहा है, और शॉट मेरे दिल तक पहुँच रहा है। हाय हाय मैं झड़ रही हूँऽऽऽ! पेऽऽऽल और तेऽऽऽज़ तेऽऽऽज़ पेऽऽऽल अपना लंऽऽऽड हाय मैं गयीईईईई! हाय चोऽऽऽद, रुऽऽऽकना नऽऽऽहीं.......। ओह! ओह! हा! हाऽऽऽआय! वाह वाह मेरी चूऽऽऽत को फाऽऽऽड़ डाऽऽऽल।” और हीना झड़ गयी।
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09-18-2017, 11:57 AM,
#8
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
तब मैं तेज़-तेज़ धक्के मार कर अपना लंड पूरा का पूरा हीना की चूत में डाल कर लंड के पानी से हीना की चूत को भर दिया। मेरे झड़ने के साथ-साथ हीना एक बार फिर से झड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी।



मैं तब हीना के ऊपर से नीचे उतरा और हीना की चूचियों से खेलने लगा। हीना मुझे रोकते हुए बोली, “रुको जानेमन, मुझे टॉयलेट जाना है।”



“क्यों टॉयलेट क्यों जाना है?” मैंने हीना की चूची को दबाते हुए पूछा।



हीना तब मेरे मुरझाए हुए लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोली, “टॉयलेट क्यों जाया जाता है? यह भी नहीं मालूम?”



मैंने भी मज़ाक मज़ाक में बोला, “नहीं मालूम कि तुम क्यों टॉयलेट जाना चाहती हो।”



तब हीना बोली, “अरे मुझे पेशाब लगी है और मुझे टॉयलेट में जा कर पेशाब करना है। समझा मेरे चोदू जानू?”



मैं हीना की चूचियों कि जोर से दबाते हुए बोला, “तो ऐसे बोलो ना कि तुम्हें टॉयलेट जा कर अपनी चूत से सीटी बजानी है। मुझे चूत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है। चलो आज मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत की सीटी सुनुँगा।” कहानी की नायिका हिना है!



हीना मेरी बातों को सुन कर खिलखिला कर हँस दी और बोली, “धत! ऐसा भी कहीं होता है? मुझे तेरे सामने बैठ कर पेशाब करने में शरम आयेगी और फिर तू मेरे सामने बैठेगा तो मुझे पेशाब ही नहीं होगी। तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है तो टॉयलेट के बाहर खड़े हो कर सुन।”



मैं तब ज़िद करते हुए बोला, “क्यों नहीं हो सकता है? तू जब शाम से अब-तक मेरे सामने नंगी लेट कर अपनी चूत मेरे लंड से चुदवा सकती है और अब तुझे मेरे सामने बैठ कर अपनी नंगी चूत से पेशाब करने में शरम आयेगी? तू मेरे सामने बैठ कर पेशाब क्यों नहीं कर सकती? नहीं आज तो मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत से पेशाब निकलते देखना चाहता हूँ।”



मेरी बातों को सुन कर हीना बोली, “तू बेहद ज़िद्दी है । चल आज मैं तुझे अपनी चूत से पेशाब निकलते हुए दिखलाती हूँ और साथ-साथ अपनी चूत से निकलता हुआ पेशाब पिलाती भी हूँ। चल मेरे साथ टॉयलेट चल।”



इतना कह कर हीना पलँग से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी और नंगी ही टॉयलेट की तरफ चलने लगी। उसका नशा अभी भी बरकरार था क्योंकि हीना की चाल में अभी भी थोड़ी लड़खड़ाहट थी पर उसके हाई हील्स सैंडलों में उसकी नशीली चाल बहुत मस्त लग रही थी। मैं भी हीना के गोल-गोल चूत्तड़ों पर हाथ फेरते हुए हीना के पीछे-पीछे टॉयलेट चला गया। टॉयलेट में पहुँच कर पहले हीना ने अपना चेहरा धोया और एक तौलिया भीगो कर अपने पूरे जिस्म को पोंछा। फिर वोह मेरी तरफ़ देखकर बोली, “हाँ अब बोल क्या तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है और क्या तुझे मेरी चूत से पेशाब निकलते हुए देखना है?”



