मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-08-2021, 12:50 PM,
#60
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
रंगीन परिवार

एक 16 बाइ 13 की चॉल मे, 5 लोग माँ, बाप, बेटा, बेटी, और बहू है ,रहते हैं सब एक ही छत के नीचे रहते थे. किचन भी उसी में था और किचन की तरफ, एक खिड़की थी.

दिन में वो लोग दरवाजा खुला ही रखते और रात में खिड़की खुली रखते थे. कहते हैं की माहौल का असर, लोगों की प्रकृति पर पड़ता है. इस परिवार के लोगों के साथ भी ऐसा ही कुछ था. परिवार वैसे इज़्ज़त दार था पर बदरपुर जैसे एरिया में रहते थे.

वैसे उनकी गली मे सब अच्छे लोग ही रहते थे. बेटा, अनीता को भगा कर लाया था. घर वालों के पास, कोई चारा नहीं था. शादी से पहले, अनीता कॉलेज में 3-4 बॉय फ्रेंड्स बना चुकी थी, इसीलिए चेतन ने उसे भगा कर शादी कर ली. सोचा – वो, किसी और की ना हो जाए.

अरे हाँ दोस्तो मैं इन सबका परिचय देना तो भूल गया चलो अब बता देता हूँ माँ – शन्नो. बाप – नारायण.
लड़का – चेतन. बहू – अनीता. लड़की – डॉली.

नारायण और उसकी बीवी शन्नो, जवानी के दिनो मे बहुत रंगीन थे, उन्हीं का खून चेतन और डॉली के अंदर था.

मोहल्ले मे परिवार की इज़्ज़त थी, पर घर में कभी कभी बाप बेटे की, बेटी माँ को, पति पत्नी को, भाई बहन को गाली देते थे.

जैसा की बहुत से परिवार में होता है, सब एक दूसरे से चिढ़ते थे, और एक छोटे घर में रहने के कारण, वो बहुत बार हद पार कर जाते थे.

रात को औरतें, बीच मे सोती और बाप और बेटा दीवार की साइड मे.

डॉली, एकदम सब के बीच मे सोती थी.

किचन की खिड़की से स्ट्रीट लाइट की डॉली से सारा कमरा जगमगा जाता था.

डॉली कम करने के लिए, उन्होंने एक परदा लगा रखा था पर वो भी हवा से लहराते रहता था.

रात मे 10 बजे ही, सब बिस्तर लगा कर सो जाते.

रात मे चेतन की माँ, 2 मिनट मे सो जाती थी.

नारायण भी बीड़ी पी कर सो जाता था और चेतन का प्रोग्राम 10:30 को स्टार्ट हो जाता था और वो भी 12 बजे तक सो जाता था.

चेतन को सुबह ऑफीस जाना होता था, डॉली को कॉलेज.

नारायण घर मे बैठा रहता या फिर बाहर किसी ना किसी दोस्त के घर जा कर आता.

3 साल पहले, नारायण का एक्सीडेंट हुआ था, तब से वो घर मे ही रहता था.

चेतन, जब शादी करके अनीता को घर लाया था तब से उनकी लाइफ मे सेक्स नहीं हो रह था.

हनिमून के लिए, कही नहीं गये क्यों की ऑफीस से छुट्टी नहीं मिली.

अनीता, एक दम डिप्रेस और चेतन, फ्रस्टरेट हुए जा रहा था.

रात मे दोनों के बीच, सिर्फ़ किस और टच ही हो रहा था.

लगभग 3-4 महीने बाद दोनों रात मे बिंदास होने लगे और सेक्स करने लगे.

दोनों, इस बात का ख़याल रखते थे की आवाज़ ना हो.

शादी के पाँच महीने के बाद, एक रात डॉली की आँख खुली तो उसने देखा की चेतन के ऊपर भाभी बैठी हैं.

चेतन की तरफ लाइट नहीं पड़ती थी इसलिए वो दोनों दीवार की तरफ सेक्स करते थे.

डॉली को समझ मे नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है.

सुबह उठने के बाद, कॉलेज मे उसने एक लड़की को पूछा तो उसने डॉली को सब समझाया.

डॉली ये सुन कर, बहुत हैरान हो गई और सारा दिन सोचने लगी.

उसने देखा की भाभी के व्यवहार में कोई चेंज नहीं था और वो नॉर्मल थी, चेतन भी नॉर्मल ही था.

रात को सोने के टाइम, डॉली चेतन की तरफ मुंह करके सो गई.

कुछ देर बाद, भाभी ने चेतन की और फेस किया.

चेतन ने किस्सिंग सीन स्टार्ट किया पर डॉली को कुछ नहीं दिख रहा था क्यों की वो पीछे थी.

चेतन ने फिर अनीता को, अपनी तरफ़ खींचा और लिपट गया.

डॉली के दिल की धड़कन तेज़ होने लगी.

2 मिनट के लिपटा लिपटी के बाद, चेतन उठ कर बैठ गया और कपड़े उतारने लगा.

डॉली, देख रही थी.

फिर, चेतन ने अनीता के भी कपड़े उतार दिए.

डॉली, चोरी चोरी देख रही थी दोनों को.

डॉली के साइड मे ही उसकी भाभी नंगी हो गई थी और उसका भाई चुदाई स्टार्ट करने वाला था.

