मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-22-2021, 01:00 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
EPISODE 11
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" कुछ दिन बीत जाने दो, अभि की इच्छा जब पूरी हो जाएगी तो उसका खुद ही मन भर जायेगा. और तब हम दोनों फिर से एकांत में, अपनी प्राइवेसी में खुलकर प्यार करेंगे... सिंगल सिंगल !!! ".

अनिकेत को मेघना का प्लान बुरा नहीं लगा, ठीक ही आईडिया तो था ये !

" मैं अपने पति से बेहद प्यार करती हूँ... मगर ज़िन्दगी में पहली बार मुझे कोई मिला है जो मुझसे इतना बेइंतहा प्यार करता है ! ". मेघना ने कहा, और अपना सिर अनिकेत के कंधे पर रख दिया. " मुझे छोड़ कर मत जाना अनिकेत... प्लीज् ! ".

अनिकेत फैसला ले चुका था, लेकिन वो मेघना को दिखाना नहीं चाहता था की उसके लिए ये घिनौनी Fantasy स्वाभाविक है.

********** ------ **********

अनिकेत ने हाँ तो कर दिया था, पर उसकी दुविधा अब और भी बढ़ गई थी. मेघना भाभी के लिए तो नाटक करना शायद आसान हो, क्यूंकि वो ना ही अपने पति को छोड़ना चाहती है और ना ही अपने प्रेमी को, लेकिन अनिकेत का क्या ? उसका तो बस एक ही प्यार था... मेघना. वो अब उसके पति के सामने कैसे नाटक करे की उसका मेघना के प्रति केवल शारीरिक आकर्षण है ?

उस दिन पूरी रात बिस्तर पर सोये सोये अनिकेत बस यही सब सोचता रहा.

वैसे उसकी असमंजस की स्थिति दो दिन बाद खुद ही समाप्त हो गई जब मेघना का मैसेज आया - " This Sunday at 8.00 PM... see you then ". मेघना ने और कुछ नहीं लिखा था, ज़ाहिर था की उसका पति चेक कर रहा हो की वो अनिकेत को क्या मैसेज भेज रही है. हाँ और ना की स्थिति का अब कोई मतलब नहीं बनता था, अब तो उसे जाना ही था !!! ...

" आओ अनिकेत... बैठो ! ".

मेघना के घर के ऊपरी माले पर बेडरूम जैसा ही एक कमरा था, लेकिन बेडरूम से काफ़ी बड़ा. वहाँ तीन बड़े बड़े सोफे लगे हुये थें, एक बड़ा सा टी टेबल, एक म्यूजिक सिस्टम, आलीशान भव्य पलंग, और सामने बड़ा सा वाल टीवी. कमरे में मद्धिम रौशनी का एक बल्ब जल रहा था और AC फुल ऑन थी.

अनिकेत को लगा जैसे की वो किसी पार्टी में आ गया हो.

" आओ अनिकेत... बैठो ! ".

अनिकेत के कमरे में घुसते ही अभिषेक ने मुस्कुराकर उसका स्वागत किया. वो अपनी पत्नि मेघना के साथ एक सोफे पर बैठा हुआ था. अभिषेक का बदला हुआ व्यवहार देखकर अनिकेत को आश्चर्य भी हुआ, और अच्छा भी लगा. आजतक उसने उससे कभी भी इतने अच्छे से बात जो नहीं की थी.

" Hey अनिकेत... ". मेघना मुस्कुराते हुये बोली.

" Hi भाभी... ". उन दोनों के सामने पड़े एक सोफे पर जाकर बैठते हुये अनिकेत ने जबरदस्ती मुस्कुराकर कहा.

जब तीनों एक दूसरे के सामने बैठकर सेटल हो गएँ, तो कुछ देर बाद अभिषेक ने पूछा.

" और अनिकेत... तुम्हारा कॉलेज कैसा चल रहा है ? ".

" बढियाँ अभि भैया... तीन महीने में Exams हैं ! ".

अनिकेत को पता था की अभिषेक उसे सहज करने के लिए ये पूछ रहा है.

" तो कैसे तैयारी कर रहे हो ? ट्यूशन वगैरह ले रहे हो क्या ? ".

" नहीं नहीं... वो हम कुछ दोस्तों का एक ग्रुप है, हमलोग ऑनलाइन मिलकर नोट्स वगैरह बना रहें हैं ! ".

