Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
11-18-2018, 12:55 PM,
#76
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैं सीधा टीवी लाउन्ज में गया.. तो वहाँ कोई नहीं था। आपी किचन में काम कर रही थीं। मैंने आपी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया.. जिससे आपी एकदम चौंक गईं और मुझे डाँटने लगीं- शर्म करो तुमने तो मुझे डरा ही दिया है। 
मैंने कहा- आपी छोड़ो ना ये काम.. बाद में करना.. चलो ना पहले कुछ और करते हैं.. आज तो घर भी कोई नहीं है। आज सारा दिन मेरे साथ गुजारो ना!
तो आपी बोलीं- वसीम बस दस मिनट और तुम बाहर बैठो.. मैं ये काम ख़त्म करके आती हूँ.. वरना सारा दिन पड़ा रहेगा।
मैंने कहा- ओके.. पर मैं बाहर नहीं जा रहा हूँ.. यहीं आपके पास खड़ा रहता हूँ। 
आपी ने कहा- तुम खड़े ना रहो.. रात को दूध नहीं पिया था हमने.. खुद भी पियो और मुझे भी पिलाओ।
मैंने कहा- ओके और दूध फ्रिज से निकाला और आपी से पूछा- आपी आप कितना पियोगी?
आपी बोलीं- जितना तुम चाहो उतना।
तो मैंने कहा- और जैसे मैं चाहूँ वैसे ही पीना पड़ेगा।
आपी बोलीं- ठीक है.. मैं वैसे ही पियूंगी.. जैसे तुम चाहोगे। 
मैंने दूध जग में डाला और आधा जग भर लिया.. चीनी डाल कर मिक्स करने लगा।
मैंने मिक्स करते हुए आपी से कहा- आपी अभी तो मुझे आपका दूध भी पीना है.. आज बहुत दिल कर रहा है।
तो आपी बोलीं- शरम करो बहन हूँ मैं तुम्हारी..
और ये कह कर वे हँसने लगीं।
मैंने कहा- आपी आप बहन के बाद मेरा प्यार भी तो हो ना.. और मेरी सेक्स पार्ट्नर भी हो.. तो इसलिए मुझे हक है।
हम दोनों हँसने लगे।
दूध में मैंने चीनी घोली और आपी से कहा- आपी आप रेडी हो?
तो आपी ने ‘हाँ’ में सर हिलाया। 
मैंने कहा- ओके.. फिर लो अपने होंठ लाओ इधर।
जग से मैंने एक घूँट अपने मुँह में भरा और आपी की तरफ अपना मुँह किया.. तो आपी ने भी अपना मुँह मेरी तरफ किया। मैंने अपने होंठ आपी के होंठों से ज़ोड़ कर खोल दिए और दूध आपी के मुँह में डालने लगा। 
पूरा घूँट मैंने आपी के मुँह में डाल दिया और आपी के होंठों को चूसने लगा। आपी ने भी मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया.. जिससे आपी के मुँह में बचे हुए दूध की धार बाहर आपी के होंठों से होती हुई आपी के बूब्स के अन्दर जाने लगी।
आपी के गर्दन गीली हो गई। 
कुछ सेकेंड किस करके आपी बोलीं- वसीम तुम पागल कर दोगे मुझे..
तो मैंने कहा- यही तो मैं चाहता हूँ कि आप मेरे लिए पागल हो जाओ और फिर मेरे साथ हर वक्त सेक्स करो।
यह कह कर मैं दोबारा घूँट भरने लगा तो आपी ने कहा- रूको.. 
अब आपी क्या करने वाली थीं मुझे देखना था।
उन्होंने मेरे हाथ से जग पकड़ कर एक घूँट भरा और जग साइड पर रख के अपनी बांहें मेरी गर्दन के गिर्द लपेट कर अपने होंठ मेरे होंठों से ज़ोड़ दिए और सारा दूध मेरे मुँह में डाल दिया। 
अब वो मुझे किस करने और मेरे होंठों को चाटने लगीं। कुछ देर किस करने के बाद आपी ने अपने होंठ अलग किए और दोबारा काम में लग गईं और मुझसे कहा- अब खुद पियो.. मैं जल्दी से काम खत्म कर लूँ। 
जग को उठाया और मैंने मुँह से लगा कर आधा दूध पी गया और बाकी का बचा के आपी को कहा- ये आपका..
मैंने जग आपी के आगे किया..
तो आपी ने कहा- मेरा दिल नहीं कर रहा.. बस इतना ही पीना था।
मैंने आपी से कहा- कुछ नहीं होता.. पियो। 
मैंने जग आपी के मुँह से लगा दिया और सारा दूध आपी को पिला कर जग नीचे किया.. तो आपी ने लंबी सांस ली और मुझे गुस्से से देखने लगीं। 
आपी से मैंने कहा- आपी आप दूध नहीं पियोगी तो कमज़ोर हो जाओगी। 
आपी के मुँह में अभी भी एक घूँट दूध बाकी था.. आपी ने बिना कुछ बोले ही अपने होंठ मेरे होंठ पर रख कर दूध मेरे मुँह में डाल दिया और अपने होंठ अलग करके बोलीं- अच्छा बाबा.. ठीक है लो पी लिया ना.. अब बस मुझे दस मिनट दो.. मैं काम खत्म कर लूँ।
मैंने कहा- ओके.. 
