इंग्लिश टीचर की वासना मिटाई
09-02-2016, 09:32 PM,
#1
इंग्लिश टीचर की वासना मिटाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हरीश है और आज यह मेरी चोदन डॉट कॉम पर पहली कहानी है। वैसे मैंने इस पर बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी लगी और में उन्ही से प्रेरणा लेकर आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी। यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था। जिसमे मैंने एक इंग्लीश टीचर की वासना मिटाई। अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए थोड़ा विस्तार से अपनी कहानी सुनाता हूँ। जिसको सुनने में आपको भी मज़ा आएगा और मुझे भी सुनाने में। दोस्तों यह बात उस समय की है, जब में अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और में अपनी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद में भी एक बहुत अच्छा स्टूडेंट था और में अपने कॉलेज के वॉलीबॉल टीम का कप्तान था और साइन्स सब्जेक्ट्स के साथ साथ इंग्लीश भी हमारा एक सब्जेक्ट था जो सिर्फ़ पहले साल के लिए ही होता है।
तो उस समय मेरी एक बहुत अच्छी इंग्लीश टीचर थी और वो शादीशुदा थी। उनकी उम्र 29 साल थी और वो पंजाब की रहने वाली थी। लेकिन दिखने में बहुत सुंदर, गोरा रंग, पतली कमर, हिरनी जैसी आँखे इतना सब कुछ होने के बाद भी वो बड़े बड़े बूब्स के साथ बड़ी सी मस्त गांड की मालकिन थी, जिसको एक बार देखने के बाद हर कोई उनका दीवाना हो जाए। वो शादीशुदा होने के बाद भी अपने गदराए हुए बदन, पतली कमर, बड़ी बड़ी आंखे और बहुत सुंदर चेहरे की बनावट की वजह से कुंवारी लगती थी। वो हमेशा बिल्कुल टाईट कुर्ता, लेगिंग, कुर्ता, पजामा, सलवार सूट पहनती थी और उनको पहनने के बाद तो वो क्या मस्त लगती थी। क्लास में वो अक्सर हर एक बच्चे के पास खड़ी होकर पढ़वाती थी और फिर उस शब्द का अनुवाद वो खुद करती थी और बच्चों को भी वो खुद पढ़ने की कहा करती थी। जिसका एक सेक्सी कारण था कि वो अपने पास खड़ा करके पढ़ाती थी। बच्चे भी बहुत खुश थे क्योंकि ज्यादा पास से उसके मोटे मोटे बूब्स साफ साफ चमकते थे, जिनकी सुन्दरता को देखकर हर एक बच्चा उनसे बहुत खुश रहता था। लेकिन उसने कभी उन्हे ढकने की कोशिश भी नहीं की थी और वो तो कभी कभी अपना दुपट्टा भी नहीं लेकर आती थी। में अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छा था तो इसलिए वो अक्सर मेरे ही पास में खड़ी होकर मुझसे पढ़ाती और कभी कभी वो मुझे उसके पास में बुलाकर खड़ा होकर पाठ पढ़ने को कहती और में पढ़ने के साथ साथ उसके बड़े ही सुंदर बूब्स देखा करता था।
दोस्तों मुझे कई बार ऐसा एहसास हुआ कि जैसे वो जानती है कि में उसके बूब्स को किस नजर से देखता हूँ और मेरे मन में क्या चल रहा था। लेकिन फिर भी उसने मुझसे कभी भी कुछ नहीं कहा और में उस बात का हमेशा फायदा उठाकर उनके मस्त बूब्स के दर्शन किया करता और वो भी बहुत खुश होकर मेरा साथ दिया करती थी। फिर एक दिन हमारे कॉलेज की तरफ से बाहर पिकनिक पर जाने का प्रोग्राम बना और सभी कामों की जिम्मेदारी मिली हमारी इंग्लीश टीचर को और हम करीब 125 बच्चे मनाली जाने के लिए तैयार हुए और उनमे से एक में भी था और सब कुछ काम एकदम ठीक-ठाक था। हमने मनाली जाने के लिए बस पकड़ी। इंग्लीश टीचर मेरी आगे वाली सीट पर बैठी हुई थी और में बहुत खुश था कि मुझे उनसे थोड़ा घुलने मिलने का अब और भी अच्छा मौका मिलेगा। उनके