" Wow... Good ! ". अभिषेक ने कहा, फिर मेघना की ओर देखकर बोला. " ये अच्छा तरीका है... नहीं ? Self dependent ! ".

" बिल्कुल ! ". मेघना ने मुस्कुराकर हामी भरी.

बातें जैसे खत्म हो गई हों. अनिकेत चुपचाप बैठा रहा, उसे समझ में नहीं आ रहा था आगे क्या कहे. आखिरकार अभिषेक ने ही फिर से चुप्पी तोड़ी.

" देखो अनिकेत... लास्ट टाइम चीज़े जिस तरह से हुईं वो अच्छा नहीं हुआ ! ". सोफे पर थोड़ा सा आगे की ओर झुककर अनिकेत को देखते हुये अभिषेक ध्यान से एक एक शब्द का चयन करते हुये बोला. " मैंने तुम्हारे साथ जो व्यवहार किया वो गलत था. Let's say... की गलती हम तीनों की ही थी, इससे चीज़े आसान हो जायेंगी ! ".

अनिकेत को अभिषेक की बात सही लगी. उसने ये भी सोचा की अब जब अभिषेक भैया सब कुछ खुद ही स्वीकार कर रहें हैं और अच्छे से बात भी कर रहें हैं, तो उसे भी सब कुछ भूल कर उन दोनों हस्बैंड वाइफ से खुलकर बात करनी चाहिए. बाकि तो मेघना भाभी ने सारी सच्चाई से उस अवगत करा ही दिया था.

अनिकेत ने गहरी साँस ली, और पूरे मन से मुस्कुराकर कहा.

" मैं अपनी गलती की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूँ अभि भैया... ".

मेघना ने मुस्कुराते हुये अभिषेक को देखा तो अभिषेक भी मुस्कुरा उठा.

" ये अच्छी बात है अनिकेत... ". अभिषेक ने कहा, फिर मेघना की ओर इशारा करके बोला. " मेघना भाभी ने तुम्हें सारा कुछ समझा ही दिया होगा ? ".

अनिकेत ने मेघना को देखा, पर कुछ बोला नहीं.

" I mean... तुम्हें पता है ना की हम दोनों Exactly क्या चाहते हैं ? ". अभिषेक ने अपने शब्दों पर ज़ोर देते हुये कहा.

" जी बिल्कुल... मैं क्लियर हूँ ! ". अनिकेत ने कहा.

" Perfect !!! ". अभिषेक ने कहा. " चलो... फिर सेलिब्रेट करतें हैं ! ".

टी टेबल पर रखी महँगी व्हिस्की के बोतल से अभिषेक कांच के दो ग्लास भरने लगा .

" पानी या सोडा ? ". अभिषेक ने अनिकेत से पूछा.

" ओह... सॉरी... आप मेरे लिए बना रहें हैं... प्लीज्... मैं नहीं पिऊंगा ! ". अनिकेत ने चौंकते हुये मुस्कुराकर कहा.

" No No अनिकेत... आज तो पीना पड़ेगा ! हमारे इस नये रिलेशन की खातिर ! ". अभिषेक ने ज़िद करते हुये कहा, और फिर मेघना से बोला. " बेबी... तुम भी समझाओ इसे ! ".

" हाँ वो पियेगा... तुम Coke मिला दो ! ". अनिकेत की ओर देखे बिना ही पूरे आत्मविश्वास के साथ मेघना ने मुस्कराते हुये अपने पति से कहा, मानो उसे अनिकेत की इच्छा खुद उससे ज़्यादा पता हो.

" भाभी प्लीज्... No ! ". अनिकेत ने फिर से टोका.

" पी लो अनिकेत... Coke का टेस्ट आएगा... ख़राब नहीं लगेगा ! ". अनिकेत की आँखों में देखकर मेघना ने हल्का सा कुछ इशारा किया.

मेघना का संकेत अनिकेत समझ गया - वो उसे शराब पीने को इसलिए बोल रही थी, ताकि उसकी सारी झिझक ख़त्म हो जाये.

आज उन तीनों को एक साथ मिलकर कुछ ऐसा जो करना था जिसमें हिचकिचाहट के लिए कोई जगह नहीं थी !!!

" Ice ? ". अभिषेक ने पूछा.

" No thanks. ". अनिकेत ने कहा.

