RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
ये Cheating ही थी - मेघना को इसमें कोई शक नहीं था !!!
उसके पति ने आज तक उससे कोई भी बात नहीं छुपाई थी, उसके बारे में वो क्या सोचता था, उसकी सारी कि सारी Fantasies, चाहे जितनी भी गंदी और शर्मनाक क्यूँ ना हो, वो बेझिझक शेयर करता था ! लेकिन मेघना ने उससे अपने और अनिकेत के बीच पनपते अवैध रिश्ते के बारे छुपाये रखा, और छुपाया इसलिए कि उसे पता था कि ये गलत है, क्यूंकि अभिषेक कि चाहत थी अपनी पत्नि को किसी दूसरे मर्द के साथ सोते हुये देखने कि, उसके सामने, ना कि चोरी छुपे उसके पीठ पीछे !
यहाँ तक भी ठीक था, अगर मेघना रुक जाती !
लेकिन उस दिन के बाद अनिकेत अब खुल कर उसके घर आने जाने लगा. वो तभी मेघना भाभी से मिलने आता था जब Garage में अभिषेक कि कार नहीं हुआ करती थी. अभिषेक घर से निकलता नहीं था, पर जब निकलता था तो शाम तक या फिर कभी कभार रात को ही घर लौटता था. और फिर मेघना को सटीक पता होता था कि वो कब घर लौटेगा, सो किसी तरह कि टेंशन वाली बात ही नहीं थी.
मेघना और अनिकेत के बीच का सम्बन्ध क्या था, ये समझ पाना मुश्किल था. करीब एक हफ्ते बीत चुके थें, लेकिन उस दिन के बाद से दोनों में फिर अब तक शारीरिक सम्बन्ध स्थापित नहीं हुआ था. मेघना अनिकेत को बेडरूम में ले जाती और फिर दोनों घंटों एक दूसरे के बगल में लेटे लेटे बातें किया करते, बिना कपड़े उतारे. दोनों कि बातों में कोई मेल नहीं होता था, कोई साझा Chemistry नहीं थी, पर फिर भी दोनों खूब ढेर सारी इधर उधर कि गप्पे हाँका करते थें, खासकर मेघना चुप रहती थी और अनिकेत कि बकबक सुना करती थी, वही बकबक जो पहले उसे पसंद नहीं थी !
मेघना ने अनिकेत को अभी तक अपनी चूत नहीं दिखाई थी, अनिकेत को पता नहीं था कि क्यूँ, पर उसने कभी कोई खास ज़िद भी नहीं कि, हालांकि वो उसे मन भर कर अपने बदन के साथ खेलने देती, अपनी चूचियाँ और चूत छूने देती, अपनी साड़ी, सलवार, या फिर नाईटी के ऊपर से ही सही. मेघना भाभी कि चूत के स्पर्श से अनिकेत इतना तो समझ गया था कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है, कितनी सुंदर झांटरहित चिकनी बूर होगी मेघना भाभी कि, बस अगर खुल्लम खुल्ला देख पाता तो !
मेघना को अनिकेत का लण्ड देखना खूब पसंद था. किसी किसी रोज़ वो अपने मन से ही उसे अपना लण्ड दिखाने का आग्रह करती , अनिकेत ख़ुशी ख़ुशी अपने जीन्स से अपना लण्ड निकालकर मेघना भाभी को दिखाता, मेघना उसका लण्ड छूती, देखती, पर कभी उसे झड़ने नहीं देती. अपने घर लौटकर अनिकेत को बाथरूम में मूठ मारनी पड़ती ! मेघना के घर से जाते वक़्त दोनों एक दूसरे को स्कूली प्रेमियों कि तरह Goodbye Kiss करतें !
अभिषेक के पीठ पीछे उसकी पत्नि इसी तरह उसे चीट करती रही, और उसे भनक तक ना लगी, पुरे दो हफ्ते भर बीत चुके थे.
मेघना जानती थी कि एक ना एक दिन उसके पति को इसके बारे में पता तो चल ही जायेगा, सवाल ये था कि कब, किस हालात में, और उसका परिणाम क्या होगा !!! ..........................................
" Sunday को ही तुम्हारी कार ख़राब होनी थी ? आज बाहर घूमने का मन था यार अभि ! ". मेघना ने कहा.
ड्राइंग रूम में वो अभिषेक के साथ सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी.
" Don't worry बेबी... शाम तक बन जाएगी... ". अभिषेक ने टीवी पर चल रहे फुटबॉल मैच से नज़र हटाए बगैर मेघना का कन्धा चूमते हुये कहा. " रात को चलो बाहर डिनर कर आते हैं और क्या ? ".
