Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
11-18-2018, 12:33 PM,
#8
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैंने ज़ुबैर की तरफ देखा तो वो सो चुका था। मैं उठा और कंप्यूटर टेबल पर आकर कंप्यूटर ऑन करने लगा.. तो मैंने देखा कि उसकी पावर कॉर्ड गायब थी।
कुछ देर तो मुझे समझ नहीं आया लेकिन फिर याद आया कि बाजी कमरे से जाने से पहले कंप्यूटर के पास गई थीं, यक़ीनन वो ही पावर कॉर्ड निकाल कर ले गई होंगी।
लेकिन उन्होंने ऐसा क्यूँ किया?
यह ही सोचते हुए मैं अपने बिस्तर पर आकर लेट गया और मेरे जेहन में यही बात आई कि बाजी यक़ीनन अम्मी या अब्बू को बता देंगी और इसी लिए वो पावर कॉर्ड निकाल कर ले गई हैं ताकि हम सबूत ना मिटा सकें। 
यह सोच जेहन में आते ही मुझे ख़ौफ़ की एक लहर ने घेर लिया और कुछ देर बाद ही जब नींद भी अपना रंग जमाने लगी.. तो मैंने अपनी फ़ितरत की मुताबिक़ अपने जेहन को समझा दिया कि जो भी होगा.. देखा जाएगा।
ज्यादा से ज्यादा अम्मी-अब्बू घर से निकाल देंगे ना.. तो मैं कुछ भी कर लूँगा.. अब मैं खुद भी कमा सकता हूँ.. ऐसी बागी सोच वैसे भी उस उम्र का ख़ास ख्याल होता है.. जिसे उम्र में मैं उस वक़्त था। 
बस ऐसी ही सोच में उलझा-उलझा मैं नींद के आगोश में चला गया। 
अगली सुबह जब हमारी आँख खुली.. तो आँख खुलते ही जेहन में पहला सवाल ये ही था कि अब क्या होगा?? 
मैं कॉलेज के लिए तैयार होकर बाहर निकला तो अम्मी टेबल पर नाश्ता लगा रही थीं.. जबकि डेली हमें नाश्ता रूही बाजी बना के देती थीं और हमारे निकलने के बाद वो नाश्ता करके यूनिवर्सिटी जाती थीं। 
मैं टेबल पर बैठा ही था कि ज़ुबैर भी सीढ़ियाँ उतर कर नीचे आता दिखाई दिया। उसी वक़्त रूही बाजी और हनी के कमरे का भी दरवाजा खुला और हनी स्कूल यूनिफॉर्म पहने बाहर आती दिखाई दी। 
इसी पल में मैंने दरवाज़े में से अन्दर देख लिया था कि रूही बाजी अभी तक बिस्तर पर ही थीं। 
ज़ुबैर टेबल पर आकर बैठा तो उसका चेहरा ऐसा हो रहा था.. जैसे बिल्ली को सामने देख कर चूहे का हो जाता है।
मैंने उससे कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था कि किचन से अम्मी और हनी नाश्ता लेकर बाहर आती नज़र आ गईं। 
अम्मी हनी से कह रही थीं- सच-सच बताओ मुझे.. कल तुम लोगों ने बाहर से कोई उल्टी-सीधी चीज़ मंगा कर खाई थी ना.. इसी लिए रूही का पेट खराब है और वो यूनिवर्सिटी भी नहीं जा रही है। 
हनी मुसलसल इनकार कर रही थी.. खैर उनकी इस बहस से मुझे रूही बाजी के ना उठने की वजह तो मालूम हो ही गई थी और ज़ुबैर के चेहरे पर भी ये सुन कर सकून छा गया था कि बाजी अभी अपने कमरे में ही सो रही हैं। 
मैंने भी शुक्रिया अदा किया कि अच्छा ही हुआ कि बाजी से सामना नहीं हुआ। मैं बा ज़ाहिर तो पुरसुकून था.. लेकिन हक़ीक़तन खौफजदा तो मैं भी था ही। 
हम घर से स्टॉप तक साथ ही जाते थे और फिर अपनी-अपनी बस में बैठ जाते थे.. आज भी हम तीनों एक साथ निकले।
ज़ुबैर और हनी को उनके स्कूलों की बसों में बैठाने के बाद मैं भी अपने कॉलेज की तरफ चल दिया। 
लेकिन मेरा जेहन बहुत उलझा हुआ था, अजीब ना समझ आने वाली कैफियत थी, ऐसा लग रहा था जैसे कोई बात है.. जो जेहन में कहीं अटक गई है.. लेकिन क्लियर नहीं हो रही है। इसी उलझन में मैं कॉलेज से भी जल्दी ही निकल आया।
