मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
जब मेरे लण्ड ने पूरी पिचकरी छोड़ दी तब मैंने मां का चेहरा देखा उनकी आंखें खुली हुई थी। वह मुझे देख रही थी और मेरा लण्ड अभी भी उनके मुंह में ही था। मेरा लगभग सारा वीर्य वो गटक चुकी थी पर कुछ वीर्य की बूंदे उनके गालों पर बह रही थी|

मैंने मुस्कुराते वो हमसे कहा "मजा आया मा"

मां ने कुछ बोलने के लिए मुंह खुला तो मैंने झट से उनके गालों पर लगे हुए वीर्य को उनके मुंह में डाल दिया| मैंने कहा "मां इसे वेस्ट मत करो बड़ी मेहनत से निकाला है"

मा उस बचे हुए वीर्य को भी पी जाती है|
मां "यह क्या किया तूने मेरे साथ"

फिर मैंने कहा "प्यार किया है मां"
मां बनावटी गुस्से से" शर्म नहीं आती तुझे ऐसा कोई अपनी मां के साथ करता है क्या"

मैं " बिल्कुल मां, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं| और प्यार कभी उम्र,रिश्ते- नाते, मान मर्यादा, समाज की ऊंच-नीच को नहीं मानता|"

मां "मैं भी तुझसे प्यार करती हूं बेटा पर जो तूने किया वह पाप है"

मैं" नहीं मां मैंने कोई पाप नहीं किया| मैंने तो सिर्फ तुमसे प्यार किया और अपने प्यार की निशानी आपके मुंह में दिया"

मेरा यह जवाब सुनकर मां के बनावटी गुस्से वाले चेहरे पर भी मुस्कान आ गई| अभी भी हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और मां लेटी हुई थी, मैं उनके पास बैठा हुआ था|

मैंने कहा "मां मुझे पता है कि आप नींद में नहीं थी और आपने हमारी चुदाई का पूरा मजा लिया"

यह पहली बार था जब मां जाग रही थी और मैंने चुदाई शब्द का यूज किया था| मैं अब उन्हें और ओपन करना चाहता था ताकि उनकी बची कुची शर्म खत्म हो जाए|
मां" क्या कहा तूने"

मैं "मुझे तो यह भी है जब मैंने दोपहर में आपके मुंह अपना मोटा लण्ड डालकर ठुकाई की थी उस समय भी आप जाग रहे थी"

मां "तू बहुत कमीना है"

मैं " तो आप कुछ कम थोड़ी ना हो, मेरा नाम ले कर के अपनी चुत में ककड़ी डालती हो और वही ककड़ी मुझे खिला देती हो| मुझ में एक कामवासना आप से विरासत में मिली है"

मां "हाय राम, तूने सब देख लिया था क्या"

मैं "हां, इसलिए मैं तुम्हारे चुत की खुजली मिटाना चाहता था| सच बोलो मां आपको संतुष्टि हुई या नहीं"
मां "हां बेटा, आज बहुत दिनों के बाद मुझे शांति मिली, पर तेरा लण्ड बहुत ही बड़ा और मोटा है बहुत ही कम लोगों का ऐसा होता है"

मैं" आपकी गांड भी तो बहुत बड़ी और सेक्सी है, मैं तो आपकी मोटी गांड को देखते ही पागल हो गया था और तभी से आपकी गांड में लण्ड डालने के बारे में सोच रहा था"

मां" हरामजादे, लण्ड डालने का मन कर रहा था या मेरी गांड फाड़ने का मन कर रहा था| बड़ी बेदर्दी से तूने मेरी गांड मारी है| अभी भी दर्द हो रहा है पर मजा भी बहुत आया|"

फिर मैंने मां से सवाल किया "मां, मैं एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानोगी"

मां "तूने मेरी इतनी घमासान चुदाई कर ली तब मैंने बुरा नहीं माना तो तेरी बात का कैसे मानूंगी, चल बोल
मैं" मां जब मैंने आपके मुंह में लण्ड डाला था तो मेरे ख्याल से वह आपके गले के नीचे तक चला गया था, फिर भी आप उसे झेल गई| आप बड़ी माहिर खिलाड़ी लगती हैं लण्ड चूसने में| और तो और आप पूरा वीर्य पी गई, आप तो मुझे पूरी एक्सपर्ट लग रही हैं| कितनी बार लण्ड चूसने का एक्सपीरियंस है आपको"