मैंने जब हाँ किया तो हीना बोली, “चल टॉयलेट के फ़र्श पर लेट जा।”



मैं चुपचाप टॉयलेट के फ़र्श पर लेटा गया। तब हीना मेरे मुँह के पास अपनी चूत रख कर मेरे सीने के ऊपर अपनी चूत्तड़ रख कर बैठ गयी। बैठने के बाद हीना ने एक बार झुक कर मुझे चूमा और फिर मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पेशाब की धार छोड़ दी। हीना की चूत से निकलती धार ठीक मेरे मुँह पर गिर रही थी और हीना ने मेरे सर को पकड़ रखा था। इसलिए मैं अपना मुँह खोल कर हीना की चूत से निकलते पेशाब की धार को पीने लगा। तीन-चार मिनट तक पेशाब की धार लगातार चल रही थी और फिर रुक-रुक कर मेरे मुँह पर गिरने लगी। मैं समझ गया कि हीना की पेशाब की थैली खाली हो गयी है। तब मैंने अपना हाथ उठा कर हीना की दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा।



पेशाब खतम होते ही हीना मुझसे बोली, “कैसा लगा मेरी चूत से निकलती पेशाब की धार पी के? मज़ा आया कि नहीं?”



मैं तब हीना से बोला, “यार मज़ा आ गया। मैंने तो कहीं एक किताब में पड़ा था कि हसीन औरतों के पेशाब का टेस्ट भी बहुत अच्छा होता है। आज तूने अपना पेशाब पिला कर वो बात साबित कर दी। सही में तेरी इतनी सुंदर चूत से निकलती पेशाब की धार देख कर आज मैं धन्य हो गया।”



मैंने हीना से पूछा, “अब क्या प्रोग्राम है?”



तब हीना बोली, “अरे अभी तो रात काफी बाकी है और इसका पूरा का पूरा फायदा मुझे उठाना है।”



“ठीक है” मैं बोला।



तब हीना मेरे ऊपर से उठ कर खड़ी हो गई और बोली, “क्या तुझे पेशाब नहीं करना? चल अभी तू भी पेशाब कर ले फिर हमलोग फिर से पलंग पर चलते हैं।”



मैं तब उठ कर अपना लंड अपने हाथ से पकड़ कर पेशाब करने की तैयारी करने लगा। तब हीना आगे बड़ कर मेरे लंड को पकड़ कर बोली, “अरे मैं हूँ ना? तू खुद क्यों पकड़ता है अपना लंड। ला मुझे पकड़ने दे तेरा लंड।”



इतना कह कर हीना ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली, “चल मेरे जानू, अब मुझे भी दिखला तेरे लंड से निकलते पेशाब की धार को।”
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09-18-2017, 11:57 AM,
#9
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब हीना की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा। मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ दस-पंद्रह सेकँड ही हुए थे कि हीना ने झुक कर मेरा लंड जिसमे से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ़ देख कर मुझे आँख मार दी। हीना मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटागट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकलना बँद हो गया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होठों को साफ़ किया और बोली, “मज़ा आ गया। यह तो स्कॉच से भी ज्यादा अच्छा था। मुझे कईं दिनों से अरमान थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पीयूँ और आज मेरी ख्वाहिश पूरी हुई। थैंक्स।”



मैंने तब आगे बड़ कर हीना को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गये। हीना झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही। थोड़ी देर के बाद मैं हीना से बोला, “यार तू बहुत ही सैक्सी चीज है। मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपनी चूत को खिलाये होंगे। बोल ना कितने लंड खाये अब तक?”



हीना मेरी तरफ़ देख मुस्कुरा दी और बोली, “मुझे तो अब याद भी नहीं कि मैं अब तक कितने लंड खा चुकी हूँ अपनी चूत में। छोड़ यह सब बातें और चल हमलोग फिर से शूरू करें अपनी चुदाई की दास्तान।”



मैं तब अपने एक हाथ से हीना की चूत्तड़ों को सहलाता हुआ बोला, “यार मेरी जान, तू उस समय इतना बिदक गयी जिसकी कोई इन्तहा नहीं। मुझे तो ऐसा लगा कि सचमुच मुझे अपने ऊपर से हटा कर तू मुझे अपने कमरे में भेज देगी।”