मेघना कुछ नहीं बोली.
" एक कॉफ़ी पिला दो बेबी... मैच जम रहा है अब ! ". अभिषेक कि आँखें अब भी टीवी पर ही गड़ी हुई थीं.
मेघना का जब कोई जवाब नहीं आया तो अभिषेक ने उसे मुड़कर देखा, मेघना उसे ही गुस्से से घूर रही थी. अभिषेक को पता था कि मेघना को फुटबॉल मैच वगैरह पसंद नहीं और उसकी वजह से वो अपने फेवरेट शो नहीं देख पा रही है तो बोर हो रही होगी. इससे पहले कि बोरियत के अलावा वो और नाराज़ हो जाये, अभिषेक ने झट से कहा.
" I'll get it... ".
अभिषेक सोफे पर से उठकर जाने को हुआ तो पीछे से मेघना ने धीरे से कहा.
" फिर मेरे लिए भी ले आना... ".
" Yeah yeah I know ! ". अभिषेक ने मुँह बनाकर कहा और अपने पीछे मेघना को हँसता हुआ छोड़कर कमरे से बाहर निकल आया.
किचन में आकर अभिषेक ने देखा कि कॉफ़ी पहले से ही बनी पड़ी थी, बस गर्म करनी थी. गैस चूल्हे पर कॉफी गर्म होने के लिए चढ़ाकर वो अपनी मोबाइल देखते हुये गुनगुनाने लगा. करीब दस बाद कॉफ़ी खौलने लगी तो उसने अपने और मेघना के लिए एक एक कप में कॉफ़ी ढाल ली, मोबाइल वापस से अपने बारमुडा पैंट में रखी, और ट्रे में दोनों कप लेकर धीरे धीरे गुनगुनाते हुये किचन से बाहर आ गया.
दो कमरों को पार करके अभिषेक ड्राइंग रूम में घुसने ही वाला था कि बस ठिठककर रुक गया.
" अनिकेत जाओ... प्लीज् ! ".
ड्राइंग रूम में मेघना सोफे के पास घबराई हुई सी खड़ी थी और उसके सामने खड़ा अनिकेत उसकी बांहें पकड़कर उसे अपनी ओर खींच रहा था !!!
मेघना कि दिक्कत ये थी कि उसे पता था कि अभिषेक किसी भी वक़्त वहाँ कॉफ़ी लेकर आने वाला है, और इसी वजह से वो अनिकेत को इतना भी बोल नहीं पा रही थी कि " वो घर पर हैं ". ये अगर अभिषेक सुन लेता तो उसे लगता कि वो भला ऐसा क्यूँ बोल रही है. इनफैक्ट, मेघना के लिए अनिकेत को कुछ भी कहना संभव नहीं था, सिवाय इशारे में बताने का कि अभिषेक वहीँ हैं, लेकिन अल्हड़ अनाड़ी बेवकूफ़ प्रेमी पागल अनिकेत उसका इशारा भी तो नहीं समझ पा रहा था. मेघना को पता था कि अनिकेत इस तरह से धड़ल्ले से अंदर घुसकर इसलिए उससे छेड़खानी कर रहा है क्यूंकि उसने देख लिया है कि Garage में अभिषेक कि कार नहीं है. पर उस नौसिखिये को कौन बताये समझाये कि कार ख़राब हो गई थी, इसलिए अभिषेक उसे रिपेयर कराने दे आया था.
ज़्यादा कुछ करने का ना ही मेघना के पास समय था और ना ही विकल्प !!!
" Come on भाभी जी... क्या हुआ ? ".
मेघना अभी हालात ठीक करने कि सोच ही रही थी कि अनिकेत ने उसे अपनी बांहों में दबोच लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा !
बिना कोई आवाज़ किया धीमे से अभिषेक दरवाज़े के पीछे हो लिया, और कॉफ़ी कप का ट्रे वहीँ पास पड़े एक कुर्सी पर रख दिया. वो बेवकूफ़ नहीं था, मेघना और अनिकेत के बीच हुए बस उन दो वाक्यों के आदान प्रदान से ही वो समझ गया कि अनिकेत उसकी पत्नि के साथ ज़बरदस्ती नहीं कर रहा था !!! यहाँ तो माज़रा कुछ और ही था...