साथ मेरी दो दोस्त बैठी हुई थी, जो कि अच्छी तरह से जानती थी कि में मेडम को बहुत पसंद करता हूँ। फिर हम चारों एक दूसरे से बहुत देर तक हंसी-मजाक और बातें करते रहे। वो रात का सफ़र था तो कुछ ही घंटो की दूरी के बाद एक एक करके सब लोग सोने लगे और फिर ड्राइवर ने भी एक एक करके सभी लाईटो को बंद कर दिया और फिर मेडम भी हमसे शुभरात्रि कहकर सो गई। लेकिन आज मुझे नींद नहीं आने वाली थी, क्योंकि में आज किसी भी तरह से उसको छूना चाहता था और फिर में अपना सर आगे की तरफ करके सोने का नाटक करने लगा और धीरे धीरे हाथ आगे की तरफ सरकाने लगा, इतना आराम से और धीरे से कि किसी को शक ना हो कि में जानबूझ कर यह सब रहा हूँ और फिर थोड़ी ही देर के बाद मुझे मेडम का हॉट जिस्म महसूस हुआ। मेरा हाथ मेडम की गर्दन पर छू रहा था, जिसकी वजह से मेरे जिस्म में एक तरंग सी दौड़ गई और अब मेरे लंड ने अपने बड़े आकार में आकर फूंकार मारनी शुरू कर दी और एकदम तनकर खड़ा हो गया। तो मैंने थोड़ी देर अपना हाथ वहीं पर रखा ताकि किसी भी देखने वाले को लगे कि मेरा हाथ सोते सोते वहां पर पहुंचा है। तभी अचानक मेडम की आँख खुली और में एकदम घबरा गया। लेकिन मैंने फिर भी अपना हाथ बिल्कुल भी नहीं हिलाया और उसी तरह लेटा रहा। तो मैंने देखा कि मेडम ने उठकर पानी पिया, इधर उधर देखा लेकिन अँधेरा होने की वजह से उन्हे कुछ भी दिखाई नहीं दिया और फिर से लेट गयी।
तो कुछ देर के बाद मुझे अब एहसास हुआ कि मेरा हाथ गर्दन पर नहीं मेडम के नरम, गुलाबी, होंठ पर था और मेडम दुबारा वैसे ही लेट गई जिससे कि मेरा हाथ उसके होंठ पर लगा रहे। तो मेरा हाथ तो मानो पत्थर हो गया था, वो हिल ही नहीं रहा था और कुछ ही देर के बाद मुझे अपनी एक उंगली पर एक गीली रगड़ का एहसास हुआ जो मेडम की जीभ थी। वो पूरी मस्ती से मेरी एक एक उंगलियाँ चूस रही थी। लेकिन में कुछ कर नहीं पा रहा था। में बहुत घबरा गया था क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था और वो मुझसे बड़ी थी। तो अब उसने थोड़ा खुद को स्ट्रेच करना शुरू किया और मैंने भी अपना हाथ एकदम सीधा कर दिया, जो सीधा मेडम के बूब्स पर जा गिरा और अब तो में बिल्कुल ही मदहोश हो चुका था और मेडम धीरे धीरे ऊपर खिसक खिसककर, मेरे हाथ को अपने कुर्ते के अंदर डालने की कोशिश करने लगी और बस उसी दौरान मुझे कब नींद आ गयी मुझे पता भी नहीं चला और जब में सुबह उठा तो मेरा हाथ मेरी सीट पर ही था और मेरी पेंट की जेब में एक खत था। जिस पर लिखा हुआ था कि तुम्हारा हाथ बहुत गरम है और में इसे बहुत पसंद करती हूँ, इसने मुझे पूरी रात बहुत अच्छी तरह सहलाया, लेकिन अब इसके आगे भी इसको बहुत कुछ करना है। तो तुम अब एकदम तैयार हो जाओ। लेकिन उसमे किसी का नाम नहीं लिखा था।
तो हम अब तक मनाली पहुंच चुके थे और हम अपने हॉटल में चले गये। मेडम का रूम मेरे रूम के पास था। हम सब फ्रेश हुए और थोड़ा आराम किया और फिर शाम को सब लोग बाहर घूमने गये। लेकिन मैंने आराम करना ही ठीक समझा। तो हम एक रूम में 4 लोग थे और टीचर एक रूम में एक अकेली। मेरे रूम में मुझे छोड़कर सभी लोग बाहर घूमने गए हुए थे। तभी उनके जाने के कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे पर खटखटाने की आवाज हुई। मैंने दरवाजा ख़ोला और फिर मैंने देखा कि बाहर की तरफ मेरी इंग्लीश टीचर खड़ी हुई थी। तो मैंने उन्हे अंदर बुलाया। वो मुझे चेहरे से बहुत थकी हुई सी लग रही थी। तभी