मां " हरामजादे, मैं समझ गई| तुम मुझसे यह नहीं पूछ रहा कि मैंने कितनी बार लण्ड चूसा है तु मुझसे यह पूछना चाहता है कि मैंने कितनों का लण्ड चूसा है|"

मैं " मां तुम तो बड़े समझदार निकली, चलो बता ही दो कितनों का चूसी हो और पहली बार किसका और कब चूसा था"

मां " कितनों का तो याद नहीं पर हां शायद 30-40 लण्ड तो चूसे होंगे मैंने"

मैं " पहली बार है याद है या नहीं"

मां "पहला सेक्स अनुभव कोई भी जीवन में नहीं भूल सकता| मैं तब प्राची की उम्र की थी जब मेरे पड़ोस वाले भैया ने मुझे अपना अपने लण्ड को चुसाया था|"

मैं अपने लण्ड मसलते हुए " मां का पूरा डिटेल में बताओ ना कैसे हुआ था"

मां" मेरे पड़ोस में चंदू भैया रहते थे वैसे तो उनका नाम चंद्रमोहन था पर सब उन्हें चंदू ही बुलाते थे"
कहानी मां की जुबानी|

मुझे फ्रूट खाने का बहुत शौक था पर मेरे पिताजी ज्यादातर खेतों में ही काम करते थे और बाजार कम जाया करते थे| चंदू का परिवार हमारे पड़ोस में ही रहता था उनके और मेरे परिवार के बीच में पारिवारिक रिश्ता जैसा था|
तो अक्सर शाम को उनके घर जाया करती थी, क्योंकि उस समय अंकल शहर से फ्रूट लेकर आते थे| जो मुझे मिलते नहीं थे घर पर| अंकल हमेशा मुझे कुछ ना कुछ दे देते थे|
पर यह बात चंदू भैया को पसंद नहीं थी|

एक दिन दोपहर का समय था और मेरे माता पिता खाना खाकर कमरे में सो रहे थे| मुझे अपने घर के पिछवाड़े किसी के आहट सुनाई दी | इतनी धूप मैं जल्दी कोई घर से बाहर नहीं निकलता| मैंने पीछे जाकर देखा तो पाया चंदू भैया मम्मी की चड्ढी को अपने लण्ड पर लपेटकर मुठिया मार रहे थे|

मुझे देखते ही वह हड़बड़ा गया| और तुरंत अपना लण्ड अपने पैजामा में डालकर मेरी मम्मी की चड्ढी सूखने के लिए तार पर डाल दिया | मेरे पास आकर बोला " यह बात किसी को मत बताना"

मैं बोली" मैं तो बता दूंगी"

तब उसने अपनी जेब से एक चॉकलेट निकाल कर मुझे दी और कहा "अब नहीं बोलेगी ना"

मैंने ना में सिर हिला दिया|

उसके दूसरे दिन दोपहर में मैं फिर से घर के पिछवाड़े गई| पर आज चंदू भैया नजर नहीं आए| मैंने उनका इंतजार किया| करीब आधे घंटे के बाद मैंने चंदू भैया को आते देखा पर आज उनके हाथ में एक केला था|

मेरे पास आए और बोले" केला खाएगी?"

मैंने हां में सिर हिला दिया | भैया बोले " अगर तुझे यह केला खाना है तो तुझे मेरा केला चूसना पड़ेगा"

मैंने पूछा "आपका कौन सा केला"
जैसे ही मैंने पूछा भैया ने अपने पजामे का नाडा खोला और अपना लण्ड निकाल के मुझे दिखाते हुए कहा "यह वाला"

मैंने कहा " यह तो आप की नुन्नी है"
तब उन्होंने हंसते हुए कहा "इसे लण्ड कहते हैं, नुन्नी छोटे बच्चों की होती है"

अरे हां उनका लण्ड एकदम काला था और उनका सुपाड़ा चमड़ी के अंदर था| जैसे ही उन्होंने चमड़ी हटाई उनका लाल सुपाड़ा टमाटर की तरह दिख रहा था|