डॉली को डर भी लग रहा था इसलिए कुछ देर के लिए अपनी आँखे बंद कर ली.

फिर जब आँख खोली तो देखा की भाभी के ऊपर भैया लेटे हुए है और भाभी के मम्मे चूस रहे है.

डॉली के आँखो के सामने, 1 फुट दूर ये सब हो रहा था.

फिर डॉली डर गई और आँखे बंद कर ली.

पर डॉली से रहा भी नहीं जा रहा था, और वो देख भी रही थी.

चेतन ने फिर लण्ड अनीता से चुस्वाया, फिर अनीता के पैरों को उठा कर चोदना चालू किया.

10 मिनट के बाद थोड़ा रुक कर किस करने लगा और फिर चोदने लगा.

चुदाई को डॉली देख ही नहीं सुन भी रही थी.

डॉली को समझने मे देर नहीं लगी की चुदाई से हवा मे एक अजीब गंध आ गई है.

चुदाई के अंत मे चेतन ने अपना लण्ड बाहर निकाला और अनीता के बदन पर छोड़ दिया.

डॉली को फिर एक अजीब स्मेल आई जो की वीर्य की थी.

तभी अचानक नारायण ने आवाज़ लगाई और कहा – चेतन, अब सो जा… कल ऑफीस जाना है…

चेतन चुप चाप सो गया.

डॉली के बदन मे गरमी होने लगी थी, पर उसे नहीं पता था की गरमी क्या है.

सारा दिन, डॉली यही सोचती रही की चुदाई कैसे होती है, क्या होता है, क्यों होता है.

डॉली अगले दिन भी, चुदाई देखने के लिए बेकरार थी.

और डॉली का तो रोज़ का कार्यक्रम हो गया था.

एक रात, डॉली ने सलवार मे हाथ डाला और देखा की उसके चूत मे पानी है.

वो अपना हाथ ऐसे ही घूमने लगी और उसे पता चला की जी-स्पॉट” कहाँ है, क्लिटरोस पर घिसकर उसने पानी निकाला और बेड गीला कर दिया.

उसने देखा की कुछ वैसा ही गंध आ रही थी जैसे चेतन और अनीता जब खेलते हैं, तब आती है.

अगले दिन, कॉलेज मे डॉली से रहा नहीं गया उसने सलवार मे ही ऊपर से मुट्ठी मारी, जिससे की उसकी सलवार पर गीला दिख रहा था.

उसके बाद वो घर आई और एक साइड मे बिस्तर लगा कर इंतेज़ार करने लगी की कब भैया भाभी की चुदाई होगी.

रात मे सब जब सो गये तब डॉली अपने बूब और चूत को पकड़ कर चेतन और अनीता की चुदाई देखने लगी.

रोज़ उसे अलग अलग पोज़ मे चुदाई देखने मिलता था.

उस रात उसने देखा की चेतन ने लण्ड अनीता के मुंह मे डाला है और काफ़ी देर से अनीता की मुंडी हिला रहा है.

आवाज़ से पता चल रहा था की अनीता नहीं करवाना चाहती थी पर चेतन फोर्स कर रहा था.

बीच मे, चेतन की माँ उठ कर बोली – क्या सोना नहीं है, क्या… रात के 11:30 बज गये हैं…

चेतन बोला – तुझे सोना है तो सोजा… मुझे सीखा मत…

माँ बोली – जबसे शादी हुई है, अपनी पत्नी के साथ चिपका रहता है… एक रांड़ को घर ले आया और कहता है की चुप बैठो…

फिर माँ उठ कर बैठी और हाथ लंबा कर के अनीता की टपली मारी और बोली – साली, क्या मन नहीं भरता तेरा… बहन की लौड़ी, कुतिया… मेरे बेटे को खा जाएगी, क्या… ?? कल सुबह बताती हूँ… भाडवी, कुतरी…

चेतन दोनों हाथ से अनीता का सिर पकड़े हुए ही था, और बोला – माँ, अब बहुत हो गया… चल सो जा… शांति रख…

माँ वापस सोते हुए बोली – मेरे तो करम ही फुट गये… ये दिन देखना पड़ेगा, पता नहीं था… घर को रंडी बाज़ार बना दिया है…

डॉली की आँखे बंद थी पर उसे समझ मे आ गया था की माँ को सब पता है.

डॉली ने आँख खोली और देखा की अनीता अजीब मुंह बना रही है और चेतन झटके मार रहा है.

सारा रस अनीता के मुंह मे डालने के बाद वो बोला – चल अब पी कर सो जा…

अनीता भाग कर, घर के बाहर गई और थूक कर आई.

और हल्की आवाज़ मे बोली – बहुत गंदा है…

फिर सब सो गये.

डॉली की लाइफ मे, अब वासना का रंग गहरा होने लगा था.

डॉली का ध्यान पढ़ाई मे नहीं लगता और वो रात होने का इंतज़ार करती.

कॉलेज के बाद, आवारा लड़को के साथ बैठ कर बातें करती और घर मे देरी से पहुँचती.

अनीता घर मे सारा दिन काम करती और रात मे, रिवॉर्ड लेती.

पर अनीता को अपनी सास के ताने बहुत सुनने पड़ते थे.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-08-2021, 12:50 PM

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