एक तो सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था, ऊपर से अब मेघना समझ चुकी थी कि वो कोई भी जतन कर ले, पर अभिषेक कि समझ अब बदल नहीं सकती, उसका पति बहुत ही शातिर दिमाग़ था. जब अनिकेत मेघना के गाल, गर्दन, कंधे चूमने में व्यस्त था तब मेघना ने अपनी नज़रें घुमाकर दरवाज़े कि ओट में खड़े अपने पति को देख लिया था. मेघना कि आँखों में घबराहट और डर साफ झलक रहा था, वहीँ अभिषेक का चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ, मगर शांत था !
अभिषेक बेवकूफ़ नहीं था और शातिर दिमाग़ था, ऐसा इसलिए कहना सही होगा, क्यूंकि इस परिस्थिति में अगर कोई दूसरा मर्द होता तो वो आगबबूला हुआ तुरंत अपनी पत्नि और उसके प्रेमी के बीच आ धमकता, और या तो दोनों कि खबर लेता, या फिर दोनों में से किसी एक कि. पर अभिषेक ने ऐसा नहीं किया ! अपनी पत्नि को रंगे हाथों पकड़ना ही उसके लिए काफ़ी नहीं था, वो पूरा का पूरा किस्सा और खेल देखना समझना चाहता था !
मेघना और अभिषेक एक दूसरे को खूब जानते समझते थें. मेघना ने साफ देखा कि अभिषेक उसे आँखों आँखों में संकेत दे रहा है कि जो कुछ भी चल रहा है, चलने दो, ना ही रोकने कि कोशिश करो और ना ही संभालने कि !
अपने पति से मेघना कि धोखाधड़ी कब और किस हालात में पकड़ी जाएगी, इसका जवाब तो मेघना को मिल चुका था. अब बचा प्रश्न कि उसका परिणाम क्या होगा !!!
दिल भर जाने पर जब अनिकेत ने मेघना को चूमना चाटना छोड़ा, तो मेघना उसे देखकर ज़बरदस्ती मुस्कुरा दी. उसके चेहरे पर घबराहट साफ झलक रही थी, ये तो अनिकेत को दिखा, पर उस घबराहट का कारण समझ पाने भर कि बुद्धि उसके गर्म खून में नहीं थी.
" रिलैक्स भाभी... आते वक़्त मैंने बाहर का दरवाज़ा बंद कर दिया था ! ". अनिकेत ने मेघना कि घबराहट कम करने के लिए उसे आश्वस्त किया.
Wow... बहुत ही समझदारी वाला काम किया है तुमने चुतये - मेघना मन ही मन बोली !!!
" एक चीज़ दिखाऊं भाभी जी ? ". अनिकेत ने आगे कहा और मेघना कि सहमति कि प्रतीक्षा किये बिना ही अपनी जीन्स कि जेब से कुछ निकालकर अपनी मुट्ठी उसके सामने कर दी.
मुट्ठी खोली, तो मेघना ने देखा कि उसके हाथ में Condom का एक पैकेट था, वो भी फॅमिली पैक !
ये चल क्या रहा है यार ??? अभिषेक का सिर झन्ना उठा...
" Just go अनिकेत... आज नहीं ! ". मेघना ने दबी दबी सी आवाज़ में कहा और वापस से चोरी छुपे तीरछी नज़रों से अभिषेक को ऐसे देखा मानो ये सारा खेल खत्म करने कि इजाज़त मांग रही हो.
अभिषेक ने " ना " में सिर हिलाकर मेघना को नाटक जारी रखने का संकेत दिया !!!
मेघना कि सारी आशायें समाप्त हो चुकी थीं, अपने पति का विरोध करने का साहस नहीं था उसमें, उसे ना चाहते हुये भी खेल जारी रखना था, ऐसे जैसे कि वहाँ बस वो ही दोनों हों - वो और उसका प्रेमी अनिकेत !
" कितने दिन हो गएँ भाभी... आज बहुत मन हो रहा है ! ". अनिकेत ने मेघना को अपनी ओर खींचते हुये कहा. " प्लीज् अब ये मत कहियेगा कि आज आपको माहवारी हुई है... मुझे आपके Periods का डेट पता है !!! ".
तो इस हरामज़ादे को मेरी बीवी के मासिक का डेट भी मालूम है...Wow... अभिषेक ने सोचा... Interesting !!!
मेघना ने कुछ नहीं कहा, वो अब ज़्यादा कुछ बोलना नहीं चाहती थी, सारा कुछ गुड़ गोबर तो हो ही चुका था, अनाप शनाप बके जा रहा था ये बेवकूफ़ लड़का ! अब मेघना के बात करने से ना जाने अनिकेत कब क्या बोल दे. इज़्ज़त जब जा रही है तो जाये, पर जितनी बच सकती है उतनी बचाने में हर्ज़ क्या है ?