हीना तब बोली, “और क्या मुझे बहुत गुस्सा आ गया था। साले तू बात ही ऐसी कर रहा था। जब औरतों को मरवाने के लिए अल्लाह ने चूत दी है तो गाँड क्यों मरवायी जाये? अच्छा अब बहुत हो गया है और थोड़ी देर के बाद सुबह भी हो जायेगी। ला अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दे, मुझे तेरे लंड का रस चूस-चूस कर पीना है।”



“अभी लो हीना रानी, और मुझे एक बर फिर से तुम्हारी चूत को चाट-चाट कर उसका रस पीना है” मैं हीना के मुँह के पास अपना लंड रख कर बोला।



हीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और मैंने भी हीना की चूत से अपना मुँह लगा दिया। मैं हीना की चूत अपनी उँगलियों से खोल कर जितना हो सकता था अपनी जीभ अंदर डाल कर उसके रस को चाट-चाट कर पीने लगा और हीना भी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने चाटने लगी। मैं हीना की चूत चाटते हुए कभी-कभी उसकी गाँड में अपने उँगली फेर रहा था और जब-जब मैं गाँड में उँगली फेर रहा था तब-तब हीना अपनी गाँड को भींच रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर हीना मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली, “क्यों मेरी गाँड के पीछे पड़ा है, गाँडू? तुझे चूत चाहिए थी और तुझे चूत मिली। अब मेरी गाँड पर से अपनी नज़र हटा ले और चल अब मुझे चोद। मैं अब फिर से अपनी चूत में तेरा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ।”



तब मैं हीना की चूत से अपना मुँह हटाते हुए बोला, “अरे हीना रानी क्यों नाराज़ हो रही हो। तुझे गाँड नहीं मरवानी है, मत मरवा। लेकिन मुझे कम से कम अपनी गाँड से खेलने तो दे?”



तब हीना बोली, “ठीक है, लेकिन गाँड में ना तो उँगली करना और ना ही अपना लंड पेलना।” इतना कह कर हीना ने अपनी पीठ के बल लेट कर अपनी टाँगों को ऊपर उठा दिया और बोली, “चल पेल अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड के धक्के से।”



मैं तब हीना की चूची दबाते हुए बोला, “हीना रानी, मैं अब तुझे कुत्ते की तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ। चलो अब तू कुत्तिया बन जा।”



हीना मेरी बातों को सुन कर बोली, “अरे मैं तो कुत्तिया पहले से ही बन गयी हूँ और तभी तो तेरे मोटे हलब्बी लंड से अपनी चूत चुदवा चुकी हूँ। चल तू कहता है तो मैं तेरे लिए कुत्तिया बन जाती हूँ और तू मुझे एक कुत्ते कि तरह से चोद।”



इतना कहकर हीना अपने घुटनों के बल बिस्तर पर उकड़ू हो गयी और अपने हाथ बिस्तर पर टिका दिये। मैं झट से उठ कर हीना के पीछे बैठ गया और जैसे कुत्ता कुत्तिया की चूत सूँघता है वैसे मैं भी हीना की चूत सूँघने लगा। मेरी हरकतों को देख हीना हँस पड़ी। तब मैं अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को पीछे से चाटने लगा और हीना भी अपनी कमर को हिला-हिला कर और घुमा-घुमा कर अपनी चूत मुझसे चटवाती रही। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने अपना मुँह उठा कर हीना की गाँड को चूम लिया और उसकी गाँड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी। हीना चौंक उठी लेकिन कुछ नहीं बोली। मैंने फिर हीना की गाँड के छेद से अपनी जीभ लगा दी और फिर उसकी गाँड को चाटने लगा। हीना तब भी चुप रही।



फिर मैंने अपनी एक उँगली हीना के गाँड से लगायी तो हीना उछल पड़ी और बोली, “साले भड़वे, क्या तेरे को मेरी चूत पसंद नहीं है? तब से तु मेरी गाँड के पीछे पड़ा हुआ है। मैं पहले भी बता चुकी हूँ और फिर बोल देती हूँ कि मुझे गाँड नहीं मरवानी है। तू मेरी चूत चाहे जितनी भी चोद ले मुझे कोई एतराज़ नहीं, लेकिन गाँड में मैं लंड नहीं लूँगी। लगता है तू भी मेरे शौहर जैसा गाँड का शौकीन है।”