अपनी ग्लास On the Rocks बनाकर दूसरी ग्लास में व्हिस्की के साथ Coke ढालकर अभिषेक ने वो पेग अनिकेत की ओर बढ़ा दिया.

" अरे ? What's wrong with you अभि ? ". आँखे बड़ी बड़ी करके मेघना ने अपने पति को घूरते हुये कहा. " मेरा ड्रिंक ? ".

" बेबी... तुम वोडका पियो. ". अभिषेक ने कहा. " व्हिस्की नहीं प्लीज्... मैंने मना किया है ना. ".

एक ठंडी साँस भरकर मेघना चुप हो गई.

अनिकेत को उसका पेग थमाकर अभिषेक ने अपनी पत्नि के लिए वोडका का एक पेग बनाया, और फिर जब तीनों के हाथ में शराब के अपने अपने जाम आ गएँ, तो अभिषेक, मेघना, और अनिकेत ने एक साथ अपने अपने ग्लास टकराये.

" चलो... फिर पहले का सब कुछ भूल जातें हैं. हमारी इस नई दोस्ती के लिए... Cheers !!! ". अभिषेक बोला.

शराब की एक एक सिप लेकर मेघना और अभिषेक ने ग्लास टेबल पर रख दी, और अनिकेत अपनी ग्लास थामे ही बैठा रहा.

" कैसा है ? ". अभिषेक ने अनिकेत के जाम की ओर इशारा करके पूछा.

" Actually... it's Good ! ". अनिकेत ने कहा.

" मैंने कहा था... उसे Coke से पीने दो... पसंद आएगा ! ". मेघना ने अपने पति की ओर देखकर कहा.

" लव यू बेबी ! ". अभिषेक ने आगे बढ़कर मेघना के होंठ चूम लियें.

अनिकेत ने चोर निगाहों से दोनों पति पत्नि को Kiss करते हुये एक बार देखा, फिर चुपचाप अपनी व्हिस्की का घूंट पीने लगा.

कुछ देर के लिए कमरे में शांति छाई रही, फिर अभिषेक ने अनिकेत की ओर देखकर कहा.

" एक बात बताओगे अनिकेत ? तुम हमारी Fantasy के बारे में क्या सोचते हो ? ".

अनिकेत ने सकपकाकर पहले मेघना और फिर अभिषेक को देखा, पर समझ नहीं पाया की क्या बोले.

" मेरा मतलब है... तुम्हें ये सही लगता है या गलत... या फिर ये बस एक घटिया सोच भर है. तुम्हारे विचार क्या हैं इस बारे में... You know ! ". अभिषेक ने अपना प्रश्न समझाया.

अनिकेत को पता था की अभिषेक सचमुच में उसके विचार नहीं जानना चाहता, बल्कि उसके मुँह से ये भर सुनना चाहता है की उन दोनों पति पत्नि का ये आईडिया नैतिक रूप से सही है. ऐसा तभी होता है जब इंसान को पता हो की वो जो कर रहा है, वो गलत है, पर किसी दूसरे की सहमति मिल जाये तो अच्छा लगता है !

" सही गलत की बात नहीं है अभि भैया... ". अपने शब्दों को थोड़ा संभालते हुये अनिकेत ने कहा. " बात आपसी सहमति की है... दोनों की मर्ज़ी का ! ".

" ह्म्म्मम्म... I like the way you think अनिकेत ! ". अभिषेक ने सिर हिलाते हुये कहा, फिर मेघना से बोला. " देखा बेबी... आज की यंग जनरेशन की सोच कितनी फॉरवर्ड है. अनिकेत कॉलेज में है, फिर भी उसकी इस बारे में सोच एकदम क्लियर है. ".

तीनों अपना अपना ड्रिंक पीते रहें.

" तुम्हें तो मेघना ने बताया ही होगा अनिकेत की मैं उसे ना जाने कितने दिनों से इस बारे में मनाने की कोशिश कर रहा था... ". अभिषेक ने कहा. " तुम्हें क्या लगता है अनिकेत, तुम्हारी मेघना भाभी को और पहले मान जाना चाहिए था की नहीं ? ".

" जैसा की मैंने कहा... आपसी सहमति ! ". अनिकेत ने मेघना की ओर देखकर दृढ स्वर में कहा. " अगर मेघना भाभी को अब जाकर लगता है की उन्हें ये सब करने में कोई परेशानी नहीं, तो ये उनकी मर्ज़ी है ! सही गलत कुछ भी नहीं है... बस समय की बात है ! ".