उन्होंने मुझसे सर दर्द की गोली माँगी। मैंने मना कर दिया और कहा कि मेरे पास सर दर्द की गोली नहीं बाम है, क्योंकि में कभी भी दवाई नहीं ख़ाता और मैंने उनसे कहा कि अगर आप चाहे तो में आपके सर पर बाम लगा देता हूँ। तो झट से उन्होंने हाँ कर दी और मैंने उन्हे अपने बेड पर बैठाया और बाम लेकर आ गया और मैंने उनके माथे पर थोड़ा सा बाम लगाया और मालिश करने लगा। वॉलीबॉल खेलने के कारण मेरे हाथ बहुत सख़्त हो गये थे, तो उन्हे मेरे टाईट हाथ से बहुत आराम मिल रहा था और अब मेरे सर दबाने की वजह से धीरे धीरे उनका दर्द जाने लगा और अब हम बातें करने लगे। तो वो मुझसे बहुत खुलकर बात कर रही थी और फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कॉलेज में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तुम्हारे सभी दोस्त तो अक्सर गर्लफ्रेंड के साथ ही रहते है। तो मैंने कहा कि मुझे अपनी उम्र की लड़कियां पसंद नहीं। तो उन्होंने पूछा कि फिर कौन सी पसंद है? फिर मैंने कहा कि मुझे शादीशुदा औरत बहुत ज़्यादा आकर्षित करती है। तभी उन्होंने झट से पूछा कि क्यों? तुम्हे में कैसी लगती हूँ? दोस्तों में यह बात सुनकर एकदम सुन्न हो गया। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और उसे ज़ोर से दबाते हुए मुझसे दोबारा से पूछा कि में क्या तुम्हे अच्छी नहीं लगी? तो मैंने कहा कि आप तो मुझे बहुत पसंद हो और आप हो भी बहुत हॉट सुंदर।
तो वो एकदम शरमा गयी। लेकिन कुछ देर नजरे नीची करने के बाद वो अब मेरी आखों में आखें डालकर मुझे घूरकर देखने लगी। मुझे उनकी नजरों में अब वासना की भूख दिखने लगी, वो अब मुझसे बहुत कुछ चाहती थी। फिर वो बोली कि तभी तुमने रात में हाथ मेरे बूब्स के ऊपर रखा हुआ था। तो मैंने कहा कि नहीं वो तो अपने आप चला गया था। लेकिन आपने तो कमाल ही कर दिया था, क्योंकि आपने तो पूरी रात भर मेरे हाथ से बहुत मज़े लिए। तो मेडम फिर से शरमाई और उन्होंने कहा कि तुम्हे मालूम है कि मैंने क्या कहा है? वो बोली कि तो कमाल तो कुछ हुआ ही नहीं और अब तुम चाहो तो हम दोनों कमाल कर सकते है? तो मैंने कहा कि मतलब? तब वो बोली कि मेरे पति एक बहुत बड़े बिजनस मेन है और इस कारण वो अधिकतर समय बाहर ही रहते है और जब होते भी है तो वो अपने बहुत सारे कामों के कारण मेरे साथ कुछ नहीं कर पाते और मेरी प्यास अधूरी ही रह जाती है और जब मैंने पहली बार तुम्हे अपनी छाती को घूरते हुए देखा तो में तब से ही तुमसे सेक्स संबंध बनाना चाहती थी।
तो उनकी यह सभी बातें सुनकर मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो चुका था और जब उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पर पहुंची तो उन्होंने बड़े प्यार से मेरी पेंट की जिप खोली और उसे बाहर निकाल दिया और थोड़ा नीचे की झुककर बड़े ही मादक तरीके से, लंड को चूमा। दोस्तों में तो अब सब कुछ भूल बैठा था। वो मेरे लंड को चूस रही थी और में बेसुध होकर उनके बूब्स को देख रहा था। वो तो बहुत लंबे समय से एकदम प्यासी थी इसलिए वो एकदम पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी। वो मेरे लंड को बहुत जोरदार झटके देकर अंदर बाहर करके किसी लोलीपोप की तरह चूस रही थी और फिर कब में उसके मुहं में ही झड़ गया मुझे पता ही नहीं चला। तो उसने मेरे लंड से निकला हुआ गरम गरम लावा पी लिया और कुछ अपनी छाती पर लगाकर चली गयी। लेकिन में अब भी समझ ही नहीं पा रहा था कि यह सब