तब मैंने हीना की गाँड को छोड़ दिया और उसकी चूत के मुहाने से अपने लंड का सुपाड़ा लगा दिया। लंड का सुपाड़ा लगते ही हीना अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी और बोली, “पेल मेरी चूत के परवाने, पेल मेरी चूत में अपना लंड पेल। ज़ोरदार धक्कों के साथ लंड पेल और मेरी चूत को रगड़ कर चोद।”



मैं भी हीना की कमर पकड़ कर उसकी चूत में दनादन अपना लंड घुसेड़ने और बाहर खींचने लगा। हीना भी अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा लंड अपनी चूत को खिलाने लगी और बोली, “मार ले आज, मार ले मेरी चूत। इसकी धज्जियां उड़ा दे अपने लंड की चोटों से। साली को बहुत गुमाँ है कि मोटे से मोटा लंड भी इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। चोद मेरी चूत को और और तेऽऽऽज़ चोद....... और समझा दे मेरी चूत को कि मोटे लंड से चुदवाने का मतलब क्या होता है। हाय! चूत बहुत फैल गयी है!”



मैं हीना की बात सुनता जा रहा था और उसकी कमर पकड़ कर चोदता जा रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं हीना की पीठ पर झुक गया और उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा। हीना और मस्त हो गयी और अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाने लगी। तब मैंने अपने एक उँगली पर थोड़ा थूक लगा कर हीना की गाँड के छेद से भिड़ा दिया और गोल-गोल घुमाने लगा। हीना कुछ नहीं बोली। फिर मैंने हीना की पीठ पर फैलते हुए उसकी एक चूची को जोर से पकड़ लिया और अपनी उँगली हीना की गाँड में घुसेड़ दी। हीना छटपटाई लेकिन मैंने भी जोर से पकड़ रखा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर पायी। मैं तब अपनी उँगली को हीना की गाँड के अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद हीना शाँत हो गयी और चुपचाप अपनी चूत चुदवाने लगी।



एकाएक मैंने अपना लंड हीना की चूत में से निकाल कर हीना की गाँड के छेद पर रखा और एक झटके के साथ लंड को पूरा का पूरा हीना की गाँड में पेल दिया। हीना एकाएक चौंक उठी और चिल्लाने लगी, “ओहहहह! आआहहहह! मरररर गयीईईईई। निकाल...... मेरी गाँऽऽऽआँड में से अपना लंड। मैं मरररर जाआआऊँगीईईईईईई। हाय अल्लाऽऽऽआह! मेरी गाँऽऽऽआँड फट गयीईईईईईई। ओहहहह! आआहहहह! ओहहहह ओहहहह ।”



मैं हीना की बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी गाँड अपने लंड से पेलता रहा। हीना चिल्ला रही थी, “हाय! माऽऽऽआर डाऽऽऽला, अरे निकाल....... अपना लौड़ाऽऽऽऽ मेरी गाऽऽऽऽआँड से.........। साले...... मादरचोद मुफ़्त का माल मिला है तभी मेरी गाऽऽऽआँड फाऽऽऽऽआड़ रहा है। अबे मदरचोद अपना लौड़ा मेरी गाँड से जल्दी निकाल।”



मैं हीना की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गाँड में पेले जा रहा था और थोड़ी देर के बाद पूछा, “हीना मेरी जान तेरी गाँड बहुत प्यारी है। इतनी टाईट है कि मेरा लंड फँस-फँस कर अंदर घुस रहा है।”



इतना कह कर मैंने अपने एक हाथ से हीना की चूत में अपनी एक उँगली पेल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और धीरे-धीरे हीना का चिल्लाना कम हो गया। अब वो मेरे हर धक्के के साथ साथ “ओहहहह! ओहहहह! आहहहह आहहहह हाय!” कर रही थी।



मैंने दो-चार और धक्के मार कर हीना से पूछा, “हीना रानी, अब कैसा लग रहा है? अब तेरी गाँड में मेरा लंड घुसा हुआ है, तेरी चूत में मेरी उँगली घुसी हुई है और तेरी एक चूची मेरे हाथों से मसली जा रही है। बोल अब कैसा लग रहा है। मज़ा आ रहा है कि नहीं?”