अनिकेत ने अपना ग्लास खत्म करके टी टेबल पर रख दिया.

" Easy अनिकेत... धीरे धीरे पियो ! ". मेघना ने हँसते हुये हिदायत दी.

" अभी डिनर भी करना है भाई... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा.

अनिकेत ने आश्चर्य से पहले मेघना को देखा, फिर अभिषेक को, लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया. अनिकेत का मूक सवाल समझकर मेघना बोली.

" हाँ अनिकेत. तुमने अपने घर में बताया नहीं की तुम आज रात यहीं डिनर करोगे ? ".

" Come on बेबी... तुम्हें उसे साफ साफ बताना था ना जब यहाँ Invite किया. गलती तुम्हारी है ! ". अभिषेक ने मेघना को डांटा, और अनिकेत की ओर देखकर बोला. " Yes अनिकेत... Take this as an Invitation...एक पार्टी.. Okay ? ".

" Thanks... लेकिन आप... ".

" भाई हमें थोड़े ही खाना बनाना था... बाहर से मंगाया है... Chill ! ". अनिकेत की बात काटते हुये अभिषेक ने कहा.

" उसे और एक ड्रिंक बना दो अभि... ". मेघना ने अभिषेक के कंधे पर अपना हाथ रखकर कहा.

" Sure... ". अभिषेक बोला, और फिर अनिकेत से कहा. " पर धीरे धीरे पियो... रिलैक्स... कोई जल्दी नहीं ! ".

मेघना और अभिषेक जब अपना पहला ड्रिंक ही एन्जॉय कर रहें थें, तब अनिकेत अपने दूसरे पेग में डूबने लगा था. व्हिस्की में Coke मिक्स होने की वजह से व्हिस्की की कड़वाहट पता नहीं चल रही थी, और उसका स्वाद बदल गया था, और इसलिए किसी कोल्ड ड्रिंक की तरह अनिकेत शराब गटकता रहा, लेकिन उसे पता नहीं था की सिर्फ व्हिस्की का टेस्ट बदला था, उसका असर नहीं !

कमरे की मद्धिम रौशनी और टेंशन भरे माहौल ने जल्द ही असर दिखाना शुरू कर दिया. दूसरा पेग आधा भर ख़त्म होने तक अनिकेत का सिर झूमने लगा, नशा तो कुछ खास नहीं हुआ था, पर वो इस अजीब सी बेखयाली वाली खुमारी और एहसास के मज़े लेने लगा. इस दौरान तीनों इधर उधर की बातें करते रहें. एक तो दोनों पति पत्नि, खासकर अभिषेक ने, शुरू से ही अनिकेत को कम्फर्ट करने की चेष्टा की थी, ऊपर से अब ये शराब... अनिकेत के मन की घबराहट जल्द ही हवा हो गई.

वैसे मेघना भाभी की एक्टिंग ने अनिकेत को खूब प्रभावित किया. वो जिस तरह से अपने पति के साथ चिपककर बैठी थी, उसके साथ बातें और हँसी मज़ाक कर रही थी, लग ही नहीं रहा था अभी कुछ दिन पहले तक कैसे वो अनिकेत के प्यार में डूबी मरी जा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे उसके और अनिकेत के बीच कभी कुछ हुआ ही ना हो ! पिछली बार अनिकेत और मेघना के बीच हुई बातचीत में मेघना ने उसे जो जो समझाया था, वो एकदम उन्ही बातों पर खुद भी अमल कर रही थी. अनिकेत के लिए भी ज़रूरी था की वो मेघना भाभी के इस खेल में उसका पूरा पूरा साथ दे और अभिषेक के सामने अपने और उसके बीच पनप रहे प्यार को लेकर ज़्यादा जज़्बाती ना हो !

अनिकेत की मन:स्थिति के हरेक बिंदु का मेघना भलीभांति आकलन कर रही थी. उसे पता था की अनिकेत हर सम्भव प्रयास कर रहा है की उसकी अंदरूनी भावनायें उजागर ना हो जायें, लेकिन इससे एक दूसरी समस्या खड़ी हो रही थी... इसी प्रयास में अनिकेत कुछ ज़्यादा ही सीरियस हुआ बैठा था, जो की आज रात के इस गेम के लिए कोई अच्छी बात नहीं थी !
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 07-22-2021, 01:00 PM

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