मैं वहीं आपी के पास रुक गया।
आपी ने किचन की चीजें संभालीं और कुछ बर्तन धो कर मुझसे बोलीं- चलो बाहर चल कर बैठते हैं।
मेरा हाथ पकड़ कर वे मुझे बाहर टीवी लाउन्ज में ले आईं और हम दोनों सोफे पर बैठ गए। 
आपी ने मुझसे कहा- वसीम, तुम कॉलेज भी जाया करो.. ऐसे तुम्हारी स्टडी खराब होगी।
तो मैंने कहा- आपी आप छोड़ो ना स्टडी को.. कोई और बात करो। चलो ना.. कुछ करते हैं।
मैंने आपी को सर से पकड़ा और आपी को किस करने लगा।
आपी भी मुझे किस का रेस्पॉन्स देने लगीं।
किस करते-करते मैंने आपी का सर से अपना हाथ से उठाया और आपी की कमर को पकड़ कर आपी को पीछे की तरफ लेटाता हुआ आपी के ऊपर लेट गया.. पर किस करना नहीं छोड़ा।
आपी भी पूरे मज़े से मुझे किस कर रही थीं और अपने हाथों से मेरे सर पर दबाव डाल रही थीं। वे मेरे होंठों को अपने होंठों पर इस तरह दबाव डाल रही थीं.. जैसे मेरे होंठ ही खा जाएंगी। 
मैं भी आपी के ऊपर लेट कर आपी को किस करता रहा। 
हम ऐसे ही करीब दस मिनट तक मगन हो कर किस करते रहे।
इसके बाद आपी ने अपने होंठ मेरे होंठों से अलग किए तो आपी के होंठों से हल्का-हल्का खून निकलने लगा।
मैंने अपना हाथ आपी के होंठ पर लगाया.. तो मेरी उंगली पर खून लग गया।
मैं जल्दी से आपी के ऊपर से उठा और आपी को उठाया और पूछा- आपी आपके होंठों से ब्लड निकल रहा है.. लगता है आपको मेरे दांत लग गए हैं।
आपी ने मुझे कुछ कहे बिना ही दोबारा किस चालू कर दी और मेरे होंठों को चूसने लगीं। मैंने आपी के सर को पकड़ कर पीछे किया और बोला- आपी पागल मत बनो.. ब्लड निकल रहा है.. रूको मैं पानी ले कर आता हूँ। 
मैं उठने लगा तो आपी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक कर बोलीं- वसीम तुमने खुद तो कहा था कि मैं आपको अपने प्यार में पागल कर देना चाहता हूँ.. लो मैं हो गई हूँ तुम्हारे लिए वसीम.. तुमने कुछ और माँगा होता तो मैं आज तुम्हारे लिए वो भी कर जाती। 
मैं आपी की बात सुन कर मैं वहीं बैठ गया और आपी के माथे पर किस की। 
आपी से बोला- आपी प्लीज़.. ऐसे अपने आपको तकलीफ़ ना दिया करो प्लीज़.. ये ठीक नहीं है.. आप रूको एक मिनट!
और मैं किचन से ग्लास में पानी लेकर आया और साथ एक खाली बर्तन लेकर आया। मैं आपी के पास बैठ गया और आपी से कहा- लो कुल्ली करो और मुझे ज़ख़्म दिखाओ।
आपी बोलीं- पहले किस करो मुझे..
तो मैंने कहा- आपी ज़िद ना करो आप.. पहले ज़ख़्म दिखाओ मुझे.. फिर मैं किस करूँगा।
मैंने ग्लास आपी के होंठों के आगे किया तो आपी ने घूँट भरा और कुल्ली की और पानी खाली बर्तन में फेंका।
मैंने आपी से कहा- अब मुँह खोलो। 
मैं ग्लास और बर्तन नीचे रख कर आपी का मुँह देखने लगा। आपी के ऊपर वाले होंठ पर किस करते वक्त एक कट लग गया था और उसमें से खून निकल रहा था।
मैंने आपी से कहा- आपी आपके होंठ को कट लग गया है.. आप लेटो मैं कमरे में से जैल लेकर आता हूँ। 
मैंने आपी को सोफे पर लेटा कर कमरे में से जैल लेकर आया और आपी के होंठ के अन्दर वाली साइड पर लगाई। मैं आपी के पास बैठ गया और आपी से कहा- आपी प्लीज़ आप आगे से ऐसे ना करना.. ये ठीक नहीं है.. देखो मुँह में ज़ख़्म बन गया है। 
आपी बोलीं- वसीम बस चुप करो अब और तुम टाइम क्यों ज़ाया कर रहे हो, चलो ना काम शुरू करते हैं।
मैंने आपी से कहा- नहीं आपकी तबियत ठीक हो जाए.. फिर करेंगे।
तो आपी ने कहा- तुम मेरी बात नहीं मान रहे हो.. मैं रोऊँगी फिर।
मैंने कहा- अच्छा ओके बाबा.. पर अब नो किस ओके..
आपी ने कहा- अच्छा किस न करो पर चुदाई तो करो ना और सुनो अभी तुम एक टेबलेट खा लो.. देर तक करने का मूड है। 
तो मैंने जो टेबलेट साथ लाया था.. वो निकाली और एक टाइमिंग वाली गोली खुद खा ली और आई-पिल आपी को खिला दी।
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं अंडरवियर पहने हुए ही आपी के ऊपर आ गया और आपी की सलवार खींच कर नीचे को उतार कर सोफे पर फेंक दी।
फिर आपी को हल्का सा ऊपर उठा कर उनकी कमीज़ भी उतार दी। 
आपी बस ब्रा में थीं.. आपी ने नीचे पैन्टी भी नहीं पहनी हुई थी।
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RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी - by sexstories - 11-18-2018, 12:55 PM

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