तब हीना अपना चेहरा मेरी तरफ़ घूमा कर बोली, “साले मादरचोद, पहले तो मेरी गाँड फाड़ दी अपना लौड़ा घुसा कर और अब पूछ रहा है कि कैसा लग रहा है? साले भोंसड़ी के, चल जल्दी-जल्दी से मेरी गाँड में अपने लंड से जोर-जोर के धक्के लगा और मेरी गाँड को भी मेरी चूत जैसे फाड़ दे। हाय अब काफी अच्छा लग रहा है। अब मार न मेरी गाँड, चोद साले, चोद मेरी गाँड।”



इतना कह कर हीना अपनी कमर चला कर मेरे लंड को अपनी गाँड के अंदर बाहर करने लगी। तब मैं बोला, “अब क्या हो रहा है हीना? अब तो तू खुद ही मेरे लंड को अपनी गाँड से खा रही है। अब सब दर्द खतम हो गया है क्या?”



हीना तब मुस्कुरा कर बोली, “पहले तो तूने मेरी गाँड में अपना मोटा गधे जैसा लंड घुसा कर मेरी गाँड फाड़ दी और अब पूछता है कि अब कैसा लग रहा रहा है? चलो अब बातें बाद में करना। अब मेरी बची खुची गाँड को और फाड़ दे। मुझे तुझसे गाँड मरवा कर बेहद अच्छा लग रहा है।”
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09-18-2017, 11:57 AM,
#10
RE: उदयपुर की सुहानी यादें
मैं तब हीना की कमर को अपने दोनों हाथों से कस कर पकड़ के उसकी गाँड में दनादन अपना लंड पेलने लगा और कहने लगा, “हाय! हीना रानी, तेरी गाँड बहुत ही मस्त है। बहुत टाईट गाँड है और मुझे गाँड में लंड पेलने में बहुत मज़ा आ रहा है। हाय! तेरी चूत और गाँड दोनों को चोद कर आज मुझे बहुत मज़ा आया।”



हीना भी अपनी कमर मेरे साथ-साथ चलाते हुए बोली, “मार ले आज मेरी गाँड। मुफ़्त में मिली है आज तुझे मेरी गाँड। इसमे अपना लंड पेल-पेल कर तू भी मज़े ले और मुझे भी मज़े दे। हाय! बेहद अच्छा लग रहा है। हाँ ऐसे ही मारता रह, पेलता रह अपना लंड मेरी गाँड में। ओहहहह! ओहहहह! आहहहह! मेरी चूत में अपनी उँगली डाल दे। मैं अब झड़ने वाली हूँ।”



मैं भी हीना की चूत को अपने उँगली से खोदता रहा। थोड़ी देर के बाद हीना झड़ गयी और हाँफने लगी। थोड़ी देर के बाद हीना बोली, “तूने मेरी गाँड को क्यों चोदा? मैंने तुझे मना किया था ना? जा अब मैं तुझसे अपनी चूत नहीं चुदवाऊँगी।”



मैं तब हीना की चूत को सहलाते हुए बोला, “अरे मेरी जान, क्यों गुस्सा कर रही हो? तुम्हारी गाँड इतनी प्यारी है कि मैं अपने आप को रोक नहीं सका। तेरे छलकते हुए भारी-भारी चुत्तड़ और उनके बीच में तेरी गाँड का छेद, किसी को भी कत्ल कर सकते हैं। वैसे सच-सच बताना कि तुझे मज़ा आया कि नहीं? क्या शानदार गाँड है तेरी। मुझे तेरी गाँड मारने में बहुत मज़ा आया।”



तब हीना मेरे मुरझाए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली, “हाँ मुझे भी गाँड मरवाने में बेइंतेहा मज़ा आया, लेकिन पहले लग रहा था कि मेरी गाँड फट ही जायेगी।”



