RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
शेखर बाथरूम की ओर जाने लगा और रोहित को भी इशारा किया तब रोहित भी बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ कुछ देर तक रोहित और शेखर चुदाई में मिलने वाले मज़े की बाते करते रहे और फिर शेखर वहण से अपने घर की और चल दिया .
रात के 10 बज रहे थे और रोहित एक पन की दुकान पर खड़ा खड़ा सिगरेट पी रहा था और सोच रहा था कि पूजा दीदी कितने वाइल्ड तरीके से चुदवाती है आज तो सचमुच बहुत दिनो बाद चोदने का ऐसा मज़ा आया है, उसके माइंड में अपनी मम्मी की गदराई गान्ड और मोटी मोटी जांघे और फूली हुई चूत उभरा हुआ गहरी नाभि वाला पेट घूम रहा था और बड़े बड़े दूध उसके सामने नंगे नज़र आ रहे थे उसके मन में चल रहा था कि वह अपनी भारी बदन और मोटी गान्ड वाली मम्मी को उसी तरह से खूब रगड़ रगड़ कर चोदने का सोच रहा था जैसे अभी पूजा की गान्ड और चूत मारी थी उसका लंड इन ख्यालो से फिर से खड़ा हो गया था, रोड पर जाने वाली भारी गान्ड की औरतो को देख देख कर उसे उसकी मम्मी की गदराई जवानी याद आ रही थी और वह लंड मसल्ते मसल्ते सिगरेट के कस लगा रहा था
अभी रोहित सोच में डूबा ही था कि उसका मोबाइल घनघना उठा और उसने जब देखा तो संगीता भाभी लिखा हुआ था उसने फोन उठाया तो उधर से भाभी की आवाज़ आई और वह कहने लगी क्या हो रहा है देवेर जी तब रोहित ने कहा बस भाभी सब ठीक है आप लोग कब आ रहे है तब संगीता ने कहा अरे रोहित वही बताने के लिए फोन किया है कि हम लोग नही आ पा रहे है तेरे भैया को कंपनी ने एक नये प्रॉजेक्ट में डाल दिया है सो अब छुट्टी मिलना मुश्किल है, तब रोहित ने कहा क्या भाभी मेरा कितना मन कर रहा था आपको देखने का
संगीता : मुस्कुराते हुए ओह हो क्या बात है बड़ी याद आ रही है मेरी कहीं अपनी भाभी से लव तो नही हो गया तुझे
रोहित : मुस्कुराते हुए कहने लगा ओह भाभी भला कौन देवर अपनी भाभी से प्यार नही करता है
संगीता : अच्छा जी तो यह भी बता दो कौन सा वाला प्यार करते हो तुम मुझसे
रोहित का लंड तो खड़ा ही था अपनी भाभी की बाते सुन कर और भी तन गया और उसने अपने लंड को मसल्ते हुए एक मोटी गान्ड वाली आंटी को जाते हुए देख कर कहा भाभी जैसा प्यार मेरी भाभी अपने देवर से करना चाहेगी वैसा प्यार कर लूँगा
संगीता : सोच लो बाद में मुकर नही जाना
रोहित : भाभी मर्द की जवान है ऐसे कैसे मुकर जाउन्गा
संगीता : अच्छा इतनी मर्दानगी है तो एक बार तू खुद क्यो नही आ जाता मेरे पास फिर में देखती हूँ तू कितना बड़ा मर्द है, तेरे भैया तो मेरे सामने बच्चे साबित हो जाते है तुझे भी आजमा कर देख लेती हूँ कि तू मर्द है या दूध पीता बच्चा
रोहित : भाभी असली दूध तो मर्द ही पीते है बच्चे नही
संगीता : बेटे मम्मी का दूध पीने में और भाभी का दूध पीने में बड़ा अंतर है
रोहित ; भाभी, मम्मी का दूध हो या भाभी का दूध तो दूध ही होता है बस पीने वाली की नीयत के उपर निर्भर करता है
संगीता : ठीक है अगर ऐसा है तो आ जाना कुछ दिनो के लिए इस बार होली अपनी भाभी के साथ खेल लेना
रोहित : ठीक है भाभी सोनू से डिसकस करके बताता हूँ
संगीता : अरे उससे क्या डिस्कस करना है उसे भी साथ ले कर आ जा मेरी तरफ से उसे दिल्ली में शॉपिंग फ्री है
रोहित : ओके भाभी में आता हूँ उसके बाद रोहित ने फोन डिसकन्नेक्ट कर दिया और बाइक घर की ओर दौड़ा दी, घर पहुचने पर सभी लोग खाना खा रहे थे रोहित से उसकी मम्मी नीलम ने खाने के लिए पूछा तो रोहित ने कहा वह दोस्त के यहाँ से खा कर आया है उसके बाद रोहित ने संगीता भाभी वाली बात सबको बताई तब मनोहर ने कहा ठीक है बेटे तुम और सोनू चले जाओ वह भी सोचते होंगे कि कोई हमे याद नही करता है और सोनू का भी दिल बहल जाएगा बेचारी घर के कामो में ही उलझी रह जाती है, उसके बाद सब अपने अपने रूम में चले गये, अगले दिन रोहित और सोनू ने दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी और दिल्ली पहुच गये.
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