क्या हो रहा है। फिर मुझे थोड़ी देर बाद होश आया और में बाथरूम में चला गया। फिर अपना लंड साफ किया और मेडम के रूम में गया। मेडम ने दरवाज़ा खोला। मैंने दरवाज़ा खुलते ही उन्हे अपनी बाहों में कस लिया और दरवाज़े को लात मारकर बंद करते हुए, उन्हे बेड पर लेटा दिया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मुझे अब हवस चढ़ चुकी थी और मेडम तो पहले से ही चाहती थी और फिर हम यह सब पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे। में उनके दोनों बड़े बड़े बूब्स को भींच रहा था और उनके गुलाबी होंठ चूस रहा था। तभी मैंने आव देखा ना ताव और उनकी लेगी को उतारकर उनकी गरम जोश से भरी हुई चूत के मुहं पर लंड को रखा और एक ही झटके में लंड को उनकी गीली चूत में डाल दिया। दोस्तों सब कुछ बहुत तेज़ी से हो रहा था और अब हम दोनों ही एकदम पागल हो चुके थे। में उनके बूब्स को दबाने के साथ साथ अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के भी दिए जा रहा था। जिसकी वजह से वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और बार बार मुझसे अपनी चूत में लंड को अंदर तक डालने को कह रही थी। तो में उनके मुहं से अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से डालो, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो अह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्हह आईईईईई एसी आवाजे सुनकर में और भी जोश में धक्के देने लगा और करीब बीस मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद में चूत में झड़ गया और तब हमें होश आया कि हम क्या कर रहे थे और क्या कर चुके थे? मेडम की आखों में आँसू थे और वो बेसूध होकर पड़ी हुई थी और में एकदम भूल गया था कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और वो मेडम की चूत को लहू लुहान कर चुका था और मेडम दर्द से करहा रही थी। लेकिन वो मन ही मन मेरी इस चुदाई से बहुत खुश थी, वो मुझे उनके चेहरे को देखकर लगा।
फिर मैंने मेडम से कहा कि शायद में गलती से जोश में आकर आपकी चूत के अंदर ही झड़ गया हूँ, में आपके लिए गर्भनिरोधक गोली लाता हूँ। तो उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे उसकी कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि में यह बच्चा चाहती हूँ। मेरा पति तो मुझे बच्चा नहीं दे पाएगा और में इस मौके को नहीं गवांना चाहती और मुझे तुमने जो सुख दिया है, उसके लिए में तुम्हारी बहुत आभारी रहूंगी और तुम्हे जब भी मन करे मुझे चोद लेना। अब मेरे इस जिस्म पर तुम्हारा भी अधिकार है। फिर हम उठे फ्रेश हुए और में अपने रूम में चला गया। तो उसी रात को मेडम का मैसेज आया कि मेरे रूम में आ जाओ। तो में चुपचाप उनके रूम में चला गया और फिर हमने होश में रहकर पूरी रात चुदाई की। वो चुदाई हमारी सबसे ज़्यादा मजेदार थी क्योंकि उसमे हम दोनों ही पूरे होश में थे। तो हम कुछ दिन वहां पर रुककर मनाली से वापस आ गये और फिर हमें जब भी मौका मिला, अपनी चुदाई लगातार जारी रखी। तो कुछ दिन बाद मेडम का मेसेज आया कि में अब गर्भवती हूँ। तो दोस्तों मुझे एक अजीब सी खुशी मिली और फिर मैंने मेडम को एक प्यारा सा गिफ्ट दिया और उसके बाद हमने सेक्स नहीं किया। फिर में दूसरे साल में चला गया था और तभी मेडम ने एक लड़के को जन्म दिया और उसके बाद हम अक्सर सेक्स करते रहे ।।
धन्यवाद …

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