हालांकि आज तो पूरा दामन मैला होने ही वाला था, मेघना के क्या, किसी के भी रुके ना रुके, टाले ना टले ! बेवकूफ़ अनिकेत Condom ले आया था, इसका मतलब था आज वो उसे चोदने का मन बना कर ही आया था, पिछली बार तो मेघना ने Condom ना होने कि वजह से चुदाई बीच में ही रुकवा दी थी, पर आज पूरी चुदेगी वो, वो भी अपने ही पति के सामने उस लड़के से जिससे उसका पति दुनिया में शायद सबसे ज़्यादा नफ़रत करता है !
बेहयाई कि हद हो गई !!
" आज कोई बहाना नहीं चलेगा भाभी... ". अनिकेत अपने ही धुन में मग्न इन सबसे बेखबर मेघना को चूमते हुये बोला.
कसी हुई सलवार के ऊपर ऊपर मेघना कि गांड़ सहलाकर अनिकेत ने टोह लिया कि उसने अंदर पैंटी भी पहन रखी थी. मेघना ने फिर एक बार दरवाज़े कि ओर देखा - अभिषेक उन दोनों को ही एकटक देखे जा रहा था, एक पल के लिए भी उसने अपनी आँखें नहीं फेरी थीं !
मेघना कि गांड़ से सरकते हुये जब अनिकेत का हाथ सामने कि ओर मेघना कि कमर पर पहुँचा और वो उसकी सलवार खोलने के लिए सलवार का नाड़ा ढूंढने लगा, तब जाकर कहीं मेघना के लिए ये सब उसकी सहनशीलता से बाहर होने लगा. उसने अपने हाथ से अनिकेत का हाथ पकड़कर उसे रोका और अपनी परेशानी और गुस्सा दोनों दबाते हुये शांत स्वर में बोली.
" ठीक है वेट... मैं बाथरूम से आती हूँ ! ".
अभिषेक समझ गया कि उसकी पत्नि झूठ बोल रही है और वो उसी के पास आने वाली है.
ऐसा ही हुआ भी !
अनिकेत को ड्राइंग रूम में अकेला छोड़ मेघना अपने कपड़े ठीक करते हुये कमरे से बाहर आई और दरवाज़े के पीछे छुपे खड़े अपने पति कि बांह पकड़कर उसे अंदर दूसरी ओर ले जाते हुये धीरे से बोली.
" I can explain अभि ! ".
" Explain तो हो ही रहा था सब कुछ... ". अभिषेक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा. " Who asked you to stop the show... बेबी ? ".
" My God अभि... don't be such an Asshole ! ". मेघना ने गुस्से से दाँत पीसते हुये कहा.
अभिषेक दूसरी ओर अपना मुँह फेरकर हँसने लगा.
" यकीन मानो... बस एक बार हुआ था, वो भी ऐसा वैसा कुछ भी नहीं जो तुम्हें बताती ! ". मेघना ने शांत होते हुये समझाया.
" एक बार वाला तो नहीं लग रहा है ये सब मेघना ! जो सामने दिख रहा है उसके ऊपर तो झूठ मत बोलो प्लीज् ! ". अभिषेक बोला.
" Okay fine अभि... उसे जाने देती हूँ, फिर बैठकर ठंडे दिमाग़ से बातें करतें हैं ! ". मेघना ने अभिषेक का हाथ थामकर कहा.
" No no बेबी... ऐसा नहीं होने वाला ! मुझे देखना है कि ये चल क्या रहा है... I mean उस लड़के का साहस तो देखो... तुम्हें कैसे कैसे और कहाँ कहाँ टच कर रहा है... ऐसा तभी हो सकता है जब तुमने उसे बढ़ावा दिया होगा ! और वो Periods वाली बात ??? कितनी शादीशुदा औरतें अपनी ऐसी पर्सनल चीज़े सबको बताती फिरती हैं ??? सिवाय अपने Lover के ! आखिर तुम दोनों का ये सब चक्कर कितना आगे बढ़ चुका है वो तो मुझे देखना ही देखना है ! चलो जाओ उसके पास... ".
मेघना अपने पति को निरीह नज़रों से देखती रही, पर अभिषेक ने कोई दया नहीं दिखाई.