घर में दाखिल होते हुए भी मैंने ये एहतियात रखी कि बाजी सामने ना हों क्योंकि मैं रूही बाजी का सामना नहीं करना चाहता था।
अन्दर दाखिल होने पर मैंने चारों तरफ नज़र दौड़ाई तो मुझे कोई भी नज़र नहीं आया.. जबकि मेरे हिसाब से अम्मी के साथ-साथ रूही बाजी को भी घर में ही मौजूद होना चाहिए था।
जब मुझे कोई नज़र ना आया.. तो मैंने भी सिर को झटका और पैर अपने कमरे में जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ा दिए। 
मैं सीढ़ियों से ज़रा दूर ही था कि मैंने अम्मी को उनके कमरे से निकल कर सीढ़ियों की तरफ जाते देखा।
उसी वक़्त उनकी नज़र भी मुझ पर पड़ी.. तो वो फ़ौरन मेरी तरफ आईं और परेशान हो कर पूछने लगीं- क्या हुआ वसीम खैरियत तो है ना बेटा.. इतनी जल्दी वापस आ गए कॉलेज से?
तो मैंने सिर दर्द या पेट दर्द जैसे बहाने बनाने से ऐतराज़ किया कि उस पर अम्मी का लेक्चर सुनना पड़ जाता, मैंने कह दिया कि आज टीचर्स ने किसी बात पर हड़ताल कर रखी है।
अम्मी ने अपनी बगल में दबाए अपने बुर्क़े को खोला और बुर्क़ा पहनते-पहनते टीचर्स को कोसने लगी, फिर नक़ाब बाँधते हुए उन्होंने मुझे कहा- मैं तुम्हारी सलमा खाला के घर जा रही हूँ.. उसने बुलाया है.. कोई काम है उसे.. मैं ये ही रूही को बताने ऊपर जा रही थी कि दरवाज़ा बंद कर ले। कब से ऊपर जाकर बैठी है.. उसे पता भी है कि मुझसे सीढ़ियाँ नहीं चढ़ी जाती हैं.. लेकिन तुम लोगों को मेरी परवाह कब है.. सब ऐसे ही हो।’ 
उन्होंने ये कहा और मुझे दरवाज़ा बंद करने का इशारा करते हुए बाहर निकल गईं।
मैंने डोर लॉक किया और सना बाजी के बारे में सोचते हुए ऊपर अपने कमरे की तरफ चल पड़ा।
ऊपर या तो हमारा रूम है.. या स्टडीरूम है।
मैं पहले स्टडीरूम की तरफ गया कि सना बाजी को देख लूँ.. लेकिन स्टडी में सना बाजी को ना पाकर मुझे बहुत हैरत हुई। स्टडी रूम में ना होने का मतलब ये ही था कि वो हमारे कमरे में हैं। 
मेरी सिक्स सेंस्थ ने मुझे आगाह कर दिया कि कुछ गड़बड़ है.. मैं दबे पाँव चलता हुआ अपने कमरे के दरवाज़े पर आया और हल्का सा दबाव देकर देखा। लेकिन दरवाज़ा अन्दर से लॉक था। मैं वापस स्टडीरूम में आया और खिड़की के बाहर बने शेड पर उतर गया। शेड पर चलते-चलते मैं अपने कमरे की खिड़
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी - by sexstories - 11-18-2018, 12:33 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,641,914 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 560,738 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,293,508 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 977,503 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,733,427 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,147,412 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,067,165 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,455,914 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,159,836 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,371 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)