अब उन्होंने मुझे अपने पास आने का इशारा किया| मैं चुपचाप उनके पास चली गई फिर उन्होंने वह केला मुझे पकड़ा दिया| मैंने केला ले लिया|
भैया बोले "चल इसे पकड़" अपना लण्ड मेरे मुंह के पास ले आया|
मेरे एक हाथ में केला था तो मैंने दूसरे हाथ से उनका पकड़ा| लण्ड इतना मोटा था कि वह मेरे हाथ की मुट्ठी में नहीं समा रहा था|
फिर वह बोले" चल अब मुंह खोल और इसे लॉलीपॉप की तरह चूस"
मैंने मुँह खोलकर लंड मुँह में डाला पर सिर्फ सुपाड़ा ही जा पाया और मेरा मुँह भर गया। मै सिर्फ उनका सूपड़ा चूसने लगी । तभी उन्होंने कहा पूरा मुँह में लेकर चुसो ।
मैंने कहा पूरा नहीं जायेगा ।
फिर वो बोले" ठीक है, पूरा लंड चाट अपनी जीभ से"

मै जीभ से उनका लंड ऊपर सेकर नीचे तक चाटने लगी ।
उन्हें भी बहुत मजा आ रहा था ।
करीब आधे घंटे चाटने के बाद मैंने कहा मै थक गयी हु ।
तब उन्होंने कहा "ठीक है तू कुछ मत कर सिर्फ मुँह खोलकर खड़ी रह "

उन्होंने फिर से लंड मेरे मुँह में डाल दिया पर इस बार उन्होंने मुझे पकड़ने के लिए नहीं कहा बल्कि मेरे सर पकड़कर रखा सिर्फ सुपाड़ा ही मेरे मुँह में था फिर वो धीरे धीरे सुपाड़ा अंदर बहार करने लगे। मतलब मेरे मुँह से बहार निकलते और अंदर डालते। कुछ देर के बाद अब वो सिर्फ थोड़ा सा ही निकालते मेरे मुँह में लंड हर धक्को में रहता ही था । अचानक से उन्होंने ने धक्को के स्पीड बढ़ा दी जिससे से उनका लंड मेरे गले को टकराने लगा ।

मै उन्हें मन करने के लिए बोल रही थी पर मेरे मुँह में लंड होने के कारन सिर्फ गूऊऊऊ गूऊऊऊ की आवाज ही निकल रही थी ।

तभी उन्होंने एक जोर का झटका मारा और मेरे सर को अपने लंड पारा जोर से दबाया ।
उनका लंड मेरे हलक के निचे उतर गया था । और वो झाड़ गए उनका सारा वीर्य सीधा मेरे पेट में गया । फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकला कुछ वीर्य मेरे मुँह में था जो लंड के बहार एते ही बहार आ गया ।

मुझे जोर की खासी आयी। मै खांसने लगी। जब मै नार्मल हुई तो देखा भैया अभी भी अपना लंड पकड़ कर खड़े है । वो मेरे पास आये और गाल से वीर्य पोछ कर मेर मुँह में डाल दिया बोले पूरा पि जा । जब मै वो पि गयी तो बोले चल अब इसे चाट चाट कर साफ़ कर । लंड के किनारे में भी कोछह वीर्य लगा था जो मैंने चाट चाट कर साफ़ किया ।

फिर ये हमारा डेली का रूटीन हो गया था । वो हर दोपहर में कुछ न कुछ मुझे खिलाते और अपना लंड मुझे चुसाते ।

हम बिस्तर पर नंगे लेते हुवे थे । माँ की कहानी सुनकर मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया । माँ उसे देख कर बोली "तेरा केला मेरे केले वाली कहानी सुनकर फिर से खड़ा हो गया । अब फिर से इसे शांत करना पड़ेगा । "

मैंने कहा "माँ इसे आप इस बार मुँह में लेकर ही शांत करो जैसे चंदू अंकल का लिया था । क्यों बिलकुल उनके जैसा है ना ये "

माँ " तेरा लण्ड तो चंदू भैया के लण्ड से भी मोटा है और बड़ा है।"
मै "पर माँ लण्ड बड़ा और मोटा हो तभी तो मजा आता है, अगर आपको पहली बार मेरे जैसा लण्ड मिलता तो ज्यादा मजा आता ना ।"

माँ मेरे लण्ड को हाथो से सहलाते हुवे " तेरा लण्ड तो सही में जबरजस्त है, पर उस समय मै चंदू भाई का लण्ड ही मुश्किल से मुँह में ले पा रही थी तो तेरे जैसा कैसे ले पाती "
फिर माँ मेरे पैरो के बीच में आ गयी । और उन्होंने मेरे लण्ड के सुपाड़े को प्यार से चूमा और कहा " ये तो असल में मर्दाना लण्ड है "

और मेरे लण्ड को ऊपर से नीचे तक चूमने और चाटने लगी, बीच- बीच में वो मेरे अंडो को भी चूसती थी । मुझे बहुत मजा आ रहा था, माँ सच में एक बेहतरीन खिलाड़ी थी । उन्हें पता है की मर्द को कैसे खुश किया जाता है ।