असमंजस में पड़ी हुई मेघना के गाल को चूमकर अभिषेक ने उसकी बांह पकड़ी, और उसे लगभग धकेलते हुये बोला.
" I said go... बेबी ! ".
दरवाज़े पर मेघना फिर एक बार रुकी और पीछे मुड़कर अभिषेक को देखा. उसे अपने पति पर गुस्सा नहीं आ रहा था, उसे बस अच्छा नहीं लग रहा था कि उसने उसे नाराज़ कर दिया है, उसका भरोसा तोड़ा है. अभिषेक ने कभी भी उससे ऐसे बात नहीं कि थी.
लेकिन क्रोध कि अग्नि में जल रहे अभिषेक के मन में अपनी पत्नि कि भावनाओ कि कोई कद्र नहीं थी, कम से कम इस वक़्त और ऐसे हालात में तो कतई भी नहीं. उसने आगे बढ़कर मेघना कि गांड़ हल्के से थपथपाई और फिर से बोला.
" और थोड़ा मुस्कुराओ... रिलैक्स करो ! उसे पता नहीं चलना चाहिए कि मैं यहीं हूँ... Okay ???... जाओ ! ".
अभिषेक कि ज़िद से मेघना अच्छी तरह से वाकिफ़ थी, उसकी बात मानने के सिवाय उसके पास और कोई चारा ना था, ख़ासकर तब, जब गलती खुद उसी कि हो !
बेसब्री से ड्राइंग रूम में मेघना भाभी कि प्रतीक्षा कर रहे अनिकेत ने जब उसे आते देखा तो आगे बढ़कर उसे अपनी बांहों में भर लिया, और अपना हाथ उसकी सलवार के ऊपर से उसकी जाँघों के बीच डालते हुये पूछा.
" क्या किया बाथरूम में भाभी ??? ".
पोर्न और इंटरनेट घाट घाट कर अनिकेत खुद को बहुत ज्ञानी समझता था. उसने नेट पर पढ़ रखा था कि लड़कियां सेक्स से पहले और सेक्स के बाद पेशाब ज़रूर करतीं हैं - सेक्स से पहले इसलिए ताकि चूत साफ हो जाये, और सेक्स के बाद इसलिए ताकि अंदर गिरा वीर्य बहकर बाहर निकल जाये.
पर उस Over smart लड़के को रत्ती भर भी अंदाज़ा नहीं था कि बेचारी मेघना किस हालात से गुज़र रही है और अभी क्या करके आई है !!!
" तुम बहुत ज़्यादा ढीट हो गये हो अनिकेत ! ". अपने चेहरे पर बनावटी मुस्कान लाते हुये मेघना बोली.
अनिकेत हँसने लगा, उसने अपना हाथ मेघना कि जाँघों के बीच से हटा लिया, और उसे पकड़े हुये वहाँ से चलने को हुआ. मेघना समझ गई कि वो उसके साथ बेडरूम में जाना चाहता है, जो कि दोनों हमेशा करते थें, कोई नई बात नहीं थी... पर आज मेघना उसे बेडरूम में कैसे ले जाये !!!
" बेडरूम में नहीं अनिकेत... यहीं... यहीं पर ! ". मेघना झिझकते हुये बोली.
बेडरूम में नहीं ??? यानि इससे पहले दोनों हमारे बेडरूम में ही सब कुछ किया करतें थें - दरवाज़े के पीछे छुपा खड़ा अभिषेक सोचने लगा. Disgusting !!!
" जैसा आप चाहें भाभी जी... ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा, और मेघना के होंठों से अपने होंठ सटा कर एक लंबे चुम्बन में दोनों लिप्त हो गएँ.
मेघना कि पीठ से खिसक कर अनिकेत के दोनों हाथ उसके दोनों चूचियों पर आ जमें, मेघना ने उसे रोका नहीं, दोनों आँखें बंद किये हुये एक दूसरे को चूमते रहें. मेघना कि कुर्ती के ऊपर से अनिकेत ने उसकी चूचियाँ दबानी शुरु कि तो मेघना उसकी बांहों में कसमसाने लगी. मेघना के होंठों से अपने होंठ अलग करके अनिकेत ने नीचे उसकी छाती को देखा तो मेघना समझ गई कि वो उसे उसकी कुर्ती उतारने को कह रहा है. मेघना एक बार फिर से दरवाज़े कि ओट में छिपे अपने पति को देखना चाहती थी, उसका रिएक्शन देखना था उसे, पर उसने ऐसा नहीं किया, बार बार उधर देखने से अनिकेत को शक भी तो हो सकता था ना !
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