मैं तब हीना से बोला, “अरे मेरी जान लंड डालने से ना तो चूत फटती है और ना ही गाँड फटती है। अब देख ना तेरी चूत और गाँड दोनो मेरा लंड पूरा का पूरा खा गयीं और कुछ नहीं हुआ। अच्छा अब चल बाथरूम में। मुझे अपना लंड धोना है और तेरी गाँड भी धोनी है।”



मेरी बातों को सुन कर हीना उठ कर खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे भी उठा दिया। नशे में लड़खड़ाती हुई हीना ऊँची हील के सैंडल खटखटती मेरे साथ बाथरूम में आयी| बाथरूम में आकर पहले मैंने अपने हाथों से हीना की गाँड को साबुन लगा कर धोया और फिर हीना ने मेरे लंड को पकड़ कर मसल-मसल कर धोया। फिर मुझे हीना खींच कर बेडरूम में ले आयी। कहानी की नायिका हिना है!



बेडरूम में आ कर हीना मुझसे लिपट कर बोली, “अब क्या इरादा है? वैसे रात के ढाई बज रहे हैं और मुझे तो नींद आ रही है। इतनी चुदाई से मेरी चूत और गाँड भी कल्ला रही है। लगता है कि चूत और गाँड दोनों अंदर से छिल गयी हैं।”



फिर वोह अपने ग्लास में पैग बनाने लगी पर मैंने और पीने से मना कर दिया क्योंकि मैं अभी और चुदाई के मूड में था। मैं तब हीना को चूमते हुए बोला, “मेरी चुद्दकड़ रानी, क्या कोई अपनी सुहागरात को सोता है क्या? अभी तो मुझे तुझे कम से कम एक बार और चोदना है। आज रात जब तक मेरे लंड में दम है तब तक मैं तुम्हें चोदूँगा और तेरी चूत मारूँगा। और तू अपनी टाँगें फ़ैलाये मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाती रहोगी, समझी?”



हीना तब अपने ड्रिंक की चुसकी लेते हुए मुझसे बोली, “तू बहुत बड़ा चोदू है। आज रात की चुदाई से मेरी चूत पता नहीं कितनी बार पानी छोड़ चुकी है कि मैं बता नहीं सकती।” 



मैं तब हीना से बोला, “रानी आज जो भी हो जाय मुझे रात भर तुझे चोदना है। अब चाहे चूत तृप्त हो गयी हो या चूत कल्ला रही हो।”



इतना कह कर मैंने हीना के दोनों कंधे पकड़ लिये और उसको बिस्तर पे ले जाकर बिठा दिया और फिर पूछा, “अब बोलो कैसे चुदेगी? मैं तेरे ऊपर चढ़ कर चोदूँ या फिर तू मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदेगी?”



हीना मुस्कुरा कर बोली, “क्या फ़र्क पड़ता है? चाहे तू ऊपर हो या मैं ऊपर हूँ। चुदेगी मेरी चूत ही ना? अब तू जैसे चाहे चोद मुझे। आज की रात मेरी चूत को फाड़ कर उसका भोंसड़ा बना दे, मेरी गाँड में अपना लंड पेल कर उसको भी फाड़ दे। कम से कम आज मुझे पता तो चले कि असली चुदाई की मैराथन दौड़ क्या होती है।”



मैं तब खुद भी बिस्तर पर बैठ गया और उसकी चूची से खेलने लगा। हीना अपना पैग खतम करते हुए मुझसे बोली, “क्या बात है? लगता है कि तूने इतनी सी चुदाई में अपनी ताकत खो दी है। अरे और जोर-जोर से मसल मेरी चूचियों को। मसल डाल मेरी इन चूचियों को। इनको भी तो पता लगे कि हाँ कोई मर्द इनको छेड़ रहा है, इनको मसल रहा है। इसीलिए तो कह रही थी एक पैग मार ले, कुछ जोश आ जायेगा।”



मैं हीना की बातों को सुन कर बोला, “हीना रानी मैं तेरी तरह कोई बड़ा पियक्कड़ नहीं हूँ, मैं ज्यादा पी कर ठीक से चुदाई नहीं कर पाऊँगा।” और मैंने उसको अपनी गोद में लिटा लिया और दोनों हाथों से उसकी एक चूची पकड़ कर, जैसे आम निचोड़ा जाता है, चूची को दबाने लगा और दूसरी चूची को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।
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