माँ ने कहा " बेटा, मजा आ रहा है ना "।

मैंने कहा " हाँ माँ बहुत मजा आ रहा है आप बहुत अच्छी हो,आय लव यू "

माँ " अभी और मजा आएगा बेटा "

यह कहकर माँ ने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी वो लण्ड को मुँह में गले तक ले जाती फिर बहार निकालती । मै तो जन्नत की सैर कर रहा था ।
वो लण्ड को ५ इंच तक मुँह के अंदर ले जाती फिर बाहर निकलती फिर उतना ही अंदर लेती । मेरा पूरा लण्ड उनको थूक से भीग गया था ।

करीब १५ मिनट तक उन्होंने मेरे लण्ड को ऐसे ही चूसा । उनके इस एक्शन से मुझे लगा की मै झड़ जाऊंगा । मै एक बार फिर से पूरा लण्ड उनके मुँह में देना चाहता था ।

मैंने उनसे कहा " माँ पूरा लो ना "
उन्होंने कहा " तूने कल बड़ी बेदर्दी मेरे मुँह में अपना पूरा लण्ड घुसाया था, चल आज मै ट्राय करती हु "

यह कहकर उन्होंने पूरी ताकत से मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेना चाहा पर सिर्फ ६ इंच तक ही वो ले पायी १ इंच बाहर ही रह गया ।

फिर उन्होंने लण्ड बाहर निकाला, वो हाफने लगी थी । शायद लण्ड उनके गले तक चला गया था ।
उन्होंने कहा " बहुत मुश्किल है "
मैंने कहा " माँ मुश्किल है नामुमकिन नहीं , चलों फिर से ट्राय करो मै हेल्प करूँगा "

फिर उन्होंने लम्बी सांस ली और लण्ड मुँह में लिया । इस बार मैंने उनका सर पूरी ताकत से दबा दिया और नीचे से भी लण्ड को झटका दिया । और लण्ड पूरा उनके गले के नीचे उतर गया । मै कुछ सेकंड ऐसे ही रुका फिर उन्हें छोड़ा ।
अब की बार माँ खांसने लगी और जोर जोर से साँसे लेने लगी ।

जैसे ही वो थोड़ी नार्मल हुयी तो मैंने उन्हें इशारा किया लण्ड मुँह में लेने का । वे अपना मुँह खोलकर लण्ड लेने के लिए झुकी तो मैंने उनका सर पकड़कर लण्ड पेल दिया सीधा जड़ तक । मेरे इस हमले से वो पूरा हिल गयी । मैंने उनके सर को थोड़ा ऊपर उठाया जिससे मेरा लण्ड उनके गले से निकलकर मुँह तक आ गया फिर मैंने उनके सर को जोर से दबा दिया और लण्ड उनके गले के नीचे उतार दिया । ऐसे ही ४ धक्को के बाद मेरा पानी निकल गया और सीधा माँ के गले के नीचे चला गया ।

जैसे ही मैंने अपना लण्ड निकाला माँ उठ बैठी और हाफने लगी । माँ की हालत बहुत खराब हो गयी थी । जब उनकी सांस नार्मल हुयी तो उनहोने कहा " माधरचोद, बड़ा बेरहम है तू "
मै हसने लगा ।

माँ मुझे गालिया दे रही थी ।

माँ " हस रहा है, हरामजादे, मेरी सांस रुक जाती तो ।"

मै " सॉरी माँ "

माँ" बहनचोद, पहले हालत ख़राब करता है फिर सॉरी बोलता है "

मैंने मुस्कुराकर कहा " माँ अभी तो मै सिर्फ माधरचोद बना हु , बहनचोद बनना अभी बाकि है "

माँ" साले तेरी नजर सीमा पर भी है। कितना बड़ा कमीना है तू " यह बोलकर वो हँसाने लगी
(सीमा मेरी बेहेन का नाम है )
मुझे माँ के मुँह से गालिया सुनना बहुत अच्छा लग रहा था ।
मैंने उन्हें कहा आपके मुँह से गालिया सुनना बहुत अच्छा लग रहा है । उन्होंने कहा गाली देकर सेक्स करने में बहुत मजा आता है ।
Reply


Messages In This Thread
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,518,951 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,314 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,520 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,136 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,663,912 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,888 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,965,890 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,103,777 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,051,074 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,574 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)